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Fantasy The 13th fantasy adventure magic

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बरसात के मौसम में आज का सूरज ढल रहा था जिसकी रोशनी में वो नहर जैसी नदी की धारा का पानी सोने सा चमक रहा था। इसी नदी की पतली धारा के दोनों ओर जो कुछ जगह थी वहां पर अक्सर बच्चें खेलने के लिए आया करते थे। दोंनो तरफ सड़क कुछ ऊपर की ओर थीं जहाँ से वाहन कम ही निकला करते थे और हमेशा की तरह सब कुछ शांत ही था, माहौल भी और उन दोनो के बीच का फासला भी।

“ क्या बात है, तुम ने मुझे यहाँ क्यों बुलाया है?” उस भूरे बालों वाली लड़की की आवाज़ कम होते हुए भी माहौल के सन्नाटे में गूंज गई।

सामने खड़ा वो लड़का अब भी दोनों हांथो को पीछे किये हुए चुप ही खड़ा था।

“ कुछ दिनों से तुम काफी परेशानी में लग रहे हों, मुझे बताओ आख़िर हम दोनों दोस्त है।“ लड़की की आवाज़ में काफी नरमी थी इस बार और वह उस लड़के को बहुत मासूमियत से देख रही थी।

“ तुम कल वापस अपने देश चली जाओगी_______” लड़के की आवाज में कुछ परेशानी झलक रही थी

“ हाँ।“ लड़की ने जवाब दिया।

“ और फिर में तुमसे कभी नहीं मिल पाऊंगा।“

“ अच्छा तो तुम इस बात से परेशान थे।“ उस लड़की ने तेजी से उसके पास आकर कहा, उसके हाथों को थामा और मुस्कान के साथ बोली “ तुम्हारे पास मेरा मोबाइल नम्बर और ईमेल तो है ना, उसी से हम रोज मिल लिया करेंगे। और अगर में तुमसे मिलने ना आ पाई तो तुम खुद आ जाना।“

फिर उस लड़के के चेहरे पर एक छोटी सी मुस्कान आ ही गई।

“ हाँ, जरूर। पर में तुम्हें कुछ और भी बताना चाहता हूँ।“ एक बार फिर कुछ परेशानी भरी नजरें उस लजाते हुए चेहरे पर आ गई।

“ मैं सुन कर रही हूँ, कहो।“ लड़की ने बहुत ही उत्सुकता से पूछा।

एक पल को उस लड़के के हाथ कांपे, नजरे झुकी रही। पर अगले ही उसने अपनी ज़ेब में हाथ डाला और उसमें से कुछ निकाल कर लड़की की तरफ बढ़ाते हुए बोला,

“ आई लव यू रोज़। मैं तुम्हे बहुत चाहता हूं, समझ नही आ रहा था कि तुमसे यह कैसे कहुँ, इसलिए हिम्मत जुटाने में काफी समय लग गया।“ हांथ उसके अब भी कांप रहे थे, आंखें बंद थीं और जुबान भी लड़खड़ा रही थी। उसके हाथ में एक लव लेटर था और उसके ऊपर दो काले रंग की नक्काशी वाली अंगूठियां। और अब इंतज़ार था तो बस उसके जवाब का ________

वो सूनी सी ठंडी हवा उन दोनों को छूकर चली गई , माहौल अब भी शांत था। सूरज ढलने में बस कुछ ही वक्त बाकी था और उसका जवाब सुनते-सुनते वह सूरज भी ढल गया।

“ आई एम सॉरी, पर मेरे लिए तुम एक दोस्त से ज्यादा कुछ भी नही हो, आई डू लाइक यु वेरी मच पर में तुमसे उस तरह प्यार नही करती।“ रोज़ उसका हाथ छोड़ पीछे हट गई, उसकी वो पहले वाली मुस्कुराहट गायब हो गई। उसके जवाब को सुन कर लड़के का चेहरा सफेद पड़ गया, उसकी हिम्मत जैसे जवाब दे गई पर उसने कुछ ब भी नहीं कहा

“ कल में जा रही हूँ और मैं नहीं चाहती कि तुम मुझे इस तरह दुखी होकर विदा करो।“ रोज़ के हाथ उस लड़के के पास पहुंचते ठिठक गए, उस लड़के को इस तरह दुखी देखना शायद उससे देखा नहीं गया। इतने में वहाँ ऊपर से एक जानी पहचानी आवाज़ आ गई

“ रोज़, प्रोफेसर तुम्हें बुला रहे है, जल्दी।“ कोई लड़की रोज़ को सड़क के ऊपर से बुला रही थी।

रोज़ ने एक दफा उस लड़के को देखा, दूसरी ओर ऊपर उसे बुलाने वाली लड़की को देखा

“ मैं जा रहीं हूं, तुम भी जल्दी आ जाना।“ रोज़ की आवाज़ कुछ झिझक गई और मुठ्ठी भींचे वो वहाँ से चली गई।

हमेशा की तरह आज भी अंधेरा छाने लगा, जो पहले से कही ज्यादा घाना मालूम पड़ रहा था। और उस पर जंचने के लिए बादलों ने अपना बोझ हल्का कर दिया। धीरे धीरे शुरू हुईं बारिश ने रफ्तार पकड़ ली किसी रेलगाड़ी की तरह, कुछ दूरी पर जल रहे स्ट्रीट लाइट की रोशनी उस पेड़ के पास नाम मात्र की पड़ रही थी जिसके नीचे बरसात में वह लड़का बैठा भीग रहा था।

पेड़ से टिक कर वह एक घुटने को मोड़ कर उस पर हांथ रखा हुआ था, बरसात की बूंदे उसके शरीर को तर कर रही थी और वह पेड़ उसे पानी से पूरी तरह बचाने में असमर्थ था। जैसे बादल अपना बोझ कम करने को बरस रहे थे वैसे ही उस लड़के की पलके अपने बोझ हल्का करने के लिए रो रही थी। उसने एक आह भरी और अपना चेहरा ऊपर कर बैठा रहा। आँसू उसकी आँखों के किनारों से निकलते हुए गालों को रास्ता बनाये हुए थे, अपने हांथो में गीले होते लेटर को उसने जल्दी से वापस जेब मे रख लिया, अंगूठियों के सांथ।

उसके होंठ धीरे से हिल और वह कुछ बड़बड़ाया

“ हाँ, सही तो कहा रोज़, ने मुझसे ज़्यादा उसके बारे में को जानता है” उसकी आवाज़ धीमी होने के बावजूद भारी थी “ उसने तो खुद मुझे बताया था कि उसे किस तरह का लड़का पसंद है। जो स्मार्ट हो और मज़ाकिया भी, अच्छी बॉडी हो और जिसे डर छू भी ना पाए।“

बड़बड़ाते हुए उसका दिल जैसे दर्द से रिस गया, उसके आँसुओ ने एकाएक तेज़ रफ़्तार पकड़ ली। उसे आज पता चल रहा था कि दिल का दर्द शरीर को लगी चोट से कहीं ज्यादा दर्दनाक होता है, क्योंकि उस पर ऊपर से कोई मरहम भी नही लगाया जा सकता। अपनी छाती को कचोटते हुए एक बार फिर उसके होंठ हिले

“ कहना तुम्हारे लिए शायद आसान था रोज़, मगर सुनना मेरे लिए एक श्राप जैसा था। 4 साल साथ गुजारे है हमने और तुम कहती हो में भूल जाऊ__________ कैसे रोज़ कैसे।“

अब जाकर उसके सब्र का बांध पूरी तरह से टूट गया, वो वहीं फूट फूट के रो पड़ा, असहाय सा वह ख़ुद से ही बातें करता हुआ रोता रहा। अपने आप को ढांढस बांधता पर उसके चुप होने पर भी उसकी आंखें चुप नहीं रह पाई और पता नहीं कब उसके अंदर दर्द ने लंबे समय के लिए अपना घर कर लिया।

रात का वह कौन सा पहर था यह नहीं पता, पर उसकी लाल आंखे अब सूज कर बंद हो चुकी थी, दर्द अब भी चेहरे पर था और अब तक वो एक लंबी नींद में जा चुका था। उसका शरीर वही निढाल सा पेड़ से टिका हुआ था जिसमें नाम मात्र की भी जिंदगी नही दिख रही थी। तेज हवाओं की सनन-सनन में गजब की ठंडक थी पर उसका शरीर उससे भी ज्यादा शीत जान पड़ता था, जिसमें कोई हलचल नहीं थी।

यू ही रात का अन्धकार घना था जिसमें सिर्फ तारे टिमटिमा रहे थे और चाँद तो अमावस्या को वैसे भी नहीं आता था। आज किसी का दिल टूटा तो बादलों ने भी उसके साथ शोक किया पर उसका कल तो कोई भी नहीं जानता, वो ख़ुद भी नहीं। कई बार किस्मत ऐंसे खेल खेलती है जिसका जोड़ कई खिलाड़ियों से होता है और खिलाड़ियों को तो यह पता भी नहीं होता कि वे इस खेल में उतर चुके है।

यहाँ हमारे दोस्त का दिल टूटा और वहाँ आसमान में एक अनजान तारा जिसकी रोशनी ने उसे सराबोर कर दिया।



असल किस्मत का खेल तो यहाँ चल रहा था......

वो एक बहुत ही चकाचोंध वाली जगह थी, आस पास की इमारतें, दुकानें आंखफोड़ू रोशनी से जगमग थीं। देखने में ये सब एक मुख्य सड़क के आसपास थीं। बी एम डब्ल्यू, फ़रारी जैसी गाड़ियां बहुत ही आम लग रहीं थी, ऐंसा लग रहा था साक्षात कुबेर जमीन पर उतर कर वाहन में घूम रहे हो।

उन्ही में से एक इमारत शायद होटेल थी, जिसके बाहर एक 20-25 साल का युवक बहुत जल्दी में अपनी बाइक से उतरा और सनसनाते हुए उस महंगी सी इमारत में दौड़ पड़ा, उसके कपड़े इतने भी अच्छे नही थे कि उस इमारत के दरवाजे के बाहर खड़ा वो हट्टा कट्टा दरबान उसे रोकता नहीं...................

“ ऐss रुको कहाँ घुसे जा रहें होss!” उसने झपट्टा मरते हुए उस युवक को रोकने की कोशिश की।

“ ये लो!” हांफते हुए उस दरबान की तरफ एक कार्ड उछाल दिया कर उसके झपट्टे से बचता हुआ अंदर भाग गया। दरबान ने वो कार्ड देखा जो उनकी होटेल में रुके हुए लोगों को दिया जाता है, उस पर लिखा था

“ पैराडाइज व्हाईट मोटेल

एन. वाय.

रूम नंबर 312 “

“ अजीब आदमी हैं, यहीं रुका हुआ है तब भी ऐंसे भाग रहा है जैसे घुसपैठ करने के इरादे हो।“ झल्लाते हुए दरबान ने उस कार्ड को रिसेप्शन पर दे दिया।

वो युवक जल्दी से लिफ्ट में चढ़ कर 25वे माले पर पहुंच गया। 312 नंबर के कमरे के दरवाजे को जोर से पीटने लगा, इतनी तेज़ की आस पास के लोग दरवाजे खोल कर उसे देखने लगे। कुछ ही देर में दरवाजा खुला और वो युवक बिना देखे तुरंत अंदर जा घुसाअरे कारलोस, इतनी हड़बड़ाहट में क्यों है?” दरवाजा बंद करते हुए उस लम्बे बाल वाले लड़के ने पूछा, कर उसके पीछे आ गया। उसे इस हड़बड़ाहट में देख कर अंदर बैठे हुए वो 2 और युवक सकते में आ गए। कारलोस जल्दी में सामने रखी टेबल पर गया और उस पर अपने जेब में से एक लंबा सा काग़ज निकाल कर बिछा दिया, उसके चेहरे पर खुशी और ख़ौफ़ का मिला जुला से भाव था।

“बोरिस, दरवाजा बंद कर जल्दी यहाँ आओ, जॉर्ज तुम भी।“ कारलोस ने सामने खड़े उस दाड़ी वाले युवक को बुलाया जिसका नाम जॉर्ज था।

“ क्या मैथ्यू को यही बैठे रहने दूँ?” जॉर्ज ने कुर्सी पर आराम फरमा रहे उस युवक की तरफ इशारा कर कहा जो कि उसके कपड़ो से अलग ही अमीर लग रहा था, और उसके सुनहरे बाल उसके अमीरीपन को अलग ही परिभाषित करते थे।

“ हाँ, उसे वही रहने दो” अपनी सांस संभालता हुआ कारलोस बोला “ आखिरकार मुझे उस किताब के बारे में पता चल ही गया जो हमारी किस्मत बदल देगी।“ उसके चेहरे पर कुछ तीखी सी हंसी थी कर उसकी बात सुन सभी बहुत खुश हुए, यहां तक कि मजे से बैठा मैथ्यू भी खुशी से उछल पड़ा।

“ वाह यार वाह, तेरी बात सुनकर तो दिल खुश हो गया पर तुझे इसका पता कहा से चला?” तेज़ी से पास आकर मैथ्यू ने पूछा

“ मै कब से पापा का सामान टटोल रहा था और आखिर उनकी मेज़ के नींचे छुपी हुई उनकी डायरी मुझे मिल गई जिसमें से मैंने जरूरत की सारी चीजों को इसमें उतार लिया।“ सामने बिछे हुए उस काग़ज पर हांथ रख उसने कहा

“ इससे अच्छा तू वो डायरी ही ले आता!” जॉर्ज ने उसे ताना मारते हुए कहा और प्रश्न भरी निगाहों से घेर लिया। तीनों ही उसके उत्तर की राह देख रहे थे।

“ अरे यार तुम्हें तो मालूम है ना मेरे घर पर अब भी पुलिस लगी हुई है। अगर मैं वो डायरी लाने की कोशिश करता तो पुलिस को शक हो जाता कि इस डायरी में कुछ खास है। और अगर ये पुलिस वाले उस कमीने रुसेव से मिले हुए हो तो वो मेरे पापा की रिसर्च को अपने नाम कर लेता जैसे पहले किया था।“ आखिरी शब्दों में गुस्सा छा गया था। उसने पास रखी कुर्सी खिसकाई और उस पर बैठ गया।

कुछ देर यू ही शांति छाई रही, वो चारों ही जिंदगी के बचकाने खेल से परेशान थे। उन्हें जिंदगी पर और लोगों पर भरोसा नहीं रह गया था, सभी अच्छी भली जिंदगी जी रहे थे पर उन्हें शायद किसी की नजर लग गई। कारलोस के पिता एक पुरातात्विक विद्वान और वे पुरानी परंपराओं से जुड़ी चीजों पर खोजबीन करते थे पर एक दिन कारलोस के पिता के दोस्त डॉ रुसेव ने उन्हें धोका दिया और उनकी रिसचर्स को चुरा कर अपने नाम कर लिया। परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली, जहर पीकर और डॉ रूसेव के आरोप के कारण अब तक उनके घर पुलिस की जांच जारी है।

जॉर्ज बहुत ही बदकिस्मत युवा था, वो कोई भी काम करता तो हमेशा ही कुछ ना कुछ उल्टा पुल्टा हो जाता। बचपन से ही उसने अच्छी कहानियां सुनी थी और उन्हीं पर अमल कर वो अच्छे काम करने की कोशिश करता था पर हमेशा उसका काम किसी का या खुद का नुकसान कर देता था। एक बार उसने अपने एक कॉलेज के दोस्त की मदद के लिए उसे 10000 डॉलर दिए तो पुलिस ने जॉर्ज को ही अंदर डाल दिया। दरअसल उसका वो दोस्त ड्रग्स बेंचा करता था, उसने पुलिस को जॉर्ज का नाम देकर यह कह दिया कि जॉर्ज ही ड्रग्स का धंधा करता था और ये पैसे उसी ने दिए थे। बेचारे जॉर्ज को पुलिस ने बहुत मारा और ड्रग्स केस में अंदर कर दिया, जॉर्ज के माता पिता ने उसे घर से निकाल दिया और आखिर में वो थक हार कर आत्महत्या करने जा रहा था कि कारलोस ने उसे रोक लिया। कारलोस भी जॉर्ज का दोस्त था और उस पर नज़र रखे हुए था, उसी ने जॉर्ज की बेल कराई थी पर उसके मां बाप को नहीं समझा पाया।

बोरिस उन चारों में सबसे बड़ा था, वो एक डॉ था और उसने हमेशा अपने माँ बाप की सेवा की, उनकी इच्छाओं को सबसे ऊपर रख कर पूरा किया पर आखिर में हुआ क्या? उसके मां बाप ने उसे जायदाद से दखल कर दिया क्योंकि वो उनका सौतेला बेटा था और इतने समय की उसकी कमाई, वो घर सब कुछ तो बोरिस ने उन्हीं के नाम कर दिया था। सो अब ना घर था ना ही गाड़ी, बची थी तो सिर्फ वो निजी नौकरी जो हमेशा ही चले इसका कोई भरोसा नहीं।

सिर्फ़ मैथ्यू ही था जिसका आगा पीछा सब सही था। उसके पिता शहर के सबसे अमीर आदमी थे और उनकी मौत के बाद सब कुछ मैथ्यू का हो गया। अब क्योंकि ये चारों बचपन के दोस्त थे, कारलोस के प्लान में शामिल भी हो गए और क्यों ना हो? आखिर कारलोस उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचने का रास्ता बना रहा था।

“ तो, कहाँ जाने का प्रोग्राम है हमारा?” बोरिस ने कुर्सी पकड़ते हुए कहा

“ अफ्रीका के चाड देश में एक गांव है गालो, बस वहीं चलना हैं।“ कारलोस ने अपनी आंखें बंद किये हुए कहा

“ कुछ ज्यादा दूर नहीं है ये जगह?”

“ वैसे भी हमें वहाँ जल्दी पहुंचा पड़ेगा!” कारलोस की बात सुनकर सब चोंक गए।

“ ऐंसा क्यों, कुछ गड़बड़ है क्या?”

“वहां पर फितरी नाम का तालाब है, जहाँ पर आज से 4 दिन बाद रात को वहाँ के आदिवासी अपनी परंपरा के अनुसार हर 100 साल में वहां चन्द्रमा की पूजा करते है। हमें उस पूजा के समय ही अपना काम करना पड़ेगा, वारना फिर 100 साल का इंतजार!” कारलोस ने सर पर हांथ रख कहा।

“ और येsss..........Ss........ हो गया!” मैथ्यू ने अपने फोन पर उंगलियां चलते हुए सबका ध्यान खींचा

“ क्या हो गया?” जॉर्ज ने कुछ गर्म लहजे से पूछा

“ चाड जाने का इंतजाम! और क्या” उसने सभी को फ़ोन सामने दिखाया, जिसकी स्क्रीन पर 4 लोगों की टिकटों का चित्रण था। और वो भी हवाई जहाज की टिकटों का।

सूरज की रोशनी से छंट कर अब अँधेरा घिरने लगा था,चाँद बेधड़क खुले आसमान में बिना बादल की चादर ओढ़े घूम रहा था। सामने एक बस्ती यही जो बहुत ही बेजान लग रही थी, न कोई आवाज थी न ही कोई घर की रोशनी चालू थी। वैसे तो गांव जैसी इस बस्ती में ज्यादातर घर छोटे और लकड़ी के मालूम हो रहे थे पर वहाँ मिट्टी की दीवार वाले घरों की कमी भी नहीं थी। एक तो इतना खाली माहौल था कि पूरा गांव वीरान लग रहा था, ऊपर से चढ़ती रात में घरों में से रोशनी न आना और भी डरावना था।

तभी एक एक करके सभी घरों की लाइटें जल उठी, लोगों का घर से निकलना शुरू हो गया। वहाँ सभी थे, बच्चे- बूढ़े- जवान- महिलाएं और बहुत ही शांति से सभी अपने घरों से निकल कर पास के झुरमुट में घुसे जा रहे थे। खाली हाथ नहीं थे, सभी के हाथों में थैलियाँ थी, कुछ बच्चों को उनके मां बाप मुँह पर उंगली रख कर चुपचाप चलने का इशारा कर रहे थे मानो उनके बोलने से कोई आ जाएगा। उनमें से कुछ लोगों ने अजीब से कपड़े पहन रखे थे, आदिवासी जैसे, सर पर रंगीन पंखों का मुकुट, शरीर के ऊपर सिर्फ छाती ढकने मात्र का कपड़ा वो भी काले रंग का, नीचे एक पत्तों की बनी स्कर्ट के ऊपर काले रंग का कपड़ा जिसकी नक्काशी सोने के रंग में थी और उनके चेहरे पर सफेद रंग से कलाकारी की हुई थी जैसे कोई और चेहरा बनाने की कोशिश की हो। सभी लोग उन पेड़ो के झुरमुट में से गुजरने लगे, काले अंधेरे में अब चांद की रोशनी छितरा गई थी सो रास्ता ढूंढने में कोई परेशानी नहीं मालूम दिख रही थी। कुछ ही समय में वो झुरमुट ख़त्म हो गया और सामने खुले में वे सब एक तालाब के किनारें आ गए। सभी लोग इकट्ठे हुए, सामने लंबी लकड़ियों से आग जलाई गई और सभी लोग आस पास घेरा बना कर बैठ गए। फिर सबने अपनी थैलियाँ खोली, किसी की थैली से बाजे का सामान निकला तो किसी ने खाने पीने की चीजें निकाल कर आग के सामने रख दी। अब वो अजीब से पहनावे वाले लोग सामने आए, अजीब सी भाषा में उन्होंने कुछ कहा और फिर वहां ढोल नगाड़े से बजने लगे। वो सभी वहाँ पर नाच रहे थे और बीच-बीच में वे गुमनाम सी भाषा में कुछ कहते ओर खाने पीने का सामान जैसे फल और मांस उस आग में फेंक देते। किसी उत्सव की तरह वहाँ का माहौल था और इसी बीच तालाब के उस पार कुछ लोग इकट्ठे हुए थे और उन्होंने भी वैसे ही आग जलाई हुई थी जैसे उन आदिवासी लोगों ने जलाई थी।

“ ये कारलोस अभी तक आया क्यों नहीं? मुझे बहुत घबराहट हो रही हैं।“ बोरिस ने जॉर्ज को एक तरफ बुला कर कहा

“ चिंता मत कर, उसे समय का ध्यान हैं।“ जॉर्ज ने उसे सीधे कहा

मैथ्यू भी उन्हीं के पास खड़ा हुआ था क्योंकि वो जिन लोगों को यहाँ पर लेकर आए थे वो उसी गांव के थे और बहुत ही अजीब तरह से इन लोगों को देख रहे थे।

“ चलो, अब हम यह पूजा शुरू करते है।“ झाड़ियों में से निकलते हुए कारलोस ने सभी को कहा और उसके बाक़ी दोस्त भी आग के आस पास इकट्ठा हो गए। कुल मिलाकर वहाँ पर 13 लोग थे, जिनमें से 9 तो उसी गांव के लोग थे जिन्हें कारलोस ने इकट्ठा किया था। अब क्योंकि वो लोग उनकी जानकारी के नहीं थे तो भरोसे वाली बात तो होती ही नहीं है।

“ सुन कारलोस, शक्तियां मिलने के बाद तुम तुम्हारे रास्ते हम हमारे! समझ गए न” वहां खड़े एक भारी शरीर वाले व्यक्ति ने कहा

“हाँ, वैसे भी हम जो कर रहे है वो गांववालों के उसूलों के खिलाफ हैं।“ उसी भारी शरीर वाले आदमी के बगल वाला लंबा से आदमी बोला।

“ चलो में आखिरी बार सभी से पूछता हूँ, क्या यहाँ पर कोई ऐसा है जो हमारे इस प्रयोग में शामिल नहीं होना चाहता? क्योंकि एक बार ये शक्तियां मिल जाने के बाद क्या परिणाम होगा यह हममें से कोई भी नहीं जानता।“ कारलोस ने सभी की आंखों में आंखें डाल कर पूछा, पर किसी ने कुछ नहीं कहा, भला इस तरह की शक्तियां पाने के लिए को मना करता। पर कारलोस की ये बात सुनकर उसके दोस्तों का दृढ़ और मजबूत हो गया।ठीक है सभी अपने-अपने चाकू निकाल लो; मैं पढना शुरू करता हूं।“

कारलोस ने अपने हाथ में एक पुरानी सी पुस्तक पकड़ी हुई थी जिसका बाहरी पृष्ठ किसी चमड़े का बना लग रहा था जिसके ऊपर 13 अलग-अलग तरह के चिन्ह एक गोलाकार रूप में जमे हुए थे और उस गोले के बीच किसी उसी अजीब भाषा में कुछ लिखा हुआ था जिसकी जानकारी उन गांव के कुछ लोगों और कारलोस को थी। उसने उसी अजीब भाषा में कुछ मंत्र पढ़ना शुरू किया, सभी उसे ध्यान से देख रहे थे क्योंकि कारलोस के हाथ कांप रहे थे पर वो मंत्रों को पढ़ता जा रहा था। फिर उसने वो किताब बंद की और अपना चाकू निकाल कर सभी की ओर देखा और फिर .............................................. “ खच्च”!

उसने अपनी हथेली पर चाकू से हल्का वार किया और अपना रक्त उस आग में टपका दिया। उसे देख सभी ने ऐसा ही किया और देखते ही देखते उस आग का रंग ख़ूनी लाल हो गया और उसके काले धुंए ने सभी को घेर लिया। उन लोगों ने किसी तरह से खुद को संयम में रखा। धीरे से उस आग में से एक अजीब सा पुंज निकला और फिर 13 अलग-अलग टुकड़ों में बंट कर अचानक से 4 पुंज उन चार दोस्तों के अंदर घुस गए जिससे उन चारों को चक्कर से आ गए और वे जमीन पर गिर पड़े। और बाकी के पुंज किसी टूटते तारे की तरह आसमान में गायब हो गए

आस पास खड़े बाकी के लोग बहुत ज्यादा ही हड़बड़ा गए क्योंकि वो शक्ति पुंज सिर्फ कारलोस और उसके दोस्तों को मिले थे और बाकी सब जो उनके साथ उस प्रक्रिया में शामिल थे उन्हें वो शक्तियां नहीं मिली थी। अब उनके क्रोध का पारा चढ़ गया

“ तुमने तो कहा था कि हम सभी को ये शक्तियां मिलेंगी, पर ये तो सिर्फ तुम चारों को मिली।“ उस भारी शरीर वाले ने अपने दांत पीस लिए

“ इस कारलोस ने जरूर हमें धोका दिया है तभी तो ये शक्तियां सिर्फ़ इन चारों को मिली हमें नहीं।“ उसके साथ खड़ा वो लंबा आदमी बहुत गुस्से में बोला। अब क्योंकि उन गांव के लोगों को शक्तियां नहीं मिली तो उनके क्रोध ने गुनाह का रूप ले लिया। उनके साथियों के मुख से धोका शब्द ऐसे में गूंजने लगा जैसे उनका दिमाग खाली हो गया। उन सभी ने अपने-अपने चाकुओं को इस तरह पकड़ रखा था मानो अब वो सभी उन चारों दोस्तों के टुकड़े-टुकड़े कर वहीं जंगली जानवरों को खिला देंगे। आंखों में खूनी जज़्बात लिए वो उनकी ओर बढ़ने लगे, चक्कर से संभल कर वो चारों एक दूसरे को उठाने लगे पर तब तक वो भारी शरीर वाला कारलोस के बिल्कुल सामने आ गया

“ हमारे रिवाजों में धोखे की कीमत सिर्फ मौत होती हैं।......याsssss.....ह” उसने पूरी ताकत से कारलोस के पेट में चाकू पेल दिया

“ टनsssssss” पर ऐसा लगा जैसे चाकू कारलोस के पेट की जगह किसी धातु से टकरा गया, वहाँ खड़ा हर कोई चकरा गया और खासतौर पर वो भारी शरीर वाला। कारलोस ने खुद को बचाने के लिये पेट के ऊपर अपना हाथ लग लिया था जो अब किसी और ही चीज में तब्दील हो चुका था, ऐसा लग रहा था मानो उसके हाथ की खाल उत्तर गई हो और उसकी हड्डियाँ किसी धातु सी बन गई हो जिसके अगल – बगल मांसपेशियों की गठान बनी थी। तभी कारलोस के चेहरे पर बहुत ही भयानक हंसी छा गई जैसे वो अब इंसान ना होकर एक जानवर बन गया हो। उसने अपने हाथ से झटका देकर उस भारी शरीर वाले को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। अगले ही पल उसकी उंगलियों ने लंबे से चाबुकों का रुप ले लिया जिनके ऊपर अजीब सी नोंक लगी हुई थी और एक ही झटके में कारलोस ने उस भारी शरीर वाले व्यक्ति के 4 टुकड़े कर दिये, किसी फव्वारे की तरह खून उछल पड़ा। इससे पहले की बाकी संभल पाते, उन चाबुकों ने सभी के टुकड़े कर दिये। सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि किसी को चीखने का मौका भी नहीं मिला।

“ अब इन लाशों को कहाँ ठिकाने लगाए?” वापस सामान्य होते हुए कारलोस हाँफते हुए बोला कि इतने में जॉर्ज ने अपने हाथ को सामने किया जो कि बहुत तप रहा था और उसमें से आग किसी सांप की तरह उन लाशों को निगल गई, रह गई तो सिर्फ राख!

“ क्या बात है यार तुम दोनों को तो धांसू पावर मिल गई।“ बोरिस ने वापस जमीन पर बैठकर कहा, जिस पर मैथ्यू ने भी हामी भरी।

“ हाँ, लगता है रिचुअल सही तरीके से हो गई।“ कारलोस ने जॉर्ज के साथ बैठते हुए कहातो फिर सिर्फ हम चारों को ही पावर्स क्यों मिली, और बाकियों को क्यों नहीं?” जॉर्ज ने सवाल पूछा, जो कि सभी जानना चाहते थे।

“ यह बात तो मैं भी ठीक तरह से नहीं जानता, सिर्फ इतना पता है कि जिसके मन में किसी एक तरह की भावना बहुत शक्तिशाली हो ये शक्तियां उसे ही चुनती है।“ सभी को समझाते हुए उसने किताब खोली “ मुझमें बदले की भावना है इसलिये मुझे ये ह्यूमन वेपन की पावर मिली, गुस्से के कारण जॉर्ज को आग की शक्ति मिली और,,,,,,,,,, तुम दोनों की पावर्स भी हम पता लगा ही लेंगे।“

कारलोस की बात सुनकर सभी मुस्कुरा दिए और उस सूनी रात में उन चारों ने वापस पास के अपने होटल में जाने का फैसला किया ताकि किसी को उन पर शक न हो। उधर उन आदिवासी लोगों की पूजा अब भी जारी थी, उसी बीच वो चारों दोस्त वापस अपने होटल में पहुंच कर सो गए। आज रात जो हुआ उससे आने वाले समय में क्या प्रभाव पड़ेगा ये तो वक्त ही बताएगा, क्योंकि ये शक्तियां किसी भगवान की देन तो मालूम नहीं पड़ती। अगले दिन बिना किसी दिक्कत के ये चारों दोस्त वापस अपने शहर आ गए और उस गांव के लोगों ने अपने कुछ साथियों के लापता होने की शिकायत पुलिस में दर्ज करा दी।

कुछ दिनों बाद टी. वी. पर एक न्यूज छा गई, जिसने हर न्यूज़ चैनल पर अपनी पकड़ बना ली। लोगों के लिए यह न्यूज़ कुछ खास नहीं थी पर कुछ बड़े अधिकारियों और कुछ लोगों के लिए यह रहस्य से भरी हुई थी

“ महान पुरातात्विक डॉ रूसेव जैस की हुई दर्दनाक मौत, घर में लगी आग में उनकी रिसर्च हुई ख़ाक, हत्यारे ने किये शरीर के कई टुकड़े।“ और इस न्यूज़ ने कुछ लोगों की जिंदगी में तहलका मचा दिया।
 

Hero tera

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5 साल बाद



हो हल्ले के शोर से उस ऊंची इमारत का पार्किंग लॉट गूँज रहा था, पर क्योंकि वो इमारत समुद्र तट के काफी पास थी तो वहां पर उस शोर से परेशान होने वाला कोई भी नहीं था। उधर समुद्र अपनी करवट बदल रहा था और यहाँ पर लोगों का मनोरंजन हो रहा था, पार्किंग में खड़ी गाड़ियों के पास काफ़ी सारे लोग जमा थे जिनके मुंह से खुशी भरी किलकारियां निकल रही थी, कुछ तो इस कदर पागलपन में थे कि अंधाधुन किसी व्यक्ति पर बोलियां लगा रहे थे। उस भीड़ से थोड़ी सी ही दूरी पर 1 पीली लैम्बोर्गिनी खड़ी हुई यही जिस पर एक लड़की रेशमी से वस्त्र पहने हुए बैठी हुई थी और उसी के बाजू में एक फ़रारी के ऊपर 2 विदेशी लोग बैठे हुए थे, सिल्वर से सूट और टाई के साथ, गोल चेहरे पर काला चश्मा और देखने में बिल्कुल ही दबंग।

तभी किसी ने माइक पर तीन बार “टक-टक” किया और सभी अचानक शांत हो गए।

“लेडीज एंड जेंटलमैन, आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है “रूबी फार्मसूइटिकल” की इस इंटरनेशनल बाउंटी एरीना में। यहाँ पर आज “रूबी फार्मसूइटिकल” और “अयामा मेडिकल फार्मा” के बीच एक मुकाबला होने जा रहा है जहाँ पर यह फैसला होगा की कौन वह कंपनी होगी जो अफ्रीकन मेडिसिन्स का 66 बिलियन का पैकेज खरीदेगी। बहुत ही जोशीली आवाज़ में इस पीली ड्रेस वाली लड़की ने कमेंट्री की “ मै हूँ जिया पटेल और अब मैं बुलाना चाहूंगी उन कंपनी रिप्रेजेन्टेटिव फाइटर्स को जो दोनों कंपनियों की तरफ से यह जबरदस्त मुकाबला करने वाले हैं।

तालियों ओर सीटियों की आवाज़ ने लोगो के उत्साह को जता दिया और एक बार फिर सभी फाइटर्स की एंट्री के लिए तैयार हो गए;

“ फाइटिंग की दुनिया में बहुत ही कम समय में इस फाइटर ने काफी नाम कमाया है, जुडो जैसे डिफेंसिव स्टाइल को इसने ओफ्फेन्सीव क़रार दे दिया है। अपने ओप्पोनेंट को बिजली की रफ्तार से जमीन की धूल चटा देने वाले इस फाइटर को आज तक कोई नहीं हरा पाया है; एरीना में कदम रख रहे हैं 6फुट 5इंच और 101 किलों. के “बोजुई कामोये” दी “हेल थ्रोअर.

बाईं तरफ की गाड़ियों की कतार को पार कर बोजुई आगे बढ़ रहा था। उसने जुडो की किट की जगह एक बनियान और फूला हुआ सिल्वर पेंट पहन रखा था। उसके बड़े मांसल हाँथ किसी मेंटिस की तरह आगे की तरफ झुके हुए थे, आंखों में गंभीर भाव और चेहरे पर नाम मात्र की मुस्कान थी, नीचे की तरफ लटके हुए काले बाल और युवापन से भरपूर चेहरा। वह बड़े ही आराम से आगे बढ़ता हुआ आगे आ रहा था और उसके आते ही एरीना में लोगों की चिल्लपों तेज़ हो गई

“ येsssss.. बोजुई तुम ही जीतोगे!”

“ छोड़ना मत ‘उसे’ बोजुई, मेरे पैसे दांव पर लगे है।“

और कुछ तो जैपनीज़ में ही आवाजें लगा रहे थे, पर अभी तो खुद बोजुई भी ये नहीं जानता थे कि वो है कौन जिससे आज उसका मुकाबला होने वाला है। और एक बार फिर जिया के हाँथ माइक को देख कर सभी शांत हो गए, बोजुई भी अपनी धौंस जमा किसी चट्टान की तरह वह पर खड़ा हो गया

“ और अब बारी है हमारे अगले प्रतिद्वंदी की”। जिया की बात सुनकर सभी का ध्यान दांई तरफ आ गया जहाँ से “वो” आने वाला था। “फाइटिंग की दुनिया में इस ‘लोन वुल्फ’ ने पिछले साल ही एंट्री मारी और देखते ही देखते इस खेल के सारे उपलब्ध फाइटर्स को हरा कर यह साबित कर दिया कि भारत में भी अंडरवर्ल्ड लेवल के फाइटर होते है। उसे आज तक कोई हरा नहीं पाया और उसकी पहचान भी कम है और यह उसकी पहली इंटरनेशनल फाइट होने वाली है। एरीना में कदम रख रहे है 5फुट 10इंच, 90 किलो. के ‘सृजल यादव’ दीsssssss “डोमिनेटर” .

दाईं तरफ की कतार से रूबरू होते हुए उसने एंटर किया, उसका शरीर जैसे बनावट से भरा हुआ था न ज्यादा भारी न ही ज्यादा पतला था, नीचे उसने एक लाल रंग का शॉर्ट पहना हुआ था और ऊपर कुछ नहीं। एक हाँथ में पानी की प्लास्टिक की बोतल लिए वो चला आ रहा था, पर उसकी चाल ढाल कुछ ठीक नहीं लग रही थी, उसका ब्राउन रंग का शरीर यूं ही काफी आकर्षक था पर इस समय निकल रही उसके शरीर की भाप उसे और ज्यादा आकर्षक बना रही थी। लोगों में उसके आते ही जैसे रोमांच सा छा गया। सृजल का नाम पूरे माहौल में एक बार के लिए गूंज गया।

अब सृजल बोजुई के सामने था, एक ओर बोजुई इस फाइट को लेकर काफी उत्सुक था वहीं सृजल के चेहरे पर कोई भाव नहीं था। इसके अलावा सभी ने एक बात और ध्यान में रखी थी कि सृजल के शरीर से अभी भाप निकलना बंद नही हुई थी। अभी दोनों फाइटर आमने सामने ही थे कि पीछे से एक सांवला से लड़का जिसने जीन्स और टी शर्ट पहनी हुई थी, वो जल्दी से उन गाड़ियों के पास गया जहाँ पर रूबी बैठी हुई थी और उसके कान में जाकर कुछ कहा जिससे वो तुरंत नीचे उतरी और थोड़े किनारे पर जाकर कहने लगी

“ये क्या कह रहे हो आनंद, तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना?”

“सच कह रहा हूँ,” उसने कसम खाने की मुद्रा में अपने गले को पकड़ा “ सृजल को तेज बुखार है, मैं ने उसे लड़ने को मना किया पर वो है कि मानता ही नहीं, इसलिए तुम्हे बताना ठीक समझा”।

“चलो हमें जल्दी से मैच रोकना होगा”।

वे दोनों जल्दी से जिया के पास पहुँचे पर उनके कुछ कहने से पहले ही रूबी की नजरें सृजल से जा मिलीं जिनने इशारों से रूबी को ऐंसा करने को मना कर दिया। अब रूबी को समझ नहीं आ रहा था की क्या करे पर आखिरकार अपने दांतों को पीसते हुए वो वापस जाकर उन जापानी हस्तियों के साथ बैठ गयी।

“पागल कहीं का”। रूबी ने झुंझलाहट में धीमे से कहा

आनंद समझ गया कि अब सृजल को कोई नहीं समझा सकता, तो उसने भी सिर्फ भगवान से प्रार्थना की औऱ मैच की ओर ध्यान दिया।

“फाइटर्स, टेक योर स्टेन्स” जिया ने एक हाँथ ऊपर कर कहा और बोजुई ने एक पहलवान (रेसलर) की तरह थोड़ा झुकते हुए अपना खुद का जुडो स्टेन्स लिया। सृजल ने किसी एम एम एफाइटर की तरह ऑर्थोडॉक्स (ऑर्थोडॉक्स) स्टेन्स लिया।

“ रेडी?....... नाउ फाइट!”

जैसे सृजल इतनी जल्दी प्रतिक्रिया कर ही नहीं पाया और बिजली की फुर्ती कर साथ बोजुई के मांसल हांथो ने सृजल को कंधे से पकड़ कर सीधा जमीन पर हवा में लेकर पटक दिया। ‘पट्ट’ की आवाज के साथ सृजल कि पीठ जमीन पर पटकाई और ऐंसा लगा जैसे मांस के पटकने की आवाज आई हो। सृजल के चेहरे पर दर्द था पर जैसे उसकी आवाज दर्द से बंद हो गयी। ऐंसा लग रहा था मानो अब सृजल बस बेहोश होने वाला है, बोजुई ने अपना हाँथ किसी हथोड़े की तरह ऊपर उठाया और जोर से सृजल की तरफ दे मारा..............

“ धाड़sssssssss............” जोर की आवाज के साथ बोजुई का हाथ जमीन से टकरा गया।

सृजल उठ कर सामने खड़ा हो गए था पर बोजुई को अब भी इस बात का आश्चर्य था कि सृजल उसके नीचे से कैसे निकल गया? और सृजल के प्रोत्साहकों ने उसका नाम पूरे एरीना में सुना दिया। सृजल की पीठ की चमड़ी कुछ फट सी गयी थी जिस कारण वहां से खून बह रहा था..

“ उस बोजुई ने पिछले वार के समय गलती कर दी। उसे सृजल के ऊपर से बिल्कुल भी नहीं हटना चाहिए था, वह थोड़ा सा हटा और सृजल अपनी कोहनियों और एड़ी के बल फट्ट से सरक कर बाहर आ गया।“ बांधव अपने पास खड़े एक अजीब से लंबे लिबाज़ वाले व्यक्ति से बोला

“ वो घायल है, एक ओर बार पटक गया तो समझो फिर नहीं उठ पाएगा।“

“ यही तो वक्त है उसके कमाल दिखाने का” आनंद बहुत भरोसे के साथ बोला

सृजल अभी भी ऐंसे खड़ा हुआ था जैसे उसके शरीर मे शक्ति ही न बची हो। पर बोजुई जल्दी से खड़ा हुआ और फिर से वहीं पहले वाला स्टेन्स ले लिया।बोजुई ने एक बार फिर पहले जैसा स्टेन्स ले लिया है, पर इस बार उसकी आँखों में आग भड़की हुई है। क्या सृजल उस आग को बुझा पाएगा?” जिया ने सभी का ध्यान वापस फाइट में लगा दिया।

अचानक से बोजुई पहले से भी तेज रफ्तार से सृजल की ओर लपक!

“ अरे नहीं ये पहले जैसा अटैक नही हैं, सृजल! बचके!” आनंद के शब्द भीड़ की आवाज में गुम हो गए और सृजल बोजुई कि बाजुओं में आ गया........

“ ताड़sssssssssss....” पर सृजल ने अपने दाहिने घुटने का जोरदार प्रहार उसके जबड़े में दे मारा, बोजुई अपने होश खो बैठा।

सृजल ने अपनी हालात को देख कर कोई फालतू का हथकंडा नहीं अपनाया और अपने आखिरी अटैक्स कर दिए। अपने होश खोने के बाद बोजुई जमीन पर गिरने वाला था पर सृजल ने उसका बायां हाथ पकड़ कर उसे एक चक्कर लगवा कर उसका मोमेंटम बरकरार रखा और फिर थोड़ा उछाल कर अपनी कोहनी के बल उसकी गर्दन के पिछले हिस्से पर वार करते हुए जमीन पर दे मारा। सृजल ने सिर्फ टाइमिंग मिलाई, टेकनीक लगाई और बाकी का काम गुरुत्वाकर्षण ने कर दिया। सृजल अपना आखिरी हमला करने के लिए उठ कर उसके सर पर लात जड़ने ही वाला था कि........... बोजुई को बेहोश देख वो रुक गया।

अक्सर फाइट के एन्ड में तालियों की गड़गड़ाहट और शोर-शराबे से माहौल गूंज जाता था पर आज सभी के मुँह खुले और आवाज बंद थी।

और कारण?...... वो मैं अभी बात देता हूं। दरअसल बोजुई का आखिरी हमला सृजल को टक्कर मरते हुए उसे हिप से उठा कर उसका सर जमीन पर पटकने का था, जिससे सृजल कुछ समय के लिए निढाल हो जाता और बोजुई अपना अगला दांव खेलता, बांधव ने ये देख लिया था ...... और सृजल ने भी। इसलिए सृजल अपनी जगह से हिला नहीं और जैसे ही बोजुई ने सृजल को पकड़ा और टक्कर मारने ही वाला था कि सृजल ने अपना घुटना बोजुई के जबड़े में पेल दिया और घूमते हुए उसकी गर्दन पर प्रहार कर दिया जिससे क्या हुआ.............................

पर सभी हैरान इसलिए थे कि सृजल ने आज तक इस तरह की मूव्स का यूज़ नहीं किया था और बोजुई के चाहने वालो के चेहरे इसलिए लटक गई क्योंकि बोजुई जो आज तक अपने दुगने वेट वाले फाइटर्स से नहीं हर था, आज किसी और देश में ज़मीन पर पड़ा हुआ था।

ऐंसा हाल देख कर रूबी के मुंह से सिगरेट जो अभी आधी भी नहीं जाली थी वो अपने आप नीचे गिर गयी, मिस्टर अयामा की आँखे तो चमगादड़ की तरह खुली पड़ी थी क्योंकि उन्हें तो अपनी जीत का पूरा भरोसा था। जैसे अभी अभी बिजली के झटके से उबरे हों, पूरा एरीना शोर में डूब गया, हर तरफ बस सृजल का नाम था और अब तो विदेशी लोग भी उसके लिए ही तालियां बजा रहे थें। मिस्टर अयामा के चेहरे पर भी अजीब सी खुशी थी।

“ एंड दा विनर इज, सृजल यादव दी डोमिनेटरsssssss!”
 
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1 बजे हुए थे, उस इमारत में अब शांति थी जो कुछ समय पहले ही कोलाहल से भरी पड़ी हुई थी। किसी 5 स्टार होटल जैसे जगमगाते गलियारे से होते हुए वो काले चश्मे वाले व्यक्ति के पैरों की गूंज काफी तेज़ सुनाई दे रही थी, सामने मेडिकल रूम था। उसने जल्दी से कुछ कदम तेज़ करते हुए दरवाजा खोला

“ ओह, हाय मिस्टर अयामा”! उसकी आवाज सुन कर मिस्टर अयामा की जान में जान आयी

“ थैंक गॉड, यू आर आल राइट! (Thank God, you are all right) तुम्हें जमीन पर गिरता देख में तो डर ही गया था।" कहते हुए मिस्टर अयामा, बोजुई के पास लगी कुर्सी पर बैठ गए।

बोजुई अभी बेड पर पैर पसारे पीछे की ओर टिक कर बैठा हुआ था, उसके जबड़े पर पट्टी बंधी हुई थी। लाल पड़ी हुई गर्दन पर पॉलीथिन बर्फ भरकर लटकी हुई थी जो किसी नैक बैंड जैसी लग रही थी, बाकी सब ठीक ही था और वो अब भी अपने फाइटिंग वाले कपड़ों में ही था।

“ यहां के डॉक्टरर्स कहाँ है, क्या तुम्हें अकेले छोड़ कर चले गए?” आसपास देखते हुए वे कुछ असहज़ भाव से बोले

“ वो मेरा इलाज करके, सृजल के पास चले गए।"

“ आज अचानक हो क्या गया था बोजुई?” मिस्टर अयामा कुछ सोच में डूबे लग रहे थे “ अब तक तुमने लगभग 50 ऑफिसियल (Official) फाइट्स की है, एंड मेनी मोर उनओफ्फिशल (And many more unofficial)। कई बार तुम्हारा ओप्पोनेंट, हाइट और वेट (Height and weight) में तुमसे ज्यादा बड़ा था पर तुमने हर फाइट जीतीं। फिर आज.............”

बोजुई ने मिस्टर अयामा को हाथ दिखा कर उन्हें शांत रहने को कहा, वे चुप हो गए

“ देट बॉय सृजल (That boy Srajal), ही ट्रिकड माय इंस्टिनक्स (He tricked my instincts)। उसने अपनी रिएक्शन स्पीड (Reaction speed) शुरू से ही धीमीं दिखाई जिस कारण मैं उसके जाल में फंस गया। वो ताकतवर तो है ही, साथ ही उसके रेफलेक्सेस (Reflexes) काफ़ी तेज़ है या कह लो वो क्रिटिकल टाइमिंग पर अपने रिफ्लेक्सेस का यूज़ करता है।“ बोजुई की आवाज में चुनौती पूर्ण खुशी झलक रही थी

“सो यू लाइक हिज स्टाइल ( So you like his style)। वैसे अगर तुम अब ठीक हो तो हमे अपने कमरों में चलना चाहिए।" मिस्टर अयामा ने उठते हुए कहा

उनकी बात सुन बोजुई ने देर नहीं की, तुरंत उठ कर चलने लगा। वो दोनों बाहर निकले और उसी शांत गलियारे से होते हुए अपने कमरों की ओर जाने लगे

“ मुझे इस फाइट में चांस(Chance) देने के लिए थैंक्स अंकल और सॉरी(Sorry) मैं आपको जिता नहीं पाया।“ बोजुई ने मिस्टर अयामा से अपनी नजरें नहीं मिलाई

“शीsssssssssssश, तुम्हे किसी को बताना नहीं चाहिए कि हम रिलेटिव्स (Relatives) है।“ यह सुनकर बोजुई यूँ ही मुस्कुरा दिया “ वैसे क्या तुम्हें पता चला सृजल की फाइटिंग स्टाइल के बारे में? मैं तो कुछ खास ध्यान दे ही नहीं पाया।"

इस बार बोजुई के चेहरे जकी मुस्कुराहट बढ़ गई, जैसे उसने किसी रहस्य से पर्दा उठा लिया हो-

“ वो बॉक्सिंग को बेस (base) में यूज़ करता है ये तो उसके गार्ड (Guard) से ही पता चल रहा था, पर क्लोज कॉम्बैट (Close combat) में उसकी मुख्य स्टाइल कुछ ऐसी है जो बहुत कम ही देखने मिलती है”

“कौन सी स्टाइल है वो?” मिस्टर अयामा ने बहुत उत्सुकता से पूछा

“ सिस्टेमा (Systema)!!!

सिस्टेमा - मार्शल आर्ट की यह रूसी शैली 10 वीं शताब्दी की है। इस विशाल देश के पूरे इतिहास में, रूस को उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम से आक्रमणकारियों को खदेड़ना पड़ा। सभी हमलावर युद्ध और हथियारों की अपनी अलग शैली लेकर आए। लड़ाई अलग-अलग इलाकों में हुई, ठंड के मौसम में और भीषण गर्मी में समान रूप से, रूसियों के साथ अक्सर दुश्मन ताकतों की संख्या बहुत अधिक थी। इन कारकों के परिणामस्वरूप, रूसी योद्धाओं ने एक ऐसी शैली हासिल कर ली जो बेहद नवीन और बहुमुखी रणनीति के साथ मजबूत भावना को जोड़ती है जो किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार के दुश्मन के खिलाफ एक ही समय में व्यावहारिक, घातक और प्रभावी थी। कोई सख्त नियम, कठोर संरचना या सीमाएं (नैतिक लोगों को छोड़कर) होने के बावजूद शैली स्वाभाविक और स्वतंत्र थी। सभी रणनीतियां सहज प्रतिक्रियाओं, व्यक्तिगत शक्तियों और विशेषताओं पर आधारित थीं, विशेष रूप से तेजी से सीखने के लिए डिज़ाइन की गई थीं।“अब कैसा लग रहा है सृजल?” आनंद ने उसे पीछे से देखते हुए कहा।

सृजल अभी भी अपनी उसी हालत में बैठा था जिसमें वो अभी फाइट करके आया था, एक दुबला पतला सा डॉक्टर जिसके बाल बिखरे हुए ऐंसे लग रहे थे जैसे उसे कंघी की जरूरत ही पड़ती हो, वो सृजल से पीठ के घाव को सी रहा था। सुई उसके घाव की आस पास की चमड़ी को भेदते हुए अपना काम कर रही थी जिसके कारण उस पर खून लग रहा था, टांका पूरा लगते ही डॉक्टर ने उसे रुई लगी हुई एक चौड़ी सी बैंडेज लगा दी।

“ इसका घाव भरने में कितना टाइम लगेगा डॉक्टर रॉय? और इसके बुखार का क्या हुआ?”

डॉक्टर रमन रॉय ‘रूबी फार्मसूइटिकल” के हेड(head) डॉक्टर है, वो न सिर्फ यहाँ पर पेशेंट्स(Patients) का इलाज करते है बल्कि यहाँ के मुख्य रिसर्चर(researcher) भी है। मेडीकल के मामले में उनका टैलेंट काफी एसक्सेप्शनल(ecxeptional) है।

“हाँ इसके घाव एक हफ्ते में भर ही जाएंगे और जहाँ तक बुखार का सवाल है तो वो उत्तर चुका है” डॉ. रॉय ने अपने मास्क और ग्लव्स(gloves) उत्तर कर अपनी जेब में रख लिए “पर मैंने ब्लड सैम्पल्स(blood samples) ले लिए है, टेस्ट के लिए।"

तभी वो नर्स ने अपनी ट्रे में से एक इंजेक्शन उठाया और इथेनॉल(इथेनॉल) से साफ कर उसे लगाने लगी तभी किसी के तेज कदमों की आवाज ने उसे रोक दिया

“मरने का बहुत शौक है क्या तुम्हें? जब तबीयत ख़राब थी तो लड़ने की क्या जरूरत थी?” रूबी भड़की हुए रूम का दरवाजा पटकते हुए अंदर आ गयी, उसका वो हसीन चेहरा गुस्से से तड़कता हुआ किसी चुड़ैल से कम नहीं लग रहा था।

“ और डॉक्टर रॉय!” क्रोध भरी आवाज में बोली “ जब आप सब कुछ जानते थे तो आख़िर क्यों आपने उसे लड़ने से रोका क्यों नहीं, हांssssss.......” डॉ. रॉय ने तो अपने हाथ खड़े कर लिए जैसे कह रहे हों कि इसमें मेरा कोई हाथ नहीं

“कितनी बार कहा है कि कोई भी गड़बड़ हो तो पहले मुझे बताओ! पर नहीं, हमें तो हर बात तुम सब आख़िर में बताते हो। अरे मैं यहाँ की मालिक हूँ और ऐसा लगता है जैसे मुझे कुछ बताना तुम्हें जरूरी ही नहीं लगता। अब तो तुम सो............”

उसकी बातें सुनकर सृजल ने बिना देर किए, उठ कर रूबी को गले लगा लिया। रूबी की ना सिर्फ बकबक बंद हो गई बल्कि उसका गुस्सा भी शांत हो गया

“ आई एम सॉरी रूबी(i am sorry, Ruby); मेरा तुम्हें परेशान करने का कोई इरादा नहीं था। पर अगर में आज नहीं लड़ता तो कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान हो जाता जिससे तुम्हे दुख पहुंचता...... और ये मैं नहीं चाहता था।"

सृजल की बात सुनकर रूबी ने भी उसे गले लगा लिया, सृजल की बात सुनकर रूबी की आंख के कोने पर आंसू आ गए था।वापस सोफे पर बैठ गया जहां पर वो नर्स उसे इंजेक्शन लगाने लगी।

“ वैसे ये इंजेक्शन किसलिए मिस अलका?”

“तुम, सवाल बहुत करते हो यार।“ नर्स अलका ने सृजल को इंजेक्शन लगते हुए कहा “ कॉर्टिकोस्टेरॉइड(corticosteroid), क्योंकि यहां पर टिश्यू रप्चर(tissue rupture) हो गए है। इससे इसके घाव पर इंन्फ्लामेशन(inflammation) नहीं होगा।"

अलका का काम खत्म होते ही वो और डॉक्टर वहां से निकल गए। अब कमरे में सिर्फ आनंद, रूबी और सृजल ही थे, सृजल कुछ दूरी पर लगे हुए कपड़े बदलने की जगह पर जाकर अपने कपड़े बदलने लगा। इसी बीच आनंद जाकर सोफे पर बैठ गया और पास रखे फ़ोन से उसने रिसेप्शन पर कॉल करके तीन ड्रिंक्स मंगवा ली। रूबी ने आनंद के सामने वाली गद्देदार कुर्सी पर अपनी जगह बनाई

“मुझे लगता है तुम दोनों को रात यहीं पर गुजार लेनी चाहिए; अब तो 1 बज गया है ना......”

“क्यों? तुम रात भर बोर हो जाओगी क्या?” आनंद ने आने हमेशा वाले मजाकिया अंदाज में कहा पर रूबी की खूंखार आंखे और फड़कती आंख देखकर वो फिर चुप हो गया। इतने में डोरबेल बजी, आनंद ने आने के लिए कहा और वो वेटर उनके लिए एक ट्रे में, 3 कांच के कप जैसे गिलास, एक विस्की की बोतल और अलग अलग शेप-साइज(shape-size) के बर्फ के टुकड़े ले आया। वो ड्रिंक बनाने लगा........

“ तुम रहने दो हम आपस में बना लेंगे।" आनंद की बात सुनकर वो वेटर वहां से आदर से चला गया, जाते-जाते दरवाज़ा लगा गया। आनंद ने उठा कर बर्फ गिलासों में डाला, विस्की की बोतल को खोला और तीनों गिलासों को आधा-आधा बार दिया।

इतने में सृजल बाहर आ गया, एक काली टी शर्ट और नीली जीन्स में। आकर वो आनंद के पास सोफे पर बैठ गया, आनंद ने उसे एक विस्की का गिलास दिया, फिर रूबी को देकर खुद ने पीना भी शुरू कर दिया।

“ तुम्हें कल से छुट्टी चाहिए थी न? तो तुम ले लो, अच्छा रहेगा।" रूबी ने अपनी विस्की को हिलाते हुए कहा

“ नहीं कल से नहीं, अब मैं 2 हफ्ते बाद ही छुट्टी लूंगा।"

“क्योंssssssssss!?” आनंद और रूबी की जैसे चढ़ते-चढ़ते उतर गई, क्योंकि पिछले हफ्ते ही सृजल ने छुट्टी की बात की थी पर अब अचानक से क्यों बदल गया?

“पहले में बाहर जाने वाला था, अब मैं कुछ दिनों बाद जाऊंगा।" सृजल ने पूरी विस्की गटकते हुए कहा

“पर तुम्हें जाना कहाँ है?” रूबी ने यूँ ही ये सवाल पूछ लिया

पर अगले ही पल रूबी को याद आया कि सृजल के बाहर जाने के पीछे कौन सी वज़ह है। उसने अपनी विस्की खत्म की और गिलास टेबल पर रख दिया। आनंद ने तो कुछ पूछा ही नहीं क्योंकि बाहर सुनते ही उसे किसी सवाल की जरूरत ही नहीं पड़ी।

“तो ठीक है, हम निकलते है। ज्यादा देर करना ठीक नहीं” सृजल के साथ आनंद भी उठ गया और वे दोनों जाने लगे।

“अपना ध्यान रखना दोनों!” रूबी ने पूरी बोतल उठा कर पीने से पहले उन दोनों को अलविदा किया।

बिल्डिंग से निकल कर दोनों जल्दी से आनंद की कार में बैठे, रात के मौसम बहुत सुहाना और ठंडा था। अमावस्या की रात में पूरा शहर जगमगा रहा था, कार की खिड़की खोल कर उन नें सफर शुरू किया। दोनों दोस्त पुणे की भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर समुद्र तट के काफी नजदीक रहा करते थे, घर हालांकि सृजल का था पर अक्सर उसका समय कंपनी में ही गुजरता था जहां पर या तो वो काम करता रहता था या फिर ट्रेंनिंग(training)। सृजल का मुख्य काम इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट(import-export) को मैनेज(manage) करना था और आनंद सी. ए.(C.A.) था। दोनों यहाँ, इस कंपनी में एक साथ ही आये थे और क्योंकि दोनों स्कूल में बेस्टफ़्रेंडस( best friends) थे उनकी जोड़ी आपस में फिर से जमना शुरू हो गयी। 20 मिनट के अंतराल में उनका घर आ गया, घर क्या? वो तो बंगला था। सफेद दीवारें, कांच की बड़ी-बड़ी खिड़कियां, सामने एक बड़ा सा गार्डन जिसमें ज्यादा कुछ लगा नहीं था सिवाए कुछ नारियल के पेड़ों के और हरी घास के। कार को घर से जुड़े हुए एक गैराज में रख कर आनंद ने दरवाजा खोला आकर सीधे जाकर सोफे पर बैठ गया और राहत की सांस ली, सृजल भी जाकर वहीं पर बैठ गया।
 
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बाहर से जितना शानदार था अंदर से उतना ही साफ सुथरा भी। दाईं तरफ कुछ ड्रॉर रखी हुई यही जिन पर कुछ फूलदान और 2 छोटे स्पीकर रखे हुए थे, थोड़ी दूरी पर दीवार से सटी हुई एक 56 इंच की एल. सी.डी.(LCD) लगी हुई थीं जिसके ठीक सामने एक बड़ा सा सोफा था और आजू बाजू 2 गद्देदार कुर्सियां। बाईं ओर से शुरू करते ही पहले एक लकड़ी का बना हुआ जूते-चप्पल रखने का स्टैंड था, वहीं दीवार पर काफी सारी तस्वीरें लगी हुई थी जिनमें कुछ स्कूल की थी तो कुछ अभी कंपनी की, उसी ओर से एक सुंदर सी लंबे पायदानों वाली सीढ़ी गयी हुई थी जो ऊपर के कमरे में खुलती थी। सीढ़ियों के ठीक नीचे आनंद का कमरा था और दूसरे कोने में किचन था; घर में सजावट जरूर काम थी पर साफ-सफाई के कारण सजावट की जरूरत ही नहीं मालूम पड़ती थी।

“ मैं सोने जा रहा हूँ आनंद, दरवाजा लॉक(lock) कर लेना।" सृजल सीढ़ियों से ऊपर जाने को हुआ

“यार एक बात पूछनी थी? इफ यु डोंट माइंड?(if you dont mind?)” सृजल ने हां के जवाब में सिर हिला दिया

“तुम्हें नहीं लगता सबकुछ जानते हुए भी रूबी, तुमसे प्यार करती है?” सृजल अपनी जगह पर ही खड़ा-खड़ा मुड़ गया और मुस्कुराते हुए बोला

“हाँ वो मुझसे प्यार करती है” सृजल की बात सुन कर जैसे आनंद का मुँह खुला का खुला से रह गया “पर वो मुझे एक सच्चे दोस्त की तरह प्यार करती है, अगर वो लड़का होती तो इस समय तेरी जगह पर आज मेरे साथ होती। समझे चौधरी जी”

सृजल जम्हाई लेता है अपने कमरे में चला गया, आनंद सोफे पर बैठे हुए ही मुस्कुराया जैसे उसे सृजल की बात समझ आ गयी। वैसे इतना कठिन भी नहीं था समझना, अक्सर हर कोई प्यार को गलत समझ लेता है और भला आनंद बाकियों से ज्यादा अलग थोड़े ही था। आखिर था तो समाज का हिस्सा ही; फिर उसने भी बत्तियां बुझाई और सोने चला गया।



पीक्सकिल पुलिस डिपार्टमेंट, न्यूयॉर्क

5 जुलाई 2030; सुबह 11 बजे!

पीक्सकिल में आज का दिन सुहावना था, अच्छी धूप निकली हुई थी। कभी-कभी भीड़ से घिरा हुआ शहर आज काफी खुल हुआ महसूस कर रहा था। यहां के पहाड़, वन और हडसन नदी प्रकृति की मौज में थे और लोगों का मूड भी बहुत खिला हुआ था। लंबी सड़कों पर गाड़ियां आराम से चल रहीं थी, लोग अपनी दुकानों पर काम कर रहे थे और बच्चे आज स्कूल न होने के कारण खेल कूद में लगे हुए थे।

एक हष्ट पुष्ट शरीर की सुंदर सी लड़की, ब्लैक जीन्स, व्हाइट टॉप पर ब्राउन जैकेट डाले हुए पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ रही थी। उसके हल्के लाल से रंग के बाल कंधों से थोड़ा नीचे की ओर थे, एकदम सीधे ओर चमकीले, रेशम की तरह। वो सीधे पुलिस स्टेशन के अंदर गयी, शिकायत दर्ज करने वाले मेज़ के पास एक औरत बैठ हुई थी, घुंघराले बाल और गोल से चश्मा लगाए हुए

“गुड मॉर्निंग चीफ( good morning chief )”

“ मॉर्निंग मिसेस हिलसन।" वो लड़की उस पुलिस स्टेशन की चीफ थी, कहते हुए सीधे अपनी केबिन में चली गयी।

केबिन में एक बड़ी सी मेज जिसके ऊपर एक कांच की सीथ(sheath) चढ़ी हुई थी, जिसके पीछे दीवार पर पुलिस का सिम्बोल(simbol) बना हुआ था, दो अलमारियां रखी हुई थी, टेबल पर पेन-पेपर और एक लैपटॉप जिससे जुड़ कर एक प्रिंटर रखा हुआ था। वो जाकर अपनी कुर्सी पर बैठ गयी और राहत की सांस ली। फटाफट उसने लैपटॉप पर कुछ खोला और एक क्लिक करके वापस कुर्सी से टिक गई। प्रिंटर पर कुछ छपने लगा जिसकी खर-खर की आवाज गूंजने सी लगी

“ मोर्निंग चीफ!” बाहर से जल्दी में एक युवा पुलिस अफसर जल्दी में आया

“ क्या बात है विल? इतने हड़बड़ी में क्यों हो?” उसके अचानक आने से चीफ चौक सी गयी।

“न्यूयॉर्क...... ह....पुलिस....ह....डिपार्टमेंट से फोsssssss... ह..न, फोन है।" विल अपनी भरी हुई सांस में बोला और चीफ को फोन थमा कर चला गया जिसकी स्क्रीन पर होल्ड(Hold) लिखा हुआ है पर कोई फोन नंबर नहीं था। उसने फ़ोन उठाया और कहा

“ हेलो, एलेनोरा हॉल स्पीककिंग ( Hello, Elenora Hall Speaking)”

ये फ़ोन कॉल लगभग 5 मिनट तक चली, इसी बीच बात करते हुए एलेनोरा ने प्रिंटर से उस कागज को निकाल कर देखा। फ़ोन कट करते ही उसने उस कागज को देखकर ऐंसा चेहरा जैसे कोई बहुत ही इम्पोर्टेन्ट चीज़ हो.............. फिर अगले ही पल उसे पहाड़ कर कचरे के डिब्बे में डाल दिया। बाहर जाते हुए उसने मिसेस हिल्सन से कहा

“मैं कुछ दिनों के लिए न्यूयॉर्क जा रहीं हूँ, तब तक के लिए विल सब संभाल लेगा।" मिसेस हिल्सन ने सिर्फ जवाब में अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दिखाई।

बाहर जाकर एलेनोरा ने अपनी किआ सोरेंटो(Kia Sorento) में बैठी और तेज़ी से गाड़ी चालू करते हुए हाईवे की तरफ भगा दी। पुलिस स्टेशन वाले सभी लोग बाहर निकल कर एलेनोरा की भागती हुई को देखने लगे और उसके जाते ही वे वापस अंदर चले गए। अंदर एलेनोरा ने जो कागज पहाड़ के फेंका था उसका एक टुकड़ा पंखे की हवा में उड़ता हुआ बाहर आ गिरा, जिस पर लिखा हुआ थारेजिग्नेशन लेटर!”

आखिर सृजल ‘बाहर’ कहाँ जाना चाहता था? और जब वो इसी हफ्ते जाने वाला था तो उसने प्लान बदल क्यों दिया?। सृजल, आनंद और रूबी की कहानी क्या है? एलेनोरा कौन है और अचानक आने वाला वो फोन कॉल किस लिए था? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए हमारे साथ बने रहिये, जल्दी ही कुछ बहुत बड़ा होने वाला है , तो कहीं जाइएगा मत। यहीं मिलेंगे
 

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वो थोड़ा जंगली इलाका था, सड़क किसी छोटे से जंगल के बीच से निकल के जा रही थी। अभी सूरज ढलने में काफी समय था और इस रास्ते से अभी कुछ देर पहले ही कुछ गाड़ियां निकलीं थी। आगे सड़क में एक घुमाव था जो इन जंगलों से दूर ले जाता था, इसी छोर पर एक पेट्रोल पंप था जो अभी कहली पड़ा हुआ था, वहां कोई गाड़ी नही थी सिवाय एक के जो पेट्रोल पंप के किनारे पर खाई हुई थी। वो एक ‘किआ सोरेंटो’ थी...................

एलेनोरा गाड़ी में बैठे हुए अपना फ़ोन बार-बार बंद चालू कर रही थी, किसी सोच में थी जैसे किसी फैसले पर अटक गई हो। आखिरकार उसने कांटेक्ट लिस्ट खोली और एक नंबर निकाला जो कि ‘डार्लिंग’(Darling) नाम से सेव(save) था। उसने कॉल किया.......... कुछ देर तक घंटी गयी पर उसने फ़ोन नहीं उठाया। एलेनोरा ने फिर से फ़ोन लगाना चाहा पर रुक गयी, उसने फ़ोन में टाइम देखा.... और फिर फ़ोन को कार के अंदर सामने पटक कर, तेज़ी से गियर बदलते हुए उसने कार को न्यूयॉर्क की तरफ बढ़ा दिया।

कुछ ही देर में वो छोटे घरों की जगह बड़ी-बड़ी इमारतों ने ले ली, आधुनिकता की असली चमक जो किसी को भी अपनी तरफ खींच ले। आसमान छूती इमारते, जाने माने ब्रांड्स(Brands)- मैकडोनाल्ड, के.एफ.सी., कोकाकोला,सैमसंग, जैक एंड जोंस और ना जाने इतने अलग-अलग तरह के ब्रांड्स जिनका हम नाम तक नहीं जानते। पीक्सकिल की वो शांत सी सड़के यहां पर इतनी तेज थी कि मानो कोई रेस चल रही हो, लोगों की भीड़ और यातायात यहां पर बहुत ही ज्यादा थे। लोग रेस्टोरेंट्स में बैठे हुए थे, काम पर जा रहे थे, ऐंसा लग रहा था मानो सब कुछ एक चक्र सा था। एलेनोरा ने मैनहैट्टन से कार निकालते हुए सीधे ब्रिज की तरफ बढ़ा दी और आखिरकार उसने अपनी कार ब्रूकलिन हाइट(Brooklin Height) में जाकर एक बड़े से होटल सामने रोक दी जिसका नाम था;

“पैराडाइज़ व्हाइट मोटेल”

इस मोटेल के बाहर काफी सारी खुली जगह थी, नोंकदार पेड़ कतारों में लगे हुए थे जहां पर कुछ गाड़ियां खड़ी हुई थी। कुछ पत्थर की बनी हुई बेंचें वहां पर रखी हुई थी और वहीं पर फूल वाली झाड़ियों के कुछ ब्लॉक्स(Blocks) बने थे। मोटेल के किनारे में एक अंडरग्राउंड पार्किंग लॉट था जिसका डिजिटल बोर्ड अलग ही दिख रहा था और उसके पास खड़े सिक्योरिटी गार्ड्स। एलेनोरा ने अपनी कार ले जाकर अंदर अंडरग्राउंड ही पार्क की, उसने सिक्योरिटी गार्ड को अपना पुलिस का बैच दिखाया जिसके आगे उसने कोई सवाल नहीं किया। एलेनोरा वहाँ से सीधे मोटेल के गेट पर गयी जहाँ पर एक हट्टा कट्टा दरबान खड़ा हुआ था, उसने स्वागत में कुछ शब्द कहे जिसके बाद एलेनोरा रिसेप्शन की ओर गई जहां से पूरा मोटेल शानदार लग रहा था।

“ हेलो मैम, हाऊ कैन आई हेल्प यु ?(How can I help you ?)” रिसेप्शन पर खड़ी एक गोल चेहरे वाली लड़की ने विनम्रतापूर्वक पूछा जिसने लाल रंग की ड्रेस पहन रखी थी।

“ आई हैव ए रूम बुक्ड हेयर(I have a room booked here)” एलेनोरा ने अभी अपनी बात पूरी नहीं कि थी कि

“जी, अपना नाम बता दीजिए, प्लीज”। एलेनोरा हॉल !” उसने सीधे-सीधे अपना नाम बता दिया। रिसेप्शनिस्ट ने उसका नाम अपने कंप्यूटर पर सर्च किया और कुछ ही पलों में

“रूम नंबर 313, 25th फ्लोर ! यूज़ योर फिंगरप्रिंट हेयर(Use your fingerprint here)” उसने एक टैब एलेनोरा के सामने रख दिया जिसमें नीचे की ओर एक फिंगरप्रिंट स्कैनर दिख रहा था। एलेनोरा ने उस पर अपना अंगूठा रखा और स्कैन होते ही एलेनोरा कि सारी डिटेल्स पुलिस डिपार्टमेंट के डेटाबेस(Database) से निकल कर आ गईं।

“ हैव आ नाइस डे मैम।

रिसेप्शन से हट कर एलेनोरा नहीं रुकी, सीधे जाकर लिफ्ट में खड़ी हो गयी जिसमें उससे पहले ही एक 30-35 साल का युवक पीली शर्ट और ब्लैक जैकेट में खड़ा हुआ था। एलेनोरा ने उसमें 25th फ्लोर का बटन दबाया और लिफ्ट के दरवाजे बंद हो गए।

“हाय, में भी 25th फ्लोर पर ही जा रहा हूं, क्या आप यहां नए है”। उस युवक ने लहजे के साथ पूछा

“हां, अभी ही आई हूँ” एलेनोरा ने दोस्ताना व्यवहार दिखाया “ क्या आप भी 25th फ्लोर पर ही जा रहे है ?”

पहले वो युवक एलेनोरा की आंखों में देख कर बात कर रहा था पर जैसे ही उसकी नजर उसकी कमर पर लटकी हैंडगन पर गयी वो कुछ हिचक गया

“ हां......... हां मैं .... वहीं जा रहा हूँ”। उसके बाद पूरे रास्ते ना उसने एलेनोरा से बात की ना ही एलेनोरा ने उससे। कुछ ही देर में दोनों 25th फ्लोर पर पहुंच गए, एलेनोरा आगे चल रही थी और वो उसके पीछे चल रहा था जैसे उससे बच कर जा रहा हो। एलेनोरा जाकर अपने रूम के सामने खाई हो गयी.......... और वो शक़्स भी, दोनों ने एक दूसरे को देखा

“आप रूम 313 में है ?” वो थोड़ी हैरानी से पूछा

“ हां, हाय; मेरा नाम एलेनोरा हॉल है फ्रॉम डिपार्टमेंट ऑफ पुलिस !” उसका चेहरा पढ़ते हुए एलेनोरा ने अपना हाथ बढ़ाया

“ओह....... हेलो, मैं कारलोस मिलर, आपकी गन देख कर मैं थोड़ा घबरा गया था। मैंने सोचा आप,..”

“ एक क्रिमिनल हूँ ! ” एलेनोरा ने एक भौं ऊंची कर कहा

“ नहीं...... न....म... हां, सॉरी। यहां पर ऐंसे बहुत से लोग है

जो.... खैर छोड़िये। आपसे मिलकर अच्छा लगा”

“मैं तो यूँ ही पूछ रही थी, मुझे भी आपसे मिलकर अच्छा लगा”। एलेनोरा ने हाथ मिलाया ओर अपने दरवाजे के पास लगा फिंगरप्रिंट लॉक पर अपना अंगूठा लगाया जिससे दरवाजा खुला गया।

“ उम्मीद है फिर मुलाकात होगी” कारलोस ने कहा जिस पर एलेनोरा मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चली गयी और वो भी।

वाह ! अंदर का क्या नजरा था। दीवारें हल्के सुनहरे रंग की थी और उसी रंग के बल्ब भी लगे हुए थे वो भी नक्काशीदार किसी लैंप की तरह। दाई तरफ एक छोटा सा से दारू का अड्डा था जिसे लोग ‘बार’ भी कहते है, जो कि एक कांच की दीवार से घिरा हुआ था जिसमें एक दरवाज़ा भी था। एक रिसेप्शन की डेस्क की तरह वहां भी एक डेस्क लगी हुई थी आधे गोले के आकार की और उसके पीछे किसी पुस्तक की खुलने वाली अलमारी की तरह एक अलमारी थी जिसमें शराब की अलग-अलग किस्म की बोतलें सजी पड़ी थी। इसी के ठीक सामने एक डबलबेड(Doublebed) था जिसमें सफेद मखमली गद्दा बिछा हुआ था और साथ में दो तकिये। पास में एक मेज़ पर लैंप रखा हुआ था और बिस्तर की दूसरी तरफ कांच की दो बड़ी-बड़ी खिड़कियां। बीच में 2 सोफे, 4 गद्देदार कुर्सियां और उनके ठीक बगल में एक छोटी सी पुस्तक की अलमारी जिसके किनारे से लगी हुई एक स्टडी टेबल (Study Table), कुर्सी, दीवारों पर पहाड़ों-नदियों की कुछ तस्वीरें और बाएं तरफ के आखिरी कोने में एक वॉशरूम(washroom)।

एलेनोरा अभी सिर्फ बिस्तर तक ही पहुंची थी कि उसका फ़ोन बजा। उसने जल्दी से उसे निकाला और देखा कि उस पर एक मैसेज आया है- “[50th फ्लोर, रूम नंबर 500]

मैसेज देखकर वो कुछ सोच में पड़ गयी पर फिर उसने अपना फ़ोन अपनी जीन्स की पॉकेट में डाल ओर बाहर निकल गयी। लिफ्ट लेकर सीधे 50th फ्लोर पर रूम नम. 500 के सामने जो कि बिल्डिंग का सबसे आखिरी वाला कमर था पर बाकी सारे फ्लोर के कमरों से 2 गुना बड़ा था। एलेनोरा ने बेल बजाई-डिंग-डोंग.... डिंग-डोंग....डिंग !” उसके बाद कुछ देर में दरवाजे के बाहर जो फिंगरप्रिंट स्कैनर था उसके ऊपर लगे स्पीकर से आवाज आई- “ क्या तुम मेरे चैस का पीस मुझे देने आए हो ?

जिस प एलेनोरा ने स्पीकर के नीचे का बटन दबा कर कहा “हां”

“ कौन सा पीस ?” एक बार फिर वहीं रेडियो जैसी आवाज आई

“रेड क्वीन(Red Queen)”

एलेनोरा का इतना कहते ही किसी काले कोट वाले बॉडीगार्ड जैसे दिखने वाले ने दरवाजा खोला और एलेनोरा अंदर चली गयी। अंदर का कमरा सच में काफी बड़ा था, जिसमें बीच में सिर्फ एक लंबी सी कांच की टेबल और उसके सामने घिरी हुई 10 गद्देदार कुर्सियां। जिनमें से सिर्फ एक ही खाली थी, उन कुर्सियों पर अलग-अलग से कपड़े पहने हुए लोग बैठे हुए थे पर ज्यादातर फॉर्मल ही पहने थे और उनमें से एक औरत हिज़ाब पहने हुए थी और कोई फ़ाइल पढ़ रही थी।

“आओ एलेन, हम सब तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहे थे। आओ अपनी सीट लो”। सबसे आगे की सीट पर बैठे हुए काले आदमी ने एलेनोरा को बैठने को कहा, वो 45-50 साल का आदमी एलेनोरा के आने से काफी खुश दिख रहा था

“जी नहीं !” एलेनोरा ने थोड़े सख़्त लहजे से वहीं पर खड़े होकर कहा “पहले तो ये बताइये जोस की अपने मुझे सीधे फ़ोन क्यों नहीं किया,पुलिस स्टेशन में फ़ोन करने की क्या जरूरत थी ? आपके कारण फालतू में मेरा नाम हाईलाइट हो गया। मेरे पूरे दिन की ऐसी की तैसी कर दी आपने....... और ऐसा भी को से अर्जेंट काम आया गया जो इतनी जल्दी में बुलाया”। एलेनोरा का गुस्सा देख कर वहां बैठा हर कोई थोड़ा सकते में था। मिस्टर जोस से इस तरह आज तक किसी ने बात नहीं कि थी। वहां बैठा कोई कुछ नहीं बोला सिवाय एक आदमी के जो कि ठीक एलेनोरा के सामने बैठ हुआ था, कुछ ज्यादा ही अभिमान मे डूबा हुआ जान पड़ता था...........

“अपनी जुबान संभाल कर बात करो मिस एलेनोरा ! ये कोई तरीका नहीं है बॉस से बात करने का।”

“ तुम हो कौन मुझे तरीका सिखाने वाले। अपने काम से काम रखो...” एलेनोरा का इतना कहते ही उसका फ़ोन बजा पर उसने देख कर वापस रख दिया

“मैं नहीं जानती यहां क्या हो रहा हैं ? और जब मैंने आपसे इस्तीफे की बात की थी तो आज आपने मुझे यहां वापस क्यों बुला लिया ? मै.......... !” अचानक ही उसका फ़ोन फिर से बजा और एलेनोरा ने जैसे ही उसे बाहर निकला उस सामने बैठे युवक ने अचानक से फ़ोन छीनकर उसे जमीन पर पटकना चाहा

“लो, कर दी न गलती रोबर्ट”। मिस्टर जोस ने धीमी आवाज में कहा

रोबर्ट के फ़ोन फेंकने से पहले ही एलेनोरा ने उसका हाथ पकड़ लिया और रोबर्ट को ऐसा लग जैसे सब कुछ हिल गया, अगले ही पल उसका सर खून से सन गया क्योँकि एलेनोरा ने उसका सर झटके से उस ग्लास की टेबल पर पटक कर वापस उठा लिया। रोबर्ट को चक्कर से आने लगे, एलेनोरा ने उसे कॉलर से पकड़ कर वापस उसकी कुर्सी पर बिठाल दिया। ऐंसा लगा जैसे रोबर्ट किसी सदमें में चला गया हो

“अपने इस शहर की समस्याओं को खुद ही संभालिए। इसके लिए आपके पास ऐंसे बहुत सारे अफसर पड़े हुए है !” रोबर्ट की तरफ देखते हुए एलेनोरा बाहर जाने लगी

“ अगर मैं कहूँ की ये समस्या सिर्फ शहर की नहीं है तो ?” मिस्टर जोस के शब्दों ने एलेनोरा के कदम बांध दिए “सिर्फ शहर की समस्या होती तो मैं तुम्हे नहीं बुलाता। तुम्हे बुलाने का कारण ये है कि..... वी आर लुकिंग एट ए वर्ल्ड लेवल कैटेस्टरोप(We are looking at a world level Catastroph.) !”

मिस्टर जोस की बात में गंभीरता थी, इसके अलावा वहां पर बैठा हुआ हर कोई ऊँचे दर्जे का अफसर था। एलेनोरा ने रोबर्ट के पास वाली कुर्सी पर खुद को टिकाया और चुप चाप बैठ गयी। मिस्टर जोस खड़े हो गए, उनके पीछे लग हुआ टी. वी. चालू हुआ जिस पर कुछ जानकारी आने लगी और मिस्टर जोस ने समझना चालू किया

“ये वाली अभी-अभी चाइना से आई है; वहां की सबसे बड़ी जेल किनचेंग से एक खतरनाक अपराधी चोंगयुन शोई काल रात को फरार हो गया।“

“ तो इसमें को सी वर्ल्ड लेवल की प्रोब्लेम है” एलेनोरा ने तुरंत ही पूछा

“ क्योंकि उसने 5फुट मोटी सीमेंट और लोहे की शीट की बनी दीवार को अपने हांथो से तोड़ डाला और बाह भी एक नहीं पूरी 7 दीवारों को।“

मिस्टर जोस की इस बात को सुनकर हर किसी का मुंह खुल का खुला रह गए। सबके मन मे एक ही बात थी, “ असंभव !”और क्योंकि हम CIA है, ये बात सिर्फ हम जानते है। मीडिया को सिर्फ ये पता है कि वो अपराधी फरार है। और अब में तुम सभी को कुछ और असंभव सी चीज दिखता हूँ.....” मिस्टर जोस ने उस अपराधी की वो सीसीटवी फुटेज दिखाई जिसे देख कर सभी के होश उड़ गए, आँखे फटी की फटी रह गयी। उस समय पहली बार एलेनोरा ने महसूस किया कि उसका शरीर कांप रहा था।

“तोsssssssss... क्या तुम सब लड़ने के लिए तैयार हो ?”

समुद्र किनारे की हवा बहुत उमस भरी थी, धूप भी इतनी तेज हो जाती कभी-कभी की पूरा शरीर पसीने में नहा जाता। ‘रूबी फार्मसूइटिकल’ के सामने काफी सारे कर्मचारी आ जा रहे थे, सुपर मार्केट में मिलने वाली वो चके वाली टोकरियों में काफी सारी दवाईयां रखा कर ट्रको में लोड की जा रहीं थी जिन के हल्के नारंगी बॉक्स के ऊपर एक लाल रंग के रूबी का सिम्बोल बना हुआ था। समान लोड होते ही ट्रकों की भारी लाइन खाली हो गयी और अब इमारत के सामने का माहौल शांत था।

“हेलो मिस अलका, क्या आपने सृजल को देखा”। नीचे रिसेप्शन से गुजरते हुए आनंद ने पूछा

“अरे हाँ !” मिस अलका की जैसे जान में जान आ गयी “मैं तुम्हे ही ढूंढ रही थी। सृजल और मिस रूबी ऊपर कमरे में है और खाने पर तुम्हारा इंतज़ार कर रहे है। जल्दी जाओ !” इतना कह कर मिस अलका मेडिकल वार्ड की ओर चली गयी और आनंद ने भी लिफ्ट में अपने कदम रखे..........

भागते हुए आनंद कमरे में दाखिल हुआ, वहीं जहाँ काल रात को वो सब थे। टेबल पर खाना लगा हुआ था, सृजल और रूबी अपने गीले हाथो को छोटे-छोटे रूमालों से पोंछ रहे थे।

“चल यार जल्दी आ जा। आधे घंटे से तेरा इंतज़ार कर रहे है”। सृजल ने कहा

“इतनी देर हमेशा ही कहाँ लगा देता है ? कभी भी खाने पर टाइम से नहीं आता”। रूबी ने थोड़ा मुस्कुरा कर कहा

आनंद ने उनकी बातें सुनते हुए जल्दी से हाथ धोयें और अपनी कुर्सी संभाल कर बैठ गया।

“कितनी बार तो बताया है यार, रोज इतनी बड़ी कंपनी का एकाउंट संभालना आसान थोड़े ही है”। आनंद ने पानी पीते हुए कहा

“हाँ, हाँ, ठीक है। पहले कहना कहा लेते है, आई एम वेरी हंगरी(I am very Hungry)” रूबी के आखिरी शब्दों को सुनकर आनंद को हंसी आ गयी जो उसने सृजल के साथ शेयर की पर चुप चाप ताकि कहीं रूबी उन्हें देख ना ले। सामने टेबल पर पनीर की सब्जी, रोटी, लांचा पराठा, दाल मखनी, दही और कुछ मिठाइयां रखी हुई थी जिन्हें देखना तो छोड़ो ! उनकी खुशबू मात्र से मुँह में पानी आया जाता। तीनो ने आराम से खाना खाया बिना किसी बातचीत के और फिर सोफे पर आराम से बैठ गए। वेटर आ कर बर्तन ले कर चला गया, तीनों ने फॉर्मल ड्रेस पहनी हुई थी। अचानक ही तीनों के हाथ अपनी टाई पर गए जिन्हें उन्होंने खींच कर ढीला किया और जब उनकी नजर एक दूसरे पर पड़ी तो वो खिलखिला उठे

“याद है स्कूल में अक्सर कहना कहते समय जब गर्मी लगती थी तो हम ऐसे ही अपनी टाई ढीली कर लिया करते थे।“ रूबी ने सृजल की तरफ देख कर कहा जो सृजल की दाईं ओर बैठी हुई थी

“यार वो मेस भी ना ऐसे गरम होती थी जैसे भट्टी लगा रखी हो”। और बाई तरफ आनंद बैठा था

“पर यहाँ और वहां एक अंतर है ?” सृजल ने लोमड़ी से खुश होते हुए कहा

“क्या ?” रूबी और आनंद एक साथ बोले

“वहाँ पर ये नहीं था !” सृजल ने सोफे के कोने में से एक रिमोट निकाला और सामने के AC को ऑन कर दिया। कुछ ही देर में ठंडी हवा ने उस गरम माहौल को ठंडा कर दिया,

“कितना अच्छा लगता था न स्कूल में ! हम लोग कहीं-कहीं घूमने जाते थे, पार्टी करते थे, कभी-कभी तो किसी को बिना पता चले बाहर भी चले आते थे”। रूबी ने जम्हाई लेते हुए कहा

“पर सृजल तब काफी खुफिया रहा करता था, कभी-कभी गायब से हो जाता था”। आनंद ने भी जम्हाई ली और सृजल से चिपक गया। सृजल अपनी दोनों बाहें फैलाए सोफे से टिक कर आराम से लेटा हुआ था, एक तरफ से आनंद तो दूसरी तरफ से रूबी उससे चिपक कर सो रही थी। AC की ठंडी हवा के झोंके ने उस ताप्ती गर्मी में ऐंसा नशा चढ़ाया कि सृजल की भी आंखे झपकने लगीं................

सृजल, आनंद और रूबी ! तीनों ही पुणे के ‘थेलकर इंटरनेशन स्कूल से पढे हुए थे। तीनो वहां पर पांचवी कक्षा से साथ में पड़ रहे थे और क्योंकि वो एक बोर्डिंग(Boarding) स्कूल था तो तीनों वहीं पर रहा करते थे। ‘थेलकर’ का नाम काफी अच्छा था इसलिए न सिर्फ राज्यों से बल्कि दूसरे देशों से भी यहां पर स्टूडेंट्स पढ़ने आते थे। तीनों इतने पक्के दोस्त थे उस समय से की एक दूसरे के बिना उन्होंने कभी खाना ही नहीं खाया, यहां तक कि 11वी कक्षा में आते-आते उनकी दोस्ती के चर्चे पूरे स्कूल में मशहूर थे। सब कुछ काफी यही चल रहा था कि एकाएक स्कूल के आखिरी साल में अंतिम परीक्षा के बाद सृजल की तबियत खराब हो गयी और उसे 1 महीना पहले ही स्कूल छोड़ना पड़ा। इसी बीच रूबी के पिता का देहांत हो गया और पूरी कंपनी की जिम्मेदारी रूबी पर आ गयी, अपनेकाम से परेशान रूबी अपने दोस्तों से कट सी गयी। आनंद भी अकेला पड़ गया और उसने कुछ सोच कर CA की पढ़ाई शुरू कर दी; इस बीच तीनों दोस्तों की आने वाले 4 साल तक कभी बात नहीं हुए न ही कभी मिले। पर एक दिन किस्मत इन पर फिर से मेहरबां हो गयी और काम के रूप में ये तीनों वापस मिल गए..................................

आज भी मिलने के बाद कहाँ कुछ बदला है ? तीनो आज भी वैसे ही है जैसे सालों पहले स्कूल के दिनों में हुआ करते थे। आज भी खाना साथ में ही खाते है, एक दूसरे का ख्याल रखते है। और जिस तरह से तीनों सोफे पर पड़े हुए थे, उनकी दोस्ती का बचपना अभी काफी बाकी रह गए है......... सूरज की वो ढलती किरण भी उनके इस प्यार की घड़ी को शीशे की खिड़की से झांक कर देख रही थी जैसे खुद उनसे लिपटना चाहती हो।
 

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The 13th अध्याय-5

पूरी की पूरी CIA की टीम अपनी कुर्सियों पर बैठी हुई कुछ दस्तावेजों को बार-बार पढ़ रही थी, खासकर एलेनोरा। कुछ ही देर पहले मिस्टर जोस ने सभी को कुछ वीडियो फुटेज दिखाई थी, पहली वो जिसमें चीन को सबसे खतरनाक क्रिमिनल चोंगयुन शोई जेल की मोटी-मोटी दीवारों को तोड़ते हुए किस तरह बाहर निकल कर भाग गया था;

किसी के लिए भी इस बात पर यकीन करना मुश्किल था कि जिस दिन उसे फांसी होने वाली थी उसके ठीक एक दिन पहले रात में वह अपने सेल में सिकुड़ कर बैठ हुआ था, आधी रात को पता नहीं क्या हुआ वो जमीन पर लौटने लगा। देख कर इस लग रहा था जैसे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और अगले ही पल वो घुटनों के बल अपने आप को बिठा कर अपना सर जमीन से टिका लिया, उसके हाथ उसके सर के सीध में थे। धीरे से उसके शरीर का रंग नीला-काला पड़ने लगा, कोई चीज़ उसके शरीर में रेंग रही थी और उसका शरीर बड़ा होते जा रहा था और उसकी त्वचा मगरमच्छ की तरह सख्त हो रही थी जिस पर कुछ शल्क जैसी नुकीली रचनाएँ उभर रही थी। उसके शरीर मगरमच्छ सी सख्त पूंछ निकलते ही वो उठ कर खड़ा हो गए जिसके बाद उसका पूरा रूप सब के सामने था......................

लगभग 8फीट का ऊंचा पूरा शरीर ,एक सख्त खाल की चढ़ावत के साथ दो बड़े से लंबे हाथ जो किसी मांसाहारी जानवर के मालूम पड़ते थे, नुकीले नाखूनों वाली उंगलियाँ, अजीब से तीन उंगलियों वाले पैर जो उंगलियां कम किसी तरह के मुद्दे हुए नाखून लग रहे थे और दरिंदगी भरा चेहरा जो एक बड़े से इंसानी खोपड़ी समान था जिसके जबड़ों के किनारों से दो लंबे से मुद्दे हुए दांत निकले हुए थे किसी चींटी के डंक की तरह और सर से लेकर गर्दन से थोड़े नीचे तक सफेद नुकीले बाल! उसने तीन फुट मोटे स्टील के दरवाजे को एक मुक्के में थोड़ा कर बाहर फेंक दिया और दीवारों को तोड़ता हुआ नदी में कूद गया............ पुलिस इस वाकये से इतना घबरा गई कि उन्होंने उस जानवर की तलाश करने की भी कोशिश नहीं की, खुद को उन्होंने खुशकिस्मत माना कि किसी की जान नहीं गयी।

“जेल में मौजूद सभी अधिकारियों ने एक बहुत ही अच्छा फैसला किया कि उन्होंने ये बात कहीं बाहर नहीं जाने दी और मीडिया को भी यहीं बताया कि किसी ने चोंगयुन को बाहर से भागने में मदद की और वो क्रिमिनल किसी तरह जेनिटर के रूप में अंदर घुस आया और सारी दीवारों पर बम लगा कर उन्हें उड़ा दिया”। मिस्टर जोस ने सभी को कहा

“वो सब तो ठीक है पर जब इतनी बड़ी बात थी तो आपने सभी को क्यों नहीं बुलाया, हम तो यहां पर 10 ही लोग है, बाकी के 6 कहाँ पर हैं?” एलेनोरा ने सभी को देखते हुए पूछा

“जैसा कि मैंने कहा ये एक वर्ल्ड लेवल कैलामिटी है, बाकी के ऑफिसर्स कुछ अलग अलग देशों में गए है जहां पर ऐसी ही अजीबोगरीब घटनायें हो रही है जिनकी जानकारी आपके मेज पर पड़े दस्तावेजों में दर्ज है पर फिर भी में। अआप सभी को उसका एक क्विक ग्लांस(Quick Glance) दे ही देता हूँ।"

मिस्टर जोस ने दीवार पर लगी उस TV पर अपनी उंगलियां चलाईं और 4-5 अलग-अलग फाइलें एक साथ खुल गई

“5 साल पहले मैनहट्टन में रहने वाले डॉ रुसेव की किसी ने हत्या कर दी थी। उनके शरीर के टुकड़े करके उन्हें मारा गया था बाद में घर को आग लगा दी गयी थी और तभी से हमारी नज़र उस हत्यारे को ढूंढ रही थी जिसने ये कत्ल किया था? क्योंकि इस तरह से शरीर के टुकड़े करने में काफी ताकत की आवश्यकता पड़ती पर डॉ रुसेव के रक्त में या शरीर में हमें किसी भी तरह के हथियार का अंश नहीं मिला और ये केस बैंड करना पड़ा!” मिस्टर जोस ने एक दूसरी फैल दिखाई

“ये भी हमारे यहां ग्रीनविले की एक घटना है जहां पर लोगों के सामने से बैंक के सारे कर्मचारियों ने एक लुटेरे को सारा पैसा थमा दिया पर जब उंसवे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो उन्हें पता ही नहीं था कि ऐसा कुछ भी हुआ है? जबकि जब उन्हें CCTV रिकॉर्डिंग दिखाई तो उन्हें भी इस पर विश्वास नहीं हुआ। हमने उन कर्मचारियों को मीडिया से बचाने के लिए पुलिस कस्टडी में ले लिया ताकि किसी तरह की परेशानी उत्पन्न न हो। पॉलैंड में अचानक ही एक बंजर जगह पर बहुत सारी चट्टानें और बड़े-बड़े पेड़ आ गए और पूरा जंगल ही बना दिया!” अब भला इस तरह कि घटनाओं को सुपरनैचुरल नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे!”काफी देर तक सारी जानकारी देने के कारण मिस्टर जोस का गला सूख गया था, उन्होंने पानी पिया और एक लंबी सांस ली।

“ तो आप ने हम सभी को इन चीजों का सामना करने के लिए बुलाया है?” एलेनोरा अपनी एक भौं ऊपर उठ कर पूछा

“हाँ और ना भी। उन चीजों से सामना करने के लिए पहले हमें पता करना होगा कि इस सब की जड़ क्या है? उसके बाद ही हम इसका सॉल्यूशन निकाल पाएंगे। तो इससे पहले की सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल(Out Of Control) हो जाये, हमें इसे संभालना होगा!”

मीटिंग खत्म होते ही सभी लोग उस कमरे से निकल के आपने-अपने कमरों में चले गए, मिस्टर जोस ने कल उन सभी को एक नई टीम से मिलने की बात कही और यह भी की वे कुछ लोगों को उन देशों में भेज कर इन्वेस्टीगेशन करवाएंगे जहां पर कुछ अजीब हुआ हो ताकि जल्दी से जल्दी हम किसी नतीज़े पर पहुँच जाएं। आज का दिन एलेनोरा के लिए सच में दिमाग खपाने वाला साबित हुआ, उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब अजीबोगरीब बातें सच है! पर CIA कभी जानकारी के मामले में गलत नहीं होती। एलेनोरा सीधे अपने कमरे में गयी और जाकर ठंडे शॉवर के नीचे खड़ी हो गयी, ये सब कुछ पचाना आसान नहीं था इसलिए वो खुद को शांत रखने की कोशिश कर रही थी। कपड़े बदल कर वो बिस्तर पर बैठ कर सोचने लगी कि आख़िर ये हो क्या रहा है? अपनी बांहें फैला कर जैसे ही वो लेटी.......................

“बज्जsssssss!” ऐंसी आवाज़ आयी जैसे उसका फ़ोन बजा हो, उसने अपना फ़ोन चेक करा तो उसमें एक मैसेज पड़ा हुआ था

(“मैं तुम्हें एक घंटे में घर पहुंच कर कॉल करता हूं।“)- डार्लिंग

एलेनोरा ने जल्दी से टाइम देखा, शाम के 4 बज रहे थे। उसने मोबाइल अपने तकिये के पास रख और इस सुपरनैचुरल समस्या को लेकर सोचने लगी, इसी बीच उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गयी.................. फ़ोन की तेज आवाज के कारण एलेनोरा की नींद खुली। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वी अभी-अभी सोयी थी, मोबाइल उठा कर देखा तो फ़ोन नंबर के ऊपर डार्लिंग लिखा हुआ आ रहा था। एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ उसने फ़ोन उठाया;

(हैलोsssssss डार्लिंग! काफी देर लगा दी फोन लगाने में?) एलेनोरा ने कामुक सी ध्वनि में कहा, उसकी आवाज काफी मधुर लग रही थी।

(आई एम रियली सॉरीsssss! कुछ दिनों से काम ज्यादा था।) फ़ोन पर किसी युवा लड़के की शांत सी आवाज थी, जिसमें माफी की ध्वनि जरूर थी।

(काम था या अपने दोस्तों के साथ मस्ती में लगे हुए थे? वैसे भी अपनी ‘लांग डिस्टेंस(long distance)’ वाली गर्लफ्रैंड को भला कौन याद रखता है।) एलेनोरा ने उसकी टांग खींची

(तुम तो जानती ही हो, अगर यही सब किया होता तो तुमसे झूठ थोड़े ही बोलता।) उसने कुछ मासूमियत से कहा जिस पर एलेनोरा हंस पड़ी

(हाँ जानती हूं, पर तुम्हें थोड़ा परेशान करने का मजा ही कुछ और है। वैसे में तुम्हे ये बताना चाहती थी कि मेरा ट्रांसफर न्यूयॉर्क में हो गया है...... और शायद कुछ समय के लिए हमे हमारा घूमने का प्लान कैंसिल करना पड़ेगा।) एलेनोरा ने कुछ निराश होकर कहा

(वैसे............, मैं भी तुम्हे यहीं बताना चाह राह था कि अचानक ही यहां कंपनी में काम बहुत बढ़ गया है जिस कारण कुछ टाइम के लिए मैं भी बिजी रहूँगा। मुझे लग रहा था कि अगर मैं तुम्हें ये बताऊंगा तो तुम अपसेट(Upset) हो जाओगी, सॉरी एलेन!) लड़के की आवज में भी निराशा थी जैसे वो काफी मुश्किल से कह रहा हो

उन दोनों के बीच कुछ पल की शांति रही जैसे उनका दिल कचोट रहा हो..............तुम ठीक तो हो ना! तम्हारी आवाज कुछ ठीक नहीं लग रही।) एलेनोरा ने पूछा

(हाँ..... हाँ, मैं ठीक हूँ, बस तुम्हारी याद आ रही थी!) लड़के ने अपनी तकलीफ नहीं छुपाई

(हाँ, मुझे भी। पर क्या करूँ यार, काम ने बांध रखा है वरना कब की तुमसे मिलने आ जाती।) एलेनोरा ने बख़ूबी अपनी तकलीफ छुपा ली

(अच्छा ठीक है, अपना ध्यान रखना। लव यू!) लड़के ने कुछ रुक कर कहा

(यु टू डार्लिंग!) एलेनोरा ने फ़ोन पर ही एक किस दी और कॉल कट हो गया।

बिस्टेर पर लेटे हुए उसके सामने उस लड़के का चेहरा घूम राह था जिसे एलेनोरा बहुत प्यार करती थी। उसने एक गहरी सांस ली और छत को देखते हुए कहा “ना जाने मैं तुमसे कब मिल पाऊंगी।“

कुछ साल पहले एक गलती के कारण उन दोनों की मुलाकात हुई थी, एलेनोरा ने उसे चोर समझ कर उस पर हमला कर दिया था। वो इतने तैश में थी कि उसने उस लड़के को लगभग} घायल ही कर दिया था, वो तो सही समय पर एलेनोरा को अपनी गलती समझ में आ गयी थी वार्ना आज वो बेचारा कहीं मुर्दाघर में पड़ा होता! उसके बाद दोनों में दोस्ती हो गयी और इसी दौरान दोनों एक दूसरे को बखूबी समझने लगे और एक दिन सही टाईम देख कर एलेनोरा ने उसे प्रपोज़(Prapose) कर दिया। तभी से ये दोनों रिलेशनशिप में है पर दोनों ही अपनी जॉब्स के कारण एक दूसरे से मिल नहीं पाते थे और आज भी दोनों का यहीं हाल है.................

रात की रोशनी में पूरा का पूरा शहर इस तरह जगमग हो रहा था जैसे कोई त्योहार हो। पैराडाइस मोटेल के इस कमरे से बाहर का नजर भी काफी सुंदर दिखता था और क्योंकि ब्रूकलिन हिल्स मुख्य शहर से काफी दूर खुली जगह में है, यहां की हवा हल्की पानी की महक लेकर बह रही थी। कुछ देर आराम करने के बाद एलेनोरा का मन हुआ कि वो जरा बाहर घूम कर आए इसलिए वो थोड़ा तयार हो गयी पर कपड़े वहीं पहने जो वो पीक्सकिल से पहन कर आई थी। बाहर निकलने के लिए जैसे ही उसने दरवाजा खोला, वो उसके सामने खड़ा था

“ ओहssssss, मिस एलेनोरा!” अचानक दरवाजा खुलने से वो थोड़ा हड़बड़ा गया, उसके चेहरे पर पसीना आ गया

“क्या बात है मिस्टर कारलोस? आप यहां क्यों खड़े हुए थे?” कारलोस की हड़बड़ाहट देख एलेनोरा मुस्कुराई

कारलोस ने खुद को संभाला, अपने नीले कोट की सफेद शर्ट पर लगी टाई को जरा ठीक किया।

“वो...मैं....इस.. शाम खाली था तो सोचा क्यों ना आपको डिनर के लिए पूछ लेता हूँ, अगर आपका कोई दूसरा प्लान न हो तो...?” कारलोस के कुछ शब्द अटक गए थे

“क्या तुम यहाँ अकेले ही हो?”

“ नहीं.... मेरे दोस्त कुछ दिनों के लिए बाहर गए है, इसलिए अभी कुछ दिनों के लिए में यहां पर अकेला ही हूँ”। कारलोस ने एलेनोरा की आंखों में देख कर कहा और एलेनोरा ने अनुमान लगा लिया कि कारलोस सच ही बोल रहा है।

“तो फिर चलते है मिस्टर कारलोस, मैं भी बाहर ही जा रही थी”।

“वैसे आप मुझे कारलोस ही बुलाया करें। ये ‘मिस्टर’ ज्यादा फॉर्मल लगता है” कारलोस जममें देखते हुए शरमाया

“ठीक है कारलोस, मुझे भी तुम एलेन बुला सकते हो” एलेनोरा ने उसके साथ लिफ्ट की ओर चलते हुए कहा “ और हां!.........मुझे मेरे नाम से बुलाया करो, ये ‘आप’ ज्यादा फॉर्मल हो जाता है”।

एक पल के लिए कारलोस ने एलेन को देखा, उसे देजा-वू से अहसास हुआ और अगले ही पल दोनों ठहाकों में बरस पड़े। कारलोस के पास खुद की एक BMW कार थी, सिल्वर कलर की मॉडल नंबर 330i, 3 सीरीज। जितना वो बाहर से सुंदर थी उतनी ही अंदर से शानदार, और काफी कंफर्टेबल। कारलोस ने कार न्यूयॉर्क की तरफ घुमाई और कुछ ही देर में एक बड़े से रेस्टोरेंट के सामने रोक दी।



“क्लाउन शाय”

उस होटल के बाहर कांच की दीवारें थी सो अंदर का कुछ अच्छा सा नजारा लोगों के सामने आता था। बाहर से ही एक साफ से रिसेप्शन ओर ठीक सामने एक शराब की अलमारी सजी रखी हुई थी जो जाहिर है कि पैराडाइस व्हाइट मोटेल के कमरों वाली अलमारी से काफी बड़ी थी। दीवारों के सफेद रंग अलग ही चमक मार राह था जिससे वहां की सफाई और भी ज्यादा दिख रही थी, रिसेप्शन के सामने बाईं तरफ की दीवार के आसपास फूलों के गमले रखे हुए थे जिनमें तरह-तरह के फूल सजे हुए थे पर जो सबसे अलग दिख रहे थे वो थे गहरे लाल रंग के गुलाब, जिन्हें देखने भर से ही कोई भी उनकी ओर खींचा चला आए।

दोनों ही कर से उतरे और होटल की तरफ जाने लगे, दर्जे पर खड़े दरबान ने झुक कर सलाम किया और उन्हें अंदर जाने का इशारा किया। अंदर जाकर कारलोस ने एक टेबल बुक करी, एक वेटर आया और उन दोनों को उसी जगह से बाई ओर ले गया जहां पर वो शराब की अलमारी रखी हुई थी, अंदर का यह कमर था तो इतना बाद की आराम से 60-70 लोग उसमें समा जाते पर वह पर सिर्फ 5 गोल मेजें लगी हुई थी और किनारे की जो टेबल कारलोस ने बुक की हुई थी उसकी बाई तरफ दीवार जैसा बड़ा सा मछलीघर था जो पूरी दीवार जितने बड़े कांच के घर में। अंदर कुछ गोल्ड फिश, शैल फिश, समुद्री कोरल और कुछ शंख वाले केंकड़े थे, और रंगबिरंगे पत्थरों की सजावट वहां पर बहुत खिल रही थी। वहां पर सिर्फ 2 ही टेबलें भरी हुई थी और काफी अच्छी शांति उस माहौल में पसरी हुई थी। दोनो ने अपनी जगह ग्रहण की और वेटर ने उनसे इसी बीच आर्डर ले लिया, एलेनोरा ने वेटर से वहीं लेन को कहा जो कारलोस ने मंगाया। उस वेटर के जाते ही एक दूसरी वेटर आयी, उसने दो कांच के फैंसी गिलासों में, हाई क्वालिटी की रेड वाइन डाली और बोतल को वहीं रख कर वहां से चली गयी..........

“तुम यहाँ पर पहले कभी क्यों नहीं आये? मुझे तो लगा था कि तुम यहीं पर रहते हो।" एलेनोरा ने वाइन के गिलास को उठाते हुए पूछा

“आपको...अ.. मेरा मतलब तुम्हें कैसे पता में यहां पहली बार आया हूं?” कारलोस ने बड़े आश्चर्य से पूछा

“क्योंकि तुम काफी नर्वस(Nervous) लग रहे हो और तुम भी इस जगह को वैसे ही देख रहे थे जैसे बच्चा नए खिलौने को देखता है”। वाइन का घूंट एलेन के गले से नीचे उतरा

“कमाल की नजर है तुम्हारी! कोई शक नहीं कि तुम एक पुलिस अफसर हो”। कारलोस ने मुस्कुराते हुए कहा

इतने में ही वो वेटर खाना लेकर आ गया, उसने मेज पर 2 स्टेक से भरी हुई प्लेट लगाई और एक बड़ा सा चीज़ टार्ट का गोल कटोरेनुमा बर्तन बीच में रख दिया।

खाने की खुशबू मात्र से पता चल रहा थ की उसका स्वाद कितना लाज़वाब होगा, इतना कि मुँह में पानी आ गया। ख़ैर दोनों ने मजे लेकर डिनर किया, कुछ यूं ही आपस में काम को लेकर बातें की और आखिरकार खाना खत्म करके वहां से बाहर निकल आये। जितना बड़ा वो चीज़ का टार्ट था उससे भी बड़ा वहां का बिल था, जिसे देख कर एलेनोरा को हंसी आ गयी। एलेनोरा बिल देने वाली थी पर कारलोस ने ये कह कर रोक लिया कि ‘इस बार में दे देता हूं, अगली बार तुम दे देना’।

रात काफी घिर गई थी पर ऐंसा लग नहीं रह था कि अंधेरा हो गया है, वहां की जगमगाहट ही इतनी जबरदस्त थी। कारलोस ने गाड़ी वापस मोटेल की ओर रवाना की, कारलोस आराम से कार चला रहा था;

“वैसे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या? या मिस ‘पुलिस वुमन’ अकेली अपने काम में ही व्यस्त रहती है”

“हाँ है ना!” एलेनोरा का जवाब सुनते ही जैसे कारलोस की स्माइल कुछ ढल सी गयी जिसे एलेनोरा ने बखूबी देख लिया “वैसे लगता नहीं है तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है”।

“अब तुमसे क्या छुपाना? तुम तो आराम से सब कुछ जान लेती हो।“ कारलोस ने अपनी मुस्कान वापस लाते हुए कहा “ वैसे मैं तुम्हे लाइन देने की सोच रहा था”

कारलोस की इस बात पर एलेन खिलखिला के हंस पड़ी।

“हाँ, जानती हूँ” एलेन ने अपना सर सीट से टिकाया “ तुम बहुत अच्छे हो, काफी मजेदार हो और एक बेहतरीन दोस्त भी पर मेरी डार्लिंग की बात ही कुछ और है!”

“ ओहssssss, “ कारलोस ने एलेन को कुछ चिढ़ाते हुए कहा

“अच्छा! जरा हमें भी बताओ कि आखिर उसमे ऐसी भी क्या बात है जो तुमने उसे चुना”।

एलेनोरा ने कारलोस को अपनी सारी कहानी बताई की वो कैसे अपने बॉयफ्रेंड से मिली ओर कैसे वो अभी भी साथ में है। कारलोस बहुत ही मजे से एक दोस्त की तरह उसकी बातें सुनता रहा और बीच बीच में वो भी कुछ अपने किस्से सुना देता। इसी तरह किस्सों में डूबे से वो दोनों वापस अपने कमरों तक पहुँचे, उनकी बातें तो जैसे खत्म ही नहीं हो रहें थी। अंत में दोनों ने एक दूसरे के फ़ोन नंबर लिए और अपने-अपने कमरों में चले गए। कुछ थोड़ा वाइन का असर था और कुछ बातों की थकावट की बिस्तर पर गिरते ही एलेनोरा नींद के आग़ोश में समा गई। काल से उस नए केस की इन्वेस्टीगेशन शुरू होनी है, जो अवश्य ही एक रोमांचक एडवेंचर पर ले जाएगी।



देखने में एक बड़ा सा खाली कमरा था, हर दीवार में दो बड़ी सी कांच की खिड़कियां थी, नीचे जमीन पर एक काला मैट बिछा हुआ था और कमरे के बीचों-बीच लटक रहा था एक बड़ा सा पंचिंग बैग! उस कमरे में सृजल यादव खड़ा हुआ था, निकर में खड़ा वो पसीने से नहाया हुआ था और उस पंचिंग बैग को ऐसे देख रहा था जैसे वो कोई जीवित चीज़ हो। सृजल की बॉडी में गर्दन के पीछे एक गोल सी चिप लगी हुई थी, यहीं कुछ हथेली बराबर की और वो वहां पर अकेले नहीं था। किसी की निगाहें उसे देख रहीं थी..............

“एक बार और सृजल, ये आखिरी बार है फिर इस डिवाइस का टेस्ट पूरा हो जाएगा!” उस कमरे के बाहर एक आफिस जैसी जगह में आनंद बैठा हुआ था, जो किसी तरह के टेस्ट की बात कर रहा था। सामने एक लंबी सी सफेद टेबल थी जिस पर सिर्फ एक लैपटॉप रखा हुआ था जो कि आनंद चला रहा था।

सृजल ने उसे अंगूठा दिखा कर शुरू करने का इशारा किया। और आनंद के लैपटॉप में एक बटन दबाते ही सृजल शुरू हो गया। सृजल ने उस पंचिंग बैग पर अपने मुक्के बरसने शुरू कर दिए, कभी फुटवर्क के साथ तो कभी एक जगह खड़े होकर। पहले उसकी रफ्तार धीमी थी, फिर बढ़ती गयी इतनी की वो पंचिंग बैग जो सृजल से भी दुगने साइज का था उस पर सृजल के मुक्कों के आकार बनने लगे। वो गोल लंबे से सिलिंडर जैसा पंचिंग बैग अब किसी मार खाये हुए व्यक्ति की तरह इधर उधर से चपटा से हो गया था, अपने एक आखिरी जबरदस्त ‘जैब’ के साथ सृजल ने खुद को रोक लिया।

“बहुत बढ़िया सृजल, यह ‘बॉडी इम्पैक्ट’ और ‘ऑटोप्सी’ चेक करने वाली मशीन सही काम कर रही है” आनंद ने अंदर से लगे हुए एक माइक के जरिये कहा जिसकी आवाज़ सृजल को कमरे में लगे स्पीकर्स से साफ सुनाई दे रही थी। सृजल ने पास में रखा एक ब्लूटूथ ईयरबड उठा कर कान में लगाया

“ ठीक है, मेरा स्कोर तो बता दे?”

“अरे हाँ यार वहीं तो बताने वाला था” आनंद ने जल्दी से लैपटॉप में देखा “वेल,(well) तुम्हारी एवरेज पंचिंग पावर है 800 पाउंड्स टू 1000 पाउंड्स! काफी बढ़िया है और मैक्सिमम गयी है 1700 पाउंड्स तक! वूsssssह......” आनंद ने आश्चर्य में किलकारी मरते हुए कहा “ यार इतनी पावर तो हैवयवेइट्स वाले फाइटर्स कि होती है, कमाल कर दिया यार”

“चल भाई, चल! रात बहुत हो गयी है, जल्दी घर चलते है”। सृजल की बात सुनते है आनंद लैपटॉप वहां रख कर बाहर चला गया और जाते जाते कह गया “ मैं कर में तेरा इंतज़ार करता हूँ”

सृजल ने उसके जाते ही फ़ोन उठाया और उसमें एक मैसेज टाइप करके भेज दिया। जाते जाते उसने एक बहुत ही हल्की पर तेज़ किक उस बैग पर मारी और अपना सामान उठा के ले जाने लगा, वो लैपटॉप भी उठा कर अपने बैग में डाला और यूँ ही निकर पर बाहर चला गया।

अब वो कमर एक दम खाली थान बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था कि इसी बीच किस चीज़ की हल्की सी फटने की आवाज आयी और कुछ जमीन पर गिरने लगा.... “भर्ssssssss.......” वो पंचिंग बैग फट गया था और उसमें से रेत और लकड़ी का बुरादा रिसकर गिरने लगा था..........
 

Hero tera

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The 13th अध्याय-6


वूsssssह, यव कमरा इतना खाली क्यों है?” एलेनोरा वापस उसी मीटिंग रूम में आई थी जो मोटेल के टॉप फ्लोर का सबसे बड़ा कमर था। जहाँ पर सबसे आगे अपनी जगह पर मिस्टर जोस बैठे हुए थे और उनके पास सर में मरहमपट्टी किये हुए रोबर्ट जो एक टैब लिए कुछ देख रहा था।

“बाकी लोग कहाँ चले गए?”

“मैंने उन सभी को कल रात में ही दूसरे देशों में रवाना करवा दिया है ताकि हमारी ये इन्वेस्टीगेशन कुछ रफ्तार पकड़ ले!” मिस्टर जोस ने अपनी कुर्सी से टिक कर कहा

“तो फिर हमें क्या करना है? आपके पास कोई प्लान तो होगा ही”। एलेनोरा ने अपनी कुर्सी संभालते हुए कहा

मिस्टर जोस उठे और जाकर उस बड़ी सी दीवार TV के सामने खड़े हो गए, फिर वे कमरे की बाई ओर गए जहां पर खिड़कियों पर पर्दे लगे हुए थे। उस खाली दीवार के कोने में उन्होंने हाथ लगाया और एक चौकोर सी बटन जैसा हिस्सा अंदर चला गया और उस जगह पर जहां अभी तक एक खाली दीवार थी अब वहां पर एक खुफिया दरवाज़ा बन चुका था। रोबर्ट को इस तरह की चीज़ें देखने की आदत नहीं थी इसलिए उसका मुंह आश्चर्य से खुला से रह गया पर एलेन को जैसे इस बात का अंदाजा था, मुस्कुराते हुए वो मिस्टर जोस के पीछे-पीछे अंदर चली गयी। रोबर्ट ने भी अपना खुला मुँह बैंड किया और एलेन के पीछे चल दिया।

दरवाजा खोलते ही उनके सामने एक बड़ा सा कमरा था जिसकी दीवारें नीले रंग की थी। कुछ टेबल-कुर्सियां लगी हुई थी जिन पर कुछ दस्तावेज, फाइलें और मैप पड़े हुए थे, एक कोने में बड़ा सा मॉडिफाइड(Modified) कंप्यूटर था, सामने दीवार पर कुछ बंदूकें तंगी हुई थी, एक दूसरे कोने में एक वेंडिंग मशीन लगी हुई थी और सबसे आख़िर के कोने में एक पुस्तक की अलमारी रखी हुई थी जहां पर पास में ही एलेनोरा खड़ी हुई थी। और सबसे बड़ी बात; उस कमरे में पहले से ही कुछ लोग काम कर रहे थे

“तो आओ तुम सभी को तुम्हारे नए साथियों से मिलता हूं”। सामने की ही डेस्क पर एक सांवली सी लड़की जिसकी उम्र लगभग 25 साल लग रही थी, एक मैप पर काम कर रही थी जो देखने में न्यूयॉर्क का ही लग रहा था

“ये है हमारी मैपिंग इन्वेस्टिगेटर मिस ‘जुलिया रॉबर्ड’। अभी कुछ ही महीनों से हम इनके साथ काम कर रहे है और में तुम्हें यकीन दिलाता हूं कि इनकी काबिलियत हमारे शक से कहीं ज्यादा अच्छी है”

“आपके बारे में मिस्टर जोस से काफी कुछ सुना है मिस एलेनोरा, मिलकर ख़ुशी हुई!” एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ जुलिया ने अपना हाथ आगे बढ़ाया

“मुझे भी तुमसे मिलकर खुशी हुई जुलिया” एलेनोरा ने उसका हाथ मिलाया और फिर मिस्टर जोस उन्हें बीच वाली टेबल पर ले आये जहां पर एक भारी से शरीर का आदमी बैठ हुआ एक स्नाइपर राइफल साफ कर रहा था, रंग से काला और ऊपर से उसका चमकता टकला एक दम जंच रहा था

“ये है ‘इथन मूरे’। दो साल पहले अफ्रीका में आयोजित एक सिलेक्शन कैम्प में हमारी मुलाकात हुई थी, उस टाइम तो हमने इन्हें नहीं चुना था पर हम इनके कांटेक्ट में जरूर थे और आज फाइनली ये हमारे साथ एक ऑफिसियल मिशन पर है”।

“उम्मीद है हमारी अच्छी जमेगी” इथन ने एलेनोरा से हाथ मिलाया और एलेनोरा ने एक बड़ी सी स्माइल के साथ जवाब दिया

“मुझे भी यहीं लगता है”

और सबसे आखिर में एक दुबला पतला सा लड़का जिसकी उम्र लगभग 20-25 साल के बीच में रही होगी, उस मॉडिफाइड कंप्यूटर के सामने बैठ हुआ था जिसने सर पर एक पीली टोपी पहन रखी थी

“और ये है हमारे मिस्टर हैकर जो पिछले 10 सालों से हमारे साथ काम कर रहे थे छुप कर पर अब वक्त आ गया है इसे ऑफिशियली CIA जॉइन करने का। यहीं वो शख़्सियत है जिसने सबसे पहले डॉ. रुसेव की मौत पर शक जाहिर किया था और साथ ही इसी ने हमें किसी तरह की सुपरनेचुरल पॉवर के बारे में आगाह किया था।“

इस बार एलेन ने अपना हाथ आगे बढ़ाया, जिस पर वो लड़का मुस्कुरा कर बोला

“फाइनली!....... आपसे मिलकर अच्छा लगा ‘रेड क्वीन’, मेरा नाम है ‘जैक पिज्जा’। आपकी खिदमत में हाजिर” हाथ मिलाते हुए एलेनोरा के चेहरे पर हल्की सी हंसी आ गयी

“क्या तुम्हारा फैमिली नाम सच में ‘पिज्ज़ा’ है? या....” एलेनोरा की बात पूरी होने से पहले ही उसने कहा दिया

“नहीं... में तो एक अनाथ हूँ, अनाथालय में सभी का पूरा नाम था पर मुझे तो पता नहीं था कि मेरे मां-बाप कौन थे। एक दिन। मैंने पिज्जा खाया और वो मुझे बहुत पसंद आया तो मैने अपना सरनेम ‘पिज्ज़ा’ रख लिया” एलेन की नजर वहाँ नीचे पड़े पिज्जा के कलहली बॉक्सेस पर गयी

“तुमसे मिलकर काफी अच्छा लगा जैक, उम्मीद है हम जल्द ही इस केस को सुलझा लेंगे”।

“देखते है मिस एलेन” जैक अपने कंधे उचका कर कुछ असमंजस में बोला और वापस जाकर अपनी जगह में बैठ गया

मिस्टर जोस उन दोनों को लेकर सबसे आगे एक अलग सी टेबल के पास जाकर बैठ गए जो जुलिया के काफी करीब थी। उसके बाद उन्होंने मुँह से सीटी बजा कर सही का ध्यान इस ओर आकर्षित किया

“आज से तुम सब एक टीमहो और आज ही हमें इस केस से जुड़ी एक लीड की जरूरत है ताकि हम किसी तरह एक नतीजे कि ओर बढ़ सके। तो...... लग जाओ काम पर” मिस्टर जोस वहां से जाने लगे पर जाने से पहले अपनी टीम की ओर देखकर पूछे “ कोई सवाल?” और उनके इतना बोलते ही सारे नये मेम्बेर्स के हाथ ऊपर खड़े हो गए जिसे देख कर बड़े ही अफसोस के साथ उन्होंने अपने सर पर हाथ फेरते हुए पूछा-“अब क्या पूछना है?”

“ये नमूना कौन है?!” सभी न अपनी उंगली रोबर्ट की तरफ कर दी जो इस समय उस टेबल पर रखा हुआ सैंडविच खाने वाला था, अपना मुँह बड़ा सा फाड़ते हुए वो सैंडविच उसके मुंह के अंदर तक आधा समा चुका था पर सभी की उंगलियां खुद की तरफ देख कर उसने जैसे का तैसा सैंडविच अपने मुंह से निकाल कर वापस प्लेट में रख दिया। और मिस्टर जोस की तरफ ऐसे देखने लगा जैसे कह रहा हो ’भूख लगी थी सर’! एलेन ने उस समय अपनी हंसी को सच में बहुत मुश्किल से रोक कर रखा था, वो बार-बार अपने पास रखे गिलास से पानी पीकर लंबी साँसे भरे जाए रही थी ताकि उसकी हंसी रुक जाए!

थोड़ी ही देर में रॉबर्ट का इंट्रोडक्शन करवा कर मिस्टर जोस वहां से चले गए। उसके बाद जो सब लोग काम पर लगे है तो रुकने का कोई नाम ही नहीं, जैक अपने कंप्यूटर में काफी सारे डॉक्यूमेंट ओपन कर के देख रहा था, जुलिया भी अपना मैप ले जा कर जैक से कुछ बात कर रही थी। रोबर्ट,एथन के साथ बैठ कर कुछ पुराने केस की स्टडी कर रहा था। एलेनोरा ने जैक से बात कर के उससे उन सारी लीडस् की जानकारी निकलवा ली जिससे उसे ये पता चला था कि ये घटनाएं सुपरनैचुरल है साथ ही इससे जुड़े जितने भी लोग शक के दायरे में आते, उन सब की भी एक लिस्ट बनवा कर निकाल ली। उन सभी को देख कर इस लग ही नहीं रहा था कि वे एक नई टीम है बल्कि वे सब तो हैरतअंगेज रूप से ऐसे काम कर रहे थे जैसे सालो ने एक साथ काम कर रहे हों।

“चलो गाइस(Guys) काफी टाइम हो गया है, अब क्या पूरी रात यहीं पर रहोगे!” मिस्टर जोस अंदर इस कमरे में आकर सामने लगी एक कुर्सी पर बैठ गए “क्या हुआ? तुम सब मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?”

सभी लोग उन्हें ऐसे देख रहे थे जैसे उन्होंने कुछ गलत कह दिया हो, एलेनोरा ने अपने हाथ में थामे हुए उन कागजों को टेबल से ठोंक कर एक समान किया और वहीं रख कर बोली

“आप इतनी जल्दी क्यों वापस आ गए? आपने तो कहा था कि रात तक आएंगे?” एलेनोरा ने एकटक घूर कर पूछा

“मैडम में रात को ही आ रहा हूँ। 7:30 हो रहा है” मिस्टर जोस की बात सुनकर सभी दंग रह गए, सभी काम में इतने मगन थे कि उन्हें टाइम का पता नहीं चला। रोबर्ट तो अभी भी सिर खुजा कर ये बात समझने की कोशिश कर रहा था........

“खैर,.......वो सब छोड़ो। इन्वेस्टिगेशन कुछ आगे बढ़ी?”

“हाँ सर! काफी कुछ नया पता चला है, अभी उसकी रिपोर्ट बताते है” एलेनोरा ने सभी को बैठ ने का इशारा किया पर जैक को आगे आने का इशारा किया “जैक! तुमसे शुरू करते है। बताओ मिस्टर जोस को.......”

जैक ने अपना एक टैब उठाया और आगे गया, मिस्टर जोस के पास खड़े होकर उसने अपनी रिपोर्ट बतानी शुरू की। उसके टैब में एक होलोग्राम फीचर था जिस पर उसने कुछ लगाया और सबसे पीछे की दीवार पर कुछ चित्र चलने लगे

“ये उस बैंक चोरी के बाद कि फुटेज है और ये वो आदमी है जिसने बैंक से सारा पैसा लूटा” जैक ने एक मास्क और हुड वाली नीली जैकेट पहने आदमी की ओर फोकस किया “लूटने के बाद भी ये बड़े ही आराम से बाहर जा रहा है और इसके आसपास भी किसी को कोई शक नहीं हुआ कि आखिर ये व्यक्ति बैंक से इतना बड़ा बैग लेकर अकेला क्यों बाहर निकला? ये वहां से 5 मिनट तक पैदल चला और उसके बाद जाकर एक एंबुलैंस में बैठ गया जिसका नंबर है MH5807! ये मैनहट्टन के रूसेवेट हॉस्पिटल की एम्बुलेंस है और इसकी आखिरी लोकेशन नदी के पूर्वी हिस्से की तरफ जाते हुए दिखी थी पर वहां पर आगे कोई भी CCTV नहीं है इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि वो आखिर गया कहाँ? उससे पहले की चोरियों में भी इसी हॉस्पिटल की एम्बुलेंस का यूज़ किया गया पर वो सब अलग थी, उनके नंबर अलग थे........हाँ, फिलहाल इतना ही पता चला, सबूत के साथ!” वहाँ से हट कर अपनी जगह पर जाते हुए जैक ने अपने आखिरी शब्दों पर जोर दियाजब पुलिस ने इस सब की जांच की थी तो उन्हें तो इतना सब मालूम नहीं चला था?” मिस्टर जोस ने कुछ शकि नजरों से जैक को देखा

“क्योंकि जिन रास्तों से वो एम्बुलेंस पूर्वी नदी के पास गई थी वहां पर बहुत ही कम कैमरे थे और बैंक के पास और भी कई एम्बुलेंस खड़ी हुई थी पर जिसमें ये चोर गया उसके सामने एक कांच की दीवार थी जिसमें CCTV में सिर्फ़ 5 ही एम्बुलेंस दिखी, छटवीं वाली नहीं!” एलेनोरा ने मिस्टर जोस की बात का पूरा जवाब दे दिया जिससे मिस्टर जोस काफी इम्प्रेस्सेड(impressed) दिखाई दिए

इसके तुरंत बाद ही एलेनोरा के इशारे पर जुलिया भी आगे आ गयी उसके हाथ में 2-4 नक्शे थे जिनमें से एक को उसने दरवाजे के पास वाली खाली दीवार पर 2 मैग्नेटिक क्लिप से चिपका दिया, ये मेनहट्टन का नक्शा था

“मैनहट्टन के इस बैंक के आसपास जितनी भी बिल्डिंग्स है उन सब के बीच में कुछ खाली जगह है जो गलियों की तरह है जहां पर अक्सर ये लोग कचरे के डिब्बे रखते है। पर चोर ने इन सब चीजों का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जैसे वो जानता हो कि यहां पर चोरी करकर पकड़ा जाना बहुत ही आसान है? ” जुलिया आगे कुछ कहती कि तभी मिस्टर जोस बोल पड़े

“इसमें कौन सी बड़ी बात है? ये बात तो सभी जानते है कि शहर में काफी जगहों पर CCTV लगे हुए हैं”

“अरे जुलिया!” एलेनोरा अपनी आंख के ऊपर थोड़ा सहलाते हुए कहा “ ये वाला मैप नहीं, दूसरा वाला बताना था जिसपर हमने आख़िर में चर्चा की थी” एलेनोरा की बात सुनते ही जुलिया को ध्यान आया कि वो जो भी बता रही थी वो सब किसी काम का नहीं था? उसका चेहरा शर्म से हल्का लाल हो गया

“जैक, हमें वो मैप दिखाओ जिस पर हमें लीड मिली थी”। जैक ने वापस उसी दीवार पर होलोग्राम चला कर मैप दिखाया जिस पर पर उसने थोड़ी देर पहले ही अपनी रिपोर्ट दिखाई थी

“हाँ तो मैं इस मैप की बात कर रही थी” जुलिया ने अपनी शर्म पर गंभीरता का पोंछा मारा “ मैनहट्टन से आगे की तरफ जहां पर नदी का पूर्वी हिस्सा है, डॉनिंग विलेज के आसपास ही आखिरी बार उसे जाते हुए देखा ही पर क्योंकि उस एरिया में उस समय इलेक्ट्रिसिटी की काफी प्रॉब्लम थी और उस तरफ इतने cctv भी नहीं लगे हुए थे कि हमें पक्का पता चले की वो चोर आख़िर गया कहाँ? पर बडी परेशानी ये है कि यहीं पास में काफी सारा पानी है तो कहीं वो पानी के रास्ते.............”

जुलिया को आगे सोचते हुए देख मिस्टर जोस ने कहा “ ठीक है जुलिया में तुम्हारी बात को समझ गए हूँ, कुछ ओफ्फिसर्स को मैं अभी काम पर डॉनिंग विलेज भेज देता हूँ”

“ वैसे कुछ और भी है क्या बताने को?” मिस्टर जोस ने पूछा

“हाँ, वैसे एक बात तो थी पर...समझ नहीं आता वो कितनी सही है?’ एलेनोरा ने कुछ झिझकते हुए कहा

“बताओ तो सही, जितना ज्यादा पता होगा उतना ही अच्छा होगा”

“हमें लगता है ये जो चोर है..... उसके पास लोगों को बड़े पैमाने पर कंट्रोल करने की पावर है: जो कि बहुत ही बड़ी परेशानी है अगर हमारे शक सही हैं तो!” एलेनोरा की बात ने ना सिर्फ माहौल मृत कर दिया बल्कि एक बार के लिए सभी को सोचने पर मजबूर कर दिए कि अगर ऐसी शक्ति सच में है तो भला हम इसका मुकाबला कैसे करेंगे? पूरा कमर कुछ पलों के लिए शांत ही रहा किसी ने कुछ भी नहीं

कहा...... आखिर मैं मिस्टर जोस ने सभी को वहाँ से जाने को कह दिया, सभी वहां से चले गए। मिस्टर जोस का कहना था कि आज के लिए इतना काफी है, जब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता हम इस तरह की ज्यादा शक्तियों में विश्वास नहीं कर सकते!

एलेनोरा के सभी नए साथी भी इसी होटल में रुके हुए थे ताकि अपने काम को आसानी से अंजाम दे सकें। बार-बार आना जाना लोगों को शक के दायरे में ला देता है, इसलिए मिस्टर जोस ने सभी को एक ही मोटेल में रखा है। बहुत कम लोगों को ये बात मालूम है कि इस होटल की नींव पिछले CIA हेड, मिस्टर इवान दामित्री ने रखी थी ताकि किसी को इस तरह के मोटेल पर शक न हो कि ये एक CIA का सेकेंडरी हेड क्वाटर भी हो सकता है।

एलेनोरा लिफ्ट में चढ़ कर अपने फ्लोर की ओर निकल गयी अब क्योंकि उसके अलावा सभी का कमरा टॉप फ्लोर पर ही था, वो अकेले ही नीचे जा रही थी। लिफ्ट से निकल कर जैसे ही गलियारे के कोने से उसकी नजर अपने कमरे की ओर पड़ी वहां पर कोई खड़ा हुआ था, यहाँ से एलेनोरा को सिर्फ पीठ दिख रही थी वो अभी थोड़े आगे ही बढी थी कि वो आदमी दीवार से टिक कर सामने देखने लगा............... वो कारलोस था!

वो वहां पर खड़ा पता नहीं कौन से खयालों में खोया हुआ था? उसने एलेनोरा की तरफ ध्यान ही नहीं दिया

“लगता है काफी देर से किसी का इंतज़ार कर रहे हो!” एलेनोरा के चेहरे पर तीखी सी मुस्कुराहट थी जैसे वो कारलोस को परेशान करने के वाली हो। और कारलोस ने उसे अभी भी नहीं देखा था, हैं उसकी आवाज सुनकर जैसे सपने में बोल पड़ा

“हां यार, काफी देर कर दी उस.......नेssssssss ह!” एलेनोरपर जैसे ही उसका ध्यान गया वो दीवार से फिसल कर जमीं पर गिरने लगा पर आखिर में खुद को संभालते हुए वो वापस उठ खड़ा हुआ। एलेनोरा को अचानक देख कर वो सकपका गया था

“क्या बात है कारलोस, बहुत जल्दी गिर गए!” एलेनोरा की आवाज में चिढ़ाने वाला स्वर था

“नहीं, नहीं वो तो में यहां पर खड़ा तुम्हारा इंतजार कर रहा था और फिर में कुछ और सोचने लगा था” आखिरी के शब्द कारलोस ने बड़े धीरे कहे अजीज़ सांसो को संभाल राह हो

“तो तुम मेरा इंतजार क्यों कर रहे थे?”

“ वो तुमने बताया नहीं था कि तुम वापस कब आओगी और तुम आज सुबह भी काफी जल्दी चली गयी थी”

“तो तुम ये पता करने के लिए मेरा इंतजार कर रहे थे?” एलेनोरा ने निगाहें तिरछी करीं

“नहीं, में तो......ये पूछने के लिए आया था कि अगर तुम आज भी रात को फ्री हो तो क्यों न हम घूमने चले?” इस लग रहा था कि वो कुछ और भी पूछने वाला था पर आगे बोलने से रुक गया

एलेनोरा ने उसे ऐसे देखा जैसे वो उसे कहा जाएगी, बड़ी आंखें और तड़कते चेहरे के साथ। कारलोस तो बहुत ही ज्यादा घबरा से गया जैसे उसने कुछ गलत कह दिया हों, एलेनोरा का एक हाथ हवा में उठा और कारलोस ने तेज़ी से आंखें बंद कर ली........ ‘टप्प’ उसके कंधे पर एलेनोरा का हाथ रखाया

“आधे घंटे में मिलते है, ओके” इतना कह कर मुस्कुराते हुए एलेनोरा अपने कमरे में चली गयी। उसके बाद कारलोस बर्फ की तरह पिघलते हुए जमीन पर बैठ गया, उसने राहत की सांस ली

“कभी-कभी मुझे इसके बॉयफ्रेंड पर तरस आता है” सर ऊंचा कर वो खुद से बोला “वो बेचारा इसको झेलता कैसे होगा?”

न्यूयॉर्क बहुत ही आलीशान शहर है। यहां पर सब कुछ है, किसी भी चीज़ की कमी नहीं है सिवाय एक के........ ‘शान्ति’! शांति नाम की चीज़ यहाँ पर होती ही नहीं है। वैसे ही यहां की चकाचोंध तेज़ है ऊपर से भरी चहल-पहल भी। एलेनोरा और कारलोस गाड़ी से आज रात पूरा शहर घूम रहे थे, तरह-तरह की दुकानें, भवन सब कुछ एक दम फर्स्ट क्लास था। ब्रूकलिन से लेकर मैनहट्टन तक लगभग सारी खाने पीने की दुकानों पर आज रात दोनों की मैराथन चल रही थी, एक भी स्टाल इन दोनों ने नहीं छोड़ा! कभी स्ट्रीट फूड तो कभी बर्बिक्यु, कभी जूस तो कभी कॉकटेल और तो और पीने के बाद दोनों ने लहराते हुए एक सी-फ़ूड के स्टाल वाले के सारे ग्राहकों को ये बोल कर भाग दिया कि ये आदमी लोगों को जिंदा स्क्विड खिला देता है! इतना सुन कर तो लोगों के चेहरे बन गए, जो वहां बैठ कर खा रहे थे वो भी उल्टी करते हुए वहां से निकल गए..................

फ़ूड स्टाल का मालिक अभी इन दोनों को डांटने के लिए गुस्से में आगे ही बड़ा था कि कारलोस और एलेनोरा ने बिना उसे बोलने दिए सारी डिशेज़ आर्डर कर ली और उस फ़ूड स्टाल वाले का पूरा खाना ये दोनों अकेल ही खा गए। वो अपनी छोटी सी आंखे फाड़-फाड़ के इन दोनों को देखत रहा पर आख़िर में उसने इन दोनों को माफ कर दिया क्योंकि उन्होंने उस फ़ूड स्टाल वाले का खाना भी खा लिया और अच्छे खासे पैसे भी कम लिये।

रात को 12-1 बजे के आसपास ये बेवड़ों की तरह एक दूसरे के कंधों में हाथ डाले, संभालते हुए अपने कमरों तक किसी तरह लिफ्ट के जरिये आये। नीचे रिसेप्शन वाले तो पागल से हो गए थे जैसे कह रहे हों ‘भला ये क्या चल रहा है हमारे मोटेल में’? सब तरफ अफरा तफरी मचा कर किसी तरह लुढ़कते हुए ये दोनों अपने कमरे के पास पहुंचे। एक दूसरे को देख कर हंसते हुए इन दोनों ने अपने कमरों के दरवाज़े खोले और दारू की ध्वनि में अपने अपने बिस्तर गिर कर अंतर्धान हो गए।



पोलैंडलोकेशन- ???

जगह देखने में भीड़ से अलग थीं, न गाड़ियों का शोर न ही किसी तरह के निर्माण सिर्फ गिनती के घर वो भी काफी दूरी पर। आसपास का इलाका काफी हरा-भरा था, जंगल से प्रतीत होता था पर जंगल था नहीं, बस खाली जमीन पर कुछ घने पेड़ों के झुंड थे। उसी से लगा हुआ एक तालाब और उसके साथ बड़े-बड़े पत्थर, जो देखने में सुंदर तो थे ही उनकी वजह से इस लग रहा था जैसे किसी ने तालाब को आकर्षक बनने के लिए वो पत्थर वहां लगाए थे।

उसी तालाब में काफी हलचल हो रही थी, कुछ हंसी भारी किलकारियां गूंज रही थी

“आह.... नहीं ईव! पानी बहुत ठंडा है, सर्दी हो जाएगी” एक 16-17 साल का लड़का जिसके बाल बहुत छोटे थे, एकदम कटोरा-कट, अपनी दोस्त ईव को तालाब में जाने से रोक रहा था जिस पर ईव ने उस पर पानी उछाल के भिगा दिया

“इतना भी ठंडा पानी नहीं है जैन, तुम तो यूँ ही डर रहे हो”। ईव खिलखिलाते हुए फिर से उस पर पानी उछाला

“नहीं, पानी बहुत ठंडा है। अगर तुम्हें नहाना है तो तुम खुद नहाओ में तो चला” जैन पीछे मुड़ कर जानने लगा

तभी पानी के अंदर से एक गीली-चिपचिपी बेल निकली और जैन को उछाल कर पानी के अंदर फेंक दिया, ‘छपाक!’

“वाsssssss ह, फुर्रsssssss,हाssssह! कितना ठंडा पानी है!” जैन ने पानी से सर बाहर निकाला और कांपते हुए बोला, वहां ईव की हंसी नहीं रुक रही थी और यहाँ जैन का कांपना

“मजा आया जैन! यही होता है जब तुम अपने बेस्ट फ्रेंड की बात नहीं मानते” वो जोर से हंसते हुए बोली उसकी आवाज़ पूरे जंगल में गूंज उठी। यह देख कर जैन का चेहरा गंभीर हो गया, वो अपनी मुट्ठी भिंचते हुए आगे बढ़ा जिसे देख कर ईव कुछ डर सी गयी, उसका हंसना बंद हो गया

“बहुत मजा आ रहा है ना!” जैन अपने दांत पीसता हुआ ईव के करीब आया, गुस्से में उसका चेहरा फड़क रहा था “ तो फिर ये लो!’ उसने अपने हाथ से जोरदार पानी की लहर उठा कर ईव को ठंडे पानी का स्नान करवा दिया। जैन का गुस्से वाला चेहरा अचानक ही मुस्कुराने लगा। अब भला ईव कहाँ रुकने वाली थी, वो दोनों ही उस तालाब में एक दूसरे को पानी भिगा-भिगा कर मजे करने लगे। एक दूसरे को पकड़ कर पानी में फेंकने लगे, उसकी हंसी से ही पूरा का पूरा वातावरण गूंजने लगा

“चलो अब चलते है वर्ना घर वाले हम पर बरस पड़ेंगे” दोनों हंसते हुए वहां से भीगें हुए अपने घर की ओर जाने लगे।

वही पर पास से एक गाड़ी गुजरी जो काफ़ी आगे जाकर रुकी! ईव और जैन तो अपने मजे में अपने घर जा रहे थे। वो दोनों पड़ोसी थे, उनके घर में अंदर जाते ही उस कार में से एक आदमी बाहर आया, काली जैकेट और एक फटी सी जीन्स पहने हुए वो उन दोनों के घरों को ही देख रहा था। उसके हाथों मैं सूखे खून के धब्बे काज हुए थे और उसका चेहरा थोड़ा सा लंबा और रंग हल्का सा पीला था। चेहरे पर अजीब सी क्रूरता भारी मुस्कान थी जिसमें उसकी आंखें छोटी होकर चुप गयी थी। वो देखने में इस जगह का नहीं था, पर उस कार में एक ओर व्यक्ति था जो वही का लग रहा था..... जिसका कटा-फटा से शरीर खून से लथपथ उस के पीछे वाली सीट के नीचे पड़ा हुआ था......
 

The_Punisher

Death is wisest of all in labyrinth of darkness
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Hello everyone.

We are Happy to present to you The annual story contest of XForum


"The Ultimate Story Contest" (USC).

As you all know, in previous week we announced USC and also opened Rules and Queries thread after some time. Before all this, chit-chat thread already opened in Hindi section.

Well, Just want to inform that it is a Short story contest, in this you can post post story under any prefix. with minimum 700 words and maximum 7000 words . That is why, i want to invite you so that you can portray your thoughts using your words into a story which whole xforum would watch. This is a great step for you and for your stories cause USC's stories are read by every reader of Xforum. You are one of the best writers of Xforum, and your story is also going very well. That is why We whole heatedly request you to write a short story For USC. We know that you do not have time to spare but even after that we also know that you are capable of doing everything and bound to no limits.

And the readers who does not want to write they can also participate for the "Best Readers Award" .. You just have to give your reviews on the Posted stories in USC

"Winning Writer's will be awarded with Cash prizes and another awards "and along with that they get a chance to sticky their thread in their section so their thread remains on the top. That is why This is a fantastic chance for you all to make a great image on the mind of all reader and stretch your reach to the mark. This is a golden chance for all of you to portrait your thoughts into words to show us here in USC. So, bring it on and show us all your ideas, show it to the world.

Entry thread will be opened on 7th February, meaning you can start submission of your stories from 7th of feb and that will be opened till 25th of feb. During this you can post your story, so it is better for you to start writing your story in the given time.

And one more thing! Story is to be posted in one post only, cause this is a short story contest that means we can only hope for short stories. So you are not permitted to post your story in many post/parts. If you have any query regarding this, you can contact any staff member.



To chat or ask any doubt on a story, Use this thread — Chit Chat Thread

To Give review on USC's stories, Use this thread — Review Thread

To Chit Chat regarding the contest, Use this thread— Rules & Queries Thread

To post your story, use this thread — Entry Thread

Prizes
Position Benifits
Winner 1500 Rupees + Award + 30 days sticky Thread (Stories)
1st Runner-Up 500 Rupees + Award + 2500 Likes + 15 day Sticky thread (Stories)
2nd Runner-UP 5000 Likes + 7 Days Sticky Thread (Stories) + 2 Months Prime Membership
Best Supporting Reader Award + 1000 Likes+ 2 Months Prime Membership
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Regards :- XForum Staff
 
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The13th अध्याय 7



ट्रिंग-ट्रिंग.....ट्रिंग-ट्रिंग....ट्रिंग-0ट्रिंग....ट्रिंग-ट्रिंग” कमरे में सुबह-सुबह मोबाइल बज रहा था, काफी देर तक उसे उठाया नहीं गया। कमरे में एलेनोरा कल रात के कपड़ों में ही पेट के बल बिस्तर पर पड़ी हुई थी, उसके पैर बिस्तर से बाहर लटक रहे थे जिनसे अभी तक सैंडिल उतरे नहीं थे। नशे से होश खुलते ही एलेनोरा का ध्यान अपने मोबाइल की बजती रिंग पर गया। यूँ ही पड़े-पड़े उसने वो कॉल उठाया

“हेलो.....” नींद भरी आवाज में उसने कहा

“एलेन! जल्दी से ऊपर आओ” ये हड़बड़ाहट भरी आवाज़ मिस्टर जोस की थी जिसे सुनकर एलेनोरा का सारा नशा उतर गया। उसने जल्दी से शॉवर लिया, कपड़े बदले ओर 15 मिनट में ऊपर पहुंच गई। बाहर ही रोबर्ट खड़ा हुआ था जिसने एलेनोरा को आते हुए देख दरवाजा खोला

“कुछ पता है, क्या हुआ?” एलेनोरा ने जल्दी से पूछ लिया

“नहीं, मुझे तो यहां पर रुक कर तुम्हें लाने को कहा था। बाकी सब अंदर है!” दरवाजे से अंदर जाकर, लॉक करते हुए वो बोला

एलेनोरा ने जल्दी से वो सीक्रेट डोर खोला तो अंदर सभी के चेहरे पर बारह बजे हुए थे। इस लग रहा था कि अभी अभी किसी तूफान से गुजर कर आ रहे थे सभी। एलेनोरा ने उनकी हालत देख कर कुछ भी नहीं कहा, सीधे जाकर उसने सामने वाली कुर्सी पर अपना हक जमाया और सामने की ओर देखने लगी जहां पर दीवार के पास जैक अपना टैब लेकर खड़ा हुआ था, उसने सभी के आते ही एक न्यूज चैनल लगा दिया

“ये आज की फुटेज है पोलैंड के मिलोजाकी के तुकनाजनो की! जहां पर देर रात कल जानवरों के एक झुंड ने 2 परिवार तबाह कर दिए। कोई नहीं जानता वो को से जानवर थे पर लोगों का कहना है कि इस इलाके में एक बहुत ही बड़ा भेड़िया रहता है जो कभी-कभी दिखाई देता है और वो एक बाघ से भी बड़ा और खूंखार है।“ उस रिपोर्टर ने जल्दी से दूर से ही घटना स्थल को दिखाया जिसके आसपास पुलिस लगी हुई थी “ जैसा कि आप देख सकते पूरा का पूरा घर ही तबाह हो गया और पूरा परिवार खत्म हो गया, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वालों का कहना है कि वो जल्दी ही एक सर्च पार्टी जारी करेंगे उस खूंखार भेड़िये की तलाश में ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि आखिर वो को से जानवर था। आगे जानने के लिए देखते रहिये पी एल ओ निवास चैनल, तुकनाजो से ‘मिसी बैरोन’, मियाजाकी!”

चैनल के बंद करते ही मिस्टर जोस का एक सवाल सभी से टकराया

“क्या ऐसा हो सकता हैं कि लोगों की कहानियों का एक जानवर जिंदा होकर सिर्फ उन दो परिवारों को मारे और बाकी को छोड़ दे?” मिस्टर जोस का सवाल जायज था और उसका उत्तर ही इस इन्वेस्टीगेशन को आगे बढ़ा सकता था

“मुझे लगता है ये काम या तो किसी ऐसे का है जिसके पास एक सुपर नेचुरल पावर है जैसे कि हम उस बैंक रॉबरी पर काम कर रहे है या फिर.........?” इथन ने सबसे पहले जवाब दिया पर कुछ संकोच उसकी आवाज़ में था

“ या फिर वो जानवर असल में चोंगयुन हो?” एलेन ने आशंका जताने की कोशिश की जिस पर सभी राजी थे ‘ की हां, इस हो सकता है’। “ पर सवाल अब भी है कि आखिर उसने सिर्फ इन दोनों घरों पर ही क्यों हमला किया?” अब एलेन के इस सवाल पर भी काफी बड़ा राज मालूम पड़ता था।

“हो सकता है इन दोनों घरों में कुछ ऐसा हो जो चोंगयुन को चाहिए हो?.... जहां तक मैंने उसकी इन्वेस्टीगेशन की है उस हिसाब से वो कभी चीन छोड़ कर कहीं बाहर तो गया ही नहीं। वो लोगों को सिर्फ मजे के लिए मारता था, ए सायको किल्लर, जिससे वो खुद को ताकतवर मानता था। तओ अगर वो पोलैंड गया है तो इसका मतलब वो किसी ताकतवर शख्श को ही मारने गया है”

जैक की बात में काफी दम था पर अभी कुछ भी कहना काफी मुश्किल था, सभी अभी इसी बारे में। सोच रहे थे कि

“जैक! हमारे अफसर का भेजा हुआ वीडियो दिखायो” जैक ने मिस्टर जोस की बात मानी और एक दूसरा वीडियो लगा दिया जिसमें पोलैंड के उस हादसे वाले घर की पास से ली हुई जानकारी थी।

वीडियो चालू होते ही दो जले से घर का एक दृश्य सामने आया जिसमे घर पूरी तरह से टूट कर अधजले से हो गए थे। जब कैमेरा पास गया तो दृश्य सच में काफी भयानक था, फर्श पर कुछ मांस के लोथड़े खून के साथ पड़े हुए थे जिन पर किसी बड़े हाँथ जैसे नाखूनों के पंजों सहित निशान थे और साथ ही एक बैल के पैर जैसे भी पर बैल से काफी बड़े। कुछ अधजली फटी सी लाशें इधर-उधर पड़ी हुई थीं जैसे किसी ने उनके शरीर पकड़ कर बहुत ताकत के साथ फाड़ दिए हों। घर से धुंआ से उठ रहा था पर अब वहां पर घर के सिवा सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा बच गया था.........................

कमरे में बैठा हर कोई उस नज़ारे से काफी बैचेन हो गया, दुख हुआ कि रातोंरात 2 परिवार तबाह हो गए। सभी ने 2 मिंट का मौन धारण किया और आंखे बंद करके उस परिवार की शांति के लिए प्रार्थना करने लगे। आँखे खुलते ही पीछे खड़े मिस्टर जोस सभी के सामने खड़े हो गए

“वैसे चैनल वालों को हमने ये न्यूज़ नहीं पहुंचने दी कि.......... उन परिवारों के 2 बच्चे गायब है, जिनकी लाशें वहां नहीं मिली!” मिस्टर जोस की इतनी सी बात सुनते ही सभी की आंखे बड़ी हो गयी जैसे कोई बहुत बड़ा रहस्य उजागर हो गया हो

“हो सकता है वो उन बच्चों के लिए ही आया हो?” ईव ने तुरंत ही अपने मन की बात बोल दी

“या फिर उन बच्चों के पास कुछ ऐसा हो जो उसे चाहिए?” इथन अपने ही खयालों में खोया हुआ बोला

“और ये भी हो सकता है कि इन बच्चों के पास भी शक्तियां हो....”

“और वो जानवर कोई और नहीं बल्कि चोंगयुन ही हो, अगर वो किसी तरह अपनी जैसी शक्तियों वालों को ढूंढ पा रहा हो?” एलेन की अधूरी बात को जैक ने पूरा कर लिया।

अब सभी को एक साफ तस्वीर दिख रही थी कि क्या हुआ होगा? सभी जल्दी से एक ही टेबल के पास इकट्ठे हो गए और उनके हाथ में कुछ कागज-कलम थे

“पहली घटना 5 साल पहले डॉ. रुसेव के साथ घटी थी! मैनहट्टन में” जैक ने सामने एक कागज रख कर उस पर ये बात लिख कर एक गोला बना दिया

“दूसरी घटना भी मैनहट्टन में, बैंक की लूटपाट वो भी सब के सामने!” एलेन ने जैक से पेन लेकर पहली घटना से जोड़ते हुए एक लाइन बना कर लिखा और गोला बनाया

“तीसरी घटना पोलैंड के सूच्य रोग में! जो तुकनाजनो से लगभग 50 km. की दूरी पर है। एक बड़े से गढ़े का रातोंरात रात एक समतल जमीन का जंगल बन जाना” इस बार रोबर्ट भी बहुत ध्यान दे रहा था, उसने भी लिखा

“ और आख़िरी... चोंगयुन, चीन में ऐसी जेल तोड़ कर भाग गया जो कि लगभग नामुमकिन था” मिस्टर जोस ने अपनी तरफ से लिख कर उन सब को पन्नों पर आपस में जोड़ दिया। ये वहीं बात सच हो रही थी जिसका अनुमान जैक और एलेनोरा ने पहले भी लगाया था(अध्याय-6)। सारी बात हो जाने के बाद सब वापस अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठ गए और माहौल काफी गंभीर हो गया।

“अब हम क्या करेंगे मिस्टर जोस? अगर ये सब जल्दी ही नहीं रोका गया तो कुछ ही समय में ये सारी बातें जनता के सामने तो आ ही जाएंगी”। रोबर्ट ने थोड़ा परेशान होकर कहा

“हमें कोई रास्ता निकालने ही पड़ेगा, वो भी जल्दी!” मिस्टर जोस उठ कर खड़े हो गए और कमरे में ही यहां से वहां चलने लगे

“अगर हमारी जानकारी पूरी तरह से सही है तो...... चोंगयुन अपनी जैसी शक्तियों वालों को ढूंढ सकता है और वो उन्हें जाहिर सी बात है मरना ही चाहता है..... तो इसका मतलब,,,,,,,!?”

सभी का ध्यान अब पूरी तरह से जैक की तरफ था, वो सुनने को बेताब थे कि उसने क्या निष्कर्ष निकाला है। खास कर मिस्टर जोस क्योंकि वो जितना विश्वास एलेन की सूझबूझ पर करते थे उतना ही विश्वास उन्हें जैक की अक्ल पर भी था

“........ चोंगयुन...... वो शक्तियों को ढूंढता हुआ यहां जरूर आयेगा”

।।।।।।।।।।।।

आज के लिए मिस्टर जोस ने सभी को आराम करने के लिए कह दिया क्योंकि कल का पूरा दिन और रात उनके लिए बहुत सारा काम आने वाला था। इथन, जुलिया और रोबर्ट आज न्यूयॉर्क में हर जगह जाकर अपनी इन्वेस्टिगेशन जारी रखने के लिए निकल चुके थे जिसके एक कारण जुलिया का सारा न्यूयॉर्क भी देखना था। मिस्टर जोस ने बताया था कि जुलिया अगर नक्श औऱ उसमें दी हुई जगह को एक बार देख ले तो उसे वो नक्शा पूरी तरह से याद हो जाता है, हालांकि इस काम में उसे 3-4दिन लग जाते है अगर वो जगह न्यूयॉर्क जितनी ही बड़ी हो तो! जैक सभी के लिए इन पावर्स से रिलेटेड जानकारी निकलने में व्यस्त था। उसने कहा कि वो पूरा का पूरा इंटरनेट ही छान मारेगा चाहे उसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े। तो जैक तो उसी सीक्रेट रूम में काम कर रहा था और उसने मिस्टर जोस से कह कर काफी सारे A4 साइज पेपर मंगवा लिए थे...... प्रिंटिंग के लिए।

मिस्टर जोस ने एलेन से सिर्फ इतना कहा कि ‘आज आराम करो क्योंकि कल तुम्हारा ही दिन है’। एलेन ने मना नहीं किया क्योंकि अभी हुए इस हादसे से वो थोड़ा सा परेशान थी और उसके मन में काफी कुछ चल रहा था। उसे इस बात का डर था कि कहीं ये शक्तियां हर जगह उत्पाद ना मचा दें वरना अभी तक तो इनके बारे में कोई खास जानकारी हाथ नहीं लगी थी तो फिर उन्हें रोकने का तो ख्याल भी छोड़ दो। वो पिछले 8 सालों से CIA के लिए काम कर रही थी, जब वो 18 साल की थी तब पहली बार उसने रूस में एक सीक्रेट CIA एजेंट की तरह काम किया था वो भी इसलिये क्योंकि उसी साल एक आतंकवादी के गुट ने पीक्सकिल में हमला किया था जिसमें उन्होंने वहां का बैंक तबाह कर दिया था और साथ ही उस बैंक के हर शख्श को भी जो वहां मौजूद था..........और उनमें से एक एलेनोरा कि माँ भी थीं। उसके बाद से कुछ और समय काम करने के बाद उसकी मुलाकात उस लड़के से हुई जिससे आज एलेनोरा प्यार करती है............मां की मौत के बाद एलेनोरा बहुत कड़वे मिजाज की हो गयी थी, कुछ पागल सी पर ‘उस’ लड़के से मिलने के बाद काफी कुछ बदल गया और फिर सब कुछ अच्छा ही चल रहा था कि वो दोनों अलग-अलग जगहों से होने के कारण दूर से हो

गए...............और आज भी वो उससे मिलने के लिए बेताब है पर एक बार फिर इस नॉकरी के चक्कर में दोनों मिल नहीं पा रहे।

एलेनोरा अपने कमरे की तरफ जा रही थी, क्योंकि आज उसे कोई काम नहीं था वो कारलोस से मिलने की सोच रही थी। अपने कमरे में जाने से पहले उसने कारलोस का कमरा खटखटाया................. अपने खयालों में खोय हुए उसने ये नहीं देखा कि कमरे के दरवाजे के बगल में लगे हुए इलेक्ट्रॉनिक सिम्युलेटर पर लॉक्ड लिखा हुआ था।

“ओफ्फोssssssssss! अब ये कारलोस कहाँ चला गया?” दरवाजे के पास ही खड़े होकर उसने कारलोस को कॉल किया, कुछ देर तक रिंग करने के बाद कारलोस ने कॉल उठा लिया

“(ओह, एलेनोरा! कैसी हो?)” कारलोस ने ऐसे कहा जैसे कुछ असमंजस में हो

“(वो सब छोड़ो, तुम अभी कहाँ पर हो?)” एलेनोरा ने जल्दी से पूछा

“(वो.....आज मेरे दोस्त आ गए थे इसलिये में उनके साथ न्यूयॉर्क से जरा बाहर आया हूँ।)”

“(ओक.....वैसे में आज खाली थी तो मैंने सोचा कि क्यों ना तुम्हारे साथ आज शाम को घूम लिया जाए)” एलेनोरा ने इस बार बड़े ही आराम से कहा

“(सॉरी यार, में तो आज पूरे दिन नहीं यहीं अपने दोस्तों के साथ रहूँगा इसलिए आज तो....!)” कारलोस की आवाज में थोड़ा सा अफसोस झलक रहा था

“( ठीक है, जब आ जाओ तो मुझे बता देना।............ हैव का नाइस डे (Have a nice day)”

“( यू टू)” इतना कह कर कारलोस ने फ़ोन रख दिया।

अब एलेनोरा के पास औऱ कोई चारा ही नहीं था। वो सीधी अपने कमरे में गयी और बाई तरफ लगी स्टडी टेबल पर जाकर बैठ गयी। अब दोपहर के बारह बज चुके थे एलेनोरा ने अब तक तो सारी की सारी इंटरनेट पर उपलब्ध न्यूज़ पढ़ मारी थी जो कि इस तरह के अजीब हादसों से रिलेटेड थीं। न्यूज़ में फिलहाल इस बात को लेकर कोई भी बहुत ज्यादा परेशान नहीं था ना ही इस तरह की अजीब न्यूज़ पर ज्यादा लोगो का ध्यान था। एलेनोरा सोच ही रही थी कि अच्छा हुआ जो CIA ने अपनी ‘पहुँच’ का इस्तेमाल करते हुए मीडिया को सच से दूर रखा हुआ है पर अब हमें जल्दी से इस सब का एक तोड़ सोचना पड़ेगा वरना कोई भी नहीं जानता कि आगे ये शक्तियां को से उत्पाद मचाने वाली है।

अपनी कुर्सी से उठते हुए एलेनोरा को अपने बॉयफ्रेंड का ख्याल आया, उसने अपना स्मार्टफोन निकाला और उसे कॉल करने ही वाली थी कि................”ट्रिंग-ट्रिंग...” सामने से उसी का कॉल आ गया

“हैलो डार्लिंग। मैं अभी तुम्हें ही कॉल करने वाली थी” एलेनोरा ने चेहरे पर बड़ी सी स्माइल के साथ कहा

“ओहssssssss आज काम की छुट्टी थी क्या?” उस लड़के ने थोड़ा मजे लेते हुए पूछा

“हाँ, ऐसा ही समझ लो। वैसे भी न्यूयॉर्क में काम करने की अभी मुझे आदत नहीं है ना इसलिए मेरे बॉस ने आज की छुट्टी दे दी है”

“मैं भी काम से आज जल्दी ही छूट गया और क्योंकि मैं घर में अकेला था तो मैंने सोचा कि तुम्हें फ़ोन कर लेता हूं। वैसे कैसा लग रहा है वहां? कोई दोस्त बन की नहीं.......” आखिरी के शब्द कहते हुए उस लड़के की आवाज में कुछ हंसी भी शामिल थी

“हाँ यार, बना ना!” एलेनोरा ने थोड़े गंभीर स्वर में कहा “ उसका नाम कारलोस है, बहुत ही अच्छा लड़का है और एक और बात..........’तुमसे कहीं ज्यादा हैंडसम भी है” अपने बॉयफ्रेंड को जलाने के लिए उसने ये कहा

“हाँ जी, अब तो आपके लिए सभी हैंडसम ही होंगे, पर मैडम ये ना भूलना की हमारे आसपास भी बहुत परियां घूमती है”

एक दूसरे को आपस में इस तरह छेड़ना दोनों को बेहद पसंद था, वे आपस में खिलखिला कर हंस पड़े।

“पर सच कहूँ तो आज तक तुम जैसी लड़की कहीं नहीं मिली जो मुझे समझ सके। और इतना प्यार भी मुझे कभी महसूस नहीं हुआ............ये दूरियां भी कभी कभी मुझे अच्छी लगती है”

“व्हाईssssssssss” एलेनोरा ने लंबा सुर लगा दिया

“वो इसलिये क्योंकि जितना समय मैं तुमसे दूर हूँ, ये कमबख्त इश्क है कि बढ़ता जा रहा है”

“यार इतनी हिंदी तो मुझे समझ नहीं आती, यूज़ सम इंग्लिश एव्री नाउ एंड देन )”

“ओके मिस एलेनोरा!” उसने बहुत ही प्यार के साथ कहा

“चलो अब जब तुम इतनी फ्री ही हो तो क्यों न अपनी पूरी जर्नी मुझे बताओ, न्यूयॉर्क की!”

“व्हाई नॉट? ” एलेनोरा ने मुस्कुराते हुए कहा

बातों में वो दोनों इतना मगन हो गए कि उन्हें समय का पता ही नहीं चला। 12 बजे की कॉल शुरू हुई थी तो दोपहर के 3 बजे तक चली, अपना खाना-पीना छोड़ कर एलेनोरा फ़ोन पर लगी हुई थी और उसका तो जैसे बोलें रुक ही नहीं रहा था। उसने सब कुछ बताया कि कैसे वो यहां आयी, न्यूयॉर्क में कहां- कहाँ घूमा और ये भी की कारलोस के साथ उस रात शराब के नशे में किस तरह एक पूरी फूड स्टाल खाली कर दी थीं। आखिरकार वो लड़का खुद ही बोला

“बस यार बस! कितना बोलती हो, इतना कभी हमें याद कर लेतीं तो आज हम दोनों साथ में होते” मजाकिया स्वर में उसने कहा

“तो ठीक है, अब से में तुम्हें इतना याद करूंगी की तुम्हारी हिचकियां बंध जायेंगी” एलेनोरा ने हंसते हुए कह अच्छा ठीक है अब रखती हूं, काफी लाते हो रहा होगा तुमको”

“वेल...... गुड नाईट एलेन ” इतना कह कर लड़के ने कॉल रख दी। उसके बाद जो एलेन ने मोटेल के किचन से खाना मंगवाना शुरू किया तो फिर वो ना रुकी उल्टा मोटेल वालों ने ही उससे कहा दिया “बस करो मैडम! अब तो सिर्फ पानी ही बचा है, कहीं वो भी मत पी जाना वरना यहाँ तो अकाल ही पड़ जाएगा”!

अगली सुबह जब सभी लोग अपने इन्वेस्टिगेशन रूम में पहुंचे तो दरवाजा खोलते ही उनके कदमों में उड़ते हुए पेज आन पड़े। पूरे कमरे में पेज ही पेज बिखरे पड़े थे, सभी ने यहां-वहां देखा; जमीन पर पेज, टेबल पर पेज......हवा में उड़ते पेज तो दीवार पर चिपके पेज! जहां तक नजर जाती वहां तक सिर्फ प्रिंटर से उड़े हुए पेज ही दिख रहे थे और आखिर में कंप्यूटर के पास पेजों का एक बड़ा सा ढेर पड़ा हुआ था।

“ये क्या हाल बना रखा है कमरे का? और ये जैक कहाँ चला गया?” जुलिया ने आश्चर्य से मोह फाड़ते हुए कहा और सभी उन पेजों को उठाने लगे

“ये बात तो मिस्टर जोस ही बता पाएंगे। जब वो आये तो पूछ लेना” इथन ने चेहरे के कोने से मुस्कुराते हुए कहा

सारे के सारे पेज़ इकट्ठा करने के बाद उन्हें ‘पपरवेट’ से दबा कर टेबलों पर रख दिया, यही कुछ हजार पेज होंगे अब बस वो आखिरी का ढेर रह गया था। इस बार भी जुलिया सबसे आगे जाकर वो पेपर समेटने लगी तभी वो सारे पेपर उछल कर पूरे कमरे में फैल गए। जुलिया की चीख निकल गयी सभी का ध्यान उसी ओर चला गया पर इससे पहले की कोई वहां जुलिया के पास जाता वाहन पर उस ढेर में से एक शख्श निकला! जिसे देख कर जुलिया दीवार से चिपक चुकी थी, उस की आंखे लाल और चेहरा बिना किसी हाव-भाव का लटका हुआ था

“मुझे वो कहानी मिल गयी!” अचानक ही उसका वो लटका हुआ चेहरा खिल उठा, वो जैक ही था जिसकी नींद न पूरी होने के कारण आंखे लाल हो गईं थी और चेहरा बेढंगा! वो काल के ही कपड़े पहन हुआ था और उसके सर पर एक पिज्जा का टुकड़ा चिपका हुआ था

“ये क्या हालत बना रखी है तुमने। और तुम काल से ही यहां हो?” एलेनोरा ने उसके सर से पिज्जा का टुकड़ा उठा कर कचरे के डिब्बे में फेंक दिया

सभी उसके पास इकट्ठे हो चुके थे और उसके हाथ में थामे एक कागज के बंडल को देख रहे थे जो कि स्टेपलर से अटैच्ड थे

“मुझे इन शक्तियों का राज पता चल गया, मुझे........प....ता......!” बोलते बोलते जैक बेहोश हो गया और सभी उसे तुरंत बाहर लेकर मेडिकल वार्ड की तरफ दौड़े...............



आखिर जैक को किस तरह का सबूत मिला था? क्या उसने शक्तियों का असली केंद्र पता लगा लिया? अब आगे एलेनोरा की टीम क्या करेगी? पोलैंड से निकले वो दो बच्चे इस वक्त कहाँ होंगे और उन पर हमला करने वाला क्या चोंगयुन ही था?

जानने के लिए जुड़े रहिये मुझसे क्योंकि अगला भाग बहुत ही रहस्मयी होने वाला है। तब तक के किये अलविदा।
 
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The 13th अध्याय 8



व्हइट पैराडाइस मोटेल’ का सिर्फ नाम ही बड़ा नहीं था, उसका नाम इसलिए बड़ा था क्योंकि वो हर तरह की सुविधा अपने कस्टमर्स को देता था। कुल मिलाकर इस बिल्डिंग में 20 फ्लोर्स है और हर फ्लोर पर एक मेडिकल रूम और एक डाइनिंग रूम अवेलेबल(Available) है। और इस वक्त 20वे फ्लोर के मेडिकल रूम में CIA की वो टीम जमा थी जो कि इस ‘सुपरनैचुरल’ केस पर अपनी इन्वेस्टीगेशन कर रही थी। जहां लिफ्ट खुलती थी वहीं पर सामने की तरफ मेडिकल रूम था, जैक को अभी कुछ देर पहले ही यहां पर भर्ती किया गया था। एलेनोरा, रोबर्ट,जुलिया और इथन वहां पर जैक के बिस्तर से थोड़ी ही दूरी पर बैठे हुए थे। सामने एक पुरुष डॉक्टर जैक का चेक-उप कर रहा था

“मुझे लगता है इस ‘पिज्ज़ा’ ने रात को ज्यादा ही पिज्जा खा लिए थे इसलिए ये गैस के कारण बेहोश हो गया था” रोबर्ट ने सभी के लिए फुसफुसाते हुए कहा

जिस पर सभी ने उसको ऐसी आंखे दिखाई की वो अपने मुंह पर एक ऊगली रकह कर चुप-चाप बैठा बैठ गया। वो मेडिकल रूम काफी बड़ा था वहां पर सिर्फ 10 ही बेड(bed) थे जो कि एक ही लाइन में लगे हुए थे और फिलहाल खाली थे। कुछ नर्सेस और 2 डॉक्टर ही थे जिनमें से एक जैक का इलाज कर राह था तो दूसरी मैडम एक लैपटॉप को खोले हुए अपने हाथ तेजी से चल रही थी, पूरा कमर एकदम साफ सुथरा था सबसे कहिर की दीवार पर लगे

मोनीटर्स(Moniters) सभी को साफ दिख रहे थे और साथ ही वो 360 डिग्री के एंगल वाला कैमरा भी जो कमरे का पूरा फुटेज दिख रहा था। दाई तरफ दीवार के पास 3 पानी के फिल्टर लगे हुए थे और कोने की तरफ जाती है हल्के नीली रंग की लंबी अलमारियां जिनमें मेडिकल का सारा सामान रखा हुआ था

“जैक को क्या हुआ है डॉक्टर?” डॉक्टर के पास आते ही एलेनोरा ने सवाल किया

“कुछ खास नहीं सिर्फ थकान है” डॉक्टर की बात सुनकर सभी ने चैन की सांस ली “ लगता है कगल पूरी रात जग कर स्मार्टफोन या लैपटॉप पर काम कर रहा था, उसे बस कुछ आराम की जरूरत है। अभ्जी तो आप लोग उससे मिल लीजिये पर में उसे 4-5 घंटे बाद ही रिलीस(release) करूंगा” कहते हुए डॉक्टर कमरा छोड़ कर चला गया।

डॉक्टर के जाते ही सभी जैक के पास पहुंच गए; वो बिस्तर पर लेटे हुए ही सभी को देख रहा था जैसे उन्ही का इंतजार कर रहा हो

“अब कैसा लग रहा है जैक?” जुलिया ने उसका हाथ पकड़ कर पूछा

“बस थोड़ा सा थका हुआ हूँ” जैक ने नींद भरी आवाज में कहा

“इतना काम करने की क्या जरूरत थी? मिस्टर जोस ने तुमसे सिर्फ जानकारी निकलने को कहा था, इतिहास नहीं !”

एलेनोरा ने कुछ गुस्से भरी आवाज में कहा पर उसकी आँखों में जैक के लिए चिंता ही दिख रही थी

“ख़ैर उससे अब कोई फर्क नहीं पड़ता ! मैंने उन शक्तियों के बारे में जानकारी ढूंढ ली है, एक बार सब उसे पढ़ लो तो केस किसी मंजिल तक पहुंच ही जायेगा......जल्........दी करना” जैक ने उबासी लेकर अपनी आंखें मिचमिचाई

“पर तुम्हे ये कैसे पता कि वो ही असल जानकारी है? और कहीं तुम गल....... !” एलेनोरा के शब्द पूरे होने से पहले ही जैक सो चुका था। अब वो सवाल सिर्फ खाली रह गया था....

“चलो जल्दी से चल कर उस पन्नो के बंडल को देखते है !” सभी के कदम अचानक से तेज हो गए और वे सभी अपने इन्वेस्टिगेशन रूम में जा घुसे, जहां पर पहले से ही मिस्टर जोस खड़े हुए थे और उस पन्नों के बंडल को पढ रहे थे। उनका चेहरा बहुत ही उलझन और आश्चर्य का मेल था और वेब जल्दी-जल्दी पन्ने पलटते जा रहे थे, उनका ध्यान इस ओर बिल्कुल भी नहीं गया कि एलेनोरा और उसके साथी कमरे में आ चुके थे

“क्या हुआ सर आपके चेहरे पर बारह क्यों बजे हुए है?... ऐसा भी क्या लिखा हुआ है उस,,,,में” एलेनोरा जैसे ही उनके पास गई उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया उल्टा वो पन्नों का बंडल एलेनोरा के हाथ में थमा दिया.....बिना देखे।

एलेनोरा ने वो बंडल लेकर सामने की तरफ उस टेबल पर बैठ गयी जहां पर अक्सर मिस्टर जोस खड़े होकर अपनी बात कहा करते थे। बीच में एलेनोरा ! और......... अगल-बगल बाकी सभी भी घेरा से लगा कर बैठ गए। अब सब की नज़र सिर्फ उस बंडल पर थी जिसके पहले ही पेज पर लिखा हुआ था

“चाडर आदिवासी और लोककथा”

चाडर आदिवासी विश्व के सबसे प्राचीन आदिवासी समुदाय है। इनका निवास अफ्रीका के चाड राज्य के एक बड़े से गांव ‘गालो’ में है। अपनी परंपराओं से जुड़े हुए ये बहुत ही सरल स्वभाव के लोग है, इनसे जुड़ी चीजें कभी आपको म्यूसियम में नहीं मिलेंगीं क्योंकि इनका पूरा गांव ही एक म्यूसियम है। यहां पर रहने वाला हर कोई अपनी परंपराओं का पालन बिना किसी के कहे करता है इससे ये बात पता चलती है कि इनकी परंपराओं में किसी को बाध्य करने जैसी कोई बात नहीं है। समय बदला, जमाना बदला तो ये भी बदले पर बाहर से। इंटरनेट, मीडिया, डिजिटल मार्किट ! यहाँ पर भी काफी कुछ है पर जब बात इनकी परंपरओं और अस्मिता का हो तो वो भी हर किसी की नजर में दिख जाती है। इन्हीं के बीच काफी सारी लोककथाएं प्रचलित है पर एक ऐसी कहानी भी है जो न सिर्फ सबसे पसंदीदा है बल्कि उस कथा के नायक की ये लोग पूजा भी करते है। और उस कथा के नायक का नाम है “इजांतक

प्राचीन काल में जब ईश्वर और राक्षस पृथ्वी पर थे ये तब की कहानी है। ‘इजांतक’ नाम का एक राक्षस था, जो अक्सर छुपा हुआ रहता था खासकर तब जब देवताओं और राक्षसों में युद्ध हुआ करते थे। एक बार देवताओ को उसके बारे में पता चल गया और वे उसे मारने के लिए उसके जंगल में गए जबकि उसने किसी का कुछ भी नहीं बिगाड़ा था। उन्होंने जंगल को आग लगा दी ताकि वो बाहर आ जाये। अपने घर जलता देख उसे इतनी परेशानी नहीं हुई दुख तो तब हुआ जब उसकी शरण में रह रहे जानवारों की भी उस आग से झुलस कर मौत हो गयी। बिना किसी हाहाकार के ‘इजाँतक’ बाहर आया जिस पर उन 12 देवताओं ने हमला कर दिया !

‘इजांतक के बारे ,में देवता जानते थे कि वो सबसे कमजोर राक्षस है जो हमेशा छुप कर रहा करता था और किसी भी तरह की आक्रामक गतिविधियों में कभी भाग नहीं लेता था और वो किसी कारणवश जादुई शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकता था ...................पर ये बातें तो देवता जानते थे !

वो ये नहीं जानते थे कि इजांतक का शारीरिक बल सबसे ज्यादा था और साथ भी ये बात भी सभी से छुपी हुई थी कि उसके पास एक ऐसी ख़ास कौशल(Skill) शक्ति थी जिससे वो कुछ ऐसा कर सकता था जो कोई और नहीं कर सकता।

जैसे ही उन 12 देवताओं ने उस पर हमला किया; उसकी शक्ति से अंजान वो सभी मारे गए और उन देवताओं की शक्तियां अब इजांतक कि हो गयी। इतना सब होने के बाद भी वो युद्ध में भागीदारी दिखाने नहीं गया और उसकी शक्तियों का प्रदर्शन देख चुके देवता और राक्षस अब उसके करीब नहीं आते थे। कई साल इस तरह आराम से गुजरने के बाद एक समय ऐसा आया जब देवताओं और राक्षसों को पृथ्वी छोड़नी पड़ी और वे सब अंतरिक्ष में विलीन हो गए। अंतरिक्ष में मिलने से पहले इजांतक ने अपनी शक्तियों का वारिस ढूंढने के लिए एक विधा लिखी ताकि भले ही उसका शरीर नष्ट हो जाये उसकी शक्तियां हमेशा जिंदा रहें।

कहा जाता है कि इजांतक को जानने वाले इंसानों का वो गांव ‘गालो’ था और उसके रहवासी चाडर कहलाते थे। ये सब उसके विश्वाशपात्र थे और इन सभी ने उसकी बनाई हुई विधा को संभाल कर रखा था। आज भी उस काल की कुछ बहुत ही प्राचीन वस्तुएं इसी गांव में है और सालों से यहीं सुरक्षित हैं। सरकारें भी इनसे छेड़खानी नहीं करती क्योंकि वो धरोवरें चाड में ही सुरक्षित है............और वो विधा भी।

“क्या ये सब सच है? मतलब भला इन बातों पर को यकीन करेगा” रोबर्ट ने एलेनोरा के वो बंडल बंद करते ही पूछा

“फिलहाल हमें इस सब में शक्तियों का कोई क्लू(Clue) नहीं मिला है !” एलेनोरा ने कहा तो फिर जैक ने ये कैसे कह दिया कि ये कहानी हमारे केस से जुड़ी हुई है” जुलिया ने जैसे एलेनोरा के मन की बात कह दी

तभी एलेनोरा के हाथ से वो बंडल जमीन पर गिर गया, उसने जल्दी से सारे बंडल को उठाया। उठाते ही उस बंडल में से एक पेज निकल कर गिर पड़ा, एलेनोर ने उसे भी उठा कर वापस बंडल में रकह दिया............ पर तभी अचानक से उसने उस पेज को वापस निकाल कर देखा......... एक पेज में तेल के कारण दूसरा पेज चिपक गया था

“शायद हम ये वाला पेज नहीं पढ़ पाए है?” एलेनोरा ने पेज दिखा कर सभी को बुलाया, इस बार मिस्टर जोस भी आये क्योंकि ये पेज तो उन्हें भी नहीं दिखा था। सभी एलेनोरा को घेर के खड़े हो गए और एलेनोरा ने पढ़ना शुरू किया ताकि सभी को सुनाई दे

“चाडर बच्चों को इजांतक की शक्तियों की कहानी सी रटि हुई है, अक्सर बच्चे आपस में भी इकट्ठा होकर ये कहानी सुनाया करते थे। उसने जिन देवताओं को मारा था उनकी शक्तियां उसकी खुद की हो गयी थी; कभी वो आग को जन्म देता तो कभी जमीन उसके इशारों पर नाचती, कभी वो वन के जानवरों में बदल जाता, उन्हें काबू में करता तो कभी वो पूरा वन ही बन जाता। कभी ऐसा लगता कि वो हवा हो गया है तो कभी हवाएं उसकी आगामी करती और वो सब कुछ देखता बहुत ही आराम से जैसे उसकी आँखों के सामने का दृश्य थम से गया हो ! क्या उसकी आंखें दृश्य से हट कर भी देखती थी? वो यूं ही एक मनचला सा था कभी इधर तो कभी उधर, कई बार वो अलग-अलग कोने में खड़ा दिखता, भरी महफिल से गुजर जाता भोजन लेकर पर पता नहीं चलता किसी को उसके आने जाने का। उसका शरीर तप कर लोहा हो चुका था पर दबाव के मामले में भी उसे कोई नहीं पछाड़ सकता था, अक्सर जमीन पर हाथ रख वो सरोवर बना दिया करता था जिसका जल पीकर प्राणी प्रस्सन हुआ करते। उसने कभी भी किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि उसका शरीर ही एक हथियार था जो तलवार का वार भी करता और ढाल का बचाव भी। जब खतरा सर पर मंडराता तो वो स्वर्ग का एक खतरनाक जानवर बन जाता जिसकी शक्तियों के चर्चे हर किसी के मुँह से सुन लिए जाते पर उसे पानी बहुत पसंद था, लोगों ने अक्सर उसे अर्ध सर्प बन जल भ्रमण करते देखा और उनके यौवन के दीवाने हो गए। वो न सिर्फ समझदार था बल्कि बिना कारण कोलाहल भी न मचाता और उसका एक ही प्रेम था.............इस लोग कहते है कि उसे शांतिपूर्ण जीवन से प्रेम था”।

एलेनोरा न ने जैसे ही ये कहानी पढ़ी उसे कुछ हद तक यकीन हो गया कि शायद यहीं है जिसकी हमें तलाश है, मिस्टर जोस ने सभी को एक मेज के चारों तरफ इकट्ठा किया और बोले

“क्या लगता है....क्या यहीं है वो जो इस केस से जुड़ा हुआ है?”

“काफी हद तक मुझे यहीं लगता है। और अगर जैक ने ये सब ढूंढा है तो उस से गलती की गुंजाइश नहीं है !” इथन ने अपनी बिना बाल की दाढ़ी पर हाथ फेरा

“कहानी......तो कहानी ही होती है पर ये कहाँ कुछ जानी-पहचानी सी लगी। हो सकता है इसकी छानबीन से कोई सबूत मिल जाये” रोबर्ट से इस तरह के समझदारी भरे जवाब की उम्मीद न करते हुए सभी ने उसे घूरा

“जैक ने कहा कि ये हमारे केस से जुड़ा है तो उसने कुछ गलत नहीं कहा ! ये कहानी कहीं से तो सही हो गयी है पर.........?” जुलिया ने मिस्टर जोस को देखकर कहा

एलेनोरा चुपचाप खड़ी हुई कुछ सोच रही थी, उसने बाकी किसी की बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जैसे उसे ये कहानी हजम नहीं हुई थी? वो उस चिकने पन्ने को अपने हाथ ने उंगली फिर रही थी। ये देख रोबर्ट ने उसे कंधे पर हाथ रख हिलाया............. वो अपनी सोच से बाहर आ गयी और जवाब दिया

“सच कहूँ तो ये कहानी मुझे कुछ जँची नहीं !” उसकी बात सुनकर सभी को अहसास हुआ कि की एलेनोरा इस कहानी के पीछे के सच जानने की कोशिश कर रही थी “ मान लिया की इसका कुछ हिस्सा हमारे केस से जुड़ा हुआ है पर अभी तक हम ये नहीं पता कि क्या यहीं है जिसकी हमें तलाश है?....मेरा मतलब ये नहीं कि जैक का अनुमान गलत है ! पर जब तक ये बात कंफर्म(Confirm) नहीं हो जाती की हैम सही रास्ते पर है......हम कोई भी ठोस फैसला नहीं ले सकते”

एलेनोरा की बात सही थी, जैक का कहना अलग बात है और उसका सच होना अलग बात। अब सोचना ये है कि जैक की बात को सच में कैसे बदलना है? या फिर कोई और ऐसा रास्ता है जिससे हम सही रास्ते पर जा पाएं। कोई कुछ भी कहे लेकिन असल बात तो ये थी कि एलेनोरा को ये कहानी की सच्चाई कुछ हजम नहीं हो रही थीएक काम हो सकता है !” मिस्टर जोस ने उछलते हुए कहा, उनके चेहरे से उत्साह टपक रहा था

सभी की निगाहें अब मिस्टर जोस को घूर रही थी जैसे उनके चेहरे पर कुछ लगा हो

“क्यों न हम ‘चाड’ जाने की तैयारी कर ले? भले ही इंटरनेट कुछ गलत कह दे पर असल जगह पर तो कुछ दमदार सबूत हमें मिल ही जायेंगे !........क्या कहते हो?” मिस्टर जोस ने सभी को बहुत उम्मीद के साथ देखा

सभी ने एक दूसरे की तरफ देखा, हाव-भाव बदले और........ सभी ने ‘ओके’ कहते हुए हामी भरी। इतने में तो मिस्टर जोस के चेहरे पर चौड़ी सी मुस्कान झलक गयी उन्होंने अपना फ़ोन निकाला और कोई नंबर डायल(Dial) करने लगे.......इतने में उनका फ़ोन बज पड़ा जिस पर लिखा हुआ था “जेम्स” ! मिस्टर जोस ने कॉल उठाया नहीं पर उनके चेहरे की मुस्कान गायब हो गयी, कॉल काटने के तुरंत बाद ही एक वीडियो आया।

“इथन ! वो जैक का टैब उठा कर दो, जल्दी !” पता नहीं किस हड़बड़ी में थे उनके कुछ हाथ से कांप रहे थे जिसे देख कर एलेनोरा ने अनुमान लगा लिया कि कोई गड़बड़ वाली बात है। इथन ने जल्दी से कंप्यूटर सेट-उप के पास रखा टैब उठा कर मिस्टर जोस को थमा दिया, मिस्टर जोस ने OTG केबल से अपने फोन को टैब से कनेक्ट कर वो वीडियो चला टैब वहीं पास की टेबल पर खड़ा कर के रख दिया। वीडियो चालू हुआ जिसमें किसी पथरीली सी गुफा की झलक थी और सामने एक आदमी मुँह पर एक काला मास्क लगा कर बैठ हुआ था जिसमे से सिर्फ उसकी आंखें और होंठ ही दिख रहे थे......कुछ सेकण्ड्स बाद वो बोला

“पिछले 3 हफ़्तों से जब में यहां पर रह रहा था तब तक मुझे यहां पर कोई भी गड़बड़ नहीं लग रही थी, अचानक ही काल रात बहुत शोर मच गया !.............पता नहीं क्या हुआ पर गांव के मुखिया ने उनकी सरहद पर सुरक्षा बढ़ा दी.........रात भर में अपने कमरे में ही कैद रहा। सुबह वो सब मुखिया के साथ आये और मेरी तलाशी ली, जब मैंने पूछा कि हुआ क्या है तो उन्होंने बताया कि उनका कुछ जरूरी सामान चोरी हो गया है।“ उस आदमी ने उठ कर कांपते हुए पास रखी बोतल से पानी पिया “फिर आज सुबह से ही यहां पर अफ्रीकी सरकार की गाड़ियाँ कुछ बड़े संगठन के लोगों से भरी हुई या गयी और तब मैंने उन्हें चुपके से कहते हुए सुना ‘इजांतक की विधा वाली पुस्तक, उसके मंदिर से चोरी हो गयी है !’.........”

जेम्स की बात सुनकर सभी का दिमाग सुन्न पड़ गया, किसी को भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये हो क्या रहा है? अभी कुछ देर पहले ही सभी को पता चला था कि चाड ही वो जगह है जहां पर जाकर इस रहस्य से पर्दा उठेगा पर मिस्टर जोस ने पहले से ही अपना एक आदमी वहां पर तैनात कर रखा था

“ये सब क्या है मिस्टर जोस? क्या आपको पहले से पता था की चाड हमारे केस से जुड़ा हुआ है?” एलेनोरा की आवाज़ में थोड़ा गुस्सा पनपना शुरू हो चुका था

मिस्टर जोस ने शायद उसकी बात सुनी नहीं, वो खुद ही किसी कश-म-कश में डूबे हुए लग रहे थे, फिर जेम्स का वीडियो बोलाआपने जिस मर्डर केस के लिए मुझे भेजा था शायद वो इस किताब के चोरी होने से जुड़ हुआ है ! इतने दिन जो में रहा यहां पर इतना तो जान गया कि ‘इजांतक से जुड़ी हुई हर चीज यहां पर बहुमूल्य है’ और इतना ही नहीं ये लोग अब भी इस मानते है कि वक्त आने पर इजांतक की विधा लोगों की आंखे खोल देगी....पर अब भी मुझे इनकी बातें सिर्फ एक कहानी ही लग रहीं है........भला इस भी कहीं होता है क्या? ख़ैर सुबह आये सभी सरकारी और बड़े लोग जा चुके हैं और समझ में ये बात नहीं आएगी क्योंकि सभी ने इस बात को छुपाये रखने की कसम खा रखी है ! अब तो हाल ये है कि न कोई यहां आ सकता है और न ही बाहर जा सकता है पर में समय पर जानकारी भेजने की कोशिश करता रहूंगा....”

वीडियो खत्म होते ही सभी को एलेनोरा के सवाल का जवाब भी मिल गया, मिस्टर जोस ने जेम्स को चाड इसलिए भेज था क्योंकि वहां पर किसी तरह का मर्डर केस था जैसा कि अभी-अभी जेम्स ने बताया

“आई एम सौरी सर् ! (I am Sorry, Sir), सब कुछ इतना कंफ्यूसिंग है कि मैं खुद पर काबू नही रकह पाई” एलेनोरा की आवाज में माफी का स्वभाव था

“कोई बात नहीं एलेन, तुम्हारी जगह में भी होता तो ये सवाल जरूर पूछता” मिस्टर जोस ने सामने की तरफ लगी कुर्सी पर बैठते हुए कहा

अब सभी ने अपनी-अपनी कुर्सियां पकड़ ली, वो सभी अब इस मामले को लेकर चर्चा करने वाले थे कि आखिर ये क्या हो रहा है? पहले जैक का ये बताना की छड़ की कहानी हमारे केस से जुड़ी हुई है? फिर चाड से उस पुस्तक का गायब होने जो न सिर्फ चाड वालों के लिए जरुरी है बल्कि CIA के भी बहुत काम की है। ऊपर से अभी चाड में आना जाना बंद है, ऐसे में जानकारी इकट्ठा करने का अब कोई रास्ता ही नहीं बचा है जब तक कि चाड में सब कुछ शांत नहीं हो जाता।

“अब ये केस पहले से ज्यादा सीरीयस(serious) हो चुका है, हमे जल्दी से अपना फैसला लेना होगा” मिस्टर जोस ने अपने हाथ मलते हुए कहा

“तो अब हम क्या करें? अगर कुछ नहीं किया तो ये केस इतना पेचीदा हो जाएगा कि हम फिर इसे संभाल नहीं पाएंगे” जुलिया ने अपनी बात रखी

सभी फिलहाल शांत थे, कोई रास्ता से समझ नहीं आ रहा था। तभी एलेनोरा उठी और सबके सामने खड़ी हो गयी

“वक्त है जाल बिछाने का !” एलेनोरा की बात सुनकर सभी चकित रह गए, कैसा जाल? “ हम नहीं जानते कि ये कहानी असली है या नहीं पर एक बात जानते है। वो चोर इसी शहर में है, एक बार उसे पकड़ ले तो कुछ तो पता चल ही जायेगा !”

एलेनोरा की बात सभी समझ गए, ये वक्त परेशान होने का नहीं बल्कि कदम उठाने का है। जिनके पास शक्तियां है वो तो अपना काम कर रहे है पर अब बारी है CIA के काम की जो कि होने वाला है एक बहुत बड़ा जाल ! जिसमे वो उसे फंसना चाहते है जो अपने खिलाफ न कोई सबूत छोड़ता है ना कोई गवाह बस रह जाते है तो उसके आराम से बैंक से निकल जाने के सबूत पर ठिकाने के नहीं !

अगले भाग में देखिए “CIA का जाल !” जहां पर पहली बार CIA की टीम भिड़ेगी, उस चोर से जो इंसानियत के परे है।
 
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