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Non-Erotic Rudra Mhanyoda

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यह कहानी रुद्र नाम के एक लड़के के बारे में है जो 18 साल का है और वह एक ऐसी दुनिया में रहता है जहाँ जादू का उपयोग करके खुद को शक्तिशाली बनाना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन रुद्र के अपने ही शिष्य ने लालच में आकर धोखे से रुद्र की हत्या कर दी, जब रुद्र की आँखें खुलीं खुद को एक 18 साल के लड़के के शरीर में पाया। अब रुद्र का एकमात्र लक्ष्य खुद को मजबूत बनाना था, चाहे इसके लिए उसे कितना भी कुछ करना पड़े? जानने के लिए पढ़ें |


CH 32 तीनों परिवार की मार्शल आर्ट.

Ch 33 - जख्मी रुद्र.


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Ch 32 - तीनों परिवार की मार्शल आर्ट

जैसे ही अवनी को अंदाजा लगता है की रूद्र ने उस चारे के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए बचाए है वह बहुत ज्यादा हैरान हो जाती है। अवनी के शरीर में कप कपी सी दौड़ जाती है जाहिर सी बात थी उसे डर लग रहा था मरने से किसे ड़र नहीं लगता है और अवनी की हालत भी कुछ ऐसी ही थी।

अवनी रूद्र को ध्यान से देखने लगती है जो मास्टर राजेश के सामने सीना तानकर खड़ा था रूद्र ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे और उसके हाथों पर रक्षा कवच लगा हुआ था जब हवा चल रही थी रुद्र के लंबे बाल हवा में उड़ रहे थे और उसके हाथ में मास्टर महेश का खंजर था।

रूद्र को देखते हुए अवनी को वे पल याद आते हैं जब रूद्र ने उसे और उसके पिता को बचाया था अवनी ने अपने दिल को मजबूत करते हुए अपने आप से कहा "क्या हुआ अगर ये मेरी बली देना चाहता है मैं भी मरने के लिए तैयार हूं अगर रूद्र नहीं होता मैं उसी दिन विवेक के हाथों मारी जाती और आज मैं यहां पर भी यही सोच कर आई थी अगर मेरी जान भी चली गई तो मुझे कोई पछतावा नही होगा।"

इतना सोचने के बाद अवनी हिम्मत जुटाने में कामयाब हो गई थी और उसने पूरा मन बना लिया था कि अगर आज उसे मरना भी पड़े तो वह रुद्र की मदद करके मरेगी।"

तभी रूद्र ने अवनी से कहा "अवनी अभी।"

जैसे ही अवनी रुद्र की बात सुनती है वह तेजी से मास्टर राजेश की ओर जाने लगी थी मास्टर राजेश भी उन दोनों को पहला हमला करते हुए देखकर हैरान थे उन्हें नहीं लगा था कि वे दोनों मेरा सामना करने के लिए तैयार हो जाएंगे।

मास्टर राजेश ने अपने आप से कहा "मुझे तो लगा था ये दोनों इस जगह से बचकर भागने की कोशिश करेंगे पर ये मेरा सामना करने के लिए तैयार हो गए। इस जगह पर वह खंजर ही मुझे नुकसान पहुंचा सकता है ये दोनों तो मेरे सामने कीड़े के समान है।"

कुछ ही पल के अंदर अवनी मास्टर राजेश के करीब थी तभी रूद्र बिजली की रफ्तार से मास्टर राजेश के सामने आ जाता है रुद्र के हाथ में वह खंजर नहीं था रूद्र खाली हाथ मास्टर राजेश पर हमला करने के लिए आया था मास्टर राजेश भी अपने सामने रूद्र को देखकर हैरान थे रुद्र का एक हाथ पीछे था रुद्र का हमला मास्टर राजेश के सीने पर लगने ही वाला था।

तभी मास्टर राजेश के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ जाती है और वे अपना एक कदम पीछे लेते हुए रुद्र के हाथ को पकड़ लेते हैं मास्टर राजेश ने कहा "क्या तू मुझे इन बच्चों वाले तरीके से मारना चाहता है तूने क्या सोचा था मुझे नहीं पता चलेगा हमला ये लड़की नहीं बल्कि तू करेगा।'

रुद्र के चेहरे पर हैरानी और घबराहट के भाव थे उसे देखकर कोई भी बता सकता था कि वह मास्टर राजेश के जाल में फंस चुका है तभी रूद्र ने हल्की स्माइल करते हुए कहा "बुड्ढे तू मेरे जाल में फंस चुका है।"

जहां पहले रुद्र के चेहरे पर घबराहट के भाव थे अचानक से रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ गई थी मास्टर राजेश भी रुद्र के चेहरे पर शैतानी हसी देखकर हैरान थे उन्हें भी रुद्र से थोड़ा-थोड़ा डर लग रहा था। आज से पहले मास्टर राजेश ने ऐसा लड़का नहीं देखा था जिसके सामने मौत हो और वह मुस्कुरा रहा हो।

मास्टर राजेश, रूद्र को मुस्कुराता हुआ देखकर उसके ऊपर हमला कर देते हैं मास्टर राजेश जल्द से जल्द रूद्र को मारना चाहते थे क्योंकि उन्हें अपने ऊपर एक अजीब सा दबाव महसूस हो रहा था जो उन्होंने आज से पहले कभी महसूस नहीं किया था जैसे ही मास्टर राजेश का हाथ रुद्र के करीब पहुंचता है रुद्र अपने इविल सोल को हाथ के जरिए मास्टर राजेश के अंदर भेज देता है।

जैसे ही रुद्र का इविल सोल मास्टर राजेश के अंदर जाता है मास्टर राजेश अपनी जगह पर जम जाते हैं सब कुछ बहुत जल्दी हुआ था मास्टर राजेश ने रुद्र का एक हाथ पकड़ रखा था और वह अपने दूसरे हाथ से रूद्र को मारने ही वाले थे तभी वह अपनी जगह पर जम जाते हैं।

मास्टर राजेश को भी समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था कि रूद्र ने अपनी किसी मार्शल आर्ट का मेरे ऊपर इस्तेमाल किया है पर उन्हें समझ में नहीं आ रहा था कि ये कैसी मार्शल आर्ट है जो किसी इंसान को उसकी जगह पर स्थिर कर देती है।

तभी मास्टर राजेश को वही एहसास होता है जो उन्हें कौशिक परिवार के तीनों मास्टर के साथ लड़ते वक्त हुआ था मास्टर राजेश ने गुस्से में रुद्र से कहा "इसका मतलब तू वही है जिसने मेरे ऊपर छुपकर हमला किया था। मैं तुझे नहीं छोडूंगा तेरी वजह से मेरा एक हाथ चला गया तुझे क्या लगता है तू अपनी मार्शल आर्ट के जरिए मुझे ज्यादा देर तक रोक पाएगा बस कुछ पल के अंदर तेरी मार्शल आर्ट का असर खत्म हो जाएगा।" रुद्र भी ये बात बहुत अच्छे से जानता था कि मास्टर राजेश बिल्कुल सही कह रहे है रुद्र अपने इविल सोल के जरिए मास्टर राजेश को 10 सेकंड से ज्यादा नहीं रोक सकता था रुद्र दूसरे सितारे के पांचवें स्तर पर था और वही मास्टर राजेश चौथ सितारे पर थे मास्टर राजेश रुद्र से काफी ज्यादा ताकतवर थे।

रुद्र, मास्टर राजेश को इविल सोल के जरिए 10 सेकंड भी इसलिए रोक पा रहा था क्योंकि मास्टर राजेश घायल थे वरना अगर मास्टर राजेश के पास उनकी पूरी ताकत होती, रुद्र का इविल सोलर मास्टर राजेश के अंदर जाते ही उसी वक्त मारा जाता और रुद्र की जान भी उसके इविल सोल के साथ जुड़ी हुई थी अगर रुद्र के इविल सोल को कुछ होता है तो रुद्र भी उसी वक्त मारा जाएगा।

3 सेकंड. 4 सेकंड. मास्टर राजेश ने हल्की मुस्कुराहट

के साथ कहा "बस कुछ पल और"

5 सेकंड 6 सेकंड 7 सेकंड. जैसे-जैसे वक्त बीत रहा

था मास्टर राजेश की मुस्कुराहट बढ़ती जा रही थी और रुद्र कुछ नहीं कर पा रहा था क्योंकि मास्टर राजेश ने रुद्र का हाथ पकड़ा हुआ था।

मास्टर राजेश ये बात बहुत अच्छे से जानते थे रुद्र इतने कम समय में कुछ नहीं कर पाएगा रुद्र के पास
इतना कम समय था इतना कम समय के अंदर कोई कुछ सोच भी नही पता है।

8 सेकंड 9 सेकंड. तभी रूद्र ने चिल्लाते हुए कहा "अभी."

तभी रुद्र के पीछे से अवनी आती है जिसने अपने बिजली का हमला पहले से ही तैयार किया हुआ था और इससे पहले मास्टर राजेश कुछ सोच पाते तभी वो मास्टर राजेश के दिल पर हमला कर देती है और अवनी का हाथ मास्टर राजेश के आर पार हो जाता है।

वक्त इतनी जल्दी पलट रहा था मास्टर राजेश भी सोचने पर मजबूर हो गए थे की जीत मेरी हो रही हैं या फिर रुद्र की।

मास्टर राजेश के मुंह से खून की उल्टी होती है और उनकी सीने से खून पानी की तरह बहने लगा था मास्टर राजेश अपने हाथ को सीने पर रखकर बहते हुए खून को रोकने की कोशिश करते हैं पर सब कुछ बेकार था अब मास्टर राजेश के बचने का कोई चांस नहीं था अवनी ने उनके दिल को पूरी तरह फाड़ कर रख दिया था।

मास्टर राजेश लड़खड़ाते हुए नीचे गिर जाते हैं तभी उनके पास रूद्र आता है रुद्र के चेहरे पर हर बार की तरह हल्की मुस्कुराहट थी जो किसी को भी अपने ऊपर दबाव महसूस करने के लिए मजबूर कर देती थी।

चांद की रोशनी रुद्र पर पड़ रही थी और रुद्र का महूँ उसके खून से सना हुआ था क्योंकि अपने इविल सोल को मास्टर राजेश के अंदर ज्यादा देर तक रोकने के चक्कर में रुद्र भी घायल हो गया था इस वक्त रूद्र किसी हेवान से काम नहीं लग रहा था।

रुद्र बोला "बुड्ढे तूने अपनी जिंदगी बहुत जी ली अब तेरे मरने का वक्त आ गया तूने सोचा था मुझे नुकसान वह खंजर ही पहुंचा सकता है मैंने तेरी इसी सोच का फायदा उठाया मैंने उस खंजर का इस्तेमाल नहीं किया ताकि तू हमें बहुत ज्यादा कमजोर समझे फिर मैंने तेरे साथ खेलना शुरू किया जब मैंने अवनी के पीछे से तेरे ऊपर हमला किया तुझे लगा कि मैं तुझे मारने वाला हूं और तूने अपना सारा ध्यान मेरे ऊपर लगा दिया पर तेरे ऊपर हमला करने वाला मैं नहीं बल्कि अवनी थी मेरी शुरू से यही योजना थी और तू मेरे जाल में फंस गया।"

रुद्र की पूरी योजना सुनने के बाद मास्टर राजेश के मुंह से निकला "कमीने तू सच में बहुत ज्यादा क्रूर है पर तूने अभी दुनिया नहीं देखी है तुझे इस दुनिया के अंदर बहुत कमीने इंसान मिलेंगे और तू उन्ही में से किसी एक के हाथों मरेगा।" और इन्हीं शब्दों के साथ मास्टर राजेश की मौत उसी जगह पर हो जाती है

रुद्र भी अपने से ज्यादा ताकतवर मार्शल आर्टिस्ट के शरीर पर अपने इविल सोल को इस्तेमाल करने की वजह से बहुत ज्यादा थक गया था रुद्र एक पेड़ के सहारे नीचे बैठ जाता है और अपने आप से कहता है "मैं एक शैतानी मार्शल आर्टिस्ट हूं हम अपने दुश्मन को मारने के लिए हर तरीका अपनाते हैं यहां तक कि हम अपनी जान की भी परवाह नहीं करते हैं अगर अवनी मास्टर राजेश के दिल पर ना हमला करके किसी और जगह पर हमला करती तो मास्टर राजेश के साथ मैं भी मारा जाता पर मुझे कुछ नहीं हुआ क्योंकि मेरी योजना बिल्कुल सटीक थी।"

अवनी भी रूद्र को ही देख रही थी उसे एहसास हो गया था कि रूद्र ने उसका इस्तेमाल नहीं किया है अवनी ने रुद्र के पास जाते हुए अपने आप से कहा "मुझे तो लगा था यह मेरी बलि देने वाला है पर इसने तो मास्टर राजेश को मारने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी।"

इस वक्त अवनी को थोड़ा बुरा लग रहा था कि उसने रुद्र के बारे में ये सब सोचा, अवनी रुद्र के पास जाकर बैठ जाती है अवनी बोली "मुझे माफ करना तुम्हें मेरी वजह से घायल होना पड़ा।"अवनी की बातें सुनकर रुद्र ने कहा, "इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं है, यह बूढ़ा आदमी बहुत शक्तिशाली है, जिसकी वजह से मेरी बुरी आत्मा घायल हो गई और मेरी बुरी आत्मा मुझसे जुड़ी हुई है, जिसकी वजह से मैं भी घायल हो गया।"

रुद्र की सारी बातें सुनकर अवनी सोचने लगी, अवनी ने खुद से कहा, "मैं कितनी गलत थी, मैंने शुरू से ही गलत समझा।"

तभी अवनी के कानों में रुद्र की आवाज़ आई, "अवनी, उस बूढ़े आदमी की स्पेस रिंग ले आओ, उस बूढ़े आदमी की स्पेस रिंग में बहुत सारा खजाना होगा क्योंकि वह 7 राजघरानों में मेहरा परिवार का सबसे अच्छा सदस्य था।"

रुद्र की बातें सुनकर अवनी मास्टर राजेश के शरीर से सारा खजाना निकालना शुरू कर देती है और कुछ ही सेकंड में वह मास्टर राजेश के शरीर से स्पेस रिंग के साथ सारा खजाना भी निकाल देती है।

अवनि ने कुछ ही सेकंड में मास्टर राजेश के हाथों और कंधों के कवच को उनके शरीर से अलग कर दिया था, अवनि ने मास्टर राजेश के कपड़े भी नहीं छोड़े थे, उसने मास्टर राजेश के कपड़े भी उतार दिए थे।उन सभी सामान को लेकर अवनी रुद्र के सामने रख देती है जहां रूद्र ने उन सभी सामान को देखते हुए अपने आप से कहा "ये तो सच में लुटेरों के परिवार से आती है इसने कुछ ही सेकंड के अंदर मास्टर राजेश का पूरा शरीर लूट लिया।"

अवनी रूद्र को वह स्पेस रिंग दे देती है जहां रूद्र उस स्पेस रिंग को लेते ही उसके अंदर खजाने को देखने लगता है रूद्र को उस जगह पर बहुत सारी मार्शल आर्ट और स्पिरिचुअल स्टोन दिखाई देते हैं उस जगह पर बहुत सारे हथियार भी पड़े हुए थे और कुछ दवाइयां भी।"

तभी रुद्र की नजर निचले स्तर की 2 मार्शल आर्ट पर जाती है जो वर्मा परिवार की तरह दिखाई दे रही थी रुद्र उन दोनों मार्शल आर्ट को रख लेता है।

रूद्र को थोड़ा अजीब लग रहा था उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मास्टर राजेश इन मार्शल आर्ट के साथ क्या करने वाले हैं मास्टर राजेश ने कुमार परिवार से निचले स्तर की मार्शल आर्ट लेकर मध्य अस्तर की मार्शल आर्ट दी थी और मास्टर राजेश के पास गुप्ता परिवार की भी मार्शल आर्ट थी।

रूद्र ने अपने आप से कहा 'कुछ तो है जो ये मेहरा परिवार करना चाहता है उन्हें अपनी योजना पूरा करने के लिए 12 साल का समय लगा मुझे इस बारे में पता लगाना होगा।"

अब आगे क्या होगा, क्या रुद्रा मेहरा परिवार की योजना के बारे में पता लगा पाएगा? और मेहरा परिवार तीनों परिवार यानी गुप्ता परिवार, वर्मा परिवार और कुमार परिवार की पुश्तैनी मार्शल आर्ट लेकर क्या करना चाहता है? जानने के लिए पढ़ते रहिए l
 

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Padate rahiyega or comment kariga kesi he khahani.
 

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Ch 33 - जख्मी रुद्र

वर्मा परिवार, गुप्ता परिवार और कुमार परिवार की पुश्तैनी मार्शल आर्ट अपने पास रखने के बाद रुद्र सोच में पढ़ चुका था उसने खुद अपनी आंखों से मास्टर राजेश को कुमार परिवार के मुखिया जंगशेर से निचले स्तर की मार्शल के बदले मध्य स्तर की मार्शल आर्ट देते हुए देखा था और होना हो जरूर विवेक ने मास्टर जसवीर से उनकी पुश्तैनी मार्शल आर्ट लेने के बाद मास्टर राजेश को दी होगी।

मास्टर राजेश के पास दो मार्शल आर्ट हो गई थी बस उनके पास वर्मा परिवार की मार्शल आर्ट नहीं थी अगर रूद्र नहीं होता मास्टर राजेश के पास वर्मा परिवार की मार्शल आर्ट भी आ जाती पर अब ये तीनों मार्शल आर्ट रुद्र के हाथ में थी।

रूद्र ने कुछ सोचते हुए अपने आप से कहा "जरूर इन तीनों मार्शल आर्ट को एक साथ इस्तेमाल करने से ही कुछ होता होगा तभी तो मेहरा परिवार ने इन तीनों मार्शल आर्ट को इकट्ठा करने के लिए 12 साल लगा दिए पर मुझे एक बात समझ में नहीं आ रही, मेहरा परिवार के आगे तीनों परिवार बहुत ज्यादा कमजोर है फिर उन्होंने तीनों परिवार के ऊपर हमला करके इन मार्शल आर्ट को क्यों नहीं ले लिया, उन्होंने 12 साल तक इंतजार क्यों किया?"

रूद्र को कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था इसलिए वह इस बारे में सोचना बंद कर देता है और उस स्पेस रिंग के अंदर कुछ और ढूंढने लगता है तभी रुद्र की नजर एक बड़ी सी पोटली पर जाती है वह पोटली काले रंग की थी जिसे सुनहरे रंग के धागे से बंधा हुआ था।

रूद्र ने उस पोटली को अपनी स्पेस रिंग के अंदर रखते हुए अपने आप से कहा "इस कूबाड़ खाने के बीच में एक ही खजाना है मैं इस पोटली को बहुत अच्छे से जानता हूं यह पोटली जिंदा जानवरों को पकड़ने के लिए इस्तेमाल की जाती है जरूर इस पोटली के अंदर वह शैतानी चील होगी।"

रूद्र ने उस स्पेस रिंग के अंदर से अपने काम की सभी चीजों को रख लिया था बचा हुआ सब कुछ रुद्र के लिए किसी कूबाड़ खाने से कम नहीं था। रुद्र के पास पहले से ही बहुत सारे स्पिरिचुअल स्टोन थे और रुद्र स्पेस रिंग के अंदर पड़े हुए स्पिरिचुअल स्टोन का इस्तेमाल फॉर्मेशन बनाने के लिए भी नहीं कर सकता था क्योंकि वे सभी स्पिरिचुअल स्टोन बहुत लो क्वालिटी के थे। उस स्पेस रिंग के अंदर बहुत सारी ऊपरी स्तर की मार्शल आर्ट और हथियार पड़े हुए थे पर रुद्र के लिए यह सब कचरे के समान थे रुद्र पहले से ही बहुत सारी मार्शल आर्ट को जानता था उसने अपने पिछले जन्म में बहुत सारी मार्शल आर्ट को सीखा था। वह उन मार्शल आर्ट का अभ्यास इसलिए नहीं कर रहा था क्योंकि उसका शरीर बहुत ज्यादा कमजोर था जब तक रुद्र का शरीर मजबूत नहीं हो जाता रूद्र उन मार्शल आर्ट का इस्तेमाल नहीं करेगा और जब रुद्र के पास तीसरे स्तर का हथियार था वह पहले और दूसरे स्तर के हथियार को अपने पास रखकर क्या करेगा इसलिए रुद्र के लिए उस स्पेस रिंग के अंदर पड़ा हर सामान कचरा था।

रूद्र ने उस स्पेस रिंग को अवनी की तरफ फेंकते हुए कहा "ये लो इसे तुम रख लो।"

उस स्पेस रिंग को अवनी की तरफ फेंकने के बाद रूद्र ने अपने आप से कहा "मैं कभी सम्राट हुआ करता था ये सब मुझे नहीं चाहिए।"

अवनी उस स्पेस रिंग को पकड़ कर उसके अंदर झांकने लगती हैं और जैसे ही अवनी की नजर स्पेस रिंग के अंदर पड़े सामान पर जाती है उसकी आंख हैरानी में बड़ी हो जाती है बेशक आज से पहले अवनी ने इतना ज्यादा खजाना एक साथ नहीं देखा था। भले ही रुद्र के लिए ये सब कचरा हो पर अवनी के लिए ये सब सामान किसी खजाने से कम नहीं था इस वक्त उस स्पेस रिंग के अंदर जितना खजाना था इतना खजाना उसके पुरे परिवार में भी नहीं था उस स्पेस रिंग के अंदर स्पिरिचुअल स्टोन के ढेर लगे हुए थे और दो रेक के अंदर 50 से भी ज्यादा मार्शल आर्ट रखी थी।

स्पेस रिंग के अंदर एक छोटी सी दुनिया होती है जिसके अंदर हम बहुत सारा सामान रख सकते हैं पर हम स्पेस रिंग के अंदर किसी जिंदा इंसान को नहीं रख सकते स्पेस रिंग के अंदर जाते ही उस इंसान की मौत हो जाएगी।

कुछ देर तक अवनी उस स्पेस रिंग को हैरानी में देखती रहती है पर फिर वह अपने आप को संभाल लेती है क्योंकि यह स्पेस रिंग किसी अरे-गरे की नहीं बल्कि 7 राजसी परिवार में से मेहरा परिवार के श्रेष्ठ की थी अवनी जानती थी यह स्पेस रिंग मेहरा परिवार के श्रेष्ठ की है इस स्पेस रिंग के अंदर इतना खजाना तो मिलना ही चाहिए।

अवनी रुद्र की तरफ देखती है जो कुछ बैठकर सोच रहा था अवनी ने रूद्र को टोकते हुए कहा "हमें इस स्पेस रिंग के अंदर पड़े सामान को बांट लेना चाहिए।"

इतना कहने के बाद अवनी, रूद्र के हाथों में वह स्पेस रिंग रख देती है जहां रूद्र ने उस स्पेस रिंग को देखते हुए अवनी से कहा "ये सब मेरे लिए कचरा है अगर तुमको भी यह नहीं चाहिए मैं इसे फेंक देता हूं।"

इतना कहने के बाद रूद्र उस स्पेस रिंग को फेंकने के लिए तैयार ही था तभी अवनी बिजली की स्पीड से रुद्र के हाथों में से वह स्पेस रिंग छीन लेती है और उस स्पेस रिंग को अपने दिल से लगा लेती है।

अवनी ने रूद्र पर चिल्लाते हुए कहा "तुम इतने बेस कीमती खजाने को फेंक कैसे सकते हो अगर तुमको ये नहीं चाहिए मैं रख लेती हूं।"

इतना कहने के बाद आवनी उस स्पेस रिंग को अपनी उंगली में पहन लेती है अवनी को यकीन नहीं हो रहा था कि रूद्र सच में उस स्पेस रिंग को फेंकने वाला था अवनी को रूद्र पर गुस्सा भी आ रहा था और वह हैरान भी थी। अवनी बोली "तुम इस खजाने की मदद से अपने परिवार को और भी ज्यादा ताकतवर बना सकते थे अगर ऐसे ही चलता रहा वर्मा परिवार कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा तुम अपने परिवार के कैसे सलाहकार हो एक सलाहकार का काम अपने परिवार को और भी ज्यादा ताकतवर बनाना है क्या तुम इस तरह अपने परिवार को ताकतवर बनाना चाहते हो।"

रुद्र अवनी की बात एक कान से सुनता है और दूसरे कान से बाहर निकाल देता है रुद्र पर अवनी के इतने चौडे भाषण का कोई असर नहीं हुआ था रूद्र ने अवनी की इस बात को टालते हुए कहा "चलो वापस चलते हैं कौशिक परिवार में सभी लोग हमारा इंतजार कर रहे होगे।"

इतना कहने के बाद रूद्र मास्टर राजेश के शरीर को अपने स्पेस रिंग के अंदर रख लेता है और अवनी से कहता है "मेरी खड़े होने में मदद करो और मुझे कौशिक परिवार में लेकर चलो।"

इस वक्त रुद्र की हालत इतनी खराब थी वह खुद से चल भी नहीं सकता था अवनी रुद्र के पास आती है और उसे सहारा देते हुए कौशिक परिवार की ओर लेकर जाने लगती है।

रूद्र ने अवनी से पूछा 'वैसे वो विवेक कहां चला गया?"

जिस पर अवनी बोली "जब हम मास्टर राजेश के साथ लड़ रहे थे वह उसी वक्त यहां से भाग गया।"

अवनी की बात सुनकर रूद्र सोच में पड़ जाता है उसने अपने आप से कहा "हालांकि यह विवेक इतना ज्यादा ताकतवर नहीं है पर यह छोटे-मोटे सपोले ही हमें आगे जाकर इस्ते हैं ये मुझे जब भी दिखेगा मैं उसको तभी मार डालूंगा।" कुछ घंटे बाद.

कौशिक परिवार के अंदर तीनों मास्टर कौशिक परिवार की हालत देख रहे थे सब कुछ पहले जैसा था बस जमीन पर बहुत सारे लुटेरों की लाश पड़ी हुई थी।

तभी उन तीनों मास्टर को सामने से जानवी और सार्थक आते हुए दिखाई देते हैं उन दोनों के पीछे कौशिक परिवार के सभी सिपाही मौजूद थे।

जानवी और सार्थक तीनों मास्टर के सामने आते ही उन्हें नमस्कार करते हैं जहां मास्टर गौतम ने अपने चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट लाते हुए उन दोनों से कहा "तुम्हारी हालत तो बहुत ज्यादा अच्छी है लगता है तुम दोनों ने बहुत अच्छी तरह लड़ाई की।"

जानवी बोली "ये सब आपकी वजह से हुआ है आपने हमें पहले ही बता दिया था आपके जाने के बाद कुछ लोग हमारे ऊपर हमला करेंगे और बिल्कुल वैसा ही हुआ, हमने अधिकतर लोगों को मार डाला पर कुछ लोग ऐसे थे जो यहां से भागने में कामयाब हो गए।"

जानवी की बात सुनकर मास्टर यशवंत खुश हो जाते हैं उन्होंने कहा बहुत "अच्छा तुम तारीफ के बिल्कुल काबिल हो तुमने इन सिपाहियों की मदद से सभी दुश्मनों को मार डाला।" मास्टर ओमवीर ने भी सार्थक और जानवी की तारीफ करते हुए कहा "बड़े भाई गौतम जब आप मुख्य परिवार में जाओगे इन दोनों बच्चों की तारीफ जरुर करना इन्होंने बहुत अच्छा काम किया है।"

कौशिक परिवार का मुख्य परिवार वही है जिस जगह पर कौशिक परिवार के सभी लोग रहते हैं मुख्य परिवार ही कौशिक परिवार की सभी ब्रांच को नियंत्रित करता है।

तभी मास्टर गौतम को कुछ याद आता है उन्होंने सार्थक और जानवी से पूछा "मैं तुमसे एक बात तो पूछना भूल ही गया इस जगह पर बड़ा धमाका हुआ था क्या तुम जानते हो उसे धमाके को किसने किया?"

जिस पर सार्थक बोला "क्या वह धमाका आपने नहीं किया, हमें लगा आपमें से किसी श्रेष्ठ ने वह धमाका किया क्योंकि कोई श्रेष्ठ ही इतना बड़ा धमाका कर सकता है।"

मास्टर यशवंत बोले "हम में से किसी ने भी वह धमाका नहीं किया वर्मा परिवार पीछे वाले घर में छिपा बैठा है चलो उनसे जाकर पूछते हैं क्या पता उन्हें इस बारे में पता हो।"

मास्टर यशवंत की बात सुनकर जानवी ने टोंट कसते हुए कहा "कल की लड़ाई इतने ताकतवर लोगों के बीच में थी वे लोग डर की वजह से बाहर भी नहीं निकले होंगे।" कुछ समय बाद वे सभी वर्मा परिवार के बाहर पहुंच जाते हैं जैसे ही वे पांचो वर्मा परिवार के अंदर जाते हैं उन्हें हॉल के अंदर पूरा वर्मा परिवार दिखाई देता है जहां सबसे आगे मास्टर जसवीर खड़े थे और वे कुछ सोचते हुए चक्कर लगा रहे थे कनिका और समर कुर्सी पर बैठे हुए थे जहां अंगद उनकी बगल में खड़ा था।

कनिका और समर उन तीनों मास्टर को देखते ही खड़े हो जाते हैं और सोचने लगते हैं कि आखिरकार यह सभी यहां पर क्या करने के लिए आए होंगे?

जैसे ही उन तीनों मास्टर की नजर मास्टर जसवीर पर पड़ती है वे उन्हें देखते ही उनकी ताकत का अंदाजा लगा लेते हैं किसी भी मार्शल आर्टिस्ट के लिए अपने जितने ताकतवर या फिर उससे कम ताकतवर की ताकत के बारे में पता लगाना बहुत ज्यादा आसान होता है और उन तीनों मास्टर को भी पता चल गया था कि उनके सामने खड़ा इंसान चौथ सितारे पर है।

मास्टर यशवंत ने मास्टर जसवीर को देखते हुए अपने आप से कहा "शायद यह वही इंसान है जिसने कल रात वह धमाका किया होगा।"

मास्टर यशवंत ने मास्टर जसवीर को नमस्कार करते हुए कहा "क्या मैं जान सकता हूं आप कौन है?" जिस पर मास्टर जसवीर ने भी मास्टर यशवंत को नमस्कार करते हुए कहा "मेरा नाम जसवीर गुप्ता है और मैं गुप्ता परिवार का मुखिया हूं और साथ में सोम पर्वत का मास्टर भी, फिलहाल में वर्मा परिवार के यहां रहता हूं आप तीनों मास्टर के साथ मिलकर खुशी हुई।"

मास्टर जसवीर की बात सुनकर मास्टर यशवंत ने पूछा "कल रात यहां पर बहुत बड़ा धमाका हुआ था क्या वह धमाका आपने किया?"

मास्टर जसवीर, मास्टर यशवंत के इस सवाल का कोई जवाब नहीं देते हैं बल्कि उन्होंने रुद्र के बारे में बताते हुए कहा "कल रात की लड़ाई के बाद रुद्र बहुत ज्यादा घायल हो गया है इस वक्त वह अपने कमरे में आराम कर रहा है।"

मास्टर जसवीर की बात सुनकर मास्टर गौतम ने कहा "इसका मतलब मेहरा परिवार ने वर्मा परिवार के ऊपर भी हमला किया।"

तभी पीछे से जानवी ने कहा "उसने मुझे कुछ दिनों पहले कहा था कि वह 12 साल के अंदर अपने परिवार को राज्य परिवार से भी बड़ा कर लेगा पर वह कुछ मामूली लोगों का भी सामना नहीं कर पाया मैं और सार्थक ने पूरी रात लड़ाई की और हमें एक खोरच भी नहीं आई हमें तो क्या हमारे किसी भी सिपाही को खरोच नहीं आई और वह कुछ मामूली लोगों का सामना करते हुए इतना ज्यादा घायल हो गया।"

जानवी के चेहरे पर तिरस्कार भरी मुस्कराहट थी और वह रूद्र को नीचा दिखाने की कोशिश कर रही थी इधर जानवी की बात सुनकर वर्मा परिवार के सभी लोगों को गुस्सा आ गया था तभी मास्टर यशवंत ने जानवी को फटकार लगाते हुए कहा "मैंने तुम्हें कितनी बार कहा है हमें किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहिए तुम मेरी बात सुनती क्यों नहीं हो।"

मास्टर यशवंत की बात सुनकर जानवी कुछ नहीं कहती बस वह चुपचाप खड़ी रहती है।

तभी मास्टर यशवंत ने सभी लोगों से माफी मांगते हुए कहा "इस लड़की की तरफ से मैं आपसे माफी मांगता हूं यह बचपन से ही ऐसी है पर मुझे नहीं पता वह इंसान कौन था जिससे आप भी रूद्र को नहीं बचा पाए और वह इतना ज्यादा जख्मी हो गया क्या वह इंसान सच में इतना ज्यादा ताकतवर था?"

मास्टर जसवीर बोले "मैं कुछ दिनों पहले ही चौथ सितारे पर पहुंचा हूं जिस वजह से मेरे पास इतनी ज्यादा ताकत नहीं है पर मैं इतना बता सकता हूं कल रात हम जिस इंसान के साथ लड़ रहे थे उसका नाम मास्टर महेश था।।"

मास्टर महेश का नाम सुनकर तीनों मास्टर बहुत ज्यादा हैरान हो जाते है यहां तक की मास्टर गौतम भी मास्टर महेश का नाम सुनकर हैरान हो गए थे। मास्टर यशवंत ने तुरंत कहा "आप जानते भी है वह इंसान कौन था वह मेहरा परिवार के 12 ताकतवर श्रेष्ठ में से एक था आपने कल रात ताकतवर इंसान को मारा है यहां तक कि मुझे भी उसके साथ लड़ने में बहुत ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ता।"

पर तभी मास्टर जसवीर ने मास्टर यशवंत की गलतफहमी दूर करते हुए कहा "आप गलत समझ रहे हो मैंने मास्टर महेश को नहीं मारा।"

अब उस जगह पर शांति छा जाती है किसी को भी कुछ समझ में नहीं आ रहा था मास्टर यशवंत ने धीमी आवाज में पूछा "आप ये क्या बोल रहे हैं अगर आपने उस मास्टर को नहीं मारा फिर किसने मारा और पूरी रात वर्मा परिवार को किसने बचाया?"

मास्टर जसवीर बोले "मास्टर महेश को मारने वाला और कोई नहीं बल्कि रूद्र था।"

अब आगे क्या होगा, रुद्र के बारे में जानने के बाद तीनों मास्टर का क्या रिएक्शन रहेगा? क्या इस बारे में जानने के बाद भी जानवी की वही सोच रहेगी? जानने के लिए पढ़ते रहिए l
 

Manojsharma

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Nice update bhai super episode
 
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