#2. THE RON
कोलकाता, भारत
कोलकाता के सबसे बड़े होटलों में शुमार ओबरॉय ग्रांड मे एक के बाद एक कई महंगी कार की लाइन लग रही थी, इसका कारण था, वहा होने वाली Apex Predator नामक एक जहाज बनाने वाली कंपनी की आपातकालीन बैठक.. जिसमें शहर के लगभग सभी बड़े रहीस और रहीसजादे शिरकत कर रहे थे.
" सब आ गए....?" मीटिंग रूम में 28 साल की एक नवयुवती सीईओ की सीट से उठते हुए पूछी. जिसका कुछ लोगो ने ने हां में सिर हिलाकर जवाब दिया, तो वही जो लोग अपने CEO से खुन्नस खाये बैठे थे, वो शांत बैठे रहे. वो अपनी पिता जी के कंपनी के डायरेक्टर्स के रवैये से समझ गई की आज ये मीटिंग आसान नहीं होने वाली....
उसने सामने लगे स्क्रीन की तरफ इशारा किया, जिसमे कोलकाता पोर्ट पर खड़े एक विशाल जहाज की तस्वीर थी. जिसके ऊपर डेक पर कैप्टन आदित्य खड़ा था....
" हमारा जहाज जो बरमूडा ट्रायंगल, डेविल्स ट्रायंगल भी कहते हैं, उसके Exploration के लिए निकला था, पर पिछले 2 दिन से उस शिप से हमारे सारे संपर्क टूट चुके है ..."
"मिस रूबी...."डायरेक्टर्स की कुर्सियो पर बैठे सभी ये सुनते ही सीधा तनेन बैठकर आपस मे खुसर -फुसर करने लगे... रूबी के उस एक वाक्य ने उन सबको ऐसा बिजली का झटका दिया था की, उनके मुँह से एक शब्द तक नहीं निकल रहा था.. क्योंकि ये दूसरी बार था जब रूबी ने Apex Predator कंपनी के जहाज को डेविल्स ट्राइंगल के exploration मिशन पर भेजा था...
कुछ तो इस सफर की शुरुआत से पहले ही रूबी के खिलाफ थे और जो नहीं थे.. वो शायद इस खबर के बाद होने वाले थे..जो रूबी उन्हें आगे देने वाली थी.
"संपर्क टूटने के बाद... उस जहाज के बारे मे पता करने के हमारे सारे प्रयास भी विफल रहे है. मिआमी की लोकल अथॉरिटीज ने कुछ घंटे पहले ही ये पिक्स रिलीज की है...."
रुबी ने स्लाइड चेंज की और नेक्स्ट स्लाइड मे विशाल समुन्दर मे जहाज के कुछ मलबे तैर रहे थे... जिनमे से एक मे APEX PREDATOR लिखा हुआ साफ दिख रहा था.
"कैप्टन आदित्य और.... जहाज मे सवार सभी लोग अब शायद ही कभी वापस आए. इसलिए उन सभी को मरा हुआ मान लेना मेरे खयाल से कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. मैं हमारे इस असफल प्रोजेक्ट के लिए आप सभी से माफी चाहती हूं और आगे क्या करना चाहिए, जिसमें आप सभी की राय भी जानना चाहती हूं... पर पिछली दो नाकामयाबी ने मुझे इतना जरूर सीखा दिया है कि अगली बार मुझे क्या करना है..."इतना बोल कर रूबी वापस अपनी CEO कि कुर्सी पर विराजमान हो गई और अपने बालों पर उंगलियां फिराने लगी. उतभी एक अधेड़ उम्र का आदमी उन लोगों के बीच में से ही उठा और अपने सर के गिने-चुने बालों पर हाथ फिराते हुए कहा
" मिस. रूबी.... अब हम क्या कह सकते हैं. यह प्रोजेक्ट आपकी इच्छा थी हमारी नहीं... आप उस डेविल्स ट्रायंगल के पीछे पागल थी. हम सब ने कहा भी था कि यह असंभव है, लेकिन आपने हमारी नहीं सुनी... समुन्दर बहुत विशाल है, यह हमारी सोच और लालच के दायरे मे नहीं समा सकता... इसलिए अब हमारी राय देने या फिर ना देने से क्या होगा...."वहा मौजूद अपने साथी डायरेक्टर्स की ओर मुख़ातिब होते हुए उसने आगे कहा.. "मै, मिस रूबी को.. CEO के पद से हटाने का प्रस्ताव रखता हूँ, जो कि दो दिन बाद होने वाली हमारी सालाना मीटिंग मे हमारी वोटिंग से तय होगा..."
इतना बोल कर वो आदमी बैठ गया और उसके बैठते ही उसी की उम्र का एक और शख्स खड़ा हुआ
" आपको जरा भी अंदाजा है रूबी जी... कि ये खबर बाहर पहुंचते ही हमारी कंपनी के शेयर का क्या हाल होने वाला है...?? हम आपके फादर की बहुत इज्जत करते थे, पर आपकी लगातार बेफालतू के प्रोजेक्ट से और उनकी नाकामियों से हम सब तंग आ गए हैं. आपको अंदाजा भी है की दो जहाज सिर्फ आपके exploration की चाह से तबाह हो गये...?? हम साइंटिस्ट नहीं है और ना ही मानव की प्रगति हम पर निर्भर है... आपके फादर अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उन्ही के कहने पर कई सालो से मै इस कंपनी से जुडा हुआ था. पर अब हमें लगता है कि हमें फिजूल खर्च बंद करना चाहिए.. और अपना सारा बचा हुआ पैसा अपने जहाज यातायात के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए लगाया जाए... ना कि आप के बेतुके के प्रोजेक्ट पर.. और मुझे लगता है कि यहां मौजूद कंपनी के सभी बोर्ड मेंबर मेरी इस राय से सहमत होंगे... और एक बात और रूबी जी... नेक्स्ट मीटिंग मे मै भी आपको CEO के पद से हटाने के लिए वोट दूंगा..."
रूबी के चेहरे का रंग उड़ गया, उसे गुस्सा भी आया लेकिन उसने शांत रहने की कोशिश की. सभी रूबी और उसके प्रोजेक्ट को फिजूलखर्ची और फालतू बता रहे थे, कुछ ने तो रूबी को ही फालतू करार दे दिया. रूबी अपनी सीट से उठ खड़ी हुई और मीटिंग में मौजूद हर शख्स को देख कर बोली
"आप सभी भरोसा कीजिए, नेक्स्ट टाइम हम जरूर कामयाब होंगे... मुझे पूरा पता है की अब मुझे क्या करना है..?"
"सॉरी मिस रिया, अब हम आपका और समर्थन नहीं कर सकते..." यह कहकर मीटिंग में मौजूद सभी बोर्ड मेंबर ख़जादे हुए और एक-एक करके वहां से बाहर जाने लगे. और थोड़ी देर बाद वहां केवल सिर्फ दो लोग ही बचे थे.. एक थी रूबी और दूसरी उसकी सेक्रेटरी....
"मैम...."पानी का गिलास टेबल मे रूबी कि तरफ सरकाते हुए उसकी सेक्रेटरी बोली
इसका जवाब मे रूबी ने पहले तो अपनी सेक्रेटरी को घूर कर देखा और फिर वो पानी वाला गिलास उठा कर जोर से सामने स्क्रीन पर दे मारा और गुस्से से अपनी चेयर पर बैठते हुए अपनी सेक्रेटरी कि तरफ अपना एक हाथ किया... रूबी कि सेक्रेटरी एक पल के लिए कंफ्यूज हो गई....
"जी मैम... ओ.. सॉरी मैम..."याद आते ही झट से अपने पर्स मे रखे सिगरेट के पैकेट से एक सिगरेट निकाल कर उसने रूबी को दिया और फिर लाइटर ऑन करके सिगरेट को टोचन दिया
"तुम नहीं जानती कि यह लोग कितनी बड़ी बेवकूफी कर रहे हैं.. इन्हे नहीं मालूम कि उस डेविल्स ट्रायंगल के बीच कितना खजाना समंदर के सीने में दफन है... लेकिन मैं हार नहीं मानूंगी. नेक्स्ट मीटिंग के पहले तक पावर मेरे हाथ मे ही रहेगी... I don't give a damn about these Taklus... जहाज तो पोर्ट ऑफ़ कोलकाता से छूट कर रहेगा और इस बार मैं खुद भी जहाज के साथ जाऊंगी.. अब या तो आर या पार.... बेलाडोना ~Belladona को तैयार करो और कैप्टन Apex Predator का नहीं होना चाहिए... वरना यदि इन टकलूओ को खबर लगी तो इमरजेंसी मीटिंग करके मुझे CEO के पद से हटा देंगे..."
"लेकिन मैम, कैप्टन आदित्य का कुछ पता नहीं चला... बिना कप्तान के आप....?? और कौन है जो डेविस ट्रायंगल में जाने के लिए तैयार होगा... वो भी इन दो घटनाओ के बाद..."
" कैप्टन आदि, की सारी बाते भकोसली निकली... बहुत कहा करता था की, समुन्दर उसका गुलाम है... समुन्दर का पानी पी -पी के समुन्दर सूखा देगा... वैसे अच्छा हुआ जो, कमीना मर गया... तुमसे बदतमीजी करने का फल तो उसे भुगतना ही था एक दिन..."
"पर मैम... कोई तैयार होगा जाने के लिए...??"
"एक मर्चेंट नेवी का ऑफिसर है मेरे पहचान में... उसकी बेटी को Adrenal Cancer है... उसे पैसो कि जरूरत है और मुझे उसकी...यदि वो आ गया तो अपने साथ कुछ लोग को जरूर लेकर आएगा, बाकी कोलकाता के समुद्री इलाके से लगी बस्तियों मे से आदमियों को उठाओ... दो वक़्त खाना और शराब के लिए वो नर्क तक मे जाने के लिए तैयार हो जाएंगे.... और उसका पता करो... क्या नाम है उसका ... जिसके बारे में कुछ लोग बता रहे थे.. कि वो अपने आप को समुन्दर का शिकारी बताता है..."
" किसकी बात कर रही हैं आप ?"
"अरे उस पागल का.. रॉन.. नाम है उसका.. उसके बारे में मालूम करो.. कहां है वो, इस वक़्त ."
"अच्छा वह.. मैम आप उस पागल को क्यों बुला रही हैं.... वो जिस नजर से मुझे देख रहा था, पिछली बार.... मुझे बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा था... "
" तुम्हें मालूम नहीं होगा पर एक बार उसने मेरी जान बचाई थी... वो बात अलग है कि मुझे उस से बेइंतहा नफरत है, पर आदमी है बड़े काम का....."
"ओके.... मैम"
"काम पे लग जाओ, फिर... और यदि रॉन तुम्हारी इज्जत भी मांगे तो दे देना... "दोनों पैर टेबल पर ऊपर रखकर रूबी ने कहा और टेबल पर रखी निर्मल चक्रवर्ती की" महान समुद्री सम्राट मार्टिन " बुक के पन्ने पलटने लगी.
कोलकाता के समुद्री इलाके से सटे एक छोटे से शराब खाने में शोर शराबा चल रहा था. गांड मराये कोरोना और सोशल डिस्टेंसिंग... किसी को कोई मतलब ही नहीं था.. या फिर जितने लोग जिस हालात मे उस शराबघर मे मौजूद थे किसी को पता भी होगा,इन दो शब्द के बारे मे.. इसपे भी शक है... क्योंकि वहां की हालत देखकर ही अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं होगा यहाँ किस तरह के लोग आते होंगे... कोई किसी से लड़ रहा था, तो... कोई शराब के नशे में अपने वीरता के किस्से सुना रहा था.. तो कोई शराब के नशे में पागल हुआ, अपने कपड़े फाड़ रहा था या फिर दूसरों के.. तो कोई जोश मे आकर ऐसे सबके सामने खुल्ले मे मुट्ठ मारने मे लगा हुआ था. पर कोई कुछ ना कुछ जरूर कर रहा था. खाली कोई भी नहीं बैठा था या खड़ा था या फिर लेटा था.... और अभी अभी, तीन आदमी मिलकर एक युवक से लड़ाई करने लग गये थे, पहले तो उन तीनो ने उस एक युवक को बहुत मारा.. फिर जब वो पस्त होकर जमीन पर लोट गया तो उसके कपडे उतारे और फिर अपने भी कपडे उतार कर उसे चोदने मलग गये... सब देख रहे थे.. लेकिन कोई कुछ कर नहीं रहा था.. उल्टा नीचे मार खा -खा कर चुद रहे आदमी के ऊपर दारू गिरा रहे थे....
"थूक की जगह दारू लगा के चोद.... फिर मदरचोद के गांड मे माचिस मार देना... भरभरा के जल उठेगा... हा हा हा..."वहा मौजूद तमाशा देखने वालों मे से एक ने कहा
"मुँह मे मुट्ठ मार, मादरचोद के... मेरे को कल जुए मे 20 रुपये हराया था....."
"मेरा भी खड़ा हो गया, मैं भी चोदने आउ क्या... पोंद बढ़िया दिख रहा इसका.."
इसी बीच वहां बड़े अजीबोगरीब कपड़े पहने हुए शराब के नशे में धुत, डगमगाते हुए एक शख्स अंदर आया और ऐसे ही डगमगाते हुए,इधर उधर लोगो और दीवारों से टकराते हुए अंदर घुसने लगा...
"अबे ओए, कहां घुसे जा रहा है अंदर.... चल एंट्री करा.. " काउंटर के पास जो बैठा हुआ था, उसने उस शख्स को आवाज़ दी...
"सस्ती शराब यही मिलती है.. ना...? "
"एंट्री करा..."
"एंट्री जरूरी है ?वो क्या है कि मैं बहुत फेमस हूं और यदि किसी को पता चल गया कि मैं ऐसी जगह पर आता हूं तो..., "
" फेमस और तू.. लवड़ा .. मजाक मत कर.. एक तो ये गरीबो की तरह कंबल जैसे कपड़े पहना है.. कई दिनों से धुले भी नहीं लगते और तेरे शरीर से ही मरे हुए जानवर जैसी बदबू आ रही है.. तुझे देखकर तो लगता है कि तू कई महीनों से नहाया भी नहीं है.. और तू फेमस है..? "
" कई महीनों से ? मुझे नहाए हुए पूरे 1 साल से भी ज्यादा समय हो गया.. कम समय बता कर मेरी बेइज्जती मत करो.."
" अपनी बकवास बंद कर और एंट्री करा.. नाम क्या है ?"
" किसका मेरा..?"
"नहीं अपने बाप का नाम बता..."
" वह तो मुझे नहीं मालूम.."
" अपना नाम बता.. पता नहीं कैसे-कैसे लोग आ जाते हैं"
" मेरा नाम.. उम्म्म्म... रंजू- ओखाड़वाला- नेवरत है..."
" यह कैसा नाम है.. दूसरा नाम नहीं है क्या.."
" दूसरा नाम.. है. दी रॉन.. महान समुंदर का शिकारी... "