• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest Rishta

amita

Well-Known Member
6,870
16,737
144
मतलब उस डायरी में लिखा फोन नंबर मोहन का था या मोहन के पुराने मालिक का............
वहाँ से सूचना मिलने पर मोहन ने अपने नए नंबर से राजराम को फोन किया
और अब रुचिका को दिया के पास छोडकर 3-4 दिन के लिए जा रहा है..............संध्या के पास...............संध्या को लेने?

अब रुचिका और दिया की बातों के लिए में कुछ कहना नहीं चाहता क्योंकि में चमत्कार को नहीं ईश्वर को मानता हूँ.........
और उसकी व्यवस्था को कोई गुरु, बाबा या स्वामी जी बदल नहीं सकते..........
जो ऐसा कहते हैं वो ढोंगी और पाखंडी हैं.................

देखते हैं अभी क्या होना है
Lagta hai aap ne andaja laga hi liya hai.
Baki Suraj ki aastha ki, uss par ham me si kisi ko bhi kucch kehne ki jarurat nahin hain.
Kyounki har ek ki apani aastha hoti hai aur hame uska samman karna chahiye.

Aapke vishleshan ka bahut bahut dhanyawad
 

amita

Well-Known Member
6,870
16,737
144
बहनों और भाइयों ! ये एक स्टोरी है , कोई बायोग्राफी या सच्ची घटना पर आधारित स्टोरी नहीं है । इसलिए इसे एक काल्पनिक कहानी समझ कर मज़ा ले ।
किसी को संध्या का कैरेक्टर पसंद नहीं है तो किसी को आदित्य का । किसी को मोहनलाल पसंद है तो किसी को रूचिका । पसंद अपनी अपनी ।
ये एक इनसेस्ट कैटेगरी की स्टोरी है जिसमें सिर्फ फैंटेसी ही होती है.... वास्तविकता से कोसों दूर ।
लेकिन चूंकि स्टोरी जब लोगों के दिलों के करीब हो जाती है तो एक पर्सनल अटैचमेंट बन ही जाता है ।
लोग अपने अपने नजरिए से कहानी की समीक्षा करने लगते हैं । मैंने भी कितनों बार किया है । इसलिए अमिता जी ! आप इसे पोजिटिव वे में ही लीजिएगा ।
चूंकि मैं औरतों को दुखी नहीं देख सकता.... संध्या और रूचिका दोनों की जो परिस्थितियां हैं वो दिल को व्यथित कर देता है ।
एक रीडर होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि प्लीज इन दोनों कन्याओं की जिंदगी से मुसीबत दुर कर दीजिए ।
Aapne bahut sahi samiksha aur vishleshan kiya hai.

Baat bilkul sach hai ki har vyakti ko har ek paatar pasand aaye mumkin nahi hai.

Ye bhi jaruri nahi hai ki ek hi paatar sabko pasand aaye.

Har ek vyakti apani soch ke hisaab se kisi paatar ko accha ya bura kehta hai. Isliye iss vishay par anavashyak behas uchit nahi hai.

Main yahi baat pehle bhi keh chuki hun aur iss behas ka ant karne ke liye kahani ko nishkarsh ki taraf jaldi se jaldi le jane ki parkriya shuru kar di hai.

Aapki salah aur sujhav ko pura samman diya jayega.


Dhanyawad
 

amita

Well-Known Member
6,870
16,737
144
आपके कोमेंट्स से मुझे राजनीति की बू आने लगी है............. :hehe:
सभी के मन को लुभाने वाली बातें

आज के समय में प्रत्यक्ष अनुभव कर लें......... 99.99% लोगों की आस्था जुगाड़ में है......
- रिश्वत लेने वालों से ज्यादा देने वालों की आस्था है.... दूसरों से पहले हमारा काम हो जाए
- अपनी बीवी/अपने पति से ज्यादा दूसरे आदमी या औरत से सेक्स करने में भी ज़्यादातर लोगों की आस्था है
- अपने प्रयास से नहीं..... चमत्कार से अपने सब काम सिद्ध होने में आस्था है
- और बिना कुछ किए सबकुछ पा लेने में आस्था है........ करने के लिए दूसरों को ज़िम्मेदारी........ मतलब उत्तरदायित्व नहीं उत्तराधिकार चाहिए

अब इन सब बातों में लोगों की आस्था तो बहुत ज्यादा है............. लेकिन सम्मान.....
सम्मान तो वो भी नहीं करते जिनकी आस्था है...........

तो में कैसे कर सकता हूँ......... मेरी तो आस्था ही नहीं
..................................

आपको बहुत पका रहा हूँ........... अब जल्दी कमेन्ट नहीं करूंगा...........पता नहीं क्या-क्या लिखने लग जाता हूँ
Aapka jawab padkhar aapne sirf mere man ko hi thess nahin panhuchayi hai balki aapne apane aap ko sahi aur baki saari duniya ko galat thera diya hai.

Main yanha par yeh kahani kisi fayade ya kisi labh ke liye nahi likh rahi thi balki logon ke manoranjan ke liye likh rahi thi.


Maine aaj tak kabhi bhul se bhi kisi ka dil nahin dukhaya hai.

Aapki baat ne aaj mujhe sach me dukhi kar diya hai.


Itni beizzati ka baad Mujhe ab iss Forum par rehne ka koi adhikar nahi hai.

Ab Main iss Forum par nahi aaungi.

Aapki soch aapako mubarak.

Dhanyawad
 
Last edited:
Top