35 - बातचीत
मनिका शाम होते ही अपने रूम में आ जाती हैं और अपने MBA के लिए कुछ तैयारी करने लगती है , तब उसके हाथ कोडवर्ड वाला कागज आ जाता हे जिसे वो संभालकर रख देती हे ।
मनिका
करीब 7 बजे के आसपास पहले कनिका आती है तब उसे अहसास होता है की पापा आने वाले हे , हितेश तो कबका आ चुका था जिसका उसे खयाल नहीं था ।
कुछ ही मिनटों के बाद गाड़ी की आवाज आती हे मनिका समझ चुकी थी पापा आ चुके हे तब वो अपने आप को आईने में देख के अपने आप को ठीकठाक कर लेती है।
जयसिंह आते ही अपने रूम में चला जाता है और कुछ देर बाद कपड़े लेके नहाने चला जाता है।
तब तक करीब 8 बज चुके थे , उस दोरान मनिका और कनिका अपने रूम में बाते कर रही थी ।
अब मधु सबको डिनर के लिए आवाज लगती है , सबसे पहले जयसिंह आके बैठ जाता है क्योंकि वो नही चाहता था के आज मनिका दूसरी कुर्सी पे बैठे ।
हितेश और दादी भी आ जाते है कनिका बोलती हैं चलो दीदी खाना खाने सब लोग आ गए हे, और सबसे पहले कनिका फिर बादमे मनिका सीडिया उतरने लगती है ।
ये देख के जयसिंह का दिल बैठ जाता है शायद आज भी मनिका मेरे साथ नहीं बैठने वाली ।
कनिका उछलकर आगे बढ़ती है और बोलती है आज तो पापा के साथ बैठूंगी और वह आखिरकार जयसिंह के बगल में बैठ ही जाती है और मनिका कनिका वाली कुर्सी पे बैठ जाती है।
टेबल पे सब लोग खाना खाने में व्यस्त थे और कोई कुछ नही बोल रहा था मनिका अपनी नजर नीचे करके खाना खा रही थी और अपना सर नीचे रखे हुए ही तिरछी नजर से देख रही थी केसे जयसिंह बार बार उसे ही देख रहा हे ।
उधर जयसिंह बावला हो रहा था और सोच रहा था शायद मनिका अभी भी मुझसे नाराज़ हैं ऐसा तो मेने क्या कर दिया हे, अब तक तो सब सही चल रहा था क्या मनिका को किसीने कुछ पट्टी तो नही पढ़ाई ना , नही नही ये में क्या सोच रहा हु Be Positive yaaar . .....
मनिका को मेरे पास आना ही होगा ऐसा सोचते वो अपनी दाल की कटोरी कनिका के ऊपर गिरा देता है और बर्ताव ऐसे करता है जैसे गलती से हुआ
कनिका बोल पड़ती हैं क्या पापा बिगाड़ दी ना मेरी ड्रेस और वो उठ के अपने कमरे में चेंज करने चली जाती है ।
जयसिंह बोल पड़ता है अरे मनिका कनिका को आने में टाइम लगेगा तब तक तुम मेरे साथ बैठ जाओ ।
मनिका अपने पिता की चालाकी से मन ही मन खुश हो जाती हे पर अपने चहरे पर हावभाव नही आने देती । वह एक नजर जयसिंह की और देखती है दोनो की आंखे मिलती है और मनिका कुर्सी पर बैठ जाती है ।
जयसिंह बोल पड़ता है मनी आज तो तुम्हारे फेवरिट गुलाब जामुन मंगाए है जो तुम्हे मेरे हाथो से खिलाना चाहता हु ऐसा कहके जयसिंह एक गुलाब जामुन मनिका की और बढ़ा देता हे मनिका भी थोड़ी स्माइल दे कर गुलाब जामुन खा लेती है ।
मनिका अपनी मां मधु से कहती है मां आज छत पर गई थी बहुत धूल जमी पड़ी हे साफ करवा दो ।
मधु बोलती है अपने लाडले पापा से बोल ना वही करवा देंगे साफ सफाई ।
मनिका कुछ नही बोलती बस जयसिंह की तरफ देखती हैं , इससे पहले मनिका कुछ बोले जयसिंह बोल पड़ता है में समझ गया चलो आज साथ बैठके tv देखते है ।
खाना सबका हो चुका था सो सब TV देखने चल देते हे ,
हॉल में बड़ा सा 48 इंच का LED TV लगा हुआ था और TV के ठीक सामने half square position में सोफा और काउच रखे थे ।
जयसिंह सेंटर में बैठ जाता है , मनिका बैठना तो जयसिंह के बाजू में चाहती थी पर वो जानबूझ कर इसके लेफ्ट वाले सोफे पर बैठ जाती हे बाकी लोग राइट वाले सोफे पर बैठ जाते हे तब तक कनिका आ जाती हे उसका खाना बाकी था से वो थोड़ा सा खाना प्लेट में लेके मनिका के बगल में आके बैठ जाती हे ।
जयसिंह बोल पड़ता है मेरे साथ बैठ ने में किसीको कुछ समस्या हे क्या और मनिका की और देखता हे सब लोग इस रिएक्शन पर हंस पड़ते है।
उधर TV पर " मैंने प्यार किया " मूवी चल रही थी कुछ देर बाद गाना आता हे
" आजा शाम होने आई मौसम ने ली अंगड़ाई तो किस बात की हे लड़ाई .... "
इस गाने पर जयसिंह बड़ा ही भोला चेहरा बना कर मनिका की और देखता है , मनिका से रहा नही जाता और वो हंस देती है ।
मूवी में जब जब भी रोमांटिक गाना या सीन आता था तब तब जयसिंह और मनिका की आंखे मिल जाती थी इस पर मनिका smile दे कर अपनी नजरे झुका लेती थी ।
सब लोग इधर उधर की बाते करते हे तब तक मूवी खतम हो जाती हे ।
कनिका बोल पड़ती है दीदी चलो मुझे सोना हे मनिका धीरे से कहती है तुम जाओ में आती हूं दरअसल मनिका चाहती थी की उसकी और पापा की बातचीत हो पर वो सामने से आगे बढ़ना नही चाहती थी ।
मधु और दादी भी उठने लगते हे हितेश तो कबका जा चुका था
मनिका भी उठने का नाटक करने लगती है इस पर जयसिंह बोल पड़ा मनी रुको मुझे थोड़ा काम हे
" जी पापा " ऐसा कहके मनिका वही बैठ जाती हे
स्त्रियों की खूबी यह रहती है की वह कहती कुछ नही और आपसे मनचाहा काम करवा लेती है ।
सब लोग जा चुके थे , जयसिंह ने कहा इधर आओ ना मनी .
मनिका जयसिंह के बगल में आके बैठ जाती हे कमरे में सिर्फ TV कि रोशनी आ रही थी बाकी सब हाल की लाइट बंद थी जयसिंह tv को पावर सेविंग मोड में डाल देता ही जिसने tv की brightness कम हो जाती हे ।
जयसिंह धीरे से और प्यार से कहता है बताओ ना मनिका क्या हुआ मुझसे बात क्यों नहीं कर रही मुझसे कोई गलती हुई क्या ?
कुछ नही पापा वो एक्चुअली मेरे पीरियड्स खतम हुए हे इसलिए कुछ अच्छा फील नहीं हो रहा था ।
तो इतनी सी बात है और तुमने मुझे बताया भी नही , अब तो अब ठीक है ना ?
" जी पापा "
पापा " I'm sorry "
मेरा मूड बहुत चेंज हो रहा था इसलिए समझ नही आता था के में क्या करू ।
" Okay dear " इधर आओ पापा को हग दो ना ..
ओर जयसिंह मनिका को अपनी बांहों मे भर लेता है ।
जयसिंह ने नाइट ट्रैक और स्लीव वाली गंजी पहन रखी थी और मनिका ने टी शर्ट और कॉटन की शॉर्ट्स पहन रखी थी , इतना तो ठीक था लेकिन इसने थोंग वाली पैन्टी पहन रखी थी , जयसिंह ने अंडरवियर पहना ही नहीं था ।
जयसिंह अपने पैर खोलके उसे गोद में आने का इशारा करता है , जिस पर मनिका बोलती हे की पापा कोई आ जाएगा सब लोग घर पर ही हे ।
जयसिंह अरे कोई नही आएगा बस दो मिनिट प्लीज आओ ना ठीक से हम हग भी नही कर सकते क्या ?
मनिका कुछ नही बोलती बस उठ के जयसिंह की गोद में आके बैठ जाती हे , दोनो एक दूसरे की आंखों में देखने लगते हे
मनिका : " I'm sorry papa " आपसे बात ना करने के लिए
जयसिंह : " Forget it darling " प्यार में ऐसा होता रहता है
मनिका : Ohh पापा आप अभी भी वही पर अटके हो ?
जयसिंह : क्यू भाई में भला अपनी गर्लफ्रेंड को ऐसे ही थोड़ी जाने देना वाला हु , और इतनी खूबसूरत गर्लफ्रेंड के लिए में कुछ भी कर सकता हु
इस पर मनिका हंस देती है इन सबके दौरान जयसिंह का एक हाथ मनिका की पीठ को सहला रहा था और दूसरा हाथ उसकी चिकनी जांघो को , मनिका के वक्ष पूरी तरह जयसिंह के सीने में गड़े थे , धीरे धीरे जयसिंह के लंड में करवटें आने लगती है और वह अपने पूर्ण आकार में आ जाता है जो मनिका की जांघो को नीचे से छू रहा था ।
मनिका : पापा में आपसे कुछ पूछना चाहती हूं
जयसिंह : पूछो ना डार्लिंग मेने कब मना किया हे तुम्हारे लिए तो मेरी जान भी हाजिर हे एक सवाल क्या चीज है
इस पर मनिका मोका न गंवाते हुए वो जो पूछना चाह रही थी वो पूछ ही लेती है ।
मनिका : ज्यादा रोमियो मत बनो मुझे सब पता है , आप पार्टी वाली रात क्या करके आए थे
जयसिंह : वो .. वो तो माथुर ने इतनी आनाकानी करी और उसकी मेरिज एनिवर्सरी थी सो थोड़ी सी पी ली थी ...
मनिका : ज्यादा बनो मत आप पूरी तरह टल्ली थे
जयसिंह : तुम्हे केसे पता ?
मनिका : वो में नीचे पानी पीने आई थी तब आपके रूम में आई थी
जयसिंह : shit इतना अच्छा मोका हाथ से गवा दिया मेंने , दो प्रेमी कमरे में अकेले थे सोचो क्या क्या कर सकते थे ।
जिस पर मनिका शरमा जाती हे तब उसे जयसिंह का लंड जो अब लावा की तरह गरम हो चुका था अब वो उसे महसूस हो जाता है ।
मनिका को तो जैसे 440 वोल्ट का झटका लगता है और उसके पूरे बदन में दाने उभर आते हे साथ ही उसके सारे रोए खड़े हो जाते हे , मनिका से कुछ बोलते ना बन रहा था मन में बस यही सोच रही थी " Papa's big black dick is erect and it feels hot below " नो ये में क्या सोच रही हु , जयसिंह भी इसकी गर्दन और बालों की खुशबू में खोया हुआ था । मनिका के स्तन के निप्पल अब कड़क हो चुके थे जो जयसिंह को सीने में चुभ रहे थे ,
जयसिंह अब समझ चुका था के मनिका भी गरम हो चुकी हे हथौड़ा मार ही देना चाहिए और हो थोड़ा ऐसे हिलता है जिससे उसका लंड सीधा मनिका की योनि को छू रहा था ।
दोनो से कुछ बोलते ना बन रहा था बस एकदूसरे में समा जा रहे थे तभी खटट की आवाज आती हे ,
जिस पर मनिका घबरा जाती हे और बोल पड़ती है " पापा अब मुझे जाना चाहिए "
जयसिंह : डरो मत कोई नही आने वाला , पर जाने से पहले मुझे गुड नाईट किस तो दो ,
मनिका इधर उधर देख के झट से जयसिंह के गाल पर एक पप्पी दे देती है " पुचच "
( मनिका को तो खटपट के अलावा जयसिंह का लंड जो उसे छू रहा था उसकी ज्यादा फिकर थी सो वो जल्द से जल्द यह से निकलना चाह रही थी और उसके सवाल का जवाब भी उसे मिल गया था )
जयसिंह भी कहा उसे इतनी जल्दी जाने देने वाला था , वो बोलता हे ये तो आज की किस दी तुमने बाकी दो दिनों की कोन देगा ?
ठीक है बा बा और मनिका किस जयसिंह के गाल पर दो गहरी किस दे देती हे
जयसिंह भी कहा मोका गवाने वाला था वो भी मनिका के गाल पर तीन गुड नाईट किस दे देता हे ।
तभी मधु के कमरे का दरवाजा खुलने की आवाज आती हे ,
मनिका झट से जयसिंह की गोद से उठने लग जाती हे इस दौरान एक सेकंड के अंदर जयसिंह का लंड ठीक मनिका की योनि के ऊपर चुभ जाता हे , हड़बड़ाहट की वजह से जयसिंह को तो पता नहीं चलता पर मनिका को पता चल जाता है के " where her Papa's dick get touched "
हॉल में रोशनी काफी कम थी सो मधु को कुछ नही पता चलता वो सीधा किचन में पानी लेने चली जाती हे ।
मनिका धीरे से " गुड नाईट पापा " बोलके अपने कमरे की और चल देती हे , जयसिंह भी उसे " गुड नाईट माय लव " कह देता हे , मनिका मुस्करा कर अपने रूम में चली जाती हे ।
जयसिंह अपने रूम चला जाता हैं और मधु को कुछ पता नहीं चलता के हॉल में कोन था ।
जयसिंह बेड पर जाते ही सोचता ही आज तो बातचीत हो गई और मेरी गोद में आके बैठ भी गई मामला अब ठीक हे आके का प्लान मुझे जल्द ही सोचना पड़ेगा , जयसिंह कुछ कॉल्स मिलाता हे और आगे के बारे में सोचते सोचते हुए सो जाता है ।
उधर मनिका अपने कमरे जाती हे तो पाती है की कनिका पढ़ रही सो वो उसे डिस्टर्ब नहीं करती और अपने बेड पर पीठ के बल लेट जाती है और सोचती ही आज तो बात हो ही गई कुछ और भी , मुझे मेरे सवाल का जवाब मिल गया पापा को कुछ नही याद के केसे हम एक दूसरे को चूम रहे थे केसे एक दूसरे को बांहों में लिया हुआ था और केसे मेंने अपने पैर हवा में लेके पापा की कमर पर रख दिए थे , क्या हम सचमे एक रियल गर्लफ्रेंड - बॉयफ्रेंड की रिलेशनशिप बना रहे हे ।
क्या मुझे पापा को ही अपना रियल बॉयफ्रेंड बनाना चाहिए ?
एसा सोचते सोचते हुए उसे नींद आ जाती हे ।