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Fantasy Samundar Ka Shikari ~ सम्राट मार्टिन की सल्तनत

Nevil singh

Well-Known Member
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#3. Belladona~बेलाडोना




रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....

" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."

"क्या कर रहा है..? वो "

"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
.
.

उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...

"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया

"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.

"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."

" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."


इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...


"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...


"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "

"कैसे हो रॉन ..."

"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...

"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "


"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "

"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."

"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."

" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"


"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."


" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."

"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"

"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."


"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"


"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई


" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."


" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...

" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..

" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."

"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."

" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
.
.

" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.



APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.


"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."

रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..

" तुम हंस क्यों रहे हो.."

"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."

"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."

"मै हुँ इसलिए....?? "


"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"

"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."

" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"

"इसकी बेटी माल है क्या...??"


"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "


"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."


"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"


" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."

"क्या.. कुछ भी......?? "

"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."


"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "


"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "


रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....


"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "


"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"


"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."



वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...


"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "


" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."


रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...


" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."

" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."

"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."

"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"

"ये भी एक राज की बात है..."
Jabardast update bhai
Ron apna dunka jarur bajayega aur ish hasheena ki band bajni bhi tay hai
 

ashish_1982_in

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#3. Belladona~बेलाडोना




रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....

" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."

"क्या कर रहा है..? वो "

"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
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उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...

"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया

"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.

"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."

" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."


इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...


"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...


"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "

"कैसे हो रॉन ..."

"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...

"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "


"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "

"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."

"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."

" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"


"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."


" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."

"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"

"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."


"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"


"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई


" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."


" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...

" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..

" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."

"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."

" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
.
.

" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.



APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.


"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."

रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..

" तुम हंस क्यों रहे हो.."

"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."

"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."

"मै हुँ इसलिए....?? "


"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"

"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."

" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"

"इसकी बेटी माल है क्या...??"


"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "


"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."


"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"


" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."

"क्या.. कुछ भी......?? "

"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."


"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "


"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "


रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....


"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "


"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"


"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."



वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...


"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "


" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."


रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...


" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."

" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."

"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."

"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"

"ये भी एक राज की बात है..."
nice update bhai
 

Naina

Nain11ster creation... a monter in me
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Samundar Ka Shikari...
सम्राट मार्टिन की सल्तनत
((both in Roman and देवनागिरी Font))


A Fantasy, Action


By

~SGP 2009

"यहाँ समुन्दर मे सिर्फ दो ही कायदे है, या तो तुम शिकार हो या फिर शिकारी... "



Pics-Art-02-22-08-18-40
Kya ye The Ron story ki sequel hai.. :hmm2:
Anyway.... :congrats: for nawi story :celebconf:
 
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रूबी जो कर रही है उसके चलते सभी लोगों की जान जाने वाली है । बरमूडा ट्राएंगल जहां पानी की जहाज तो दूर हवाई जहाज भी लांघ नहीं पाया वहां सभी को ले जा रही है । आज तक कोई समझ नहीं पाया कि वो जहाजें कहां गई ! समंदर उन्हें लिल गया या आसमान खा गई !
और यह हकीकत है ।

राॅनी समंदर का शिकारी है । एक अच्छा कप्तान भी है । इसके अलावा मिस्टर नायर भी एक काबिल कप्तान हैं । लेकिन अटलांटिक महासागर के उस क्षेत्र में जाना मौत को दावत देने के समान है । सारी काबिलियत धरी की धरी रह जाएगी ।

कुछ गोरे लोग भी सफर में शामिल हैं । इन्हें रास्ते में पड़ने वाले किसी आइलैंड पर जाना है । लेकिन लगता है ये सभी भी अपने जीवन के आखिरी सफर तय कर रहे हैं । मुझे नहीं लगता कि ये लोग आइलैंड पर लैंड करेंगे ।

वैसे भोकुआ और रूबी की बातें हंसने वाली थी । एकदम बिहारी स्टाइल का डायलॉग था भोकुआ का । राॅनी सफर के दौरान इधर उधर मुंह मारने की कोशिश जरूर करेगा । जो जो लड़कियां सफर कर रही होंगी सभी की इज्जत खतरे में होने वाली है और बढ़िया ही है मरने से पहले थोड़ा बहुत मौज मस्ती तो कर ले !

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ज्ञानी भाई ।
जगमग जगमग अपडेट ।
 

mashish

BHARAT
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#3. Belladona~बेलाडोना




रॉन का नाम सुनकर उस काउंटर वाले शख्स के माथे पर सिलवटें आ गई... रॉन तो अपना नाम बता कर आगे बढ़ गया. पर रॉन के आगे बढ़ जाने के बाद काउंटर वाले ने अपने जेब से एक कार्ड निकाला और उस कार्ड पर दिये नंबर पर तुरंत कॉल किया....

" हेलो मैम..... हम भोकूआ बोल रहे है... जिसे आपने सुबह गटर मे रेंगने वाला चूहा कहा था.... याद आया..?? हा तो वो, आपने जिस नाम वाले को ढूंढने के लिए बोला था ना हमको.... वो रॉनवा शायद यहां आ चुका है, अब जल्दी से आ जाइए... हमरा इनामवा भी..."

"क्या कर रहा है..? वो "

"रुकिए जरा....कर तो कुछ नहीं रहा वो .... बस कोई सस्ती शराब की बोतल को मुंह से लगाकर खड़ा हुआ है.. और उसने अभिये वो बोतलवा किसी एक के सर पर फोड़ दी है... आप जल्दी आ जाईये.... "
.
.

उस काउंटर वाले के कॉल करने के कुछ देर के बाद ही एक आलीशान कार उस शराबखाने के ठीक बाहर रुकी. कार से रूबी निकलकर सीधे शराब खाने के काउंटर पर बैठे हुए शख्स के पास गई और उसके पीछे -पीछे उसकी सेक्रेटरी भी...

"कहां है वह..."रूबी ने सीधे सवाल किया

"वहां है मैडम.. लेकिन मेरा कुछ जुगाड़ पानी हुई जाता तो... हे..हे...हे....... "पैसों के लिए दाँत निपोरते हुए वह काउंटर वाला बोला... जिसके बाद रूबी ने अपनी सेक्रेटरी को आवाज दी, जो रॉन के हवस के कारण बाहर ही खड़ी थी और अंदर आने से कतरा रही थी.

"जी...जी...मैम, आपने बुलाया..."

" इन्हें इनका मेहनताना दे दो..."


इतना बोल कर रूबी बिना किसी सुरक्षा के अपने चेहरे के आधे भाग को रुमाल से ढक कर ऐसे ही शराब मे टुन्न लोगो के बीच से होते हुए उस टेबल की तरफ चल दी जहां रॉन बैठा हुआ शराब की बोतल खाली कर रहा था.. रूबी कुछ देर उसके पास खड़ी, रॉन को देखती रही.... रॉन ने भी किसी के आभास होने पर पीछे पलट कर रूबी को देखा...


"आज कल शराब ज्यादा चढ़ रही मुझे... खुली आँखों से सपने देखने लगा हूँ. मुझे लग रहा है, मेरे पीछे वो रहीस रूबी मेरा लंड चूसने के लिए तैयार खड़ी है... पर मुझे मालूम है, हकीकत मे अइसन कुछ नहीं है ."कहते हुए रॉन सीधे होते हुए बोतल वापस मुँह से लगायी पर जब उसका सपना टूटा... मतलब.. जब रूबी वही ही खड़ी रही तो वो फिर पीछे मुड़ा...


"रात को आना, जानेमन ... अभी नहीं. "

"कैसे हो रॉन ..."

"रु ररर....बी... डाल..लिंग.. डार्लिंग.. " रूबी को सच मे वहा देख रॉन सकपका गया...

"रॉन तुम अभी भी वैसे ही हो.... "


"तुम भी तो वैसी ही हो... एक इंच माल भी तुम्हारे शरीर से कम नही हुआ... एकदम टाइट बदन है तुम्हारा अब भी. रिया ,... रिया..?? रूबी... कुछ भी हो... वैसे, आज तुम्हें मेरी याद कैसे आ गई... आखिरी बार तो बहुत बेइज्जत करके निकलवा दिया था मुझे.... फिर आज मुझसे मिलने, वो भी यहाँ तक ... कुछ हुआ है क्या...?? और वो तुमहरी सुन्दर सी सेक्रेटरी कहा गई... "

"Yuck.. अपना मुँह बंद ही रखो, बहुत ही वाहियात बदबू आ रही है..."

"वह तो आएगी ही.. अब बोलो काम क्या है..."

" डेविल्स ट्रायंगल का नाम सुना है...?"


"ट्रायएंगल.... ट्रायएंगल....यानी की त्रिभुज... चतुर्भुज.... सुना है ना कक्षा 7 में.. टीचर ने पढ़ाया था. त्रिभुज के प्रकार में की एक समकोण त्रिभुज होता है.. एक अधिककोण त्रिभुज... परिभाषा सुनाऊ...?? ."


" मैं समुंदर पर डेविल्स ट्रायंगल की बात कर रही हूं... मुझे वहां जाना है, एक्चुअली उसे पार करना है.."

"अच्छा उस ट्राइंगल की बात कर रही हो... वहां ऐसा क्या है"

"तुम बस जवाब दो.. तुम साथ चलोगे या नहीं.. वरना मैं कोई दूसरा ढूंढू.."


"देखो ऐसा है..."अपनी चेयर रूबी की तरफ घुमाकर रॉन बोला "तुम, जो कि मुझसे इतनी नफरत करती हो.. फिर भी मेरे पास आई हो.. तो इसका मतलब ये है कि तुम्हारा काम मुझसे ही होगा... वरना तुम, अपने सपने के सपने में भी मेरे पास नहीं आती... इसलिए पहले बताओ डेविल्स ट्रायंगल में है क्या...?"


"वह तुम्हें वक्त आने पर मालूम चल जाएगा... अब बोलो साथ चलोगे या नहीं.. पर बोलने से पहले, सोच लो.. पूरा जहाज शराब से भरा होगा और मैं भी रहूंगी "रॉन की ओर झुकते हुए अपने सीने के पर्वत श्रृंखला की चोटियों की थोड़ी से झलक रॉन को दिखाते हुए रूबी मुस्कुराई


" मुझे शराब का लालच नहीं और तुम्हारा तो बिल्कुल भी नहीं... पर जब की तुम यहां आई हो..तो तुम्हारा दिल रखने के लिए, मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूं... लेकिन एक बात है जो तुम्हें याद रखनी पड़ेगी.."


" वह क्या...." जब रॉन मान गया तो रूबी वापस सीधा खड़े होकर अकड़ू अंदाज मे बोली...

" जब कभी भी अटलांटिक महासागर से पश्चिमी दिशा में जाओ तो यह जान लेना कि समुंदर की आँखे तुम्हे देख रही हैं"
"क्या बोला, मुझे कुछ समझ नहीं आया"


रॉन अपनी जगह से खड़ा हुआ और काउंटर वाले की तरफ देख कर बोला..

" ओए टकलू... मेरा बिल यह मैडम देगी.. समझा.. और यहां मौजूद बाकी लोगों का भी..."

"तुमने अभी क्या कहा कि समुद्र की आंखें देखती हैं वगैरह -वगैरह ..."

" अब यदि मेरी बातें हर किसी को समझ आने लगी... तो हर कोई समुंदर के शिकारी नहीं बन जाएगा...??"
.
.

" जल्दी-जल्दी जहाज में बैठो, कुछ ही देर में हम सब यहां से निकलने वाले हैं.... गन्स और एक्सपलोसिव्स क्रू मेंबर सबसे बाद मे जायेंगे "नीचे खड़ा कप्तान नायर सभी को जहाज में जाने के लिए बोल रहा था. जहाज में रॉन और रूबी पहले से ही आ चुके थे.. दोनों जहाज कि डेक में खड़े होकर नीचे खड़े कप्तान नायर की ओर देख बात कर रहे थे... आज पुरे दो दिन हो गये थे, जब रूबी..रॉन से मिली थी.



APEX PREDATOR शिपिंग कंपनी के डायरेक्टर्स को कल रात ही रूबी के इस कदम की खबर मिली थी.. लेकिन रूबी को रोकने के लिए और APEX PREDATOR के एक और जहाज को बचाने के लिए उन्हें पहले रूबी को CEO की पोस्ट से हटाना था... जो वो कर नहीं पा रहे थे और आज जब तक वो रूबी को CEO की कुर्सी से उठा के फेकते.. उसके पहले ही रूबी का जहाज लेकर बहुत दूर निकलने का प्लान था और यही वजह भी थी,कि सुबह 6 बजे ही पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे APEX PREDATOR का सबसे बड़ा जहाज बेलाडोना ~ Belladona अपने सफर के लिए तैयार खड़ा था. कैप्टन नायर, मर्चेंट नेवी का वही अफसर था... जिसकी बेटी को Adrenal Cancer था और रूबी ने जिसे उसकी बेटी के इलाज का पूरा खर्चा कंपनी के insurance policy मे ऐड करवा दिया था.


"देखा रॉन .. नायर बाकियो की तरह नहीं है... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे.."

रूबी के ये कहते ही जिसे सुनकर रॉन मुस्कुराने लगा..

" तुम हंस क्यों रहे हो.."

"क्योंकि तुम हर बार यही बोलती हो.. की... इस बार हम जरूर कामयाब होंगे. मेरे ख्याल से अब तुम्हें उल्टा बोलने की कोशिश करना चाहिए.. कि.. इस बार हम जरूर नाकामयाब होंगे... तब शायद बात बन जाए..."

"पर इस बार मैं कंफर्म हूँ ...."

"मै हुँ इसलिए....?? "


"नही.... बल्कि मै हुँ, इसलिए.... तुम तो बस एक प्यादे हो"

"Ouch... That hurts.... वैसे रूबी, तुमने अभी तक मुझे यह नहीं बताया कि आखिर उस डेविल्स ट्रायंगल में रखा क्या है... हम वहां जा क्यों रहे हैं.."

" निर्मल चक्रबर्ती... नाम सुना है...??"

"इसकी बेटी माल है क्या...??"


"What the... Anyway... निर्मल चक्रबर्ती, ईस्ट इंडिया कंपनी के बेरिंगटन जहाज मे एक गुलाम थे, जिन्हे बाद मे गुलामी से मुक्त कर दिया गया.. जिसकी वजह ये थी की, उन्होंने बेरिंगटन जहाज... जो 1760 मे लंदन से निकल कर मिआमी होते हुए भारत आने वाला था... जब वो अज्ञात कारणों से मिआमी तट की ओर जाते हुए पता नहीं कैसे डेविल्स ट्राइंगल की ओर खिचा तो निर्मल चक्रबर्ती ने पता नहीं कैसे, बेरिंगटन जहाज को डेविल्स ट्रायएंगल से निकाल लिया, जिसके बाद अंग्रेजी शासन ने इनाम स्वरुप, उन्हें उनकी गुलामी से मुक्त कर लन्दन मे एक कोठी प्रदान की... बाद मे उन्होंने ही अपनी पुस्तक मे लिखा था की, डेविल्स ट्राइंगल ने उनके जहाज को अपने आप अपनी गिरफ्त मे ले लिया... जहा उन्होंने अपनी आँखों के सामने एक विशाल जहाज को समुंदर की गहराई मे डूबते हुए देखा... कुछ प्राचीन जीव का उल्लेख भी किया है कि उन्होंने अपनी आँखों से देखा tha... "


"निर्मल चक्रबर्ती...हम्म्म्म... पर ये मेरे सवाल का जवाब नहीं है.."


"वक्त आने पर पता चल जाएगा... वैसे तुम कभी गए हो, वहा ...??? मैं भी कैसे सवाल पूछ रही हूं... वहा जो भी गया आज तक कभी लौट कर ही नहीं आया"


" गया था ना.. मैं वहां जहाज लेकर मछलियो का शिकार किया करता था... तभी से तो मुझे समुद्री लोग समुन्दर का शिकारी कहने लगे थे..."

"क्या.. कुछ भी......?? "

"वैसे, तुमने मुझे कप्तान क्यों नहीं बनाया..."


"वह भी तुम्हें वक्त आने पर पता चल जाएगा, रॉन .... ये कोई नाव नहीं है, बल्कि एक विशाल जहाज है. अपने आप मे ही एक अलग दुनिया समझ लो और इसे तुम्हारे हवाले करना...??? जानते क्या हो तुम एक जहाज के बारे मे..?? गायरो कंपस या इको साउंडर के बारे मे...?? "


"मैं समुन्दर के बारे मे जानता हूँ... "


रूबी और रॉन बात कर ही रहे थे कि कप्तान नायर ने वहा आकर रूबी का अभिवादन किया और साथ ही रूबी का ना चाहते हुए शुक्रिया अदा किया कि उसने उसे इस काबिल समझा....


"मैम, जहाज चलने के लिए तैयार है.. बस आप इशारा करें और Belladonna ~ बेलाडोना, समुन्दर का सीना चीरने के लिए तैयार है... समुद्री सीमा पर हमारे शिप मे मौजूद हथियारो कि चेकिंग ना हो.. इसका मैने इंतजाम कर दिया था... "


"नायर तुमने मैन्युअल मैप चेक किया ना ..? क्योंकि, यदि सिग्नल खराब हुआ तो वो मैप ही हमारे काम आएगा और ये गोरो को क्यूँ लिया..?"


"ये यहाँ तट के ऐसे लोग हैं, जिन्हें शराब मिले, तो ये काम की चिंता बिल्कुल भी नहीं करते. इनमे से कुछ उस आइलैंड की सफर कर रहे है.. जो बीच मे पड़ेगा... जगह तो वैसे भी बहुत खाली है तो इन्हे उस आइलैंड तक छोड़ने के एवज मे इनसे काम ले लिया जायेगा और रही बात मैप की तो वह मेन चेंबर में मैंने ऑलरेडी फिट कर दिया गया है... आपको किसी भी चीज की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है... मेरे रहते हुए तो बिल्कुल भी नहीं..."



वही रूबी के पास खड़े रॉन को ये बिल्कुल भी रास नहीं आया की, उसके रहते हुए... कोई उससे भी ज्यादा होशियार और चालाक उसे महसूस हो... पर नायर और रूबी के बीच की इस छोटी सी बात -चीत ने नायर के प्रति रॉन के अंदर इर्ष्या का भाव भर दिया था, ऊपर से रॉन की जगह उसे कप्तान बनाया गया था.. इसलिए रॉन का कलेजा और जल उठा... जब उसने खुद महसूस किया की नायर कप्तान पद के लिए योग्य भी है तो.... उससे रहा नहीं गया और वो ताना मारते हुए नायर से बोला...


"तुम्हारा ये बेहूदा बड़ा सा नक्शा... जो तुम लोगो ने उस बेहूदा कमरे मे लगा कर रखा है ना... वो अटलांटिक को पार करने के बाद काम नहीं करेगा... क्योंकि आँखे धुंधला जाएंगी कोहरे मे... तो रूबी डार्लिंग, ठीक यही रहेगा कि कप्तान मुझे बना दो... "


" मैम... ये जाहिल कौन है.. पहनावे से तो मजदूर लग रहा है... फिर ये यहाँ, आपके साथ.."


रॉन ने अपने जेब से शराब की बोतल निकाली और सीधे मुंह से लगाकर दो घूंट मारा...


" मेरा नाम मजदूर नहीं है बे .. मेरा नाम तो रॉन है.. दि रॉन...मशहूर शिकारी..."

" मशहूर शिकारी...? पर मैने तो तुम्हारा नाम कभी सुना ही नहीं..."

"किसी ने नहीं सुना.... क्योंकि ये एक बहुत बड़े राज की बात है..."

"फिर तुम कैसे मशहूर हुए, जब ये राज की बात है तो.....??"

"ये भी एक राज की बात है..."
awesome update
 

Asif khan

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#2. THE RON

Kolkata, Bharat

Kolakata ke sabse bade hotelo mein shumaar Oberoy Grand me ek ke baad ek kayi mahangee car ki line lag rahi thee, iska kaaran tha, vaha hone vaale Apex Pradator naamak ek jahaaj banaane vaali company ki aapatakalin baithak.. jisame shahar ke lagbhag sabhi bade raheesh aur raheesjaade shirakat kar rahe the.

"sab aa gaye....?" meeting room mein 28 saal ki ek navayuvati CEO ki seet se uthate huye puchhi. jiska kuchh logo ne haa mein sir hilaakar javaab diya, to vahi jo log apne CEO se khunnas khaaye baithe the, vo shaant baithe rahe. vo apane pita jee ke Company ke directors ke ravaiye se samajh gayi ki aaj ye meeting aasaan nahin hone vaalee....

usne saamne lage screen kee taraf ishaara kiya, jisame kolakata port par khade ek vishaal jahaaj kee tasveer thee. jiske upar Deck par Captain Aditya khada tha....

" hamaara jahaaj jo Baramuda triangle devils triangle bhee kahte hain, usake Exploration ke liye nikla tha, par pichhale 2 din se us ship se hamaare saare sampark toot chuke hai ..."

"Miss Rubi..." Directors kee kursiyo par baithe sabhi ye sunte hee seedha tanen baithakar aapas me khusar -phusar karane lage... Rubi ke us ek vaakya ne un sabko aisa bijali ka jhataka diya tha kee, unke munh se ek shabd tak nahi nikal raha tha.. kyonki ye dusari baar tha jab Rubi ne Apax Pradator company ke jahaaj ko Devils tringle ke exploration misson par bheja tha... kuchh to is safar ke shuruaat se pahle hee Rubi ke khilaaf the aur jo nahi the.. vo shaayad is khabar ke baad hone vaale the..jo Rubi unhe aage dene vaali thee.

"sampark tootane ke baad... us jahaaj ke baare me pata karne ke hamaare saare prayaas bhi viphal rahe hai. Miami ki local authority ne kuchh ghante pahle hee ye pics release kee hai...." Rubi ne slide change ki aur next slide me vishaal samundar me jahaaj ke kuchh malabe tair rahe the... jinme se ek me Apax Pradator likha hua saaph dikh raha tha.

"Captain Aditya aur.... jahaaj me savaar sabhi log ab shayad hee kabhee vaapas aaye. isliye un sabhee ko mara hua maan lena mere khayaal se koi atishayokti nahi hogi. main hamaare is asafal project ke liye aap sabhi se mafi chahati hu aur aage kya karana chaahiye, jisme aap sabhi kee ray bhi janana chahati hoon... par pichhli do nakamayabi ne mujhe itna jaroor sikha diya hai ki agli baar mujhe kya karana hai..."itana bol kar Rubi vaapas apne CEO ki kursi par virajman ho gayi aur apne baalo par ungaliyaan phiraane lagi. tabhi ek adhed umar ka aadami un logo ke beech me se hee utha aur apne sar ke gine-chune baalon par haath phiraate huye kaha

" Miss. Rubi.... ab ham kya kah sakte hain. yah project aapki ichchha thi hamaari nahi.... aap us Devils Triangle ke peechhe paagal thi. ham sab ne kaha bhi tha ki yah asambhav hai, lekin aapne hamaari nahi suni.... samundar bahut vishaal hai, yah hamaari soch aur laalach ke daayare me nahi sama sakata... isliye ab hamaari raay dene ya phir na dene se kya hoga...."vaha maujood apne saathi directors ki or mukhaatib hote hue usne aage kaha.. "mai, Miss Rubi ko.. CEO ke pad se hatane ka prastaav rakhta hoon, jo ki do din baad hone vaali hamaari salana meeting me hamaari voting se tay hoga..."

itana bol kar vo aadami baith gaya aur uske baithate hi usi ki umar ka ek aur shakhs khada hua

"aapako jara bhi andaja hai Rubi jee... ki ye khabar baahar pahunchate hee hamaari Company ke share ka kya haal hone vaala hai...?? ham aapke pita ji k i bahut ijjat karte the, par aapaki lagaataar vifaltao ke project se aur unki naakaamiyon se ham sab tang aa gaye hain. aapako andaaja bhee hai kee do jahaaj sirf aapke exploration ki chaah se tabaah ho gaye...?? ham scientist nahi hai aur na hee maanav kee pragati ham par nirbhar hai... aapke pita ji ab is duniya mein nahin hai, lekin unhi ke kahane par kayi saalo se mai is company se juda hua tha. par ab hame lagta hai ki hame fijul kharch band karna chaahiye.. aur apna saara bacha hua paisa apne jahaaj Yatayat ke kaarobaar ko aage badhaane ke liye lagaaya jaye... na ki aap ke betuke ke project par.. aur mujhe lagta hai ki yahaa maujood company ke sabhi board membar meri is raay se sahamat honge... aur ek baat aur Rubi jee... next meeting me mai bhi aapako CEO ke pad se hatane ke liye vote dunga..."

Rubi ke chehare ka rang ud gaya, use gussa bhi aaya lekin usne shaant rahane kee koshish kee. sabhi Rubi aur uske project ko fijulkharchi aur Faltu bata rahe the, kuchh ne to Rubi ko hee Faltu karaar de diya. Rubi apani seat se uth khadi huyi aur meeting mein maujood har shakhs ko dekh kar boli

"aap sabhi bharosa keejiye, next time ham jaroor kaamayaab honge... mujhe poora pata hai kee ab mujhe kya karana hai..?"

"Sorry miss Rubi, ab ham aapaka aur samarthan nahin kar sakate..." yah kahakar meeting mein maujood sabhi board membar khajaade hue aur ek-ek karake vahaan se baahar jaane lage. aur thodee der baad vahaan keval do log hi bache the.. ek thi Rubi aur doosari uski secretory....

"maim...."paani ka gilaas table me Rubi ki taraph sarakaate hue usakee secretory boli

isake javaab me Rubi ne pahle to apani secretory ko ghoor kar dekha aur phir vo paani vaala gilaas utha kar jor se saamane screen par de maara aur gusse se apanee chair par baithate huye apanee secratory ki taraph apana ek haath kiya... Rubi ki secratory ek pal ke lie Kanfuz ho gayi.... "jee maim... o.. sorry maim..."yaad aate hee jhat se apane pars me rakhe ciggret ke packet se ek ciggret nikaal kar usane Rubi ko diya aur phir laitar on karke ciggret ko tochan diya

"tum nahin jaanati ki yah log kitani badi bevkoophi kar rahe hain.. inhe nahin maaloom ki us devils triangle ke beech kitna khajaana samandar ke seene mein daphan hai... lekin main haar nahin maanoongee. Next meeting ke pahle tak power mere haath me hee rahegi... i dont give a damn about these Taklus... jahaj to port of kolakata se chhoot kar rahega aur is baar main khud bhi jahaaj ke saath jaongi.. ab ya to aar ya paar.... Beladona ko taiyaar karo aur Captain Apax Pradator ka nahi hona chaahie... varana yadi in takaluoo ko khabar lagi to emergency meeting karke mujhe CEO ke pad se hata denge..."

"lekin maim, Caiptan aditya ka kuchh pata nahin chala... bina kaptaan ke aap....?? aur kaun hai jo devis triangle mein jaane ke lie taiyaar hoga... vo bhi in do ghatanao ke baad..."

" Caiptan aadi, kee saaree baate bhakosli nikali... bahut kaha karata tha kee, samundar usaka gulaam hai... samundar ka paani pee -pee ke samundar sookha dega... vaise achchha hua jo, kameena mar gaya... tumase badatameejee karane ka phal to use bhugatana hee tha ek din..."

"par maim... koyi taiyaar hoga jaane ke liye...??"

"ek marchent navi ka officar hai mere pahachaan mein... usaki beti ko Adrenal Cancer hai aur use paiso ki jaroorat hai aur yadi vo aa gaya to apane saath kuchh log ko jaroor lekar aaega, baaki kolkata ke samudri ilaake se lagi bastiyon me se aadamiyon ko uthao... do vaqt khaana aur sharaab ke liye vo nark tak me jaane ke lie taiyaar ho jaenge.... aur uska pata karo... kya naam hai uska ... jisake baare mein kuchh log bata rahe the.. ki vo apane aap ko samundar ka shikaari bataata hai..."

" kiski baat kar rahi hain aap ?"

"are us paagal ka.. RON... naam hai usaka.. usake baare mein maaloom karo.. kahaan hai vo, is vaqt ."

"achchha vo.. maim aap us paagal ko kyon bula rahee hain.... vo jis najar se mujhe dekh raha tha, pichhalee baar.... mujhe bilkul bhee achchha nahin laga tha... "

" tumhen maaloom nahin hoga par ek baar usne meri jaan bachayi thee... vo baat alag hai ki mujhe us se beintaha napharat hai, par admi hai bade kaam ka....."

"okay.... maim"

"kaam pe lag jao, phir... aur yadi Ron tumhaari ijjat bhi maange to de dena... "donon pair table par upar rakhakar Rubi ne kaha aur Table par rakhi Nirmal chakravarti ki " Mahaan Samudri Samraat Martin " book ke panne palatane lagi.


kolkata ke samudri ilake se sate ek chhote se sharaab khaane mein shor sharaaba chal raha tha. gand maraaye corona aur social distancing... kisi ko koi matalab hee nahin tha.. ya phir jitane log jis haalaat me us sharaabaghar me maujood the kisi ko pata bhi hoga, in do shabd ke baare me.. isape bhi shak hai... kyonki vahaan ki haalat dekhakar hee andaaja lagaana mushkil nahin hoga yahaan kis tarah ke log aate honge... koi kisi se lad raha tha, to... koi sharaab ke nashe mein apane veerata ke kisse suna raha tha.. to koinsharaab ke nashe mein paagal hua, apane kapade phaad raha tha ya phir doosaron ke.. to koi josh me aakar aise sabake saamane khulle me mutth maarane me laga hua tha. par koi kuchh na kuchh jaroor kar raha tha. khaali koi bhi nahin baitha tha ya khada tha ya phir leta tha.... aur abhee abhee, teen aadamee milakar ek yuvak se ladai karane lag gaye the, pahale to un teeno ne us ek yuvak ko bahut maara.. phir jab vo past hokar jameen par lot gaya to usake kapade utaare aur phir apane bhee kapade utaar kar use chodane me lag gaye... sab dekh rahe the.. lekin koi kuchh kar nahin raha tha.. ulta neeche maar kha -kha kar chud rahe aadamee ke upar daaru gira rahe the....

"thook ki jagah daaru laga ke chod.... phir madarachod ke gaand me maachis maar dena... bharabhara ke jal uthega... ha ha ha..."vaha maujood tamaasha dekhane vaalon me se ek ne kaha

"munh me mutth maar, maadarachod ke... mere ko kal jue me 20 rupaye haraaya tha....."

"mera bhee khada ho gaya, main bhee chodane aau kya... pond badhiya dikh raha isaka.."

isi beech vahaan bade ajeebogareeb kapade pahane hue sharaab ke nashe mein dhut, dagamagaate hue ek shakhs andar aaya aur aise hee dagamagaate hue, idhar udhar logo aur deevaaron se takaraate hue andar ghusane laga...

"abe oe, kahaan ghuse ja raha hai andar.... chal entry kara.. " caunter ke paas jo baitha hua tha, usane us shakhs ko aavaaz dee...

"sastee sharaab yahee milati hai.. na...? "

"entry kara..."

"entry jaroor i hai ? vo kya hai ki main bahut famous hoon aur yadi kisee ko pata chal gaya ki main aisee jagah par aata hoon to..., "

" famous aur tu.. lavda .. majaak mat kar.. ek to ye gareebo kee tarah kambal jaise kapade pahana hai.. kayi dinon se dhule bhee nahin lagate aur tere shareer se hee mare hue jaanavar jaisee badaboo aa rahee hai.. tujhe dekhakar to lagata hai ki tu kayi mahino se nahaaya bhee nahin hai.. aur tu famous hai..? "

" kayi maheenon se ? mujhe nahaye hue poore 1 saal se bhee jyaada samay ho gaya.. kam samay bata kar meree beijjatee mat karo.."

" apani bakvaas band kar aur entry kara.. naam kya hai ?"

" kisaka mera..?"

"nahin apne baap ka naam bata..."

" vah to mujhe nahin maaloom.."

" apana naam bata.. pata nahin kaise-kaise log aa jaate hain"

" mera naam.. ummmm... ranjoo- okhaadavaala- nevarat hai..."

" yah kaisa naam hai.. doosara naam nahin hai kya.."

" doosara naam.. hai. THE RON.. Mahaan Samundar ka Shikari... "
Mast zabardast awesome update
 

Asif khan

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#3. Belladona

Ron ka naam sunkar us Counter vaale shakhs ke maathe par silavaten aa gayi... Ron to apna naam bata kar aage badh gaya. par Ron ke aage badh jaane ke baad countar vaale ne apne jeb se ek card nikaala aur us card par diye numbar par turant call kiya....

" Hello maim..... ham Bhokua bol rahe hai... jise aapne subah gatar me rengne vala chuha kaha tha.... yaad aaya..?? ha to vo, aapne jis naam vaale ko dhundhane ke liye bola tha na hamko.... vo Ronwa shaayad yahaan aa chuka hai, ab jaldi se aa jaiye... hamara inamva bhi..."

"kya kar raha hai..? vo "

"rukiye jara....kar to kuchh nahin raha vo .... bas koi sasti sharaab ki botal ko munh se lagaakar khada hua hai.. aur usne abhiye vo botalava kisi ek ke sar par phod di hai... aap jaldi aa jaiye.... "
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us countar vaale ke call karne ke kuchh der ke baad hi ek aalishaan car us sharaabakhaane ke theek baahar rukee. car se Rubi nikalkar seedhe sharaab khaane ke countar par baithe hue shakhs ke paas gayi aur uske peechhe -peechhe usaki secretary bhi...

"kahaan hai vah..."Rubi ne seedhe savaal kiya

"vahaan hai maidam.. lekin mera kuchh jugaad paani huyi jaata to... he..he...he....... "paison ke liye daant niporate huye vah countar vaala bola... jiske bad Rubi ne apni secretary ko aavaaj di, jo Ron ke havas ke kaaran baahar hee khadee thee aur andar aane se katara rahee thee.

"jee...jee...maim, aapne bulaaya..."

" inhen inka mehantaana de do..." itana bol kar Rubi bina kisi suraksha ke apne chehare ke aadhe bhaag ko rumaal se dhak kar aise hee sharaab me tunn logo ke beech se hote huye us table kee taraf chal dee jaha Ron baitha hua sharaab kee botal khaali kar raha tha.. Rubi kuchh der uske paas khadi, Ron ko dekhati rahi.... Ron ne bhi kisi ke aabhaas hone par peechhe palat kar Rubi ko dekha... "aaj kal sharaab jyaada chadh rahi mujhe... khuli aankhon se sapne dekhne laga hoon. mujhe lag raha hai, mere peechhe vo rahees Rubi mera lund chusne ke liye taiyaar khadi hai... par mujhe maaloom hai, haqeekat me aisa kuchh nahi hai ."kahate huye Ron sidhe hote huye bottle vaapas munh se lagaayi par jab uska sapna toota... matalab.. jab Rubi vahi hi khadi rahee to vo phir peechhe muda... "raat ko aana, jaaneman ... abhi nahi. "

"kaise ho Ron ..."

"Ru rurr....bi... daal..ling.. daarling.. " Rubi ko sach me vaha dekh Ron sakapaka gaya...

"Ron tum abhi bhi vaise hee ho.... "

"tum bhi to vaisi hi ho... ek inch maal bhi tumhaare shareer se kam nahee hua... ekdam tite badan hai tumhaara ab bhi. riya ,... riya..?? Rubi.. kuchh bhi ho... vaise, aaj tumhe meri yaad kaise aa gayi... aakhiri baar to bahut beijjat karke nikalava diya tha mujhe.... phir aaj mujhse milne, vo bhi yahaan tak ... kuchh hua hai kya...?? aur vo tumahari sundar si secretary kaha gayi... "

"yuchk.. apna munh band hi rakho, bahut hi vaahiyaat badabu aa rahi hai..."

"vah to aayegi hi.. ab bolo kaam kya hai..."

" devils triangle ka naam suna hai...?"

"triangle.... triangle....yaani ki tribhuj... chaturbhuj.... suna hai na class 7 mein.. teachar ne padhaaya tha. tribhuj ke prakaar mein ki ek samakon tribhuj hota hai.. ek adhik-kon tribhuj... paribhaasha sunau...?? ."

" Main samundar par devils triangle ki baat kar rahi hoon... mujhe vahaan jaana hai, ekchualee use paar karana hai.."

"achchha us traingle kee baat kar rahee ho... vahaan aisa kya hai"

"tum bas javaab do.. tum saath chaloge ya nahin.. varana main koi dusra dhundhu..."

"dekho aisa hai..." apni chair Rubi ki taraf ghumaakar Ron bola "tum, jo ki mujhse itani napharat karati ho.. phir bhi mere paas aai ho.. to iska matalab ye hai ki tumhaara kaam mujhase hi hoga... varna tum, apne sapne ke sapne mein bhi mere paas nahin aati... isaliye pahle batao devils triangle mein hai kya...?"

"vah tumhen vakt aane par maaloom chal jayega... ab bolo saath chaloge ya nahi.. par bolne se pahle, soch lo.. poora jahaaj sharaab se bhara hoga aur main bhi rahungi "Ron ki or jhukate huye apne seene ke parvat shrankhala ki chotiyon ki thodi se jhalak Ron ko dikhaate huye Rubi muskurai

" mujhe sharaab ka laalach nahin aur tumhaara to bilkul bhi nahin... par jab kee tum yahaan aai ho..to tumhaara dil rakhane ke liye, main tumhaare saath chalne ko taiyaar hoon... lekin ek baat hai jo tumhen yaad rakhani padegi.."

" vah kya...." jab Ron maan gaya to Rubi vaapas seedha khade hokar akadu andaaj me boli....

" jab kabhi bhi Atlantic Mahasagar se pashchimi disha mein jao to yah jaan lena ki samundar ki aankhe tumhe dekh rahee hain"

"kya bola, mujhe kuchh samajh nahi aaya"

Ron apani jagah se khada hua aur countar vaale ki taraph dekh kar bola.. " oye taklu... mera bil yah maidam degi.. samajha.. aur yahaan maujood baaki logon ka bhee..."

"tumne abhi kya kaha ki samudr kee aankhen dekhatee hain vagairah -vagairah ..."

" ab yadi meri baaten har kisi ko samajh aane lagi... to har koi samundar ke shikaari nahin ban jayega...??"

.

" jaldee-jaldee jahaaj mein baitho, kuchh hi der mein ham sab yahaan se nikalane vaale hain.... guns aur eksapalosivs kru member sabse baad me jaayenge "neeche khada captain Naayar sabhi ko jahaaj mein jaane ke liye bol raha tha. jahaaj mein Ron aur Rubi pahle se hi aa chuke the.. dono jahaaj ki dek mein khade hokar neeche khade captain Naayar ki or dekh baat kar rahe the... aaj pure do din ho gaye the, jab Rubi...Ron se mili thee. Apax Pradator shiping company ke directors ko kal raat hi Rubi ke is kadam kee khabar milee thee.. lekin Rubi ko rokne ke liye aur Apax Pradator ke ek aur jahaaj ko bachaane ke liye unhe pahle Rubi ko CEO k i post se hataana tha... jo vo kar nahi pa rahe the aur aaj jab tak vo Rubi ko CEO kee kursi se utha ke phekte.. uske pahle hi Rubi ka jahaaj lekar bahut door nikalane ka plaan tha aur yahi vajah bhi thi, ki subah 6 baje hi port of kolkata me Apax Pradator ka sabase bada jahaaj belladona
apne safar ke liye taiyaar khada tha. Caiptan Naayar, marchent nevi ka vahi afsar tha... jiski beti ko Adranal Cancer tha aur Rubi ne jise uski beti ke ilaaj ka poora kharcha Company ke insurance policy me aid karava diya tha.

"Dekha Ron .. Naayar baakiyo kee tarah nahin hai... is baar ham jaroor kaamayaab honge.."

Rubi ke ye kahate hee jise sunakar Ron muskuraane laga.. " tum hans kyon rahe ho.."

"kyonki tum har baar yahi bolati ho.. kee... is baar ham jaroor kaamayaab honge. mere khyaal se ab tumhen ulta bolne ki koshish karana chaahiye.. ki.. is baar ham jaroor naakaamayaab honge... tab shaayad baat ban jaye..."

"par is baar main confirm hoon ...."

"mai hun isliye....?? "

"nahi.... balki mai hun, isaliye.... tum to bas ek pyaade ho"

"ouchh... that hurts.... vaise Rubi, tumne abhi tak mujhe yah nahin bataaya ki aakhir us devils triangle mein rakha kya hai... ham vahaan ja kyon rahe hain.."

" Nirmal chakrabarti... naam suna hai...??"

"iski beti maal hai kya...??"

"what tha.... anyway... Nirmal chakrabarti, east India Company ke Beringatan jahaaj me ek gulaam the, jinhe baad me gulaamee se mukt kar diya gaya.. jisaki vajah ye thee kee, unhonne beringatan jahaaj... jo 1760 me landan se nikal kar miaami hote huye bhaarat aane vaala tha... jab vo agyaat kaarno se miaami tat ki or jaate hue pata nahin kaise devils triangle ki or khicha to Nirmal chakrabarti ne pata nahin kaise, Beringatan jahaaj ko devils triangle se nikaal liya, jiske baad angreji shaasan ne inaam svarup, unhe unaki gulaami se mukt kar landan me ek kothi pradaan ki... baad me unhonne hee apani pustak me likha tha ki, devils traingle ne unake jahaaj ko apane aap apani girapht me le liya... jaha unhonne apanee aankhon ke saamane ek vishaal jahaaj ko samundar kee gaharai me dubate huye dekha... kuchh praacheen jeev ka ullekh bhee kiya hai ki unhonne apani aankhon se dekha th... "

"Nirmal chakrabarti...hammmm... par ye mere savaal ka javaab nahin hai.."

"vakt aane par pata chal jaega... vaise tum kabhee gaye ho, vaha ...??? main bhee kaise savaal poochh rahee hoon... vaha jo bhee gaya aaj tak kabhee laut kar hee nahin aaya"

" gaya tha na.. main vahaan jahaaj lekar machhaliyo ka shikaar kiya karata tha... tabhee se to mujhe samudree log samundar ka shikaaree kahane lage the..."

"kya.. kuchh bhee......?? "

"vaise, tumane mujhe Captaan kyon nahin banaaya..."

"vah bhee tumhen vakt aane par pata chal jaega, ron .... ye koi naav nahin hai, balki ek vishaal jahaaj hai. apane aap me hee ek alag duniya samajh lo aur ise tumhaare havaale karana...??? jaanate kya ho tum ek jahaaj ke baare me..?? gyro campas ya icho sounder ke baare me...?? "

"main samundar ke baare me jaanata hoon... " Rubi aur Ron baat kar hee rahe the ki Captaan Naayar ne vaha aakar Rubi ka abhivaadan kiya aur saath hee Rubi ka na chaahate hue shukriya ada kiya ki usne use is kaabil samajha....

"maim, jahaaj chalane ke liye taiyaar hai.. bas aap ishaara kare aur belladona, samundar ka seena cheerane ke liye taiyaar hai... samudri seema par hamaare ship me maujood hathiyaaro ki cheking na ho.. iska maine intajaam kar diya tha... "

"Naayar tumane manual map check kiya na ..? kyonki, yadi signal kharaab hua to vo map hee hamaare kaam aaega aur ye goro ko kyoon liya..?"

"ye yahaan tat ke aise log hain, jinhen sharaab mile, to ye kaam kee chinta bilkul bhee nahin karate. inme se kuchh us ilaind kee saphar kar rahe hai.. jo beech me padega... jagah to vaise bhee bahut khaali hai to inhe us ilaind tak chhodane ke evaj me inse kaam le liya jaayega aur rahee baat map kee to vah main chambar mein mainn already fit kar diya gaya hai... aapko kisi bhee cheej kee phikr karane kee koi jaroorat nahin hai... mere rahate hue to bilkul bhee nahin..." vahee Rubi ke paas khade Ron ko ye bilkul bhee raas nahin aaya kee, uske rahate huye... koi usse bhee jyaada hoshiyaar aur chaalaak use mahasoos ho... par Naayar aur Rubi ke beech kee is chhotee see baat -cheet ne Naayar ke prati Ron ke andar irshya ka bhaav bhar diya tha, upar se Ron kee jagah use kaptaan banaaya gaya tha.. isaliye Ron ka kaleja aur jal utha... jab usne khud mahasoos kiya kee Naaayar kaptaan pad ke liye yogya bhee hai to.... usse raha nahin gaya aur vo taana maarate huye Naayar se bola... "tumhaara ye behooda bada sa naksha... jo tum logo ne us behooda kamare me laga kar rakha hai na... vo Atlantic ko paar karane ke baad kaam nahin karega... kyonki aankhe dhundhala jayengee kohre me... to Rubi daarling, theek yahee rahega ki kaptaan mujhe bana do... "

" maim... ye jaahil kaun hai.. pahanaave se to majadoor lag raha hai... phir ye yahaan, aapke saath.." ron ne apne jeb se sharaab kee botal nikaalee aur seedhe munh se lagaakar do ghoont maara...

" mera naam majadoor nahin hai be .. mera naam to Ron hai.. The Ron...mashahoor shikaari.."

" mashahoor shikaaree...? par maine to tumhaara naam kabhee suna hee nahin..."

"kisi ne nahin suna.... kyonki ye ek bahut bade raaj kee baat hai..."
Story ka flow or interest to bharta hi ja raha h

Boht Maza ane Wala h is thread pe yahooo:toohappy:
 
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