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Fantasy Samundar Ka Shikari ~ सम्राट मार्टिन की सल्तनत

ashish_1982_in

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#5. RAAJ ~राज



आदित्य की भाषा समझना बाहरी दुनिया से कट कर रह रहे आइलैंड के उन लोगो के लिए कठिन था... इसलिए कैप्टन आदित्य के इस कई बार कुछ पूछने पर कोई उत्तर देने की बजाय वो सभी एक -दूसरे का मुँह ताकने लगते और जब आदित्य खिसिया कर जोर से उनपर हड़कता तो वो डरकर तीर -धनुष और भाला आदित्य की ओर कर देते. कुछ देर आँखे खोले वही पडे -पडे आदित्य उन लोगो को देखता रहा और फिर आईलैंड के लोगों की तरफ हाथ बढ़ाया.. ताकि वह उसे पकड़ कर कम से कम उठने में तो उसकी मदद करें. लेकिन आईलैंड के लोग आदित्य के हाथ बढ़ाते ही तुरंत दो कदम पीछे हट गऐ और अपने -अपने हथियार को आदित्य पर फिर से तान दिया...


"लगता है यह साले सब के सब जंगली है ... मेरी तरह अंग्रेजी नहीं जानते. कोई बात नहीं, अपुन गूंगो के माफिक़ इशारे में बात करेगा..." आदित्य ने मन में सोचा और एक बार फिर अपना हाथ उन जंगलियों की तरफ उसे उठाने का इशारा करते हुए बढ़ाया ताकि वो उसे उठने मे मदद करें... लेकिन अबकी बार उस आइलैंड के निवासी पहले से भी ज्यादा उचक कर पीछे हट गये....

"अरे तुम सबकी फट क्यों रही है... मैं भी तुम्हारी तरह एक इंसान हूं"


आदित्य की भाषा उन लोगों के लिए बिल्कुल समझ से परे थी. ऊपर से आदित्य का रवैया... वह लोग हुआ-हुआ करते हुए एक दूसरे से अपनी भाषा में बात करने लगे...


" सालों, तुमको हिंदी भी समझ नहीं आती... शुद्ध जंगली हो का बे.."


जवाब मे आदित्य को केवल उन लोगों के द्वारा हुआ-हुआ सुनने को मिला, जो वो एक दूसरे के साथ अपने -अपने हथियारों की तरफ कुछ इशारा करके कर रहे थे...


" कहां फस गया यार, एक तो वह पिछवाड़े से आग फेकने वाले पंछियो ने पहले ही मार रखी है, ऊपर से यह हुआ-हुआ, पता नहीं इन लोगों को क्या हुआ... "आदित्य अपना सर पकड़ कर बैठते हुए बड़बड़ाया और वहां मौजूद लोगों को आपस मे हुआ -हुआ करते हुए देखता रहा...


वहां मौजूद आइलैंड के सभी लोगों मे ... चाहे वह पुरुष हो या महिला, सभी के कान और नाक में छेद थे और लोहे के आभूषड़ो से सुसज्जित थे. कुछ लोगो ने लकड़ियों के आभूषण भी धारण किया हुआ था. कुछ अपना निचला होंठ तक छेदवाया हुआ था. एकमात्र चीज जो आदित्य को उन जंगलियों को अच्छी लगी वो ये कि... पुरुष हो या स्त्री... सभी ने सिर्फ कमर के नीचे ही वस्त्र धारण किया हुआ था.. कमर के ऊपर सब बिना कपड़ो के ही थे. जिससे उस आइलैंड की जवान महिलाएं, जिनकी छाती क़सी हुई थी... उनकी छातियों को देख आदित्य का लंड पैंट मे ही टनटना उठा और जब आदित्य ने उन्ही मे से एक जवान औरत की छातियों को देख अपने लंड को बाहर से मसला तो उसकी ये हरकत आइलैंड के उन लोगो को बहुत ख़राब लगी और वो सभी गुस्से से आपस मे हुआ -हुआ करते हुए आदित्य को घूर कर देखने लगे. आदित्य उन जंगलियों को अपनी तरफ घूरता देख अपना सिर नीचे कर लिया और तिरछी नज़र से औरतों का सीना देख कर फिर से अपने लंड को पैंट के ऊपर से मसला



"यह जंगली कही मुझे कच्चा खाने का विचार तो नहीं कर रहे है...? शकल से ही नरभक्षी मालूम पड़ते है... हे! समुंदर की देवी, प्लीज मेरी मदद करिये.. आइंदा कभी शराब के नशे मे आपको सोच कर गंदे -गंदे खयाल मन मे नहीं लाऊंगा...."


"भाषा से तो भारतीय प्रायद्वीप के लगते हो .... हिंदुस्तानी हो क्या ? "इतने में उन लोगों के बीच में से ही कोई बोला, जो अभी-अभी वहां आया था.



एक पल के लिए आदित्य को अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ कि कोई उससे हिंदी में बात कर रहा है... उसने तो अपने शरीर के मांस को इन जंगलिओं के मुंह में कच्चा चबाने तक की भी कल्पना कर ली थी.. पर मानो समुन्दर की देवी आज उसपर मेहरबान थी. वरना इन जंगलियों के बीच मे से वो हिंदी बोलने वाला शख्स अचानक कैसे वहा आ धमकता...? आदित्य ने ऊपर देखा.. लगभग उसी के उम्र का 30-32 साल का एक नौजवान उसकी तरफ देख रहा था... जो अभी -अभी आइलैंड के अंदर से किसी के किनारे पर आने की खबर सुनकर वहा आया था


" क्या तुम्हें हिंदी आती है... "आदित्य ने उस नौजवान से पूछा


" हां, मैं हिंदी समझ सकता हूं"


"गुड , मुझे यहां से बाहर निकलने का रास्ता बताओ..."


"थोड़ी देर आराम कर लो.. फिर इस बारे में बात करेंगे"


" इन लोगो के बीच आराम...? जहा हर पल ये नरभक्षी मुझे सिर्फ और सिर्फ मांस के टुकड़े की तरह देख रहे है... बिल्कुल नहीं.. मुझे जल्द से जल्द यहां से बाहर निकलना है... "


"ठीक है, रुको मैं इंतजाम.. देखता हूं" इतना कहकर उस नौजवान ने आइलैंड के लोगो से उनकी ही भाषा मे कुछ कहा...
उस हिंदी में बात करने वाले नौजवान के आने के बाद, वहां मौजूद जंगली लोग धीरे-धीरे एक -एक करके वहां से जाने लगे थे और कुछ देर बाद वहां किनारे पर सिर्फ आदित्य और वह नौजवान ही थे.


" अभी समुंदर को तैर कर पार करना पड़ेगा या फिर कोई इंतजाम किया है... "आदित्य ने कुछ देर बीत जाने पर फिर से उस नौजवान से पूछा


" मैंने अपने लोगों से बात की है.. वह देखो पीछे.."



आदित्य पीछे मुड़ा, उस आइलैंड के जंगली लोगो मे से चार लोग अपने कांधे पर एक छोटी सी नाव टांग कर उसी की तरफ आ रहे थे, जिनसे थोड़ी देर पहले आदित्य भयभीत हो उठा था.... आइलैंड के उस नौजवान ने आदित्य को एक पतवार की तरफ इशारा किया और इशारा पाते ही आदित्य ने वह पतवार उठा लिया. जिसके थोड़ी देर बाद दोनों नाव में बैठे और पतवार को समुन्दर की पानी मे लहराते हुए धीरे धीरे उस आइलैंड से दूर होने लगे....


"अच्छा एक बात बताओ, हम लोग हैं कहां.. मतलब यह जगह कौन सी है..?"जब आइलैंड उनकी आँखों से ओझल हो गया तो आदित्य ने नाव मैं बैठे उस नौजवान से पूछा


" पता नहीं...."


" यहां रहता है और तुझे पता नहीं..? "आदित्य को मन ही मन किसी गड़बड़ी की आशंका हुई


"हमें कभी जरूरत ही नहीं पड़ी यह जानने की..."


"कुछ भी...? वैसे तेरा नाम क्या है "


"राज.."


"क्या..? राज..? "आदित्य चौका... उसे लगा था कि इसका नाम किसी जंगली की तरह होगा, पर ऐसा नहीं था... राज, आदित्य के मन की उलझन को समझ गया और बोला..


"मैं इस आइलैंड का निवासी नहीं हूँ... मैं छोटा था, तब हमारे घर से मुझे और मेरी मां को कुछ अजीब लोगों ने जबरदस्ती उठा लिया था, मुझे ठीक से तो याद नहीं पर मुझे समुन्दर मे डूबने का सपना अब भी आता है... इस विशाल समुन्दर ने मुझे और मेरी मां को निगल लिया... फिर पता नहीं क्या हुआ.. मैं समंदर में बहते हुए यहां आ गया, जैसे की आज तुम आए और तुमसे पहले भी कई लोग आ चुके है.. .इन लोगों ने ही मुझे बचाया और पाल पोस कर बड़ा किया... पर फिर जब मै किशोरावस्था की दहलीज पर कदम रखा तो आइलैंड से बाहर आना जाना शरू हो गया... बस वही से मैने भिन्न -भिन्न जगहों पर जाकर कई भाषाएँ सीखी जिसमे से तुम जिस भाषा मे मेरे आइलैंड के लोगो से बात कर रहे थे, वो भी शामिल है और ये नाम मुझे मेरी माँ ने दिया था... मुझे मेरी माँ की शक्ल तक याद नहीं, लेकिन ये नाम मेरे जहन मे हमेशा तरो -ताजा रहा.. .क्योंकि इसी नाम से एक महिला अकसर सपने मे डूबते हुए मेरा नाम पुकारती है... वो अवश्य ही मेरी माँ होगी, क्योंकि अपने आखिर वक़्त पर वो मेरे माथे पर किस करके रोते हुए दूर धकेल देती है... मानो उन्हें किसी तरह मालूम हो कि, मैं नहीं डूबने वाला और ऐसा हुआ भी.... मैं, सपने मे उन्हें बचाने की कोशिश भी करता हूँ, पर कभी कामयाब नहीं रहता और फिर समुन्दर मे उनकी जान निकलता देख... उन्हें समुन्दर की सतह की ओर डूबते हुए देखता हूँ "



"अब समझा तुझे हिंदी कैसे आती है... तू इन जंगलियों में से नहीं है.. है ना.. सच कहा ना मैंने..."

" अब क्या समंदर में कूद जाऊ, तब ही यकीन करोगे...?

********
********

"रॉन , तुमने कैप्टन नायर को कहीं देखा..?... " डेक पर जहाज के सबसे आखिरी छोर पर खड़ा रॉन जिस दिशा मे जहाज बढ़ रहा था, उधर अपनी नजरें गड़ाए दूर तक देखने की कोशिश कर रहा था... जितनी बडी लहरे, बेलाडोना से टकरा रही थी उससे भी कही ज्यादा बडी लहरे रॉन के मन मे उसके विचारों की टकरा रही थी... की तभी रूबी ने रॉन से नायर के बारे मे सवाल करके उसकी एकाग्रता भंग की ...


"मुझे क्या मालूम.. होगा कहीं"


" पूरे जहाज में ढूंढ लिया, जहाज में काम करने वाले आदमियों से भी ढूंढवाया... पर कैप्टन का कुछ पता नहीं...."


"यह तो बहुत बुरा हुआ.. पर कप्तान नायर आखिर गया कहा...?? कही मुझसे डरकर भाग तो नहीं गया रात मे..? मुझे तो ऐसा ही लग रहा है... पर तुम हार मत मानना जानेमन.. तुम ढूंढो और मुझे खबर करना, यदि मिल जाए तो.. अभी मुझे कुछ काम करना है"


रॉन वहां से दूर आ गया और अपने जेब से नक्शा निकाल उस नक्शे में कुछ देखने लगा..


" अच्छा तो... समुंदर के बीच इस रेगिस्तान में सम्राट मार्टिन का वो जादूई नक्शा दफन है... लेकिन उस रेगिस्तान तक पहुंचा कैसे जाए...? बिना उस नक्शे के मैं समुंदर का रास्ता भी नहीं पहचान पाऊंगा और ना ही मुर्दो के जहाज पर कब्ज़ा कर पाउँगा... बड़ी दुविधा है. कैसे जाऊं, कैसे वह नक्शा, वहां से निकालू...."


"रॉन , तुमने कैप्टन सर को कहीं देखा.... "नायर का पता ढूंढते ढूंढते अब सेठ ने रॉन को टोका


" अब तू कौन है बे.. और यह सब उस कप्तान को क्यों ढूंढ रहे हैं..? जब की वो डर कर रात मे भाग गया... "

" पहली बात तो ये की.. कप्तान के बारे मे कायदे से बात कर. और दूसरी बात ये की बिना कैप्टन के इस जहाज को आगे कौन ले जाएगा.. तू...? बस इसीलिए सब कप्तान को ढूंढ रहे हैं "

" अगर ऐसा है तो... मैं तैयार हूं... बना दो मुझे कप्तान. सच कहता हूं.. एक -एक को जिंदा वापस लाऊंगा"

" तू और कप्तान... हा हा हा हा... शक्ल है तेरी कैप्टन बनने की..."


"शक्ल पर जाएं तो फिर तो तू इस जहाज में शौचालय साफ करने के लायक़ भी नहीं.... पर फिर भी तू इस जहाज मे है, इतनी बेकार शक्ल होने के बावजूद. इसलिए चल फुट यहाँ से..."


" अभी मुझे कप्तान को ढूंढना है, इसीलिए जा रहा हूं.... पर अगली बार... तुझे जवाब जरूर दूंगा."


" मुझे इंतजार रहेगा.. तेरे उस जवाब का.. बदसूरत शकल वाले आदमी.... "



नायर के जहाज पर ना होने की वजह से पुरे जहाज मे अफरा -तफरी मच गई. जहाज में मौजूद सभी लोग, नायर को कई बार पूरे जहाज में ढूंढ चुके थे, लेकिन नायर का कहीं कोई अता पता नहीं चला... सब हैरान थे कि रातों-रात आखिर नायर गायब कहां हो गया. रूबी भी अब अपने कमरे में नायर को लेकर परेशान थी, क्योंकि जहाज को बहुत देर तक बिना कप्तान के छोड़ा नहीं जा सकता था.... ऊपर से रूबी अपने जिस मिशन पर निकली थी, उस मिशन मे नायर का बहुत बड़ा रोल था... लेकिन अब जब नायर ही गायब था तो रूबी का यूँ परेशान होना लाजिमी था...


"क्या सोच रही हो जानेमन..."रूबी के कमरे मे बिना पूछे सीधे अंदर आते हुए रॉन ने उससे पूछा

" रॉन , तुम यहां..? मेरे रूम में क्या कर रहे हो...? वो भी मुझसे बिना पूछे..."

" कुछ नहीं.. बस ऐसे ही... मन नहीं लग रहा था तो.. सोचा.. कोई तड़कती-फड़कती चीज ही देख लू और फिर तुम्हारा ध्यान आया"

" बकवास नहीं, रॉन... मै इस समय बहुत परेशान हूँ... पता नहीं नायर कहां गायब हो गया..."


" तुम लोग उसकी इतनी फिक्र क्यों कर रहे हो...? डर के भाग गया होगा. अभी भी वक्त है, मुझे बना दो कप्तान और मेरे गुलाम बन जाओ तुम सब. फिर देखो मेरा प्लान.... इस जहाज को क्लच के साथ अगला ब्रेक मार के, समुंदर में जहाज को ऐसे ड्रिफ्ट कराऊंगा ना....की.. समुंदर की सारी मछलियां पेला जाएंगी...."


" 1 मिनट... रॉन.... कहीं.... तुमने.... तो.... कुछ....नहीं.... किया..."रुक -रुक कर एक -एक शब्द पर वजन देकर रुबीना ने अपनी शंका व्यक्त की और फिर रॉन के चेहरे की ओर देखने लगी


"क्या ...?? मै.... मै...? तौबा -तौबा.. कैसी बात कर रही हो... अपने दिल से पूछो, तुम्हे जवाब मिल जायेगा और भला मै क्या कर सकता हूं.. मै तो मामूली सा सिर्फ एक जहाजी हूँ... कहा बहादुर कप्तान नायर और कहा मैं हर समय शराब के नशे मे टुन्न रहने वाला दो कौड़ी का शराबी "रूबी की आँखों मे आँखे डालकर देखकर रॉन उदास होते हुए बोला... " आज तुमने दिल तोड़ दिया मेरा ये कहकर रूबी, इतना दिल तो मेरा तब भी नहीं टूटा था.. ज़ब मैने तुमहरी सेक्रेटरी का महीनों पहले पोर्ट ऑफ़ कोलकाता मे पिछवाड़ा दबाया था.."


"सॉरी... रॉन.. मै भी क्या बोल दी.."


"कोई बात नहीं... हम दोनों तो दो जान एक जिस्म की तरह है.. मेरा मतलब दो जिस्म, एक जान की तरह..."कहते हुए रॉन ने रूबी को आँख मार दी...


" तुम मुझ पर चांस मारना बंद करो.. मैं तुम्हें कभी नहीं मिलने वाली."


" सब शुरू में यही बोलते हैं... पर फिर...... वैसे मैंने तुमसे सुंदर, सुंदरी आज तक नहीं देखी. पर वो छोड़ो, मुझे तुमसे एक काम की बात करनी है.."


"काम की बात.. और तुम...??"
very nice update bhai
 
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ये राॅन और आदित्य दोनों कुम्भ मेले में बिछड़े हुए भाई लगते हैं । दोनों की जबान तो एक है ही शौक भी एक ही है । :D

राज की कहानी बहुत ही दुखद भरी है । मां ने उसे कई साल पहले समुंदर में डूबने से बचाते हुए अपनी जान दे दी थी ।
आदित्य और राॅन उस आइलैंड से निकल चुके हैं और शायद बीच रास्ते में ही वह शिप दिखाई दे जिसपर रूबिना और राॅन सफर कर रहे हैं । शायद उनकी जर्नी भी उसी शिप पर हो ।

सम्राट मार्टिन का जिक्र पहले अपडेट में यूं ही नहीं आया था । लगता है वो भी किसी खजाने की तलाश में थे और ड्रैगन के हमला करने पर वहां से भाग निकले थे । वहां से भागते वक्त शायद उनकी शिप समंदर में ही डुब चुकी थी । उसी जहाज को शाय़द मुर्दों का जहाज़ के नाम से पुकारा गया है ।
राॅन की तलाश उस जहाज और उस रेगिस्तान की है जिससे वो खजाने को हासिल कर सके ।
( कुछ कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है मुझे )

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ज्ञानी भाई । वैसे " युग पुरुष " नाम भी बहुत ही बढ़िया है ।
जगमग जगमग अपडेट ।
 

Kingfisher

💞 soft hearted person 💞
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I think ki vo dragon samundar me chipe khajane ki security karte ho ?? Agar aisa hai to fir captain Aditya bhi usi khajane or liye gya Hoga , agar Ron or Aditya sath sath ho Jaye to kya kehne .....
 

Yug Purush

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ये राॅन और आदित्य दोनों कुम्भ मेले में बिछड़े हुए भाई लगते हैं । दोनों की जबान तो एक है ही शौक भी एक ही है । :D

राज की कहानी बहुत ही दुखद भरी है । मां ने उसे कई साल पहले समुंदर में डूबने से बचाते हुए अपनी जान दे दी थी ।
आदित्य और राॅन उस आइलैंड से निकल चुके हैं और शायद बीच रास्ते में ही वह शिप दिखाई दे जिसपर रूबिना और राॅन सफर कर रहे हैं । शायद उनकी जर्नी भी उसी शिप पर हो ।

सम्राट मार्टिन का जिक्र पहले अपडेट में यूं ही नहीं आया था । लगता है वो भी किसी खजाने की तलाश में थे और ड्रैगन के हमला करने पर वहां से भाग निकले थे । वहां से भागते वक्त शायद उनकी शिप समंदर में ही डुब चुकी थी । उसी जहाज को शाय़द मुर्दों का जहाज़ के नाम से पुकारा गया है ।
राॅन की तलाश उस जहाज और उस रेगिस्तान की है जिससे वो खजाने को हासिल कर सके ।
( कुछ कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा है मुझे )

आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ज्ञानी भाई । वैसे " युग पुरुष " नाम भी बहुत ही बढ़िया है ।
जगमग जगमग अपडेट ।
Ab kya kahu.. Sab kuch to guess kar liya 😑😑😑😑 :bow:
Ohhh lounge / CC vale Babu Ji kripya SS me akar Rubi / Riya dono me se kisi ko bhi Ron ke dvara pelva do :sex: ek masoom reader ki akhiri eccha Puri kardo bcoz kal kisne Dekha
Kal apun deta update... Par fir edit wala kaam aa gaya.. Aaj dunga
ये रोन भी हर्टलेश आदमी लगता है , नायर की मौत का ऐसे जरा भी अफसोस नहीं है , हार स्थिति में अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहता है ।इनकी बातो से लग रहा है कि अगर ये कप्तान बन गया तो सायाद किसी की भी नहीं चलने देगा । अब ये मार्टिन के मेप का क्या लफड़ा है जिसे रोन पाना चाहता है ? शायद उसके बिना पहुंचना मुश्किल ही
Sochne wali baat hai ron jaisa aadmi rubi ke liye to aayega nahi is maut ke kue me......... Uska bhi koyi swarth hoga
ये आदित्य अमावस्या की रात को पैदा हुआ लगता है ,इंसान और शैतान का कॉम्बो है । साला ठरकी इस सिचुएशन में भी अपनी थरकपन्न को नहीं छोड़ रहा , वैसे गलती इसकी भी नहीं है इतनी हॉट हॉट लड़कियां औरते जब इसके सामने अधनंगी घूमेगी तो ये भी क्या कर सकता है
Tu hee sahi samjha hai aditya ko :D
Naayar ka kya huya yea dekhna baki raha ..
Jinda rakhe yaa maar de??? :D fir uski beti ron se badla lene aayegi :yes1: 🙄🙄

Bahut badhiya
:thanx:

Sai naya update badhiya tha,
Raj ka kaptan Aditya se milna gajab ka sanjog he.
Aur Ron ke kand ka pata jab chalega tav uska kya hota he he dekhna he.
Rubi ki sulag jayegi puri😁😁😁😁
Mast mazedaar update bro, aakhir Ron kon se kaam ki bath karega:think:
Kaam vasna 😜
Nice Update dost 😍
Tum bhi ho idhar :eek:
Ron aur nayar ke bich dusmani chid chuki thi, sabke saamne bahas bhi ho gaya tha to nayar ko na dekh jahaj par, shaq ki sui to Ron pe hi jayegi na..
Usko bahas nahi kah sakte... Ron bahas nahi karta :cool: aur wo bhi kone me baat kr rhe the dono.. Riya thi jab.
राॅन ने रूबिना के साथ एकसठ बासठ भी कर लिया और हमें पता ही नहीं लगा ! थोड़ा लाइव साइव तो दिखाना चाहिए था न ज्ञानी भाई ! इसी बहाने रीडर्स भी ठंडी आहें भर लेते । :D
Abhi hua nahi hai..wo ron ke khud ke room ka towel tha.. Jo free me daru pine ke liye rubi ka bata raha tha
बेलाडोना ' पर एक ठरकी राॅन कम था जो दूसरा आने की तैयारी में है ! आदित्य , ये बचा कैसे ? उसकी जहाज तो समुंदर के अंदर समा गई थी और वो भी डेविल्स ट्राएंगल में ।
Captain hai.. Thoda bahut to hunar hoga... Tharki hai to kya hua, kabil nahi hota to kya APEX PREDATOR usko kabhi pure jahaj ka malik bana kar bhejta 😁
Ron aabhi bhi bin nahaye ghum raha hai or captain hona ka sapna bhi sath mi dekh kar apne kismat aajmate huye captain Jack ki tarha kuch kalabajiya
Gin rahe ho kya bhai ki.. Nahaya hai ya nahi :D
:shocking: new story
:congrats: kal charo update padhunga rebo 5th update se dunga :shy:
Aaj 6th dunga :buttkick:
Bhai sahab ye kis line me aa gaye aap? 😂😂😂
Bahute Badhiya update tha. Maja aa gaya
Apun is line me hamesha se tha 😜😜😜 :cool: aisa kyun bola waise???
Wese ye bnda h mast fakir
Ron ne ek tawal ka itna bakhera khara kia k wo rubi k bathroom Mai rubi ki chodai kerte hoy tawal utha laya bari kuti cheez maloom hovy h the Ron
Na na.. Choda nahi bhai.. Rubi ko. Wo aise hee thodi de degi. Wo to free me sharab peene ke liye rubi ka bf bata raha tha waha... Ki towel rubi ka room hai.. Jabki actual me towel ron ka he tha :D

Ron khud na naha Kar Naayar ko nahani ki liye bhej dia or Aadi toh zinda Hai or ret mi unglee karte huye aakhe bhi khol li hai:perfect:.. Mast update bro...
:lol1:
aur iska naksha dekh kar mujhe captain Jack sparrow ki yaad aa gayi, ron ka character usase bahot match karta hai,
Jack sparrow se inspired hokar hee to ye story likha tha main... Jab 19 saal ka tha :baby: thanx ;)
Part 2 hi likh dalte isska..
Itne saalo baad to drgon holder ki yaad aayi hai tumko... ussme bhi edit krr rahe ho story..
Naya look dedo issko.. ore puraani wali ka link daal do... jisne nhi padhi hogi.. wo padh lega
Padho to pahle :bike: naya lagega... 50 % new hai aur.... Aur fir aage padhoge to maloom chal jayega :shy:
:congrats: Yug Purush Bhai for completing 14 pages + 8660 view's +128 masseuses on your thread keep going and entertaining
:doh:

Eski payment to eske Sharab me hi kharch ho jati hogi Kitna pita hai ye Khair apni monkey harkto se nayar Ka happy birthday Kar Diya sala nayar ek Acha armi tha re Baba ... let's see ki nayar Bach pata hai ya nhi
Ohh Teri ye kya tharki 1 jinda hai ...sala panouti Lagta hai eski jahaj Ka ek bhi member jinda nhi bcha par .... Hawasi ek ko chodkar Kisi ki bur ko nhi choda ...apne sathi ki chinta ko chod faltu ki backchodi Karne lga ... Ab gas gya island me dekhte hai bahar kaise niklta hai ..mujhe aisa kyo lag rha hai ki jis do tapu / island ki bat Ron Kar rha tha usme se ek yhi
Gaad faad funny reboo :lotpot::rock1:
To Akhir Nayar jal main gir hi gaya


Super update bhai ji
Careful what you wish for...:evillaugh:
Ron Ka bhi koi flashback hai ? Ye fantasy story hai to kya Esme magic dekhne ko milega ya fir dragon hi Fantasy Ka karya barya bakhubi nibhayege
End last swal kya Ron chut / bur hi Marta hai ya ass/ Gand bhi Marta hai with deepthrout
Sab milega..chudayi, thukayi, jadu :evilgrin:
Mujhe Lagta hai Rubi ek negative kirdar hai apne fayde ke liye kis had tak gujar sakte hai ye yha ache se prastut Kar Diya matalab Riya par apni position ki thons jma Kar Ron ke sath humbister hone ko bolna , Ron ko Jane ke liye manne ke liye apna anng pradarshan Karna
Khair Ron ko Raji Hona hi sath Rubi ke sath chalne ke
Is story me sab negative hai bhai.. Ek dusre ko chodna chahte hai :D meri tarah koyi bhi sharif nahi :sigh:
:faint: har jagah kajal thodi hoti hai :doh:
अभी आपने नैना के कारनामें नहीं देखे निश्छल & हेला वाले... Lounge tak me thread khulwa rahi thi :D
Ron ko pehle viswash hi nahi hua ki kamini rubi usse milne aayi hai waise wo ushe bhali bhaanti samajh gaya tha ki jarur koi badi baat hogi nahi todi na aise sasti Sharab khane mein ushe dhundte huye aayegi..
So deal pakki huyi aur ye chal pade sabhi khajane ki talash mein triangle ki aurr...
Hmm.. Wohi is journey mein Ron abhi se jalne laga nayar se... are ushe dhakka deke jahaj ke niche bich samundar fek do, simple...
Na rahegi baans na bajegi bansuri :p:
Khair...
Waise rubi apne swarth ke liye kuch bhi kar sakti hai,
Let's see what happens next
Brilliant update with awesome writing skills :applause: :applause:
Ju najar laga di nayar pe :sigh: हत्यारिन नैना
Kash is story pe Kajal bhi hoti :p:
next update bhai ji
very nice update
Nice update
superbb update bro
Can an update come today... that too hot and sexy...if it comes , I wish would be of The Ron & miss Rubina khan ...if it's happens...I will give this story a high ratings in the IMDb ... To jald se ek update De do
very nice update bhai
Waiting for next update
Waiting for next
Waiting..
Waiting for next update Bhai sa @Sgp2009
:congrats: for the new story gyani bhau
Jabardast update bhai
Mast shaandar update
Shandaar update bhai ji

chalo koi to mila aaditya ko jo hindi bhi bolta hai
Shaandaar update bhai
Nice Update dost 😍
Kaun tha wo ???
Fantastic
Yar yeh story one piece bante jaa rahe hae .. decades poore kerne ka khyal hae dost? Pehly iss ko complete kero phir woh bhi perh lein gay iss ko yaha interesting bana k ap ron waly pe shuru ho gaye ..this is unfair
:superb: :good: :perfect: awesome update hai Yug Purush bhai,
Behad hi shandaar, lajawab aur amazing update hai bhai,
aditya ab us anjaan island se nikal gaya hai raj ke saath,
vahin idhar jahaj par captain nayar ki khoj joro shoro se chal rahi hai,
Ab dekhte hain ki aage kya hota hai,
Waiting for next update
awesome update
majedar update ..captan aditya ki mulakat raj se ho gayi hai .
ron ne to niche hi fenk diya nayar ko 🤣🤣..
superbbb update bro
Bahot shaandaar zaberdast mazedaar lajawab update bhai
Bahot behtareen shaandaar zaberdast lajawab update bhai
Update kaha hai SGP 2009 Sahab.... Waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting waiting :mad1:
Gyani bhau jaldi se ek sexy sexy update do jisme Ron apni sari tharakpann Rubi par nikal de , ager ye possible nhi hai to Riya or Ron Ka flashback dikhao jisme Dino illu illu karte najar aye
Waiting for :sex::declare:es tipe ke update Ka
very nice update bhai
I think ki vo dragon samundar me chipe khajane ki security karte ho ?? Agar aisa hai to fir captain Aditya bhi usi khajane or liye gya Hoga , agar Ron or Aditya sath sath ho Jaye to kya kehne .....
Update???
Partiksha rahegi dost agle update ki


Thank you everyone.... Aur itni asani se kaise guess maar re le ho, wo bhi sahi -sahi... Lagta hai twist dena padega :evillaugh: agla update, Titled: SEX & THE SECRETARY aaj hee postunga.... :yes2:
 

Yug Purush

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#6. Sex
And
The Secretary
" तुम मुझ पर चांस मारना बंद करो.. मैं तुम्हें कभी नहीं मिलने वाली."

" सब शुरू में यही बोलते हैं... पर फिर...... वैसे मैंने तुमसे सुंदर, सुंदरी आज तक नहीं देखी. पर वो छोड़ो, मुझे तुमसे एक काम की बात करनी है.."

"काम की बात.. और तुम...??"

" तुम्हारा जहाज सही दिशा में जा रहा है क्या..? ये वाला रूट घुमा के नहीं पड़ेगा...?? क्योंकि... जहा तक मुझे याद है, मतलब मुझे याद नहीं है.. वो तो मैने तुम्हारे उस बड़े से नक़्शे मे देखा तो पता चला की एक और रास्ता है , पहाड़ियों के बीच से... जो यूँ चुटकीयों मे पैल्लोरा आइलैंड से हमें टच करा देगा "


" शट अप.... जहाज सही दिशा मे जा रहा है रॉन... और सब ठीक चल रहा है, अभी तक तो फिलहाल.. और जिस रास्ते की तुम बात कर रहे हो... बेलाडोना का साइज देखा है तुमने...?? बीच मे फंस जाते..."


"यदि कप्तान सही व्यक्ति को रखती तो, नहीं फंसती .... खैर... मैं यहाँ तुमसे कुछ और बात करने आया हूँ "


"अब तुम जाओ यहां से.... नायर की वजह से आलरेडी मै बहुत टेंशन मे हूँ...."


"अरे पर मेरी बात तो सुनो..."


"Will you, please, get the hell out of here.... Please, Ron... it's a fucking request. It doesn't sound like a request but it is... Trust me "


रुबीना के ये बोलते ही रॉन अपना छोटा सा मुंह लेकर रह गया, उसके मुख से जो शब्द बाहर आने वाले थे.. वो वही उसके भीतर ही रह गये. रॉन वहां से जाने लगा, पर आदत से मजबूर अचानक जैसे उसे कुछ याद आया... वह रूबी के कमरे के दरवाजे के पास पहुंचते ही पीछे पलटा और बोला ...


" तुमने आसमान में सैर करने वाले जानवरों के बारे में कुछ सोचा है... कि यदि उन्होंने हमला कर दिया तो क्या करोगी.."


" आसमान में सैर करने वाले जानवर ? मतलब...? कौवे, चील, बाज....???"


" ना.. उन्हें तो तुम ही कच्चा चबा जाओगी... आसमान मे सैर करने वाले जानवर से मेरा मतलब................. ड्रैगन्स... "


" अच्छा... ड्रैगनस के बारे मे सोचना है...1 मिनट मुझे सोचने दो.. अच्छा,अभी याद आया, मैंने उसके बारे में तो कुछ भी नहीं सोचा.. और जानते हो क्यों ...? "अपनी जगह से खड़े होकर रूबी , रॉन के पास गई. उसने अपना चेहरा रॉन के चेहरे के करीब किया, रॉन को लगा की शायद रूबी उससे इम्प्रेस होकर उसे kiss करेंगी. ये सोचकर ही रॉन का लंड पैंट मे ही सनसना गया और उसने भी अपना चेहरा आँख बंद करके आगे रूबी के चेहरे की तरफ किया...


"मैने ड्रैगन्स के बारे मे नहीं सोचा.... जानते हो क्यूँ....?"अपने होठो को रॉन के होंठो के करीब लाकर रूबी धीमे स्वर मे बोली...


"ना...ना...नहीं... कय..क्य..क्यों...?"


पर रॉन को kiss करने के बजाय रूबी एकदम से चिल्लाकर रॉन का कान फाड़ते हुए बोली

"क्योंकि मैं फालतू की चीजों पर यकीन नहीं करती. यह काम तुम्हारा है, फालतू की बात करना और फालतू चीजों पर यकीन करना... अब जाओ यहाँ से या फिर धक्के देकर निकलवाऊ...?"


"सुनाई नहीं दिया... थोड़ा और तेज बोलोगी.."अपने कान मे उंगली डालकर कोचकते हुए रॉन ने कहा "अलविदा.. मेरी बोतल मेरे बिना बेचैन हो रही होगी. बाद में मिलते हैं."



रॉन , रूबी के कमरे से बाहर आया और हाथ में बोतल लिए पूरे जहाज में घूमने लगा... जहाज में बहुत देर तक इधर उधर घूमने के बाद उसे एक कोने में कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिए, जहा उनसे कुछ दुरी मे रूबी भी खड़ी होकर... नायर के अचानक गुम हो जाने से परेशान थी.... रॉन कोने में खड़े उन लोगों को देख उन्हीं की तरफ बढा. उसने सोचा था की रूबी उसे अपने कमरे से निकालने के बाद चूत मे उंगली करते हुए आराम कर रही होगी... पर वो तो नायर के गुम हो जाने के पीछे पड़ी हुई है, कही इसे सच्चाई का पता चल गया तो...........?? सीधे जहाज से नीचे फेकवा देगी या फिर उसे जिन्दा जहाज से कटवा देगी..



"अबे, तुम लोगों को कोई काम धंधा नहीं है क्या... दिख नहीं रहा, हम लोग गलत दिशा में जा रहे हैं... इस कश्ती को दाएं तरफ मोड़ो... खच्चरो "


रूबी , वैसे तो रॉन की कोई बात इतनी जल्दी नहीं मानती.. पर नायर की अनुपस्थिति में और रॉन के समुद्री समझ के चलते उसने वहां खड़े उन लोगों में से एक को चेक करने का इशारा किया, जैसे रॉन ने कहा था...


"तू बकलोल सफेद लिबास पहने हुए क्यों खड़ा है.. खुद को मेरे रहते हुए कप्तान समझ रहा है क्या.. सुना नही इस जहाज के कप्तान ने क्या बोला.. अभी.."जब रूबी के पास मौजूद एक जहाजी अपनी जगह से नहीं हिला तो रॉन उसपर चिल्लाया


" तुम्हें कैप्टन किसने बना दिया, रॉन..?" आश्चर्य से रूबी पूछी


" मैंने.... खुद ने... वो क्या है की एक जहाज बिना कप्तान के नहीं रह सकता और कोई काबिल भी नहीं है यहाँ मेरे सिवा.. तो मैने खुद को अभी -अभी इस जहाज का कप्तान नियुक्त कर दिया... Captain The Ron... सुनने मे ही कितना अच्छा लगता है. चलो, सब कोई सैल्यूट मारो, अपने नये डैशिंग और डेरिंग कप्तान को..."


" लेकिन जहां तक मुझे याद है, कैप्टन रॉन... मैंने तो जस्ट अभी अभी, सेठ को इस जहाज का नया कैप्टन चुना है. वह भी सबकी सहमति से. और जहां तक मुझे याद है तुम्हारा नाम सेठ नहीं बल्कि रॉन है.. सॉरी... दि रॉन... समुन्दर का शिकारी"


"तुम मेरी तारीफ कर रही हो या बेज्जती..."

"दोनों..."

" पर मैं तो इसे तुम्हारी तारीफ ही समझूंगा.... जानेमन "

" कभी अपने हाथ इस बोतल से अलग करके समझने की कोशिश करो तो सब समझ आ जाएगा... तुम यहाँ आए क्यों हो.."


" तुमने उस लड़की को देखा क्या..?? जो कल रात मेरे साथ थी. पता नहीं कहां गई... सुबह से लापता है. तुम से किसी ने देखा क्या.. उस अंग्रेजन को? कहीं नायर उसे ही लेकर तो नहीं भाग गया... साला, लड़की चोर. वैसे बड़ा मजा आया था उसके साथ कल पूरी रात... मै उसको ढूंढ के आता हूँ... तुम लोग जहाज की स्पीड कम मत होने देना, चाहे जो कुछ भी हो जाए... वरना वो समुद्री दानव एक पल मे मसल कर रख देगा ". बोलते हुए रॉन वहां से चला गया... रॉन के जाने के बाद, वह शख्स वहा आया जिसे रूबी ने जहाज को दाईं ओर मोड़ने के लिए चैंबर रूम में भेजा था...


" मैम, रॉन सही बोल रहा था... चेंबर में लगे नक्शे के अनुसार जहाज को दाएं तरफ ही मोड़ना था. नए कप्तान ने इस पर गौर ही नहीं किया.... अब हमारी दिशा एकदम सही है.. पर ताज्जुब की बात ये है की रॉन को बिना नक़्शे के ये कैसे पता चला की.. जहाज को किस ओर मोड़ना है...? कही उसकी कही हुई सारी बाते सच तो नहीं.. जो वो कल शराब के नशे मे बड़बड़ा रहा था... किसी सम्राट मार्टिन के बरसो पूर्व समुन्दर के सीने मे दफ़न मुर्दो के जहाज के बारे मे...? "


"इस समुन्दर के साथ -साथ रॉन ने भी शायद कई राज अपने भीतर छिपा रखे है.. पर ज्यादा दिन तक नहीं... बस मेरा एक बार काम निकल जाये.. फिर गिन -गिन कर रॉन से अपना बदला लुंगी..."


रात हो चुकी थी. लेकिन जहाज अपनी तीव्र गति से ही आगे बढ़ रहा था... जैसा की उनको रॉन ने करने के लिए कहा था. रूबी के मन में अब भी रॉन की बात खटक रही थी कि बिना नक्शा देखें.. रॉन को कैसे पता चल गया कि जहाज को किस तरफ मोड़ना है और निर्मल चक्रबर्ती की बुक मे उसने किन्ही प्राचीन खूंखार जीवो का भी जिक्र किया था... जो की किसी जहाज को डूबा रहे थे और फिर रॉन द्वारा नशे मे समुन्दर के भीतर दफ़न मुर्दो के जहाज के बारे मे बेलाडोना के जहाजियो से बात करना और उसी पल रूबी के मन में इस रहस्य से पर्दा उठाने का खयाल आया क्योंकि या तो रॉन ने भी निर्मल चक्रबर्ती की किताब पढ़ी है या फिर कोई और ही बात है ........... रूबी ने रॉन की जासूसी करने का सोचा .



रूबी अपने रूम से बाहर निकली और रॉन के रूम की तरफ दबे पांव चल पड़ी. रॉन के रूम के बाहर पहुंच कर रूबी आसपास देखने लगी कि वहा कोई आस -पास है तो नहीं. जब कोई इंसान गलत काम करने लगता है तो अकसर यही होता है, वो अपने अधिकार पर भी संदेह करने लगता है.. यही रूबी के साथ भी हो रहा था. वो इस वक़्त मानो भूल गई थी की वो इस पुरे जहाज की मालकिन है और यदि उसे कोई यहाँ देख भी ले तो किसी मे इतनी हिम्मत नहीं की उससे कोई सवाल कर सके... लेकिन फिर भी रूबी को इस बात का ना जाने क्यों डर सता रहा था की कही उसे कोई ऐसा करते देख ना ले....



रॉन के कमरे के बाहर खड़े होकर उसने दरवाजे को अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था.. इसका मतलब रॉन अभी अंदर है. इस जहाज में बने सभी कमरों में सिर्फ एक कमरे के दरवाजे में छोटा सा छेद था, जो रूबी ने जहाज के पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से चलने से पहले ही करवाया था और वह कमरा उसने जानबूचकर रॉन को दिया था. खास इसी मौके के लिए.....


क्योंकि.... बेलाडोना मे मौजूद सिर्फ एक शख्स पर उसे रत्ती भर भी भरोषा नहीं था और वो शख्स रॉन था. रॉन उसके लिए हमेशा से ही एक रहस्य था , रूबी का ऐसा सोचना था कि रॉन भले ही बाहर से सब को कितना भी बेवकूफ लगे... भले ही वो खुद को कितना भी बड़ा अय्याश, शराबी, व्यभिचारी दिखाएं.. लेकिन अंदर से वह बहुत चालाक और धूर्त है और अपने अंदर अपनी असली पहचान को दबा रहा है और हो ना हो जरूर अपने किसी खास मकसद से उसके साथ आने के लिए तैयार हुआ है... वरना रॉन तो उसकी समझ मे ऐसा आदमी है, जो मरने वाले को एक बूँद पानी तक ना दे.. यदि वो मरने वाला उसके किसी काम का ना हो तो और यदि अपने पे आए तो अपने बाप तक को धोखा देने से पीछे ना हटे.... रूबी ने कई बार रॉन का बैकग्राउंड चेक करने की भी कोशिश की... यहाँ तक की उसने कई जासूस भी रॉन के पीछे लगाए.. लेकिन आज तक उसे रॉन के बारे मे उसे सिर्फ उतना ही मालूम था.. जितना की रॉन ने उसे बताया था. बाकी रॉन के माँ -बाप कौन है, घर कहा है, वो आया कहा से है... आज तक सभी अनजान थे.



रूबी ने दरवाजे के उस छेद से ढक्कन हटाया और अपनी आंख उस छेद से सटाकर कमरे के अंदर नजर मारी , कमरे की लाइट जल रही थी, जिससे अंदर एकदम साफ -साफ देखा जा सकता था की अंदर चल क्या रहा है. दरवाजे के ठीक सामने कुछ दूरी पर रॉन का बिस्तर था, जहां इस वक्त वो एक गोरी लड़की के साथ संभोग क्रीडा में लीन था.. रॉन बिस्तर पर उस लड़की की दोनों टाँगे अपने बाजूओं से पकड़कर फैलाये हुए थे और उन दोनों का शरीर बुरी तरह हिल रहा था... बीच -बीच मे रॉन के धक्के इतने तेज हो जाते की... वो लड़की चीख उठती, लेकिन रॉन के झटके नहीं रुकते बल्कि जब वो उस लड़की दर्द से चीखने लगती तो रॉन उसके पैरो को और मजबूती से पकड़ कर और तेज धक्के मारने लगता.... रूबी वही झुककर छेद से अंदर देखती रही.. रूबी झुके -झुके थक गई, लेकिन रॉन था की इतनी देर से रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और फिर बिस्तर पर नीचे पड़ी हुई उस अंग्रेज लड़की के कुछ बोलने पर रॉन एक पल के लिए रुका और फिर से अपना शरीर आगे पीछे करने लगा... इस दौरान रॉन एक बार और रुका, उसने आस -पास अपनी नजर दौड़ाई तो उसे शराब की बोतल उससे थोड़ी दूर रखी टेबल पर दिखी... रॉन उस लड़की को चोदना छोड़, उसके पैरो को जोर से बिस्तर पर एक ओर पटका और खड़ा लंड लिए टेबल की ओर वो शराब की बोतल लेने के लिए बढ़ा...



और जब वो ऐसा कर रहा था तो रूबी को रॉन का लंड दिखा और उसकी साँसे अटक गई, उसे ऐसा प्रतीत हुआ की रॉन ये लंड उसके मुँह मे कही ना डाल दे.. वरना वो तो दम घुटने से ही मर जायेगी. रॉन का लंड देखते ही रूबी ने अपनी नजरें छेद पर से हटा ली. इधर रॉन मुँह मे बोतल फ़साये वापस बिस्तर की ओर बढ़ा, जिसके बाद रूबी के कानो मे उस लड़की के चीखने की आवाज़ फिर से पड़ने लगी और रूबी ने इस बार अपनी इच्छा से की आगे क्या होता है... रॉन कैसे करता है, ये देखने के लिए अपनी नजरें वापस छेद के माध्यम से कमरे के अंदर घुसाई .. इस दौरान उसके हाथ अपने आप उसकी छातियों तक पहुंच चुके थे और उसकी छातियों को दबा रहे थे.



रूबी की जिंदगी बहुत वीरान थी, माँ तो बचपन मे ही चल बसी थी और पिता, 3 साल पहले दिल के दौरे के कारण इस संसार को अलविदा कह चुके थे... कॉलेज मे रूबी एक लड़के के करीब तो आयी...पर वो सिर्फ तभी तक चला, जब तक कॉलेज चला.. उसके बाद रूबी के मतलबी स्वभाव के कारण ना तो उसका कोई खास दोस्त था और ना ही कोई प्रेमी... और ना ही उसे कभी इन सब चीजों की कमी खाली. इंसान के नाम पर उसकी जिंदगी मे सिर्फ और सिर्फ उसकी सेक्रेटरी थी, जिसे एक जब वो APEX PREDATOR के एक जहाज का दौरा कर रही थी तो रॉन ने उसे धर दबोचा था और जबरदस्ती चोदने वाला था, लेकिन उस दिन वो बच गई और रॉन सिर्फ सेक्रेटरी की चूचियाँ दबा कर उसके गांड पर ऊपर से अपना सिर्फ लंड रगड़ पाया था, इसके बाद जिन लोगो ने रॉन के चंगुल से सेक्रेटरी को बचाया था, इसकी शिकायत उन्होंनो ऊपर कर दी.



और फिर रॉन को APEX PREDATOR कंपनी से बेइज्जत करके निकाल दिया गया था. रूबी की जिंदगी मे सिर्फ उसकी एक सेक्रेटरी ही थी, जिससे वो कभी कभार हस कर दो चार बात कर लिया करती थी और अपना काम निकालने के लिए उसी सेक्रेटरी के शरीर का इस्तेमाल भी करती थी. जैसे जब रुबीना के पिताजी इस दुनिया से चल बसें तो CEO बनने के लिए उसे बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के वोट्स चाहिए थे... तब उसने अपनी सेक्रेटरी के पैसो की तंगी का फायदा उठाते हुए, तीन -तीन ठरकी बोर्ड ऑफ़ मेंबर्स से चुदने के लिए उसे अकेले भेज दिया था और घंटो बाद जब वो APEX PREDATOR के एक जहाज से उन बोर्ड ऑफ़ मेंबर्स के कमरे से निकली तो उसके कपडे जगह -जगह से फटे हुए थे, जिससे उसके शरीर के कई अंगों पर मौजूद निशान भी साफ झलक रहे थे, जो की बेल्ट या चाबुक के थे .. वो ठीक ढंग से ना चल पाने के कारण अपनी टाँगे फैला कर चल रही थी... कई बार तो खुद रुबीना ने भी अपने जिस्म की प्यास उसके जरिये बुझायी थी और आए दिन अपनी सेक्रेटरी से अपनी चूत चटवाती थी और फिर चूत पानी उसी के मुँह मे छोड़ देती थी. रुबीना का कितना भी बिजी शेडूल रहे, वो हफ्ते मे कम से कम दो बार तो जरूर अपनी सेक्रेटेरी के साथ ये कारनामा करती थी.. और उसको अपना चूत पानी पिलाती थी.



लेकिन समुन्दर के इस भयंकर सफर मे अब उसकी सेक्रेटरी उसके साथ नहीं थी.. रूबी ने जान -बुचकर अपनी सेक्रेटरी को अपने साथ नहीं आने दिया, ताकि कोलकाता मे उसके पीठ पीछे Apex Predator कंपनी मे कही बुरी तरह से ही तख्ता पलट ना हो जाए, जिसमे उसे एक चेक काट कर कंपनी से ही निकाल दे.. इसके लिए उसने एक बहुत बडी राशि अपनी सेक्रेटरी को देकर... बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स से चुद -चुद कर कंपनी मे अपनी जगह बचाने के लिए कहा था और जिस दिन बेलाडोना अपने सफर के लिए पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से निकला था.. उसी दिन बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के एक मेंबर ने उसकी सेक्रेटरी की गांड मारते हुए रूबी को कॉल करके धन्यवाद कहा था, उस कॉल मे उस ठरकी मेंबर की सिसकारियों के साथ -साथ उसकी सेक्रेटरी की गांड चुदने की चीखे भी थी... जिसे रुबीना ने पूरी तरह इग्नोर कर दिया.


" क्या माल है तू..एकदम गोरी गोरी... गुलाबी चूत...ऊपर से तेरे यह गोरे गोरे दूध " इसी बीच रॉन के मुँह से जब यह निकला तो रूबी की नजर अपने आप ही उसके खुद के सीने की तरफ चली गई...


गुलाबी कलर के अंतरंग वस्त्रों में बिस्तर पर लेटी हुई अंग्रेजन कयामत ढा रही थी... बाहर छेद से अंदर देखती हुई रूबी को एक पल के लिए ऐसे लगा जैसे कि वह खुद उस बिस्तर पर लेटी हुई है और रॉन उसके ऊपर... पर अगले पल उसने तुरंत ही ये खयाल अपने दिमाग़ से निकाल फेका... रॉन... छी... Yuckkkk


" जल्दी से अपने कपड़े उतारो और... "बिस्तर पर अपनी चूत दबाते हुए गोरी मैम बोली...


" कपड़े का क्या लेना देना.. इन सब से... वापस कौन पहनाएगा मुझे फिर......"



जिस्मानी खेल अंदर हो रहा था और रूबी एक मूक दर्शक की भांति दरवाजे के छेद से उस खेल का पूरा आनंद ले रही थी.... जब अंदर का खेल समाप्त हुआ तो रॉन ने उस गोरी औरत के चूत को अपने पैर से सहलाते हुए वहा से जाने के लिए कहा और उसकी चूत पर अपने पैर से दबाव बनाते हुए अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत मे डाल दिया...

.

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update bhai ji
I think ki vo dragon samundar me chipe khajane ki security karte ho ?? Agar aisa hai to fir captain Aditya bhi usi khajane or liye gya Hoga , agar Ron or Aditya sath sath ho Jaye to kya kehne .....
Update???
Partiksha rahegi dost agle update ki
 

Moon Light

Prime
29,847
28,080
304
#6 Sex
And
The Secretary

"tum mujh par chance maarna band karo.. main tumhe kabhi nahi milne vaali."

" sab shuru mein yahee bolte hain... par phir...... vaise maine tumse sundar, sundari aaj tak nahi dekhi. par vo chhodo, mujhe tumse ek kaam kee baat karni hai.."

"kaam kee baat.. aur tum...??"
"tumhara jahaaj sahi disha mein ja raha hai kya..? ye vaala root ghuma ke nahi padega...?? kyonki... jaha tak mujhe yaad hai, matlab mujhe yaad nahin hai.. vo to maine tumhaare us bade se naqshe me dekha to pata chala ki ek aur raasta hai , pahaadiyon ke beech se... jo yoon chutakiyon me Paillora Island se hame touch kara dega "


" shut up.... jahaaj sahi disha me ja raha hai Ron... aur sab theek chal raha hai, abhi tak to filahal.. aur jis raaste ki tum baat kar rahe ho... Belladona ka size dekha hai tumane...?? beech me fans jaate..."


"yadi kaptaan sahi vyakti ko rakhti to, nahi fansti.... khair... main yahaan tumse kuchh aur baat karne aaya hoon "


"ab tum jao yahaan se.... Naayar ki vajah se already mai bahut tension me hoon...."


"are par meri baat to suno..."


"Will you, please, get the hell out of here.... Please, Ron... it's a fucking request. It doesn't sound like a request but it is... Trust me "


Rubina ke ye bolte hi Ron apna chhota sa munh lekar rah gaya, uske mukh se jo shabd baahar aane vaale the.. vo vahi uske bhitar hee rah gaye. Ron vahaan se jaane laga, par aadat se majaboor achaanak jaise use kuchh yaad aaya... wo Rubi ke kamare ke daravaaje ke paas pahunchate hee peechhe palata aur bola ...


" tumne aasmaan mein sair karne vaale jaanvaron ke baare mein kuchh socha hai... ki yadi unhonne hamla kar diya to kya karogi.."


" aasamaan mein sair karane vaale jaanavar ? matalab...? kauve (crow), cheel, baaj....???"


" na.. unhe to tum hi kachcha chaba jaogi... aasamaan me sair karane vaale jaanavar se mera matalab................. dragons... "


" achchha... dragons ke baare me sochana hai...1 minute mujhe sochne do.. achchha, abh i yaad aaya, maine uske baare mein to kuchh bhi nahin socha.. aur jaante ho kyon ...?"

apni jagah se khade hokar Rubi , Ron ke paas gayi. usne apna chehra Ron ke chehre ke kareeb kiya, Ron ko laga ki shaayad Rubi usse impress hokar use kiss karegi. ye sochkar hi Ron ka lund paint me hi sansana gaya aur usne bhi apna chehra aankh band karke aage Rubi ke chehre ki taraf kiya...


"maine dragons ke baare me nahin socha.... jaanate ho kyoon....?"
apne hotho ko Ron ke hontho ke kareeb laakar Rubi dheeme svar me boli...
"na...na...nahin... kay..ky..kyon...?" par Ron ko kiss karne ke bajaaye Rubi ekdam se chillaakar Ron ka kaan phaadate hue boli


"kyonki main Faltu ki cheejon par yakeen nahin karati. yah kaam tumhaara hai, Faltu ki baat karna aur Faltu cheejon par yakeen karna... ab jao yahaan se ya phir dhakke dekar nikalava u...?"


"sunai nahin diya... thoda aur tej bologi.."apne kaan me ungli daalkar kochakate huye Ron ne kaha

"alvida.. meri bottle mere bina bechain ho rahi hogi. baad mein milte hain."

Ron , Rubi ke kamre se baahar aaya aur haath mein bottle li ye poore jahaaj mein ghumne laga... jahaaj mein bahut der tak idhar udhar ghumne ke baad use ek kone mein kuchh log khade huye dikhai diye, jaha unse kuchh duri me Rubi bhi khadi hokar... Naayar ke achanak gum ho jaane se pareshaan thi.... Ron kone mein khade un logon ko dekh unheen ki tara f badha. usne socha tha ki Rubi use apne kamre se nikalane ke baad choot me ungli karte huye aaraam kar rahi hogi... par vo to Naayar ke gum ho jaane ke peechhe padi huyi hai, kahi ise sachchai ka pata chal gaya to...........?? seedhe jahaaj se neeche phekva degi ya phir use jinda jahaaj se katva degi....


"abe, tum logon ko koi kaam dhandha nahin hai kya... dikh nahin raha, ham log galat disha mein ja rahe hain... is kashti ko dayen taraf modo... khachcharo "


Rubi , vaise to Ron ki koi baat itni jald i nahin maanti.. par Naayar ki anupasthiti mein aur Ron ke samudri samajh ke chalte usne vahaan khade un logon mein se ek ko check karne ka ishaara kiya, jaise Ron ne kaha tha...


"Tu baklol safed libaas pahane huye kyon khada hai.. khud ko mere rahte huye kaptaan samajh raha hai kya.. suna nahi is jahaaj ke kaptaan ne kya bola.. abhee.."
jab Rubi ke paas maujood ek jahaaji apni jagah se nahi hila to Ron uspar chillaaya


"tumhen Caiptan kisne bana diya, Ron..?" aashcharya se Rubi puchhi


" maine.... khud ne... vo kya hai ki ek jahaaj bina kaptaan ke nahin rah sakta aur koi kaabil bhi nahin hai yahaan mere siva.. to maine khud ko abhi -abhi is jahaaj ka kaptaan niyukt kar diya... Captain The Ron... sunne me hi kitna achchha lagata hai. chalo, sab koi Salute maro, apne naye dashing aur daring kaptaan ko..."


" lekin jahaan tak mujhe yaad hai, Caiptan Ron... maine to just abhj abhi, Seth ko is jahaaj ka naya Caiptan chuna hai. vah bhi sabki sahamati se. aur jahaan tak mujhe yaad hai tumhaara naam Seth nahin balki Ron hai.. sorry... The Ron... Samundar ka shikari"


"tum meri tarif kar rahi ho ya beijjati..."

"donon..."

"par main to ise tumhari taariph hee samajhunga.... jaaneman "


" kabhi apne haath is bottle se alag karke samajhne kee koshish karo to sab samajh aa jayega... tum yahaan aaye kyon ho.."


" tumne us ladki ko dekha kya..?? jo kal raat mere saath thi. pata nahin kahaan gayi... subah se laapta hai. tum se kisi ne dekha kya.. us angrejan ko? kahi Naayar use hi lekar to nahin bhaag gaya... saala, ladki chor. vaise bada maja aaya tha uske saath kal poori raat... mai usko dhundh ke aata hoon... tum log jahaaj kee speed kam mat hone dena, chaahe jo kuchh bhi ho jaye... varana vo samudri daanav ek pal me masal kar rakh dega ". bolte huye Ron vahaan se chala gaya... Ron ke jaane ke baad, vah shakhs vaha aaya jise Rubi ne jahaaj ko dayen or modne ke liye chaimbar room mein bheja tha...


" maim, Ron sahi bol raha tha... chembar mein lage nakshe ke anusaar jahaaj ko dayen taraph hi modna tha. naye kaptaan ne is par gaur hi nahin kiya.... ab hamaari disha ekdam sahi hai.. par taajjub ki baat ye hai ki Ron ko bina naqshe ke ye kaise pata chala kee.. jahaaj ko kis or modana hai...? kahi uski kahi huyi sari baate sach to nahin.. jo vo kal sharaab ke nashe me badbada raha tha... kisi Samraat Maartin ke barso poorv samundar ke seene me dafan murdo ke jahaaj ke baare me...? "
"is samundar ke saath -saath Ron ne bhi shaayad kayi raaj apne bheetar chhipa rakhe hai.. par jyaada din tak nahin... bas mera ek baar kaam nikal jaaye.. phir gin -gin kar Ron se apna badala lungi...


Raat ho chukee thee. lekin jahaaj apni teevr gati se hee aage badh raha tha... jaisa ki unko Ron ne karane ke liye kaha tha. Rubi ke man mein ab bhi Ron ki baat khatak rahi thi ki bina naksha dekhen.. Ron ko kaise pata chal gaya ki jahaaj ko kis taraf modna hai aur Nirmal Chakrabarti k i book me usne kinhi praachin khoonkhaar jeevo ka bhi jikr kiya tha... jo ki kisi jahaaj ko duba rahe the aur phir Ron dvaara nashe me samundar ke bheetar dafan murdo ke jahaaj ke baare me belladona ke jahaajiyo se baat karna aur usi pal Rubi ke man mein is rahasya se parda uthaane ka khayaal aaya kyonki ya to Ron ne bhi Nirmal chakrabarti ki kitaab padhi hai ya phir koi aur hi baat hai........... Rubi ne Ron ki jasusi karne ka socha .


Rubi apne room se bahar nikali aur Ron ke room kee taraph dabe paanv chal padi. Ron ke room ke baahar pahunch kar Rubi aaspaas dekhane lagi ki vaha koi aas -paas hai to nahin. jab koi insaan galat kaam karne lagta hai to aksar yahi hota hai, vo apne adhikaar par bhi sandeh karne lagata hai.. yahi Rubi ke saath bhi ho raha tha. vo is waqt maano bhul gayi thi ki vo is pure jahaaj ki maalkin hai aur yadi use koi yahaan dekh bhi le to kisi me itni himmat nahin ki usse koi savaal kar sake... lekin phir bhi Rubi ko is baat ka na jaane kyon dar sata raha tha ki kahi use ki aisa karte dekh na le....


Ron ke kamre ke baahar khade hokar usne darvaaje ko andar dhakelne ki koshish ki, lekin darvaaja andar se band tha.. iska matalab Ron abhi andar hai. is jahaaj mein bane sabhi kamaron mein sirf ek kamare ke daravaaje mein chhota sa chhed tha, jo Rubi ne jahaaj ke port of kolkata se chalane se pahle hi karvaaya tha aur vah kamra usne jaan boojhkar Ron ko diya tha. khaas isi mauke ke liye.....


kyonki.... belladona me maujood sirf ek shakhs par use ratti bhar bhi bharosha nahin tha aur vo shakhs Ron tha. Ron uske liye hamesha se hee ek rahasya tha , Rubi ka aisa sochna tha ki Ron bhale hi baahar se sab ko kitna bhee bevakuf lage... bhale hi vo khud ko kitna bhi bada ayyaash, sharabi, vyabhichaari dikhaye.. lekin andar se vah bahut chalaak aur dhurt hai aur apne andar apni asali pahachaan ko daba raha hai aur ho na ho jarur apne kisi khaas maksad se uske saath aane ke liye taiyaar hua hai... varana Ron to uski samajh me aisa aadmi hai, jo marne vaale ko ek bund pani tak na de.. yadi vo marne vaala uske kisi kaam ka na ho to aur yadi apne pe aaye to apne baap tak ko dhokha dene se peechhe na hate....

Rubi ne kayi baar Ron ka backaground check karne ki bhi koshish ki... yahaan tak ki usne kayi jaasoos bhee Ron ke peechhe lagaye.. lekin aaj tak use Ron ke baare me use sirf utna hi maalum tha.. jitna kee Ron ne use bataaya tha. baki Ron ke maa -baap kaun hai, ghar kaha hai, vo aaya kaha se hai... aaj tak sabhi anajaan the.


Rubi ne darvaaje ke us chhed se dhakkan hataya aur apni aankh us chhed se satakar kamre ke andar najar maari , kamre ki light jal rahi thi. jisse andar ekadam saf -saf dekha ja sakta tha ki andar chal kya raha hai. darvaaje ke theek saamne kuchh doori par Ron ka bistar tha, jahaan is vakt vo ek gori ladki ke saath sambhog krida mein leen tha.. Ron bistar par us ladki ki dono taange apne baajuo se pakadkar phailaaye huye tha aur un dono ka sharir buri tarah hil raha tha... beech -beech me Ron ke dhakke itne tej ho jaate ki... vo ladki cheekh uthti, lekin Ron ke jhatke nahi rukate balki jab vo us ladki dard se cheekhne lagti to Ron uske pairo ko aur majabuti se pakad kar aur tej dhakke maarane lagata....

Rubi vahi jhukkar chhed se andar dekhti rahee.. Rubi jhuke -jhuke thak gayi, lekin Ron tha ki itni der se rukne ka naam hee nahin le raha tha aur phir bistar par neeche padi huyi us angrej ladki ke kuchh bolne par Ron ek pal ke liye ruka aur phir se apna shareer aage peechhe karne laga... is dauraan Ron ek baar aur ruka, usne aas -paas apni najar daudayi to use sharaab ki bottle usse thodi door rakhi table par dikhi... Ron us ladki ko chodna chhod, uske pairo ko jor se bistar par ek or patka aur khada lund liye teble ki or vo sharaab ki bottle lene ke liye badha... aur jab vo aisa kar raha tha to Rubi ko Ron ka lund dikha aur uski saanse atak gayi, use aisa prateet hua ki Ron ye lund uske munh me kahi na daal de.. varna vo to dam ghutane se hi mar jaayegi. Ron ka lund dekhte hi Rubi ne apni najare chhed par se hata li.

idhar Ron munh me bottle fasaaye vaapas bistar ki or badha, jiske baad Rubi ke kaano me us ladki ke cheekhne ki aavaaz phir se padne lagi aur Rubi ne is baar apni ichchha se ki aage kya hota hai... Ron kaise karta hai, ye dekhane ke liye apni najare vaapas chhed ke maadhyam se kamre ke andar ghusai .. is dauran uske haath apne aap uski chhaatiyon tak pahunch chuke the aur uski chhaatiyon ko daba rahe the.


Rubi ki jindagi bahut veeraan thi, maa to bachapan me hee chal basi thi aur pita, 3 saal pahle dil ke daure ke kaaran is sansaar ko alvida kah chuke the... College me Rubi ek ladke ke kareeb to aayi...par vo sirf tabhi tak chala, jab tak college chala.. uske baad Rubi ke matalavi svabhaav ke kaaran na to uska koi khaas dost tha aur na hi koi premi... aur na hi use kabhi in sab cheejon ki kami khali. insaan ke naam par uski jindagi me sirf aur sirf uske secretary thi, jise ek jab vo Apax Pradator ke ek jahaaj ka daura kar rahi thee to Ron ne use dhar dabocha tha aur jabaradasti chodne vaala tha
, lekin us din vo bach gayi aur Ron sirf secretary ki choochiyaan daba kar uske gaand par upar se apna sirf lund ragad paaya tha, iske baad jin logo ne Ron ke changul se secretary ko bachaaya tha, iski shikaayat unhonno upar kar dee.


aur phir Ron ko Apax Pradator Company se beijjat karake nikaal diya gaya tha. Rubi kee jindagi me sirf uski ek secretary hee thee, jisse vo kabhi kabhaar has kar do chaar baat kar liya karti thi aur apna kaam nikaalane ke liye usi secretary ke shareer ka istemaal bhi karti thi. jaise jab Rubina ke pitaji is duniya se chal base to CEO banne ke liye use Board of Directors ke votes chaahiye the... tab usne apni secretary ke paiso ki tangi ka Fayda uthaate huye, teen -teen tharki board of membars se chudne ke liye use akele bhej diya tha aur ghanto baad jab vo Apax Pradator ke ek jahaaj se un board of membars ke kamare se nikalibto uske kapde jagah -jagah se phate huye the, jisse uske shareer ke kayi angon par maujood nishaan bhi saaf jhalak rahe the, jo ki belt ya chaabuk ke the .. vo theek dhang se na chal paane ke kaaran apni taange phaila kar chal rahi thi... kayi baar to khud Rubina ne bhi apne jism kee pyaas uske jariye bujhaayee thee aur aaye din apni secretary se apni choot chatvaati thi aur phir choot pani usi ke munh me chhod deti thi. Rubina ka kitna bhi busy schedule rahe, vo hafte me kam se kam do baar to jaroor apni secretary ke saath ye karanama karti thee.. aur usko apna choot pani pilati thi.


lekin samundar ke is bhayankar safar me ab uski secretary uske saath nahin thee.. Rubi ne jaan -bujhakar apni secretary ko apne saath nahin aane diya, taaki kolkata me uske peeth peechhe Apax Pradator Company me kahi buri tarah se hi takhta palat na ho jaye, jisme use ek check kaat kar company se hee nikaal de.. iske liye usne ek bahut badi raashi apni secretary ko dekar... board of directors se chud -chud kar Cmpany me apni jagah bachane ke liye kaha tha aur jis din belladona apne safar ke liye port of kolkata se nikla tha.. usi din board of directors ke ek membar ne uski secretary kee gaand maarte huye Rubi ko call karke dhanyavad kaha tha, us call me us tharaki membar ki sisakaariyon ke saath -saath uski secretary ki gaand chudne ki cheekhe bhee thee... jise Rubina ne poori tarah ignore kar diya.


" kya maal hai tu..ekadam gori gori..... gulabi chut...upar se tere yah gore gore doodh " isi beech Ron ke munh se jab yah nikla to Rubi ki najar apne aap hi uske khud ke seene kee taraf chali gayi.... gulabi colour ke antarang vastron mein bistar par leti huyi angrejan kayaamat dha rahee thee... baahar chhed se andar dekhti huyi Rubi ko ek pal ke liye aise laga jaise ki vah khud us bistar par leti huyi hai aur Ron usake upar... par agle pal usne turant hi ye khayaal apne dimaag se nikaal pheka..

Ron... chhee... yuchkkkk " jaldi se apane kapde utaaro aur..." bistar par apani choot dabaate huye gori maim boli...

" kapade ka kya lena dena.. in sab se... vaapas kaun pahanayega mujhe phir......"

jismaani khel andar ho raha tha aur Rubi ek mook darshak ki bhaanti darvaaje ke chhed se us khel ka poora aanand le rahee thee.... jab andar ka khel samaapt hua to Ron ne us goribaurat ke chut ko apne pair se sahalaate huye vaha se jaane ke liye kaha aur uski choot par apne pair se dabaav banaate huye apne pair ka angootha uski choot me daal diya...
 

ragish7357

MaSooM ReAdeR
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11,116
158
#6. Sex
And
The Secretary


" तुम्हारा जहाज सही दिशा में जा रहा है क्या..? ये वाला रूट घुमा के नहीं पड़ेगा...?? क्योंकि... जहा तक मुझे याद है, मतलब मुझे याद नहीं है.. वो तो मैने तुम्हारे उस बड़े से नक़्शे मे देखा तो पता चला की एक और रास्ता है , पहाड़ियों के बीच से... जो यूँ चुटकीयों मे पैल्लोरा आइलैंड से हमें टच करा देगा "


" शट अप.... जहाज सही दिशा मे जा रहा है रॉन... और सब ठीक चल रहा है, अभी तक तो फिलहाल.. और जिस रास्ते की तुम बात कर रहे हो... बेलाडोना का साइज देखा है तुमने...?? बीच मे फंस जाते..."


"यदि कप्तान सही व्यक्ति को रखती तो, नहीं फंसती .... खैर... मैं यहाँ तुमसे कुछ और बात करने आया हूँ "


"अब तुम जाओ यहां से.... नायर की वजह से आलरेडी मै बहुत टेंशन मे हूँ...."


"अरे पर मेरी बात तो सुनो..."


"Will you, please, get the hell out of here.... Please, Ron... it's a fucking request. It doesn't sound like a request but it is... Trust me "


रुबीना के ये बोलते ही रॉन अपना छोटा सा मुंह लेकर रह गया, उसके मुख से जो शब्द बाहर आने वाले थे.. वो वही उसके भीतर ही रह गये. रॉन वहां से जाने लगा, पर आदत से मजबूर अचानक जैसे उसे कुछ याद आया... वह रूबी के कमरे के दरवाजे के पास पहुंचते ही पीछे पलटा और बोला ...


" तुमने आसमान में सैर करने वाले जानवरों के बारे में कुछ सोचा है... कि यदि उन्होंने हमला कर दिया तो क्या करोगी.."


" आसमान में सैर करने वाले जानवर ? मतलब...? कौवे, चील, बाज....???"


" ना.. उन्हें तो तुम ही कच्चा चबा जाओगी... आसमान मे सैर करने वाले जानवर से मेरा मतलब................. ड्रैगन्स... "


" अच्छा... ड्रैगनस के बारे मे सोचना है...1 मिनट मुझे सोचने दो.. अच्छा,अभी याद आया, मैंने उसके बारे में तो कुछ भी नहीं सोचा.. और जानते हो क्यों ...? "अपनी जगह से खड़े होकर रूबी , रॉन के पास गई. उसने अपना चेहरा रॉन के चेहरे के करीब किया, रॉन को लगा की शायद रूबी उससे इम्प्रेस होकर उसे kiss करेंगी. ये सोचकर ही रॉन का लंड पैंट मे ही सनसना गया और उसने भी अपना चेहरा आँख बंद करके आगे रूबी के चेहरे की तरफ किया...


"मैने ड्रैगन्स के बारे मे नहीं सोचा.... जानते हो क्यूँ....?"अपने होठो को रॉन के होंठो के करीब लाकर रूबी धीमे स्वर मे बोली...


"ना...ना...नहीं... कय..क्य..क्यों...?"


पर रॉन को kiss करने के बजाय रूबी एकदम से चिल्लाकर रॉन का कान फाड़ते हुए बोली

"क्योंकि मैं फालतू की चीजों पर यकीन नहीं करती. यह काम तुम्हारा है, फालतू की बात करना और फालतू चीजों पर यकीन करना... अब जाओ यहाँ से या फिर धक्के देकर निकलवाऊ...?"


"सुनाई नहीं दिया... थोड़ा और तेज बोलोगी.."अपने कान मे उंगली डालकर कोचकते हुए रॉन ने कहा "अलविदा.. मेरी बोतल मेरे बिना बेचैन हो रही होगी. बाद में मिलते हैं."



रॉन , रूबी के कमरे से बाहर आया और हाथ में बोतल लिए पूरे जहाज में घूमने लगा... जहाज में बहुत देर तक इधर उधर घूमने के बाद उसे एक कोने में कुछ लोग खड़े हुए दिखाई दिए, जहा उनसे कुछ दुरी मे रूबी भी खड़ी होकर... नायर के अचानक गुम हो जाने से परेशान थी.... रॉन कोने में खड़े उन लोगों को देख उन्हीं की तरफ बढा. उसने सोचा था की रूबी उसे अपने कमरे से निकालने के बाद चूत मे उंगली करते हुए आराम कर रही होगी... पर वो तो नायर के गुम हो जाने के पीछे पड़ी हुई है, कही इसे सच्चाई का पता चल गया तो...........?? सीधे जहाज से नीचे फेकवा देगी या फिर उसे जिन्दा जहाज से कटवा देगी..



"अबे, तुम लोगों को कोई काम धंधा नहीं है क्या... दिख नहीं रहा, हम लोग गलत दिशा में जा रहे हैं... इस कश्ती को दाएं तरफ मोड़ो... खच्चरो "


रूबी , वैसे तो रॉन की कोई बात इतनी जल्दी नहीं मानती.. पर नायर की अनुपस्थिति में और रॉन के समुद्री समझ के चलते उसने वहां खड़े उन लोगों में से एक को चेक करने का इशारा किया, जैसे रॉन ने कहा था...


"तू बकलोल सफेद लिबास पहने हुए क्यों खड़ा है.. खुद को मेरे रहते हुए कप्तान समझ रहा है क्या.. सुना नही इस जहाज के कप्तान ने क्या बोला.. अभी.."जब रूबी के पास मौजूद एक जहाजी अपनी जगह से नहीं हिला तो रॉन उसपर चिल्लाया


" तुम्हें कैप्टन किसने बना दिया, रॉन..?" आश्चर्य से रूबी पूछी


" मैंने.... खुद ने... वो क्या है की एक जहाज बिना कप्तान के नहीं रह सकता और कोई काबिल भी नहीं है यहाँ मेरे सिवा.. तो मैने खुद को अभी -अभी इस जहाज का कप्तान नियुक्त कर दिया... Captain The Ron... सुनने मे ही कितना अच्छा लगता है. चलो, सब कोई सैल्यूट मारो, अपने नये डैशिंग और डेरिंग कप्तान को..."


" लेकिन जहां तक मुझे याद है, कैप्टन रॉन... मैंने तो जस्ट अभी अभी, सेठ को इस जहाज का नया कैप्टन चुना है. वह भी सबकी सहमति से. और जहां तक मुझे याद है तुम्हारा नाम सेठ नहीं बल्कि रॉन है.. सॉरी... दि रॉन... समुन्दर का शिकारी"


"तुम मेरी तारीफ कर रही हो या बेज्जती..."

"दोनों..."

" पर मैं तो इसे तुम्हारी तारीफ ही समझूंगा.... जानेमन "

" कभी अपने हाथ इस बोतल से अलग करके समझने की कोशिश करो तो सब समझ आ जाएगा... तुम यहाँ आए क्यों हो.."


" तुमने उस लड़की को देखा क्या..?? जो कल रात मेरे साथ थी. पता नहीं कहां गई... सुबह से लापता है. तुम से किसी ने देखा क्या.. उस अंग्रेजन को? कहीं नायर उसे ही लेकर तो नहीं भाग गया... साला, लड़की चोर. वैसे बड़ा मजा आया था उसके साथ कल पूरी रात... मै उसको ढूंढ के आता हूँ... तुम लोग जहाज की स्पीड कम मत होने देना, चाहे जो कुछ भी हो जाए... वरना वो समुद्री दानव एक पल मे मसल कर रख देगा ". बोलते हुए रॉन वहां से चला गया... रॉन के जाने के बाद, वह शख्स वहा आया जिसे रूबी ने जहाज को दाईं ओर मोड़ने के लिए चैंबर रूम में भेजा था...


" मैम, रॉन सही बोल रहा था... चेंबर में लगे नक्शे के अनुसार जहाज को दाएं तरफ ही मोड़ना था. नए कप्तान ने इस पर गौर ही नहीं किया.... अब हमारी दिशा एकदम सही है.. पर ताज्जुब की बात ये है की रॉन को बिना नक़्शे के ये कैसे पता चला की.. जहाज को किस ओर मोड़ना है...? कही उसकी कही हुई सारी बाते सच तो नहीं.. जो वो कल शराब के नशे मे बड़बड़ा रहा था... किसी सम्राट मार्टिन के बरसो पूर्व समुन्दर के सीने मे दफ़न मुर्दो के जहाज के बारे मे...? "


"इस समुन्दर के साथ -साथ रॉन ने भी शायद कई राज अपने भीतर छिपा रखे है.. पर ज्यादा दिन तक नहीं... बस मेरा एक बार काम निकल जाये.. फिर गिन -गिन कर रॉन से अपना बदला लुंगी..."


रात हो चुकी थी. लेकिन जहाज अपनी तीव्र गति से ही आगे बढ़ रहा था... जैसा की उनको रॉन ने करने के लिए कहा था. रूबी के मन में अब भी रॉन की बात खटक रही थी कि बिना नक्शा देखें.. रॉन को कैसे पता चल गया कि जहाज को किस तरफ मोड़ना है और निर्मल चक्रबर्ती की बुक मे उसने किन्ही प्राचीन खूंखार जीवो का भी जिक्र किया था... जो की किसी जहाज को डूबा रहे थे और फिर रॉन द्वारा नशे मे समुन्दर के भीतर दफ़न मुर्दो के जहाज के बारे मे बेलाडोना के जहाजियो से बात करना और उसी पल रूबी के मन में इस रहस्य से पर्दा उठाने का खयाल आया क्योंकि या तो रॉन ने भी निर्मल चक्रबर्ती की किताब पढ़ी है या फिर कोई और ही बात है ........... रूबी ने रॉन की जासूसी करने का सोचा .



रूबी अपने रूम से बाहर निकली और रॉन के रूम की तरफ दबे पांव चल पड़ी. रॉन के रूम के बाहर पहुंच कर रूबी आसपास देखने लगी कि वहा कोई आस -पास है तो नहीं. जब कोई इंसान गलत काम करने लगता है तो अकसर यही होता है, वो अपने अधिकार पर भी संदेह करने लगता है.. यही रूबी के साथ भी हो रहा था. वो इस वक़्त मानो भूल गई थी की वो इस पुरे जहाज की मालकिन है और यदि उसे कोई यहाँ देख भी ले तो किसी मे इतनी हिम्मत नहीं की उससे कोई सवाल कर सके... लेकिन फिर भी रूबी को इस बात का ना जाने क्यों डर सता रहा था की कही उसे कोई ऐसा करते देख ना ले....



रॉन के कमरे के बाहर खड़े होकर उसने दरवाजे को अंदर धकेलने की कोशिश की, लेकिन दरवाजा अंदर से बंद था.. इसका मतलब रॉन अभी अंदर है. इस जहाज में बने सभी कमरों में सिर्फ एक कमरे के दरवाजे में छोटा सा छेद था, जो रूबी ने जहाज के पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से चलने से पहले ही करवाया था और वह कमरा उसने जानबूचकर रॉन को दिया था. खास इसी मौके के लिए.....


क्योंकि.... बेलाडोना मे मौजूद सिर्फ एक शख्स पर उसे रत्ती भर भी भरोषा नहीं था और वो शख्स रॉन था. रॉन उसके लिए हमेशा से ही एक रहस्य था , रूबी का ऐसा सोचना था कि रॉन भले ही बाहर से सब को कितना भी बेवकूफ लगे... भले ही वो खुद को कितना भी बड़ा अय्याश, शराबी, व्यभिचारी दिखाएं.. लेकिन अंदर से वह बहुत चालाक और धूर्त है और अपने अंदर अपनी असली पहचान को दबा रहा है और हो ना हो जरूर अपने किसी खास मकसद से उसके साथ आने के लिए तैयार हुआ है... वरना रॉन तो उसकी समझ मे ऐसा आदमी है, जो मरने वाले को एक बूँद पानी तक ना दे.. यदि वो मरने वाला उसके किसी काम का ना हो तो और यदि अपने पे आए तो अपने बाप तक को धोखा देने से पीछे ना हटे.... रूबी ने कई बार रॉन का बैकग्राउंड चेक करने की भी कोशिश की... यहाँ तक की उसने कई जासूस भी रॉन के पीछे लगाए.. लेकिन आज तक उसे रॉन के बारे मे उसे सिर्फ उतना ही मालूम था.. जितना की रॉन ने उसे बताया था. बाकी रॉन के माँ -बाप कौन है, घर कहा है, वो आया कहा से है... आज तक सभी अनजान थे.



रूबी ने दरवाजे के उस छेद से ढक्कन हटाया और अपनी आंख उस छेद से सटाकर कमरे के अंदर नजर मारी , कमरे की लाइट जल रही थी, जिससे अंदर एकदम साफ -साफ देखा जा सकता था की अंदर चल क्या रहा है. दरवाजे के ठीक सामने कुछ दूरी पर रॉन का बिस्तर था, जहां इस वक्त वो एक गोरी लड़की के साथ संभोग क्रीडा में लीन था.. रॉन बिस्तर पर उस लड़की की दोनों टाँगे अपने बाजूओं से पकड़कर फैलाये हुए थे और उन दोनों का शरीर बुरी तरह हिल रहा था... बीच -बीच मे रॉन के धक्के इतने तेज हो जाते की... वो लड़की चीख उठती, लेकिन रॉन के झटके नहीं रुकते बल्कि जब वो उस लड़की दर्द से चीखने लगती तो रॉन उसके पैरो को और मजबूती से पकड़ कर और तेज धक्के मारने लगता.... रूबी वही झुककर छेद से अंदर देखती रही.. रूबी झुके -झुके थक गई, लेकिन रॉन था की इतनी देर से रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था और फिर बिस्तर पर नीचे पड़ी हुई उस अंग्रेज लड़की के कुछ बोलने पर रॉन एक पल के लिए रुका और फिर से अपना शरीर आगे पीछे करने लगा... इस दौरान रॉन एक बार और रुका, उसने आस -पास अपनी नजर दौड़ाई तो उसे शराब की बोतल उससे थोड़ी दूर रखी टेबल पर दिखी... रॉन उस लड़की को चोदना छोड़, उसके पैरो को जोर से बिस्तर पर एक ओर पटका और खड़ा लंड लिए टेबल की ओर वो शराब की बोतल लेने के लिए बढ़ा...



और जब वो ऐसा कर रहा था तो रूबी को रॉन का लंड दिखा और उसकी साँसे अटक गई, उसे ऐसा प्रतीत हुआ की रॉन ये लंड उसके मुँह मे कही ना डाल दे.. वरना वो तो दम घुटने से ही मर जायेगी. रॉन का लंड देखते ही रूबी ने अपनी नजरें छेद पर से हटा ली. इधर रॉन मुँह मे बोतल फ़साये वापस बिस्तर की ओर बढ़ा, जिसके बाद रूबी के कानो मे उस लड़की के चीखने की आवाज़ फिर से पड़ने लगी और रूबी ने इस बार अपनी इच्छा से की आगे क्या होता है... रॉन कैसे करता है, ये देखने के लिए अपनी नजरें वापस छेद के माध्यम से कमरे के अंदर घुसाई .. इस दौरान उसके हाथ अपने आप उसकी छातियों तक पहुंच चुके थे और उसकी छातियों को दबा रहे थे.



रूबी की जिंदगी बहुत वीरान थी, माँ तो बचपन मे ही चल बसी थी और पिता, 3 साल पहले दिल के दौरे के कारण इस संसार को अलविदा कह चुके थे... कॉलेज मे रूबी एक लड़के के करीब तो आयी...पर वो सिर्फ तभी तक चला, जब तक कॉलेज चला.. उसके बाद रूबी के मतलबी स्वभाव के कारण ना तो उसका कोई खास दोस्त था और ना ही कोई प्रेमी... और ना ही उसे कभी इन सब चीजों की कमी खाली. इंसान के नाम पर उसकी जिंदगी मे सिर्फ और सिर्फ उसकी सेक्रेटरी थी, जिसे एक जब वो APEX PREDATOR के एक जहाज का दौरा कर रही थी तो रॉन ने उसे धर दबोचा था और जबरदस्ती चोदने वाला था, लेकिन उस दिन वो बच गई और रॉन सिर्फ सेक्रेटरी की चूचियाँ दबा कर उसके गांड पर ऊपर से अपना सिर्फ लंड रगड़ पाया था, इसके बाद जिन लोगो ने रॉन के चंगुल से सेक्रेटरी को बचाया था, इसकी शिकायत उन्होंनो ऊपर कर दी.



और फिर रॉन को APEX PREDATOR कंपनी से बेइज्जत करके निकाल दिया गया था. रूबी की जिंदगी मे सिर्फ उसकी एक सेक्रेटरी ही थी, जिससे वो कभी कभार हस कर दो चार बात कर लिया करती थी और अपना काम निकालने के लिए उसी सेक्रेटरी के शरीर का इस्तेमाल भी करती थी. जैसे जब रुबीना के पिताजी इस दुनिया से चल बसें तो CEO बनने के लिए उसे बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के वोट्स चाहिए थे... तब उसने अपनी सेक्रेटरी के पैसो की तंगी का फायदा उठाते हुए, तीन -तीन ठरकी बोर्ड ऑफ़ मेंबर्स से चुदने के लिए उसे अकेले भेज दिया था और घंटो बाद जब वो APEX PREDATOR के एक जहाज से उन बोर्ड ऑफ़ मेंबर्स के कमरे से निकली तो उसके कपडे जगह -जगह से फटे हुए थे, जिससे उसके शरीर के कई अंगों पर मौजूद निशान भी साफ झलक रहे थे, जो की बेल्ट या चाबुक के थे .. वो ठीक ढंग से ना चल पाने के कारण अपनी टाँगे फैला कर चल रही थी... कई बार तो खुद रुबीना ने भी अपने जिस्म की प्यास उसके जरिये बुझायी थी और आए दिन अपनी सेक्रेटरी से अपनी चूत चटवाती थी और फिर चूत पानी उसी के मुँह मे छोड़ देती थी. रुबीना का कितना भी बिजी शेडूल रहे, वो हफ्ते मे कम से कम दो बार तो जरूर अपनी सेक्रेटेरी के साथ ये कारनामा करती थी.. और उसको अपना चूत पानी पिलाती थी.



लेकिन समुन्दर के इस भयंकर सफर मे अब उसकी सेक्रेटरी उसके साथ नहीं थी.. रूबी ने जान -बुचकर अपनी सेक्रेटरी को अपने साथ नहीं आने दिया, ताकि कोलकाता मे उसके पीठ पीछे Apex Predator कंपनी मे कही बुरी तरह से ही तख्ता पलट ना हो जाए, जिसमे उसे एक चेक काट कर कंपनी से ही निकाल दे.. इसके लिए उसने एक बहुत बडी राशि अपनी सेक्रेटरी को देकर... बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स से चुद -चुद कर कंपनी मे अपनी जगह बचाने के लिए कहा था और जिस दिन बेलाडोना अपने सफर के लिए पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से निकला था.. उसी दिन बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के एक मेंबर ने उसकी सेक्रेटरी की गांड मारते हुए रूबी को कॉल करके धन्यवाद कहा था, उस कॉल मे उस ठरकी मेंबर की सिसकारियों के साथ -साथ उसकी सेक्रेटरी की गांड चुदने की चीखे भी थी... जिसे रुबीना ने पूरी तरह इग्नोर कर दिया.


" क्या माल है तू..एकदम गोरी गोरी... गुलाबी चूत...ऊपर से तेरे यह गोरे गोरे दूध " इसी बीच रॉन के मुँह से जब यह निकला तो रूबी की नजर अपने आप ही उसके खुद के सीने की तरफ चली गई...


गुलाबी कलर के अंतरंग वस्त्रों में बिस्तर पर लेटी हुई अंग्रेजन कयामत ढा रही थी... बाहर छेद से अंदर देखती हुई रूबी को एक पल के लिए ऐसे लगा जैसे कि वह खुद उस बिस्तर पर लेटी हुई है और रॉन उसके ऊपर... पर अगले पल उसने तुरंत ही ये खयाल अपने दिमाग़ से निकाल फेका... रॉन... छी... Yuckkkk


" जल्दी से अपने कपड़े उतारो और... "बिस्तर पर अपनी चूत दबाते हुए गोरी मैम बोली...


" कपड़े का क्या लेना देना.. इन सब से... वापस कौन पहनाएगा मुझे फिर......"



जिस्मानी खेल अंदर हो रहा था और रूबी एक मूक दर्शक की भांति दरवाजे के छेद से उस खेल का पूरा आनंद ले रही थी.... जब अंदर का खेल समाप्त हुआ तो रॉन ने उस गोरी औरत के चूत को अपने पैर से सहलाते हुए वहा से जाने के लिए कहा और उसकी चूत पर अपने पैर से दबाव बनाते हुए अपने पैर का अंगूठा उसकी चूत मे डाल दिया...

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superbb update bro
 
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