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कहानी के साथ बने रहने के लिए शुक्रिया भाईक्या बात है भाई! कुछ कुछ मेरे ही जीवन से मिलता जुलता अंत लिखा आपने... इसलिए और अच्छा लगा
सुन्दर कहानी राघव नेहा की! पढ़ के मुस्कान आ गई।
आप देवनागरी में ही लिखा करिए - ऐसा मेरा निवेदन है।
और कहानियाँ पढ़ेंगे आपकी![]()

और अगली कहानी भी देवनागरी में ही लिखूंगा
