Ch 31 - चारे की तरह इस्तेमाल
आज से पहले कभी अवनी को इतना खालीपन महसूस नहीं हुआ था विवेक यहीं पर नहीं रुका था बल्कि वह अभी भी अवनी को नीचा दिखा रहा था। विवेक की बातें सुनकर अवनी को गुस्सा आ गया था उसने अपने आप को संभाला और कहा "अवनी यह वक्त रोने का नहीं है बल्कि बदला लेने का है तुझे इस हरामखोर से बदला लेना होगा इसकी हिम्मत कैसे हुई मेरे साथ खेलने की।"
इतना सोचने के बाद अवनी अपने हाथ को ऊपर करते हुए बिजली का गोला तैयार कर लेती है और विवेक की गर्दन पर हमला करने के लिए आगे बढ़ जाती है। अवनी ये बात बहुत अच्छे से जानती थी विवेक उससे कहीं गुना ज्यादा ताकतवर है और वह उसके शरीर पर हमला करके उसे नहीं मार पाएगी।"
क्योंकि जो मार्शल आर्टिस्ट जितना ज्यादा ताकतवर होता है उसका शरीर भी उतना ही ताकतवर होता है जैसे-जैसे मार्शल आर्टिस्ट की ताकत बढ़ती है उनका शरीर स्टील से भी ज्यादा मजबूत हो जाता है और फिर एक वक्त ऐसा आता है
जब मार्शल आर्टिस्ट का शरीर हीरे की तरह मजबूत हो जाता है।
अवनी का हमला विवेक की गर्दन पर लगने ही वाला था तभी विवेक अपनी गर्दन को घुमाता है जाहिर सी बात थी विवेक ने जानबूझकर अवनी के हमले को अपने करीब आने दिया था। अवनी की ताकत पहले सितारे के छठे स्तर पर थी और वही विवेक की ताकत दूसरे सितारे के करीब पहुंच गई थी अवनी चाहे अपनी पूरी जान क्यों ना लगा ले वह फिर भी विवेक का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी।
अगर विवेक अवनी के बराबर भी होता वह फिर भी अवनी को हरा देता पर विवेक की ताकत तो अवनी से कई गुना ज्यादा थी फिर वह कैसे विवेक के सामने टिक सकती थी ना हीं अवनी पर रुद्र की तरह फॉर्मेशन बनानी आती थी जिससे वह विवेक को मार पाती और ना ही अवनी के पास कोई जादूई हथियार था।
अवनी के हमले से बचने के बाद विवेक तेजी से अवनी के पीछे आ गया था उसने अपने हाथों में एनर्जी लाते हुए अवनी पर हमला कर दिया था पर तभी अवनी के शरीर से रुद्र का इविल सोल बाहर निकलता है और वह विवेक के हाथों में जाकर उसी के हमले को उसी के ऊपर कर देता है।
सब कुछ इतनी जल्दी हुआ था किसी को भी कुछ समझने का वक्त नहीं मिला था और विवेक अपने ही हमले से उड़ता हुआ पेड़ से टकरा गया था।
तभी रुद्र का इविल सोल विवेक के हाथ से बाहर निकलता है और झाड़ियां में जाकर छुप जाता है अवनी ने भी रुद्र के इविल सोल को देख लिया था उसने कहा "ये तो वही प्राणी है जो हमेशा रुद्र के साथ रहता है जरूर इसको रूद्र ने मेरी मदद करने के लिए भेजा होगा।"
अवनी की नजर विवेक पर जाती है जिसकी हालत खराब हो गई थी एनर्जी का हमला बाहरी चोट कम पहुंचता है पर अंदरूनी चोट ज्यादा पहुंचता है। जिस वजह से हर मार्शल आर्टिस्ट की हालत खराब हो जाती है और विवेक ने भी अपने हाथों में एनर्जी लाते हुए अवनी पर हमला करने की कोशिश की थी पर वह हमला रुद्र के इविल सोल की वजह से विवेक पर ही लग गया था जिस वजह से उसे बहुत ज्यादा अंदरूनी चोट आ गई थी।
विवेक खून की उल्टी करता है और उसके कपड़े खून से सन जाते हैं विवेक की ऐसी हालत देखकर अवनी को भी समझ में आ गया था कि अब तो इसे कोई बच्चा भी मार सकता है।
अवनी के चेहरे पर गुस्सा था और उसकी आंखों में विवेक के लिए नफरत अलग ही देखी जा सकती थी।
अवनी धीरे-धीरे विवेक के पास जाती है जहां विवेक को भी समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगा था कि अब उसका अंत नजदीक है विवेक ने आखिरी कोशिश करते हुए कहा "अवनी मेरी बात सुनो तुम्हें धोखा देना मेरी मजबूरी थी मुझे मजबूर किया गया था वर्मा परिवार को मारने के लिए।"
अवनी, विवेक को बहुत अच्छे से जानती थी कि वह कितना ज्यादा चालाक है अगर अवनी, विवेक से पहली बार मिली होती तो वह जरूर उसके झांसे में आ जाती पर उसने बहुत बार विवेक को दूसरों के साथ धोखा करते हुए देखा है।
अवनी ने विवेक के पास आने के बाद गुस्से में कहा "तुम कितने ज्यादा कमीने हो तुमने अपनी जान खतरे में देखकर गिरगिट की तरह रंग बदल लिया अभी थोड़ी देर पहले तुम मुझे क्या कुछ नहीं कह रहे थे और अब जब तुम मरने वाले हो मुझे अपने जाल में फसाने की कोशिश कर रहे हो।"
अवनी की बात सुनने के बाद भी विवेक के भाव बिल्कुल भी नहीं बदले थे इस वक्त वह बहुत ज्यादा सीधा और मासूम लग रहा था। जिसके ऊपर कोई जालिम इंसान जुर्म कर रहा हो विवेक बोला "तुम्हें लगता है मैं झूठ बोल रहा हूं क्या तुम उन लम्हों को भूल गई जो हम दोनों ने एक साथ बिताए थे हम दोनों कितने ज्यादा खुश थे और आज.।"
इससे पहले विवेक आगे कुछ बोल पाता तभी अवनी ने दोबारा से बिजली का गोला बनाते हुए विवेक से कहा "मैं तुम्हारे जाल में बिल्कुल भी नहीं आऊंगी मुझे पता है जो कोई तुम्हारी बात जितनी ज्यादा सुनेगा वह तुम्हारे चाल में उतना ही ज्यादा फसता जाएगा पर मैं उससे पहले ही तुम्हें मार डालूंगी।"
अवनी को समझ में आ गया था कि विवेक कितना ज्यादा मक्कार इंसान है इसलिए वह विवेक को उसी वक्त जान से मारना चाहती थी।
अभी अवनी का हमला पूरी तरह तैयार भी नहीं हुआ था की तभी अचानक से अवनी के सामने एक बूढ़ा आदमी आ जाता है और वह अवनी के हमले को खत्म करते हुए उसे पीछे धकेल देता है।
वह बूढ़ा आदमी और कोई नहीं बल्कि मास्टर राजेश था जो तीनों मास्टर से बचकर जंगल में आ गया था और तभी उसे विवेक अवनी के साथ मिल गया। मास्टर राजेश का एक हाथ कटा हुआ था और उन्होंने अभी तक अपनी पूरी ताकत को अर्जित नहीं किया था।
जब किसी मार्शल आर्टिस्ट की एनर्जी लड़ते वक्त खत्म हो जाती है उसे अपने दुश्मन से बचकर भागना पड़ेगा वरना वह उसी वक्त मरा जाएग अगर वह मार्शल आर्टिस्ट अपने दुश्मन से बचकर भागने में कामयाब हो जाता है फिर वह किसी जगह पर बैठकर दोबारा से अपने शरीर के अंदर एनर्जी समाहित करने लगता है और जब उसकी सीमा (limit) खत्म हो जाती है फिर वह हर खतरे से लड़ने के लिए तैयार होता है।"
मास्टर राजेश का भी कुछ ऐसा ही हाल था तीनों मास्टर के साथ लड़ते हुए मास्टर राजेश की एनर्जी आधी से भी ज्यादा खत्म हो गई थी पर उन्होंने जंगल के अंदर आने के बाद अपनी आधी एनर्जी को अर्जित कर लिया था।
मास्टर राजेश की नजर विवेक पर जाती है जो पेड़ के सहारे घायल बैठा हुआ था विवेक को देखते ही मास्टर राजेश के मुंह से निकला "तुम यहां पर क्या कर रहे हो तुम्हारी योजना का क्या हुआ?"
पर अगले ही पल मास्टर राजेश को सब कुछ समझ में आ जाता है उन्होंने अपने दांत बीचते हुए कहा "चलो यहां से चलते हैं।"
इतना कहने के बाद मास्टर राजेश की नजर अवनी पर जाती है जिसे देखते हुए वे बोले "पर लगता है पहले मुझे इसको ठिकाने लगाना पड़ेगा।"
मास्टर राजेश चौथ सितारे पर थे और अवनी अभी तक दूसरे सितारे पर भी नहीं पहुंची थी वह इस वक्त पहले सितारे के छठे स्तर पर थी इस वक्त मास्टर राजेश की ताकत इतनी ज्यादा थी अगर उनके सामने हजार अवनी भी आ जाए वह फिर भी बड़ी आसानी के साथ उन सभी को मार डालेंगे।"
अवनी को मारने के लिए मास्टर राजेश को अपनी एनर्जी भी इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं थी मास्टर राजेश का शेर की तरह एक पंजा ही अवनी की गर्दन उड़ाने के लिए काफी था।
मास्टर राजेश अवनी को मराने के लिए तेजी से आगे की ओर बढ़ने लगते हैं पर तभी उनके बीच में एक खंजर आकर गिरता है वह खंजर और किसी का नहीं बल्कि मास्टर महेश का था।
तभी एक पेड़ के ऊपर से छलांग लगता हुआ रूद्र, मास्टर राजेश के सामने आता है रुद्र अभी-अभी इस जगह पर पहुंचा था अगर वह सही वक्त पर नहीं पहुंचता तो मास्टर राजेश अभी तक अवनी की गर्दन उड़ा चुके होते।
रूद्र ने अपने आप से कहा "अच्छा हुआ मैंने अपने इविल सोल को अवनी के पीछे लगा दिया था वरना मैं इस जगह पर नहीं पहुंच पाता और जब तक मैं इस जगह पर पहुँचता तब तक मास्टर राजेश अवनी को मार कर जा चुके होते।"
मास्टर राजेश रूद्र को देखकर पहचान गए थे जब उन्हें पता चला था कि किसी ने उनके स्टूडेंट को मारा है तो उन्होंने रुद्र की तस्वीर मंगवा ली थी मास्टर राजेश बोले "तू तो वर्मा परिवार का सलाहकार है पर तेरे पास ये खंजर क्या कर रहा है? ये तो मास्टर महेश का खंजर है और मुझे मास्टर महेश क्यों नहीं दिखाई दे रहे है?"
मास्टर राजेश की बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ जाती है रूद्र ने उस खंजर को सहलाते हुए मास्टर राजेश से कहा "तू खुद सोच अगर मेरे हाथ में ये खंजर है तो मास्टर राजेश का क्या हुआ होगा?"
रुद्र की बात सुनकर मास्टर राजेश सोचने पर मजबूर हो जाते हैं की मास्टर महेश के साथ क्या हुआ होगा पर इस वक्त उनके दिमाग में जो आ रहा था वे उसे मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। मास्टर राजेश ने सोचते हुए अपने आप से कहा "नहीं. नहीं ऐसा कैसे हो सकता है यह अभी बहुत ज्यादा जवान है इसके लिए मास्टर महेश को मार पाना नामुमकिन है।" मास्टर राजेश इस बात को मानने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे कि रूद्र ने मास्टर महेश को मारा है पर रुद्र के हाथ में वह खंजर इस बात का इशारा कर रहा था की मास्टर महेश मारे गए हैं।
इस बारे में मास्टर राजेश जितना ज्यादा सोच रहे थे उनका दिमाग उतना ही ज्यादा खराब हो रहा था मास्टर राजेश ने गुस्से में कहा "मुझे फर्क नहीं पड़ता है वह मर गया है या फिर नहीं पर तेरे हाथ में जो खंजर है वह हमारे मेहरा परिवार का खजाना है मुझे यह खंजर चाहिए।"
मास्टर राजेश को रुद्र से वह खंजर चाहिए था किसी को भी उस खंजर को देखकर लालच आ जाएगा और लालच भी क्यों ना आए। ये खंजर तीसरे स्तर का जादुई हथियार था जिस किसी के हाथ में वह खंजर होगा उसके हमले की ताकत कई गुना ज्यादा बढ़ जाएगी।
अवनी रुद्र के पीछे खड़ी थी तभी उसके दिमाग में रुद्र की आवाज आई "अवनी मेरी बात ध्यान से सुनो मास्टर राजेश हम दोनों से कई गुना ज्यादा ताकतवर है हमें मिलकर इसका सामना करना होगा। जब मैं कहूं तुम्हें मास्टर राजेश के दिल पर अपने बिजली वाली मार्शल
आर्ट से हमला करना है यह हमला सीधा मास्टर राजेश के दिल पर होना चाहिए अगर इसमें गलती की थोड़ी भी गुंजाइश रही तो हम दोनों मारे जाएंगे।"
रुद्र की बात सुनकर अवनी सोच में पड़ जाती है अवनी ने अपने आप से कहा "क्या ये पागल हो गया है मास्टर राजेश चौथे सितारे पर है उनके दिल पर हमला करना इतना ज्यादा आसान भी नहीं होगा और पहली बात ये मुझे अपने पास भी नहीं आने देंगे इनके दिल पर हमला करना तो बहुत दूर की बात है।
पर तभी अवनी को कुछ अहसास होता है और उसकी आंखें चोडी हो जाती है अवनी ने कहा "इसका मतलब ये मेरा इस्तेमाल कर रहा है यह मुझे चारे की तरह इस्तेमाल करके मास्टर राजेश को मारना चाहता है लगता है इसने मुझे इसी वजह से बचाया है ताकि मैं इसके इस्तेमाल में आ सकूं सच में यह लड़का बहुत ज्यादा खतरनाक है।"
अब आगे क्या होगा, क्या रूद्र ने सच में अवनी को चारे की तरह इस्तेमाल करने के लिए बचाया है? और रुद्र, अवनी का किस तरह इस्तेमाल करने वाला है? जानने के लिए पढ़ते रहिए l
Comments