mashish
BHARAT
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amazing update hai Yug Purush bhai,#1. APEX PREDATOR ~खूनी दरिंदाDragon's Island, 1760
"Neil, सेना को वापसी का आदेश दो और उनके साथ जाकर आइलैंड के किनारे खड़े जहाजो तक लोगो को पहुचाओ . ये लड़ाई अब हम नहीं जीत सकते... ड्रैगन धारक के यहाँ आते ही कोई नहीं बचेगा, मंत्रो का कवच ज्यादा देर तक उसे रोक कर नहीं रख सकता "ड्रैगन आइलैंड की रेतीली युद्ध के मैदान मे सर्प की भाति रेंगते हुए एक ड्रैगन के सिर के बीचो -बीच अपनी 6 फ़ीट लम्बी तलवार घुसाते हुए मार्टिन ने अपने सेनापति से कहा.
इस समय ड्रैगन आइलैंड मे सम्राट मार्टिन और ड्रैगन्स के बीच भीषण युद्ध चल रहा था, जिसमे एक तरफ मार्टिन की इंसानी सेना थी तो दूसरी तरफ आसमान मे एक विशाल ड्रैगन मे बैठे हुआ काले साये की अगुआई मे ड्रैगन्स की असंख्य फौज. ड्रैगन्स के शामिल होते ही केवल एक प्रहर मे ही युद्ध का पासा पलट गया था और समुन्दर मे राज करने वाले सम्राट मार्टिन की विशाल सैन्य टुकड़ियों मे से अब महज एक टुकड़ी ही जिन्दा उस युद्ध के मैदान मे बची थी और एक टुकड़ी आइलैंड के किनारे पर सल्तनत के लोगो को जहाज मे बैठाकर निकालने मे लगी थी.
"मै क्या करूँगा सम्राट, यहाँ से जिन्दा जाकर... मै तो एक सामान्य सा सैनिक हूँ... मुझ जैसे तो असंख्य सैनिक मिल जायेंगे, सल्तनत की लोगो की रक्षा के लिए... आप जाईये..."जमीन मे सर्प की भाति तेजी रेंगते हुए एक ड्रैगन को अपनी ओर आता देख Neil एक हाथ मे तलवार लिए सामने कूदा और उसके सिर पर पैर रख कर अपनी तलवार से सीधे उसका गर्दन उसके शरीर से अलग कर दिया... जिसके साथ ही उस ड्रैगन का पूरा शरीर आग मे धधकने लगा...
उस ड्रैगन को शायद आभास हो गया था की Neil उसकी गर्दन काटने वाला है, इसीलिए उसने अपने मुँह से आग फेकने की कोशिश की, लेकिन उसके शरीर मे उत्पन्न आग उस ड्रैगन के शरीर से बाहर आती,उसके पहले ही Neil ने उसकी गर्दन काट दी, जिससे उसका शरीर उसके द्वारा ही उत्पन्न अग्नि से जलने लगा.
सर्प के आकर के ड्रैगन्स से तो फिर भी सम्राट मार्टिन की सेना मुकाबला कर ले रही थी, लेकिन उनके पीछे हवा मे उड़ने वाले और बिना पँख के कई जहाजो के आकार के विशाल ड्रैगन जब युद्ध मैदान को कंपित करते हुए आते तो, वो सम्राट मार्टिन की सेना को चीटियों की तरह मसल कर रख देते. जो ड्रैगन्स कल तक यहाँ की रक्षक थे, वो आज भक्षक बन गये थे.. जिनकी अगुआई, उड़ते हुए एक ड्रैगन मे बैठा इंसानी रूप का एक काला सांया कर रहा था... उसके एक इशारे पर ड्रैगन्स ताबही का जो सैलाब ला रहे थे, उसने सम्राट मार्टिन की विशाल सेना को रात्रि के एक पहर मे ही मौत के घाट सुला दिया था और सम्राट मार्टिन, अपने मित्र Neil के साथ रक्षा कड़ी की आखिरी टुकड़ी मे अपने और अपने सल्तनत के लोगो के लिए संघर्ष कर रहा था... जिस टुकड़ी का सेनापति Neil था.
"हमले के लिए तैयायययररऱ....."जमीन मे पड़ी ढाल को मजबूती से अपने बांए हाथ मे कसते हुए Neil को जब सामने आसमान मे उड़ते हुए विशाल आसमानी दरिंदे पास आते हुए दिखे तो उसने हुंकार भरी और जब उसके सैनिको ने भी उसी उत्साह के साथ जवाब दिया तो Neil, मार्टिन की ओर रुख किया...
"ये हमारा आखिरी सुरक्षा कवच है, तब तक आप जितने लोगो को लेकर उस नई दुनिया मे जा सकते है.. जाईये.. यदि ड्रैगन्स लोगो के निवास स्थल तक पहुंच गये तो समझ लीजियेगा की....हम मे से कोई नहीं बचा "
"तुम मेरे साथ चलो Neil... इसे तुम मेरा निवेदन मानो या फिर आदेश... हम युद्ध स्थल से पीछे हटते हुए भी इनका मुलाबला कर सकते है..."
"जो सम्राट अपने सल्तनत के लोगो की रक्षा नहीं कर सकता, वो सम्राट कहलाने योग्य नहीं. और इतना मोह क्यूँ सम्राट... क्या अभी तक इस मोह के कारण हुए छल,कपट ने आपकी आँखों के सामने से इस मोह का पर्दा नहीं हटाया...?? "
"Neil, मेरा ड्रैगन नहीं आने वाला.. उसे ड्रैगन धारक ने मार दिया है, पिछली बार की तरह इस बार चमत्कार की कोई उम्मीद नहीं है.. तुम हार जाओगे.."
"हम जैसे सैनिक को हार और जीत से परे सोचकर सिर्फ लड़ाई लड़नी होती है, सम्राट... फिर हम चाहे जीते या हारे. जिए या मरे.... मुझे बचपन से यही सिखाया गया है और यदि मै अब पीछे हट गया तो फिर मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं रहेगा. बाहरी दुनिया के छल, कपट, प्रपंचो से भला मेरा क्या मेल सम्राट... मै तो बस मामूली सा सैनिक हूँ, जिसने जब से होश संभाला तब से उसे उसके हाथ मे तलवार देकर.. युद्ध -स्थल को रक्त से सींचने की शिक्षा दी गई है, फिर चाहे वो रक्त सामने वाले प्रतिद्वंदी का हो या फिर स्वयं मेरा... वैसे भी यहाँ ऊंचाई मे तैनात टुकड़ी कम से कम कुछ देर तक उन आसमानी दरिंदो को रोक सकती है.. यदि पीछे हटे तो सीधे भून दिये जायेंगे... आप जाईये, आप सम्राट है.. "
"मैं तुम्हारे बेटे से क्या कहूंगा... जब उसकी आँखे मेरे अगल -बगल तुम्हे ढूंढ़ेगी तो.."अपनी 6 ft लम्बी भारी भरकम तलवार Neil की ओर बढ़ाते हुए मार्टिन ने कहा
"उससे कहना की वो मेरी मौत का सम्मान करें... अलविदा.... सम्राट..."
Neil के जिद के कारण मार्टिन को झुकना पड़ा और वहा से एक घोड़े मे सवार होकर उस जगह के लिए निकल पड़ा, जहा सल्तनत के लोग अब भी फंसे हुए थे, जहा से लोगो को निकाल कर आइलैंड के किनारे जादूई मुर्दो के जहाज ~The Spiritual Ship तक पहुंचाया जा रहा था. पर जाते -जाते मार्टिन ने अपनी जादूई तलवार जो ड्रैगन्स के प्रचंड अग्नि मे भी जल कर नहीं पिघलती थी, उसे उसने Neil को दे दिया था... उस 6 फूट लम्बी तलवार को उसके सिवा आज तक Neil ने ही चलाया था, दूसरे तो उस तलवार को उठा कर हवा मे घुमा तक नहीं पाते थे.
घोड़े पर सवार तेजी से पहाड़ी चढ़ते हुए मार्टिन जब पहाड़ी के ऊपर पंहुचा तो वो पीछे मुड़ा.... उसे अपनी सैनिको की आग से जलने की चीखे सुनाई दे रही थी... Neil का एक हाथ कट चुका था और फिर मानव के समान सीधा खड़े होकर दो पैरो मे चलते हुए एक ड्रैगन ने.. जिसका आधा शरीर इंसानी था और आधा ड्रैगन का..... उसने दर्द से गर्जना करते हुए, एक हाथ कट जाने के बावजूद एक हाथ से तलवार चलाते हुए Neil को आग की लपटो मे समाहित कर दिया.
Present Day, Atlantic Ocean
समुंदर में एक के बाद एक उठती तेज और विशाल लहरों को चीरता हुआ एक विशाल जहाज अटलांटिक महासागर के पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ रहा था.. जहाज के डेक पर सामने की छोर पर खड़ा उस जहाज में काम करने वाला एक शख्स अपनी आंखों के परास से दूर उस भयावह समुंदर में उठ रहे एक के बाद एक भयंकर बवंडरो को देख घबरा गया और सीधे अपने कप्तान के कक्ष की तरफ भागा...
" कप्तान... हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंचने वाले हैं.." कप्तान के कक्ष के बाहर पहुंचते ही वह चीखा और वही खड़ा रहा.. जब कुछ देर बाद इंतजार करने के बावजूद अंदर से कोई आवाज नहीं आई तो वह फिर बोला....
" यह कैसा ठरकी कप्तान दिया है जब देखो तब शिप में मौजूद लड़कियों के साथ मजे करते रहता है और हमें यहां खड़ा करके रखवाली करवाता है.. साला, ठरकी... कभी हमें भी चोदने को दे.. लवड़ा, समुन्दर मे मुट्ठ मरवा -मरवा के मछलियों को प्रेग्नेंट करवाता है "कप्तान के कक्ष के बाहर खड़ा जहाजी बड़बड़ाया
" क्या हुआ बे.. अपना गला क्यों फाड़ रहा है.. "कप्तान के कक्ष से निकलते हुए ऊंचे कद-काठी और मजबूत शरीर वाला आदमी अपने शर्ट की बटन बंद करते हुए बाहर आया
"कप्तान आदित्य, मुझे लगता है हम शायद डेविल्स ट्रायंगल के पास पहुंच गए हैं"
" पहुंच गए, इतनी जल्दी.. ये कैसे मुमकिन है... अब मुझे क्या देख रहा, हट सामने से ..."
कप्तान ने अपने शर्ट की जेब से नक्शा निकाला और उसे खोल कर सामने मौजूद विशाल समुंदर की तरफ देखने लगा... पर उसके नक्शे की हालत वैसे ही थी जैसे विशाल समुंदर में उसके जहाज की.. सामने उठते हुए कोहरे के कारण उसे कुछ समझ ही नहीं आया...
"इस नक़्शे की भी तेरी तरह फटी पड़ी है , सही स्थिति का मालूम नहीं चल रहा... सारे संपर्क तो वैसे भी दो दिन पहले टूट चुका है."
"अब क्या करें कप्तान.. कहे तो जहाज को रोकने की प्रक्रिया शुरू करूं ?"
" जहाज क्यों रोकेगा.. अपनी यह गटायन जैसी आंखों से देखता रह, कोई खतरा दिखे तो फिर खबर देना ... बदले मे चूत चाटने के लिए तुझे मिलेगा. अब, मैं आता हूं काम अधूरा छूट गया था."
इतना बोल कर आदित्य, बिना दरवाजा लगाए अंदर घुस गया. उस आदमी की नजर कमरे के अंदर पड़ी. सामने बिस्तर पर एक लड़की बिना कपड़ों के लेटी हुई थी, उसके एक हाथ अपने सीने की उभारो को मसल रहे थे तो दूसरे हाथ से वो अपनी योनि सहला रही थी... आदित्य, सिरहाने के पास रखी टेबल पर कांच की एक गिलास जोर से पटक कर, उसमे शराब उड़ेलने लगा...
" आ गए मेरे कप्तान.. आ जा अब और इंतजार नहीं होता..."
" पहले ये अपना झरना बंद कर बे... साली, चोदर्री.... यह चादर क्या तेरा बाप आकर धोएगा."शराब का प्याला अपने गले से नीचे उतारने के बाद उस लड़की के योनि पर चारो तरफ हाथ फेरते हुए आदित्य बोला और उसकी योनि को अपनी हथेलिया मे भींच लिया... वो लड़की सिसक उठी.
"कप्तान... आओ.."
" पूरा जोश चला गया.. उस लंगूर ने बीच में बुलाकर ठंडा कर दिया, अब चूस कर खड़ा कर तभी काम बनेगा, वरना आज भी भूखी नंगी सोयेगी... "
ये सुनते ही बिस्तर पर लेटी वह लड़की उठ कर बैठ गई और जैसे ही उसने अपना मुंह.. आदित्य की कमर की तरफ किया जहाज अचानक बुरी तरह डगमगाने लगा... और वह लड़की बिस्तर से सीधे नीचे जमीन पर सिर के बल गिरी.. उसके साथ आदित्य भी नीचे गिरा...
" तेरी तो... ए लड़की. तुम अपना जोश बचा के रख.. मैं देख कर आता हूं क्या हुआ... मदरचोद समुन्दर... लगता है समुन्दर मे किसी ने ब्रेकर बना दिया है ... जानेमन, तुम कपडे मत पहनना... मै यूँ गया और यूँ आया.. "आदित्य ने अपना लंड नीचे बेहोश पड़ी उस लड़की के होंठ पर दो -तीन बार रगड़ा और फिर बाहर की ओर भागा.
जहाज के बाहर खड़ा हुआ आदमी, अब पसीने से तरबतर हुआ जा रहा था.. और सामने समुंदर की तरफ देख रहा था
" अबकी बार क्या हुआ बे"
" कप्तान लगता है भयानक बवंडर जहाज की ओर आ रहे हैं..."
" बवंडर ? हह ... लगता है समुंदर के पिछवाड़े में खुजली हो रही है... अभी शांत करता हूं, समुंदर की खुजली... अबे.. तेरी तो... यह क्या बे . इसकी मां का...."
" कहां कप्तान"
" अबे सामने उठते हुए कोहरे की तरफ देख.... आसमान में इतने बड़े पंछी कब से रेगने लगे मेरा मतलब.. उड़ने लगे.."
जिन पक्षियों पर आदित्य की नजर पड़ी थी, वह बड़े बड़े पंछी, जहाज की ओर ही आ रहे थे और थोड़ी देर बाद उन विशालकाय पंछियो की परछाई भी जहाज पर पड़ने लगी थी.. वो पंछी इतने विशाल और इतनी संख्या मे थे की जहाज और उसके आसपास के एरिया मे उन पंछियो के परछाई मात्रा से अंधेरा छाने लगा. समुंदर मे उठ रही विशाल और भयंकर लहरें जहाज से लगातार टकरा रही थी. जहाज के लगातार डगमगाने के कारण जहाज में मौजूद सभी लोग अंदर से बाहर की तरफ भागे और आसमान में उड़ते हुए विशाल पंछियों को मुंह फाड़ कर देखने लगे... उन पंछियों ने पूरे जहाज को घेर लिया और इस कदर घेरा हुआ था की अब सूर्य की रोशनी तक जहाज पर नहीं पड़ रही थी.
"अबे, कोई बताएगा कि आसमान में क्या उड़ रहा है"
" कप्तान, हटो... "जहाज में काम करने वाले एक आदमी ने आदित्य को तुरंत पीछे की तरफ खींचा और उसके बाद जो हुआ उसे देख वहां खड़े हर एक शख्स के रोंगटे खड़े हो गए... आदित्य तो बच गया था, लेकिन उसके पीछे हटने से सामने दो लोग जिंदा जल रहे थे.
"कप्तान, मैंने इनके बारे में पढ़ा है, ये तो ड्रैगन हैं. जो आज से ढ़ाई सौ साल पहले महान समुद्री सम्राट मार्टिन के काल मे पाए जाते थे... पर ये तो विलुप्त हो गये थे, फिर....... आज तो गए काम से... समुद्र देवता हमारी रक्षा करना "
" अच्छा.. तो यह ड्रैगन है.. इसीलिए इनके पिछवाड़े से आग निकल रही है.. बंदूकें निकालो और भून डालो.. सालों को... आज रात के मांस का इंतजाम हो गया... "
कप्तान के आदेश के बावजूद, बंदूकें लेने कोई नहीं गया. सब वहां जिंदा जल रहे दो लोगों को अब भी देख रहे थे... किसी को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हो रहा था.... की उनके दो जहाजी उन्ही के सामने जिन्दा जल रहे है और इतना विशालकाय आग उगलने वाले जीव भी उनके बीच हो सकते है.. जिनके बारे मे उन्होंने सिर्फ किस्से -कहानियो मे पढ़ा था...
" इन दोनों को नहीं खाना है बे.. सालो , इन ड्रैगनस को खाना है, इसलिए बन्दूके निकालो और भून डालो..... "आदित्य ने चिल्लाकर कहा
इस बार आदित्य के चिल्लाने पर सभी हड़बड़ाहट में इधर उधर बंदूकें लेने भागे. तब तक विशाल ड्रैगनस ने जहाज को पूरी तरह से ढक लिया था... जहाज में काम करने वाले लोग, बंदूकें लेकर आए.. और अंधेरे में ऊपर गोलियां चलाने लगे. तभी थोड़ी दूर समुंदर में तेज आवाज गूंजी, वह ध्वनि इतनी तीक्ष्ण थी की सभी के हाथ उनकी बंदूकों को छोड़कर, उनके कानों पर आ गये...
"अब यह बेसुरा कौन है बे... गांड....मेरा मतलब...कान फाड़ दिया"आदित्य ने भी बन्दूक छोड़ अपने कानो मे उंगलिया घुसाई
"कप्तान.... वह सामने देखो... बाप रे"
सामने समुंदर की एक लहर जहाज से भी कई गुना ऊपर उठ कर जहाज की ओर बढ़ रही थी... समुंदर में वह आवाज एक बार फिर गूंजी... समुंदर की उस विशाल रौद्र लहर एवं ड्रैगन्स ने उस विशाल जहाज को एक झटके में समुन्दर के अंदर खींच लिया......
P.S. main pahli baar devnagiri me story post kr raha to size, style wagerah sahi hai yaa change karna padega??? Aur story ke scene se related pics bhi dalu,jaise ek pic is update me hai yaa sirf text hee thik rahega... Ye dono chije new hai mere liye.. , so do let me know
awesome update hai Yug Purush bhai,#2. THE RON
कोलकाता, भारत
कोलकाता के सबसे बड़े होटलों में शुमार ओबरॉय ग्रांड मे एक के बाद एक कई महंगी कार की लाइन लग रही थी, इसका कारण था, वहा होने वाली Apex Predator नामक एक जहाज बनाने वाली कंपनी की आपातकालीन बैठक.. जिसमें शहर के लगभग सभी बड़े रहीस और रहीसजादे शिरकत कर रहे थे.
" सब आ गए....?" मीटिंग रूम में 28 साल की एक नवयुवती सीईओ की सीट से उठते हुए पूछी. जिसका कुछ लोगो ने ने हां में सिर हिलाकर जवाब दिया, तो वही जो लोग अपने CEO से खुन्नस खाये बैठे थे, वो शांत बैठे रहे. वो अपनी पिता जी के कंपनी के डायरेक्टर्स के रवैये से समझ गई की आज ये मीटिंग आसान नहीं होने वाली....
उसने सामने लगे स्क्रीन की तरफ इशारा किया, जिसमे कोलकाता पोर्ट पर खड़े एक विशाल जहाज की तस्वीर थी. जिसके ऊपर डेक पर कैप्टन आदित्य खड़ा था....
" हमारा जहाज जो बरमूडा ट्रायंगल, डेविल्स ट्रायंगल भी कहते हैं, उसके Exploration के लिए निकला था, पर पिछले 2 दिन से उस शिप से हमारे सारे संपर्क टूट चुके है ..."
"मिस रूबी...."डायरेक्टर्स की कुर्सियो पर बैठे सभी ये सुनते ही सीधा तनेन बैठकर आपस मे खुसर -फुसर करने लगे... रूबी के उस एक वाक्य ने उन सबको ऐसा बिजली का झटका दिया था की, उनके मुँह से एक शब्द तक नहीं निकल रहा था.. क्योंकि ये दूसरी बार था जब रूबी ने Apex Predator कंपनी के जहाज को डेविल्स ट्राइंगल के exploration मिशन पर भेजा था...
कुछ तो इस सफर की शुरुआत से पहले ही रूबी के खिलाफ थे और जो नहीं थे.. वो शायद इस खबर के बाद होने वाले थे..जो रूबी उन्हें आगे देने वाली थी.
"संपर्क टूटने के बाद... उस जहाज के बारे मे पता करने के हमारे सारे प्रयास भी विफल रहे है. मिआमी की लोकल अथॉरिटीज ने कुछ घंटे पहले ही ये पिक्स रिलीज की है...."
रुबी ने स्लाइड चेंज की और नेक्स्ट स्लाइड मे विशाल समुन्दर मे जहाज के कुछ मलबे तैर रहे थे... जिनमे से एक मे APEX PREDATOR लिखा हुआ साफ दिख रहा था.
"कैप्टन आदित्य और.... जहाज मे सवार सभी लोग अब शायद ही कभी वापस आए. इसलिए उन सभी को मरा हुआ मान लेना मेरे खयाल से कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. मैं हमारे इस असफल प्रोजेक्ट के लिए आप सभी से माफी चाहती हूं और आगे क्या करना चाहिए, जिसमें आप सभी की राय भी जानना चाहती हूं... पर पिछली दो नाकामयाबी ने मुझे इतना जरूर सीखा दिया है कि अगली बार मुझे क्या करना है..."इतना बोल कर रूबी वापस अपनी CEO कि कुर्सी पर विराजमान हो गई और अपने बालों पर उंगलियां फिराने लगी. उतभी एक अधेड़ उम्र का आदमी उन लोगों के बीच में से ही उठा और अपने सर के गिने-चुने बालों पर हाथ फिराते हुए कहा
" मिस. रूबी.... अब हम क्या कह सकते हैं. यह प्रोजेक्ट आपकी इच्छा थी हमारी नहीं... आप उस डेविल्स ट्रायंगल के पीछे पागल थी. हम सब ने कहा भी था कि यह असंभव है, लेकिन आपने हमारी नहीं सुनी... समुन्दर बहुत विशाल है, यह हमारी सोच और लालच के दायरे मे नहीं समा सकता... इसलिए अब हमारी राय देने या फिर ना देने से क्या होगा...."वहा मौजूद अपने साथी डायरेक्टर्स की ओर मुख़ातिब होते हुए उसने आगे कहा.. "मै, मिस रूबी को.. CEO के पद से हटाने का प्रस्ताव रखता हूँ, जो कि दो दिन बाद होने वाली हमारी सालाना मीटिंग मे हमारी वोटिंग से तय होगा..."
इतना बोल कर वो आदमी बैठ गया और उसके बैठते ही उसी की उम्र का एक और शख्स खड़ा हुआ
" आपको जरा भी अंदाजा है रूबी जी... कि ये खबर बाहर पहुंचते ही हमारी कंपनी के शेयर का क्या हाल होने वाला है...?? हम आपके फादर की बहुत इज्जत करते थे, पर आपकी लगातार बेफालतू के प्रोजेक्ट से और उनकी नाकामियों से हम सब तंग आ गए हैं. आपको अंदाजा भी है की दो जहाज सिर्फ आपके exploration की चाह से तबाह हो गये...?? हम साइंटिस्ट नहीं है और ना ही मानव की प्रगति हम पर निर्भर है... आपके फादर अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उन्ही के कहने पर कई सालो से मै इस कंपनी से जुडा हुआ था. पर अब हमें लगता है कि हमें फिजूल खर्च बंद करना चाहिए.. और अपना सारा बचा हुआ पैसा अपने जहाज यातायात के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए लगाया जाए... ना कि आप के बेतुके के प्रोजेक्ट पर.. और मुझे लगता है कि यहां मौजूद कंपनी के सभी बोर्ड मेंबर मेरी इस राय से सहमत होंगे... और एक बात और रूबी जी... नेक्स्ट मीटिंग मे मै भी आपको CEO के पद से हटाने के लिए वोट दूंगा..."
रूबी के चेहरे का रंग उड़ गया, उसे गुस्सा भी आया लेकिन उसने शांत रहने की कोशिश की. सभी रूबी और उसके प्रोजेक्ट को फिजूलखर्ची और फालतू बता रहे थे, कुछ ने तो रूबी को ही फालतू करार दे दिया. रूबी अपनी सीट से उठ खड़ी हुई और मीटिंग में मौजूद हर शख्स को देख कर बोली
"आप सभी भरोसा कीजिए, नेक्स्ट टाइम हम जरूर कामयाब होंगे... मुझे पूरा पता है की अब मुझे क्या करना है..?"
"सॉरी मिस रिया, अब हम आपका और समर्थन नहीं कर सकते..." यह कहकर मीटिंग में मौजूद सभी बोर्ड मेंबर ख़जादे हुए और एक-एक करके वहां से बाहर जाने लगे. और थोड़ी देर बाद वहां केवल सिर्फ दो लोग ही बचे थे.. एक थी रूबी और दूसरी उसकी सेक्रेटरी....
"मैम...."पानी का गिलास टेबल मे रूबी कि तरफ सरकाते हुए उसकी सेक्रेटरी बोली
इसका जवाब मे रूबी ने पहले तो अपनी सेक्रेटरी को घूर कर देखा और फिर वो पानी वाला गिलास उठा कर जोर से सामने स्क्रीन पर दे मारा और गुस्से से अपनी चेयर पर बैठते हुए अपनी सेक्रेटरी कि तरफ अपना एक हाथ किया... रूबी कि सेक्रेटरी एक पल के लिए कंफ्यूज हो गई....
"जी मैम... ओ.. सॉरी मैम..."याद आते ही झट से अपने पर्स मे रखे सिगरेट के पैकेट से एक सिगरेट निकाल कर उसने रूबी को दिया और फिर लाइटर ऑन करके सिगरेट को टोचन दिया
"तुम नहीं जानती कि यह लोग कितनी बड़ी बेवकूफी कर रहे हैं.. इन्हे नहीं मालूम कि उस डेविल्स ट्रायंगल के बीच कितना खजाना समंदर के सीने में दफन है... लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी. नेक्स्ट मीटिंग के पहले तक पावर मेरे हाथ मे ही रहेगी... I don't give a damn about these Taklus... जहाज तो पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से छूट कर रहेगा और इस बार मैं खुद भी जहाज के साथ जाऊंगी.. अब या तो आर या पार.... बेलाडोना ~Belladona को तैयार करो और कैप्टन Apex Predator का नहीं होना चाहिए... वरना यदि इन टकलूओ को खबर लगी तो इमरजेंसी मीटिंग करके मुझे CEO के पद से हटा देंगे..."
"लेकिन मैम, कैप्टन आदित्य का कुछ पता नहीं चला... बिना कप्तान के आप....?? और कौन है जो डेविस ट्रायंगल में जाने के लिए तैयार होगा... वो भी इन दो घटनाओ के बाद..."
" कैप्टन आदि, की सारी बाते भकोसली निकली... बहुत कहा करता था की, समुन्दर उसका गुलाम है... समुन्दर का पानी पी -पी के समुन्दर सूखा देगा... वैसे अच्छा हुआ जो, कमीना मर गया... तुमसे बदतमीजी करने का फल तो उसे भुगतना ही था एक दिन..."
"पर मैम... कोई तैयार होगा जाने के लिए...??"
"एक मर्चेंट नेवी का ऑफिसर है मेरे पहचान में... उसकी बेटी को Adrenal Cancer है... उसे पैसो कि जरूरत है और मुझे उसकी...यदि वो आ गया तो अपने साथ कुछ लोग को जरूर लेकर आएगा, बाकी कोलकाता के समुद्री इलाके से लगी बस्तियों मे से आदमियों को उठाओ... दो वक़्त खाना और शराब के लिए वो नर्क तक मे जाने के लिए तैयार हो जाएंगे.... और उसका पता करो... क्या नाम है उसका ... जिसके बारे में कुछ लोग बता रहे थे.. कि वो अपने आप को समुन्दर का शिकारी बताता है..."
" किसकी बात कर रही हैं आप ?"
"अरे उस पागल का.. रॉन.. नाम है उसका.. उसके बारे में मालूम करो.. कहां है वो, इस वक़्त ."
"अच्छा वह.. मैम आप उस पागल को क्यों बुला रही हैं.... वो जिस नजर से मुझे देख रहा था, पिछली बार.... मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था... "
" तुम्हें मालूम नहीं होगा पर एक बार उसने मेरी जान बचाई थी... वो बात अलग है कि मुझे उस से बेइंतहा नफरत है, पर आदमी है बड़े काम का....."
"ओके.... मैम"
"काम पे लग जाओ, फिर... और यदि रॉन तुम्हारी इज्जत भी मांगे तो दे देना... "दोनों पैर टेबल पर ऊपर रखकर रूबी ने कहा और टेबल पर रखी निर्मल चक्रवर्ती की" महान समुद्री सम्राट मार्टिन " बुक के पन्ने पलटने लगी.
कोलकाता के समुद्री इलाके से सटे एक छोटे से शराब खाने में शोर शराबा चल रहा था. गांड मराये कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग... किसी को कोई मतलब ही नहीं था.. या फिर जितने लोग जिस हालात मे उस शराबघर मे मौजूद थे किसी को पता भी होगा,इन दो शब्द के बारे मे.. इसपे भी शक है... क्योंकि वहां की हालत देखकर ही अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा यहाँ किस तरह के लोग आते होंगे... कोई किसी से लड़ रहा था, तो... कोई शराब के नशे में अपने वीरता के किस्से सुना रहा था.. तो कोई शराब के नशे में पागल हुआ, अपने कपड़े फाड़ रहा था या फिर दूसरों के.. तो कोई जोश मे आकर ऐसे सबके सामने खुल्ले मे मुट्ठ मारने मे लगा हुआ था. पर कोई कुछ ना कुछ जरूर कर रहा था. खाली कोई भी नहीं बैठा था या खड़ा था या फिर लेटा था.... और अभी अभी, तीन आदमी मिलकर एक युवक से लड़ाई करने लग गये थे, पहले तो उन तीनो ने उस एक युवक को बहुत मारा.. फिर जब वो पस्त होकर जमीन पर लोट गया तो उसके कपडे उतारे और फिर अपने भी कपडे उतार कर उसे चोदने मलग गये... सब देख रहे थे.. लेकिन कोई कुछ कर नहीं रहा था.. उल्टा नीचे मार खा -खा कर चुद रहे आदमी के ऊपर दारू गिरा रहे थे....
"थूक की जगह दारू लगा के चोद.... फिर मदरचोद के गांड मे माचिस मार देना... भरभरा के जल उठेगा... हा हा हा..."वहा मौजूद तमाशा देखने वालों मे से एक ने कहा
"मुँह मे मुट्ठ मार, मादरचोद के... मेरे को कल जुए मे 20 रुपये हराया था....."
"मेरा भी खड़ा हो गया, मैं भी चोदने आउ क्या... पोंद बढ़िया दिख रहा इसका.."
इसी बीच वहां बड़े अजीबोगरीब कपड़े पहने हुए शराब के नशे में धुत, डगमगाते हुए एक शख्स अंदर आया और ऐसे ही डगमगाते हुए,इधर उधर लोगो और दीवारों से टकराते हुए अंदर घुसने लगा...
"अबे ओए, कहां घुसे जा रहा है अंदर.... चल एंट्री करा.. " काउंटर के पास जो बैठा हुआ था, उसने उस शख्स को आवाज़ दी...
"सस्ती शराब यही मिलती है.. ना...? "
"एंट्री करा..."
"एंट्री जरूरी है ?वो क्या है कि मैं बहुत फेमस हूं और यदि किसी को पता चल गया कि मैं ऐसी जगह पर आता हूं तो..., "
" फेमस और तू.. लवड़ा .. मजाक मत कर.. एक तो ये गरीबो की तरह कंबल जैसे कपड़े पहना है.. कई दिनों से धुले भी नहीं लगते और तेरे शरीर से ही मरे हुए जानवर जैसी बदबू आ रही है.. तुझे देखकर तो लगता है कि तू कई महीनों से नहाया भी नहीं है.. और तू फेमस है..? "
" कई महीनों से ? मुझे नहाए हुए पूरे 1 साल से भी ज्यादा समय हो गया.. कम समय बता कर मेरी बेइज्जती मत करो.."
" अपनी बकवास बंद कर और एंट्री करा.. नाम क्या है ?"
" किसका मेरा..?"
"नहीं अपने बाप का नाम बता..."
" वह तो मुझे नहीं मालूम.."
" अपना नाम बता.. पता नहीं कैसे-कैसे लोग आ जाते हैं"
" मेरा नाम.. उम्म्म्म... रंजू- ओखाड़वाला- नेवरत है..."
" यह कैसा नाम है.. दूसरा नाम नहीं है क्या.."
" दूसरा नाम.. है. दी रॉन.. महान समुंदर का शिकारी... "
awesome update hai Yug Purush bhai,#3. Belladona~बेलाडोना
रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....
" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."
"क्या कर रहा है..? वो "
"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
.
.
उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...
"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया
"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.
"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."
" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."
इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...
"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...
"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "
"कैसे हो रॉन ..."
"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...
"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "
"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "
"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."
"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."
" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"
"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."
" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."
"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"
"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."
"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"
"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई
" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."
" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...
" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"
रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..
" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."
"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."
" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
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" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.
APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.
"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."
रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..
" तुम हंस क्यों रहे हो.."
"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."
"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."
"मै हुँ इसलिए....?? "
"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"
"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."
" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"
"इसकी बेटी माल है क्या...??"
"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "
"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."
"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"
" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."
"क्या.. कुछ भी......?? "
"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."
"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "
"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "
रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....
"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "
"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"
"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."
वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...
"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "
" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."
रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...
" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."
" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."
"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."
"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"
"ये भी एक राज की बात है..."
Aage love, sex aur dhokhaawesome update hai Yug Purush bhai,
behad hi shandaar aur lajawab update hai,
to aakhir kar ruby ka samudri safar shuru ho gaya,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Past present jab tak naa karu maja nahi aata... Thanks btwamazing update hai Yug Purush bhai,
starting to bahot hi shandaar hai,
aur ye past aur present ke bich direct 250 saalon ka gap kar diya,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai
50 % old, 50 % newYeh ron the dragonholder hae ya new story hae?
Waiting for update bhai......
Behad shaandaar zaberdast update bhai
Dekhte yeh RON sahab kia kia gul khilate h iss jahaj k safer m
Khubsurti kai saath kirdaro ko darsayahuya update.. aati Sundar...
Iski baate to suno aare secretary kahe Ron ko manane ke liye usko apni ijjat de... Kyun kamini rubi khud kyun nahi jaake so jaati uske sath, itni hi aag lagi hai to...
Khair..... us samudri yatra mein kamini rubi dubke mar jaye yahi dil se dua hai
Waise atharva ko as a hero lete to
Hum ko bhi Ron ki Raj ki baath janne Hai bro.. Mast update
राॅनी समंदर का शिकारी है । एक अच्छा कप्तान भी है । इसके अलावा मिस्टर नायर भी एक काबिल कप्तान हैं । लेकिन अटलांटिक महासागर के उस क्षेत्र में जाना मौत को दावत देने के समान है । सारी काबिलियत धरी की धरी रह जाएगी ।
Kya ye The Ron story ki sequel hai..
Anyway.... for nawi story
Jabardast update bhai
Ron apna dunka jarur bajayega aur ish hasheena ki band bajni bhi tay hai
Mast update Bhai je
रूबी की सिग्रेट्री तो रोन के सामने आने से भी डर रही है लगता है रोन ने उसे बहुत ज्यादा ही रगड़ दिया है और रोन नायर से जल रहा है कही आयेशा ना हो रोन ज्यादा जल कर नायर को जल में न फ़ेक दे देखते है रोन क्या करता है
Agar yhi update Sanskrit me hota to padne Ka mja hi Kuch or hota ...
इसके पहले सम्राट मार्टिन और उनके प्रमुख सेनानायक नील को एक आइलैंड पर ड्रेगन एवं कुछ अज्ञात लोगों से युद्ध करते हुए देखा जहां मार्टिन को अपनी जान बचाकर वापस भागना पड़ा और नील को शहीद होते देखा । एक चमत्कारी तलवार भी देखा जिसे सम्राट मार्टिन ने नील को सौंपा था । शायद इस तलवार का स्टोरी में आगे कोई जिक्र हो ।
Mazedaar update.. hume kahani ki aur 2 patra mil gaye, Rubi jo ki apne aapko sahi sabit karna chahati hai aur iske liye apne secretary ko bhi chudwane kai liyea taiyar hai aur dushre taraf Ron jo ki badbola lagg raha hai jiska introduction bhi kafe dilchasp or maze der tarike sai huya hai ...
Ab dekhna hai ki Aditya ka kya huya ? Bach paya ya ....
Ohhhhhhhhh
black salt to main bhi 1-2 episode hi dekha bas ,web series hai ,wahi samundar me daku type .. adult hai thoda ...
Fabulous update Bhai
nice update bhai
Nice update
behatrin update bro
Bahut badiya ....
Ye bhi raaj ki baat hai ...
awesome update
Mast zabardast awesome update
Story ka flow or interest to bharta hi ja raha h
Boht Maza ane Wala h is thread pe yahooo
Waiting for next
Dilchasp aur behtreen story....
Waiting
awesome update hai Yug Purush bhai,
Behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
Ron ko pehle viswash hi nahi hua ki kamini rubi usse milne aayi hai waise wo ushe bhali bhaanti samajh gaya tha ki jarur koi badi baat hogi nahi todi na aise sasti Sharab khane mein ushe dhundte huye aayegi..#3. Belladona~बेलाडोना
रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....
" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."
"क्या कर रहा है..? वो "
"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
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उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...
"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया
"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.
"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."
" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."
इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...
"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...
"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "
"कैसे हो रॉन ..."
"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...
"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "
"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "
"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."
"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."
" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"
"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."
" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."
"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"
"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."
"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"
"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई
" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."
" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...
" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"
रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..
" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."
"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."
" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
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" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.
APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.
"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."
रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..
" तुम हंस क्यों रहे हो.."
"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."
"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."
"मै हुँ इसलिए....?? "
"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"
"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."
" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"
"इसकी बेटी माल है क्या...??"
"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "
"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."
"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"
" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."
"क्या.. कुछ भी......?? "
"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."
"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "
"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "
रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....
"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "
"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"
"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."
वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...
"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "
" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."
रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...
" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."
" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."
"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."
"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"
"ये भी एक राज की बात है..."
Kash is story pe Kajal bhi hotiblack salt to main bhi 1-2 episode hi dekha bas ,web series hai ,wahi samundar me daku type .. adult hai thoda ...