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Romance In Love.. With You... (Completed)

Adirshi

Royal कारभार 👑
Staff member
Sr. Moderator
37,817
52,557
304
Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
 

parkas

Well-Known Member
26,232
58,565
303
Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Bahut hi shaandar update diya hai Adirshi bhai....
Nice and lovely update....
 

Naik

Well-Known Member
20,732
76,302
258
Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Bachaman ki yaade or maa papa ki tasveer ko dekh Neha itna emotional ho gayi thi hona bhi chahiye
Tow Raghav Babu bachpan se Neha deewane tha lekin ab jab izhate mohabbat ka time aaya tow hichkicha rehe h
Baherhal jo bhi tha badhiya tha or aage bhi badhiya hi hoga
Behtareen shaandar lajawab update bhai
 

Tiger 786

Well-Known Member
6,064
21,957
173
Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Awesome update
 

Riky007

उड़ते पंछी का ठिकाना, मेरा न कोई जहां...
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33,962
259
Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
नेहा तो राघव के बचपन का प्यार निकली, वाह, और राघव बचपन में भी नेहा से ही पहल की उम्मीद करता था।

बढ़िया, अब रोमांस तो और शिद्दत से होना चाहिए।
 

Yasasvi3

❣bhootni💞
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Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

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रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
KonsA raaj...👻 dekhana padega waiting for your next update
 
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