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Romance In Love.. With You... (Completed)

park

Well-Known Member
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213
Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Nice and superb update...
 

DARK WOLFKING

Supreme
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lovely update ..dadi ne jo tohfa diya neha ko wo pata chal gaya aur ye bhi ki dono ek hi gaon ke hai ,neha ka pariwar aur raghav ka pariwar padosi the ..

raghav aur neha ki prem kahani to bachpan se hi shuru huyi thi .
dono ek dusre ko taadte rehte the gaon me .par baate nahi kar paate ..

ab tyohar hi tyohar aa rahe hai aur shopping ke maje milne wale hai dono bahuo ko .
 

Aakash.

ᴇᴍʙʀᴀᴄᴇ ᴛʜᴇ ꜰᴇᴀʀ
Staff member
Moderator
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Halka sa andaza tha hume bhi kyuki first time dadi ne jab neha ko dekha tha tabhi unka behavior aisa tha ki jaise wo neha ko jaanti hai bas unhe thik se yaad nahi aa raha hai :approve:

To Raghav babu bachpan se hi neha ko pasand karte the ye raaz dadi nahi batati to hume pata hi nahi chalta :laugh: khair dadi ne neha ko wo diya hai jo koi nahi de sakta parents ki aakhri nishani :good:

Sidha Sidha likh dete Raghav joru ka gulaam ban chuka hai :laughing:
 

kas1709

Well-Known Member
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Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Nice update.....
 
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यह मानव स्वभाव है कि वो हाल फिलहाल या मात्र कुछ दिनो पहले की यादें तो भुल जाता है पर बचपन की यादें चिरकाल तक स्मरणीय रहती है।
कुमुद जी का नेहा को दिया हुआ गिफ्ट नेहा के लिए भावुक भरा लम्हा होगा क्योंकि उन गिफ्ट से उसके स्वर्गीय मां-बाप की यादें जुड़ी हुई थी ।
लेकिन इस गिफ्ट की वजह से इस रहस्योद्घाटन से भी पर्दा उठा कि राघव और नेहा बचपन मे एक दूसरे के पड़ोसी थे और राघव दिल ही दिल मे नेहा से प्रेम करता था।
शायद यह सब भांपकर ही दादा जी ने नेहा को अपना बहु बनाने का फैसला किया था। बहुत अच्छी तरह से सारी कड़ियों को आपने एक सूत्र मे पिरोया है।

बहुत ही खूबसूरत अपडेट Adirshi भाई।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग।
 

dhparikh

Well-Known Member
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Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Nice update....
 
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Update 63




नेहा- ये...! ये सब...! कैसे??

उस बक्से मे रखी चीजे देख नेहा के मुह से निकला

कुमुद- ये मेरे पास बची कुछ आखरी चीजे है जो मैं तुम्हें दे रही हु क्युकी इनपे तुम्हारा सबसे ज्यादा हक है क्युकी आखिर ये चीजे तुम्हारे पेरेंट्स की है! इस बॉक्स मे कुछ वो चीजे है वो तुम्हारे मम्मी पापा वहा छोड़ आए थे और ये घुँघरू तुम्हारी मा ने मुझे वहा से जाने से पहले दिए थे क्युकी मुझे घुँघरू की आवाज अच्छी लगती थी और अब ये तुम्हारे है

बड़ी दादी ने हसते हुए कहा

नेहा- लेकिन आपके पास?? मतलब?? कैसे??

कुमुद- क्युकी मैं तुम्हारे पेरेंट्स को जानती थी।

बड़ी दादी के शब्दों ने दोनों नेहा और राघव को कन्फ्यूज़ कर दिया

कुमुद- राघव तुम्हें राजीव अंकल याद है? राजीव कुलकर्णी?

बड़ी दादी ने राघव से पूछा और राघव याद करने लगा

राघव- हा! वो शायद गाँव मे हमारे पड़ोस मे रहते थे बस इतना ही याद है

कुमुद- नेहा अब कुछ याद आया? तुम तब बहुत छोटी थी जब अपने मम्मी पापा के साथ वहा रहती थी, राजीव और साधना!

दादी की बात सुन राघव ने एकदम से नेहा को देखा और उनकी बात सुन नेहा भी चौकी

नेहा- मुझे कुछ सही से याद नहीं है दादी, मैं बहुत छोटी थी बस कुछ धुंधली सी यादे है जो जेहन मे है

कुमुद- तुम्हारे दादी दादी गाँव मे हमारे पड़ोस मे ही रहते थे और तुम अपने मम्मी पापा के साथ वहा आती थी बहुत छोटी थी तुम तो शायद तुम्हें याद न हो तुम्हारे चाचा तो शहर के काम करते थे और उनका हमारे घर के काफी अच्छे संबंध थे खास कर शिवशंकर के

कुमुद- जानते हो राघव तुम्हारे दादू ने तुम्हें नेहा से शादी करने फोर्स क्यू किया? क्युकी उसे नेहा कौन है पता था और जब शिव ने देखा के तुम शादी के लिए तयार ही नहीं हो तो उसने तुम्हारा और नेहा का रिश्ता जोड़ने का फैसला लिया, याद है नेहा मैंने कहा था के मैंने तुमने देखा है, मैंने उस बचपन वाली नेहा को देखा था तुम्हारे चेहरे मे तुम्हारी मा की झलक है, अब ऐसा नहीं है के शिव ने तुमसे झूठ बोला है या ये बात छिपाई है बस वो चाहते थे के तुम पहले एकदूसरे को अपनाओ और अब ये हो रहा है मैं देख रही हु

कुमुद- तुम्हें तो याद ही होगा राघव हैं ना? मैं अच्छे से जानती हु तुम गाँव क्यू आते थे

दादी की बात सुन राघव ने अपना चेहरा घुमा लिया

कुमुद- तुम दोनों एकदूसरे को छिप छिप कर देखा करते थे टेरस से बगैर बात किए अब शायद तुम दोनों को ये बात याद न हो पर मुझे सब याद है, तुम दोनों ने बचपन मे आँखों आँखों मे बहुत बात करी है।

कुमुद- अच्छा अब चलो बाते बहुत हो गई अब मेरा चलने का टाइम हो गया है, हमेशा साथ रहना चाहे कोई भी परेशानी आए एकदूसरे पर हमेशा भरोसा करना

बड़ी दादी ने मुस्कुराकर दोनों के सर पर हाथ रखे कहा जिसके बाद वो और शुभंकर जी वहा से अपने घर के लिए निकल गए और राघव भी वापिस ऑफिस के लिए निकल गया

--x--x--

मीनाक्षी- श्वेता किसी से चाय चढाने कहो माजी पापाजी मंदिर से आते ही होंगे

मीनाक्षी जी ने श्वेता ने कहा और जानकी जी से बातों मे लग गई और श्वेता वहा से चली गई

रिद्धि- अब तो त्योहार ही त्योहार है ना मा यानि छुट्टिया ही छुट्टिया अब नवरात्रि फिर दिवाली

रिद्धि ने अपनी मा और चाची के पास आते कहा

जानकी- हा न कितने जल्दी जल्दी समय बीत रहा है ना नवरात्रि के बाद दिवाली की तयारिया शुरू हो जाएंगी

रिद्धि- और इस बार तो और भी ज्यादा मजा आएगा मेरी भाभियों का तो घर मे पहला त्योहार है

अब तक नेहा और श्वेता भी वहा पहुच गई थी

जानकी- बिल्कुल

मीनाक्षी- वैसे श्वेता नेहा तुम न अपने अपने बुद्धू पतियों से कह के शॉपिंग कर आओ नवरात्रि आने वाली है, उनके दिमाग मे तो ये कुछ आने से रहा

जानकी- मुझे तो राघव की बहुत चिंता थी के वो शादी करेगा भी या नहीं अब नेहा उसके साथ है तो मेरी चिंता खतम

रिद्धि- ये बढ़िया है भाभियों को मस्त गिफ्ट्स मिलेंगे

नेहा- तो तुम भी कर लो शादी फिर लेती रहना गिफ्ट्स

नेहा ने हस कर रहा और रिद्धि की स्माइल गायब

रिद्धि- नो वे भाभी मैं ऐसे ही ठीक हु

रिद्धि ने ना मे गर्दन हिलाते हुए कहा

श्वेता- नहीं नहीं ऐसे कैसे, अगर तुमने किसी को पसंद किया होगा तो हमे बात दो हम उससे शादी करवा देंगे

रिद्धि- वो... भाभी मेरे एग्जाम्स आ रहे है तो मुझे पढ़ना है बाय!

इतना बोलके रिद्धि वहा से निकल ली और बाकी लोग हसने

लगे इतने मे दादू दादी वहा आ गए

शिवशंकर- अरे क्या चल रहा है भई

जानकी- कुछ नहीं बस नवरात्रि फिर दिवाली आने वाली है तो बाते कर रहे थे

गायत्री- हा ये तो नेहा और श्वेता का पहला त्योहार है हमारे घर मे, अब बस विवेक बचा है फिर मेरी जिम्मादारी खतम,

3शिवशंकर- अरे अभी तो विवेक की शादी मे टाइम है छोटा है वो

गायत्री- जी उसका बस चले तो वो आज ही ले आए

---

रात को नेहा अपने कमरे मे गई तो उसने देखा के राघव उस बॉक्स को देख रहा था जिसे बड़ी दादी ने दिया था तो नेहा भी उसके बाजू मे जाकर बैठ गई

राघव- ये मा पापा है, हैना?

राघव ने एक फॅमिली फोटो को देखते हुए कहा

नेहा- हा मेरे मा पापा

नेहा ने भी फोटो को मुस्कुराकर देखते हुए कहा

राघव- ये घुँघरू! तुम इन्हे अपने अगले डांस विडिओ शूट मे पहनोगी।

राघव ने करीब करीब नेहा को ऑर्डर देते हुए कहा और बाकी चीजों को देखने लगा और उसकी नजरे एक फोटो पर पड़ी

राघव- ये फोटो? इसमे ये तो मैं हु लेकिन ये दूसरा कौन है who is he?

राघव ने कन्फ़्युशन मे पूछा, उस फोटो मे दो बच्चे थे जो दूर से एकदूसरे को देख रहे थे और नेहा ने हल्के से उसके कंधे पर मारा

नेहा- ही नहीं शी वो मैं हु! मुझे जीन्स शर्ट फ्रॉक से ज्यादा कंफर्टेबल लगते थे तो मैं वही पहनती थी

नेहा ने राघव के हाथ से वो फोटो लिया और देखने लगी कुछ पल दोनों मे से कोई कुछ नहीं बोला

राघव- मैंने कभी सोचा ही नहीं था के जीसे बचपन मे देखता था वही मेरी जीवनसाथी बनेगी

राघव ने अचानक से कहा

नेहा- हूह?

राघव – मैं छुट्टियों मे गाँव जाता ही इसीलिए था के तुम्हें देख पाउ लेकिन तुमने दिल तोड़ दिया मेरा

नेहा- ऐसा कुछ नहीं है

राघव – मैं भले छोटा था बट मेरी मेमोरी स्ट्रॉंग है नेहा, मैं हमेशा सोचता के ये कभी तो बात करेगी लेकिन तुमने कभी बात ही नहीं की है, खैर अभी अगर ये बाते बताने बैठ तो सुबह हो जाएगी

नेहा- आपको मेरे बारे मे इतना पता है?

राघव- जितना तुम्हें भी नही पता उतना

नेहा- क्यू? आपको ये सब कैसे पता है? क्यू आप मुझे मुझसे भी बेहतर जानते है? ये तो हमारे बचपन की बात है फिर भी आपको इतनी अच्छी तरह क्यू याद है?

नेहा ने अपनी मुस्कान छुपाते हुए राघव से पूछा और इन सवालों की राघव को उम्मीद नहीं थी, कम से कम अभी तो नहीं, प्यार था तो दोनों को पर दोनों मे से किसी ने कबुल नहीं किया था अपने प्यार जा इजहार नहीं किया था

राघव- उम्म... नेहा मुझे लगता है सोने का वक्त हो गया है लेट हो रहा है कल ऑफिस भी है

राघव ने सब चीजे वापिस बॉक्स मे रखते हुए नेहा के सवाल को इग्नोर करते हुए कहा वो उसकी तरफ देख भी नहीं रहा था

नेहा- ओ हा याद आया मैं और श्वेता कल बाहर जाने वाले है

राघव- किस खुशी मे??

नेहा- अरे नवरात्रि आ रही है और हमे शॉपिंग करनी है

नेहा ने इन्फॉर्म करते हुए कहा

राघव- ना, मैंने पहले ही कहा था अब नो छुट्टी

नेहा- आप इतने सडू क्यू हो त्योहार है अब तयारी भी न करे

राघव- अच्छा ठीक है मुह मत सड़ाओ चली जाना अब मुझे सोने दो

इतना बोलके वो राघव करवट बदल कर सो गया वही नेहा मुस्कुराने लगी आजकल ये बदलाव तो आया था, वो जरा कुछ बोलती राघव उसकी हर बात मान लेता था..

क्रमश:
Veri nyc stori dear
 

Jos Jerrin

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Update 31





अगले दिन हर कोई आकाश की सगाई की तयारियों मे व्यस्त था क्युकी उन्हे सब कुछ करके लड़की वालों के यहा सगाई के लिए जाना था इसीलिए आज सुबह से ही घर मे चहल पहल थी हर कोई किसी ना किसी काम मे लगा हुआ था।

संध्या - नेहा बेटा तुम प्लीज पीछे गार्डन मे से फूलों की टोकरी ले आओगी ? मैंने आकाश से कहा था लेकिन वो भूल गया

नेहा - कोई बात नहीं चाचीजी मैं अभी ले आती हु

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और जब वो गार्डन मे से फूलों की टोकरी लेकर वहा से आ रही थी तभी किसी से उसका कंधा थपथपाया और नेहा ने मूड कर देखा तो वहा रितु खड़ी थी

नेहा - तुम्हें कुछ चाहिए क्या ?

नेहा ने उसे हल्की सी स्माइल पास करते हुए पूछा

रितु- हा! देखो मुझे घुमा फिरा कर बाते करने की आदत नहीं है मैं जो बोलती हु साफ बोलती हु इसीलिए सीधा मुद्दे पर आती हु, मैं चाहती हु तुम राघव से दूर रहो!

रितु से सपाट चेहरे से कहा और उसकी बात सुन नेहा ने कुछ पल उसे अच्छे से देखा और फिर जोर से हसने लगी और उसे हसता देख रितु का चेहरा उतर गया

नेहा- मतलब तुम एक पत्नी को उसके ही पति से दूर रहने कह रही हो ?

नेहा ने ताना मारते हुए पूछा

रितु- मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता तुम उसकी क्या लगती हो पत्नी या जो भी मैं जानती हु तुमने उससे उसके पैसों के लिए शादी की है और उसके गुड लुक्स की वजह से उसके साथ हो और मुझे नहीं लगता के वो तुम्हें पसंद भी करता होगा इसीलिए बेहतर होगा तुम उससे दूर रहो वो सिर्फ मेरा है।

अब रितु ने अपने रंग दिखने शुरू कर दिए थे।

नेहा- पहली बात तो ये के मैं उनकी पत्नी हु तो दूर तुम्हें रहना चाहिए उनसे, हा मानती हु के वो हैंडसम है उनके पास बहुत पैसे है लेकिन इसका ये मतलब नहीं के हमारा रिश्ता इन चीजों पे टीका हुआ है और रही बात उनकी मुझे पसंद करने ना करने की तो उससे तुम्हें कुछ नहीं करना है वो हमारा पर्सनल मैटर है। एक बात मै तुम्हें बता दे रही हु मेरा पति पर डोरे डालने की कोशिश भी मत करना मैं दिखती बहुत स्वीट और भोली हु लेकिन अपने रंग मे आ गई तो तुमसे बर्दाश्त नहीं होगा इसीलिए ये तुम्हारे लिए बेहतर होगा के तुम मेरे पति से दूर रहो!

नेहा के एकदम साफ शब्दों मे रितु को चेतावनी दे दी थी जिससे वो उसकी बात साफ साफ समझ जाए लेकिन जो समझे वो रितु कहा

रितु- हूह! अगर मैंने उसके पास जाना शुरू किया ना तो वो तुम्हें भूल जाएगा

रितु ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा और नेहा ने अपनी मुट्ठीया भींच ली

नेहा- कोशिश करके देख लो

रितु- हा!

नेहा की बात ने रितु को कन्फ्यूज कर दिया था

नेहा- मैंने कहा कोशिश करके देख लो के तुम कितनी बुरी तरह हारोगी

अब नेहा ने रितु को चैलेंज दे दिया था

रितु- तो तुम राघव को दाव पर लगा रही हो?

रितु नेहा की बात सुन मन ही मन खुश हो रही थी

नेहा- नाह वो की खेलने की चीज नहीं है मैं तो उनपर जो मुझे यकीन है उसे दाव पर लगा रही हु, मुझे भरोसा है वो मुझे कभी धोका नहीं देंगे, अगर तुम जीती तो मैं अपना यकीन हार जाऊँगी और मैं जीती तो तुम उनका साथ पाने की उम्मीद

रितु- इतना भरोसा है तुम्हे उसपर देख के अच्छा लेकिन भूलो मत वो एक मर्द है

रितु ने शैतानी मुस्कान के साथ कहा

नेहा- हा तो! इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता के कोई मर्द है या औरत जब तक वो उस रिश्ते की कद्र करे, अगर रिश्ते मे विश्वास हो तो वो कभी किसी को धोका नहीं देंगे और मैं मेरे पति को तुमसे बेहतर जानती हु...

रितु- अपने इस डिसिशन पर पछताओगी नेहा

अब यहां नेहा और रितु के बीच जंग छिड़ने वाली है देखना होगा के आगे क्या होता है...

--x--x--


श्वेता- क्या!!!!! भाभी आपने सच मे ऐसा कहा??

श्वेता ने चौक के नेहा से पूछा क्युकी गार्डन मे उसके और रितु के बीच हुई सारी बात नेहा ने श्वेता को जैसी की वैसी बता दी थी, श्वेता के सवाल पर नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और श्वेता उसके गले लग गई

श्वेता- छा गई भाभी आप तो

नेहा- श्वेता मैंने तुम्हें बताया है लेकिन ये बात बस हमदोनों के बीच ही रहनी चाहिए समझ आया, किसी को मत बताना

श्वेता- अरे भाभी ये बात यहा से बाहर कही नहीं जा रही टेंशन नॉट लेकिन मुझे आपकी ये गुस्से वाली साइड नहीं पता थी

नेहा- कोई साइड नहीं है श्वेता, किसी भी पत्नी को कोई लड़की कहे के तुम्हारा पति मेरा है तो वो ऐसे ही रिएक्ट करेगी

श्वेता- और वो रितु है भी नागिन, पता है भाभी मैं जबसे उससे मिली हु मुझे अच्छी फीलिंग नहीं आ रही लेकिन भाभी बात तो वो सही कह गई मर्द तो आखिर मर्द है

नेहा- हा लेकिन मुझे इनपर पूरा भरोसा है

नेहा के चेहरे पर राघव के बारे मे सोचते ही एक मुस्कान आ गई

श्वेता- आपको अपने रिश्ते का सच पता है फिर भी इतना भरोसा भाभी.. अगर मैं आपकी जगह होती तो शायद शेरी पर इतना विश्वास नहीं दिखा पाती जितना आपने भईया पर दिखाया है..

नेहा- मैंने उनकी आँखों मे अपने लिए प्यार देखा है श्वेता और जबसे मैंने हमारे रिश्ते को सुधारने की कोशिश शुरू की है उनकी आँखों मे भी एक अलग ही चमक देखि है मैंने, उसके बाद उन्होंने कभी मुझे रोका नहीं है और रही बात तुम्हारी तो मैं जानती हु तुम शेखर से कितना प्यार करती हो

श्वेता- फिर भी कुछ प्लान सोचा है आपने उस नागिन से बचने का ? वो कुछ ना कुछ तो जरूर करेगी

नेहा- कोई प्लान नहीं है देखा जाएगा जो होगा....

अब देखने वाली बात होगी के रितु क्या चाल चलेगी और नेहा उसे कैसे रोकेगी लेकिन जो भी हो ये नेहा बनाम रितु की जंग देखने मे मजा बड़ा आएगा तो जुड़े रहिए कहानी के साथ


क्रमश:
Exited for Ritu vs Neha it's going to be fun
 
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