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सुनिलं ने मुझे बाहों में भरकर कहा ,--रेखा तू मस्त औरत है मेरी जिंदगी में जितनी औरते आयी है उनमें सबसे गरम औरत है जिसने मुझे थका दिया पर खुद नही थकी ।
में ,--औरत का काम ही यही है आदमी को ठंडा करना ,फिर सारी मेहनत तो आदमी को करनी पड़ती है।
सुनिलं ,--पर तुम पहली औरत हो जिसने खुद आगे बढ़कर गाँड आफर की और मेरी संतुष्टि का ख्याल रखा ऐसा करने वाली तुम पहली औरत हो ।वरना एक बार औरत के झड़ते ही वो ऐसे बिहेव करती है जैसे कोई मजबूरी में कर रही हो।
मैं ,--तुमने मुझे सन्तुष्ट करने की कीमत चुकाई है और जब मेने पैसे लिए तो सन्तुष्ट करना ही था ।
सुनिलं ,--तुझे में अगली बार आऊंगा तो मेरे दोस्त के पास लेकर चलूंगा वो खुश हो जाएगा ।
मैं ,--पर ये कीमत मेने इसलिए कबूल कर ली क्योंकि कोई भी आदमी सर्विस देखकर ही पैसा देता है ।और आगे के लिए कीमत तय करता है।आज तुमको अपनी सर्विस दे दी आगे से कीमत में तय करूँगी।
सुनिलं ,--अरे पैसे तुझे कल् और मिल जाएंगे तूने मुझे खुश कर दिया ।अब तुम्हारी कीमत तुम नही मैं तय करूंगा ।
में ,--तो अब और एक राउंड नही करोगे ।
सुनिलं मुझे चूमकर ,--क्यो नही थोड़ा सा रेस्ट करने के बाद करेंगे पहले कुछ बाते हो जाये ।
मैं ,--बोलो क्या बात करनी है ।
सुनिलं ,--तुम सरजू के सामने बहु बनकर ही रहना उसको पता नही चलना चाहिए हम दोनों के बीच की बातें ।
मैं ,--यही बात में तुमको बोलने वाली थी सरजू को बोल दिया तो वो रीता को कभी नही भेजेगी ।
सुनिलं ,--मेरी तरफ से तुम बेफिक्र रहो बस मुझे एक बार उसकी बेटी को चोदना है ।
मैं ,--उसकी बेटी या तुम्हारी खुद की ।
सुनील ,--रजु जैसी औरत का कुछ पता नही, क्या पता किसका बीज डलवाया है उसने।
मैं ,--तुम चिंता मत करो राजा उसकी बेटी खुद बेचैन है चुदने को और मेरे राजा का लण्ड उसकी कमसिन चुत में बहुत जल्द जाएगा ।
सुनील ,--पर उसको तुम अपनी तरह से बनाओ ।मर्द को असली मज़ा तभी आता है जब औरत तुम्हारी तरह बेशर्म और जानकार हो।
मैं ,--उसको में अपने से भी ज्यादा स्मार्ट बनाउंगी ।उस की जवानी मेरे लिए लॉटरी जैसी है जो मुझे जिंदगी भर के लिए ऐश करवाएगी इसलिए मेने उसको पूरा निखार कर मज़े लूटने है।
सुनिलं ने सुना तो वो मुझे चूमकर बोला ,--रेखा तू बहुत आगे जाएगी तेरी जवानी अभी उठाव पर है तेरा शरीर अभी पूरा कसा हुआ है बूब्स और चुत दोनों कसे हुए है और तू जितने जोश के साथ चुदआती है वो एक मर्द को कोठे पर भी नही मिलेगा ।
मैं ,--सब मोबाइल की वजह से है मेने घर मे बैठ कर नेट पर सब पढ़ा और सीखा है कि कैसे खुद के साथ सामने वाले को एन्जॉय करवाया जाए ।
मेने सुनिलं की बाहों से खुद को मुक्त करवाया और उसको बोली ,--राजा में तेरे को दूसरे राउंड में मज़ा करवाने के लिए तैयार होकर आती हूँ बाथरूम से तब तक तुम अपने आप को तैयार करो ।
सुनिलं ,--पर में क्या तैयारी करूँ ।
में ,--दूसरे राउंड में रेखा नही में तेरी बेटी रीता बनकर आऊंगी जो अपने असली पापा से रिकवेस्ट करूँगी की मुझे कुंवारी कन्या से औरत बना दे ।
सुनिलं ने ये सुना तो उसका हाथ अपने लण्ड पर चला गया और वो बोला ,--तू वाकई में आदमी की कमजोरी जानती है देख लण्ड में करंट आ गया ।
फिर मेने सुनिलं को रूम से पन्द्रह मिनट के लिए बाहर जाने को बोला ।सुनिलं नंगा ही सिगरेट का पैकेट उठाकर बाहर चला गया।
मेने सीमा की अलमारी खोली और उसके कपड़े चेक करने लगी तो उसमे एक स्कर्ट टॉप मिल गया जिसे लेकर बाथरूम में घुस गई।
बाथरूम में अच्छे से स्नान करने के बाद खुद को तौलिए से पोंछकर साफ किया फिर बिना ब्रा पेंटी के स्कर्ट टॉप पहना और बाहर आकर गहरा मेकअप किया और बालों को खुला रखकर टॉप का ऊपर का बटन खोलकर हाल में आई जहाँ सुनिलं सिगरेट पी रहा था।
मेने सुनिलं अंकल के हाथ से उनकी आधी सिगरेट ली और उनकी गोद मे बेठकर सिगरेट का लंबा कश लिया और फिर उसका धुंआ सुनिलं अंकल के मुंह पर छोड़ने लगी।
सुनिल ,-वाह रेखा तू तो हर काम मे एक्सपर्ट है इस तरह तो सिगरेट वही पी सकता है जिसने बहुत सिगरेट पी हो ।
मैं ,--अंकल मुझे रेखा नही रीता बोलिये औऱ आप ये बात याद रखिये की आप को अपने पैसे की कीमत वसूल करनी है ।
सुनिलं ,--वो तो है तुम पहली औरत हो जो अपने आप से ज्यादा मेरी संतुष्टि का ध्यान रख रही हो मेरी लाइफ में ऐसा मज़ा कभी नही आया ।
मैं ,--थैंक्स पापा आज ये आपकी बेटी रीता आपको अभी दो दिन और भी मज़े करवाने वाली है ।
मेने सिगरेट के कश लगाते हुए सिगरेट को अंकल के मुंह से लगाकर उनको भी सिगरेट पिला रही थी मेरी गाँड के निचे उनका लण्ड अब चुभने लगा था ।अंकल ने सिगरेट को ऐश ट्रे में डाला और मुझे एक बार फिर से गोद मे उठा लिया ।
मैं ,--पापा आप मुझे अब भी छोटी बच्ची की तरह उठा लेते हो ।
सुनिलं ,--गुड़िया तुझे आज में छोटी बच्ची से औरत बना दूंगा ।
मैं ,--ओह्ह पापा बना दीजिये आखिर आप नही तो आपकी इस बेटी का ख्याल कोन रखेगा।
सुनिलं मुझे गोद मे उठाये बैडरूम में लेकर आ चुका था और फिर उसने मुझे बेड पर बिठाया और मेरा टॉप खोलने लगे ।
मैं ,प्लीज पापा मुझे आपसे शरम आएगी आप मुझे ऐसे ही औरत बना दो ना ।
सुनिलं ,अरे रीता बेटी औरत बनने के लिए लड़की को नंगी होना पड़ता है ।
इसके साथ ही सुनिलं ने मुझे टॉपलेस कर दिया और फिर मेरा स्कर्ट खोलकर फेंक दिया ।
मैं ,--पापा अब जल्दी से मुझे औरत बना दो ।
सुनिलं ,--बेटी इतनी जल्दी क्या है ।
मैं ,--मुझे भी मम्मा जैसे खुलकर घूमना है साड़ी पहनकर और अपनी छाती को मम्मा जैसी बड़ी करवानी है ।
सुनिलं ,--तू चिंता मत कर तेरी चुचियों को तो में तेरी मम्मी से भी बड़ी बना दूंगा ।
सुनिलं अंकल ने मेरी चूची मसलते हुए मुझे बेड पर गिरा दिया और अपना लण्ड एक झटके में मेरी चुत में डालकर बोले ,--ले बेटी तेरे पापा ने तुझे औरत बना दिया है अब तू लड़की से औरत बन गयी ।
मैं ,--थैंक यू पापा,पर में औरत कैसे बनी।
सुनिल,--बेटी ये मूसल तुम्हारी चुत में घुसाया है उससे तेरी चुत फट गई और लड़की से औरत चुत फटते ही बन जाती है।
मैं ,--अहह.......पापा अब अपनी बेटी को कसकर चोद डालिये मेरी चुत में बहुत खुजली होती है आज इसको हमेशा के लिए मिटा दीजिये।
सुनिल ने ये सुनकर मेरी चुत को कूटना चालू कर दिया और लगातार दस पन्द्रह मिनट तक नॉनस्टॉप चुदाई करके मुझे झड़ने के करीब ला दिया ।
मैं ,--अहह.....पापा में झड़ने वाली हूँ आप ने तो मुझे बहुत जल्द झडा दिया ।
सुनिलं ,--ओह......रूक बेटी बस में भी आ ही रहा हूँ मेरा पानी निकलने वाला है कहा गिराऊं ।
मैं ,--अहह....डाल दो पापा अपनी बेटी की चुत में भर दो इसे अपने गर्म पानी से ।
इसके साथ ही मेरी चुत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया और उसकी जगह सुनिलं अंकल का वीर्य मेरी चुत में जमा होने लगा ।
मेने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के साढ़े चार बजे रही थी ।मेने सुनिलं अंकल को किस किया और उनके नीचे से निकलकर खड़ी हुई ,फिर पैसे, सोने की चैन और अपने फ्लैट की चाभी उठायी और फिर सुनिल अंकल को दिन में आने का बोलकर बाहर आई ।
बाहर आकर सरजू के रूम का गेट खोला और नंगी ही फ्लेट खोलकर बाहर आई और नंगी ही ऊपर सीढ़ियों से चढ़कर अपने फ्लैट का ताला खोलकर फ्लेट में घुस आई ।
जब बेडरूम में घुसी तो अमित घोड़े बेचकर सो रहा था मेने अलमारी में पैसे और चैन छुपाई और उसमे से डिल्डो निकाला और उसको अपनी चुत में डालकर सुनिलं के वीर्य से गिला किया और उसे अपने पेट पर रखकर सो गई।
जारी है ..........
में ,--औरत का काम ही यही है आदमी को ठंडा करना ,फिर सारी मेहनत तो आदमी को करनी पड़ती है।
सुनिलं ,--पर तुम पहली औरत हो जिसने खुद आगे बढ़कर गाँड आफर की और मेरी संतुष्टि का ख्याल रखा ऐसा करने वाली तुम पहली औरत हो ।वरना एक बार औरत के झड़ते ही वो ऐसे बिहेव करती है जैसे कोई मजबूरी में कर रही हो।
मैं ,--तुमने मुझे सन्तुष्ट करने की कीमत चुकाई है और जब मेने पैसे लिए तो सन्तुष्ट करना ही था ।
सुनिलं ,--तुझे में अगली बार आऊंगा तो मेरे दोस्त के पास लेकर चलूंगा वो खुश हो जाएगा ।
मैं ,--पर ये कीमत मेने इसलिए कबूल कर ली क्योंकि कोई भी आदमी सर्विस देखकर ही पैसा देता है ।और आगे के लिए कीमत तय करता है।आज तुमको अपनी सर्विस दे दी आगे से कीमत में तय करूँगी।
सुनिलं ,--अरे पैसे तुझे कल् और मिल जाएंगे तूने मुझे खुश कर दिया ।अब तुम्हारी कीमत तुम नही मैं तय करूंगा ।
में ,--तो अब और एक राउंड नही करोगे ।
सुनिलं मुझे चूमकर ,--क्यो नही थोड़ा सा रेस्ट करने के बाद करेंगे पहले कुछ बाते हो जाये ।
मैं ,--बोलो क्या बात करनी है ।
सुनिलं ,--तुम सरजू के सामने बहु बनकर ही रहना उसको पता नही चलना चाहिए हम दोनों के बीच की बातें ।
मैं ,--यही बात में तुमको बोलने वाली थी सरजू को बोल दिया तो वो रीता को कभी नही भेजेगी ।
सुनिलं ,--मेरी तरफ से तुम बेफिक्र रहो बस मुझे एक बार उसकी बेटी को चोदना है ।
मैं ,--उसकी बेटी या तुम्हारी खुद की ।
सुनील ,--रजु जैसी औरत का कुछ पता नही, क्या पता किसका बीज डलवाया है उसने।
मैं ,--तुम चिंता मत करो राजा उसकी बेटी खुद बेचैन है चुदने को और मेरे राजा का लण्ड उसकी कमसिन चुत में बहुत जल्द जाएगा ।
सुनील ,--पर उसको तुम अपनी तरह से बनाओ ।मर्द को असली मज़ा तभी आता है जब औरत तुम्हारी तरह बेशर्म और जानकार हो।
मैं ,--उसको में अपने से भी ज्यादा स्मार्ट बनाउंगी ।उस की जवानी मेरे लिए लॉटरी जैसी है जो मुझे जिंदगी भर के लिए ऐश करवाएगी इसलिए मेने उसको पूरा निखार कर मज़े लूटने है।
सुनिलं ने सुना तो वो मुझे चूमकर बोला ,--रेखा तू बहुत आगे जाएगी तेरी जवानी अभी उठाव पर है तेरा शरीर अभी पूरा कसा हुआ है बूब्स और चुत दोनों कसे हुए है और तू जितने जोश के साथ चुदआती है वो एक मर्द को कोठे पर भी नही मिलेगा ।
मैं ,--सब मोबाइल की वजह से है मेने घर मे बैठ कर नेट पर सब पढ़ा और सीखा है कि कैसे खुद के साथ सामने वाले को एन्जॉय करवाया जाए ।
मेने सुनिलं की बाहों से खुद को मुक्त करवाया और उसको बोली ,--राजा में तेरे को दूसरे राउंड में मज़ा करवाने के लिए तैयार होकर आती हूँ बाथरूम से तब तक तुम अपने आप को तैयार करो ।
सुनिलं ,--पर में क्या तैयारी करूँ ।
में ,--दूसरे राउंड में रेखा नही में तेरी बेटी रीता बनकर आऊंगी जो अपने असली पापा से रिकवेस्ट करूँगी की मुझे कुंवारी कन्या से औरत बना दे ।
सुनिलं ने ये सुना तो उसका हाथ अपने लण्ड पर चला गया और वो बोला ,--तू वाकई में आदमी की कमजोरी जानती है देख लण्ड में करंट आ गया ।
फिर मेने सुनिलं को रूम से पन्द्रह मिनट के लिए बाहर जाने को बोला ।सुनिलं नंगा ही सिगरेट का पैकेट उठाकर बाहर चला गया।
मेने सीमा की अलमारी खोली और उसके कपड़े चेक करने लगी तो उसमे एक स्कर्ट टॉप मिल गया जिसे लेकर बाथरूम में घुस गई।
बाथरूम में अच्छे से स्नान करने के बाद खुद को तौलिए से पोंछकर साफ किया फिर बिना ब्रा पेंटी के स्कर्ट टॉप पहना और बाहर आकर गहरा मेकअप किया और बालों को खुला रखकर टॉप का ऊपर का बटन खोलकर हाल में आई जहाँ सुनिलं सिगरेट पी रहा था।
मेने सुनिलं अंकल के हाथ से उनकी आधी सिगरेट ली और उनकी गोद मे बेठकर सिगरेट का लंबा कश लिया और फिर उसका धुंआ सुनिलं अंकल के मुंह पर छोड़ने लगी।
सुनिल ,-वाह रेखा तू तो हर काम मे एक्सपर्ट है इस तरह तो सिगरेट वही पी सकता है जिसने बहुत सिगरेट पी हो ।
मैं ,--अंकल मुझे रेखा नही रीता बोलिये औऱ आप ये बात याद रखिये की आप को अपने पैसे की कीमत वसूल करनी है ।
सुनिलं ,--वो तो है तुम पहली औरत हो जो अपने आप से ज्यादा मेरी संतुष्टि का ध्यान रख रही हो मेरी लाइफ में ऐसा मज़ा कभी नही आया ।
मैं ,--थैंक्स पापा आज ये आपकी बेटी रीता आपको अभी दो दिन और भी मज़े करवाने वाली है ।
मेने सिगरेट के कश लगाते हुए सिगरेट को अंकल के मुंह से लगाकर उनको भी सिगरेट पिला रही थी मेरी गाँड के निचे उनका लण्ड अब चुभने लगा था ।अंकल ने सिगरेट को ऐश ट्रे में डाला और मुझे एक बार फिर से गोद मे उठा लिया ।
मैं ,--पापा आप मुझे अब भी छोटी बच्ची की तरह उठा लेते हो ।
सुनिलं ,--गुड़िया तुझे आज में छोटी बच्ची से औरत बना दूंगा ।
मैं ,--ओह्ह पापा बना दीजिये आखिर आप नही तो आपकी इस बेटी का ख्याल कोन रखेगा।
सुनिलं मुझे गोद मे उठाये बैडरूम में लेकर आ चुका था और फिर उसने मुझे बेड पर बिठाया और मेरा टॉप खोलने लगे ।
मैं ,प्लीज पापा मुझे आपसे शरम आएगी आप मुझे ऐसे ही औरत बना दो ना ।
सुनिलं ,अरे रीता बेटी औरत बनने के लिए लड़की को नंगी होना पड़ता है ।
इसके साथ ही सुनिलं ने मुझे टॉपलेस कर दिया और फिर मेरा स्कर्ट खोलकर फेंक दिया ।
मैं ,--पापा अब जल्दी से मुझे औरत बना दो ।
सुनिलं ,--बेटी इतनी जल्दी क्या है ।
मैं ,--मुझे भी मम्मा जैसे खुलकर घूमना है साड़ी पहनकर और अपनी छाती को मम्मा जैसी बड़ी करवानी है ।
सुनिलं ,--तू चिंता मत कर तेरी चुचियों को तो में तेरी मम्मी से भी बड़ी बना दूंगा ।
सुनिलं अंकल ने मेरी चूची मसलते हुए मुझे बेड पर गिरा दिया और अपना लण्ड एक झटके में मेरी चुत में डालकर बोले ,--ले बेटी तेरे पापा ने तुझे औरत बना दिया है अब तू लड़की से औरत बन गयी ।
मैं ,--थैंक यू पापा,पर में औरत कैसे बनी।
सुनिल,--बेटी ये मूसल तुम्हारी चुत में घुसाया है उससे तेरी चुत फट गई और लड़की से औरत चुत फटते ही बन जाती है।
मैं ,--अहह.......पापा अब अपनी बेटी को कसकर चोद डालिये मेरी चुत में बहुत खुजली होती है आज इसको हमेशा के लिए मिटा दीजिये।
सुनिल ने ये सुनकर मेरी चुत को कूटना चालू कर दिया और लगातार दस पन्द्रह मिनट तक नॉनस्टॉप चुदाई करके मुझे झड़ने के करीब ला दिया ।
मैं ,--अहह.....पापा में झड़ने वाली हूँ आप ने तो मुझे बहुत जल्द झडा दिया ।
सुनिलं ,--ओह......रूक बेटी बस में भी आ ही रहा हूँ मेरा पानी निकलने वाला है कहा गिराऊं ।
मैं ,--अहह....डाल दो पापा अपनी बेटी की चुत में भर दो इसे अपने गर्म पानी से ।
इसके साथ ही मेरी चुत ने पानी छोड़ना चालू कर दिया और उसकी जगह सुनिलं अंकल का वीर्य मेरी चुत में जमा होने लगा ।
मेने घड़ी की तरफ देखा तो सुबह के साढ़े चार बजे रही थी ।मेने सुनिलं अंकल को किस किया और उनके नीचे से निकलकर खड़ी हुई ,फिर पैसे, सोने की चैन और अपने फ्लैट की चाभी उठायी और फिर सुनिल अंकल को दिन में आने का बोलकर बाहर आई ।
बाहर आकर सरजू के रूम का गेट खोला और नंगी ही फ्लेट खोलकर बाहर आई और नंगी ही ऊपर सीढ़ियों से चढ़कर अपने फ्लैट का ताला खोलकर फ्लेट में घुस आई ।
जब बेडरूम में घुसी तो अमित घोड़े बेचकर सो रहा था मेने अलमारी में पैसे और चैन छुपाई और उसमे से डिल्डो निकाला और उसको अपनी चुत में डालकर सुनिलं के वीर्य से गिला किया और उसे अपने पेट पर रखकर सो गई।
जारी है ..........