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Kaali is to marry in 3 years. Guess what happens


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Real@Reyansh

हसीनो का फेवरेट
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अमर और चंदा एक दूसरे में खोकर सब कुछ भूले नहीं। सुबह को नहाते हुए चंदा की मीठी गांड़ मार कर अमर हॉस्पिटल चला गया और चंदा पढ़ाई करने लाइब्रेरी। दोनों ने दोपहर को मिलकर काली ने भेजा खाना खाया।


अमर, “तुम्हें कैसे पता चला कि मैं काली के पास था?”


चंदा, “मुझे पता था कि उस दिन कोई medical conference नहीं था। काली ने मुझे बताया था कि वह दोनों बच्चे के लिए कोशिश कर रहे थे पर हो नही रहा था। आप ने जिन दिनों के लिए छुट्टी ली थी उन्हीं दिनों के लिए वृषभ भैय्या आपके फार्महाउस को मांग रहे थे। बाकी मैंने जोड़ लिया।”


अमर, “पर तुम्हें कैसे पता चला कि मैं जल्दी लौट आऊंगा?”


चंदा अमर को चूमकर, “मुझे आप पर भरोसा है। आप अपनी हवस के लिए किसी का संसार नहीं उजाड़ सकते।”


कुछ पल अमर की बाहों की गर्मी में बिताकर चंदा वापस पढ़ाई में लग गई। एक जवान लड़की को अपने आगोश में लेकर उसे प्यार से चूमना और उसे बिना चोदे छोड़ देना अमर के लिए नया अनुभव था। अमर ने रात को चंदा के लिए एक बढ़िया pen लाया जो उनके प्यार और रिश्ते की निशानी बन गया।


अमर अपनी गुलाम को अपनी प्रेमिका बनाकर खुश था। दोनों प्रेमी अकसर बातें करते और शरीर के सुख के साथ मन के मिलने का अनोखा अनुभव हासिल कर अमर बेहद संतुष्ट था।


एक महीने बाद वृषभ और काली अमर को मिलने आए और उन्होंने काली के पैर भारी हो जाने की खबर दी। चंदा और अमर ने काली और वृषभ को बधाइयां दी और उन्हें खुशी खुशी विदा किया।


काली के गर्भवती हो जाने की खबर सुन कर वृषभ के माता पिता जैसे खुशी से खिल उठे। काली की मां को भी बंगाल से बुलाया गया और काली के लिए मानो हर दिन एक त्योहार बन गया। काली को अपने परिवार संग देख कर चंदा खुश थी पर उसे अपनी मां और बहन का धोखा उतना ज्यादा महसूस हो रहा था।


जून महीने में जब चंदा ने UPSC PRELIMS की परीक्षा दी तब काली का चौथा महीना चल रहा था। क्योंकि डॉक्टर गीता सोलंकी ने वृषभ को काली से संबंध बनाने से मना किया था पर वृषभ अपनी गर्भवती पत्नी से दूरी नहीं रख पा रहा था। काली वृषभ को इस बात के लिए डांटती पर मन ही मन खुश भी होती।


वृषभ अब हर सुबह और रात अपनी पत्नी के फूलते हुए पेट को सहलाते हुए उसकी गांड़ मारता। काली भी खुशी खुशी अपने पति का साथ देते हुए मजे लेती।


अक्टूबर में हुई UPSC mains की परीक्षा के लिए अमर ने छुट्टी ली और वह खुद चंदा को छोड़ने और लेने जाता। चंदा भी अमर के भरोसे अपनी पढ़ाई पर ध्यान रखते हुए अपने ध्येय पर अडिग बनी रही।


नवंबर के अंत में काली को प्रसव वेदना होने लगी और उसे Dr सोलंकी के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। पूरे परिवार के साथ होने वाले बच्चे के दोनों बाप वहां पर हाजिर थे। लगभग पूरे दिन का इंतजार करवाने के बाद काली को delivery room में ले जाया गया। हालांकि वहां वृषभ का आना मना था पर अमर को काली का डॉक्टर होने के नाते अंदर जाने दिया गया।


काली को बेटा हुआ यह खबर अमर ने बाहर आकर वृषभ को दी। सब लोगों ने पल भर के लिए हरे कपड़े में बंधे नवजात शिशु को देखा और फिर उसे उसकी थकी हुई मां के सुपुर्द कर दिया गया।


चंदा ने काली का खयाल रखते हुए हॉस्पिटल में दो रातें बिताई और मां बेटे का निर्मल रिश्ता देखा। वृषभ अक्सर अपने बेटे को दूध पीते हुए देखता और काली को चूम कर शुक्रिया अदा करता।


दिसंबर के अंत में UPSC mains के results आए और चंदा को फरवरी में दिल्ली बुलाया गया। चंदा नहीं जानती थी कि interview के लिए उसे क्या करना होगा। चंदा ने इस बारे में अमर और Dr गीता सोलंकी से पूछा क्योंकि वही उसके पहचान के सबसे ज्यादा पढ़े लिखे लोग थे। गीता सोलंकी ने डरते हुए चंदा को एक ऐसे इंसान का नाम और पता दिया जो एक लब्ज़ से किसकी जिंदगी बना या बिगाड़ सकता था।


चंदा मानव शाह से मिलने उसके दफ्तर में गई तो उस प्रभावशाली व्यक्तिमत्व से मानो उसकी आंखें चौंधिया गई। दोपहर को चंदा को रोते हुए देख कर अमर ने उसे अपनी बांहों में भर लिया और उसके रोने की वजह पूछी।


चंदा, “डॉक्टर गीता सोलंकी के पहचान के मानव शाह से interview की तयारी के लिए गई थी। उन्होंने मुझे कई मुश्किल सवाल पूछे जिनका जवाब में नहीं दे पाई। फिर उन्होंने मेरे बाबा और गांव के बारे में पूछा। मुझे बहुत बुरा भला कहा और घर भेज दिया।”


अमर ने इस शाह की चाल समझ कर, “तो तुम उसे छोड़ दोगी? नहीं! तयारी करो! जवाब ढूंढो! डर लगेगा पर निडर दिखो! अपने आप पर विश्वास कर उसका सामना करो!”


चंदा ने अपने आंसू पोंछे और अमर को गले लगाकर पढ़ाई में लग गई। अगले दिन सुबह मानव शाह ने दुबारा फोन कर चंदा को इंटरव्यू की अपॉइंटमेंट दी तो चंदा तयार थी।


इसी तरह अब चंदा रोज सुबह मानव शाह से मिलती और बाकी दिन भर पढ़ाई करती। जनवरी के अंत तक मानव शाह और चंदा के बीच दोस्ती नहीं तो साझेदारी बन गई थी। मानव शाह को देख कर उसके मन को समझना नामुमकिन था पर मानव शाह ने चंदा और अमर के दिल्ली आने जाने और रहने का जिम्मा उठाकर चंदा में अपना विश्वास दिखाया।


मानव शाह का ड्राइवर उसकी बेहद कीमती गाड़ी लेकर जब चंदा और अमर को उनके सफर के लिए लेने आया तो अमर के सारे पड़ोसी उस गाड़ी को ताकते रह गए। जब अमर ने ड्राइवर से टिकट के बारे में पूछा तो वह मुस्कुराकर बोला की उसकी जरूरत नहीं पड़ेगी।


जुहू की हवाई पट्टी पर मानव शाह के निजी हवाई जहाज में चंदा की मुलाकात काम्या से हुई। काम्या ने चंदा को शुभ कामनाएं देते हुए उनके होटल की बुकिंग के कागजात और होटल की गाड़ी के कागजात दिए। चंदा को विश्वास नहीं हो रहा था कि यह उसकी जिंदगी का दूसरा हवाई सफर है और यह भी निजी हवाई जहाज से हो रहा है।


चंदा हिचकिचाते हुए काम्या से, “आप जानती हो ना की अगर मैं चुनी गई तो भी मैं आप को गलत कामों में मदद नहीं करूंगी। क्या आप सच में मुझे ऐसे मदद करना चाहती हैं?”


काम्या ने हंसकर चंदा को गले लगाते हुए, “ओह!!… इसी लिए पापा को तुम इतनी पसंद आई। तुम जैसों की देश को जरूरत है। अब बिना किसी संकोच के जाओ और पैनल को जीत के आना।”


चंदा चुपके से, “मानव शाह जी को मैं पसंद नहीं हूं। वह मुझे बहुत डांटते हैं।”


काम्या, “वह ऐसे ही हैं! अगर उन्हें तुम काबिल नहीं लगती तो वह पहले ही दिन तुम्हारी तारीफ करते और दुबारा कभी नहीं बुलाते!”


चंदा और अमर UPSC interview की तयारी करते हुए दिन भर की देश विदेश की खबरें पढ़ते हुए जल्द ही दिल्ली पहुंच गए। एक दिन जल्दी पहुंचने की वजह दोनों ने दिल्ली की थोड़ी सैर की और UPSC interview की जगह भी देखी।


अगले दिन सुबह चंदा इतनी डरी हुई थी कि वह अपने डर को भुलाने के लिए दो बार अमर की सवारी कर उसे निचोड़ कर नहाने चली गई। साड़ी पहन कर तयार चंदा बहुत सुंदर और शांत लग रही थी। चंदा ने कोई जेवर या make up नहीं पहना था। उसकी दहिनी कलाई पर गुलामी का कड़ा और बाईं कलाई पर घड़ी छोड़ उसके पास कोई आभूषण नहीं थे।


चंदा अकेली जाना चाहती थी इसी लिए वह होटल की गाड़ी में अकेली बैठ कर इंटरव्यू के लिए चली गई। अमर चंदा का इंतजार करते हुए होटल के कमरे में बैठा रहा।
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Lefty69

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Sorry for disappearing so suddenly but I had to go to a place where logging into this forum was a risk.

Well I am back and will complete the story. Kindly give me your suggestion as they are very helpful.
 

Lefty69

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चंदा ने चुपके से सहमे हुए कदमों से होटल के कमरे में पैर रखा। अमर का मुस्कुराता चेहरा देखकर चंदा उसकी बाहों में समा गई।

अमर फिक्र से, “क्या हुआ चंदा?”

चंदा अमर के चेहरे को गौर से देखते हुए, “मुझे प्यार कीजिए!… मुझे ऐसे प्यार कीजिए जैसे कल ना हो…”

अमर ने अपनी बाहों में चंदा को भर कर उसके माथे को चूमा। चंदा ने अपने होठों को उठाकर अमर को चूमा और अमर चंदा के होठों पर मुस्कराया।

अमर ने चंदा को अपनी बाहों में उठा लिया और उसे बेड पर ले गया। अपने प्यार को धीरे से bed पर रख कर अमर चंदा के बगल में लेट गया। चंदा ने अमर को अपनी बाहों में भर लिया और उसे चूमने लगी।

अमर ने चंदा की जल्दबाजी को देख मुस्कुराते हुए उसे चूमते हुए उसकी साड़ी खोली। चंदा ने जल्दबाजी में अमर की कमीज उतारी और पैंट खोली। अमर का फौलाद चंदा को सलामी देते हुए धड़कते हुए खड़ा हो गया। चंदा ने अपने प्रेमी को चूमते हुए उसके हथियार को सहलाया और फिर नीचे सरक गई।

चंदा की गरम सांसों ने अमर के फौलाद को भड़काया और अमर की आह निकल गई। आज चंदा को कुछ जल्दी लग रही थी। चंदा ने अपने प्रेमी को एक झटके में अपने गले में लेते हुए तेजी से चूसने लगी। अमर ने तड़पते हुए चंदा को अपनी ओर खींचा तो वह अमर को चूसते हुए ही घूम गई।

अमर ने चंदा की साड़ी को ऊपर उठाया और उसकी यौन रसों से गीली पैंटी को एक ओर सरकाया। अमर ने अपनी जीभ से चंदा को चोदते हुए अपने पूरे हुनर को इस्तमाल किया। चंदा की जवानी को अमर ने ही जलाया था और वह चंदा की हर कमजोरी को, हर जरूरत को जानता था।

चंदा ने अमर के टोपे को अपने गले में दबाकर चीखते हुए झड़ना शुरू किया तो अमर भी झड़ने की कगार पर था। लेकिन चंदा ने अमर के लौड़े की जड़ में से आती नब्ज़ को दबाकर उसका स्खलन रोक दिया।

अमर को झड़ने का मजा आया पर पानी ना छोड़ पाने की वजह से अब भी सख्त बना रहा। चंदा ने फिर से गोल घूमकर अपनी साड़ी उठाई और अपनी पैंटी को एक ओर खींच कर अपनी गीली छूत को अमर के टोपे पर रखा।

अमर की आंखों में देख कर चंदा ने एक गहरी सांस ली और अपने घुटनों को मोड़ दिया। अमर का उबलता फौलाद चंदा की पिघलती जवानी में एक ही झटके में समा गया।

चंदा की चीख कमरे में गूंज उठी और अपने अपनी हथेलियों को अमर के नंगे सीने पर रख कर खुदको अमर के ऊपर बनाए रखा। अमर भी चंदा की इस आक्रामक उत्तेजना में खो गया।

चंदा ने अपने आप को संभाला और अपनी कमर को हिलाते हुए अमर ने चुधवाने लगी। अमर चंदा के मोहक रूप में खोकर उसे देखता रह गया। चंदा ने अमर को शैतानी मुस्कान देते हुए अपना ब्लाउज खोला और अपनी ब्रा को उपर उठाते हुए अपने मादक मम्मे खोले।

चंदा, “क्या मालिक मुझे चोदते हुए कुछ पीना पसंद करेंगे?”

अमर मुस्कराते हुए, “नेकी और पूछ पूछ?”

अमर चंदा के मम्मों को दबाते हुए उन्हें चूसने लगा और चंदा ने अपने प्रेमी मालिक की घुड़सवारी करते हुए अपनी रफ्तार बढ़ाई। चंदा अभी झड़ने की वजह से बेहद गरम थी तो अमर झड़ नहीं पाया था इस लिए उतावला हो गया था।

दोनों प्रेमियों ने एक दूसरे से लिपटते हुए आहें भरी और अपनी गर्मी बहाते हुए झड़ गए।

अमर के ऊपर चंदा थक कर चूर पड़ी थी जब उसे अपने कंधे पर पानी का एहसास हुआ। अमर ने चंदा के सर को उठाकर देखा तो वह रो रही थी।

अमर, “चंदा! क्यों रो रही हो? क्या इम्तहान सही नहीं था? कोई बात नहीं, हम अगले साल फिर कोशिश करेंगे।”

चंदा ने अमर से कस कस लिपट कर, “कुछ ही देर में पुलिस मुझे गिरफ्तार करके आएंगे। मैंने सिलेक्शन कमिटी के एक आदमी को थप्पड़ मारा है।”

अमर ने हैरान हो कर चंदा को पूरी बात बताने को कहा।
 
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Lefty69

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Hindu m and m sluts es tara ki interfaith me bohat interest hai


लाजवाब

I think this is the happy ending that Amar deserves, but you can add the other incidents in their upcoming life

Please have a Suhagraat scene between Kali, Chanda & Amar with Vrushab acceptance.

Update जी pls 🙏🏻

Nice update

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Adbhut kahani. Please send next update.

Thank you for your suggestion.
 
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