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Aur Komal didi tumari parshansha neऐसा प्यार भरा स्नेहिल आमंत्रण कौन बहन ठुकरा सकती है
और फिर उपमाएं भी कितनी सटीक
कितना मुलायम है ये जोबन तेरा
पकडू तो लगे हैं माखन का पेड़ा
और भाई ऐसा मक्खन लगाएगा तो बहना फिसल ही जायेगी, बहन के बहाने सब धरे रह जाएंगे
अद्भुत भाई बहन के मीठे रिश्ते को दर्शाने वाली सुन्दर कविता
आभार आपका
pehle se hi uttam Kavita ko char Chand laga diye hai.
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