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Shayari Kavita-sayri

Raj_sharma

यतो धर्मस्ततो जयः ||❣️
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देशी बालक हैं ब्रो, यहाॅ जिगरे चलते है,
नही चलती कोई बकवास :nono:
ओर अपनी अकड़ ले कर आ जाइयो,
ईलाज है हमारे पास। :roll3:
 
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Raj_sharma

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naughty dentist

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जब रूबरू आ ही गया, इक फूल सा चेहरा,
इक कली पे माना, शबाब आया था,
सर्द हवा के झोकों ने, झंझकोर के रख दिया,
फूलों की बस्ती में, एक सैलाब आया था,
अब क्या कहै उस दीदार की प्यासी चकोरी को,
के अपने चांद पर, प्यार उसे बेहिसाब आया था‌‌ ।। (राज) उर्फ के़ के़

:writing:
Waah waah waaah
 

Raj_sharma

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Raj_sharma

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मिल सके जो आसानी से
उसकी ख्वाहिश किसे है
जिद्द तो उसकी है जो
मुकद्दर में लिखा ही नहीं है।​

 

Raj_sharma

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परवाने को शमा पर जलकर
कुछ तो मिलता होगा
यूं ही मरने के लिए कोई
मोहब्बत नहीं करता...​

 

Raj_sharma

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दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद, वक्त-बेवक्त मेरा नाम लिया करते हैं।
मेरी गली से गुजरते हैं छुपा के खंजर, रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं।​

 

Raj_sharma

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कभी हम पर वो जान दिया करते थे
जो हम कहते थे, मान लिया करते थे
अब पास से अनजान बनकर गुजर जाते हैं
जो कभी दूर से ही हमें पहचान लिया करते थे​

 

Raj_sharma

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इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी, जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में।🤔

 

Raj_sharma

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हम तो मजाक में भी किसी को
दर्द देने से डरते हैं
न जाने लोग कैसे सोच-समझकर
दिलों से खेल जाते हैं​

 
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