Song :
क्यूँ खुदा ने दी लक़ीरें
जिसमे ज़ाहिर नाम नही तेरा
लिख रहा हूँ दर्द सारे
यूँ तो शायर नाम नही मेरा
इतना भी क्या बेवफ़ा कोई होता है
यह सोच कर रात भर दिल ये रोता है
असल में, तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे (नही हो मेरे)
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे (नही हो मेरे)
आसमां से क्या ख़ता हुई
तारा उसका टूटा क्यूँ
लोग मुझसे पूछते हैं
साथ अपना छूटा क्यूँ
क्या मजबूरियाँ
कैसी ये दूरियाँ
दिल ये समझे ना
होते हैं प्यार में
ऐसे भी इम्तेहां
मैने अब जाना
ख़्वाब ही बस रह गये हैं
जिनमे हो तुम हसफ़र मेरे
असल में, तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे (नही हो मेरे)
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
मनदे नि बंदीशा ए प्यार नइयो झुकदे
राह तेरी तकदे एह नैन नइयो रुकदे
इसे हैं आइयाँ वे उड़ीकन टेरियँ जो
किवें लुकावा मेरे हंजू नइयो मुकदे
होवे ख़ैर सज्जना वे भावें कहर सज्जना वे
कदे साड्डे वी दिल तुर आ
हाए होवे ख़ैर सज्जना वे भावें कहर सज्जना वे
बस मनदे हाँ दिल तों दुआ
काश तुम फिर लौट आओ
मिट जाए सारे ग़म ये जो मेरे
असल में, तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे (नही हो मेरे)
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
तुम नही हो मेरे
ख़्वाहिश है मेरी तुम मिल जाओ
मिल के बस मेरे हो जाओ
तुझ में मैं खो जाऊं मुझ में तुम भी खो जाओ.
धूप की किरन जो तुम्हें उठाए झट से मैं छाया हो जाऊं
चूम के माथा तुम्हें सुलाऊं तुम बस मुझ में सिमट से जाओ
सांझ तुम्हारी महका दूं मैंप्रेम भरा सागर हो जाऊं
जीवन मेरा सफल हुआ जो तुम मेरी मंज़िल हो जाओ
सुख दुःख में हम साथ रहे तुम मेरी शक्ति बन जाओ
साथी मैं जीवन भर की स्वाभिमान तुम हो जाओ