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Romance In Love.. With You... (Completed)

Babybulbul

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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
Nice and beautiful update
 

Tiger 786

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Update 27




अगले दिन अपने दोनों कपल्स सुबह जल्दी ही बड़ी दादी के घर जाने के लिए निकले और गाड़ी मे बैठ कर श्वेता ने शेखर से उनके बारे मे पूछा

श्वेता- दादी कहा रहती है?

शेखर- गाँव मे, गाँव मे वहा पूषतेनी घर है वही दादी के माइके का पूरा परिवार रहता है, बहुत सी खेती है और बिजनस भी उनका वही से ऑपरेट होता है, गाँव ज्यादा बड़ा नहीं है ज्यादा से ज्यादा 100 घर होंगे लेकिन सब अच्छे खासे लोग है ऐसा समझो के वहा लाइफ काफी सुकून वाली है

अब जब शेखर श्वेता को ये सब बता ही रहा है तो मैं आपको दादी के माइके के परिवार का इन्ट्रो दे देता हु।

सबसे पहले कुमुद जी ये बड़ी दादी है और हमारी दादी की बड़ी बहन जिन्होंने अपने छोटे भाई बहन की जिम्मेदारी के चलते काभी शादी नही की, इनके बाबूजी की काफी जमीन थी जिसे उनके बाद इन्होंने संभाला और अपने भाई बहन को सही से सेटल किया लेकिन सबके बारे मे सोचते सोचते खुद के बारे मे सोचना भूल गई, ये रमाकांत और धनंजय की मौसी , फिर इनके छोटे भाई रमेश- आरती, यानि दादी के भाई, रमेश जी के दो बच्चे एक बेटा जो है शुभंकर और उनकी पत्नी संध्या, वही रमेश जी की बेटी है वो है ममता और उनके पति है सुरेश, अब शुभंकर और संध्या के दो बच्चे है आकाश और स्वाती वही ममता और सुरेश जी को दो बेटियाँ है, आँचल और निकिता, होप आपको समझ आया होगा नाही आया तो फॅमिली ट्री का फोटू डाल दूंगा कल :D तो अब कहानी की ओर आगे बढ़ते है,

गाड़ी मे शेखर ने श्वेता को यही फॅमिली ट्री अच्छे से समझाया हालांकि वो सब को अच्छे से जानती थी वो अपनी शादी मे इन सब से मिल चुकी थी सिवाय बड़ी दादी के वही नेहा इन सब लोगों को अच्छे से जानती थी इसीलिए वो खिड़की के बाहर देख रही थी और तभी उसकी नजर रीयर व्यू मिरर पर पड़ी तो उसने पाया के राघव चुपके चुपके उसे देख रहा था और जैसे ही नेहा ने उसे देखा उसने अपनी नजरे घुमा ली और नेहा भी वापिस बाहर की ओर देखने लगी लेकिन इस बार उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल थी और चेहरे पर लाली अभी तक तो ऐसी कोई खबर नहीं आई थी के कुछ बुरा हुआ है और सब इसी उम्मीद मे थे के सब ठीक हो।

वो लोग आधे घंटे मे अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे।

घर पुराने जमाने का था लेकिन आधुनिक सुविधाओं से लेस था, वो एक पुराने जमाने का पूषतेनी वाडा था जिसमे इस पूरे परिवार के रहने के लिए पर्याप्त रूम थे और घर के बीचों बीच आँगन बना हुआ था और घर के पीछे ही तरफ बढ़िया छोटा सा बगीचा था जिसमे तरह तरह के फूलों के झाड लगे हुए थे साथ ही वहा बैठने की व्यवस्था भी थी।

जब ये चारों वहा पहुचे तो इनका स्वागत किया शांति ने, असल इंसान नही साइलन्स ने

राघव- चलो अंदर चलते है,

राघव के कहते ही वो चारों अंदर आए और अंदर आते ही वो थोड़ा सप्राइज़ हुए

श्वेता- भाभी किसी की मौत का शोक ऐसे मनाया जाता है क्या?

एकदम शांति और घर को देख कर श्वेता ने नेहा के कान मे पूछा बदले मे नेहा ने उसे थोड़ा घूर के देखा और फिर पता नहीं बोल के वो भी आजू बाजू देखने लगि क्युकी जिस चीज ने इन्हे सबसे ज्यादा सप्राइज़ किया था वो थी घर की सजावट, क्युकी पूरा घर फूलों से सजा हुआ था और तभी उन्हे किसी के हसने की आवाजे आई जिसने उन्हे और भी कन्फ्यूज़ कर दिया तभी वहा उन्हे रिद्धि एक उसी की उम्र की लड़की के साथ इधर उधर फुदकती दिखी

राघव- रिद्धि, स्वाती!

राघव ने उन्हे आवाज लगाई और वो दोनों भी इन्हे देख के खुश हो गई और उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

स्वाती- भईया आप आ गए फाइनली!

स्वाती ने उनकी तरफ आते हुए कहा, वैसे तो स्वाती ज्यादा बात नहीं करती थी सिवाय उनसे जो उसे पसंद आते थे जैसे की अपनी मंडली

शेखर- ये.. क्या चल रहा है कोई बताएगा ?

शेखर ने सब सजावट देख कर रिद्धि से पूछा

रिद्धि – वो भाई हमे भी ये सब यहा आकर ही पता चला

नेहा- मतलब?!

रिद्धि – अरे आप सब पहले बड़ी दादी के रूम मे चलो वही आपको सब बताते है

इतना बोल के रिद्धि और स्वाती वहा से चली गई और उनके पीछे पीछे ये चारों भी बड़ी दादी के रूम की ओर निकल गए और जब वो वहा पहुचे तो उन्होंने वहा अपनी दादी गायत्री को हस हस कर बाते करते देखा जिसने उन्हे और कन्फ्यूज़ कर दिया के बड़ी दादी की तबीयत तो सीरीअस थी न

कुमुद- अरे आ गए तुम सब लोग!

बड़ी दादी ने उन्हे देखते ही बेड पर लेटे लेटे कहा और उन्हे देखते ही शेखर जाकर उनके पास बेड पर बैठ गया और उन्होंने भी शेखर के सर पे हाथ घुमाया

कुमुद- अच्छा है सब लोग आ गए है, राघव!!

उन्होंने राघव को भी अपने पास बुलाया

राघव- जब कल किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया तभी मुझे समझ जाना चाहिए था

कुमुद- बेटे जी अगर मैं वैसे ही तुम्हें फोन करके बुलाती ना तो तुम तो आ ही जाते है न??

शेखर- ये तो कोई रीज़न नहीं हुआ दादी, आपकों नहीं पता हमारी क्या हालत हुई थी

शेखर ने शिकायत करते हुए कहा और राघव उनके पास गया

गायत्री- वही तो, दीदी ने कल डरा ही दिया था

कुमुद- तो मैं और क्या करती कितने साल हो गए थे तुम सबको ऐसे साथ देखे और वैसे भी क्या पता मुझ बुढ़िया के पास और कितने दिन बचे है

गायत्री- दीदी!

राघव- बड़ी दादी!

गायत्री और राघव दोनों एकसाथ बोले

कुमुद- अच्छा अच्छा सॉरी... पर तुम सब को साथ देखे बहुत समय हो गया था और मैं ये बहाना न करती तो तुम सब ऐसे थोड़ी भागे भागे आते

राघव- फिर भी आपको ये नहीं करना चाहिए था, डरा दिया था आपने कितने चिंता मे थे हम पता है और हमे बुलाना ही था तो और कोई बहाना बनाती ये क्या बात हुई किसी को बुलाने की

कुमुद- वो तो ऐसे ही थोड़ा मजाक और वैसे ही आकाश की सगाई है तो रीज़न भी था सबको बुलाने का तो थोड़ी मस्ती कर ली

शेखर- क्या! आकाश की सगाई है और मुझे किसी ने बताया भी नहीं

कुमुद- बेटा जी बात करोगे तो पता चलेगा ना...

दादी ने एक और ताना मारा

राघव- आप ना ड्रामा क्वीन हो, उस टाइम फिल्मों मे क्यू नहीं गई आप! ऐसे डराता है क्या कोई!

कुमुद- हा हा ठीक है बस अब कल से वैसे भी सब मुझे सुना ही रहे है तू मत बोल अब

राघव- हा तो सही कर रहे है वो आपको डांट मिलनी भी चाहिए

कुमुद- तेरी दादी बहुत डांट चुकी है मुझे और मुझे बताओ इसे किसने बुलाया था? मुझे तो मेरे बच्चों से मिलना था, खैर छोड़ो मेरी बहुए कहा है

उन्होंने इधर उधर देखा तो पाया के नेहा और श्वेता दरवाजे पर ही खड़ी थी

कुमुद – अरे तुम लोग वहा क्यू खड़ी को आओ इधर आओ मैं तुम्हारी दादी सास जैसी डरावनी नहीं हु

उन दोनों ने जाके बड़ी दादी के पैर छूए

कुमुद- सदा सुहागन रहो और अपने पिया की प्यारी बनी रहो

गायत्री- आप लोग बैठो मैं किसी को कमरे तयार करने कहती हु, रिद्धि स्वाती चली मेरी मदद करो दोनों

इतना बोल के दादी वहा से चली गई

कुमुद- अब तुम लोग किसका इंतजार कर रहे हो इनसे मिलवाओ तो मुझे

दादी ने राघव और शेखर से कहा

शेखर- दादी ये श्वेता है

कुमुद- एकदम नाम की तरफ ही है गोरी गोरी, और तुम नहीं मिलवाओगे राघव

राघव- ये रही मेरी वाइफ... नेहा

बड़ी दादी ने कुछ पल नेहा को देखा

कुमुद- पता नहीं क्यू पर बेटा मुझे लगता है मैंने देखा है तुम्हें, तुम्हें देख के किसी की याद आती है

उन्होंने कुछ याद करते हुए कहा लेकिन कुछ याद नहीं आया वही नेहा ने बस एक स्माइल दे दी

कुमुद – जाने दो लेकिन राघव ये उससे काही ज्यादा सुन्दर है जैसी तुम्हें चाहिए थी, पता है नेहा ये जब बचपन मे यहा आता था ना तो बताता था के बड़ी दादी मेरी न पत्नी ऐसी होगी वैसी होगी..

दादी ने मुसकुराते हुए कहा जिसपर नेहा भी मुस्कुरा दी

राघव- अरे यार दादी

और ये बाते सुन के शेखर हसने लगा

कुमुद- तुम क्या हस रहे हो? श्वेता तुम्हारी तो लव मेरिज है न लेकिन पता है ये न मुझसे कहता था के मैं कभी शादी नहीं करूंगा लड़किया तो सर दर्द होती है तो अब बच्चू अब कहा गया तुम्हारा सर दर्द

दादी ने शेखर का कान खिचते हुए कहा

शेखर- अरे दादी वो तो बचपन की बात थी अब मैं बड़ा हो गया हु अब लड़किया सर दर्द थोड़ी है अब तो....

लेकिन जैसे ही उसकी नजर श्वेता पर पड़ी जो उसे देख रही थी शेखर बोलते बोलते रुक गया

शेखर- बाकी लोग कहा है कोई दिख नहीं रहा शेखर ने बात बदलते हुए पूछा

कुमुद- तुम्हारे पापा लोग तो बाहर गए है और तुम्हारी माए सगाई की तयारिया कर रही है पीछे, तुम लोग जाओ पहले फ्रेश हो जाओ थोड़ा फिर हम बात करते है

जिसके बाद ये सब लोग वहा से निकल गए वही दादी सोचने लागि के उन्हे नेहा जानी पहचानी क्यू लग रही थी।

--x--x--

आरती- अरे बेटा श्वेता नेहा आओ तुम लोग भी अपने लिए साड़िया पसंद कर लो सगाई के लिए तुम लोग कहा उस तयारी से आए होंगे, आओ यहा से अपने लिए साड़िया और गहने देख लो

जब ये दोनों घर के पीछे की साइड पहुची तो आरती जी ने इन्हे देख के कहा

घर के सारे मर्द घर के सामने वाले आँगन मे बैठे अपनी बात चित कर रहे थे वही पीछे बने बगीचे में एक तरफ अपना अक्खा गैंग बैठ के गप्पे मार रहा तथा उन्मे आकाश और स्वाती भी थे और जो नहीं था वो था राघव वही दूसरी तरह सब महिलाये अपने लिए साड़िया और गहने पसंद कर रही थी जीसे एक आदमी उन्हे दिखा रहा था, श्वेता और नेहा भी अपने लिए साड़िया देखने लगी

श्वेता- चाचीजी यहा तो सब साड़िया साउथ इंडियन स्टाइल की है ऐसा क्यू?

श्वेता ने साड़ियों को देखते हुए संध्या जी से पूछा

संध्या- अरे क्युकी आकाश और राधिका (आकाश की मंगेतर) इनकी इच्छा थी के सगाई साउथ इंडियन थीम से हो इसीलिए ये ड्रेसकोड है

संध्या जी ने जानकी और मीनाक्षी को साड़ी दिखाते हुए कहा, ये लोग सब बाते करते हुए साड़िया पसंद कर ही रहे थे के तभी एक लड़की की आवाज ने इन सब का ध्यान अपनी ओर खिचा

“संध्या काकी ये मा ने डिब्बा वापिस भेजा है” उस लड़की ने डिब्बा संध्या जी को देते हुए कहा और फिर उसकी नजर श्वेता और नेहा पर पड़ी और वो उन्हे कन्फ़्युशन मे देखने लगी और फिर उसने दूसरी तरफ देखा तो उसे वहा शेखर दिखाई दिया

“हे शेखर कैसा है भाई?” उस लड़की ने शेखर को देखते ही कहा और उसके पास जाने लगी वही श्वेता भी उसे और शेखर को देखने लगी

शेखर- बस सब बढ़िया है रितु मैडम तुम बताओ

रितु- मैं भी मस्त, सुना तुम्हारी शादी हो गई है

शेखर- यप , वो देखो वो मेरी वाइफ है श्वेता

शेखर ने श्वेता की ओर इशारा करके कहा जो उन्हे ही देख रही थी

रितु- कब आए तुम लोग? कल जब बाकी लोग आए उनके साथ नहीं थे तुम?

शेखर- हा वो अभी सुबह ही आए है हम सब

रितु- सब मतलब राघव? राघव भी आया है?

रितु ने राघव के बारे मे उत्सुकता से पूछा जिससे नेहा का ध्यान उसपे चला गया क्युकी शेखर से बात करते हुए वो इतनी एक्साइटेड नहीं थी जितना राघव का नाम सुनते ही हो गई थी

रितु- कितने साल हो गए यार उसे देखे हुए कहा है वो?

शेखर- वो.. वो उधर है

शेखर ने उसके पीछे इशारा करते हुए बेमन से कहा क्युकी वो जानता था के राघव का नाम सुनते ही ये इतना चहकने क्यू लगी थी लेकिन वो कुछ नहीं कर सकता था, शेखर ने नेहा को देखा जो रितु को देख रही थी जो राघव को देखते ही उसकी ओर दौड़ कर गई जब राघव वहा आ रहा था

रितु- राघव यार गुड टू सी यू, कितने साल हो गए है,

और बोलते बोलते उसने अचानक राघव को गले लगा लिया जीससे राघव का बैलन्स बिगड़ गया

आरती- पता है नेहा राघव जब बचपन मे यहा आता था न तब भी ये रितु ऐसे ही उसके पीछे भागती थी उसके साथ खेलने लेकिन ये तब भी उसे ऐटिटूड दिखाता था और ये अब भी नहीं बदली है

आरती जी ने मुसकुराते हुए कहा वही नेहा बस उन दोनों को देख रही थी,

जब रितु राघव से अलग हुई तो राघव ने उसे देख स्माइल किया जो नेहा ने बराबर देखा

मेरे साथ तो ये ऐसे कभी नहीं मुसकुराते’ नेहा ने मन ही मन सोचा और राघव को उसके साथ हस कर बात करते देख उसका मुह खुला का खुला रह गया

श्वेता- भाभी मुह बंद कर लो मक्खी घुस जाएगी

श्वेता की बात सुन नेहा होश मे आई

रितु राघव से बात करते हुए उसे बार बार छु लेती थी लेकिन राघव उसका कोई विरोध नहीं कर रहा था उल्टा वो तो मस्त कंफर्टेबल होकर बाते कर रहा था

जब मैं छूती हु तो दूर सरक जाते है और यहा देखो ऐसे मजे से बाते कर रहे है’ नेहा ने अपने हाथ मे पकड़ी साड़ी को मरोड़ते हुए सोचा वही श्वेता उसके जले पे नामक छिड़कते हुए बोली

श्वेता- भाभी ये भईया से कुछ ज्यादा नहीं चिपक रही?

राघव रितु से मस्त हस कर बात कर रहा था वही नेहा उन्हे देख के जल रही थी अब पता नहीं ये रितु इन दोनों के बीच क्या गुल खिलाएगी देखते है अगले अपडेट मे.......

क्रमश:
Badi dhadi ne to fimi andaz mai sab ko bulva liya dharama karke.yeh Ritu kon hai jisko dekh ke Neha ji ki sulagh rahi hai😂😂😂🤣🤣🤣
 

chawla sahab

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Update 59




नेहा ने राघव के आँसू पोंछे और उसका चेहरा अपने दोनों हाथों मे थामा और उसे अपनी ओर देखने कहा

नेहा- मेरी बात आप ध्यान से सुनिए राघव, मैं जानती हु आपने बहुत कुछ खोया है, आपने उस इंसान को खोया है जो आपके दिल के बहुत करीब था, मैंने भी खोया है लेकिन इसका ये मतलब नहीं है के आप उसका दोष अपने आप को दोगे, आपसे जो कुछ भी हो सकता था उसे बचाने आपने वो सब कुछ किया है, लेकिन कभी कभी कुछ चीज़े हमारे बस मे नहीं होती है, आपने निशा को न्याय दिलाया है राघव उस राक्षस को सजा दिलवा कर आपने निशा को न्याय दिलाया है और ना सिर्फ निशा को बल्कि उन तमाम लड़कियों को जिनके साथ उसने गलत किया था, साथ ही आपने उन लड़कियों को बचाया है जिन्हे वो आगे फसाता, अगर आप उसे पुलिस से नही पकड़वाते तो वो आज भी वही कर रहा होता, रही बात उन लोगों की जो आपको जज कर रहे थे वो इंसान नहीं बल्कि इंसान का शरीर लिए जानवर है जिन्होंने बगैर किसी बात को जाने के आपको ब्लेम किया, ऐसे लोगों को बस एक टॉपिक चाहिए होता है जिसपर जब वो बोर हो जाए तो बात कर सके और कुछ दिनों बाद भूल जाए आपको अपने आपको ऐसे लोगों को प्रूव करने की जरूरत नहीं है जो कोई मायने नहीं रखते है

नेहा- और आप किलर नही है!! ये बात आप अपने दिमाग मे फिट कर लीजिए, आपके दिमाग मे बसी ये बात आपके नही बल्कि उन लोगों के दिमाग की उपज है जिन्हे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कुछ मसाला चाहिए होता है, ऐसे लोगों की सोच को अपने आप पर हावी मत होने दीजिए

नेहा- और जब आप किसी से इस बारे मे बात ही नहीं करेंगे तो आपकी मेंटल हेल्थ कैसे ठीक होगी! आपको अपने अंदर से इस सब को बाहर लाना होगा राघव, आपको अपने इस डर को फेस करना होगा, जब आपने किसी का बुरा नहीं किया तो कोई आपका बुरा कैसे कर सकता है, निशा आपको अपनी मौत का जिम्मेदार मानते देख रही होगी तो उसे भी बुरा लग रहा होगा क्युकी आपकी इसमे कोई गलती नहीं है

नेहा- और मेरा राघव न तो सेल्फिश है न ही हार्ट्लेस, आप बहुत अच्छे हो और मै अपने आप को खुशनसीब समझती हु जो आप मेरी जिंदगी मे आए, जो हुआ सो हुआ वो सब बीती बाते है आपको उन्हे भूलना होगा और साथ ही अपने अतीत से लड़ना भी होगा, उन लोगों को उनके शब्दों को भूल जाइए लेकिन उनका सामना कीजिए, आपने ऐसा कुछ नहीं किया जो आपको ऐसे लोगों से बचना पड़े

नेहा ने राघव की आँखों मे देखते हुए उसे अच्छे से समझाया वही राघव बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रहा था

नेहा- मुझसे वादा कीजिए के अगली बार आप जब भी उनसे किसी से मिले, उनका सामना करे ना की उनसे दूर भागे और आप मुझसे कोई बात नहीं छुपाएंगे

नेहा ने अपना हाथ राघव के आगे किया, राघव ने कुछ समय तक नेहा के हाथ को देखा और फिर मुंडी हिला कर उसे वादा किया जिससे नेहा के चेहरे पर मुस्कान आ गई

राघव- मैं उस वक्त हमेशा इस शादी से भागता रहा, सबको लगा शायद मैं तुम्हें पसंद नहीं करता इसीलिए मैं दूर दूर रहता हु पर किसी ने कभी रीज़न पूछा ही नहीं, किसी ने मुझसे नहीं पूछा के मेरे ऐसे बर्ताव का रीज़न क्या है

राघव- सबको लगा मैं कितना गलत हु जो तुम्हारे साथ सही बर्ताव नहीं करता तुमसे दूर भागता हु लेकिन कोई इसके पीछे की वजह नहीं जानता था, हा जो जानते थे उन्होंने मुझे बहुत समझाया, विशाल तो लिटेरली मुझसे लड़ लिया था जब मैं शादी के अगले दिन उसके पास पहुचा था, मेरे अतीत मे जो कुछ भी हुआ उसकी वजह से मैं किसी रिश्ते हो अपनाने, किसी पर पूरी तरह भरोसा करने तयार ही नहीं था, वो तो किस्मत से मुझे तुम मिल गई, मैं बहुत ज्यादा डरपोक हु नेहा, और मैं थक चुका हु भागते हुए

राघव- लोगों ने मुझे बिना जानते हुए जज किया, और मैं अपने आपको बदल तो नहीं सकता था, एकदम से तो नहीं और मैं तुमसे भी यही चाहता हु, तुम जैसी हो एकदम पएफ़ेक्ट हो, कभी भी किसी के लिए भी अपने आपको मत बदलना

राघव आज नेहा से अपने दिल की बात कर रहा था

नेहा- आप बहुत अच्छे है राघव भले कोई कुछ भी कहे सोचे मुझे फरक नहीं पड़ता और जब आप मुझसे ना बदलने के लिए कह रहे है तो आप अपने आप को क्यू बदल रहे है? आप जैसे हो मुझे आपसे वैसे ही प्यार है और मैं इस राघव देशपांडे के साथ अपनी पूरी जिंदगी बिताना चाहती हु

अब तक राघव का रोना रुक गया था और वो ध्यान से नेहा की बात सुन रहा था और उसके हर के शब्द के साथ उसका मूड और अच्छा हो रहा था, उसके मन से एक बोझ सा हल्का हो गया था और अब नेहा को सब कुछ बताने के बाद राघव अच्छा महसूस कर रहा था

नेहा- मैंने डेविल.... मतलब सीरीअस राघव को देखा है, बेबी राघव को भी देखा है और ईमोशनल राघव को भी बट अभी मुझे मेरा बेबी राघव चाहिए क्युकी वही सबसे ज्यादा क्यूट है

नेहा ने राघव का मूड अच्छा करने कहा और राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई, नेहा को अपने साथ पाकर इस वक्त राघव दुनिया का सबसे खुश आदमी था, जिस गिल्ट मी वो जी रहा था वो पूरी तरह नही पर कुछ हद्द तक काम जरूर हो गया था, दोनों एकदूसरे के बाजू मे बैठे थे एकदूसरे की आँखों मे देखते हुए, नेहा ने राघव की आँखों मे देखा जो उसकी आँखों से उसके होंठों के बीच घूम रही थी और उसने अपने निचले होंठ को दातों से दबाया, धीरे धीरे राघव के होंठ नेहा के होंठों के करीब बढ़ रहे थे

राघव की गरम साँसे नेहा अपने चेहरे पर महसूस कर रही थी जो उसकी साँसे बढ़ा रही थी, धीमे से राघव ने अपने होंठ नेहा ने होंठों से टिकाए, और हल्के हल्के उसे किस करने लगा... वो दोनों अपने मे खोए हुए थे के तभी उन्हे नीचे से किसी के आने का आवाज आया

उन्होंने अपना किस तोड़ा तो नेहा ने शर्मा के अपनी पलके झुका ली

राघव- मैं देख के आता हु कौन आया है!!

राघव ने उठते हुए कहा औ जल्दी से वहा से निकला ताकि नेहा उसके लाल होते गाल ना देखे और नेहा भी मुस्कुरा कर उसके पीछे नीचे आई तो घर वाले सब गणपती दर्शन से लौट चुके थे और लिविंग रूम मे थे, सभी लोग काफी थक चुके थे और विवेक और रिद्धि तो अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

जानकी- राघव तुम कब आए??

जानकी जी ने जब अपने बेटे को वहा देखा तो पुछ लिया

राघव- अभी बस 1 घंटे पहले ही आया हु मा

शेखर- यस! यस!

शेखर ने हसते हुए कहा

धनंजय- तुम्हें पता था राघव आज आ रहा है? तुमने बताया नहीं?

शेखर- सप्राइज़! वो डैड भाई सप्राइज़ देना चाहता था बस इसीलिए, हैना भाई?

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा और राघव को फसा दिया क्युकी इसपर राघव के पास बोलने को कुछ नहीं था

गायत्री- सच मे??

दादी ने राघव और नेहा को देखते हुए पूछा क्युकी उनका पोता ऐसे सप्राइज़ देगा इसकी उनको कम ही उम्मीद थी

राघव- वो... दादी...

शिवशंकर- अरे ठीक है राघव! हम समझते है

मीनाक्षी- मुझे लगता है हमे सोना चाहिए अब बहुत लेट ही चुका है

मीनाक्षी जी ने कहा जिसके बाद सब अपने अपने कमरों मे चले गए और जब राघव और नेहा अपने कमरे मे जा रहे थे तो नेहा रुक गई

राघव- क्या हुआ??

नेहा- आप चलो मैं अभी आई

इतना बोल के नेहा वहा से जाने ही वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ ली

राघव- अरे लेकिन जा कहा रही हो

नेहा- बाद मे बताऊँगी मैं बस 1 मिनट मे आई आप तब तक जाकर चेंज कर लीजिए

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और राघव अपने कमरे मे आया

नेहा ने जाकर सीधा शेखर और श्वेता के कमरे का दरवाजा खटखटाया और श्वेता ने दरवाजा खोला

श्वेता- भाभी आप यहा??

नेहा- शेखर कहा है श्वेता?

तभी शेखर बाथरूम से बाहर आया

शेखर- क्या हुआ भाभी मैं यहा हु

नेहा- तुम्हारे पास वो गेस्ट्स की लिस्ट है वो पहले दिन की पूजा मे आए थे?

शेखर- हा! क्यू क्या हुआ??

नेहा- उस दिन तुम्हारे लंदन यूनिवर्सिटी से कौन आया था पूजा मे??

शेखर- भाभी वो...

नेहा- बताओ शेखर

शेखर- भाभी उसका नाम निखिल है

निखिल का नाम आते ही नेहा सब समझ गई के क्यू राघव उस दिन वैसे चला गया था, उसने उस इंसान को देखा था जिसने उसे सबसे ज्यादा तकलीफ दी थी उसका एकमात्र डर

नेहा- मैं चाहती हु तुम उसे विसर्जन पर भी बुलाओ, बुलाओगे??

शेखर- भाभी लेकिन भाई?? मैं तो उसे पहले दिन भी नहीं बुलाना चाहता था लेकिन बड़े पापा ने उसे बुलाया

नेहा- मुझे सब पता है शेखर बस उसे बुला लो बाकी तुम्हारे भाई देख लेंगे

शेखर- ठीक है आप कहती है तो बुला लेता हु बट प्लीज ऐसा कुछ मत करो जिससे भाई को तकलीफ हो

नेहा- अब सब सही होगा शेखर

इतना बोल के नेहा वहा से चली गई और अपने रूम मे आई तो उसने देखा के राघव चुप चाप बेड पर बैठा था नेहा उसके बाजू मे जाकर बैठ गई लेकिन राघव का उसपर ध्यान ही नहीं था इसीलिए उसने अपना गला खखारा जिससे राघव अपने खयालों से बाहर आया

राघव- तुम कब आई??

नेहा- बस अभी अभी। आप क्या सोच रहे थे?

राघव- कुछ नहीं सोच रहा हु इस बार विसर्जन पर अपने इस गिल्ट का भी विसर्जन कर दु

राघव की बात सुन नेहा की आँखों मे भी चमक आ गई उसके बगैर कुछ कहे ही राघव इस बारे मे सोच चुका था

राघव- छोड़ो अभी ये सब

राघव ने अपना सर झटका और नेहा को अपने करीब खिचा और बेड पर लेटा

राघव- मैंने ऐसे चिपक के सोने को बहुत मिस किया है

राघव ने कहा जिसपर नेहा हस दी

राघव- वैसे गई कहा थी तुम??

नेहा- आपको मुझपर भरोसा है??

राघव- खुद से भी ज्यादा

नेहा- बस तो आपको जल्दी पता चल जाएगा

नेहा ने उसके बालों मे हाथ घुमा दिया और राघव ने उसकी तरफ देखा और देखता ही रहा.....

क्रमश:
Vadhiya update brother
 

Adirshi

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Last 2 days kaam me bahut jyada busy tha, abhi bhi ghar se baahar hi hu, aur ghar pahuch kar bhi update de paunga ya nahi uska doubt hai, possible hua to raat me update deta hu, kal visarjan hai to possibly kal sham me hi update de paunga, Thanks for the support guys :thanks:
Aaj nahi to kal sham me update pakka hai
 

Tiger 786

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Update 27




अगले दिन अपने दोनों कपल्स सुबह जल्दी ही बड़ी दादी के घर जाने के लिए निकले और गाड़ी मे बैठ कर श्वेता ने शेखर से उनके बारे मे पूछा

श्वेता- दादी कहा रहती है?

शेखर- गाँव मे, गाँव मे वहा पूषतेनी घर है वही दादी के माइके का पूरा परिवार रहता है, बहुत सी खेती है और बिजनस भी उनका वही से ऑपरेट होता है, गाँव ज्यादा बड़ा नहीं है ज्यादा से ज्यादा 100 घर होंगे लेकिन सब अच्छे खासे लोग है ऐसा समझो के वहा लाइफ काफी सुकून वाली है

अब जब शेखर श्वेता को ये सब बता ही रहा है तो मैं आपको दादी के माइके के परिवार का इन्ट्रो दे देता हु।

सबसे पहले कुमुद जी ये बड़ी दादी है और हमारी दादी की बड़ी बहन जिन्होंने अपने छोटे भाई बहन की जिम्मेदारी के चलते काभी शादी नही की, इनके बाबूजी की काफी जमीन थी जिसे उनके बाद इन्होंने संभाला और अपने भाई बहन को सही से सेटल किया लेकिन सबके बारे मे सोचते सोचते खुद के बारे मे सोचना भूल गई, ये रमाकांत और धनंजय की मौसी , फिर इनके छोटे भाई रमेश- आरती, यानि दादी के भाई, रमेश जी के दो बच्चे एक बेटा जो है शुभंकर और उनकी पत्नी संध्या, वही रमेश जी की बेटी है वो है ममता और उनके पति है सुरेश, अब शुभंकर और संध्या के दो बच्चे है आकाश और स्वाती वही ममता और सुरेश जी को दो बेटियाँ है, आँचल और निकिता, होप आपको समझ आया होगा नाही आया तो फॅमिली ट्री का फोटू डाल दूंगा कल :D तो अब कहानी की ओर आगे बढ़ते है,

गाड़ी मे शेखर ने श्वेता को यही फॅमिली ट्री अच्छे से समझाया हालांकि वो सब को अच्छे से जानती थी वो अपनी शादी मे इन सब से मिल चुकी थी सिवाय बड़ी दादी के वही नेहा इन सब लोगों को अच्छे से जानती थी इसीलिए वो खिड़की के बाहर देख रही थी और तभी उसकी नजर रीयर व्यू मिरर पर पड़ी तो उसने पाया के राघव चुपके चुपके उसे देख रहा था और जैसे ही नेहा ने उसे देखा उसने अपनी नजरे घुमा ली और नेहा भी वापिस बाहर की ओर देखने लगी लेकिन इस बार उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल थी और चेहरे पर लाली अभी तक तो ऐसी कोई खबर नहीं आई थी के कुछ बुरा हुआ है और सब इसी उम्मीद मे थे के सब ठीक हो।

वो लोग आधे घंटे मे अपनी मंजिल पर पहुच चुके थे।

घर पुराने जमाने का था लेकिन आधुनिक सुविधाओं से लेस था, वो एक पुराने जमाने का पूषतेनी वाडा था जिसमे इस पूरे परिवार के रहने के लिए पर्याप्त रूम थे और घर के बीचों बीच आँगन बना हुआ था और घर के पीछे ही तरफ बढ़िया छोटा सा बगीचा था जिसमे तरह तरह के फूलों के झाड लगे हुए थे साथ ही वहा बैठने की व्यवस्था भी थी।

जब ये चारों वहा पहुचे तो इनका स्वागत किया शांति ने, असल इंसान नही साइलन्स ने

राघव- चलो अंदर चलते है,

राघव के कहते ही वो चारों अंदर आए और अंदर आते ही वो थोड़ा सप्राइज़ हुए

श्वेता- भाभी किसी की मौत का शोक ऐसे मनाया जाता है क्या?

एकदम शांति और घर को देख कर श्वेता ने नेहा के कान मे पूछा बदले मे नेहा ने उसे थोड़ा घूर के देखा और फिर पता नहीं बोल के वो भी आजू बाजू देखने लगि क्युकी जिस चीज ने इन्हे सबसे ज्यादा सप्राइज़ किया था वो थी घर की सजावट, क्युकी पूरा घर फूलों से सजा हुआ था और तभी उन्हे किसी के हसने की आवाजे आई जिसने उन्हे और भी कन्फ्यूज़ कर दिया तभी वहा उन्हे रिद्धि एक उसी की उम्र की लड़की के साथ इधर उधर फुदकती दिखी

राघव- रिद्धि, स्वाती!

राघव ने उन्हे आवाज लगाई और वो दोनों भी इन्हे देख के खुश हो गई और उनके चेहरे पर एक मुस्कान आ गई

स्वाती- भईया आप आ गए फाइनली!

स्वाती ने उनकी तरफ आते हुए कहा, वैसे तो स्वाती ज्यादा बात नहीं करती थी सिवाय उनसे जो उसे पसंद आते थे जैसे की अपनी मंडली

शेखर- ये.. क्या चल रहा है कोई बताएगा ?

शेखर ने सब सजावट देख कर रिद्धि से पूछा

रिद्धि – वो भाई हमे भी ये सब यहा आकर ही पता चला

नेहा- मतलब?!

रिद्धि – अरे आप सब पहले बड़ी दादी के रूम मे चलो वही आपको सब बताते है

इतना बोल के रिद्धि और स्वाती वहा से चली गई और उनके पीछे पीछे ये चारों भी बड़ी दादी के रूम की ओर निकल गए और जब वो वहा पहुचे तो उन्होंने वहा अपनी दादी गायत्री को हस हस कर बाते करते देखा जिसने उन्हे और कन्फ्यूज़ कर दिया के बड़ी दादी की तबीयत तो सीरीअस थी न

कुमुद- अरे आ गए तुम सब लोग!

बड़ी दादी ने उन्हे देखते ही बेड पर लेटे लेटे कहा और उन्हे देखते ही शेखर जाकर उनके पास बेड पर बैठ गया और उन्होंने भी शेखर के सर पे हाथ घुमाया

कुमुद- अच्छा है सब लोग आ गए है, राघव!!

उन्होंने राघव को भी अपने पास बुलाया

राघव- जब कल किसी ने मेरा फोन नहीं उठाया तभी मुझे समझ जाना चाहिए था

कुमुद- बेटे जी अगर मैं वैसे ही तुम्हें फोन करके बुलाती ना तो तुम तो आ ही जाते है न??

शेखर- ये तो कोई रीज़न नहीं हुआ दादी, आपकों नहीं पता हमारी क्या हालत हुई थी

शेखर ने शिकायत करते हुए कहा और राघव उनके पास गया

गायत्री- वही तो, दीदी ने कल डरा ही दिया था

कुमुद- तो मैं और क्या करती कितने साल हो गए थे तुम सबको ऐसे साथ देखे और वैसे भी क्या पता मुझ बुढ़िया के पास और कितने दिन बचे है

गायत्री- दीदी!

राघव- बड़ी दादी!

गायत्री और राघव दोनों एकसाथ बोले

कुमुद- अच्छा अच्छा सॉरी... पर तुम सब को साथ देखे बहुत समय हो गया था और मैं ये बहाना न करती तो तुम सब ऐसे थोड़ी भागे भागे आते

राघव- फिर भी आपको ये नहीं करना चाहिए था, डरा दिया था आपने कितने चिंता मे थे हम पता है और हमे बुलाना ही था तो और कोई बहाना बनाती ये क्या बात हुई किसी को बुलाने की

कुमुद- वो तो ऐसे ही थोड़ा मजाक और वैसे ही आकाश की सगाई है तो रीज़न भी था सबको बुलाने का तो थोड़ी मस्ती कर ली

शेखर- क्या! आकाश की सगाई है और मुझे किसी ने बताया भी नहीं

कुमुद- बेटा जी बात करोगे तो पता चलेगा ना...

दादी ने एक और ताना मारा

राघव- आप ना ड्रामा क्वीन हो, उस टाइम फिल्मों मे क्यू नहीं गई आप! ऐसे डराता है क्या कोई!

कुमुद- हा हा ठीक है बस अब कल से वैसे भी सब मुझे सुना ही रहे है तू मत बोल अब

राघव- हा तो सही कर रहे है वो आपको डांट मिलनी भी चाहिए

कुमुद- तेरी दादी बहुत डांट चुकी है मुझे और मुझे बताओ इसे किसने बुलाया था? मुझे तो मेरे बच्चों से मिलना था, खैर छोड़ो मेरी बहुए कहा है

उन्होंने इधर उधर देखा तो पाया के नेहा और श्वेता दरवाजे पर ही खड़ी थी

कुमुद – अरे तुम लोग वहा क्यू खड़ी को आओ इधर आओ मैं तुम्हारी दादी सास जैसी डरावनी नहीं हु

उन दोनों ने जाके बड़ी दादी के पैर छूए

कुमुद- सदा सुहागन रहो और अपने पिया की प्यारी बनी रहो

गायत्री- आप लोग बैठो मैं किसी को कमरे तयार करने कहती हु, रिद्धि स्वाती चली मेरी मदद करो दोनों

इतना बोल के दादी वहा से चली गई

कुमुद- अब तुम लोग किसका इंतजार कर रहे हो इनसे मिलवाओ तो मुझे

दादी ने राघव और शेखर से कहा

शेखर- दादी ये श्वेता है

कुमुद- एकदम नाम की तरफ ही है गोरी गोरी, और तुम नहीं मिलवाओगे राघव

राघव- ये रही मेरी वाइफ... नेहा

बड़ी दादी ने कुछ पल नेहा को देखा

कुमुद- पता नहीं क्यू पर बेटा मुझे लगता है मैंने देखा है तुम्हें, तुम्हें देख के किसी की याद आती है

उन्होंने कुछ याद करते हुए कहा लेकिन कुछ याद नहीं आया वही नेहा ने बस एक स्माइल दे दी

कुमुद – जाने दो लेकिन राघव ये उससे काही ज्यादा सुन्दर है जैसी तुम्हें चाहिए थी, पता है नेहा ये जब बचपन मे यहा आता था ना तो बताता था के बड़ी दादी मेरी न पत्नी ऐसी होगी वैसी होगी..

दादी ने मुसकुराते हुए कहा जिसपर नेहा भी मुस्कुरा दी

राघव- अरे यार दादी

और ये बाते सुन के शेखर हसने लगा

कुमुद- तुम क्या हस रहे हो? श्वेता तुम्हारी तो लव मेरिज है न लेकिन पता है ये न मुझसे कहता था के मैं कभी शादी नहीं करूंगा लड़किया तो सर दर्द होती है तो अब बच्चू अब कहा गया तुम्हारा सर दर्द

दादी ने शेखर का कान खिचते हुए कहा

शेखर- अरे दादी वो तो बचपन की बात थी अब मैं बड़ा हो गया हु अब लड़किया सर दर्द थोड़ी है अब तो....

लेकिन जैसे ही उसकी नजर श्वेता पर पड़ी जो उसे देख रही थी शेखर बोलते बोलते रुक गया

शेखर- बाकी लोग कहा है कोई दिख नहीं रहा शेखर ने बात बदलते हुए पूछा

कुमुद- तुम्हारे पापा लोग तो बाहर गए है और तुम्हारी माए सगाई की तयारिया कर रही है पीछे, तुम लोग जाओ पहले फ्रेश हो जाओ थोड़ा फिर हम बात करते है

जिसके बाद ये सब लोग वहा से निकल गए वही दादी सोचने लागि के उन्हे नेहा जानी पहचानी क्यू लग रही थी।

--x--x--

आरती- अरे बेटा श्वेता नेहा आओ तुम लोग भी अपने लिए साड़िया पसंद कर लो सगाई के लिए तुम लोग कहा उस तयारी से आए होंगे, आओ यहा से अपने लिए साड़िया और गहने देख लो

जब ये दोनों घर के पीछे की साइड पहुची तो आरती जी ने इन्हे देख के कहा

घर के सारे मर्द घर के सामने वाले आँगन मे बैठे अपनी बात चित कर रहे थे वही पीछे बने बगीचे में एक तरफ अपना अक्खा गैंग बैठ के गप्पे मार रहा तथा उन्मे आकाश और स्वाती भी थे और जो नहीं था वो था राघव वही दूसरी तरह सब महिलाये अपने लिए साड़िया और गहने पसंद कर रही थी जीसे एक आदमी उन्हे दिखा रहा था, श्वेता और नेहा भी अपने लिए साड़िया देखने लगी

श्वेता- चाचीजी यहा तो सब साड़िया साउथ इंडियन स्टाइल की है ऐसा क्यू?

श्वेता ने साड़ियों को देखते हुए संध्या जी से पूछा

संध्या- अरे क्युकी आकाश और राधिका (आकाश की मंगेतर) इनकी इच्छा थी के सगाई साउथ इंडियन थीम से हो इसीलिए ये ड्रेसकोड है

संध्या जी ने जानकी और मीनाक्षी को साड़ी दिखाते हुए कहा, ये लोग सब बाते करते हुए साड़िया पसंद कर ही रहे थे के तभी एक लड़की की आवाज ने इन सब का ध्यान अपनी ओर खिचा

“संध्या काकी ये मा ने डिब्बा वापिस भेजा है” उस लड़की ने डिब्बा संध्या जी को देते हुए कहा और फिर उसकी नजर श्वेता और नेहा पर पड़ी और वो उन्हे कन्फ़्युशन मे देखने लगी और फिर उसने दूसरी तरफ देखा तो उसे वहा शेखर दिखाई दिया

“हे शेखर कैसा है भाई?” उस लड़की ने शेखर को देखते ही कहा और उसके पास जाने लगी वही श्वेता भी उसे और शेखर को देखने लगी

शेखर- बस सब बढ़िया है रितु मैडम तुम बताओ

रितु- मैं भी मस्त, सुना तुम्हारी शादी हो गई है

शेखर- यप , वो देखो वो मेरी वाइफ है श्वेता

शेखर ने श्वेता की ओर इशारा करके कहा जो उन्हे ही देख रही थी

रितु- कब आए तुम लोग? कल जब बाकी लोग आए उनके साथ नहीं थे तुम?

शेखर- हा वो अभी सुबह ही आए है हम सब

रितु- सब मतलब राघव? राघव भी आया है?

रितु ने राघव के बारे मे उत्सुकता से पूछा जिससे नेहा का ध्यान उसपे चला गया क्युकी शेखर से बात करते हुए वो इतनी एक्साइटेड नहीं थी जितना राघव का नाम सुनते ही हो गई थी

रितु- कितने साल हो गए यार उसे देखे हुए कहा है वो?

शेखर- वो.. वो उधर है

शेखर ने उसके पीछे इशारा करते हुए बेमन से कहा क्युकी वो जानता था के राघव का नाम सुनते ही ये इतना चहकने क्यू लगी थी लेकिन वो कुछ नहीं कर सकता था, शेखर ने नेहा को देखा जो रितु को देख रही थी जो राघव को देखते ही उसकी ओर दौड़ कर गई जब राघव वहा आ रहा था

रितु- राघव यार गुड टू सी यू, कितने साल हो गए है,

और बोलते बोलते उसने अचानक राघव को गले लगा लिया जीससे राघव का बैलन्स बिगड़ गया

आरती- पता है नेहा राघव जब बचपन मे यहा आता था न तब भी ये रितु ऐसे ही उसके पीछे भागती थी उसके साथ खेलने लेकिन ये तब भी उसे ऐटिटूड दिखाता था और ये अब भी नहीं बदली है

आरती जी ने मुसकुराते हुए कहा वही नेहा बस उन दोनों को देख रही थी,

जब रितु राघव से अलग हुई तो राघव ने उसे देख स्माइल किया जो नेहा ने बराबर देखा

मेरे साथ तो ये ऐसे कभी नहीं मुसकुराते’ नेहा ने मन ही मन सोचा और राघव को उसके साथ हस कर बात करते देख उसका मुह खुला का खुला रह गया

श्वेता- भाभी मुह बंद कर लो मक्खी घुस जाएगी

श्वेता की बात सुन नेहा होश मे आई

रितु राघव से बात करते हुए उसे बार बार छु लेती थी लेकिन राघव उसका कोई विरोध नहीं कर रहा था उल्टा वो तो मस्त कंफर्टेबल होकर बाते कर रहा था

जब मैं छूती हु तो दूर सरक जाते है और यहा देखो ऐसे मजे से बाते कर रहे है’ नेहा ने अपने हाथ मे पकड़ी साड़ी को मरोड़ते हुए सोचा वही श्वेता उसके जले पे नामक छिड़कते हुए बोली

श्वेता- भाभी ये भईया से कुछ ज्यादा नहीं चिपक रही?

राघव रितु से मस्त हस कर बात कर रहा था वही नेहा उन्हे देख के जल रही थी अब पता नहीं ये रितु इन दोनों के बीच क्या गुल खिलाएगी देखते है अगले अपडेट मे.......

क्रमश:
Badi dhadi ne to fimi andaz mai sab ko bulva liya dharama karke.yeh Ritu kon hai jisko dekh ke Neha ji ki sulagh rahi hai
Update 29



राघव पूरे घर मे नेहा को ढूंढते हुए घूम रहा था लेकिन वो उसे कही नहीं दिख रही थी

रमेश- राघव, कुछ चाहिए क्या बेटा?

राघव- नहीं मामा दादू वो बस ऐसे...

रमेश- नेहा को ढूंढ रहे हो?

राघव- नहीं वो तो मैं.. वो...

रमेश- वो मा के कमरे मे है

इतना बोल के रमेश जी वहा से राघव का कंधा थपथपाते हुए मुस्कुराकर निकल गए और राघव झट से बड़ी दादी के कमरे की ओर लपका और जब वो कमरे मे पहुचा तो वहा कोई नहीं था सिवाय नेहा को जो अलमारी मे कुछ सामान रख रही थी और राघव की तरफ उसकी पीठ थी

राघव ने कमरे का दरवाजा धीरे से बंद किया ताकि नेहा को उसके आने का पता ना चले और कोई आवाज ना हो लेकिन वो पुराने जमाने का दरवाजा आवाज करते हुए बंद हुआ और नेहा का ध्यान उसकी ओर आ गया

नेहा ने पलट कर देखा तो वहा राघव को पाया, उसने सपाट चेहरे से राघव को देखा फिर वापिस अपने काम मे लग गई वही राघव भी चुप चाप वहा खड़ा उसके फ्री होने की राह देखने लगा ताकि उससे बात कर सके

नेहा ने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और थड़ की आवाज से अलमारी का दरवाजा बंद कर दिया

ये मुझे ऐसा क्यू लग रहा है उसने उस दरवाजे मे मुझे इमेजिन करके उसे पटका है’ राघव के मन मे खयाल आया

वही नेहा उसे इग्नोर करते हुए बेड की ओर बढ़ी और उसने एक झटके मे पुरानी चादर हटा दी और नई बेड शीट बिछाने लगी और जब उसका काम खतम हो गया तो वो दरवाजे की तरफ आई

राघव- सुनो..!

राघव ने उसे आवाज दी जिसे सुन कर वो रुकी और राघव की ओर मुड़ी

राघव- ये....

लेकिन बोलते बोलते राघव रुक गया जब उसने देखा के नेहा ने उसे वापिस इग्नोर कर दिया है और वो बेड की ओर जा रही है जैसे वो वहा हो ही ना

नेहा ने बेड पर से पुराने पिलो कवर उठाए और वापिस दरवाजे की तरफ जाने लगी और वो दरवाजा खोलने की वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ के उसे रोक दिया

राघव- मैं कुछ कह रहा हु

नेहा- कहिए!

नेहा ने बोला लेकिन इस बार उसकी आवाज सपाट थी

राघव- तुम मुझे इग्नोर क्यू कर रही हो?

नेहा- मैं कहा इग्नोर कर रही हु? इग्नोर करने का ठेका तो आपने लिया हुआ है

राघव- ताना मार रही हो?

नेहा- मैं कौन होती हु ताना मारने वाली? वैसे भी मुझसे क्या फ़र्क पड़ता है

नेहा ने धीमे से कहा

राघव- हुह? क्या कहा जोर से बोलो

नेहा- जाना है मुझे जाने दीजिए

नेहा ने थोड़ा चिल्लाके कहा

राघव- अरे यार चिल्ला क्यू रही हो?

नेहा- क्युकी पागल हु मैं

नेहा ने राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा

राघव- हा वो मैं जानता हु लेकिन चिल्लाके बताने की क्या जरूरत थी बाकी लोग सुन लेते तो? और सोचो वो लोग मेरे बारे मे क्या सोचते

राघव ने नेहा को चिढ़ाते वापिस उसका हाथ पकड़ते हुए कहा जिसने नेहा का मूड और खराब कर दिया

नेहा- हा तो जाइए न फिर अपनी उस दोस्त के पास यहा मुझे मत तंग कीजिए वैसे भी लोग आप दोनों को साथ देख के खुश होंगे

नेहा ने वापिस चिल्लाते हुए अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन इस बार राघव ने उसका हाथ अच्छे से पकड़ हुआ था और उसने नेहा को अपनी तरफ खिचा जिससे वो उसके सीने से जा टकराई

राघव- नेहा, क्या हुआ है तुम्हे? ऐसे बिहेव क्यू कर रही हो?

नेहा- कुछ नहीं हुआ है मुझे

नेहा ने बगैर राघव से नजरे मिलाए उसके हाथों मे कसमसाते हुए कहा

राघव- चुप चाप खड़ी रहो

राघव ने नेहा को ऑर्डर देने की कोशिश की सिर्फ कोशिश

नेहा- मुझे जाना है बहुत काम है मुझे

राघव- ना! पहले बताओ क्या हुआ है

नेहा- कहा ना कुछ नहीं हुआ है और आप मेरे पास क्या कर रहे है आपकी वो स्पेशल दोस्त चली गई क्या

अब राघव के माजरा ध्यान मे आने लगा था

राघव- तुम, तुम कही रितु से जल तो नहीं रही हो?

नेहा- मैं... मैं क्यू जलने लगी मुझे कोई फरक नहीं पड़ता

नेहा ने अपनी नजरे इधर उधर घुमाते हुए कहा और उसे ऐसे करते देख राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई

राघव- ये लो

राघव ने साड़ी का पैकेट उसकी ओर बढ़ाया

नेहा- ये क्या है

राघव- ये वो है जिसे तुम आकाश की सगाई मे पहनोगी

नेहा- मैंने अपने लिए साड़ी पसंद कर ली है ये जाकर उसे दीजिए जिसके लिए पसंद कर रहे थे

राघव- अरे पर ये तुम्हारे लिए है मैंने सिलेक्ट की है

नेहा- कहा ना मुझे नहीं चाहिए, गो टू हेल

नेहा ने राघव को धकेलते हुए कहा और राघव आगे कुछ कहता उससे पहले की उन्हे किसी के गला साफ करने की आवाज आई, दरवाजे पर बड़ी दादी खड़ी थी और शरारती मुस्कान से उन्हे देख रही थी

कुमुद- तुम लोगों को तुम्हारा रूम दिया है ना फिर मेरे कमरे मे रोमांस क्यू ?

बड़ी दादी की बात सुन दोनों उन्हे चौक के देखने लगे

नेहा- न.. नहीं दादी आप सोच रही है वैसा कुछ नहीं है

कुमुद- फिर कैसा है? दोनों ऐसे चिपक के खड़े हो ये रोमांस नहीं तो लड़ने का नया तरीका है क्या?

और अब इसमे नेहा कुछ कहती इससे पहले ही राघव बोला

राघव- देखो ना दादी ये आपकी बहु मुझे टाइम ही नहीं देती है

राघव मासूम बनते हुए बोला और उसकी बात पर नेहा उसे शॉक होकर देखने लगी

‘ये आज नाश्ते मे कुछ गलत खा लिए थे क्या जो ऐसी बाते कर रहे’ नेहा ने सोचा

कुमुद- ये सब क्या है नेहा यहा पहले ही दिन मुझे शिकायाते मिल रही है

राघव- हा हा बताओ अब दादी को

राघव अब नेहा को छेड़ने के पूरे मूड मे था लेकिन वो भी कम नहीं थी

बड़ा भोला बन रहे है ना अभी बताती हु इनको’ नेहा ने रघाव को देखते हुए सोचा फिर स्लाइम के साथ बड़ी दादी से बोली

नेहा- देखिए ना दादी ये आकाश की सगाई के लिए मुझे साड़ी नहीं दिला रहे है कहते है कोई जरूरत नहीं है

कुमुद- क्या...!

राघव- हैं?

दादी और राघव के मुह से ये एकसाथ निकला और अब दादी ने अपना मोर्चा राघव की तरफ बढ़ाया

कुमुद- ये मैं क्या सुन रही हु राघव?

राघव- अरे दादी नहीं ये झूठ बोल थी है मैंने ऐसा कब कहा??

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा

नेहा- मैंने तो एक साड़ी पसंद भी की थी लेकिन इन्होंने लेने नहीं दी

नेहा अपने झूठे आँसू पोंछते हुए बोली और राघव के हाथ मे पकड़ा साड़ी का पैकेट दिखाया

राघव- क्या??

राघव मुह फाड़े नेहा को देख रहा था के वो कितनी सफाई से झूठ बोल रही थी

कुमुद- राघव क्या है ये सब? ये कोई तरीका है क्या और तुम होते कौन हो उसे साड़ी लेने से रोकने वाले अभी के अभी उसे वो साड़ी दो

राघव- लेकिन दादी....

कुमुद- मैंने कहा ना

राघव ने आँखों के कोने से नेहा को देखा जो उसे दादी से डांट खाता देख मजे ले रही थी वो कुछ पुटपुटाया और वो पैकेट उसने उसे दे दिया

नेहा- दादी जी ये तो यहा से जल्दी जाने का भी कह रहे थे ताकि वापिस काम पर जा सके, अब मैं तो यहा पहली बार आई हु मुझे और कुछ दिन रहना है , कहते है मैं इन्हे टाइम नहीं देती और खुद सारा दिन लैपटॉप लिए रहते है फिर आप बताओ मैं कैसे इनके साथ टाइम बिताऊ, ये तो यहा भी अपना लैपटॉप लाए है ताकि दिन रात काम कर सके

नेहा ने मासूम बनते हुए राघव की शिकायाते की

राघव नेहा को ‘अब तो तुम गई’ वाले लुक से घूरे जा रहा था लेकिन नेहा को कहा फरक पड़ना था

कुमुद- मैं ये क्या सुन रही हु राघव, परेशान हो गई हु तुमसे उसकी तो शिकायत कर दी तुमने और तुम्हारा क्या? नेहा बेटा जाओ और इसका लैपटॉप लाकर दो मुझे अब इसे 1 हफ्ते तक लैपटॉप नहीं मिलेगा।

बस दादी की ये लाइन राघव को शॉक देने काफी थी वो अपनी जगह पर जम गया

राघव- नहीं... नहीं दादी आप ऐसा नहीं करोगी, अरे मैं तो मजाक कर रहा था के ये टाइम नहीं देती आप मेरा लैपटॉप नहीं ले सकती

लेकिन दादी ने राघव के शब्दों को इग्नोर कर दिया

कुमुद- नेहा जाओ इसका लैपटॉप लेकर आओ

राघव- नहीं!!!!

कुमुद- जाओ नेहा, मैं भी देखती हु ये आदमी अब एक हफ्ता काम कैसे करता है

राघव- एक हफ्ता!!! नहीं!!! ऐसा नहीं करोगी आप!! नेहा खबरदार जो मेरे लैपटॉप को हाथ लगाया तो पछताओगी मैं कह रहा हु

राघव ने नेहा की ओर बढ़ते हुए कहा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे

कुमुद- ओ राघव देशपांडे खबरदार अगर मेरी बहु को कुछ कहा तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा, नेहा मैं कह रही हु न तुम जाओ

और नेहा मुंडी हिलाते हुए वहा से चली गई, हालांकि उसे भी समझ आ गया था के फ़्लो फ़्लो मे वो ज्यादा बोल गई थी लेकिन इससे अब जो ड्रामा होगा उसमे मजा भी बड़ा आने वाला था और यही तो चांस था राघव को उसके लैपटॉप से दूर करने का और अपनी सौतन लैपटॉप को हटाने का ये मौका नेहा कहा छोड़ने वाली थी

जब नेहा लैपटॉप लेने गई तो राघव भी उसके पीछे जाने लगा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे और द ग्रेट राघव देशपांडे अपने लैपटॉप को बचाने अपनी दादी ने मिन्नते करने लगा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ इतने मे नेहा उसका लैपटॉप ले आई और राघव उसे खुले मुह से देखने लगा

राघव- नेहा मैं कह रहा हु रुक जाओ

राघव लैपटॉप छीनने नेहा की ओर लपका लेकिन नेहा उससे ज्यादा तेज थी उसने उसके अपने पास आने से पहले ही लैपटॉप दादी के हाथ मे पकड़ा दिया

राघव- दादी, दादी लैपटॉप वापिस दे दो प्लीज, मैं.... मैं वादा करता हु बिल्कुल ज्यादा काम नहीं करूंगा और 1 हफ्ते से पहले तो यहां से हिलूँगा भी नहीं पक्का वादा

राघव बड़ी दादी के सामने करीब करीब गिड़गिड़ा रहा था वही उसकी हालत देख नेहा मंद मंद हस रही थी

कुमुद- ना अब तो ये तुम्हें मिलने से रहा! अब तुम्हें ये लैपटॉप तब ही मिलेगा जब नेहा मुझसे कहेगी

दादी ने शरारती मुस्कान के साथ राघव की मिन्नतों को इग्नोर कर दिया और राघव ने हसती हुई नेहा को देखा और उसके देखते ही नेहा ने अपना चेहरा सपाट कर लिया

राघव- बड़ी दादी से कहो के मुझे मेरा लैपटॉप अभी के अभी वापिस दे

राघव ने नेहा पर रौब झाड़ते हुए उसे अपनी मजा लेते देख इरिटेट होकर कहा

नेहा- ना.. मैं दादी जी की बात नहीं टाल सकती उन्हे अच्छे नहीं लगेगा ना

नेहा ने मासूम बनते हुए कहा और राघव सीरीअस चेहरे के साथ उसे देखने लगा

राघव- मेरे पेशंस को टेस्ट मत लो नेहा जो कहा है वो करो

कुमुद- राघव तुम उसे धमका रहे हो?

राघव – दादी मुझे मेरा लैपटॉप वापिस चाहिए

कुमुद- ना कहा ना, नेहा तुम जाओ बेटा ये अब कुछ नही करेगा

और दादी के कहते ही नेहा वहा से भाग ली

राघव- रुको ! दादी ये चीटिंग है

और आगे दादी की कोई बात बगैर सुने ही राघव वहा से निकल गया

राघव- तुम्हारी तो... नेहा मैंने कहा यहा आओ और दादी को लैपटॉप वापिस देने कहो

राघव ने नेहा के पीछे आते हुए कहा वही नेहा उससे दूर भाग रही थी

नेहा- नहीं!

राघव- नेहा.. देखो बात मानो जो कहा है करो

नेहा- कहा ना मैं उनसे कुछ भी नहीं कहने वाली

नेहा ने हसते हुए कहा और इनकी इस पकड़म पकड़ाई ने बाकी घरवालों का ध्यान इनकी ओर खिच लिया, घरवालों ने इन दोनों को कभी ऐसे बच्चो जैसे बर्ताव करते नहीं देखा था तो वो शॉक थे

मीनाक्षी- भाभी क्या हो रहा है ये?

मीनाक्षी जी ने जानकी से पूछा जो अपने बेटे बहु को खुले मुह के साथ देख रही थी

शुभंकर- ये सही मे राघव और नेहा है?

रमेश- ये क्या हमेशा ऐसे ही रहते है?

धनंजय- ना ऐसे तो नहीं रहते

उन दोनों को देख अपनी दादी गायत्री ने तो अपनी आंखे मल ली उनको तो यकीन ही नहीं हो रहा था और वही राघव और नेहा पूरे घर में इधर उधर दौड़ रहे थे उन्हे बाकी दुनिया की फिक्र ही नहीं थी

राघव- नेहा देखो मेरी बात मान लो वरना...

लेकिन नेहा ने उसकी एक बात नहीं सुनी और दौड़ते हुए पीछे वाली बगीचे की तरफ आई

नेहा- हॉ!! मैं तो आपसे डर गई

नेहा ने डरने वाले एक्सप्रेशन बनाए फिर हसते हुए कहा और उसे ऐसे हसता देख राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई ऐसी बड़ी सी स्माइल जिसे उसके चेहरे पर देखे घरवालों को अरसा हो गया था एकदम सच्ची

विवेक- ये सही मे भाभी है?

विवेक ने शेखर से पूछा जो उल्लू की तरह उन्हे ही देख रहा था जब वो पीछे की साइड आए थे

स्वाती- ये क्या कोई गेम खेल रहे है क्या?

स्वाती ने रिद्धि से पूछा जो अपनी पलके झपकते हुए इन सीन को पचाने की कोशिश कर रही थी

आकाश- राघव भाई? स्माइल करते हुए? ये सपना तो नहीं है ना?

लेकिन वहा एक ऐसा भी शक्स था जिसे इन दोनों की नजदीकिया पसंद नहीं आ रही थी, और वो थी रितु, साफ था उसे नेहा से जलन हो रही थी.... लेकिन क्यू...??
Update 29



राघव पूरे घर मे नेहा को ढूंढते हुए घूम रहा था लेकिन वो उसे कही नहीं दिख रही थी

रमेश- राघव, कुछ चाहिए क्या बेटा?

राघव- नहीं मामा दादू वो बस ऐसे...

रमेश- नेहा को ढूंढ रहे हो?

राघव- नहीं वो तो मैं.. वो...

रमेश- वो मा के कमरे मे है

इतना बोल के रमेश जी वहा से राघव का कंधा थपथपाते हुए मुस्कुराकर निकल गए और राघव झट से बड़ी दादी के कमरे की ओर लपका और जब वो कमरे मे पहुचा तो वहा कोई नहीं था सिवाय नेहा को जो अलमारी मे कुछ सामान रख रही थी और राघव की तरफ उसकी पीठ थी

राघव ने कमरे का दरवाजा धीरे से बंद किया ताकि नेहा को उसके आने का पता ना चले और कोई आवाज ना हो लेकिन वो पुराने जमाने का दरवाजा आवाज करते हुए बंद हुआ और नेहा का ध्यान उसकी ओर आ गया

नेहा ने पलट कर देखा तो वहा राघव को पाया, उसने सपाट चेहरे से राघव को देखा फिर वापिस अपने काम मे लग गई वही राघव भी चुप चाप वहा खड़ा उसके फ्री होने की राह देखने लगा ताकि उससे बात कर सके

नेहा ने अलमारी से एक बेडशीट निकाली और थड़ की आवाज से अलमारी का दरवाजा बंद कर दिया

ये मुझे ऐसा क्यू लग रहा है उसने उस दरवाजे मे मुझे इमेजिन करके उसे पटका है’ राघव के मन मे खयाल आया

वही नेहा उसे इग्नोर करते हुए बेड की ओर बढ़ी और उसने एक झटके मे पुरानी चादर हटा दी और नई बेड शीट बिछाने लगी और जब उसका काम खतम हो गया तो वो दरवाजे की तरफ आई

राघव- सुनो..!

राघव ने उसे आवाज दी जिसे सुन कर वो रुकी और राघव की ओर मुड़ी

राघव- ये....

लेकिन बोलते बोलते राघव रुक गया जब उसने देखा के नेहा ने उसे वापिस इग्नोर कर दिया है और वो बेड की ओर जा रही है जैसे वो वहा हो ही ना

नेहा ने बेड पर से पुराने पिलो कवर उठाए और वापिस दरवाजे की तरफ जाने लगी और वो दरवाजा खोलने की वाली थी के राघव ने उसकी कलाई पकड़ के उसे रोक दिया

राघव- मैं कुछ कह रहा हु

नेहा- कहिए!

नेहा ने बोला लेकिन इस बार उसकी आवाज सपाट थी

राघव- तुम मुझे इग्नोर क्यू कर रही हो?

नेहा- मैं कहा इग्नोर कर रही हु? इग्नोर करने का ठेका तो आपने लिया हुआ है

राघव- ताना मार रही हो?

नेहा- मैं कौन होती हु ताना मारने वाली? वैसे भी मुझसे क्या फ़र्क पड़ता है

नेहा ने धीमे से कहा

राघव- हुह? क्या कहा जोर से बोलो

नेहा- जाना है मुझे जाने दीजिए

नेहा ने थोड़ा चिल्लाके कहा

राघव- अरे यार चिल्ला क्यू रही हो?

नेहा- क्युकी पागल हु मैं

नेहा ने राघव के हाथ से अपना हाथ छुड़ाते हुए कहा

राघव- हा वो मैं जानता हु लेकिन चिल्लाके बताने की क्या जरूरत थी बाकी लोग सुन लेते तो? और सोचो वो लोग मेरे बारे मे क्या सोचते

राघव ने नेहा को चिढ़ाते वापिस उसका हाथ पकड़ते हुए कहा जिसने नेहा का मूड और खराब कर दिया

नेहा- हा तो जाइए न फिर अपनी उस दोस्त के पास यहा मुझे मत तंग कीजिए वैसे भी लोग आप दोनों को साथ देख के खुश होंगे

नेहा ने वापिस चिल्लाते हुए अपना हाथ छुड़ाने की कोशिश की लेकिन इस बार राघव ने उसका हाथ अच्छे से पकड़ हुआ था और उसने नेहा को अपनी तरफ खिचा जिससे वो उसके सीने से जा टकराई

राघव- नेहा, क्या हुआ है तुम्हे? ऐसे बिहेव क्यू कर रही हो?

नेहा- कुछ नहीं हुआ है मुझे

नेहा ने बगैर राघव से नजरे मिलाए उसके हाथों मे कसमसाते हुए कहा

राघव- चुप चाप खड़ी रहो

राघव ने नेहा को ऑर्डर देने की कोशिश की सिर्फ कोशिश

नेहा- मुझे जाना है बहुत काम है मुझे

राघव- ना! पहले बताओ क्या हुआ है

नेहा- कहा ना कुछ नहीं हुआ है और आप मेरे पास क्या कर रहे है आपकी वो स्पेशल दोस्त चली गई क्या

अब राघव के माजरा ध्यान मे आने लगा था

राघव- तुम, तुम कही रितु से जल तो नहीं रही हो?

नेहा- मैं... मैं क्यू जलने लगी मुझे कोई फरक नहीं पड़ता

नेहा ने अपनी नजरे इधर उधर घुमाते हुए कहा और उसे ऐसे करते देख राघव के चेहरे पर स्माइल आ गई

राघव- ये लो

राघव ने साड़ी का पैकेट उसकी ओर बढ़ाया

नेहा- ये क्या है

राघव- ये वो है जिसे तुम आकाश की सगाई मे पहनोगी

नेहा- मैंने अपने लिए साड़ी पसंद कर ली है ये जाकर उसे दीजिए जिसके लिए पसंद कर रहे थे

राघव- अरे पर ये तुम्हारे लिए है मैंने सिलेक्ट की है

नेहा- कहा ना मुझे नहीं चाहिए, गो टू हेल

नेहा ने राघव को धकेलते हुए कहा और राघव आगे कुछ कहता उससे पहले की उन्हे किसी के गला साफ करने की आवाज आई, दरवाजे पर बड़ी दादी खड़ी थी और शरारती मुस्कान से उन्हे देख रही थी

कुमुद- तुम लोगों को तुम्हारा रूम दिया है ना फिर मेरे कमरे मे रोमांस क्यू ?

बड़ी दादी की बात सुन दोनों उन्हे चौक के देखने लगे

नेहा- न.. नहीं दादी आप सोच रही है वैसा कुछ नहीं है

कुमुद- फिर कैसा है? दोनों ऐसे चिपक के खड़े हो ये रोमांस नहीं तो लड़ने का नया तरीका है क्या?

और अब इसमे नेहा कुछ कहती इससे पहले ही राघव बोला

राघव- देखो ना दादी ये आपकी बहु मुझे टाइम ही नहीं देती है

राघव मासूम बनते हुए बोला और उसकी बात पर नेहा उसे शॉक होकर देखने लगी

‘ये आज नाश्ते मे कुछ गलत खा लिए थे क्या जो ऐसी बाते कर रहे’ नेहा ने सोचा

कुमुद- ये सब क्या है नेहा यहा पहले ही दिन मुझे शिकायाते मिल रही है

राघव- हा हा बताओ अब दादी को

राघव अब नेहा को छेड़ने के पूरे मूड मे था लेकिन वो भी कम नहीं थी

बड़ा भोला बन रहे है ना अभी बताती हु इनको’ नेहा ने रघाव को देखते हुए सोचा फिर स्लाइम के साथ बड़ी दादी से बोली

नेहा- देखिए ना दादी ये आकाश की सगाई के लिए मुझे साड़ी नहीं दिला रहे है कहते है कोई जरूरत नहीं है

कुमुद- क्या...!

राघव- हैं?

दादी और राघव के मुह से ये एकसाथ निकला और अब दादी ने अपना मोर्चा राघव की तरफ बढ़ाया

कुमुद- ये मैं क्या सुन रही हु राघव?

राघव- अरे दादी नहीं ये झूठ बोल थी है मैंने ऐसा कब कहा??

राघव ने नेहा को देखते हुए कहा

नेहा- मैंने तो एक साड़ी पसंद भी की थी लेकिन इन्होंने लेने नहीं दी

नेहा अपने झूठे आँसू पोंछते हुए बोली और राघव के हाथ मे पकड़ा साड़ी का पैकेट दिखाया

राघव- क्या??

राघव मुह फाड़े नेहा को देख रहा था के वो कितनी सफाई से झूठ बोल रही थी

कुमुद- राघव क्या है ये सब? ये कोई तरीका है क्या और तुम होते कौन हो उसे साड़ी लेने से रोकने वाले अभी के अभी उसे वो साड़ी दो

राघव- लेकिन दादी....

कुमुद- मैंने कहा ना

राघव ने आँखों के कोने से नेहा को देखा जो उसे दादी से डांट खाता देख मजे ले रही थी वो कुछ पुटपुटाया और वो पैकेट उसने उसे दे दिया

नेहा- दादी जी ये तो यहा से जल्दी जाने का भी कह रहे थे ताकि वापिस काम पर जा सके, अब मैं तो यहा पहली बार आई हु मुझे और कुछ दिन रहना है , कहते है मैं इन्हे टाइम नहीं देती और खुद सारा दिन लैपटॉप लिए रहते है फिर आप बताओ मैं कैसे इनके साथ टाइम बिताऊ, ये तो यहा भी अपना लैपटॉप लाए है ताकि दिन रात काम कर सके

नेहा ने मासूम बनते हुए राघव की शिकायाते की

राघव नेहा को ‘अब तो तुम गई’ वाले लुक से घूरे जा रहा था लेकिन नेहा को कहा फरक पड़ना था

कुमुद- मैं ये क्या सुन रही हु राघव, परेशान हो गई हु तुमसे उसकी तो शिकायत कर दी तुमने और तुम्हारा क्या? नेहा बेटा जाओ और इसका लैपटॉप लाकर दो मुझे अब इसे 1 हफ्ते तक लैपटॉप नहीं मिलेगा।

बस दादी की ये लाइन राघव को शॉक देने काफी थी वो अपनी जगह पर जम गया

राघव- नहीं... नहीं दादी आप ऐसा नहीं करोगी, अरे मैं तो मजाक कर रहा था के ये टाइम नहीं देती आप मेरा लैपटॉप नहीं ले सकती

लेकिन दादी ने राघव के शब्दों को इग्नोर कर दिया

कुमुद- नेहा जाओ इसका लैपटॉप लेकर आओ

राघव- नहीं!!!!

कुमुद- जाओ नेहा, मैं भी देखती हु ये आदमी अब एक हफ्ता काम कैसे करता है

राघव- एक हफ्ता!!! नहीं!!! ऐसा नहीं करोगी आप!! नेहा खबरदार जो मेरे लैपटॉप को हाथ लगाया तो पछताओगी मैं कह रहा हु

राघव ने नेहा की ओर बढ़ते हुए कहा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे

कुमुद- ओ राघव देशपांडे खबरदार अगर मेरी बहु को कुछ कहा तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा, नेहा मैं कह रही हु न तुम जाओ

और नेहा मुंडी हिलाते हुए वहा से चली गई, हालांकि उसे भी समझ आ गया था के फ़्लो फ़्लो मे वो ज्यादा बोल गई थी लेकिन इससे अब जो ड्रामा होगा उसमे मजा भी बड़ा आने वाला था और यही तो चांस था राघव को उसके लैपटॉप से दूर करने का और अपनी सौतन लैपटॉप को हटाने का ये मौका नेहा कहा छोड़ने वाली थी

जब नेहा लैपटॉप लेने गई तो राघव भी उसके पीछे जाने लगा लेकिन दादी ने रोक दिया उसे और द ग्रेट राघव देशपांडे अपने लैपटॉप को बचाने अपनी दादी ने मिन्नते करने लगा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ इतने मे नेहा उसका लैपटॉप ले आई और राघव उसे खुले मुह से देखने लगा

राघव- नेहा मैं कह रहा हु रुक जाओ

राघव लैपटॉप छीनने नेहा की ओर लपका लेकिन नेहा उससे ज्यादा तेज थी उसने उसके अपने पास आने से पहले ही लैपटॉप दादी के हाथ मे पकड़ा दिया

राघव- दादी, दादी लैपटॉप वापिस दे दो प्लीज, मैं.... मैं वादा करता हु बिल्कुल ज्यादा काम नहीं करूंगा और 1 हफ्ते से पहले तो यहां से हिलूँगा भी नहीं पक्का वादा

राघव बड़ी दादी के सामने करीब करीब गिड़गिड़ा रहा था वही उसकी हालत देख नेहा मंद मंद हस रही थी

कुमुद- ना अब तो ये तुम्हें मिलने से रहा! अब तुम्हें ये लैपटॉप तब ही मिलेगा जब नेहा मुझसे कहेगी

दादी ने शरारती मुस्कान के साथ राघव की मिन्नतों को इग्नोर कर दिया और राघव ने हसती हुई नेहा को देखा और उसके देखते ही नेहा ने अपना चेहरा सपाट कर लिया

राघव- बड़ी दादी से कहो के मुझे मेरा लैपटॉप अभी के अभी वापिस दे

राघव ने नेहा पर रौब झाड़ते हुए उसे अपनी मजा लेते देख इरिटेट होकर कहा

नेहा- ना.. मैं दादी जी की बात नहीं टाल सकती उन्हे अच्छे नहीं लगेगा ना

नेहा ने मासूम बनते हुए कहा और राघव सीरीअस चेहरे के साथ उसे देखने लगा

राघव- मेरे पेशंस को टेस्ट मत लो नेहा जो कहा है वो करो

कुमुद- राघव तुम उसे धमका रहे हो?

राघव – दादी मुझे मेरा लैपटॉप वापिस चाहिए

कुमुद- ना कहा ना, नेहा तुम जाओ बेटा ये अब कुछ नही करेगा

और दादी के कहते ही नेहा वहा से भाग ली

राघव- रुको ! दादी ये चीटिंग है

और आगे दादी की कोई बात बगैर सुने ही राघव वहा से निकल गया

राघव- तुम्हारी तो... नेहा मैंने कहा यहा आओ और दादी को लैपटॉप वापिस देने कहो

राघव ने नेहा के पीछे आते हुए कहा वही नेहा उससे दूर भाग रही थी

नेहा- नहीं!

राघव- नेहा.. देखो बात मानो जो कहा है करो

नेहा- कहा ना मैं उनसे कुछ भी नहीं कहने वाली

नेहा ने हसते हुए कहा और इनकी इस पकड़म पकड़ाई ने बाकी घरवालों का ध्यान इनकी ओर खिच लिया, घरवालों ने इन दोनों को कभी ऐसे बच्चो जैसे बर्ताव करते नहीं देखा था तो वो शॉक थे

मीनाक्षी- भाभी क्या हो रहा है ये?

मीनाक्षी जी ने जानकी से पूछा जो अपने बेटे बहु को खुले मुह के साथ देख रही थी

शुभंकर- ये सही मे राघव और नेहा है?

रमेश- ये क्या हमेशा ऐसे ही रहते है?

धनंजय- ना ऐसे तो नहीं रहते

उन दोनों को देख अपनी दादी गायत्री ने तो अपनी आंखे मल ली उनको तो यकीन ही नहीं हो रहा था और वही राघव और नेहा पूरे घर में इधर उधर दौड़ रहे थे उन्हे बाकी दुनिया की फिक्र ही नहीं थी

राघव- नेहा देखो मेरी बात मान लो वरना...

लेकिन नेहा ने उसकी एक बात नहीं सुनी और दौड़ते हुए पीछे वाली बगीचे की तरफ आई

नेहा- हॉ!! मैं तो आपसे डर गई

नेहा ने डरने वाले एक्सप्रेशन बनाए फिर हसते हुए कहा और उसे ऐसे हसता देख राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई ऐसी बड़ी सी स्माइल जिसे उसके चेहरे पर देखे घरवालों को अरसा हो गया था एकदम सच्ची

विवेक- ये सही मे भाभी है?

विवेक ने शेखर से पूछा जो उल्लू की तरह उन्हे ही देख रहा था जब वो पीछे की साइड आए थे

स्वाती- ये क्या कोई गेम खेल रहे है क्या?

स्वाती ने रिद्धि से पूछा जो अपनी पलके झपकते हुए इन सीन को पचाने की कोशिश कर रही थी

आकाश- राघव भाई? स्माइल करते हुए? ये सपना तो नहीं है ना?

लेकिन वहा एक ऐसा भी शक्स था जिसे इन दोनों की नजदीकिया पसंद नहीं आ रही थी, और वो थी रितु, साफ था उसे नेहा से जलन हो रही थी.... लेकिन क्यू...??
Raghav se Bina dare jawaab Dena or u hassi mazak karna or raghav ka uske piche bhagna sab ko choka diya Puri family heran hai.
Hum bi heran pareshan hai ki aage hoga kya
Superb update
 

Tiger 786

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Update 30




रितु बचपन से ही राघव को पसंद करती थी उसके पीछे पीछे घूमती रहती थी और जब इस बारे मे राघव को पता चला तो उसने रितु से दूरिया बनानी शुरू कर दी सोचा टाइम के साथ साथ सब बदल जाएगा लेकिन राघव तो आगे बढ़ गया लेकिन रितु नहीं बदली

रितु को जब राघव की शादी के बारे मे पता चला था तब उसे बहुत तकलीफ हुई थी बहुत रोई थी वो क्युकी वो राघव को पाना चाहती थी किसी भी कीमत पर और इसके लिए कुछ भी कर सकती थी भले वो राघव को पसंद आए या ना आए, उसने राघव के करीब आने की बहुत कोशिश की और जब राघव से उसे कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो उसने उसके परिवार से नजदीकिया बढाई और वो भी उसे हमेशा ही राघव की अच्छी दोस्त मानते रहे लेकिन कभी भी किसी ने उन दोनों को रिश्ते मे बांधने के बारे मे नहीं सोचा

रितु को कोई भी लड़की राघव के आसपास बर्दाश्त नहीं होती थी, किसी लड़की को राघव से बात करता देख वो पागल हो जाती थी जब बचपन मे कोई लड़की राघव के बात करने की कोशिश करती तो रितु उसके उससे दूर कर देती.. उसने तो राघव को प्रपोज भी किया था लेकिन राघव ने उसे मना कर दिया ये कहते हुए के वो बस अच्छे दोस्त है और उस वक्त रितु भी उसकी बात मान गई क्युकी वो उससे दूर नहीं जाना चाहती थी लेकिन मन ही मन वो राघव के लिए पागल हो रही थी।

एक लड़की को उसने राघव से बात करता देख उसका सर फोड़ दिया था और अब मामला सीरीअस होता जा रहा था, रितु की राघव के लिए दीवानगी बहुत बढ़ गई थी और राघव भी समझ चुका था के रितु को समझाना मुश्किल है इसीलिए उसने भी गाँव आना धीरे धीरे कम कर दिया था और उसे अवॉइड करने लगा था और बाद मे तो गाँव ना आने के राघव के अपने रीज़न थे जिससे वो गाँव आना ही छोड़ चुका था और अब भी उसे लगा था के रितु सब भूल चुकी होगी, वो बड़े हो गए थे मैच्योर हो गए थे लेकिन रितु नहीं बदली थी और अब भी उसे नेहा को राघव के साथ देख तकलीफ हो रही थी।

राघव और नेहा दोनों भागते हुए घर के पीछे वाले बगीचे मे पहुचे तो दोनों काफी हाफ रहे थे जिससे दोनों रुक गए

राघव- म.... मैं.. तुम्हें... आ.... आखरी बार कह रहा हु..

राघव बीच बीच में सास लेते हुए बोला

नेहा- अब.. अब बहुत.. देर हो गई

नेहा भी हाफ रही थी

राघव- तुम ना दिन ब दिन जिद्दी होती जा रही हो

राघव ने अपनी कमर पे दोनों हाथ रखते हुए कहा

नेहा- हा तो इसकी वजह भी आप ही है

राघव- मैं? मैंने क्या किया बताना जरा?

नेहा- कुछ करते ही तो नहीं यही तो दिक्कत है

नेहा ने एकदम धीमे से कहा जिसे राघव नहीं सुन पाया

राघव- क्या? क्या कहा जोर से कहो!

नेहा- नहीं कुछ नहीं हे :D हे :D मैंने कुछ नहीं कहा

राघव नेहा की ओर बढ़ा और अब उन दोनों के बीच बस 1 इंच का फासला बचा था और वो दोनों ही ये भूल चुके थे के वो कहा है

राघव- तुम्हें पता....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया जब उसे किसी चीज का आवाज आया और उसने नजरे घुमा के देखा तो वहा अक्खी गैंग खड़ी उन्हे देख रही थी सब के चेहरे पर शरारती मुस्कान थी सिवाय एक के

उन लोगों को देख राघव झट से पीछे सरका और नेहा भी उनसे नजरे बचाने लगी

अरे यार राघव तुझे हमेशा उसके इतना पास जाकर ही बात क्यू करनी होती है कभी तो जेंटलमैन जैसे बात कर उससे अब ये चांडाल चौकड़ी और परेशान करेगी’ राघव मन ही मन अपने आप को डांटने लगा

रिद्धि- भईया......

रिद्धि ने गाते हुए कहा

विवेक- अपने लिए एक कमरा ढूंढो भाई, हे भगवान मेरे मासूम मन पर इन सब का क्या असर होगा सोचा है आपने

राघव- चुप बे!

आकाश- डॉन्ट वरी भाई रूम साउन्ड प्रूफ है

आकाश अपनी हसी रोकते हुए बोला

शेखर- अरे गजब वैसे भी कल रात जो हुआ था वो दोबारा नहीं होना चाहीये है न भाई

शेखर ने राघव को देखते हुए कहा

राघव- क्या??

शेखर- अरे यार भाई समझो ऐसे सब के सामने बताना अच्छा नहीं लगेगा

राघव- अबे साफ साफ बोलेगा

जिसके बाद शेखर ने राघव के पास आकार कुछ कहा जो सिर्फ राघव को सुनाई दिया और उसके चेहरे के एक्सप्रेशन बदलने लगे वही नेहा बस उन्हे कन्फ़्युशन मे देखने लगी जिसके बाद मैं अभी आया बोलके राघव वहा से निकल लिया

ऐसा क्या कहा शेखर ने जो ये ऐसे चले गए जो भी हो बला टली’ नेहा ने सोचा तभी श्वेता उसके पास आई और उसके चिढाने से बचने के लिए नेहा जल्दी से बहाना बनाके वहा से निकल गई और उन दोनों के जाते ही वहा मौजूद सब हसने लगे

स्वाती- यार ये दोनों कितने क्यूट है यार

श्वेत- हा ना

रितु- हूह इसमे क्यूट क्या है बचकानी हरकते है सब

रितु ने अपनी जलीकटी सुनाई

श्वेता- वो क्या है ना रितु रिलेशनशिप को हेल्थी रखने के लिए भईया भाभी कभी कभी बच्चों जैसी हरकते करते है जिससे न प्यार बढ़ता है पर तुम्हारी कहा शादी हुई है जो तुम्हें ये बात पता होगी

श्वेता ने भी रितु को उसी की भाषा मे जवाब दिया जिसपर बाकी सब अपनी हसी रोकने की कोशिश करने लगे और इसपर रितु कुछ नहीं बोली वही शेखर ने श्वेता का हाथ पकड़ कर उसे आगे कुछ कहने को रोका

पता नहीं क्यू इससे मुझे कुछ अच्छी फीलिंग नहीं आ रही है लेकिन जो होगा देख लेंगे’ श्वेता ने सोचा

देखते देखते दिन बीत गया, रात का खाना पूरे परिवार ने साथ ही खाया और राघव खाना होते ही जल्दी से अपने रूम मे चला गया क्युकी शाम के बाद उसके भाई बहन उसे चिढ़ाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे थे

कुछ समय बाद नेहा भी रूम मे आई क्युकी अब रात काफी हो चुकी थी और सभी लोग अपने अपने कमरों मे जा चुके थे

नेहा अपने कमरे मे आई और उसने दरवाजा लॉक किया और जैसे ही वो दरवाजा लॉक करके पलटी वो वही जम गयी क्युकी वहा राघव उसे घूरते हुए खड़ा था...

ये ऐसे ही मुझे घूरेंगे तो आखे बाहर आ जाएंगी ऐसे इनकी ’ नेहा ने सोचा और अपनी आंखे घुमा दी

अब जो इनसे शाम मे राघव को इतना परेशान किया था अब उसका बदला लेने का टाइम आ चुका था..

राघव नेहा के करीब आया दोनों के चेहरे एक दूसरे के पास थे..

राघव- तो अब चुकी तुम मेरा लैपटॉप बड़ी दादी को दे ही चुकी तो ये कह के की मैं तुम्हें टाइम नहीं देता तो अब मैं एकदम फ्री हु तो चलो फिर साथ वक्त बिताए...

राघव की उँगलिया नेहा की कमर पर घूम रही थी जो उसके रोंगटे खड़े कर रही थी, और राघव अपनी उँगलिया चलाए जा रहा था वही उसके होंठ अब नेहा के गालों के करीब थे... और तभी नेहा को अपनी नाभि के पास राघव की उंगली फ़ील हुई, वो तो मानो सास लेना ही भूल गई थी

नेहा के अपनी आंखे कस के बंद कर ली उसकी साँसे जोर जोर से चलने लगी, राघव की नाक उसकी जॉलाइन से टच होती वो महसूस कर रही थी, नेहा ने जैसे तैसे उसे अपने से दूर हटाना चाहा लेकिन वो उसके और पास आ गया

राघव- अब क्या हुआ नेहा जी अब मेरे साथ टाइम नहीं बिताना

राघव नेहा के कान मे फुसफुसाया और उसके कान को चूम लिया जिससे नेहा के पैर उसका साथ छोड़ने लगे और वो गिरने ही वाली थी के राघव ने उसे कमर से पकड़ लिया

राघव- अभी तो मैंने कुछ किया भी नहीं और तुम्हारे पैर अभी से जवाब देने लगे तब क्या होगा जब....

लेकिन राघव बोलते बोलते रुक गया जब उसने नेहा को देखा जिससे उसके चेहरे पर एक स्माइल आ गई, नेहा पर राघव का इफेक्ट छाया हुआ था

नेहा- पल.. प्लीज...

राघव- हा..

नेहा- रु.... रुकिए... प्लीज...

नेहा राघव को रोकना भी चाहती थी और ये एहसास उसे अच्छा भी लग रहा था उसे, राघव की उँगलिया अभी भी उसकी कमर पर घूम रही थी उसे मदहोश कर रही थी जिससे उससे कुछ बोलते नहीं बन रहा था

नेहा ने राघव का शर्ट उसके कंधे से पकड़ लिया और नर्वसनेस मे उसके और करीब आ गई और उसे अपनी गर्दन पर राघव की साँसे फ़ील हो रही थी लेकिन अपनी नर्वसनेस मे उसने तभी कुछ ऐसा कर दिया जो उसे नहीं करना चाहिए था.. जिसने राघव को अपनी जगह पर जमा दिया.. नेहा की हरकत पर राघव अभी उसपर चिल्लाना चाहता था लेकिन जैसे ही उसने नेहा का मासूम चेहरा देखा वो चुप हो गया.. वेल बनते मूड को नेहा ने एकदम से डाउन कर दिया था और राघव एकदम उससे दूर हट्ट गया अब उसने ऐसा क्या किया था इसको आपलोग इमैजिन करो :D

कुछ पलों बाद कुछ ना होता देख नेहा ने अपनी आंखे खोली तो उसने देखा के राघव टोवेल लिए बाथरूम मे जा रहा था... नेहा का मुह खुला था उसने अपने मुह पर हाथ रखा और बड़ी बड़ी आँखों से बाथरूम के दरवाजे को देखने लगी जो थड़ की आवाज के साथ बंद हुआ....

‘ये क्या हुआ अभी अभी....' नेहा ने सोचा.....


क्रमश:
Lagta raghav bhaiya ke main point pe laat jama di bhabhi ne😂😂😂🤣🤣🤣🤣🤣
 

parkas

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Last 2 days kaam me bahut jyada busy tha, abhi bhi ghar se baahar hi hu, aur ghar pahuch kar bhi update de paunga ya nahi uska doubt hai, possible hua to raat me update deta hu, kal visarjan hai to possibly kal sham me hi update de paunga, Thanks for the support guys :thanks:
Aaj nahi to kal sham me update pakka hai
intezaar rahega Adirshi bhai....
 
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Tiger 786

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Update 34




आज आकाश की सगाई थी और सब लोग तयारियों मे बिजी थी रेडी हो रहे थे ताकि सगाई वाली जगह के लिए निकल सके

कुमुद- सब हो गया?

बड़ी दादी ने संध्या जी से पूछा

संध्या- जी बुआ जी सब हो गया है अब आप आराम करिए चिंता मत करिए

कुमुद- ठीक है, सब तयार हो गए है ना हमे वहा समय पर पहुचना है

संध्या- मैं बस वही देखने जा रही थी

और इतना बोल के संध्या जी वहा से चली गई

शिवशंकर- अरे ये क्या अभी तक कोई तयार नहीं हुआ ?

दादू ने वहा आते हुए पूछा

कुमुद- संध्या गई है देखने..

तभी राघव वहा आ पहुचा जो पूरा रेडी था

शिवशंकर- अरे वाह राघव तुम हो गए तयार, जाओ और नेहा को बुला लाओ

दादू ने राघव को देखते ही कहा

कुमुद- और हा अगर उसे कुछ मदद चाहिए होगी तयार होने मे तो कर देना वो सबसे आखिर मे रेडी होने गई थी

बड़ी दादी और दादू दोनों ने ही राघव को नेहा को बुलाने कहा वही नेहा का नाम सुनते ही राघव वही जम गया और उसके गाल लाल हो गए और ऐसा क्यू हुआ तो ये जानने के लिए चलते है कुछ समय पहले....

राघव तयार होकर बस बाथरूम से बाहर आया ही था के उसने देखा के रूम मे नेहा रेडी हो रही है और नेहा को देखते ही उसकी आंखे बड़ी हो गई क्युकी इस वक्त नेहा बस ब्लाउस और पेटीकोट मे थी और साड़ी पहन रही थी, नेहा को लगा था के राघव रूम मे नहीं है क्युकी बाथरूम से उसे कोई आवाज नहीं आया था इसीलिए वो रेडी होने लगी और जब वो मुड़ी तो उसका मुह खुला का खुला रह गया आखे बाहर आने को हो गई क्युकी राघव बगैर पलके झपकाए उसे देखे जा रहा था...

नेहा ने झट से अपनी साड़ी का पल्लू लिया लेकिन तब तक तो राघव की नजर उसकी पतली कमर पर पड चुकी थी और ऐसे अचानक राघव को देखते ही नेहा चीखने ही वाली थी के राघव ने जल्दी से अपने हाथ से उसका मुह बंद कर दिया और नेहा की आधी पहनी साड़ी नीचे गिर गई और नेहा चौक के राघव को देखने लगी जब उसे राघव का हाथ अपनी कमर पर महसूस हुआ

राघव- चिल्लाओ मत! क्या कर रही हो यार

राघव ने कहा वही नेहा बड़ी बड़ी आँखों से उसे देखने लगी और उसे अपने आप को ऐसे देखता पाकर राघव को सिचुएशन का ध्यान आया और वो थोड़ा पीछे हटा और मूड के खड़ा हो गया

राघव- वो.. मैं... वो जानबुझ के नहीं हुआ.. मैं बाथरूम मे था और तुम यहा कपड़े क्यू बदल रही हो

राघव ने अपनी गलती नेहा पर डालने की कोशिश कि

नेहा- मुझे सपने नहीं आ रहे थे के आप बाथरूम मे हो मुझे कोई आवाज नहीं आया तो लगा के आप नहीं हो और वैसे भी मैं वहा साड़ी नहीं पहन सकती थी

नेहा ने वापिस साड़ी पहनते हुए धीमे से कहा

राघव- तो.. तो अबतक पहनी क्यू नहीं??

नेहा- वो.. वो मुझसे ब्लाउस की डोरी नहीं बंध रही थी पीछे से तो....

नेहा ने थोड़ा हिचकते हुए कहा

राघव- तो किसी को मदद के लिए बुला लेना था

नेहा- सब तयार हो रहे है

राघव- तो अब क्या करोगी कैसे रेडी होगी

राघव ने एकदम से पूछा

नेहा- किसी के रेडी होने का वेट करूंगी फिर

नेहा ने कहा और कुछ पल रूम मे शांति फैल गई

राघव- घूमो!

राघव ने एकदम से कहा जो नेहा को समझ नहीं आया

नेहा- हा?

राघव- अरे घूमो वरना लेट हो जाओगी चलने का टाइम हो गया है

राघव ने अपना कुर्ता सही करते हुए कहा

नेहा- नहीं ठीक है मैं कर लूँगी मैनेज

राघव- मैं खा नहीं जाऊंगा तुम्हें और वैसे भी तुम्ही ने मुझे पति वाला हक जमाने कहा था ना तो अब घूमो इतनी भी बड़ी बात नहीं है

अनहाहा नेहा क्यू कही थी तुमने वो बात’ नेहा ने मन ही मन अपने आप को कोसा

राघव- नेहा घूमो लेट हो रहा है

जिसके बाद नेहा थोड़ा हिचकते हुए मुड़ी और राघव को देखने कहा और राघव ने मूड कर देखा तो अनायास ही उसकी नजर नेहा की पीठ पर पड़ी और उसे पसीना आने लगा और वो धीरे धीरे नेहा की तरफ बढ़ा

राघव ने अपने हाथ से नेहा के बाल एक साइड हटाए, उसके हाथ थरथरा रहे थे और जैसे ही उसने नेहा की पीठ हो छुआ उसके होंठ बंद हो गए वही राघव का स्पर्श पीठ पर पाते ही नेहा के रोंगटे खड़े हो गए

राघव की नजरे एक पल को भी नेहा की पीठ ने नहीं हट रही थी और अब वहा का महोल गरम होने लगा था

राघव ने ब्लाउस की डोरी बांधनी शुरू की, धड़कने दोनों की बढ़ी हुई थी वही नेहा अपनी साँसों पे काबू कर रही थी

जब भी राघव उसके आसपास होता पता नहीं उसे क्या हो जाता

राघव- हो गया!

और इतना बोलते ही राघव झट से रूम से बाहर चल गया और अभी जब दादू और बड़ी दादी ने उसे नेहा को बुलाने कहा था तो रूम मे हुआ यही सीन याद कर राघव के गाल लाल हो गए थे

एक तो कल रात का सीन फिर अब, पता नहीं उसके पास जाते ही मुझे क्या होने लगता है दूर रहना पड़ेगा उससे वरना पता नहीं मैं क्या कर जाऊंगा, लेकिन क्या कमर थी यार’

राघव अपने ही खयालों मे खोया हुआ था तभी रमाकांत जी ने उसके चेहरे के सामने चुटकी बजा कर उसे होश मे लाया

रमाकांत- किधर खोए हो बरखुरदार?

शेखर- बड़े पापा लगता है भाई को कुछ याद आ गया होगा हैना भाई??

शेखर राघव को छेड़ने लगा इतने मे सब लोग वहा जमा हो चुके थे

राघव- शट उप शेखर! नेहा बस आती ही होगी बड़ी दादी

मीनाक्षी- श्वेता कहा है शेखर?

श्वेता- मैं यहा हु मा

श्वेता ने उनके पास आते हुए कहा, आज वो गजब की सुन्दर दिख रही थी और शेखर ने उसे आता देख उसे आँख मार दी

विवेक- वूह! भाभी लूकिंग ऑसम लेकिन आपके पतिदेव का क्या करे ये तो बांदर ही दिख रहा है

विवेक ने कहा जिस पर सब हसने लगे और शेखर ने उसे पेट मे हल्का सा मुक्का जड़ दिया

शेखर- सा...

शेखर अभी विवेक पर शब्द सुमनो की बारिश करने की वाला था के उसे घरवालों का ध्यान आया तो वो रुक गया, सब लोग श्वेता की तारीफ करने लगे

गायत्री- नेहा कहा है??

दादी ने इधर उधर देखते हुए पूछा

स्वाती- वो रही भाभी

स्वाती ने राघव के पीछे की तरफ इशारा किया जहा से नेहा आ रही थी और स्वाती की बात सुन राघव ने जैसे ही मूड कर पीछे देखा तो वो बस नेहा को देखता ही रह गया

नेहा धीरे धीरे चलते हुए राघव की तरफ आ रही थी उर उसके चेहरे पर एक खूबसूरत मुस्कान बनी हुई थी, राघव की पसंद की हुई साड़ी उसपर बहुत जच रही थी

नेहा को देख कर राघव के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई, जो उसे अपने जीवनसाथी मे चाहिए था नेहा मे वो सब कुछ था रूप भी और गुण भी और इस वक्त वो किसी देवी से कम नहीं लग रही थी, सिम्पल एण्ड ब्यूटीफुल

रिद्धि- भाभी बहुत सुन्दर लग रही हो आप

रिद्धि ने कहा जिसपर नेहा बस मुस्कुरा दी

जानकी - आखिर बहु किसकी है

संध्या- साड़ी बहुत सुन्दर लग रही है नेहा नाइस चॉइस

रिद्धि- वो तो भईया की पसंद है चाची

मीनाक्षी- सही मे ? राघव तुमने पसंद की है ये साड़ी?

लेकिन राघव का किसी की बातों पर ध्यान ही कहा था वो तो उसकी बीवी मे ही खोया हुआ था

आकाश- भाई!!

आकाश ने राघव को हिला कर उसके सपनों की दुनिया से बाहर निकाला

राघव- आगाये सब चलो अब लेट हो रहा है और आकाश तुझे सगाई करनी है ना?

राघव ने एकदम से सबकी नजरे अपनी तरफ पाई तो बात बदलते हुए कहा और उसकी बात सुन आकाश भी जल्दी करने लगा

रमेश- हा अब चलना चाहिए वरना हमलोग लेट हो जाएंगे

शुभंकर- हा, और ममता से बात हुई है मेरी वो सीधा वही पहुचेंगे

आरती- ठीक है फिर सब तयार है तो चलते है हमे बस रितु को साथ लेना है उसके मा बाप नहीं आ रहे

और आरती जी के रितु का नाम लेते ही दो लोगों का मूड ऑफ हो गया वो थे नेहा और श्वेता

‘सब ने मेरी तारीफ की लेकिन इनके मुह से एक शब्द नहीं निकला’ नेहा ने राघव को देखते हुए सोचा

अब शेखर श्वेता, राघव और नेहा एक ही कार मे जाने वाले थे

शेखर- भाभी आप सामने भाई के साथ बैठो मैं और श्वेता पीछे बैठते है

शेखर ने नेहा ने कहा और ड्राइविंग सीट पर बैठे राघव को देखा नेहा ने हा मे गर्दन हिलाई और वो दरवाजा खोलने ही वाली थी के रितु वहा आ पहुची

रितु- हे अंकल आंटी ने मुझे तुम लोगों के साथ आने कहा है बाकी सारी गाड़ियां फूल है

रितु ने कहा और वो राघव के बाजू मे बैठने ही वाली थी के नेहा ने उसे रोक दिया

नेहा- वो मेरी जगह है रितु

रितु- तुम्हारा नाम लिखा है क्या यहा?

नेहा- नाम तो तुम्हारा भी नहीं है

अब नेहा इससे चिढ़ने लगी थी

रितु- हा लेकिन अब मैं बैठूँगी यहा

और इससे पहले रितु दरवाजा खोल कर राघव ने बाजू मे बैठती कार का शिशा नीचे हुए एक आवाज आया

राघव- नेहा मेरे बाजू मे आकार बैठो

राघव की उस डोमिनेंट आवाज ने सारा झगड़ा ही खतम कर दिया और रितु शॉक होकर उसे देखने लगी और नेहा राघव का सपाट चेहरा देखते हुए उसके बाजू मे जा बैठी

श्वेता- रितु आओ तुम मेरे पास बैठो

श्वेता ने अपने बाजू की खाली सीट की ओर इशारा करते हुए कहा और रितु तमतमाते हुए पीछे की सीट पर जा बैठी और वो निकल गए

रितु- नेहा तुम तो ऐसे तयार हुई हो जैसे तुम्हारी सगाई हो

रितु ने नेहा का मजाक बनाना चाहा

नेहा- वो क्या है ना शादी शुदा लड़किया ऐसे ही तयार होती है

रितु- लेकिन ये साड़ी कितनी...

नेहा- परफेक्ट! परफेक्ट है मेरे लिए इन्होंने जो पसंद की है!

नेहा ने रितु की बात बीच मे ही काटते हुए कहा जीसे सुन राघव के चेहरे पर भी एक हल्की सी बस हल्की सी स्माइल आ गई वही नेहा के जवाब पे रितु ने उसे गुस्से से देखा लेकिन फिर उसने अपनी नजरे राघव की ओर घुमाई

रितु- राघव तुमने ऐसे अचानक शादी करली ऐसा क्यू? बीवी तुम्हारे पसंद की है भी या नहीं?

उसने नेहा को तान मारा और गाड़ी मे सब एकदम शांत हो गए नेहा का चेहरा उतर गया उसने राघव को देखा जो बाहर रोड को देख कर गाड़ी चलाने पर ध्यान दे रहा था फिर उसने रीयर व्यू मिरर से रितु को देखा जिसके चेहरे पर शैतानी मुस्कान थी और राघव की इस चुप्पी से उदास होकर नेहा बाहर देखने लगी

लेकिन तभी उसके किसी का हाथ अपने हाथ पर महसूस हुआ उसने उस तरफ देखा तो पाया के राघव अपने बाये हाथ से उसका दाया हाथ पकड़ रखा था और उसका ध्यान अब भी रोड पर था, राघव ने नेहा का हाथ पकड़ के उसे चूम लिया जिससे नेहा के मन मे तितलिया उड़ने लगी और फिर

राघव पूरे रास्ते नेहा का हाथ पकड़े गाड़ी चलाता रहा

राघव- मुझे लगता है इतना जवाब काफी होगा

राघव ने रोड पर देखते हुए रितु से कहा और नेहा के चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई और रितु चुप हो गई

उसके बाद उनमे से कोई कुछ नहीं बोला जब तक वो अपनी मंजिल पर ना पहुच गए.....

क्रमश:
Ek update mai comedy dusre mai Ritu ka paglpan or utna hi sehjta se Neha ka usko jwaab dena.log pehle love karte hai phir shadi par aap ne Naya hi kuch dikhaya hai pehle shadi phir new shuruat.neha to pehle se sab ne dekha hai raghav ke care karna.raghav ka bi Neha ki care karna acha lag raha hai.nok jhonk dono ka
"Chutiya raghav kuch to acha kar raha hai😂🤣"
Mind-blowing update
 

Tiger 786

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Update 35



कुछ ही समय मे वो सब लोग वेन्यू पर पहुच चुके थे, सारा हॉल फूलों और लाइटिंग से सजा हुआ था और मोस्टली सभी मेहमान लोग आ चुके थे लड़की वाले और लड़के वाले दोनों साइड के

अपनी टीम जब वहा पहुची तो इनका लड़की वालों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया

“भाभी लोग!!” कोई पीछे से आकार नेहा और श्वेता से चिपक गया और वो थी ममता और सुरेश जी की छोटी बेटी निकिता जो नेहा और श्वेता को देख भाग कर उनके पास आई थी

नेहा- हैलो निकिता कैसी हो तुम

निकिता- मैं हमेशा की तरग एकदम फिट और फाइन

निकिता ने श्वेता के गले लगते कहा

श्वेता- बाकी लोग कहा है?

निकिता- मॉम डैड और आँचल दी होंगी यही कही बाकी लोगों से मिल रहे होंगे

जिसके बाद नेहा और श्वेता बाकी लोगों से मिलने वहा से चली गई वही निकिता अपनी बाकी गैंग के पास आई

निकिता- यो भाईलोग क्या हाल है

निकिता ने सबसे मिलते हुए कहा

विवेक- अभी तक तो सब ठीक था अब तुम आगई हो तो आगे पता नहीं ठीक हो या ना हो

विवेक ने आते ही निकिता हो चिढ़ाना शुरू कर दिया और बदले मे निकिता पहुची राघव के पास

निकिता- राघव भाई देखो ना ये आते मुझे ही परेशान कर रहा है

राघव- विवेक!!

निकिता- वैसे आकाश भाई आपका क्या प्लान है?

आकाश- प्लान? मेरा क्या प्लान होगा?

निकिता- मतलब इतने सारे मैरीड लोगों का एग्जांपल है आपके सामने फिर भी आपको शादी करनी है? अब मेरे डैड की ही हालत देख लो ना तो आप श्योर हो ना?

आकाश- निक्की तुझे पता है न ये रिश्ता पक्का हु है तब से तू यही बात बोले जा रही है 🙄😒

आकाश ने निकिता हो घूर के देखा

निकिता- अरे नहीं बाबा मुझे ना आपसे ज्यादा राधिका भाभी की फिक्र है के वो आपको कैसे संभालेगी

आकाश- तुम ना....

लेकिन आकाश आगे कुछ बोलता उससे पहले ही रमेश जी ने उसे आवाज देके बुला लिया तो वो वहा से चल गया जिसके बाद निकिता ने अपना मोर्चा शेखर की ओर बढ़ाया

निकिता- शेखर भईया!!

शेखर- यस स्वीट्हार्ट !

निकिता- आपको नहीं लगता श्वेता भाभी आपसे बहुत बेटर है?

और निकिता की बात सुन शेखर से अपना सर पीट लिया

शेखर- शट अप निक्की तुम ऐसे मे किसी का घर तुड़वाओगी एक दिन

जिसपर निकिता बस मुस्कुरा दी

विवेक- अरे छोड़ो शेखर भाई आप कहा पागल लोगों के चक्कर मे पड रहे ये ऐसी ही है

तभी किसी ने निकिता को पीछे से गले लगा लिया, निकिता ने मूड के देखा तो वहा रिद्धि और स्वाती खड़ी थी

निकिता- रिद्धि बेबी!!!!

निकिता रिद्धि के गले लग गई अब इन लोगों की मेल मुलाकात हो ही रही थी के तभी रितु वहा आई

रितु- हाय निकिता कैसी हो बहुत दिन हो गए तुमसे मिले

रितु ने अपनी आवाज मे शहद घोल के कहा वही निकिता ने उसे एक स्माइल पास कर दी और स्वाती के कान मे धीरे से बोली

निकिता- इसको किसने बुलाया यहा

स्वाती- अपनी ग्रेट फॅमिली ने

विवेक- अबे कितनी इरिटेटिंग है यार ये

विवेक भी उनकी खुसुरपुसूर मे शामिल हो गया

रिद्धि- हा न और चिपकू भी

रितु- क्या बात कर रहे हो मुझे भी बताओ ?

रितु ने उनकी ओर देखते हुए पूछा

निकिता- नहीं बस कुछ नहीं हम आते है अभी

इतना बोल के वो चारों वहा से निकल गए रितु कुछ पल तो उन्हे देखती रही लेकिन फिर उसने अपना ध्यान वहा खड़े राघव पर लगाया जो अपने फोन मे कुछ कर रहा था

रितु- राघव चलो ना साथ मे कुछ फ़ोटोज़ क्लिक करते है

राघव- मुझे फ़ोटोज़ खिचवाना नहीं पसंद

रितु- प्लीज राघव कम से कम मेरी फ़ोटोज़ ही क्लिक कर दो

बोलते बोलते रितु ने राघव का हाथ पकड़ लिया, राघव उसे मना करने मे लगा हुआ था लेकिन वो मान ही नहीं रही थी और आखिर मे मजबूरन राघव को रितु की फ़ोटोज़ क्लिक करनी पड़ रही थी वही नेहा कुछ रिश्तेदारों से बात कर रही थी के एकाएक उसकी नजर राघव पर पड़ी जो रितु के पिक्स क्लिक कर रहा था

मुझे इनपर तो पूरा भरोसा है लेकिन इस नागिन पर बिल्कुल नहीं है’ नेहा ने रितु को देखते हुए सोचा जो फ़ोटोज़ मे कुछ अजीब सेक्सी पोज बना कर राघव को रिझाने मे लगी हुई थी उसे अपनी कमर और क्लीवेज दिखा रही थी

हॉ मेरे पति को रिझाने की कोशिश करती है, उन्होंने मुझे आजतक सही से नहीं देखा और तू बीच मे आ रही है ’ नेहा ने सोचा और उनकी ओर बढ़ी

नेहा उन दोनों के पास पहुची तो उसने रितु को अपनी ओर देख मुस्कुराता पाया लेकिन वो मुस्कान ज्यादा देर नहीं रही क्युकी नेहा ने राघव का हाथ पकड़ उसे कुछ इस तरह खिचा के उसके हाथ मे का फोन नीचे गिर गया और फोन से साथ रितु का चेहरा भी

राघव ने पहले नेहा को देखा फिर गिर कर टूट चुके उस फोन को

रितु- ये क्या किया तुमने नेहा!!?

नेहा- हे भगवान सॉरी सॉरी रितु तुम्हारा फोन था क्या? वो मैं इन्हे बुलाने आई थी मुझे क्या पता इनके पास तुम्हारा फोन होगा

नेहा ने मासूमियत से कहा

राघव- मुझे क्यू बुला रही थी तुम?

राघव ने रितु का फोन टूटा है इस बात को पूरा इग्नोर करते हुए नेहा से पूछा

रितु- राघव तुम कुछ कहते क्यू नहीं उसे, उसने मेरा फोन तोड़ा है

रितु ने अपना फोन उठाते हुए कहा

राघव- इसमे उसकी गलती नहीं है उसे नहीं पता था तुम मुझे बस अपना फोन का मोडेल बताओ मैं अपने असिस्टन्ट से कह दूंगा वो नया फोन ला देगा

राघव ने रितु को जवाब दीया जीसे सुन नेहा थोड़ा सा पीछे सरक के राघव की बाजू पकड़े उसने अपना चेहरा छुपा लिया ताकि उसकी स्माइल छुपा सके

रितु- लेकिन राघव जो उसने किया...

रितु अपनी बात पूरी करती इससे पहले ही राघव ने उसे रोक दिया

राघव- वो माफी मांग चुकी है रितु

रितु- तुम ऐसे ही उसे सपोर्ट करते रहे तो उसे और बढ़ावा मिलता रहेगा

रितु ने नेहा को घूरते हुए कहा जो इस सीन को इन्जॉय कर रही थी

राघव- अरे पत्नी है वो मेरी सपोर्ट तो करूंगा ही ना

रितु- ऐसे तो तुम उसे बिगाड़ दोगे

राघव- सब वैसे भी सुधारने मे लगे है मैं थोड़ा बिगाड़ देता हु उसमे क्या है

राघव की बात सुन नेहा के चेहरे पे एक बड़ी सी मुस्कान उभर आई लेकिन उसने उसे दबा रखा था और इतना बोल के राघव नेहा के साथ वहा से चला गया

नेहा के साथ कुछ राघव कुछ दूर आया

राघव- अब बताओ क्या बात है ?

राघव और नेहा एक कोने मे आ गए तब राघव ने अपने हाथ बांधे उससे पूछा

नेहा- ह.. क्या?

राघव- आप अच्छे से जानती है मिसेस देशपांडे के मैं क्या पुछ रहा हु।

नेहा- वो.. नहीं कुछ भी तो नहीं जैसा आप सोच रहे है वैसा कुछ नहीं है

नेहा ने अपने बालों की लट अपने कान के पीछे करते हुए कहा

राघव- सच मे? तुमने वो जान बुझ के नहीं किया?

राघव की आँखों मे शरारत साफ थी और वो जानता था के नेहा के दिमाग मे कुछ तो चल रहा है वही उसके सवाल पर नेहा ने उसे शॉक होकर देखा

नेहा- न.. नहीं!!

राघव ने कुछ पल नेहा को अच्छे से देखा और उसके चेहरे पर एक मुस्कान उभर आई वो नेहा के पास आया और धीमे से उसके कान मे बोला

राघव- तुम ना जब ऐसे पज़ेसिव होती हो ना तो और हॉट लगती हो चिक्की, ये मत समझना के मैंने कुछ नोटिस नहीं किया है

राघव अपनी डीप आवाज मे नेहा के कान मे बोला वही नेहा बस अपनी जगह पर खड़ी रही, उसे समझ नहीं आ रहा था के इसपर क्या रिएक्शन दे राघव तो इतना बोल ने वहा से निकल गया और नेहा के चेहरे पर शर्म की लाली उभर आई वही रितु ये सब देख रही थी और राघव और नेहा को ऐसे करीब देखना उससे सहन नहीं हो रहा था

मुझे कुछ न कुछ तो करना पड़ेगा!’ रितु ने मन मे सोचा

अब क्या करेगी रितु?

और नेहा का भरोसा राघव पर सही साबित होगा या इस सगाई मे कुछ और बवाल होगा??

जानेंगे अगले अपडेट मे तब तक लाइक मारो कमेन्ट करो मिलेंगे कल अगले अपडेट के साथ :D

क्रमश:
Matlab Neha ka har action raghav notice kar raha hai or raghav ko yeh pasand bi aa raha hai ki Neha uspe haq jamaye
Or yeh "chikki"to naam to bohot badiya laga
Superb
 

Tiger 786

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Update 36





नेहा अपने चेहरे पर एक मुस्कान लिए अपने परिवार के पास जा ही रही थे के तभी एक बच्चों को झुंड दौड़ते हुए उसके पास से गुजरा जिनके धक्के से नेहा का अचानक बैलेंस बिगड़ा

नेहा थोड़ा चीखी उसके हाथ हवा में थे और उनसे अपनी आंखे कस के बंद कर ली थी और वो बस गिरने ही वाली थी के किसी ने उसे पकड़ लिया, उसे अपने दाए हाथ पर किसी का स्पर्श महसूस हुआ नेहा ने अपनी आंखे खोल के उस इंसान को देखा जिसने उसे बचाया था और वहा एक हैंडसम लड़का नेहा का हाथ पकड़े खड़ा था

उसने नेहा को सही से खड़े होने मे मदद की

“आप ठीक है ?” उस लड़के ने नेहा से पूछा

नेहा- जी ठीक हु थैंक्स मुझे बचाने के लिए

नेहा ने मुसकुराते हुए उससे कहा

“आपको ध्यान रखना चाहिए, अगर अभी मैं नहीं आता तो आप जमीन पर लेटी होती” उस लड़के मे हसते हुए कहा जिसपर नेहा भी मुस्कुरा दी

नेहा- अगली बार से ध्यान रखूंगी।

“वैसे आप लड़कीवालों की ओर से तो नहीं हो मैंने पहले देखा नहीं है आपको” उसने कहा

नेहा- वो इसीलिए क्युकी मैं लड़केवालों की ओर से हु

“ओह तो आप आकाश की रिश्तेदार है!” उस बंदे ने स्माइल के साथ कहा और नेहा ने भी उसकी बात मे हामी भर दी

“हाइ आइ एम अनिकेत, मैं राधिका का कजीन हु” इतना बोलते साथ ही उसने हाथ मिलने के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया और नेहा ने भी उससे हाथ मिलाया

नेहा- मैं नेहा, आकाश की भाभी

अनिकेत- भाभी?? आई एम सॉरी पर आपको देख के लगता नहीं है के आप शादी शुदा है

नेहा- थैंक यू अनिकेत जी पर मेरी शादी आकाश के कजीन से हो चुकी है

नेहा ने अपना मंगलसूत्र दिखाते हुए कहा

अनिकेत- आपसे मिलके खुशी हुई मिसेस नेहा...??

नेहा- देशपांडे! नेहा देशपांडे!!

अनिकेत- ओह तो आप देशपांडे परिवार की बहु है, बहुत सुना है उनके बारे मे

नेहा- उम्मीद है अच्छा ही सुन होगा

अनिकेत- हा बिल्कुल!

अनिकेत ने स्लाइम के साथ कहा तभी विवेक वहा आ गया

विवेक- भाभी सब बुला रहे है आपको वहा

नेहा- बस अभी आई! वन्स अगेन थैंक यू अनिकेत जी, अभी मुझे जाना पड़ेगा

जिसके बाद नेहा वहा से चली गई और अनिकेत बस उसे जाते हुए देखता रहा।

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आँचल- नेहा!!!!!

आँचल(ममता औ सुरेश की बड़ी बेटी, निकिता की बड़ी बहन) ने जैसे ही नेहा को देखा वो उसके पास आई

नेहा- आँचल दी कहा हो यार आप मैं कब से देख रही हु आपको

नेहा ने आँचल के गले लगते हुए कहा, आँचल राघव से बड़ी थी इसीलिए नेहा ने उसे दी कहा

आँचल- अरे यार ये रिश्तेदार और उनके शादी कब करोगी के सवाल से बचा रही हु खुद को

आँचल ने हसते हुए कहा तभी रिद्धि वहा आई

रिद्धि- भाभी ये चाबिया रखो आपके पास, मॉम ने आपको देने कहा है

रिद्धि ने नेहा को चाबिया दी और तभी आरती जी ने सबको बुलाया

आरती- चलो आजाओ सब सगाई की रस्म बस शुरू होने वाली है

आरती जी के कहते ही लड़केवाले और लड़कीवाले दोनों साइड के लोग वहा जमा हो गए

हर कोई अपने अपने पार्टनर के साथ खड़ा था और सिंगल लोग झुंड मे

आकाश सोफ़े पर राधिका के साथ बैठा हुआ था और सगाई की रस्म शुरू हुई, वो दोनों एक दूसरे के साथ जच रहे थे, खुश थे

आकाश और राधिका के एकदूसरे को अंगूठिया पहनाते ही सारा हॉल तालियों से गूंज उठा और विवेक ने पार्टी पोपर्स फोड़ के महोल बना दिया और सगाई की रस्म पूरी होते ही आकाश और राधिका ने सभी बड़ों का आशीर्वाद लेना शुरू किया

“दोनों साथ मे कितने अच्छे लग रहे है ना” नेहा को अपने पीछे एक आवाज सुनाई दी और उसने मूड के देखा तो वहा अनिकेत खड़ा था

नेहा- ओह आप है! हा सही कहा दोनों साथ मे अच्छे लगते है

अनिकेत अपने और नेहा के बीच एक प्रॉपर दूरी बना के वहा खड़ा हो गया ताकि नेहा को अनकंफर्टेबल ना लगे, दोनों बाते कर ही रहे थे के नेहा को अपनी कमर पर एक हाथ चलता हुआ फ़ील हुआ और उसने बगल मे हाथ की ओर देखा तो पाया के राघव उसके बाजू मे आके खड़ा हो गया है और वो सपाट चेहरे के साथ अनिकेत को देख रहा था

अनिकेत- ओह मिस्टर राघव देशपांडे! आप और नेहा....

अनिकेत ने राघव को देखते हुए कहा जो नेहा को उसकी कमर से पकड़े हुए था

राघव- यप, शी इस माइ वाइफ!!

राघव ने अपनी यूजुअल सपाट आवाज मे नेहा को अपने और करीब खिचते हुए कहा

अनिकेत- ये आपके पति है आपने बताया नहीं...

अनिकेत ने शॉक मे नेहा से पूछा एक ऑकवर्ड स्माइल के साथ क्युकी राघव की घूरती नजरे उसे नर्वस कर रही थी

नेहा- आपने पूछा ही नहीं!

राघव- मुझे अपने दोस्त से नहीं मिलवाओगी ??

राघव ने नेहा के बालों की लट उसके कान के पीछे करते हुए पूछा और नेहा ने चौक के उसे देखा

नेहा- ओह ये अनिकेत राणे है, हम अभी कुछ समय पहले ही मिले है

अनिकेत- यस, और अगर मैं ना होता तो ये अभी यहा ना खड़ी होती!

अनिकेत ने महोल हल्का करने की कोशिश की लेकिन राघव ने बदले मे उसे सिर्फ घूर के देखा

राघव- मतलब? आप क्या कहना चाहते है मैं समझा नहीं?

अनिकेत- वो इनका बैलेंस बिगड़ गया था और गिरने वाली थी कॉरिडोर मे तो मैंने इन्हे बचाया था

राघव- क्या?? नेहा तुमने बताया नहीं मुझे?? तुम्हें कही लगि तो नहीं?? दर्द हो रहा है क्या?? हॉस्पिटल चले??

राघव ने एक के बाद एक सवाल पे सवाल दाग दिए नेहा पे

नेहा- रिलैक्स! आप शांत होइए पहले, मैं ठीक हु अनिकेत जी ने सही टाइम पर मेरा हाथ पकड़ के मुझे गिरने से बचा लिया था

नेहा ने मुस्कुरा कर कहा लेकिन अपने राघव बाबू को वो पसंद नहीं आया

राघव- तुम्हें ध्यान रखना चाहिए था

राघव ने नेहा को ऊपर से नीचे देखते हुए कहा तभी आँचल वहा आई

आँचल – अरे तुम लोग यहा क्या कर रहे हो वहा चलो ना सब डांस कर रहे है

जिसके बाद वो सब लोग जहा फंक्शन हो रहा था वहा आए, सब लोग डांस कर रहे थे, मजे कर रहे थे सिवाय अपने हीरो हीरोइन के, क्यू? क्युकी राघव बाबू को ये सब फालतू की बाते पसंद नहीं थी

रिद्धि- भाभी भाई आओ ना डांस करते है

रिद्धि ने राघव को बुलाया लेकिन राघव ने उसे साफ साफ इग्नोर कर दिया

स्वाती- भईया प्लीज आईये ना

लेकिन स्वाती के बुलाने का भी कोई फायदा नहीं हुआ वही नेहा ने उदास चेहरे के साथ उन दोनों को देखा उसे डांस करना था लेकिन इसके चक्कर मे वो भी रुकी हुई थी

आँचल- राघव तुम तुम्हारे चक्कर मे नेहा का एक्साइटमेंट क्यू खतम कर रहे हो??

आखिर आँचल को नेहा की परेशानी समझ आई

राघव- मैंने रोक रखा है क्या उसे? उसे डांस करना है तो करे ना मैंने नहीं नाचने वाला

‘तो यहा ये क्या फोन चलाने आए है’ नेहा ये बात चिल्ला के कहना चाहती थी लेकिन वो बस धीमे से पुटपुटाई वही राघव ने आँखों के कोने से उसे देखा

आँचल- राघव!!

राघव- दी ऐसे बार बार बोल कर फोर्स करने का कोई फायदा नहीं है मैंने कहा ना मैं नहीं कर रहा डांस वांस

नेहा- जाने दो दी चलो हम चलते है

नेहा ने राघव को देखते हुए कहा जो अपने फोन मे देख रहा था और नेहा को जाता देख वो बोला

राघव- चिक्की तुम्हें डांस आता भी है??

राघव ने शरारती मुस्कान के साथ कहा तो नेहा उसे घूर के देखने लागि वही चिक्की नाम सुन के आँचल हस रही थी

आँचल- राघव अब तो गया तू

नेहा- आप चैलेंज कर रहे है मुझे??

राघव- चैलेंज उसे किया जाता है जो उस चीज मे मास्टर हो

नेहा- देखते है!!

जिसके बाद नेहा वहा से चली गई और राघव ने उसे इग्नोर करके वापिस अपना ध्यान अपने फोन मे लगाया लेकिन कुछ ही पलो मे लोगों की आवाज ने उसे ऊपर देखने मजबूर कर दिया

‘वो लड़की क्या मस्त डांस कर रही है यार!’

‘ब्यूटीफुल’

‘इसकी शादी हो गई है क्या?’

‘मैंने सुना है वो देशपांडे परिवार की बहु है’

इन्ही सब बातों ने राघव का ध्यान खिचा और जैसे ही उसने जैसे ही ऊपर देखा तो बस देखता ही रह गया......

क्रमश:
Lagta Neha ji ne dance floor pe aag laga di.
Awesome
 
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