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Romance Meri Life - kora kagaz

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(UPDATE-3)



दीदी: हां बेटा हंस ले, ये कहते कहते दीदी का सारा गुस्सा गायब हो गया ओर उनकी आंखों से आंशुओ की गंगा बहने लगी….

दी की आंखों में आँसू देख कर मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ, ओर मैंने पियू की तरफ देखा …….वो बेचारा तो खुद मेरी तरफ अपनी मासूम सी शकल बनाए हुए देखा जा रहा था, शायद उसे उसकी कही बात….
अब आगे :-



के मतलब का अहसास ना था वो तो अपनी मस्सोमियत में ये सब कह चुका था….लेकिन दीदी की हालत को समझते हुए मैंने पियू से पूछा…

मैं: बेटा ऐसा क्यों कहा आपने……

पियू को अपनी गलती का अहसास तो ना था लेकिन शायद दी की आंखों में आँसू देख कर वो भी अब रोने लगा था…….
आख़िर पियू एक 5 साल का बच्चा ही तो था तो मैंने उसके आँसू पोंछे ओर उस से वापस पूछा….

मैं: बेटा क्या हुआ

पियू: भैया ये दीदी रो क्यों रही है…….

पियू के मुंह से अपने लिए दीदी शब्द सुन कर दीदी का रोना थोड़ा कम हुआ……..मैंने अपनी बात जारी रखते हुए….

मैं: बेटा जब आपको पता है ये आपकी दीदी है तो आपने ये क्यों कहा की ये कोन है….

पियू (मासूमियत से): वो तो भैया मैंने यू ही मज़ाक में कह दिया, क्या है की कल जब कल मैं दीदी से मम्मी की शिकायत कर रहा था ना तो इन्होंने भी मुझे ऐसा ही कहा था की मैं कोन हूँ, तो मैंने हिसाब बराबर करने के लिए ऐसा कहा…..

पियू के इस मासूम से जवाब को सुन कर दी अपनी मुस्कुराहट को रोक ना सकी ओर अपनी जगह से खड़ी हो कर पियू को अपने गले लगा लिया ओर कहने लगी….

दी: दोनों बाप बेटे एक जैसे है………..

तभी पता नहीं मम्मी कहा से आ टपकी ओर कहने लगी….

मम्मी: क्या कहा तुमने बाप बेटे??????

मम्मी की यू गुस्से में आवाज़ सुन कर मैं ओर दी दोनों मम्मी की तरफ देखने लगे…..

शायद मम्मी ने हमारी पूरी बातें सुनी थी, ओर इतनी देर शायद उन्होंने इसलिए कुछ नहीं कहा क्योंकि वो भाई ओर बहन के प्यार के समझ रही थी….

मगर अब क्या होगा अब तो मम्मी ने वो सब सुन लिया जो की शायद उनको कभी पता नहीं चलना चाहिए था……

ओर यू ही सोचते सोचते मैं अपनी ही यादों में खोए हुए 6 साल पहले चला गया.. जब मैंने 12त पास आउट करके कॉलेज की एंट्रेन्स एग्ज़ॅम पास के लिए कोचिंग के लिए जाय्न किया था….

तब मैं एक ** साल का बहुत ही नठखट और सरारती लड़का हुआ करता था….. एक लड़का जो कभी भी किसी को परेशान किए बगैर नहीं रहता था चाहे वो हमारे सर या मैडम ही क्यों ना हो……. लड़कियों के मामले में बिलकुल शाइ….. ओर इंग्लिश से तो इतना डर लगता था की मानो ये एक लॅंग्वेज नहीं कोई भूत हो…..

12त एग्ज़ॅम्स दे कर सभी स्टूडेंट्स जहां घूमने फिरने का प्लान बनाते है वही मैं एक दुखी आत्मा सा एंट्रेंस की क्लासस ले रहा था….. मुझे अपने घर वालो पर गुस्सा तो बहुत आ रहा था.. लेकिन मैं भी मजबूर था…..

एग्ज़ॅम्स करीब आ रहे थे, हम सब मान लगाकर ऐंट्रन्स की तयारियो में डूबे डूबे हुए थे की तभी एक दिन मेरा क्लास में पंगा हो गया….

मैं क्लास में अपनी डेस्क पर बैठा था तभी एक लड़की आ कर मुझपर चिल्लाने लगी, मैं हड़बड़ा गया…… ये क्या हुआ…

मैं कुछ बोलने की कोशिश करता तो वो लड़की ओर ज़ोर से चिल्लाने लगती….. मैंने उस टाइम चुप रहना ही बेहतर समझा…

थोड़ी देर बाद जब वो थोड़ी शांत हुई तो मैंने उस से कहा….

मैं : (हकलाते हुए) मां…… दम जीिइई…. आख़िर हुआ क्या जो आप मुझ पर यू चिल्ला रही….

वो : (चिल्लाते हुए) ओह हो तो बाबू साहेब को कुछ पता ही नहीं, देखो तो ज़रा कितना भोला बन रहा है….

मैं: देखिए आपको शायद कोई ग़लतफहमी हुई है… आप बात तो बताइए बताइए…..

वो: मैं बताऊं…. तू तो रुक बेटा आज तेरी कंप्लेंट म्ड से ना की तो मेरा नाम भी अंकिता नहीं….

मैं काफी देर से उसकी ये बकबक सुने जा रहा था, ना तो पूरी बात बता रही थी ओर ना ही मेरी बात सुन ने को तैयार थी…. तो मुझे थोड़ा गुस्सा आ गया…. और यू नो किसी से भी पंगा ले लेना लेकिन खुशाल से बच कर ही रहना……

मैं भी अपनी रीजनल लॅंग्वेज में स्टार्ट हो गया….

मैं: तेरी मां की ******, इति देर होगी… तेरे समझ में ना आवे के…,, या तो पूरी बात बता दे या शांति से जा कर तेरी टेबल पर गांड टेकले….. ओर ये म्ड शेंडी की धमकी कोई ओर ने ही डीजे… आपा कोई का बाप सो कोनी डरा… समझगी के चुड़ैल… ( हरयाणवी +राजस्थानी मिक्स )

मेरी बात सुन कर सारी क्लास मेरी तरफ ही घूरे जा रही थी ओर उस लड़की का तो हाल बहुत ही बुरा था वो सीधा जा कर अपनी टेबल पर बैठ गयी….

मैंने उसे गुस्से में इतना सब कह तो दिया लेकिन बाद में मुझे रीयलाइज़ हुआ की मैं ये क्या कह गया…. एक लड़की को गली दी मैंने….. मेरे साथ ऐसा पहली बार हुआ था की मैंने किसी लड़की से कुछ कहा था….. ओर वो भी ऐसे…. साला अपनी तो किस्मत ही चोदू है…..

प्रेजेंट …..

मैं ये सब सोच ही रहा था की पियू ने मुझे चुप बैठा देखा तो मुझसे कहा…

पियू: क्या हुआ भैया..

ये सुनते ही मैं वास्तविकता में आया….. ओर ये क्या मैंने देखा की वहां सिर्फ़ मैं ओर पियू ही है….

आख़िर ये सब मज़रा क्या है, मेरे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा यदि आप में से किसी को कोई आइडिया हो तो मुझसे शेयर जरूर करना……….

मैं भी ख़यालो में कितना खो गया…. यहां क्या कुछ हुआ ये सोच सोच कर मैं परेशान सा होने लगा…

थोड़ी देर बाद मैंने अपना ब्रेकफास्ट किया और ऑफिस के लिए निकल गया… पर पता नहीं आज क्यों आज मेरा ऑफिस में मन नहीं लग रहा था…. चुकी बॉस के बाद मैं ही ऑफिस का हेड था सो मैंने सभी को अपना अपना वर्क बताया ओर दोपहर के 2 बजे वापस घर आ गया….

घर आया तो देखा पियू हॉल में सोफे….



Nice update brother.....
to yeh dono baap bete hai?????
keep writing...
keep posting......
 
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UPDATE :-4


थोड़ी देर बाद मैंने अपना ब्रेकफास्ट किया और ऑफिस के लिए निकल गया… पर पता नहीं आज क्यों आज मेरा ऑफिस में मन नहीं लग रहा था…. चुकी बॉस के बाद मैं ही ऑफिस का हेड था सो मैंने सभी को अपना अपना वर्क बताया ओर दोपहर के 2 बजे वापस घर आ गया….

घर आया तो देखा पियू हॉल में सोफे….

अब आगे :-


पर ही सो रहा था…….शायद स्कूल में कुछ ज्यादा ही उछल कूद कर ली थी उसने सो थकान के मारे वही सो गया…… मैंने पियू को अपनी गोद में उठाया ओर अपने साथ उसे अपने रूम में ले आया…..

रूम में आ कर मैंने अपनी ड्रेस चेंज की और फ्रेश हो कर पियू के पास बेड पर आ गया…….. सुबह से मन अच्छा नहीं था सो खाने की भी इच्छा नहीं थी सो मैंने सोना ही बेटर समझा ओर पियू के बालों में हाथ फेरने लगा ओर सोने की कोशिश करने लगा…..

पर नींद भी तो अपनी बैरन थी, साला जितनी कोशिश करलू आज ना आने वाली थी…. सो मैं फिर से पुरानी यादों में खो गया…..

6 साल अगो…..

आज मेरा पूरा दिन खराब निकाला, ना तो पढ़ाई का मान कर रहा था ओर ना ही खेलने खाने का…… पता नहीं क्यों बस मुझे उस लड़की के बारे में सोच सोच कर अपने उप्पर गुस्सा आ रहा था…..

आज रात नींद भी बड़ी मुश्किल से आई सुबह उठा तो देखा 7 बज चुके थे ओर 8 बजे से कोचिंग थी सो जल्दी से नहा धो कर भगा कोचिंग की तरफ अपनी मरी हुई सी साइकिल ले कर……

यू ही क्लासस खत्म होती गयी ओर 5 बज गये कोचिंग खत्म होने का टाइम…. जैसे ही क्लास खत्म हुई मैं उस लड़की को ढूंढ़ने लगा……. हमारी कोचिंग में लगभग 3000 स्टूडेंट्स थे सो उसे ढूंढ़ना ओर वो भी छुट्टी के टाइम बड़ा मुश्किल था…..

काफी देर ढूंढ़ने पर भी जब वो ना मिली तो मैं घर आ गया…. घर आ कर कपड़े चेंज किए ओर सीधा देव के घर के लिए निकल गया….

देव के घर पहुँचते मेरा मान खुश हो उठा ओर हो भी क्यों ना, जिस लड़की को मैं सुबह से ढूँढ रहा था वो देव के घर में सोफे पर बैठी थी……. मैंने उस से हे हेलो किया लेकिन उसने कोई जवाब ना दिया….. मैंने भी जगह की नजाकत को समझते हुए वहां से निकलना ही मुनासिब समझा ओर देव के रूम में आ गया.

देव से थोड़ी इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने देव से पूछ…

मैं: अबे ये लड़की तेरे घर में कैसे…..

देव : हमारे नये पड़ोसी है ये मल्होत्रा ….

“इट’से इंट्रोडक्षन टाइम……

अंकिता : एक भोली भाली सी लड़की, नेचर की काफी अच्छी….. बिन मां की बेटी….. लेकिन फिर भी संस्कार तो मानो कूट -कूट के भरे थे उसमें…… उम्र ** साल… बिलकुल अब की एलिया भाट जैसी देखती थी…. अडॉरेबल…
राज मल्होत्रा : अंकिता के पापा ओर देव के पापा के मुंह बोले साले…… गवर्नमेंट. टीचर…. अभी 5 दिन पहले ही इनकी यहां पोस्टिंग हुई थी….. मिड्ल क्लास रहण सहन था इनका….

अंकिता का उसके पापा के अलावा कोई नहीं था ना कोई चाचा, मामा ओर ना ही कोई दादा या नाना….. सो जैसा की आपको पता है राज अंकल देव के मुंह बोले मामा थे सो अब वो यही रहने वाले थे…. ”

मैं: क्या बात कर रहा है, मैं जब 2-3 दिन पहले आया था तब तो नहीं थे ये….

देव: इनको तो आए 4-5 दिन हो गये….. ओर तू ऐसे बोल रहा है जैसे तूने इनको देखा ही ना हो….

मैं: यार मैं इन्हें पहले ही देख लेता तो तुझसे पूछता…..

देव: अरे वो मेरे ऐक्टर, बड़ी अच्छी ऐक्टिंग कर लेता है तू तो….

मैं(गुस्से से) : देख साले अब ये पहेलियाँ भुजाना बंद कर ओर सीधे सीधे बता तू ये सब क्यों बोल रहा है….

देव: तू जब उस दिन घर आया था तो तूने जो बुक्स मेरी समझ के फाड़ दी थी ना वो उसी अंकिता की थी जो अभी नीचे बैठी थी….. ओर जब उसने तुझे रोकना चाहा तो तूने उसे धक्का दे कर गिरा दिया था ओर सीधा अपने घर चला गया था…..

मैं : ओह तेरी अब समझ आया, ये कल सुबह कोचिंग आते ही मुझ पर भड़क क्यों गयी थी, लेकिन यार मैंने तो उसे नेहा समझ कर धक्का दिया था…… मैंने तो ये सोचा भी नहीं था की वो नेहा नहीं अंकिता थी….

माय बेड लक……

देव: क्या कोचिंग में…… ःःहह्हहह तब तो तेरी पूरी उतरी होगी उसने…

मैं: वो तो है लेकिन यार अब मुझे उस से माफी माँगनी है, तू कोई जुगाड़ बैठा ना…..

देव: देखता हूँ…. पर पूरी बात तो बता….

मैंने देव को पूरी बात बताई ओर ये सुन कर देव बिना कुछ बोले नीचे चला गया…..

थोड़ी देर बाद जब देव वापस आया तो उसके साथ अंकिता भी थी…..

अंकिता के आते ही मैंने सबसे पहले उस से माफी माँगी ओर उसे पूरी बात बताई….

अंकिता : जो भी हो मैं तुम्हें माफ नहीं कर सकती, तूने मेरी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया….. तुम्हें पता है मैंने कितनी मेहनत से वो नोट्स बनाए थे….

मैं: सॉरी अंकिता लेकिन अब वो नोट्स तो वापस नहीं आ सकते ना…. लेकिन हां अगर तुम मुझे माफ कर दो तो मैं तुम्हें अपने नोट्स दे सकता हूँ….

देव: अरे हां, ये सही है…. ओर अंकिता तुम्हें पता है, खुशाल अपनी क्लास का सबसे होशियार लड़का है, इसके नोट्स ले लो….. तुम्हारी काफी हेल्प होगी….

उस दिन के बाद मेरी जिंदगी मानो बदल सी गयी थी, मैं खुद अपने आप में एक नया ही चेहरा देखने लगा था……… साथ ही साथ मैं अपने इस बदलाव से खुश भी था……

अब मैं एक इनोसेंट और रोमॅंटिक लड़का हो चला था…… इन 3-4 महीनों में मुझमें आए बदलाव से मेरे घर वाले भी खुश थे क्योंकि अब मैं पहले से ज्यादा पढ़ाई में ध्यान देने लगा था, साथ ही साथ कॉलेज में भी कल्चरल और अदर प्रोग्रॅम्स में पार्टिसिपेट करने लगा था…..

आख़िर कर वो दिन भी आ गया जब मेरा एंट्रेंस का रिज़ल्ट आने वाला था…..
मेरी….

 
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