यूं तो बुरे हम भी नहीं, बस वक़्त बुरा हुआ कुछ इस कदर
अब तो गर रोते भी है तो, उसमें भी ज़हर नजर आता है ।
अब तो गर रोते भी है तो, उसमें भी ज़हर नजर आता है ।
tere shayari ke thread me nahi tere pagku ke thread me musayra laga huwa haiयूं तो बुरे हम भी नहीं, बस वक़्त बुरा हुआ कुछ इस कदर
अब तो गर रोते भी है तो, उसमें भी ज़हर नजर आता है ।