उस घटना के बाद तीसरे दिन मैं घर पे बैठा पढ़ रहा था. माँ बॅंक से 3 बजे ही वापिस आ गयी, वैसे 5:30 बजे तक आती थी. आते ही अपने कमरे में घुस गयी, कहते हुए की मेरी तबीयत ठीक नहीं है. कुछ देर बाद मुझे उसके कमरे से आवाज़ आई. मैं कान लगा के सुनने लगा. वो फोन पर राज के साथ बात कर रही थी,.
माँ, “…..मुझसे भी अब रहा नहीं जाता, आपके बिना.” ….
माँ, “पर अनवर को पता नहीं चलना चाहिए.” …..
माँ, “नींद की गोलियाँ, दूध में?” ……
माँ, “ठीक है. पर शॉपिंग किस लिए?” …..
माँ, दुल्हन जैसे सजके? पर किस लिए?” …..
माँ, “ठीक है, जैसे आप कहो.” और उसने फोन रख दिया.
मैं समझ गया मेरी माँ उस मर्द से शारीरिक रिश्ता बनाने के लिए तैयार हो गयी है. आज रात ही उनका सेक्स का प्लान है, तभी वो दूध में नींद की गोलियाँ मिलाने की बात कर रही थी, ताकि में पूरी रात बेहोश रहूं. तब माँ और राज निश्चिंत होकर अपने सेक्स का आनंद उठा सकते हैं. कितनी प्यास भरी थी मेरी माँ में उस हिंदू के लिए. थोड़ी देर में राज भी घर आ गया. माँ बोली की राज उसको डॉक्टर के पास लेकर जा रहा है. करीब दो घंटे बाद वो लौटे. लग रहा था जैसे माँ ब्यूटी पार्लर जा के आई है, उसने हाथों और कलाइओं में मेहन्दी लगा रखी थी. उसके पास एक बड़ा सा शॉपिंग बॅग था, जिसे उसने झट से अपने कमरे में छुपा दिया. डॉक्टर तो बहाना था, राज तो उसे शॉपिंग ले के गया था, जैसे मैने माँ की बातों से सुना था. वो ब्यूटी पार्लर भी गयी थी अपने नये प्रेमी के लिए सजने. बॅग में क्या था ये मुझे पता नहीं चला उस वक़्त. रात 8 बजे खाना खाया. फिर माँ ने मुझे दूध का गिलास दिया, मुझे पता था इसमें नींद की गोलियाँ हैं, मैं दूध का गिलास लेकर अपने कमरे में आ गया और पीछे की खिड़की से बाहर फेंक दिया. अब माँ निश्चिंत थी. 9 बजे मैंने सोने का नाटक किया, जबकि वैसे मैं आम तौर पर 10 बजे सोता था. माँ एक बार मेरे कमरे में आई और मुझे हल्के से हिलाया. मैने सोने का नाटक किया. फिर वो चली गयी और मेरे कमरे को बाहर से बंद कर दिया. मैं झट से उपर रोशनदान की तरफ बढ़ा जहाँ से उसके कमरा के अंदर सब साफ़ दिखाई देता था. माँ ने बॅग खोला और उसमें से नयी लाल रंग की साड़ी निकाली. और उसके बाद नयी काले रंग की ब्रा और पैंटी निकाली. फ़िर वो नहाने चली गयी. 20 मिनिट बाद वो बाहर आई. उसके बाल भीगे हुए थे. उसने लाल रंग का ब्लाउस और पेटीकोट पहना था. ब्लाउस स्लीवेलेस्स, बॅकलेस और बेहद छोटा था, अंदर से काली ब्रा दिखाई दे रही थी, उसका पूरा मिड-रिफ भी दिखाई दे रहा था, उसने पेटीकोट अपनी नाभि से 2 इंच नीचे पहना था. फिर माँ आईने के सामने बैठ के शिंगार करने लगी. नयी लाल रंग की चूड़ीयाँ पहनी, जैसे एक नयी नवेली दुल्हन पहनती है, फिर आँखों में काजल लगाया, होठों पे लाल लिपस्टिक और लिपलाइनर, हल्का मेक-अप भी लगाया. उसने अपना मंगलसूत्र अपने सुडोल वक्षों के बीच रखा. आख़िर में उसने उठ के साड़ी पहनी, साड़ी पूरी ट्रॅन्स्परेंट थी, नीचे से उसका छोटा स्लीव्ले ब्लाउस, मिड-रिफ, और पेटीकोट साफ़ दिखाई दे रहे थे. वो बिल्कुल एक नयी नवेली दुल्हन लग रही थी, जैसे तैयार हो अपनी सुहाग रात मनाने के लिए. पर ये सुहाग रात वो अपने पति के साथ नहीं बल्कि एक ग़ैर मर्द के साथ मनाने जा रही थी. मेरी माँ, सजी सँवरी हुई थी एक नयी दुल्हन की तरह, सिर्फ़ उस राज के साथ सेक्स करने के लिए. और फिर वो उठ के चल दी, नीचे जाने के लिए, राज के कमरे में.
मैं झट से रोशनदान से नीचे उतरा और पीछे की खिड़की से बाहर टेरेस पर आ गया. राज के कमरे में छत के पास एक रोशनदान था जो टेरेस में खुलता था. मैं दौड़ता हुआ वहाँ पहुँचा. अंदर लाइट जल रही थी और सब साफ़ दिखाई दे रहा था. राज भी बिस्तर पर तैयार बैठा था. उसने गहरे सफेद रंग का कुर्ता-पाजामा पहना हुआ था. वो बिल्कुल एक मर्द जैसा दिख रहा था, जैसे आम तौर पर हिंदू दिखते हैं. और मेरी माँ इसी हिंदू के साथ सेक्स करने के लिए बेताब थी. माँ ने दरवाज़ा खटखटाया, दरवाज़ा खुला था, माँ अंदर आ गयी. राज उसे देख के बिस्तर से उठा. माँ ने दरवाज़ा अंदर से बंद किया.
राज और माँ दोनों एक दूसरे की तरफ बढ़े. दोनों एक दूसरे के सामने खड़े थे, और एकदम शांत खड़े एक दूसरे की आँखों में झाँक रहे थे. माँ आगे बढ़ी और राज से लिपट गयी. सिर्फ़ एक महीने में ही मेरी माँ को उस कट्टर हिंदू ने पटा लिया था, और आज वो औरत खुद चलके उस हिंदू की बाहों में आई थी, ताकि उस हिंदू के साथ उसके बिस्तर पर सेक्स कर सके. राज ने भी माँ को अपनी बाहों में भर किया और कस के जकड़ लिया. माँ ने अपनी बाहें राज के गले में डालीं और उससे चिपक गयी. माँ ने अपना सर राज की मर्दाना चौड़ी छाती में छुपा लिया. राज के हाथ माँ की कमर और गाँड को सहला रहे थे. 1-2 मिनिट तक माँ और राज ऐसे ही एक दूसरे के बदन से लिपटे रहे. फिर राज ने एक हाथ से माँ के चेहरे को अपनी छाती से हटाया, और उपर की तरफ किया. राज ने आगे की तरफ झुक के अपने होंठ माँ के लाल होठों पर लगा दिए. जैसे ही राज के होंठ मेरी माँ माँ के लाल होठों पर पड़े, माँ के बदन में जैसे करंट दौड़ गया हो. उसको झटका लगा और उसने राज को और कस के पकड़ लिया. और वो भी पूरी तमक से राज को चूमने लगी. राज ने सिर्फ़ अपने होंठ माँ के होठों से छूहाए थे, पर माँ ने तो राज के होठों को ऐसे चूसना शुरू किया जैसे आज क़यामत की रात हो और राज से सेक्स करने का बस यही एक मौका हो उसके पास. क्या मादक दृश्य था. मेरी माँ एक नयी नवेली हिंदू दुल्हन की तरह सजी हुई एक मूछों वाले से लिपटी हुई थी और उसके गरम होठों को अपने लाल होठों से चूस रही थी. क्या किस्मत थी राज की, उस मादक खूबसूरत मुस्लिम औरत के लाल होठों के शहद का मज़ा वो राज ले रहा था, नाकि माँ का पति. माँ अपनी एडियाँ उठाए राज को चूम रही थी और राज ने अपना मुँह आगे झुकाया हुआ था, क्यूंकी राज 6 फुट लंबा था और माँ 5 फुट 5 इंच. फिर राज ने माँ को अपनी मज़बूत बाहों में उठा लिया. अब उनके मुँह एक दूसरे के सामने थे, उनका किस और पॅशनेट हो गया. अब तो माँ और राज एक दूसरे के जीभ भी चाटने लग गये थे. माँ के हाथ अब राज के कुर्ते के अंदर थे और कुर्ते के अंदर से राज के पीठ को सहला रहे थे. राज ज़ोर ज़ोर से माँ की गाँड को मसल रहा था. 10 मिनिट तक दोनों एक दूसरे के होठों का स्वाद चखा, बिना रुके. ऐसा तगड़ा किस तो मैने हॉलीवुड मूवीस में भी नहीं देखा था. क्या मस्त हो के किस कर रही थी मेरी माँ उस को.. फिर राज ने माँ को छोड़ दिया और अपने पैरों के सहारे खड़ी हुई. माँ ने राज के कुर्ते के बटन खोलने शुरू किए.
राज ने कुर्ता निकालने में माँ की मदद की. फिर राज ने माँ के पल्लू को हटाया और उसकी साड़ी का पल्लू नीचे ज़मीन पर गिरा दिया. माँ ने खुद अपनी साड़ी अपने पेटीकोट से निकाली और नीचे फेंक दी, राज के कुर्ते के उपर. अब माँ राज के सामने सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज पहने खड़ी थी. फिर माँ राज के छाती के बालों के साथ खेलने लगी, उसके निपल्स को अपने होठों में लेके चूसने और दाँतों में लेके काटने लगी. वो अपनी जीभ से राज की छाती को चाट रही थी.
माँ, “तेरे बड़े बाल हैं, बहुत इच्छा थी बालों वाली छाती चाटने की, आज पूरी हुई.”
राज, “तेरे पति की छाती पर बाल नहीं हैं?”
माँ, “नहीं.”
3-4 मिनिट तक माँ ऐसे ही राज की छाती से खेलती रही. राज धीरे धीरे माँ के बदन को सहलाता रहा. फिर माँ ने राज के पाजामे का नाडा खोल दिया. राज ने सफेद रंग का फ्रेंचिए अंडरवेर पहना हुआ था, जिसमें बहुत बड़ा तंबू बना हुआ था. मैं सोच रहा था, कितना बड़ा होगा राज का लोड़ा. माँ अंडरवेर के उपर से ही राज के लंड को सहलाने लगी. फिर से दोनों का किस शुरू हो गया. कुछ देर बाद राज ने माँ के ब्लाउस के बटन खोलने शुरू किए. माँ ने अपनी दोनों बाहों को खोल कर अपने ब्लाउस को अपने शरीर से अलग कर दिया और नीचे फेंक दिया, अपनी साड़ी और राज के कुर्ते के उपर. राज ने उसकी ब्रा की हुक खोल दी. माँ ने ब्रा निकाल के अपने ब्लाउस के उपर फेंक दी.
अब वो उपर से नंगी थी. क्या मस्त दूध थे माँ के, एकदम सफेद, और बीच में पिंकिश ब्राउन निपल्स (चुचियाँ) एकदम तने हुए थे, मतलब ये था माँ पूरी गरम हो चुकी थी. राज ने आगे झुक के लेफ्ट दूध की निपल को चूसना चालू किया और राइट को अपने हाथ में लेके दबाना शुरू किया. वो माँ के निपल पे अपनी जीभ फिराता, और दाँत से काटता. दो-तीन बार राज ने माँ के निपल पर थूका और फिर अपनी जीभ से चाटा. वो दूसरे दूध की निपल को अपने अंगूठे और उंगली में लेके ज़ोर ज़ोर से दबा रहा था. क्या गर्म सीन था, मेरी माँ आधी नंगी खड़ी थी, और एक नंगे मूछों वाले मर्द के सामने और वो उसके दूध चूस रहा था.
राज, “क्या गोरे और शहद जैसे मीठे हैं तेरे दूध.” जिस दूध को चूसने का हक़ सिर्फ़ उसके पति का था, उनको मेरी माँ एक कट्टर हिंदू को चुस्वा रही थी. माँ के उभारों का रस उसका पति नही बल्कि उसका मकान मालिक ले रहा था. माँ का एक हाथ राज के सर में था, और अपने हाथ से उसके मुँह को अपने उभारों पर दबा रही थी, और कह रही थी, “और ज़ोर से चूस, खा जा इनको, तेरे लिए हैं अब मेरे ये दूध, जितना रस पीना है पी ले, रुक मत, दबा और ज़ोर से.” दूसरे हाथ से माँ राज के लंड को सहला रही थी.
मैने देखा अब माँ का हाथ राज के अंडरवेर के अंदर था और अब वो उसके लंड को अपने हाथ में लेके सहला रही थी. फिर माँ ने अपने हाथ से राज का अंडरवेर निकाल दिया. राज अब पूरा नंगा खड़ा था माँ के सामने. माँ पीछे हटी, राज के मुँह से उसके निपल छूट गये. माँ ने राज के लंड की तरफ़ देखा. वो थोड़ी सी चौंकी हुई बोली, “क्या बड़ा लंड है तेरा! कितना बड़ा है ये?”
राज, “10” का है. तेरे पति का कितना बड़ा था?”
माँ, “अरे उसका तो 4.5” का ही था, लगता था जैसे 10 साल के किसी बच्चे का हो. तेरा कितना कसा हुआ है.
राज, “पहले कभी देखा नही तूने लंड?”
माँ, “नहीं आज पहली बार देखा है. जो सुना था वैसा ही है.”
राज, “क्या सुना था?”
माँ, “वही, बहुत बड़े और कसे हुए होते हैं लंड. सुपाड़ा भी कितना बड़ा है तेरे लंड का.”
राज, “तो चूस ना अपने लाल लाल होठों में लेके.”
माँ, “मैने पहले कभी चूसा नही है अपने पति का, उसको पसंद नहीं था, वो सेक्स से थोड़ा घबराता था, कहता था सेक्स करने से पाप लगता है.”
राज, “चूसना आता है?”
माँ, “नहीं.”
राज, “कोई बात नहीं, लोलीपोप तो चूसा होगा ना बचपन में, बस वैसे ही समझ ले, मेरा लंड एक लोलीपोप है.”
माँ राज के आगे बैठ गयी अपने घुटनों के सहारे, और राज के 10” लंड को अपने दोनों हाथों में लेके सहलाने लगी. फिर धीरे से उसने अपनी जीभ से उसके सुपाड़े को चाटना शुरू किया.
राज बोला, “अब अपनी जीभ से पूरे लंड को चाट सुपाड़े से लेके जड तक.”
माँ ने वैसा ही किया. 1-2 मिनिट तक वो ऐसे ही करती रही.
राज, “अब थूक और अपने हाथ से थूक को मेरे लंड पे रगड़.”
माँ ने वैसा ही किया. राज का लंड अब माँ के थूक से चमक रहा था.
राज, “अब धीरे धीरे इसको अपने मुँह में ले, और अपने मुँह को आगे पीछे कर. मेरे लंड को अपने होठों में जकड़ ले कस के और अपने को मुँह हिला जैसे मैने बताया.”
माँ एक स्कूल की छात्रा के तरह राज की हर एक इन्स्ट्रक्षन को मान रही थी.
राज, “अब मेरी आंडो को अपने होठों में ले, और अपनी तरफ खींच. हाँ ऐसे ही.”
राज, “अब सब बारी बारी से रिपीट कर, कभी सुपाड़े को चाट, कभी लंड को जीभ से सहला, कभी थूक के रगड़, कभी अपने होठों में लेके चूस और कभी आंडो के साथ खेल. समझ गयी?”
माँ ऐसे ही कर रही थी. राज का लंड चूस्ते वक़्त वो बहुत ही मादक अंदाज़ से राज की आँखों में झाँक रही थी.
राज बोला, “रुक”
माँ ने उसका लंड छोड़ दिया.
राज टेबल की तरफ गया और वहाँ से डिगई-कॅम उठाया. फिर वो माँ के सामने आ के खड़ा हो गया. माँ ने फिर से उसका लंड चूसना शुरू किया, राज माँ को अपने कॅम में रेकॉर्ड करने लग गया. मुझे यकीन नहीं हो रहा था. मेरी माँ आधी नंगी बैठी थी, सिर्फ़ एक लाल पेटीकोट में, एक नंगे मूछों वाले, मिठाई खाने वाले पहलवान मर्द के सामने और पूरी मस्ती में उसका 10” लंबा लोड़ा चूस रही थी. माँ ने ज़रा भी ना सोचा उसका पति पार्टी का कार्यकर्ता है, और यहाँ वो मुस्लिम परिवार से होते हुए भी मिठाई खाने वाले के सामने आधी नंगी बैठी हुई उसका लोड़ा चूस रही थी. 15 मिनिट तक माँ राज के कसे हुए लंड को चूस्ती रही.
राज, “मेरा निकलने वाला है.”
माँ, “क्या करना है अब?”
राज, ‘रुक मत, चूस्ती रह, और वीर्य को अपने मुँह पर गिरा देना या मुँह में अंदर ले लेना.”
माँ चूस्ती रही, पर इसके पहले की राज का निकलता उसने अपना लोड़ा माँ के मुँह से निकाल लिया.
माँ, “क्या हुआ?”
राज, “ऐसे ही बैठी रह.” राज ने अपना लोड़ा हाथ में पकड़ा और ज़ोर ज़ोर से हिलाना शुरू किया. दूसरे हाथ से वो अभी भी वीडियो बना रहा था. 2 मिनिट बाद राज का छूट गया. राज ने अपना लोड़ा पकड़ के माँ के मुँह पे रख दिया. राज के लंड से थिक सीमेन का पहला शॉट माँ की आँखों पर पड़ा. राज ने लोड़ा घुमा के सुपाड़ा माँ के माथे पे लगाया, जहाँ उसने लाल सिंदूर पहना था. दूसरा शॉट उसकी माँग में पड़ा, जहाँ माँ ने अपने हिंदू सुहाग की निशानी लाल सिंदूर को पहना था, अब वहाँ लंड की गाढ़ी मलाई पड़ी थी. फिर राज ने अपना लंड घुमा के माँ के लाल होठों पर लगाया और बाकी का सीमेन छोड़ दिया.
माँ के लाल होंठ अब राज के सीमेन से सफेद हो गये थे. 1-1.5 मिनिट तक राज के लंड से थिक सीमेन का ईजॅक्युलेशन हुआ. माँ का पूरा चेहरा, उसकी माँग, माथा, आँखें, नाक, होंठ राज के थिक सीमेन से चमक रहे थे.
राज, “अब इसको होठों पर लगी मलाई को चूस ले और निगल जा.”
माँ, “ह्म्म्म्म म, मस्त टेस्टी है तेरी मलाई.”
फिर राज ने कॅम बेड की तरफ़ फेंक दिया और माँ को अपनी बाहों में उठाया. और कस के जकड़ लिया. फिर माँ के होठों को अपने होठों में लेके चूसा. माँ भी राज से कस के चिपक गयी और उसके दूध राज की बालों वाली छाती से दबे हुए थे. मेरी माँ आधी नंगी एक नंगे मर्द से लिपटी हुई थी. उसके माँग में लाल सिंदूर की जगह एक लंड की मलाई थी, और वो पूरे मज़े से उस हिंदू मर्द को अपने लाल होठों का रस चखा रही थी.
राज, “जा धो ले, फिर बिस्तर पर करते हैं प्यार.”
माँ बाथरूम की तरफ चल दी. राज पूरा नंगा बिस्तर पर आकर लेट गया. राज ने डिगई-कॅम टेबल पर रख दिया और उसका फोकस अड्जस्ट किया ताकि पूरा कमरा उसके डिगई-कॅम के फोकस में आ जाए. माँ अपना मुँह साफ करके बाहर आई. उसके बाल खुले थे, और अभी भी थोड़े गीले थे. जब वो बाहर आई और बिस्तर की तरफ़ जा रही थी, तो उसने अपने दोनों हाथ अपने बालों में फिराए. एकदम मस्त लग रही थी इस वक़्त वो. उपर से नंगी, नीचे सिर्क एक लाल पेटीकोट, आँखों में काजल, गले में हिंदू मंगलसूत्र, और बाहों में लाल चूड़ियाँ. उसका मंगलसूत्र उसके दूधों के बीच पड़ा था, जब वो अपनी बाहें उठा के अपने बाल सहला रही थी तो उसके आर्म्पाइट्स दिखाई दिए, एक भी बाल नही था वहाँ, और क्या गोरे आर्म्पाइट्स थे उसके. माँ राज की बगल में आकर लेट गयी. राज टांगे फैलाए नंगा लेटा हुआ था. उसका लंड थोड़ा मुरझा गया था, पर अब भी वो कम से कम 6 इंच लंबा था. माँ ने अपना सर राज की छाती पर रखा और एक हाथ से उसकी छाती और निपल्स को सहलाने लगी. बीच बीच में अपने होठों और जीभ से राज की छाती और निपल्स को चाटती. फिर अपने हाथ से हल्के हल्के उसके लंड को सहलाना शुरू किया. फिर माँ उठी और पूरी तरह राज के उपर लेट गई, और धीरे से राज के होठों को अपने होठों से चूमा. दोनों ने एक दूसरे के हाथों को कस के पकड़ लिया. फिर से उनका ज़बरदस्त किस शुरू हो गया. वो अपनी कमर हिला रही थी धीरे धीरे, राज के लंड को अपनी चूत पर रगड़ रही थी, पेटीकोट के उपर से ही.
क्या मादक नज़ारा था, मेरी माँ आधी नंगी लेटी हुई थी एक नंगे मर्द के उपर, और पूरे ज़ोर से उस मर्द के होठों को चूस रही थी. 5 मिनिट तक दोनों ने ज़बदस्त स्मूच किया. फिर राज ने माँ को अपने उपर से हटाया और उठ के बैठ गया. फिर उसने माँ को अपने उपर लेटाया, माँ की पीठ राज के छाती पर थी, और उसका सर राज के कंधे और सर के बीच था. राज ने दोनों हाथों से माँ के उभारों को अपने मज़बूत हाथों में लेकर दबाना शुरू किया. माँ सिसकियाँ लेने लगी, “आइईईईई….और ज़ोर से दबा, कितने सख़्त मर्दाना हाथ हैं तेरे. इन पर अब सिर्फ़ तेरा हक़ है. निकाल दे जितना दूध हैं इनमें और पी ले उस दूध को.”
राज अब माँ की निपल्स को भी ज़ोर ज़ोर से भींच रहा था. 4-5 मिनिट तक माँ के दूध रगड़ने के बाद राज ने एक हाथ उसके पेटीकोट के अंदर डाल दिया. राज अब माँ की चूत में उंगली करने लगा. माँ ऐसे छटपटाने लगी जैसे एक मछली छटपटाती है पानी के बिना. राज एक हाथ से माँ के दूध कस के दबा रहा था और दूसरे हाथ से माँ की चूत में ज़ोर ज़ोर से उंगली कर रहा था. बीच बीच में राज माँ की चुचियों को अपनी उंगलियों में लेकर खींच रहा था. माँ बहुत गर्म हो गयी थी अब, वो अपने होंठ अपने दाँतों में भींच रही थी. माँ की सिसकियों से पूरा कमरा गूँज रहा था. माँ ने अपना एक हाथ राज के उस हाथ पर रखा जिससे वो उसकी चूत दबा रहा था और उसके हाथ को दबाया ताकि राज और ज़ोर से उसकी चूत में उंगली करे. फिर माँ ने खुद अपने हाथ से अपने पेटीकोट का नाडा खोला ताकि राज को उंगली करने में दिक्कत ना हो. दूसरा हाथ माँ ने राज के सर के पीछे रखा और उसके सर को अपनी तरफ़ घुमाया. फिर माँ ने अपना सर घुमाया और अपनी जीभ निकाल के राज के होंठ चाटने लगी. वो राज के सर को अपने हाथ से अपनी ओर खींच रही थी और पूरे तगड़े तरीके से राज के होठों को चाट रही थी. राज ने भी माँ की जीभ को अपने मुँह मे लेके चूसना शुरू किया. अपनी माँ को ऐसी आधी नंगी अवस्था में एक नंगे मर्द को ऐसे चूमते देख मैंने भी अपना लंड हिलाना शुरू कर किया.
राज अब बहुत तेज़ी से माँ की चूत में उंगली कर रहा था. 5 मिनिट बाद वो रुका, और अपना हाथ माँ के पेटीकोट से निकाला. उसकी उंगलियाँ माँ के चूत की मलाई से भीगी हुई थी, राज ने अपनी उंगलियाँ अपने मुँह में लेके चाटी, और फिर माँ को चटाई.
राज बोला, “तेरा दूध जितना मीठा है, तेरी चूत उतनी ही नमकीन है, मज़ा आ गया.” और फिर से राज और माँ ने एक तगड़ा किस किया. अब राज ने माँ को लेटा दिया और ख़ुद उठ के माँ की टाँगों के पास आ गया. उसने माँ के पेटीकोट निकाल दिया. माँ ने नीचे काले रंग की लेस पैंटी पहनी हुई थी. राज ने माँ के पैंटी भी निकाल दी. माँ ने खुद अपने चूतड़ उठा कर राज को अपनी पैंटी निकालने में मदद की. अब माँ पूरी तरह नंगी हो गयी थी. पहली बार मेरी माँ एक ग़ैर मर्द के आगे नंगी हुई थी, और ये ग़ैर मर्द एक 42 साल का गोरा, मूछों वाला और लंबी दाढ़ी वाला एक मर्द था. राज माँ की टाँगों के बीच लेट गया. माँ ने भी अपनी टाँगें फैला के राज को अपनी गोरी चिकनी चूत के दर्शन कराए. एक महीना में ही मेरी माँ ने अपनी टाँगें फैला दी मकान मालिक के आगे. राज जीभ निकाल के माँ की चूत को चाटने लगा. जैसे एक कुत्ता एक कुतिया की चूत चाट कर उस कुतिया को गर्म कर देता है, वैसे ही राज माँ की चूत चाट कर उसको गर्म कर रहा था. राज पूरे ज़ोरों से माँ की चूत के दाने को अपनी जीभ से रगड़ रहा था,
माँ तो जैसे जन्नत में पहुँच गयी थी, वो पूरे ज़ोर से सिसकियाँ के रही थी, वो भूल गयी थी की उसका 12 बरस का बेटा उपर सो रहा है, अब बस वो राज के साथ सेक्स में पागल हो गयी थी. माँ के दोनों हाथ राज के सर पर थे और वो ज़ोर से उसके सर को अपनी चूत की तरफ़ धकेल रही थी, और राज को और ज़ोर से अपनी चूत चाटने का इशारा कर रही थी. माँ नीचे से अपने चूतड़ भी उपर को उठा रही थी. “हे भगवान, क्या कर रहा है राज तू मेरी चूत के साथ, रुक मत अब, खा जा मेरे दाने को तू, और ज़ोर से……और ज़ोर से….आइईईईई….हिस्स्स्स्स्सस्स” वो अपने दाँतों से अपने होठों को भींच रही थी, कभी कभी अपने एक हाथ से अपने दूध और निपल्स भी दबाती.
माँ ने अपनी दोनों टाँगों से राज के सर को कसा हुआ था. आख़िर 10 मिनिट बाद माँ ने अपनी चूत की मलाई राज के मुँह में छोड़ दी और वो वहीं निढाल हो के लेट गयी. राज उठा, उसका मुँह माँ की चूत की मलाई से भीगा हुआ था. वो माँ की पूरी मलाई को निगल गया. फिर वो माँ की बगल में लेट गया. दोनों एक दूसरे से लिपट गये. मेरी माँ पूरी तरह नंगी एक नंगे हिंदू मर्द के साथ लिपटी हुई थी उसके बिस्तर पर. दोनों एक दूसरे की नंगी कमर को अपने हाथों से हल्के हल्के सहला रहे थे. दोनों की आँख लग गयी. 10 मिनिट बाद राज उठा. वो बाथरूम में गया. जब वो बाहर आया तो मैने देखा उसका 10” का लोड़ा अभी भी पूरी तरह अकड़ा हुआ था. हो भी कैसे ना, एक बेहद ख़ूबसूरत और गदराए बदन वाली औरत उसके सामने नंगी लेटी हुई थी, सिर्फ़ अपना मंगलसूत्र और चूड़ियाँ पहने. ऐसे में मिठाई खाने वाले एक का कसा हुआ लंड कैसे शांत रह सकता था. राज के उठने से माँ की आँख भी खुल गयी. उसने राज को बाथरूम से बिस्तर की तरफ आते देखा, जब उसने उसका 10” लंबा कसा हुआ लंड अकड़ा देखा तो वो मुस्कुराई.
राज बिस्तर की बगल में आकर खड़ा हो गया. राज के बिना कुछ कहे ही माँ अपने आप राज के सामने आकर लेट गयी, और अपने दोनों हाथों से उसके लंड को सहलाने लगी और उसके सुपाड़े को अपनी जीभ से चाटने लगी. मेरी माँ दीवानी हो गयी थी उस राज के 10” लंबे कसे हुए लंड की. 5 मिनिट तक माँ ऐसे ही बिस्तर पर लेटे हुए राज के लंड को चूसती रही. फिर राज ने कुछ ऐसा किया जिससे मैं चौंक गया. राज ने अपने दोनों हाथ माँ के आर्म्पाइट्स के नीचे डाले, और एक झटके से माँ को अपनी बाहों में उठा लिया. राज में बहुत ताक़त थी, मेरी 60 किलो की माँ को उसने ऐसे उठाया अपनी मज़बूत बाहों में जैसे कोई 7 साल की एक छोटी बच्ची को उठाता है. उसने दोनों हाथ माँ की मांसल जांघों के नीचे डाले और उसे अपने मर्दाना जिस्म से चिपका लिया. माँ ने अपनी टाँगों को राज की कमर के गिर्द लपेट लिया, और अपनी बाहें उसके गले के. और उनका ज़बरदस्त किस शुरू हो गया. मैं अब बहुत उत्तेजित हो गया था, मेरी शादीशुदा माँ को एक मूछ वाले ने अपनी मज़बूत बाहों में उठाया हुआ था और वो पूरी नंगी उस नंगे हिंदू मर्द से लिपटी हुई थी.,
मेरी माँ के गोरे दूध, राज के बालों वाली छाती से चिपके हुए थे, और मेरी माँ पूरी तबीयत से उस के होठों को अपने लाल लाल होठों में लेकर चूस रही थी. 5 मिनिट तक दोनों ने ऐसे ही ज़बरदस्त तरीके से एक दूसरे के होंठ और जीभ चाटे. फिर राज ने माँ को नीचे रखा और अब वो दोनों बिस्तर के बगल में नंगे एक दूसरे से लिपटे खड़े थे. माँ ने झट से राज के कसे हुए अकड़े लंड को अपने हाथ में कस के पकड़ किया और उस पर अपना मेहन्दी लगा हाथ रगड़ने लगी. उनके होंठ अभी भी चिपके हुए थे. उसकी चूड़ियों की ख़न- ख़न की आवाज़ और उसकी मादक सिसकियाँ बहुत मधुर लग रहीं थी. फिर माँ ने किस तोड़ा और राज के लंड की तरफ़ देखा. माँ ने अपनी एडियाँ उठाईं और राज के लंड का सुपाड़ा अपनी चूत पर रगड़ा. पहली बार एक लंड का सुपाड़ा मेरी माँ की चूत को छुआ था, और इतने में ही माँ का पूरा बदन सिहर उठा, उसने बहुत ज़ोर से सिसकी ली, ऐसे जैसे किसी ने गरम लोहा उसके बदन से छुआ दिया हो. वो ऐसे ही राज के लंड के सुपाड़े को अपनी चूत पर रगड़ती रही. फिर राज ने अपने लंड को अपने हाथ में पकड़ा और माँ की चूत पर ज़ोर से रगड़ा, राज ने अपनी टाँगें थोड़ी मोड़ीं और झुक के अपने कूल्हे से आगे की ओर एक झटका मारा. उसके लंड का चौड़ा सुपाड़ा माँ की चूत को भेदता हुआ ऐसे अंदर घुसा जैसे गर्म छुरी मक्खन के अंदर घुसती है. माँ की हल्की चीख निकल गयी. पर राज ने झुक के उसके होंठों को अपने होठों में भर लिया, और उसकी चीख बीच में ही दबा दी. एक और ज़ोर के झटके से राज का लंड लगभग पूरा मेरी माँ की चूत में घुस गया. एक मुस्लिम परिवार की औरत के बदन के साथ गाय की मिठाई खाने वाला एक पहलवान हिंदू मर्द खिलवाड़ कर रहा था, और उसकी चूत में अपना लोड़ा रगड़ रहा था. पर सच तो ये था, मेरी माँ ने ख़ुद सब मान मर्यादा भुला के उस मर्द से शारीरिक रिश्ता बनाया था, और वो खुद चल के आई थी इस हिंदू मर्द के बिस्तर में उसके साथ सेक्स करने.
राज अब ज़ोर ज़ोर से धक्के दे रहा था, माँ का पूरा बदन हिल रहा था, और उसने राज को कस कर पकड़ा हुआ था. माँ अपने गोरे मखमली बदन को राज के बालों वाले काले गठीले बदन पर रगड़ रही थी. 10 मिनिट तक माँ और राज ऐसे ही बिस्तर के पास खड़े खड़े प्यार करते रहे. राज ज़ोर ज़ोर से धक्के दे रहा था, माँ मदहोश होकर राज के होठों को चूमे जा रही थी. माँ के हाथ राज के चूतड़ों पर थे, और वो आवने नाख़ून उसके चूतड़ों में घुसा रही थी जैसे इशारा कर रही हो की और ज़ोर से धक्के मार अपने लंड से मेरी चूत में. बहुत ही गर्म सेक्स हो रहा था मेरी माँ और उस मर्द के बीच. फिर राज बिस्तर पर बैठ गया, माँ उसकी तरफ बढ़ी और इसकी गोद में बैठ गयी. और अपने हाथ से राज का लोड़ा पकड़ के एक बार फिर अपनी चूत में घुसाया.
अब माँ अपने कूल्हे हिला हिला कर अपनी चूत को राज के लंड पर रगड़ने लगी. माँ और राज के बदन चिपके हुए थे, राज ने माँ को अपनी मज़बूत बाहों में जकड़ा हुआ था, माँ के गोरे दूध राज की बालों वाली छाती में घुसे होने के कारण बाहर के तरफ़ फैले हुए थे. और माँ और राज फिर से तगड़े किस करने में लगे हुए थे. अपनी माँ को एक गैर मर्द की गोद में पूरी नंगी बैठी देख और अपनी माँ का एक पहलवान मर्द के साथ ऐसा गर्मा-गर्म सेक्स करता देख मेरा भी बुरा हाल हो रहा था. फिर राज लेट गया और माँ उसके उपर लेट गयी. राज नीचे से अपने चूतड़ हिला के धक्के दे रहा था, और माँ उपर से अपने चूतड़ हिला हिला के राज के लंड पर नाच रही थी. राज पलटा और अब माँ उसके नीचे थी, और वो माँ के उपर. वो एक बार फिर पलटे और फिर से माँ राज के उपर आ गयी. वो दोनों बिस्तर पर लोट-पोट हो रहे थे. कुछ देर ऐसे ही लोट-पोट होने के बाद राज माँ के उपर आ गया. अब वो जैसे पागल हो गया था, वो पूरे ज़ोर ज़ोर से धक्के मार रहा था, ऐसा लग रहा था जैसे आज माँ की चूत को फाड़ ही डालेगा.
माँ भी कस के राज से लिपटी हुई थी, और अपने हाथों से राज के चूतड़ दबा रही थी. पिछले 40 मिनिट से राज का लोड़ा माँ की चूत को रगड़ रहा था. माँ और राज के बदन पसीने से भीग गये थे. ऐसा लग रहा था जैसे दोनों नहा के आए हों, इतने चमक रहे थे उनके बदन पसीने से. बहुत ही गर्म सेक्स हो रहा था मेरी माँ और उस हिंदू मर्द राज के बीच. 40 मिनिट तक माँ और राज ने जानवरों की तरह सेक्स किया. फिर राज ने अपना वीर्य माँ की बच्चेदानी में गिरा दिया. माँ की कोख में पहली बार एक हिंदू का वीर्य गया था. 2 मिनिट तक राज का लंड माँ के हिंदू गर्भाशय में अपना वीर्य बोता रहा. मेरी माँ उस मर्द के साथ सेक्स करने में इतनी बेधड़क हो गयी थी की उसने उस मर्द को कॉंडम पहनने के लिए भी नही कहा. मैने सोचा शायद अब उसके गर्भ में एक बच्चा पले, पर मेरी माँ को कोई परवाह नहीं थी, वो मदहोश थी उस मर्द के साथ सेक्स करने में. मैं सोच भी नहीं सकता था की 40 की उम्र में भी मेरी माँ अपने पति को भुला कर एक हिंदू के साथ इतना गरमा-गर्म सेक्स कर सकती है. माँ की कोख में अपना वीर्य बोने के बाद 2 मिनिट तक राज माँ के उपर ही लेटा रहा. माँ हल्के हल्के अपने हाथों से राज के बालों वाली पीठ को सहला रही थी. फिर राज माँ के उपर से हटा और उसकी बगल में लेट गया. दोनों बुरी तरह हाँफ रहे थे, और दोनों के बदन पसीने से भीगे हुए चमक रहे थे. माँ की योनि में राज का गाढ़ा वीर्य पड़ा हुआ था. थोड़ा सा निकल कर माँ के जांघों पर भी बह गया था.
राज का लोड़ा उसके और माँ की योनि की मलाई से चमक रहा था. हाँफते हाँफते राज और माँ बातें करने लगे.
राज, “कैसा लगा मेरी रांड़, इस बंदे का सेक्स?”
माँ, “आज पहली बार औरत होने का एहसास हुआ है. आज पता चला कैसे होता है असली सेक्स और कितना मज़ा आता है सेक्स करने में.”
राज, “तेरे पति के साथ सेक्स नही करती थी तू?”
माँ, “हाँ करती थी, पर महीने में 1-2 बार. उसे सेक्स करने में शर्म आती थी, वो सेक्स को ग़लत मानता था”
राज, “तो अब मेरे साथ और सेक्स करेगी?”
माँ, “अब तो मैं तेरे सेक्स के बिना पागल हो जाऊंगी, अब तो मुझे हमेशा चाहिए तेरा सेक्स.”
राज, “तू तो मुस्लिम औरत है, एक हिंदू बंदे के साथ बार-बार सेक्स करेगी?”
माँ, “अब एक बार कर लिया तो फ़िर कैसे परहेज़? अब तो कोई परवाह नही, अब तो हज़ार बार तेरे कसे हुए लंड को चूत में डालूंगी. रोक सको तो रोक लो!” ऐसा कहते हुए माँ ने राज के होठों को हल्के से चूमा और उसके साथ लिपट गयी. राज ने माँ को अपनी बाहों में ले लिया. मेरी माँ भी नंगी ही उस नंगे मर्द की बाहों में बाहें डाले और टाँगों में टाँगें डाले लिपट कर सो गयी. मैं कभी सपने में भी नही सोचा था की ऐसा दृश्य देखूँगा. इस इलाक़े में आने के बाद एक महीने में ही मेरी माँ का रूप बदल गया था. आज मेरी माँ पूरी नंगी लेटी हुई थी, एक गैर मर्द की बाहों में. ये हिंदू मर्द एक पहलवान था और क्या गर्म सेक्स किया था मेरी हिंदू माँ ने उस मर्द के साथ. कितनी तबीयत से उसने उस मर्द के होठों और लंड को चूसा था. और अब कैसे मदहोश हो के उस मर्द की बाहों में नंगी सो रही थी. किसी की परवाह नहीं थी उसको, जैसे अब उसकी ज़िंदगी का एक ही मक़सद था, उस मर्द के साथ सेक्स करना. इन सब ख्यालों में खोए हुए, और अपनी माँ को एक हिंदू मर्द की बाहों में नंगी लेटे देख मैं भी ज़ोर ज़ोर से अपना 5” का लोड़ा रगड़ रहा था, और अपना पानी छोड़ दिया.
रात के 3 बज चुके थे. पिछले 5 घंटों में मेरी माँ ने उस हिंदू मर्द के साथ बिना रुके लगातार सेक्स किया था. मैं भी वहीं टेरेस पर ही सो गया. 6:30 बजे मेरी आँख खुली. माँ और राज अभी भी नंगे ही एक दूसरे से लिपटे सोए हुए थे. अपनी माँ को एक हिंदू मर्द के साथ नंगी देख मेरा फ़िर से खड़ा हो गया, पर अब मुठ मारने का समय नहीं था. मैं झाँक ही रहा था की अंदर माँ भी नींद से जागी. वो बिस्तर से उठी और ज़मीन पर पड़े अपने कपड़े उठाए, ब्लॅक ब्रा, पैंटी, पेटीकोट ब्लाउस और साड़ी. उसने बस अपने बदन पर अपनी ट्रॅन्स्परेंट साड़ी लपेटी और कमरे से बाहर निकल गयी. राज अभी भी पूरी नंगा अपने बिस्तर पर सो रहा था. मैं फटाफट भाग के अपने कमरे में आ गया और अपने बिस्तर पर लेट गया. माँ उपर आई और मेरे कमरे में झाँका. मैने सोने का नाटक किया. उसने मेरे कमरे का दरवाज़ा खोला और नहाने चली गयी. मैं भी 7 बजे उठ के नहा धो कर स्कूल चला गया. पर स्कूल में पूरे वक़्त मेरी आँखों के आगे मेरी माँ और उस मर्द के बीच रात भर हुए गर्म सेक्स के दृश्य घूमते रहे.
मेरा मन कर रहा था फ़िर से अपनी माँ को उस राज की बाहों में नंगी देखने का. मेरा बस चलता तो स्कूल में ही माँ और राज के सेक्स के बारे में सोच कर मुठ मार लेता. शनिवार का दिन होने के कारण 12 बजे ही छुट्टी हो गयी. घर आते ही मैने रात के दृश्यों के बारे में सोचा, कैसे मेरी माँ उस राज की बाहों में नंगी हो कर पूरी रात उसके साथ सेक्स करती रही, यही सोच सोच मैने ज़ोर ज़ोर से दो बार मुठ मारी. शनिवार होने के कारण माँ भी बॅंक से जल्दी वापिस आ गयी. आते ही अपने कमरे में सोने के लिए चली गयी. मुझे पता था, कल रात वो ठीक से नही सोई थी, वो राज रगड़ रगड़ के चोद जो रहा था उसकी चूत को रात भर. शाम 6 बजे वो अपने कमरे से निकली और रसोई में खाना बनाने लगी. रात का खाना खाने के बाद मैने कल रात की ही तरह दूध खिड़की से बाहर गिरा दिया. कल रात की ही तरह आज भी माँ मेरे कमरे को बाहर से बंद करके नहाने चली गयी. फिर से नहा धो कर नयी साड़ी पहनी, आज साड़ी भगवे रंग की थी, जैसी कोई हिंदू साध्वी पहनती हैं. इसका ब्लाउस भी बेहद छोटा स्लीव्ले और बॅकलेस था. और आज फिर मेरी माँ सजी थी एक नयी नवेली हिंदू दुल्हन की तरह अपनी सुहाग रात मनाने के लिए एक पहलवान हिंदू के साथ. कितनी खूबसूरत थी मेरी माँ, और उसके इस खूबसूरत बदन का मज़ा उसका पति नहीं बल्कि एक पहलवान हिंदू मर्द लूट लूट के ले रहा था.
राज भी कुर्ते पाजामे में अपनी प्रेमिका का इंतज़ार कर रहा था. जैसे ही माँ राज के कमरे में घुसी, दोनों एक दूसरे से लिपट गये, और फिर पागलों की तरह एक दूसरे के होठों को चूसने लगे. मैं भी कल की तरह रोशनदान से सब देख रहा था और बहुत उत्तेजित था, कि आज फिर अपनी माँ का एक हिंदू मर्द के साथ गरमा-गर्म सेक्स देख पाऊँगा. और वही हो रहा था, क्या गर्म सेक्स चल रहा था माँ और राज के बीच. कल की तरह आज भी माँ ने राज को पूरा नंगा करके उसका 10” लंबा लोड़ा अपने मुँह में लेकर चूसा, और राज ने अपना गाढ़ा वीर्य माँ की सिंदूर से भरी माँग में छोड़ा, फिर राज ने माँ को पूरी नंगी करके उसकी चूत को चाटा और उसकी चूत के दाने के साथ खिलवाड़ किया, फिर माँ ने अपनी चूत का पानी राज के मुँह में छोड़ दिया. फिर दोनों नहाने चले गये. राज ने शवर ओंन किया और माँ उसके नंगे मर्दाना शरीर से लिपट गयी और अपने गोरे मखमली नंगे बदन को राज के काले बालों वाले गठीले बदन के साथ रगड़ने लगी. दोनों पानी में भीगे हुए थे, और एक दुसरे के मुंह में मुंह डाले ज़बरदस्त किस कर रहे थे. माँ के लम्बे बाल पूरी तरह भीगे हुए उसकी कमर के साथ चिपक गए थे. माँ ने अपनी एक टांग उठाई और राज के कमर के गिर्द लपेट ली.
राज थोड़ा झुका और अपने लोड़े को माँ की चूत में घुसा दिया. और ऐसे खड़े खड़े ही मेरी माँ और वह हिंदू मर्द एक दुसरे के साथ गरमा-गर्म सेक्स करने लगे. 10 मिनट तक ऐसे ही उसका सेक्स चलता रहा. पानी से भीगे उसके बदन चमक रहे थे. फिर राज नीचे फर्श पर लेट गया, और माँ वहीँ शवर के पानी के नीचे उसका 10” लम्बा लोड़ा चूसने लगी. 3-4 मिनट तक माँ ऐसे ही राज का लोड़ा चूसती रही. क्या हो गया था मेरी माँ को, वो हिंदू के लोड़े को चूस रही थी. उस हिंदू के साथ सेक्स करने की इतनी हवस भरी थी मेरी माँ में वो ऐसे ही मादक तरीके से राज का लोड़ा चूसे जा रही थी. कुछ देर बाद राज फ़िर से खड़ा हुआ और माँ को अपनी मज़बूत मर्दाना बाहों में उठा लिया. वो अभी भी शवर के नीचे ही थे. राज ने अपना लोड़ा माँ कि चूत में घुसाया और उसे पेलना शुरू किया. बहुत ही मादक दृश्य था, मेरी माँ पूरी नंगी थी. उसको एक नंगे हिंदू ने अपनी मज़बूत बाहों में उठाया हुआ था, और मेरी माँ अपने बदन को उस हिंदू के बदन से चिपकाये, उसके गले में अपनी बाहें डाले बेतहाशा उस हिंदू के होठों को चूस रही थी. 15 मिनट तक राज ने ऐसे ही माँ को साथ खड़े खड़े शवर के पानी के नीचे गरमा-गर्म सेक्स किया. और एक बार फ़िर माँ कि कोख़ में अपना वीर्य बो दिया.
मुझे लग रहा था राज ज़रूर माँ को अपने बच्चे कि माँ बना देगा. मैं सोच रहा था माँ इतनी बेफिक्र कैसे हो गयी थी, एक औरत होते हुए वो एक हिंदू का बच्चा अपनी कोख़ में कैसे पाल सकती थी. वो राज के साथ सेक्स करने कि हवस में अंधी हो गयी थी. उसे तो बस राज के साथ सेक्स चाहिए था, उस सेक्स का नतीजा क्या होगा उसको परवाह नहीं थी इस बात की. बाथरूम में सेक्स करने के बाद माँ और राज बहार बिस्तर पर आकर लेट गए.
माँ, “भूख़ लग रही है, कुछ खाने को है?”
राज, “मुझे भी, पर खाने के लिए फ्रिड्ज में सिर्फ मिठाई पड़ा है. खायेगी?”
माँ, “ नहीं .”
राज, “रात के 1 बजे तो कहीं बाहर से भी नहीं मंगा सकते.”
माँ, “चल मिठाई ही खा लेते हैं.”
राज अपनी रसोई में गया और 2 प्लेट में मिठाई भर के ले आया. फ़िर दोनों एक साथ सोफे पर बैठ कर खाने लगे. वो लोग अभी भी नंगे ही थे. मुझे यकीन नहीं हो रहा था. रात के 1 बजे मेरी माँ पूरी नंगी बैठी थी, एक पहलवान हिंदू मर्द के साथ और उसके साथ मिल मिठाई खा रही थी.
माँ, “अम्म्म्म्म्म, बहुत स्वाद है ये तो, मुझे पता नहीं था . ”
राज ने आगे झुक कर माँ के लाल लाल होठों पर चुम्बन लिया. मिठाई खाने के बाद दोनों बिस्तर पर आ कर एक दुसरे से लिपट कर सो गए. मैं भी उनके गरमा-गर्म सेक्स को देख के मुठ मारी और सो गया. अगला दिन रविवार था. सब लोग घर पर थे. राज भी अपनी मिठाई की दुकान पर नहीं गया. सुबह 9 बजे उठने के बाद मैंने माँ को देखा तो थोड़ा झटका लगा. माँ ने स्लीव्ले ब्लाउज वाली ट्रॅन्स्परेंट साड़ी पहनी थी जैसी वो कोलकाता में पहनती थी. इसका एक ही कारण था, अब वो राज के आगे अपने गदराए गोरे जिस्म की नुमाइश कर रही थी. राज भी केवल एक लुंगी में घूम रहा था. उसका बालों से भरा गठीला मर्दाना बदन देख के मेरी माँ गर्म हो थी. पर मेरे घर पर होने की वजह से दोनों कुछ कर नहीं पा रहे थे. फ़िर भी मौका देख कर उन दोनों ने 3-4 बार तगड़ा किस किया. पर इससे ज़्यादा वो कुछ कर न पाये. माँ के बेताबी देख के लग रहा था वो बेसब्री से रात होने का इंतज़ार कर रही है ताकि रात होते ही अपने प्रेमी की बाहों में जा सके और उसके साथ गरमा-गर्म सेक्स कर सके. रात में फ़िर माँ ने राज के साथ 4 बार धमाकेदार सेक्स किया ऐसे ही चलता रहा कुछ दिनों तक. फ़िर एक दिन माँ सुबह-सुबह बोली उसकी तबियत ठीक नहीं है, वो बैंक नहीं जाएगी. मुझे शक हुआ. मैं स्कूल की तरफ निकला पर आधे रास्ते से ही वापस आ गया. और चुप के घर के अंदर घुस गया. और मेरा शक ठीक था. माँ की सेहत को कुछ नहीं हुआ था, उसको तो बस उस हिंदू का सेक्स चाहिए था. क्या जानवरों की तरह सेक्स किया माँ और राज ने दिन भर. रसोई में, बहार आँगन में, बाथरूम में, राज के बिस्तर पर… पूरा दिन एक भी कपडा नहीं पहना उन्होंने. दिन भर में 6 बार सेक्स किया माँ ने राज के साथ. पर अभी भी मेरी माँ की हवस शांत नहीं हुई थी क्यूंकि रात में फ़िर से माँ ने राज के साथ 4 बार सेक्स किया.
रात में सेक्स करने के बाद राज हाँफते हुए बोला, “मैंने बहुत सुना था कि बंगाली औरतों, खासकर मुस्लिम औरतों में बड़ी गर्मी होती है सेक्स करने की, बिलकुल सच बात निकली. बड़ी गर्मी है तुझमें . आज दिन भर में ये 10वीं बार सेक्स किया है हमने. क्या मस्त होकर सेक्स करती है तू, बहुत खूब मैंने कभी सोचा नहीं था एक औरत भी इतनी मस्त होकर सेक्स कर सकती है.”
पसीने से भीगी माँ भी हांफती हुए बोली , “मैंने भी हिंदू मर्दों के बारे में जो सुना था वो ठीक निकला.”
राज, “क्या सुना था?”
माँ, “यही कि बहुत मर्दाना ताकत होती है हिंदू मर्दों में, और सेक्स करने में उनका मुक़ाबला कोई नहीं कर सकता. क्या दम है तुझमें राज, आज 10वीं बार सेक्स किया तूने मेरे साथ, इतना सेक्स तो मैं अपने पति के साथ एक साल में करती थी, जितना तेरे साथ एक दिन में कर किया. सच में तेरे साथ सेक्स करने के बाद ही मुझे औरत होने का पूरा एहसास हुआ. तू जब अपनी मर्दाना बाहों में जकड़ता है या मेरे होठों को चूमता है या अपने लोड़े से मुझे पेलता है तब लगता है कि किसी असली मर्द को प्यार कर रही हूँ. अब लगता है कितना मज़ा आता है सेक्स करने में. पहले कितना दबी हुई थी मैं, बहुत झिझक होती थी, और अब उतना ही आनंद आता है.”