• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery lusty family

Motaland2468

Well-Known Member
2,980
3,112
144
राज ने कह तो दिया लेकिन वो भी प्रीति की तरह ही अपनी ममेरी बेहन सोनिया की फोटो देख रहा था. सोनिया काफ़ी सुंदर लग रही थी.. उसका चेहरा गोल था और उसके बॉल कंधे तक आ रहे थे.. स्वेटर के नीचे से उसकी चुचियों का उभार दीख रहा था.. ऐसा लग रहा था कि जैसे दो नारंगी अंदर क़ैद हो.. राज का लंड फड़फड़ाने लगा... राज उठ कर अपनी बेहन के पास खड़ा हो गया और उसकी चुचियों को मसल्ते हुए अपने लंड को उसकी गीली चूत पर घिसने लगा.. "प्रीति क्यों ना हम अपने कमरे मे कॅमरा सेट कर दे जिससे इन तीनो को नंगा देख सके"

राज ने अपने लंड को उसकी चूत पर मसल्ते हुए कहा.

"हां तुम ठीक कह रहे हो.. में भी रवि और विवेक का लंड देखना चाहती हूँ...लगता तो ऐसा ही है काफ़ी मोटा तगड़ा लंड होगा दोनो का.. " प्रीति ने कहते हुए अपने टाँगे थोड़ी फैला दी और राज के लंड को अपनी चूत मे लेने लगी...

तभी राज ने प्रीति को पलट के दरवाज़े के सहारे खड़ा कर दिया.. प्रीति थोड़ा झुक गई और अपनी टाँगो को फैला पीछे से उसके लंड को पकड़ अपनी चूत से लगा.. दिया.. राज ने उसकी गंद के छेद को कुरेदते हुए अपना लंड उसकी गीली चूत मे घुसा दिया..

"ऑश हाां ऑश अयाया हाआँ और अंदर तक घुसाओ... " प्रीति सिसक पड़ी..

राज ने अपनी एक उंगली उसकी गंद के छेद मे घुसा दी और अब अपने लंड के साथ उसकी गंद मे उंगली अंदर बाहर करने लगा..

"ऑश राज हाआँ बहुत अच्छा लग रहा है.. श हां उंगली थोड़ी और अंदर तक करो और उसे घूमाओ.. मुझे लग रहा है कि तुम्हारा लंड और उंगली आपस मे मिल रहे है.. "

राज और ज़ोर ज़ोर से धक्के लगा ने लगा.. प्रीति भी अपने कूल्हे पीछे कर उसकी उंलगी को आनी गंद मे और उसके लंड को अपनी चूत मे अंदर तक लेने लगी... दोनो ताल से ताल मिला हिल रहे थे.. राज की नसे तनने लगी.. और उसने प्रीति से कहा कि उसका छूटने वाला है तो प्रीति पलटी और नीचे बैठ उसके लंड को अपने मुँह मे ले चूसने लगी... और तभी राज के लंड ने पानी छोड़ दिया जिसे प्रीति पी गयी..

"लगता है कि मुझे गोलियाँ खानी शुरू करनी पड़ेगी.. में चाहती हूँ कि तुम मेरी चूत को अपने रस भर दो.." प्रीति ने अपने होठों पर लगे राज के वीर्य को चाटते हुए कहा.

"हां में भी यही चाहता हूँ कि अपने लंड को जड़ तक तुम्हारी चूत मे घुसा पानी छोड़ूं" राज ने कहा.

"ठीक है लेकिन तुम पहले अपनी जीब से मेरी चूत की प्यास बुझाओ... " प्रीति ने कहा और पलंग के किनारे पर टाँगे नीचे कर लेट गयी...

राज उसकी टाँगो के बीच आ गया और अपनी जीब से उसकी चूत को चाटने लगा...

प्रीत अपनी चुचियों से खेलने लगी और सोचने लगी कि क्या सोनिया ने कभी सेक्स का मज़ा लिया है.. और क्या उसे लड़की के साथ सेक्स करना अच्छा लगता होगा.. सोचने लगी कि क्या विवेक का लंड राज के जितना मोटा और लंबा होगा.. वो दोनो कल्पना मे राज और विवेक के लंड की तुलना करने लगी और तभी उसकी चूत ने झटका खाया और पानी छोड़ दिया..
Kash yaar is story main pics or gif bhi hoti to yah no 1 story hoti is forum ki
 
  • Like
Reactions: imranlust

imranlust

Lust
172
619
94
प्रीति अपनी सिर्फ़ पॅंटी और टी-शर्ट मे किचन मे घुसी..उसके खड़े निपल कोटन की टी-शर्ट से झलक रहे थे... "गुड मॉर्निंग मम्मी" प्रीति ने अपनी मा वासू से कहा जो डाइनिंग टेबल पर बैठी नाश्ता कर रही थी..

"गुड मॉर्निंग बेटा.. " वासू ने कहा और उसकी निगाह अपनी बेटी के आध नंगे बदन पर घूमने लगी.. उसके खड़े निपल देख उसकी चूत मे हलचल होने लगी... प्रीति जब घूम कर फ्रिड्ज से जूस की बॉटल निकालने लगी तो वासू की निगाह उसके कुल्हों पर ठहर गयी जहाँ उसकी गुलाबी रंग की पॅंटी मे छुपी उसकी गंद सॉफ दीखाई दे रही थी... उसने देखा तो नही था लेकिन उसे ये एहसास था कि उसकी बेटी अपने भाई से चुदवाति है.. राज का ख़याल आते ही उसकी चूत मे और खुजली मच उठी.. उसका दिल किया कि वो अभी प्रीति की चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर ले.. उन्हे अपने होठों से लगा चूस ले...

जूस पीने के बाद प्रीति ने स्वीटी को फोन लगाया और उसे अपने साथ शॉपिंग पर चलने को कहा.. "क्या खरीदने जा रही हो?" वासू ने अपनी बेटी से पूछा..

"वो क्या है ना मम्मी मुझे अपने लिए कुछ नई पॅंटी ख़रीदनी है" प्रीति ने कहा.

"पॅंटी तो मुझे भी ख़रीदनी है.. अगर तुम कहो तो में भी तुम दोनो के साथ चलूं" वासू ने कहा...

"हां मम्मी क्यों नही वैसे भी आपके साथ शॉपिंग पर गये बहुत दिन हो गये है" प्रीति ने खुश होते हुए कहा. वसुंधरा और प्रीति पहेले स्वीटी के घर गये और फिर वहाँ से तीनो शॉपिंग के लिए निकल गये..

"तो कहाँ चलना पसंद करोगे तुम दोनो?" वासू ने दोनो लड़कियों से पूछा.

"मुझे तो टॉप और स्कर्ट खरीदना है" स्वीटी ने प्रीति की ओर देखते हुए कहा..

"हां मम्मी मैं भी एक स्कर्ट खरीद लूँगी.. पॅंटी बाद मे ले लेंगे" प्रीति ने कहा.

तीनो गाड़ी को पार्किंग मे पार्क कर एक शॉपिंग माल मे घुस गये और अपनी पसंद की दुकान मे आ गये.. तीनो अपने अपने लिए ड्रेस खरीद चेंज रूम मे चेंज करने चल दिए.. लेकिन माल मे भीड़ काफ़ी होने से उन्हे एक ही चेंज रूम मे कपड़े ट्राइ करने पड़ रहे थे.. स्वीटी की तो हालत खराब होती जा रही थी. जब भी वो अपनी बेहन और आंटी को कपड़े उतारते देखती तो उसकी चूत मे चिंतियाँ रेग्ने लगती.. चूत मे खुजली बढ़ती जा रही थी.. उसकी आँखे तो अपनी ताई के मम्मो पर से हटाए नही हट रही थी. उसका दिल कर रहा था की अभी यहीं चेंज रूम मे वो अपनी ताई की चुचि को मुँह मे ले चूसने लगे...

वासू भी अपनी भतीजी की आँखों से अंजान नही थी.. उसकी चूत मे तो पहले से ही आग लग रही थी.. वो दोनो के नंगे बदन को देखते हुए कपड़े ट्राइ करने लगी.. उसने देखा की स्वीटी ने ब्रा नही पहन रखी थी. और उसकी छोटी लेकिन कठोर चुचि ने वासू के मुँह मे पानी ला दिया.. वो उन नारंगियों का स्वाद चखना चाहती थी.. तीनो एक दूसरे के साथ सेक्स करना चाहते थे. लेकिन तीनो ने अपने अपने कपड़े पसंद किया और दूसरी दुकान मे घुस गये.. दुकान मे घुस तीनो अपने अपने लिए पॅंटी पसंद करने लगे.. और साथ ब्रा और पॅंटी के सेट भी देखने लगे... तीनो फिर चेंज रूम मे जाकर ब्रा और पॅंटी ट्राइ करने लगे.. स्वीटी ने अपने लिए एक काले रंग की पॅंटी और उससे मिलती ब्रा पसंद की और चेंज रूम मे घुस गयी..

ब्रा और पॅंटी पहनने के बाद स्वीटी ने अपनी आंटी को चेंज रूम मे बुलाया जिससे उनकी राई ले सके.. "क्यों आंटी कैसी लग रही है?" स्वीटी ने पूछा..

"एक मिनिट ज़रा देखने दो.. " कहकर वासू ने अपनी भतीजी की दोनो चुचियों को अपनी मुट्ठी मे भर लिया जैसे कि ब्रा की गोलाइयाँ माप रही हो..

"ये स्ट्रॅप कुछ टाइट नही है" वासू ने उसकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा..

स्वीटी के बदन मे तो जैसे 440 वॉट का करेंट दौड़ गया... उसकी चूत गीली हो गयी लेकिन फिर भी उसने अपने आप को संभाल लिया..

वासू ने उसके लिए वो सेट पसंद कर लिया और फिर वो खुद अपने लिए ट्राइ करने लगी.. जब वासू ने ब्रा पहन अपनी बेटी और भतीजी को बुला कर दिखाया... तो प्रीति को चहक पड़ी.. "ओह मम्मी क्या ब्रा है ?"

"ज़रा में भी तो देखूं" स्वीटी ने कहा तो वासू घूम गयी.. अब उसकी पीठ प्रीति की ओर थी और चेहरा स्वीटी के सामने. वासू को तो अंदाज़ा भी नही था कि उसकी भतीजी कुछ ऐसा करेगी..

स्वीटी ने उसकी ब्रा के उपर से अपनी ताई के निप्पके को पकड़ा थोड़ा मसला और फिर ब्रा के उपर से चुचि को थोड़ा सहलाया जैसे कि चुचि को ब्रा मे अड्जस्ट कर रही हो. "हां अब अच्छी लग रही है" स्वीटी ने मुस्कुराते हुए कहा..

"मुझे नही पता था कि आज की नई फॅशन की ब्रा को कैसे अड्जस्ट किया जाता है.." कहकर वासू ने स्वीटी की चुचियों को भी ठीक उसकी तरह मसला और भींचा जैसे कि उसने उसके साथ किया था..
 

imranlust

Lust
172
619
94
प्रीति चुप चाप अपनी बेहन और मा को ये खेल खेलते देख रही थी. उसकी समझ मे नही आ रहा था कि वो कहे.. वो पहले ही अपने भाई और चाचा और पिताजी से चुदवा चुकी थी. दोनो चचेरी बहनो के साथ सेक्स कर चुकी थी.. पर अपनी सग़ी मा के साथ... ये सोच कर ही उसके बदन मे सिरहन सी दौड़ गयी.. आख़िर तीनो ने अपनी अपनी पसंद की पॅंटी और ब्रा पर्चेस की और बिल चुका कर दुकान के बाहर आ गयी..

"तो लड़कियो अब क्या इरादा है?" वासू ने पूछा..

"आंटी मुझे कुछ और खरीदना है.. लेकिन उसमे आप ही मेरी मदद कर सकती है.. अगर आज नही खरीद पाई तो पता नही कब खरीद पाउन्गी" स्वीटी ने कहा..

"अरे तो बोलो ना इसमे शरमाने वाली क्या बात है.. बेटियाँ जब बड़ी हो जाती है तो वो बच्चे नही सहेली बन जाती है" वासू ने स्वीटी के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा..

"आंटी मुझे ऑव रब्बर वाला.. क्या कहते है.. उसे ओह्ह हां डिल्डो.. यानी नकली लंड...आअप गुस्सा तो नही हो रही है.. " स्वीटी ने कहा.. आज जब उसकी आंटी उसके साथ खुल ही गयी है तो उसे भी चान्स ले लिया डिल्डो खरीदने का.

प्रीति के होश ही उड़ गये स्वीटी की बात सुनकर. वो जानती थी के उसकी मा के पास तो अच्छे ख़ासे डिल्डोस की भरमार है. पर अपनी बेटी और भतीजी के साथ वो ऐसी चीज़ ख़रीदेगी... क्या कहेगी वो.?

"नही स्वीटी मुझे बिल्कुल भी बुरा नही लग रहा लेकिन मेरा ये खुद का मानना है कि हर औरत को अपने आप को खुश करने का पूरा पूरा हक़ है.. चाहे जिससे भी और जैसे भी.. और अगर तुम्हे नकली लंड से खुशी मिलती है तो चलो आज में तुम्हे एक खरीद कर दे ही देती हूँ" वासू ने स्वीटी से कहा.

मा की प्रतिक्रिया देख प्रीति मन ही मन खुश हो गयी.. इसी बहाने उसे भी खरीदने का मौका मिल गया था और वो भी एक नकली लंड खरीद राज को चौंका देना चाहती थी..

वासू दोनो लड़कियों को एक सेक्स शॉप पर ले गयी जहाँ सेक्स मे इस्तेमाल होने वाली हर चीज़ मिलती थी.. वहाँ कई प्रकार की मॅगज़ीन्स.. सीडी... और अलग अलग तरह के खिलोने शो केस मे पड़े थे..

मॅगज़ीन रॅक से प्रीति ने एक मॅगज़ीन उठा ली और पन्ने पलट देखने लगी.. "स्वीटी ये देखो.. इस लड़की ने एक लंड अपनी चूत मे और दूसरा अपनी गंद मे ले रखा है... मुझे भी ये ट्राइ करना है" प्रीति ने स्वीटी को मॅगज़ीन दिखाते हुए कहा..लेकिन उसने ये ध्यान रखा कि उसकी मा ये बात ना सुन पाए..

"दो दो लंड साथ मे तो बाद मे लेना पहले अपनी गंद मे तो लंड लेने की आदत डाल लो" स्वीटी ने हंसते हुए कहा.

"वो मैं ले चुकी हूँ" प्रीति ने जवाब दिया.. और हंसते हुए अनपी चचेरी बेहन की शक्ल देखने लगी..

"तुम ऐसा कर ही नही सकती" स्वीटी ने कहा.

"कौन क्या नही कर सकता" वासू ने दोनो लड़कियों के पीछे आते हुए कहा और उसकी आँखे मॅगज़ीन पर पड़ गयी जिसमे एक लड़की दो लंड लिए हुए थी..

"कुछ नही मम्मी बस ऐसी ही" प्रीति ने शरमाते हुए कहा..

"कुछ नही मेरी जूती से.." वासू ने हंसते हुए कहा..

"अगर तुम नही बताना चाहती तो कोई बात नही.. वैसे में बहुत खुले विचारों की हूँ और शायद में तुम दोनो की कुछ मदद ही करूँगी.. अगर ऐसा नही है तो में तुम दोनो के साथ आज यहाँ नही होती."

क्रमशः..............
 

imranlust

Lust
172
619
94
प्रीति हैरत भरी नज़रों से अपनी मा को देख रही थी.. उसकी

समझ मे नही आ रहा था कि उसे बताना चाहिए कि नही.. "वो क्या

है ना मम्मी में बाद मे बता दूँगी" उसने कहा.


"कोई बात नही जैसी तुम्हारी मर्ज़ी" वासू ने कहा और फिर तीनो दुकान

मे पड़े विभिन्न प्रकार के डिल्डो देखने लगे...


"प्रीति ये लो तुम्हारे लिए है" स्वीटी ने उसे एक दो मुँही लंड वाला

डिल्डो पकड़ते हुए कहा.. "इससे तुम्हारी तमन्ना पूरी हो जाएगी"


प्रीति ने तिर्छि नज़रों से अपनी मा को देखा और शरमाते हुए वो

डिल्डो स्वीटी के हाथ से ले लिया.


"तो ये थी वो बात... तो तुम दो लंड का मज़ा साथ मे लेना चाहती हो"

वासू ने अपनी बेटी की ओर देखते हुए कहा..


"हां मम्मी मेने स्वीटी से यही कहा था कि मैं इस मज़े को ट्राइ

करना चाहती हूँ" प्रीति ने शरमाते हुए कहा.


"अरे तो इसमे शरमाने वाली क्या बात है.. गंद मे लंड लेना मुझे

भी पसंद है.. हां मेने कभी दो लंड का मज़ा साथ मे नही

लिया.. लेकिन लगता है कि अब मुझे भी ये ट्राइ करना होगा.. अगर तुम

साथ दो हम दोनो कोशिश कर सकते है" वासू ने मुस्कुराते हुए दोनो

लड़कियों से कहा.


"सच मम्मी" प्रीति तो अपनी मा की बात सुन खुश हो गयी और इस

ख्याल से ही उसकी चूत चूहने लगी..


"एम्म्म हां मेरी बच्ची"


"मम्मी अब ये मत कहना कि आप दूसरी औरत या लड़की के साथ भी सेक्स

कर चुकी है" प्रीति ने वो डिल्डो अपनी मा को पकड़ाते हुए कहा.


वासू तो खुद बहुत गरमा चुकी थी और वो खुद अपनी बेटी और भतीजी

की चूत का स्वाद चखना चाहती थी.. स्वीटी की मा की तरह वो उन

दोनो के बदन से खेलना चाहती थी. अपनी दोनो गुड़िया को खुश करना

चाहती थी..


"जब तुमने पूछ ही लिया है तो मुझे ये कहने मे कोई शरम नही की

मुझे दूसरी औरतों के साथ भी बहुत मज़ा आता है" वासू ने जवाब

दिया..


"क्या देव अंकल जानते है?" स्वीटी ने पूछा..


"नही वो सब शादी के पहले की बात है और मुझे नही लगता कि उन्हे

ये सब जानना चाहिए" वासू ने झूठ कहा. वो स्वीटी से कैसे कहती

कि वो उसी की मा के साथ सेक्स करती है.


"ऑश आंटी आप तो बड़ी छुपी रुस्तम है" स्वीटी ने चहकते हुए

कहा.


"क्या तुम दोनो लड़कियों ने भी आपस मे मज़ा लिया है?" वासू ने

पूछा..


प्रीति ने तो अपनी मा की ओर पीठ फेर ली उसे बहुत शरम आ रही

थी..
 

imranlust

Lust
172
619
94
हां आंटी लिया है.. लेकिन जो मज़ा लंड मे है वो लड़की के साथ

कहाँ" स्वीटी ने कहा..


"में समझ सकती हूँ कि तुम क्या कहना चाहती हो" वासू ने कहा..


तीनो काफ़ी गरमा चुकी थी.. सभी अपने अपने पसंद का खिलोना

खरीदा और दुकान से बाहर आ गाड़ी मे बैठ गये..


"लगता है कि अब हम दोनो को तुम्हे तुम्हारे नये खिलोने के साथ

अकेला छोड़ देना चाहिए.. " वासू ने स्वीटी के घर के बाहर गाड़ी

रोकते हुए स्वीटी से कहा.. "हां अगर तुम्हे मदद की ज़रूरत है तो

हम तय्यार है"


"मुंम्म्मममी" प्रीति तो मा की बात सुन उछल पड़ी थी..


"मुझे तो कोई प्राब्लम नही है बल्कि खुशी होगी.. मेरी चूत मे तो

जैसे भट्टी सुलग रही है.. में तो रोक नही पा रही हूँ अपने

आप को" स्वीटी ने कहा.


"सॉरी प्रीति में तुम्हे चौंकाना नही चाहती थी.. क्या करूँ मेरी

खुद की चूत मे जोरों की खुजली मच रही है... चींतियाँ दौड़

रही है


"सॉरी वाली कोई बात नही है मम्मी बस में चौंक पड़ी थी.. मेरी

खुद की चूत की यही हालत है.. बस मुझे उमीद नही थी कि ये

सब इतनी जल्दी हो जाएगा" प्रीति ने खुश होते हुए कहा.


"अगर तुम तय्यार हो तो फिर देर की बात की.. वैसे आंटी बुरा मत

मानना मैं और प्रीति कई बार एक दूसरे के साथ खेल चुके है"

स्वीटी ने गाड़ी से उतरते हुए कहा.


तीनो गाड़ी से उतर घर के अंदर आ गये.. घर पर कोई नही था..

स्वीटी उन्हे अपने बेडरूम मे ले आई और बॅग मे से एक हरे रंग का

लंबा डिल्डो और दूसरा वो दो मुँही लंड वाला निकाल लिया..


"सच कहूँ आंटी वहाँ स्टोर मे आपनी चुचियो को पकड़ बहुत अच्छा

लगा था.." कहकर स्वीटी अपनी ताई के नज़देक आई और वासू की चुचि

को पकड़ मसल्ने लगी..


"मुझे भी बहुत अच्छा लगा था.." कहते हुए वासू अपनी भतीजी के

कपड़े उतारने लगी..


प्रीति चुप चाप खड़ी अपनी मा और बेहन को देख रही थी जो अपनी

जीब से जीब मिला एक दूसरे को चूम रही थी.. दोनो एक दूसरे के

बदन को सहलाते हुए कपड़े उतार रही थी.. उसकी समझ मे नही आ

रहा था कि वो कैसे क्या करे वो अपनी बेहन और भाई दोनो से चुदवा

चुकी थी.. लेकिन आज उसकी सग़ी मा उसके सामने थी.. लेकिन अब वो

पीछे नही हट सकती थी..


वासू और स्वीटी एक दूसरे को नंगा कर चुकी थी.. प्रीति अपनी बेहन

की पीछे आई और उसकी गर्दन को चूमने लगी.. और उसकी गंद को

पकड़ भींचने लगी.. वासू ने अपनी भतीजी को पलंग पर चित लेटा

दिया और अपनी भारी चुचियों को उसके मुँह के सामने कर किसी घड़ी

की पेंडुलम की तरह हिलाने लगी.. स्वीटी ने अपनी आंटी की भारी

चुचि को पकड़ लिया और मुट्ठी मे भर भींचने लगी..


वासू अपनी भतीजी के बदन को चूमती हुई नीचे खिसकती हुए उसकी

बिना बालों की चूत पर आ गयी... प्रीति झुक कर अपनी बेहन की

चुचि को चूमने लगी. अपनी जीब को उसके निपल पर फिरने लगी..
 

imranlust

Lust
172
619
94
वासू ने नज़रे उठा अपनी आँखे अपनी बेटी से मिली जिसमे काम अग्नि की

चमक साफ देख रही थी. वो अब स्वीटी की चूत पर अपनी जीब घुमा

चाटने लगी.. स्वीटी के बदन मे सिरहन सी दौड़ गयी..


"ऑश आंटी ओह क्या जीब की गर्मी है. श हां बहुत अच्छा लग

रहा है.. हाआँ ओह" अपनी चुचि को प्रीति के मुँह मे और

घुसेड़ते हुए स्वीटी सिसक पड़ी..


प्रीति अपनी बेहन के बगल से हट गयी और पलंग पर पड़ा हरे रंग

का डिल्डो उसने अपनी मा को पकड़ा दिया..


'मम्मी इसकी चूत को इस नकली लंड से आज फाड़ दो.. बहुत फुदकती

रहती है इसकी चूत हरदम"


वासू ने वो नकली लंड अपनी बेटी के हाथ से लिया और पहले कुछ देर

तो उसे स्वीटी की छूत पर घिसती रही फिर उसे अपने मुँह मे किसी

छीनाल की तरह ले चूसने लगी.. फिर उसे उसकी चूत पर रख उसे

अंदर घुसाने लगी.. प्रीति भी अपनी मा के नज़दीक आ गया और उसने

अपनी दो उंलगी रब्बर के लंड के साथ उसकी चूत मे घुसा अंदर बाहर

करने लगी...


"ऑश हाआँ ऑश बहो अच्छा लग रहा है..श हाआँ आंटी और अंदर

तक घुसा के मुझे चोदो श हाआँ और थोडा ज़ोर से" स्वीटी उत्तेजना

मे सिसकने लगी..


वासू अब और तेज़ी से उस लंड को आनी भतीजी की चूत के अंदर बाहर

करने लगी..


'प्रीति यहाँ मेरे पास आकर मेरे चेहरे पर बैठ जाओ और मुझे

तुम्हारी चूत चूसने दो" स्वीटी ने अपनी बेहन से कहा.


प्रीति उठ कर अपनी बेहन के चेहरे पर बैठ गयी और अपनी मा को

देखने लगी... स्वीटी ने अपनी जीब उसकी चूत के अंदर तक घुसा दी

और चाटने लगी.. प्रीति अपनी चूत को उसके होंठो पर रगड़ने लगी

और तभी स्वीटी की चूत ने पानी छोड़ दिया..


"प्रीति क्या तुम अपने उस खिलोने को इस्तेमाल करना चाहोगी?" वासू ने

उस दो मुँही लंड वाले डिल्डो को दीखाते हुए अपनी बेटी से पूछा. "या

फिर में तुम्हे इस्तेमाल करना सिखाऊ?"


लेकिन प्रीति को तो होश कहाँ था.. वो तो उत्तेजना मे पागल अपनी

चूत को अपनी चचेरी बेहन के मुँह पर दबा रही थी.. स्वीटी की

जीब बड़ी तेज़ी से किसी फिरकनी की तरह उसकी चूत के अंदर बाहर हो

रही थी और प्रीति अपनी चूत को उसके मुँह पर दबाए जा रही

थी.... आख़िर उसने थके हुए स्वर मे कहा, "मम्मी आप ही मुझे बता

दें कि इसे कैसे इस्तेमाल करते है"
 

imranlust

Lust
172
619
94
वसुंधरा उठ कर अपनी बेटी और भतीजी के पास आई और अपनी बेटी

की गंद के छेद पर अपनी उंगली घूमाने लगी.. फिर अपनी उंलगी को

उसकी चूत मे डाल थोड़ा सा गीला किया.. और वापस अपनी उंगली उसकी

गंद मे डाल अंदर बाहर करने लगी... फिर उसने एक लोशन की बॉटल

जो उसने सेक्स शॉप से खरीदी थी निकाली थोड़ा लोशन अपनी उंगलियों

पर ले अपनी बेटी की गंद के छेद पर लगाया और थोड़ा लोशन अपनी

चूत पर लगाया


फिर वासू ने उस दो मुँही लंड वाले डिल्डो को लिया और पहले एक मुँह को

अपनी बेटी की चूत के मुँह से लगाया और दूसरा अपनी गंद के छेद

पर लगा वो अपनी गंद को पीछे कर उस दो रूपी लंड को अपनी गंद मे

लेने लगी.. वासू के पीछे होने से आगे से लंड प्रीति की चूत मे

घुसने लगा...


"प्रीति थोड़ा तुम भी पीछे हो कर इसे अंदर लो" वासू ने अपनी बेटी

से कहा... प्रीति ने अपनी कुल्हों को पीछे किया तो थोड़ा लंड और

उसकी चूत मे घुसा और साथ ही दूसरे ओर से उसकी मम्मी की गंद मे

घुस गया...


"ऑश मुझे ऐसा लग रहा है की जैसे मेरी गंद पूरी भर गयी

है" वासू ने सिसकते हुए कहा...


दोनो आगे पीछे होने लगे और थोड़ी ही देर मे वो दो मुँही लंड

प्रीति की चूत मे और दूसरी और से वासू की गंद मे घुस गया अब

दोनो के चूतड़ आपस मे सटे हुए थे..


"यार मुझे भी तो देखने दो तुम दोनो कैसे मज़ा ले रहे हो" "स्वीटी

ने प्रीति के नीचे से निकलते हुए कहा..
 

imranlust

Lust
172
619
94
प्रीति उसके चेहरे से उतर गयी और उसे जगह दी.. स्वीटी उठ कर उन

दोनो के पास आ गयी.. उसने देखा कि अब दोनो अपने चूतड़ो को आगे

पीछे कर ज़्यादा से ज़्यादा से उस नकली लंड को अपने अपने छेद मे लेने

की कोशिश करने लगे...


स्वीटी अपनी ताई के और नज़दीक आ गयी और वासू के चूतदों को

सहलाते हुए उसने अपना हाथ नीचे किया और अपनी दो उंगलियाँ अब अपनी

आंटी की चूत मे घुसा अंदर बाहर करने लगी....


"ऑश स्वीटी बहुत अच्छा लग रहा है.. हाआँ और तेज़ी से मेरी चूत

को अपनी उंगलियों से चोदो ऑश हाआँ और अंदर तक घुसा इसे गोल गोल

घूमाओ... ऑश हाां ऑश" वासू अपनी भतीजी को और उकसाने लगी...


स्वीटी अपनी उंगलियों को और तेज़ी से अपनी ताई की चूत मे अंदर बाहर

करने लगी और वहीं प्रीति भी जोश मे आ गयी वो और तेज़ी से

धक्के लगाने लगी .. और थोड़ी ही देर मे वासू की चूत ने पानी छोड़

दिया और वो ढीली पड़ गयी....


"प्रीति मुझे लगता है कि घर जाने से पहले तुम्हारी चूत की प्यास

भी अच्छी तरह से बुझ जानी चाहिए" वासू ने अपनी गंद से उस नकली

लंड को बाहर निकालते हुए कहा.


"हां मम्मी बहुत जोरों से आग लगी हुई है चूत मे साली बुझती ही

नही... ऑश क्या करू मे" प्रीति ने कहा.


"एक काम करो तुम यहाँ आओ तुम इसे इस्तेमाल कर सकती हो" वासू ने

ठीक उसी तरह का लंड निकालते हुए कहा..

क्रमशः..............
 

imranlust

Lust
172
619
94
वासू ने अपनी भतीजी और बेटी को ठीक अपनी ही तरह कर दिया यानी

चोपाया बना दिया किंतु थोड़ी दूरी रखी दोनो के बीचे मे.. फिर उसे

उस नकली लंड के एक साइड को स्वीटी की चूत से लगाया तो दूसरे सिरे

को अपनी बेटी की चूत के छेद से...


"अब ठीक है.. अब तुम दोनो इस लंड को अपनी चूत मे लेने की कोशिश

करो.." वासू ने कहा.


अब दोनो लड़कियाँ अपने अपने चूतड़ हिला उस लंड को अपनी चूत के

अंदर लेने लगे.. दोनो एक दूसरे को उस नकली लंड से चोद्ने लगी..

दोनो के मुँह से सिसकारियाँ फुट रही थी...


'ओह हाां आऊहह आआआः अया"


वासू दोनो लड़कियों को इस तरह सिसकते देख एक बार फिर उत्तेजित हो

गयी और उसने वो हरे रंग वाला डिल्डो उठा लिया और अपनी चूत मे

तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी...


कमरे मे अब तीनो की सिसकारियों की आवाज़ गूँज रही थी.. और फिर

जोरों से सिसकते हुए तीनो एक साथ झाड़ गयी..


थोड़ी देर सुसताने के बाद तीनो ने उठ कर अपने अपने कपड़े पहने

और फिर वासू अपनी बेटी को ले अपने घर की ओर चल पड़ी... दोनो अपनी

अपनी सोच मे गुम थी..


प्रीति सोच रही थी कि जब मम्मी को पता चलेगा कि में राज से

चुदवाति हूँ तो क्या सोचेंगी और वहीं वासू सोच रही थी अगर मेरी

बेटी को पता चला कि में अपने ही बेटे और उसके भाई से चुदवाति

हूँ तो पता नही क्या सोचेगी......

..........................

राज ने अपने चाचा के घर की घंटी बजाई तो उसकी चाची ने दरवाजा

खोला.. और ये देख के वो चौंक पड़ा कि उसकी चाची आज बहुत ही

खुश नज़र आ रही थी.. वो आज शमा के साथ पब जा रहा था इस

लिए उसे अपने साथ ले जाने के लिए आ आया था... लेकिन वो अभी तक

घर नही पहुँची थी..


नेहा चाह कर भी अपनी आँखे राज के खड़े लंड पर से नही हटा पा

रही थी.. उसे तो वो समय याद आ रहा था जब उसने अपनी जेठानी

और राज की मम्मी के साथ राज के मोटे लंड को अपनी चूत और गंद मे

लिया था... उसने राज को लिविंग रूम मे बिठाया और उसे एक बियर लाकर

पकड़ा दी..... उसका दिल तो कर रहा था कि अभी राज के लंड को पकड़

उससे खेले....


जब आधी बियर पेट मे चली गयी तो राज की नज़रे भी अपनी चाची के

बदन को निहारने लगती.. उसकी चाची नेहा जब घर के काम मे इधर

से उधर घूमती तो उसकी नज़रे अपनी चाची के मटकते कुल्हों पर

ठहर जाती और वो सोचने लगता क्या उसकी चाची की गंद भी उसकी

मा की गंद की तरह मस्त है... थोड़ी देर बाद नेहा ने अपने भतीजे

से कहा...


"राज में ज़रा कपड़े बदल कर आती हूँ क्यों कि आज तुम्हारे चाचा

मोहन मुझे बाहर लेकर जा रहे है."


राज वहीं हॉल मे बैठा बियर के घूँट लेता रहा.. जब नेहा वापस

लौटी तो उसने देख कि उसकी चाची ने बहुत ही छोटा स्कर्ट पहन रखा

था और साथ ही बहुत पतला टॉप पहना था जससे उसकी ब्रा की झलक

सॉफ दीखाई दे रही थी.. चुचियों की गोलाईयों के साथ उसके खड़े

निपल भी दीख रहे थे.. राज का लंड पॅंट के अंदर ही फड़फदा

उठा....


पर नेहा तो अपने प्लान के अनुसार कपड़े पहन कर आई थी.. उसने आज

खुल कर राज से चुदवाने का फ़ैसला कर लिया था... राज की मनोदशा

उससे छुपी नही थी... उसने अपने लिए एक ड्रिंक बनाई और राज के

बगल मे बैठ गयी.. नेहा ने स्कर्ट के नीचे पॅंटी नही पहनी थी

और उसने जान बूझ कर अपनी टांग इतनी फैला दी कि राज को उसकी बिना

बालों की चूत सॉफ दीखाई दे...


राज ने बहुत कोशिश कि वो अपनी चाची की छलकती चूत की ओर ना

देखे लेकिन फिर भी उसकी निगाह खुद बा खुद नेहा की चूत की तरफ

उठ जाती..


नेहा ने अपनी निगाह दूसरी ओर घूमा रखी थी जिससे राज जी भर

कर उसकी चूत को देख उत्तेजित हो सके.... और जैसे ही उसने अपना

चेहरा राज की तरफ घुमाया तो राज ने अपनी नज़रे पलट दी.... नेहा

राज के जांघों के बीच देखने लगी. जहाँ उसका लंड अपने पूरे आकार

मे तन कर पॅंट के अंदर खड़ा था.. जब राज की बियर ख़तम हुई तो

नेहा ने उससे कहा कि अगर उसे दूसरी चाहिए तो वो फ्रिड्ज से ले

सकता है...
 
  • Like
Reactions: Ankit Kl
Top