Ch 43 - रुद्र की योजना
अपने सामने उस हत्यारे को मारने वाले का चेहरा देखकर राजीव हैरान हो गया और फिर अगले ही पल राजीव के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गई राजीव ने चिल्लाते हुए कहा "मास्टर आप. आप यहां पर कब आए?"
उस आदमी को देखकर जानवी भी खुश हो गई और उसके मुंह से निकला "उत्तम श्रेष्ठ आप।
वह आदमी दिखने में 60 वर्षीय आदमी की तरह दिखाई दे रहा था जिसके चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट थी उस आदमी ने हरे रंग के कपड़े पहन रखे थे और उसकी कमर पर तलवार बंधी हुई थी।
रुद्र की नजर उस आदमी के दाहिने हाथ पर गई जिस हाथ में बांसुरी थी उस बांसुरी को देखकर रूद्र को कुछ याद आया और उसने उस आदमी को देखते हुए कहा "राज परिवार के पांच उत्तम श्रेष्ठ मे से एक श्रेष्ठ जगत तोमर।"
रूद्र ने एक बार यशवंत के मुंह से राज परिवार के पांच उत्तम श्रेष्ठ के बारे में सुना था की अब राज परिवार की पकड़ 7 राजसी परिवार पर पहले की तरह मजबूत नहीं है पर अब भी उनमें से कोई भी परिवार राज परिवार पर आंख उठाने की हिम्मत नहीं करता है क्योंकि राज परिवार के पास पांच उत्तम
श्रेष्ठ है और उनमें से प्रत्यक्ष श्रेष्ठ की ताकत पांचवे सितारे पर है जिस वजह से राज परिवार आज भी 7 राजसी परिवारो को अपने नीचे दबा कर रखता है और उन पांच उत्तम श्रेष्ठ में से एक श्रेष्ठ का नाम जगत तोमर भी था जो बांसुरी बजाकर अपने सोचने भर से ही अपने दुश्मनों को मार देता है।
एक बार जगत तोमर ने एक साथ तीन पांचवे सितारे वाले मार्शल आर्टिस्ट का सामना करा था और उन्हें मौत के घाट भी उतरा था उसी दिन के बाद जगत तोमर का नाम पूरे राजगिरी महाद्वीप पर फैल गया
रुद्र की बात सुनकर मास्टर जगत की भौहे चढ़ गई और उन्होंने रूद्र को ऊपर से नीचे देखा तभी उस जगह पर जोरों से हंसने की आवाज आई और उस जगह पर यशवंत आ गया।
यशवंत ने मास्टर जगत की बगल में खड़े होने के बाद कहा "मैंने कहा था ना इस लड़के की नजर बहुत ज्यादा तेज है मैंने सिर्फ एक बार तुम्हारे बारे में बताया था और इसने तुम्हें एकदम पहचान लिया।"
यशवंत को देखकर जानवी की मुस्कुराहट और भी ज्यादा बड़ी हो गई और वह तुरंत यशवंत के पास चली गई जानवी ने छोटी बच्ची की तरह कहा "आप दोनों यहां पैर कब आए?"
"हम दोनों यहां पर जब से हैं जब रुद्र और तीसरे राजकुमार का द्वंद चल रहा था।"
इतना कहने के बाद यशवंत ने रुद्र की ओर देखा और कहा
"तुम्हारे अंदर सच में बहुत ज्यादा काबिलियत है तुमने तीसरे सितारे वाले मार्शल आर्टिस्ट को बहुत आसानी से संभाल लिया तुम्हारी उम्र के अंदर में भी इतना ज्यादा प्रतिभाशाली नहीं था।"
रुद्र की तारीफ सुनकर जानवी ने मुंह फेर लिया और रुद्र को तिरछी नजर से देखा हालांकि यह बात अलग थी आज उसने खुद अपनी आंखों से रुद्र की ताकत देख ली थी पर उसे रूद्र कुछ खास पसंद नहीं था।
"मास्टर अगर आप यहां पर पहले ही आ गए थे तो आप सामने क्यों नहीं आए?" इतना कहने के बाद राजीव का सीना चौड़ा हो गया और उसने किसी महान इंसान की तरह आगे कहा "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, मेरे साथ क्या होने वाला था पर अगर मिस जानवी को कुछ हो जाता तो फिर मैं अपने आप को माफ कैसे कर पाता?"
राजीव की बात सुनकर मास्टर जगत ने हंसते हुए कहा "अगर मैं यहां पर पहले ही आ जाता तो मुझे इतना बेहतरीन दृश्य देखने को कैसे मिलता लड़के तुम सच में बहुत ज्यादा प्रतिभाशाली हो मैंने आज से पहले ऐसा दृश्य नहीं देखा।"
मास्टर जगत की बात सुनकर रूद्र सामने आया और उसने मास्टर जगत को नमस्कार करते हुए कहा "ये आपका बड़प्पन है जो आप मेरी तारीफ कर रहे हैं पर क्या मैं जान सकता हूं जब मैं उस आदमी से पूछताछ करने वाला था तो आपने उस आदमी को क्यों मारा?"
रुद्र की बात सुनकर मास्टर जगत की मुस्कुराहट गायब हो
गई और उनके चेहरे पर गंभीर भाव आ गए मास्टर जगत बोले "लड़के तुम बहुत ज्यादा समझदार हो पर तुम्हारी समझदारी तुम्हारी ताकत से बहुत ज्यादा है और जहां तक मैं समझता हूं इतना ज्यादा समझदार होना तुम्हारी जान ले सकता है।"
रूद्र को मास्टर जगत की बात समझ में आ गई और उसने उन्हें धन्यवाद करते हुए कहा "मुझे आपकी बात समझ में आ गई मुझे बचाने के लिए धन्यवाद।"
असल में मास्टर जगत ने उस हत्यारे को मार कर रुद्र की जान बचाई थी क्योंकि रुद्र के पास इतनी ज्यादा ताकत नहीं थी कि वह उन हत्यारे को भेजने वाले का सामना कर सके इसलिए रूद्र ने इस बारे में सोचना बंद कर दिया और वह पीछे हट गया।
रूद्र को पीछे हटते हुए देखकर मास्टर जगत के चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गई और उन्होंने रुद्र की तारीफ करते हुए कहा "लड़के तुम सच में बहुत ज्यादा समझदार हो तुम्हें पता है कब सामना करना है और कब पीछे हटना है अगर तुम शैतानी मार्शल आर्टिस्ट नहीं होते तो तुम मेरे शिष्य बन सकते थे।
मास्टर जगत की बात सुनकर उस जगह पर मौजूद सभी लोग बहुत ज्यादा हैरान हो गए और वे रुद्र और मास्टर जगत को हैरानी में देखने लगे।
हालांकि यह बात रूद्र को नहीं पता थी की मास्टर जगत ने अभी-अभी रुद्र से क्या कहा था मास्टर जगत खुद रूद्र को अपना शिष्य बनना चाहते थे पूरे राजसी परिवार में कोई भी ऐसा राजसी परिवार नहीं था जो नहीं चाहेगा कि मास्टर जगत के पास उनके बच्चे जाए, पर मास्टर जगत बहुत ज्यादा जिद्दी थे वे किसी को भी अपने शिष्य के रूप में नहीं अपनाते थे बहुत से लोगों ने सम्राट से कहकर मास्टर जगत पर अपने बच्चों के लिए सिफारिश लगवाई, पर मास्टर जगत अपने इरादे के पक्के थे उन्होंने आज तक राजीव के अलावा किसी को भी अपने शिष्य के रूप में नहीं अपनाया।
मास्टर जगत राजीव को भी अपने शिष्य के रूप में नहीं अपनाना चाहते थे पर राजीव पूरे 1 साल तक मास्टर जगत के घर कि सीडियो पर पड़ा रहा तब जाकर मास्टर जगत ने राजीव को अपने शिष्य के रूप में अपनाया और आज तक उन्होंने राजीव को भी अपनी सभी मार्शल आर्ट के बारे में नहीं बताया बस छोटी-मोटी तीन-चार तकनीक ही शिकाई, अगर रूद्र मास्टर जगत का शिष्य बन जाता है फिर सभी 7. राजसी परिवार के लोग भी रूद्र को जानते होंगे, उन्हें भी रुद्र की इज्जत करनी होगी।
यशवंत ने राजीव और जानवी के खुले मुंह को देखा और फिर अपने आप से कहा "इन दोनों को अभी भी बहुत कुछ देखना बाकी है वही ये लड़का इन दोनों से बिल्कुल अलग है देखने से ऐसा लगता है जैसे कि इसे दुनिया का पूरा तजुर्बा है और कहीं ना कहीं मैं जानता था एक दिन जरूर ऐसा आएगा आखिरकार कौन रूद्र जैसे प्रतिभाशाली लड़के को अपना शिष्य नहीं बनना चाहेगा, चाहे दुनिया का कोई भी ताकतवर इंसान दो तह भी अपने लिए एक शिष्य जरूर चनेगा ताकि वह अपनी पूरी रियासत उसे देख सके।
इधर रुद्र के दिमाग में कुछ और ही चल रहा था उसने अपने आप से कहा "क्या ये मुझे अपना शिष्य बनना चाहता है अच्छा हुआ में शैतानी मार्शल आर्टिस्ट हूं वरना मुझे इसको मना करना पड़ता अगर किसी को मेरा मास्टर बनना है उसके लिए उस आदमी का बहुत ज्यादा ताकतवर होना जरूरी है उल्टा में इसे अपना शिष्य बना सकता हूं। मेरे पास इतना ज्यादा ज्ञान है ये अपनी पूरी जिंदगी भी लगा कर इकट्ठा नहीं कर सकता।
मास्टर जगत आगे बढ़ते हैं और राजीव को पकड़ लेते हैं मास्टर जगत बोले "मुझे यहां से जाना होगा तीसरे राजकुमार को अभी कुछ काम है जो उन्होंने अभी तक नहीं किया।"
राजीव कुछ कहना चाहता था और वह बोलने ही वाला था तभी मास्टर जगत तुरंत पलक झपकने की स्पीड से उड़ते हुए उस जगह से चले जाते हैं जब कोई मार्शल आर्टिस्ट पांचवे सितारे पर पहुंच जाता है वह उड़ भी सकता है।
मास्टर जगत की स्पीड इतनी ज्यादा थी रुद्र तो उन्हें देख भी नहीं पाया रूद्र को ऐसा लगा जैसे कि मास्टर जगत उसके सामने से गायब हो गए हो।
रूद्र ने मास्टर जगत की ताकत देखने के बाद अपने आप से कहा "मुझे जल्द से जल्द पांचवें सितारे पर पहुंचना होगा वरना मुझे हर वक्त पांचवे सितारे वाले मार्शल आर्टिस्ट से डर रहेगा।"
अभी रूद्र इसी बारे में सोच रहा था तभी यशवंत, रुद्र के सामने आ गया। यशवंत का चेहरा गंभीर था और उसे देखने से ही लग रहा था कि उसे रुद्र से कुछ जरूरी बात करनी है यशवंत बोला "रुद्र चलो मुझे तुमसे कुछ जरूरी बात करनी है।"
यशवंत की बात सुनकर रूद्र बोल "चलिए बड़े भाई यशवंत ।"
10 मिनट बाद वे दोनों कौशिक परिवार की बैठक के अंदर थे जहां यशवंत ने जानवी को बाहर पहरेदारी के लिए छोड़ दिया यशवंत ने एक कागज बाहर निकाला।
जिसे देखकर रुद्र के चेहरे पर कुटिल मुस्कुराहट आ गई यशवंत ने उस कागज को दिखाते हुए कहा "हम तुम्हारे परिवार के साथ सौदा करना चाहते हैं जिसके तहत हमारा परिवार तुम्हारे परिवार की रक्षा करेगा और हमारे होते हुए कोई भी तुम्हारे परिवार के ऊपर आंख उठाकर नहीं देखेगा इस सौदे को हमारे परिवार के मुखिया ने खुद बनाया है।
यशवंत की बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे उसका चेहरा बिल्कुल शांत था जैसे ही उसे पहले से ही पता हो कि यह सब होने वाला है।
यशवंत भी रूद्र को शांत देखकर हैरान हो गया और उसे झटका लगा यशवंत बोला "क्या तुम्हें पहले से ही इस बारे में पता था?"
जिस पर रूद्र बोल "बड़े भाई आप कैसी बात कर रहे हैं भला मुझे इस बारे में कैसे पता होगा।"
इतना कहने के बाद रुद्र के चेहरे पर शैतानी हंसी आ गई और वह उस कागज को देखने लगा रूद्र ने अपने आप से कहा "मैंने जैसा सोचा था बिल्कुल वैसा ही हुआ मेरी योजना सफल रही।"
असल में रुद्र जब से कौशिक परिवार के अंदर आया था उसने तभी से योजना बनानी शुरू कर दी थी की कैसे उसे कौशिक परिवार के साथ सौदा करना है उससे पहले उसने कौशिक परिवार के बारे में जानकारी इकट्ठा की और उसे पता चला कौशिक परिवार का मुखिया बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी है और वह अपने वादे पर निडर रहता है इसलिए रूद्र ने कौशिक परिवार को अपना सहयोगी बनाने के बारे में सोचा।
सबसे पहले उसने यशवंत को तीसरे स्तर की फॉर्मेशन देकर उसे लुभाया और फिर अपनी जान की बाजी लगाकर मेहरा परिवार के दो श्रेष्ठ को मारा ताकि कौशिक परिवार, वर्मा परिवार को कम ना आके अगर रुद्र के पास वर्मा परिवार की जिम्मेदारी न होती वह कभी भी अपनी जान की बाजी लगाकर दो श्रेष्ठ को ना मारता बल्कि वह बिना लोगों के सामने आए अपनी ताकत को बढ़ाता।
रूद्र ने यशवंत का विश्वास जीतने के लिए सुनहेरी आंख को भी दाव पर लगा दिया और आखिरकार वह कामयाब रहा रूद्र को किसी की भी चिंता नहीं थी वह एक शैतानी मार्शल आर्टिस्ट था उसने सिर्फ यशवंत का इस्तेमाल किया और आज भी वह यशवंत का इस्तेमाल ही कर रहा था इस वक्त रुद्र के लिए यशवंत एक मोहरा था जिसको उसने अभी तक अपने इशारों पर नाचाया।
रूद्र ने अपने आप से कहा "अगर एक बार शोदा हो गया, मैं निश्चित हो जाऊंगा फिर खुद कौशिक परिवार वर्मा परिवार की रक्षा करेगा और मैं आसानी से अपने परिवार की ताकत बढ़ाने पर ध्यान दे पाऊंगा।"
इतना सोचने के बाद रूद्र ने यशवंत से वह कागज ले लिया और कहा "ठीक है मैं इस सौदे को मिस कनिका की आत्मा से जुडवा कर आता हूं।"
किसी सौदे को आत्मा से जुड़वाने का मतलब साइन करवाना होता है और रुद्र कनिका के पास जाकर इस सौदे को साइन करवाने वाला था क्योंकि अभी समर बहुत छोटा था इसलिए वह इस सौदे पर साइन नहीं कर सकता था पर कनिका समर की सगी बहन थी इसलिए वह इस सौदे पर साइन कर सकती थी।
रुद्र उस जगह से जाने ही वाला था तभी यशवंत ने रूद्र को रोक लिया और कहा "रुको तुम इस सौदे को कनिका की आत्मा से नहीं जुड़वा सकते।"
अब आगे क्या होगा, आखिरकार यशवंत ने रुद्र से ऐसा क्यों कहा? क्या इसके पीछे यशवंत की कोई शर्त थी? जानने के लिए पढ़ते रहिए l