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Romance In Love.. With You... (Completed)

wish vish

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Update 50



राघव के कहने पर शेखर घर आ गया था अपना टास्क पूरा करने लेकिन देशपांडे परिवार के लोगों को एकसाथ बाहर ले जाना आसान काम तो था नहीं लेकिन शेखर पूरी कोशिश मे लगा हुआ था।

शिवशंकर- हम सब को कहा ले जा रहे हो शेखर??

दादू ने कन्फ्यूजन मे पूछा क्युकी दोपहर का समय होने वाला था और ऐसे अचानक शेखर के आने पर वो कंफ्यूज थे क्युकी नॉर्मली शेखर ऑफिस से जल्दी नहीं आ पाता था

शेखर- दादू हम अनाथ आश्रम जा रहे है!!!

शिवशंकर- अचानक क्यू??

शेखर- वो इसीलिए क्युकी वहा गए बहुत समय हो गया है बच्चे याद कर रहे थे हमे और मॉम और बड़ी मा भी मेरी शादी के बाद से वहा नहीं जा पाई है और फिर हम गाँव चले गए थे इसीलिए सोचा आज वहा विज़िट दे दे

शेखर ने बात समझाई

जानकी- बात सही है तुम्हारी लेकिन घर पर भी कोई चाहिए ना और श्वेता भी अपने मायके गई है

मीनाक्षी- हम ऐसा करते है कल चलते है आज मुझे भी थोड़े काम है

शेखर- नहीं!!! मतलब.... मॉम काम तो बाद मे भी हो जाएगा ना और बच्चे राह देख रहे है मैंने उन्हे हम आ रहे है कह दिया है और सब तयारी भी कर ली है और वैसे भी भाभी आ जाएंगी कुछ देर मे

गायत्री- तयारी? कैसी तयारी??

शेखर- आप लोग बहुत ज्यादा सवाल करते हो रेडी हो जाओ ना

क्यू मेरी लाइफ पे काक्रोच चलाना चाहते हो’

शेखर ने सबके सवालों से परेशान होते हुए कहा और बाद वाली लाइन अपने मन मे सोची, वो आज अच्छा फसा था एक तो उसे ऑफिस से कुछ घंटों की छुट्टी लेनी पड़ी ऊपर से उसका भाई उसके काम का बोझ जरा सा भी कम नहीं करने वाला था ये वो जानता था और अब यहा घरवाले भी मान नहीं रहे थे लेकिन जैसे तैसे शेखर ने उन्हे मना लिया था और वो सबको लेकर घर के बाहर चला गया

इधर ऑफिस मे राघव लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था तभी उसे डिलीवरी कंपनी से कॉल आया के बेड डिलिवर हो रहा है फिर राघव ने अपने घर पर वर्कर्स को इन्स्ट्रक्शन देकर बेड सही से फिट कराने कहा और फिर उसने सीसीटीवी फुटेज चेक किया जो उसके ऑफिस मे था ताकि वो देख सके के उसके एम्प्लोयी सही काम कर रहे है या नहीं

राघव सीसीटीवी को नॉर्मली ही देख रहा था तभी उसकी नजर एक शक्स पर पड़ी

उसने देखा के नेहा एक लड़के के साथ हस हस कर बाते कर रही थी, राघव ने उस लड़के को गौर से देखा और अभी तक सब कुछ ठीक था लेकिन राघव की आंखे तब बड़ी हो गई जब उसने देखा के नेहा ने उस लड़के के हाथ पर हल्के से मारा और उसके साथ हसने लगे

इतना क्या टची होना है’ राघव का जबड़ा कस गया और वो अपनी जगह से उठा और केबिन के बाहर आया, नेहा और राघव के स्वभाव का सबसे बड़ा डिफरेंस यही था के राघव ज्यादा बोलता नहीं था उसे लोगों मे ज्यादा घुलना मिलना पसंद नहीं था इसीलिए विशाल के अलावा उसका कोई दोस्त भी नहीं था वही नेहा का नेचर एकदम फ़्रेंडली था उसे नए लोगों से मिलना बाते करना पसंद था

नेहा- आप बहुत फनी हो शुभम जी सच मे....

शुभम – थैंक यू मैडम और आप भी....

नेहा – मैडम मत कहो यार हम सेम एज के है आप मुझे नेहा बुला सकते है

शुभम– ओह.. ओके नेहा जी

नेहा- फिर कोई गर्लफ्रेंड वगैरा??

शुभम – ना ना हम सिंगल ही अच्छे है वैसे भी हमे कौनसी लड़की पूछेगी

नेहा- क्यू? तुम अच्छे दिखते हो, तुम्हारी बात चीत से पता चलता है नेचर अच्छा है तुम्हारा मुझे तो पक्का यकीन है के तुम्हें कई लड़कियों ने प्रपोज किया होगा

नेहा के बात पर शुभम ने गर्दन झुका की

शुभम- ऐसा कुछ नहीं है

नेहा – फिर कैसा है

राघव- वो उसे पता चलेगा तब वो आपको जरूर बताएगा मिसेस देशपांडे

नेहा और शुभम बात कर ही रहे थे के तभी राघव वहा आ पहुचा और वो सपाट चेहरे के साथ अपनी जेब मे हाथ डाले उन्हे देख रहा था राघव उनके पास आया और नेहा को कंधे से पकड़ा

शुभम- सर!!

राघव- यस मिस्टर शर्मा और मुझे लगता है आपको सैलरी यहा काम की मिलती है ना की मेरी वाइफ के मनोरंजन की राइट??

राघव ने सख्त लहजे मे कहा लेकिन नेहा ने उसके कंधे पे मारा और उसे चुप होने का इशारा किया

नेहा- ब्रेक टाइम है

राघव- तो हमे भी तो ब्रेक लेना चाहिए ना बेबी

राघव ने नेहा और और करीब खिचा, उसके चेहरे के साफ समझ आ रहा था के उसे नेहा और शुभम का ऐसे हस हस के बाते करना पसंद नहीं आया था शुभम क्या राघव को तो नेहा के आस पास कोई भी लड़का पसंद नहीं आता था खैर इसका कुछ नहीं कर सकते ओवर पज़ेसिव बंदा है वो

शुभम- मुझे अब चलना चाहिए हैव अ गुड डे सर, मैडम

इतना बोल के शुभम वहा से चला गया और उसके जाते ही राघव बोला

राघव- तो चले केबिन मे हमारा ब्रेक टाइम इन्जॉय करने??

जिसके बाद राघव और नेहा राघव के केबिन मे आए, राघव ने दरवाजा बंद किया और नेहा को कमर से पकड़ कर अपनी ओर खिचा, राघव की गर्म सांसे अपनी गर्दन पर महसूस होते ही नेहा ने अपनी आंखे बंद कर ली और राघव के गले मे अपनी बाहों का हार डाले उसे अपने और करीब खिचा

राघव के हाथ अब धीरे धीरे नेहा की नजर से नीचे सरक रहे थे और राघव ने आराम से उसे अपनी गोद मे उठा लिया और अपनी खुर्ची की ओर बढ़ा और उसे लेजाकर टेबल पर बिठाया और फिर उसे लैपटॉप की ओर घुमाया...

राघव- मैंने तुम्हें जो जो सिखाया है अब मुझे बताना जरा

राघव ने नेहा के कान मे कहा अपनी हस्की आवाज मे कहा और नेहा ने अपने ड्रेस को कस के पकड़ रखा था ताकि कही वो अपना कंट्रोल का खो दे, राघव उसके एकदम करीब था और अपनी नाक से नेहा के कान को छेड रहा था

नेहा- वो... आप.... आपने... बताया.... था

राघव- हम्म!!

राघव ने अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे दबाया, inhaling her cologne, राघव ने अपनी आंखे बंद कर ली थी और कुछ नहीं सुन रहा था नेहा ने भी अपनी आंखे बंद कर ली और अपनी गर्दन एक ओर झुकाई giving him more access to her neck और राघव उसे गर्दन से चूमने लगा

जैसे ही राघव ने नेहा के गर्दन पर स्वीट स्पॉट पर काटा नेहा के मुह से एक हल्की की सिसकी निकल गई और उसकी सिसकी सुन राघव के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

राघव- किसी और के अभी ज्यादा करीब मत जाया करो, ok! Or you’ll suffer for it

राघव ने अपनी डीप आवाज मे कहा
.

.

.

जानकी- नेहा!! नेहा! क्या हुआ मैं कब से तुम्हें आवाज दे रही हु

जानकी जी ने नेहा को अपने खयालों से बाहर निकाला नेहा के दिमाग मे दोपहर का ऑफिस वाला सीन चल रहा था और राघव के पज़ेसिव नेस पर वो थोड़ा खुश भी हो रही थी के उसका किसी और से हस कर बात करना भी राघव को मंजूर नहीं था, उस वाकये के बाद ही नेहा ऑफिस से घर लौट आई थी

जानकी- नेहा!

जानकी जी ने नेहा को हिलाया

नेहा- हूह! जी मा!!

जानकी- क्या हुआ है बेटा सब ठीक है ना??

नेहा- हा.. सब.. सब ठीक है बस कुछ सोच रही थी

जानकी- अपने आप पर इतना स्ट्रेस मत डालो ठीक है!!

जानकी जी ने चिंता से कहा और नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

नेहा- मा आप लोग कब आए ?

जानकी- जब तुम दिन मे सपने देख रही थी, मैंने चाय भी बना दी , अब जाओ और ये चाय माजी(दादी) को दे आओ बाहर से आने के बाद उन्हे चाय चाहिए होती है

जिसके बाद नेहा चाय लेकर दादी के कमरे की ओर चली गई

नेहा- दादी आपकी चाय

नेहा ने दादी को चाय का कप देते हुए कहा

गायत्री- नेहा बैठो, मुझे कुछ बात करनी है तुमसे

दादी ने कहा जिसपर नेहा भी वहा बैठ गई

दादी- नेहा, गणेशोत्सव करीब है और ये तुम्हारा और श्वेता का इस घर में पहला त्योहार है तो मैं सोच रही थी के इस साल गणेशोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाए, मुझे पता है तुम अपनी अकादेमी के काम से बिजी हो लेकीन थोड़ा ध्यान इसपर भी देना, राघव ने पिछले कुछ सालों से त्योहारों से दूर ही हो गया है वो पूजा मे रहता है फिर वापिस काम मे लग जाता है लेकिन इस बार उसमे बदलाव आया है मैं चाहती हु वो इस साल हमारे साथ पूरा समय रह कर गणेशोत्सव मनाए और उसे मनाने का काम तुम ही कर सकती ही.. करोगी ना

नेहा- मैं वादा करती हु दादी जी वो पूरे दस दिन हमारे साथ होंगे वो भी पूरे दिल से

नेहा की बात से दादी के चेहरे पर स्माइल आ गई उन्होंने नेहा के सर पर प्यार से हाथ फिराया

कुछ देर बाद नेहा अपने कमरे मे आई और वो जो नया बेड आया था उसे अच्छे से देखने लगी उसपर बैठ कर कूद कर हर तरह से नहा ने उसे चेक किया और फिर उसके ध्यान मे आया के वो क्या कर रही है

नेहा- इनके जैसा बिहैव मत करो नेहा ये भी आकार इस बेड को जरूर चेक करेंगे

नेहा ने खुद से ही कहा और तभी उसके रूम का दरवाजा खुला और राघव एक स्माइल के साथ अंदर आया राघव को देखते ही नेहा ने घड़ी की ओर देखा जिसमे शाम के 5 बज रहे थे

नेहा- आप इतनी जल्दी क्यू आ गए??

नेहा के इस सवाल पर राघव की सारी स्माइल ही गायब हो गई वो कुछ और सोच रहा था और हुआ कुछ और

राघव- ये कैसा सवाल है? मैं जल्दी नहीं आ सकता क्या??

नेहा- नहीं मतलब आप इतनी जल्दी कभी आते नहीं हो ना ईसलिए पूछा बस

राघव- मेरा मन किया तो आगया

राघव बेड पर कूदते हुए बोला

राघव- वॉव यार चिक्की सही बेड है ये कम जम्प विद मि

राघव की बात सुन नेहा ने बस उसे देखा

राघव- ऐसे मत देखो चेक करना पड़ेगा ना अगली बार तुम भागोंगी तो टूटना नहीं चाहीये ना

राघव ने हसते हुए कहा वही नेहा उसे घूरते हुए रूम से चली गई.....

--x--

रिद्धि- भाभी हमने आपका डांस विडिओ देखा, इट वाज ऑसम!!

रिद्धि ने नेहा से चिपकते हुए कहा

ये सब लोग साथ बैठे बाते कर रहे थे

श्वेता- भाभी आप सिर्फ क्लासिकल डांस सिखायेंगी या और भी कोई जैसे वेस्टर्न वगैरा

श्वेता ने पूछा लेकिन नेहा इसका जवाब देती इसके पहले ही राघव बोल पड़ा

राघव- ना श्वेता उसे वेस्टर्न स्टाइल डांस नहीं आता और वेस्टर्न लुक मे वो अच्छी भी नहीं लगेगी

राघव ने जान के नेहा को चिढ़ाने के लिए कहा वही नेहा ने सपाट चेहरे से उसकी तरफ देखा

विवेक- तो क्या हुआ सबका अपना अपना स्टाइल होता है हमारी भाभी का अपना स्टाइल है

विवेक अब नेहा के सपोर्ट मे खड़ा हो गया

राघव- तो मैंने इस बात से कब मना किया है ओफकोर्स नेहा एक बढ़िया डान्सर है बट वेस्टर्न इस नॉट हर थिंग

राघव ने आगे कहा और विवेक और रिद्धि ने एकदूसरे को देखा

नेहा- इट्स ओके विवेक आप एक चीज मे अच्छे हो इसका ये मतलब नहीं के आपको सब कुछ आता है चलो मैं चलू मुझे खाने की तयारी करनी है तुम लोग बाते करो

नेहा ने राघव को देखते हुए वहा से जाते हुए कहा और उसके पीछे श्वेता भी चली है और उनके जाते ही रिद्धि राघव से बोली

रिद्धि- आपने ये जानबुझ कर कहा ना वरना भाभी वेस्टर्न ड्रेस मे सुपर दिखती है बस वो यहा वैसे कपड़े नहीं पहनती

रिद्धि की बात सुन राघव ने ऐसा बताया जैसे उसे ये पता था लेकिन नेहा के बारे में आज उसे ये नई बात पता चली थी....

रात के खाने के बाद राघव अपने स्टडी रूम मे अपने चाचा के साथ बिजनेस रेलेटेड बाते डिस्कस कर रहा था और जब सब काम खतम करके वो अपने रूम मे पहुचा तो उसने देखा के उसका कमरा अंधेरे मे डूबा हुआ था उसने नेहा को आवाज भी लगाई लेकिन कोई रिप्लाइ नहीं मिला, नेहा अभी तक कमरे मे नहीं आई है ये सोच के राघव थोड़ा हैरान हुआ क्युकी समय काफी हो गया था

राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

ऐसा क्या देख लिया था राघव ने.... जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक साथ बने रहिए कमेन्ट कीजिए धन्यवाद।

क्रमश:
ab biwi khubsurat ho to husband possessive hoga hi naa bahut badhiya update hai bhai
 

mashish

BHARAT
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Update 50



राघव के कहने पर शेखर घर आ गया था अपना टास्क पूरा करने लेकिन देशपांडे परिवार के लोगों को एकसाथ बाहर ले जाना आसान काम तो था नहीं लेकिन शेखर पूरी कोशिश मे लगा हुआ था।

शिवशंकर- हम सब को कहा ले जा रहे हो शेखर??

दादू ने कन्फ्यूजन मे पूछा क्युकी दोपहर का समय होने वाला था और ऐसे अचानक शेखर के आने पर वो कंफ्यूज थे क्युकी नॉर्मली शेखर ऑफिस से जल्दी नहीं आ पाता था

शेखर- दादू हम अनाथ आश्रम जा रहे है!!!

शिवशंकर- अचानक क्यू??

शेखर- वो इसीलिए क्युकी वहा गए बहुत समय हो गया है बच्चे याद कर रहे थे हमे और मॉम और बड़ी मा भी मेरी शादी के बाद से वहा नहीं जा पाई है और फिर हम गाँव चले गए थे इसीलिए सोचा आज वहा विज़िट दे दे

शेखर ने बात समझाई

जानकी- बात सही है तुम्हारी लेकिन घर पर भी कोई चाहिए ना और श्वेता भी अपने मायके गई है

मीनाक्षी- हम ऐसा करते है कल चलते है आज मुझे भी थोड़े काम है

शेखर- नहीं!!! मतलब.... मॉम काम तो बाद मे भी हो जाएगा ना और बच्चे राह देख रहे है मैंने उन्हे हम आ रहे है कह दिया है और सब तयारी भी कर ली है और वैसे भी भाभी आ जाएंगी कुछ देर मे

गायत्री- तयारी? कैसी तयारी??

शेखर- आप लोग बहुत ज्यादा सवाल करते हो रेडी हो जाओ ना

क्यू मेरी लाइफ पे काक्रोच चलाना चाहते हो’

शेखर ने सबके सवालों से परेशान होते हुए कहा और बाद वाली लाइन अपने मन मे सोची, वो आज अच्छा फसा था एक तो उसे ऑफिस से कुछ घंटों की छुट्टी लेनी पड़ी ऊपर से उसका भाई उसके काम का बोझ जरा सा भी कम नहीं करने वाला था ये वो जानता था और अब यहा घरवाले भी मान नहीं रहे थे लेकिन जैसे तैसे शेखर ने उन्हे मना लिया था और वो सबको लेकर घर के बाहर चला गया

इधर ऑफिस मे राघव लैपटॉप पर अपना काम कर रहा था तभी उसे डिलीवरी कंपनी से कॉल आया के बेड डिलिवर हो रहा है फिर राघव ने अपने घर पर वर्कर्स को इन्स्ट्रक्शन देकर बेड सही से फिट कराने कहा और फिर उसने सीसीटीवी फुटेज चेक किया जो उसके ऑफिस मे था ताकि वो देख सके के उसके एम्प्लोयी सही काम कर रहे है या नहीं

राघव सीसीटीवी को नॉर्मली ही देख रहा था तभी उसकी नजर एक शक्स पर पड़ी

उसने देखा के नेहा एक लड़के के साथ हस हस कर बाते कर रही थी, राघव ने उस लड़के को गौर से देखा और अभी तक सब कुछ ठीक था लेकिन राघव की आंखे तब बड़ी हो गई जब उसने देखा के नेहा ने उस लड़के के हाथ पर हल्के से मारा और उसके साथ हसने लगे

इतना क्या टची होना है’ राघव का जबड़ा कस गया और वो अपनी जगह से उठा और केबिन के बाहर आया, नेहा और राघव के स्वभाव का सबसे बड़ा डिफरेंस यही था के राघव ज्यादा बोलता नहीं था उसे लोगों मे ज्यादा घुलना मिलना पसंद नहीं था इसीलिए विशाल के अलावा उसका कोई दोस्त भी नहीं था वही नेहा का नेचर एकदम फ़्रेंडली था उसे नए लोगों से मिलना बाते करना पसंद था

नेहा- आप बहुत फनी हो शुभम जी सच मे....

शुभम – थैंक यू मैडम और आप भी....

नेहा – मैडम मत कहो यार हम सेम एज के है आप मुझे नेहा बुला सकते है

शुभम– ओह.. ओके नेहा जी

नेहा- फिर कोई गर्लफ्रेंड वगैरा??

शुभम – ना ना हम सिंगल ही अच्छे है वैसे भी हमे कौनसी लड़की पूछेगी

नेहा- क्यू? तुम अच्छे दिखते हो, तुम्हारी बात चीत से पता चलता है नेचर अच्छा है तुम्हारा मुझे तो पक्का यकीन है के तुम्हें कई लड़कियों ने प्रपोज किया होगा

नेहा के बात पर शुभम ने गर्दन झुका की

शुभम- ऐसा कुछ नहीं है

नेहा – फिर कैसा है

राघव- वो उसे पता चलेगा तब वो आपको जरूर बताएगा मिसेस देशपांडे

नेहा और शुभम बात कर ही रहे थे के तभी राघव वहा आ पहुचा और वो सपाट चेहरे के साथ अपनी जेब मे हाथ डाले उन्हे देख रहा था राघव उनके पास आया और नेहा को कंधे से पकड़ा

शुभम- सर!!

राघव- यस मिस्टर शर्मा और मुझे लगता है आपको सैलरी यहा काम की मिलती है ना की मेरी वाइफ के मनोरंजन की राइट??

राघव ने सख्त लहजे मे कहा लेकिन नेहा ने उसके कंधे पे मारा और उसे चुप होने का इशारा किया

नेहा- ब्रेक टाइम है

राघव- तो हमे भी तो ब्रेक लेना चाहिए ना बेबी

राघव ने नेहा और और करीब खिचा, उसके चेहरे के साफ समझ आ रहा था के उसे नेहा और शुभम का ऐसे हस हस के बाते करना पसंद नहीं आया था शुभम क्या राघव को तो नेहा के आस पास कोई भी लड़का पसंद नहीं आता था खैर इसका कुछ नहीं कर सकते ओवर पज़ेसिव बंदा है वो

शुभम- मुझे अब चलना चाहिए हैव अ गुड डे सर, मैडम

इतना बोल के शुभम वहा से चला गया और उसके जाते ही राघव बोला

राघव- तो चले केबिन मे हमारा ब्रेक टाइम इन्जॉय करने??

जिसके बाद राघव और नेहा राघव के केबिन मे आए, राघव ने दरवाजा बंद किया और नेहा को कमर से पकड़ कर अपनी ओर खिचा, राघव की गर्म सांसे अपनी गर्दन पर महसूस होते ही नेहा ने अपनी आंखे बंद कर ली और राघव के गले मे अपनी बाहों का हार डाले उसे अपने और करीब खिचा

राघव के हाथ अब धीरे धीरे नेहा की नजर से नीचे सरक रहे थे और राघव ने आराम से उसे अपनी गोद मे उठा लिया और अपनी खुर्ची की ओर बढ़ा और उसे लेजाकर टेबल पर बिठाया और फिर उसे लैपटॉप की ओर घुमाया...

राघव- मैंने तुम्हें जो जो सिखाया है अब मुझे बताना जरा

राघव ने नेहा के कान मे कहा अपनी हस्की आवाज मे कहा और नेहा ने अपने ड्रेस को कस के पकड़ रखा था ताकि कही वो अपना कंट्रोल का खो दे, राघव उसके एकदम करीब था और अपनी नाक से नेहा के कान को छेड रहा था

नेहा- वो... आप.... आपने... बताया.... था

राघव- हम्म!!

राघव ने अपना चेहरा नेहा की गर्दन मे दबाया, inhaling her cologne, राघव ने अपनी आंखे बंद कर ली थी और कुछ नहीं सुन रहा था नेहा ने भी अपनी आंखे बंद कर ली और अपनी गर्दन एक ओर झुकाई giving him more access to her neck और राघव उसे गर्दन से चूमने लगा

जैसे ही राघव ने नेहा के गर्दन पर स्वीट स्पॉट पर काटा नेहा के मुह से एक हल्की की सिसकी निकल गई और उसकी सिसकी सुन राघव के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

राघव- किसी और के अभी ज्यादा करीब मत जाया करो, ok! Or you’ll suffer for it

राघव ने अपनी डीप आवाज मे कहा
.

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जानकी- नेहा!! नेहा! क्या हुआ मैं कब से तुम्हें आवाज दे रही हु

जानकी जी ने नेहा को अपने खयालों से बाहर निकाला नेहा के दिमाग मे दोपहर का ऑफिस वाला सीन चल रहा था और राघव के पज़ेसिव नेस पर वो थोड़ा खुश भी हो रही थी के उसका किसी और से हस कर बात करना भी राघव को मंजूर नहीं था, उस वाकये के बाद ही नेहा ऑफिस से घर लौट आई थी

जानकी- नेहा!

जानकी जी ने नेहा को हिलाया

नेहा- हूह! जी मा!!

जानकी- क्या हुआ है बेटा सब ठीक है ना??

नेहा- हा.. सब.. सब ठीक है बस कुछ सोच रही थी

जानकी- अपने आप पर इतना स्ट्रेस मत डालो ठीक है!!

जानकी जी ने चिंता से कहा और नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

नेहा- मा आप लोग कब आए ?

जानकी- जब तुम दिन मे सपने देख रही थी, मैंने चाय भी बना दी , अब जाओ और ये चाय माजी(दादी) को दे आओ बाहर से आने के बाद उन्हे चाय चाहिए होती है

जिसके बाद नेहा चाय लेकर दादी के कमरे की ओर चली गई

नेहा- दादी आपकी चाय

नेहा ने दादी को चाय का कप देते हुए कहा

गायत्री- नेहा बैठो, मुझे कुछ बात करनी है तुमसे

दादी ने कहा जिसपर नेहा भी वहा बैठ गई

दादी- नेहा, गणेशोत्सव करीब है और ये तुम्हारा और श्वेता का इस घर में पहला त्योहार है तो मैं सोच रही थी के इस साल गणेशोत्सव बड़ी धूम धाम से मनाए, मुझे पता है तुम अपनी अकादेमी के काम से बिजी हो लेकीन थोड़ा ध्यान इसपर भी देना, राघव ने पिछले कुछ सालों से त्योहारों से दूर ही हो गया है वो पूजा मे रहता है फिर वापिस काम मे लग जाता है लेकिन इस बार उसमे बदलाव आया है मैं चाहती हु वो इस साल हमारे साथ पूरा समय रह कर गणेशोत्सव मनाए और उसे मनाने का काम तुम ही कर सकती ही.. करोगी ना

नेहा- मैं वादा करती हु दादी जी वो पूरे दस दिन हमारे साथ होंगे वो भी पूरे दिल से

नेहा की बात से दादी के चेहरे पर स्माइल आ गई उन्होंने नेहा के सर पर प्यार से हाथ फिराया

कुछ देर बाद नेहा अपने कमरे मे आई और वो जो नया बेड आया था उसे अच्छे से देखने लगी उसपर बैठ कर कूद कर हर तरह से नहा ने उसे चेक किया और फिर उसके ध्यान मे आया के वो क्या कर रही है

नेहा- इनके जैसा बिहैव मत करो नेहा ये भी आकार इस बेड को जरूर चेक करेंगे

नेहा ने खुद से ही कहा और तभी उसके रूम का दरवाजा खुला और राघव एक स्माइल के साथ अंदर आया राघव को देखते ही नेहा ने घड़ी की ओर देखा जिसमे शाम के 5 बज रहे थे

नेहा- आप इतनी जल्दी क्यू आ गए??

नेहा के इस सवाल पर राघव की सारी स्माइल ही गायब हो गई वो कुछ और सोच रहा था और हुआ कुछ और

राघव- ये कैसा सवाल है? मैं जल्दी नहीं आ सकता क्या??

नेहा- नहीं मतलब आप इतनी जल्दी कभी आते नहीं हो ना ईसलिए पूछा बस

राघव- मेरा मन किया तो आगया

राघव बेड पर कूदते हुए बोला

राघव- वॉव यार चिक्की सही बेड है ये कम जम्प विद मि

राघव की बात सुन नेहा ने बस उसे देखा

राघव- ऐसे मत देखो चेक करना पड़ेगा ना अगली बार तुम भागोंगी तो टूटना नहीं चाहीये ना

राघव ने हसते हुए कहा वही नेहा उसे घूरते हुए रूम से चली गई.....

--x--

रिद्धि- भाभी हमने आपका डांस विडिओ देखा, इट वाज ऑसम!!

रिद्धि ने नेहा से चिपकते हुए कहा

ये सब लोग साथ बैठे बाते कर रहे थे

श्वेता- भाभी आप सिर्फ क्लासिकल डांस सिखायेंगी या और भी कोई जैसे वेस्टर्न वगैरा

श्वेता ने पूछा लेकिन नेहा इसका जवाब देती इसके पहले ही राघव बोल पड़ा

राघव- ना श्वेता उसे वेस्टर्न स्टाइल डांस नहीं आता और वेस्टर्न लुक मे वो अच्छी भी नहीं लगेगी

राघव ने जान के नेहा को चिढ़ाने के लिए कहा वही नेहा ने सपाट चेहरे से उसकी तरफ देखा

विवेक- तो क्या हुआ सबका अपना अपना स्टाइल होता है हमारी भाभी का अपना स्टाइल है

विवेक अब नेहा के सपोर्ट मे खड़ा हो गया

राघव- तो मैंने इस बात से कब मना किया है ओफकोर्स नेहा एक बढ़िया डान्सर है बट वेस्टर्न इस नॉट हर थिंग

राघव ने आगे कहा और विवेक और रिद्धि ने एकदूसरे को देखा

नेहा- इट्स ओके विवेक आप एक चीज मे अच्छे हो इसका ये मतलब नहीं के आपको सब कुछ आता है चलो मैं चलू मुझे खाने की तयारी करनी है तुम लोग बाते करो

नेहा ने राघव को देखते हुए वहा से जाते हुए कहा और उसके पीछे श्वेता भी चली है और उनके जाते ही रिद्धि राघव से बोली

रिद्धि- आपने ये जानबुझ कर कहा ना वरना भाभी वेस्टर्न ड्रेस मे सुपर दिखती है बस वो यहा वैसे कपड़े नहीं पहनती

रिद्धि की बात सुन राघव ने ऐसा बताया जैसे उसे ये पता था लेकिन नेहा के बारे में आज उसे ये नई बात पता चली थी....

रात के खाने के बाद राघव अपने स्टडी रूम मे अपने चाचा के साथ बिजनेस रेलेटेड बाते डिस्कस कर रहा था और जब सब काम खतम करके वो अपने रूम मे पहुचा तो उसने देखा के उसका कमरा अंधेरे मे डूबा हुआ था उसने नेहा को आवाज भी लगाई लेकिन कोई रिप्लाइ नहीं मिला, नेहा अभी तक कमरे मे नहीं आई है ये सोच के राघव थोड़ा हैरान हुआ क्युकी समय काफी हो गया था

राघव ने अंधेरे मे ही स्विच बोर्ड टटोला और रूम मे डीम लाइट शुरू की जिसने महोल हो थोड़ा रोमांटिक बना दिया और जैसे ही राघव पलटा उसके होश ही उड गए मुह खुला रह गया और आंखे बस बाहर ही आने वाली थी......

ऐसा क्या देख लिया था राघव ने.... जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक साथ बने रहिए कमेन्ट कीजिए धन्यवाद।

क्रमश:
good
 

Jos Jerrin

New Member
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Update 6



नेहा और शेखर ऑफिस से घर लौट आए थे।

शाम को नेहा किचन मे सब्जियां काट रही थी लेकिन उसके दिमाग मे अभी भी ऑफिस वाली बाते ही घूम रही थी, कैसे राघव ने उसका नाम लिया और बाद मे राघव का ये कहना के वो सब उसने सिर्फ पापा की वजह से किया था, ये कहना साफ झूठ होगा के नेहा को उस बात का बुरा नही लगा था, अपनी पत्नी के सन्मान की रक्षा करना आखिर पति का फर्ज होता है उसके लिए उसे किसी रीज़न की जरूरत नही होती,

नेहा अपने की खयालों मे गुम काम कर रही थी और उसे उसके खयालों से बाहर निकाला श्वेता ने जो दौड़ते हुए किचन मे आई थी

नेहा- क्या हुआ श्वेता ऐसे भाग क्यू रही हो??

श्वेता- भाभी वो... वो..

श्वेता थोड़ा हकलाई, अब क्या बहाना बनाए उसे समझ नही आ रहा था और सच वो नेहा को बता नही सकती थी की उसने शेखर को उसे किस करने का चैलेंज किया है जिससे बचने के लिए वो यहा भाग कर आई है और वो ये भी जानती थी के नेहा के सामने भी शेखर पीछे नाही हटेगा क्युकी शेखर देशपांडे कभी चैलेंज नही हारता था और अब श्वेता को उसे चैलेंज देने का अफसोस हो रहा था और अब शेखर वहा पहुचे इससे पहले उसे नेहा वो वहा से बाहर भेजना था, नेहा ने श्वेता के चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

नेहा- क्या हुआ है बताओगी?

श्वेता- भाभी.. वो.. वो.. राघव भईया आपको रूम मे बुला रहे है

श्वेता ने झट से कहा जैसे ही उसके ध्यान मे आया के उसने राघव को सीढ़िया चढ़ कर रूम मे जाते देखा था

नेहा- क्या...!!!

नेहा ने करीब करीब चीख कर कहा जिससे श्वेता भी थोड़ा चौकी

श्वेता- भाभी क्या हुआ? मैंने तो बस इतना कहा के भईया आपको बुला रहे है

नेहा- तुम मजाक कर रही हो न!

नेहा को अब भी श्वेता पर यकीन नही हो रहा था

श्वेता- न.. नहीं भाभी मैं क्यू मजाक करूंगी

श्वेता ने एक नर्वस स्माइल के साथ कहा

नेहा- तुम शुअर हो न? तुमने कुछ और तो नही सुना?

नेहा ने श्वेता से वापिस कन्फर्म करना चाहा

श्वेता- भाभी भईया ने मुझे आपको अभी भेजने कहा है अब जल्दी जाइए वो पहले ही काफी गुस्से मे है

श्वेता अब इस सवाल जवाब से थोड़ा परेशान हो गई थी, श्वेता की बात सुन कर नेहा ने हा कहा और वहा से चली गई

‘ये अब मुझे क्यू बुला रहे है? श्वेता सच कह रही थी न? उसने कहा ये गुस्से मे है अगर वो गुस्सा मुझ पर निकला तो?’ रूम मे जाते हुए यही सब सवाल नेहा के दिमाग मे चल रहे थे

--x--x--

शेखर- तो यहा है मेरी डीयर वाइफ

शेखर ने किचन मे घुसते हुए कहा और श्वेता बस आँखों के इशारे से उसे रुकने कहने लगी

श्वेता- शेखर, बेबी प्लीज यहा नहीं बेबी मैं.. मैं अपना चैलेंज वापिस लेती हु

श्वेता पीछे सरक रही थी और शेखर उसकी ओर बढ़ रहा था

शेखर- उमहू अब तो चैलेंज पीछे लेने का कोई चांस ही नहीं है तुम तो जानती हो शेखर देशपांडे चैलेंज से पीछे नाही हटता अब तो मुझे ये चैलेंज पूरा करना ही होगा

श्वेता- शेखर प्लीज ना यहा नही प्लीज मैं वादा करती हु रूम मे जो तुम कहोगे करूंगी यहा कोई देख लेगा ना

श्वेता शेखर को रोक रही थी और शेखर उसके सामने रुक गया

शेखर- मैं जो भी कहूँगा करोगी?

शेखर ने अपनी एक भौ उठाते हुए पूछा

श्वेता- हा बाबा जो कुछ कहोगे

श्वेता के कन्फर्म करने पर शेखर के चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

शेखर- सोच लो तुमने ही कहा है अब तयार रहना बाद मे मैं कोई बहाना नही सुनूँगा

श्वेता ने एक राहत की सास तो ले ली लेकिन शेखर की उस शरारती मुस्कान से उसे मामला गड़बड़ लग रहा था

गायत्री – तुम यहा क्या कर रहे हो ?

दादी ने किचन मे आते हुए जब शेखर को किचन मे देखा तो पूछा जिसपर वो दोनों थोड़ा हड़बड़ा गए

शेखर- वो.. दादी.. मैं.. मैं.. हा पानी... पानी लेने आया था

दादी ने शेखर को थोड़ा शकी नजरों से देखा और शेखर ने झट से एक पानी बोतल उठाई और वहा से बाहर चला आया जिसके बाद दादी की नजरे सीधे श्वेता पर पड़ी

दादी- और तुम यहा क्या कर रही हो तुम अभी खाना नहीं बना सकती आज पहला ही दिन है तुम्हारा और नेहा कहा है ?

श्वेता – वो दादी भाभी रूम मे है भईया ने उन्हे कुछ काम के लिए बुलाया था

श्वेता ने दादी को भी वही बताया जो उसने नेहा से कहा था लेकिन वो जानती थी के इसका जवाब उसे नेहा को तो देना ही पड़ेगा के उसने झूठ क्यू कहा था, दादी ने श्वेता की बात पर मुंडी हिलाई और वहा से चली गई जिसके कुछ ही पल बाद जानकी और मीनाक्षी किचन मे आई और उन्होंने वहा श्वेता को उतरे हुए चेहरे के साथ खड़ा देखा तो वो समझ गई के वहा क्या हुआ होगा

श्वेता- मा-बड़ी मा भाभी उनके रूम मे गई है कुछ काम से कुछ ही समय मे आ जाएंगी

मीनाक्षी- हा वो ठीक है बेटा लेकिन तुम यहा क्या कर रही हो नई दुल्हन पहले ही दिन काम नहीं करती

मीनाक्षी ने एक स्माइल के साथ कहा

जानकी- हा, जाओ बेटा वो विवेक और रिद्धि कुछ समय पहले तुम्हारे बारे मे पुछ रहे थे उनसे मिल लो

जिसपर श्वेता ने हा मे गर्दन हिलाई और वहा से चली गई।
--x--

नेहा अपने रूम के दरवाजे के बाहर खड़ी होकर सोच रही थी के अंदर जाए या ना जाए और आखिर मे उसने रूम मे जाने का फैसला किया और बगैर नॉक किए अंदर चली गई और यही उसने गलती कर दी

अंदर उसे वो काही नाही दिखा और अचानक उसे बाथरूम का दरवाजा खुलने का आवाज आया और उसने उस तरफ देखा और..

नेहा- आह्ह!

नेहा अपनी आंखे बड़ी करके चीखी

क्यू??

क्युकी वहा उनके पतिदेव श्रीमान राघव देशपांडे बगैर कपड़ों के खड़े थे अपनी इज्जत को अपनी कमर पर लपेटे एक टॉवल से बचाते हुए

राघव भी नेहा की तरफ आंखे बड़ी करे मुह फाडे देख रहा था और नेहा एकदम से पलट गई

नेहा- वो... मैं... आ... मैं... आप.. सो.. सॉरी... वो.. मैं...

नेहा के मूह से शब्द ही नही निकल रहे थे और वो इससे ज्यादा कुछ नही बोल पा रही थी जिससे वो वहा एक पल भी नहीं रुकी और रूम से बाहर आ गई वही राघव अब भी वहा खड़ा हुआ अभी अभी हुए सीन को पचाने की कोशिश कर रहा था

नेहा अपने रूम से बाहर भाग आई और एक जगह रुक कर अपनी बढ़ी हुई सासों पर काबू करने लगी

‘हे भगवान ये... ये क्या हुआ अभी अभी’ नेहा ने सोचा

विवेक- भाभी क्या हुआ आप इतनी जोर जोर से सासे क्यू ले रही हो?

रिद्धि- हा भाभी क्या हुआ आपको?

विवेक और रिद्धि ने जब नेहा को देखा तो सेम सवाल पुछ डाला

नेहा- वो.. एक्चुअल्ली.. मैंने चूहा.. हा चूहा देख लिया तो डर गई और भाग आई यहा हे हे

नेहा ने बात संभालते हुए उन दोनों भाई बहनों को देखा जो अब भी नेहा को घूर रहे थे, उनके लिए ये बात पचा पाना मुश्किल था, वो नेहा को कुछ पल और वैसे ही देखते रहे और फिर जोर से हसने लगे

विवेक- क्या भाभी आप भी चूहे से डर गई

रिद्धि- हा ना वो चूहा आपको खा थोड़ी जाता जो आप ऐसे भाग आई

नेहा को उनकी बात पर कुछ बोलते नही बन रहा था क्युकी वो दोनों नही जानते थे के नेहा ने किस चूहे को देखा था

नेहा- अब हसना हो गया हो तो चलो खाने का वक्त हो गया है

नेहा ने बात बदल दी और वो तीनों डाइनिंग हॉल मे आ गए,

घर के सब लोग डाइनिंग टेबल पर बैठे थे और नेहा और श्वेता सबको खाना परोस रही थी तब नेहा ने देखा के राघव एक ब्लैक टीशर्ट और ट्राउज़र मे सीढ़ियों से नीचे आ रहा है

‘मुझे नाही पता था के ये कैजुअल कपड़ों मे भी इतने हॉट लगते है’ नेहा ने मन ही मन राघव को देखते हुए सोचा

नेहा सबसे सामने ऐसे तो मत घूरो उन्हे’ नेहा ने अपने ही दिमाग मे अपने आप को डाट लगाई जिससे शर्म से उसके गाल लाल हो चुके थे, मोमेंट तो था

विवेक- अरे वाह देखो तो आज स्वयं महाराज राघव जी हम तुच्छ प्राणियों के साथ खाना खाने वाले है, हमारे तो भाग ही खुल गए

विवेक ने राघव को चिढ़ाते हुए कहा और बदले मे उसे मिला क्या तो राघव का गुस्से वाला लुक

धनंजय- बेटा कभी हस भी लिया करो क्या हमेशा एक ही इक्स्प्रेशन लिए रहते हो

धनंजय से राघव को समझाया

राघव- मुस्कुराने का रीज़न भी तो होना चाहिए न चाचू

राघव ने अपनी सीट पर बैठते हुए कहा

रमाकांत- कहना क्या चाहते हो राघव

लेकिन राघव ने रमाकांत जी की बात का कोई जवाब नही दिया और चुप रहा और माहोल थोड़ा गरम होते देख दादू को बोलना पड़ा

शिवशंकर- खाना खा ले पहले, उसके बाद राघव मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है

जिसकर राघव ने भी अपनी गर्दन हा मे हिला दी

मीनाक्षी- अरे तुम दोनों भी बैठो ना सब लोग सर्व कर लेंगे खाना

मीनाक्षी जी ने श्वेता और नेहा से कहा जिसके बाद स्वेता जाकर शेखर के बगल वाली खुर्ची पर बैठ गई और नेहा रिद्धि के तरफ जा रही थी के जानकी बोली

जानकी- नेहा उधर कहा जा रही हो देखो तुम्हारी सीट तो वहा राघव के बाजू मे रीज़र्व्ड है

जिसपर नेहा ने कहा तो कुछ नही लेकिन राघव का नाम आते ही उसे अभी थोड़ी देर पहले हुआ सीन याद आया और उसके गाल लाल हो गए, दिल की धड़कन बढ़ गई जैसे ही उसने राघव को देखा, वो राघव के बाजू मे आकार बैठी लेकिन राघव तो बस अपनी खाली प्लेट को घूरे जा रहा था जिससे नेहा का चेहरा थोड़ा उतर गया लेकिन तभी उसके ध्यान मे आया के ग्रेट राघव देशपांडे कभी अपनी थाली नहीं परोसते उसे कोई न कोई खाना सर्व करने के लिए चाहिए होता है, ऑफिस मे ये काम उसका अससिस्टेंट करता है और जब वो रात का खाना खाने घर आता है तब भी कोई न कोई नौकर उसे खाना सर्व कर देता है क्युकी नेहा वहा नही होती

ऐसा नही था के नेहा उसकी राह नही देखती थी लेकिन राघव घर ही इतना देरी से आता था के तब तक नेहा दिन भर के काम से थक कर सो चुकी होती थी और दोपहर मे सोने की आदत ना होने की वजह से वो कितनी भी कोशिश कर ले ज्यादा नही जाग पाती थी, पर जब उसने कुछ महीने पहले राघव के उनके रीलेशन के बारे ख्याल सुने थे के उसे इस सब से कोई मतलब नहीं है तब से वो उसे थोड़ा इग्नोर कर रही थी उसने उसकी राह देखना छोड़ दिया था पर आज जब सारा परिवार साथ खाना खा रहा था और कोई नौकर सर्व नही कर सकता था तो ये उन दोनों के लिए थोड़ी दुविधा थी

नेहा ने अपना हाथ बढ़ा कर राघव की प्लेट मे खाना सर्व किया जिसका उसने कोई विरोध नही किया और जब नेहा उसे खाना सर्व कर रही थी तब भी वो बस अपनी प्लेट को ही देखे जा रहा था, उन दोनों के देख के जानकी के चेहरे पर मुस्कान आ गई

विवेक- ओयेहोयहोय तो अब भाभी के परोसे बगैर भाई खाना भी नाही खा सकता, सही है

लेकिन राघव ने इस बार भी विवेक को कोई जवाब नाही दिया और वही नेहा ने अपना खाना शुरू किया

रिद्धि- भाई आपको पता है भाभी को चूहों से डर लगता है, कुछ समय पहले वो आपके रूम से निकल कर कॉरिडोर मे भाग रही थी जैसे चूहा उन्हे खा जाएगा

रिद्धि ने कहा जिससे राघव का निवाला उसके गले मे ही अटक गया और उसे ठसका लगा वही नेहा डर से अपनी आंखे बड़ी करके रिद्धि को देखने लगी लेकिन जब राघव जोर से खांसा तब उसने रिद्धि ने ध्यान हटाया और राघव को पानी का ग्लास पकड़ाया

जानकी- राघव, ठीक हो?

जिसपर राघव ने बस गर्दन हिलाई

मीनाक्षी- आराम से खाओ

शेखर- आराम से कैसे खाएगा मा जब भाभी ने इतने प्यार से खाना बनाया है तो

शेखर ने राघव को छेड़ते हुए कहा और बदले मे पाया राघव का गुस्से वाला लुक

राघव- श्वेता मुझे माफ कर देना क्युकी अभी मैं तुम्हारे इस डीयर हज़्बन्ड के दात तोड़ने वाला हु

राघव ने शेखर को साफ साफ धमकी दे डाली एक तो नेहा ने उसे चूहा कहा था ऊपर से ये लोग भी उसे चिढ़ाये जा रहे थे राघव की बात सुन कर श्वेता मुस्कुराई लेकिन जब शेखर से उसे देखा तो बिचारी ने मुंडी नीचे कर ली, विवेक और रिद्धि हसने लगे लेकिन जैसे ही रमाकांत जी ने उन्हे देखा वो भी चुप हो गए

गायत्री- बस अब चुप चाप सब अपना खाना खतम करो

खाना खाने के बाद राघव स्टडी मे चला गया जहा उसके दादू पहले ही उसकी राह देख रहे थे, राघव ने दरवाजा खटखटाया और पर्मिशन मिलते ही अंदर घुसा तो देखा के दादू खुर्ची पर बैठे थे

राघव- जी दादू कहिए क्या बात करनी है आपको

शिवशंकर- बात बहुत जरूरी है राघव, मुझे तुम्हारे और नेहा के बारे मे बात करनी है.....

क्या बात करनी होगी दादू को?

राघव का कम बोलने वाला गुस्से वाला स्वभाव क्या राघव और नेहा को पास आने देगा?

देखते है अगले अपडेट मे..

क्रमश:
Well that was an amazing update, shekhar and shweta's romance, neha's shyness beautifully written and now grandfather wants to talk with his grandson which should have done earlier in my opinion
 

Jos Jerrin

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Update 7



“मुझे तुम्हारे और नेहा के रिश्ते के बारे मे तुमसे कुछ बात करनी है”

शिवशंकर जी ने राघव से सीधे मुद्दे पर बात करना शुरू किया

शिवशंकर- आराम से बैठ जाओ राघव ये बात चित थोड़ी लंबी चलेगी

जिसके बाद राघव वहा रखी खुर्ची पर बैठ गया जिसके बाद शिवशंकर जी ने अपनी बात आगे बढाई

शिवशंकर- राघव तुम्हारी तुम्हारे काम के प्रति कुछ जिम्मेदारिया है मैं ये बात जानता हु और वैसे ही तुम्हारी तुम्हारे दोस्तों तुम्हारे परिवार के लिए भी कुछ जिम्मेदारिया है लेकिन इन सब मे जो तुम्हारे लिए सबसे इम्पॉर्टन्ट होना चाहिए वो है तुम्हारी पत्नी, तुम समझ रहे हो ना मैं क्या कह रहा हु?

राघव ने कुछ नही कहा बस एक सपाट चेहरे के साथ दादू को देखा

शिवशंकर- राघव अब तुम्हारी शादी हो चुकी है और ऐसा भी नही है के ये सब तुमसे जबरदस्ती कराया गया हो, मैंने तुमसे इस मामले मे तुम्हारी राय ली थी लेकिन मैंने पिछले महीनों मे जबसे तुम्हारी शादी हुई है देखा है के तुम अपनी पत्नी की तरफ अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हो उसे इग्नोर कर रहे हो

दादू ने राघव को उसकी गलती समझाई

राघव- मैं अपनी जिम्मेदारियों से नाही भाग रहा हु दादू मैं तो बस...

लेकिन शिवशंकरजी ने राघव को बीच मे ही रोक दिया

शिवशंकर- तुम सिर्फ नेहा को इग्नोर कर रहे हो, है ना?

दादू की बात सुन राघव ने नजरे घुमा ली

शिवशंकर- बेटा किसी भी रिश्ते से भागना कोई ऑप्शन नही है, मैं जानता हु जिम्मेदारी निभाने का मतलब तुम्हारे लिए सबकी जरूरतों को पैसों से पूरा करना है लेकिन मेरे बच्चे तुम्हारी ये सोच गलत है। एक बिजनेसमैन होने के नाते मैं ये भी जानता हु के पैसों से तुम कुछ भी खरीद सकते हो लेकिन इसका ये मतलब नाही की पैसों से तुम सब कुछ खरीद पाओ, रिश्तों मे जिम्मेदारी का मतलब होता है प्यार, खुशी, एक दूसरे के साथ बिताया समय, प्यार तुम्हारे परिवार वालों के लिए तुम्हारे दोस्तों के लिए तुम्हारे जीवनसाथी के लिए।

बोलते बोलते दादू दो पल रुके और फिर बोलना शुरू किया

शिवशंकर- मुझे पता है तुम शादी नही करना चाहते थे और हमने तुमपर इस बारे मे कोई दबाव भी नही डाला था, जब मैंने नेहा के बारे मे तुम्हारे बताया था तब तुमसे तुम्हारी मर्जी भी पूछी थी और उस वक्त तो तुमने भी हा कहा था लेकिन फिर क्या हुआ? तुम उससे भाग क्यू रहे हो? बेटा मैं अपनी सारी जिंदगी के अनुभव के आधार पर कह सकता हु के तुम्हारी नेहा से शादी कराना मेरी जिंदगी का सबसे सही फैसला था जीसे मैं सपने मे भी नही झुठला सकता, मैं जानता हु तुम इतने तो समझदार हो के अपनी जिंदगी के फैसले खुद कर सको लेकिन मेरे परिवार के लिए क्या सही है और क्या गलत ये भी मैं जानता हु और जहा तक बात है नेहा की तो उसके जैसी साफ और नेकदिल लड़की का तुम्हारी जिंदगी मे होगा तुम्हें खास बनाता है तुम्हें उस हीरे को संजोना है, हर किसी की अपने जीवनसाथी से कुछ उमीदे होती है वैसी नेहा की भी तो होंगी कभी इस बारे मे सोचा है?

राघव- उसे और क्या चाहिए होगा दादू? किसी भी लड़की के लिए मैं परफेक्ट हु

राघव ने थोड़े घमंड मे कहा जिसपर दादू मुस्कुराये और उन्होंने ना मे गर्दन हिला दी जिससे राघव वापिस शांत हो गया

शिवशंकर- हर लड़की को जिंदगी मे सिर्फ पैसा ही नही चाहिए होता राघव जिसके बल पर तुमने अभी ये बात कही है कुछ को प्यार और अटेन्शन भी चाहिए होता है, मैंने नेहा को कभी तुम्हें प्यार से देखते नही देखा है जानते हो क्यू? क्युकी वो डरती है तुमसे, तुम्हारे गुस्से से जिसके बारे मे उसने सबसे सुन रखा है अरे उसे तो असली राघव क्या है राघव का सॉफ्ट साइड क्या है पता ही नही है

राघव- मैं ऐसा ही हु दादू मेरा कोई दूसरा साइड नही है

राघव ने नजरे घूमते हए कहा

शिवशंकर- ना! तुम ऐसे नहीं हो, मैं तुम्हें बाकी लोगों के मुकाबले ज्यादा अच्छे से जानता हु तुम्हारा सारा बचपन मेरी ही गोद मे बीता है राघव बस बात ये है ये तुम अपने आप को एक्स्प्रेस नहीं करते हो क्युकी तुम इस रिश्ते को स्वीकारना ही नही चाहते ना जाने इसके पीछे क्या वजह है। देखो शादी शुदा जिंदगी मे अजस्ट होने मे समय लगता है मैं जानता हु और जब से तुम्हारी शादी हुई है तुम बस यहा से वहा भाग रहे हो इस बात को इग्नोर करते हुए के तुम्हारी शादी हो चुकी है, इस रिश्ते को सफल बनाने के लिए तुम दोनों को एफर्ट्स करने पड़ेंगे।

शिवशंकर- नेहा को ये कभी अच्छा नही लगेगा के तुम उसे सिर्फ अपनी एक रीस्पान्सबिलटी मानो, वो डेफ़िनटेली चाहती होगी के तुम उसे अपने पूरे मन से अपनाओ जहा तुम उसका खयाल रखो इससलिए नही क्युकी वो तुम्हारी जिम्मेदारी है बल्कि इसलिए क्युकी तुम उससे प्यार करते हो। हा अब प्यार एक ऐसी चीज है जो कहने से नहीं होती लेकिन मैं बस ये चाहता हु के तुम इस रिशर्ते हो एक मौका दो थोड़ा वक्त दो और अगर फिर भी तुम्हें इससे भागना ही है तो मैं उस लड़की की जिंदगी खराब करने के पक्ष मे नहीं हु

दादू की बात सुन राघव ने उन्हे देखा

शिवशंकर- राघव, तुम्हारे मा बाप को तुम्हारा समय चाहिए, तुम्हारे चाचा चाची को तुम्हारा समय चाहिए मैं तुम्हारी दादी विवेक रिद्धि सबलोग तुमको घर मे बहुत ही कम देखते है सबको तुम्हारा थोड़ा वक्त चाहिए जो तुम उनके साथ बिताओ बाते करो लेकिन तुम्हारी वाइफ उसे तुम्हारा टाइम भी चाहिए तुम्हारी अटेन्शन भी और तुम्हारा प्यार भी।

शिवशंकर- इस घर मे सब जानते है के शेखर और श्वेता एकदूसरे से कितना प्यार करते है वो तो कॉलेज के समय से एकदूसरे को जानते है पसंद करते है उनको देखके क्या नेहा को ऐसा नही लगता होगा के तुम लोगों का रिश्ता भी काश उनके जैसा होता? वो कभी कुछ कहती नही है इसका ये मतलब तो नही के उसकी कुछ इच्छाए नही है, वो कभी बताती नही है लेकिन उसे तुम्हारी फिक्र है क्युकी शी केयर फॉर यू शी सीम्स तो लाइक यू।

दादू की बात से राघव थोड़ा शॉक हुआ, अपने पिछले महीनों के नेहा के साथ के बर्ताव को देखते हुए वो ये सोच ही नहीं सकता था के नेहा उससे प्यार करती होगी

शिवशंकर- इन पिछले 5 महीनों मे जब भी उसे तुम्हारी जरूरत थी तुम उसके पास नही थे पर अब मैं चाहता हु तुम उसकी भरपाई करो उसके साथ वक्त बिताओ इस रिश्ते को सफल बनाने के लिए एक चांस दो , अब भले तुम इसे मेरा ऑर्डर मानो या कुछ और लेकिन मैं तुम्हें और नेहा को साथ देखना चाहता हु, उसके साथ वक्त बिताओ उसे काही घूमने ले जाओ, नई शादी हुई है तुम्हारी इस पल को थोड़ा इन्जॉय करो तभी तो एकदूसरे को तुम थोड़ा जान पाओगे। एकदम से मैं तुम्हारा काम रोक तो नही सकता लेकिन अब से तुम्हारा ऑफिस टाइम बस सुबह 9 से शाम 7 तक होगा उसके पहले या बाद मे मुझे तुम घर मे दिखने चाहिए

दादू की बात से राघव का चेहरा ऐसा हो गया मानो किसी बच्चे के हाथ से उसका पसंदीदा चॉकलेट ले लिया हो किसी ने

राघव- दादू लेकी...

शिवशंकर- ना! कोई बहाना नही चलेगा राघव तुम नही जानते तुम्हारी गैरमौजूदगी मे उसे कितने सवालों के जवाब देने पड़ते है, शेखर की शादी की सारी रस्में उसने अकेले की है जब तुम्हें उसके साथ होना चाहिए था लेकिन तुम कहा थे? तुम उससे भाग रहे थे पर अब बहुत हो गया अब ये सब अभी से बंद होना चाहिए

दादू की बातों से और आवाज से साफ पता चल रहा था के वो राघव से बहुत ज्यादा गुस्सा थे

शिवशंकर- जब तक तुम ही उसे पूरे मन से नही अपनाते वो इस परिवार को अपना परिवार कैसे माने बताओ? जब भी कोई उससे तुम्हारे बारे मे पूछता है वो कोई न कोई बहाना बना देती है जिससे तुम्हारी दादी के ताने उसे सुनने पड़ते है पर उसने कभी तुम्हारी शिकायत नहीं की। ऐसा नहीं है के वो इन बातों का या उन तानों का जवाब नही दे सकती लेकिन वो चुप रहती है सिर्फ तुम्हारे लिए

राघव चुप चाप बैठ सब सुन रहा था

शिवशंकर- एक लड़की अपना सब कुछ छोड़ कर अपने पति के साथ उसके जीवन मे प्रवेश करती है उसका पति ही उसके लिए सबकुछ होता है लेकिन जब उसका वो जीवनसाथी ही उसे अकेला छोड़ दे तब वो किसी से कुछ भी नही कह सकती।

शिवशंकर- मैं बस इतना चाहता हु के तुम इस शादी को एक मौका दो मैं अपने पूरे अनुभव के साथ कहता हु के तुम्हें अफसोस नही होगा

इतने कह कर दादू के राघव का कंधा थपथपाया और रूम मे बाहर चले गए और राघव वही सोच मे डूबा बैठा रहा

राघव ने अपने पीछे 5 महीनों के बर्ताव के बारे मे सोचा, उसने कभी नेहा से बात करने की कोशिश नही की थी पहली बार जब उसने नेहा से बात की तब वो शादी की रात को ही टूर पर निकल गया था और वापिस आने के बाद तो उसने उसे साफ और रुडली कह दिया था के वो उससे दूर रहे जससे उनके बीच दूरिया और बढ़ गई थी और बहुत देर इस बारे मे सोचने के बाद राघव ने एक लंबी सास ली और सीढ़िया चढ़ कर अपने रूम की ओर जाने लगा, जाते जाते उसकी नजर गार्डन मे बैठ कर बाते करते शेखर और श्वेता पर पड़ी जो एक हैप्पी कपल का बेहतरीन उदाहरण थे वही उसने तो कभी नेहा के साथ वक्त भी नही बिताया था या ये कहना ज्यादा सही होगा के उसने तो नेहा को कभी वाइफ समझा ही नही था, वो अपने रूम मे आया।

राघव जब रूम मे आया तो उसने देखा के नेहा बालकनी मे रजाई ओढ़े कोई बुक पढ़ रही थी, राघव ने कुछ पल तक नेहा को देखा और जब नेहा को लगा के कोई उसे देख रहा है तो उसने मूड कर देखा तो वहा राघव को पाया जिसके बाद नेहा ने नजरे नीची कर ली और दोबारा किताब पढ़ने लगी क्युकी वो जानती थी के राघव उससे बात नहीं करेगा और ऐसा जताएगा के वो वहा हो ही नही।

वो दोनों ही एकदूसरे के लिए अजनबी थे वो कोई बात कभी शुरू नही करता था वही नेहा भी कोई पहल नही करती थी क्युकी उसे शायद ये अच्छा ना लगे

राघव कुछ नही बोला और बेड पर जाकर काफी जगह छोड़ कर लेट गया, पिछले कुछ दिनों मे लगातार काम की थकान से उसे जल्दी नींद आ गई,

नेहा ने उसकी तरफ देखा और फिर लाइटस बंद कर दी, उसे वही बालकनी मे अच्छा लग रहा था वो तो वही सितारों को देखते हुए सो गई...

पता नहीं इनके जीवन मे क्या लिखा था...

क्या राघव इस शादी को एक मौका देगा??

अब क्या करेगा राघव??

और क्या नेहा कोई पहल करेगी??

देखेंगे अगले अपडेट मे..

क्रमश:
A sensible conversation which is necessary
 

Jos Jerrin

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Update 8




अगली सुबह

अलार्म मे घनघनाने की आवाज से राघव की नींद खुली और वो उठ कर बैठा, पूरी आंखे खोलने के बाद उसने अपने बाजू मे बेड पर देखा तो उसका चेहरा उतर गया, उसके बाजू का बेड का साइड खाली था नेहा वहा नहीं थी।

(पहले खुद इग्नोर करो फिर वो क्यू नहीं है इसपे चेहरा भी उतारो, हिपाक्रसी की भी सीमा होती है राघव बाबू :redface: )

इस वक्त सुबह के 5 बज रहे थे और जहा तक राघव नेहा को जानता था वो सुबह 5 बजे नही उठती थी राघव ने अपने रूम मे इधर उधर नजरे घुमाई तो पाया के बालकनी का दरवाजा खुला है वो बेड से उठा और बालकनी मे जाकर देखा तो नेहा वहा सोई हई थी,

‘इसको अचानक क्या हो गया? अब क्या मैडम मेरे साथ बेड भी शेयर नहीं कर सकती?’ (जैसे तुमको तो रहना ही है उसके साथ :sigh: ) राघव के दिमाग मे खयाल आया लेकिन वो कुछ नही बोला, उसने अपना सर झटका और रूम से बाहर चला आया जिम करने

यहा नेहा को बालकनी मे सोते सोते थोड़ी गर्मी लगने लगी जिससे उसकी आंखे खुल गई और उठकर जब उसने अपने आजू बाजू देखा तो पाया के वो रात को आसमान मे सितारे देखते हुए बालकनी मे ही सो गई थी, नेहा रूम मे आई और उसने घड़ी को देखा तो पाया के अभी उसके उठने का समय नहीं हुआ था इसीलिए वो वापिस बेड पर जाकर सो गई बगैर किसी बात की चिंता करे, नेहा को अपनी नींद से बहुत प्यार था लेकिन ये बात वो कभी मानती नहीं थी।

कुछ समय बाद..

राघव जिम से वर्काउट करके लौट रहा था और अपने रूम की ओर जा रहा था तब उसकी मा ने उसे रोका

जानकी- राघव रूम मे ही जा रहे हो ना?

राघव- हा मॉम! कुछ चाहिए आपको?

जानकी- नहीं बस नेहा को नींद से जगा देना उसने मुझसे उसे जल्दी जगाने कहा था वो आज श्वेता उसके मायके जा रही है न तो उसे बाय करने के लिए

राघव- दुनिया मे बहुत सालों पहले अलार्म का आविष्कार हो चुका है मॉम और इस काम के लिए उसने आपसे कहा?

जानकी- हा पर नेहा को नींद से जगाना अलार्म के बस का नहीं है या तो कोई उसे नींद से जगाए या वो खुद के हमेशा के टाइम पर ही उठेगी

ये नेहा के बारे मे एक नई जानकारी थी जो आज राघव को पता चली थी राघव ने हा मे गर्दन हिलाई और अपने रूम मे चला आया और जब वो रूम मे पहुचा तो उसने देखा के अब नेहा रूम मे आकर बेड पर सो रही थी तो राघव उसके पास आया

वेट! इसको जगाऊ कैसे अब?

सुनो! ना ना ये सही नही लगेगा कुछ और सोचना पड़ेगा राघव

हैलो? ना ये भी नाही

'हा एक काम करता हु इसके नाम से ही उठता हु लेकिन मैंने कभी इसके पहले उससे बात भी नहीं की है’

राघव का दिमाग सोच मे डूबा हुआ था के नेहा को कैसे जगाए क्या बुलाए उसे और आखिर मे उसने उसे उसका नाम पुकारके उठाने की ठानी (वाह! अपनी की बीवी को कैसे बुलाए इसपर दिमाग खपाया जा रहा है :sigh: )

राघव- न..नेहा

अबे जोर से बोल और हकला मत’

राघव- नेहा!

राघव ने थोड़ा जोर से कहा लेकिन नेहा अपनी जगह से एक इंच भी नहीं हिली, राघव ने रजाई खीचनी चाही लेकिन नेहा ने उसे कस के पकड़ा हुआ था राघव ने रजाई को अपनी ओर खींच कर निकालने की कोशिश की लेकिन नेहा ने नींद मे ही उसे वापिस अपने ऊपर खीच लिया और राघव बस उसे देखता ही रहा

राघव- नेहा उठ जाओ देखो लेट हो रहा है, तुम्हें श्वेता को सीऑफ करना था ना?

राघव ने एक और बार कोशिश की जिसपर

नेहा- बस 5 मिनट

उनींदी आवाज मे नेहा ने इतना कहा और वापिस सो गई, उसे वो क्या कर रही है क्या बोल रही है इसकी खबर भी नहीं थी

मॉम सही कह रही थी इसके बारे मे’ राघव ने मन मे सोचा

राघव- हे नेहा बहुत हुआ अब उठ जाओ

इतना बोल कर राघव ने पूरी रजाई खीच ली

नेहा- मैं नही उठने वाली जो करना है कर लो!

नेहा ने अपनी उसी उनींदी आवाज मे चीख कर कहा और वापिस सो गई और राघव बस उसे आंखे फाड़े देखता रहा, किसीने आज तक उसके साथ उची आवाज मे बात नही की थी और ये उसपर नींद मे ही सही लेकिन चिल्लाई थी

राघव- वापिस आकार सो जाना अब उठो

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ कर उसे बेड पर बैठाते हुए कहा जिससे इरिटैट होकर नेहा ने एक तकिया उठाया और उसे सीधा राघव के मुह पर दे मारा और वापिस बेड पर गिर गई लेकिन आंखे उसकी अब भी बंद थी

बस अब बहुत हो गया था अब तो नेहा ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली थी उसने ग्रेट राघव देशपांडे के मुह पे तकिया दे मारा था

राघव- ए पागल लड़की अभी के अभी बेड से नीचे उतरो!

राघव चिल्लाया लेकिन गेस करो क्या हुआ होगा,

राघव के चिल्लाने का नेहा पर कोई असर नहीं हुआ और वो वैसी ही सोई रही और उसको ऐसे देखते हुए अब राघव को गुस्सा आने लगा था और वो सीधा बाथरूम की तरफ गया और वहा से एक पानी की बाल्टी ले आया और पूरी पानी से भरी बाल्टी उसने नेहा पर उड़ेल दी जिससे नेहा हड़बड़ाकर उठी

नेहा- सुनामी! सुनामी! मेरा फोन कहा है... मेरा फोन!!

नेहा बेड से उठी और चिल्लाने लगी वही राघव अपने हाथ बांधे उसे देख रहा था और जब नेहा को होश आया और उसके ध्यान मे आया के कोई सुनामी नहीं है तो उसने रूम मे देखा और पाया के राघव उसे घूर रहा था और राघव के हाथ मे पानी की बाल्टी थी

नेहा- ये कोई तरीका है किसी को जगाने का?

नेहा ने धीमी आवाज मे पूछा और राघव अविश्वास से उसे देखने लगा, ये वही लड़की थी जो नींद मे उसपर चिल्लाए जा रही थी, उसके मुह पर तकिया फेक रही थी और अब इतना धीमे बात कर रही थी के इसपर यकीन होना मुश्किल था

राघव- पागल लड़की मैं तुम्हें पिछले 20 मीनट से जगा रहा था और तुम पुछ रही हो ये क्या तरीका है अरे मैं पूछता हु सोने का ये कौनसा तरीका है?

नेहा- झूठ मत बोलिए मैं एक आवाज मे ही उठ जाती हु

नेहा ने कॉन्फिडेंट बनते हुए कहा और राघव बस उसे चुप चाप देखता रहा

राघव- वो तकिया दिख रहा है तुम्हें ?

राघव ने उस तकिया की तरफ इशारा किया जो नेहा ने उसे मारा था और जो अभी फर्श पर पड़ा था, नेहा ने उसे देखते हुए हा मे गर्दन हिलाई

राघव- वो तुमने फेका है।

नेहा- तो??

राघव- मेरे मुह पे !

नेहा- ओह... हैं..! क्या??

राघव- हा तुम... तुम किसी नशे मे धुत आदमी जैसा बिहेव कर रही थी, नहीं.. उससे भी बुरा वो भी अच्छे होते है पागल कही की

नेहा- मैं पागल नहीं हु और ना ही बेवड़ी

नेहा भी अब डिफेन्स मोड मे आ गई थी

राघव- तुम हो

नेहा- नहीं!

राघव- ओह शट उप सोच रहा हु मॉम को कैसा लगता अगर मेरी जगह वो तुम्हें जगाने आती तो

और मॉम का नाम आते ही नेहा के दिमाग की बत्ती जली के उसी ने जानकी को उसे जगाने कहा था और वो सीधे बाथरूम की ओर भागी बगैर राघव की एक बात सुने

राघव- कहा जा रही हो मेरी बात पूरी नहीं हुई अभी

राघव उसके पीछे से चिल्लाया लेकिन उसने उसे इग्नोर कर दिया

‘ये लड़की एक दिन मेरा ब्लड प्रेशर बढ़ा देगी’ राघव बड़बड़ाते हुए रूम के बाहर चला गया

कुछ समय बाद नेहा ने रेडी होकर रूम मे इधर उधर नजरे घुमा कर देखा के कही राघव वहा तो नही है, सुबह के उनके सीन के बाद वो राघव के सामने नहीं जाना चाहती थी और जब उसे राघव कही नही दिखा तो उसने राहत की सास ली और अपने आप को आईने मे देखा तभी उसे किसी के गला खखारने की आवाज आई नेहा ने थोड़ा साइड से देखा तो पाया के राघव उसे देखते हुए उसके पीछे आ रहा है

नेहा पलट कर थोड़ा पीछे जाने लगी लेकिन फिर रुक गई क्युकी इससे ज्यादा वो पीछे नहीं जा सकती थी और राघव उसके पास आए जा रहा था

नेहा- वो.. वो.. वो..

नेहा के मुह से आवाज नहीं निकल रही थी और राघव ने सवालिया नजरों से उसे देखते हुए अपनी एक भौ उठाई

वो नहीं जानती थी के क्या करना है वो उसके बेहद पास था जिससे उसके दिल की धड़कने बढ़ गई थी नेहा उसकी नजरों के बचने के लिए इधर उधर देखने लगी लेकिन राघव की इन्टेन्स नजरों से वो अपने को नहीं बचा पा रही थी

नेहा- वो.. वो वहा क्या है?

नेहा ने राघव के पीछे देखते हुए पूछा जिससे राघव ने भी पीछे पलट कर देखा की नेहा क्या कहना चाह रही है लेकिन तभी नेहा ने उसे हल्का सा धक्का दिया और वहा से जितना हो सके उतना तेज भाग ली

जब वो भागते हुए बाहर आई तो वो रिद्धि से टकरा गई

रिद्धि- भाभी क्या हुआ ऐसे भाग क्यू रही हो आप?

नेहा- वो.. वो रिद्धि...

लेकिन नेहा को कोई बहाना नहीं मिल रहा था

रिद्धि- आपने वापिस चूहा देख लिया क्या??

रिद्धि ने अंदाज लगाते हुए पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

रिद्धि- भाभी उसमे इतना क्या डरना वो एक चूहा ही तो है

नेहा- ये वाला बहुत बड़ा है

नेहा ने धीमे से कहा लेकिन रिद्धि से सुन लिया

रिद्धि - बड़ा वाला! कोई ना मैं कहती हु किसी से वो चूहा ढूँढने अब चलो श्वेता भाभी का जाने का समय हो गया है उन्हे बाय भी तो करना है

जिसके बाद वो दोनों वहा से चली गई...

क्रमश:
Bloody rat😁
These guys seriously needs to work on their relationship
 

Jos Jerrin

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Update 9



कुछ समय बाद परिवार के सभी लोग घर मे बने मंदिर मे सुबह की आरती के लिए इकट्ठा हो रहे थे आज संडे का दिन था तो किसी को काम पर जाने की कोई जल्दी नहीं थी।

विवेक- गुड मॉर्निंग भाभीलोंग

विवेक ने वहा खड़ी नेहा और श्वेता के बीच मे आकार खड़े होते हुए कहा

नेहा- गुड मॉर्निंग

नेहा ने विवेक की नाक खीच ली

शेखर- ओहो आज तो भाभी का मूड बड़ा अच्छा लग रहा है

राघव - ऐसा कह सकते है!

राघव ने पीछे से आते हुए शेखर की बात का समर्थन किया और नेहा को देखने लगा और नेहा नीचे देखने लगी

विवेक- हेनजी!

राघव- मतलब वो ऐसे कभी बिहेव नहीं करती ना

रिद्धि- भाई आपको ना कुछ नही पता आप घर पर ही कहा होते हो जो आपको भाभी का मस्ती वाला मूड पता हो भाभी को जानने के लिए पहले उसके साथ रहा तो कीजिए

रिद्धि ने कहा जिसपर ‘वो कभी होते ही तो नहीं है’ ये ख्याल नेहा के दिमाग मे आया और उसका चेहरा उतर गया और राघव बराबर नेहा के उतरे चेहरे का रीज़न समझ गया वो अच्छे से जानता था के नेहा को चेहरा क्यू उतरा और इसका रीज़न वो खुद था इसीलिए वो वहा से बगैर कुछ बोले चला गया

गायत्री- चलो सब लोग आरती के लिए आ जाओ आज चूंकि सब लोग है घर मे तो सब अपने अपने जोड़े के साथ आरती करेंगे

जिसके बाद गायत्री और शिवशंकर जी ने आरती शुरू की उनके बाद रमाकांत-जानकी, धनंजय- मीनाक्षी, विवेक, रिद्धि और श्वेता- शेखर

श्वेता ने आरती की थाली नेहा को दी और राघव उसके करीब आया और उसने प्लेट को छुआ और प्लेट को पकड़ते हुए उसका हाथ नेहा के हाथ को टच किया और वो हल्का सा स्पर्श नेहा के दिल की धड़कन बढ़ाने के लिए काफी था, नेहा ने उसकी तरफ देखा, वो भगवान की मूर्ति की तरफ देख रहा था जिसके बाद नेहा ने भी अपना ध्यान आरती मे लगाया

भगवानजी मैंने आपसे कभी कुछ नाही मांगा है आपने मुझे बिन मांगे ही सबकुछ दिया है लेकिन आज मांगती हु मेरे परिवार को हमेशा खुश रखना और इनकी सारी परेशानिया दूर करना’ नेहा ने आंखे बंद करके भगवान से प्रार्थना की और राघव बस उसे देखता रहा (क्या ही सही लड़की है bc पत्थर को सनम मान रही 🥲)

भगवान मेरे परिवार को हमेशा सुरक्षित और खुश रखना, मेरे पूरे परिवार को’ राघव ने मन ही मन भगवान से कहा और आखरी शब्द उसने नेहा को देखते हुए कहे (चलो कुछ तो अकाल आई इसको)

उसके बाद नेहा ने घर के सभी लोगों को आरती दी और पूजा की थाली मंदिर मे रख दी जिसके बाद सभी लोग नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर आ गए सबने अपने हाथ से अपना अपना नाश्ता लेना शुरू किया सिर्फ नेहा ने राघव की प्लेट मे नाश्ता परोसा फिर खुद लिया

रिद्धि- मॉम प्लीज किसी से कह कर नेहा भाभी का रूम क्लीन करवा दीजिए उनके रूम मे बहुत चूहे हो गए है और भाभी को उनसे डर लगता है

रिद्धि ने नाश्ता करते हुए ये बात छेड़ी जिससे नेहा का निवाला उसक मुह मे ही अटक गया और उसे ठस्का लगा और वो रिद्धि को देखने लगी

मीनाक्षी- अरे बेटा आराम से खाओ

रिद्धि - भाभी ठीक हो आप?

रिद्धि ने चिंता से पूछा जिसपर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई

जानकी- हा ठीक है मैं करवा दूँगी लेकिन चूहा आया कहा से हमारे घर मे तो चूहे नहीं है

विवेक- अरे भाभी ने कल भी देखा था एक चूहे को

और विवेक की बात सुन कर राघव कन्फर्म हो गया के ये लोग किस चूहे की बात कर रहे है, उसने एक बार नेहा को देखा जो नर्वसली इस बातचित को सुन रही थी

रिद्धि- हा पर आज वाला चूहा बड़ा था

रिद्धि ने विवेक से कहा जिसपर राघव ने जूस का घूट लेते हुए नेहा को देखा

शेखर- सिम्पल है न चूहे मारने वाली दावा छिड़क दो रूम मे उसमे क्या है चूहा मर जाएगा

और अब जूस गले मे अटकने की बारी राघव की थी क्युकी चूहा कौन है ये वो जानता था और यहा तो उसी का भाई उसे मारने की प्लैनिंग कर रहा था लेकिन राघव ने कुछ नहीं कहा वो बस नेहा को देखता रहा और नेहा ‘मर गई’’ वाला लुक लिए वहा बैठी रही

रमाकांत- बेटा अगर तुम चूहों से इतना डरती हो तो राघव से कहना चाहिए था ना वो उसे बाहर निकाल देता

अब अपने आपको अपने ही रूम से बाहर कैसे निकलू’ राघव धीमे से पुटपुटाया जिसे नेहा ने सुन लिया और राघव वापिस नेहा को देखने लगा के अब वो इसपे क्या बहाना बनाती है पर वो कुछ कहती इससे पहले धनंजय बोल पड़े

धनंजय- राघव को तो ये बात पता होगी न भाईसाब, क्यू राघव तुम्हें नहीं पता था तुम्हारे रूम मे एक चूहा है ?

राघव- मुझे तो नही दिखा चाचू इसीलिए मैं किसी से कहने वाला था लेकीन रिद्धि ने बात छेड दी

राघव ने नेहा को देखने हुए कहा और उसका रिएक्शन देखने लगा वही नेहा ने एक राहत की सास ली के राघव ने बात संभाल ली थी

गायत्री- अगर सब का नाश्ता और बाते हो गई हो तो चलो श्वेता को कुछ रस्मे करनी है वो अपने मायके जाए उससे पहले

उसके बाद सबने नाश्ता किया और श्वेता ने कुछ रस्मे की, श्वेता का भाई उसे लेने आया हुआ था और वो सबको बाय बोल कर उसके साथ चली गई, शेखर कल उसके मायके जाकर उसे ले आएगा।

गायत्री- रमाकांत, मैं और तुम्हारे पापा सत्संग मे जा रहे है आज संडे है तो

शिवशंकर- हा और हमारा शाम का खाना भी वही होगा तो हमारी राह मत देखना

जिसके बाद दादू दादी दोनों रेडी होने चले गए

धनंजय- मुझे और मीनाक्षी को भी अनाथालय जाना है हमेशा की तरह

रमाकांत- और आज बड़े दिनों बाद छुट्टी मिली है तो...

रमाकांत जी जानकी की ओर देखने लगे

नेहा – पापा आप और मा आज काही घूम आइए एंजॉय कीजिए

नेहा ने अपने ससुर का इशारा समझते हुए कहा और रमाकांत ने उसे आँखों से ही धन्यवाद कहा

नेहा- मा मुझे मंदिर जाना है जाऊ?

जानकी- हा हा जाओ ना बेटा तुम्हें पूछने की क्या जरूरत है, हमेशा जैसे तुम चारों चले जाओ और हा मेरे नलायाक बेटे को भी ले जाओ

जानकी ने आखरी लाइन सीढ़ियों से ऊपर जाते राघव को देख कर कही जीसपर नेहा मुस्कुरा दी वही राघव उसे घूरने लगा

शेखर- भाभी मैं चल तो लू आपके साथ लेकिन आपका खदूस पति चाहता है के मैं मीटिंग अटेन्ड करू, आज बताओ छुट्टी के दिन काम करवा रहे मेरे से आप बात करो ना भाई से

शेखर ने नेहा को मस्का मारने की कोशिश की वही रघाव ने इन भाभी देवर की बाते सुन ली और बोला

राघव- सोचना भी मत शेखर कोई बहाना नहीं चलेगा तुम पहले ही बहुत छुट्टी ले चुके हो सीधा ऑफिस के लिए निकलो चलो

रिद्धि- भाभी हम भी नही आ पाएंगे इग्ज़ैम आ रहे है, मुझे और विवेक को लाइब्रेरी जाना है इग्ज़ैम के चलते कॉलेज मे संडे को भी लाइब्रेरी ओपन रखी है कुछ बुक्स लानी वरना हम ये चांस नहीं छोड़ते , सॉरी भाभी

नेहा- अरे उसमे सॉरी क्या जाओ तुम लोग

शेखर- भाभी मैं वादा करता हु जल्दी आ जाऊंगा बस तब तक भगवान आपको इस जालिम आदमी को सहने की शक्ति दे

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा जो सीढ़ियों पर खड़े होकर ये नौटंकी देख रहा था

विवेक- भाभी पक्का जाए न हम आप जाएंगी भाई के साथ?

विवेक के सवाल पर नेहा ने हा मे गर्दन हिला दी

मीनाक्षी- वो राघव के साथ जा रही है किसी माफिया डॉन के साथ नहीं जो तुम लोग ऐसा कर रहे हो

मीनाक्षी ने विवेक रिद्धि और शेखर से कहा और जब सब लोग अपने अपने काम पर निकल गए तब नेहा ने राघव को देखा जो उसी को देख रहा था

नेहा- आइ एम सॉरी

नेहा ने नीचे देखते हुए कहा

राघव- क्यू?

नेहा- वो सुबह के लिए और फिर नाश्ते के वक्त...

इसके आगे नेहा से कुछ नहीं बोला गया

नेहा- आप चिंता मत करो मैं चली जाऊँगी आपको आने की जरूरत नहीं है मैं किसी को कुछ नाही कहूँगी

नेहा ने नर्वसली कहा

राघव - तयार हो जाओ मैं अपनी मा की बात नही टालता

राघव ने कहा और मूड कर रूम मे जाने लगा और जाते जाते रुका फिर बगैर मुड़े बोला

राघव- और हर बात के लिए सॉरी कहना बंद करो

जिसके बाद राघव अपने रूम मे चला गया और नेहा शॉक मे वही खड़ी रही ये सोचते हुए के ‘राघव को क्या हुआ है’ क्यूके उसका ऐसा बिहेवियर नॉर्मल नही था

तयार होकर नेहा और राघव भगवान राम के मंदिर जाने निकले

दोनों सारे रास्ते शांत थे लेकिन ये शांति नेहा से सहन नहीं हो रही थी लेकिन कुछ बोलने मे भी डर लग रहा था, जब वो लोग पहुच गए तब गाड़ी से उतर कर राघव बोला

राघव- चलो वहा से पूजा की थाली ले लेते है

राघव ने मंदिर के पास बनी एक बड़ी दुकान की ओर इशारा किया

नेहा- रुकिए.. मतलब वहा से क्यू यही से ले लेते है न इन लोगों की भी मदद हो जाएगी

नेहा ने एक छोटी की दुकान को देखते हुए कहा जिसके बाद वो उस दुकान मे चली गई और पूजा के लिए जरूरी चीजे लेकर वो दोनों मंदिर मे आए

नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकर उन दोनों को प्रसाद दिया और कुछ ऐसा कहा जिससे राघव को एक झटका लगा...

ऐसा क्या कहा था पंडित जी ने जिसे सुन राघव शॉक हो गया??

जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक कमेंट्स आते रहने चाहिए मुझे नहीं पता कैसे बस कमेंट्स चाहिए और वो भी भरपूर

क्रमश:
These guys needs to spend some time together and I think this is the plan of whole family to bring raghav and Neha closer
 

Jos Jerrin

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Update 10





नेहा ने पूजा की थाली पंडित जी को दे दी जिसे पंडित जी ने भी मुस्कुराकर लिया और बादमे पंडित जी ने आकार उन दोनों को प्रसाद दिया और नेहा के सर पर हाथ रख कर बोले

पंडित- जन्मदिन की बहुत शुभकामनाए नेहा बिटिया

(जन्मदिन है बी अपनी नायिका का :D )


जिसपर नेहा ने भी झुक कर पंडित जी का आशीर्वाद लिया वही राघव शॉक मे खड़ा उन्हे देख रहा था उसे तो आज नेहा का बर्थडे इसका दूर दूर तक कोई अंदाजा नहीं था, राघव को नेहा के साथ देख पंडित जी ने नेहा से पूछा

पंडित- अरे बिटिया ये कौन है ?

पंडित जी के सवाल से नेहा के ध्यान मे आया के आज तो राघव भी उसके साथ था वरना तो वो अकेले ही होती थी

नेहा- वो.. वो पंडित जी ये.. ये मेरे पति है राघव देशपांडे

नेहा ने धीमे से कहा वही राघव अब भी उसे देखे जा रहा था

पंडित- अरे वाह! अच्छा लगा आप से मिल कर। हर साल नेहा बिटिया अकेले ही आती है पर अब आप है उसके साथ उसे प्यार करने वाला जीवनसाथी मिल गया है, बड़ा अच्छा लगा नेहा बेटा तुम्हें खुश देख कर

(खुश :confuse: )



पंडित जी ने राघव और नेहा से कहा वही राघव कुछ नही बोला बस नेहा को देख के मुस्कुरा दिया

प्यार करने वाला जीवनसाथी’ नेहा ने मन मे सोचा मानो अपने आप को चिढ़ा रही हो

राघव- जी पंडितजी अब मैं हु ना अब नेहा अकेली नहीं है

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा वही नेहा ने उसकी बात सुन कर उसे देखा, राघव की नजरे नेहा के मन मे तितलिया उड़ा रही थी और उसकी बात सुन नेहा के गालों पर लाली छाने लगी थी, शायद उसके मन मे कुछ तो उम्मीद जग रही थी लेकिन नेहा भावनाओ मे बहने वाली लड़की तो बिल्कुल नहीं थी वो मानो जानती थी के ये सब शायद दिखावा है

मंदिर मे दर्शन करने के बाद वो दोनों बाहर आए और राघव कुछ बोलता इससे पहले ही नेहा उससे थोड़ा दूर आई और वहा मौजूद कुछ गरीब बच्चों की ओर चली गई और उन्हे लेकर पास वाली दुकान ने उन्हे खाने पीने का सामान दिलाने लगी वही राघव खड़ा खड़ा उसकी हर ऐक्टिविटी देख रहा था।

नेहा वापिस आई और दोनों कर मे आ बैठे लेकिन कार बस खड़ी रही और जब राघव ने कार शुरू नहीं की तो नेहा ने पूछा

नेहा- क्या हुआ?? आप गाड़ी क्यू नाही चला रहे?

राघव- मुझे छोड़ो तुम्हें क्या हुआ है?

राघव ने अचानक से पूछा जिससे नेहा थोड़ा चौकी

नेहा- क.. कहा क्या.. कुछ भी तो नहीं

राघव – तुमने किसी को क्यू नहीं बताया के आज तुम्हारा बर्थडे है, अगर तुम ये बात बताती तो हम कुछ प्लान करते ना

राघव ने नेहा को घूरते हुए कहा

नेहा- अरे इस.. इसमे इतनी बड़ी क्या बात है बर्थडे ही तो है

राघव- लोग अपने बर्थडे के लिए एक्सईटेड रहते है और तुम कह रही हो बर्थडे ही तो है! यार कम से कम बताना तो चाहिए था तुम्हें

राघव ने हल्के गुस्से मे कहा

नेहा- मुझे मेरा बर्थडे मनाना पसंद नहीं है बस इसीलिए नहीं बताया।

नेहा ने इधर उधर देखते हुए कहा

राघव- और ऐसा क्यू भला, बताएंगी आप?

(वैसे तो ये उससे बात नहीं करता अब इतनी पंचायत :sigh: )

राघव ने नेहा के बिहेवियर से इरिटेट होते हुए पूछा और नेहा ने कुछ पल उसे अच्छे से देखा और फिर बोली

नेहा- मैं एक बहुत ही सिम्पल लड़की हु जिसे सिम्पल छोटी छोटी चीज़े पसंद है, मेरी शादी एक बड़े परिवार मे हुई है इसका ये मतलब नही है के सब मुझे अटेंशन दे या मैं कोई गोल्ड डिगर हु, मुझे किसी भी चीज का दिखावा पसंद नही है, मैं जानती थी के मैं अगर ये बात किसी को भी बताती तो घरवाले कुछ न कुछ प्लान जरूर करते और बर्थडे ना मनाना मेरी खुद की चॉइस है और इसीलिए मैंने किसी को नही बताया

नेहा बोलते बोलते कुछ पल रुकी और वापिस बोलना शुरू किया

नेहा- और आप को अचानक मेरी लाइफ मे इतना इंटरेस्ट कहा से आया? आप इस शादी से कभी खुश नही लगे मुझे फिर अब इतना इंटरेस्ट क्यू? मुझे किसी से किसी चीज की एक्सेप्टेशन नहीं है क्युकी भले ही वो मेरे लिए इम्पॉर्टन्ट क्यू न हो पर जब मेरे हसबैंड ही मुझे एक्सेप्ट नहीं करते तो मैं उस फॅमिली को अपना कैसे मानू?

बोलते बोलते नेहा की आँखों मे पानी आ गया था और राघव उसके इस कन्फेशन से शॉक होकर उसे देख रहा था

नेहा- प्लीज घर मे किसी को मेरे बर्थडे के बारे मे मत बताइएगा मैं उसे ही मेरा गिफ्ट समझ लूँगी

नेहा ने अपने आँसू पोंछते हुए कहा, कहना तो नेहा को बहुत कुछ था लेकिन कुछ भी कह कर कोई मतलब नहीं था, राघव इन बातों को कभी नहीं समझेगा ऐसा उसे लगता था।

राघव कुछ नहीं बोला और उसने शांति से गाड़ी घर की तरफ बढ़ा दी, घर पहुचने पर नेहा जल्दी से गाडी से उतरी और घर के अंदर चली गई वही राघव बस कार मे बैठा उसे जाते देखता रहा।

क्या मैंने उसे इतना हर्ट कर दिया? मैंने कभी नहीं सोचा था के मेरे एक्शंस उसे इतनी तकलीफ पहुचा देंगे और वो ऐसा कैसे सोच सकती है के मैं उसे एक गोल्ड डिगर मानता हु’ राघव ने गुस्से मे अपना हाथ गाड़ी के स्टिरिंग व्हील पे दे मार

‘मैं जानता हु मैंने कभी एक अच्छे पति की तरफ बिहेव नहीं किया है लेकिन मैंने कभी उसके बारे मे कुछ गलत भी नहीं सोचा, वही तो है तो जिसके आने से मेरा सारा परिवार खुश है, कितना खयाल रखती है सबका, मेरा भी, जबकि मैंने उसे कितना हर्ट किया है साफ कह दिया था उससे के मुझे उसकी कोई जरूरत नही फिर भी... शायद दादू सही थे नेहा के बारे मे’

एक तरफ राघव अपने खयालों मे गुम था वही नेहा को ऐसा लग रहा था के उसे राघव से वो सब बाते नहीं करनी चाहिए थी

‘हे भगवान क्या हो गया था मुझे? मैंने उनसे ये सब क्यू कह दिया? अब वो और ज्यादा गुस्सा होंगे, कुछ सोच नेहा कुछ सोच’ नेहा सोच मे गुम थी के तभी

“भाभी!!!!!” नेहा को विवेक और रिद्धि का आवाज आया जो उसे पुकार रहे थे और जब उसने पलट कर देता तो पाया के दोनों उसके रूम मे आ चुके थे

“हमने आपको बहुत मिस किया” रिद्धि और विवेक ने नेहा को दोनों साइड से हग करते हुए कहा

“और मैंने भी” उन दोनों की आवाज मे अब एक और आवाज मिल चुकी थी जो शेखर की थी जो कैजुअल कपड़ों मे था

नेहा- तुम्हारी मीटिंग थी ना गए नहीं तुम?

शेखर - हा वो जल्दी खतम हो गई तो लौट आया, बस अभी अभी लौटा हु और कपड़े बदल के आ गया

ये लोग बात कर ही रहे थे के इनको वहा किसी और के होने का भी एहसास हुआ और जब गेट पर नजर पड़ी तो देखा के राघव रूम के दरवाजे पे खड़ा था

विवेक- भाई हमारी भाभी का खयाल रखने का बहुत बहुत शुक्रिया अब अगर आपको ऑफिस जाना हो तो आप जाओ हम है अब यहां 😌

विवेक ने राघव को दूसरे शब्दों ने वहा से जाने के लिए बोल दिया था बोले तो उसे उसके ही रूम से निकाला जा रहा था और राघव विवेक को घूरने लगा लेकिन विवेक पे उसके कुछ असर नहीं हुआ

राघव- ओये चमन चिली! तुझे पता है न वो पहले मेरी बीवी है बाद मे तेरी भाभी

राघव की बात सुन कर नेहा उसे आखे बड़ी करके देखने लगी

शेखर- हा तो हम कहा कुछ कह रहे है भाई ओफकोर्स भाभी आप की ही है

शेखर ने राघव के मजे लेते हुए कहा लेकिन राघव ने कुछ रिस्पॉन्स नही किया और अंदर आकार बेड पर बैठ गया लेकिन मन ही मन वो खुश जरूर हुआ जब शेखर ने बोला के नेहा सिर्फ उसकी है

रिद्धि- भाई हम दिनभर भाभी से बाते करेंगे जैसे हर संडे को होता है आप बोर हो जाओगे

राघव- क्यू?? मैं क्यू बोर हो जाऊंगा मैं कोई 60 साल का नहीं हु समझी ना

विवेक- हा लेकिन बिहेव तो वैसा ही करते हो ना 60 साल वालों जैसा

राघव- विवेक, क्या बोला दोबारा बोलना

राघव मे विवेक को घूरते हुए पूछा

विवेक- क्या... यकीन ना हो तो भाभी से पूछ लो के आप 60 साल वाले अंकल जैसा बिहेव करते हो

विवेक ने मामला नेहा की ओर सरका दिया और नेहा बस राघव को देखने लगी जो अब नेहा के रिप्लाइ की राह देख रहा था

शेखर- हा हा बताओ भाभी

राघव- अब तो मुझे भी सुनना है बताओ

नेहा- वो... मैं... वो

नेहा कुछ बोलती इससे पहले ही रिद्धि बोल पड़ी

रिद्धि- ऑफफो क्या आप लोग भी भाभी से पूछ रहे वो तो भाई का ही साइड लेंगी ना छोड़ो ये बाते आज हमे बहुत कुछ करना है

शेखर- हा पहले बाते करेंगे फिर कोई मस्त फिल्म देखेंगे और फिर शाम मे कुछ बाहर से मंगवालेंगे खाने के लिए और रात.....

शेखर पूरा प्लान बता ही रहा था के राघव ने उसे बीच मे टोक दिया

राघव- उम्हू मूवी के बाद का प्लान रहने दो मैं और तुम्हारी भाभी बाहर जा रहे है

विवेक- क्यू??

विवेक ने राघव को घूरते हुए पूछा

राघव- मुझे अपनी बीवी को बाहर ले जाने के लिए तेरी पर्मिशन नहीं चाहिए

राघव ने भी विवेक को वैसे ही घूरते हुए कहा वही नेहा को राघव की बात सुनकर एक छोटा हार्ट अटैक ही आ गया

रिद्धि- ओहो भाई डेट पे लेजा रहे भाभी को 😉

राघव- यही रूम मे बैठो, बाते करो मैं अभी आता हु चेंज करके

राघव ने सबको इग्नोर किया और बाथरूम की ओर चला गया

शेखर- ये क्या हुआ अभी अभी

शेखर ने शॉक होकर पूछा

विवेक- लगता है मैं सपने मे हु

विवेक ने भी सेम टोन मे कहा

रिद्धि- भाभी भाई का सर वर टकराया है क्या कही ?

नेहा ने अपनी गर्दन ना मे हिला दी क्युकी राघव का ये बिहेवियर सबके लिए शॉकिंग था, वो कभी इनलोगों के साथ टाइम स्पेंड नही करता था, आज बड़ी मुद्दतों बाद राघव उनके साथ थोड़ा टाइम बितानेवाला था...


क्रमश:
Nice update raghav is trying to put some efforts
 
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