अरे भाई मैने अलविदा कहा ना। फिर क्यों बात को खींच कर बात का बतंगड़ कर रहा है। अगर इतना ही था तो एक अच्छे लेखक का कर्तव्य निभाते हुए तमीज़ से पेश आते हुए सिचुएसन को एक्सप्लेन करता। की भाई डीबी सिंह जो तुम्हें लग रहा है वो गलत है। जैसे बाकी लेखक एक्सप्लेन करते हैं। लेकिन नहीं तू तो रणभूमि में युद्ध करने उतर आया। आज तेरे को लिखते हुये काफी समय हो गया होगा तुझे हम पाठकगण की मन:स्थिति की परख होनी चाहिए। लेकिन तु समझाने के बजाय लड़ने पर आ गया। खैर,...Aacha h samj m zaladi aa gayi...m khus hi rehta hu...or rahi baat aurat ghumane ki...to ye soch nhi h meri...teri soch hi bata rahi h...ki tu aurat ke bare m kya sochega...jo ye bol raha h..kitani aurat ghuma di...
Thik h tu aurat hi ghuma...kisi din koi tuje bhi ghumayega...
Gussa karna bhi zaroori h..nhi to kuch log kaan m mutane lagte hain....
Unka mut rokna bhut zaroori hai...
भाई तुझे पढ़ना है या नहीं मैं कैसे बताऊँ मेरी स्टोरी थोड़ी है।Jarurt kya story padne ki
रेखा जी, आप गुस्सा कर सकती लेकिन शायद आपने मेरे मंतव्य को समझा ही नहीं। खैर, औरतों के लिए मेरे दिल में कितनी इज्जत है मैं आपको एक्सप्लेन नहीं कर सकता। शायद मैं ही हूँ इस फाॅरम पर औरतों और लड़कियों के कुछ अच्छा लिखने बोला था। जरा सोचिये जब मैं कहानी में औरतों को रंडी बनते नहीं देख सकता तो रियल की तो बात ही अलग। अरे मैं तो खैर।, मैं क्यों सफाई दूं। मैने दीपिका के लिए जो कुछ भी कहा उसकी हरकतें देख कर गुस्से में कहा। आप और लेखक और बाकी इतने ही शुभचिंतक थे तो गुस्सा करने के बजाय समझाते। मैं तो अच्छाई की उम्मीद में खिंचा चला आया। मुझे क्या पता था लेखक इतना ऐरोगेंट होगा। जो पाठकों के मंतव्य ना समझ सकता। रेखा जी शायद आपने मेरे कुछ स्टोरी पर कमेंट भी देखे होंगे। फिर भी आपने मेरे लिए ऐसी धारणा बना रखी है। आप पहले कमेंट अच्छे से पढ़ती फिर समझती। फिर कुछ मुझे समझाती। खैर, जैसी आपकी इच्छा। जय र*म जी की।दीपीका अगर चरित्र से गिरी हुई है तो रवि कैसे चरित्र वान हो गया जिसकी इतनी फिक्र आपको हो गयी, d.b.singh ji, दीपीका उम्र के उस पड़ाव में गुप्ता के चंगुल में फसी थी जब उसको इन सबका ज्यादा मालूम नही था और गुप्ता जैसा जलील इंसान इन सब मे माहिर था, उसने रेगूलर उसको ब्लैकमेल किया, रहा मजे वाली बात तो वो बड़ी बात नही है, जब रुगुलेर ये सब होगा तो होता है फीलिंग होना, और प्रेंगनेंट तो किसी के बस में नही होता संभोग होता है तो,
रवि खुद अपने करियर से खिलवाड़ कर रहा हैं इतनी लेडीज से संपर्क में रहकर, मधु के केस में मधु ने ससुर से सम्बंद बनाकर बचाव कर लिया नही तो रवि का बचना मुश्किल था, कौन अपने घर की लेडीज को दूसरे के साथ सेक्स करते देखेगा,
जो दीपीका ने सहा है उसके कारण आज भी उसके मन मे डर है इसलिए जब भी कोई उससे फ़ोर्स करता है वो आसानी से सरेंडर कर देती है बस में या ऑटो वाले प्रकरण में,
रवि को इसलिए रोक पाती है क्योंकि रवि के मन मे चाहत है, लेकिन जब रवि फ़ोर्स करता है तो वो वहा भी सरेंडर करती है,
रवि unmature है जब वो दीपिका से अकेले मिलता है तो उतावला पन दिखाता है, दीपिका सॉफ्ट सेक्स चाहती है,
एक महिला के लिए आपके विचार निंदनीय है
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