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Incest Gharelu samaroh chudai

इसमे फैंटेसी एड करू

  • 1haa

    Votes: 35 54.7%
  • Nhi

    Votes: 29 45.3%

  • Total voters
    64

Nasn

Well-Known Member
2,903
4,772
158
अपडेट 11


आज सुबह जब मैं उठा तो देखा कि दीदी किसी मासूम बच्ची की तरह मुझसे चिपक कर सोई हुई है ।अगर मैं थोड़ा सा हिलता तो उनकी नीद खुल जाती इसलिए मैं ऐसे ही लेटे रहा करीब आधे घंटे बाद दीदी की नींद खुली तो मुझे इस तरह खुद को देखते हुए पाकर वह शर्मा गयी और फिर अपने आप को संभालते हुए बोली


किरण दीदी : ऐसे क्या देख रहे हो भाई
और अगर तुम उठ गए तो मुझे उठाया क्यों नही ।


मैं : बस अभी कुछ ही देर पहले ही उठा हु और आप आराम से सो रही थी इसलिये नही उठाया ।वैसे दीदी आप बहुत खूबसूरत है।


मेरी बात सुनकर दीदी मेरे को देखते हुए बोली
किरण दीदी : क्या बात है आज सुबह सुबह मेरी तारीफ की जा रही है और वैसे क्या आज से पहले मैं खूबसूरत नही थी।


मैं उनकी बात सुनकर घबरा गया और बोला
मैं : नही दीदी ऐसी बात नही है ।आप गलत समझ रही है मैं तो बस ऐसे ही बोल दिया अगर आपको मेरी बात का बुरा लगा तो प्लीज आप मुझे माफ़ कर दीजिए।


किरण दीदी : तू ऐसा क्यों बोल रहा है मैं तेरी बातो का कभी बुरा नही मान सकती हूं । मुझे तो तेरी तारीफ करना बहुत अच्छा लगा । अच्छा यह सब छोड़ जल्दी से फ्रेश हो जा। माँ बोल रही थी कि आज बहुत काम है और मैं नही चाहती हु कि किसी भी वजह से माँ तुमको कुछ भी कहे।


इतना बोल कर दीदी ने मेरे होंठो पर एक हल्का सा किस कर दिया तो मैं उन्हें हैरानी से देखने लगा तो इस पर वह बोली


किरण दीदी : " इसमे इतना हैरान होने वाली कोई बात नही है तू जानता है कि मेरे दिल मे तेरे लिए क्या फिलिंग है तो इसमें यह कोई बड़ी बात नही है समझा अब मैं तेरी हु और तू मेरे साथ कुछ भी कर सकता है । दुनिया के लिए भले ही मैं तेरी बहन हु पर मैंने बहुत पहले ही इस रिश्ते को दिल से खत्म कर दिया था ।बस एक पर्दा था जो कि कल रात को वह भी खत्म हो गया इसलिए अब मेरे लिए तू ही सब कुछ है।"


दीदी की बात सुनकर मैं बस उन्हें देखते ही रह गया अभी मैं कुछ और बोलता इससे पहले ही किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी ।वह कोई और नही बल्कि चाची थी और वह दरवाजे से ही बोली


चाची : " बेटा तुझे तेरी माँ बुला रही है जल्दी से तैयार हो कर आ जा तुझे स्टेशन जाना है तेरे मामा के यंहा से लोग आ रहे है उन्हें लेने के लिए एक घण्टे बाद गाड़ी आ जाएगी।"


उनकी बात सुनकर किरण दीदी अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली


किरण दीदी : "यह क्या बात हुई चाची जी आप तो ऐसे अंदर नही आ रही हो जैसे कि अंदर पति पत्नी सोए हो । अरे हम भाई बहन है बिना किसी संकोच के अंदर आ सकती हो आप ।"


किरण दीदी की आवाज सुनकर चाची अंदर आती हुई बोलती है कि


चाची : " तुम अभी तक यही पर सोई हुई हो मुझे लगा कि यह अकेला सोया हुआ है इसलिए मैं अंदर नही आ रही थी । क्या बात है तू कभी इतनी देर तक तो सोती नही हो फिर आज कैसे लेट हो गयी तुम।"


किरण दीदी : " वह क्या है ना चाची जी कि रात में मैं काफी देर से सोई इस वजह से आज सुबह नीद नही खुली और वैसे भी यंहा पर जग कर सुबह करना ही क्या मेरे को इसलिए मैंने सोचा कि कम से कम नीद ही पूरी कर ली जाए।"


किरण दीदी की बात सुनकर चाची घबरा कर पूछती है


चाची :" क्या बात है बेटी तुम रात में देर से क्यों सोई कोई दिक्कत थी मुझे जगा लिया होता ।"


किरण दीदी : "नही चाची जी ऐसी कोई बात नही है । बहुत दिनों के बात इससे भेंट हुई तो रात में काफी देर तक बाते होती रही इसलिए नही सो पाए।"


दीदी की बात सुनकर उनका ध्यान मेरी तरफ हुआ तो मुझे अभी भी बैठा हुए देख कर चाची मेरे सर पर हल्का सा मारती हुई बोली


चाची : " तू अभी तक यही पर बैठा हुआ है जल्दी कर नही तो कही ऐसा ना हो कि दीदी यंहा पर आकर तेरी खबर लेने लगे पता नही तूने क्या किया है जो इस समय वह तेरे ऊपर वैसे ही खफा है।"


मैं चाची की बात सुनकर तुरन्त ही उठ कर बाथरूम की तरफ भागा और जल्दी से तैयार हो कर नीचे आया तो देखा कि वंहा पर सभी लोग नाश्ता कर रहे थे तो मैं भी जल्दी जल्दी नाश्ता करने लगा तो इस पर पापा बोले


पापा : "राज यह क्या कर रहा है तू कम से कम आराम से नाश्ता तो कर ले ।ऐसे खा रहा है जैसे कि कोई ट्रैन छूट रहा है।"


उनकी बात सुनकर माँ तंज कसते हुए बोलती है कि


माँ : " अब क्या करेगा जब समय से कोई काम तो करता नही है तो जल्दी में तो ऐसा ही करेगा ना ।"


किरण दीदी को माँ की बातों का बुरा लगता है पर वह चाह कर भी कुछ नही बोल पाई लेकिन पूजा दीदी कंहा शांत रहने वाली थी वह माँ को बोली


पूजा दीदी : " क्या बात है माँ देख रही हु आज कल आप राज की कुछ ज्यादा ही खिंचाई कर रही हो । कुछ किया है क्या इसने ।"


अब कुछ दिन पहले जो शिकायत माँ के पास आई थी उसके बारे में चाची माँ और पापा तो भली भांति जानते थे पर घर मे बहनो में दीदी के अलावा और किसी को इस बारे में कुछ भी पता नही था तो चाची ने पूजा दी घूर कर देखा जिससे वह शांति से नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गयी ।मैं भी स्टेशन जाकर मामी और उनके साथ आये उनके छोटे बच्चे और मामा को लेकर घर आ गया। आज का पूरा दिन इसी तरह भाग दौड़ में निकल गया । ऐसे ही शादी की तैयारी में पूरा हफ्ता निकल गयापूजा दीदी की मस्ती और किरण दीदी के साथ छेड़छाड़ के साथ कुछ ऐसा नही हुआ जो बताया जा सके। अच्छे तरीके से भैया की शादी बीत गया । बस इस सब मे एक बात यह
कि मैं नीलम से बात करने या उसके साथ घुलने मिलने की जितनी भी कोशिश किया वह सब बेकार हो गया । जब मैं उसके सामने नही होता तो वह इधर उधर मुझे खोजती लेकिन जैसे ही मैं उसके सामने जाता वह ऐसा विहेब करती की जैसे मैं उसके लिए अनजान हु ।
(शादी के सीन का कहानी में कोई ज्यादा मतलब नही था इसलिए मैं इसे शार्ट में निपटा दी या यूं कह ले कि कुछ लिखी ही नही )
शादी होने के बाद नीलम को मोहिनी ने बात करने के लिए अपने पास बुलाया जब नीलम उसके पास आई तो मोहिनी उसे अपने पास बिठाते हुए बोली

मोहिनी : "इधर आओ नीलम मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूं ।"

नीलम :" अगर तुम राज के बारे में बात करना चाहती हो तो मुझे इस बारे में कोई बात नही करनी है।"

मोहिनी :" आखिर ऐसा तुम क्यों कर रही हो यह जानते हुए भी की वह भी तुम्हे पसन्द करता है ।मैंने देखा है कि जब तुम उसको अनदेखा करती हो वह कितना तड़प उठता है और उसकी यह तड़प मैंने तुम्हारी आँखों मे महसूस किया फिर क्यों खुद को और उसको धोखा दे रही हो।"

नीलम :" तुम जानती हो कि मैंने खुद का सौदा कर दिया है और अब इस पर मेरा कोई अधिकार नही है और तुम सोचो कल जब उसे यह पता चलेगा कि उसकी प्रेमिका उसके ही बाप के साथ रात गुजार चुकी है तो उसको जो तकलीफ होगी उससे यह बहुत कम है । तो जब मैं जानती हूं कि उसके साथ होने से भी उसे तकलीफ मिलने वाली है तो मैं उसे यह तकलीफ़ क्यों दु।"

मोहिनी :" जब तू उससे प्यार करती है तो तू पापा जी मना क्यों नही कर देती ।"

नीलम : " सच मे तुझे लगता है कि मैं मना कर दूंगी तो वह मान जाएंगे तो सुन जो बात मैं तुझे नही बोलना चाहती थी लेकिन सिर्फ तेरी बजह से बोल रही हु मेरी बात का बुरा मत मानना मैं तेरी तरह नही हु कि जो मुझे प्यार करे मैं उसे ही धोखा दे दु।

मोहिनी (गुस्से में चीखते हुए,):" तू कहना क्या चाहती है ?
नीलम :" गुस्सा करने से सच नही बदल जायेगा जिस जगह पर आज मैं हु कभी तुम भी उसी जगह पर खड़ी थी और सायद आगे भी तुम रहो पर मैं ऐसा नही कर सकती हूं ।

मोहिनी उसके बोलने का मतलब जान चुकी थी फिर भी अपनी बचाव करती हुई बोली

मोहिनी : तू जो सोच रही है ऐसा कुछ नही है तुझे गलतफहमी हुई है।

नीलम : मुझे कोई गलत फहमी नही हुई है क्यूंकि सब कुछ मैंने खुद इन आँखों से देखा है ।मुझे तुमसे कोई शिकायत नही है सबकी अपनी जिंदगी है सब अपनी मर्जी से जी सकते है ।
बहुत ही फाड़ू अपडेट था
भाई...

मज़ा आ गया .........👌👍👌
 

L.k.nee cha

Qut killer
97
170
33
Apka bahut hi mast hai
bas-update thode bade hote
Or kochis Kare ki 1update felt Dene ki
Update Dene ke liye danybad
 

Rajizexy

❤Lovely Doc
Supreme
45,404
47,084
304
Nice start
 

ABHISHEK TRIPATHI

Well-Known Member
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218
अपडेट 11


आज सुबह जब मैं उठा तो देखा कि दीदी किसी मासूम बच्ची की तरह मुझसे चिपक कर सोई हुई है ।अगर मैं थोड़ा सा हिलता तो उनकी नीद खुल जाती इसलिए मैं ऐसे ही लेटे रहा करीब आधे घंटे बाद दीदी की नींद खुली तो मुझे इस तरह खुद को देखते हुए पाकर वह शर्मा गयी और फिर अपने आप को संभालते हुए बोली


किरण दीदी : ऐसे क्या देख रहे हो भाई
और अगर तुम उठ गए तो मुझे उठाया क्यों नही ।


मैं : बस अभी कुछ ही देर पहले ही उठा हु और आप आराम से सो रही थी इसलिये नही उठाया ।वैसे दीदी आप बहुत खूबसूरत है।


मेरी बात सुनकर दीदी मेरे को देखते हुए बोली
किरण दीदी : क्या बात है आज सुबह सुबह मेरी तारीफ की जा रही है और वैसे क्या आज से पहले मैं खूबसूरत नही थी।


मैं उनकी बात सुनकर घबरा गया और बोला
मैं : नही दीदी ऐसी बात नही है ।आप गलत समझ रही है मैं तो बस ऐसे ही बोल दिया अगर आपको मेरी बात का बुरा लगा तो प्लीज आप मुझे माफ़ कर दीजिए।


किरण दीदी : तू ऐसा क्यों बोल रहा है मैं तेरी बातो का कभी बुरा नही मान सकती हूं । मुझे तो तेरी तारीफ करना बहुत अच्छा लगा । अच्छा यह सब छोड़ जल्दी से फ्रेश हो जा। माँ बोल रही थी कि आज बहुत काम है और मैं नही चाहती हु कि किसी भी वजह से माँ तुमको कुछ भी कहे।


इतना बोल कर दीदी ने मेरे होंठो पर एक हल्का सा किस कर दिया तो मैं उन्हें हैरानी से देखने लगा तो इस पर वह बोली


किरण दीदी : " इसमे इतना हैरान होने वाली कोई बात नही है तू जानता है कि मेरे दिल मे तेरे लिए क्या फिलिंग है तो इसमें यह कोई बड़ी बात नही है समझा अब मैं तेरी हु और तू मेरे साथ कुछ भी कर सकता है । दुनिया के लिए भले ही मैं तेरी बहन हु पर मैंने बहुत पहले ही इस रिश्ते को दिल से खत्म कर दिया था ।बस एक पर्दा था जो कि कल रात को वह भी खत्म हो गया इसलिए अब मेरे लिए तू ही सब कुछ है।"


दीदी की बात सुनकर मैं बस उन्हें देखते ही रह गया अभी मैं कुछ और बोलता इससे पहले ही किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी ।वह कोई और नही बल्कि चाची थी और वह दरवाजे से ही बोली


चाची : " बेटा तुझे तेरी माँ बुला रही है जल्दी से तैयार हो कर आ जा तुझे स्टेशन जाना है तेरे मामा के यंहा से लोग आ रहे है उन्हें लेने के लिए एक घण्टे बाद गाड़ी आ जाएगी।"


उनकी बात सुनकर किरण दीदी अपने कपड़े ठीक करते हुए बोली


किरण दीदी : "यह क्या बात हुई चाची जी आप तो ऐसे अंदर नही आ रही हो जैसे कि अंदर पति पत्नी सोए हो । अरे हम भाई बहन है बिना किसी संकोच के अंदर आ सकती हो आप ।"


किरण दीदी की आवाज सुनकर चाची अंदर आती हुई बोलती है कि


चाची : " तुम अभी तक यही पर सोई हुई हो मुझे लगा कि यह अकेला सोया हुआ है इसलिए मैं अंदर नही आ रही थी । क्या बात है तू कभी इतनी देर तक तो सोती नही हो फिर आज कैसे लेट हो गयी तुम।"


किरण दीदी : " वह क्या है ना चाची जी कि रात में मैं काफी देर से सोई इस वजह से आज सुबह नीद नही खुली और वैसे भी यंहा पर जग कर सुबह करना ही क्या मेरे को इसलिए मैंने सोचा कि कम से कम नीद ही पूरी कर ली जाए।"


किरण दीदी की बात सुनकर चाची घबरा कर पूछती है


चाची :" क्या बात है बेटी तुम रात में देर से क्यों सोई कोई दिक्कत थी मुझे जगा लिया होता ।"


किरण दीदी : "नही चाची जी ऐसी कोई बात नही है । बहुत दिनों के बात इससे भेंट हुई तो रात में काफी देर तक बाते होती रही इसलिए नही सो पाए।"


दीदी की बात सुनकर उनका ध्यान मेरी तरफ हुआ तो मुझे अभी भी बैठा हुए देख कर चाची मेरे सर पर हल्का सा मारती हुई बोली


चाची : " तू अभी तक यही पर बैठा हुआ है जल्दी कर नही तो कही ऐसा ना हो कि दीदी यंहा पर आकर तेरी खबर लेने लगे पता नही तूने क्या किया है जो इस समय वह तेरे ऊपर वैसे ही खफा है।"


मैं चाची की बात सुनकर तुरन्त ही उठ कर बाथरूम की तरफ भागा और जल्दी से तैयार हो कर नीचे आया तो देखा कि वंहा पर सभी लोग नाश्ता कर रहे थे तो मैं भी जल्दी जल्दी नाश्ता करने लगा तो इस पर पापा बोले


पापा : "राज यह क्या कर रहा है तू कम से कम आराम से नाश्ता तो कर ले ।ऐसे खा रहा है जैसे कि कोई ट्रैन छूट रहा है।"


उनकी बात सुनकर माँ तंज कसते हुए बोलती है कि


माँ : " अब क्या करेगा जब समय से कोई काम तो करता नही है तो जल्दी में तो ऐसा ही करेगा ना ।"


किरण दीदी को माँ की बातों का बुरा लगता है पर वह चाह कर भी कुछ नही बोल पाई लेकिन पूजा दीदी कंहा शांत रहने वाली थी वह माँ को बोली


पूजा दीदी : " क्या बात है माँ देख रही हु आज कल आप राज की कुछ ज्यादा ही खिंचाई कर रही हो । कुछ किया है क्या इसने ।"


अब कुछ दिन पहले जो शिकायत माँ के पास आई थी उसके बारे में चाची माँ और पापा तो भली भांति जानते थे पर घर मे बहनो में दीदी के अलावा और किसी को इस बारे में कुछ भी पता नही था तो चाची ने पूजा दी घूर कर देखा जिससे वह शांति से नाश्ता करके कॉलेज के लिए निकल गयी ।मैं भी स्टेशन जाकर मामी और उनके साथ आये उनके छोटे बच्चे और मामा को लेकर घर आ गया। आज का पूरा दिन इसी तरह भाग दौड़ में निकल गया । ऐसे ही शादी की तैयारी में पूरा हफ्ता निकल गयापूजा दीदी की मस्ती और किरण दीदी के साथ छेड़छाड़ के साथ कुछ ऐसा नही हुआ जो बताया जा सके। अच्छे तरीके से भैया की शादी बीत गया । बस इस सब मे एक बात यह
कि मैं नीलम से बात करने या उसके साथ घुलने मिलने की जितनी भी कोशिश किया वह सब बेकार हो गया । जब मैं उसके सामने नही होता तो वह इधर उधर मुझे खोजती लेकिन जैसे ही मैं उसके सामने जाता वह ऐसा विहेब करती की जैसे मैं उसके लिए अनजान हु ।
(शादी के सीन का कहानी में कोई ज्यादा मतलब नही था इसलिए मैं इसे शार्ट में निपटा दी या यूं कह ले कि कुछ लिखी ही नही )
शादी होने के बाद नीलम को मोहिनी ने बात करने के लिए अपने पास बुलाया जब नीलम उसके पास आई तो मोहिनी उसे अपने पास बिठाते हुए बोली

मोहिनी : "इधर आओ नीलम मैं तुमसे कुछ बात करना चाहती हूं ।"

नीलम :" अगर तुम राज के बारे में बात करना चाहती हो तो मुझे इस बारे में कोई बात नही करनी है।"

मोहिनी :" आखिर ऐसा तुम क्यों कर रही हो यह जानते हुए भी की वह भी तुम्हे पसन्द करता है ।मैंने देखा है कि जब तुम उसको अनदेखा करती हो वह कितना तड़प उठता है और उसकी यह तड़प मैंने तुम्हारी आँखों मे महसूस किया फिर क्यों खुद को और उसको धोखा दे रही हो।"

नीलम :" तुम जानती हो कि मैंने खुद का सौदा कर दिया है और अब इस पर मेरा कोई अधिकार नही है और तुम सोचो कल जब उसे यह पता चलेगा कि उसकी प्रेमिका उसके ही बाप के साथ रात गुजार चुकी है तो उसको जो तकलीफ होगी उससे यह बहुत कम है । तो जब मैं जानती हूं कि उसके साथ होने से भी उसे तकलीफ मिलने वाली है तो मैं उसे यह तकलीफ़ क्यों दु।"

मोहिनी :" जब तू उससे प्यार करती है तो तू पापा जी मना क्यों नही कर देती ।"

नीलम : " सच मे तुझे लगता है कि मैं मना कर दूंगी तो वह मान जाएंगे तो सुन जो बात मैं तुझे नही बोलना चाहती थी लेकिन सिर्फ तेरी बजह से बोल रही हु मेरी बात का बुरा मत मानना मैं तेरी तरह नही हु कि जो मुझे प्यार करे मैं उसे ही धोखा दे दु।

मोहिनी (गुस्से में चीखते हुए,):" तू कहना क्या चाहती है ?
नीलम :" गुस्सा करने से सच नही बदल जायेगा जिस जगह पर आज मैं हु कभी तुम भी उसी जगह पर खड़ी थी और सायद आगे भी तुम रहो पर मैं ऐसा नही कर सकती हूं ।

मोहिनी उसके बोलने का मतलब जान चुकी थी फिर भी अपनी बचाव करती हुई बोली

मोहिनी : तू जो सोच रही है ऐसा कुछ नही है तुझे गलतफहमी हुई है।

नीलम : मुझे कोई गलत फहमी नही हुई है क्यूंकि सब कुछ मैंने खुद इन आँखों से देखा है ।मुझे तुमसे कोई शिकायत नही है सबकी अपनी जिंदगी है सब अपनी मर्जी से जी सकते है ।
Superb update
 
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Meenasingh

New Member
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अपडेट 12

नीलम की बात सुनकर मोहिनी की हालत पतली हो गई उसे अब समझ मे ही नही आ रहा था कि वह क्या बोले । उसे इस तरह परेशान देख कर नीलम बोली

नीलम :" तुम परेशान मत हो मैं किसी से कुछ भी नही कहूंगी ।यह तुम्हारी लाइफ है जैसे मर्जी जी सकती हो बस एक बात का ध्यान रखना कि कही ऐसा ना हो कि तुम्हे इस वजह से बाद में पछताने का भी मौका ना मिले। "

मोहिनी उसकी बात सुनकर कुछ बोली तो नही बस नीलम की तरफ देखती रही फिर बोली

मोहिनी : ” मैं यह तो नही कहूंगी कि इसमे मेरी गलती नही है । गलती तो मुझसे हुई है लेकिन अब मैं इतना आगे निकल चुकी हूं कि मैं चाह कर भी पीछे नही हट सकती हूं पर मैं तुझसे वादा करती हूं कि तुझे उस दलदल में नही जाने दूंगी।"

नीलम : "अब बहुत देर जो चुकी है मोहिनी अब कुछ नही हो सकता है इसलिए अब सबके लिए यही ठीक होगा कि इस बात को तुम यही पर भूल जाओ और मैं भी भूल चुकी हूं कि मैंने कभी किसी को पसन्द किया या प्यार किया था ।"

इतना बोल कर नीलम वंहा से चली गयी ।इधर हम लोग भी विदाई के लिए पूरी तैयारी कर चुके थे । मैं किरण दीदी और पूजा दी के साथ बैठ कर बाते कर रहा था कि तभी नीलम आती हुई दिखाई दी ।उसकी बेरुखी ने मेरा दिल बहुत दुखाया था इसलिए ही दोनो दीदी मुझे समझा रही थी उसे आते हुए देख कर मैं उठने को हुआ तो किरण दीदी मुझे रोकते हुए बोली

किरण दीदी : "क्यों अपने आप को फिर दुखी करना चाहते हो । तुमने मुझसे वादा किया था कि अगर इसने तुम्हे नापसंद किया तो जो मैं बोलूंगी तुम वही करोगे इसलिए तुम इसका पीछा करना छोड़ दो ।एक बार मेघना से मिल लेना अगर वह तुम्हे पसन्द नही आई तो कहना और वैसे भी जब तक मेघना से सेटिंग नही हो जाती तुम्हारी तब तक के लिए हम दोनों तो है ही क्यों पूजा सही कह रही हु ना मैं ।"

पूजा दीदी : यही बात तो मैं इसे कबसे समझाने की कोशिश कर रही हु पर यह है कि समझना ही नही चाहता है। इसे तो पता नही इस लड़की में क्या दिख गया है जो उसके पीछे पड़ गया है ।"

मैं : " दीदी आप मेरी भावनाओ को समझने की कोशिश क्यों नही कर रही है ।मैं उसे पसन्द करता हु और शायद प्यार भी ।"

किरण दीदी : आज मैं तुझे एक बात बता देती हूं कि तू लड़कियों के पीछे मत जा ।खुद को इस काबिल बना की लड़कियां खुद तेरे पीछे आये समझा मेरी बात ।

वही पापा भाभी के पापा रविकांत जी से बात करके बिदाई का प्रोग्राम चालू करवा दिया । अब भैया भाभी और रागिनी तीनो एक गाड़ी में बैठ कर निकल लिए । पीछे से हम सब घर की तरफ निकल लिए नीलम के बरताव से कही न कही दूख पहुचा था मुझे पर जो बात किरण दीदी ने मुझे बोला वह भी सही बात थी इसलिए मैंने पहले खुद को सेटल करने के बारे में सोच लिया था पर मुझे क्या मालूम था कि आज होने वाली एक घटना के बाद मेरी पूरी लाइफ ही बदल जाएगी।

हुआ यूं कि जब मैं घर पहुचा तो सभी लोग भाभी के स्वागत में लगे हुए थे तो मैं अपनी बाइक ले कर ऐसे ही निकल गया बिना किसी को कुछ भी बोले। ऐसे ही बाइक ले कर मैं शहर के बाहर की तरफ एक नदी बहती है उसी के किनारे पर बने एक खूबसूरत पार्क में शांति के लिए कभी कभी मैं आया करता था वंहा जाकर मुझे बहुत ही शांति मिलती थी अभी मेरा मन कुछ अशांत था तो मैं वही पर निकल लिया और वंहा पहुचा तो पूरा पार्क लगभग शांत था तो मैं अपनी फेवरेट जगह पर जा कर बैठ गया ।अभी मुझे बैठे हुए कुछ ही समय हुआ था कि तभी किसी लड़की की चीखने की आवाज आई जैसे वह किसी मुशीबत में हो मैं दौड़ कर उधर गया तो देखा कि कुछ बदमाश टाइप के लोग दो लड़कियों को पकड़ रखे है जिसमे में से वह एक लड़की को बुरी तरह से पिट रहे थे । अभी मैं समझने की कोशिश कर ही रहा था कि तभी जिस लड़की को वह सब पकड़ कर रखे हुए थे वह बोली

लड़की 1: तुम लोगो ने मेरी दीदी को मजबूर करके यंहा पर बुलाया और उन्हें मार रहे हो ।अगर दम है तो सामने से मुकाबला करो।

(वह सब चार गुंडे है उन्हें ग1 ग2 ग3 ग4 लिखूंगी)
तभी उनमे स एक आगे बढ़ता है और उस लड़की के बाल पकड़ कर पीछे खिंचता है और बोलता है

ग 1 : साली बहुत बोलती है तू आज तुम दोनों का ही आखिरी दिन है । बॉस ने कुछ करने से मना किया है वरना तुम दोनो बहनो का पहले जवानी चखता फिर मारता पर कोई नही मेरी बुलबुल पहले तेरी बहन को मार दे फिर तुझे तो अपनी रखैल बनाऊंगा।

उसकी बात सुनकर वह दूसरी लड़की जो मार खा रही थी वह गुस्से में आकर एक गुंडा जो उसे मार रहा था उसका हाथ पकड़ कर कुछ इस तरह से मारा उसके गर्दन पर की वह गुंडा वही लुढ़क गया। जिसे देख कर बाकी के तीनों डर गए पर उनमे से एक ने उस पहली वाली लड़की के गर्दन पर चाकू रख दिया और बोला

ग2 : साली अगर तूने अपना हाथ चलाया तो तेरी यह मासूम बहन को अभी इसी वक्त यह अपनी जान से हाथ धो बैठेगी।
अब उन तीनो का ध्यान सिर्फ उस दूसरी लड़की पर था तो मेरे लिए तो बस यही सबसे अच्छा मौका लगा और मैंने तुरंत ही उस गुंडे पर जिसने उस लड़की पर चाकू रखा हुआ था उसके हाथ को पकड़ कर ऐसे दबाया की चाकू उसके हाथ से छूट गया । वह सब इस अचानक हमले को तैयार नही थे इसलिए वह सब चौक गए और मैंने इसी का फायदा उठा कर उस पहली लड़की को एक ओर करके उस दूसरी लड़की को जो लोग पकड़ रखे थे उनपर हमला बोल दिया ।मुझे देख कर उस दूसरी लड़की ने उन गुंडों पर हमला बोल दिया और कुछ ही देर में वह तीनो भी जमीन पर गिरे पड़े थे । तब उस दूसरी लड़की ने आगे बढ़कर अपनी बहन के पास गई और बोली

लड़की : छोटी तू ठीक तो है ना कहि चोट तो नही लगी है ना।
लड़की 2 :,दीदी आपके होते हुए भला मुझे क्या हो सकता है पर आपको तो उन सबने बहुत मारा है आपको जरूर चोट लगी होगी।
लड़की : नही मुझे कही चोट नही लगी (मेरी तरफ देखते हुए ) आपका बहुत बहुत सुक्रिया अगर आप ने मदद नही की होती तो आज यह सब हम दोनों बहनों को जाने से मार दिए होते।
मैं : नही इसमे सुक्रिया कहने की कोई जरूरत नही है । आप लोगो को मुशीबत में देख कर मैंने अपना फर्ज समझ कर मदद कर दी ।

अभी मैं कुछ और बोलता तब तक पीछे से एक गुंडे ने मेरे ऊपर चाकू से हमला कर दिया और जब तक मैं संभलता तब तक देर हो चुकी थी और उसने मेरी पीठ पर चाकू का दो बार कर चुका था जिसे देख कर उस दूसरी लड़की ने तुरन्त उस गुंडे पर हमला कर दिया और उसकी चाकू को छीन कर उसका गला काट दिया और फिर बाकियों के साथ भी उसने यही किया तभी उस लड़की की छोटी बहन बोली

लड़की : दीदी उन सब को छोड़ो पहले इन्हें देखो उस कमीने ने इन पर चाकू से हमला कर दिया है और देखो कितना खून निकल रहा है ।

तब वह दूसरी लड़की दौड़ती हुई मेरे पास आई और फिर बोली

लड़की 2 : इनका तो काफी खून निकल रहा है ।इसे हॉस्पिटल ले कर जाना पड़ेगा ।मैं तुरन्त गाड़ी ले कर आती हु ।

इतना बोल कर वह लड़की भागती हुई निकल गयी और बाहर जाकर अपनी गाड़ी जिससे वह इन गुंडों के पास पैसे लेकर आई अपनी बहन को छुड़ाने के लिए पर उन सबने इन दोनो को जान से मारने की कोशिस किए । उसने बाहर खड़े दो लड़कों से मदद मांगी की वह उसकी मदद करे तो वह सब जब अंदर आये और वंहा का नजारा देखा तो वह घबरा गए तब उनमे से एक बोला

लड़का 1 यह सब क्या है और आप कौन है और इन सबको क्या हुआ है ।

लड़की : वह सब आप बाद में पहले इनको गाड़ी में ले जाने में मदद करो ताकि इनकी जान बचाई जा सके ।

लड़का :पर यह पुलिस का मामला है पहले उन्हें बुलाना पड़ेगा ।

लड़की उन्हें एक कार्ड देती हुई बोली
लड़की : यह सब बदमाश है और इन सबने हम दोनों पर हमला किया और हम दोनों को बचाने में यह लड़का घायल हो गया है । हमारे जाने के बाद आप लोग पुलिस को बुला कर सब बता देना और यह कार्ड देकर बोल देना की मुझसे बात कर ले और अब लेट मत करो ।

तभी पहली लड़की जो मुझे अपनी गोद मे सर रख कर बैठी हुई थी उसकी आवाज आई

लड़की : दीदी आप क्या कर रही है यह बेहोश हो चुका है और आप वंहा पर बाते कर रही है ।

मेेरे बेहोश होने की बात सुनकर वह लड़के तुरन्त मुझे गाड़ी में पिछली सीट पर लिटा दिए और वह दोनो लडकिया मुझे लेकर हॉस्पिटल की तरफ चल दी और हॉस्पिटल जाने तक मेरा बहुत खून निकल चुका था जिसकी वजह से मेरी हालत खराब हो चुकी थी । वह लड़की तुरन्त हॉस्पिटल पहुची तो सीधे डॉक्टर के केबिन में जाकर जो किसी मरीज को देख रहे थे उनके पास जाकर बोली

लड़की : डॉक्टर सिन्हा तुरन्त चलो बाहर एक लड़के की हालत बहुत खराब है ।किसी भी हालत में उसे कुछ नही होना चाहिए वरना तू जानता है मुझे।

डॉक्टर की हालत तो उस लड़की को देख कर ही खराब हो गयी थी उसकी बात सुनकर तुरन्त उसके साथ चल दिया और मुझे चेक करके बोला

डॉक्टर : यह तो पुलिस केस है

लड़की : वह सब मैं देख लुंगी तू इसका इलाज कर इसको कुछ नही होना चाहिए

डॉक्टर तुरन्त मुझे लेकर OT में चला गया और वह दोनो लडकिया भी वही इन्तजार करने लगी ।

ईधर घर पर मेरे जाने के काफी समय तक तो किसी ने मुझे नही खोजा पर जब काफी देर तक मैं नही दिखा तो माँ किरण दीदी से बोली

माँ : बेटी तुमने राज को देखा है काफी समय से वह दिखाई नही दे रहा है ।

किरण दीदी : नही मा मैंने तो काफी समय से उसे नही देखा ।

माँ : "पता नही यह लड़का भी कंहा कंहा रहता है ।घर मे इतना काम है और इसे घूमने से ही फुर्सत नही है।

किरण दीदी : माँ आप क्यों इतना चिंता कर रही है इधर ही कही गया होगा आ जाएगा।

इसके बाद सभी लोग अपने मे बिजी हो गए ।लेकिन रात होने तक जब मैं घर पर नही आया तो माँ को चिंता होने लगी । माँ ने सभी से पूछ लिया पर किसी को मेरे बारे में कोई खबर नही थी ।सभी लोग परेशान हो गए और जंहा तक वह लोग खोज सकते थे उन्होंने मुझे खोजा।

ईधर मैं सुबह से मैं रात होने तक बेहोश ही था तो वह लड़की डॉक्टर के पास गई और बोली

लड़की : डॉक्टर अभी तक उसे होश क्यों नही आया कोई खतरे की बात तो नही है ना ।

डॉक्टर सिन्हा : मैम हमे लगता है कि वह कोमा में चले गए है।

लड़की : तुम्हारे कहने का क्या मतलब है डॉक्टर।

डॉक्टर : ज्यादा खून बह जाने के वजह से वह कोमा में चले गया है ।सही समय से इलाज होने की वजह से उसकी जान तो बच गयी है पर होश कब तक आएगा इस बारे मव कुछ भी कहना मुश्किल है।

इतना सुनकर वह लड़की बाहर आ गयी और फिर दूसरी लड़की के पास आ गयी तो वह दूसरी लड़की बोली

लड़की : दीदी क्या कहा डॉक्टर ने आखिर कब तक होश आएगा ।

लड़की : वह कोमा में जा चुका है छोटी ।कुछ भी कहना मुश्किल है।
 
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