- 42
- 41
- 19
ऋषभ झड़ भले गया था पर अपनी माँ को चोदने का जूनून और जोश उसमे कही से भी कम नहीं हुआ था। आज वो अपनी माँ को उसकी मर्दानगी का श्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाना चाहता था , बहुत अलग अलग पोजीशन में अपनी माँ को चोदना चाहता था, वह अपनी माँ की चुत और गांड में अपने लण्ड का जलवा बिखेर उसे अपना मुरीद बना देना चाहता था ,आज उसका मुक़ाबला अपने पिता से था , वो चाहता था की आज के बाद उसकी माँ उसकी चोदने की क्षमता को पिता से नहीं ,बल्कि पिता की चोदने की क्षमता को बेटे से तुलना करने लगे।।
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए उसने अपनी माँ के गोरे,मखमली ,नशीले नंगे जिस्म पर चुम्बनों की बौछार कर दी ,
ऋषभ अपनी माँ के सर से पैरो तक बदन का एक एक अंग चूमने लगा,उसके गोल गोल गुदाज चूंचिओ को अपने दोनों हाथो से मसलने लगा ,
ममता की चूंचिओ के दोनों निप्पल कामवासना के चरमोत्कर्ष का प्रदर्शन कर एकदम तने हुए थे ,ऋषभ उन निप्पलो को अपने मुँह में बारी बारी से मुँह में भरकर भर चूस रहा था ,
फिर माँ की चिकने सपाट पेट पे अपनी जीभ फिराते हुए नीचे आ कर चूत को अपने मुँह में भर उसके प्रेम रस का पान करने लगा ,अपनी माँ की चूत में जीभ डाल डाल कर चोदने का अंदाज ममता के बदन को बिजली के झटको से भर देता। ऐसा नहीं था की ऋषभ आज पहली बार सेक्स कर रह था ,पर आज वह अपनी सगी माँ को चोदने वाला है ,यह रोमांचित एहसास ही उसके पुरे शरीर में झटके मार रहा था
ऋषभ अपनी माँ की चूत को चाटते चाटते सोच रहा था की माता पिता के प्रेम की परिणितीवश वह इसी छेद से एकदिन बाहर आया था और आज उसे इसी छेद के रसपान का मौका उसको मिला है .
आज वही प्रेम वो अपनी माँ को देगा ,वही रति क्रिया होगी ,औरत भी वही , उसका खेत भी वही पर आज वह अपने हल से इस खेत को जोतेगा।
फिर चूत चाटते चाटते वो अपनी माँ की गांड के छल्ले को भी चाटने लगता ,दानेदार छल्ले को कभी अपनी जबान की नोक से चाटता ,कभी उंगलिओ से फैला कर माँ की गांड के छेद की अंदुरुनी दीवारों को चाटने का प्रयास करता
क्यों न हो ,क्योंकि वो सबसे ज्यादा तो अपनी माँ की गुदाज गांड का दीवाना था ,
उफ़ उसके वो गुदाज भरंवा चौड़े चौड़े दो चूतड़ ,चूतड़ों के बीच की गहरी नाली ,और उस नाली में धंसा वो शानदार दानेदार छल्ला
यही तो वो छेद था जो माँ के बदन में अनछुआ था ,यही तो वो जन्नत का दरवाजा था जिसको आज वो अपने लण्ड से खोलने वाला था ,माँ की गुदाज गाड़ में अपने लण्ड की मोहर मारने वाला था।
उधर ममता भी काम वेदना के चरमोत्कर्ष पर थी ,उसके बदन से निकलता वो मादक पसीना और लावा उगलती उसकी चूत के गंध ने माहौल को और रूमानी बना दिया था
दोनों माँ बेटा 69 पोजीशन में एक दूसरे के गुप्तांगो को भरपूर प्यार दे रहे थे और एक दूसरे के मुँह को अपने अपने प्रेम रस ,काम रस का पान करवा रहे थे ,ममता की वो मादक सिसकारियां एक गरम हुई मादा के रम्भाने के समान थी ,जो उसके बेटे को उसकी चूत चोदने के लिए आमंत्रित कर रही हो
एक दूसरे को भरपूर प्यार करते करते ऋषभ उठा और उसने अपनी माँ को मेज पे लिटा कर उसकी दोनों सुडौल जांघो को चूमते हुए उन्हें अपने कंधे पर रख लिया ,और अपने हलब्बी ,फनफनाते लण्ड को ममता की चूत से रगड़ने लगा ,
बेटे ने माँ की चूत पर जैसे ही लण्ड रखा, ममता अपने कामवेग के उफान पर आ कर बोली
रेशु प्यार कर बेटा मुझे ,बहुत प्यार कर ,डाल दो अपना लण्ड मेरी चूत में और अपनी माँ की चूत की आग को बुझा दे बेटा ,
ममता तेजी तेजी से सिसकारियां लेती हुई "उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकलने लगी
ऋषभ धीरे धीरे अपने लण्ड को माँ की चूत की गहराईओं में उतारता चला गया ,और धीरे धीरे झटके मार मार चूत को चोदने लगा ,
dice shaker app
ऋषभ के विशाल लण्ड ने ममता की चूत की हालत बिगाड़ दी और वो जोर जोर से सीसियाने लगी
उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ रेशु तुम्हारा यह बहुत बड़ा है.....बहुत मोटा है......लंबा भी खूब है......मुझे नहीं मालूम था यह इतना बड़ा भी हो सकता है
उफ्फ्फ्फ़ यकीन नहीं होता इतना मोटा लण्ड मेरी चूत के अंदर है .......बहुत ज़ोर से ठोका है तुमने मुझे......मेरी चूत में मानो आग लग गयी है "
चोदो ,और कस के चोदो रेशु मुझे ,तड़प रही थी तेरी माँ इसी सुख के लिए , खूब चोदो कस कस कर चोदो मुझे बेटा
माँ की चूत की दोनों दीवारों ने मानो अब बेटे के लण्ड को सहर्ष स्वीकार लिया था और अपनी चिकनाईओ से लण्ड के घर्षण को और सुलभ बना रही थी
ममता की कामोतेजक वाक्य ने मानो आग में घी डाल दिया ऋषभ अब ममता की चूत में ताबड़ तोड़ धक्के मारने लगा
50 50 coin toss
ऋषभ का लम्बा लण्ड माँ की बच्चेदानी तक टकरा रहा था ,मानो वो उसी अंग को जिसमे वो इतने दिन रहा था ,महसूस करना चाह रहा हो
बच्चेदानी तक टकराता लण्ड ममता को काम वासना के असीम समुन्द्र में गोते लगवा रहा था ,
उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़,उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ रेशु बड़ा मजा आ रहा है ,आज माँ को निहाल कर दिया तूने लाल ,अपनी माँ की आग बुझा दे बेटा।
ऋषभ भी कामोन्माद के शिखर पर था और कंधे पे रक्खी ममता की बायीं टांग को चूमता हुआ अपने लण्ड को माँ की चूत में अंदर बाहर कर उसे भरपूर सुख देने का प्रयास कर रहा था , फिर उसने ममता की गांड में हाथ लगा उसे हवा में उठा लिया ,
ममता की अब दोनों टांगे ऋषभ के बदन को जकड़े हुए थी और वो नीचे से माँ की चूत में शॉट मारने लगा ,
ok google flip a coin
इस पोजीशन में बेटे से चुदती हुई ममता अत्यधिक सुख का आनंद लेती हुई हंसने लगी
तुम है क्यों रही हो माँ ? हांफते हुए ऋषभ ने अपनी माँ से पूंछा
कुछ नहीं बेटा तेरे बचपन में मैं तुझे गोदी में उछालती थी आज तू मुझे उछाल रह है ,
कभी चप्पू नाव पे ,कभी नाव चप्पू पे
पुरानी कहावत है माँ ,कहते हुए ऋषभ भी हॅसने लगा।
माँ को नीचे उतार ऋषभ अब जमीन पे लेट गया और ममता को अपनी ओर मुँह कर लण्ड पे बिठा लिया और उसके दोनों चूतड़ों पे हाथ रख नीचे से धक्के मारने लगा ,
ममता भी अपने बेटे का भरपूर साथ दे रही थी और अपनी मदमस्त गांड को उछाल उछाल कर चुदवा रही थी
ऋषभ ने अब माँ को मेज पे पलटा दिया और पीछे से उसकी चूत पे ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा लण्ड के ताबड़ तोड़ धक्को ने ममता को फिर ओर्गास्म पर पहुँच दिया और वह आह...रेशु ..आंह ...ऊम्म्म्म...हं..हं.. आ..आ...आह्ह्ह मेरी चू..ऊ..ऊ...त आह्ह. कहते कहते झड़ने लगी
ममता झड़ते झड़ते असीम सुख का आनंद लेती हुई ,चरम सुख की प्राप्ति की कामुक आवाज आवाज निकाल रही थी
उधर ऋषभ भी अब अपने चरम पे था और तेज धार के साथ माँ की चूत के अंदर पिचकारी मारने लगा, उसके लण्ड से वीर्य की पिचकारी मैं ममता ने बच्चेदानी में गर्म आग की तरह महसूस की
दोनों माँ बेटा निढाल होकर एक दूसरे से चिपक सोफे पे लुढ़क गए और फिर सोफे पे लेट एक दूसरे को ओंठो को चूमने लगे
कुछ देर यूँ शांत होकर वो एक दूसरे से चिपके ओंठो के रस का आदान प्रदान करते रहे
रेशु मेरे लाल तूने आज माँ को बड़ा सुख दिया ,कई दिनों बाद मैं आज खुश हुई , ममता ने कहा
माँ क्या मैंने पापा से ज्यादा अच्छी तरह से तुझे चोदा? ऋषभ ने ममता की चूत में उंगली डालते हुए पूछा
रेशु तू सच में बड़ा शरारती है ,कहती हुई ममता उसके सीने में सर छुपाने का प्रयास करने लगी
नहीं माँ प्लीज बताओ ना माँ ,मुझे जानना है ,हम दोनी में कौन तुझे ज्यादा सुख दे पाया ,कौन तुझे ज्यादा अच्छे से चोद पाता है ?
जवाब देना माँ ,ऋषभ ने ममता की आँखों में आँख डालकर पूछा
तू जीत गया बेटा ,,,,,,,,,,, ये कह ममता शर्माती हुई ममता ने ऋषभ के कंधे पे अपना सर रख लिया।
ऋषभ के हाथ अब अपनी माँ के चूतड़ों को सहला रहे थे ,फिर उसने अपनी एक उंगली गांड के छेद में डाल कुलबुलाने लगा
माँ मेरी एक और इच्छा पूरी करेगी ?
बता न बेटा ,आज तेरी माँ तेरी हर एक इच्छा पूरी करेगी
सच में माँ ,मना तो नहीं कर दोगी ,
नहीं बेटा ,मैं तेरी हर इच्छा पूरी करूंगी ,
माँ मुझे तुम्हारी गांड मारनी है
इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए उसने अपनी माँ के गोरे,मखमली ,नशीले नंगे जिस्म पर चुम्बनों की बौछार कर दी ,
ऋषभ अपनी माँ के सर से पैरो तक बदन का एक एक अंग चूमने लगा,उसके गोल गोल गुदाज चूंचिओ को अपने दोनों हाथो से मसलने लगा ,
ममता की चूंचिओ के दोनों निप्पल कामवासना के चरमोत्कर्ष का प्रदर्शन कर एकदम तने हुए थे ,ऋषभ उन निप्पलो को अपने मुँह में बारी बारी से मुँह में भरकर भर चूस रहा था ,
फिर माँ की चिकने सपाट पेट पे अपनी जीभ फिराते हुए नीचे आ कर चूत को अपने मुँह में भर उसके प्रेम रस का पान करने लगा ,अपनी माँ की चूत में जीभ डाल डाल कर चोदने का अंदाज ममता के बदन को बिजली के झटको से भर देता। ऐसा नहीं था की ऋषभ आज पहली बार सेक्स कर रह था ,पर आज वह अपनी सगी माँ को चोदने वाला है ,यह रोमांचित एहसास ही उसके पुरे शरीर में झटके मार रहा था
ऋषभ अपनी माँ की चूत को चाटते चाटते सोच रहा था की माता पिता के प्रेम की परिणितीवश वह इसी छेद से एकदिन बाहर आया था और आज उसे इसी छेद के रसपान का मौका उसको मिला है .
आज वही प्रेम वो अपनी माँ को देगा ,वही रति क्रिया होगी ,औरत भी वही , उसका खेत भी वही पर आज वह अपने हल से इस खेत को जोतेगा।
फिर चूत चाटते चाटते वो अपनी माँ की गांड के छल्ले को भी चाटने लगता ,दानेदार छल्ले को कभी अपनी जबान की नोक से चाटता ,कभी उंगलिओ से फैला कर माँ की गांड के छेद की अंदुरुनी दीवारों को चाटने का प्रयास करता
क्यों न हो ,क्योंकि वो सबसे ज्यादा तो अपनी माँ की गुदाज गांड का दीवाना था ,
उफ़ उसके वो गुदाज भरंवा चौड़े चौड़े दो चूतड़ ,चूतड़ों के बीच की गहरी नाली ,और उस नाली में धंसा वो शानदार दानेदार छल्ला
यही तो वो छेद था जो माँ के बदन में अनछुआ था ,यही तो वो जन्नत का दरवाजा था जिसको आज वो अपने लण्ड से खोलने वाला था ,माँ की गुदाज गाड़ में अपने लण्ड की मोहर मारने वाला था।
उधर ममता भी काम वेदना के चरमोत्कर्ष पर थी ,उसके बदन से निकलता वो मादक पसीना और लावा उगलती उसकी चूत के गंध ने माहौल को और रूमानी बना दिया था
दोनों माँ बेटा 69 पोजीशन में एक दूसरे के गुप्तांगो को भरपूर प्यार दे रहे थे और एक दूसरे के मुँह को अपने अपने प्रेम रस ,काम रस का पान करवा रहे थे ,ममता की वो मादक सिसकारियां एक गरम हुई मादा के रम्भाने के समान थी ,जो उसके बेटे को उसकी चूत चोदने के लिए आमंत्रित कर रही हो
एक दूसरे को भरपूर प्यार करते करते ऋषभ उठा और उसने अपनी माँ को मेज पे लिटा कर उसकी दोनों सुडौल जांघो को चूमते हुए उन्हें अपने कंधे पर रख लिया ,और अपने हलब्बी ,फनफनाते लण्ड को ममता की चूत से रगड़ने लगा ,
बेटे ने माँ की चूत पर जैसे ही लण्ड रखा, ममता अपने कामवेग के उफान पर आ कर बोली
रेशु प्यार कर बेटा मुझे ,बहुत प्यार कर ,डाल दो अपना लण्ड मेरी चूत में और अपनी माँ की चूत की आग को बुझा दे बेटा ,
ममता तेजी तेजी से सिसकारियां लेती हुई "उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ की आवाज निकलने लगी
ऋषभ धीरे धीरे अपने लण्ड को माँ की चूत की गहराईओं में उतारता चला गया ,और धीरे धीरे झटके मार मार चूत को चोदने लगा ,
dice shaker app
ऋषभ के विशाल लण्ड ने ममता की चूत की हालत बिगाड़ दी और वो जोर जोर से सीसियाने लगी
उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ रेशु तुम्हारा यह बहुत बड़ा है.....बहुत मोटा है......लंबा भी खूब है......मुझे नहीं मालूम था यह इतना बड़ा भी हो सकता है
उफ्फ्फ्फ़ यकीन नहीं होता इतना मोटा लण्ड मेरी चूत के अंदर है .......बहुत ज़ोर से ठोका है तुमने मुझे......मेरी चूत में मानो आग लग गयी है "
चोदो ,और कस के चोदो रेशु मुझे ,तड़प रही थी तेरी माँ इसी सुख के लिए , खूब चोदो कस कस कर चोदो मुझे बेटा
माँ की चूत की दोनों दीवारों ने मानो अब बेटे के लण्ड को सहर्ष स्वीकार लिया था और अपनी चिकनाईओ से लण्ड के घर्षण को और सुलभ बना रही थी
ममता की कामोतेजक वाक्य ने मानो आग में घी डाल दिया ऋषभ अब ममता की चूत में ताबड़ तोड़ धक्के मारने लगा
50 50 coin toss
ऋषभ का लम्बा लण्ड माँ की बच्चेदानी तक टकरा रहा था ,मानो वो उसी अंग को जिसमे वो इतने दिन रहा था ,महसूस करना चाह रहा हो
बच्चेदानी तक टकराता लण्ड ममता को काम वासना के असीम समुन्द्र में गोते लगवा रहा था ,
उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़,उफ्फ्फ्फ़,"उफ्फ्फ्फ़ रेशु बड़ा मजा आ रहा है ,आज माँ को निहाल कर दिया तूने लाल ,अपनी माँ की आग बुझा दे बेटा।
ऋषभ भी कामोन्माद के शिखर पर था और कंधे पे रक्खी ममता की बायीं टांग को चूमता हुआ अपने लण्ड को माँ की चूत में अंदर बाहर कर उसे भरपूर सुख देने का प्रयास कर रहा था , फिर उसने ममता की गांड में हाथ लगा उसे हवा में उठा लिया ,
ममता की अब दोनों टांगे ऋषभ के बदन को जकड़े हुए थी और वो नीचे से माँ की चूत में शॉट मारने लगा ,
ok google flip a coin
इस पोजीशन में बेटे से चुदती हुई ममता अत्यधिक सुख का आनंद लेती हुई हंसने लगी
तुम है क्यों रही हो माँ ? हांफते हुए ऋषभ ने अपनी माँ से पूंछा
कुछ नहीं बेटा तेरे बचपन में मैं तुझे गोदी में उछालती थी आज तू मुझे उछाल रह है ,
कभी चप्पू नाव पे ,कभी नाव चप्पू पे
पुरानी कहावत है माँ ,कहते हुए ऋषभ भी हॅसने लगा।
माँ को नीचे उतार ऋषभ अब जमीन पे लेट गया और ममता को अपनी ओर मुँह कर लण्ड पे बिठा लिया और उसके दोनों चूतड़ों पे हाथ रख नीचे से धक्के मारने लगा ,
ममता भी अपने बेटे का भरपूर साथ दे रही थी और अपनी मदमस्त गांड को उछाल उछाल कर चुदवा रही थी
ऋषभ ने अब माँ को मेज पे पलटा दिया और पीछे से उसकी चूत पे ताबड़तोड़ धक्के मारने लगा लण्ड के ताबड़ तोड़ धक्को ने ममता को फिर ओर्गास्म पर पहुँच दिया और वह आह...रेशु ..आंह ...ऊम्म्म्म...हं..हं.. आ..आ...आह्ह्ह मेरी चू..ऊ..ऊ...त आह्ह. कहते कहते झड़ने लगी
ममता झड़ते झड़ते असीम सुख का आनंद लेती हुई ,चरम सुख की प्राप्ति की कामुक आवाज आवाज निकाल रही थी
उधर ऋषभ भी अब अपने चरम पे था और तेज धार के साथ माँ की चूत के अंदर पिचकारी मारने लगा, उसके लण्ड से वीर्य की पिचकारी मैं ममता ने बच्चेदानी में गर्म आग की तरह महसूस की
दोनों माँ बेटा निढाल होकर एक दूसरे से चिपक सोफे पे लुढ़क गए और फिर सोफे पे लेट एक दूसरे को ओंठो को चूमने लगे
कुछ देर यूँ शांत होकर वो एक दूसरे से चिपके ओंठो के रस का आदान प्रदान करते रहे
रेशु मेरे लाल तूने आज माँ को बड़ा सुख दिया ,कई दिनों बाद मैं आज खुश हुई , ममता ने कहा
माँ क्या मैंने पापा से ज्यादा अच्छी तरह से तुझे चोदा? ऋषभ ने ममता की चूत में उंगली डालते हुए पूछा
रेशु तू सच में बड़ा शरारती है ,कहती हुई ममता उसके सीने में सर छुपाने का प्रयास करने लगी
नहीं माँ प्लीज बताओ ना माँ ,मुझे जानना है ,हम दोनी में कौन तुझे ज्यादा सुख दे पाया ,कौन तुझे ज्यादा अच्छे से चोद पाता है ?
जवाब देना माँ ,ऋषभ ने ममता की आँखों में आँख डालकर पूछा
तू जीत गया बेटा ,,,,,,,,,,, ये कह ममता शर्माती हुई ममता ने ऋषभ के कंधे पे अपना सर रख लिया।
ऋषभ के हाथ अब अपनी माँ के चूतड़ों को सहला रहे थे ,फिर उसने अपनी एक उंगली गांड के छेद में डाल कुलबुलाने लगा
माँ मेरी एक और इच्छा पूरी करेगी ?
बता न बेटा ,आज तेरी माँ तेरी हर एक इच्छा पूरी करेगी
सच में माँ ,मना तो नहीं कर दोगी ,
नहीं बेटा ,मैं तेरी हर इच्छा पूरी करूंगी ,
माँ मुझे तुम्हारी गांड मारनी है
Last edited: