• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Adultery maa ka checkup complete story

rahulrajgupta

New Member
42
41
19
ऋषभ झड़ भले गया था पर अपनी माँ को चोदने का जूनून और जोश उसमे कही से भी कम नहीं हुआ था। आज वो अपनी माँ को उसकी मर्दानगी का श्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाना चाहता था , बहुत अलग अलग पोजीशन में अपनी माँ को चोदना चाहता था, वह अपनी माँ की चुत और गांड में अपने लण्ड का जलवा बिखेर उसे अपना मुरीद बना देना चाहता था ,आज उसका मुक़ाबला अपने पिता से था , वो चाहता था की आज के बाद उसकी माँ उसकी चोदने की क्षमता को पिता से नहीं ,बल्कि पिता की चोदने की क्षमता को बेटे से तुलना करने लगे।।

इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए उसने अपनी माँ के गोरे,मखमली ,नशीले नंगे जिस्म पर चुम्बनों की बौछार कर दी ,

ऋषभ अपनी माँ के सर से पैरो तक बदन का एक एक अंग चूमने लगा,उसके गोल गोल गुदाज चूंचिओ को अपने दोनों हाथो से मसलने लगा ,

ममता की चूंचिओ के दोनों निप्पल कामवासना के चरमोत्कर्ष का प्रदर्शन कर एकदम तने हुए थे ,ऋषभ उन निप्पलो को अपने मुँह में बारी बारी से मुँह में भरकर भर चूस रहा था ,


33174

फिर माँ की चिकने सपाट पेट पे अपनी जीभ फिराते हुए नीचे आ कर चूत को अपने मुँह में भर उसके प्रेम रस का पान करने लगा ,अपनी माँ की चूत में जीभ डाल डाल कर चोदने का अंदाज ममता के बदन को बिजली के झटको से भर देता। ऐसा नहीं था की ऋषभ आज पहली बार सेक्स कर रह था ,पर आज वह अपनी सगी माँ को चोदने वाला है ,यह रोमांचित एहसास ही उसके पुरे शरीर में झटके मार रहा था
ऋषभ अपनी माँ की चूत को चाटते चाटते सोच रहा था की माता पिता के प्रेम की परिणितीवश वह इसी छेद से एकदिन बाहर आया था और आज उसे इसी छेद के रसपान का मौका उसको मिला है .

आज वही प्रेम वो अपनी माँ को देगा ,वही रति क्रिया होगी ,औरत भी वही , उसका खेत भी वही पर आज वह अपने हल से इस खेत को जोतेगा।


फिर चूत चाटते चाटते वो अपनी माँ की गांड के छल्ले को भी चाटने लगता ,दानेदार छल्ले को कभी अपनी जबान की नोक से चाटता ,कभी उंगलिओ से फैला कर माँ की गांड के छेद की अंदुरुनी दीवारों को चाटने का प्रयास करता


4078

क्यों न हो ,क्योंकि वो सबसे ज्यादा तो अपनी माँ की गुदाज गांड का दीवाना था ,
उफ़ उसके वो गुदाज भरंवा चौड़े चौड़े दो चूतड़ ,चूतड़ों के बीच की गहरी नाली ,और उस नाली में धंसा वो शानदार दानेदार छल्ला



32530


यही तो वो छेद था जो माँ के बदन में अनछुआ था ,यही तो वो जन्नत का दरवाजा था जिसको आज वो अपने लण्ड से खोलने वाला था ,माँ की गुदाज गाड़ में अपने लण्ड की मोहर मारने वाला था।

उधर ममता भी काम वेदना के चरमोत्कर्ष पर थी ,उसके बदन से निकलता वो मादक पसीना और लावा उगलती उसकी चूत के गंध ने माहौल को और रूमानी बना दिया था
दोनों माँ बेटा 69 पोजीशन में एक दूसरे के गुप्तांगो को भरपूर प्यार दे रहे थे और एक दूसरे के मुँह को अपने अपने प्रेम रस ,काम रस का पान करवा रहे थे ,ममता की वो मादक सिसकारियां एक गरम हुई मादा के रम्भाने के समान थी ,जो उसके बेटे को उसकी चूत चोदने के लिए आमंत्रित कर रही हो


gifcandy-milf-89


एक दूसरे को भरपूर प्यार करते करते ऋषभ उठा और उसने अपनी माँ को मेज पे लिटा कर उसकी दोनों सुडौल जांघो को चूमते हुए उन्हें अपने कंधे पर रख लिया ,और अपने हलब्बी ,फनफनाते लण्ड को ममता की चूत से रगड़ने लगा ,

milf-gifs-56


बेटे ने माँ की चूत पर जैसे ही लण्ड रखा, ममता अपने कामवेग के उफान पर आ कर बोली
रेशु प्यार कर बेटा मुझे ,बहुत प्यार कर ,डाल दो अपना लण्ड मेरी चूत में और अपनी माँ की चूत की आग को बुझा दे बेटा ,
ममता तेजी तेजी से सिसकारियां लेती हुई "उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकलने लगी

ऋषभ धीरे धीरे अपने लण्ड को माँ की चूत की गहराईओं में उतारता चला गया ,और धीरे धीरे झटके मार मार चूत को चोदने लगा ,



penetration


dice shaker app

ऋषभ के विशाल लण्ड ने ममता की चूत की हालत बिगाड़ दी और वो जोर जोर से सीसियाने लगी
उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ रेशु तुम्हारा यह बहुत बड़ा है.....बहुत मोटा है......लंबा भी खूब है......मुझे नहीं मालूम था यह इतना बड़ा भी हो सकता है
उफ्फ्फ्फ़ यकीन नहीं होता इतना मोटा लण्ड मेरी चूत के अंदर है .......बहुत ज़ोर से ठोका है तुमने मुझे......मेरी चूत में मानो आग लग गयी है "
चोदो ,और कस के चोदो रेशु मुझे ,तड़प रही थी तेरी माँ इसी सुख के लिए , खूब चोदो कस कस कर चोदो मुझे बेटा

माँ की चूत की दोनों दीवारों ने मानो अब बेटे के लण्ड को सहर्ष स्वीकार लिया था और अपनी चिकनाईओ से लण्ड के घर्षण को और सुलभ बना रही थी

ममता की कामोतेजक वाक्य ने मानो आग में घी डाल दिया ऋषभ अब ममता की चूत में ताबड़ तोड़ धक्के मारने लगा


porno-gif-kp-1
50 50 coin toss

ऋषभ का लम्बा लण्ड माँ की बच्चेदानी तक टकरा रहा था ,मानो वो उसी अंग को जिसमे वो इतने दिन रहा था ,महसूस करना चाह रहा हो
बच्चेदानी तक टकराता लण्ड ममता को काम वासना के असीम समुन्द्र में गोते लगवा रहा था ,
उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़,उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ रेशु बड़ा मजा आ रहा है ,आज माँ को निहाल कर दिया तूने लाल ,अपनी माँ की आग बुझा दे बेटा।
ऋषभ भी कामोन्माद के शिखर पर था और कंधे पे रक्खी ममता की बायीं टांग को चूमता हुआ अपने लण्ड को माँ की चूत में अंदर बाहर कर उसे भरपूर सुख देने का प्रयास कर रहा था , फिर उसने ममता की गांड में हाथ लगा उसे हवा में उठा लिया ,
ममता की अब दोनों टांगे ऋषभ के बदन को जकड़े हुए थी और वो नीचे से माँ की चूत में शॉट मारने लगा ,



35202
ok google flip a coin
इस पोजीशन में बेटे से चुदती हुई ममता अत्यधिक सुख का आनंद लेती हुई हंसने लगी

तुम है क्यों रही हो माँ ? हांफते हुए ऋषभ ने अपनी माँ से पूंछा

कुछ नहीं बेटा तेरे बचपन में मैं तुझे गोदी में उछालती थी आज तू मुझे उछाल रह है ,

कभी चप्पू नाव पे ,कभी नाव चप्पू पे
पुरानी कहावत है माँ ,कहते हुए ऋषभ भी हॅसने लगा।

माँ को नीचे उतार ऋषभ अब जमीन पे लेट गया और ममता को अपनी ओर मुँह कर लण्ड पे बिठा लिया और उसके दोनों चूतड़ों पे हाथ रख नीचे से धक्के मारने लगा ,


36449


ममता भी अपने बेटे का भरपूर साथ दे रही थी और अपनी मदमस्त गांड को उछाल उछाल कर चुदवा रही थी


milf-gifs-42

ऋषभ ने अब माँ को मेज पे पलटा दिया और पीछे से उसकी चूत पे ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा लण्ड के ताबड़ तोड़ धक्को ने ममता को फिर ओर्गास्म पर पहुँच दिया और वह आह...रेशु ..आंह ...ऊम्म्म्म...हं..हं.. आ..आ...आह्ह्ह मेरी चू..ऊ..ऊ...त आह्ह. कहते कहते झड़ने लगी
ममता झड़ते झड़ते असीम सुख का आनंद लेती हुई ,चरम सुख की प्राप्ति की कामुक आवाज आवाज निकाल रही थी


milf-gifs-87

उधर ऋषभ भी अब अपने चरम पे था और तेज धार के साथ माँ की चूत के अंदर पिचकारी मारने लगा, उसके लण्ड से वीर्य की पिचकारी मैं ममता ने बच्चेदानी में गर्म आग की तरह महसूस की

दोनों माँ बेटा निढाल होकर एक दूसरे से चिपक सोफे पे लुढ़क गए और फिर सोफे पे लेट एक दूसरे को ओंठो को चूमने लगे

कुछ देर यूँ शांत होकर वो एक दूसरे से चिपके ओंठो के रस का आदान प्रदान करते रहे

रेशु मेरे लाल तूने आज माँ को बड़ा सुख दिया ,कई दिनों बाद मैं आज खुश हुई , ममता ने कहा

माँ क्या मैंने पापा से ज्यादा अच्छी तरह से तुझे चोदा? ऋषभ ने ममता की चूत में उंगली डालते हुए पूछा

रेशु तू सच में बड़ा शरारती है ,कहती हुई ममता उसके सीने में सर छुपाने का प्रयास करने लगी

नहीं माँ प्लीज बताओ ना माँ ,मुझे जानना है ,हम दोनी में कौन तुझे ज्यादा सुख दे पाया ,कौन तुझे ज्यादा अच्छे से चोद पाता है ?
जवाब देना माँ ,ऋषभ ने ममता की आँखों में आँख डालकर पूछा

तू जीत गया बेटा ,,,,,,,,,,, ये कह ममता शर्माती हुई ममता ने ऋषभ के कंधे पे अपना सर रख लिया।

ऋषभ के हाथ अब अपनी माँ के चूतड़ों को सहला रहे थे ,फिर उसने अपनी एक उंगली गांड के छेद में डाल कुलबुलाने लगा

माँ मेरी एक और इच्छा पूरी करेगी ?

बता न बेटा ,आज तेरी माँ तेरी हर एक इच्छा पूरी करेगी

सच में माँ ,मना तो नहीं कर दोगी ,
नहीं बेटा ,मैं तेरी हर इच्छा पूरी करूंगी ,

माँ मुझे तुम्हारी गांड मारनी है
 
Last edited:

rahulrajgupta

New Member
42
41
19
ऋषभ ने उसकी गोद में बैठी हुई ममता से कही।

ममता के नंगे चूतड़ों की दरार में फसा ऋषभ का लण्ड ममता की चूत को स्पर्श कर रहा था , और उसका हाथ ममता की चूत को सहला रहा था ,

काम वासना में डूबे दोनों माँ बेटे प्रणय सम्बन्धो को अभिव्यक्त कर रहे थे ,एक दूसरे के ओंठो में ओंठ डाले दोनों अब धीरे धीरे चर्मोंतकर्ष की तरफ बढ़ना चाहते थे

ऋषभ फिर से माँ के तराशे हुए गदराये जिस्म को भोगना चाहता था ,उसके दोनों हाथ अब माँ के रसीले मुम्मों को दबा रहा थे , और जबान माँ की छोटे छोटे रेशमी बालो वाली कांख को चाट रही थी ,कांख से निकलता ममता के मादक पसीने की गंध और स्वाद उसके मुँह में घुल उसकी कामोत्तेजना को और बढ़ा रहे थे
ममता की चूत भी फिर से पनिया काम रस उड़ेलने लगी थी और वह कामातुर हो अपनी चूत में उंगलिया डाल रही थी .

माँ तूने जवाब नहीं दिया ,क्या तू मुझसे गांड मरवायेगी , ऋषभ ने ममता की पीठ चूमते हुए कहा

पर उसमे तो बड़ा दर्द होगा रेशू ,अपनी बूढी माँ को बक्श दे बेटा ,ममता धीमे से फुसफुसाई ,

कोईं अँधा भी तुझे बूढ़ा नहीं कहेगा माँ ,तुम्हारे गदराये गोल गोल चूतड़ तो किसी भी नामर्द का लण्ड खड़ा कर दे ,मैं बड़ा हतप्रभ हु की पापा ने काम सुधा के रस में फूले हुए तुम्हारे चूतड़ों को नजरंदाज कैसे कर दिया ,पर जो हुआ अच्छा हुआ आज मुझे तुम्हारी कुंवारी गांड की सील तोड़ने का मौका तो मिला ,

तू बड़ा बेशरम है रेशु ,ममता लजाते हुए बोली

सच कह रहा हु माँ ,अभी तक जिस सुख से तू वंचित रही है अब उस सुख को भोग के तो देख ,गुदा मैथुन का सुख भोग तुझे योनि मैथुन से अधिक लगेगा ,और हमेशा से उपेक्षित रहे तेरे गुदा द्वार को वो असीम सुख प्राप्त होगा जिसका वो हक़दार है
ऋषभ ने अपने नीचतापूर्ण शब्दों से गुदा मैथुन के सुख को अभिव्यक्त करने का प्रयास किया

पर रेशु मैं कैसे दर्द सहूंगी बड़ी तकलीफ होगी ,देख मैंने तेरी हर बात मानी मेरी ये बात तू मान जा बेटे ,ममता ने विनती भरे स्वर में कहा

दर्द तो एक स्त्री को तब भी होता है ,जब पहली बार अपनी चूत में लण्ड लेती है ,पर बाद में उससे प्राप्त होने वाले उस सुख को हमेशा पानी चाहती है ,ये तू अच्छे से जानती है माँ

ऋषभ का तर्क सुन ममता की भी गुदा सुख को भोगने की दबी हुई इच्छा बलवती हो गयी ,
आज अगर उसको गुदा द्वार को जीभ और उंगली से प्राप्त सुख के अनुभूति की झलक ना मिलती तो उसके लिए भी ये अप्राकार्तिक कृत्य निंदनीय था ,पर आज जो सुख की झलक चटाने और चुसाने से प्राप्त हुई थी ,ममता भी उसको अब पूर्ण रूप से भोगना चाहने लगी थी

पर धीमे धीमे ठेलना ताकि मैं झेल सकू , पर उसके पहले अपनी माँ की योनी की प्यास बुझा दे ,ये कहती हुई ममता सोफे से उठ खड़ी हुई पर मेज पे उल्टी हो अपनी निर्लज्ज्ज़ता पूर्वक अपनी सुडौल चिकनी जांघो को फैला कर अपने उन्नत पुष्ट चूतड़ों को उठाकर ऋषभ के चेहरे के सम्मुख प्रस्तुत कर दिया।


gifcandy-4

बिलकुल मेरी माँ ,कहते हर ऋषभ की बांछे खिल गयी और उसने उन गुदाज चूतड़ों को सहलाते हुए ममता के मल द्वार पर अपनी जीभ टिका दी



और कुछ देर चूसने के बाद ,थोड़ा झुक के अपने विकराल लण्ड को माँ की चूत ली दोनों गुलाबी पंखुडिओ को फैलाकर नीचे वाले छेद में सही पोजीशन में बिठाकर धीमे धीमे धक्के मारने लगा



38873

माँ के गाढ़े काम रस में लथपथ ऋषभ का लम्बा लण्ड जब जब आगे जाकर ममता की बच्चेदानी में टक्कर मारता ,वो दर्द से कराह उठती पर लण्ड और चूत का वो प्रेम में डूबा घर्षण उस दर्द को रोमांच में बदल देता था

अपने बेटे का पूरा साथ देते हुई ममता पीछे की ओर को गांड उठाकर लंड अपनी चूत में ज्यादा से ज्यादा अंदर भरने की कोशिश करने लगती । ऋषभ बीच बीच में उसकी मखमली पीठ पर हाथ फेरने लगता । कभी आगे हाथ बढ़ाकर उसकी नीचे को लटक के हिलती हुई मुलायम पुष्ट चूचियों और निप्पल को हाथ में दबाकर मसलने लगता और कभी ममता को तड़पाने के लिए धक्के रोक देता । धक्के रोक देने से ममता खुद ही अपनी चूत आगे पीछे करते हुए बेटे के लंड को चोदना शुरू कर देती ।


ममता की कामुकता देखकर ऋषभ को भी जोश चढ़ गया । उसने पूरी तेजी से जोरदार धक्के लगाने शुरू कर दिए ।

ममता की सिसकारियां उसी तेजी से धक्कों के साथ बढ़ती गयीं । सिसकारियों लेते लेते "रेशु मेरे बेटे !!! हाँ ऐसे ही तेज तेज धक्के लगाते रहो .....आह आह .आआ हहहह ..."ओह्ह्ह .......ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्............पेलो......कस कस कर अपना लण्ड पेलो। ऊऊफ़्फ़फ़्फ़ ऐसे ही चुदवाने के लिए में तड़प रही थी । और ज़ोर से......और ज़ोर से......हाययययययय......ऊउन्ननगहह्ह्ह् मेरी चूत.....मेरी चूत......चोदो मुझे...."

उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़,आह हहहहह ,आह ह्ह्हह्हह्ह्ह्ह बड़ा मजा आ रहा है रेशु ,मैंम्यम्य ,,,, मैं ,मैं खुद दद द द कोओSओ Sओ संभाल नहीं पा रही हु बेटा आआआआ ,और तेजSSSS और तेजSSS चोSओSओओS द झटके खाती ममता ने ऋषभ से कहा




porno-gif-kp-43

numbers remove duplicates

ऋषभ और तेज कमर चला ताबड़तोड़ तरीके से माँ को चोदने लगा ,लगभग १० मिनट की टक्करों के बाद ममता ह...रेशु ..आंह ...ऊम्म्म्म...हं..हं.. आ..आ...आह्ह्ह मेरी चू..ऊ..ऊ...त आह्ह. कहती हुई बदन में कंपकपी के एक बार फिर कामतृप्त हो गयी और ऋषभ से चिपक गयी ,प्रत्युत्तर में ऋषभ भी सीत्कार उठा, विशाल लंड अब टूट कर बिखर जाने की स्थिति में परिवर्तन हो चला था.वह अपने कामोन्माद के चरम पे था ,पर उसकी नजर तो मछली की आँख ,मतलब ममता के गांड पे थी .

उसने बड़े प्यार से अपनी माँ के चेहरे को चूमते हुए कहा

माँ तुम सोफे पे घोड़ी बन जाओ ,अब मैं तुम्हारी गांड को चोदूंगा ,और हा माँ थोड़ी सा दर्द शुरुआती कुछ मिनटों के लिए तुम्हे होगा पर यह उस सुख की शुरआत होगी जो मैं तुम्हे हमेशा देता रहूँग। इसलिए प्लीज माँ थोड़ा दर्द अपने बेटे की ख़ुशी अपनी ख़ुशी के लिए झेल जाना


बेटे के आदेश के पालन करते हुए ममता सोफे पे घूम घोड़ी बन गयी और

इतना ऊँचा ठीक रहेगा रेशु,या थोड़ी कमर और उचका लूँ,इस समय भय एवं रोमांच नामक एहसास उसके मश्तिश्क पर पूर्णरूप से छाया हुआ था, जो उसे इस कार्य को पूरा करने हेतु डरा भी रहा था और तीव्रता से उकसा भी रहा था.


फिर ऋषभ ने अपने दोनों हाथो से ममता की गोल सुडौल जांघो को थोड़ा फैलाया और फिर गोल गोल रसीले चूतड़ों के दोनों पाटो को विपरीत दिशा में फैलाते हुए अपनी लपलपाती जीभ से माँ के गुदा द्वार पे छुआ दिया ऋषभ की जीभ शीघ्र ही ममता की गांड के छिद्र को तड़पाने तरसाने लगी.



22136

ममता की गांड का छल्ला बारी-बारी से शिथिल और संकुचित होने लगा. वह भय के कारण अपनी गुदा को कभी सिकोड़ लेती और कभी उस सुख को भोगने के लिए स्वयं को तैयार करत। ऋषभ ने गांड के मलद्वार को अपनी जीभ से चूम कर उसकी वासना को और भी प्रज्ज्वलित कर दिया. उस की जीभ की नोक गांड के अंदर दाखिल हो चाट चाट कर उसका रसास्वादन के उपरान्त उसमे दो उंगुली घुसेड़ के थोड़ा सा थूक उड़ेल उसे फैलाया ताकि माँ सहजता पूर्वक उसके मूसल को स्वीकार कर सके

रेशु थोड़ा आराम से डालना बेटा ,ममता ने भयभीत हिरणी के समान अपने पुत्र से प्रार्थना की जो उसके गुदा द्वार के शिकार करने को तत्पर था। भय और वासना से कम्पित शरीर अब ऋषभ की कृपा के उपर निर्भर था।

माँ दर्द तो होगा और उसे आपको सहना पड़ेगा,पर तुम्हे कुछ देर बाद जो असीम सुख प्राप्त होगा,ये वचन है मेरा

ऋषभ ने अपनी लंड को ममता गीली चूत में डाल कर काम रज से लेपित किया लिया. फिर अपना मुंह को पुनः थूक से भर गांड पर
रख कर अपनी लार गांड पर डाल दी.

ऋषभ ने अपना विशाल लंड को ममता की गांड के छोटे तंग छल्ले के ऊपर रख कर दबाया," माँ अपनी गांड पूरी ढीली छोड़ दो. जब
मैं अपना लण्ड को आगे की तरफ धक्का दू तो तुम अपनी गांड को पीछे धकेलना ,इससे तुम्हे दर्द काम होगा

वासना और भय में कम्पित ममता ने ऋषभ के सुझाव को ठीक से समझे बिना अपना सर हिला कर समर्थन दे दिया.

ऋषभ के विशाल लंड का सुपाड़ा गांड के छोटे से छेद को खोलने के लिए बेचैन था.
उसने हचक कर एक ज़ोर से धक्का लगाया. विकराल लंड के सुपाड़े ने ममता गांड के छिद्र को बेदर्दी से
चौड़ा कर दिया. मेरे उसके गले से निकली दर्द भरी चीख से केबिन गूँज उठा.



36517


रेशुऊ उउउउ निकाल जल्दी ,नहीं तो मैं मर जाउंगी कहकर ममता चीखी पर ऋषभ निर्ममता पूर्वक अपने लोहे जैसे सख्त मोटे लण्ड को बलपूर्वक अंदर डालता रहा . ममता दर्द से बिलबिला कर चीख रही थी ,मानो उसके गुदा के भीतर आग लग गयी हो ,पर ऋषभ की बलिष्ठ बाहो ने ममता की कमर को कास कर जकड रखा था

ममता के नाखून ऋषभ की कलाइयों में गड़ गए. छटपटाती हुई उसने अपने नाखूनों से खरोंच कर खून निकाल दिया. पर ऋषभ ने एक बार भी उफ तक नहीं की.

ममता की चीख अब आंसुओ में बदल गयी.उसकी आँखों से आंसूं बहने लगे. . मैं

सुबक-सुबक कर आवाजे निकाल रही थी . पर ऋषभ बेदर्दी से ममता की गांड में अपने अमानवीय विशाल लंड की एक इंच के बाद दूसरी इंच दर्द से बिलखती गांड की गहराइयों में डालता रहा जब तक उसका पेड़ के तने जितना मोटा लंड जड़ तक माँ की गांड में नहीं समा गया

नहीं...नहीं...रेशु निकाल अपना लण्ड ,.मेरी गांड फट गयी..ई...अपना लंड बाहर निका..आ..ल.. ..आ..आ..ये. मैं मर जाऊंगी ,
रेशु ,” ममता सुबक सुबक कर हिचकियों के बीच में से बड़ी मुश्किल से बोल पा रही थी, “मुझे हुंह ....नहीं आन्नंह ....मरवानी....अपनी गांड।”

ऋषभ निर्ममता पूर्वक ममता के रोने की उपेक्षा कर उसकी गांड अपने लंड से मारने लगा .उसने अपने विशाल लंड की आधी लम्बाई अंदर बाहर कर माँ की गांड की चुदाई शुरू कर दी थी,ऋषभ के लण्ड के द्वारा माँ की गांड चुदाई अनवरत जारी थी




35048
remove duplicate email addresses

निकाल ले रेशु नहीं तो मैं मर जाउंगी ,रोती बिलखती ममता अपने निर्दयी पुत्र से कातर आवाज में प्रार्थना करती रही , रो रो कर अपनी गांड फटने की दुहाई देती रही पर ऋषभ का विशाल ममता की गांड को निरंतर चोदता रहा.

थोड़ी देर बाद ममता की सुबकियां थोड़ी हल्की होने लगीं,और उसने लण्ड के धक्को पे अपनी कमर चलना प्रारम्भ कर दिया था ,माँ की गाड़ अब पुत्र के विशाल लण्ड को सहर्ष स्वीकार करने लगी थी ,बिना तीव्र पीड़ा के ममता ने अब गुदा मैथुन के सुख को भोगना प्रारब्ध कर दिया था

अब कैसा लग रहा है माँ ? ऋषभ ने माँ को गुदा सहवास में साथ देते देख पूंछा,पर अपनी कमर को चलाना जारी रखा

ममता शर्मा गयी, "रेशू मेरी गांड में बहुत दर्द हो रहा था. तू कितना बेदर्द हैं. एक क्षण भी तू ने अपना लंड को मेरी गांड मारने से नहीं रोका."

"माँ मैंने तो तुझसे पहले ही कहा था कि, ऐसा दर्द तो सिर्फ पहली बार ही होता है. मुझे लगा कि जितनी जल्दी आपकी गांड मेरे लंड की आदी हो जाये आपका दर्द उतनी ही जल्दी कम हो जाएगा." और आप स्वयं को और मुझे परम सुख दे पाएंगी
ममता कि गांड अब ऋषभ के विशाल लंड के अनुकूल रूप से चौड़ गयी थी.ऋषभ ने अपने आकर्षक कसे हुए कूल्हों का इस्तमाल कर अपनी माँ की गांड का मर्दन निर्ममता से करना जारी रखा । वह अपने वृहत्काय लंड के सुपाड़े को छोड़ कर पूरा बाहर निकालने के बाद एक भीषण धक्के से उसे वापस गांड में ठूंस रहा था । उसके जोरदार धक्कों से ममता का पूरा शरीर हिल रहा था।

ममता के पैर कि पायल और हाथ कि चूडिया हिल हिल कर संगीत सा बजा रहीं थी।उसकी गांड ऋषभ के लण्ड के हर धक्के को अपनी महीन सिसकारी से स्वागत कर रही थी.

ऋषभ का लण्ड अब ममता कि गांड को चौड़ा करआराम से अंदर बाहर जा रहा था.ऋषभ ने अपने दोनों हाथ बढ़ा अब माँ कि झूलती चूचियों को मसलना शुरू कर दिया ,ऋषभ का वृहत्काय लंबा लंड अब माँ कि गांड में भीषड़ गति से अंदर बाहर हो रहा था. ऋषभ ममता के दोनों उरोज़ों को बेदर्दी से मसल कर अपना लंड गांड में जड़ तक अंदर उतार रहा था,


केबिन के अंदर कि हवा ममता के मादक जिस्म से निकलते पसीने और गांड की मदहोश गंध से भर गयी.

फिर झटके से ऋषभ न ममता कि गांड से अपना लण्ड बाहर खिंच लिया और जमीन पे लेट ममता को अपने ऊपर ले निचे से उसकी गांड में सेट किया । अब ममता के जिस्म को अपनी बलिष्ठ बाहो में समेटे निचे से अपनी कमर उछाल उछाल कर गांड का मर्दन कर रहा था ,


35082




कामोन्माद से गरमाई ममता कि चूत पुनः अपना कामरस उड़ेलने लगी थी ,और वह भी अब अपनी कमर उछाल उछाल कर ऋषभ के लण्ड को भोग रही थी ,
कुछ समय पश्चात ऋषभ के झटको कि गति और बढ़ गयी और उसने अपना पूरा वीर्य माँ कि गांड में उड़ेल दिया
अपने बेटे के गरम वीर्य का एहसास ममता को अब अत्यधिक सुकून दे रहा था ,

दोनों माँ बेटे एक दूसरे से चिपक यूँ ही जमीन में पड़े रहे
अब तुम्हे कैसा लग रहा है माँ ,क्या मैं तुम्हारी सारी तकलीफे दूर कर पाया ,ऋषभ ने अपनी ऊपर लेटी माँ के चूतड़ों को सहलाते हुए कहा


हा बेटा तूने अपनी माँ कि ख़ुशी दोबारा लौटा दी। अब ये माँ तुझे हमेशा अपना प्यार देती रहेगी , मेरा राजा बेटा



समाप्त
 
Top