"हां अच्छा तो मुझे भी बहुत लगता लेकिन फिलहाल ये सही मौका नही
है" राज ने कहा तो नेहा ने उसके लंड को छोड़ दिया और फिर अलमारी से
नॅपकिन्स निकालने लगी जिसके लिए वो किचिन मे आई थी... फिर राज की
ओर मुस्कुरा कर देखते हुए वो हंसते हुए किचन से चली गयी.
अपनी हालत पर काबू पाने मे राज को थोड़ा वक्त लगा.. और जब उसका
लंड थोड़ा शांत हुआ तो वापस लिविंग रूम मे आ गया.
राज ने देखा कि तीनो लड़कियों ने महीन बिकनी पहन रखी है और सब बाहर वारंडे मे धूप का मज़ा ले रही है.. रवि वहीं एक कुर्सी पर बैठा बियर के घूँट ले रहा था. राज जैसे ही सोनिया और स्वीटी के बगल से निकला तो सोनिया की आँखे तो उसकी जांघों के बीच ही ठहर गयी. "स्वीटी क्या तुम्हे भी वही दीखाई दिया जो मैने देखा?" सोनिया ने धीरे से स्वीटी के कान मे कहा. "तुम्हारा कहने का मतलब क्या है?" स्वीटी ने पूछा. "यार राज के लंड का उभार देखा... अब ये मत कहना कि तुम्हारी निगाह वहाँ नही पड़ी" सोनिया ने खिलखिलाते हुए कहा. "अच्छा तो वो" सच मे मेने भी देखा.... सही मे बहुत ही मोटा और लंबा है" स्वीटी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. "आज बहुत दिनो के बाद मुझे किसी के लंड की तमन्ना हो रही है.. और राज का लंड देखने के बाद तो दिल मे हलचल मचने लगी है" सोनिया ने कहा. "सच कह रही हो.. वरना क्या तुम्हे लड़के पसंद नही है क्या?" स्वीटी ने पूछा. "हां सच मे.. वरना मुझे लड़कों मे कम ही दिलचस्पी रहती है... लेकिन आज ना जाने क्या हो गया.. लेकिन राज मेरा भाई है में उसके लिए इस तरह नही सोच सकती" सोनिया ने जवाब दिया. स्वीटी सोनिया को देखे जा रही थी और सोच रही थी कि क्या उसे प्रीति राज और खुद के रिश्ते के बारे मे इसे बताना चाहिए या फिर समय का इंतेज़ार करना चाहिए. शमा राज के बगल मे एक कोने मे बैठी अपनी ड्रिंक से सीप ले रही थी, "क्या बात है राज इतने सुस्त क्यों हो?" शमा ने पूछा... "सुस्त नही रहूं तो क्या करूँ... इतनी चूते मेरे अगल बगल मे है और में हूँ की अपने इस लंड को शांत करने के लिए कुछ नही कर पा रहा हूँ." राज ने अपने खड़े लंड पर हाथ रखते हुए कहा. "ओह तो ये तो बहुत बुरी बात है" कहते हुए शमा ने उसके खड़े लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ा और मसल्ने लगी. "तुम्हे पता है ना राज मुझे कितने दिन हो गये इस लंड को अपनी चूत मे लिए.. " कहकर शमा उसके लंड को और जोरों से मसल्ने लगी.. राज का लंड अब और तन कर खड़ा हो गया था.. "हां शमा तुम सच कह रही हो.. और मुझे लगता है कि हमे कुछ करना चाहिए." राज ने कहा और चारों तरफ निगाह घूमा सबसे बचकर उसकी चुचियों को मसल दिया. तभी राज ने देखा कि उसके मामा अश्विन और रवि उन्ही की ओर आ रहे है तो उसने झट से शमा के हाथ को अपने लंड से अलग किया और अपना हाथ भी उसकी चुचियों से हटा दिया. रात को सभी ने मिलकर साथ मे खाना खाया और अब इस बात पर बहस होने लगी कि कौन कहाँ सोएगा.... आख़िर ये तय हुआ कि सोनिया स्वीटी के साथ, प्रीति शमा के साथ, राज और रवि लिविंग रूम मे सोएंगे.. और देव और वसुंधरा मोहन और नेहा के रूम मे ज़मीन पर सोएंगे और अश्विन और नीता मोहन के स्टडी रूम मे. प्रीति तो दौड़ कर शमा के रूम मे गयी और बिस्तर पर चढ़ लेट गयी.. उसकी तो चूत मे दोपहर से ही आग लगी हुई थी और आज वो अपनी इस अगन को शमा के साथ बुझाना चाहती थी... जैसे ही शमा उसके बगल मे बिस्तर पर आई तो प्रीति अपने हाथ को उसके बदन पर फिराने लगी. दोनो लड़कियाँ अपने सारे कपड़े उतार कर बिस्तर पर थी और जैसे ही प्रीति की उंगीयों ने शमा के नंगे बदन को छुआ तो उसे शरीर मे एक सिरहन से दौड़ गयी... "उम्म्म तुम्हारे निपल कितने टाइट और खड़े है..." प्रीति ने उसकी निपल को भीचते हुए उसके कान मे कहा... शमा ने भी उसका साथ देते हुए उसकी नंगी चुचियों को सहलाने लगी और अपने होठों को उसके होठों पर रख अपनी जीब उसके मुँह मे दे दी... प्रीति भी अपनी उंगलियों को उसके बदन पर घूमते हुए नीचे की ओर ले जाकर उसकी गरम चूत पर फिराने लगी फिर धीरे से उसकी चूत का मुँह खोल उसने अपनी दो उंगलियाँ शमा की चूत मे घुसा घूमाने लगी... "उम्म्म ऑश हाां" शमा सिसक पड़ी.. वहीं स्वीटी के कमरे मे स्वीटी सोनिया से पूछ रही थी कि उसे लड़कों मे दिलचस्पी क्यों कम थी और लड़कियों के साथ उसे क्यों मज़ा आता है... सोनिया उसकी बातों का जवाब दे रही थी और स्वीटी खुद अपनी चुचियों को मसल्ते हुए बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रही थी. "स्वीटी अब तुम अपने बारे मे बताओ... क्या तुमने भी कभी किसी लकड़ी के साथ सेक्स किया है या फिर सिर्फ़ उत्सुकता वश मुझसे पूछ रही हो?' सोनिया ने अपनी बात ख़तम कर स्वीटी से पूछा. "मज़ा ही नही लिया बल्कि मुझे तो लड़कियों का साथ बहुत अच्छा लगता है.." स्वीटी ने जवाब दिया... "ये तो बहुत अच्छी बात है.. फिर तो तुम्हे मेरे साथ सेक्स का खेल खेलने मे कोई तकलीफ़ नही होनी चाहिए.. तुम तो जानती हो कि में यहाँ एक हफ़्ता रुकने वाली हूँ और एक हफ़्ता बिना सेक्स के गुज़ारना मेरे लिए तोड़ा मुश्किल है.. प्लीज़ मेरी मदद करोगी ना?" सोनिया ने पूछा. "अरे सोनिया मुझे तो बहुत खुशी होगी.. तुम्हे पता है जब हॉल मे तुम कुर्सी पर अपनी टाँगे फैलाए बैठी थी मेरा दिल मे तो उसी वक्त आया था कि तुम्हारी टॅंगो के बीच आ कर तुम्हारी चूत खूब जोरों से चूस लूँ." स्वीटी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. स्वीटी की बात सुनकर सोनिया तुरंत उस पर चढ़ गयी और अपनी टाँगे आगल बगल मे डाल उसने अपने होंठ स्वीटी के होठों पर रख दिए और उन्हे चूसने लगी... स्वीटी ने भी उसका साथ दिया और अपनी जीब को उसके मुँहे मे घुसा दी... सोनिया अब अपनी खुद की जीब उससे मिला चूसने लगी... स्वीटी के हाथ सोनिया के बदन पर रेंगने लगे...उसने उसकी कठोर चुचियों को अपनी हथेली मे भर मसल दिया... "ओह आआआः ऊऊऊऊहह" सोनिया सिसक पड़ी. स्वीटी दिल खोल कर सोनिया के चुचियों से खेलने लगी...सोनिया की चुचियों भी प्रीति की चुचियों की तरह काफ़ी कसी और कठोर थी... वो उसके निपल को भींचने लगी फिर अपने होठों को सोनिया के मुँह से अलग कर वो उसके निपल को चुलबुलाने लगी... सोनिया ने अपनी चुचि को और उसके मुँहे मे घुसेड दी... लिविंग रूम मे राज की आँखो से नींद कोसों दूर थी.. उसका लंड पूरी तरह तन्नाया हुआ था और उसकी आँखों के आगे बार बार कभी प्रीति का चेहरा तो कभी स्वीटी का और फिर कभी उसकी प्यारी ममेरी बेहन सोनिया का.. इस परिवार मे सिर्फ़ उसकी मामी और सोनिया ही थी जिसे उसने नही चोदा था... शायद तकदीर उसका साथ दे और उसे ये करने का मौका मिल जाए..
है" राज ने कहा तो नेहा ने उसके लंड को छोड़ दिया और फिर अलमारी से
नॅपकिन्स निकालने लगी जिसके लिए वो किचिन मे आई थी... फिर राज की
ओर मुस्कुरा कर देखते हुए वो हंसते हुए किचन से चली गयी.
अपनी हालत पर काबू पाने मे राज को थोड़ा वक्त लगा.. और जब उसका
लंड थोड़ा शांत हुआ तो वापस लिविंग रूम मे आ गया.
राज ने देखा कि तीनो लड़कियों ने महीन बिकनी पहन रखी है और सब बाहर वारंडे मे धूप का मज़ा ले रही है.. रवि वहीं एक कुर्सी पर बैठा बियर के घूँट ले रहा था. राज जैसे ही सोनिया और स्वीटी के बगल से निकला तो सोनिया की आँखे तो उसकी जांघों के बीच ही ठहर गयी. "स्वीटी क्या तुम्हे भी वही दीखाई दिया जो मैने देखा?" सोनिया ने धीरे से स्वीटी के कान मे कहा. "तुम्हारा कहने का मतलब क्या है?" स्वीटी ने पूछा. "यार राज के लंड का उभार देखा... अब ये मत कहना कि तुम्हारी निगाह वहाँ नही पड़ी" सोनिया ने खिलखिलाते हुए कहा. "अच्छा तो वो" सच मे मेने भी देखा.... सही मे बहुत ही मोटा और लंबा है" स्वीटी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. "आज बहुत दिनो के बाद मुझे किसी के लंड की तमन्ना हो रही है.. और राज का लंड देखने के बाद तो दिल मे हलचल मचने लगी है" सोनिया ने कहा. "सच कह रही हो.. वरना क्या तुम्हे लड़के पसंद नही है क्या?" स्वीटी ने पूछा. "हां सच मे.. वरना मुझे लड़कों मे कम ही दिलचस्पी रहती है... लेकिन आज ना जाने क्या हो गया.. लेकिन राज मेरा भाई है में उसके लिए इस तरह नही सोच सकती" सोनिया ने जवाब दिया. स्वीटी सोनिया को देखे जा रही थी और सोच रही थी कि क्या उसे प्रीति राज और खुद के रिश्ते के बारे मे इसे बताना चाहिए या फिर समय का इंतेज़ार करना चाहिए. शमा राज के बगल मे एक कोने मे बैठी अपनी ड्रिंक से सीप ले रही थी, "क्या बात है राज इतने सुस्त क्यों हो?" शमा ने पूछा... "सुस्त नही रहूं तो क्या करूँ... इतनी चूते मेरे अगल बगल मे है और में हूँ की अपने इस लंड को शांत करने के लिए कुछ नही कर पा रहा हूँ." राज ने अपने खड़े लंड पर हाथ रखते हुए कहा. "ओह तो ये तो बहुत बुरी बात है" कहते हुए शमा ने उसके खड़े लंड को अपनी मुट्ठी मे पकड़ा और मसल्ने लगी. "तुम्हे पता है ना राज मुझे कितने दिन हो गये इस लंड को अपनी चूत मे लिए.. " कहकर शमा उसके लंड को और जोरों से मसल्ने लगी.. राज का लंड अब और तन कर खड़ा हो गया था.. "हां शमा तुम सच कह रही हो.. और मुझे लगता है कि हमे कुछ करना चाहिए." राज ने कहा और चारों तरफ निगाह घूमा सबसे बचकर उसकी चुचियों को मसल दिया. तभी राज ने देखा कि उसके मामा अश्विन और रवि उन्ही की ओर आ रहे है तो उसने झट से शमा के हाथ को अपने लंड से अलग किया और अपना हाथ भी उसकी चुचियों से हटा दिया. रात को सभी ने मिलकर साथ मे खाना खाया और अब इस बात पर बहस होने लगी कि कौन कहाँ सोएगा.... आख़िर ये तय हुआ कि सोनिया स्वीटी के साथ, प्रीति शमा के साथ, राज और रवि लिविंग रूम मे सोएंगे.. और देव और वसुंधरा मोहन और नेहा के रूम मे ज़मीन पर सोएंगे और अश्विन और नीता मोहन के स्टडी रूम मे. प्रीति तो दौड़ कर शमा के रूम मे गयी और बिस्तर पर चढ़ लेट गयी.. उसकी तो चूत मे दोपहर से ही आग लगी हुई थी और आज वो अपनी इस अगन को शमा के साथ बुझाना चाहती थी... जैसे ही शमा उसके बगल मे बिस्तर पर आई तो प्रीति अपने हाथ को उसके बदन पर फिराने लगी. दोनो लड़कियाँ अपने सारे कपड़े उतार कर बिस्तर पर थी और जैसे ही प्रीति की उंगीयों ने शमा के नंगे बदन को छुआ तो उसे शरीर मे एक सिरहन से दौड़ गयी... "उम्म्म तुम्हारे निपल कितने टाइट और खड़े है..." प्रीति ने उसकी निपल को भीचते हुए उसके कान मे कहा... शमा ने भी उसका साथ देते हुए उसकी नंगी चुचियों को सहलाने लगी और अपने होठों को उसके होठों पर रख अपनी जीब उसके मुँह मे दे दी... प्रीति भी अपनी उंगलियों को उसके बदन पर घूमते हुए नीचे की ओर ले जाकर उसकी गरम चूत पर फिराने लगी फिर धीरे से उसकी चूत का मुँह खोल उसने अपनी दो उंगलियाँ शमा की चूत मे घुसा घूमाने लगी... "उम्म्म ऑश हाां" शमा सिसक पड़ी.. वहीं स्वीटी के कमरे मे स्वीटी सोनिया से पूछ रही थी कि उसे लड़कों मे दिलचस्पी क्यों कम थी और लड़कियों के साथ उसे क्यों मज़ा आता है... सोनिया उसकी बातों का जवाब दे रही थी और स्वीटी खुद अपनी चुचियों को मसल्ते हुए बड़े ध्यान से उसकी बात सुन रही थी. "स्वीटी अब तुम अपने बारे मे बताओ... क्या तुमने भी कभी किसी लकड़ी के साथ सेक्स किया है या फिर सिर्फ़ उत्सुकता वश मुझसे पूछ रही हो?' सोनिया ने अपनी बात ख़तम कर स्वीटी से पूछा. "मज़ा ही नही लिया बल्कि मुझे तो लड़कियों का साथ बहुत अच्छा लगता है.." स्वीटी ने जवाब दिया... "ये तो बहुत अच्छी बात है.. फिर तो तुम्हे मेरे साथ सेक्स का खेल खेलने मे कोई तकलीफ़ नही होनी चाहिए.. तुम तो जानती हो कि में यहाँ एक हफ़्ता रुकने वाली हूँ और एक हफ़्ता बिना सेक्स के गुज़ारना मेरे लिए तोड़ा मुश्किल है.. प्लीज़ मेरी मदद करोगी ना?" सोनिया ने पूछा. "अरे सोनिया मुझे तो बहुत खुशी होगी.. तुम्हे पता है जब हॉल मे तुम कुर्सी पर अपनी टाँगे फैलाए बैठी थी मेरा दिल मे तो उसी वक्त आया था कि तुम्हारी टॅंगो के बीच आ कर तुम्हारी चूत खूब जोरों से चूस लूँ." स्वीटी ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया. स्वीटी की बात सुनकर सोनिया तुरंत उस पर चढ़ गयी और अपनी टाँगे आगल बगल मे डाल उसने अपने होंठ स्वीटी के होठों पर रख दिए और उन्हे चूसने लगी... स्वीटी ने भी उसका साथ दिया और अपनी जीब को उसके मुँहे मे घुसा दी... सोनिया अब अपनी खुद की जीब उससे मिला चूसने लगी... स्वीटी के हाथ सोनिया के बदन पर रेंगने लगे...उसने उसकी कठोर चुचियों को अपनी हथेली मे भर मसल दिया... "ओह आआआः ऊऊऊऊहह" सोनिया सिसक पड़ी. स्वीटी दिल खोल कर सोनिया के चुचियों से खेलने लगी...सोनिया की चुचियों भी प्रीति की चुचियों की तरह काफ़ी कसी और कठोर थी... वो उसके निपल को भींचने लगी फिर अपने होठों को सोनिया के मुँह से अलग कर वो उसके निपल को चुलबुलाने लगी... सोनिया ने अपनी चुचि को और उसके मुँहे मे घुसेड दी... लिविंग रूम मे राज की आँखो से नींद कोसों दूर थी.. उसका लंड पूरी तरह तन्नाया हुआ था और उसकी आँखों के आगे बार बार कभी प्रीति का चेहरा तो कभी स्वीटी का और फिर कभी उसकी प्यारी ममेरी बेहन सोनिया का.. इस परिवार मे सिर्फ़ उसकी मामी और सोनिया ही थी जिसे उसने नही चोदा था... शायद तकदीर उसका साथ दे और उसे ये करने का मौका मिल जाए..