Ch 30 - धोका
इधर कौशिक परिवार के अंदर मास्टर जसवीर अपनी जगह पर जम गए थे उनके पैर काप पर रहे थे और उन्होंने एक पल के लिए भी अपनी आंखो को नहीं झपकाया था।
इस वक्त मास्टर जसवीर वह धमाका देखकर अपने दर्द को बिल्कुल भूल गए थे उन्हें अपनी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था और विश्वास भी कैसे होता रूद्र ने दूसरे सितारे पर होकर चौथ सितारे वाले मास्टर महेश को मार था।
मास्टर जसवीर ने अपने आप से कहा "क्या इसने सच में अपने एक ही वार में मेहरा परिवार के श्रेष्ठ को मार दिया, रुद्र का हमला इतना ज्यादा तेज था उस श्रेष्ठ की तो हड्डी भी नहीं बची।"
मास्टर जसवीर को अपनी आंखों पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं हो रहा था उन्हें ना चाहते हुए भी इस बात पर विश्वास करना पड़ रहा था कि रुद्रा ने मास्टर महेश को मार डाला, मास्टर जसवीर तो ये सोच रहे थे कि मैं कुछ
देर मास्टर महेश को रोक कर रहूंगा और जब तक कौशिक परिवार के तीनों श्रेष्ठ आ जाएंगे फिर वे सारा मामला खुद संभाल लेंगे।
मास्टर जसवीर की नजर रूद्र पर जाती है जोकि ना के बराबर घायल था रुद्र के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट थी जो उसे बहुत ज्यादा खतरनाक बना रही थी रूद्र को देखकर मास्टर जसवीर के मुंह से एकाएक निकला " ये किसी शैतान से कम नहीं है।"
मास्टर जसवीर रुद्र के पास जाते हैं जो जमीन पर पड़े हुए स्पिरिचुअल स्टोन को उठा रहा था अधिकतर स्पिरिचुअल स्टोन की एनर्जी फॉर्मेशन ने खींच ली थी जिस वजह से वे स्टोन धूल बनकर उड़ गए थे।
बचे हुए स्पिरिचुअल स्टोन को अपनी स्पेस रिंग में रखने के बाद रूद्र ने मास्टर जसवीर से पूछा "क्या आप ठीक हो?"
जिस पर मास्टर जसवीर ने कहा "हां मैं ठीक हूं आगे बताओ मुझे क्या करना है?"
रुद्र बोला "मुझे इस जगह से जाना होगा अवनी, विवेक के पीछे गई है मैं उसे लेकर आता हूं तब तक आप वर्मा परिवार की रक्षा कीजिए।"
"तुम चिंता मत करो मेरे होते हुए वर्मा परिवार को कुछ नहीं होगा चाहे उसके लिए मुझे अपनी जान ही क्यों ना गंवानी पड़े।"
मास्टर जसवीर की बात सुनकर रुद्र मुड़ता है और मास्टर महेश के खंजर की ओर जाने लगता है जो जमीन के अंदर दशा हुआ था रूद्र ने उस खंजर के पास जाते हुए अपने आप से कहा "मुझे वर्मा परिवार की चिंता नहीं करनी चाहिए तीनों मास्टर भी जल्दी ही इस जगह पर आते होंगे और जब तक मास्टर जसवीर भी इसी जगह पर है।"
इतना सोचते हुए रूद्र उस खंजर के पास पहुंच जाता है और उसे उठाकर देखने लगता है वह खंजर ज्यादा बड़ा नहीं था बस तलवार से थोड़ा ही छोटा था उस खंजर की धार बहुत ज्यादा थी और वह हल्के नीले रंग से चमक रहा था।
रूद्र ने उस खंजर को अपनी स्पेस रिंग में रखने के बाद कहा "चलो अपनी रक्षा करने के लिए मैं इस खंजर को रख लेता हूं यह आगे चलकर मेरे बहुत ज्यादा काम आएगा।"
इतना कहने के बाद रुद्र उस जगह से कूदता हुआ जंगल की ओर जाने लगता है।
जब कोई मार्शल आर्टिस्ट तीसरे सितारे के चौथे स्तर को पार कर लेता है वह अपनी एनर्जी का इस्तेमाल करते हुए आसमान में उड़ाना शुरू कर देता है पर इसमें उस मार्शल आर्टिस्ट की एनर्जी बहुत ज्यादा खर्च होती है जिस वजह से वह ज्यादा देर तक आसमान में नहीं उड़ पाता है पर जैसे-जैसे उस मार्शल आर्टिस्ट की ताकत बढ़ती है उसकी एनर्जी ना मात्र खर्च होने लगती है और फिर एक ऐसा वक्त आता है जब वह कई दिन तक लगातार आसमान में उड़ सकता है।
इधर विवेक भागता हुआ जंगल के बहुत ज्यादा अंदर आ गया था उसने एक जगह पर रुकने के बाद रूद्र को कोसते हुए कहा "यह सब कुछ उस कमीने की वजह से हुआ है। मेरी योजना कामयाब होने ही वाली थी तभी यह आकर टपक पड़ा उस कमिने की वजह से मेरी पूरी 12 साल की मेहनत खराब हो गई मैं वर्मा परिवार से पहले ही वह मार्शल आर्ट ले चुका होता पर उस वक्त भी इसने अपनी टांग अड़ा कर वर्मा परिवार को बचा लिया और आज फिर इसने मेरी पूरी योजना पर पानी फेर दिया।"
इस वक्त विवेक को रूद्र पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था अगर रूद्र उसके सामने होता वह बिना कुछ सोचे समझे रूद्र को मार डालता।
अभी विवेक रूद्र को ही कोस रहा था तभी उसके सामने अवनी आ जाती है अवनी गुप्ता परिवार से थी
जहां उसे बचपन से ही लुटेरों की हर तकनीक के बारे में सिखाया गया है जंगल में उसके लिए किसी को ढूंढ पाना इतना ज्यादा मुश्किल नहीं था।
अवनी ने काले रंग के टाइट कपड़े पहन रखे थे जिससे उसका पूरा शरीर ढका हुआ था अवनी के लिए ऐसे कपड़े पहनने जरूरी थे ऐसे कपड़ों में अवनी की स्पीड बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। उसे ऐसे कपड़े पहन कर किसी जगह पर छुपने में या फिर किसी के हमले से बचने में मदद मिलती है।
अवनी दिखने में बहुत ज्यादा सुंदर थी पर आज उसके चेहरे पर गुस्सा अलग ही देखा जा सकता था अवनी ने विवेक पर चिल्लाते हुए कहा "आज मैं अपने पिता का नाम साफ करने के लिए आई है तुम्हारी वजह से मेरे पिता की बहुत ज्यादा बदनामी हुई है सभी लोग उन्हें वर्मा परिवार का कातिल समझ रहे हैं पर असली कातिल तो तुम हो। तुमने सभी लुटेरो को अपनी तरफ करके वर्मा परिवार पर हमला किया, इसमें मेरे पिता की कोई गलती नहीं थी और आज मैं तुम्हें मार कर ये बात साबित कर दूंगी।"
अवनी को देखकर सबसे पहले विवेक इधर-उधर देखने लगता है और जब उसे पूरा यकीन हो जाता है की आस पास रूद्र नहीं है त उसके चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट आ जाती है। विवेक ने शांत पर तिरस्कार भरी
आवाज में कहा "मेरी प्यारी अवनी तुम यहां पर क्या करने के लिए आई हो क्या तुम मुझे मारना चाहती हो?"
विवेक को इतने ज्यादा प्यार के साथ बात करते हुए देखकर एक पल के लिए अवनी हैरान हो गई थी पर उसने अगले ही पल अपने आप को संभाल लिया था क्योंकि उसे पता था की विवेक कितना ज्यादा चालाक है।
अवनी बोली "तुम गद्दार हो तुमने अपने परिवार को धोखा दिया है।"
इससे पहले अवनी आगे कुछ बोल पाती तभी विवेक ने अवनी की बात को काटते हुए कहा "अवनी तुम कितनी भोली हो मैं गद्दार कैसे हो सकता हूं मैं हमेशा से तुम्हारे परिवार का हिस्सा नहीं था बल्कि में डार्क फील्ड का स्टूडेंट था और तुम्हें पता है डार्क फील्ड मेहरा परिवार के अंदर आती है मैं जासूस बनकर तुम्हारे परिवार में आया था फिर मैं गद्दार कैसे हो सकता हूं।"
इतना कहने के बाद विवेक ने अवनी को घूरते हुए आगे कहा "और तू मुझे नहीं मार सकती क्योंकि मैं तुझसे बहुत ज्यादा ताकतवर हूं।"
अवनी बोली "हां मैं जानती हूं तुम मुझसे बहुत ज्यादा ताकतवर हो मुझे यह भी पता है मैं तुम्हें कभी नहीं मार पाऊंगी पर आज मैं तुम्हें इतना ज्यादा घायल कर दूंगी
तुम चलने लायक भी नहीं बचोगे तुमने हमारे साथ बहुत गलत किया, मेरे पिता ने तुम्हारा बहुत अच्छे से ध्यान रखा, और तुमने उनका एहसान इस तरह उतारा।"
इतना कहने के बाद अवनी शांत हो जाती है और उदास मन के साथ विवेक से कहती है "विवेक हमारी शादी होने वाली थी क्या तुमने मुझे कभी प्यार नही किया?"
अवनी की बात सुनकर विवेक जोर-जोर से हंसने लगता है उसने अवनी को तिरस्कार भरी नजरों से देखते हुए कहा "क्या कहा तूने मैं तुझसे प्यार करूंगा तू सिर्फ दिखाने में सुंदर है तेरे अंदर और कोई खूबी नहीं है तेरी औकात मेरे आगे कुछ भी नहीं, अगर मुझे किसी के साथ शादी करनी है मैं 7 राजसी परिवार में से किसी और लड़की के साथ शादी करुगा पर तेरे साथ में कभी शादी नहीं करूंगा।"
राजसी परिवार के श्रेष्ठ हर साल अपने बहुत सारे स्टूडेंट बनाते हैं और राजसी परिवार के श्रेष्ठ का स्टूडेंट बनने के बाद वह श्रेष्ठ अपने सभी स्टूडेंट की रक्षा खुद करता है और उन्हें ताकतवर बनाने में भी उनकी मदद करता है विवेक उन्ही स्टूडेंट की बात कर रहा था।
विवेक की हर बात अवनी के दिल में सुई की तरह चुब रही थी उसे नहीं लगा था कि विवेक उसका सिर्फ
इस्तेमाल कर रहा है उसने कभी उससे प्यार नहीं किया था जब अवनी को पता चला था की विवेक गद्दार है
उसके मन में एक बार भी यह सवाल नहीं आया था की विवेक मुझसे प्यार नहीं करता अवनी तो यहां पर विवेक को पड़कर वापस ले जाने के लिए आई थी ताकी वह सभी के सामने विवेक से माफी मंगवा सके।
अवनी की आंखें नम हो चुकी थी और वह अपने आंसू रोकने की कोशिश कर रही थी पर वह अपने आप को रोक नहीं पाई इस वक्त अवनी को अपने आप पर बहुत ज्यादा गुस्सा आ रहा था उसने विवेक से प्यार क्यों किया पर अब वह कुछ नहीं कर सकती थी।
अब आगे क्या होगा, विवेक से धोखा खाने के बाद अवनी क्या करेगी? विवेक अवनी से ज्यादा ताकतवर है क्या वह अवनी को अपने रास्ते से हटकर भाग जाएगा? जानने के लिए पढ़ते रहिए l
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