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Yhaan tak padhi..भाग -10
आज कॉलेज में बींए फाइनल ईयर का परीक्षा होने के वजह से लौटने में , मुझे बहुत देर हो गई शाम ढलने को था मैं जल्द से जल्द घर वापस पुहंचना चाहती थी
यही सोचते हुए मैं तेजी से, बस स्टॉप की ओर बढ़ने लगी क्योंकि शाम के वक्त वैसे भी बस बहुत भीड़ रहती है और ये एग्जाम के दिन तो कहना ही क्या
मेरे कॉलेज में दो दो कॉलेज का सेंटर पड़ा है सो बस स्टॉप पर पुहंच कर देखा तो भारी भीड़ थी छात्रों की
करीब 10 मिनट बाद मेरे रूट की बस आयी पर मैं तो चढ़ ही नहीं पाई
मैं अपने आप में बोली कैसे जाऊ कोई अॉटो भी नहीं मिल रहा और दूसरी बस कब अायेगी पता नहीं
खैर अब भीड़ कुछ कम हो गया था
बस का इंतजार करते करते यहीं आधा घंटा बीत चूका और सूरज भी ढल चुका था सड़कों पर स्ट्रीट लाइटें जल चुकी थी
मेरी नजरें बार बार घडी की ओर जा रही थी
अचानक मुझे ऑफिस का चपरासी कमल चौधरी दिखा, वो अपनी मोटरसाइकिल में पार हुआ
मैं जोर से चिल्लाई कमल वो कमल....
कुछ दूर पर जाकर वो मोटरसाइकिल रूकी
कमल ने पलट कर देखा, पर शायद कम लाईट की वजह से उसे मै साफ साफ नही दिख रही थी
तो मैं ही उसकी तरफ बढने लगी,
कमल की उम्र लगभग 25 -26 के आस पास थी मेरे से 4/5साल छोटा रहा होगा, वह बहुत ही सुशील स्वभाव का लडका है उसकी जॉब उसके पिता के निधन पर अनुकंपा के आधार पर हुई ,पांच महीने पहले ही लगी है
मैं जब सामने आई, तो पहले उसी ने टोका
कमल - अरे मैडम, आप अभी तक बस स्टॉप पर ही
मैं - हॉं कमल, मैं तो 45 मिनट से यहां पर हूं 1 बस आई भी पर भीड़ इतनी ज्यादा थी कि मैं चढ़ नहीं सकी ,क्या तुम मुझे कुछ दूर तक मेरा मतलब है आगे मालबजार तक छोड़ सकते हो क्योंकि आधे घंटे हो गये बस भी नहीं आ रही है, वहां से मुझे ऑटो मिल ही जायेगी
मैनें एक ही सांस में बोल डाला सारी परेशानी
कमल - हां मैडम जी क्यों नहीं, जरूर
मैं -धन्यवाद ,
कमल - इसमें धन्यवाद की क्या बात है, मैडम जी बैठ जाइये
मैं भी हां बोलकर उसके मोटरसाइकिल पर पीछे बैठ गयी ,और चले हम
मैं -कहां रहते हो तुम
कमल -जी मैं मालबजार के पास ही गौतमनगर में रहता हूं ,मैडम आपका घर कहां है
मैं -बाइपास लिंक रोड पर जो मेनॉन कॉलोनी है न उसमे रोड नं -3 पर दूसरा मकान
कमल - अच्छा, मालबजार से करीब 15 मिनट का रास्ता है यही कोई 6-7 किलोमिटर होगा
मैं -हां, और शादी हो गई तुम्हारी
कमल -जी मैडम, अभी 2 महीने पहले ही हुई है, आपकी ज्वनिंग थोड़ी पहले होती तो आप मेरे शादी में आ पाती
कमल बहुत आराम से गाडी चला रहा था, शायद उसे कोई जल्दी नहीं थी कभी कभी ब्रेक लगने से मैं उसके पीठ पर लद जा रही थी जिसके कारण मेरे सीने उसके पीठ में दब रहे थे, कमल को भी मजा आ रहा था शायद
मालबजार पुहचने पर मैं बोली रोक दो, मैं चली जाउंगी यहां से
कमल - चलिए न मैं घर तक पुहंचा देता हूँ
मैं -नहीं तुम्हें देर हो जाएगा और ऑटो तो मिल ही जायेगा
कमल-ठीक है मैडम आप बैठ जाइये तब मैं यहां से जाऊंगा
दो चार ऑटो को बोला पर कोई मेनॉन कॉलोनी जाने को राजी नहीं था,कह रहा की वापसी में सवारी नहीं मिलेगी, देर भी हो रही थी
सो कमल से बोली चलो पुहंचा दो
कमल - हां मैडम मैं तो पुहंचा रहा हूँ और वापसी में मुझे कोई सवारी की भी जरूरत नहीं है
बोलकर हंसने लगा
मैं भी उसकी बाते सुनकर मुस्कुराहते हुए कहा चलो अब
थोडी देर में हम पुहंच गए ,कमल ने मोटरसाइकिल घुमा ली
कमल -चलता हूं मैडम
मैं -चाय पी कर, चले जाना आओ अंदर
कमल -देर हो जाएगा, और घर पर मां और वाईफ राह देख रहे होगें
मैं - हां ठीक है, तुरंत हो जाएगा
कमल -ओके, मैडम जी
मैंनें बेल बजाई, अंदर से कुछ लोगो की बाते और हंसने की आवाज़ आ रही थी
मां ने गेट खोला
मैं -कोई आया है क्या
मां- हां, कुछ पुराने गेस्ट है
मैं -कौन
मां -पहले अंदर तो आ
कमल ने मां को नमस्ते किया
मां- आयो बेटा
कमल -जी
मेरे कमरे में जाने का दो रास्ता है एक हॉल होकर दूसरा गली से मैनें मां से कहा की गली तरफ का गेट खोल दो मेरे कमरे का क्योंकि मैं हॉल से नहीं जाना चाह रही थी अभी फिलहाल और कमल को भी जल्दी वापस जाना है हॉल में बैठने का मतलब देर हो जायेगा मैं मां से बोली
मां- अच्छा ,तुमलोग पीछे से आओ मैं दरवाजा खोल देती हूँ
हां बोलकर मैं और कमल गली की ओर से कमरे में
मैं -मां, कमल और हमारे लिए चाय और पानी यहीं ला दो
चाय पीने के बाद
कमल -जा रहा हूँ, मैडम
मैं -ठीक है, और आते रहना अब तो घर देख लिए हो
कमल -जी
और कमल चला गया उसके बाद मै चेंज कर हॉल में आई ,मां ने सबसे परिचय कराया मैंनें भी नमस्ते किया और सोफे पर बैठे गई
मां ने बताया की, ये तुम्हारे मामा जी के बचपन के मित्र मोहित मामा है और ये विक्की है इनका बेटा मामा जी के दोस्त मोहित मामा मां से करीब 3 साल छोटे थे क्योंकि मामा जी और उनके दोस्त बचपन के मित्र थे
विक्की की उम्र कमल के लगभग लग रहा था
पता चला की विक्की का यहां जॉब तबादला हुआ है
पहले अपने शहर में ही था
मेरा ऑचल मेरे सीने से जरा सरक गया था और मेरे बडे बडे बूब्स एक तरफ के नजर आ रहा था
गौर किया की विक्की मेरे सीने की घाटियों में बार बार नजरे घुमा रहा था ,1 बार हमारी नजरें मिली तो वो झेंप गया
एैसा लग रहा था की वो चूचियों की दरार में डूब जाना चाहता है शायद मेरा गदराया जवानी देख कर अपने आप में काबू नहीं कर पा रहा था
मैं अब कूकिंग के लिए किचन में चली आई
सब लोग बाते कर रहे थे, मैं यहीं से सुन रही थी
मां- अरे कोई बात नहीं मोहित, विक्की क्यों होटल में रूकेगा मैं तुम्हारी दीदी नहीं हूं क्या
मोहित - नहीं, दीदी मैं आपलोगो को परेशान नहीं करना चाहता और 1/2 हफ्ते में उसे कंपनी के ओर से प्लैट मिल ही जायेगा
मां- नहीं नहीं, जबतक प्लैट नहीं मिलता तबतक वो यहीं रहेगा और कमरे की कमी थोडी है 2 कमरा तो खाली ही पड़ा है
मोहित - जैसी आपकी मर्ज़ी दीदी, अच्छा कल मैं सुबह ही चला जाऊगा मेरा भी आफिस है 10 बजे तक पुहंच जाऊंगा
मां- ठीक है, और अंजू के मामा से कहना की भई दीदी गुस्सा कर रही थी वो क्यों नहीं आया जब घर के कार से आ रहे हो तब
मोहित -जी दीदी मैंने बहुत कहा पर कह रहा था कि अगली बार साथ में चलेंगे, अब तो आना जाना लगा रहेगा
मैं किचन से ही बोली खाना लगा दूं
मां ने कहा हां
फिर हम सब डिनर करके सब अपने अपने कमरे में सोने की तैयारी करने लगे
मां ने मोहित और विक्की को उनका कमरा दिखा दिया
मां भी अपने कमरे में चली गई
मैं रात में हमेशा जालीदार नाइटी या कभी कभी केवल ब्रा पैंटी में सो जाती हूं
पर आज 1गुलाबी रंग की सॉट गाउन
पहन ली
रात में बहुत ज्यादा गरमी लगने लगा तो गाऊन भी निकाल दिया और मैं पूरी तरह से नंगी अवस्था में बेड पर सो गई
करीब रात 3 बजे बहुत जोर की प्यास लगी तो मैंनें उठकर केवल ब्रा पैंटी पहन के किचन में चली गई पानी पीने
पानी पी कर जैसे ही निकली उसी समय शायद प्यास के मारे मोहित मामा जी भी किचन की ओर आ रहे थे और हम आपस में टकरा गये
मैं तो गिरने वाली ही थी मोहित मामा ने पकड़ कर गिरने बचा लिया
मैं भी मामा जी के कंधो के कस कर जकड़ लिया
मामा जी हाथ पीछे मांसल गांड पर था
मेरा चूची मोहित मामा के सीने में धंस गया
मैं संभलने के बाद अलग हुई
मोहित मामा -सॉरी वो प्यास लगी थी बहुत जोर की
मोहित मामा जी मेरे अंगो को प्यासी निगाहो से देखने लगे
मैं शरमा गई और जाने के लिए मुडी ही थी कि, अचानक मामा के दोस्त ने मुझे अपनी कंधो पर उठा लिया साथ ही मेरी पैंटी उतार कर फेंक दिया और कॉमन बाथरूम की ओर चल दिये मैं -ये कर रहे हो, छोडो मुझे
पर वो नहीं माने
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मैं मिन्नतें करती रह गयी पर वो बाथटब में मे लिटा दिया फिर तबाडतोड किस करते रहे
मेरा दिल जोर से धडक रहा था क्योंकि मैं बहुत थकी हुई थी और मेरा मन नहीं था चुदने का
पर वो जल्दबाजी में जबरदस्ती बाथटब में चोद रहे थे क्योंकि सुबह होने वाली थी और कोई उठ सकता था
मामा जी के दोस्त ने लंड को बूर से सटाया और जोर से धक्का दिया
मेरी तो जान ही निकल गया
आईईईईई.........
उफ्....
सूखे बूर में मोटा लंड चीरता हुआ अंदर समा गया
मोहित मामा जी मेरे बूर को भरपूर चोद रहे थे
समय ज्यादा नहीं था
15 मिनट तक चोदने के बाद वे सारा माल मेरे चूची पर गिरा कर तुरंत निकल गया
पर मुझे कोई संतुष्टी नहीं मिली
घर पर ही मेरा रेप हो गया था, मैं,भी चुपचाप कमरे चली गई...
To be continued.
उफ्फ फाइनली 2 और गेस्ट्स ने अंजु को जबरदस्त तरीके से चोद दिया.... और उसकी गांड भी मार ली...मज़ा आ गया अपडेट पढ़ कर... लोड़ा मस्त हो गयाUPDATE -15
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मैं तो अपने कमरे में लेटकर बिस्तर पर सुस्त पडी थी
विक्की कब वापस आया मुझे पता ही नहीं चला
मेरे कमरे का दरवाजा खुला था हॉल से सब कुछ दिख रहा था कि कमरे में
विक्की जब अपने कमरे में जाने लगा तो उसने मुझे देखा होगा और उसे लगा कि कंचन सो रही है क्योंकि मेरी मुलायम गोरी पीठ दिख रही थी, सो पहचान नहीं सका
पहले तो विक्की अपने कमरे में गया और हाथ मुह धोकर फ्रेस हो गया फिर दबे पाँव मेरे कमरे की ओर आने लगा ,कब कमरे में प्रवेश कर एकदम मेरे पास आकर मेरे संगमरमर सा बदन को पहले तो निहारने लगा तबतक मुझे पता ही चला
मेरी गोरी गोरी पीठ, पतली कमर और बडे बडे चूतड को देख वो पागल हुए जा रहा था
विक्की धीरे से मेरे पलंग पर मेरे बगल में बैठ गया,पहले तो मेरी पीठ पर अपनी हाथ को हल्के से गोल गोल फिराया मुझे बहुत गुदगुदी हो रही थी फिर झुक कर मेरी गोरी पीठ पर अपने गीले होठ से एक चुम्बन जड़ दिया
मुझे पीठ पर ठंडक का एहसास हुआ और विक्की के चूमते ही पीठ मेरी सिकुड़ गई
और 1 हल्की सी मुह से कसक निकली
मैं -सी sssssssssssss
मेरे जिस्म से जवानी की भींनी भींनी खुशबू आ रही थी जो विक्की को मदहोश करने लगा
उसने फिर से मेरी पीठ को मदहोशी में किस करने लगा
मैं -हम्म........... म..... म्म ......आह्हहहहहह
पर मैं पलट नहीं रही थी, मुझे भी अच्छा लग रहा था उसके किस करने पर
अब विक्की ने मेरे ब्लाउज के पीछे लगे लेस के एक छोर को अपने दांतो से पकडकर धीरे से खींचने लगा और मैंनें जो ब्लाउज कस कर बांधा था वह एक झटके में खुल गया मेरे तन के बैक को पूरा चमने लगा
और मैं केवल आह......... हम्म ऊफ....... की आवाजे निकाल रही थी पर विरोध नहीं कर पा रही थी
धीरे से अपना हाथ मेरे जिस्म और बेड के बीच घुसा कर साडी का आंचल को खींचा और किनारे कर दिया अब मुझे चूमने लगा और हाथ घुसा कर ब्लाउज के उपर से ही मेरी चूचियों को दबाने लगा
फिर उसने मुझे पलटकर सीधा किया, मेरी पलकें बंद थी अब विक्की ने साडी को मेरे जिस्म से अलग किया फिर ब्लाउज भी उतार दिया ,जिससे मेरे सुडौल गोल गोल चुचियां अाजाद हो कर विक्की के आंखों के सामने पेश हो गई फिर उसने दांतो से ही पेटीकोट का गांठ खोलने लगा और मेरा पेटी कोट को एक ओर कमरे में फेंक दिया
अचानक उसे क्या सूझा कि, वह भाग कर किचन में चला गया मैनें सोचा अरे क्या हुआ इसे पर फिर 2-3 मिनट के बाद एक कॉच का बॉल लेकर कमरे में दाखिल हुआ देखा तो उसने फ्रिज से बर्फ के छोटे बडे साईज के बर्फ साथ में लेकर आया
विक्की ने बर्फ के 1 टुकड़े को लेकर सबसे पहले तो मेरे निप्पल पर टच कराया
उफ्फ.......... आऊ....... सिसकारी भरते हुए मैं तो सिहर उठी
और फिर उस बर्फ को पूरे मेरे गले, और गोरी कसावदार चूची पर घुमाने लगा
उम्म............ आई............ ईई....... आऊ.....
धीरे धीरे वो मेरे पेट और गहरी नाभी की बढा एक हाथ से चूची को मसलने लगा
मेरा भी हाथ लंड की खोज में बढा और विक्की के काले मोटे लंड को पकड कर मैं भी सहलाने लगी
उसका पहले ही पूरा तन गया था, लग रहा था कि कोई खम्भा हो
विक्की का लंड मेहता सर और विक्की के पापा के लंड से ज्यादा लंबा और मोटा था
मैं पूरा कसमसाने लगी और इधर बिस्तर धीरे धीरे गीला हो रहा ..........
विक्की ने बर्फ को मेरे पैंटी के उपर लगड़ने लगा
मैं -उई ..........उम्म.......... म...... म्म... आह
पैंटी पूरी तरह से गीली हो गई, बूर रसीला हुआ जा रहा था
विक्की ने झुककर मेरे पैटीं को दांतो में दबा कर खींचने लगा फिर रूक कर अपनी एक उगली घुसा दी मेरे गांड में
मैं - चुहंक उठी और आऊ....... आह्ह.....
मेरी चूतड़ उछलने लगा अपनेआप
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पैंटी उतर जाने के बाद मैं पूरी तरह से नंगी अवस्था में बेड पर विक्की के सामने थी
एक धागा तक नहीं था मेरे नाजुक बदन पर
विक्की ने मुझे लिटा दिया और अपने लंड को मेरे मुंह में डाल दिया मैं बहुत चाव से चूसने लगी
विक्की पूरा मदहोश होने लगा, उसको भी मस्ती छा रही थी
विक्की ने मुझे उलटा किया और बूर के छेद के पास अपना मुँह ले गया
जैसे ही बूर को जीभ से चाटना शुरू किया
मैं तो सातवें आसमान पर पुहंच गयी
मैं -इम्म.............. आ.... आह....
उुुुुउउउउ.......................................
पूरे लसलसे बूर को चूमता चूसता रहा मेरा कामरस लगातार बूर से बह रहा था
![]()
मैं पूरा कसमसाने लगी और सुधबुध खो रही थी
कमरे में केवल सिसकारी गूंजने लगा
फिर विक्की ने अपना लंड मेरे बूर के छेद पर लगाया
और पेल दिया
मैं -मस्ती में ईई....... स.... ससससस......
उुउउ.... फ...... उप्फ.........
विक्की ने लंड का रफ्तार बढा दिया
लंड बूर में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था
हमदोनो मस्ती में चुदाई करने लगे
15 मिनट तक बूर चोदेने के बाद उसने मुझे उठाया और डोगी स्टाईल में कर दिया
और अपने लंड को थूक लगा कर मेरे गांड के छेद से सटाया और जोर से धक्का मार पेल दिया
मैं -दर्द के मारे आई..... ईई............ चीख पडी
विक्की का 12 इंच का मोटा लंड मेरी गांड की छेद में जबरदस्ती अंदर घूस रहा था तो दर्द लगना स्वाभाविक हैं, चोदते हुए विक्की मेरे बूब्स को जोर से मसल भी रहा था अब सुखद अहसास होने लगा
गांड चोदने के बाद फिर बूर की चुदाई चालू
कमरे में चुदाई की घमासान की आवाज पूरे कमरे में फैल चुकी थी
दोनों पसीने से लथपथ हो रहे, पर लंड की रफ्तार कम नहीं हुई और जोर से विक्की चोदने लगा
मैं -उम्म्........ म.......... आ...
उधर विक्की भी आह.... उह...... बहुत जोर से कर रहा था
20-25 चोदने के बाद हम चरम पर पुहचने वाले वाले थे
आऊ..... मम्.... आह.....
हमारी सांसे तेज हो गई थी....
फिर एक साथ ही हमदोनो झड गये
विक्की ने अपना वीर्य मेरे बदन में गिरा दिया
साथ ही पूरा बिस्तर भी गीला हो गया
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चुदाई के बाद पसीने की गंध हमारे सांसो में घुलने लगे
मस्त वाली जवानी की भींनी भींनी खुशबू आ रही थी
विक्की -मजा आ गया अंजू दी ,
मैं -हां बहुत मजा आया
विक्की -शुरू में मैनें, तुम्हें कंचन समझा था
मैं -सब पता है कैसे तुमने कंचन को पटा कर, 2दिनो तक रात और दिन चोदा
विक्की शरमाने लगा
विक्की -अच्छा कंचन दिख नहीं रही
मैं - वो चली गई, उसके बाबूजी की तबीयत खराब हो गई है
विक्की -वो
हमदोनो एक दूसरे को बाहों में भींच कर थे और बाते कर रहे थे
मैं -पर तुम्हारे तो भाग्य खुल गया
विक्की हंसने लगा
विक्की - बहुत दिन से तुमको चोदने की फिराक में था
जिस दिन पहली बार मैं पापा के साथ आया था तो अंजू दी तेरा दमकता गदराया यौवन देख कर तो मैं चोदने के लिए कब से मचल रहा था
मैं -तो कंचन को फिर........
विक्की -अरे वो चली जाती दो या तीन दिन रह कर इसलिए सोचा उसे जाने से पहले चोदूंगा जरूर
तुम तो यहीं हो
हमदोनो हंसने लगे
मैं भी खुश थी, अब मेरी रोज घर में ही बूर की प्यास बूझेगी
मैनें विक्की से कहा जा बाजार से कुछ सब्जियां ले आ विक्की ने हां कहा और कमरे में जाने लगा और बोला रात में तैयार रहना ,जम के चोदूंगा
मैं -ठीक है चोदना जी भरकर और
मैं भी उठ कर खिड़की से बाहर की ओर देखने लगी मैं अब भी नंगी अवस्था में ही थी और एैसे ही खिड़की से झांक रही थी
शाम होने वाली थी
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uuffff kaafi pani chhorti aur fudakti hui choot hai ye to
Update 21
आज सुमन बहुत खुश थी, क्यों कि आज पहली बार अपने मँगेतर से मिलने जो जाने वाली है
तभी राज ने दुबारा कॉल किया सुमन के फोन पर
दोनों की आपस में कुछ बाते हुई
मैं -क्या कहा राज ने
सुमन -कहा की कुछ ड्रेस रख लेना बाहर घूमने जाना है
मैं -मतलब आउटिंग
सुमन -यस, डियर सिस्टर
मैं -तो, मैं नहीं आती एक दो दिन लग जायेगा
सुमन -प्लीज़, दी
मैं -पर मां को...... तभी सुमन ने बोला कुछ करो न बडी मम्मी को मनाने के लिए
मैं अपनी बहन की जिद के आगे झुक गई
मैं -ठीक है, कुछ करती हूं
इतना सुनते ही सुमन नहाने चली गई और मैं किचन में आकर मां के कामों में हाथ बटाने लगी, ताकि मैं मां को मना सकू की हमलोग बाहर जा रहे हैं ,पर मन में डर था कि पता नहीं मां आउटिंग के लिए मानेगी या नहीं
किचन में काम करते हुए .....
मैं -मां मेरी कॉलेज की छुट्टी हो गई है
मां -ये बहुत अच्छी बात है
मैं - जी, मां एक बात बोलू
मां- हां हां बोल
मैं -हमलोग, बाहर आउटिंग पिकनिक के लिए जाना चाह रहे हैं
मां -किनके साथ
मैं थोडा सकपका गई पर तुरंत ही बोल दी
मैं -जी कॉलेज स्टॉफ सबके साथ
मां- पर सुमन....
मैं - चलेगा, मैनें लिस्ट में उसका भी नाम लिखवा दिया है
मां- जाना कहां है
मैं -अभी पता नहीं, पर आज 11 बजे तक कॉलेज पहुंचना है, सभी वहीं से बस में जायेगे
मां- पर.......
मैं -पर क्या मां प्लीज, सब पैसा भी जमा कर दी हूं
मां- लेकिन तू अब अचानक बता रही है
मैं - वो अंकल (कविता के ससुर) की तबीयत खराब होने से भूल गई थी मां
मां- ओ. के बाबा चली जा, हां दोनों एक दूसरे का ध्यान रखना
मैं ने मां को पूरा झूठ बोल दिया, पर खुश थी की चलो मां को मना तो लिया
मैं - थैंक्स मां बोल कर मां को गले लगा लिया
मां- धत् पगली कहीं की, जा अब नहाने देर हो जाएगा
मैं - वो सुमन नहा रही है
मैं भी कमरे में आकर बैग पैक करने लगी तबतक सुमन नहा कर बाहर आयी
दो घंटे के अंदर मैं और सुमन दोनो तैयार हो कर, मां को बॉय बोला और ऑटो के लिए जाने लगे
ये सुमन थी और अब मैं
मैं -सुमन राज ने कहां बुलाया है
सुमन -वो कार से यहीं लिंक रोड पर आ जायेगा
मैं -ओह हो एक बार मुझे से पूछा होता, यहां कोई देख लेगा और मां को बता दिया तो सब गडबड हो जाएगा, मैनें मां से कॉलेज पिकनिक का बहाना बनाया है
सुमन -कुछ नहीं होगा
हम चलते चलते थोडी देर में लिंक रोड पर आ गये थे,
मैं -राज को फोन करो और कहो की, लिंक रोड पर आगे सिगनल लाईट वाली चौराहे पर मिलेंगे
सुमन -पर दी वो तो काफी दूर है, हमलोग पैदल चल के थक जायेंगे
मैं -तू फोन कर
सुमन -जी
पर तभी एक चमचमाती ऑडी कार हमारे पीछे से आकर एकदम से रूक गयी
और एक बहुत ही हैंडसम नौजवान युवक बाहर निकला
सुमन -यही है राज (धीरे से बोली)
राज ने हमदोनों को हाय बोला
मैंनें सुमन को इशारा किया कि पहले कार के अंदर चलो बाकी बाते बैठ कर करना
क्योंकि घर से ज्यादा दूरी पर नहीं थे और डर रही थी कि कोई देख न ले जान पहचान वाले
हम सभी अंदर बैठ गये तो मैं चैन की सांस ली
राज अपने डाईवर के साथ आया था
कार चलने लगी, सुमन ने राज से मेरा परिचय कराया, हम सब बाते कर रहे थे तो मैनें नोटिस किया की राज बार बार मुड कर बाते कर रहा था
हमारी गाड़ी अब शहर से दूर निकल चुकी थी, तभी डाईवर ने हाईवे के एक पेट्रोल पंप पर गाडी रोक कर राज को बोला सर कितना का तेल लू
राज- फुल टैंक करवा लो, मैं वाशरूम से आता हूँ
और जैसे ही राज उतरा मैं भी उतर कर आगे की सीट पर बैठ गयी, राज आया तो बोला
अरे अंजू दी आप आगे
मैं -हां, अब तुम दोनों पीछे आराम से बाते करो और मैं सामने का नजारा
राज तो यही चाह रहा था, पर दोनों मेरी बातें सुनकर शरमा गये
सुमन -क्या दी तुम भी न......
मैं -अरे भई, सही तो किया, क्यों राज
राज- जी, दीदी
फिर हमारी यात्रा शुरू हुई,
राज और सुमन खूब बाते कर रहे थे, और कभी जोर से हंस देते, इधर मैं रास्ते का सीन देख रही थी बगल में जो डाईवर था दिखने में ठीक ठाक ही करीब 40-42 का लग रहा था
कभी कभी तिरछी नजर से देख रहा था, गौर किया की वो मेरे चूची को देख रहा जोकि सीटबेल्ट लगाने के कारण मेरी ज्यादा ही बाहर निकली हुई थी
थोडी बहुत बाते मैं भी उस डाईवर से करने लगी
मैं -आपका नाम क्या है
डाईवर -जैकी नाम है मेरा
मैं -लगता है जैकी दादा के फैन हो बोल कर हंस दी
सनी -जी, मेमसाहब मैं ज्यादा फिल्में नहीं देखता पर हां मैने उसकी रंगीला फिल्म बहुत बार देखी है
मैं झेंप गयी, बडी बोल्ड फिल्म थी
मुझे मेरी जांघों पर गुदगुदी सा एहसास हुआ
जैकी गियर चेंज करने के बहाने मेरी गोरी मांसल जाघों पर हाथ फिराने लगा
मैं जैसे ही नजर घुमाई, वो झट से हाथ स्टेयेरिंग पर लगा दिया, जैकी सकपका गया
जब मैं कुछ नहीं बोली तो, उसकी जान में जान आयी
इधर पीछे सुमन और राज अब बहुत ही सट बैठे थे राज ने सुमन की बाहों में अपना हाथ डाला हुआ था जिससे सुमन की बड़ी बड़ी चूचियां राज के सीने से रगड. खा रही थी दोनों एक दूसरे से मजे ले रहे थे
जो मुझे और जैकी को बैक मिरर पर साफ साफ दिखने लगा, शायद जैकी ने जानबूझ कर मिरर को थोडा घुमाकर रखा ताकि पीछे का सीन भी देख सके
फिर शीशे में दिखने लगा कि
राज ने रोमांटिक मुड में, सुमन के चेहरे को अपने हथेली में लिया और सुमन के गुलाबी होंठ पर अपने होठ सटा दिये, सुमन की पलकें झुकने लगी
राज ने सुमन को किस करना चालू किया और धीरे धीरे सुमन के होठों को चूसने लगा, सुमन भी साथ देने लगी
दोनों मदहोशी में एक दूसरे को किस कर रहे थे
और फिर राज ने अपना हाथ सुमन के चूची पर रख दिया और कपड़े के उपर से ही सहलाने लगा, सुमन पर मस्ती चढ़ रही थी, इधर उन दोनो को देखकर मेरा भी शरीर गर्म होने लगा और जैकी का लंड भी पैंट के अंदर ही सर उठा रहा था
सहलाते सहलाते राज ने सुमन के शॉट्स के अंदर हाथ बढ़ा डाला और कुछ इस तरह से उसके निप्पल से खेलने लगा
सुमन चुहंक गयी, उईईई....... .की हल्की सी आवाज मेरे कानों में आई, शायद जैकी ने भी सुना तो वह भी मिरर में देखने लगा,
वह बहुत ही आराम से स्लो चाल में गाडी चला रहा था कोई जल्दबाजी नहीं थी ,हो सकता है राज ने ही उसे बोला था स्लो ड्राईव के लिए
मिरर में देख जैकी ने फिर से मेरी जाघों को छूआ, पहले तो मैनें इग्नोर किया ,तो वो सहलाने लगा, मेरे बदन पर भी लगी चींटिंयां रेंगनें,
पर मैं ने उसके हाथ को हटा दिया
पर फिर उसने मेरी जांघो पर रख दिया
मैं बुदबुदाई ये क्या कर रहे हो
उसने मेरी ओर देख बेशरमी से दांत दिखाने लगा
जैकी जान चुका था कि उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है, तो उसने अब जबरदस्ती मैरे लेग्स को सहलाने मसलने लगा
मुझ पर भी खुमार चढने लगा, जैकी सामने देखकर गाडी चला रहा था पर उसकी बायीं हाथ मेरी गोरी मांसल जाघों पर घूम रही थी
मेरे सीने उपर नीचे हो रही थी, सांसें तेज रफ्तार से चल रही थी, मजा आने लगा तो मैं थोडा सरक कर नजदीक हो कर हल्के से घूम गयी, जिससे जैकी हाथ मेरे जवानी के द्वार तक पुहंच गया, वो
मेरी स्कर्ट के उपर से ही रगड़ने लगा
उफ् मैं तो क्या बताऊं, बदन में सनसनाहट होने लगी , मैनें आज एक बहुत ही पतली सी झींनीदार पैंटीं पहनी थी, जैकी जब मेरी स्कर्ट के अंदर अपनी उंगलियों को घुसाने की कोशिश करने लगा पर मैनें उसका हाथ पकड़ लिया ,
मुझे तो लगा मैने पैंटी ही नहीं पहनी है, बहुत ही सुखद अनुभव हो रहा था, कई दिनों से सेव नहीं किया था तो मेरी झांटें बहुत बड़ी हो गई थी,
वह कोशिश में था की मेरी जवानी के द्वार तक पुहंचे
अचानक जैकी ने मेरी पैंटी को नीचे करने की कोशिश कि पर मैनें उसका हाथ रोक लिया
मैनें उसे इशारा किया नहीं...
गाडी चली जा रही थी, हमें कुछ पता नहीं था कि राज कहॉ ले जा रहा है, तभी सामने एकदम से गायों का झुंड पार होने लगा
जैकी ने जोर ब्रेक मारा और कार रूक गयी , तो पीछे भी राज और सुमन को होश आया कि वे कार में हैं, दोनों सम्भल कर सीधे बैठ गये
जंगल के बीच से हम जा रहे थे कुछ चरवाहे थे जो अपने जानवरों को रोड क्रॉस करने में लगे थे
शीशे में दिखने लगा कि सुमन अपने कपड़े ठीक कर रही थी,
सुमन -राज और कितनी दूर है
राज- नेट में तो 74 किलोमीटर मैं नें देखा था, यहां तो नेटवर्क भी नहीं है
गाडी रूकी हुई थी तो राज उतर कर, उन चरवाहों से जाकर बात करने लगा, तबतक सारी गायें रोड क्रॉस कर चुकी थी
राज गाडी में आकर बोला
राज- बस ये जंगल पार करके कुछ ही दूरी पर पैराडाइज रिसॉट है करीब यहां से और 7-8 किलोमिटर होगा, चरवाहे ने बताया
मैं -पर तुम्हें इस जगह के बारे किसने बताया
राज- मेरे कुछ दोस्तों ने वे अक्सर यहां आते रहते हैं
सुमन -तुम पहले कभी नहीं आये हो
राज- नहीं, यही तो सरपराईज है डियर
15 मिनट में हम जंगल पार करके एक खूबसूरत जगह पर पुहचे चारो ओर हरियाली थी और एक ओर पहाड़ जहां दूर एक झरना गिर रहा था
अब हमलोग रिसॉट में पुहंच चुके थे जहॉ राज ने पहले से ही दो कमरे बुक कर रखा था,
चाबी लेकर रूम बॉय हमें कमरे तक छोड़ आया
बहुत ही खूबसूरत और शानदार महल के जैसा रिसॉट था, सुमन तो खुशी से झूम उठी
मैं तो पहले नहाने के लिए बाथरूम में गई
और सुमन लॉन में घूम घूम कर देखने लगी
शॉवर के नीचे ठंडे ठंडे पानी की बूंदे जब मेरे नंगे बदन पर गिर रहा था तो मैं खामोशी से कार में बिताये वो दो घंटे के पलो को याद करने लगी
मेरे निप्पल तन गये, मैं बॉडी शॉप से मल मल कर नहाने लगी, कुछ देर में सुमन ने आवाज़ दी
सुमन -दी हुआ तेरा ,मुझे भी नहाना है
मैं -हां हां निकल रही हूं
फिर सुमन नहाने चली गई और मैं एैसे ही बिना कपडों के बेड पर सुसताने लगा
किसी ने दरवाजा नॉक किया
मैं हडबड़ा गई और पूछा
मैं -कौन.
राज- राज बोल रहा हूँ दी,
मैं -हां, बोलो
राज -अरे दरवाजा तो खोलिए
मैं तो एकदम से घबरा गई, क्योकि मैं पूरी तरह से नंगी अवस्था में बेड पर थी,मैं झट से उठने लगी
और पैंटी खोजने लगी
फिर बोली
मैं -रूको... रूको, खोलती हूं
बोलकर जल्दी जल्दी पैंटी पहने लगी
मेरे पूरे कपड़े पहनते पहनते, सुमन भी नहा कर निकली और बोली कौन बाहर बार बार नॉक कर रहा है
मैं -राज है
सुमन - अंजू दी तो अब तक क्यों उसे बाहर खड़ा कर रखा है
बोलकर सुमन खुद ही दरवाजे की ओर बढी पर तबतक शायद राज वापस जा चुका था
सुमन - वो चला गया, तुम भी न दीदी पता नहीं क्या कर रही थी
पर मैं कैसे सुमन से कहती की मैं पूरी तरह से नंगी अवस्था में बेड पर थी
फिर राज ने कॉल कर बोला नीचे खाने के टेबल पर इंतजार कर रहा है और सुमन और मैं नीचे जाने लगे
भूख जोरो की लगी थी,
एक से बढकर एक लजीज खाना परोसा जाने लगा सब ने भर पेट खाना खाया
राज और जैकी ने तो साथ में हल्का ड्रिंक भी लिया
लास्ट में आईसकिर्म का मजा वाह.....
सुमन आईसकिम के साथ और मैं खाने के बाद थोडा आराम के मूड में
जैकी बार बार मुझे ही घूर रहा था, मैं एैसे एेंगल से बैठी थी सोफे पर की मेरी चिकनी कांख नजर आ रही थी जिसे देख जैकी के दिल पे सांप लोटने लगे, राज और सुमन अपने में मस्त थे
तभी मैनें कहा....
मैं कुछ देर आराम करना चाहती हूं मैं चली
सुमन -दीदी तुम चलो मैं आती हूँ ...
To be continued..
HVery nice please keep it up
Waiting for next update
Yhaan tak ka update padha... bohot mast .... kamukta bhara...Update 23
अगले दिन हमारा पिकनिक का प्लान बना था, तो सब सुबह उठकर तैयारी कर रहे थे
सुमन -दीदी ये कपड़े रख लो
मैं -हां
बोलकर ब्रा पैंटी छांटने लगी
सुमन और मैं कुछ कपड़े और अंडरग्रामेन्ट रख लिये ताकि वाटरफॉल पर मस्ती कर सके
upload an image
नीचे राज और जैकी हमारे आने का इंतजार कर रहे थे
हमलोगो को देखते ही
राज- वाऊ, यू बोथ आर लुकिंग वेरी हॉट
साथ ही जैकी ने भी मेरे बडे बडे गोले को नापते हुए चीभ फिराने लगा
मैं तो शरमा गई, क्योंकि सुमन ने जिद करके ये ड्रेस पहना दिया और जिसमें मेरी चूची आधी से ज्यादा नजर आ रही थी
खैर हम सब वाटरफॉल पर पुहंच चुके
बहुत ही खूबसूरत नजारा था
चारो ओर जंगल उसके बीच पहाडों के ऊपर से गिरता झरना बहुत ही खूबसूरत लग रहा था
राज- कैसा लग रहा है
सुमन -वाह, राज बडा प्यारा एहसास हो रहा है
मैं -बहुत ही रोमांटिक जगह है
बोलकर मैं हंस दी
ये सुनकर सब हंस पडे
कार पार्किंग कर जैकी भी आने लगा, फिर हम सब जंगलों में घूमने लगे काफी दिनों के बाद शहर से बाहर एकदम एकांत जगह बडा मजा आ रहा था
राज और सुमन चलते चलते हमसे आगे निकल चुके थे
पीछे मैं और जैकी रह गये
की अचानक मैं एक पत्थर से टकरा गयी और
मैं -आऊ.....
जैकी -अरे क्या हुआ मेमसाहब
गिरने ही वाली थी की जैकी ने मुझे थाम लिया
मेरे पैरों पर हल्की सी चोट लग गयी थी
मैं - उफ् पैर में चोट लग गयी
जैकी -सहारा दू
मैं -हल्की चोट है, मैं चल लूंगी
जैकी - मेरे पास, शायद बैंडज होगा पर गाडी में है
वह तुरंत गाडी की ओर भागा और किट बॉक्स लेकर आ गया
जैकी ने मेरी पैर के अंगूठे पर दवाई लगाई फिर पट्टी बांध दी
जैकी -चले अब
मैं -हां
पर दर्द से मैं ठीक से चल नहीं पा रही थी,
जैकी -अंजू, मैडम चलिए वापस
मैं -पर राज और सुमन
जैकी -वो वापस आ जायेंगे
मैं -ठीक है
जैकी और मैं चलने लगे, मैं तो लंग्डा कर चल रही थी, तभी जैकी ने मुझे उठाया अपने गोद में और वापस झरने के पास आ गये
पानी को देख कर मुझसे रहा नहीं गया और मैं नहाने के लिए.........
तो जैकी सामने से मुझे उठाया और मेरी चूची जैकी के हाथों में
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मैं और जैकी झील के ठंडे ठंडे पानी में उतर चुके थे
उई........ क्या सीन था
जैकी मेरे बदन से लिपट कर मेरे गदराये बदन को चूमने लगा
पानी के अंदर तो आग लग गयी
धीरे धीरे जैकी ने मेरे जिस्म से सारे कपडो को निकाल दिया और उसने अपने भी
हम पूरी तरह से नंगे हो चुके थे
फिर जैकी ने मुझे लेकर कार के पीछे लेकर आया और वहीं जंगल में चुदाई करने लगा
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To be continued.......
Uff badi hi chudakkad Gadarayi jawani h sali ki