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Adultery Mann bahek gaya

क्या स्टोरी ठीक है

  • हा

    Votes: 9 47.4%
  • अभी और गहराई से लिखने की ज़रुरत है

    Votes: 10 52.6%

  • Total voters
    19

BajiAmmi07

I need more
66
76
18
कभी कभी जिंदगी में कुछ चीजे अपने आप ही हो जाती है जिसका हमे कोई अंदाजा नहीं होता वैसा ही कुछ मेरे साथ भी हुआ

मेरा नाम निशा है, मेरी उम्र 29 है मेरी शादी को सात साल हो चुके है मेरे पति का नाम रवि है और वो दुबई में एक कंपनी में एजीनियर की पोस्ट पे है पैसा अच्छा कमाते है इसी लिए मुझे कुछ भी करने को मना किया है एक अच्छा सा घर बना रखा है जिस में जो कुछ भी मुझे चाहिए था वो लाके रखा है हालाकि में एकेले घर में बोर हो जाती हुन तो मेने उनसे एक दो बार कहा है कि में टीचर की जॉब कर लेती हूं जिस से मेरा मन लगा रहे लेकिन वो मुझसे इतना प्यार करते है की मुझे थोड़ी सी भी मेहनत नहीं करवाना चाहते में भी उनसे इतना ही प्यार करती थी तो मेने भी उनकी बात को मना नही किया और घर में ही योगा सीखना और छोटी लड़कियों को सीखना शुरू किया।
वो साल में दो बार आते दो महीने की छूटी लेके तब हम बोहोत ही इंजॉय करते वो जब भी आते तब हमारा प्लान गोवा और दूसरी जगा का बनता और हम छे–सात दिन खूब घूमते बाद में घर आके वो मुझे शॉपिंग कराते हम दोस्तो के वहा जाके मिलते घर आके मूवी देखते मेरे साथ खाना बना ने मुझे हेल्प करते फिर खाना खाने के बाद हम बिस्तर पर नॉर्मल पति पत्नी की तरह इंजॉय करते, एक अच्छे पति और दोस्त की तरह वो मेरा अच्छा ख्याल रखते, मुझे ऐसी ही लाइफ और पति चाहिए था और मुझे मिल गया था बस और क्या चाहिए जब में कॉलेज में थी तब भी में ज्यादा ध्यान पढ़ाई में ही देती थी क्यूं की में दिखने में खोबसूरत थी तो कई लड़के ट्राई करते मुझे पटाने की पर मेने कभी ना तो बॉयफ्रेंड बना ने की सोची ना तो कभी इन चीजों पर ध्यान दिया कभी यह नहीं सोचा की मेरा पति शाहरुख खान जैसा हो बस मेरा ख्याल रखने वाला और अच्छा हो मुझे मेरे मम्मी पापा की इज्जत बोहोत ही प्यारी थी और में उनकी मर्जी के मुताबित ही शादी करना चाहती थी मेरे मम्मी पापा ने ही रवि को चुना था मेरे लिए वैसे रवि भी खूबसूरत ही है।

मेरा ख्याल रखने के लिए रवि ने एक नौकर भी रखा था जो मेरा हर काम कर देता था 19 साल का लड़का था उसका नाम विवान था वो मुझे हमेशा ही निशा दी कह के बुलाता था में भी उसे अपना छोटा भाई ही मानती थी वो भी छोटे भाई की तरह मेरी इज्जत करता था सुबह 10 बजे आता और शाम 7 बजे मेरी काम में मदद कर के चला जाता बोहोत ही सीधा साधा और अच्छा लड़का था मेरे साथ कई बार वो मेरे मम्मी पापा के घर भी आता था मेरे मम्मी पापा भी उसे अपने बेटे की तरह ही मानते थे ,,लेकिन उस दिन ये सब बदल गया
वो दिन मुझे आज भी याद है कैसे में बहक गई थी एक नॉर्मल और घरेलू महिला से एक कामुक स्त्री बन गई जिसे रात को बिस्तर पे एक भरपूर और बदन तोड़ देने वाला सेक्स चाहिए जो तन में उठ रही हर एक प्यास को बुझा दे।
बात उस टाइम की है जब रवि की कंपनी इंडिया में भी अपना कारोबार करने के लिए इंडिया में एक कंपनी के साथ मिल के काम करना चाहती थी इसी लिए कुछ इंडिया के इंजीनियर को इंडिया में स्विफ्ट कर रही थी और उस जॉब के लिए रवि बोहोत ही मेहनत कर रहा था इसी लिए वो 2 साल तक इंडिया आ नही सकते थे ये बात जब रवि ने मुझे बताई तो सुन के में बोहोत ही खुस हुई की अब हम एक साथ ही रहेंगे जब ये खबर मेने अपने घर पे सुनाई तो वो भी खुस हो गए

आज पूरे सात महीने हो चुके थे रवि को दुबई में ,, मुझे भी आज कुछ बोरिंग सा फील कर रही थी रवि दो महीने की छूटी पे नही आए थे तो कुछ एकेला सा लग रहा था वो दो महीने इंजॉय के याद आ रहे थे जब रवि छुट्टी पे आता था और मुझे घूमता था यही सब सोचते हुए मोबाइल हाथ में लेके सोचा रवि से बात कर लूं और मोबाइल उठा के रवि को कॉल लगा दिया थोड़ी रिंग के बाद रवि ने फोन उठाया

'' हेलो, निशा कैसी हो '' अभी में तुम्हे ही याद कर रहा था
अच्छी हूं आप कैसे हे और आप का काम कैसा चल रहा है
काम अच्छा चल रहा है में पहले नंबर में हूं इंडिया आने वालो मे से
में खुस होके, i love you
वैसे आज तुम्हारी याद आ रही थी और तुम्हारा फोन आ गया love u too
याद तो मुझे भी आ रही थी चार महीने बाद जब आप आते थे तो हम काफी अच्छा टाइम बिताते थे और वो दो महीने मुझे अकेले बिताए हुए चार महीने भुला देते थे
मुझे पता है डार्लिंग इसी लिए तो मेने कहा था की तुम अपने मामी पापा के घर रहने चली जाओ तुम यह इकेला महसूस करोगी
बात तो ठीक है पर घर ऐसे बंद कर के जाना अच्छा नहीं लगता और बच्चे की योगा क्लास भी होती है और महीने में दो तीन बार तो बार तो हो आती हू और वो भी यहां आते रहते है
तो ऐसा करो ना आज चली जाओ तुम्हारा मन भी बहेल जायेगा
में भी यही सोच रही थी की आज मामी पापा के घर चली जाऊं और वहा ही खाना खालू,
कुछ लेके जाना और अगर रुकने का मन करे तो दो तीन दिन रुक जाना,
रुक नही सकुगी क्यूं की कल बचे आयेगे योग सीखने और मेने मना भी नही किया है
जैसा तुम ठीक समझो और विवान को साथ ले जाना वापस आते हुए देर हो जायेगी और वो समान उठाने में भी तुम्हारी मदद कर देगा
ठीक है विवान को भी साथ में ले जाति हूं वैसे भी मामी पापा भी उसे बोहोत पसंद करते ही उसे अपने बेटे जैसा ही मानते हे
Ok मुझसे भी बात करा देना कई दिन हो गए मामी पापा से बात किए हुए
जी पोहच के ही बात करा दूंगी चलो रखती हू bye
I love you.
I love u too..
और फोन रख के में जाने की तैयारी कर ने लगी विवान को आवाज लगा के बुलाया

विवान बेडरूम के दरवाजे के पास आया और बोला उसकी अच्छाई यही थी वो कभी बेडरूम के अंदर नही आता था

"जी निशा दी"
'"विवान चलो आज मम्मी पापा से मिल आते है
ठीक है निशा दी" वैसे कब तक आ जायेगे हम
"खाना खा के आयेगे तो देर तो हो जायेगी कुछ काम था"
"नही निशा दी कोई जरूरी काम नहीं था"
"बैग ले लेना साथ में कुछ सम्मान भी खरीद ते जायेगे
Ok निशा दी , और वो नीचे चला गया
में दरवाजा बंद कर के नहाने चली गई नहा के अलमारी से एक ब्लू कलर की रेशमी सारी निकल के तैयार होने लगी तैयार होके में नीचे आई तो
विवान ने हाथ में बैग लिए खड़ा था और हम घर को बंद कर के मम्मी पापा से मिलने निकल गए मेने आज बस या रिक्शा से जाने का सोचा तो कार नही निकली

"निशा दी आज हम कार में नही जायेगे
"नही विवान आज थोड़ा बोर लग रहा है तो मेने सोचा की रिक्सा या बस से चले जाते है
"क्यूं निशा दी, आज ऐसे जाना है
"वो में पहले भी कॉलेज अपने दोस्तो के साथ बस और रिक्स्का में ही जाति थी तो आज भी ऐसे ही जाने को दिल कर रहा है ,
ठीक है निशा दी
और हम निकल गए पहले बाजार से कुच मिठाई और फल खरीदे फिर रिक्शा पकड़ के मम्मी पापा के घर पोहच गए दरवाजा मामी ने खोला और वो मुझे देख के बोहोत खुस हो गई मुझे गले लगा लिया
"कैसी हो निशा बेटी"
ठीक हू मां , तुम कैसी हो,
"में भी ठीक हूं,
और विवान तुम कैसे हो
विवान ने मम्मी के पाव छुए बोला में भी ठीक हूं
"पापा मेरी आवाज सुन के टीवी बंद कर के हमारे पास आ गए और मुझे गले लगा के पहले मेरा हाल पूछा फिर विवान का, और हम लोग अंदर आ गए
अंदर आके सोफे पे में और थोड़ी दूर विवान बैठ गया
सामने ममी पापा बैठे थे
फिर हमने बोहोत देर बाते की उन्हों ने मुझे रवि के हालचाल पूछे मेने बताया कि यहां आने से पहले रवि से ही फोन पे बात की थी उन्हों ने ही मुझे यह आने का कहा था और आप से बात भी करना चाहते है फिर मेने कॉल लगा के उनसे बात करवाई और ऐसे ही हम चाय पीते हुए शाम तक बाते करते रहे फिर में और मां खाना बना ने चले गए विवान भी हमारी मदद करने हमारे साथ आ गया जब खाना बन गया तो हमने साथ में खाना खाया और थोड़ी देर और बैठे..
"मां अब हम चलते है वैसे भी 10 बज गए है"
मां मुझे कहने लगी " बेटा आज रुक जा कल चली जाना वैसे भी रात हो गई है
नही मां कल बचे आनेवाले है योगा सीखने और विवान हे ना वो मुझे छोड़ देगा
ठीक है बेटा दुबारा जल्दी आना और ख्याल रखना अपना
Ok मां, और में सोफे से उठ के मां और पापा के गले लगी
विवान तुम भी आना साथ में
जी और विवान ने भी पर छुए और हम वहा से निकल गए
बाहर आए तो पता चला की बारिश की बूंदे पड़ना चालू हो गई है जिस वजह से कोई रिक्शा वाला नही दिख रहा था तो हम बस में जाने के लिए बस स्टॉप की और निकल गए जब हम स्टॉप पे पोहच्छे तो बारिश थोड़ी तेज ही गई हम बस स्टेंड के नीचे खड़े हो गए बारिश से बचने के लिए थोड़ी देर बस आ गई बस काम कर के घर जाने वाले लोगो और बारिश की वजह से खचाखच भरी हुई थी में और विवान बस में चढ़ गए विवान के आगे एक लड़की थी पीछे में और मेरे पीछे एक आदमी था दिखने में पढ़ा लिखा ऑफिस में काम करने वाला लग रहा था कंडक्टर ने दरवाजा बंद किया और वही खड़े हुए हमारी टिकट काटी, बस अब धीरे धीरे चलने लगी थी और वो आदमी थोड़ा और ज्यादा मुझसे चिपक गया जिस की वजह से में भी विवान के पीछे चिपक गई इस आदमी ने अपनी कमर मेरे हिप्स पर चलानी शुरू कर दी पहले तो मुझे लगा की बस की चलने वजह से ऐसा हो रहा है पर जब मुझे मेरी गान्ड में कुछ फूलता हुआ महसूस हुआ तो में समझ गई के ये भीड़ का फायदा उठा रहा है में उससे बच ने के लिए थोड़ा और आगे हो गई पर इतनी जगह नहीं थी मुझे यह अहसास ही नही था की में विवान से बिलकुल सट गई हूं मेरी छाती पीठ पे और चूथ विवान की गांड़ से चिपक गई थी में उस आदमी से बचने के लिए ऐसा कर रही थी, में आगे देखने लगी के जल्दी से स्टॉप आ जाए तो हम उतर जाए लेकिन अभी स्टॉप आने में देर थी वो आदमी अब मेरी गान्ड की दरार में अपना लंड रगड़ ने लगा धीरे धीरे उसका लंड खड़ा हो रहा था मुझे गुस्सा तो आ रहा था पर में कुछ करना नही चाहती थी क्यूं की में कोई तमाशा नही चाहती थी तो में चुप रह कर सब कुछ सह रही थी जब उसका लंड पूरा खड़ा हो गया तो धीरे से उसका हाथ मेरी कमर पर आया और मुझे थोड़ा पीछे खींच के अपना लंड गांड़ की दरार में जोर से दबा दिया जब उसके चुभते लंड का एहसास मुझे हुआ तो न चाहते हुए भी मेरा शरीर गरम होने लगा था मेने अच्छे से खड़े रहने के लिए एक हाथ विवान के कंधे पे रखा था और दूसरे हाथ से उपर हैंडल को पकड़ा हुआ था वो चिपके हुए ही मेरे एक कूल्हे पे हाथ रख के उसको सहला रहा था थोड़ी देर सहलाने के बाद थोड़ा पीछे हो के उसने धीरे धीरे धक्के मरने शुरू किए वो इस तरह से धक्के मार रहा था जैसे बस के चलने के कारण ऐसा हो रहा हो न चाहते हुए भी मुझे मजा आने लगा मेरे निप्पल कड़क हो गए थे, निपल कड़क होके बूब्स के साथ विवान की पीठ पे दब गए वो मेरी गांड़ दबाता हुआ वैसे ही धक्के मार रहा था मुझे बहुत बुरा फील हो रहा था में सेंडविच की तरह दोनो तरफ से दबी हुई सोच रही थी की कैसे इस मुसीबत से निकलु लेकिन जब उसके हाथ उपर मेरे बूब्स को चुने के लिए बढ़ रहे थे तब मेने एकदम से विवान से आगे आने के लिए बोला विवान थोड़ा गभरा के पूछने लगा क्यूं ,मेने कहा "वो पीछे आदमी खड़े है तो तुम पीछे आ जाओ में आगे औरतों के साथ खड़ी हो जाति हू जैसे ही उस आदमी ने ये सुना तो अपना हाथ फॉरन हटा लिया और थोड़ा पीछे हो गया अब विवान मेरे पीछे आके खड़ा हो गया वो आदमी जाके कंडक्टर के पास खड़ा हो गया शायद उसको स्टॉप आने वाला होगा जाते जाते सब से नजर बचा के मेरी गान्ड को सहलता गया में गुस्से से उसको देखने लगी वो मुस्कुराता हुआ चला गया "खेर में अब आगे देखने लगी सोचने लगी चलो इस मुसीबत से छुटकारा तो मिला अगले स्टॉप पे वो आदमी उतर गया और एक बड़ी उमर की महिला आके हमारी लाइन में आगे खड़ी हो गई जिस से में पीछे विवान से सट गई जब में विवान से सटी तो मेरी गान्ड में बड़ी सी चीज चुभी .....में समझ गई की ये विवान का लंड है पर ये खड़ा क्यूं है जब मेने सोचा तो मुझे याद आया कितनी देर से वो मेरे आगे की लड़की से सटा हुआ था तब. पीछे से में भी तो सटी थी मेरा पूरा शरीर उस से सटा हुआ था मेरे बूब्स विवान की पीठ से दबे हुए थे जब मजे से मेरे निप्पल कड़क हुए थे तो उसकी पीठ पे जरूर चुभे होग या फिर आगे खड़ी लड़की की गांड़ ने विवान के लंड को खड़ा कर दिया होगा अब मुझे समझ में आया की क्यूं वो पीछे आने से घबरा रहा था की कही मुझे पता न चल जाए की उसका लंड खड़ा है लेकिन अब तो मुझे पता चल गया था और में कुछ नही कर सकती थी अब में पीछे नहीं जा सकती थी ना ही वो लड़की को पीछे आने के लिए बोल सकती थी और इस में विवान का कोई दोष भी नही था .. में बस अब अनजान बने आगे देखने लगी विवान पीछे आना नही चाहता था वो उसके आगे खड़ी लड़की के मजे लेना चाहता था जब भी पीछे से हल्के धक्के आते तो वो भी आगे धक्का मार देता उस लड़की को भी शायद मजा आने लगा था वो भी कमर मोड़ के अपनी गांड़ को विवान के लंड पे सटाए थी लेकिन निशा के कहने पे उसे पीछे आना पड़ा वो मुंह लटकाए निशा के पीछे आ गया उसका लंड ढीला पड़ गया लेकिन जब उसका लंड निशा की नरम बड़ी 36इंच की गांड़ पे लगा तो वो फिर से कड़क हो गया निशा को विवान का खड़ा लंड अपनी गांड़ की दरार पर पूरा महसूस हुआ जैसी लंड को ऊपर कर के गांड़ की दरार में फसाया हो पहले ही उस आदमी ने निशा को गरम कर दिया था उससे बचने के लिए वो विवान के आगे आई थी लेकिन विवान के लंड ने ना चाहते हुआ भी निशा को फिर से गरम कर दिया निशा की सांसे तेज चलने लगी वो विवान के लंड को ना चाहते हुए भी फील करने लगी,, विवान का लंड कड़क होके निशा की गान्ड पर धीरे धीरे ठोकर मार रहा था लंड की ठोकर निशा के बदन में करंट पैदा कर रही थी निशा की चूथ में सुरसुरी शुरू हो गई थी निशा अपने आप पर कंट्रोल करते हुए तेज सांसे लेते हुए आगे देख ने लगी पर..विवान निशा की नरम मस्त गोल गांड़ को महसूस कर के अपना कंट्रोल खो रहा था वो लंड को निशा की गांड़ मे उपर नीचे घिसने लगा विवान के इस तरह से लंड घिसने से मुझे शर्म आ रही थी में उस पर गुस्सा भी नही हो सकती थी कार छोड़ के बस में आने का प्लान मेरा ही था विवान तो बिचारा मेरी मदद करने आया था, में आगे देखते हुए ये सोच ही रही थी की विवान की उंगलियां मुझे अपने नितंब पर महसूस हुई में चौंक गई क्या विवान मेरे नितम्ब को सहला रहा है मेरा दिल जोरो से धड़कने लगा सांस तेज़ चलने लगी में मन में बड़बड़ाने लगी.."मत कर विवान"..कोई देख लेगा .. थोड़ी देर के बाद उसने उंगलियां हटा ली और फिर से वो लंड को गांड़ में घिसने लगा मेने आंख बंद कर के राहत की सांस ली शायद वो अपना लंड को एडजस्ट कर रहा होगा क्यूं की लंड अच्छे से दरार में फिट हो गया था..वो वैसे ही घिसने लगा मेने झांग पर रखे हाथ से साड़ी को मुट्ठी में पकड़ लिया थोड़ी देर बाद मुझे ऐसा लगा की विवान अपना लंड पकड़ कर मेरी गान्ड की दरार में उपर नीचे रगड़ रहा है मेरे बदन में करेट दौड़ गया उसका सुपाड़ा पूरी गांड़ की दरार पर उपर नीचे फिर रहा था न चाहते हुआ भी मुझे मजा आने लगा चूथ में पानी आने लगा मेने अपने पैर चिपका लिए थोड़ी देर ऐसे ही फिरने के बाद लंड मेरी गांड़ पे टिका दिया विवान ने मजे में आके अपना लंड और आगे दबाया जिस से उसके लंड साडी को अंदर करता हुआ मेरी गान्ड के पत्तो को खोलता हुआ सीधा छेद पर अपना दबाव बनाने लगा विवान के सुपाड़े को अपनी गांड़ के छेद पर महसूस कर के मेरा बदन अकड़ गया सांसे तेज चलने लगी मुंह से दबी हुई आह्ह्ह्ह निकली मेंरी गांड़ ने लंड के सुपाड़े को जकड़ लिया.. जिंदगी में पहली बार ऐसा अनुभव मुझे हो रहा था मेरी सांसे तेज चलने लगी अगले स्टॉप पर विवान वैसे ही लंड गड़ाए हुआ ही खड़ा रहा आगे स्टॉप पे बस रुकी विवान के पीछे का आदमी उस स्टॉप पे उतर गया जिस से थोड़ी सी जगह बन गई थी लेकिन विवान अभी भी वैसे ही खड़ा रहा वो पीछे नहीं हटा मेने उसको होश में लाने के लिए अपना हाथ उसकी जांघ पर रख के हाथ और गांड़ से पीछे धक्का दिया जिस से वो समझे की मुझे अच्छा नहीं लग रहा और पीछे हो जाए पर उसने उलटा अपने लंड को आगे धक्का दिया जिस से उसका सुपाड़ा सरकता हुआ मेरी टांगों के बीच चूथ के मुंह के पास आके टिक गया "निशा का मुंह खुल गया उसके मुंह से धीमी आह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह निकल गई विवान के सुपाड़े को चूथ के पास महसूस करके निशा के बदन में करंट दौड़ गया वो अपना लंड आगे करने लगा और धक्के देने लगा में परेशान हो गई विवान ये क्या कर रहा है क्यों पीछे नहीं हट रहा और धक्के भी मर रहा है कही कोई देख न ले मेने तिरछी नजर से दाएं बाएं देखा की कही कोई देख तो नहीं रहा लेकिन किसी की नजर हम पे नही थी कुछ नींद में आंख बंद किए हुए थे कुछ बाहर देख रहे थे और कंडक्टर ने बस में लाइट भी आधी जला रखी थी जिसकी वजह से बस में नाइट बल्ब जैसा अंधेरा था विवान ने दोनो हाथो में बैग पकड़ा हुआ था जो हमारी इस हरकत को ढक रहा था अब विवान वैसे ही धीरे धीरे धक्के दे रहा था में अब समज गई की विवान अब नही हटने वाला उस पर सेक्स का नशा चढ़ा हुआ है और ये सब हरकते कर के मुझे भी नशा चढ़ा रहा है तो मेने दुबारा कोशिश नही की और अपना हाथ वापस ले लिया उसने लंड आगे की तरफ दबाया वो लंड को चूथ के पास ले जाना चाहता था यही सोच के की वो लंड चूथ से भिड़ाने के लिए आगे कर रहा न चाहते हुए भी मेरे शरीर ने रिएक्ट किया मेरे पैर थोड़े खुल गए उसका सुपाड़ा मेरे नितंब की दरार के नीचे की जांघो से घिसता हुआ मेरी चूथ के मुंह पे दब गया निशा की आंखे बंद हो गई मुंह से आअह्ह्ह्हह्ह निकल गई उसको मजा आने लगा निशा ने अपनी जांघों से लंड को दबा लिया विवान धीरे धीरे गेहरे धक्के लगाने लगा निशा ने अपने जांघो से लंड को दबाया हुआ था जिस से जब वो लंड को पीछे लेता तो सुपाड़ा चमड़ी के अंदर चला जाता और आगे धक्का मारता तो सुपाड़ा चमड़ी से निकल कर चूथ के छेद पे टकराता सुपाड़े के धक्के को चुथ के छेद पर महसूस कर के निशा को मजा आने लगा था चूथ से पानी बह रहा था जिस ने उसकी पैंटी को गीली दी निशा की आंखे बंद थी उसने अपना सिर नीचे कर लिया और ना चाहते हुआ भी मुझे में डूब गई हर धक्के के साथ सुपाड़ा छेद को छू जाता चूथ के पानी ने पेंटी के साइड से निकल कर जांघो तक आ गया कंधे पे पड़ती विवान की गरम सांसों ने निशा को और मजे में डूबो दिया विवान ने लंड और आगे करने के लिए जोर लगाया निशा ने अपने पैरो को थोड़ा सा और खोल दिया जिस से विवान लंड झांघो के बीच में पूरा चूथ उपर आ गया सुपाड़ा अब अच्छे से चूथ पर अपना दबाव दे रहा था विवान को जब और जगह मिल गई तो वो और तेज लंड को आगे पीछे करने लगा सुपाड़ा चूथ की लकीर पे तेजी से आगे पीछे हो रहा था निशा को इतना मजा आ रहा था की अपनी कमर को थोड़ी मोड़ के गांड़ पीछे करली एक हाथ जो झांघ के उपर था उसने साड़ी को मुट्ठी में भींच लिया दोनो आंखे बंद कीए हुए मजे लूट ही रहे थे की तभी बस स्टॉप पे आके रुकी बस के रुकने से हम होश में आए , विवान ने अपना लंड सरकाते हुए पीछे कर लिया और आगे बैग रख दिए में भी थोड़ा आगे हो कर नीचे उतरने लगी हमे उतार के बस चली गई बारिश अब भी चालू थी घर स्टॉप से थोड़ा ही दूर था हम जल्दी से बारिश में भीगते घर पोहचे मेने चाबी से दरवाजा खोला और हम अंदर आ गए अंदर आके मेने दरवाजा बंद कर लिया और डाइनिंग टेबल के पास जाके नैपकिन से अपने चेहरे को पोछने लगी मेरी सांसे अभी भी तेज चल रही थी लिंग अभी भी जांघो के बीच महसूस हो रहा था पर में घर आके अब संभल चुकी थी विवान अभी बैग पकड़े मेरे पास ही खड़ा था में पीछे मुड़ी तो देखा कि विवान की नजर मेरी गान्ड पर ही थी साड़ी भीगी होने की वजह से पूरी गांड़ और पेंटी का लाइन दिख रही थी उसकी आंखे अभी भी वासना से भरी हुई मेरी कमर के नीचे चिपकी हुई साड़ी से जो नजारा बन रहा था वो देख रही थी चिपकी हुई साड़ी से मसल झांघे और बीच में त्रिकोण बना दिख रहा था वो अब भी नशे में था फिर उसकी नजर मेरी पतली कमर और साड़ी से जाक रही पानी से भीगी नाभी को देखने लगी और आगे बढ़ते हुए मेरी छाती पे आ गई आज तक विवान मेरे चेहरे के अलावा कही नही देखता था और आज वो चेहरे को छोड़ के मेरे पूरे बदन को देख रहा था..मुझे शर्म आ रही थी अभी भी विवान की नजर मेरे भीगी साड़ी और ब्लाऊज़ में से ब्रा के साथ दिख रहे 36इंच के बूब्स पर ही थी मेने हाथ छाती पर रख के विवान को बोला,

"विवान मुझे बैग दे में रख देती हूं तू जाके पानी पोंछ लें वरना शरदी लग जायेगी
वो आवाज सुन के मेरे चेहरे की और देखने लगा बैग अभी भी वो अपने लंड के आगे रख पकड़े हुआ था जब मेने उसकी आंखो में देखा तो मुझे हवस और नशे से भरी हुई दिखी
मेने एक हाथ आगे बढ़ते हुए फिर उस से बोला ला दे मुझे बैग में रख देती हु
"विवान ने धीरे से बैग को हटाते हुए एक साइड कर दिए

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जब मेरी नजर वहा पड़ी तो में चौंक गई विवान का लंड पैंट से बाहर था बिलकुल सीधा रॉड के जैसे खड़ा था मेरा हाथ वही रुक गया आंखे विवान के लंड पर जम गई रवि के अलावा ये ये दूसरा लंड था जो में देख रही थी.. हे भगवान ये क्या ..इसने तो लंड बाहर निकाल रखा है..और इतना बड़ा.. मेंरी सांसे फूलने लगी गला सूखने लगा में थूक गटकते हुए गौर से विवान के लंड को देख रही थी में नजरो से उसे मापने लगी रवि से तीन इंच लम्बा और गोरा था करीब 8इंच लम्बा होगा चमड़ी सुपाड़े से नीचे उतरी हुई थी जिस से लाल सुपाड़ा पूरा दिख रहा था मोटाई इतनी की अगर में हाथ से पकडु तो मेरी उंगलियां आपस में ना मिले ज्यादा ही कड़क होने की वजह से नशे फूली हुई साफ दिखाई दे रही थी अब मुझे समज में आया विवान>>> का लंड क्यूं मुझे अपनी टांगो के बीच चूथ तक पोहच पा रहा था अगर वो पैंट के अंदर होता तो गांड़ की दरार तक ही होता यही सोचते मुझे फिर से अपनी टांगो की बीच चूथ के छेद पर विवान का लंड धक्के मारता हुआ महसूस होने लगा चूथ में झुरझुरी पेदा हो गई मेरी सांसे तेज हो गई नजर उठा के जब मेने विवान को देखा तो उसकी नजर लंड को घूरते हुए मेरे चेहरे पर ही थी फिर धीरे से नीचे आई और मेरी उपर नीचे होती हुई छाती को देखने लगी पानी से भीगे हुए ब्लाउज में से सफेद ब्रा में कैद सफेद बड़े चूचे आधे नंगे दिख रहे थे जिस के निप्पल कड़क होके ब्रा अंदर से दिख रहे थे जिसे देख कर उसका लंड झटके मरने लगा में जल्दी से अपना हाथ खींच कर टेबल की तरफ घूम गई , में कुछ बोलने ही वाली थी की तभी मुझे बैग के गिरने के आवाज आई मेने पीछे देखा तो विवान मेरी तरफ आ रहा था उसने जल्दी से आके मुझे पीछे से जकड़ लिया एक हाथ गले से होता हुआ मेरे कंधे को पकड़ लिया और दूसरा हाथ ने मेरे पेट को पकड़ लिया में झटके की वजह से टेबल से टकरा गई दोनो हाथो ने टेबल को पकड़ लिया और वो मेरे गले और कंधो को बेहतहासा चूमने लगा.

"आआह्हह्ह विवान ये क्या ’आहहहहह‘ कर रहा है , छोड़ मुझे"


वो बस उम्मह उम्म्ह कर के चूमे जा रहा था कभी कंधे को तो कभी गाल को कभी गले पे बस चूमे ही जा रहा था में उससे छुटने का प्रयास कर रही थी लेकिन विवान ने मुझे कस के पकड़ा हुआ था मेरा बदन अब मेरा साथ छोड़ रहा था मेरी गान्ड में विवान के लंड की रगड़ और चूमने से पड़ती गरम सांसे मुझे बहका रही थी उसका हाथ मेरे स्तन पे आके उसे दबाने लगा और लंड को गांड़ पे दबा के दूसरे हाथ से मेरी चूथ को सहलाने लगा

इस तरह विवान के मसल ने से निशा के बदन में उत्तेजना होने लगी थी चूथ में पानी आने शुरू हो गया निशा का विरोध कम पड़ने लगा आंखे नशे की वजह से आधी बंद हो गई मुंह नीचे की और कर के वो तेज तेज सांसे ले रही थी, आअह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह विवान उम्मम्म्म मत कर, लेकिन विवान कुछ सुन नही रहा था वो दूसरे चूचे को पकड़ के दबाने लगा में अब इस नशे में बहती जा रही थी आंख बंद कर के सर को विवान के कंधे पे रख दिया विवान के होठ मेरे गाल पे आके चूमने लगे फिर मेरे पूरे गाल को अपने मुंह भर कर स्तन को जोर से दबा के गाल को चूसने लगा "में दर्द से जोर से कराह उठी ’आआआहहह ", थोड़ी देर के बाद विवान ने मुझे अपनी तरफ घुमा लिया और मेरा हाथ पकड़ के अपने लंड की और ले जाने लगा मेने अपने हाथ को ताकत से विवान के लंड के पास जाने से रोका
"नही विवान ये गलत है"
विवान मेरे गाल को सहलाते हुए बोला " प्लीज निशा दी एक बार पकड़ लो ,
मेने उसको समझते हुए कहा "विवान में तुजे अपने छोटे भाई की तरह मानती हूं तू भी मुझे दीदी कहता है हमे ये नही करना चाहिए और में तुम्हारे भैया को धोका नही दे सकती
निशा दी मुझे पता है की आप मुझे अपन भाई मानती है में भी आपको अपनी दीदी मानता हूं पर आज जो हुआ उसने मुझे पागल बना दिया है और में जनता हूं आप भी अंदर से यही चाहती है अब में अपने आप को रोक नहीं सकता और निशा के हाथ को जोर से खींच के अपने लंड के उपर रख दिया देखो निशा दी आपने इसे कितना गरम और कड़क कर दिया है अगर अपने कुच नहि किया तो ये फट जायेगा, और ये कह कर विवान ने निशा के हाथ की मुट्ठी बंद कर दी निशा के हाथ जब विवान के लंड पे पड़े तो निशा ने महसूस किया की किसी गरम कोयले को अपने हाथ की मुट्ठी पे पकड़ा है निशा के मुंह से आअह्ह्ह निकल गई नजर नीचे विवान के लंड की और चली गई उंगलियां लंड की फूली हुई नशों को अपने अंदर महसूस करने लगी निशा की सांसे तेज चलने लगी थोड़ी देर देखने के बाद उसने विवान की और देख के बोला " मगर विवान किसी.. निशा बस इतना ही बोल पाई थी की विवान ने निशा के सिर को पीछे से पकड़ उसके होठों को चूमने लगा निशा ने आंखे बंद करली अपने होठों को खोल के विवान के हवाले कर दिया अब वो और विरोध करने की हालत में नहीं थी विवान ने निशा के हाथ को छोड़ के उसकी गांड़ और जांघें सहलाते हुए उसके निचले होठ को मुंह में लेके चूसने लगा थोड़ी देर निचले होठ को चूसने के बाद उपर के होठ को मुंह में लेके उसे चूसने लगा दोनो हाथ निशा के स्तन पे ले जाके उसे मसलने लगा निशा इस मजे में खो गई वो भी विवान के निचले होठ को चूसने लगी हाथ की मुट्ठी लंड पर कस गई निशा ने ये महसूस किया की लंड की मोटाई की वजह से उसके हाथ की उंगलीयो के बीच में अभी ही एक छोटी उंगली जितना फासला है उसने इस फासले को मिटाने के लिए अपनी मुट्ठी को लंड पे और कस लिया लेकिन लंड इतना कड़क था की कुच भी असर नहीं हुआ उसने थोड़ा और जोर लगाया तो उंगलियां थोड़ी टच होने लगी इस तरह लंड दबाने से विवान को दर्द होने लगा वो जल्दी से होठ को चूसना छोड़ के मेरे हाथ को पकड़ के अलग कर दिया और कराहने लगा जैसे ही लंड को छोड़ा तो वो बुरी तरह से मेरे सामने उपर नीचे जुलने लगा में उसको जुलता हुआ देख के निशा अपने आप को रोक नहीं पाई दुआबरा से उसे पकड़ लिया
"दर्द हुआ , उसने हा में सिर को हिलाया" मेने उसको होठ से अपने होठ भिड़ा दिए हाथ को लंड पर आगे पीछे करते सहलाते हुए विवान के होठों को चूमने लगी वो भी मेरे होठों को चूमने लगा

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उसके हाथ मेरे स्तन पर आ गए और उसे मसलने लगे हवस मेरे उपर चढ़ गई थी हाथ लंड पर और ज्यादा चलने लगे थे में विवान के होठों को और ज्यादा चूमने और चूसने लगी तीन चार मिनट तक हम एक दूसरे को चूमते रह फिर मुझे अलग कर के मेरी आंखो में देखते हुए बोला चलो निशा दी आज आपको एक अलग ही दुनिया में ले जाता हूं


फिर मेरा हाथ पकड़ के मुझे दीवाल के पास ले जाके दीवाल से सटा दिया ब्लाउज को पकड़ के फाड़ दिया ब्रा को भी उतार के फेक दिया साड़ी को पकड़ के एक ही जटके में निकल दिया पेटीकोट का नाडा खोल के पैरो से निकल के एक तरफ फेक दिया और खड़ा होके थोड़ी दूर जाके मुझे उपर से नीचे तक देखने लगा मेने शर्मा के अपने हाथ से स्तन को ढक लिया

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उसका लंड कड़क हो के उपर नीचे हिल रहा था विवान ने पेंट की बटन को खोला और उसे निकल दिया टी शर्ट को भी उतार फेक दिया मेरे सामने विवान का नंगा बदन था में उसके बदन को देखने लगी उसका शरीर पतला था पर कसरती था छाती शेप में थी और चिकनी थी शायद अभी बाल आये नही थे पेट पर सिक्स पैक कुदरती निकले हुए थे और उसके नीचे उसका भरी भरखम लंड जो कड़क होके नशे फुलाए खड़ा था विवान मेरे पास आ रहा था मेरी नजर उसके हिलते हुए लंड पर ही थी जो चलने से हिल रहा था..विवान ने मेरे पास आके दोनो हाथो को पकड़े और मेरे स्तन से छूड़ा कर के उपर कर दिया में उसको देखने लगी वो अपना चेहरा मेरे स्तन के पास ले गया और मेरे स्तन को मुंह में लेके चूसने लगा
जब निशा का स्तन विवान के मुंह में गया तो निशा की आंखे बंद हो गई और वो आहे भरने लगी.. आअह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह्ह उम्मम्मम...

विवान ने निशा कड़क निप्पल पर जीभ चलाने लगा

निशा के मुंह से आहे निकल रही थी आह्ह्ह्ह्ह उम्मम्मम उह्ह्ह्ह्ह

विवान पगलो की तरह दोनो स्तन को बारी बारी चूस रहा था

निशा–आअह्ह्हह्ह्हह्ह्हह्ह्ह.. ओहह्ह्हहह्ह्हह. सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई..
निशा अपना सिर दोनो तरफ पटकने लगी उसकी सांसे तेज चलने लगी चूथ से पानी निकल कर पैंटी को भिगोने लगा

विवान ने स्तन को चूसना छोड़ के ऊपर आया और निशा के होठों को चूसने लगा निशा ने अपने हाथ खोल दिया वो मजे में आके विवान का साथ देने लगी विवान ने निशा के हाथ कोड के उसके दोनो स्तन को पकड़ लिया और बेरहमी से मसलने लगा

निशा भी विवान के होठों को चूसने लगी उसके हाथ विवान के सिर के पीछे आ गए और उसे सहलाने लगे

दोनो एकदुसरे के होठों को पागलों की तरह चूम और चूस रहे थे उनके मुंह से उम्मम्मम्म्म्म उम्मम्मम्मम्म्म आवाजे निकल रही थी..

विवान अब नीचे घुटनों के बल बैठ गया और निशा की पेंटी को पकड़ के निकल दिया अपना मुंह छूट पे लगा के चूथ के दाने को मुंह में लेके चूसने लगा

निशा अब पागल हो चुकी थी उसकी कमर रेह रेह कर झटके मार रही थी..

निशा – अअह्ह्ह्ह्ह ओहह्ह्ह्हह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मररर गईईई

विवान ने हाथ ले जाके निशा के कड़क हो चुके निप्पलों को पकड़ लिया और उसे मसलने लगा

निशा अब सातवे आसमान में पोंच गई चूथ से पानी निकल कर विवान के मुंह को भिगोने लगा निशा ने विवान के सिर को पकड़ कर अपनी चूथ से जोर से दबा दीया और अपनी गंद को तेज धक्के मरने लगी

विवान अब हाथ नीचे लाकर निशा के पैरो को दोनो तरफ कर के उसकी चूथ को अपने हाथो से खोल के अंदर जीभ फिराने लगा

निशा ने अपने चूचों को पकड़ लिया और उसे मसल ने लगी .. उह्ह्ह्ह्ह्ह आअह्ह्हहल्ह्ह्ह ओहहह्ह्ह्ह्ह.. औररर..अन्दर..और.. उम्मम्मम्म्म्म.... सीईईईईईईई..

विवान अपनी जीभ को नोकिली कर के निशा की चूथ के अंदर बाहर करने लगा..

निशा मजे से छटपटाने लगी आह्ह्ह्हह्ह उम्मम्म्म सीईईईईईईई ऑरेरर नहीहहहहीई..


निशा और बर्दास्त न कर सकी उसने जोर लगा के विवान को उपर खींच लिया और जोर से उसे भींच के पीठ को सहलाते हुए उसके गले और कंधो को चूमते हुए बोली.... आअह्ह्ह... जल्दी.. करो..प्लीज..अब मुझे बर्दास्त नही होता.. जल्दी..जल्दी..

विवान ने निशा के पैरो को और ज्यादा खोल दिए और अपने हाथ पर थूक के निशा की चूथ पे लगा दिया फिर ढेर सारा थूक अपने हाथ पे लिया और अपने लंड पर अच्छी तरह से लगा लिया फिर अपने लंड को हाथ में पकड़ कर निशा की चूथ के छेद पे रख कर और धीरे से धक्का मरा .. सुपाड़ा थूक और गीली चूथ की वजह से अंदर घुस गया..
"आअह्ह्हहह्ह्ह.ह्ह्ह..ह्ह्ह्ह्ह निशा विवान के होठों को मुंह में लेके चूसने लगी हाथ बाल और गले को सहलाने लगे.. चूथ लंड पर भींच ने लगी ..
विवान ने निशा की कमर पकड़ के जोर से दूसरा धक्का मरा आधा लंड निशा की छूट को फाड़ता हुआ अंदर चला गया .निशा दर्द से चिला उठी ... आह्ह्ह्हह्ह्ह्हहल्ह्ह्ह.. ओहह विवान धीरे दर्द हो रहा है.. सात साल की शादी में साल में सिर्फ दो महीने निशा को सेक्स के मिलते थे .. जब रवि से चूदती थी तब भी रवि के लंड को डालने से उसे हल्का दर्द तो होता था आज सात महीने हो गए थे उसे बिना चूदे चूथ अंदर से सुंकुर गई थी और विवान का लंड रवि के मुकाबले मोटा और लंबा था .. दर्द से निशा के आंख में आसू आ गए थे तभी विवान ने तीसरा धक्का मरा और लंड पूरा निशा की चूथ में समा गया ..निशा दर्द से तड़पने लगी हाथ को विवान की छाती पे रख कर उसे अपने से दूर धकेल ने लगी ...निशा रोते हुए विवान को लंड निकाल ने के लिए बोलने लगी ... आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्ह..सीईईईईईईईईईई..विवान प्लीज बोहोत दर्द हो रहा है निकल लो इसे .. ओहह्ह्ह्ह्हह हह..मांआआआआ।
विवान ने उसके दोनो हाथो को पकड़ के उपर कर दिए अपनी उंगलियों से निशा की उंगलियों को जोर से पकड़ लिया और निशा को किस करने लगा.. निशा अब भी दर्द से आंसू बहा रही थी.
विवान ने धीरे धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया निशा के होठों को उसने अपने होठों पे दबा रखा था निशा दर्द से.... उम्म्म्मम्मम्म उम्म्म.. कर रही थी

थोड़ी देर के बाद निशा का दर्द थोड़ा कम हुआ चूथ ने लंड के लिए रास्ता बना दिया अब वो विवान के होठों को चूसने लगी
विवान ने जब देखा की निशा का दर्द कम हो गया है वो अब उसके होठ चूस रही है तो वो हाथ छोड़ के निशा के स्तन को मसलने लगा
निशा अब मजा आने लगा उसकी चूथ से फिर से पानी आने लगा उसकी कमर धीरे धीरे हिलने लगी
विवान ने अब धक्के की स्पीड को बढ़ा दिया .. निशा सिर पीछे कर के कराह ने लगी .. आआह्ह्हह्ह उह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईई..
विवान ने निशा के जांघ को पकड़ के पैर को उपर कर लिया और तेज धक्के लगाने लगा.. धक्के से पट पट की आवाजे आने लगी
निशा आआह्ह्हह उह्ह्ह्ह्हह करते हुआ ..अब मजा आ रहा ..
विवान भी मजे में अःह्ह्ह्ह आअह्ह्ह्हह्ह करते हुआ धक्के मार रहा था
निशा की बुर के पानी की वजह से लंड सटासट अंदर बाहर हो रहा था ..
विवान के धक्के मारने की स्पीड बहुत ही तेज थी निशा आज तक ऐसे नही चूदी थी उसके मुंह से बस आह्ह्हहहल्ह्ह्ह ओहह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह.. आवाजे निकाल रही थी
विवान ने अपने धक्के रोक दिया और निशा को किस करने लगा फिर अपना लंड निकाल कर निशा का हाथ पकड़ कर सोफे के पास ले जा कर घोड़ी बना दिया विवान का लंड चूथ के पानी से पूरी तरह भीगा हुआ था उसने अपने लंड को पकड़ कर निशा की चूथ के मुंह पर रखा और एक ही जटके में अंदर डाल दिया और ताबड़तोड़ धक्के देने लगा
निशा– आअह्ह्ह..उह्ह्ह्ह्ह्ह.... सीईईईईईईईईईईई..
विवान ने आगे हाथ ले जा के निशा के दोनो चूचे पकड़ लिए और उसे मसल ने लगा ..

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निशा अब झडने के एक दम करीब आ गई
निशा.. आआह्ह्ह्ह उह्ह्ह सीईईईईई और वो भी पीछे धक्के देने लगी
विवान के धक्के और चूथ में के पानी की वजह से पट पट और खच खच़ की आवाजे आ रही थी

थोड़ी ही देर में निशा का शरीर अकड़ गया वो चिलाते हुए .. आह्ह्हहह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्हह रुक्को..रुक जाओ.. ओह्ह्हह्ह्ह्ह.. सीईईई.. उसका बदन हिस्टीरिया के मरीज की तरह हिलने लगा और वो जड़ने लगी विवान ने अपने धक्के रोक दिए ..

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विवान उसकी पीठ को सहला रहा था निशा दो मिनिट तक ऐसे ही झड़ती रही फिर जब वो पूरी तरह से झड़ गई तो विवान ने अपना लंड निकाल लिया ..
निशा सोफे का सहारा लेते हुए उस पर बैठ गई और अपना सर सोफे पे टिका दिया निशा का ये पहला ओर्गमस था वो आंखे बंद कर के तेज सांसे लेने लगी.
विवान अपने लंड को हिलाते हुए निशा को देख रहा था पसीने से भीगा उसका बदन तेज सांसे लेते हुआ चेहरा और सांसे के साथ उपर नीचे होते हुए स्तन ..
विवान जा कर निशा की झांघ के उपर बैठ गया निशा ने आंखे खोल कर विवान को देखा निशा की आंखें अब भी नशे में थी.. विवान ने निशा का चेहरा पकड़ा और उसे किस करने लगा निशा की चूथ में फिर से हलचल मचने लगी वो विवान के गले में बाहें डाल के उसकी किस का जवाब देने लगी विवान नीचे आया और उसके गले को चुमनें लगा फिर स्तनों को मुंह में लेके उसे चूसने लगा और धीरे धीरे चूमते हुए निशा के टांगो के बीच आ गया और चूथ को चूसने लगा

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निशा को फिर से मजा आने लगा सांसे फिर से तेज चलने लगी उसके मुंह से आवाजे निकलनी शुरू हो गई... उम्मम्म उह्ह्ह आह्ह्हह्ह्ह..
थोड़ी देर चूसने के बाद निशा को वही सोफे पे लेटा दिया और उसके ऊपर चढ़ के अपना लंड निशा की चूथ में डाल दिया ..
निशा ने विवान के चेहरे को पकड़ के उसे अपने पास लाके विवान के होठों को चूसने लगी विवान ने लंड अंदर बाहर करना चालू कर दिया ..
निशा ने विवान को अपने गले लगा लिया और उसकी पीठ को सहलाने लगी.
विवान के धक्के तेज हो रहे थे निशा आआआहह उह्ह्ह्ह्ह कर रही थी विवान ने अब निशा को अपने ऊपर ले लिया और निशा की चूथ में लंड डाल दिया

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निशा अब तक फिर से चार्ज हो गई थी वो विवान के लंड के उपर कूदने लगी लगी ..
विवान निशा के दाने को सहलाने लगा निशा मजे में पागल हो गई और उसके कूदने की स्पीड बढ़ गई ..
निशा .. आआआह्हह उह्ह्ह ओहह्ह्ह्ह्हह सीईईईईईईईईईईईईईईईई..
निशा को आज से पहले ऐसा मजा कभी नहीं आया था जिंदगी में पहली बार वो एक ही साथ में दुबारा झड़ने के वाली थी विवान के हाथ पकड़ के अपने बूब्स पे रख दिए और वो विवान के लंड पर अपनी गांड़ और ज्यादा पटकने लगी विवान ने भी निशा का साथ देते हुए नीचे से धक्के लगाने लगा

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विवान ने निशा के दोनो बूब्स को पकड़ के अपने ऊपर खींच लिए और एक को चूसते हुए ताबड़तोड़ धक्के मरने लगा निशा ये बर्दास्त न कर सकी और चिलाते हुए विवान के चेहरे को अपनी छाती में दबा के दुबारा झड़ने लगी ... ओउह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह सीईईईईईईईईईईई .. बस .. अअह्ह्ह्ह अब.. बस ..उह्ह्ह्ह्ह उम्मम्मम्म..और नही... आअह्ह्ह्हह
दो बार झड़ के वो थक गई थी उसके अंदर अब उठने की भी ताकत नही थी वो विवान के ऊपर प्रसर गई लंड अभी भी अंदर था विवान ने निशा को पकड़ कर पलटी मारी और और निशा के उपर आके उसे चोदने लगा
निशा इस हालत में भी नही थी की विवान को हटा सके वो बस विवान को छोड़ने के लिए बोल रही थी
विवान उसको चूमते हुए चोदे जा रहा था ..

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विवान जड़ने के करीब आ गया और वो तेज और तेज धक्के लगाने लगा..10 मिनिट ऐसे ही धक्के लगाने के बाद लंड ने निशा की चूथ में अपना गर्म गर्म वीर्य छोड़ने लगा. उम्मम्ममउम्मम्म.आअह्ह्हह..उह्ह्ह्ह.और विवान निशा के उपर गिर गया .. दोनो आंखे बंद कर के तेज सांसे लेने लगे थे इस एक घंटे की चुदायी में निशा तीसरी बार जड़ी थी दोनो इतना थक चुके थे की वो ऐसे ही सो गए ...

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To be continue.....




Upcoming story:
1) चार दारू बाज दोस्त और उन चारों की विधवा मांये
2) विधवा राधा की प्यास
3) जिंदगी का अजीब मोड़
👍 Nice
 

Rocco 6"

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Reply आयेगा और साथ दूसरी कहानी भी लायेगा बस अभी थोड़ा काम में हूं
 

Rocco 6"

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विवान होठों को चूमने और चूसने लगा उसके हाथ पीठ से लेकर गांड़ तक चलने लगे कंचन ने ग्लास को वही टेबल पे रख दिया और हाथ को विवान के सर के पीछे ले जाके उसके बाल सहलाने लगी
विवान ने अपने होठ हटाके एक बार कंचन के चेहरे को देखा भोला गोल चेहरा गोरे गोरे गाल उसपे लाल थरकते होठ आंखे जो नशीली होके उसे देख रही थी जैसे कह रही हो की इसमें समा जा बाल जो टाइट चोटी से बांधे हुए और बीच में एक लकीर जहा सिंदूर भरा जाता है उस पे उसका भरा हुआ बदन एक संपूर्ण भारतीय नारी ये देख के उसका लंद और कड़क हो गया..

और विवान के मुंह से एक वासना भरी आवाज निकली ओहह्ह्ह्ह कंचन ... उम्मम्म्मम्मम्मम और कंचन के गालों को चूमने लगा, वासना अब विवान की नशों में चढ़ गई थी उसका लैंड और कड़क होके कंचन की चूथ पे दस्तक देने लगा जिसे कंचन ने भी महसूस किया और अपनी चूथ को और लंद पे दबा दिया और उसके बालो को सहलाते हुए वो भी आह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह करने लगी

दोनो पर वासना हावी हो गई थी विवान ने उसकी चोटी को पकड़ के खींचा जिस से कंचन को थोड़ा दर्द हुआ और आह्ह्ह्हह कर के अपने सिर को पीछे कर लिया विवान ने अपने होठों को उसके गले पे लगा के उसे बेहताशा चूमने लगा वो कभी गले को कभी गले के नीचे छाती पे तो कभी गालों को चूमने लगा कंचन भी उसके बालो को सहलाते हुए आहे भरने लगी

विवान ने उसके हाथो को पकड़ के पीछे कर दिया और उसका ब्लाउज जो की आगे से खुला था उसे उतरने लगा कंचन ने भी उसकी मदद की और ब्लाउज को उतार के पास में बेड पे रख दिया

और कंचन के हाथो को फिर से पकड़ के पीछे कर के एक हाथ से पकड़ के रखा और दूसरे हाथ से उसके स्तन पे एक चपत लगा दी .

कंचन ... आआह्ह्ह अह्ह्ह्ह्हह्ह्ह्ह्ह्ह.. दर्द होता है बेटा..

विवान.. कितना.. एक और चपत दूसरे स्तन पे मर दी

कंचन .. ओह्ह्ह थोड़ा थोड़ा

विवान .. अभी तो और होगा .. और वो उसपे चपत लगाता रहा कभी इस साइड पे तो कभी उस साइड के स्तन पे

कंचन को दर्द तो हो रहा था पर साथ में मजा जायदा आ रहा था उसके स्तन और कड़क हो गए और निप्पल तो भाले की नोक की तरह तन गए हर चपत के साथ उसकी कमर आगे को जटका खा रही थी और उसकी चूथ लंद पे घिस जाति

विवान ने चपत लगा लगा के कंचन के गोरे स्तनों को लाल कर दिया था लाल स्तनों में काले और हरे रंग की नशे दिखने लगी थी और निप्पल तो कड़क होके एकदम तन गए थे स्तन में मीठा दर्द हो रहा था

विवान ने अब एक निप्पल को मुंह में ले लिया और उसे चूसने लगा और दूसरे को अपने उंगलियों में लेके हल्के हल्के मसलने लगा

कंचन के मुंह से मजे से आह्ह्ह्ह्ह उह्ह्ह्ह्ह आआह्ह्ह्ह्ह सीईईईईई करने लगी अब उसे मजा इतना आ रहा था की उसकी चूथ से रस बहने लगा और विवान के लंद को भिगोने लगा कंचन ने मजे में अपनी छाती को और आगे कर दिया जिस से उसकी कमर कमान की तरह मूड गई और चूथ लंद पे दब गई और उसकी फांकें खुल के लंद पे चिपक गई
 
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