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Incest Part-2 बेटी की जवानी - बाप बेटी का प्यार।

मनिका को क्या करना चाहिए??

  • झगड़ा

    Votes: 9 8.2%
  • समझोता

    Votes: 12 10.9%
  • प्यार

    Votes: 87 79.1%
  • दूरियां

    Votes: 2 1.8%

  • Total voters
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Speedy_rocket

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38 मिलन

जयसिंह मनिका के फोटोज को zoom करते हुए उसके होंठ पर मोबाइल स्क्रीन पर ही किस करने लगता है ।

जयसिंह मन में बोल पड़ता है " आज शाम को मिलते हे डार्लिंग "

और फिर जयसिंह अपने काम में व्यस्त हो जाता हे क्योंकि उसे जल्दी जो जाना था ।

अब आगे



मनिका
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करीब पांच बजे जयसिंह घर पर आ जाता हे , हॉल में कोई नही था , मधु किचन में थी सो जयसिंह सीधा अपना सामान अपने बेडरूम में रखके सीधा छत पर चला जाता हे

पर छत पर मनिका नही थी जिसे देख के जयसिंह का दिल टूट जाता हे , ( जयसिंह मन में सोचने लगता है बताया तो था मनिका को के छत पर आ जाना फिर भी नही आई )

दरअसल जयसिंह की आशा थी की जब वो छत पर जायेगा तब मनिका एक प्रेमिका की तरह उसका इंतजार कर रही होगी और वह सीधा जाके उसको गले लगा लेगा बादमें दोनो बहुत ज्यादा करीब आ जायेंगे और फिर जयसिंह मनिका को किस करेगा ।

जयसिंह द्वारा खुली आंखों से देखा गया ये सपना टूट जाता हे , वह सीधा फोन निकाल के मनिका को कॉल लगाता है ।

उधर मनिका के फोन की घंटी बजती है तब मनिका सो रही थी पर अब उसकी नींद टूट जाती हे वह देखती हे की उसके पापा उसे कॉल कर रहे हैं ।

मनिका कॉल उठाती उससे पहले ही कॉल कट हो जाता हे , उधर छत पर खड़े जयसिंह का मुंह लटक जाता हे और किसी हारे हुए आशिक की तरह झूले पर बैठ जाता हे ।

मनिका फोन की स्क्रीन पर मिस्ड कॉल और मेसेज देखती है।

मेसेज देखते ही मनिका समझ जाती हे की पापा छत पर खड़े है और उसका इंतजार कर रहे है, मनिका फॉरन उठकें अपने आप को ठीक करती हे , सलवार सूट का नाड़ा बांधती है और ब्रा का हुक लगाती है ।

अब मनिका सीधा जयसिंह को फोन लगाती हैं , ( जयसिंह तो मानो उसिका इंतजार कर रहा था जो मनिका का कॉल देखके उठ खड़ा हो जाता हे )

कॉल लगते ही मनिका बोल पड़ती हे " sorry पापा बस दस मिनिट मे ऊपर आ रही हु "
जयसिंह की आवाज आती हे " ok "
( जयसिंह वापस से खुश हो जाता हे और झूम उठता है )

उधर मनिका अपने रूम में आईने के सामने तैयार होने लगती है , कपड़े तो उसने चेंज करने नही थे बस मेकअप ठीक करना था सो वह अपने चहरे को ब्लेंडर से ठीक करती हे , वह लाइट गुलाबी लिपस्टिक अपने होंठो पे लगाती है साथ ही आई लाइनर और मसकारा को ठीक करती हे ।

मनिका का मेकअप अब हो चुका था सो वह अपने ड्रॉअर में से झुमके निकाल के पहन लेती है ।

मनिका दोपहर से और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ,अपने आशिक से मिलने जो जा रही थी ।

मनिका अपने आप को आईने में देखने लगती है उसे सब ठीक दिखाई देता हे पर उसे सुबह वाले फोटो की याद आ जाती हे और वह अपने धड़कते हुए दिल से अपने सूट को नीचे करती हे ।

मनिका की क्लीवेज अब साफ नजर आ रही थी ( मनिका मन में सोचने लगती है, हाय ये में क्या कर रही हु और फिर शर्म हया के साथ खुद से नजरे चुरा लेती है )

इतने से उसका जी नही भरा तो वह आईने में देखते हुए सूट को पीछे से खिंचते हुए अपने वक्ष को और उभार लेती हे साथ ही अपनी सलवार आगे की और खींचते हुए अपने कूल्हे आईने देखने लगती हैं और बोल पड़ती हे " आज तो पापा गए काम से "

मनिका आखिरकार एक गहरी सांस लेती है और गले में चुन्नी डाल के छत की और चल पड़ती हे ।

मनिका आज तो कयामत लग रही थी क्योंकि उसने अपने आप को ढकने की कोशिश नही की थी । वह तो और ज्यादा दिखाना चाह रही थी वो भी अपने प्यारे पापा को , ("पापा का क्या हाल होगा मुझे देखने के बाद" ये सोचते हुए मनिका अपने होंठ पे शर्मीली मुस्कान बिखेर रही थी )

मनिका अब केबिन में आ चुकी थी वह दरवाजा खटखटाती है ।

जयसिंह तो बस उसीका इंतजार कर रहा था , जयसिंह दरवाजा खोलते हुए बोल पड़ता हे " welcome darling "

पर अब जयसिंह बस मनिका को देखे जा रहा था और हिल नही रहा था और न आगे कुछ बोल रहा था ।

मनिका भी जयसिंह की आंखों में खोई हुई थी उससे भी कुछ बोले न बन रहा था ।

आखिरकार मनिका अपनी आंखे घूमाते हुए कहती हे इतना भी मत देखो पापा आपकी नजर लग जायेगी

जयसिंह अब होश में आता हे जो अपनी पीठ के पीछे एक हाथ में कुछ लिए खड़ा था ( उसका हाथ भी अब दर्द कर रहा था )

जयसिंह कहता हे डार्लिंग आज तो कयामत लग रही हो आज तो तुमने अपने इस आशिक को क्लीन बोल्ड ही कर दिया , तुम कहो तो में तुम्हारे लिए अपनी जान भी देने के लिए राजी हू। ( जयसिंह तो बस मनिका को देखने के बाद मंत्रमुग्ध हो गया था और उसकी खूबसूरती को निहारे जा रहा था )

जयसिंह आगे कहता हे डार्लिंग जेसे मेने वादा किया था तुम्हारी दूसरी गिफ्ट हाजिर हे बस तुम्हे अपनी आंखे बन्द करनी होगी ।

मनिका बोल पड़ती हे " ohh पापा में अब कोई पहेली नही सॉल्व करने वाली "

जयसिंह तपाक से बोल पड़ा " तुम आंखे तो बंध करो डार्लिंग "

मनिका अब अपनी आंखे बंध कर लेती है , जयसिंह अपना पीछे किया हुआ हाथ आगे करता है और दोनो हाथो से गिफ्ट मनिका की और बढ़ाते हुए प्यार से कहता हे " डार्लिंग अब आंखे खोलो "


मनिका के आंखे खोलते ही बोल पड़ती है " wow पापा एक ही दिल हे कितनी बार जीतोगे "

जयसिंह भी मोका न गंवाते हुए कहता हे " जब तक तुम खुद मेरे दिल में नही समा जाती "

मनिका : wow पापा कितने ब्यूटीफुल हे , पर बस दो ही क्यू?
जयसिंह : क्यूके डार्लिंग एक में हूं और एक तुम

(दरअसल जयसिंह ने मनिका को गुलाब के पौधे का एक प्यारा सा छोटा गमला दिया था जिसमे बहोत ही खुबसूरत दो गुलाब लगे हुए थे )

जयसिंह आगे कहता हे " डार्लिंग तुम्हे हमारे इस प्यार की निशानी को संभालना होगा "

मनिका अब गमला संभालते हुए कहती हे " बिलकुल पापा " पर अब चलो पापा अब यही पर बातें करेंगे या झूले पर भी बैठेंगे ।

जयसिंह : ohh sorry में तो बस तुम्हारी खूबसूरती में खो सा गया था ।

मनिका इस बात पर मुस्कुरा देती हे और झूले की और बढ़ जाती हे और गमला झूले पे रखती हैं तभी

जयसिंह दरवाजा बंध करके पीछे से आके मनिका का एक हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींचता है और मनिका को अपनी बांहों में भर लेता हे ।

मनिका कुछ समझ पाती उससे पहले जयसिंह अपने होंठ आगे बढाते हुए मनिका के गाल पर किस करते हुए कहता हे " i love you so much my love"

मनिका भी जयसिंह के इस प्यार भरे जेस्चर से खुश हो जाती हे और अपने आप को जयसिंह की बांहों में समाते हुए जयसिंह के गाल पर किस कर देती हे और कहती हे " i love you too papa "


दोनो अब एक दूसरे को बांहों में समाए हुए एकदूसरे की आंखो में खोए हुए थे ।

( शाम का वक्त था 5:30 बज रहे थे सो बहोत ही खूबसूरत सनसेट हो रहा था ऊपर से पूरे नीले आसमान में केसरी रंग बिखरा हुआ था जो पूरे नजारे को और मनमोहक बना रहा था , यह वही वक्त और मौसम था जिसकी चाह हर प्रेमी जोड़ा रखता है )

मनिका इस खामोशी को तोड़ते हुए कहती हे पापा चलो ना sunset देखते है और मनिका फिर जयसिंह की बांहों से निकलते हुए उसका हाथ पकड़कर उसे छत की पैरापेट की और ले जाती हे जहा से sunset के साथ ही शहर का नजारा भी दिखता था ।

जयसिंह तो बस मौके की तलाश में था , मनिका जैसे ही 4 फीट की पेरापेट के ऊपर अपने दोनो हाथ रखती हे , जयसिंह पीछे से आके उसे अपनी बांहों मे भर लेता हे।

जयसिंह अब अपने दोनो हाथ मनिका के कंधो से लेके उसकी हथेली पर ले जाता हे और मनिका की उंगलियों में अपनी उंगलियां मिला लेता है , मनिका भी इन सबके दौरान जयसिंह साथ दे रही थी और अपनी उंगलियों में जयसिंह की उंगलियों को कस रही थी।

मनिका अपनी आंखे बंध कर लेती हे और एक गहरी सांस लेती हैं तब वह पाती हैं कि जयसिंह का लंड अब करवट ले रहा हे पर ऊसके कूल्हों को छू रहा हे ।

जयसिंह भी अब अपने आकार लेते हुए लंड को मनिका की गांड में समाने की कोशिश में था , जयसिंह अब अपने गीले होंठ से मनिका की गर्दन पर किस करता है जिससे मनिका की एक धीमी मादक आह निकल जाती हे ।

तभी वह होता है जिसकी उन दोनों ने कल्पना भी नही की थी ।

नीले और केसरी आसमान में एक टूटा तारा अपनी तीव्र गति से धरती की और बढ़ रहा था ।

जिसे देख के मनिका कहती हे पापा जल्दी कुछ मांग लो ।

मनिका और जयसिंह अपनी आंखे बंध करके कुछ मांगते है ।

जयसिंह इस मौके का फायदा उठाते हुए अपना पूरी तरह से खड़ा हो चुका लंड अब मनिका की गांड की दरार में सटा देता हे ।

मनिका भी जयसिंह की ये चालाकी समझ जाती हे और अपनी मुस्कान बिखेरते हुए कहती हे " पापा क्या मांगा आपने ? "

जयसिंह कहता हे " मेने तुम्हे मांगा my love "
मनिका : पर में तो पहले से आपकी हूं
जयसिंह : अभी तुम मेरी बात का मतलब नहीं समझोगी , तुम बताओ तुमने क्या मांगा ?
( ऐसा कहते हुए जयसिंह अपना लंड और मनिका की गांड की दरार में डाल रहा था )

मनिका : पापा वो तो में वक्त आने पर ही आपको बताऊंगी

जयसिंह का गरम लंड अब मनिका को महसूस हो रहा था जिससे उसके शरीर ने एक अलग ही तरह का करंट दौड़ रहा था , मनिका के रोम रोम में करंट दौड़ रहा था जिसे वह काबू नहीं कर पा रही थी।

जयसिंह अब अपने दोनो हाथ मनिका की कमर पर रख देता हे और अपने गीले होंठ से फिर मनिका की गर्दन पर किस करने लगता है जिस पर मनिका से रहा नही जाता और वह अनायास ही अपनी गांड थोड़ा पीछे की और धकेल देती हे ।

( मनिका मन में सोचने लगती है " हाय ये मेने क्या किया , जल्द ही यहा से निकलना पड़ेगा " " Papa's dick is hard " )

मनिका कहती हे पापा चलो ना झूले पर बैठते हे , जयसिंह भी मनिका की बैचेनी का कारण समझ जाता हे और कहता हे " हां चलो ना डार्लिग"


जयसिंह थोड़ा पीछे हटता है और मनिका आगे की और बढ़ती हे जिस पर जयसिंह का लंड किसी स्प्रिंग की तरह झटका खाके मनिका की गांड की दरार से निकलता है ।

इस वाक्य से मनिका पूरी तरह शर्मा जाती हे और अपनी नजरे नीचे झुका लेती हे और झूले की और बढ़ जाती हे

मनिका अब अपनी नजरे झुकाए ही झूले सामने खड़ी थी और गुलाब के पौधे को देख रही और सोच रही थी ( पापा तो कितने बेशरम होते जा रहे , उनका डिक तो , हाय में भी तो बेशरम होती जा रही हूं )
मनिका अब पूरी तरह से शर्म के मारे डूबे जा रही थी , जयसिंह मामले की नजाकत समझते हुए फॉरन ही झूले पे आके बैठ जाता हे और कहता हे " डार्लिंग आओ ना "

मनिका अब बड़ी ही चालाकी से जयसिंह की गोद में बैठ जाती हे , ( मनिका को पता था इसके के पापा का डिक खड़ा है इसलिए वह अपने पैरो के बीच में लंड को तो आने देती हे पर वह किसी भी तरह से वह चूत तक नहीं जा सकता था )


जयसिंह मनिका की इस चालाकी से खुश हो जाता हे और मन में बोल पड़ता हे " पापा की बदमाश बिटिया "

मनिका अब अपने दोनो हाथ जयसिंह की गर्दन में डाल लेती हे और कहती हे " Thank you so much papa " " Today is unforgetful day " " you made this day so memorable for me "

इतना कहके मनिका एक किस जयसिंह के गाल पर कर देती हे ।

जयसिंह : " Thank you my love, for you everything"

(मनिका अब एक मुस्कान के साथ जयसिंह को देखे जा रही थी )

मनिका : पापा आपने इतना सब मेरे लिए किया , दोनो ही गिफ्ट मुझे बहोत ही अच्छे लगे , दुनिया में शायद ही कोई लड़की होगी जिसे अपने बॉयफ्रेंड से ऐसे गिफ्ट मिले हो , पर में फिर भी आपसे नाराज हुं क्योंकि आपने मेरा गिफ्ट देखा ही नहीं ।

जयसिंह : ( मन में ये साला कब हो गया में चूक केसे गया )
मस्का लगाते हुए कहता हे वो डार्लिंग तुम्हारी खूबसूरती में ही इतना खोया हुआ हूं की मुझे कुछ और दिखता ही नहीं ।

मनिका : ( अपनी हथेलियां हिलाते हुए ) रहने दो पापा में जानती हूं आपको आप बहाना बना रहे हे , मेरा ये गिफ्ट मेरी खूबसूरती को और बढ़ा रहा हे ।

जयसिंह : माफी माफी देवी तुम्हारा ये गुलाम आपकी खूबसूरती को पूरी तरह से देख नही पाया
( जयसिंह को पता था के उसने गलती कर दी हे और वह मनिका की छिपी गिफ्ट नही ढूंढ पाएगा )

मनिका इस बात पर जोर जोर से हंसने लगती है और कहती हे पापा आपको ये भी पता हे की मुझे केसे मनाना है ।

जयसिंह : तो चलो अब अपने इस नासमझ गुलाम को बता भी दो आपने वो गिफ्ट कहा रखी है

मनिका : चलो में भी पहेली देती हूं , आप पर तरस खाते हुए एक हिंन्ट देती हु के वह मेरी बॉडी पर ही हे ।
( और मनिका हंस पड़ती हे )

(जयसिंह तो बड़ा खिलाड़ी था और हर वक्त बस मौके की तलाश ने रहता था सो जयसिंह को खुला मोका खुद मनिका ने दे दिया था )

जयसिंह : " में भी तो देखूं मेरा गिफ्ट कहा हे "
और फिर मनिका का चेहरा पकड़ते हुए कुछ ढूंढने का नाटक करते हुए उस जगह पर किस कर देता हे इस तरह जयसिंह मनिका के गाल , फिर गर्दन , फिर कंधे से होते हुए उसके दांए हाथ की उंगलियों तक किस कर रहा था ।

( मनिका इस दौरान हंस रही थी और सोच रही थी केसे हर वक्त मुझे चूमने का मोका ढूढते रहते हे ये )

जयसिंह अब मनिका के बांए हाथ के कंधे से किस करते हुए उसकी उंगली तक किस करने लगता है पर वह उंगलियों पर आके रुक जाता है और चौंक जाता हे

जयसिंह समझ जाता हे उसका गिफ्ट क्या हे , जयसिंह अब मनिका की इंगेजमेंट फिंगर पर लगी अंगूठी पर किस करता हे ।
और कहता है
" Thank you muchh my love"
" Finally you are my girlfriend and you accepted me as your boyfriend "

मनिका इस दौरान बड़े ही प्यार से जयसिंह की और देख रही थी अब दोनो कि आंखे फिर मिल जाती हे और दोनो एकदुसरे को प्यार से देखने लगते है

आखिरकार दोनो से रहा नही जाता और दोनो एकदूसरे को कस के बांहों में भर लेते हे

मनिका कहती हे " papa i love you so much" में आपके बिना जी नहीं पाऊंगी

जयसिंह भी भावुक होते हुए कहता हे " i love you too sweetheart" में भी तुम्हारे बिना जी नही पाऊंगा

( दोनो के बीच बहोत सारा प्यार और भावनाएं थी )

जयसिंह अब मनिका की चीन ( थोड़ी) को ऊपर करते हुए कहता हे " डार्लिंग we are couple now " तुमने इस बात को मेरी द्वारा दी गई अंगूठी को पहन कर बता दिया हे ।
मुझे तुम्हारा ये गिफ्ट बहोत ही अच्छा लगा , ये गिफ्ट के मुकाबले मेरा दिया गिफ्ट तो कुछ भी नही है

बोलो ना my love अपने इस बॉयफ्रेंड से क्या कहोगी

मनिका : वो पापा मुझसे कुछ बोले ना बन रहा हे बस इतना ही कह पाऊंगी के " i love you so much"

जयसिंह : सच में इतना प्यार करती हो तो हमारे इस प्यार पर एक ओर मोहर लगा दो ना

( जयसिंह का इशारा किस का था , जयसिंह चाहता तो सीधा मनिका के होंठ पर किस कर सकता था और मनिका उसे रोकती भी रही क्योंकि दोनो बहुत ही प्यार में डूबे थे पर जयसिंह चाहता था के मनिका पूरे समर्पण के साथ ऊसके साथ रिलेशन बनाए )

मनिका जयसिंह का आशय समझ जाती हे और शर्मा जाती हे फिर कहती हे " पापा आप तो फिर वही बात लेकर बैठ गए "

जयसिंह : भई कोनसी बात ?
मनिका शरमाते हुए ) आपको अच्छी तरह से पता हे

जयसिंह अब मनिका का बायां हाथ लेते हुए उसके इंगेजमेंट फिंगर पर किस करते हुए कहता हे , अच्छा ये बताओ तुम्हे ये खयाल कहा से आया

मनिका दोपहर वाली अपनी सहेलियों वाली बात जयसिंह को बताती है केसे तनीशा जयसिंह को इसका बॉयफ्रेंड बता रही थी और उसने उसको अंगूठी इंगेजमेंट फिंगर पर पहनाई थी ।

मनिका बहुत ज्यादा भावुक थी सो वह आगे भी कहती हे केसे उसने घर आकर सोचा के " तनीशा सच कह रही थी के मेरे पापा ही मेरे बॉयफ्रेंड हे " फिर अपनी अंगूठी वही रहने देती हे।

जयसिंह ये सब सुनके बहुत ज्यादा भावुक हो जाता हे और कहता हे " finally मुझे मेरा प्यार मिल ही गया " और फिर मनिका की आंखो में देखने लगता ही फिर

जयसिंह अपने होंठ मनिका के होंठ की और बढाता है पर अपनी नाक मनिका को नाक से लगाते हुए रुक जाता हे , अब दोनो की गरम सांसे एक दूसरे के होंठो पर लग रही थी जो दोनो के होंठो में एक लग तरह करंट फैला रही थी , दोनो के शरीर में एक अलग ही तरह का रोमांच था दोनो की धड़कने अब तेज हो चुकी थी जिससे दोनो की सांसे और तेज हो चुकी थी जो दोनो के अपर और लोअर लिप्स को गरम और सूखा बना रहे थे।

जयसिंह और मनिका अपनी अपनी आंखे बंद कर लेते हे और एक दुसरे को और कसके बांहों में भर रहे थे दोनो की नाक और ज्यादा एक दूसरे में गड़ रही थी ,

आखिरकार मनिका अपने धड़कते हुए दिल के साथ अपने सुर्ख गुलाबी होंठ जो जयसिंह कि सांसो से गरम हो चुके थे उस रसभरे गुलाबी होंठो को जयसिंह के होंठ पर रख देती हे ।
tenor
 

Nasn

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जयसिंह मनिका के फोटोज को zoom करते हुए उसके होंठ पर मोबाइल स्क्रीन पर ही किस करने लगता है ।

जयसिंह मन में बोल पड़ता है " आज शाम को मिलते हे डार्लिंग "

और फिर जयसिंह अपने काम में व्यस्त हो जाता हे क्योंकि उसे जल्दी जो जाना था ।

अब आगे



मनिका
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करीब पांच बजे जयसिंह घर पर आ जाता हे , हॉल में कोई नही था , मधु किचन में थी सो जयसिंह सीधा अपना सामान अपने बेडरूम में रखके सीधा छत पर चला जाता हे

पर छत पर मनिका नही थी जिसे देख के जयसिंह का दिल टूट जाता हे , ( जयसिंह मन में सोचने लगता है बताया तो था मनिका को के छत पर आ जाना फिर भी नही आई )

दरअसल जयसिंह की आशा थी की जब वो छत पर जायेगा तब मनिका एक प्रेमिका की तरह उसका इंतजार कर रही होगी और वह सीधा जाके उसको गले लगा लेगा बादमें दोनो बहुत ज्यादा करीब आ जायेंगे और फिर जयसिंह मनिका को किस करेगा ।

जयसिंह द्वारा खुली आंखों से देखा गया ये सपना टूट जाता हे , वह सीधा फोन निकाल के मनिका को कॉल लगाता है ।

उधर मनिका के फोन की घंटी बजती है तब मनिका सो रही थी पर अब उसकी नींद टूट जाती हे वह देखती हे की उसके पापा उसे कॉल कर रहे हैं ।

मनिका कॉल उठाती उससे पहले ही कॉल कट हो जाता हे , उधर छत पर खड़े जयसिंह का मुंह लटक जाता हे और किसी हारे हुए आशिक की तरह झूले पर बैठ जाता हे ।

मनिका फोन की स्क्रीन पर मिस्ड कॉल और मेसेज देखती है।

मेसेज देखते ही मनिका समझ जाती हे की पापा छत पर खड़े है और उसका इंतजार कर रहे है, मनिका फॉरन उठकें अपने आप को ठीक करती हे , सलवार सूट का नाड़ा बांधती है और ब्रा का हुक लगाती है ।

अब मनिका सीधा जयसिंह को फोन लगाती हैं , ( जयसिंह तो मानो उसिका इंतजार कर रहा था जो मनिका का कॉल देखके उठ खड़ा हो जाता हे )

कॉल लगते ही मनिका बोल पड़ती हे " sorry पापा बस दस मिनिट मे ऊपर आ रही हु "
जयसिंह की आवाज आती हे " ok "
( जयसिंह वापस से खुश हो जाता हे और झूम उठता है )

उधर मनिका अपने रूम में आईने के सामने तैयार होने लगती है , कपड़े तो उसने चेंज करने नही थे बस मेकअप ठीक करना था सो वह अपने चहरे को ब्लेंडर से ठीक करती हे , वह लाइट गुलाबी लिपस्टिक अपने होंठो पे लगाती है साथ ही आई लाइनर और मसकारा को ठीक करती हे ।

मनिका का मेकअप अब हो चुका था सो वह अपने ड्रॉअर में से झुमके निकाल के पहन लेती है ।

मनिका दोपहर से और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ,अपने आशिक से मिलने जो जा रही थी ।

मनिका अपने आप को आईने में देखने लगती है उसे सब ठीक दिखाई देता हे पर उसे सुबह वाले फोटो की याद आ जाती हे और वह अपने धड़कते हुए दिल से अपने सूट को नीचे करती हे ।

मनिका की क्लीवेज अब साफ नजर आ रही थी ( मनिका मन में सोचने लगती है, हाय ये में क्या कर रही हु और फिर शर्म हया के साथ खुद से नजरे चुरा लेती है )

इतने से उसका जी नही भरा तो वह आईने में देखते हुए सूट को पीछे से खिंचते हुए अपने वक्ष को और उभार लेती हे साथ ही अपनी सलवार आगे की और खींचते हुए अपने कूल्हे आईने देखने लगती हैं और बोल पड़ती हे " आज तो पापा गए काम से "

मनिका आखिरकार एक गहरी सांस लेती है और गले में चुन्नी डाल के छत की और चल पड़ती हे ।

मनिका आज तो कयामत लग रही थी क्योंकि उसने अपने आप को ढकने की कोशिश नही की थी । वह तो और ज्यादा दिखाना चाह रही थी वो भी अपने प्यारे पापा को , ("पापा का क्या हाल होगा मुझे देखने के बाद" ये सोचते हुए मनिका अपने होंठ पे शर्मीली मुस्कान बिखेर रही थी )

मनिका अब केबिन में आ चुकी थी वह दरवाजा खटखटाती है ।

जयसिंह तो बस उसीका इंतजार कर रहा था , जयसिंह दरवाजा खोलते हुए बोल पड़ता हे " welcome darling "

पर अब जयसिंह बस मनिका को देखे जा रहा था और हिल नही रहा था और न आगे कुछ बोल रहा था ।

मनिका भी जयसिंह की आंखों में खोई हुई थी उससे भी कुछ बोले न बन रहा था ।

आखिरकार मनिका अपनी आंखे घूमाते हुए कहती हे इतना भी मत देखो पापा आपकी नजर लग जायेगी

जयसिंह अब होश में आता हे जो अपनी पीठ के पीछे एक हाथ में कुछ लिए खड़ा था ( उसका हाथ भी अब दर्द कर रहा था )

जयसिंह कहता हे डार्लिंग आज तो कयामत लग रही हो आज तो तुमने अपने इस आशिक को क्लीन बोल्ड ही कर दिया , तुम कहो तो में तुम्हारे लिए अपनी जान भी देने के लिए राजी हू। ( जयसिंह तो बस मनिका को देखने के बाद मंत्रमुग्ध हो गया था और उसकी खूबसूरती को निहारे जा रहा था )

जयसिंह आगे कहता हे डार्लिंग जेसे मेने वादा किया था तुम्हारी दूसरी गिफ्ट हाजिर हे बस तुम्हे अपनी आंखे बन्द करनी होगी ।

मनिका बोल पड़ती हे " ohh पापा में अब कोई पहेली नही सॉल्व करने वाली "

जयसिंह तपाक से बोल पड़ा " तुम आंखे तो बंध करो डार्लिंग "

मनिका अब अपनी आंखे बंध कर लेती है , जयसिंह अपना पीछे किया हुआ हाथ आगे करता है और दोनो हाथो से गिफ्ट मनिका की और बढ़ाते हुए प्यार से कहता हे " डार्लिंग अब आंखे खोलो "


मनिका के आंखे खोलते ही बोल पड़ती है " wow पापा एक ही दिल हे कितनी बार जीतोगे "

जयसिंह भी मोका न गंवाते हुए कहता हे " जब तक तुम खुद मेरे दिल में नही समा जाती "

मनिका : wow पापा कितने ब्यूटीफुल हे , पर बस दो ही क्यू?
जयसिंह : क्यूके डार्लिंग एक में हूं और एक तुम

(दरअसल जयसिंह ने मनिका को गुलाब के पौधे का एक प्यारा सा छोटा गमला दिया था जिसमे बहोत ही खुबसूरत दो गुलाब लगे हुए थे )

जयसिंह आगे कहता हे " डार्लिंग तुम्हे हमारे इस प्यार की निशानी को संभालना होगा "

मनिका अब गमला संभालते हुए कहती हे " बिलकुल पापा " पर अब चलो पापा अब यही पर बातें करेंगे या झूले पर भी बैठेंगे ।

जयसिंह : ohh sorry में तो बस तुम्हारी खूबसूरती में खो सा गया था ।

मनिका इस बात पर मुस्कुरा देती हे और झूले की और बढ़ जाती हे और गमला झूले पे रखती हैं तभी

जयसिंह दरवाजा बंध करके पीछे से आके मनिका का एक हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींचता है और मनिका को अपनी बांहों में भर लेता हे ।

मनिका कुछ समझ पाती उससे पहले जयसिंह अपने होंठ आगे बढाते हुए मनिका के गाल पर किस करते हुए कहता हे " i love you so much my love"

मनिका भी जयसिंह के इस प्यार भरे जेस्चर से खुश हो जाती हे और अपने आप को जयसिंह की बांहों में समाते हुए जयसिंह के गाल पर किस कर देती हे और कहती हे " i love you too papa "


दोनो अब एक दूसरे को बांहों में समाए हुए एकदूसरे की आंखो में खोए हुए थे ।

( शाम का वक्त था 5:30 बज रहे थे सो बहोत ही खूबसूरत सनसेट हो रहा था ऊपर से पूरे नीले आसमान में केसरी रंग बिखरा हुआ था जो पूरे नजारे को और मनमोहक बना रहा था , यह वही वक्त और मौसम था जिसकी चाह हर प्रेमी जोड़ा रखता है )

मनिका इस खामोशी को तोड़ते हुए कहती हे पापा चलो ना sunset देखते है और मनिका फिर जयसिंह की बांहों से निकलते हुए उसका हाथ पकड़कर उसे छत की पैरापेट की और ले जाती हे जहा से sunset के साथ ही शहर का नजारा भी दिखता था ।

जयसिंह तो बस मौके की तलाश में था , मनिका जैसे ही 4 फीट की पेरापेट के ऊपर अपने दोनो हाथ रखती हे , जयसिंह पीछे से आके उसे अपनी बांहों मे भर लेता हे।

जयसिंह अब अपने दोनो हाथ मनिका के कंधो से लेके उसकी हथेली पर ले जाता हे और मनिका की उंगलियों में अपनी उंगलियां मिला लेता है , मनिका भी इन सबके दौरान जयसिंह साथ दे रही थी और अपनी उंगलियों में जयसिंह की उंगलियों को कस रही थी।

मनिका अपनी आंखे बंध कर लेती हे और एक गहरी सांस लेती हैं तब वह पाती हैं कि जयसिंह का लंड अब करवट ले रहा हे पर ऊसके कूल्हों को छू रहा हे ।

जयसिंह भी अब अपने आकार लेते हुए लंड को मनिका की गांड में समाने की कोशिश में था , जयसिंह अब अपने गीले होंठ से मनिका की गर्दन पर किस करता है जिससे मनिका की एक धीमी मादक आह निकल जाती हे ।

तभी वह होता है जिसकी उन दोनों ने कल्पना भी नही की थी ।

नीले और केसरी आसमान में एक टूटा तारा अपनी तीव्र गति से धरती की और बढ़ रहा था ।

जिसे देख के मनिका कहती हे पापा जल्दी कुछ मांग लो ।

मनिका और जयसिंह अपनी आंखे बंध करके कुछ मांगते है ।

जयसिंह इस मौके का फायदा उठाते हुए अपना पूरी तरह से खड़ा हो चुका लंड अब मनिका की गांड की दरार में सटा देता हे ।

मनिका भी जयसिंह की ये चालाकी समझ जाती हे और अपनी मुस्कान बिखेरते हुए कहती हे " पापा क्या मांगा आपने ? "

जयसिंह कहता हे " मेने तुम्हे मांगा my love "
मनिका : पर में तो पहले से आपकी हूं
जयसिंह : अभी तुम मेरी बात का मतलब नहीं समझोगी , तुम बताओ तुमने क्या मांगा ?
( ऐसा कहते हुए जयसिंह अपना लंड और मनिका की गांड की दरार में डाल रहा था )

मनिका : पापा वो तो में वक्त आने पर ही आपको बताऊंगी

जयसिंह का गरम लंड अब मनिका को महसूस हो रहा था जिससे उसके शरीर ने एक अलग ही तरह का करंट दौड़ रहा था , मनिका के रोम रोम में करंट दौड़ रहा था जिसे वह काबू नहीं कर पा रही थी।

जयसिंह अब अपने दोनो हाथ मनिका की कमर पर रख देता हे और अपने गीले होंठ से फिर मनिका की गर्दन पर किस करने लगता है जिस पर मनिका से रहा नही जाता और वह अनायास ही अपनी गांड थोड़ा पीछे की और धकेल देती हे ।

( मनिका मन में सोचने लगती है " हाय ये मेने क्या किया , जल्द ही यहा से निकलना पड़ेगा " " Papa's dick is hard " )

मनिका कहती हे पापा चलो ना झूले पर बैठते हे , जयसिंह भी मनिका की बैचेनी का कारण समझ जाता हे और कहता हे " हां चलो ना डार्लिग"


जयसिंह थोड़ा पीछे हटता है और मनिका आगे की और बढ़ती हे जिस पर जयसिंह का लंड किसी स्प्रिंग की तरह झटका खाके मनिका की गांड की दरार से निकलता है ।

इस वाक्य से मनिका पूरी तरह शर्मा जाती हे और अपनी नजरे नीचे झुका लेती हे और झूले की और बढ़ जाती हे

मनिका अब अपनी नजरे झुकाए ही झूले सामने खड़ी थी और गुलाब के पौधे को देख रही और सोच रही थी ( पापा तो कितने बेशरम होते जा रहे , उनका डिक तो , हाय में भी तो बेशरम होती जा रही हूं )
मनिका अब पूरी तरह से शर्म के मारे डूबे जा रही थी , जयसिंह मामले की नजाकत समझते हुए फॉरन ही झूले पे आके बैठ जाता हे और कहता हे " डार्लिंग आओ ना "

मनिका अब बड़ी ही चालाकी से जयसिंह की गोद में बैठ जाती हे , ( मनिका को पता था इसके के पापा का डिक खड़ा है इसलिए वह अपने पैरो के बीच में लंड को तो आने देती हे पर वह किसी भी तरह से वह चूत तक नहीं जा सकता था )


जयसिंह मनिका की इस चालाकी से खुश हो जाता हे और मन में बोल पड़ता हे " पापा की बदमाश बिटिया "

मनिका अब अपने दोनो हाथ जयसिंह की गर्दन में डाल लेती हे और कहती हे " Thank you so much papa " " Today is unforgetful day " " you made this day so memorable for me "

इतना कहके मनिका एक किस जयसिंह के गाल पर कर देती हे ।

जयसिंह : " Thank you my love, for you everything"

(मनिका अब एक मुस्कान के साथ जयसिंह को देखे जा रही थी )

मनिका : पापा आपने इतना सब मेरे लिए किया , दोनो ही गिफ्ट मुझे बहोत ही अच्छे लगे , दुनिया में शायद ही कोई लड़की होगी जिसे अपने बॉयफ्रेंड से ऐसे गिफ्ट मिले हो , पर में फिर भी आपसे नाराज हुं क्योंकि आपने मेरा गिफ्ट देखा ही नहीं ।

जयसिंह : ( मन में ये साला कब हो गया में चूक केसे गया )
मस्का लगाते हुए कहता हे वो डार्लिंग तुम्हारी खूबसूरती में ही इतना खोया हुआ हूं की मुझे कुछ और दिखता ही नहीं ।

मनिका : ( अपनी हथेलियां हिलाते हुए ) रहने दो पापा में जानती हूं आपको आप बहाना बना रहे हे , मेरा ये गिफ्ट मेरी खूबसूरती को और बढ़ा रहा हे ।

जयसिंह : माफी माफी देवी तुम्हारा ये गुलाम आपकी खूबसूरती को पूरी तरह से देख नही पाया
( जयसिंह को पता था के उसने गलती कर दी हे और वह मनिका की छिपी गिफ्ट नही ढूंढ पाएगा )

मनिका इस बात पर जोर जोर से हंसने लगती है और कहती हे पापा आपको ये भी पता हे की मुझे केसे मनाना है ।

जयसिंह : तो चलो अब अपने इस नासमझ गुलाम को बता भी दो आपने वो गिफ्ट कहा रखी है

मनिका : चलो में भी पहेली देती हूं , आप पर तरस खाते हुए एक हिंन्ट देती हु के वह मेरी बॉडी पर ही हे ।
( और मनिका हंस पड़ती हे )

(जयसिंह तो बड़ा खिलाड़ी था और हर वक्त बस मौके की तलाश ने रहता था सो जयसिंह को खुला मोका खुद मनिका ने दे दिया था )

जयसिंह : " में भी तो देखूं मेरा गिफ्ट कहा हे "
और फिर मनिका का चेहरा पकड़ते हुए कुछ ढूंढने का नाटक करते हुए उस जगह पर किस कर देता हे इस तरह जयसिंह मनिका के गाल , फिर गर्दन , फिर कंधे से होते हुए उसके दांए हाथ की उंगलियों तक किस कर रहा था ।

( मनिका इस दौरान हंस रही थी और सोच रही थी केसे हर वक्त मुझे चूमने का मोका ढूढते रहते हे ये )

जयसिंह अब मनिका के बांए हाथ के कंधे से किस करते हुए उसकी उंगली तक किस करने लगता है पर वह उंगलियों पर आके रुक जाता है और चौंक जाता हे

जयसिंह समझ जाता हे उसका गिफ्ट क्या हे , जयसिंह अब मनिका की इंगेजमेंट फिंगर पर लगी अंगूठी पर किस करता हे ।
और कहता है
" Thank you muchh my love"
" Finally you are my girlfriend and you accepted me as your boyfriend "

मनिका इस दौरान बड़े ही प्यार से जयसिंह की और देख रही थी अब दोनो कि आंखे फिर मिल जाती हे और दोनो एकदुसरे को प्यार से देखने लगते है

आखिरकार दोनो से रहा नही जाता और दोनो एकदूसरे को कस के बांहों में भर लेते हे

मनिका कहती हे " papa i love you so much" में आपके बिना जी नहीं पाऊंगी

जयसिंह भी भावुक होते हुए कहता हे " i love you too sweetheart" में भी तुम्हारे बिना जी नही पाऊंगा

( दोनो के बीच बहोत सारा प्यार और भावनाएं थी )

जयसिंह अब मनिका की चीन ( थोड़ी) को ऊपर करते हुए कहता हे " डार्लिंग we are couple now " तुमने इस बात को मेरी द्वारा दी गई अंगूठी को पहन कर बता दिया हे ।
मुझे तुम्हारा ये गिफ्ट बहोत ही अच्छा लगा , ये गिफ्ट के मुकाबले मेरा दिया गिफ्ट तो कुछ भी नही है

बोलो ना my love अपने इस बॉयफ्रेंड से क्या कहोगी

मनिका : वो पापा मुझसे कुछ बोले ना बन रहा हे बस इतना ही कह पाऊंगी के " i love you so much"

जयसिंह : सच में इतना प्यार करती हो तो हमारे इस प्यार पर एक ओर मोहर लगा दो ना

( जयसिंह का इशारा किस का था , जयसिंह चाहता तो सीधा मनिका के होंठ पर किस कर सकता था और मनिका उसे रोकती भी रही क्योंकि दोनो बहुत ही प्यार में डूबे थे पर जयसिंह चाहता था के मनिका पूरे समर्पण के साथ ऊसके साथ रिलेशन बनाए )

मनिका जयसिंह का आशय समझ जाती हे और शर्मा जाती हे फिर कहती हे " पापा आप तो फिर वही बात लेकर बैठ गए "

जयसिंह : भई कोनसी बात ?
मनिका शरमाते हुए ) आपको अच्छी तरह से पता हे

जयसिंह अब मनिका का बायां हाथ लेते हुए उसके इंगेजमेंट फिंगर पर किस करते हुए कहता हे , अच्छा ये बताओ तुम्हे ये खयाल कहा से आया

मनिका दोपहर वाली अपनी सहेलियों वाली बात जयसिंह को बताती है केसे तनीशा जयसिंह को इसका बॉयफ्रेंड बता रही थी और उसने उसको अंगूठी इंगेजमेंट फिंगर पर पहनाई थी ।

मनिका बहुत ज्यादा भावुक थी सो वह आगे भी कहती हे केसे उसने घर आकर सोचा के " तनीशा सच कह रही थी के मेरे पापा ही मेरे बॉयफ्रेंड हे " फिर अपनी अंगूठी वही रहने देती हे।

जयसिंह ये सब सुनके बहुत ज्यादा भावुक हो जाता हे और कहता हे " finally मुझे मेरा प्यार मिल ही गया " और फिर मनिका की आंखो में देखने लगता ही फिर

जयसिंह अपने होंठ मनिका के होंठ की और बढाता है पर अपनी नाक मनिका को नाक से लगाते हुए रुक जाता हे , अब दोनो की गरम सांसे एक दूसरे के होंठो पर लग रही थी जो दोनो के होंठो में एक लग तरह करंट फैला रही थी , दोनो के शरीर में एक अलग ही तरह का रोमांच था दोनो की धड़कने अब तेज हो चुकी थी जिससे दोनो की सांसे और तेज हो चुकी थी जो दोनो के अपर और लोअर लिप्स को गरम और सूखा बना रहे थे।

जयसिंह और मनिका अपनी अपनी आंखे बंद कर लेते हे और एक दुसरे को और कसके बांहों में भर रहे थे दोनो की नाक और ज्यादा एक दूसरे में गड़ रही थी ,

आखिरकार मनिका अपने धड़कते हुए दिल के साथ अपने सुर्ख गुलाबी होंठ जो जयसिंह कि सांसो से गरम हो चुके थे उस रसभरे गुलाबी होंठो को जयसिंह के होंठ पर रख देती हे ।
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बहूत ही उम्दा ...
अपडेट
 

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जयसिंह मनिका के फोटोज को zoom करते हुए उसके होंठ पर मोबाइल स्क्रीन पर ही किस करने लगता है ।

जयसिंह मन में बोल पड़ता है " आज शाम को मिलते हे डार्लिंग "

और फिर जयसिंह अपने काम में व्यस्त हो जाता हे क्योंकि उसे जल्दी जो जाना था ।

अब आगे



मनिका
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करीब पांच बजे जयसिंह घर पर आ जाता हे , हॉल में कोई नही था , मधु किचन में थी सो जयसिंह सीधा अपना सामान अपने बेडरूम में रखके सीधा छत पर चला जाता हे

पर छत पर मनिका नही थी जिसे देख के जयसिंह का दिल टूट जाता हे , ( जयसिंह मन में सोचने लगता है बताया तो था मनिका को के छत पर आ जाना फिर भी नही आई )

दरअसल जयसिंह की आशा थी की जब वो छत पर जायेगा तब मनिका एक प्रेमिका की तरह उसका इंतजार कर रही होगी और वह सीधा जाके उसको गले लगा लेगा बादमें दोनो बहुत ज्यादा करीब आ जायेंगे और फिर जयसिंह मनिका को किस करेगा ।

जयसिंह द्वारा खुली आंखों से देखा गया ये सपना टूट जाता हे , वह सीधा फोन निकाल के मनिका को कॉल लगाता है ।

उधर मनिका के फोन की घंटी बजती है तब मनिका सो रही थी पर अब उसकी नींद टूट जाती हे वह देखती हे की उसके पापा उसे कॉल कर रहे हैं ।

मनिका कॉल उठाती उससे पहले ही कॉल कट हो जाता हे , उधर छत पर खड़े जयसिंह का मुंह लटक जाता हे और किसी हारे हुए आशिक की तरह झूले पर बैठ जाता हे ।

मनिका फोन की स्क्रीन पर मिस्ड कॉल और मेसेज देखती है।

मेसेज देखते ही मनिका समझ जाती हे की पापा छत पर खड़े है और उसका इंतजार कर रहे है, मनिका फॉरन उठकें अपने आप को ठीक करती हे , सलवार सूट का नाड़ा बांधती है और ब्रा का हुक लगाती है ।

अब मनिका सीधा जयसिंह को फोन लगाती हैं , ( जयसिंह तो मानो उसिका इंतजार कर रहा था जो मनिका का कॉल देखके उठ खड़ा हो जाता हे )

कॉल लगते ही मनिका बोल पड़ती हे " sorry पापा बस दस मिनिट मे ऊपर आ रही हु "
जयसिंह की आवाज आती हे " ok "
( जयसिंह वापस से खुश हो जाता हे और झूम उठता है )

उधर मनिका अपने रूम में आईने के सामने तैयार होने लगती है , कपड़े तो उसने चेंज करने नही थे बस मेकअप ठीक करना था सो वह अपने चहरे को ब्लेंडर से ठीक करती हे , वह लाइट गुलाबी लिपस्टिक अपने होंठो पे लगाती है साथ ही आई लाइनर और मसकारा को ठीक करती हे ।

मनिका का मेकअप अब हो चुका था सो वह अपने ड्रॉअर में से झुमके निकाल के पहन लेती है ।

मनिका दोपहर से और भी ज्यादा खूबसूरत लग रही थी ,अपने आशिक से मिलने जो जा रही थी ।

मनिका अपने आप को आईने में देखने लगती है उसे सब ठीक दिखाई देता हे पर उसे सुबह वाले फोटो की याद आ जाती हे और वह अपने धड़कते हुए दिल से अपने सूट को नीचे करती हे ।

मनिका की क्लीवेज अब साफ नजर आ रही थी ( मनिका मन में सोचने लगती है, हाय ये में क्या कर रही हु और फिर शर्म हया के साथ खुद से नजरे चुरा लेती है )

इतने से उसका जी नही भरा तो वह आईने में देखते हुए सूट को पीछे से खिंचते हुए अपने वक्ष को और उभार लेती हे साथ ही अपनी सलवार आगे की और खींचते हुए अपने कूल्हे आईने देखने लगती हैं और बोल पड़ती हे " आज तो पापा गए काम से "

मनिका आखिरकार एक गहरी सांस लेती है और गले में चुन्नी डाल के छत की और चल पड़ती हे ।

मनिका आज तो कयामत लग रही थी क्योंकि उसने अपने आप को ढकने की कोशिश नही की थी । वह तो और ज्यादा दिखाना चाह रही थी वो भी अपने प्यारे पापा को , ("पापा का क्या हाल होगा मुझे देखने के बाद" ये सोचते हुए मनिका अपने होंठ पे शर्मीली मुस्कान बिखेर रही थी )

मनिका अब केबिन में आ चुकी थी वह दरवाजा खटखटाती है ।

जयसिंह तो बस उसीका इंतजार कर रहा था , जयसिंह दरवाजा खोलते हुए बोल पड़ता हे " welcome darling "

पर अब जयसिंह बस मनिका को देखे जा रहा था और हिल नही रहा था और न आगे कुछ बोल रहा था ।

मनिका भी जयसिंह की आंखों में खोई हुई थी उससे भी कुछ बोले न बन रहा था ।

आखिरकार मनिका अपनी आंखे घूमाते हुए कहती हे इतना भी मत देखो पापा आपकी नजर लग जायेगी

जयसिंह अब होश में आता हे जो अपनी पीठ के पीछे एक हाथ में कुछ लिए खड़ा था ( उसका हाथ भी अब दर्द कर रहा था )

जयसिंह कहता हे डार्लिंग आज तो कयामत लग रही हो आज तो तुमने अपने इस आशिक को क्लीन बोल्ड ही कर दिया , तुम कहो तो में तुम्हारे लिए अपनी जान भी देने के लिए राजी हू। ( जयसिंह तो बस मनिका को देखने के बाद मंत्रमुग्ध हो गया था और उसकी खूबसूरती को निहारे जा रहा था )

जयसिंह आगे कहता हे डार्लिंग जेसे मेने वादा किया था तुम्हारी दूसरी गिफ्ट हाजिर हे बस तुम्हे अपनी आंखे बन्द करनी होगी ।

मनिका बोल पड़ती हे " ohh पापा में अब कोई पहेली नही सॉल्व करने वाली "

जयसिंह तपाक से बोल पड़ा " तुम आंखे तो बंध करो डार्लिंग "

मनिका अब अपनी आंखे बंध कर लेती है , जयसिंह अपना पीछे किया हुआ हाथ आगे करता है और दोनो हाथो से गिफ्ट मनिका की और बढ़ाते हुए प्यार से कहता हे " डार्लिंग अब आंखे खोलो "


मनिका के आंखे खोलते ही बोल पड़ती है " wow पापा एक ही दिल हे कितनी बार जीतोगे "

जयसिंह भी मोका न गंवाते हुए कहता हे " जब तक तुम खुद मेरे दिल में नही समा जाती "

मनिका : wow पापा कितने ब्यूटीफुल हे , पर बस दो ही क्यू?
जयसिंह : क्यूके डार्लिंग एक में हूं और एक तुम

(दरअसल जयसिंह ने मनिका को गुलाब के पौधे का एक प्यारा सा छोटा गमला दिया था जिसमे बहोत ही खुबसूरत दो गुलाब लगे हुए थे )

जयसिंह आगे कहता हे " डार्लिंग तुम्हे हमारे इस प्यार की निशानी को संभालना होगा "

मनिका अब गमला संभालते हुए कहती हे " बिलकुल पापा " पर अब चलो पापा अब यही पर बातें करेंगे या झूले पर भी बैठेंगे ।

जयसिंह : ohh sorry में तो बस तुम्हारी खूबसूरती में खो सा गया था ।

मनिका इस बात पर मुस्कुरा देती हे और झूले की और बढ़ जाती हे और गमला झूले पे रखती हैं तभी

जयसिंह दरवाजा बंध करके पीछे से आके मनिका का एक हाथ पकड़ते हुए उसे अपनी और खींचता है और मनिका को अपनी बांहों में भर लेता हे ।

मनिका कुछ समझ पाती उससे पहले जयसिंह अपने होंठ आगे बढाते हुए मनिका के गाल पर किस करते हुए कहता हे " i love you so much my love"

मनिका भी जयसिंह के इस प्यार भरे जेस्चर से खुश हो जाती हे और अपने आप को जयसिंह की बांहों में समाते हुए जयसिंह के गाल पर किस कर देती हे और कहती हे " i love you too papa "


दोनो अब एक दूसरे को बांहों में समाए हुए एकदूसरे की आंखो में खोए हुए थे ।

( शाम का वक्त था 5:30 बज रहे थे सो बहोत ही खूबसूरत सनसेट हो रहा था ऊपर से पूरे नीले आसमान में केसरी रंग बिखरा हुआ था जो पूरे नजारे को और मनमोहक बना रहा था , यह वही वक्त और मौसम था जिसकी चाह हर प्रेमी जोड़ा रखता है )

मनिका इस खामोशी को तोड़ते हुए कहती हे पापा चलो ना sunset देखते है और मनिका फिर जयसिंह की बांहों से निकलते हुए उसका हाथ पकड़कर उसे छत की पैरापेट की और ले जाती हे जहा से sunset के साथ ही शहर का नजारा भी दिखता था ।

जयसिंह तो बस मौके की तलाश में था , मनिका जैसे ही 4 फीट की पेरापेट के ऊपर अपने दोनो हाथ रखती हे , जयसिंह पीछे से आके उसे अपनी बांहों मे भर लेता हे।

जयसिंह अब अपने दोनो हाथ मनिका के कंधो से लेके उसकी हथेली पर ले जाता हे और मनिका की उंगलियों में अपनी उंगलियां मिला लेता है , मनिका भी इन सबके दौरान जयसिंह साथ दे रही थी और अपनी उंगलियों में जयसिंह की उंगलियों को कस रही थी।

मनिका अपनी आंखे बंध कर लेती हे और एक गहरी सांस लेती हैं तब वह पाती हैं कि जयसिंह का लंड अब करवट ले रहा हे पर ऊसके कूल्हों को छू रहा हे ।

जयसिंह भी अब अपने आकार लेते हुए लंड को मनिका की गांड में समाने की कोशिश में था , जयसिंह अब अपने गीले होंठ से मनिका की गर्दन पर किस करता है जिससे मनिका की एक धीमी मादक आह निकल जाती हे ।

तभी वह होता है जिसकी उन दोनों ने कल्पना भी नही की थी ।

नीले और केसरी आसमान में एक टूटा तारा अपनी तीव्र गति से धरती की और बढ़ रहा था ।

जिसे देख के मनिका कहती हे पापा जल्दी कुछ मांग लो ।

मनिका और जयसिंह अपनी आंखे बंध करके कुछ मांगते है ।

जयसिंह इस मौके का फायदा उठाते हुए अपना पूरी तरह से खड़ा हो चुका लंड अब मनिका की गांड की दरार में सटा देता हे ।

मनिका भी जयसिंह की ये चालाकी समझ जाती हे और अपनी मुस्कान बिखेरते हुए कहती हे " पापा क्या मांगा आपने ? "

जयसिंह कहता हे " मेने तुम्हे मांगा my love "
मनिका : पर में तो पहले से आपकी हूं
जयसिंह : अभी तुम मेरी बात का मतलब नहीं समझोगी , तुम बताओ तुमने क्या मांगा ?
( ऐसा कहते हुए जयसिंह अपना लंड और मनिका की गांड की दरार में डाल रहा था )

मनिका : पापा वो तो में वक्त आने पर ही आपको बताऊंगी

जयसिंह का गरम लंड अब मनिका को महसूस हो रहा था जिससे उसके शरीर ने एक अलग ही तरह का करंट दौड़ रहा था , मनिका के रोम रोम में करंट दौड़ रहा था जिसे वह काबू नहीं कर पा रही थी।

जयसिंह अब अपने दोनो हाथ मनिका की कमर पर रख देता हे और अपने गीले होंठ से फिर मनिका की गर्दन पर किस करने लगता है जिस पर मनिका से रहा नही जाता और वह अनायास ही अपनी गांड थोड़ा पीछे की और धकेल देती हे ।

( मनिका मन में सोचने लगती है " हाय ये मेने क्या किया , जल्द ही यहा से निकलना पड़ेगा " " Papa's dick is hard " )

मनिका कहती हे पापा चलो ना झूले पर बैठते हे , जयसिंह भी मनिका की बैचेनी का कारण समझ जाता हे और कहता हे " हां चलो ना डार्लिग"


जयसिंह थोड़ा पीछे हटता है और मनिका आगे की और बढ़ती हे जिस पर जयसिंह का लंड किसी स्प्रिंग की तरह झटका खाके मनिका की गांड की दरार से निकलता है ।

इस वाक्य से मनिका पूरी तरह शर्मा जाती हे और अपनी नजरे नीचे झुका लेती हे और झूले की और बढ़ जाती हे

मनिका अब अपनी नजरे झुकाए ही झूले सामने खड़ी थी और गुलाब के पौधे को देख रही और सोच रही थी ( पापा तो कितने बेशरम होते जा रहे , उनका डिक तो , हाय में भी तो बेशरम होती जा रही हूं )
मनिका अब पूरी तरह से शर्म के मारे डूबे जा रही थी , जयसिंह मामले की नजाकत समझते हुए फॉरन ही झूले पे आके बैठ जाता हे और कहता हे " डार्लिंग आओ ना "

मनिका अब बड़ी ही चालाकी से जयसिंह की गोद में बैठ जाती हे , ( मनिका को पता था इसके के पापा का डिक खड़ा है इसलिए वह अपने पैरो के बीच में लंड को तो आने देती हे पर वह किसी भी तरह से वह चूत तक नहीं जा सकता था )


जयसिंह मनिका की इस चालाकी से खुश हो जाता हे और मन में बोल पड़ता हे " पापा की बदमाश बिटिया "

मनिका अब अपने दोनो हाथ जयसिंह की गर्दन में डाल लेती हे और कहती हे " Thank you so much papa " " Today is unforgetful day " " you made this day so memorable for me "

इतना कहके मनिका एक किस जयसिंह के गाल पर कर देती हे ।

जयसिंह : " Thank you my love, for you everything"

(मनिका अब एक मुस्कान के साथ जयसिंह को देखे जा रही थी )

मनिका : पापा आपने इतना सब मेरे लिए किया , दोनो ही गिफ्ट मुझे बहोत ही अच्छे लगे , दुनिया में शायद ही कोई लड़की होगी जिसे अपने बॉयफ्रेंड से ऐसे गिफ्ट मिले हो , पर में फिर भी आपसे नाराज हुं क्योंकि आपने मेरा गिफ्ट देखा ही नहीं ।

जयसिंह : ( मन में ये साला कब हो गया में चूक केसे गया )
मस्का लगाते हुए कहता हे वो डार्लिंग तुम्हारी खूबसूरती में ही इतना खोया हुआ हूं की मुझे कुछ और दिखता ही नहीं ।

मनिका : ( अपनी हथेलियां हिलाते हुए ) रहने दो पापा में जानती हूं आपको आप बहाना बना रहे हे , मेरा ये गिफ्ट मेरी खूबसूरती को और बढ़ा रहा हे ।

जयसिंह : माफी माफी देवी तुम्हारा ये गुलाम आपकी खूबसूरती को पूरी तरह से देख नही पाया
( जयसिंह को पता था के उसने गलती कर दी हे और वह मनिका की छिपी गिफ्ट नही ढूंढ पाएगा )

मनिका इस बात पर जोर जोर से हंसने लगती है और कहती हे पापा आपको ये भी पता हे की मुझे केसे मनाना है ।

जयसिंह : तो चलो अब अपने इस नासमझ गुलाम को बता भी दो आपने वो गिफ्ट कहा रखी है

मनिका : चलो में भी पहेली देती हूं , आप पर तरस खाते हुए एक हिंन्ट देती हु के वह मेरी बॉडी पर ही हे ।
( और मनिका हंस पड़ती हे )

(जयसिंह तो बड़ा खिलाड़ी था और हर वक्त बस मौके की तलाश ने रहता था सो जयसिंह को खुला मोका खुद मनिका ने दे दिया था )

जयसिंह : " में भी तो देखूं मेरा गिफ्ट कहा हे "
और फिर मनिका का चेहरा पकड़ते हुए कुछ ढूंढने का नाटक करते हुए उस जगह पर किस कर देता हे इस तरह जयसिंह मनिका के गाल , फिर गर्दन , फिर कंधे से होते हुए उसके दांए हाथ की उंगलियों तक किस कर रहा था ।

( मनिका इस दौरान हंस रही थी और सोच रही थी केसे हर वक्त मुझे चूमने का मोका ढूढते रहते हे ये )

जयसिंह अब मनिका के बांए हाथ के कंधे से किस करते हुए उसकी उंगली तक किस करने लगता है पर वह उंगलियों पर आके रुक जाता है और चौंक जाता हे

जयसिंह समझ जाता हे उसका गिफ्ट क्या हे , जयसिंह अब मनिका की इंगेजमेंट फिंगर पर लगी अंगूठी पर किस करता हे ।
और कहता है
" Thank you muchh my love"
" Finally you are my girlfriend and you accepted me as your boyfriend "

मनिका इस दौरान बड़े ही प्यार से जयसिंह की और देख रही थी अब दोनो कि आंखे फिर मिल जाती हे और दोनो एकदुसरे को प्यार से देखने लगते है

आखिरकार दोनो से रहा नही जाता और दोनो एकदूसरे को कस के बांहों में भर लेते हे

मनिका कहती हे " papa i love you so much" में आपके बिना जी नहीं पाऊंगी

जयसिंह भी भावुक होते हुए कहता हे " i love you too sweetheart" में भी तुम्हारे बिना जी नही पाऊंगा

( दोनो के बीच बहोत सारा प्यार और भावनाएं थी )

जयसिंह अब मनिका की चीन ( थोड़ी) को ऊपर करते हुए कहता हे " डार्लिंग we are couple now " तुमने इस बात को मेरी द्वारा दी गई अंगूठी को पहन कर बता दिया हे ।
मुझे तुम्हारा ये गिफ्ट बहोत ही अच्छा लगा , ये गिफ्ट के मुकाबले मेरा दिया गिफ्ट तो कुछ भी नही है

बोलो ना my love अपने इस बॉयफ्रेंड से क्या कहोगी

मनिका : वो पापा मुझसे कुछ बोले ना बन रहा हे बस इतना ही कह पाऊंगी के " i love you so much"

जयसिंह : सच में इतना प्यार करती हो तो हमारे इस प्यार पर एक ओर मोहर लगा दो ना

( जयसिंह का इशारा किस का था , जयसिंह चाहता तो सीधा मनिका के होंठ पर किस कर सकता था और मनिका उसे रोकती भी रही क्योंकि दोनो बहुत ही प्यार में डूबे थे पर जयसिंह चाहता था के मनिका पूरे समर्पण के साथ ऊसके साथ रिलेशन बनाए )

मनिका जयसिंह का आशय समझ जाती हे और शर्मा जाती हे फिर कहती हे " पापा आप तो फिर वही बात लेकर बैठ गए "

जयसिंह : भई कोनसी बात ?
मनिका शरमाते हुए ) आपको अच्छी तरह से पता हे

जयसिंह अब मनिका का बायां हाथ लेते हुए उसके इंगेजमेंट फिंगर पर किस करते हुए कहता हे , अच्छा ये बताओ तुम्हे ये खयाल कहा से आया

मनिका दोपहर वाली अपनी सहेलियों वाली बात जयसिंह को बताती है केसे तनीशा जयसिंह को इसका बॉयफ्रेंड बता रही थी और उसने उसको अंगूठी इंगेजमेंट फिंगर पर पहनाई थी ।

मनिका बहुत ज्यादा भावुक थी सो वह आगे भी कहती हे केसे उसने घर आकर सोचा के " तनीशा सच कह रही थी के मेरे पापा ही मेरे बॉयफ्रेंड हे " फिर अपनी अंगूठी वही रहने देती हे।

जयसिंह ये सब सुनके बहुत ज्यादा भावुक हो जाता हे और कहता हे " finally मुझे मेरा प्यार मिल ही गया " और फिर मनिका की आंखो में देखने लगता ही फिर

जयसिंह अपने होंठ मनिका के होंठ की और बढाता है पर अपनी नाक मनिका को नाक से लगाते हुए रुक जाता हे , अब दोनो की गरम सांसे एक दूसरे के होंठो पर लग रही थी जो दोनो के होंठो में एक लग तरह करंट फैला रही थी , दोनो के शरीर में एक अलग ही तरह का रोमांच था दोनो की धड़कने अब तेज हो चुकी थी जिससे दोनो की सांसे और तेज हो चुकी थी जो दोनो के अपर और लोअर लिप्स को गरम और सूखा बना रहे थे।

जयसिंह और मनिका अपनी अपनी आंखे बंद कर लेते हे और एक दुसरे को और कसके बांहों में भर रहे थे दोनो की नाक और ज्यादा एक दूसरे में गड़ रही थी ,

आखिरकार मनिका अपने धड़कते हुए दिल के साथ अपने सुर्ख गुलाबी होंठ जो जयसिंह कि सांसो से गरम हो चुके थे उस रसभरे गुलाबी होंठो को जयसिंह के होंठ पर रख देती हे ।
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