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bohot hi Kamuk story lag rahi hai... abhi tak to bohot hot thi..... mama ke saath gandi baatein.. uffffff..... zabardast... current lag raha hai Anju ke natkhat baatein padh kar... aagey dekhte hain kya hota hai....भाग -3
आज रविवार है, और जैसे ही उठकर हॉल में आई
मेरा मोबाइल की घंटी बजी, दौड. कर फोन कॉल उठाया
मैं - हलो कौन..
2री ओर से हलो अंजू बेटी मैं तुम्हारा मामा बोल रहा हूँ
मामा- सबसे पहले तो बधाई हो, नई जॉब के लिए
मैं -थैंक्स मामा जी, पर आप को कैसे पता चला
मामा -तुम्हारी मां से कल बात हुई थी, तुम तब बाजार गयी थी
मैं -अच्छा, और सब कैसे हैं
मामा -सब बढ़िया, पार्टी कब दे रही हो
मैं - पहली सैलेरी के बाद मामा
मेरे मामा के अलावा हमारा कोई क्लोज रिश्ते दार नहीं है, और हमलोग काफी घुलेमिले हैं
मामा -कल क्या शौपिंग हुई
मैं -कुछ खास नहीं, कपड़े और घर के सामान
ये सुनकर मामा को शरारत सूझी
मामा -कौन से कपड़े ली
मैं - साड़ी ,पेटीकोट और..... बोलते -2 रूक सी गई
मामा -और क्या
मैं - जी कुछ नहीं शरमाते हुए
मामा- और भी ली हो गी, बता न अंजू
मैं - अरे मामा आपको नहीं पता....
मामा -नहीं
मैं -सब मालूम है क्या मामी के लिए नहीं ले देते हो
मामा -तो तू ही बता दो
मैं -वही जो साडी के साथ पहनते हैं
मामा -क्या क्या पहनती हो तुम साडी के साथ
सुनकर मेरे गोरे गदराये बदन और जांघो पर लगा की चींटी रेंग रही है
मुझे भी मामा को तड़पाने में मजा आ रहा था
मैं -ब्लाउज
मामा -केवल ब्लाउज..... या फिर और भी उसके अंदर
मैं - साडी के साथ साया और ब्लाउज
मामा -इतना ही
मैं -लगता है आप सुनना ही पसंद करेंगे
मामा - हां
मैं -ब्रा और पैंटी भी साथ में नाईट ड्रेस भी ली
ये सुनकर शायद मामा जी का तन गया था तभी कुछ देर शांति छा गयी
मैं -मामा जी कहां खो गये
मामा -हक्लाते हुए ह.... हा.. हां, अंजू 1 बात कहू बुरा तो नहीं मानोगी न
मैं -हां बोलिए मामा
मैं सोच रही थी की अब क्या बोलेगें मामा
मामा- ब्रा और पैंटी के अंदर क्या होता है
मैं -छी... आप कैसा बोल रहे हैं ,थोड़ा
नाराज हो कर पर मुझे मजा भी आ रहा था
मामा - सॉरी अंजू
मैं - चलिए कोई बात नहीं,
मामा- सारे कपड़े पहनने पर फिट हुआ
मैं -जी
मामा - मुझे भी नाईट ड्रेस पहन कर दिखाओ न विडियो कॉल पर
मैं -आपको फिर से शरारत सूझी है
मैं बोली नहीं मामा जी ये गलत है
मामा -अरे मैं तो मजाक कर रहा था
दरअसल मेरी मामी जॉब के कारण दूसरे शहर में रहती है और मामा जी बच्चों के साथ इससे उनका मिलना कम ही होता है
मुझे भी मामा जी साथ मजा आ रहा था बातकरने में इसलिए मैनें जानबूझकर एैसा बोला....
मैं -क्या आप मामी के साथ एैसे ही फोन पर बातचीत करते हैं
मामा -बहुत ही रोमांस के साथ
मैं -कैसे बताईये न.....
मामा- पर तुम नाराज होगी बताने पर
मैं -नहीं होती नाराज अब
मामा -नहीं.... नहीं
मैं -मामा जी प्लीज
मामा- ओके ,पर शुरू कैसे करू
मैं - चलिए मान लो मैं आपकी बीबी हूं
मामा- अच्छा तो वो बातें बताओ
मैं -कौन सी
मामा- ब्रा और पैंटी के अंदर क्या होता है
मैं -शरम आ रही है जी मुझे
मामा -बोलो न बेबी..... उम्म पुच्च.....
और मामा ने फोन किस कर दिया
मैं - ब्रा के अंदर स्तन होता है और पैंटी के अंदर योनी
मामा- मैं ये भाषा नहीं जानता हूँ
मामा और खुलकर सुनना चाहते थे
मैं -तो.....
मामा- स्तन क्या होता है बोल मेरी जान
मैं -बूब्स
मामा- क्या.....
मैं (धीरे से बोली क्योकि मां सुन लेती) - वो ब्रा के अंदर मेरी चूची है और ब्राउन कलर के निप्पल
मामा की सांसे फोन पर तेज सुनाई दे रही थी
मामा - योनी मतलब....
मैं-पैंटी के अंदर गुलाबी चिकनी बूर है मामा जी
मामा- दिखा दो चिकनी गुलाबी रसीला बूर तुम्हारा
मैं -बाद में
मामा- तुम हमेशा बूर के बाल साफ रखती हो
मैं -मदहोशी में हां डियर
ये सुनकर..... अब
मेरी अब पैंटी गीली हो रही थी, रस से पूरा बूर चिपचिपा हो गया
और मामा जी भी लगता है लंड को हिला कर पानी निकाल दिया था
तभी मामा के घर पर शायद कोई आया था
मामा - बेटी मैं रखता हूँ वो घर में गेस्ट आ गये हैं
मैं -ठीक है मामा जी बॉय
कहकर कॉल काट दिया
मैं सीधे बाथरूम की ओर चली नहाने क्योंकि मैं बहुत उतेजित हो गई थी
नहाते समय में बूर में अंगुली से स्वखलित हुई अब नहा कर 1 ड्रेस पहन कर घर के कामों में लग रही
दिनभर बधाई देने वालों का कॉल आता रहा
कल सुबह मुझको जल्दी ही जाना था इसलिए जल्द ही सो गई
To be continued........
Ufff ketta ji badi khatarnak gif daali hai aapne....ye bhabhi ke muh mein piston ki tarah ja raha hai..aur bhabhi ji maze se le rhi hai bada rod
thanksUfff ketta ji badi khatarnak gif daali hai aapne....ye bhabhi ke muh mein piston ki tarah ja raha hai..aur bhabhi ji maze se le rhi hai bada rod
Good morning Ketta ji....
Kya baat hai..fir to aapko (Anju) ko maza aa gaya mast garam lund le kar
Update 5
मुझे नौकरी करते हुए अब 20 दिन हो चुके है रोज 9 बजे जाना और दोपहर 3बजे तक वापस अच्छा लगता था
हां कभी कभार देर हो गई तो मां को कॉल करना नहीं भूलती
मेरे कॉलेज छात्रों से भी काफी घुलमिल गई थी
पर हमेशा 1 बात खलती है, की यहाँ 20 -25 स्टॉफ में से सिर्फ तीन ही लेडिज स्टॉफ है
1 सफाई वाली
2री कंप्यूटर ऑपरेटर कार्यालय में
और लेक्चरर में मैं ही केवल हूँ बाकी सारे जेंट्स स्टॉफ है
उम्र में भी सबसे छोटी थी इसलिए सब मुझसे बडा स्नेह रखते थे
मेहता सर हमारे काम से पूरा खुश हैं, सर जी काफी सुलझे हुए इंसान हैं
मैं क्लास लेने के बाद स्टॉफ रूम में थी, की चपरासी आया बोला अंजू मैडम,आपको प्रिसिंपल सर ने बुलाया है
मैं -तुम चलो मैं आती हूँ
कुछ देर बाद मैं सर के कमरे में गई
मैं (नॉक करके) - मे आई कमईन सर
मेहता सर -अरे अंजू प्लीज कम, एंड टेक आ सिट
मैं -थैंक्स, कुछ काम था सर
सर - मैं ये कहना चाहता हूँ की, तुम कुछ दिनो के लिए इतिहास के लेक्चर क्लास ले सकती हो क्या
क्योंकि सोहनलाल जी जो इतिहास के लेक्चरर थे वो कल रिटायर हो रहे हैं
सर-मैनें तुम्हारा फाईल चेक किया है तुम्हारे इतिहास में भी अच्छी पकड़ है
मैं -यस सर, मैं कर लूंगी
सर -ओके गुड,
मैं -थैंक्स
बोलकर निकल गई
और मैं अपने सारे काम पूरा हो जाने के बाद अब घर के लिए कॉलेज गेट से निकली ही थी
कि पीछे से....
कार की हार्न.... पीं...पीं..... पींपीं...
पलट कर देखा तो मेहता सर थे
सर -चलो मैं ड्राप कर देता हूँ
मैं -सर मैं बस में चली जाउंगी
सर -उधर ही जा रहा हूँ, कुछ काम से
मैं अच्छा बोलकर सर के कार में बैठ गयी
मैनें नोटिस किया सर बार बार मेरी तरफ देख रहे थे, आज क्योकि शायद सीटबेलट बांधने से मेरी दोनों चूची बहुत ही खूबसूरत और नुकीली लग रही थी
सर के पैंट में भी उभार आना शुरू हुआ था
सर -शादी हो गई तुम्हारी
मैं -जी नहीं ,और आपकी वाईफ क्या करती है
सर -3 साल पहले कैंसर से मौत हो गई
मैं - I'm sorry
मेहता सर - अब तो अकेला ही रहता हूं 1 बेटा है वो भी बहू के साथ आगरा में है
मेहता सर की उम्र करीब 50 के है पर लगते 40-42 के ही काफी मेंन्टेन किया है
मैं -सर मेरा घर आ गया
सर - वो, रास्ता का पता ही नहीं लगा बातो बातो में
मैं - सर आईये न चाय पी कर और मां से मिल कर चले जाना
सर -फिर कभी अंजू
मैं -प्लीज सर
मेहता सर ने कहा ठीक है कार साईड में कर लू पहले
फिर हमदोनो ने घर में प्रवेश किया
मां से कहा, मां हमारे प्रिसिंपल सर हैं
मां - प्रणाम, बैठिए बाबू
सर -नमस्ते, जी कैसी है आप
मां और सर में आपस में बाते होती रही और मैं कपड़े बदलने लगी अपने कमरे में पर मैं ये भूल गयी की सर जहां बैठे हैं वहां से मेरे रूम की खिड़की से पूरा अंदर का नजारा दिख रहा था क्योंकि खिड़की खुली रह गई थी
मां तो किचन में चली गई पहले ही, हॉल में केवल मेहता सर थे
और ये खूबसूरत पल कैसे छोड़ सकते थे
ये सारे सीन मेहता सर ने देख लिया
मेहता सर को अपने उपर काबू पाना मुश्किल हो गया था उसकी धड़कन तेज हो गई कई सालो के बाद अचानक किसी जवान लडकी को पूरा का पूरा नंगा देखा
मैं हॉल में आई तो सर काफी कामुकतापूर्ण नजरो से मेरे स्तनों की उभारो में नजरें गडाये थे
पर मैं केवल बाते ही किये जा रही थी
चाय पी कर सर चले गए फिर
मैं और मां अपने अपने कमरे में
To be continued.....
उफ्फ क्या जबरदस्त सेडिक्शन लिखा है ketta जी....भाग -6
मैं अपने कमरे में लेटकर सोचने लगी की अब इतिहास का लेक्चर क्लास मैं कहां से शुरू करूंगी
मेरे पास तो किताबें भी नहीं है और सर को मैं जुबान दे चुकी थी
मैने सोच लिया की कल मैं पुस्तक बाजार जाकर इतिहास के सारी किताबें ले लूंगी
वैसे भी कल कॉलेज बंद है
पर याद आया की सिलेबस तो सर ने दिया नहीं
मैनें मेहता सर को कॉल किया
मैं -हलो सर, वो सिलेबस नहीं दिया आपने
मेहता जी - मैं तो भूल गया सोमवार को दे दूंगा
मैं -जी सर
मेहता सर - बुक है न
मैं -नहीं है ,पर कल ले लूंगी
मेहता- हम्म... ओ. के
मेहता सर ने कहा ठीक है कल मुझे भी 1 बुक लेनी है तो साथ में चले कल
मैं - कोई दिक्कत नहीं है सर, मिलती हूं कल बॉय बॉय सर
सर-बॉय
सुबह 11 बजे सर ने कॉल कर कहा आ रहा हूँ तो मेहता सर के आने के पहले मैं तैयार हो कर इंतजार करने लगी
मां को बता दिया कि मुझे देर हो तो खाना खा लेना
कुछ देर में मेहता सर बाईक से आये
ये देखकर थोड़ा हैरान हुई की कैसे मैं सर के साथ इस बाईक पर बैठे क्योंकि वो बाईक की सीट ज्यादा बड़ी नहीं है
सर -चलो अंजू
आज मैं बहुत ही खूबसूरत साडी पहनी थी और मैं 1दम आर्कषक लग रही थी
मुझे देखते ही मेहता सर के मुँह खुले की खुले रह गये
मैं -सर मुँह बंद कर लिजिए, नहीं तो मक्खी घुस जायेगा और हंस दी
सर झेंप गये फिर गाडी स्टार्ट की और हमलोग निकल गये
रास्ते में बहुत देर तक आपस में बाते नहीं हुई
क्योंकि मुझे अजीब फील हो रहा था
सर जानबूझ कर लम्बा रास्ता लिया ताकी मेरे बूब्स का मजा ले सके जो बार बार उनके पीठ पा लग रही थी
सर -अंजू तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हो
मैं -थैंक्स सर, और बाकी दिन
सर-वो तो तुम हो ही
मैं -आप भी बहुत हैंडसम हैं
मेहता- शुक्रिया मैडम जी
मैं - मुझे मैडम मत बोलिए सर
मेहता- क्यों क्या बुराई है
मैं - जी सर मैं उम्र में आपसे बहुत छोटी हूँ न इसलिए
मेहता सर -अच्छा ठीक है
हम 1मॉल में गये वहां हमे चौथे मंजिल पर जाना था सो लिफ्ट ले लिया
लिफ्ट में बहुत ज्यादा भीड़ के कारण
मेहता सर और मैं एकदम चिपक से गए
खैर कुछ देर में हम पुहंच गए
सारी किताबें खरीदने के बाद हम मॉल से बाहर आ गये
मैं - अब हमें वापस चलना चाहिए
सर -हां
अभी कुछ देर चले थे कि मौसम ने करवट बदला और बहुत जोरदार बारिश होने लगी
हम एैसे जगह पर रूके आस पास कोई बचने की जगह नहीं थी
हमारे पास न तो रेनकोट न छाता था बस पेड़ की ओट में हमदोनो बारिश से बचने की नाकाम कोशिश में थे
2 घंटे बीत चूका पर बारिश और तेज हो गई
मैं तो पूरी तरह से भींग गई पूरे अंदर तक
मेरे बदन पूरा पारदर्शी हो गया मेरा अंग अंग प्रदर्शन हो रहा था पानी की बूंदे मेरे कोमल गोरे गदराये बदन से चूने लगे
अंधेरा हो चुका था, यहां से सर का मकान कुछ दूरी पर ही था
सर - ये बारिश नहीं रूकेगी किसी तरह हमे यहां से चलना चाहिए
मैं -जी
भींगते हुए हमलोग मेहता सर के घर आ गये
मेहता सर - अंजू आज की रात तुम यहीं रूक जाओ
मैं -नहीं सर, मां अकेली है कार से ड्रॉप कर सकते हैं क्या
सर- वो गाडी तो खराब है, इसलिए तो मैं आज बाईक लिया
मैं क्या करू समझ में नहीं आ रहा था, बारिश रूकने का कोई आसार नहीं लग रहा था
पर शायद सर ने गाडी के बारे में झूठ बोले थे वे किसी तरह चाहते थे की मैं रूक जाउ
सर ने कहा मैं तुम्हारी मां को कॉल कर देता हूँ
मैं -ठीक है, अब कोई रास्ता नहीं है वापस जाने का
मेहता सर अकेले रहने की वजह से छोटा ही मकान ले रखा था जिसमें 1बेडरूम का कमरा, किचन और बाथरूम था
सर - अलमारी से कपड़े लेकर बदल लो नहीं तो सर्दी लग जायेगी
मैं हां बोलकर कमरे में गई
सर ने कहा वैसे तो बीबी के गुजर जाने के बाद आज पहली बार मेरे यहां कोई गेस्ट आया है
मैं कमरे में जाकर अलमारी खोली तो केवल transparent nighty और दो तीन साडियां ही थी
मेरी तो ब्रा पेंटी सब भींग गए हैं लगता है मुझे बिना अंडरग्रामेन्ट के आज रहना होगा
कमरे के दरवाजे में कुंडी नहीं थी पर क्या करती एैसे ही बंद कर दिया और चेंज करने लगी अभी भी दरवाजा सही से बंद नहीं हुई और गेप रह गया
सर दरवाजे के पीछे से मेरी क्रिया कलाप को देखने की कोशिश में थे
अभी मैं पूरी तरह से कपड़े बदल भी नहीं पाई थी की, अचानक हवा का 1 तेज झोंका आया कि दरवाजा खुल गया और मैं मेहता सर के एकदम सामने इस अवस्था में...
मैं उस समय केवल एक पेटीकोट में थी और कमर से उपर कुछ भी नहीं
मेहता सर के मुँह से एकदम से आवाज निकली Ohh... My god what a beautiful sexy
सर 1 तावेल में थे पर तावेल खुलकर नीचे गिर गया
हमदोनो ने नहीं सोचा था कि एैसा कुछ हो जाएगा
मैं शर्म से लाल हो गई,और थोड़ा सहम गई
मैंने धीरे से दरवाजा बंद कर दियाऔर मैं अब कपड़े बदल चुकी थी
सर ने भी अपने आप को संम्भाला
To be continued......
Ufff ye guest ke roop mein pehli chudai hui aapki...sorry Anju ki...भाग -7
आंधी के झोंके की घटना के बाद कमरे में खामोशी छा गयी
मैं भी कमरे के अंदर चुपचाप और सर बाहर हॉल में चुपचाप थे
मेरी समझ में नहीं आ रहा था की ये खामोशी कैसे टूटेगी क्योंकि रात का साया बढता जा रहा था और बारिश भी काफी तेज हो गई थी
कुछ देर बाद....
मेहता सर - अंजू
और सर ने आवाज लगाई
मैं जवाब नहीं दे सकी, मुझमें हिम्मत ही नहीं हो रही थी,
सर ने दुबारा आवाज दी और कहा
मेहता सर - अंजू आई एम सॉरी, ये एकदम से अचानक हो गया की.. मैं बहुत शर्मिंदा हूं
सर के आवाज में डर की झलक थी,
उनकी बाते सुनकर मेरे अंदर थोडी हिम्मत जगी और सोचा की इसमें किसी की गलती नहीं है हमदोनो में से ये तो दुर्भाग्यवश बस एक संयोग था
सर - क्या तुम नाराज हो अंजू
मैं (अंदर से ही) - जी नहीं
सर- अच्छा, तुमने चेंज कर लिया क्या
मैं - हां सर जी
सर- तो अब बाहर आ जाओ
मैं - नहीं
सर- क्यों अब क्या परेशानी है
मैं क्या करू मेरा दिल दिमाग कुछ भी काम नहीं कर रहा था क्योंकि मैनें जो कपड़े बदलने के बाद पहना है उसमें तो मेरे जिस्म की नुमाइश ज्यादा हो रही थी
वो एक पारदर्शी साडी पहनी थी मै, न तो ब्लाउज थी न ही ब्रा
मेहता सर ने भी पत्नी के गुजर जाने के बाद दूसरी शादी नहीं किया था और आज पहली बार किसी जवान, खूबसूरत लड़की को इतनी नजदीक से देखेंगे तो और वो कैसे रोक पायेगें अपने आप को
इन्हीं सब बातो को सोच रही थी की.......
मेहता सर - कोई बात नहीं, क्या मैं अंदर आ सकता हूँ
मैं -मकान तो आपका ही सर, आप कहीं भी आ सकते हैं अपके मकान में मैं भला क्यो मना करूंगी
ये सुनकर मेहता सर ने.......
सर- ठीक है कहकर.......
मेहता सर की तो मानो मन की मुराद पूरी हो गई
मेहता सर ने धीरे से दरवाजे पर दस्तक दी और किवाड़ को बडे ही आहिस्ता से खोला
मैं अंदर ही थी पर मेरी गोरी पीठ दरवाजे की ओर थी
सर- अंजू शरमाने की जरूरत नहीं है ये तो इत्तेफाक है की बरसात रूक ही नहीं रही वरना मैं तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ दिया रहता
मैं - कोई बात नहीं सर मैं एडजस्ट कर लूंगी
एैसा बोल कर सर के सामने अपना फेस किया
मुझे देखते ही मेहता सर की ऑखें चमक उठी लेकिन उन्होने एहसास नहीं होने दिया
उनके घर में 1 ही कमरा था और पलंग की साईज कुछ खास बडी नहीं थी
2 लोग बमुश्किल से ही सो पायेंगे
मैं सोच रही थी की रात कैसे कटेगी यहां तो 1 ही बेड है इतने में सर ने कहा...
सर- एैसा करते हैं, की तुम बेड पर सो जाओ और मैं बाहर बरामदे में अपना बिस्तर लगा लेता हूँ
बाहर बरामदे की हालत अच्छी नहीं है क्योंकि तेज हवा के कारण बारिश के पानी अंदर आ रहे थे
फिर भी मैनें कुछ नहीं कहा क्योकि मैं नहीं चाहती थी कि कुछ अनहोनी हो
मैं बस किसी तरह से सुबह हो और बारिश बंद हो तो अपने घर पुहंच जाना चाहती थी
मेरे द्वारा कोई प्रतिकिर्या न पाकर सर ने अपना बिस्तर बाहर ही लगा लिया
अब हम दोनों अपने अपने बिस्तर पर चले गए और सोने की कोशिश में....
पर मुझे कुछ अच्छा नहीं लग रहा था क्योंकि मैं तो बेड पर लेकिन सर बरामदे में वो भी बारिश की बूंदे अंदर आ रही है
कुछ देर तक तो मैं कसमकस में थी की कैसे मैं सर को अंदर बूलाऊ उठ कर देखा तो सही में हल्के से भींग गए थे मेहता सर
मुझे कुछ नहीं सूझा और सर को कॉल कर दिया क्योंकि अंदर बुलाने की हिम्मत नहीं थी
सर कॉल उठाने के बाद...
सर- क्या हुआ, फोन पर कॉल किया
मैं - सर आप भींग जाईयेगा बरामदे में
सर- कोई बात नहीं, हवा अब कम हो गया है
मैं -नहीं सर, आप अंदर ही नीचे बिस्तर लगा लें चलेगा 1 रात की ही तो बात है
सर- ठीक है,
लेकिन मैं तुम्हें परेशान नहीं करना चाहता हूँ
मैं - अंदर आईये सर, कोई परेशानी नहीं है
सर- ओ. के, डियर
मेहता सर ने अब पलंग के बाजू में ही नीचे बिस्तर लगा कर लेट गये
फिर भी हमदोनो के अॉखों से नींद कोसो दूर थी
हम करवट बदलते रहे
सर जी को शायद नीचे ठंड लग रही थी तो, मैंने देखा वो कांप रहे हैं मुझसे रहा नहीं गया लगा कि एैसे तो मेहता सर बिमार पड़ सकते हैं तो फिर
मैं - सर ऊपर बेड पर ही सो जाईये, सर्दी लग जायेगी नीचे सोने पर
सर- हां अंजू मुझे ठंड लग रही है
मैं -अच्छा ऊपर आ जाईये
सर भी बेड पर एकतरफ लेट गये
अब पंलग में मैं और सर एकदम साथ में थे
जीवन में मैं पहली बार किसी मर्द के साथ 1ही बेड पर वो भी सिर्फ 1 पारदर्शी साडी में
मेरे तो रोंगटे खडे हो गये
पर ये मजबूरी थी
हमारे जिस्म एकदूसरे से सट जा रहे थे
मैं करवट बदलकर बेड के 2री तरफ थी
मेरी पीठ सर के मुँह के सामने थी
सर कई बरसों बाद किसी जवान गदराये बदन के साथ सोये हैं आज
मेहता सर ने बड़े हिम्मत के साथ धीरे से अपना हाथ मेरे नाजुक कमर में रखा
मैं चुप रही और जानबूझ कर सोने का नाटक करने लगी
मेरी चुप्पी ने सर का हौसला बढ़ा दिया
अब सर ने पीछे से मेरी पीठ पर 1 चुम्बन जड़ दिया
मैं तो एकदम से सिहर उठी और उम्म....... की आवाज़ मेरे मुंह से निकली
सर के हाथों ने अब मेरे बदन को साडी के ऊपर से ही सहलाना चालू किया
मुझे सिरसिरी होने लगी अपने बदन पर
और फिर मेहता सर ने मेरे पीठ से होकर गरदन के पीछे कान के नीचे किस करने लगे
मेरे मुंह से सिसकारी निकली
आह.... हा... हा... $$$$
वो अब मुझे पलट कर अपनी ओर कर चुके थे
मैं - उम्म...क्या कर रहे हो सर (धीरे से बोली)
मेरी सांसे तेज हो गई
हमदोनो की सांसे आपस में टकराने लगे
सर अपने होठ को मेरे होठ पर लगा कर चूमने चूसने लगे
मेरी आंखे बंद हो रही थी मदहोशी के कारण
धीरे-धीरे से मेरे बदन से पूरी साडी को निकाला और बेड के नीचे गिरा दिया
मेरा पूरा बदन तप रहा था
तन पर सिर्फ 1 पैंटी बची थी
किस करते करते मेरे गले से होते हुए मेरे सीने के गोलाईयों की ओर बढ़ते चले गए और पहले सर ने मेरे निप्पल को चूमा तो मैं कसमसाने लगी
आऊ....... उफ...... आह....
मेरे जिस्म से जवानी की भींनी भींनी खुशबू आ रही थी
सर मेरी चूची मुंह में लेकर चूस रहे थे
मेरा भी हाथ सर के कमर की तरफ गया, वो पहले ही पूरा नंगा हो चुके थे
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उनका लंड भी अपने आकार में आ गया था
मैं तो स्तब्ध रह गयी सर जी के लंड का साईज
देखकर
पूरा 12 इंच का मोटा तगड़ा मूसल जैसा लंड था
जो किसी भी जवान औरत की चीख निकाल दे सकता है
सर जी को कई दिनों के बाद चोदने का मौका मिला था सो वो पूरा चुदाई का अानंद लेने वाले हैं
कोई जल्दबाजी नहीं थी
अब उन्होने अपना मोटा रड के समान लंड को मेरे होठ से लगा दी एक मदहोशी गंध मेरे नाक के अंदर गयी
हवले हवले लंड को मेरे मुंह में डाल दिया और मैं भी इस खिलौने को अपने मुंह में लेकर चूसने लगी
सर का हाथ धीरे से मेरी पैंटी के अंदर सरकने लगा
जवानी का रस मेरी चिकनी बूर से रिसने लग गई थी अब
be safe gif
सर ने अपनी उंगली मेरे चिकनी गुलाबी रसीला बूर में जैसे ही डाला
मैं तो चुहंक गयी
उईईई..... मां..... आ... आ...
उफ्फ......... आह्ह.....
उनकी उंगलियों में बूर का रस लग कर चिपचिपा हो गया था
सर ने उंगलियों को मेरी ओर दिखाये और मुस्कुराते हुए अपने उंगलियों को चूमा -चूसा
मेरे मुंह में सर का लंड पूरा मेरे लार से सन चुका था
कुछ देर गीले बूर से खेलने के बाद मेरी पैंटी निकाल दिया और मैं पहली बार किसी मर्द के सामने पूरी तरह से नंगी अवस्था में बेड पर थी
सर ने एैसा बूर कभी नहीं देखा था
मेहता सर के तो होश ही उड़ गये
बूर देखकर तो सर के मुँह से लार टपकने लगा जो मेरी गहरी नाभी में गिर रहा था
मैं अपने बूर के झांट साफ कर ही रखती हूं हमेशा
आज ही सुबह निकलने के पहले नहाने के समय veet से बूर चिकना किया था
कभी कभी लक्मे का रेजर से भी झांट छील लेती हूँ ,साथ में कॉख के बाल भी साफ रखती हूं
मेहता सर ने मेरे जांघों के फैलाया और अपनी नाक को मेरे गुलाबी बूर की दरारों के बीच ले गये फिर जोर की लंबी गहरी सांस खीचां
वो जवानी की भींनी भींनी खुशबू लेने लगे
सर ने आहें भरी
आह्ह.......स् सी.......
वाह क्या सुगंध है रे अंजू तेरी जवानी की
मैं तो सरमा गई
सर- (मेरी कानों में) क्या आजतक तूझे किसी ने नहीं चोदा मेरी जान पर कैसे
मैं -नहीं,
सर- आज के बाद मैं तुम्हें खूब चोदूंगा, दोगी न रोज चोदने के लिए
मैं - हां, कॉलेज में भी दूंगी चोदने आप को क्सास के बाद
ये सुनकर तो मेहता
सर से रहा नहीं जा रहा था
अचानक सर का जीभ मेरी बूर पर रेंगनें लगा
मैं -आउ्च........ उईईई..........
उफ्फ.......... आ......आह....
हम्म.. आईईईईई............. धडकन बहुत तेज रफ्तार चलने लगा
.
और सर ने दोनो चूची दबाते हुये बूर का सुगंध लेते हुए कामरस चाटने लगे
मैं तो मानो हवा में तैरने लगी
ओह माई गॉड क्या बताऊ मैं
कमरे में मेरी सिसकारी गूंजने लगा
बस करो सर उप्फ............ उप्फ.........
आह्ह...... आह्ह........
उम्म्........ सी............. हम्म.......
मेहता सर पूरे जोश में मेरे जिस्म से रस निचोडने लगे
बूर को जीभ से चोदने के बाद
मुझे अब बस बूर में लंड चाहिए था
मैं - सर अब लंड पेल दो बरदाश्त से बाहर हो रहा है
आवाज में मेरी थरथराहट हो गई थी
मैं- चोदो न, चोदो न प्लीज मेहता
मेहता सर को तरसाने में मजा आ रहा था
सर ने अपना मोटा लंड का चमड़ा ओपन किया और
मेरे बूर के छेद पर रखा फिर 1 झटका दिया
पर मैं पहली बार चुद रही है तो लंड ने बूर का दरवाजा नहीं खोल पाया
मैं (दर्द से) - चिल्लाई उंई .......मर गई
आं.........आह........
इतने जोर से चिल्लाई की शायद पडोसी भी जान गये की मेहता के घर में क्या हो रहा है
सर ने मुझे कस कर जकड़ लिया और फिर जोरदार धक्का बूर में मारा लंड आधा बूर में समा गया
खून का फुव्वारा फूट पड़ा
मेरा सील टूट गया था
फिर से सर ने झटका दिया तो पूरा मूसल जैसा लंड बूर के जड़ तक चला गया
सर अब लंड को अंदर बाहर करने लगे
मेरे बूर की चुदाई भरपूर होने लगी
आह्ह..........
हम्म......... उप्फ.........
जोरदार चुदाई करने लगा सर
चाप -चाप की गूंज चारो ओर फैलने लगा
मुझे भी बहुत अान्नंद आ रहा था
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रात भर में सर ने कई बार मुझे चोदा
कभी डोगी स्टाईल, कभी गोद में उठाया,कभी
पीछे से मेरी बूर की दरारों में लंड फंसाया
मैं रात भर चुदी गेस्ट बन कर
मेरी पेलाई लगातार 7से8 घंटे तक चली
और अंत में सर ने अपना पूरा वीर्य उडेल दिया मेरे बदन के हरेक नाजुक अंगो पर
मानो मुझे तो वीर्य से नहला ही दिया
अपना कामरस पिला दिया
मैं भी लंड को और वीर्य को आईसकिम की तरह चाटने लगी
रातभर चुदने के बाद करीब भोर के 4 बजे दोनों को नींद आ गई
हम एकदूसरे से लिपटकर नंगे ही सो गये
To be continued....