सहरा-पसंद हो के सिमटने लगा हूँ मैं अंदर से लग रहा है कि बटने लगा हूँ मैं, क्या फिर किसी सफ़र पे निकलना है अब मुझे दीवार-ओ-दर से क्यूँ ये लिपटने लगा हूँ मैं ........... bahoot khoob