The 13th अध्याय-5
पूरी की पूरी CIA की टीम अपनी कुर्सियों पर बैठी हुई कुछ दस्तावेजों को बार-बार पढ़ रही थी, खासकर एलेनोरा। कुछ ही देर पहले मिस्टर जोस ने सभी को कुछ वीडियो फुटेज दिखाई थी, पहली वो जिसमें चीन को सबसे खतरनाक क्रिमिनल चोंगयुन शोई जेल की मोटी-मोटी दीवारों को तोड़ते हुए किस तरह बाहर निकल कर भाग गया था;
किसी के लिए भी इस बात पर यकीन करना मुश्किल था कि जिस दिन उसे फांसी होने वाली थी उसके ठीक एक दिन पहले रात में वह अपने सेल में सिकुड़ कर बैठ हुआ था, आधी रात को पता नहीं क्या हुआ वो जमीन पर लौटने लगा। देख कर इस लग रहा था जैसे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और अगले ही पल वो घुटनों के बल अपने आप को बिठा कर अपना सर जमीन से टिका लिया, उसके हाथ उसके सर के सीध में थे। धीरे से उसके शरीर का रंग नीला-काला पड़ने लगा, कोई चीज़ उसके शरीर में रेंग रही थी और उसका शरीर बड़ा होते जा रहा था और उसकी त्वचा मगरमच्छ की तरह सख्त हो रही थी जिस पर कुछ शल्क जैसी नुकीली रचनाएँ उभर रही थी। उसके शरीर मगरमच्छ सी सख्त पूंछ निकलते ही वो उठ कर खड़ा हो गए जिसके बाद उसका पूरा रूप सब के सामने था......................
लगभग 8फीट का ऊंचा पूरा शरीर ,एक सख्त खाल की चढ़ावत के साथ दो बड़े से लंबे हाथ जो किसी मांसाहारी जानवर के मालूम पड़ते थे, नुकीले नाखूनों वाली उंगलियाँ, अजीब से तीन उंगलियों वाले पैर जो उंगलियां कम किसी तरह के मुद्दे हुए नाखून लग रहे थे और दरिंदगी भरा चेहरा जो एक बड़े से इंसानी खोपड़ी समान था जिसके जबड़ों के किनारों से दो लंबे से मुद्दे हुए दांत निकले हुए थे किसी चींटी के डंक की तरह और सर से लेकर गर्दन से थोड़े नीचे तक सफेद नुकीले बाल! उसने तीन फुट मोटे स्टील के दरवाजे को एक मुक्के में थोड़ा कर बाहर फेंक दिया और दीवारों को तोड़ता हुआ नदी में कूद गया............ पुलिस इस वाकये से इतना घबरा गई कि उन्होंने उस जानवर की तलाश करने की भी कोशिश नहीं की, खुद को उन्होंने खुशकिस्मत माना कि किसी की जान नहीं गयी।
“जेल में मौजूद सभी अधिकारियों ने एक बहुत ही अच्छा फैसला किया कि उन्होंने ये बात कहीं बाहर नहीं जाने दी और मीडिया को भी यहीं बताया कि किसी ने चोंगयुन को बाहर से भागने में मदद की और वो क्रिमिनल किसी तरह जेनिटर के रूप में अंदर घुस आया और सारी दीवारों पर बम लगा कर उन्हें उड़ा दिया”। मिस्टर जोस ने सभी को कहा
“वो सब तो ठीक है पर जब इतनी बड़ी बात थी तो आपने सभी को क्यों नहीं बुलाया, हम तो यहां पर 10 ही लोग है, बाकी के 6 कहाँ पर हैं?” एलेनोरा ने सभी को देखते हुए पूछा
“जैसा कि मैंने कहा ये एक वर्ल्ड लेवल कैलामिटी है, बाकी के ऑफिसर्स कुछ अलग अलग देशों में गए है जहां पर ऐसी ही अजीबोगरीब घटनायें हो रही है जिनकी जानकारी आपके मेज पर पड़े दस्तावेजों में दर्ज है पर फिर भी में। अआप सभी को उसका एक क्विक ग्लांस(Quick Glance) दे ही देता हूँ।"
मिस्टर जोस ने दीवार पर लगी उस TV पर अपनी उंगलियां चलाईं और 4-5 अलग-अलग फाइलें एक साथ खुल गई
“5 साल पहले मैनहट्टन में रहने वाले डॉ रुसेव की किसी ने हत्या कर दी थी। उनके शरीर के टुकड़े करके उन्हें मारा गया था बाद में घर को आग लगा दी गयी थी और तभी से हमारी नज़र उस हत्यारे को ढूंढ रही थी जिसने ये कत्ल किया था? क्योंकि इस तरह से शरीर के टुकड़े करने में काफी ताकत की आवश्यकता पड़ती पर डॉ रुसेव के रक्त में या शरीर में हमें किसी भी तरह के हथियार का अंश नहीं मिला और ये केस बैंड करना पड़ा!” मिस्टर जोस ने एक दूसरी फैल दिखाई
“ये भी हमारे यहां ग्रीनविले की एक घटना है जहां पर लोगों के सामने से बैंक के सारे कर्मचारियों ने एक लुटेरे को सारा पैसा थमा दिया पर जब उंसवे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो उन्हें पता ही नहीं था कि ऐसा कुछ भी हुआ है? जबकि जब उन्हें CCTV रिकॉर्डिंग दिखाई तो उन्हें भी इस पर विश्वास नहीं हुआ। हमने उन कर्मचारियों को मीडिया से बचाने के लिए पुलिस कस्टडी में ले लिया ताकि किसी तरह की परेशानी उत्पन्न न हो। पॉलैंड में अचानक ही एक बंजर जगह पर बहुत सारी चट्टानें और बड़े-बड़े पेड़ आ गए और पूरा जंगल ही बना दिया!” अब भला इस तरह कि घटनाओं को सुपरनैचुरल नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे!”काफी देर तक सारी जानकारी देने के कारण मिस्टर जोस का गला सूख गया था, उन्होंने पानी पिया और एक लंबी सांस ली।
“ तो आप ने हम सभी को इन चीजों का सामना करने के लिए बुलाया है?” एलेनोरा अपनी एक भौं ऊपर उठ कर पूछा
“हाँ और ना भी। उन चीजों से सामना करने के लिए पहले हमें पता करना होगा कि इस सब की जड़ क्या है? उसके बाद ही हम इसका सॉल्यूशन निकाल पाएंगे। तो इससे पहले की सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल(Out Of Control) हो जाये, हमें इसे संभालना होगा!”
मीटिंग खत्म होते ही सभी लोग उस कमरे से निकल के आपने-अपने कमरों में चले गए, मिस्टर जोस ने कल उन सभी को एक नई टीम से मिलने की बात कही और यह भी की वे कुछ लोगों को उन देशों में भेज कर इन्वेस्टीगेशन करवाएंगे जहां पर कुछ अजीब हुआ हो ताकि जल्दी से जल्दी हम किसी नतीज़े पर पहुँच जाएं। आज का दिन एलेनोरा के लिए सच में दिमाग खपाने वाला साबित हुआ, उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब अजीबोगरीब बातें सच है! पर CIA कभी जानकारी के मामले में गलत नहीं होती। एलेनोरा सीधे अपने कमरे में गयी और जाकर ठंडे शॉवर के नीचे खड़ी हो गयी, ये सब कुछ पचाना आसान नहीं था इसलिए वो खुद को शांत रखने की कोशिश कर रही थी। कपड़े बदल कर वो बिस्तर पर बैठ कर सोचने लगी कि आख़िर ये हो क्या रहा है? अपनी बांहें फैला कर जैसे ही वो लेटी.......................
“बज्जsssssss!” ऐंसी आवाज़ आयी जैसे उसका फ़ोन बजा हो, उसने अपना फ़ोन चेक करा तो उसमें एक मैसेज पड़ा हुआ था
(“मैं तुम्हें एक घंटे में घर पहुंच कर कॉल करता हूं।“)- डार्लिंग
एलेनोरा ने जल्दी से टाइम देखा, शाम के 4 बज रहे थे। उसने मोबाइल अपने तकिये के पास रख और इस सुपरनैचुरल समस्या को लेकर सोचने लगी, इसी बीच उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गयी.................. फ़ोन की तेज आवाज के कारण एलेनोरा की नींद खुली। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वी अभी-अभी सोयी थी, मोबाइल उठा कर देखा तो फ़ोन नंबर के ऊपर डार्लिंग लिखा हुआ आ रहा था। एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ उसने फ़ोन उठाया;
(हैलोsssssss डार्लिंग! काफी देर लगा दी फोन लगाने में?) एलेनोरा ने कामुक सी ध्वनि में कहा, उसकी आवाज काफी मधुर लग रही थी।
(आई एम रियली सॉरीsssss! कुछ दिनों से काम ज्यादा था।) फ़ोन पर किसी युवा लड़के की शांत सी आवाज थी, जिसमें माफी की ध्वनि जरूर थी।
(काम था या अपने दोस्तों के साथ मस्ती में लगे हुए थे? वैसे भी अपनी ‘लांग डिस्टेंस(long distance)’ वाली गर्लफ्रैंड को भला कौन याद रखता है।) एलेनोरा ने उसकी टांग खींची
(तुम तो जानती ही हो, अगर यही सब किया होता तो तुमसे झूठ थोड़े ही बोलता।) उसने कुछ मासूमियत से कहा जिस पर एलेनोरा हंस पड़ी
(हाँ जानती हूं, पर तुम्हें थोड़ा परेशान करने का मजा ही कुछ और है। वैसे में तुम्हे ये बताना चाहती थी कि मेरा ट्रांसफर न्यूयॉर्क में हो गया है...... और शायद कुछ समय के लिए हमे हमारा घूमने का प्लान कैंसिल करना पड़ेगा।) एलेनोरा ने कुछ निराश होकर कहा
(वैसे............, मैं भी तुम्हे यहीं बताना चाह राह था कि अचानक ही यहां कंपनी में काम बहुत बढ़ गया है जिस कारण कुछ टाइम के लिए मैं भी बिजी रहूँगा। मुझे लग रहा था कि अगर मैं तुम्हें ये बताऊंगा तो तुम अपसेट(Upset) हो जाओगी, सॉरी एलेन!) लड़के की आवज में भी निराशा थी जैसे वो काफी मुश्किल से कह रहा हो
उन दोनों के बीच कुछ पल की शांति रही जैसे उनका दिल कचोट रहा हो..............तुम ठीक तो हो ना! तम्हारी आवाज कुछ ठीक नहीं लग रही।) एलेनोरा ने पूछा
(हाँ..... हाँ, मैं ठीक हूँ, बस तुम्हारी याद आ रही थी!) लड़के ने अपनी तकलीफ नहीं छुपाई
(हाँ, मुझे भी। पर क्या करूँ यार, काम ने बांध रखा है वरना कब की तुमसे मिलने आ जाती।) एलेनोरा ने बख़ूबी अपनी तकलीफ छुपा ली
(अच्छा ठीक है, अपना ध्यान रखना। लव यू!) लड़के ने कुछ रुक कर कहा
(यु टू डार्लिंग!) एलेनोरा ने फ़ोन पर ही एक किस दी और कॉल कट हो गया।
बिस्टेर पर लेटे हुए उसके सामने उस लड़के का चेहरा घूम राह था जिसे एलेनोरा बहुत प्यार करती थी। उसने एक गहरी सांस ली और छत को देखते हुए कहा “ना जाने मैं तुमसे कब मिल पाऊंगी।“
कुछ साल पहले एक गलती के कारण उन दोनों की मुलाकात हुई थी, एलेनोरा ने उसे चोर समझ कर उस पर हमला कर दिया था। वो इतने तैश में थी कि उसने उस लड़के को लगभग} घायल ही कर दिया था, वो तो सही समय पर एलेनोरा को अपनी गलती समझ में आ गयी थी वार्ना आज वो बेचारा कहीं मुर्दाघर में पड़ा होता! उसके बाद दोनों में दोस्ती हो गयी और इसी दौरान दोनों एक दूसरे को बखूबी समझने लगे और एक दिन सही टाईम देख कर एलेनोरा ने उसे प्रपोज़(Prapose) कर दिया। तभी से ये दोनों रिलेशनशिप में है पर दोनों ही अपनी जॉब्स के कारण एक दूसरे से मिल नहीं पाते थे और आज भी दोनों का यहीं हाल है.................
रात की रोशनी में पूरा का पूरा शहर इस तरह जगमग हो रहा था जैसे कोई त्योहार हो। पैराडाइस मोटेल के इस कमरे से बाहर का नजर भी काफी सुंदर दिखता था और क्योंकि ब्रूकलिन हिल्स मुख्य शहर से काफी दूर खुली जगह में है, यहां की हवा हल्की पानी की महक लेकर बह रही थी। कुछ देर आराम करने के बाद एलेनोरा का मन हुआ कि वो जरा बाहर घूम कर आए इसलिए वो थोड़ा तयार हो गयी पर कपड़े वहीं पहने जो वो पीक्सकिल से पहन कर आई थी। बाहर निकलने के लिए जैसे ही उसने दरवाजा खोला, वो उसके सामने खड़ा था
“ ओहssssss, मिस एलेनोरा!” अचानक दरवाजा खुलने से वो थोड़ा हड़बड़ा गया, उसके चेहरे पर पसीना आ गया
“क्या बात है मिस्टर कारलोस? आप यहां क्यों खड़े हुए थे?” कारलोस की हड़बड़ाहट देख एलेनोरा मुस्कुराई
कारलोस ने खुद को संभाला, अपने नीले कोट की सफेद शर्ट पर लगी टाई को जरा ठीक किया।
“वो...मैं....इस.. शाम खाली था तो सोचा क्यों ना आपको डिनर के लिए पूछ लेता हूँ, अगर आपका कोई दूसरा प्लान न हो तो...?” कारलोस के कुछ शब्द अटक गए थे
“क्या तुम यहाँ अकेले ही हो?”
“ नहीं.... मेरे दोस्त कुछ दिनों के लिए बाहर गए है, इसलिए अभी कुछ दिनों के लिए में यहां पर अकेला ही हूँ”। कारलोस ने एलेनोरा की आंखों में देख कर कहा और एलेनोरा ने अनुमान लगा लिया कि कारलोस सच ही बोल रहा है।
“तो फिर चलते है मिस्टर कारलोस, मैं भी बाहर ही जा रही थी”।
“वैसे आप मुझे कारलोस ही बुलाया करें। ये ‘मिस्टर’ ज्यादा फॉर्मल लगता है” कारलोस जममें देखते हुए शरमाया
“ठीक है कारलोस, मुझे भी तुम एलेन बुला सकते हो” एलेनोरा ने उसके साथ लिफ्ट की ओर चलते हुए कहा “ और हां!.........मुझे मेरे नाम से बुलाया करो, ये ‘आप’ ज्यादा फॉर्मल हो जाता है”।
एक पल के लिए कारलोस ने एलेन को देखा, उसे देजा-वू से अहसास हुआ और अगले ही पल दोनों ठहाकों में बरस पड़े। कारलोस के पास खुद की एक BMW कार थी, सिल्वर कलर की मॉडल नंबर 330i, 3 सीरीज। जितना वो बाहर से सुंदर थी उतनी ही अंदर से शानदार, और काफी कंफर्टेबल। कारलोस ने कार न्यूयॉर्क की तरफ घुमाई और कुछ ही देर में एक बड़े से रेस्टोरेंट के सामने रोक दी।
“क्लाउन शाय”
उस होटल के बाहर कांच की दीवारें थी सो अंदर का कुछ अच्छा सा नजारा लोगों के सामने आता था। बाहर से ही एक साफ से रिसेप्शन ओर ठीक सामने एक शराब की अलमारी सजी रखी हुई थी जो जाहिर है कि पैराडाइस व्हाइट मोटेल के कमरों वाली अलमारी से काफी बड़ी थी। दीवारों के सफेद रंग अलग ही चमक मार राह था जिससे वहां की सफाई और भी ज्यादा दिख रही थी, रिसेप्शन के सामने बाईं तरफ की दीवार के आसपास फूलों के गमले रखे हुए थे जिनमें तरह-तरह के फूल सजे हुए थे पर जो सबसे अलग दिख रहे थे वो थे गहरे लाल रंग के गुलाब, जिन्हें देखने भर से ही कोई भी उनकी ओर खींचा चला आए।
दोनों ही कर से उतरे और होटल की तरफ जाने लगे, दर्जे पर खड़े दरबान ने झुक कर सलाम किया और उन्हें अंदर जाने का इशारा किया। अंदर जाकर कारलोस ने एक टेबल बुक करी, एक वेटर आया और उन दोनों को उसी जगह से बाई ओर ले गया जहां पर वो शराब की अलमारी रखी हुई थी, अंदर का यह कमर था तो इतना बाद की आराम से 60-70 लोग उसमें समा जाते पर वह पर सिर्फ 5 गोल मेजें लगी हुई थी और किनारे की जो टेबल कारलोस ने बुक की हुई थी उसकी बाई तरफ दीवार जैसा बड़ा सा मछलीघर था जो पूरी दीवार जितने बड़े कांच के घर में। अंदर कुछ गोल्ड फिश, शैल फिश, समुद्री कोरल और कुछ शंख वाले केंकड़े थे, और रंगबिरंगे पत्थरों की सजावट वहां पर बहुत खिल रही थी। वहां पर सिर्फ 2 ही टेबलें भरी हुई थी और काफी अच्छी शांति उस माहौल में पसरी हुई थी। दोनो ने अपनी जगह ग्रहण की और वेटर ने उनसे इसी बीच आर्डर ले लिया, एलेनोरा ने वेटर से वहीं लेन को कहा जो कारलोस ने मंगाया। उस वेटर के जाते ही एक दूसरी वेटर आयी, उसने दो कांच के फैंसी गिलासों में, हाई क्वालिटी की रेड वाइन डाली और बोतल को वहीं रख कर वहां से चली गयी..........
“तुम यहाँ पर पहले कभी क्यों नहीं आये? मुझे तो लगा था कि तुम यहीं पर रहते हो।" एलेनोरा ने वाइन के गिलास को उठाते हुए पूछा
“आपको...अ.. मेरा मतलब तुम्हें कैसे पता में यहां पहली बार आया हूं?” कारलोस ने बड़े आश्चर्य से पूछा
“क्योंकि तुम काफी नर्वस(Nervous) लग रहे हो और तुम भी इस जगह को वैसे ही देख रहे थे जैसे बच्चा नए खिलौने को देखता है”। वाइन का घूंट एलेन के गले से नीचे उतरा
“कमाल की नजर है तुम्हारी! कोई शक नहीं कि तुम एक पुलिस अफसर हो”। कारलोस ने मुस्कुराते हुए कहा
इतने में ही वो वेटर खाना लेकर आ गया, उसने मेज पर 2 स्टेक से भरी हुई प्लेट लगाई और एक बड़ा सा चीज़ टार्ट का गोल कटोरेनुमा बर्तन बीच में रख दिया।
खाने की खुशबू मात्र से पता चल रहा थ की उसका स्वाद कितना लाज़वाब होगा, इतना कि मुँह में पानी आ गया। ख़ैर दोनों ने मजे लेकर डिनर किया, कुछ यूं ही आपस में काम को लेकर बातें की और आखिरकार खाना खत्म करके वहां से बाहर निकल आये। जितना बड़ा वो चीज़ का टार्ट था उससे भी बड़ा वहां का बिल था, जिसे देख कर एलेनोरा को हंसी आ गयी। एलेनोरा बिल देने वाली थी पर कारलोस ने ये कह कर रोक लिया कि ‘इस बार में दे देता हूं, अगली बार तुम दे देना’।
रात काफी घिर गई थी पर ऐंसा लग नहीं रह था कि अंधेरा हो गया है, वहां की जगमगाहट ही इतनी जबरदस्त थी। कारलोस ने गाड़ी वापस मोटेल की ओर रवाना की, कारलोस आराम से कार चला रहा था;
“वैसे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या? या मिस ‘पुलिस वुमन’ अकेली अपने काम में ही व्यस्त रहती है”
“हाँ है ना!” एलेनोरा का जवाब सुनते ही जैसे कारलोस की स्माइल कुछ ढल सी गयी जिसे एलेनोरा ने बखूबी देख लिया “वैसे लगता नहीं है तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है”।
“अब तुमसे क्या छुपाना? तुम तो आराम से सब कुछ जान लेती हो।“ कारलोस ने अपनी मुस्कान वापस लाते हुए कहा “ वैसे मैं तुम्हे लाइन देने की सोच रहा था”
कारलोस की इस बात पर एलेन खिलखिला के हंस पड़ी।
“हाँ, जानती हूँ” एलेन ने अपना सर सीट से टिकाया “ तुम बहुत अच्छे हो, काफी मजेदार हो और एक बेहतरीन दोस्त भी पर मेरी डार्लिंग की बात ही कुछ और है!”
“ ओहssssss, “ कारलोस ने एलेन को कुछ चिढ़ाते हुए कहा
“अच्छा! जरा हमें भी बताओ कि आखिर उसमे ऐसी भी क्या बात है जो तुमने उसे चुना”।
एलेनोरा ने कारलोस को अपनी सारी कहानी बताई की वो कैसे अपने बॉयफ्रेंड से मिली ओर कैसे वो अभी भी साथ में है। कारलोस बहुत ही मजे से एक दोस्त की तरह उसकी बातें सुनता रहा और बीच बीच में वो भी कुछ अपने किस्से सुना देता। इसी तरह किस्सों में डूबे से वो दोनों वापस अपने कमरों तक पहुँचे, उनकी बातें तो जैसे खत्म ही नहीं हो रहें थी। अंत में दोनों ने एक दूसरे के फ़ोन नंबर लिए और अपने-अपने कमरों में चले गए। कुछ थोड़ा वाइन का असर था और कुछ बातों की थकावट की बिस्तर पर गिरते ही एलेनोरा नींद के आग़ोश में समा गई। काल से उस नए केस की इन्वेस्टीगेशन शुरू होनी है, जो अवश्य ही एक रोमांचक एडवेंचर पर ले जाएगी।
देखने में एक बड़ा सा खाली कमरा था, हर दीवार में दो बड़ी सी कांच की खिड़कियां थी, नीचे जमीन पर एक काला मैट बिछा हुआ था और कमरे के बीचों-बीच लटक रहा था एक बड़ा सा पंचिंग बैग! उस कमरे में सृजल यादव खड़ा हुआ था, निकर में खड़ा वो पसीने से नहाया हुआ था और उस पंचिंग बैग को ऐसे देख रहा था जैसे वो कोई जीवित चीज़ हो। सृजल की बॉडी में गर्दन के पीछे एक गोल सी चिप लगी हुई थी, यहीं कुछ हथेली बराबर की और वो वहां पर अकेले नहीं था। किसी की निगाहें उसे देख रहीं थी..............
“एक बार और सृजल, ये आखिरी बार है फिर इस डिवाइस का टेस्ट पूरा हो जाएगा!” उस कमरे के बाहर एक आफिस जैसी जगह में आनंद बैठा हुआ था, जो किसी तरह के टेस्ट की बात कर रहा था। सामने एक लंबी सी सफेद टेबल थी जिस पर सिर्फ एक लैपटॉप रखा हुआ था जो कि आनंद चला रहा था।
सृजल ने उसे अंगूठा दिखा कर शुरू करने का इशारा किया। और आनंद के लैपटॉप में एक बटन दबाते ही सृजल शुरू हो गया। सृजल ने उस पंचिंग बैग पर अपने मुक्के बरसने शुरू कर दिए, कभी फुटवर्क के साथ तो कभी एक जगह खड़े होकर। पहले उसकी रफ्तार धीमी थी, फिर बढ़ती गयी इतनी की वो पंचिंग बैग जो सृजल से भी दुगने साइज का था उस पर सृजल के मुक्कों के आकार बनने लगे। वो गोल लंबे से सिलिंडर जैसा पंचिंग बैग अब किसी मार खाये हुए व्यक्ति की तरह इधर उधर से चपटा से हो गया था, अपने एक आखिरी जबरदस्त ‘जैब’ के साथ सृजल ने खुद को रोक लिया।
“बहुत बढ़िया सृजल, यह ‘बॉडी इम्पैक्ट’ और ‘ऑटोप्सी’ चेक करने वाली मशीन सही काम कर रही है” आनंद ने अंदर से लगे हुए एक माइक के जरिये कहा जिसकी आवाज़ सृजल को कमरे में लगे स्पीकर्स से साफ सुनाई दे रही थी। सृजल ने पास में रखा एक ब्लूटूथ ईयरबड उठा कर कान में लगाया
“ ठीक है, मेरा स्कोर तो बता दे?”
“अरे हाँ यार वहीं तो बताने वाला था” आनंद ने जल्दी से लैपटॉप में देखा “वेल,(well) तुम्हारी एवरेज पंचिंग पावर है 800 पाउंड्स टू 1000 पाउंड्स! काफी बढ़िया है और मैक्सिमम गयी है 1700 पाउंड्स तक! वूsssssह......” आनंद ने आश्चर्य में किलकारी मरते हुए कहा “ यार इतनी पावर तो हैवयवेइट्स वाले फाइटर्स कि होती है, कमाल कर दिया यार”
“चल भाई, चल! रात बहुत हो गयी है, जल्दी घर चलते है”। सृजल की बात सुनते है आनंद लैपटॉप वहां रख कर बाहर चला गया और जाते जाते कह गया “ मैं कर में तेरा इंतज़ार करता हूँ”
सृजल ने उसके जाते ही फ़ोन उठाया और उसमें एक मैसेज टाइप करके भेज दिया। जाते जाते उसने एक बहुत ही हल्की पर तेज़ किक उस बैग पर मारी और अपना सामान उठा के ले जाने लगा, वो लैपटॉप भी उठा कर अपने बैग में डाला और यूँ ही निकर पर बाहर चला गया।
अब वो कमर एक दम खाली थान बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था कि इसी बीच किस चीज़ की हल्की सी फटने की आवाज आयी और कुछ जमीन पर गिरने लगा.... “भर्ssssssss.......” वो पंचिंग बैग फट गया था और उसमें से रेत और लकड़ी का बुरादा रिसकर गिरने लगा था..........