अमिता जी ! ये क्या कर रही है आप ? आप इंटेलिजेंट और एक सुलझी हुई महिला हैं । कामदेव भाई और आप के बीच में जो भी कन्वर्सेशन हुआ वो आप दोनों का सिर्फ और सिर्फ मिस अंडरस्टैंडिंग था । कामदेव भाई की बातों को बुरा मत मानिए ।
इतने लोग आप की लेखनी को पसंद कर रहे हैं... उनके प्रेम और विश्वास को यूं बीच में ही स्टोरी अधुरी छोड़कर ठेस मत पहुंचाइए ।
जहां तक कामदेव भाई के बाबा या गुरूओं पर विश्वास की बात है.…... तो यहां भी लोगों के भिन्न-भिन्न विचार होते हैं । जैन धर्म , बौद्ध धर्म , मारवाड़ी , पंजाबी के अलावा भी कई सम्प्रदाय के लोग गुरु को भगवान से भी ऊंचा दर्जा देते हैं । और कुछ लोग सिर्फ भगवान को ही पुजते है ।..... तो ये बहस का मुद्दा ही नहीं होना चाहिए । ये लोगों के आस्था से जुड़ा हुआ होता है ।
आप इन सब को नजरंदाज कर के आगे बढिए । आप कुछ भी करने से पहले एक बार अपने स्टोरी को पसंद और कमेन्टस करने वालों की तादाद देख लीजिए । इतने लोग आप को और आप की कहानी को पसंद करते हैं... इनके बारे में सोचिए ।
जल्दी से अगला अपडेट दीजिए.... बेसब्री से इंतजार रहेगा ।