3no update jabardast hai Bhai and action bhi jabardast thaKABUL HE - 19
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अनामिका हस के - अभी बोल देता हूँ मेरे राजा..
इधर एक कचे रास्ते पर वो सारे बदमाश ने चुकमि ओर ड्राइवर को लेकर चले गये..
जब उन बदमासो को लगा एहि जगह सबसे सेफ्टी प्लेस है तब सामने से बैठे एक बदमाश ने - इधर रूक..
टैक्सी ड्राइवर कार को बंद कर दिया .. अचानक टैक्सी ड्राइवर ने एक बदमाश के हाथ से पिस्तौल छीन कर ..बदमाश के सर पर पिस्तौल रख कर सब को टैक्सी से बाहर किया..
टैक्सी ड्राइवर के हिमत को देख कर चुमकी खुस हो गेई..
टैक्सी ड्राइवर हस के - भाई पेहेले में चिदूँगा..
इतना सुनते ही चुकमि कि हालात खराब हो गेई.. चुमकी को समझने में देर नहीं लगी कि सब मिले हुए है..
चुमकी फाटक से एक बदमाश को धका देकर झडिओ के अंदर भागने लगी..
इधर अर्जुन एक भोड़का बोतल खरीद कर कार चलाते चलते आपने मनी पर्स ओर एटीएम कार्ड को कार के सामने वाला डिकी के अंदर रख दिया..
जब गर्दी नहीं थमा तो अर्जुन - साला ये पब्लिक भी ना.. ठीक से सराब पीने नहीं देंगे..
इतना बोलकर अर्जुन उशी दिसा में कार को घुमा दिया.. जिश दिसा मे चुकमि को वो 5 बदमाश ने लेकर गए थे..
इधर चुमकी झडिओ के बीच छुप गेई थी.. अचानक एक बिल्ली को देख कर चुकमि ज़ोर से बचाओ बचाओ चिल्लाने लगी.
ये आवाज़ 5 बदमाश ने सुन चुके थे.. सारे बदमास ने चुकमि को दबोच लिए..
इधर अर्जुन भोड़का बोतल निकल कर सीधा मुँह में लगा कर आधा बोतल खाली कर दिया..
चुमकी आखिर कोसिस किया - बचाओ ..
अर्जुन फाटक से चारो बाज़ू दौड़ते हुए - कौन है ? कौन है ?
अर्जुन ढूंढते ढूंढते चुमकी के पास आ कर - साला कोई नहीं है.. लगता है मुझे चढ़ गेया.. धेत साला.. राज़ बेटा इधर इधर भी तू सन्ति से सराब पी नहीं सकता..
इतना बोलकर अर्जुन उधर से निकल कर सीधा पास वाले सुनसान पार्क के अंदर घुस गेया..
इधर एक बदमास ने - सुनो भाई लोग .. सब सारे लाइन क्लीयर है.. क्यों ना काम सुरु करते है..
फिर 5 बदमास मिलकर चुमकी को मदरजात नंगी कर दिए..
दुशरा बदमास - आरे भाई लोग.. इश अन्धेरे में कुछ दिखाई नहीं देता..
तीसरा बदमास - हाँ यार .., इश की सेक्सी फिगर की चुत को उजाले में चुदाई करने से ओर मज़ा मिलेगा..
टैक्सी ड्राइवर - नेक ओर पूछ पूछ.. चलो पास में एक पार्क है .. अगर ये चिल्लाएगी तो फिर भी कोई नहीं आएगा..
चौथा बदमास हस के - वो कैसे ?
टैक्सी ड्राइवर हस के - पार्क के अंदर भूत रहेती है. ये झूठा अखवा हम सब तो फैला चुके है..
फिर सब बदमास मिलकर चुमकी को ज़ोर ज़बरदस्त उशी पार्क के अंदर ले चलते हैं..
पार्क के अंदर बीचो बीच एक रोशनीदार जगह पर चुमकी को लेता कर ..
टैक्सी ड्राइवर हस के - क्या लगती है साली..
चुमकी ज़ोर से - कोई है ..बचाओ.. बचाओ मुझे..
टैक्सी ड्राइवर हस के - चीला. तेरे चिल्ला ने से हम सभी के लन्ड पर 2 गुना जान आ जायेगा..
अर्जुन सराब ऑलरेडी खतम कर चुका था..
अर्जुन आपने मन में - ये आवाज़ जानी पहचानी लाग रही है.. कौन हो ?
इतना बोलकर अर्जुन आपने जगह से उठ कर खड़ा हो गेया.. अचानक अर्जुन के कान में सुनाई दिया " साली क्या मस्त चुत पाई है "..
इतना सुनते ही अर्जुन उशी दिसा पर अहिस्ता अहिस्ता जाने लगा...
टैक्सी ड्राइवर अपना लन्ड निकल कर लन्ड के ऊपर थूक मसल कर - लौंडिया को रात भर..
अर्जुन फाटक से सामने आ कर - इधर क्या हो राहा है..
चुमकी की नज़र अर्जुन पर गेई.. पर अर्जुन हल्का नसे में सारे बदमास को देख रहा था..
एक बदमास गुशे में - कौन है रे तू साला। ?
अर्जुन - ज़बान संभाल कर बात कर मादरचोद.. वरना तेरे माँ और बेहेन को एक ही बिस्तर पर चोदूँगा..
दुशरा बदमास गुशे से - तेरा इतना हिम्मत ..मार साले को.
इसके फायदा उठा कर चुकमि भाग निकली.. ओर जा कर पार्क के अंधेरे में एक झडिओ के पीछे छुप गेई..
फिर सब अर्जुन के ऊपर टूट पड़े.. अर्जुन एक एक को धो राहा था..
अचानक एक बदमास अर्जुन के सर पर पिस्तौल रख कर..सब मिलकर अर्जुन को बुरे तरह से पीटने लगे..अर्जुन नसे में मार खाते खाते चुप चाप वही सीमेंट के कुर्सी बार बैठ गेया..
एक बदमाश अर्जुन के सर पर पिस्तौल फिर से तान कर- निकाल तेरा ये सोने का चेन ,
फिर अर्जुन अहिस्ता अहिस्ता सारे कीमती सामान निकाल देता है..
टैक्सी ड्राइवर गुशे में - साले को नँगा करके छोड़ दो..
फिर सब मिलकर अर्जुन के सारे कपड़े फाड़ कर अर्जुन को मादरजात नंगा कर दिए..
टैक्सी ड्राइवर गुशे से - आरे भाई लोग..वो साली किधर है ?
चुमकी को सब मिलकर ढूंढने लगे पर चुमकी किधर नहीं मिली..
सब गुशे से आ कर अर्जुन सारे कपड़े को फाफ फाड़ कर - साले..तेरे वाज़ा से हम सबके शिकार हाथ से निकल गेई.. अब तेरे गाँड़ से हम सबका लन्ड..
ठीक उशी वक़्त चमकी के नंगी सरीर पर एक चूहा छलांग मारदी..
चुमकी ना चाहते हुए भी..चुमकी की मुँह से एक जोरदार चीख निकल गेई...
सब बदमास मिकर फिर से चुमकी को खडीओ से बाहर निकल कर उजाले की चम चमती हुई रोशनी पर ले आये..
चुमकी बड़े बेचैनी से - राज़ ..
अर्जुन फाटक से आंख खोल दिया.. अर्जुन के सामने चुकमि दीदी मदरजात नंगी खड़ी थी.. 5 बदमास चुमकी को जकड़ कर खड़े थे..
टैक्सी ड्राइवर बड़े बेचैन से चुमकी दीदी की एक चूची को दबा राहा था..
अर्जुन फाटक से हवा में उड़ उड़ कर अपना कारीगरी दिखाने लगा..
कोई भी अर्जुन को देख नहीं पा रहे थे.. अर्जुन तूफान की तरह सबको आपने सिक्स पैक पावर से मार राहा था..
जब 5 बदमास ने ज़मीन पर गिर गए.. तब अर्जुन सबसे पेहेले टैक्सी ड्राइवर को हाथ को पकड़ कर गुशे में..
अर्जुन खतरनाक आवाज़ के साथ - मादरचोद ... तूने इश हाथ से मेरी दीदी को छुआ.. मेरी जान को .
इतना बोलकर अर्जुन उस टैक्सी ड्राइवर के दोनों हाथ को 4 भाग में तोड़ दिया..
टैक्सी ड्राइवर की खतरनाक चीख से अर्जुन और ज़ोर ज़ोर से चिल्ला कर- तुम सब बेहेन चिद ने मेरे गुरुर को ललकारा है.. राज़ चोपड़ा को ललकारा है..
एक बदमास ने उठ कर भागने वाला था... पर अर्जुन फाटक से उड़ते हुए उस बदमास के एक पैर को उसी सीमेंट के कुर्सी पर खिंच कर आपने पावर से पर को 2 भाग से तोड़ दिया..
उस बदमास के बिचित्र चीत्कार से चुमकी की हवा निकल चुकी थी..
फिर अर्जुन दूसरे बदमास के पास जा कर - साले ..ये देख.. देख मेरे लन्ड को .. एक बार तेरी बेहेन के चुत के अंदर घुसेगा.. में 100% गयरेन्ट देता हूँ.. एक बार चुदाई से तेरी बेहेन प्रेग्नेंट हो जाएगी...
अर्जुन पास में पड़े एक लोहे के पाइप से बाकी सबकी हाथ पैर को तोड़ने के साथ साथ..
अर्जुन गुशे से - सुनो हराम के पिल्लों ..मेरा नाम है राज़ चोपड़ा.. में यसवंत चोपड़ा का बेटा हूँ.., रूपा चोपड़ा की स्वाभिमान हूँ.. मेरे परिवार केलिये में गुरुर हूँ..
तब पास में पड़े अर्जुन के मोबाइल बजने लगा.. अर्जुन फोन उठा कर गुशे सब से अंजान नंबर देख कर -केन है ?
बन्दना - हेलो में बन्दना माम् बोल रही हूं. में तुम्हारे घर पर तुम्हारा इंतज़ार कर रही हूं ..
अर्जुन गुशे से - थोड़ा सबर कर मेरी छमिया.. 2 घाटे रुक जा..
अर्जुन के मुँह से छमिया सुनकर बन्दना हस के - अब क्या कर रहे हो ?
अर्जुन - हाकी खेल रही हूं मेरी बुलबुल..
बन्दना खुसी से - ठीक है ..में आपकी राह देख रही हूँ..
फिर फोन डिस्कोनेट..
अर्जुन फिर से वो बदमास को पिटाई करते करते जब चुकमि दीदी की ओर नज़र घुमाया तब अर्जुन आपने होस वापश ले आया...
अर्जुन फाटक से इधर उधर भाग भाग कर ..आखिरकार अर्जुन को आपने फाटे शार्ट मिल गेया..
अर्जुन वही फटी शार्ट को चुमकी दीदी के तरफ फेंक कर ..दौड़ते हुए अपना कार को चुमकी दीदी के पास खड़ा करके ..कार के अंदर की लाइट ऑफ कर दिया..
चमकी की आंखों से लगातार आँसू निकल रही थी.. चुमकी फटाफट कार के पीछे साइड पर बैठ गई..
अर्जुन तूफान की तरह कार को आगे बढ़ने लगा..
सहर के बीचों बीच पब्लिक के भीड़ में अर्जुन कार को ला चुका था.. अर्जुन जान बूझ कर सामने वाले आईने को झुका लिया था.. ताकि अर्जुन आपनी सगी बड़ी बेहेन की नंगी बदन को देख ना सके..
अचानक पब्लिक के भीड़ बीचो बीच अर्जुन कार को फाटक से रोक दिया..
अर्जुन कार रोकते हो चुमकी आपनी नज़र उठा कर अर्जुन के देखने लगी..
चुमकी ये सोच रही थी कि - अब क्या किया जाए ? इतने सारे भीड़ के अंदर करन गाड़ी को क्यों रोका है ? जब कि करन के साथ साथ मे भी नंगी हूँ इस कार के अन्दर..
अर्जुन आपने कार के ग्लास को हल्का सा खुल कर ..रास्ते के सड़क पर बेच रहा ठेला वाले को पास बुला कर..
अर्जुन -एक बेडसीट , एक लुंगी ..
ठेला बाला - साहेब मेरे पास आपके लेबल का सामान नहीं है..
अर्जुन बड़े प्यार से - मेरे भाई इस वक़्त मुझे कुछ भी चलेगा.. ले आ मेरे भाई..
ठेला वाला फाटक से एक चदर ओर एक लूंगी लेकर अर्जुन को देने लगा.. उस से पेहेले अर्जुन कार के डिकी से अपना पर्स निकल कर 2 हज़ार रुपिया निकल कर ठेला वाले को दे दिया..
ठेला वाले - साहेब छूटा नहीं है ?
अर्जुन - कोई बात नहीं आपने बचे को ऊपरवाले के नाम से कपड़े पहना देना..
फिर अर्जुन कार को सीधा हबमोल के अंदर घुसा दिया..
अर्जुन कार के दूसरे ओर घुसाया...
अर्जुन - दी.. तू फटाफट चदर को लपेट कर बाहर आजा..
अर्जुन के मुँह से "दी" सुनकर चुकमि की आंख से आँसू निकलने लगी...
चुमकी कुछ समझ पाती ..उसे पेहेली अर्जुन फाटक से वही लुंगी को पेहेन कर.. आपने मोनी पर्स को उठा कर मल के गेट के सामने खड़ा राहा..
चुमकी वही सस्ती वालो चदर को आपने बदन पर लपेट कर बाहर निकली..
अर्जुन आपने सर को पटक कर चुमकी के पास आ कर - तुझे आज तक कपड़ा पहना नहीं आती..
इतना बोलकर अर्जुन ने चुमकी दीदी के चदर को उपर से पकड़ कर.. चदर के दोनों किनारे को ( left वाला किनारा right में.... right wala किनारा left में) बिपरीत दिशा में फसा कर.. सर के पीछे गर्दन के निचे गांठ कर दिया..
अर्जुन - अब चल मेरी माँ .. तेरे लिए ओर मेरे लिए कुछ कपड़े खरीद लेते है...
चुमकी अभी भी सदमे में थी...
अर्जुन के लुंगी वाला गेटउप को देख कर सब स्माइल दे रहे थे..
अर्जुन फटाफट ड्रेस के शॉप पर जा कर - आपने लिए कपड़े का ऑडर करते हुए.. चुमकी को लेकर सीधा लेडिस के गारमेंट एंड कपड़े के अंदर जा कर..
अर्जुन - मुझे yellow कलर की साढ़ी के साथ साथ .. मैचिंग वाले ब्लाउज चाहिये.. वक़्त बहोत कम है.. so pls no dicsus any other matter..
सेल्समन लेडी - sir , size ?
अर्जुन एक सांस से -36/26/36..
सेल्समैन लेडी जैसे ही सैम्पल दिखाई ..अर्जुन वेसे ही एक साढ़ी , ब्लाउज, ब्रा ओर चढ़ी को पकड़ कर .सबके सामने चुमकी को ट्रायल रूम के अंदर घुसा कर...
अर्जुन - "दी" ...में बाहर हूँ.. तू फटाफट आपने कपड़े पेहेन कर कार के पास आजा...
अर्जुन आपने ड्रेस को मर्द के ट्रायल रूम के अंदर पेहेन कर हीरो के माफी बाहर निकल कर .. काउंटर पर पेमेंट कर के सीधा कार के पास आने लगा..
इधर चुमकी आपनी बदन पर साढ़ी पेहेन कर फूल गेटउप से आकर कांउटर पर ..
चमकी - कितना बिल हुआ ?
काउंटर- माम् .. आपके हस्बैंड ऑलरेडी पेमेंट कर चुके ..
एक लेडी सेल्समैन - माम् .. आपके जोड़ी सुपर है.. आप जितनी हॉट हो ..आपसे ज्यादा आपके पति पति हॉट है..
चुमकी थोड़ी हस के (अंदर गुशे से) - एक रात केलिये चाहिए क्या ?
इतना सुनकर सभी लेडीज सेल्समैन हसने लगे..
लेडी सेल्समैन हस के - कस ऐसा हो पाता .. कम से कम दूसरे टेस्ट के शिफ्ट तो मिल जाती ...
चुमकी - शिफ्ट के साथ साथ गिफ्ट भी मिल जाएगा..
ओर एक लेडी सेल्समैन हस के - माम.. आप काफी मज़ाक वाली लेडी हो.. उपर वाले के देन से आपको जल्दी गिफ्ट मिल जाये..
चुमकी फाटक से कार के पास आने लगी..
अर्जुन - बोल तेरी सहेली की एड्रेस..
चुमकी - मुझे घर जाना है ..
अर्जुन गुशे में - चुप चाप बता ..
चुमकी फाटक से अर्जुन के चौड़े सीने से चिपक कर रोने लगी..
अर्जुन बड़े प्यार से - दीदी तुझे मेरे कसम..तू रो मत. अगर तू फिर से रोयेगी तो में अभी के अभी जिसको देखूंगा सभी को धोऊंगा...
इतना सुनकर चुमकी हस के - पिछले जनम में धोबी था क्या ?
अर्जुन हस के - ये हुई ना राज़ चोपड़ा की बेहेन.. हाँ पिछले जनम में ..में धोबी था पर इस जनम में ..में तेरे रखवाला बनकर पीईदा हुआ हूँ.. मेरी दीदी की सारी तलकिफ़ को दूर करने केलिये राज़ पीईदा हुआ है..
चुमकी हस के आपनी सहेली की एड्रेस बता कर - कौन थी वो ?
अर्जुन - कौन ?
चुमकी - आरे वही .. जिशे तू छमिया बुला राहा था..
अर्जुन कार चलाते हुए - किस को ?
चुमकी - जब तू पार्क के अंदर उस 5 बदमास को धो रहा था.. उसी वक़्त तेरे मोबाइल पर.
अर्जुन को याद आने लगा..
अर्जुन - आरे दीदी..वो ? वी मेरा दोस्त शेखर था...
चुमकी गुशे से - तू मुझे नहीं बताएगा ना ? रुक में मामा(माँ) और पापा को बताती हूँ .
अर्जुन - देख तेरी एहि ब्लैकमेल मुझे पसंद नहीं है.. आरे बाबा में सच बोल राहा हूँ..मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है..
चमकी - लगता है तू मुझे अभी तक बेहेन नहीं समझ राहा है ?
अर्जुन दर्द भरे आवाज़ में - आरे पगली..तेरे लिए जान दे सकती हूं..तू तो मेरी अछि दीदी ओर गर्ल फ्रेंड है..
चुमकी हस के - बदमास लड़का..तू मुझे मस्का मार कर बात को घुमाने की कोसिस कर राहा है.. तुझे मेरी कसम ?
अर्जुन - दीदी तू मुझे कभी कसम मत दिला.. में एक सादी सुदा औरत के साथ अफेयर रख चुका हूँ..
चुमकी गुशे से - रुक , अभी मामा ओर पापा को बताती हूँ..
अर्जुन - दी, तू मेरी अछि दी है ना प्लीज़..
चुमकी - चल नहीं बताती.. आछा उस लेडिस की अमर कितनी होगी ?
अर्जुन फाटक से - 27
चुमकी - o my god.. तू complit सादी सुदा औरत के साथ.. कबसे ?
अर्जुन - जस्ट 10 दिन से ..
चुमकी - तुझे सरम नहीं आया ? और वो औरत को भी सरम नहीं आती..,आपने पति और बचे को धोखा दे रही है ..
अर्जुन - पति का तो पता नहीं पर उसकी अभी तक कोई बचा नहीं है ..
चुमकी - ओ.. इश्का मतलब ..
बीच मे अर्जुन - दी.., तुझे तेरे राज़ का कसम...
चुमकी - सुंदर है क्या ?
अर्जुन कार को रोक कर आपने दोनो हाथ जोड़ के - हाँ मेरी माँ .. काफी सुंदर है ..इस टॉपिक को चेंज तो कर..
चुमकी हस के -एक शर्त पर आज के पार्टी पर तुझे मेरे बॉय फ्रेंड बन कर रहेना होगा.. मेरे कलेज के सारे सहेली पार्टी में होंगे.. तुझे मेरे बॉय फ्रेंड बनकर सब से मिलना होगा..
अर्जुन गुशे से - दीदी में तेरे सगे छोटे भाई हूँ..
चुमकी - so what ? तू भी तो मुझे काल बता राहा था कि तेरे कलेज के सारे दोस्त के सामने में तेरी गर्ल फ्रेंड बनू ?
अर्जुन - दीदी ..वो मेरे दोस्त सब मेरे उमर के है.. हम सब फाटक से आंख देखा सिचुएसन को कैच कर लेंगे..
चुमकी - मेरी भी सारी सहेली सब सादी सुदा है..
अर्जुन - प्लीज् दी..
चुमकी - बोल..अभी भी वक़्त है.. वरना फोन करती हूं.. मिस्टर यसवंत चोपड़ा को ?
अर्जुन एक गहेरा सांस छिड़ के - ठीक है ..
चुमकी - मुझे भिक नहीं चाहिए..पूरा अशाली टाइप के बॉय फ्रेंड लगना चाहिए.. वरना..
बीच मे अर्जुन - हाँ मेरी माँ ..तू मामा ओर पापा को वता देगी ..
चुमकी हस कर - thats like god boy .. ..
चुमकी - राज़. रोक रोक आगेई मेरी पार्टी के प्लेस.
चुमकी ओर अर्जुन कार पार्किंग करके आते आते..
चमकी-अच्छा राज तूने ये सराब पीना कबसे सुरु किया ?
अर्जुन - मुझे माफ़ करदे मेरी माँ .. तुझे पुलिस में होना चाइये..
इतना सुनकर चुमकी दिल खोल कर हसने लगी ... चुमकी इतनी ज़ोर से हस रही थी कि सब चुमकी को देख रहे थे .
अर्जुन को जो चाहिए था.. वो अर्जुन को मिल चुका था..
अर्जुन चाहता था चुमकी दीदी पिछले सारे दर्द को भूल कर फिर से मुस्कुराए..
भले ही चुमकी अर्जुन की सगी बेहेन नहीं थी.. पर अर्जुन के दिमाग पर रूपा मामी ओर यसवंत मामा ने जो प्यार का बिज़्ज फेंक कर अर्जुन को राज चोपड़ा बना चुके थे.. उशी झूटी सान को अर्जुन दिल और दिमाग पर खुद को राज़ चोपड़ा समझ चुका था..
अर्जुन के नज़र में आज पार्क के अंदर जो हादसा हुआ.. जिसमे चुमकी दीदी ओर राज़..दोनो भाई बेहेन मादरजात नंगे खड़े थे..
वही सिचुएसन को अर्जुन भूल नहीं पा राहा था..भले ही चुमकी ये सब को क्या सोचती है.. ये चुकमि को मालूम होगी..पर राज चोपड़ा के नज़र में ये बर्दास्त के बाहर था..
इतने सब होने के बादजूद चुमकी दीदी को खुले दिल से खिल खिला कर हस्ते हुए देख कर अर्जुन के आँखों से खुसी की आँसू निकल गेया..
चुमकी दीदी अभी भी अर्जुन के बात को लेकर ज़ोर ज़ोर से हस रही थी.. चुमकी के आजु बाज़ू चुमकी की सहेलियां आकर चुमकी को देख रहे थे..
अर्जुन खुसी से चुमकी दीदी को आपने सिक्स पैक छाती से भर लिया..
अर्जुन का भाईपन के स्वभाब से चुमकी खुसी खुसी अर्जुन के बाहों में कैद हो गेई...
KABUL HE :- 17
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बन्दना को अर्जुन के बिज़्ज के बुच्चार से पेहेले तो बन्दना को कुछ समझ नहीं आयी.. पर एक घंटे के बाद बन्दना को सब कुछ एहेसास होने लगी..
किस तरह अर्जुन को धोके से चुदवाने केलिये बन्दना ने अपनी गले से मंगल सूत्र के साथ साथ हाथो में सुहागन चुडी तक निकाल कर अनामिका जैसी गेटउप लिया था..
चुदाई के पेहेले बन्दना को अर्जुन ने मदरजात नंगी कर के चोद चुका था..
उतना ही नहीं बन्दना की कान में जो झुमके थे वो भी अर्जुन ने चुदाई के वक़्त निकाल चुका था.. ओर रही बन्दना कि माथे पर सिन्दूर की सुहागन की निसानि.
वो भी बन्दना अर्जुन के ताबड़तोड़ चुदाई से आपनी माथे को अर्जुन के सिक्स पैक छाती से रगड़ रगड़ के मिटा चुकी थी..
अर्जुन के ताबड़तोड़ फायरिंग से ढेर सारे बारूद का गोला.. बन्दना की भंडार को भर चुका था..
बन्दना एहि सब सोच सोच कर अर्जुन के मदरजात नंगे बदन से आपनी मदरजात नंगी बदन को टटोल रही थी..
अर्जुन आपने थकान को ..बन्दना की सरीर से चिपका कर सकून की नींद से मिटा राहा था.. पर बन्दना बहोत कुछ अभी भी सोच रही थी..
2 घंटे के बाद अर्जुन के लन्ड ने बन्दना की चुत के पास आहिस्ता आहिस्ता सर उठाने लगा.. भले ही अर्जुन घोड़े बेच कर सो चुका था.. पर अर्जुन का लन्ड फिर से जाग चुका था..
बन्दना की हल्की फुल्की नींद को अर्जुन के लन्ड ने बन्दना की नींद उड़ा चुका था.. बन्दना ने थोड़ी सी स्माइल करके अर्जुन के चेहरे पर हल्की की चुम्बन जड़ कर अर्जुन को आपनी बॉहों में भर कर सोने लगी..
पर अर्जुन के लन्ड खड़ा हो कर बन्दना की चुत के उपर दस्तक दे राहा था..
बन्दना ऐसे ही कुछ देर अर्जुन को आपनी बाहों में चिपकाने के बाद ..खुद अर्जुन बन्दना को छोड़ कर पीठ के बल लेट गेया..
बन्दना हस है अर्जुन को सोने दिया पर बन्दना की हाथ अनजाने मे अर्जुन के लन्ड के उपर आगेई..
बन्दना आपनी मन में - बदमाश क्या खाता है .. अभी 2 घाटे पेहेली तो मेरी हड्डी पसली को एक कर दिया था.. ओर ये सैतान(लन्ड) भी अभी भी जाग राहा है..
इतना सोच के बन्दना ने लन्ड को आपनी मुठी मे कस ली.. उंगली की मुलायम नाज़ुक एहेसास से लन्ड ठुमका मारने लगा..
बन्दना अपनी दिल से एक सकून भारी स्माइल लेकर - मेरा करन तो सो चुका है पर करन का धनुष कमान पर तीर जोड़ कर खड़ा है..
बन्दना आपने आपसे लन्ड को सहलाती हुई - सैतान तेरा मन नहीं भरा क्या ? तूने तो मुझे एक राउंड मैं मुझे पागल कर दिया है.. में ज़िंदगी मे कभी नहीं सोची थी कभी में लन्ड को आपनी मुँह के अंदर कभी लुंगी..
तब बन्दना आपने दिमाग से - जब मुझे लन्ड चुसने से घिन आती थी.. ओर अब जब मज़बूरी से लन्ड चूसते चूसते लन्ड का मज़ा मिल रही थी .तब करन ने मेरे मुँह से लन्ड को निकाल दकर मेरी अधूरी प्यास को बुझाने मे मदत नहीं किया.. क्यों ना में करन के लन्ड को चूस कर मज़ा लूं.. ओर करन को पता भी ना चले..
इतना सोच कर बन्दना ने उठ कर बैठ गेई.. ओर आपनी मुँह को अर्जुन के मोटे सुपडे के पास ले गेई..
सुपडे से आ रही खुसबू से बन्दना इश बार दीवानी हो गेई.. अब एहि बदबू बन्दना को खूब अछि लगने लगी थी..
बन्दना अहिस्ता अहिस्ता सुपडे को मुँह के अंदर भरने लगी.. बन्दना बड़े प्यार से सुपडे को चूमते चूमते चुसने लगी..
लन्ड को चूसते चूसते बन्दना आपनी मन मे - इस नाज़ायज़ रिस्ते को में डर रही थी..जब खुद रूपेश ने मुझे करन से मिलन करवा चुके है.. तब करन ओर मेरे बीच एक अनोखा रिश्ता बांध चुका है.. भले ही दुनिया के नज़र में रूपेश चौहान मेरा पति है.. पर ये बन्दना (चौहान) चोपड़ा की नज़र में करन मेरा असली पति है..
अनामिका की प्रेगनंट को देख कर बन्दना को 100% कन्फर्म थी कि करन के बिज़्ज से बन्दना ज़रूर प्रेगनंट हो जाएगी..
पर बन्दना की डॉक्टरी दिमाग से सिर्फ एक बार चुदाई से कोई प्रेगनंट नहीं हो जाती.. प्रेगनंट होने केलिये बार बार चुदाई बहोत ज़रूरी है...
एहि सोच कर बन्दना लन्ड को जी जान से चूस रही थी.. बन्दना की मुँह के गर्मी से अर्जुन का नींद टूट चुका..
अर्जुन फाटक से बन्दना को अनामिका सोच कर बन्दना को आपने उपर खिंच कर ..बन्दना की रेशमी मुलायम गाल पर एक लंबा चुम्बन जड़ दिया..
अर्जुन के प्यार भरे चुम्बन ने बन्दना की पूरी सरीर के अंदर खलबली मच गेई.. बन्दना भी सब कुछ भूल कर अर्जुन के सिक्स पैक बॉडी के अन्दर सिमट गेई..
अर्जुन अनामिका समझ कर बन्दना को रंगीन मुज़ाज़ से रोमांस करने लगा.. बन्दना भी अर्जुन को सब कुछ मान कर अर्जुन के हर रोमान्स का जबाब देती रही..
दोनो रात के अंधेरे के सेनाटे में बिल्कुल नंगे होकर एक दूसरे के सरीर के साथ खेल रहे थे..
कभी अर्जुन ने बन्दना की चिकनी चुत को बड़े प्यार से चूस लेता था तो कभी बन्दना ने अर्जुन के सुपडे को मज़ाक मज़ाक के हल्की सी काट कर तेज़ तेज़ चूमती थी...
बन्दना को अब यकीन हो गेई थी कि ..अनामिका क्यों करन की तारीफ कर रही थी.. वाकई करन तारीफ का काबिल था.. करन का हर टाइप के प्यार में जादू था ..रोमांस से लेकर चुदाई तक करन के अंदर वो जादू था.. जो बन्दना की आत्मा को खरीद लिया था..
खास करके अर्जुन का जीव जब बन्दना की कान के अंदर घूमता था.. तो बन्दना बेचैन हो जाती थी..
एहि पर्सनाल्टी के वाज़ा से बन्दना आपने दिमाग से - अब मुझे भी करन के साथ अनामिका जैसी खुलम खुला प्यार करना पड़ेगा.. पर करन तो अच्छा लड़का है..
बन्दना आपनी मन से - जब से अनामिका को करन से चुदाई करते हुए देखी हूँ ..तब से में भी अर्जुन के करीब आने की कोसिस कर चुकी हूँ.. पर ये बदमाश मेरी तरफ नज़र उठा कर एक भी बार नहीं देख राहा है..
बिचारि बन्दना की क्या मालूम कि अर्जुन के लन्ड खड़े होते ही अनामिका ने तुरंत सारे रस को आपनी बच्चेदानी के अंदर भर लेती थी..
जब मर्द के अंदर गर्मी नहीं रहेगा तो मर्द लन्ड के दिमाग से क्यों सीचेगा ?
इशिलिय अर्जुन के नज़र में सिर्फ अनामिका थी.. वेसे अनामिका भी स्वर्ग लोक की पारी जैसी थी..
बन्दना आने वाले समय पर अर्जुन को आपनी हमसफ़र बनाना चाहती थी पर इश केलिये कौन सा प्लान इस्तमाल करेगी.. ये idea बन्दना की दिमाग पर नहीं बैठ रही थी..
फीलहाल अर्जुन बिस्तर के ऊपर बन्दना को पीठ के बल लेटा कर दूसरे बार चुदाई का प्रोग्राम सुरु कर चुका था..
इश बार दोनो बड़े मजे से चुदाई के अदभुद आनंद लेने लगे थे..
बन्दना देख ओर समझ चुकी थी कि अर्जुन कैसे अनामिका को रोज़ चुदाई करता था..
बन्दना वही स्टाइल से अर्जुन को प्यार करने के साथ साथ चुदाई की सुख दे रही थी..
कभी ज़ोर से तो कभी आहिस्ते के चुदाई से बन्दना अर्जुन को दिल से साथ देने लगी ..
तब अर्जुन ने बन्दना की नंगी कान को चूमते हुए आहिस्ते से - अनु मेरी जान आज की चुदाई सब से अलग है..आज के चुदाई मुझे हमेसा याद रहेगा.. आज तेरी चुत चुदाई मुझे पागल कर दिया है..
इतना सुनते ही बन्दना की मन खुसी से झूम उठी.. बन्दना सोचने लगी सायद मेरे से अर्जुन को सन्ति मिल रही है.. मेरी चुत में वो मज़ा है जो अनामिका की चुत में नहीं है.. इसिलये तो करन ने आज की चुदाई को तारीफ कर रहे हे..
पर बन्दना को क्या मालुम थी कि..अर्जुन चुदाई के वक़्त हमेसा एहि डायलॉग बोलता है..
बन्दना खुल कर सिसकारी छोड़ने लगी.. फिर कुछ देर के बाद दोनोने एक साथ बुरी तरह से झड़ने लगे...
फिर भोर भोर में एक बार ओर चुदाई का खेल ..खेल कर अर्जुन अंधेरे में आपने कपड़े पेहेन कर जाने लगा..
बन्दना चहिती थी कि ..कुछ भी ही जाए ...बन्दना अर्जुन को घर के दरवाजे तक छोड़कर कर आ जाये.. पर बन्दना की सरीर काफी थकी हुई थी.. ओर साथ साथ बन्दना की हिमत भी नहीं हो रही थी...
अर्जुन अपना मोबाइल अनामिका के पास छोड़ कर जा चुका था.. अर्जुन को मोबाइल लेना कोई ज़रूरत नहीं था.. क्यों कि अर्जुन के मोबाइल पर सिर्फ अनामिका ने ही फोन करती थी..
वेसे मोबाइल छोड़ कर जाना ये कोई नई बात नहीं था...
सुबह 10 बजे अनामिका आपनी कलेज के अंदर अकेली थी.. आज ना अर्जुन कलेज आया था ना बन्दना..
इधर अनामिका के घर पर बन्दना सारी रात की 3 बार चुदाई ओर रात भर की नींद को ..अनामिका के बिस्तर पर मिटा रही थी..
उधर अर्जुन भी आपने नींद ओर चुदाई के थकान को आपने बिस्तर पर मिटा राहा था..
दिन के 12 बजे बन्दना ने बिस्तर से उठकर बाथरूमके अंदर घुस गेई.. रात भर भी मीठी मीठी दर्द बन्दना की तन बदन पर अभो भी महसूस हो रही थी..
अर्जुन के याद में बन्दना को पता नहीं चला कि कब बन्दना ने आपनी बिर्थरूम के काम करदी..
जब बन्दना नाहा कर आईने के सामने खड़ी हुई तब बन्दना खुद को देख कर हैरान हो गेई..
बन्दना की सकल बदल चुकी थी.. ना हाथ मे चुडी , ना माथे पर सिंदूर , ओर ना ही गले मे मंगल सूत्र..
इधर अर्जुन उठकर आपने काम करके सीधा आपने घर(चोपड़ा) निकल गेया..
जब अर्जुन घर के अंदर घुसा तब रूपा मामी ओर चुमकी दिदी ..दोनो माँ बेटी खाना खा रहे थे..
अर्जुन भी बिना कुछ बोले उनके साथ खाना खाने लगा..
रूपा - राज़ बेटा , काल तेरे गर्ल फ्रेंड को लेकर तू किसी रेस्टुरेंट पर गेया था..
बीच मे अर्जुन - माँ ..
बीच मे चुमकी अर्जुन को टोकती हुई- राज़., माँ नहीं मामा..
अर्जुन हसके - जानती है मामा ..जब में दीदी को लेकर अंदर घुसा तब हमें सभी कपल समझने लगे.. बापरे ..मुझे ऐसी मोहाल के अंदर जाना नहीं चाहिए...
चुमकी - आज कौनसी रेस्टुरेंट पर जाना है ?
अर्जुन चुमकी को हाथ जोड़ कर - माफ करदे मेरी माँ..
फिर थोड़ी हसी मज़ाक करके अर्जुन आपने क्वाटर पर आ गेया.. अर्जुन आपने पढ़ाई पर ध्यान देकर पढ़ाई करने लगा..
4 बजे अनामिका ने जब कलेज से घर वापस आयी तब..
अनामिका हस के - बनी कैसा राहा काल रात की प्रोग्राम ?
बन्दना थोड़ी सरमा कर - अनु .. बदमास करन ने मुझे रात भर सोने नहीं दिया..
अनामिका हस के - एहि तो है मेरे करन का पर्सनाल्टी ..
बन्दना आंख चौड़ी कर के - तेरा करन ?
अनामिका स्माइल के साथ - हमारा करन..
बन्दना - य हुई ना बात.. जानती है.. बदमास ने पूरे तीन बार.. मुझे लगता है अगर ऐसे ही चलता रहा तो एक हफ्ते के अंदर..
बीच मे अनामिका - पर मेरी सासु माँ तो काल आने वाली है.
इतना सुनते ही बन्दना मायूसी होकर - ooh no.. अब क्या करेंगे ?
अनामिका - बनी कुछ ऐसा करते है..
बन्दना बीच मे - जो भी करना है आज..
फिर अनामिका ने एक idea देने लगी.. जिस से सुनकर बन्दना भी खुस हुई..
बन्दना खुसी से - रुक में रूपेश को फोन कर देती हूं..
फिर बन्दना ने रूपेश को फोन पर - रूपेश जी.. में कुछ दिन अनामिका के साथ हूँ.. आज से वो इंजेक्शन को में आपनी बच्चेदानी के अंदर छोड़ने वाली हूँ.. इशिलिय मुझे अनामिका के साथ रहना पड़ेगा.. अगर सासु माँ पूछेगी तो आप उन्हें बता दीजिए कि में कुछ दिन कलेज से छुटी लेकर आपके साथ हूँ..
रूपेश हस के - कोई बात नहीं.. next month तुमारी बर्थडे है.. मुझे खुस खबरी मिलनी चाहिए..
बन्दना हस के - ओक ..
फिर प्लानिंग के मुताबिक अनामिका पेहेले बाजार और उसके बाद सीधा अर्जुन के घर...
पढ़ाई के वक़्त अनामिका ओर अर्जुन के बीच चुदाई के बात चीत नहीं होती थी..
एहि पर्सनाल्टी के वाज़ा से अनामिका के दिल पर अर्जुन राज़ करता था..
जब पढ़ाई खतम हुया तब अर्जुन ने अनामिका को वही दबोच लिया.. पर अनामिका को जो चाहिए था.. वो तो अनामिका को मिल चुकी थी.. इशिलिय अनामिका ने अर्जुन को आपने उपर से उठा कर एक सेक्सी नाईट गाउन दिखाने लगी...
अर्जुन खुसी से - अनु मेरी जान , अभी पेहेन कर दिखाओ ना ?
अनामिका हस के - मेरे भोले सनम.. में काफी देर से तुम्हे पढ़ा पढ़ा कर ऑलरेडी लेट हो चुकी हूं... मेरी सासु माँ अब प्रोबोचन सुन ने जाने वाली है ..6 से 8 बजे तक.. मुझे अभी अभी निकलना है...
अर्जुन - तो फिर 6 से 8 एक गेम शो हो जाये ओ भी तुम्हारे घर मे ?
अनामिका - not bad idea ..पर समय ठीक नहीं है.. कोई भी आ सकता है .खास करके प्रफेसर बन्दना माम्..
अर्जुन गुशे में - बन्दना माम् की मा की चुत.. देखो अनु .. तुम्हे इस गाउनपेहेन कर तुम्हरे घर के अंदर ..मुझे तेरे साथ एक दमदार चुदाई चाहिए..
अनामिका कुछ सोच कर - ऐसा करते है.. तुम ठीक 6.15 pm पर हमारे छत के ऊपर बलकुनी के गैलेरी पर आ जाना..में वही खड़ी हो कर तुम्हे सैटिस्फैक्शन दे दूँगी..
अर्जुन हस के - वाऊ..ये हुई ना बात.. में बराबर टाइम पर पहोंच जाऊंगा..
इधर अनामिका फटाफट घर पर आ कर - बनी ..प्लान के मुताबिक सब सेटिंग हो चुका है .अब तुझे आगे बढ़ना है.. अभी सिर्फ 30 मिनट बाकी है..
फिर बन्दना ने अनामिका के लायी हुई गाउन को पेहेन कर तैयार हो जाती..
अनामिका - देख अनु , थोड़ा प्यार से वरना करन को समझाना भारी पड़ जाएगी ..
बन्दना - ओके..
फिर अर्जुन वादे के अनुसार 6: 05 को अनामिका के घर के नीचे आ चुका था..
अनामिका फ़ोन पर - बनी ..करन छत के उपर चढ़ राहा है ..तू आपनी पोजीसन ले ले..?
बन्दना फाटक से गैलेरी पर खड़ी हो के बाहर को देखने लगी.. अर्जुन छत के सीढ़ी चढ़ते चढ़ते गैलेरी पर आकर अनामिका समझ कर बन्दना की पीछे खड़ा हो चुका था..
अर्जुन बड़े प्यार से बन्दना की गाँड़ को सेहेलाने लगा.. पर बन्दना ने फ़ोन पर बात करने नाटक करती हुई आपनी हाथ को पीछे लाकर झटका दे रही थी..
अर्जुन गुशे से ऐसे ही कुछ सेकंड खड़ा राहा.. बन्दना धीरे से आपनी छोटी गाउन को पीछे से हल्की ऊपर उठा दी..
गाउन छोटी थी ..इशिलिय बन्दना की गाँड़ ओर चुत पीछे से अर्जुन को दिखाई देने लगी..
प्लान के मुताबिक बन्दना झुकी हुई थी.. झुकने से चुत की ढकन ओर ढकन के बीच छोटी सी लाल सुरंग भी दिख रही थीं..
अर्जुन के इश सिचुएसन को देख कर हस्ते हुए लन्ड को बाहर निकल दिया..
लन्ड के उपर ढेर सारे थूक लगा कर अनामिका समझ कर बन्दना की चुत के अंदर लुंड को "पच " घुसा दिया..
चुत काल रात के 3 बार चुदाई से भी थोड़ी सिकुड़ चुकी थी..फिर भी लन्ड 5 इंच तक अंदर घुस गेया..
जैसे ही लन्ड चुत के अंदर घुसा ..वेसे ही बन्दना आंखे फाड़ कर पीछे मूड कर देखने लगी..
बन्दना ओर अर्जुन के 2/2 आंख चार हो चुका था..अर्जुन का सांस रुक चुका था..
अर्जुन डरके मारे थर थर कांप राहा था.. अर्जुन के सिक्स पैक सरीर पर जान नहीं था..
बन्दना प्लानिंग के मुताबिक अर्जुन को गुशे से देखने लगी..तब अर्जुन फाटक से लन्ड को बाहर निकल दिया..
अर्जुन मुज़रिम की तरह वही खड़ा रहने लगा..ठीक उशी वक़्त अनामिका आकर..
अनामिका हस के - mr करन..
इतना बोलकर अनामिका अनजान बनकर करन को नीचे जाने को इसारा किया.. जैसे ही करन जाने लगा तब..
बन्दना - करन तुम किसी लिए इधर आये थे ?
इतना सुनते ही अर्जुन के डर और बढ़ने लगा.. अर्जुन जिस अंदाज से लन्ड को चुत के अंदर घुसाया था..उस से साफ पता चलता है ..अर्जुन ज़रूर अनामिका के साथ सेक्स रेलेसन है..
एहि सोच कर अर्जुन - माम्..में अनामिका माम् के पास स्टडी करने आया था..
अनामिका हस के - हाँ बन्दना जी.. करन अच्छा स्टूडेंट है.. इशिलिय में करन को पर्सनल पढ़ाती हूँ..
बन्दना गुशे से अर्जुन को घूर के - हाँ में जान चुकी हूं.. वेसे आज कौनसा सब्जेक्ट पढ़ने वाली थी .?
अनामिका हस के - the humans parts of body function.
बन्दना गुशे से अर्जुन को घूर घूर के - अच्छा पढ़ाई कर रहा है..
अनामिका - बन्दना जी.. मुझे अभी अभी फोन आया था.. मुझे अर्जेंट मेरी सासु माँ को सतसंग से लेने जाना है.. अगर आप बुरा ना माने तो आज के टॉपिक आप करन को थोड़ा पढ़ा देंगे ?
बन्दना नाक को फुला कर - ठीक है.. लेकिन सिर्फ एक घंटे ..
अनामिका - thank you ..
अनामिका जाने के बाद अर्जुन को बन्दना ने स्टडी रूम पर लेकर..
बन्दना गुशे से - कबसे चल राहा है ?
अर्जुन डरते डरते - क्या ?
बन्दना - ज्यादा उड़ने की कोशिस मत करो करन ...में क्या पूछ रही हूँ ..तुम्हे अच्छे से मालूम है..
अर्जुन - सॉरी माम्...
बन्दना - बोलते हो या में दूसरे तरह से पूछूं ?
अर्जुन डरते डरते - 2 महीने से ..
अर्जुन को काफी डरा हुआ देख कर बन्दना ओर ज्यादा कूछ पूछा ही नहीं..
फिर बन्दना ने अर्जुन को पढ़ने लगी. बन्दना उपर उपर से नर्माल दिखाई देती थी...पर अर्जुन काफी डरा हुआ था..
बन्दना -अब तुम इश टॉपिक को रिवाइज करो में थोड़ा रेस्ट करती हूं..
इतना बोलकर बन्दना वही अर्जुन के सामने सोफे के ऊपर आंख बंद करके सोने की एक्टिंग करने लगी..
अर्जुन भी डरते डरते पढ़ाई पर ध्यान देने लगा.. पर बन्दना की छोटी गाउन से बन्दना की गोरी चिकनी जंघ पूरी नंगी थो..
Thanks bhai3no update jabardast hai Bhai and action bhi jabardast tha
Ek taraf Rupa Maa ke andar Kuch2 ho ra hai to dusri taraf chumki Di ke andar bohot Kuch ho ra hai....
Aur Ab hogi Bani ki thukai shuru filhal Dekhte hai party Mai kaisa dhamal hota hai
Thanks bhaiawesome fabulous update
chumki Raj ki condition ab change hogi
keep posting