• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Romance In Love.. With You... (Completed)

parkas

Well-Known Member
28,684
63,127
303
Update 70
Epilogue


एक साल बाद....

नेहा- आज मेरे लिए इतना इम्पॉर्टन्ट दिन है और आप नहीं आ रहे?

राघव- आई एम सॉरी जान लेकिन यहा का काम पूरा नहीं हुआ है और मेरा यहां रुकना जरूरी है

नेहा- मैं आपको अभी से मिस कर रही हु

राघव- तो तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें मिस नहीं कर रहा? मैं तुम्हारी आवाज तुम्हारी हसी सब बहुत बहुत मिस कर रहा हु

नेहा- तो आप नहीं आ रहे हैना?

राघव- नहीं आ पाऊँगा!

नेहा- तो वही रहिए कोई जरूरत नहीं आने की, I don’t need you !

राघव – वो तो रात मे पता चलेगा मेरी जरूरत है या नहीं

नेहा- शट उप!

और नेहा ने फोन काट दिया, वो राघव को मिस कर रही थी तभी श्वेता वहा आई

श्वेता- भाभी रेडी हो आप? सब पुछ रहे है आपके बारे मे

नेहा- हा तुम चलो मैं अभी आई

श्वेता- ऐसे उदास मत होइए भाभी हम सब है आपके साथ, और भईया के बस मे होता तो वो ये दिन कभी मिस नहीं करते

श्वेता ने नेहा के उतरे चेहरे को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने एक फीकी मुस्कान दे दी

--

“कन्ग्रैट्स नेहा!” ये 30-35 साल की महिला ने नेहा से कहा

नेहा- थैंक यू सो मच मालिनी मैम, आपकी हेल्प के बिना ये पॉसिबल नहीं होता

नेहा मुसकुराते हुए कहा

आज नेहा की डांस अकादेमी की दूसरी ब्रांच का इनॉग्रेशन था, पिछले एक साल मे उसने अपनी अकादेमी मे बहुत मेहनत की थी और उसके मालिनी के साथ के कॉलेब्रेशन ने उसे आगे बढ़ने मे बहुत मदद की थी, उसका परिवार तो हमेशा उसके सपोर्ट मे था ही और उसका सबसे बाद सपोर्टर तो राघव था

मालिनी- आज तुम्हारा बहुत स्पेशल दिन है ऐसे ही आगे बढ़ते रहो, वैसे मिस्टर देशपांडे कहा है?

नेहा- वो एक्चुअली बिजनस रेलेटेड काम ने आउट ऑफ सिटी है

नेहा ने कहा

राघव- हा लेकिन डील मेरी बीवी की खुशी से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट नहीं है ना!

नेहा ने जैसे ही ये आवाज सुनी उसके आंखे चमक उठी उसने पीछे पलट कर देखा तो वहा राघव 3 पीस सूट पहने बिखरे बालों के साथ वहा खड़ा था वो अभी अभी डायरेक्ट एयरपोर्ट वो वहा आया था उसके हाथ उसके पैन्ट की जेब मे थे और चेहरे पर मुस्कान थी

वो नेहा के पास आकार खड़ा हुआ और नेहा को साइड से हग कर लिया

मालिनी- आपको देख कर अच्छा लगा मिस्टर देशपांडे

राघव- थैंक यू फॉर योर सपोर्ट मिसेज मालिनी

जिसके बाद उनलोगी के बीच कुछ बातचित हुए और फिर मालिनी ये कहते हुए चली गई के उसे और भी लोगों से मिलना है और अब वहा राघव और नेहा बस बचे थे

नेहा – आप तो नहीं आने वाले थे फिर क्या हुआ??

नेहा ने उसकी पोजिशन मे पूछा

राघव- मैं अपनी बेबी का सक्सेस कैसे मिस कर सकता था?

राघव ने नेहा के गाल खिचते हुए कहा और उसके होंठों पर हल्के से चूम लिया और नेहा की आंखे बड़ी हो गई

नेहा- बेशर्म! जगह तो देखिए सब लोग है यहा

नेहा ने उसके सीने पर हल्के से मारते हुए कहा

राघव- कम ऑन चिक्की तुम मालकिन हो यहा की, ये जगह तुम्हारी है और तुम मेरी

तभी

जानकी- तो आ गए तुम

जानकी जी ने वहा आते हुए कहा और वो दोनों एकदूसरे तो थोड़ा दूर हटे

राघव- हा आगया मा

राघव ने उनके पास जाते हुए कहा

जानकी- लेकिन तुम तो कह रहे थे नहीं आ पाओगे

राघव- आपको मिस कर रहा था न तो आ गया

जानकी- चल चल ड्रामेबाज़, सब जानती हु मैं, नेहा चलो बेटा रिबन काट कर ओपनिंग करो चलो

जिसके बाद वो तीनों वहा से चले गए

दादी ने नेहा से ओपनिंग करने कहा था क्युकी पहली अकादेमी की ओपनिंग दादी और दादू ने की थी, नेहा ने गेट के पास जाकर राघव को अपने पास आने का इशारा किया और राघव भी उसके पास पहुचा

नेहा- आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसीलिए मैं चाहती हु के आप मेरे साथ इस जगह की ओपनिंग करे नेहा ने राघव का हाथ पकड़ते हुए कहा

रिद्धि- हाउ रोमांटिक!!

शेखर – हा हा इन दोनों ने तो रोमांटिक होने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है

शेखर ने कहा

धनंजय- अरे बस करो भाई अब रिबन कट करो मुहूरत निकल रहा है

जिसके बाद नेहा और राघव ने अकादेमी की ओपनिंग की,

जब ईवेंट खतम हो गया तब वहा सिर्फ घरवाले और कुछ वर्कर्स बचे थे

मीनाक्षी- चलो सब बढ़िया हो गया

राघव- नहीं चाची! अभी भी एक चीज बाकी है!

राघव ने अपनी चाची से कहा फिर अपने दादा दादी और मा बाप को देखा जिन्होंने हा मे गर्दन हिला दी

रमाकांत- राघव अब तुम लोग जाओ और उसके साथ जल्दी वापिस आओ, तुम जानते हो मैं क्या कह रहा हु

जानकी- हा अब और इंतजार नहीं होता

जानकी जी ने एक्साइट होते हुए कहा

गायत्री- हा जाओ अब तुम लोग हम घर पर सब तयारी करके रखते है

धनंजय- बेस्ट ऑफ लक

मीनाक्षी- और जल्दी आना

विवेक- हा भाई भाभी हमने भी तयारी करके रखी है

राघव- हा आप लोग घर पहुचो हम आते है

जिसके बाद राघव और नेहा वहा से निकल गए

कुछ समय बाद राघव और नेहा गाड़ी मे बैठे थे राघव ने नेहा को देखा तो वो काफी ज्यादा नर्वस थी और अपने नाखून चबा रही थी

राघव- डोंट वरी जान सब सही होगा देखना तुम

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, सब लोग कितने खुश है उन्होंने हमे हर बात मे सपोर्ट किया है, किसी ने एक बार भी हमे नहीं रोका या किसी को ऐसा नहीं लगा के हम गलत कर रहे है जैसा अक्सर होता है मैं उन्हे निराश नहीं करना चाहती

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा सब सही होगा देखना तुम

राघव ने कार रोकते हुए कहा वो अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे उन्होंने बाहर आकार उस जगह को देखा

'जमनादास अनाथआश्रम'

वो लोग बच्चा गोद लेने आए थे, अब इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं था के राघव या नेहा मे कोई कमी थी बल्कि वो किसी ऐसे हो जिंदगी देना चाहते थे जो पहले ही इस धरातल पर मौजूद था, उन्होंने इस बारे मे अपने परिवार से बात की थी जिसमे उन्होंने भी इन्हे सपोर्ट किया था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया, नेहा तो नर्वस थी ही लेकिन राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी, वो पेरेंट्स बनने वाले थे, उन्होंने पहले ही सोचा था के नेहा के अकादेमी के इनॉग्रेशन के दिन वो बच्चा एडॉप्ट करेंगे लेकिन फिर राघव को बाहर जाना पड़ा था तो पहले तो नेहा ने सोचा किसी और दिन लेकिन जो होना तय था हो रहा था


“मैंने आपसे रिलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स चेक कर लिए है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे, हम किसी को भी ऐसे ही बच्चे की कस्टडी नहीं देते है लेकिन आप बच्चा एडॉप्ट करने के लिए एलिजबल है और सबसे बड़ी बात आप दोनों ये खुद की मर्जी से कर रहे है ना की किसी दूसरी वजह से या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से, आप जैसे बहुत कम लोग है दुनिया मे वरना यहां तो सबको अपना खून ही प्यारा है”

“वो बहुत ही शांत और शर्मिला है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे आपको उसे बहुत प्यार से हंडेल करना पड़ेगा, चलिए”

अनाथआश्रम के मैनेजर ने कहा और वो उनके साथ गार्डन की ओर आए

“वो रहा वो, अब आपको उसे संभालिए मैं आता हु”

गार्डन में एक और इशारा करके मैनेजर वहा से चला गया नेहा और राघव ने उस ओर देखा जहा बस एक बच्चा था, जिसे उन्होंने एडॉप्ट किया था, उसके साथ उनका नाम जुडने वाला था, जिससे आज दोनों ही खुश थे, आज उनकी फॅमिली कम्प्लीट हुई थी, इस नए मेहमान के आने से उनकी खुशिया दुगनी होने वाली थी

आज उनके पास सबकुछ था, ये कहानी जो एक बिखरे हुए रिश्ते से शुरू हुई थी आज निखर कर एक खूबसूरत प्रेमकहनी मे बदल चुकी थी, जरूरी नहीं के शादी से पहले ही प्यार हो, कभी कभी शादी के बाद भी आपको बेइंतेहा प्यार हो सकता है बस आपको थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।

और इसीके साथ ये सफर यही खत्म होता है

With Never Ending Love..!!

The End..!!
Bahut hi shaandar update diya hai Adirshi bhai....
Nice and beautiful update.....
 

park

Well-Known Member
11,906
14,147
228
Update 70
Epilogue


एक साल बाद....

नेहा- आज मेरे लिए इतना इम्पॉर्टन्ट दिन है और आप नहीं आ रहे?

राघव- आई एम सॉरी जान लेकिन यहा का काम पूरा नहीं हुआ है और मेरा यहां रुकना जरूरी है

नेहा- मैं आपको अभी से मिस कर रही हु

राघव- तो तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें मिस नहीं कर रहा? मैं तुम्हारी आवाज तुम्हारी हसी सब बहुत बहुत मिस कर रहा हु

नेहा- तो आप नहीं आ रहे हैना?

राघव- नहीं आ पाऊँगा!

नेहा- तो वही रहिए कोई जरूरत नहीं आने की, I don’t need you !

राघव – वो तो रात मे पता चलेगा मेरी जरूरत है या नहीं

नेहा- शट उप!

और नेहा ने फोन काट दिया, वो राघव को मिस कर रही थी तभी श्वेता वहा आई

श्वेता- भाभी रेडी हो आप? सब पुछ रहे है आपके बारे मे

नेहा- हा तुम चलो मैं अभी आई

श्वेता- ऐसे उदास मत होइए भाभी हम सब है आपके साथ, और भईया के बस मे होता तो वो ये दिन कभी मिस नहीं करते

श्वेता ने नेहा के उतरे चेहरे को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने एक फीकी मुस्कान दे दी

--

“कन्ग्रैट्स नेहा!” ये 30-35 साल की महिला ने नेहा से कहा

नेहा- थैंक यू सो मच मालिनी मैम, आपकी हेल्प के बिना ये पॉसिबल नहीं होता

नेहा मुसकुराते हुए कहा

आज नेहा की डांस अकादेमी की दूसरी ब्रांच का इनॉग्रेशन था, पिछले एक साल मे उसने अपनी अकादेमी मे बहुत मेहनत की थी और उसके मालिनी के साथ के कॉलेब्रेशन ने उसे आगे बढ़ने मे बहुत मदद की थी, उसका परिवार तो हमेशा उसके सपोर्ट मे था ही और उसका सबसे बाद सपोर्टर तो राघव था

मालिनी- आज तुम्हारा बहुत स्पेशल दिन है ऐसे ही आगे बढ़ते रहो, वैसे मिस्टर देशपांडे कहा है?

नेहा- वो एक्चुअली बिजनस रेलेटेड काम ने आउट ऑफ सिटी है

नेहा ने कहा

राघव- हा लेकिन डील मेरी बीवी की खुशी से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट नहीं है ना!

नेहा ने जैसे ही ये आवाज सुनी उसके आंखे चमक उठी उसने पीछे पलट कर देखा तो वहा राघव 3 पीस सूट पहने बिखरे बालों के साथ वहा खड़ा था वो अभी अभी डायरेक्ट एयरपोर्ट वो वहा आया था उसके हाथ उसके पैन्ट की जेब मे थे और चेहरे पर मुस्कान थी

वो नेहा के पास आकार खड़ा हुआ और नेहा को साइड से हग कर लिया

मालिनी- आपको देख कर अच्छा लगा मिस्टर देशपांडे

राघव- थैंक यू फॉर योर सपोर्ट मिसेज मालिनी

जिसके बाद उनलोगी के बीच कुछ बातचित हुए और फिर मालिनी ये कहते हुए चली गई के उसे और भी लोगों से मिलना है और अब वहा राघव और नेहा बस बचे थे

नेहा – आप तो नहीं आने वाले थे फिर क्या हुआ??

नेहा ने उसकी पोजिशन मे पूछा

राघव- मैं अपनी बेबी का सक्सेस कैसे मिस कर सकता था?

राघव ने नेहा के गाल खिचते हुए कहा और उसके होंठों पर हल्के से चूम लिया और नेहा की आंखे बड़ी हो गई

नेहा- बेशर्म! जगह तो देखिए सब लोग है यहा

नेहा ने उसके सीने पर हल्के से मारते हुए कहा

राघव- कम ऑन चिक्की तुम मालकिन हो यहा की, ये जगह तुम्हारी है और तुम मेरी

तभी

जानकी- तो आ गए तुम

जानकी जी ने वहा आते हुए कहा और वो दोनों एकदूसरे तो थोड़ा दूर हटे

राघव- हा आगया मा

राघव ने उनके पास जाते हुए कहा

जानकी- लेकिन तुम तो कह रहे थे नहीं आ पाओगे

राघव- आपको मिस कर रहा था न तो आ गया

जानकी- चल चल ड्रामेबाज़, सब जानती हु मैं, नेहा चलो बेटा रिबन काट कर ओपनिंग करो चलो

जिसके बाद वो तीनों वहा से चले गए

दादी ने नेहा से ओपनिंग करने कहा था क्युकी पहली अकादेमी की ओपनिंग दादी और दादू ने की थी, नेहा ने गेट के पास जाकर राघव को अपने पास आने का इशारा किया और राघव भी उसके पास पहुचा

नेहा- आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसीलिए मैं चाहती हु के आप मेरे साथ इस जगह की ओपनिंग करे नेहा ने राघव का हाथ पकड़ते हुए कहा

रिद्धि- हाउ रोमांटिक!!

शेखर – हा हा इन दोनों ने तो रोमांटिक होने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है

शेखर ने कहा

धनंजय- अरे बस करो भाई अब रिबन कट करो मुहूरत निकल रहा है

जिसके बाद नेहा और राघव ने अकादेमी की ओपनिंग की,

जब ईवेंट खतम हो गया तब वहा सिर्फ घरवाले और कुछ वर्कर्स बचे थे

मीनाक्षी- चलो सब बढ़िया हो गया

राघव- नहीं चाची! अभी भी एक चीज बाकी है!

राघव ने अपनी चाची से कहा फिर अपने दादा दादी और मा बाप को देखा जिन्होंने हा मे गर्दन हिला दी

रमाकांत- राघव अब तुम लोग जाओ और उसके साथ जल्दी वापिस आओ, तुम जानते हो मैं क्या कह रहा हु

जानकी- हा अब और इंतजार नहीं होता

जानकी जी ने एक्साइट होते हुए कहा

गायत्री- हा जाओ अब तुम लोग हम घर पर सब तयारी करके रखते है

धनंजय- बेस्ट ऑफ लक

मीनाक्षी- और जल्दी आना

विवेक- हा भाई भाभी हमने भी तयारी करके रखी है

राघव- हा आप लोग घर पहुचो हम आते है

जिसके बाद राघव और नेहा वहा से निकल गए

कुछ समय बाद राघव और नेहा गाड़ी मे बैठे थे राघव ने नेहा को देखा तो वो काफी ज्यादा नर्वस थी और अपने नाखून चबा रही थी

राघव- डोंट वरी जान सब सही होगा देखना तुम

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, सब लोग कितने खुश है उन्होंने हमे हर बात मे सपोर्ट किया है, किसी ने एक बार भी हमे नहीं रोका या किसी को ऐसा नहीं लगा के हम गलत कर रहे है जैसा अक्सर होता है मैं उन्हे निराश नहीं करना चाहती

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा सब सही होगा देखना तुम

राघव ने कार रोकते हुए कहा वो अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे उन्होंने बाहर आकार उस जगह को देखा

'जमनादास अनाथआश्रम'

वो लोग बच्चा गोद लेने आए थे, अब इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं था के राघव या नेहा मे कोई कमी थी बल्कि वो किसी ऐसे हो जिंदगी देना चाहते थे जो पहले ही इस धरातल पर मौजूद था, उन्होंने इस बारे मे अपने परिवार से बात की थी जिसमे उन्होंने भी इन्हे सपोर्ट किया था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया, नेहा तो नर्वस थी ही लेकिन राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी, वो पेरेंट्स बनने वाले थे, उन्होंने पहले ही सोचा था के नेहा के अकादेमी के इनॉग्रेशन के दिन वो बच्चा एडॉप्ट करेंगे लेकिन फिर राघव को बाहर जाना पड़ा था तो पहले तो नेहा ने सोचा किसी और दिन लेकिन जो होना तय था हो रहा था


“मैंने आपसे रिलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स चेक कर लिए है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे, हम किसी को भी ऐसे ही बच्चे की कस्टडी नहीं देते है लेकिन आप बच्चा एडॉप्ट करने के लिए एलिजबल है और सबसे बड़ी बात आप दोनों ये खुद की मर्जी से कर रहे है ना की किसी दूसरी वजह से या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से, आप जैसे बहुत कम लोग है दुनिया मे वरना यहां तो सबको अपना खून ही प्यारा है”

“वो बहुत ही शांत और शर्मिला है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे आपको उसे बहुत प्यार से हंडेल करना पड़ेगा, चलिए”

अनाथआश्रम के मैनेजर ने कहा और वो उनके साथ गार्डन की ओर आए

“वो रहा वो, अब आपको उसे संभालिए मैं आता हु”

गार्डन में एक और इशारा करके मैनेजर वहा से चला गया नेहा और राघव ने उस ओर देखा जहा बस एक बच्चा था, जिसे उन्होंने एडॉप्ट किया था, उसके साथ उनका नाम जुडने वाला था, जिससे आज दोनों ही खुश थे, आज उनकी फॅमिली कम्प्लीट हुई थी, इस नए मेहमान के आने से उनकी खुशिया दुगनी होने वाली थी

आज उनके पास सबकुछ था, ये कहानी जो एक बिखरे हुए रिश्ते से शुरू हुई थी आज निखर कर एक खूबसूरत प्रेमकहनी मे बदल चुकी थी, जरूरी नहीं के शादी से पहले ही प्यार हो, कभी कभी शादी के बाद भी आपको बेइंतेहा प्यार हो सकता है बस आपको थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।

और इसीके साथ ये सफर यही खत्म होता है

With Never Ending Love..!!

The End..!!
Nice and superb update....
 

avsji

कुछ लिख लेता हूँ
Supreme
4,233
23,683
159
Update 70
Epilogue


एक साल बाद....

नेहा- आज मेरे लिए इतना इम्पॉर्टन्ट दिन है और आप नहीं आ रहे?

राघव- आई एम सॉरी जान लेकिन यहा का काम पूरा नहीं हुआ है और मेरा यहां रुकना जरूरी है

नेहा- मैं आपको अभी से मिस कर रही हु

राघव- तो तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें मिस नहीं कर रहा? मैं तुम्हारी आवाज तुम्हारी हसी सब बहुत बहुत मिस कर रहा हु

नेहा- तो आप नहीं आ रहे हैना?

राघव- नहीं आ पाऊँगा!

नेहा- तो वही रहिए कोई जरूरत नहीं आने की, I don’t need you !

राघव – वो तो रात मे पता चलेगा मेरी जरूरत है या नहीं

नेहा- शट उप!

और नेहा ने फोन काट दिया, वो राघव को मिस कर रही थी तभी श्वेता वहा आई

श्वेता- भाभी रेडी हो आप? सब पुछ रहे है आपके बारे मे

नेहा- हा तुम चलो मैं अभी आई

श्वेता- ऐसे उदास मत होइए भाभी हम सब है आपके साथ, और भईया के बस मे होता तो वो ये दिन कभी मिस नहीं करते

श्वेता ने नेहा के उतरे चेहरे को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने एक फीकी मुस्कान दे दी

--

“कन्ग्रैट्स नेहा!” ये 30-35 साल की महिला ने नेहा से कहा

नेहा- थैंक यू सो मच मालिनी मैम, आपकी हेल्प के बिना ये पॉसिबल नहीं होता

नेहा मुसकुराते हुए कहा

आज नेहा की डांस अकादेमी की दूसरी ब्रांच का इनॉग्रेशन था, पिछले एक साल मे उसने अपनी अकादेमी मे बहुत मेहनत की थी और उसके मालिनी के साथ के कॉलेब्रेशन ने उसे आगे बढ़ने मे बहुत मदद की थी, उसका परिवार तो हमेशा उसके सपोर्ट मे था ही और उसका सबसे बाद सपोर्टर तो राघव था

मालिनी- आज तुम्हारा बहुत स्पेशल दिन है ऐसे ही आगे बढ़ते रहो, वैसे मिस्टर देशपांडे कहा है?

नेहा- वो एक्चुअली बिजनस रेलेटेड काम ने आउट ऑफ सिटी है

नेहा ने कहा

राघव- हा लेकिन डील मेरी बीवी की खुशी से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट नहीं है ना!

नेहा ने जैसे ही ये आवाज सुनी उसके आंखे चमक उठी उसने पीछे पलट कर देखा तो वहा राघव 3 पीस सूट पहने बिखरे बालों के साथ वहा खड़ा था वो अभी अभी डायरेक्ट एयरपोर्ट वो वहा आया था उसके हाथ उसके पैन्ट की जेब मे थे और चेहरे पर मुस्कान थी

वो नेहा के पास आकार खड़ा हुआ और नेहा को साइड से हग कर लिया

मालिनी- आपको देख कर अच्छा लगा मिस्टर देशपांडे

राघव- थैंक यू फॉर योर सपोर्ट मिसेज मालिनी

जिसके बाद उनलोगी के बीच कुछ बातचित हुए और फिर मालिनी ये कहते हुए चली गई के उसे और भी लोगों से मिलना है और अब वहा राघव और नेहा बस बचे थे

नेहा – आप तो नहीं आने वाले थे फिर क्या हुआ??

नेहा ने उसकी पोजिशन मे पूछा

राघव- मैं अपनी बेबी का सक्सेस कैसे मिस कर सकता था?

राघव ने नेहा के गाल खिचते हुए कहा और उसके होंठों पर हल्के से चूम लिया और नेहा की आंखे बड़ी हो गई

नेहा- बेशर्म! जगह तो देखिए सब लोग है यहा

नेहा ने उसके सीने पर हल्के से मारते हुए कहा

राघव- कम ऑन चिक्की तुम मालकिन हो यहा की, ये जगह तुम्हारी है और तुम मेरी

तभी

जानकी- तो आ गए तुम

जानकी जी ने वहा आते हुए कहा और वो दोनों एकदूसरे तो थोड़ा दूर हटे

राघव- हा आगया मा

राघव ने उनके पास जाते हुए कहा

जानकी- लेकिन तुम तो कह रहे थे नहीं आ पाओगे

राघव- आपको मिस कर रहा था न तो आ गया

जानकी- चल चल ड्रामेबाज़, सब जानती हु मैं, नेहा चलो बेटा रिबन काट कर ओपनिंग करो चलो

जिसके बाद वो तीनों वहा से चले गए

दादी ने नेहा से ओपनिंग करने कहा था क्युकी पहली अकादेमी की ओपनिंग दादी और दादू ने की थी, नेहा ने गेट के पास जाकर राघव को अपने पास आने का इशारा किया और राघव भी उसके पास पहुचा

नेहा- आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसीलिए मैं चाहती हु के आप मेरे साथ इस जगह की ओपनिंग करे नेहा ने राघव का हाथ पकड़ते हुए कहा

रिद्धि- हाउ रोमांटिक!!

शेखर – हा हा इन दोनों ने तो रोमांटिक होने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है

शेखर ने कहा

धनंजय- अरे बस करो भाई अब रिबन कट करो मुहूरत निकल रहा है

जिसके बाद नेहा और राघव ने अकादेमी की ओपनिंग की,

जब ईवेंट खतम हो गया तब वहा सिर्फ घरवाले और कुछ वर्कर्स बचे थे

मीनाक्षी- चलो सब बढ़िया हो गया

राघव- नहीं चाची! अभी भी एक चीज बाकी है!

राघव ने अपनी चाची से कहा फिर अपने दादा दादी और मा बाप को देखा जिन्होंने हा मे गर्दन हिला दी

रमाकांत- राघव अब तुम लोग जाओ और उसके साथ जल्दी वापिस आओ, तुम जानते हो मैं क्या कह रहा हु

जानकी- हा अब और इंतजार नहीं होता

जानकी जी ने एक्साइट होते हुए कहा

गायत्री- हा जाओ अब तुम लोग हम घर पर सब तयारी करके रखते है

धनंजय- बेस्ट ऑफ लक

मीनाक्षी- और जल्दी आना

विवेक- हा भाई भाभी हमने भी तयारी करके रखी है

राघव- हा आप लोग घर पहुचो हम आते है

जिसके बाद राघव और नेहा वहा से निकल गए

कुछ समय बाद राघव और नेहा गाड़ी मे बैठे थे राघव ने नेहा को देखा तो वो काफी ज्यादा नर्वस थी और अपने नाखून चबा रही थी

राघव- डोंट वरी जान सब सही होगा देखना तुम

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, सब लोग कितने खुश है उन्होंने हमे हर बात मे सपोर्ट किया है, किसी ने एक बार भी हमे नहीं रोका या किसी को ऐसा नहीं लगा के हम गलत कर रहे है जैसा अक्सर होता है मैं उन्हे निराश नहीं करना चाहती

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा सब सही होगा देखना तुम

राघव ने कार रोकते हुए कहा वो अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे उन्होंने बाहर आकार उस जगह को देखा

'जमनादास अनाथआश्रम'

वो लोग बच्चा गोद लेने आए थे, अब इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं था के राघव या नेहा मे कोई कमी थी बल्कि वो किसी ऐसे हो जिंदगी देना चाहते थे जो पहले ही इस धरातल पर मौजूद था, उन्होंने इस बारे मे अपने परिवार से बात की थी जिसमे उन्होंने भी इन्हे सपोर्ट किया था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया, नेहा तो नर्वस थी ही लेकिन राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी, वो पेरेंट्स बनने वाले थे, उन्होंने पहले ही सोचा था के नेहा के अकादेमी के इनॉग्रेशन के दिन वो बच्चा एडॉप्ट करेंगे लेकिन फिर राघव को बाहर जाना पड़ा था तो पहले तो नेहा ने सोचा किसी और दिन लेकिन जो होना तय था हो रहा था


“मैंने आपसे रिलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स चेक कर लिए है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे, हम किसी को भी ऐसे ही बच्चे की कस्टडी नहीं देते है लेकिन आप बच्चा एडॉप्ट करने के लिए एलिजबल है और सबसे बड़ी बात आप दोनों ये खुद की मर्जी से कर रहे है ना की किसी दूसरी वजह से या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से, आप जैसे बहुत कम लोग है दुनिया मे वरना यहां तो सबको अपना खून ही प्यारा है”

“वो बहुत ही शांत और शर्मिला है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे आपको उसे बहुत प्यार से हंडेल करना पड़ेगा, चलिए”

अनाथआश्रम के मैनेजर ने कहा और वो उनके साथ गार्डन की ओर आए

“वो रहा वो, अब आपको उसे संभालिए मैं आता हु”

गार्डन में एक और इशारा करके मैनेजर वहा से चला गया नेहा और राघव ने उस ओर देखा जहा बस एक बच्चा था, जिसे उन्होंने एडॉप्ट किया था, उसके साथ उनका नाम जुडने वाला था, जिससे आज दोनों ही खुश थे, आज उनकी फॅमिली कम्प्लीट हुई थी, इस नए मेहमान के आने से उनकी खुशिया दुगनी होने वाली थी

आज उनके पास सबकुछ था, ये कहानी जो एक बिखरे हुए रिश्ते से शुरू हुई थी आज निखर कर एक खूबसूरत प्रेमकहनी मे बदल चुकी थी, जरूरी नहीं के शादी से पहले ही प्यार हो, कभी कभी शादी के बाद भी आपको बेइंतेहा प्यार हो सकता है बस आपको थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।

और इसीके साथ ये सफर यही खत्म होता है

With Never Ending Love..!!

The End..!!

क्या बात है भाई! कुछ कुछ मेरे ही जीवन से मिलता जुलता अंत लिखा आपने... इसलिए और अच्छा लगा :)
सुन्दर कहानी राघव नेहा की! पढ़ के मुस्कान आ गई।

आप देवनागरी में ही लिखा करिए - ऐसा मेरा निवेदन है।
और कहानियाँ पढ़ेंगे आपकी :)
 

Naik

Well-Known Member
21,624
77,515
258
Update 68




नेहा की नजरे बेड पर पड़ी जहा उसके लिए कुछ रखा हुआ था, राघव ने वहा नेहा के लिए एक सप्राइज़ रखा था

बेड पर दो बॉक्स रखे थे और साथ मे एक लाल गुलाब के फूलों का बोके रखा था जिसके साइड मे एक नोट रखा था जिसपर नेहा की नजर पड़ी और उसने उसे उठाया और पढ़ने लगी

“टु माइ डिअर चिक्की,
ये ड्रेस तुम्हारे लिए है, अब इसे पहनो और बाहर आओ मेरा ड्राइवर वहा तुम्हारा इंतजार कर रहा है जो तुम्हें तुम्हारे राजकुमार यानि मुझ तक पहुचाएगा
योर बेटरहाफ”


वो नोट पढ़ते ही नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी वही साथ ही वो थोड़ा नर्वस भी थी, क्या ये सब वही था जो वो सोच रही थी अगर हा तो वो नहीं जानती थी के आज के दिन मे उसका दिल इतनी खुशी बर्दाश्त कर भी पाएगा या नहीं, वो नजाने कबसे इस दिन का इंतजार कर रही थी और आज जब वो पल आ गया था तब वो नर्वस फ़ील कर रही थी

उसने वहा रखा बॉक्स खोला जिसमे उसके लिए एक ब्लैक वेस्टर्न ड्रेस रखा हुआ था उसने वो उठाया और चेंज कर आई और फिर रेडी होने के बाद वो बगैर कोई आवाज किए नीचे आई और बड़ी ही शांति से बाहर निकल गई ताकि किसी को पता ना चले के वो बाहर जा रही है

वो जैसे ही घर से बाहर आई वहा राघव के कहे मुताबिक उसका ड्राइवर नेहा का इंतजार कर रहा था उसने नेहा के लिए कार का दरवाजा खोला और नेहा जैसे ही कार की सीट पर पैठी वहा उसके लिए एक और बोके रखा हुआ था जिसके साथ एक नोट भी था

“more foowers for my wife who is beautiful than any flower in world!”

ये पढ़ते हु नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई और उसने आगे पढ़ना जारी रखा

“अब मेरे बगैर अकेले गाड़ी मे बैठी हो तो बोर हो जाओगी ना, पीछे देखो”

नेहा ने झट से पीछे देखा तो वहा पीछे चॉकलेट्स रखी हुई थी, नेहा के चेहरे से मुस्कान हट ही नहीं रही थी आज उसे बहुत स्पेशल फ़ील हो रहा था और उसके दिल मे दिमाग मे बस राघव का खयाल था और तभी ड्राइवर ने गाड़ी रोकी और उसके लिए गाड़ी का दरवाजा खोला, नेहा ने बाहर आकार उस जगह के एंट्रेंस को देखा तो देखती ही रह गई


ड्राइवर- मैडम, यहा से आपको सीधा जाना है

और इतना बोलके नेहा के कुछ बोलने या पूछने से पहले ही ड्राइवर वहा से निकल गया और एक कन्फ्यूज़ नेहा को छोड़ गया और नेहा अंदर जाने लगी, वहा सब कुछ इतना खूबसूरती से सजाय गया था अरेंज किया गया था के नेहा के नजरे हट ही नहीं रही थी जब वो ओपन एरिया मे पहुची तो उसने देखा के वहा के बड़े से पेड़ को लाइट्स से सजाया गया था और वही राघव था, उसका इंतजार करते हुए, फॉर्मल्स पहने हमेशा की तरह हैंडसम दिखते हुए और अपने चेहरे पर मुस्कान लिए,


नेहा को उस ब्लैक ड्रेस मे देख राघव की हालत खराब हो रही थी वो उसकी खूबसूरती मे खो सा गया था और फिलहाल उसके पास अपनी ही बीवी की तारीफ करने के लिए शब्द नहीं थे

वो नेहा के करीब पहुचा दोनों की नजरे आपस मे मिली हुई थी उसने नेहा के सामने अपना एक हाथ बढ़ाया और नेहा ने भी उसका हाथ थाम लिया

राघव- मिसेस देशपांडे, सप्राइज़ पसंद आया?

राघव ने अपनी डीप आवाज मे पूछा

नेहा- बहुत! आइ लव इट!!

नेहा ने बड़ी सी स्माइल के साथ कहा

राघव- माइ प्लेशर यू लव्ड इट!

राघव ने हल्का सा झुकते हुए कहा जैसे कोई राजकुमार अपनी राजकुमारी के लिए करता है वही नेहा आजू बाजू के महोल को सजावट को देखने लगी और राघव उसे निहारने लगा

नेहा- लेकिन ये सब क्यू?

राघव- जो मुझे कहना था वो मैं घर पर भी कह सकता था लेकिन मैं हमारे इस स्पेशल मोमेंट को यादगार बनाना चाहता था,

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा

राघव की हल्की नीली आंखे नेहा की आँखों से टकराई, आखों ही आंखों मे दोनों ने वो कह दिया जो उनके होंठ बयान नहीं कर पा रहे थे, नेहा का दिल जोरों से धडक रहा था, वो राघव के बोलने की राह देख रही थी

राघव- तो शुरू से शुरू करता हु, और सब कुछ सच सच कहूँगा, किसी को नहीं पता है के तुमने मेरा ध्यान अपनी ओर तब ही खिच लिया था जब मैंने तुम्हें पहली बार देखा था, जब दादू ने मुझे तुम्हारा फोटो दिखाया था, और ये सच है। मैं उस वक्त तुम्हारी खूबसूरती मे खो गया था लेकिन उस वक्त मैं खुद मे ही उलझा हुआ था, तुम्हारे लिए तयार नहीं था लेकिन जैसे जैसे हम करीब आए एकदूसरे को जानने लगे तुमने मेरे दिल मे अपनी जगह बना ली, तुमने वो कर दिखाया जो कोई और नहीं कर पाया, तुम्हारी मासूमियत ने मुझे वापिस इंसान बनाया है

तुम्हारी भाषा मे काहू तो तुमने इस रावण को राम बनाया है और अब मेरा दिल मेरी जान सब तुम्हारे नाम!!

जैसे ही राघव की बाते नेहा के कानों तक पहुची उसका दिल भर आया उसके आंखे नम होने लगी थी, नेहा राघव की आँखों मे उसकी भावनाओ की सच्चाई देख सकती थी उस पल उस वक्त उसे एहसास हुआ के बड़े बड़े वादों की यहा जरूरत ही नहीं थी जो भी नेहा जो जानना था वो सब राघव की आँखों ने ही कह दिया था

उसकी आंखे उसके मन की खिड़किया थी और राघव के कहे हर शब्द पर नेहा को भरोसा था क्युकी राघव की आंखे उसकी भावनाओ को व्यक्त कर रही थी उसकी आंखे बहुत कुछ बोलती थी, प्यार की भाषा जो शब्दों से परे थी जो नेहा के दिल के कोने कोने को छू रही थी

राघव- इन 8 महीनों मे तुम मेरे जीवन का एक अटूट हिस्सा बन गई हो नेहा मैं बता नहीं सकता तुम मेरे लिए क्या हो! नेहा! जब मैं सुबह उठता हु तो तुम्हारा चेहरा देखने के लिए तरसता हु तुम्हारे बिना मेरा दिन अधूरा सा बिखरा बिखरा लगता है, तुम्हारी आवाज सुने बिना चैन नहीं आता, खाना खाते हुए तुम्हारा साथ चाहता हु, रात ने तुमसे लिपट कर सोने मे जो सुख है वो कही नहीं, मैं मेरी जिंदगी के हर पहलू मे तुम्हारा साथ चाहता हु।

राघव- मैं वो दिन देखता चाहता हु जब तुम हमारे बच्चे की मा बनोगी, I want to be a father, experiencing the joy of parenthood together, मैं तुम्हारे साथ बूढ़ा होना चाहता हु, खूबसूरत यादे बनाते हुए एक साथ हर पल को जीते हुए, तुम मेरे जीवन का आधार बन गई हो और अब मैं मेरा भविष्य तुम्हारे बगैर सोच भी नहीं सकता, मैं तुम्हें कितना चाहता हु ये मेरे लिए शब्दों से बयां करना मुश्किल है और मैं अपने आप को बड़ा किस्मत वाला समझता हु जो तुम मेरी जींदगी मे आई हो

राघव- तुम मेरी आदत बन गई हो नेहा, मेरी सारी अच्छी बुरी आदते सब कुछ तुम्ही से शुरू होता है और तुम्ही पर खतम।

राघव ने एक लंबी सास ली और नेहा को देखा

राघव- I Love You meri Jaan!!

नेहा बस वहा खड़ी रही, स्तब्ध और अवाक! राघव के शब्द इस वक्त उसके दिल दिमाग मे छाए हुए थे, उसके मुह से वो 3 शब्द सुन नेहा क्या अनुभव कर रही थी बता पाना मुश्किल था

उस पल उस क्षण उसे ऐसा महसूस हो रहा था जैसे उसका दिल तितलियों समान पंख लगाये उड़ रहा है, उसका मन खुशी से अभिभूत हो गया था, उसने इस पल की आशा की थी सोचा था लेकिन अब जब ये पल आज साकार हो गया था तो ऐसा लग रहा था जैसे एक खूबसूरत सपना सच हो गया है

उसने राघव को देखा उस इंसान को जो उसकी दुनिया बन गया था और नेहा की आँखों से खुशी के आँसू झलक पड़े, उनका साथ बिताया हर पल हर मुस्कान हर स्पर्श आज इस पल मे सार्थक हो गया था, आज इस पल मे प्यार का वादा था जो समय के साथ और मजबूत होता जाएगा

राघव- हा अब मेरे मुह से ये सब अजीब लग रहा होगा, राघव देशपांडे और प्यार लेकिन ये बस तुम्हारा असर है, मुझे नहीं पता कबसे, शायद बचपन से ही मैं तुम्हारी तरफ अटारेक्टेड था लेकिन जब मैच्योर राघव और नेहा मिले तो मैंने वो स्पार्क किसी ओर के साथ महसूस नहीं किया, मुझे नहीं पता अब आगे क्या कहू, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हु चिक्की, मुझे ठीक से वो पल याद नहीं जब मेरा दिल तुम्हारे लिए धड़कने लगा जब मेरी फीलिंग तुम्हारे लिए बदलने लगी प्यार का रूप लेने लगी, तुमने मेरे दिल पर कब्जा कर लिया है नेहा, तुम्हारा मेरे साथ होना ही मेरी जिंदगी को एक नया अर्थ देता है

राघव- तुम्हारा प्यार मेरे अस्तित्व का एक खूबसूरत पहलू बन गया है, ये फीलिंग ऐसी है जिसे मैं शब्दों से नहीं कह पा रहा हु, तुम्हारा मुसकुराना, तुम्हारा मेरे बगैर कुछ कहे ही सब समझ जाना, तुम्हारे साथ साधारण पल भी खास बन जाता है, मैं अपना हर दिन तुम्हारा हाथ थामे तुम्हारे साथ बिताना चाहता हु

राघव- मैं वादा करता हु मैं बेस्ट हज़्बन्ड बन के दिखाऊँगा, कभी तुमसे झगड़ा नहीं करूंगा, मेरे लिए सबसे पहले तुम होगी, तुम मेरे लिए मेरी पूरी दुनिया हो और मेरे शब्द इस प्यार को बयां करने मे असमर्थ है

राघव- The only thing I can say is this husband of yours is deeply madly
In Love.. With You!!

राघव का कन्फेशन सुन नेहा की आँखों से खुशी के आँसू बहने लगे, ये वो पल था जिसका वो नजने कबसे इंतजार कर रही थी, उस प्यार के बारे मे सपने देखने का इंतजार जो बहुत दूर लग रहा था जो आज इस पल मे उन्हे ले आया था और ये पल नेहा की कल्पना से कही अधिक सुंदर था

नेहा का दिल खुशी से झूम रहा था, उसका इंतजार आज सफल हो गया था, राघव उससे प्यार करता था, वो जिसकी उसके दिल में खास जगह थी, भावनाओ का सैलाब उमड़ रहा था और अब बगैर किसी हिचक के नेहा ने अपनी बाहों का हार राघव के गले मे डाल दिया उसे अपने पास लाया मानो खुद को आश्वस्त कर रही हो के ये सच है की जिस प्यार के लिए वो तरस रही थी वो उसकी बाहों मे है, आज दो आत्माओ का मिलन होने जा रहा था,

नेहा- I Love you Too, Raghav, I Love you so much!!

अपने दिल की गहराई से ये शब्द कहते हुए नेहा की आँखों से खुशी के आँसू बह रहे थे

नेहा- आपको नहीं पता मैंने इस पल का कितना इंतजार किया है राघव, आज ये आपके मुह से ये सब सुनना ऐसे लग रहा है जैसे मेरा सबसे हसीन ख्वाब सच हो गया है, आप मेरे सबकुछ हो, a best man any girl could ever hope for

नेहा- अच्छा हुआ दादाजी ने उस वक्त आपकी बात नहीं सुनी

नेहा ने हसते हुए कहा

नेहा- हमारी लवस्टोरी तो कमियाब होनी ही थी

राघव- मेरे दिल पर बस तुम्हारा नाम लिखा है नेहा और ये हमेशा बस तुम्हारा ही रहेगा

राघव ने अपना हाथ नेहा की कमर पर रखते हुए उसे करीब खींचते हुए उसकी आँखों मे देखते हुए कहा हुए कहा

राघव ये सब प्लान करते हुए बहुत घबराया हुआ था के वो ये सब सही से करेगा या नहीं, नेहा को सही से प्रपोज कर पाएगा या नहीं लेकिन सब कुछ उसके प्लान के हिसाब से हुआ था

उस वक्त ऐसा लग रहा था जैसे समय रुक गया हो, वातावरण मे अलग ही रोमांच महसूस हो रहा था, उनके दिल एक साथ धडक रहे थे और प्यार या एहसास उन्हे इंच दार इंच एकदूसरे के करीब खिच रहा था

नेहा के होंठ सुख रहे थे, वो दोनों अब एकदूसरे के बेहद करीब थे, दोनों की नाक एकदूसरे को छु रही थी और फिर दोनों के होंठों ने एकदूसरे को हल्के से छुआ,

नेहा की आंखे बंद हो चुकी थी, उसने अपने आप को अब राघव के हवाले कर दिया था , नेहा अपने चेहरे पर राघव की गरम सासों को महसूस कर रही थी, राघव ने अपने हाथ ऊपर सरकाया और नेहा की गर्दन को पीछे से पकड़ा वही नेहा ने अपने दोनों हाथ राघव के कंधे पर रख रखे थे और अब उन दोनों के बीच दूरी मीट चुकी थी

राघव के चेहरे पर एक मधुर मुस्कान तैर रही थी, उसका दिल जोश और रोमांच से धडक रहा था अब इस पल मे दोनों की जानते थे के झिझक का वक्त निकल चुका था अब वो एक नए सफर की ओर बढ़ने के लिए एकदम तयार थे

और इसीके साथ ही राघव ने उन दोनों के बीच बची कूची दूरी भी समाप्त कर दी, उनके होंठ एकदूसरे से जुड़ चुके थे और अब ये दुनिया उनके लिए वहा थी ही नहीं, उस पल मे केवल वो दोनों थे और दोनों अपने होंठों द्वारा प्यार का लेन देन कर रहे थे

इस किस मे कई भावनाओ का मिश्रण था, इसमे गहरा प्रेम था, इंतजार था, प्रत्येक सास प्यार के वादे फुसफुसा रही थी, इस आलिंगन मे दोनों ऐसे लग रहे थे मानो पहेली के दो टुकड़े आपस मे जुड़ रहे थे, ये वो पल था जिसका दोनों ही इंतजार कर रहे थे और अब ये अपनी पूरी महिमा के साथ सामने आ रहा था

उनके शरीर मानो पिघलकर एक हो गए थे जैसे वो हमेशा एकदूसरे से जुड़े रहने वाले थे, ऐसा लग रहा था समय वह थम चुका था और नेहा और राघव के बीच ऐसा संबंध बन चुका था जो इस दुनिया से परे था

राघव ने अपने होंठों को नेहा के नर्म होंठों पर दबाया और नेहा ने राघव की शर्ट को कस लिया, राघव ने अपना चेहरा थोड़ा सा घुमाया ताकि उसके होंठों को अच्छे से चूम सके, उसने उसके होंठों को जीभ से चाटना शुरू किया, उसके ऊपरी और निचले होंठ को चूसने लगा जिसपर नेहा सिसक उठी, मानो कह रही हो उसे भी इसमे मजा आ रहा था

नेहा ने भी राघव को चूमना जारी रखा, उसके ऊपर के होंठ को चूसने लगी, राघव ने नेहा की कमर को कस कर पकड़ लिया था जिससे वो पूरी तरह उसमे समा गई

अब किस रफ हो रहा था, राघव के हाथ नेहा के पूरे शरीर पर घूम रहे थे रही नेहा उसके सीने को दबा रही थी और अब राघव किस से ज्यादा चाहता था वही नेहा भी अब किस से आगे बढ़ना चाहती थी, इस चुंबन ने दोनों को उत्तेजित कर दिया था

राघव- let me claim you mine, darling!!

राघव ने नेहा के कान मे अपनी हस्की आवाज मे कहा नेहा के गाल उत्साह और शर्म से लाल हो रहे थे, उसके शब्दों मे एक ऐसी शक्ति थी जो किसी को भी कमजोर कर सकती थी और नेहा भी अब पूरी तरह राघव की होने के लिए तयार थी

नेहा- mark me yours, Raghav ! all yours!!

नेहा ने धीमी कांपती आवाज मे कहा उसकी आंखे वापिस राघव की आँखों से टकराई, धड़कते दिल के साथ राघव ने उसे अपनी बाहों मे भर लिया उसे अपने आलिंगन मे ले लिया, उनके शरीर एकदूसरे के करीब आए और वो एक तंबू वाले रूम की ओर बढ़े, एक ऐसा टेंट जो खास तौर पे उनकी प्राइवसी के लिए बनाया हुआ था

उस टेंट की सेफ दीवारों मे वो खुल के अपने प्यार को एक्स्प्रेस कर सकते थे, राघव ने नेहा को उस नर्म गद्दे पर आराम से लिटाया, उनकी नजरे के और बार एकदूसरे से टकराई, अनकही भावनाए व्यक्त होने लगी थी, आज शब्दों से परे आत्माओ का मिलन होने वाला था, एकदूसरे के प्रति प्रेम और समर्पण वाली इस रात की सुबह नहीं थी....

वो दोनों हमेशा के लिए एक हो गए थे..



क्रमश:
Raghav Babu tow bade romantic nikle kia zabardast tareeke se apne pyar ka izhar kia apne Dil ki BAAT Kahi bada hi romantic mahol bana dala
Romance se bharpoor shaandar lajawab update bhai
 

Naik

Well-Known Member
21,624
77,515
258
Update 69





राघव नेहा को लिए वहा बने एक टेंट मे आया, पूरा टेंट लाइट्स से सजा हुआ था और वहा नर्म गद्दी और तकिये रखे हुए थे


राघव ने धीमे से नेहा को वह गद्दे पर लिटाया नेहा ने मन मे तो मानो तितलिया उड़ रही हो ऐसा एहसास हो रहा था, ऐसा नहीं था के वो पहली बार इतना करीब आ रहे थे फिर भी दोनों एक अलग ही रोमांच महसूस कर रहे थे

उसने फिर से उसके होठों पर पाने होंठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमते हुए उसके कपड़ों को उसके कंधे से नीचे सरकाते हुए उसकी क्लीवेज तक ले आया

जिसके बाद राघव ने अपना रुख नेहा की सुराहीदार गर्दन की ओर किया उसे गर्दन पर चूमने लगा

“आह” जब राघव ने उसकी गर्दन पर काटा तो वो हल्की सी कराह उठी तभी दर्द कम करने राघव वहा चाटने लगा, उसने उसके हाथों को पकड़ और अपने गले के चारों ओर डाल लिया और फिर से नेहा के होंठों को चूमने लगा

नेहा राघव के शर्ट के बटन खोलने लगी और जैसे ही वो आखरी बटन खोलने वाली थी राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली और उसकी आँखों मे देखने लगा, राघव के चेहरे पर एक शरारती मुस्कान खेल रही थी

राघव- मुझे बगैर कपड़ों के देखने इतनी उतावली हो

वो उसकी बात पर शर्मा गई और अपनी मुस्कान छुपाते हुए दूसरी ओर देखने लगी

“आह” नेहा सिसक उठी जब राघव ने अपना हाथ बढ़ा कर उसके ढके हुए स्तन को दबाया

जैसे ही राघव ने अपने हाथ का दबाव उसके स्तनों पर डाला वो सूखे पत्तों की तरह कांप उठी, उससे भी अब रहा नहीं जा रहा था राघव ने अपने हाथ उसके सिने पर घूमते हुए उसकी ड्रेस को और नीचे सरका दिया था और वो अपने हाथों से उन अमृतकलशों का आनंद ले रहा था नेहा के ऊपरी शरीर पर अब बस काली लेस ब्रा बची थी

भारी सास लेने की वजह से ऊपर नीचे होते उसके उन उभारों को दखते हुए राघव ने अपने होंठों पर से जीभ घुमाई वही राघव की नजरों से नेहा बहुत ज्यादा शर्मा रही थी वो मुड़ने लगी लेकिन उसने उसे रोक दिया

राघव- आज नहीं

जिसके साथ ही राघव अपने चेहरे से नेहा को स्तनों को छेड़ने लगा उसे गर्दन से लेकन क्लीवेज तक चूमने लगा वही उसका एक हाथ नेहा की नंगी पीठ पर घूम रहा था और उसके उसकी ब्रा का हुक खोल दिया, नेहा ने तुरंत उसी स्तिथि मे शरमाते हुए राघव को कसकर गले लगा लिया, राघव ने धीरे से ब्रा को नीचे खिचते हुए उसके सीने से अलग कर दीया लेकिन नेहा ने आलिंगन नहीं तोड़ा

राघव- it’s not the time to be shy, baby!

राघव उसके कान मे फुसफुसाया और उसे चूम लिया और उसे कंधे से पकड़ते हुए नीचे लेटाया

उसने नजाने उस ब्रा को कहा फेक दिया था और उन नग्न टीलों को आँखों मे चाहत लिए देख रहा था, वो उनपर अपने हाथ रखने ही वाली थी के राघव ने उसे रोक दिया और उन्हे कसकर दबा दिया, वही नेहा ने अपनी आंखे कस कर बंद कर ली

राघव- आखे खोलो बेबी, मैं चाहता हु जब हम प्यार करे तुम मेरी ओर देखो

राघव ने नेहा की आँखों को देखते हुए कहा, उसने अपने होंठों से उसके दाहिने कलश के ऊपरी भाग को छुआ वही नेहा ने अपने नीचे होंठ को काटा

राघव- मेरा नाम पुकारने से अपने आप को मत रोको

राघव ने अपनी हस्की आवाज मे कहा, अपने होंठ उसके निपल के चारों को घुमाते हुए जिसने उन्हे कठोर बना दिया था, उसका दूसरा हाथ उसके बाये निपल को सहला रहा था और तभी उसने उसे चुटकी में भर के खिच दिया वो को उसका नाम पुकारते हुए सिसकने लगी और वो उसके निपल कर अपने होंठ टिकाए उन्हे चूसने लगा

नेहा- आह राघव!!

उसने अपने चेहरा दूसरी ओर घुमाते हुए कराहते हुए कहा जब वो उसके निपल को और जोर से चूसने लगे, नेहा को अब मजा आ रहा था और जब राघव का मन दाई ओर से भर गया उसने अपना रुख बाई ओर किया और नेहा के बाए स्तन को पकड़ लिया और उसपर वही ध्यान देना शुरू किया वो उसने दये पर दिया था

बगैर अपने आप को उसके ऊपर से हिलाए राघव ने एक ही बार मे नेहा के ड्रेस को नीचे खिच दिया था अब अब उसके शरीर पे केवल उसकी पैंटी बची थी

राघव उसकी दोनों टांगों के बीच था और नेहा ने अपनी दोनों तांगे उसकी कमर के इर्द गिर्द लपेट दी थी, वो उसे वापिस चूमने ही वाला था के उसके उसके सीने पर हाथ रखे उसे रोक दिया वही राघव कन्फ्यूजन मे उसे देखने लगा

नेहा- that’s not fair आपने अब भी कपड़े पहन रखे है

नेहा की बात पर राघव मुस्कुराये बगैर नहीं रह पाया

राघव- तो बोलो ना के मुझे बगैर कपड़ों के देखना चाहती हो

राघव की बात पर नेहा के पहले से ही लाल गाल और लाल होने लगे थे राघव कुछ इस तरह उठ बैठा जिससे नेहा अब भी उसकी गोद मे थी और उसकी टांगे अब भी उसके इर्द गिर्द थी, दोनों एकदूसरे के बेहद करीब थे उनके माथे एकदूसरे से सटे हुए थे
राघव ने अपने शर्ट का आखरी बटन खोला और वो उत्सुकता से उसकी ओर देखने लगी

राघव ने अपना शर्ट खोल कर फेक दिया था और अब भी उसी स्तिथि मे था ताकि नेहा उसके वेल बिल्ड फिज़ीक को देख सके
नेहा की नजरे उसके पूरे शरीर पर घूम रही थी और, पहली बार वो इतना समय लेते हुए राघव को देख रही थी राघव ने उसका एक हाथ उठा कर अपने सीने पर रखा और उसकी बॉडी को फ़ील करते हुए नेहा अपनी उँगलिया उसके सीने पर घुमाने लगी, उसने वापिस झुक पर उसे किस करना शुरू किया वही उसका एक हाथ उसकी नग्न कमर पर घूम रहा था और नेहा के हाथ राघव की पीठ कर चल रहे थे और उसे अपने और पास खिच रहे थे दोनों के सीने एकदूसरे से टकराए उसका कठोर शरीर उसकी कोमल छाती को छु गया

उसने उसकी गर्दन पर हक्की मारी तो वो दर्द से सिसक उठी, उसकी आवाज मे रोमांच था और वो उसकी क्लीविज को चूमते हुए उसके निचले भाग की ओर बढ़ने लगा और उसके पेट पर आकार रुक गया उसने उसकी कमर पर चुटकी लेते हुए us जगह पर चूसते हुए लाल निशान छोड़ दिए थे, आनंद के इस महोल मे नेहा की शर्म उड़ चुकी थी उसने उसे अपने बगल मे धकेल दिया और अपने हाथों को कामुकता से उसकी छाती से उसकी गर्दन तक सरकाते हुए उसपर कूद पड़ी, उसने उसकी आँखों मे देखा, राघव इस वाइल्ड नेहा को देख मुस्कुराने लगा
उसके करीब जाते हुए नेहा उसकी गर्दन पर चूमने लगी वही राघव ने उसके नितंब पकड़ कर उसे ऊपर की ओर खिचते हुए अपने आंखे बंद कर ली, नेहा उसके गर्दन पर सिने पर गीली चुम्मी करते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगी उसने उसकी पैन्ट की बेल्ट पकड़ ली और उसे खिच कर खोल दिया और वो अब उसकी पैन्ट का बटन खोलने ही वाली थी के उसने उसका हाथ पकड़ कर खिच लिया और फिर से उसके ऊपर मंडराने लगा

राघव- इतनी जल्दी क्या है

वो उसके कान मे फुसफुसाया और उसके गले पे एक गीला चुंबन छोड़ दिया, उसका एक हाथ नेहा के नीचे की ओर बढ़ रहा था उसने अपनी तीन उंगलियों से उसके निचले भाग को छुआ, उसे सहलाने लगा, इस स्पर्श ने ही नेहा को ऐसा आनंद दिया था जिससे वो सिहरने लगी, उसने अपने पैरों को बंद कर अपनी जांघों को कस लिया राघव के हाथ उसकी जांघ पर घूम रहे थे और वो सीधी होकर बैठ गई
नेहा- दट्स नॉट राइट आप अभी भी, कपड़े पहन रखे हो

उसकी बात कर राघव हसा और हसते हुए कहा

राघव- तुमने भी तो पहना है

उसने उसके चेहरे के करीब आते हुए कहा, वो शरमाते हुए नीचे देखने लगी, वो खड़ा हुआ और अपनी पैन्ट का बटन खोल कर उसने उसे उतार दिया जिसके बाद वो वापिस नेहा के ऊपर आ गया

वो अब नेहा के ढके हुए हिस्से के पास था, उसने उसे वहा चूमा जिससे वो पागल हो गई, रोमांच से उसके रोंगटे खड़े हो गए थे
उसने अपनी उंगली को ऊपर से नीचे घुमाते हुए उसके योनी को छुआ, उसे रगड़ते हुए, वो हाफने लगी थी और तभी वो उसके दाहिने स्तन को चूसने लगा, कामोन्माद मे नेहा का दिमाग शून्य हो रहा था वो जोर जोर से सास ले रही थी

राघव ने धीरे धीरे नेहा के शरीर पर बचे हुए उस आखरी कपड़े के टुकड़े को भी नीचे कर दिया था, वो उसकी ओर देख नहीं रही थी, और जब उसने उसके गीले नग्न भाग को छुआ उसने अपनी जंघे कस ली

राघव- यू आर सो वेट!

वो अपना काम आगे बढ़ाता इससे पहले उसने उसे रोक दिया और वो उठ बैठी और उसे धक्का देकर पीछे ही ओर गिरा दिया
नेहा- इतनी जल्दी क्या है

नेहा ने उसकी की लाइन दोहरई

नेहा ने अपनी उंगली से राघव ने नीचे छुआ जो झटके मार रहा था नेहा उसपर बैठ गई और राघव को चूमने लगी, राघव ने नेहा की कमर को पकड़ लिया था और नेहा ने अपने कूल्हे हिलाना शुरू कर दिया राघव बगैर देरी किए अपने शरीर पर के आखरी कपड़े को हटाते हए अपने बर्थ सूट मे आ गया था, दोनों के नग्न शरीर आपस मे लिपटे हुए थे

राघव ने अपना लिंग नेहा की योनि पर रखा और अंदर डालने से पहले उसने नेहा को देखा

राघव- तुम चाहती को मैं आगे बढू? अगर तुम चाहो तो मैं रुक सकता हु

राघव की बात सुन नेहा थोड़ा चौकी, उसने राघव की आँखों मे देखते हुए ना मे गर्दन हिला दी

नेहा- I want this Raghav, आज मुझे अपना बना लो

राघव- tell me if you feel pain baby!

राघव ने उसे चूम लिया

राघव अपने लिंग को धीरे धीरे उसकी योनि मे सरकाने लगा और कुछ ही सेकंद मे उसने ऐसा कर दिया और नेहा दर्द से चिल्लाने लगी और राघव रुक गया और जब नेहा का दर्द कम हुआ उसने उसे आगे बढ़ने कहा, राघव धीरे धीरे हिलने लगा ताकि नेहा को दर्द महसूस ना हो और जल्द ही दर्द आनंद और चरम आनंद मे बदल गया और अब राघव ने अपने हिलने की गति बढ़ा दी

पूरा टेंट उनकी आवाजों से भर गया था वो आज प्यार और वासना के पैशन के साथ एक हो गए थे, उनका के खेल बहुत लंबे समय तक चला उन्होंने अपने प्रेम के इस आयाम को हर तरह से एक्सप्लोर किया उनकी कामोन्माद से भरी आवाजे इस बात का सबूत थी के वो पूरी तरफ से एक दूसरे के थे राघव ने इस बात का पूरा खयाल रखा था के नेहा को दर्द महसूस ना हो, वो आज पूर्ण हो गए थे,

आज एक कभी ना खत्म होने वाला प्यार का रिश्ता बन चुका था, जहा वो उससे प्यार करता था उसकी रीस्पेक्ट करता था वही वो भी उससे प्यार करती थी उसकी केयर करती थी, दोनों के प्रेम का इस पवित्र बंधन को कोई नहीं तोड़ सकता था, नेहा और राघव की कहानी इस बात का उदाहरण थी के अगर आपके पास इच्छाशक्ति है तो आप कुछ भी कर सकते है, अपने डर से लड़ सकते है, अपने आप को बदल सकते है बस जरूरत है थोड़े से प्यार की

The Never ending euphoria of Never Ending Love…!
Tow aaj aakhir kaar dono ka Milan ho gaya sahi
Bahot achchi baat h
Bahot behtareen shaandar update bhai
 

kas1709

Well-Known Member
10,217
10,790
213
Update 70
Epilogue


एक साल बाद....

नेहा- आज मेरे लिए इतना इम्पॉर्टन्ट दिन है और आप नहीं आ रहे?

राघव- आई एम सॉरी जान लेकिन यहा का काम पूरा नहीं हुआ है और मेरा यहां रुकना जरूरी है

नेहा- मैं आपको अभी से मिस कर रही हु

राघव- तो तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें मिस नहीं कर रहा? मैं तुम्हारी आवाज तुम्हारी हसी सब बहुत बहुत मिस कर रहा हु

नेहा- तो आप नहीं आ रहे हैना?

राघव- नहीं आ पाऊँगा!

नेहा- तो वही रहिए कोई जरूरत नहीं आने की, I don’t need you !

राघव – वो तो रात मे पता चलेगा मेरी जरूरत है या नहीं

नेहा- शट उप!

और नेहा ने फोन काट दिया, वो राघव को मिस कर रही थी तभी श्वेता वहा आई

श्वेता- भाभी रेडी हो आप? सब पुछ रहे है आपके बारे मे

नेहा- हा तुम चलो मैं अभी आई

श्वेता- ऐसे उदास मत होइए भाभी हम सब है आपके साथ, और भईया के बस मे होता तो वो ये दिन कभी मिस नहीं करते

श्वेता ने नेहा के उतरे चेहरे को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने एक फीकी मुस्कान दे दी

--

“कन्ग्रैट्स नेहा!” ये 30-35 साल की महिला ने नेहा से कहा

नेहा- थैंक यू सो मच मालिनी मैम, आपकी हेल्प के बिना ये पॉसिबल नहीं होता

नेहा मुसकुराते हुए कहा

आज नेहा की डांस अकादेमी की दूसरी ब्रांच का इनॉग्रेशन था, पिछले एक साल मे उसने अपनी अकादेमी मे बहुत मेहनत की थी और उसके मालिनी के साथ के कॉलेब्रेशन ने उसे आगे बढ़ने मे बहुत मदद की थी, उसका परिवार तो हमेशा उसके सपोर्ट मे था ही और उसका सबसे बाद सपोर्टर तो राघव था

मालिनी- आज तुम्हारा बहुत स्पेशल दिन है ऐसे ही आगे बढ़ते रहो, वैसे मिस्टर देशपांडे कहा है?

नेहा- वो एक्चुअली बिजनस रेलेटेड काम ने आउट ऑफ सिटी है

नेहा ने कहा

राघव- हा लेकिन डील मेरी बीवी की खुशी से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट नहीं है ना!

नेहा ने जैसे ही ये आवाज सुनी उसके आंखे चमक उठी उसने पीछे पलट कर देखा तो वहा राघव 3 पीस सूट पहने बिखरे बालों के साथ वहा खड़ा था वो अभी अभी डायरेक्ट एयरपोर्ट वो वहा आया था उसके हाथ उसके पैन्ट की जेब मे थे और चेहरे पर मुस्कान थी

वो नेहा के पास आकार खड़ा हुआ और नेहा को साइड से हग कर लिया

मालिनी- आपको देख कर अच्छा लगा मिस्टर देशपांडे

राघव- थैंक यू फॉर योर सपोर्ट मिसेज मालिनी

जिसके बाद उनलोगी के बीच कुछ बातचित हुए और फिर मालिनी ये कहते हुए चली गई के उसे और भी लोगों से मिलना है और अब वहा राघव और नेहा बस बचे थे

नेहा – आप तो नहीं आने वाले थे फिर क्या हुआ??

नेहा ने उसकी पोजिशन मे पूछा

राघव- मैं अपनी बेबी का सक्सेस कैसे मिस कर सकता था?

राघव ने नेहा के गाल खिचते हुए कहा और उसके होंठों पर हल्के से चूम लिया और नेहा की आंखे बड़ी हो गई

नेहा- बेशर्म! जगह तो देखिए सब लोग है यहा

नेहा ने उसके सीने पर हल्के से मारते हुए कहा

राघव- कम ऑन चिक्की तुम मालकिन हो यहा की, ये जगह तुम्हारी है और तुम मेरी

तभी

जानकी- तो आ गए तुम

जानकी जी ने वहा आते हुए कहा और वो दोनों एकदूसरे तो थोड़ा दूर हटे

राघव- हा आगया मा

राघव ने उनके पास जाते हुए कहा

जानकी- लेकिन तुम तो कह रहे थे नहीं आ पाओगे

राघव- आपको मिस कर रहा था न तो आ गया

जानकी- चल चल ड्रामेबाज़, सब जानती हु मैं, नेहा चलो बेटा रिबन काट कर ओपनिंग करो चलो

जिसके बाद वो तीनों वहा से चले गए

दादी ने नेहा से ओपनिंग करने कहा था क्युकी पहली अकादेमी की ओपनिंग दादी और दादू ने की थी, नेहा ने गेट के पास जाकर राघव को अपने पास आने का इशारा किया और राघव भी उसके पास पहुचा

नेहा- आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसीलिए मैं चाहती हु के आप मेरे साथ इस जगह की ओपनिंग करे नेहा ने राघव का हाथ पकड़ते हुए कहा

रिद्धि- हाउ रोमांटिक!!

शेखर – हा हा इन दोनों ने तो रोमांटिक होने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है

शेखर ने कहा

धनंजय- अरे बस करो भाई अब रिबन कट करो मुहूरत निकल रहा है

जिसके बाद नेहा और राघव ने अकादेमी की ओपनिंग की,

जब ईवेंट खतम हो गया तब वहा सिर्फ घरवाले और कुछ वर्कर्स बचे थे

मीनाक्षी- चलो सब बढ़िया हो गया

राघव- नहीं चाची! अभी भी एक चीज बाकी है!

राघव ने अपनी चाची से कहा फिर अपने दादा दादी और मा बाप को देखा जिन्होंने हा मे गर्दन हिला दी

रमाकांत- राघव अब तुम लोग जाओ और उसके साथ जल्दी वापिस आओ, तुम जानते हो मैं क्या कह रहा हु

जानकी- हा अब और इंतजार नहीं होता

जानकी जी ने एक्साइट होते हुए कहा

गायत्री- हा जाओ अब तुम लोग हम घर पर सब तयारी करके रखते है

धनंजय- बेस्ट ऑफ लक

मीनाक्षी- और जल्दी आना

विवेक- हा भाई भाभी हमने भी तयारी करके रखी है

राघव- हा आप लोग घर पहुचो हम आते है

जिसके बाद राघव और नेहा वहा से निकल गए

कुछ समय बाद राघव और नेहा गाड़ी मे बैठे थे राघव ने नेहा को देखा तो वो काफी ज्यादा नर्वस थी और अपने नाखून चबा रही थी

राघव- डोंट वरी जान सब सही होगा देखना तुम

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, सब लोग कितने खुश है उन्होंने हमे हर बात मे सपोर्ट किया है, किसी ने एक बार भी हमे नहीं रोका या किसी को ऐसा नहीं लगा के हम गलत कर रहे है जैसा अक्सर होता है मैं उन्हे निराश नहीं करना चाहती

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा सब सही होगा देखना तुम

राघव ने कार रोकते हुए कहा वो अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे उन्होंने बाहर आकार उस जगह को देखा

'जमनादास अनाथआश्रम'

वो लोग बच्चा गोद लेने आए थे, अब इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं था के राघव या नेहा मे कोई कमी थी बल्कि वो किसी ऐसे हो जिंदगी देना चाहते थे जो पहले ही इस धरातल पर मौजूद था, उन्होंने इस बारे मे अपने परिवार से बात की थी जिसमे उन्होंने भी इन्हे सपोर्ट किया था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया, नेहा तो नर्वस थी ही लेकिन राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी, वो पेरेंट्स बनने वाले थे, उन्होंने पहले ही सोचा था के नेहा के अकादेमी के इनॉग्रेशन के दिन वो बच्चा एडॉप्ट करेंगे लेकिन फिर राघव को बाहर जाना पड़ा था तो पहले तो नेहा ने सोचा किसी और दिन लेकिन जो होना तय था हो रहा था


“मैंने आपसे रिलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स चेक कर लिए है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे, हम किसी को भी ऐसे ही बच्चे की कस्टडी नहीं देते है लेकिन आप बच्चा एडॉप्ट करने के लिए एलिजबल है और सबसे बड़ी बात आप दोनों ये खुद की मर्जी से कर रहे है ना की किसी दूसरी वजह से या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से, आप जैसे बहुत कम लोग है दुनिया मे वरना यहां तो सबको अपना खून ही प्यारा है”

“वो बहुत ही शांत और शर्मिला है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे आपको उसे बहुत प्यार से हंडेल करना पड़ेगा, चलिए”

अनाथआश्रम के मैनेजर ने कहा और वो उनके साथ गार्डन की ओर आए

“वो रहा वो, अब आपको उसे संभालिए मैं आता हु”

गार्डन में एक और इशारा करके मैनेजर वहा से चला गया नेहा और राघव ने उस ओर देखा जहा बस एक बच्चा था, जिसे उन्होंने एडॉप्ट किया था, उसके साथ उनका नाम जुडने वाला था, जिससे आज दोनों ही खुश थे, आज उनकी फॅमिली कम्प्लीट हुई थी, इस नए मेहमान के आने से उनकी खुशिया दुगनी होने वाली थी

आज उनके पास सबकुछ था, ये कहानी जो एक बिखरे हुए रिश्ते से शुरू हुई थी आज निखर कर एक खूबसूरत प्रेमकहनी मे बदल चुकी थी, जरूरी नहीं के शादी से पहले ही प्यार हो, कभी कभी शादी के बाद भी आपको बेइंतेहा प्यार हो सकता है बस आपको थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।

और इसीके साथ ये सफर यही खत्म होता है

With Never Ending Love..!!

The End..!!
Nice update....
 
  • Love
Reactions: Adirshi

Naik

Well-Known Member
21,624
77,515
258
Update 70
Epilogue


एक साल बाद....

नेहा- आज मेरे लिए इतना इम्पॉर्टन्ट दिन है और आप नहीं आ रहे?

राघव- आई एम सॉरी जान लेकिन यहा का काम पूरा नहीं हुआ है और मेरा यहां रुकना जरूरी है

नेहा- मैं आपको अभी से मिस कर रही हु

राघव- तो तुम्हें क्या लगता है मैं तुम्हें मिस नहीं कर रहा? मैं तुम्हारी आवाज तुम्हारी हसी सब बहुत बहुत मिस कर रहा हु

नेहा- तो आप नहीं आ रहे हैना?

राघव- नहीं आ पाऊँगा!

नेहा- तो वही रहिए कोई जरूरत नहीं आने की, I don’t need you !

राघव – वो तो रात मे पता चलेगा मेरी जरूरत है या नहीं

नेहा- शट उप!

और नेहा ने फोन काट दिया, वो राघव को मिस कर रही थी तभी श्वेता वहा आई

श्वेता- भाभी रेडी हो आप? सब पुछ रहे है आपके बारे मे

नेहा- हा तुम चलो मैं अभी आई

श्वेता- ऐसे उदास मत होइए भाभी हम सब है आपके साथ, और भईया के बस मे होता तो वो ये दिन कभी मिस नहीं करते

श्वेता ने नेहा के उतरे चेहरे को देखते हुए कहा जिसपर नेहा ने एक फीकी मुस्कान दे दी

--

“कन्ग्रैट्स नेहा!” ये 30-35 साल की महिला ने नेहा से कहा

नेहा- थैंक यू सो मच मालिनी मैम, आपकी हेल्प के बिना ये पॉसिबल नहीं होता

नेहा मुसकुराते हुए कहा

आज नेहा की डांस अकादेमी की दूसरी ब्रांच का इनॉग्रेशन था, पिछले एक साल मे उसने अपनी अकादेमी मे बहुत मेहनत की थी और उसके मालिनी के साथ के कॉलेब्रेशन ने उसे आगे बढ़ने मे बहुत मदद की थी, उसका परिवार तो हमेशा उसके सपोर्ट मे था ही और उसका सबसे बाद सपोर्टर तो राघव था

मालिनी- आज तुम्हारा बहुत स्पेशल दिन है ऐसे ही आगे बढ़ते रहो, वैसे मिस्टर देशपांडे कहा है?

नेहा- वो एक्चुअली बिजनस रेलेटेड काम ने आउट ऑफ सिटी है

नेहा ने कहा

राघव- हा लेकिन डील मेरी बीवी की खुशी से ज्यादा इम्पॉर्टन्ट नहीं है ना!

नेहा ने जैसे ही ये आवाज सुनी उसके आंखे चमक उठी उसने पीछे पलट कर देखा तो वहा राघव 3 पीस सूट पहने बिखरे बालों के साथ वहा खड़ा था वो अभी अभी डायरेक्ट एयरपोर्ट वो वहा आया था उसके हाथ उसके पैन्ट की जेब मे थे और चेहरे पर मुस्कान थी

वो नेहा के पास आकार खड़ा हुआ और नेहा को साइड से हग कर लिया

मालिनी- आपको देख कर अच्छा लगा मिस्टर देशपांडे

राघव- थैंक यू फॉर योर सपोर्ट मिसेज मालिनी

जिसके बाद उनलोगी के बीच कुछ बातचित हुए और फिर मालिनी ये कहते हुए चली गई के उसे और भी लोगों से मिलना है और अब वहा राघव और नेहा बस बचे थे

नेहा – आप तो नहीं आने वाले थे फिर क्या हुआ??

नेहा ने उसकी पोजिशन मे पूछा

राघव- मैं अपनी बेबी का सक्सेस कैसे मिस कर सकता था?

राघव ने नेहा के गाल खिचते हुए कहा और उसके होंठों पर हल्के से चूम लिया और नेहा की आंखे बड़ी हो गई

नेहा- बेशर्म! जगह तो देखिए सब लोग है यहा

नेहा ने उसके सीने पर हल्के से मारते हुए कहा

राघव- कम ऑन चिक्की तुम मालकिन हो यहा की, ये जगह तुम्हारी है और तुम मेरी

तभी

जानकी- तो आ गए तुम

जानकी जी ने वहा आते हुए कहा और वो दोनों एकदूसरे तो थोड़ा दूर हटे

राघव- हा आगया मा

राघव ने उनके पास जाते हुए कहा

जानकी- लेकिन तुम तो कह रहे थे नहीं आ पाओगे

राघव- आपको मिस कर रहा था न तो आ गया

जानकी- चल चल ड्रामेबाज़, सब जानती हु मैं, नेहा चलो बेटा रिबन काट कर ओपनिंग करो चलो

जिसके बाद वो तीनों वहा से चले गए

दादी ने नेहा से ओपनिंग करने कहा था क्युकी पहली अकादेमी की ओपनिंग दादी और दादू ने की थी, नेहा ने गेट के पास जाकर राघव को अपने पास आने का इशारा किया और राघव भी उसके पास पहुचा

नेहा- आप मेरी सबसे बड़ी ताकत है इसीलिए मैं चाहती हु के आप मेरे साथ इस जगह की ओपनिंग करे नेहा ने राघव का हाथ पकड़ते हुए कहा

रिद्धि- हाउ रोमांटिक!!

शेखर – हा हा इन दोनों ने तो रोमांटिक होने के सारे रिकार्ड तोड़ दिए है

शेखर ने कहा

धनंजय- अरे बस करो भाई अब रिबन कट करो मुहूरत निकल रहा है

जिसके बाद नेहा और राघव ने अकादेमी की ओपनिंग की,

जब ईवेंट खतम हो गया तब वहा सिर्फ घरवाले और कुछ वर्कर्स बचे थे

मीनाक्षी- चलो सब बढ़िया हो गया

राघव- नहीं चाची! अभी भी एक चीज बाकी है!

राघव ने अपनी चाची से कहा फिर अपने दादा दादी और मा बाप को देखा जिन्होंने हा मे गर्दन हिला दी

रमाकांत- राघव अब तुम लोग जाओ और उसके साथ जल्दी वापिस आओ, तुम जानते हो मैं क्या कह रहा हु

जानकी- हा अब और इंतजार नहीं होता

जानकी जी ने एक्साइट होते हुए कहा

गायत्री- हा जाओ अब तुम लोग हम घर पर सब तयारी करके रखते है

धनंजय- बेस्ट ऑफ लक

मीनाक्षी- और जल्दी आना

विवेक- हा भाई भाभी हमने भी तयारी करके रखी है

राघव- हा आप लोग घर पहुचो हम आते है

जिसके बाद राघव और नेहा वहा से निकल गए

कुछ समय बाद राघव और नेहा गाड़ी मे बैठे थे राघव ने नेहा को देखा तो वो काफी ज्यादा नर्वस थी और अपने नाखून चबा रही थी

राघव- डोंट वरी जान सब सही होगा देखना तुम

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ते हुए कहा

नेहा- मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, सब लोग कितने खुश है उन्होंने हमे हर बात मे सपोर्ट किया है, किसी ने एक बार भी हमे नहीं रोका या किसी को ऐसा नहीं लगा के हम गलत कर रहे है जैसा अक्सर होता है मैं उन्हे निराश नहीं करना चाहती

राघव- ऐसा कुछ नहीं होगा सब सही होगा देखना तुम

राघव ने कार रोकते हुए कहा वो अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे उन्होंने बाहर आकार उस जगह को देखा

'जमनादास अनाथआश्रम'

वो लोग बच्चा गोद लेने आए थे, अब इसका ये मतलब बिल्कुल नहीं था के राघव या नेहा मे कोई कमी थी बल्कि वो किसी ऐसे हो जिंदगी देना चाहते थे जो पहले ही इस धरातल पर मौजूद था, उन्होंने इस बारे मे अपने परिवार से बात की थी जिसमे उन्होंने भी इन्हे सपोर्ट किया था

राघव ने नेहा का हाथ पकड़ा और उन्होंने अपना कदम आगे बढ़ाया, नेहा तो नर्वस थी ही लेकिन राघव की हालत भी कुछ अलग नहीं थी, वो पेरेंट्स बनने वाले थे, उन्होंने पहले ही सोचा था के नेहा के अकादेमी के इनॉग्रेशन के दिन वो बच्चा एडॉप्ट करेंगे लेकिन फिर राघव को बाहर जाना पड़ा था तो पहले तो नेहा ने सोचा किसी और दिन लेकिन जो होना तय था हो रहा था


“मैंने आपसे रिलेटेड सारे डॉक्युमेंट्स चेक कर लिए है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे, हम किसी को भी ऐसे ही बच्चे की कस्टडी नहीं देते है लेकिन आप बच्चा एडॉप्ट करने के लिए एलिजबल है और सबसे बड़ी बात आप दोनों ये खुद की मर्जी से कर रहे है ना की किसी दूसरी वजह से या किसी कॉम्प्लिकेशन की वजह से, आप जैसे बहुत कम लोग है दुनिया मे वरना यहां तो सबको अपना खून ही प्यारा है”

“वो बहुत ही शांत और शर्मिला है मिस्टर एण्ड मिसेज देशपांडे आपको उसे बहुत प्यार से हंडेल करना पड़ेगा, चलिए”

अनाथआश्रम के मैनेजर ने कहा और वो उनके साथ गार्डन की ओर आए

“वो रहा वो, अब आपको उसे संभालिए मैं आता हु”

गार्डन में एक और इशारा करके मैनेजर वहा से चला गया नेहा और राघव ने उस ओर देखा जहा बस एक बच्चा था, जिसे उन्होंने एडॉप्ट किया था, उसके साथ उनका नाम जुडने वाला था, जिससे आज दोनों ही खुश थे, आज उनकी फॅमिली कम्प्लीट हुई थी, इस नए मेहमान के आने से उनकी खुशिया दुगनी होने वाली थी

आज उनके पास सबकुछ था, ये कहानी जो एक बिखरे हुए रिश्ते से शुरू हुई थी आज निखर कर एक खूबसूरत प्रेमकहनी मे बदल चुकी थी, जरूरी नहीं के शादी से पहले ही प्यार हो, कभी कभी शादी के बाद भी आपको बेइंतेहा प्यार हो सकता है बस आपको थोड़ा वक्त देने की जरूरत है।

और इसीके साथ ये सफर यही खत्म होता है

With Never Ending Love..!!

The End..!!
Wow pichle ek Saal m Neha n Kafi tarkki kerli ek or dance academy Ki nayi branch Khol Dali sahi h
Yeh achcha kia jo ek yateem bachche ko adopt ker lia uski Zindagi badal jayegi
Isse achche tareeke se Kahani end nahi ho Sakta h
Bahot behtareen shaandar Kahani likhi bhai


Behtareen lajawab shaandar
 

Naik

Well-Known Member
21,624
77,515
258
So Here it is another story comes to an end. maine jitna socha tha usse kahi adhik response mila hai is kahani ho. honestly speaking, ab kahani me aage karne ko jyada kuch bacha nahi tha jis plot ke sath maine kahani shuru ki thi wo arc pura ho chuka hai aur ab yaha se ise aage khichna yani tv serial bana dena hai isko jisme villains aate jaye jo main nahi chahta :D
aur jarurat se jyada kahani khichne me main believe nahi karta usme fir likhne ka interest khatam hote jata hai.
aap sabhi ne is kahani jo jitna pyar diya hai uske liye aapka bahut bahut bahut shukriya, ye meri ab tak ki XF ki sabse popular story rahi hai in tearms of views and replies. aur it is proved ke har baar kahani ko safal banane ke liye villain aur action ki jarurat nahi padti sometimes pure romance can be successfull too :D
Is story ko aage badhane ka plot kabhi dimag me aata to iska sequel jarur likhunga :D
Enjoy the updates guys also niche ek announcement hai use miss mat karna :D

:cheers:
Thank you brother for completing such a wonderful & lovely story
 

Naik

Well-Known Member
21,624
77,515
258
Next Story

"Ek Duje ke Vaaste.."
"एक दूजे के वास्ते.."

romantic-book-cover-Made-with-Poster-My-Wall-1



"मेरी आँखों मे देख कर कह दो अक्षिता के तुम मुझसे प्यार नहीं करती" उसने चिल्ला कर पूछा

"मैं तुमसे प्यार नहीं करती" अक्षिता ने उसकी आँखों मे देखते हुए कहा

उसने उसे किसी भी चीज से ज्यादा चाहा था बेइंतेहा मोहब्बत की थी

लेकिन आज उसने उसके दिल के टुकड़े टुकड़े कर दिए थे

क्या होगा जब इन दोनों की राहे फिर से टकराएंगी?

1 साल बाद दोनों फिर होंगे आमने सामने

क्या वो अपनी जिंदगी मे आगे बढ़ेंगे या शुरू होगा प्यार का एक और सिलसिला

"एक दूजे के वास्ते.."
Starting After Diwali!!
Ooh wow Kahani ka announcement 📢 bhi ker dia zabardast
Congratulations 🎉🎉🎉🎉🎉👏👏👏👏👏
 
Top