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Non-Erotic Rudra Mhanyoda

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यह कहानी रुद्र नाम के एक लड़के के बारे में है जो 18 साल का है और वह एक ऐसी दुनिया में रहता है जहाँ जादू का उपयोग करके खुद को शक्तिशाली बनाना बहुत महत्वपूर्ण है लेकिन रुद्र के अपने ही शिष्य ने लालच में आकर धोखे से रुद्र की हत्या कर दी, जब रुद्र की आँखें खुलीं खुद को एक 18 साल के लड़के के शरीर में पाया। अब रुद्र का एकमात्र लक्ष्य खुद को मजबूत बनाना था, चाहे इसके लिए उसे कितना भी कुछ करना पड़े? जानने के लिए पढ़ें |
 
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Ch 3 - इल्यूजन फॉरमेशन

हमने अभी तक कहानी मे पढ़ की, रूद्र कनिका और समर को सभी लुटेरों से बचाकर जंगल के अंदर ले आता है और कनिका से सभी स्पिरिचुअल स्टोन लेकर उस जगह पर जाल भिछाने लगता है।

अब आगे.

कनिका की नजर रूद्र पर थी और वह रूद्र को बड़े ध्यान से देख रही थी थोड़ी दूर जाने के बाद रूद्र एक पेड़ के पास रुक जाता है और स्पेस रिंग के अंदर से कुछ स्पिरिचुअल स्टोन निकाल कर उन्हें गोलाकार रूप में जमीन पर रख देता है और फिर एक मंत्र पढ़ने लगता है।

जैसे ही रुद्र का मंत्र खत्म होता है वे सभी स्पिरिचुअल स्टोन उस जगह से गायब हो जाते हैं उन स्पिरिचुअल स्टोन को अपनी जगह से गायब होते हुए देखकर कनिका को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगता, की रूद्र उस जगह पर एक फॉर्मेशन बना रहा है।
 

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रूद्र को फॉर्मेशन बनाते हुए देखकर कनिका बहुत ज्यादा हैरान थी कनिका ने अपनी आंख को मलते हुए अपने आप से कहा "क्या ये सच में एक फॉर्मेशन बना रहा है पर ये कैसे हो सकता है फॉर्मेशन के आगे तो मार्शल आर्ट की तकनीक भी बेकार है और एक गुलाम के पास फॉर्मेशन बनाने की तकनीक कहां से आई?"

कनिका अभी भी रूद्र को देख रही थी जहां रूद्र जगह-जगह स्पिरिचुअल स्टोन गेरकर मंत्र पढ़ रहा था सारी फॉर्मेशन भिछाने के बाद रूद्र दोबार से कनिका के पास आ जाता है।

कनिका बोली "रुद्रा क्या तुमको फॉर्मेशन बनानी भी आती है और तुमने फॉर्मेशन बनाना कहां से सीखा और क्या तुम उन लुटेरो को इन्हीं फॉर्मेशन की मदद से हराना चाहते हो?"

कनिका के इतने सारे सवाल सुनकर रूद्र ने कनिका को शांत करते हुए कहा "सबसे पहले तुम शांत हो जाओ और मेरे पास तुम्हारे इन सवालों के जवाब देने का वक्त नहीं है जल्दी मेरे साथ चलो, मैं तुम्हें इन इनफॉरमेशन को कंट्रोल करना सिखाता हूं।"

इतना कहने के बाद रूद्र ने अपने चेहरे पर शैतानी हंसी लाते हुए आगे कहां "बस अब हमें उन सभी के मरने का इंतजार करना है।"
 

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इधर उन सभी लुटेरों ने अंगद को मारा नहीं था बल्कि उसे बंदी बना लिया था अंगद अपने आप को छुड़ाने की बहुत कोशिश कर रहा था पर वह अपने हाथ की राशियों को नहीं खोल पा रहा था अंगद ने गुस्से में उन सभी लुटेरों से कहा "तुम लोग मुझे मार डालो, वरना अगर मैं गलती से भी आजाद हो गया तो मैं तुम लोगों में से किसी को भी नहीं छोडूंगा।"

अंगद की बात सुनकर उन सभी लुटेरों के लीडर जिसका नाम लुक्का था उसने शांति और सर्द भरी आवाज में अंगद से कहा "तुझे मारने के लिए मेरा एक साथी ही काफी है पर मे तुझे अभी नहीं मारने वाला हूँ मैंने सुना है वर्मा परिवार की मिस बहुत ज्यादा दयालु है मैं तेरा इस्तेमाल करके उससे वह पुश्तैनी मार्शल आर्ट हासिल करने वाला हूं।"

इससे पहले लुक्का आगे कुछ कह पाता तभी एक लुटेरे ने चिल्लाते हुए लुक्का से कहा "मास्टर सामने देखो पेड़ के पास कोई बैठा हुआ है।"

अपने साथी की बात सुनकर लुक्का सामने की तरफ देखता है उसे अपने सामने पेड़ के नीचे एक लड़का बैठा हुआ दिखाई देता है जब लुक्का उस लड़के को ध्यान से देखता है तो उसे पता चलता है ये लड़का और कोई नहीं बल्कि वही है जो उनकी नाक के नीचे से वर्मा परिवार की मिस को लेकर गया था।
 

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इस वक्त रुद्र के चेहरे पर कोई डर नहीं था बल्कि उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कुराहट थी जैसे ही रुद्र की नजर सबसे सामने खड़े लुटेरे पर जाती है वह उसे देखते ही समझ जाता है कि ये उन सभी लुटेरे का लीडर है।

रूद्र ने लुक्का को देखते हुए कहा "तूने तो इस जगह पर आने में बहुत ज्यादा वक्त लगा दिया मैं तो तेरा बहुत देर से इंतजार कर रहा था।"

रुद्र की बात सुनकर लुक्का अपने चेहरे से काला कपड़ा उतारते हुए बोला "लड़के तेरे अंदर बहुत ज्यादा हिम्मत है जो तू यहां पर मरने के लिए आ गया पर अब मैं तुझे यहां से कहीं भागने नहीं दूंगा।"

इतना कहने के बाद लुक्का ने तुरंत अपने एक साथी से कहा "इस चूजे को मार डालो।"

लुक्का की बात सुनकर एक लूटेरा तेजी से रुद्र की तरफ जाने लगता है उस लुटेरे के हाथ में एक तलवार थी और वह पलक झपकते ही रुद्र के पास पहुंच जाता है इस दौरान रुद्र के एक्सप्रेशन बिल्कुल भी नहीं बदले थे और उसके चेहरे पर कुटिल मुस्कुराहट बेकरार थी।

वह लुटेरा अपनी तलवार से रुद्र का गला काटने ही वाला था तभी रूद्र बोला "मैंने वर्मा परिवार की कनिका और उसके भाई को बंदी बना लिया है।"
 

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जैसे ही लुक्का के कानों में ये शब्द पढ़ते हैं वह तेजी से अपने साथी को रुकने के लिए कहता है और लुक्का का साथी भी लुक्का की बात सुनकर रुद्र से दो कदम पीछे हट जाता है।

लुक्का ने रुद्र से कहा "क्या ये बात सच है तूने मिस कनिका और उसके भाई को बंदी बना लिया है?"

जिस पर रूद्र ने खड़े होते हुए कहा "मुझे तेरे साथ एक डील करनी है।"

"कैसी डील तू मेरे साथ किस तरह की डील करना चाहता है?" लुक्का रुद्र के पास आते हुए बोला।

लुक्का की बात सुनकर रूद्र ने सर्द भरी आवाज में लुक्का से कहा "मुझे भी एक परिवार का मुखिया बनना है तुझे तो ये बात बहुत अच्छे से पता होगी कि मैं एक गुलाम हूं और मैं पूरी जिंदगी एक गुलाम बनकर नहीं काटना चाहता हूं मुझे भी एक परिवार का मुखिया बनना है और अकेले तो मैं परिवार का मुखिया बनने से गया, पर मैं तेरी मदद से परिवार का मुखिया बन सकता हूं।"

इतना कहने के बाद रूद्र ने सामने की तरफ देखते हुए कहां "अगर तू मेरी ख्वाहिश पूरी करने के लिए तैयार है तो मैं तुझे कनिका और समर के पास लेकर जाने के लिए तैयार हूँ।"
 

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रुद्र की बात सुनकर लुक्का सोच में पड़ जाता है थोड़ी देर सोचने के बाद लुक्का ने रुद्र से कहा 'ठीक है मैं तेरी डील मानने के लिए तैयार हूं वैसे तो मुझे तेरे ऊपर बिल्कुल भी विश्वास नहीं है पर मैं फिर भी तेरे साथ चलूंगा, तू हम सभी से आगे चलेगा और हम सभी तेरे पीछे आएंगे।"

लुक्का की बात सुनकर रूद्र उन सभी को जंगल के ओर अंदर लेकर जाने लगता है अंगद जिसको उन सभी लुटेरा ने बंदी बना रखा था उसने रूद्र को कोसते हुए कहा "वर्मा परिवार जिसने तुझे रहने के लिए आसरा दिया और कमजोर होने के बावजूद भी तुझे अपने परिवार के अंदर रखा आज तू उसी परिवार को धोखा दे रहा है।"

अंगद की इतनी कड़वी बातें सुनने के बाद भी रुद्र शांत था और वह उन सभी को जंगल के अंदर लेकर जा रहा था थोड़ी दूर आने के बाद रूद्र रुक जाता है जिसे देखकर लुक्का ने कहा "तू यहां पर क्यों रुक गया, यहां पर तो कोई नहीं है।"

लुक्का की बात सुनकर रुद्र के चेहरे पर कुटिल मुस्कुराहट आ जाती है रुद्र ने कहा "यहां पर मैं तेरे साथ कोई सौदा करने के लिए नहीं बल्कि तुझे मारने के लिए आया हूं।"
 

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रुद्र की बात सुनकर लुक्का को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगता ये सब रुद्र की चाल है लुक्का तेजी से रुद्र की ओर अपना मुक्का मारने के लिए जाने लगता है और जैसे ही लुक्का रुद्र के पास पहुंचता है रुद्र अचानक से गायब हो जाता है।

रूद्र को अपनी जगह पर ना देख कर लुक्का को कुछ समझ में नहीं आता और वह पागलों की तरह रूद्र को अपने आसपास देखने लगता है।

इससे पहले लुक्का कुछ समझ पाता उसके आसपास धुंध आने लगती है धुंध को अपने पास आते हुए देखकर लुक्का पीछे मुड़कर अपने साथियों से कहता है "सभी आसपास रहना"

पर जैसे ही वह पीछे देखता है उसे अपना एक भी साथी नहीं दिखाई देता, इस वक्त लुक्का को धुंध के अलावा कुछ नहीं दिखाई दे रहा था और वह धुंध की वजह से ज्यादा दूर भी नहीं देख पा रहा था।

थोड़ी देर सोचने के बाद लुक्का ने अपने आप से कहा "यहां पर एक इल्यूजन फॉर्मेशन है पर उस गुलाम के पास एक फॉर्मेशन कैसे आई?"

इधर लुक्का और उसके साथियों से दूर कनिका एक फॉर्मेशन के बीच में बैठी हुई थी और उस फॉर्मेशन को
 

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कंट्रोल कर रही थी कनिका के चारों तरफ सुनहरे रंग के मंत्र घूम रहे थे और कनिका अपनी आंख बंद करके बैठी हुई थी।

जहां समर रुद्र और अंगद कनिका को देख रहे थे तभी कनिका अपनी आंख खोलती है और रुद्र से कहती है "मैंने उन सभी लुटेरों को अलग कर दिया और मैं अंगद को भी हमारे पास लेकर आ गई, अब तुम क्या करने वाले हो?"

कनिका की बात सुनकर रुद्रा कनिका के पीछे बैठ जाता है और उसके दोनों हाथ पकड़ते हुए कहता है "अब मैं तुम्हारी मदद करूंगा।"

रूद्र को अपने इतना ज्यादा करीब देखकर कनिका शर्माने लगती है और उसके दोनों गाल शर्म की वजह से लाल हो जाते हैं कनिका ने धीरे से रूद्र को कहा "रुद्र ये तुम क्या कर रहे हो?"

जिस पर रूद्र कनिका को आश्वासन देते हुए कहता है "घबराओ मत मैं तुम्हारी मदद कर रहा हूं।"

इतना कहने के बाद रूद्र कनिका के हाथ को फॉर्मेशन पर रख देता है और अपनी एनर्जी की मदद से उस फॉर्मेशन के अंदर मंत्र लिखने लगता है।"
 

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जैसे ही रुद्र का मंत्र पूरा होता है धुंध के अंदर से 6 तीर बाहर निकलते हैं वे सभी तीर काले रंग की एनर्जी से कवर थे और वे सभी तीर तेजी से उन लुटेरों की तरफ जा रहे थे।

लुक्का ने उनमें से एक तीर अपनी तरफ आता हुआ देख लिया था इसलिए वह अपनी तलवार से उस तीर को काटने की कोशिश करता है पर वह तीर उस तलवार से आर पार होकर लुक्का के शरीर में चला जाता है।

जैसे ही वह तीर लुक्का के शरीर में जाता है लुक्का तड़पने लगता है इस वक्त लुक्का को अपने शरीर में बहुत ज्यादा दर्द महसूस हो रहा था लुक्का को ऐसा लग रहा था जैसे की कोई अनजान शक्ति उसके शरीर की हर हड्डी को तोड़ रही हो।

इस वक्त लुक्का ही दर्द में नहीं था बल्कि लुक्का के सभी साथी भी दर्द में करराह रहे थे उन सभी लुटेरों को इतना ज्यादा दर्द महसूस हो रहा था वे अपनी मौत की भीख मांग रहे थे।

लुक्का ने कांपती हुई आवाज में गुस्से से कहा "आखिरकार तू क्या चीज है और तू मुझे कैसे मार सकता है?"
 

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तभी धुंध के अंदर से रूद्र ने आते हुए कहा "इस बारे में जाकर नरक के देवता से पूछना, सम्राट आदित्य कौन है।"

इतना कहने के बाद रूद्र अपने नीचे चार स्पिरिचुअल स्टोन गेरता है और एक फॉर्मेशन बनाने लगता है कुछ ही सेकंड के अंदर रुद्र की फॉर्मेशन भी पूरी हो जाती है।

रुद्र फॉर्मेशन के बीच में जाकर एक मंत्र पढ़ने लगता है और मंत्र पूरा होने के बाद रूद्र ने लुक्का से कहा "ये तीर कोई मामूली तीर नहीं है इन तीर की मदद से, मैं किसी की भी आत्मा और एनर्जी को चुरा सकता हूं।"

इतना कहने के बाद रूद्र अपने हाथ को ऊपर करता है। रुद्र के हाथ ऊपर करते ही लुक्का के अंदर से वह तीर बाहर निकलता हुआ रुद्र के शरीर में चला जाता है और लुक्का उसी वक्त मारा जाता है बिल्कुल इसी तरह सभी लुटेरे भी मारे जाते हैं और उनके अंदर से तीर निकल कर रुद्र के शरीर में चले जाते हैं।

उन तीरो को अपने शरीर के अंदर जाते हुए देखकर रुद्र की खुशी एक अलग ही लेवल पर थी रूद्र ने अपने आप से कहा "मैं सातवें स्तर पर पहुंच गया मैं आठवे स्तर पर पहुंच गया मैं नौवे वे स्तर पर पहुंच गया।"
 
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