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Romance Meri Life - kora kagaz

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Punnu

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Congrats bro new story..
Bdiya start bhai..
 

Chinturocky

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Congrats for new thread,
Per ye kahani padhi hui lag rahi hai, Shayad Pichhali baar adhuri rah gayi thi. Waise badhiya shuruwat hai.
 

AK 24

Supreme
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UPDATE -2

अरे यार मैं तो इंट्रोडक्षन करना भूल ही गया……….

मुझे तो आप सब जानते ही है, मैं आपका प्यारा खुशाल, उम्र :-21 अच्छा हट्टा -कट्टा मासूम सा लोंडा ….. …., पापा जो की डॉक्टर है उम्र ….

अब आगे :-


51, मम्मी हाउसवाइफ है उम्र 46 एक बहन नीरू उम्र 23 य्र्स, एक छोटा भाई पीयूष उम्र 4 य्र्स….
ये क्या आप लोग ये क्या सोचने लगे हां माना की मम्मी पापा आज भी थोड़े रंगीन मिजाजी है लेकिन पीयूष को हमने गोद लिया है , इस उम्र में उनसे कहा ये सब……हहहे

नीरू की शादी अभी 2 साल पहले ही देव से हुई थी जो की मेरा हम उमर है मेरी दीदी से पूरे 2 साल छोटा, चोकिए मत हमारे यहां 18 का होते ही बच्चों की शादी कर दी जाती है ओर इस ही का परिणाम था ये.
रही बात देव की उमर कम होने की तो प्यार में उमर नहीं देखी जाती….
जी हां प्यार, दी और देव दोनों को इलू इलू हुआ था…..हालाँकि स्टार्ट में दोनों परिवार वाले इस रिश्ते से खुश नहीं थे लेकिन आप तो जानते ही है की इस जमाने में इतनी अच्छी बहू और इतना अच्छा दामाद हथेली में दिया ले कर भी ढूंढ़ने से कहा मिलता है सो उनका मानना कोई बड़ी बात नहीं थी……

पीयूष (पियू) के बारे में अभी ज्यादा कुछ नहीं बता सकता लेकिन आप ये समझ लो की ये मेरा भाई नहीं बल्कि मेरा बेटा है……..पूरी स्टोरी मैं आपको डीटेल में आने वाले अपडेट में बता दूँगा…..

अब इतना बता दिया तो मेरे घर के बारे में भी थोड़ा बता दू। हम जयपुर के छोटी चोपड़ के पास ही ब्राँपुरी में रहते है हमारा घर छोटा सा 2 फ़्लोर का है जिसमें कुल 8 रूम, 2 किचन एक छोटा सा गर्दन है……

लेटस introduce माय दी सन इन लॉ

देव जो की मेरा काफी अच्छा दोस्त है मेरे ही ऑफिस में मेरे साथ काम करता है, मेरी ओर उसकी दोस्ती बिलकुल जय ओर वीरू की दोस्ती जैसी ही है…..देव के पापा ओर मेरे पापा साथ ही सोनी हॉस्पिटल में काम करते है…देव की मम्मी एक सोशल वर्कर है जो की दिल की बहुत ही अच्छी है…..देव का परिवार भी बिलकुल हमारे परिवार जितना ही बड़ा है देव के पापा और मॅमी के अलावा एक सिस्टर है नेहा….मुऊऊुआअहह और एक छोटा भाई (आगे 13 य्र्स) उसका नाम भी पियूष ही है लेकिन उसे प्यार से गुड्डू बुलाते है…

अरे यार अब आप लोग कहा खो गये वो आक्च्युयली दीदी नेहा से जलती नहीं है वो तो एक ननद और भाभी का प्यार है जो वो हमेशा नेहा को चुड़ैल, डायन, कामिनी….एट्सेटरा नाम के साथ झलकता है…..

देव का घर हमारी सिटी के सबसे पॉस इलाके में है विद्याधर नगर में उनका घर हमारे घर से काफी बड़ा है…..होगा भी क्योंकि उनको ये सब विरासत में मिला था और मेरे पापा को विरासत के नाम पर मिला था …..बाबा जी का ठुल्लू …

तो चलो वापस स्टोरी पर आया जाए……

मैं फ्रेश हो कर चाय नाश्ते के लिए नीचे आया और दीदी से यू ही इधर उधर की बातें करने लगा…

मैं: दीदी एक बात पुछु …

दीदी: ना मत पूछ.

मैं (बनावटी गुस्से में): जाओ अब मुझे आपसे बात करनी ही नहीं.

दीदी: अले ले ले मेला सोना तो गुस्सा आ गया….

मैं: हुउन्न्ञन्

दीदी: चल ठीक है मत बोल मैं तो चली अपने देव के पास.

मैं (गुस्से में): उस गधे का नाम मत लो मेरे सामने.

दीदी (हंसते हुए): क्यों उन्होंने कोसना तेरा कुछ लूट लिया.

मैं: ओह हो …. उन्होंने…. माय फुट

दीदी: तो ओर क्या बोलू आख़िर मेरे वो लगते है वो.

मैं: वो क्या…

दीदी: बस वो ही, अब तू ज्यादा जबान मत लड़ा नहीं तो काट लूँगी.

मैं(सोचते हुए): दीदी अब तो देव को कुछ भी कहने पर गुस्सा नहीं हुई फिर सुबह सुबह उनको क्या हो गया था.

दीदी: आज कल तू बहुत ख़यालो में खोने लगा है, कही फिर से उस कामिनी के सपनों में तो नहीं खो गया.

मैं: नहीं,

दीदी: तो फिर क्या सोचने लगा.

मैं: मैं वो……..

मैं बोलने को ही था की तभी वहां पिहु डोदता हुआ आया ओर सीधे मेरी गोद में आ कर बैठ गया…..

दीदी: ओह हो दो भाइयों का प्यार….

मैं: क्यों आपको जलन हो रही है तो आप अपने देव के पास चले जाओ…..

दीदी: अच्छा बेटू,

थोड़ी देर चुप रहने के बाद दीदी ने पियू से कहा..

दीदी: क्यों बे भैया के चॅमचे, तुझे सिर्फ़ भैया ही दिखते है क्या आगे पीछे …

पियू: भैया ये लड़की कौन है, ओर ये मुझसे बातें क्यों कर रही है…

पियू की बात सुन कर जहां एक ओर मुझे ज़ोर ज़ोर से हँसी आने लगी ओर मैं अपने हाथों को डाइनिंग टेबल पर मरते हुए हँसने लगा……वही दूसरी ओर दीदी को ये सब सुन कर एक सदमा सा लगा…

कल तक जो लड़का उसे दी दी बोलते हुए थकता नहीं था वो आज ऐसी बातें क्यों करने लगा………….’

मैं उधर ज़ोर ज़ोर से हँसे जा रहा था ओर दीदी मुझे कहा जाने वाली नज़रो से घूरे जा रही थी…….

दीदी को मेरी तरफ यू घूरते हुए देख कर मेरी हँसी एक मिनट के लिए रुक गयी, मैंने दीदी को यू गुस्से में लाल पहली बार देखा था….

दीदी: हां बेटा हंस ले, ये कहते कहते दीदी का सारा गुस्सा गायब हो गया ओर उनकी आंखों से आंशुओ की गंगा बहने लगी….

दी की आंखों में आँसू देख कर मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ, ओर मैंने पियू की तरफ देखा …….वो बेचारा तो खुद मेरी तरफ अपनी मासूम सी शकल बनाए हुए देखा जा रहा था, शायद उसे उसकी कही बात….
 
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