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Fantasy The 13th fantasy adventure magic

ashish_1982_in

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1 बजे हुए थे, उस इमारत में अब शांति थी जो कुछ समय पहले ही कोलाहल से भरी पड़ी हुई थी। किसी 5 स्टार होटल जैसे जगमगाते गलियारे से होते हुए वो काले चश्मे वाले व्यक्ति के पैरों की गूंज काफी तेज़ सुनाई दे रही थी, सामने मेडिकल रूम था। उसने जल्दी से कुछ कदम तेज़ करते हुए दरवाजा खोला

“ ओह, हाय मिस्टर अयामा”! उसकी आवाज सुन कर मिस्टर अयामा की जान में जान आयी

“ थैंक गॉड, यू आर आल राइट! (Thank God, you are all right) तुम्हें जमीन पर गिरता देख में तो डर ही गया था।" कहते हुए मिस्टर अयामा, बोजुई के पास लगी कुर्सी पर बैठ गए।

बोजुई अभी बेड पर पैर पसारे पीछे की ओर टिक कर बैठा हुआ था, उसके जबड़े पर पट्टी बंधी हुई थी। लाल पड़ी हुई गर्दन पर पॉलीथिन बर्फ भरकर लटकी हुई थी जो किसी नैक बैंड जैसी लग रही थी, बाकी सब ठीक ही था और वो अब भी अपने फाइटिंग वाले कपड़ों में ही था।

“ यहां के डॉक्टरर्स कहाँ है, क्या तुम्हें अकेले छोड़ कर चले गए?” आसपास देखते हुए वे कुछ असहज़ भाव से बोले

“ वो मेरा इलाज करके, सृजल के पास चले गए।"

“ आज अचानक हो क्या गया था बोजुई?” मिस्टर अयामा कुछ सोच में डूबे लग रहे थे “ अब तक तुमने लगभग 50 ऑफिसियल (Official) फाइट्स की है, एंड मेनी मोर उनओफ्फिशल (And many more unofficial)। कई बार तुम्हारा ओप्पोनेंट, हाइट और वेट (Height and weight) में तुमसे ज्यादा बड़ा था पर तुमने हर फाइट जीतीं। फिर आज.............”

बोजुई ने मिस्टर अयामा को हाथ दिखा कर उन्हें शांत रहने को कहा, वे चुप हो गए

“ देट बॉय सृजल (That boy Srajal), ही ट्रिकड माय इंस्टिनक्स (He tricked my instincts)। उसने अपनी रिएक्शन स्पीड (Reaction speed) शुरू से ही धीमीं दिखाई जिस कारण मैं उसके जाल में फंस गया। वो ताकतवर तो है ही, साथ ही उसके रेफलेक्सेस (Reflexes) काफ़ी तेज़ है या कह लो वो क्रिटिकल टाइमिंग पर अपने रिफ्लेक्सेस का यूज़ करता है।“ बोजुई की आवाज में चुनौती पूर्ण खुशी झलक रही थी

“सो यू लाइक हिज स्टाइल ( So you like his style)। वैसे अगर तुम अब ठीक हो तो हमे अपने कमरों में चलना चाहिए।" मिस्टर अयामा ने उठते हुए कहा

उनकी बात सुन बोजुई ने देर नहीं की, तुरंत उठ कर चलने लगा। वो दोनों बाहर निकले और उसी शांत गलियारे से होते हुए अपने कमरों की ओर जाने लगे

“ मुझे इस फाइट में चांस(Chance) देने के लिए थैंक्स अंकल और सॉरी(Sorry) मैं आपको जिता नहीं पाया।“ बोजुई ने मिस्टर अयामा से अपनी नजरें नहीं मिलाई

“शीsssssssssssश, तुम्हे किसी को बताना नहीं चाहिए कि हम रिलेटिव्स (Relatives) है।“ यह सुनकर बोजुई यूँ ही मुस्कुरा दिया “ वैसे क्या तुम्हें पता चला सृजल की फाइटिंग स्टाइल के बारे में? मैं तो कुछ खास ध्यान दे ही नहीं पाया।"

इस बार बोजुई के चेहरे जकी मुस्कुराहट बढ़ गई, जैसे उसने किसी रहस्य से पर्दा उठा लिया हो-

“ वो बॉक्सिंग को बेस (base) में यूज़ करता है ये तो उसके गार्ड (Guard) से ही पता चल रहा था, पर क्लोज कॉम्बैट (Close combat) में उसकी मुख्य स्टाइल कुछ ऐसी है जो बहुत कम ही देखने मिलती है”

“कौन सी स्टाइल है वो?” मिस्टर अयामा ने बहुत उत्सुकता से पूछा

“ सिस्टेमा (Systema)!!!

सिस्टेमा - मार्शल आर्ट की यह रूसी शैली 10 वीं शताब्दी की है। इस विशाल देश के पूरे इतिहास में, रूस को उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम से आक्रमणकारियों को खदेड़ना पड़ा। सभी हमलावर युद्ध और हथियारों की अपनी अलग शैली लेकर आए। लड़ाई अलग-अलग इलाकों में हुई, ठंड के मौसम में और भीषण गर्मी में समान रूप से, रूसियों के साथ अक्सर दुश्मन ताकतों की संख्या बहुत अधिक थी। इन कारकों के परिणामस्वरूप, रूसी योद्धाओं ने एक ऐसी शैली हासिल कर ली जो बेहद नवीन और बहुमुखी रणनीति के साथ मजबूत भावना को जोड़ती है जो किसी भी परिस्थिति में किसी भी प्रकार के दुश्मन के खिलाफ एक ही समय में व्यावहारिक, घातक और प्रभावी थी। कोई सख्त नियम, कठोर संरचना या सीमाएं (नैतिक लोगों को छोड़कर) होने के बावजूद शैली स्वाभाविक और स्वतंत्र थी। सभी रणनीतियां सहज प्रतिक्रियाओं, व्यक्तिगत शक्तियों और विशेषताओं पर आधारित थीं, विशेष रूप से तेजी से सीखने के लिए डिज़ाइन की गई थीं।“अब कैसा लग रहा है सृजल?” आनंद ने उसे पीछे से देखते हुए कहा।

सृजल अभी भी अपनी उसी हालत में बैठा था जिसमें वो अभी फाइट करके आया था, एक दुबला पतला सा डॉक्टर जिसके बाल बिखरे हुए ऐंसे लग रहे थे जैसे उसे कंघी की जरूरत ही पड़ती हो, वो सृजल से पीठ के घाव को सी रहा था। सुई उसके घाव की आस पास की चमड़ी को भेदते हुए अपना काम कर रही थी जिसके कारण उस पर खून लग रहा था, टांका पूरा लगते ही डॉक्टर ने उसे रुई लगी हुई एक चौड़ी सी बैंडेज लगा दी।

“ इसका घाव भरने में कितना टाइम लगेगा डॉक्टर रॉय? और इसके बुखार का क्या हुआ?”

डॉक्टर रमन रॉय ‘रूबी फार्मसूइटिकल” के हेड(head) डॉक्टर है, वो न सिर्फ यहाँ पर पेशेंट्स(Patients) का इलाज करते है बल्कि यहाँ के मुख्य रिसर्चर(researcher) भी है। मेडीकल के मामले में उनका टैलेंट काफी एसक्सेप्शनल(ecxeptional) है।

“हाँ इसके घाव एक हफ्ते में भर ही जाएंगे और जहाँ तक बुखार का सवाल है तो वो उत्तर चुका है” डॉ. रॉय ने अपने मास्क और ग्लव्स(gloves) उत्तर कर अपनी जेब में रख लिए “पर मैंने ब्लड सैम्पल्स(blood samples) ले लिए है, टेस्ट के लिए।"

तभी वो नर्स ने अपनी ट्रे में से एक इंजेक्शन उठाया और इथेनॉल(इथेनॉल) से साफ कर उसे लगाने लगी तभी किसी के तेज कदमों की आवाज ने उसे रोक दिया

“मरने का बहुत शौक है क्या तुम्हें? जब तबीयत ख़राब थी तो लड़ने की क्या जरूरत थी?” रूबी भड़की हुए रूम का दरवाजा पटकते हुए अंदर आ गयी, उसका वो हसीन चेहरा गुस्से से तड़कता हुआ किसी चुड़ैल से कम नहीं लग रहा था।

“ और डॉक्टर रॉय!” क्रोध भरी आवाज में बोली “ जब आप सब कुछ जानते थे तो आख़िर क्यों आपने उसे लड़ने से रोका क्यों नहीं, हांssssss.......” डॉ. रॉय ने तो अपने हाथ खड़े कर लिए जैसे कह रहे हों कि इसमें मेरा कोई हाथ नहीं

“कितनी बार कहा है कि कोई भी गड़बड़ हो तो पहले मुझे बताओ! पर नहीं, हमें तो हर बात तुम सब आख़िर में बताते हो। अरे मैं यहाँ की मालिक हूँ और ऐसा लगता है जैसे मुझे कुछ बताना तुम्हें जरूरी ही नहीं लगता। अब तो तुम सो............”

उसकी बातें सुनकर सृजल ने बिना देर किए, उठ कर रूबी को गले लगा लिया। रूबी की ना सिर्फ बकबक बंद हो गई बल्कि उसका गुस्सा भी शांत हो गया

“ आई एम सॉरी रूबी(i am sorry, Ruby); मेरा तुम्हें परेशान करने का कोई इरादा नहीं था। पर अगर में आज नहीं लड़ता तो कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान हो जाता जिससे तुम्हे दुख पहुंचता...... और ये मैं नहीं चाहता था।"

सृजल की बात सुनकर रूबी ने भी उसे गले लगा लिया, सृजल की बात सुनकर रूबी की आंख के कोने पर आंसू आ गए था।वापस सोफे पर बैठ गया जहां पर वो नर्स उसे इंजेक्शन लगाने लगी।

“ वैसे ये इंजेक्शन किसलिए मिस अलका?”

“तुम, सवाल बहुत करते हो यार।“ नर्स अलका ने सृजल को इंजेक्शन लगते हुए कहा “ कॉर्टिकोस्टेरॉइड(corticosteroid), क्योंकि यहां पर टिश्यू रप्चर(tissue rupture) हो गए है। इससे इसके घाव पर इंन्फ्लामेशन(inflammation) नहीं होगा।"

अलका का काम खत्म होते ही वो और डॉक्टर वहां से निकल गए। अब कमरे में सिर्फ आनंद, रूबी और सृजल ही थे, सृजल कुछ दूरी पर लगे हुए कपड़े बदलने की जगह पर जाकर अपने कपड़े बदलने लगा। इसी बीच आनंद जाकर सोफे पर बैठ गया और पास रखे फ़ोन से उसने रिसेप्शन पर कॉल करके तीन ड्रिंक्स मंगवा ली। रूबी ने आनंद के सामने वाली गद्देदार कुर्सी पर अपनी जगह बनाई

“मुझे लगता है तुम दोनों को रात यहीं पर गुजार लेनी चाहिए; अब तो 1 बज गया है ना......”

“क्यों? तुम रात भर बोर हो जाओगी क्या?” आनंद ने आने हमेशा वाले मजाकिया अंदाज में कहा पर रूबी की खूंखार आंखे और फड़कती आंख देखकर वो फिर चुप हो गया। इतने में डोरबेल बजी, आनंद ने आने के लिए कहा और वो वेटर उनके लिए एक ट्रे में, 3 कांच के कप जैसे गिलास, एक विस्की की बोतल और अलग अलग शेप-साइज(shape-size) के बर्फ के टुकड़े ले आया। वो ड्रिंक बनाने लगा........

“ तुम रहने दो हम आपस में बना लेंगे।" आनंद की बात सुनकर वो वेटर वहां से आदर से चला गया, जाते-जाते दरवाज़ा लगा गया। आनंद ने उठा कर बर्फ गिलासों में डाला, विस्की की बोतल को खोला और तीनों गिलासों को आधा-आधा बार दिया।

इतने में सृजल बाहर आ गया, एक काली टी शर्ट और नीली जीन्स में। आकर वो आनंद के पास सोफे पर बैठ गया, आनंद ने उसे एक विस्की का गिलास दिया, फिर रूबी को देकर खुद ने पीना भी शुरू कर दिया।

“ तुम्हें कल से छुट्टी चाहिए थी न? तो तुम ले लो, अच्छा रहेगा।" रूबी ने अपनी विस्की को हिलाते हुए कहा

“ नहीं कल से नहीं, अब मैं 2 हफ्ते बाद ही छुट्टी लूंगा।"

“क्योंssssssssss!?” आनंद और रूबी की जैसे चढ़ते-चढ़ते उतर गई, क्योंकि पिछले हफ्ते ही सृजल ने छुट्टी की बात की थी पर अब अचानक से क्यों बदल गया?

“पहले में बाहर जाने वाला था, अब मैं कुछ दिनों बाद जाऊंगा।" सृजल ने पूरी विस्की गटकते हुए कहा

“पर तुम्हें जाना कहाँ है?” रूबी ने यूँ ही ये सवाल पूछ लिया

पर अगले ही पल रूबी को याद आया कि सृजल के बाहर जाने के पीछे कौन सी वज़ह है। उसने अपनी विस्की खत्म की और गिलास टेबल पर रख दिया। आनंद ने तो कुछ पूछा ही नहीं क्योंकि बाहर सुनते ही उसे किसी सवाल की जरूरत ही नहीं पड़ी।

“तो ठीक है, हम निकलते है। ज्यादा देर करना ठीक नहीं” सृजल के साथ आनंद भी उठ गया और वे दोनों जाने लगे।

“अपना ध्यान रखना दोनों!” रूबी ने पूरी बोतल उठा कर पीने से पहले उन दोनों को अलविदा किया।

बिल्डिंग से निकल कर दोनों जल्दी से आनंद की कार में बैठे, रात के मौसम बहुत सुहाना और ठंडा था। अमावस्या की रात में पूरा शहर जगमगा रहा था, कार की खिड़की खोल कर उन नें सफर शुरू किया। दोनों दोस्त पुणे की भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर समुद्र तट के काफी नजदीक रहा करते थे, घर हालांकि सृजल का था पर अक्सर उसका समय कंपनी में ही गुजरता था जहां पर या तो वो काम करता रहता था या फिर ट्रेंनिंग(training)। सृजल का मुख्य काम इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट(import-export) को मैनेज(manage) करना था और आनंद सी. ए.(C.A.) था। दोनों यहाँ, इस कंपनी में एक साथ ही आये थे और क्योंकि दोनों स्कूल में बेस्टफ़्रेंडस( best friends) थे उनकी जोड़ी आपस में फिर से जमना शुरू हो गयी। 20 मिनट के अंतराल में उनका घर आ गया, घर क्या? वो तो बंगला था। सफेद दीवारें, कांच की बड़ी-बड़ी खिड़कियां, सामने एक बड़ा सा गार्डन जिसमें ज्यादा कुछ लगा नहीं था सिवाए कुछ नारियल के पेड़ों के और हरी घास के। कार को घर से जुड़े हुए एक गैराज में रख कर आनंद ने दरवाजा खोला आकर सीधे जाकर सोफे पर बैठ गया और राहत की सांस ली, सृजल भी जाकर वहीं पर बैठ गया।
nice update bhai
 

ashish_1982_in

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बाहर से जितना शानदार था अंदर से उतना ही साफ सुथरा भी। दाईं तरफ कुछ ड्रॉर रखी हुई यही जिन पर कुछ फूलदान और 2 छोटे स्पीकर रखे हुए थे, थोड़ी दूरी पर दीवार से सटी हुई एक 56 इंच की एल. सी.डी.(LCD) लगी हुई थीं जिसके ठीक सामने एक बड़ा सा सोफा था और आजू बाजू 2 गद्देदार कुर्सियां। बाईं ओर से शुरू करते ही पहले एक लकड़ी का बना हुआ जूते-चप्पल रखने का स्टैंड था, वहीं दीवार पर काफी सारी तस्वीरें लगी हुई थी जिनमें कुछ स्कूल की थी तो कुछ अभी कंपनी की, उसी ओर से एक सुंदर सी लंबे पायदानों वाली सीढ़ी गयी हुई थी जो ऊपर के कमरे में खुलती थी। सीढ़ियों के ठीक नीचे आनंद का कमरा था और दूसरे कोने में किचन था; घर में सजावट जरूर काम थी पर साफ-सफाई के कारण सजावट की जरूरत ही नहीं मालूम पड़ती थी।

“ मैं सोने जा रहा हूँ आनंद, दरवाजा लॉक(lock) कर लेना।" सृजल सीढ़ियों से ऊपर जाने को हुआ

“यार एक बात पूछनी थी? इफ यु डोंट माइंड?(if you dont mind?)” सृजल ने हां के जवाब में सिर हिला दिया

“तुम्हें नहीं लगता सबकुछ जानते हुए भी रूबी, तुमसे प्यार करती है?” सृजल अपनी जगह पर ही खड़ा-खड़ा मुड़ गया और मुस्कुराते हुए बोला

“हाँ वो मुझसे प्यार करती है” सृजल की बात सुन कर जैसे आनंद का मुँह खुला का खुला से रह गया “पर वो मुझे एक सच्चे दोस्त की तरह प्यार करती है, अगर वो लड़का होती तो इस समय तेरी जगह पर आज मेरे साथ होती। समझे चौधरी जी”

सृजल जम्हाई लेता है अपने कमरे में चला गया, आनंद सोफे पर बैठे हुए ही मुस्कुराया जैसे उसे सृजल की बात समझ आ गयी। वैसे इतना कठिन भी नहीं था समझना, अक्सर हर कोई प्यार को गलत समझ लेता है और भला आनंद बाकियों से ज्यादा अलग थोड़े ही था। आखिर था तो समाज का हिस्सा ही; फिर उसने भी बत्तियां बुझाई और सोने चला गया।



पीक्सकिल पुलिस डिपार्टमेंट, न्यूयॉर्क

5 जुलाई 2030; सुबह 11 बजे!

पीक्सकिल में आज का दिन सुहावना था, अच्छी धूप निकली हुई थी। कभी-कभी भीड़ से घिरा हुआ शहर आज काफी खुल हुआ महसूस कर रहा था। यहां के पहाड़, वन और हडसन नदी प्रकृति की मौज में थे और लोगों का मूड भी बहुत खिला हुआ था। लंबी सड़कों पर गाड़ियां आराम से चल रहीं थी, लोग अपनी दुकानों पर काम कर रहे थे और बच्चे आज स्कूल न होने के कारण खेल कूद में लगे हुए थे।

एक हष्ट पुष्ट शरीर की सुंदर सी लड़की, ब्लैक जीन्स, व्हाइट टॉप पर ब्राउन जैकेट डाले हुए पुलिस स्टेशन की ओर बढ़ रही थी। उसके हल्के लाल से रंग के बाल कंधों से थोड़ा नीचे की ओर थे, एकदम सीधे ओर चमकीले, रेशम की तरह। वो सीधे पुलिस स्टेशन के अंदर गयी, शिकायत दर्ज करने वाले मेज़ के पास एक औरत बैठ हुई थी, घुंघराले बाल और गोल से चश्मा लगाए हुए

“गुड मॉर्निंग चीफ( good morning chief )”

“ मॉर्निंग मिसेस हिलसन।" वो लड़की उस पुलिस स्टेशन की चीफ थी, कहते हुए सीधे अपनी केबिन में चली गयी।

केबिन में एक बड़ी सी मेज जिसके ऊपर एक कांच की सीथ(sheath) चढ़ी हुई थी, जिसके पीछे दीवार पर पुलिस का सिम्बोल(simbol) बना हुआ था, दो अलमारियां रखी हुई थी, टेबल पर पेन-पेपर और एक लैपटॉप जिससे जुड़ कर एक प्रिंटर रखा हुआ था। वो जाकर अपनी कुर्सी पर बैठ गयी और राहत की सांस ली। फटाफट उसने लैपटॉप पर कुछ खोला और एक क्लिक करके वापस कुर्सी से टिक गई। प्रिंटर पर कुछ छपने लगा जिसकी खर-खर की आवाज गूंजने सी लगी

“ मोर्निंग चीफ!” बाहर से जल्दी में एक युवा पुलिस अफसर जल्दी में आया

“ क्या बात है विल? इतने हड़बड़ी में क्यों हो?” उसके अचानक आने से चीफ चौक सी गयी।

“न्यूयॉर्क...... ह....पुलिस....ह....डिपार्टमेंट से फोsssssss... ह..न, फोन है।" विल अपनी भरी हुई सांस में बोला और चीफ को फोन थमा कर चला गया जिसकी स्क्रीन पर होल्ड(Hold) लिखा हुआ है पर कोई फोन नंबर नहीं था। उसने फ़ोन उठाया और कहा

“ हेलो, एलेनोरा हॉल स्पीककिंग ( Hello, Elenora Hall Speaking)”

ये फ़ोन कॉल लगभग 5 मिनट तक चली, इसी बीच बात करते हुए एलेनोरा ने प्रिंटर से उस कागज को निकाल कर देखा। फ़ोन कट करते ही उसने उस कागज को देखकर ऐंसा चेहरा जैसे कोई बहुत ही इम्पोर्टेन्ट चीज़ हो.............. फिर अगले ही पल उसे पहाड़ कर कचरे के डिब्बे में डाल दिया। बाहर जाते हुए उसने मिसेस हिल्सन से कहा

“मैं कुछ दिनों के लिए न्यूयॉर्क जा रहीं हूँ, तब तक के लिए विल सब संभाल लेगा।" मिसेस हिल्सन ने सिर्फ जवाब में अपनी गर्दन हिला कर स्वीकृति दिखाई।

बाहर जाकर एलेनोरा ने अपनी किआ सोरेंटो(Kia Sorento) में बैठी और तेज़ी से गाड़ी चालू करते हुए हाईवे की तरफ भगा दी। पुलिस स्टेशन वाले सभी लोग बाहर निकल कर एलेनोरा की भागती हुई को देखने लगे और उसके जाते ही वे वापस अंदर चले गए। अंदर एलेनोरा ने जो कागज पहाड़ के फेंका था उसका एक टुकड़ा पंखे की हवा में उड़ता हुआ बाहर आ गिरा, जिस पर लिखा हुआ थारेजिग्नेशन लेटर!”

आखिर सृजल ‘बाहर’ कहाँ जाना चाहता था? और जब वो इसी हफ्ते जाने वाला था तो उसने प्लान बदल क्यों दिया?। सृजल, आनंद और रूबी की कहानी क्या है? एलेनोरा कौन है और अचानक आने वाला वो फोन कॉल किस लिए था? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए हमारे साथ बने रहिये, जल्दी ही कुछ बहुत बड़ा होने वाला है , तो कहीं जाइएगा मत। यहीं मिलेंगे
nice update bhai
 

ashish_1982_in

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वो थोड़ा जंगली इलाका था, सड़क किसी छोटे से जंगल के बीच से निकल के जा रही थी। अभी सूरज ढलने में काफी समय था और इस रास्ते से अभी कुछ देर पहले ही कुछ गाड़ियां निकलीं थी। आगे सड़क में एक घुमाव था जो इन जंगलों से दूर ले जाता था, इसी छोर पर एक पेट्रोल पंप था जो अभी कहली पड़ा हुआ था, वहां कोई गाड़ी नही थी सिवाय एक के जो पेट्रोल पंप के किनारे पर खाई हुई थी। वो एक ‘किआ सोरेंटो’ थी...................

एलेनोरा गाड़ी में बैठे हुए अपना फ़ोन बार-बार बंद चालू कर रही थी, किसी सोच में थी जैसे किसी फैसले पर अटक गई हो। आखिरकार उसने कांटेक्ट लिस्ट खोली और एक नंबर निकाला जो कि ‘डार्लिंग’(Darling) नाम से सेव(save) था। उसने कॉल किया.......... कुछ देर तक घंटी गयी पर उसने फ़ोन नहीं उठाया। एलेनोरा ने फिर से फ़ोन लगाना चाहा पर रुक गयी, उसने फ़ोन में टाइम देखा.... और फिर फ़ोन को कार के अंदर सामने पटक कर, तेज़ी से गियर बदलते हुए उसने कार को न्यूयॉर्क की तरफ बढ़ा दिया।

कुछ ही देर में वो छोटे घरों की जगह बड़ी-बड़ी इमारतों ने ले ली, आधुनिकता की असली चमक जो किसी को भी अपनी तरफ खींच ले। आसमान छूती इमारते, जाने माने ब्रांड्स(Brands)- मैकडोनाल्ड, के.एफ.सी., कोकाकोला,सैमसंग, जैक एंड जोंस और ना जाने इतने अलग-अलग तरह के ब्रांड्स जिनका हम नाम तक नहीं जानते। पीक्सकिल की वो शांत सी सड़के यहां पर इतनी तेज थी कि मानो कोई रेस चल रही हो, लोगों की भीड़ और यातायात यहां पर बहुत ही ज्यादा थे। लोग रेस्टोरेंट्स में बैठे हुए थे, काम पर जा रहे थे, ऐंसा लग रहा था मानो सब कुछ एक चक्र सा था। एलेनोरा ने मैनहैट्टन से कार निकालते हुए सीधे ब्रिज की तरफ बढ़ा दी और आखिरकार उसने अपनी कार ब्रूकलिन हाइट(Brooklin Height) में जाकर एक बड़े से होटल सामने रोक दी जिसका नाम था;

“पैराडाइज़ व्हाइट मोटेल”

इस मोटेल के बाहर काफी सारी खुली जगह थी, नोंकदार पेड़ कतारों में लगे हुए थे जहां पर कुछ गाड़ियां खड़ी हुई थी। कुछ पत्थर की बनी हुई बेंचें वहां पर रखी हुई थी और वहीं पर फूल वाली झाड़ियों के कुछ ब्लॉक्स(Blocks) बने थे। मोटेल के किनारे में एक अंडरग्राउंड पार्किंग लॉट था जिसका डिजिटल बोर्ड अलग ही दिख रहा था और उसके पास खड़े सिक्योरिटी गार्ड्स। एलेनोरा ने अपनी कार ले जाकर अंदर अंडरग्राउंड ही पार्क की, उसने सिक्योरिटी गार्ड को अपना पुलिस का बैच दिखाया जिसके आगे उसने कोई सवाल नहीं किया। एलेनोरा वहाँ से सीधे मोटेल के गेट पर गयी जहाँ पर एक हट्टा कट्टा दरबान खड़ा हुआ था, उसने स्वागत में कुछ शब्द कहे जिसके बाद एलेनोरा रिसेप्शन की ओर गई जहां से पूरा मोटेल शानदार लग रहा था।

“ हेलो मैम, हाऊ कैन आई हेल्प यु ?(How can I help you ?)” रिसेप्शन पर खड़ी एक गोल चेहरे वाली लड़की ने विनम्रतापूर्वक पूछा जिसने लाल रंग की ड्रेस पहन रखी थी।

“ आई हैव ए रूम बुक्ड हेयर(I have a room booked here)” एलेनोरा ने अभी अपनी बात पूरी नहीं कि थी कि

“जी, अपना नाम बता दीजिए, प्लीज”। एलेनोरा हॉल !” उसने सीधे-सीधे अपना नाम बता दिया। रिसेप्शनिस्ट ने उसका नाम अपने कंप्यूटर पर सर्च किया और कुछ ही पलों में

“रूम नंबर 313, 25th फ्लोर ! यूज़ योर फिंगरप्रिंट हेयर(Use your fingerprint here)” उसने एक टैब एलेनोरा के सामने रख दिया जिसमें नीचे की ओर एक फिंगरप्रिंट स्कैनर दिख रहा था। एलेनोरा ने उस पर अपना अंगूठा रखा और स्कैन होते ही एलेनोरा कि सारी डिटेल्स पुलिस डिपार्टमेंट के डेटाबेस(Database) से निकल कर आ गईं।

“ हैव आ नाइस डे मैम।

रिसेप्शन से हट कर एलेनोरा नहीं रुकी, सीधे जाकर लिफ्ट में खड़ी हो गयी जिसमें उससे पहले ही एक 30-35 साल का युवक पीली शर्ट और ब्लैक जैकेट में खड़ा हुआ था। एलेनोरा ने उसमें 25th फ्लोर का बटन दबाया और लिफ्ट के दरवाजे बंद हो गए।

“हाय, में भी 25th फ्लोर पर ही जा रहा हूं, क्या आप यहां नए है”। उस युवक ने लहजे के साथ पूछा

“हां, अभी ही आई हूँ” एलेनोरा ने दोस्ताना व्यवहार दिखाया “ क्या आप भी 25th फ्लोर पर ही जा रहे है ?”

पहले वो युवक एलेनोरा की आंखों में देख कर बात कर रहा था पर जैसे ही उसकी नजर उसकी कमर पर लटकी हैंडगन पर गयी वो कुछ हिचक गया

“ हां......... हां मैं .... वहीं जा रहा हूँ”। उसके बाद पूरे रास्ते ना उसने एलेनोरा से बात की ना ही एलेनोरा ने उससे। कुछ ही देर में दोनों 25th फ्लोर पर पहुंच गए, एलेनोरा आगे चल रही थी और वो उसके पीछे चल रहा था जैसे उससे बच कर जा रहा हो। एलेनोरा जाकर अपने रूम के सामने खाई हो गयी.......... और वो शक़्स भी, दोनों ने एक दूसरे को देखा

“आप रूम 313 में है ?” वो थोड़ी हैरानी से पूछा

“ हां, हाय; मेरा नाम एलेनोरा हॉल है फ्रॉम डिपार्टमेंट ऑफ पुलिस !” उसका चेहरा पढ़ते हुए एलेनोरा ने अपना हाथ बढ़ाया

“ओह....... हेलो, मैं कारलोस मिलर, आपकी गन देख कर मैं थोड़ा घबरा गया था। मैंने सोचा आप,..”

“ एक क्रिमिनल हूँ ! ” एलेनोरा ने एक भौं ऊंची कर कहा

“ नहीं...... न....म... हां, सॉरी। यहां पर ऐंसे बहुत से लोग है

जो.... खैर छोड़िये। आपसे मिलकर अच्छा लगा”

“मैं तो यूँ ही पूछ रही थी, मुझे भी आपसे मिलकर अच्छा लगा”। एलेनोरा ने हाथ मिलाया ओर अपने दरवाजे के पास लगा फिंगरप्रिंट लॉक पर अपना अंगूठा लगाया जिससे दरवाजा खुला गया।

“ उम्मीद है फिर मुलाकात होगी” कारलोस ने कहा जिस पर एलेनोरा मुस्कुराते हुए अपने कमरे में चली गयी और वो भी।

वाह ! अंदर का क्या नजरा था। दीवारें हल्के सुनहरे रंग की थी और उसी रंग के बल्ब भी लगे हुए थे वो भी नक्काशीदार किसी लैंप की तरह। दाई तरफ एक छोटा सा से दारू का अड्डा था जिसे लोग ‘बार’ भी कहते है, जो कि एक कांच की दीवार से घिरा हुआ था जिसमें एक दरवाज़ा भी था। एक रिसेप्शन की डेस्क की तरह वहां भी एक डेस्क लगी हुई थी आधे गोले के आकार की और उसके पीछे किसी पुस्तक की खुलने वाली अलमारी की तरह एक अलमारी थी जिसमें शराब की अलग-अलग किस्म की बोतलें सजी पड़ी थी। इसी के ठीक सामने एक डबलबेड(Doublebed) था जिसमें सफेद मखमली गद्दा बिछा हुआ था और साथ में दो तकिये। पास में एक मेज़ पर लैंप रखा हुआ था और बिस्तर की दूसरी तरफ कांच की दो बड़ी-बड़ी खिड़कियां। बीच में 2 सोफे, 4 गद्देदार कुर्सियां और उनके ठीक बगल में एक छोटी सी पुस्तक की अलमारी जिसके किनारे से लगी हुई एक स्टडी टेबल (Study Table), कुर्सी, दीवारों पर पहाड़ों-नदियों की कुछ तस्वीरें और बाएं तरफ के आखिरी कोने में एक वॉशरूम(washroom)।

एलेनोरा अभी सिर्फ बिस्तर तक ही पहुंची थी कि उसका फ़ोन बजा। उसने जल्दी से उसे निकाला और देखा कि उस पर एक मैसेज आया है- “[50th फ्लोर, रूम नंबर 500]

मैसेज देखकर वो कुछ सोच में पड़ गयी पर फिर उसने अपना फ़ोन अपनी जीन्स की पॉकेट में डाल ओर बाहर निकल गयी। लिफ्ट लेकर सीधे 50th फ्लोर पर रूम नम. 500 के सामने जो कि बिल्डिंग का सबसे आखिरी वाला कमर था पर बाकी सारे फ्लोर के कमरों से 2 गुना बड़ा था। एलेनोरा ने बेल बजाई-डिंग-डोंग.... डिंग-डोंग....डिंग !” उसके बाद कुछ देर में दरवाजे के बाहर जो फिंगरप्रिंट स्कैनर था उसके ऊपर लगे स्पीकर से आवाज आई- “ क्या तुम मेरे चैस का पीस मुझे देने आए हो ?

जिस प एलेनोरा ने स्पीकर के नीचे का बटन दबा कर कहा “हां”

“ कौन सा पीस ?” एक बार फिर वहीं रेडियो जैसी आवाज आई

“रेड क्वीन(Red Queen)”

एलेनोरा का इतना कहते ही किसी काले कोट वाले बॉडीगार्ड जैसे दिखने वाले ने दरवाजा खोला और एलेनोरा अंदर चली गयी। अंदर का कमरा सच में काफी बड़ा था, जिसमें बीच में सिर्फ एक लंबी सी कांच की टेबल और उसके सामने घिरी हुई 10 गद्देदार कुर्सियां। जिनमें से सिर्फ एक ही खाली थी, उन कुर्सियों पर अलग-अलग से कपड़े पहने हुए लोग बैठे हुए थे पर ज्यादातर फॉर्मल ही पहने थे और उनमें से एक औरत हिज़ाब पहने हुए थी और कोई फ़ाइल पढ़ रही थी।

“आओ एलेन, हम सब तुम्हारा ही इंतज़ार कर रहे थे। आओ अपनी सीट लो”। सबसे आगे की सीट पर बैठे हुए काले आदमी ने एलेनोरा को बैठने को कहा, वो 45-50 साल का आदमी एलेनोरा के आने से काफी खुश दिख रहा था

“जी नहीं !” एलेनोरा ने थोड़े सख़्त लहजे से वहीं पर खड़े होकर कहा “पहले तो ये बताइये जोस की अपने मुझे सीधे फ़ोन क्यों नहीं किया,पुलिस स्टेशन में फ़ोन करने की क्या जरूरत थी ? आपके कारण फालतू में मेरा नाम हाईलाइट हो गया। मेरे पूरे दिन की ऐसी की तैसी कर दी आपने....... और ऐसा भी को से अर्जेंट काम आया गया जो इतनी जल्दी में बुलाया”। एलेनोरा का गुस्सा देख कर वहां बैठा हर कोई थोड़ा सकते में था। मिस्टर जोस से इस तरह आज तक किसी ने बात नहीं कि थी। वहां बैठा कोई कुछ नहीं बोला सिवाय एक आदमी के जो कि ठीक एलेनोरा के सामने बैठ हुआ था, कुछ ज्यादा ही अभिमान मे डूबा हुआ जान पड़ता था...........

“अपनी जुबान संभाल कर बात करो मिस एलेनोरा ! ये कोई तरीका नहीं है बॉस से बात करने का।”

“ तुम हो कौन मुझे तरीका सिखाने वाले। अपने काम से काम रखो...” एलेनोरा का इतना कहते ही उसका फ़ोन बजा पर उसने देख कर वापस रख दिया

“मैं नहीं जानती यहां क्या हो रहा हैं ? और जब मैंने आपसे इस्तीफे की बात की थी तो आज आपने मुझे यहां वापस क्यों बुला लिया ? मै.......... !” अचानक ही उसका फ़ोन फिर से बजा और एलेनोरा ने जैसे ही उसे बाहर निकला उस सामने बैठे युवक ने अचानक से फ़ोन छीनकर उसे जमीन पर पटकना चाहा

“लो, कर दी न गलती रोबर्ट”। मिस्टर जोस ने धीमी आवाज में कहा

रोबर्ट के फ़ोन फेंकने से पहले ही एलेनोरा ने उसका हाथ पकड़ लिया और रोबर्ट को ऐसा लग जैसे सब कुछ हिल गया, अगले ही पल उसका सर खून से सन गया क्योँकि एलेनोरा ने उसका सर झटके से उस ग्लास की टेबल पर पटक कर वापस उठा लिया। रोबर्ट को चक्कर से आने लगे, एलेनोरा ने उसे कॉलर से पकड़ कर वापस उसकी कुर्सी पर बिठाल दिया। ऐंसा लगा जैसे रोबर्ट किसी सदमें में चला गया हो

“अपने इस शहर की समस्याओं को खुद ही संभालिए। इसके लिए आपके पास ऐंसे बहुत सारे अफसर पड़े हुए है !” रोबर्ट की तरफ देखते हुए एलेनोरा बाहर जाने लगी

“ अगर मैं कहूँ की ये समस्या सिर्फ शहर की नहीं है तो ?” मिस्टर जोस के शब्दों ने एलेनोरा के कदम बांध दिए “सिर्फ शहर की समस्या होती तो मैं तुम्हे नहीं बुलाता। तुम्हे बुलाने का कारण ये है कि..... वी आर लुकिंग एट ए वर्ल्ड लेवल कैटेस्टरोप(We are looking at a world level Catastroph.) !”

मिस्टर जोस की बात में गंभीरता थी, इसके अलावा वहां पर बैठा हुआ हर कोई ऊँचे दर्जे का अफसर था। एलेनोरा ने रोबर्ट के पास वाली कुर्सी पर खुद को टिकाया और चुप चाप बैठ गयी। मिस्टर जोस खड़े हो गए, उनके पीछे लग हुआ टी. वी. चालू हुआ जिस पर कुछ जानकारी आने लगी और मिस्टर जोस ने समझना चालू किया

“ये वाली अभी-अभी चाइना से आई है; वहां की सबसे बड़ी जेल किनचेंग से एक खतरनाक अपराधी चोंगयुन शोई काल रात को फरार हो गया।“

“ तो इसमें को सी वर्ल्ड लेवल की प्रोब्लेम है” एलेनोरा ने तुरंत ही पूछा

“ क्योंकि उसने 5फुट मोटी सीमेंट और लोहे की शीट की बनी दीवार को अपने हांथो से तोड़ डाला और बाह भी एक नहीं पूरी 7 दीवारों को।“

मिस्टर जोस की इस बात को सुनकर हर किसी का मुंह खुल का खुला रह गए। सबके मन मे एक ही बात थी, “ असंभव !”और क्योंकि हम CIA है, ये बात सिर्फ हम जानते है। मीडिया को सिर्फ ये पता है कि वो अपराधी फरार है। और अब में तुम सभी को कुछ और असंभव सी चीज दिखता हूँ.....” मिस्टर जोस ने उस अपराधी की वो सीसीटवी फुटेज दिखाई जिसे देख कर सभी के होश उड़ गए, आँखे फटी की फटी रह गयी। उस समय पहली बार एलेनोरा ने महसूस किया कि उसका शरीर कांप रहा था।

“तोsssssssss... क्या तुम सब लड़ने के लिए तैयार हो ?”

समुद्र किनारे की हवा बहुत उमस भरी थी, धूप भी इतनी तेज हो जाती कभी-कभी की पूरा शरीर पसीने में नहा जाता। ‘रूबी फार्मसूइटिकल’ के सामने काफी सारे कर्मचारी आ जा रहे थे, सुपर मार्केट में मिलने वाली वो चके वाली टोकरियों में काफी सारी दवाईयां रखा कर ट्रको में लोड की जा रहीं थी जिन के हल्के नारंगी बॉक्स के ऊपर एक लाल रंग के रूबी का सिम्बोल बना हुआ था। समान लोड होते ही ट्रकों की भारी लाइन खाली हो गयी और अब इमारत के सामने का माहौल शांत था।

“हेलो मिस अलका, क्या आपने सृजल को देखा”। नीचे रिसेप्शन से गुजरते हुए आनंद ने पूछा

“अरे हाँ !” मिस अलका की जैसे जान में जान आ गयी “मैं तुम्हे ही ढूंढ रही थी। सृजल और मिस रूबी ऊपर कमरे में है और खाने पर तुम्हारा इंतज़ार कर रहे है। जल्दी जाओ !” इतना कह कर मिस अलका मेडिकल वार्ड की ओर चली गयी और आनंद ने भी लिफ्ट में अपने कदम रखे..........

भागते हुए आनंद कमरे में दाखिल हुआ, वहीं जहाँ काल रात को वो सब थे। टेबल पर खाना लगा हुआ था, सृजल और रूबी अपने गीले हाथो को छोटे-छोटे रूमालों से पोंछ रहे थे।

“चल यार जल्दी आ जा। आधे घंटे से तेरा इंतज़ार कर रहे है”। सृजल ने कहा

“इतनी देर हमेशा ही कहाँ लगा देता है ? कभी भी खाने पर टाइम से नहीं आता”। रूबी ने थोड़ा मुस्कुरा कर कहा

आनंद ने उनकी बातें सुनते हुए जल्दी से हाथ धोयें और अपनी कुर्सी संभाल कर बैठ गया।

“कितनी बार तो बताया है यार, रोज इतनी बड़ी कंपनी का एकाउंट संभालना आसान थोड़े ही है”। आनंद ने पानी पीते हुए कहा

“हाँ, हाँ, ठीक है। पहले कहना कहा लेते है, आई एम वेरी हंगरी(I am very Hungry)” रूबी के आखिरी शब्दों को सुनकर आनंद को हंसी आ गयी जो उसने सृजल के साथ शेयर की पर चुप चाप ताकि कहीं रूबी उन्हें देख ना ले। सामने टेबल पर पनीर की सब्जी, रोटी, लांचा पराठा, दाल मखनी, दही और कुछ मिठाइयां रखी हुई थी जिन्हें देखना तो छोड़ो ! उनकी खुशबू मात्र से मुँह में पानी आया जाता। तीनो ने आराम से खाना खाया बिना किसी बातचीत के और फिर सोफे पर आराम से बैठ गए। वेटर आ कर बर्तन ले कर चला गया, तीनों ने फॉर्मल ड्रेस पहनी हुई थी। अचानक ही तीनों के हाथ अपनी टाई पर गए जिन्हें उन्होंने खींच कर ढीला किया और जब उनकी नजर एक दूसरे पर पड़ी तो वो खिलखिला उठे

“याद है स्कूल में अक्सर कहना कहते समय जब गर्मी लगती थी तो हम ऐसे ही अपनी टाई ढीली कर लिया करते थे।“ रूबी ने सृजल की तरफ देख कर कहा जो सृजल की दाईं ओर बैठी हुई थी

“यार वो मेस भी ना ऐसे गरम होती थी जैसे भट्टी लगा रखी हो”। और बाई तरफ आनंद बैठा था

“पर यहाँ और वहां एक अंतर है ?” सृजल ने लोमड़ी से खुश होते हुए कहा

“क्या ?” रूबी और आनंद एक साथ बोले

“वहाँ पर ये नहीं था !” सृजल ने सोफे के कोने में से एक रिमोट निकाला और सामने के AC को ऑन कर दिया। कुछ ही देर में ठंडी हवा ने उस गरम माहौल को ठंडा कर दिया,

“कितना अच्छा लगता था न स्कूल में ! हम लोग कहीं-कहीं घूमने जाते थे, पार्टी करते थे, कभी-कभी तो किसी को बिना पता चले बाहर भी चले आते थे”। रूबी ने जम्हाई लेते हुए कहा

“पर सृजल तब काफी खुफिया रहा करता था, कभी-कभी गायब से हो जाता था”। आनंद ने भी जम्हाई ली और सृजल से चिपक गया। सृजल अपनी दोनों बाहें फैलाए सोफे से टिक कर आराम से लेटा हुआ था, एक तरफ से आनंद तो दूसरी तरफ से रूबी उससे चिपक कर सो रही थी। AC की ठंडी हवा के झोंके ने उस ताप्ती गर्मी में ऐंसा नशा चढ़ाया कि सृजल की भी आंखे झपकने लगीं................

सृजल, आनंद और रूबी ! तीनों ही पुणे के ‘थेलकर इंटरनेशन स्कूल से पढे हुए थे। तीनो वहां पर पांचवी कक्षा से साथ में पड़ रहे थे और क्योंकि वो एक बोर्डिंग(Boarding) स्कूल था तो तीनों वहीं पर रहा करते थे। ‘थेलकर’ का नाम काफी अच्छा था इसलिए न सिर्फ राज्यों से बल्कि दूसरे देशों से भी यहां पर स्टूडेंट्स पढ़ने आते थे। तीनों इतने पक्के दोस्त थे उस समय से की एक दूसरे के बिना उन्होंने कभी खाना ही नहीं खाया, यहां तक कि 11वी कक्षा में आते-आते उनकी दोस्ती के चर्चे पूरे स्कूल में मशहूर थे। सब कुछ काफी यही चल रहा था कि एकाएक स्कूल के आखिरी साल में अंतिम परीक्षा के बाद सृजल की तबियत खराब हो गयी और उसे 1 महीना पहले ही स्कूल छोड़ना पड़ा। इसी बीच रूबी के पिता का देहांत हो गया और पूरी कंपनी की जिम्मेदारी रूबी पर आ गयी, अपनेकाम से परेशान रूबी अपने दोस्तों से कट सी गयी। आनंद भी अकेला पड़ गया और उसने कुछ सोच कर CA की पढ़ाई शुरू कर दी; इस बीच तीनों दोस्तों की आने वाले 4 साल तक कभी बात नहीं हुए न ही कभी मिले। पर एक दिन किस्मत इन पर फिर से मेहरबां हो गयी और काम के रूप में ये तीनों वापस मिल गए..................................

आज भी मिलने के बाद कहाँ कुछ बदला है ? तीनो आज भी वैसे ही है जैसे सालों पहले स्कूल के दिनों में हुआ करते थे। आज भी खाना साथ में ही खाते है, एक दूसरे का ख्याल रखते है। और जिस तरह से तीनों सोफे पर पड़े हुए थे, उनकी दोस्ती का बचपना अभी काफी बाकी रह गए है......... सूरज की वो ढलती किरण भी उनके इस प्यार की घड़ी को शीशे की खिड़की से झांक कर देख रही थी जैसे खुद उनसे लिपटना चाहती हो।
very nice update bhai
 
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Ashish Bhai tumeh vapas dekh ke खुशी हुई
 
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The 13th अध्याय-5

पूरी की पूरी CIA की टीम अपनी कुर्सियों पर बैठी हुई कुछ दस्तावेजों को बार-बार पढ़ रही थी, खासकर एलेनोरा। कुछ ही देर पहले मिस्टर जोस ने सभी को कुछ वीडियो फुटेज दिखाई थी, पहली वो जिसमें चीन को सबसे खतरनाक क्रिमिनल चोंगयुन शोई जेल की मोटी-मोटी दीवारों को तोड़ते हुए किस तरह बाहर निकल कर भाग गया था;

किसी के लिए भी इस बात पर यकीन करना मुश्किल था कि जिस दिन उसे फांसी होने वाली थी उसके ठीक एक दिन पहले रात में वह अपने सेल में सिकुड़ कर बैठ हुआ था, आधी रात को पता नहीं क्या हुआ वो जमीन पर लौटने लगा। देख कर इस लग रहा था जैसे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी और अगले ही पल वो घुटनों के बल अपने आप को बिठा कर अपना सर जमीन से टिका लिया, उसके हाथ उसके सर के सीध में थे। धीरे से उसके शरीर का रंग नीला-काला पड़ने लगा, कोई चीज़ उसके शरीर में रेंग रही थी और उसका शरीर बड़ा होते जा रहा था और उसकी त्वचा मगरमच्छ की तरह सख्त हो रही थी जिस पर कुछ शल्क जैसी नुकीली रचनाएँ उभर रही थी। उसके शरीर मगरमच्छ सी सख्त पूंछ निकलते ही वो उठ कर खड़ा हो गए जिसके बाद उसका पूरा रूप सब के सामने था......................

लगभग 8फीट का ऊंचा पूरा शरीर ,एक सख्त खाल की चढ़ावत के साथ दो बड़े से लंबे हाथ जो किसी मांसाहारी जानवर के मालूम पड़ते थे, नुकीले नाखूनों वाली उंगलियाँ, अजीब से तीन उंगलियों वाले पैर जो उंगलियां कम किसी तरह के मुद्दे हुए नाखून लग रहे थे और दरिंदगी भरा चेहरा जो एक बड़े से इंसानी खोपड़ी समान था जिसके जबड़ों के किनारों से दो लंबे से मुद्दे हुए दांत निकले हुए थे किसी चींटी के डंक की तरह और सर से लेकर गर्दन से थोड़े नीचे तक सफेद नुकीले बाल! उसने तीन फुट मोटे स्टील के दरवाजे को एक मुक्के में थोड़ा कर बाहर फेंक दिया और दीवारों को तोड़ता हुआ नदी में कूद गया............ पुलिस इस वाकये से इतना घबरा गई कि उन्होंने उस जानवर की तलाश करने की भी कोशिश नहीं की, खुद को उन्होंने खुशकिस्मत माना कि किसी की जान नहीं गयी।

“जेल में मौजूद सभी अधिकारियों ने एक बहुत ही अच्छा फैसला किया कि उन्होंने ये बात कहीं बाहर नहीं जाने दी और मीडिया को भी यहीं बताया कि किसी ने चोंगयुन को बाहर से भागने में मदद की और वो क्रिमिनल किसी तरह जेनिटर के रूप में अंदर घुस आया और सारी दीवारों पर बम लगा कर उन्हें उड़ा दिया”। मिस्टर जोस ने सभी को कहा

“वो सब तो ठीक है पर जब इतनी बड़ी बात थी तो आपने सभी को क्यों नहीं बुलाया, हम तो यहां पर 10 ही लोग है, बाकी के 6 कहाँ पर हैं?” एलेनोरा ने सभी को देखते हुए पूछा

“जैसा कि मैंने कहा ये एक वर्ल्ड लेवल कैलामिटी है, बाकी के ऑफिसर्स कुछ अलग अलग देशों में गए है जहां पर ऐसी ही अजीबोगरीब घटनायें हो रही है जिनकी जानकारी आपके मेज पर पड़े दस्तावेजों में दर्ज है पर फिर भी में। अआप सभी को उसका एक क्विक ग्लांस(Quick Glance) दे ही देता हूँ।"

मिस्टर जोस ने दीवार पर लगी उस TV पर अपनी उंगलियां चलाईं और 4-5 अलग-अलग फाइलें एक साथ खुल गई

“5 साल पहले मैनहट्टन में रहने वाले डॉ रुसेव की किसी ने हत्या कर दी थी। उनके शरीर के टुकड़े करके उन्हें मारा गया था बाद में घर को आग लगा दी गयी थी और तभी से हमारी नज़र उस हत्यारे को ढूंढ रही थी जिसने ये कत्ल किया था? क्योंकि इस तरह से शरीर के टुकड़े करने में काफी ताकत की आवश्यकता पड़ती पर डॉ रुसेव के रक्त में या शरीर में हमें किसी भी तरह के हथियार का अंश नहीं मिला और ये केस बैंड करना पड़ा!” मिस्टर जोस ने एक दूसरी फैल दिखाई

“ये भी हमारे यहां ग्रीनविले की एक घटना है जहां पर लोगों के सामने से बैंक के सारे कर्मचारियों ने एक लुटेरे को सारा पैसा थमा दिया पर जब उंसवे पूछा गया कि उन्होंने ऐसा क्यों किया तो उन्हें पता ही नहीं था कि ऐसा कुछ भी हुआ है? जबकि जब उन्हें CCTV रिकॉर्डिंग दिखाई तो उन्हें भी इस पर विश्वास नहीं हुआ। हमने उन कर्मचारियों को मीडिया से बचाने के लिए पुलिस कस्टडी में ले लिया ताकि किसी तरह की परेशानी उत्पन्न न हो। पॉलैंड में अचानक ही एक बंजर जगह पर बहुत सारी चट्टानें और बड़े-बड़े पेड़ आ गए और पूरा जंगल ही बना दिया!” अब भला इस तरह कि घटनाओं को सुपरनैचुरल नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे!”काफी देर तक सारी जानकारी देने के कारण मिस्टर जोस का गला सूख गया था, उन्होंने पानी पिया और एक लंबी सांस ली।

“ तो आप ने हम सभी को इन चीजों का सामना करने के लिए बुलाया है?” एलेनोरा अपनी एक भौं ऊपर उठ कर पूछा

“हाँ और ना भी। उन चीजों से सामना करने के लिए पहले हमें पता करना होगा कि इस सब की जड़ क्या है? उसके बाद ही हम इसका सॉल्यूशन निकाल पाएंगे। तो इससे पहले की सिचुएशन आउट ऑफ कंट्रोल(Out Of Control) हो जाये, हमें इसे संभालना होगा!”

मीटिंग खत्म होते ही सभी लोग उस कमरे से निकल के आपने-अपने कमरों में चले गए, मिस्टर जोस ने कल उन सभी को एक नई टीम से मिलने की बात कही और यह भी की वे कुछ लोगों को उन देशों में भेज कर इन्वेस्टीगेशन करवाएंगे जहां पर कुछ अजीब हुआ हो ताकि जल्दी से जल्दी हम किसी नतीज़े पर पहुँच जाएं। आज का दिन एलेनोरा के लिए सच में दिमाग खपाने वाला साबित हुआ, उसे अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि ये सब अजीबोगरीब बातें सच है! पर CIA कभी जानकारी के मामले में गलत नहीं होती। एलेनोरा सीधे अपने कमरे में गयी और जाकर ठंडे शॉवर के नीचे खड़ी हो गयी, ये सब कुछ पचाना आसान नहीं था इसलिए वो खुद को शांत रखने की कोशिश कर रही थी। कपड़े बदल कर वो बिस्तर पर बैठ कर सोचने लगी कि आख़िर ये हो क्या रहा है? अपनी बांहें फैला कर जैसे ही वो लेटी.......................

“बज्जsssssss!” ऐंसी आवाज़ आयी जैसे उसका फ़ोन बजा हो, उसने अपना फ़ोन चेक करा तो उसमें एक मैसेज पड़ा हुआ था

(“मैं तुम्हें एक घंटे में घर पहुंच कर कॉल करता हूं।“)- डार्लिंग

एलेनोरा ने जल्दी से टाइम देखा, शाम के 4 बज रहे थे। उसने मोबाइल अपने तकिये के पास रख और इस सुपरनैचुरल समस्या को लेकर सोचने लगी, इसी बीच उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गयी.................. फ़ोन की तेज आवाज के कारण एलेनोरा की नींद खुली। उसे ऐसा लग रहा था जैसे वी अभी-अभी सोयी थी, मोबाइल उठा कर देखा तो फ़ोन नंबर के ऊपर डार्लिंग लिखा हुआ आ रहा था। एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ उसने फ़ोन उठाया;

(हैलोsssssss डार्लिंग! काफी देर लगा दी फोन लगाने में?) एलेनोरा ने कामुक सी ध्वनि में कहा, उसकी आवाज काफी मधुर लग रही थी।

(आई एम रियली सॉरीsssss! कुछ दिनों से काम ज्यादा था।) फ़ोन पर किसी युवा लड़के की शांत सी आवाज थी, जिसमें माफी की ध्वनि जरूर थी।

(काम था या अपने दोस्तों के साथ मस्ती में लगे हुए थे? वैसे भी अपनी ‘लांग डिस्टेंस(long distance)’ वाली गर्लफ्रैंड को भला कौन याद रखता है।) एलेनोरा ने उसकी टांग खींची

(तुम तो जानती ही हो, अगर यही सब किया होता तो तुमसे झूठ थोड़े ही बोलता।) उसने कुछ मासूमियत से कहा जिस पर एलेनोरा हंस पड़ी

(हाँ जानती हूं, पर तुम्हें थोड़ा परेशान करने का मजा ही कुछ और है। वैसे में तुम्हे ये बताना चाहती थी कि मेरा ट्रांसफर न्यूयॉर्क में हो गया है...... और शायद कुछ समय के लिए हमे हमारा घूमने का प्लान कैंसिल करना पड़ेगा।) एलेनोरा ने कुछ निराश होकर कहा

(वैसे............, मैं भी तुम्हे यहीं बताना चाह राह था कि अचानक ही यहां कंपनी में काम बहुत बढ़ गया है जिस कारण कुछ टाइम के लिए मैं भी बिजी रहूँगा। मुझे लग रहा था कि अगर मैं तुम्हें ये बताऊंगा तो तुम अपसेट(Upset) हो जाओगी, सॉरी एलेन!) लड़के की आवज में भी निराशा थी जैसे वो काफी मुश्किल से कह रहा हो

उन दोनों के बीच कुछ पल की शांति रही जैसे उनका दिल कचोट रहा हो..............तुम ठीक तो हो ना! तम्हारी आवाज कुछ ठीक नहीं लग रही।) एलेनोरा ने पूछा

(हाँ..... हाँ, मैं ठीक हूँ, बस तुम्हारी याद आ रही थी!) लड़के ने अपनी तकलीफ नहीं छुपाई

(हाँ, मुझे भी। पर क्या करूँ यार, काम ने बांध रखा है वरना कब की तुमसे मिलने आ जाती।) एलेनोरा ने बख़ूबी अपनी तकलीफ छुपा ली

(अच्छा ठीक है, अपना ध्यान रखना। लव यू!) लड़के ने कुछ रुक कर कहा

(यु टू डार्लिंग!) एलेनोरा ने फ़ोन पर ही एक किस दी और कॉल कट हो गया।

बिस्टेर पर लेटे हुए उसके सामने उस लड़के का चेहरा घूम राह था जिसे एलेनोरा बहुत प्यार करती थी। उसने एक गहरी सांस ली और छत को देखते हुए कहा “ना जाने मैं तुमसे कब मिल पाऊंगी।“

कुछ साल पहले एक गलती के कारण उन दोनों की मुलाकात हुई थी, एलेनोरा ने उसे चोर समझ कर उस पर हमला कर दिया था। वो इतने तैश में थी कि उसने उस लड़के को लगभग} घायल ही कर दिया था, वो तो सही समय पर एलेनोरा को अपनी गलती समझ में आ गयी थी वार्ना आज वो बेचारा कहीं मुर्दाघर में पड़ा होता! उसके बाद दोनों में दोस्ती हो गयी और इसी दौरान दोनों एक दूसरे को बखूबी समझने लगे और एक दिन सही टाईम देख कर एलेनोरा ने उसे प्रपोज़(Prapose) कर दिया। तभी से ये दोनों रिलेशनशिप में है पर दोनों ही अपनी जॉब्स के कारण एक दूसरे से मिल नहीं पाते थे और आज भी दोनों का यहीं हाल है.................

रात की रोशनी में पूरा का पूरा शहर इस तरह जगमग हो रहा था जैसे कोई त्योहार हो। पैराडाइस मोटेल के इस कमरे से बाहर का नजर भी काफी सुंदर दिखता था और क्योंकि ब्रूकलिन हिल्स मुख्य शहर से काफी दूर खुली जगह में है, यहां की हवा हल्की पानी की महक लेकर बह रही थी। कुछ देर आराम करने के बाद एलेनोरा का मन हुआ कि वो जरा बाहर घूम कर आए इसलिए वो थोड़ा तयार हो गयी पर कपड़े वहीं पहने जो वो पीक्सकिल से पहन कर आई थी। बाहर निकलने के लिए जैसे ही उसने दरवाजा खोला, वो उसके सामने खड़ा था

“ ओहssssss, मिस एलेनोरा!” अचानक दरवाजा खुलने से वो थोड़ा हड़बड़ा गया, उसके चेहरे पर पसीना आ गया

“क्या बात है मिस्टर कारलोस? आप यहां क्यों खड़े हुए थे?” कारलोस की हड़बड़ाहट देख एलेनोरा मुस्कुराई

कारलोस ने खुद को संभाला, अपने नीले कोट की सफेद शर्ट पर लगी टाई को जरा ठीक किया।

“वो...मैं....इस.. शाम खाली था तो सोचा क्यों ना आपको डिनर के लिए पूछ लेता हूँ, अगर आपका कोई दूसरा प्लान न हो तो...?” कारलोस के कुछ शब्द अटक गए थे

“क्या तुम यहाँ अकेले ही हो?”

“ नहीं.... मेरे दोस्त कुछ दिनों के लिए बाहर गए है, इसलिए अभी कुछ दिनों के लिए में यहां पर अकेला ही हूँ”। कारलोस ने एलेनोरा की आंखों में देख कर कहा और एलेनोरा ने अनुमान लगा लिया कि कारलोस सच ही बोल रहा है।

“तो फिर चलते है मिस्टर कारलोस, मैं भी बाहर ही जा रही थी”।

“वैसे आप मुझे कारलोस ही बुलाया करें। ये ‘मिस्टर’ ज्यादा फॉर्मल लगता है” कारलोस जममें देखते हुए शरमाया

“ठीक है कारलोस, मुझे भी तुम एलेन बुला सकते हो” एलेनोरा ने उसके साथ लिफ्ट की ओर चलते हुए कहा “ और हां!.........मुझे मेरे नाम से बुलाया करो, ये ‘आप’ ज्यादा फॉर्मल हो जाता है”।

एक पल के लिए कारलोस ने एलेन को देखा, उसे देजा-वू से अहसास हुआ और अगले ही पल दोनों ठहाकों में बरस पड़े। कारलोस के पास खुद की एक BMW कार थी, सिल्वर कलर की मॉडल नंबर 330i, 3 सीरीज। जितना वो बाहर से सुंदर थी उतनी ही अंदर से शानदार, और काफी कंफर्टेबल। कारलोस ने कार न्यूयॉर्क की तरफ घुमाई और कुछ ही देर में एक बड़े से रेस्टोरेंट के सामने रोक दी।



“क्लाउन शाय”

उस होटल के बाहर कांच की दीवारें थी सो अंदर का कुछ अच्छा सा नजारा लोगों के सामने आता था। बाहर से ही एक साफ से रिसेप्शन ओर ठीक सामने एक शराब की अलमारी सजी रखी हुई थी जो जाहिर है कि पैराडाइस व्हाइट मोटेल के कमरों वाली अलमारी से काफी बड़ी थी। दीवारों के सफेद रंग अलग ही चमक मार राह था जिससे वहां की सफाई और भी ज्यादा दिख रही थी, रिसेप्शन के सामने बाईं तरफ की दीवार के आसपास फूलों के गमले रखे हुए थे जिनमें तरह-तरह के फूल सजे हुए थे पर जो सबसे अलग दिख रहे थे वो थे गहरे लाल रंग के गुलाब, जिन्हें देखने भर से ही कोई भी उनकी ओर खींचा चला आए।

दोनों ही कर से उतरे और होटल की तरफ जाने लगे, दर्जे पर खड़े दरबान ने झुक कर सलाम किया और उन्हें अंदर जाने का इशारा किया। अंदर जाकर कारलोस ने एक टेबल बुक करी, एक वेटर आया और उन दोनों को उसी जगह से बाई ओर ले गया जहां पर वो शराब की अलमारी रखी हुई थी, अंदर का यह कमर था तो इतना बाद की आराम से 60-70 लोग उसमें समा जाते पर वह पर सिर्फ 5 गोल मेजें लगी हुई थी और किनारे की जो टेबल कारलोस ने बुक की हुई थी उसकी बाई तरफ दीवार जैसा बड़ा सा मछलीघर था जो पूरी दीवार जितने बड़े कांच के घर में। अंदर कुछ गोल्ड फिश, शैल फिश, समुद्री कोरल और कुछ शंख वाले केंकड़े थे, और रंगबिरंगे पत्थरों की सजावट वहां पर बहुत खिल रही थी। वहां पर सिर्फ 2 ही टेबलें भरी हुई थी और काफी अच्छी शांति उस माहौल में पसरी हुई थी। दोनो ने अपनी जगह ग्रहण की और वेटर ने उनसे इसी बीच आर्डर ले लिया, एलेनोरा ने वेटर से वहीं लेन को कहा जो कारलोस ने मंगाया। उस वेटर के जाते ही एक दूसरी वेटर आयी, उसने दो कांच के फैंसी गिलासों में, हाई क्वालिटी की रेड वाइन डाली और बोतल को वहीं रख कर वहां से चली गयी..........

“तुम यहाँ पर पहले कभी क्यों नहीं आये? मुझे तो लगा था कि तुम यहीं पर रहते हो।" एलेनोरा ने वाइन के गिलास को उठाते हुए पूछा

“आपको...अ.. मेरा मतलब तुम्हें कैसे पता में यहां पहली बार आया हूं?” कारलोस ने बड़े आश्चर्य से पूछा

“क्योंकि तुम काफी नर्वस(Nervous) लग रहे हो और तुम भी इस जगह को वैसे ही देख रहे थे जैसे बच्चा नए खिलौने को देखता है”। वाइन का घूंट एलेन के गले से नीचे उतरा

“कमाल की नजर है तुम्हारी! कोई शक नहीं कि तुम एक पुलिस अफसर हो”। कारलोस ने मुस्कुराते हुए कहा

इतने में ही वो वेटर खाना लेकर आ गया, उसने मेज पर 2 स्टेक से भरी हुई प्लेट लगाई और एक बड़ा सा चीज़ टार्ट का गोल कटोरेनुमा बर्तन बीच में रख दिया।

खाने की खुशबू मात्र से पता चल रहा थ की उसका स्वाद कितना लाज़वाब होगा, इतना कि मुँह में पानी आ गया। ख़ैर दोनों ने मजे लेकर डिनर किया, कुछ यूं ही आपस में काम को लेकर बातें की और आखिरकार खाना खत्म करके वहां से बाहर निकल आये। जितना बड़ा वो चीज़ का टार्ट था उससे भी बड़ा वहां का बिल था, जिसे देख कर एलेनोरा को हंसी आ गयी। एलेनोरा बिल देने वाली थी पर कारलोस ने ये कह कर रोक लिया कि ‘इस बार में दे देता हूं, अगली बार तुम दे देना’।

रात काफी घिर गई थी पर ऐंसा लग नहीं रह था कि अंधेरा हो गया है, वहां की जगमगाहट ही इतनी जबरदस्त थी। कारलोस ने गाड़ी वापस मोटेल की ओर रवाना की, कारलोस आराम से कार चला रहा था;

“वैसे तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या? या मिस ‘पुलिस वुमन’ अकेली अपने काम में ही व्यस्त रहती है”

“हाँ है ना!” एलेनोरा का जवाब सुनते ही जैसे कारलोस की स्माइल कुछ ढल सी गयी जिसे एलेनोरा ने बखूबी देख लिया “वैसे लगता नहीं है तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड है”।

“अब तुमसे क्या छुपाना? तुम तो आराम से सब कुछ जान लेती हो।“ कारलोस ने अपनी मुस्कान वापस लाते हुए कहा “ वैसे मैं तुम्हे लाइन देने की सोच रहा था”

कारलोस की इस बात पर एलेन खिलखिला के हंस पड़ी।

“हाँ, जानती हूँ” एलेन ने अपना सर सीट से टिकाया “ तुम बहुत अच्छे हो, काफी मजेदार हो और एक बेहतरीन दोस्त भी पर मेरी डार्लिंग की बात ही कुछ और है!”

“ ओहssssss, “ कारलोस ने एलेन को कुछ चिढ़ाते हुए कहा

“अच्छा! जरा हमें भी बताओ कि आखिर उसमे ऐसी भी क्या बात है जो तुमने उसे चुना”।

एलेनोरा ने कारलोस को अपनी सारी कहानी बताई की वो कैसे अपने बॉयफ्रेंड से मिली ओर कैसे वो अभी भी साथ में है। कारलोस बहुत ही मजे से एक दोस्त की तरह उसकी बातें सुनता रहा और बीच बीच में वो भी कुछ अपने किस्से सुना देता। इसी तरह किस्सों में डूबे से वो दोनों वापस अपने कमरों तक पहुँचे, उनकी बातें तो जैसे खत्म ही नहीं हो रहें थी। अंत में दोनों ने एक दूसरे के फ़ोन नंबर लिए और अपने-अपने कमरों में चले गए। कुछ थोड़ा वाइन का असर था और कुछ बातों की थकावट की बिस्तर पर गिरते ही एलेनोरा नींद के आग़ोश में समा गई। काल से उस नए केस की इन्वेस्टीगेशन शुरू होनी है, जो अवश्य ही एक रोमांचक एडवेंचर पर ले जाएगी।



देखने में एक बड़ा सा खाली कमरा था, हर दीवार में दो बड़ी सी कांच की खिड़कियां थी, नीचे जमीन पर एक काला मैट बिछा हुआ था और कमरे के बीचों-बीच लटक रहा था एक बड़ा सा पंचिंग बैग! उस कमरे में सृजल यादव खड़ा हुआ था, निकर में खड़ा वो पसीने से नहाया हुआ था और उस पंचिंग बैग को ऐसे देख रहा था जैसे वो कोई जीवित चीज़ हो। सृजल की बॉडी में गर्दन के पीछे एक गोल सी चिप लगी हुई थी, यहीं कुछ हथेली बराबर की और वो वहां पर अकेले नहीं था। किसी की निगाहें उसे देख रहीं थी..............

“एक बार और सृजल, ये आखिरी बार है फिर इस डिवाइस का टेस्ट पूरा हो जाएगा!” उस कमरे के बाहर एक आफिस जैसी जगह में आनंद बैठा हुआ था, जो किसी तरह के टेस्ट की बात कर रहा था। सामने एक लंबी सी सफेद टेबल थी जिस पर सिर्फ एक लैपटॉप रखा हुआ था जो कि आनंद चला रहा था।

सृजल ने उसे अंगूठा दिखा कर शुरू करने का इशारा किया। और आनंद के लैपटॉप में एक बटन दबाते ही सृजल शुरू हो गया। सृजल ने उस पंचिंग बैग पर अपने मुक्के बरसने शुरू कर दिए, कभी फुटवर्क के साथ तो कभी एक जगह खड़े होकर। पहले उसकी रफ्तार धीमी थी, फिर बढ़ती गयी इतनी की वो पंचिंग बैग जो सृजल से भी दुगने साइज का था उस पर सृजल के मुक्कों के आकार बनने लगे। वो गोल लंबे से सिलिंडर जैसा पंचिंग बैग अब किसी मार खाये हुए व्यक्ति की तरह इधर उधर से चपटा से हो गया था, अपने एक आखिरी जबरदस्त ‘जैब’ के साथ सृजल ने खुद को रोक लिया।

“बहुत बढ़िया सृजल, यह ‘बॉडी इम्पैक्ट’ और ‘ऑटोप्सी’ चेक करने वाली मशीन सही काम कर रही है” आनंद ने अंदर से लगे हुए एक माइक के जरिये कहा जिसकी आवाज़ सृजल को कमरे में लगे स्पीकर्स से साफ सुनाई दे रही थी। सृजल ने पास में रखा एक ब्लूटूथ ईयरबड उठा कर कान में लगाया

“ ठीक है, मेरा स्कोर तो बता दे?”

“अरे हाँ यार वहीं तो बताने वाला था” आनंद ने जल्दी से लैपटॉप में देखा “वेल,(well) तुम्हारी एवरेज पंचिंग पावर है 800 पाउंड्स टू 1000 पाउंड्स! काफी बढ़िया है और मैक्सिमम गयी है 1700 पाउंड्स तक! वूsssssह......” आनंद ने आश्चर्य में किलकारी मरते हुए कहा “ यार इतनी पावर तो हैवयवेइट्स वाले फाइटर्स कि होती है, कमाल कर दिया यार”

“चल भाई, चल! रात बहुत हो गयी है, जल्दी घर चलते है”। सृजल की बात सुनते है आनंद लैपटॉप वहां रख कर बाहर चला गया और जाते जाते कह गया “ मैं कर में तेरा इंतज़ार करता हूँ”

सृजल ने उसके जाते ही फ़ोन उठाया और उसमें एक मैसेज टाइप करके भेज दिया। जाते जाते उसने एक बहुत ही हल्की पर तेज़ किक उस बैग पर मारी और अपना सामान उठा के ले जाने लगा, वो लैपटॉप भी उठा कर अपने बैग में डाला और यूँ ही निकर पर बाहर चला गया।

अब वो कमर एक दम खाली थान बिल्कुल सन्नाटा छाया हुआ था कि इसी बीच किस चीज़ की हल्की सी फटने की आवाज आयी और कुछ जमीन पर गिरने लगा.... “भर्ssssssss.......” वो पंचिंग बैग फट गया था और उसमें से रेत और लकड़ी का बुरादा रिसकर गिरने लगा था..........
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The 13th अध्याय-6


वूsssssह, यव कमरा इतना खाली क्यों है?” एलेनोरा वापस उसी मीटिंग रूम में आई थी जो मोटेल के टॉप फ्लोर का सबसे बड़ा कमर था। जहाँ पर सबसे आगे अपनी जगह पर मिस्टर जोस बैठे हुए थे और उनके पास सर में मरहमपट्टी किये हुए रोबर्ट जो एक टैब लिए कुछ देख रहा था।

“बाकी लोग कहाँ चले गए?”

“मैंने उन सभी को कल रात में ही दूसरे देशों में रवाना करवा दिया है ताकि हमारी ये इन्वेस्टीगेशन कुछ रफ्तार पकड़ ले!” मिस्टर जोस ने अपनी कुर्सी से टिक कर कहा

“तो फिर हमें क्या करना है? आपके पास कोई प्लान तो होगा ही”। एलेनोरा ने अपनी कुर्सी संभालते हुए कहा

मिस्टर जोस उठे और जाकर उस बड़ी सी दीवार TV के सामने खड़े हो गए, फिर वे कमरे की बाई ओर गए जहां पर खिड़कियों पर पर्दे लगे हुए थे। उस खाली दीवार के कोने में उन्होंने हाथ लगाया और एक चौकोर सी बटन जैसा हिस्सा अंदर चला गया और उस जगह पर जहां अभी तक एक खाली दीवार थी अब वहां पर एक खुफिया दरवाज़ा बन चुका था। रोबर्ट को इस तरह की चीज़ें देखने की आदत नहीं थी इसलिए उसका मुंह आश्चर्य से खुला से रह गया पर एलेन को जैसे इस बात का अंदाजा था, मुस्कुराते हुए वो मिस्टर जोस के पीछे-पीछे अंदर चली गयी। रोबर्ट ने भी अपना खुला मुँह बैंड किया और एलेन के पीछे चल दिया।

दरवाजा खोलते ही उनके सामने एक बड़ा सा कमरा था जिसकी दीवारें नीले रंग की थी। कुछ टेबल-कुर्सियां लगी हुई थी जिन पर कुछ दस्तावेज, फाइलें और मैप पड़े हुए थे, एक कोने में बड़ा सा मॉडिफाइड(Modified) कंप्यूटर था, सामने दीवार पर कुछ बंदूकें तंगी हुई थी, एक दूसरे कोने में एक वेंडिंग मशीन लगी हुई थी और सबसे आख़िर के कोने में एक पुस्तक की अलमारी रखी हुई थी जहां पर पास में ही एलेनोरा खड़ी हुई थी। और सबसे बड़ी बात; उस कमरे में पहले से ही कुछ लोग काम कर रहे थे

“तो आओ तुम सभी को तुम्हारे नए साथियों से मिलता हूं”। सामने की ही डेस्क पर एक सांवली सी लड़की जिसकी उम्र लगभग 25 साल लग रही थी, एक मैप पर काम कर रही थी जो देखने में न्यूयॉर्क का ही लग रहा था

“ये है हमारी मैपिंग इन्वेस्टिगेटर मिस ‘जुलिया रॉबर्ड’। अभी कुछ ही महीनों से हम इनके साथ काम कर रहे है और में तुम्हें यकीन दिलाता हूं कि इनकी काबिलियत हमारे शक से कहीं ज्यादा अच्छी है”

“आपके बारे में मिस्टर जोस से काफी कुछ सुना है मिस एलेनोरा, मिलकर ख़ुशी हुई!” एक बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ जुलिया ने अपना हाथ आगे बढ़ाया

“मुझे भी तुमसे मिलकर खुशी हुई जुलिया” एलेनोरा ने उसका हाथ मिलाया और फिर मिस्टर जोस उन्हें बीच वाली टेबल पर ले आये जहां पर एक भारी से शरीर का आदमी बैठ हुआ एक स्नाइपर राइफल साफ कर रहा था, रंग से काला और ऊपर से उसका चमकता टकला एक दम जंच रहा था

“ये है ‘इथन मूरे’। दो साल पहले अफ्रीका में आयोजित एक सिलेक्शन कैम्प में हमारी मुलाकात हुई थी, उस टाइम तो हमने इन्हें नहीं चुना था पर हम इनके कांटेक्ट में जरूर थे और आज फाइनली ये हमारे साथ एक ऑफिसियल मिशन पर है”।

“उम्मीद है हमारी अच्छी जमेगी” इथन ने एलेनोरा से हाथ मिलाया और एलेनोरा ने एक बड़ी सी स्माइल के साथ जवाब दिया

“मुझे भी यहीं लगता है”

और सबसे आखिर में एक दुबला पतला सा लड़का जिसकी उम्र लगभग 20-25 साल के बीच में रही होगी, उस मॉडिफाइड कंप्यूटर के सामने बैठ हुआ था जिसने सर पर एक पीली टोपी पहन रखी थी

“और ये है हमारे मिस्टर हैकर जो पिछले 10 सालों से हमारे साथ काम कर रहे थे छुप कर पर अब वक्त आ गया है इसे ऑफिशियली CIA जॉइन करने का। यहीं वो शख़्सियत है जिसने सबसे पहले डॉ. रुसेव की मौत पर शक जाहिर किया था और साथ ही इसी ने हमें किसी तरह की सुपरनेचुरल पॉवर के बारे में आगाह किया था।“

इस बार एलेन ने अपना हाथ आगे बढ़ाया, जिस पर वो लड़का मुस्कुरा कर बोला

“फाइनली!....... आपसे मिलकर अच्छा लगा ‘रेड क्वीन’, मेरा नाम है ‘जैक पिज्जा’। आपकी खिदमत में हाजिर” हाथ मिलाते हुए एलेनोरा के चेहरे पर हल्की सी हंसी आ गयी

“क्या तुम्हारा फैमिली नाम सच में ‘पिज्ज़ा’ है? या....” एलेनोरा की बात पूरी होने से पहले ही उसने कहा दिया

“नहीं... में तो एक अनाथ हूँ, अनाथालय में सभी का पूरा नाम था पर मुझे तो पता नहीं था कि मेरे मां-बाप कौन थे। एक दिन। मैंने पिज्जा खाया और वो मुझे बहुत पसंद आया तो मैने अपना सरनेम ‘पिज्ज़ा’ रख लिया” एलेन की नजर वहाँ नीचे पड़े पिज्जा के कलहली बॉक्सेस पर गयी

“तुमसे मिलकर काफी अच्छा लगा जैक, उम्मीद है हम जल्द ही इस केस को सुलझा लेंगे”।

“देखते है मिस एलेन” जैक अपने कंधे उचका कर कुछ असमंजस में बोला और वापस जाकर अपनी जगह में बैठ गया

मिस्टर जोस उन दोनों को लेकर सबसे आगे एक अलग सी टेबल के पास जाकर बैठ गए जो जुलिया के काफी करीब थी। उसके बाद उन्होंने मुँह से सीटी बजा कर सही का ध्यान इस ओर आकर्षित किया

“आज से तुम सब एक टीमहो और आज ही हमें इस केस से जुड़ी एक लीड की जरूरत है ताकि हम किसी तरह एक नतीजे कि ओर बढ़ सके। तो...... लग जाओ काम पर” मिस्टर जोस वहां से जाने लगे पर जाने से पहले अपनी टीम की ओर देखकर पूछे “ कोई सवाल?” और उनके इतना बोलते ही सारे नये मेम्बेर्स के हाथ ऊपर खड़े हो गए जिसे देख कर बड़े ही अफसोस के साथ उन्होंने अपने सर पर हाथ फेरते हुए पूछा-“अब क्या पूछना है?”

“ये नमूना कौन है?!” सभी न अपनी उंगली रोबर्ट की तरफ कर दी जो इस समय उस टेबल पर रखा हुआ सैंडविच खाने वाला था, अपना मुँह बड़ा सा फाड़ते हुए वो सैंडविच उसके मुंह के अंदर तक आधा समा चुका था पर सभी की उंगलियां खुद की तरफ देख कर उसने जैसे का तैसा सैंडविच अपने मुंह से निकाल कर वापस प्लेट में रख दिया। और मिस्टर जोस की तरफ ऐसे देखने लगा जैसे कह रहा हो ’भूख लगी थी सर’! एलेन ने उस समय अपनी हंसी को सच में बहुत मुश्किल से रोक कर रखा था, वो बार-बार अपने पास रखे गिलास से पानी पीकर लंबी साँसे भरे जाए रही थी ताकि उसकी हंसी रुक जाए!

थोड़ी ही देर में रॉबर्ट का इंट्रोडक्शन करवा कर मिस्टर जोस वहां से चले गए। उसके बाद जो सब लोग काम पर लगे है तो रुकने का कोई नाम ही नहीं, जैक अपने कंप्यूटर में काफी सारे डॉक्यूमेंट ओपन कर के देख रहा था, जुलिया भी अपना मैप ले जा कर जैक से कुछ बात कर रही थी। रोबर्ट,एथन के साथ बैठ कर कुछ पुराने केस की स्टडी कर रहा था। एलेनोरा ने जैक से बात कर के उससे उन सारी लीडस् की जानकारी निकलवा ली जिससे उसे ये पता चला था कि ये घटनाएं सुपरनैचुरल है साथ ही इससे जुड़े जितने भी लोग शक के दायरे में आते, उन सब की भी एक लिस्ट बनवा कर निकाल ली। उन सभी को देख कर इस लग ही नहीं रहा था कि वे एक नई टीम है बल्कि वे सब तो हैरतअंगेज रूप से ऐसे काम कर रहे थे जैसे सालो ने एक साथ काम कर रहे हों।

“चलो गाइस(Guys) काफी टाइम हो गया है, अब क्या पूरी रात यहीं पर रहोगे!” मिस्टर जोस अंदर इस कमरे में आकर सामने लगी एक कुर्सी पर बैठ गए “क्या हुआ? तुम सब मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो?”

सभी लोग उन्हें ऐसे देख रहे थे जैसे उन्होंने कुछ गलत कह दिया हो, एलेनोरा ने अपने हाथ में थामे हुए उन कागजों को टेबल से ठोंक कर एक समान किया और वहीं रख कर बोली

“आप इतनी जल्दी क्यों वापस आ गए? आपने तो कहा था कि रात तक आएंगे?” एलेनोरा ने एकटक घूर कर पूछा

“मैडम में रात को ही आ रहा हूँ। 7:30 हो रहा है” मिस्टर जोस की बात सुनकर सभी दंग रह गए, सभी काम में इतने मगन थे कि उन्हें टाइम का पता नहीं चला। रोबर्ट तो अभी भी सिर खुजा कर ये बात समझने की कोशिश कर रहा था........

“खैर,.......वो सब छोड़ो। इन्वेस्टिगेशन कुछ आगे बढ़ी?”

“हाँ सर! काफी कुछ नया पता चला है, अभी उसकी रिपोर्ट बताते है” एलेनोरा ने सभी को बैठ ने का इशारा किया पर जैक को आगे आने का इशारा किया “जैक! तुमसे शुरू करते है। बताओ मिस्टर जोस को.......”

जैक ने अपना एक टैब उठाया और आगे गया, मिस्टर जोस के पास खड़े होकर उसने अपनी रिपोर्ट बतानी शुरू की। उसके टैब में एक होलोग्राम फीचर था जिस पर उसने कुछ लगाया और सबसे पीछे की दीवार पर कुछ चित्र चलने लगे

“ये उस बैंक चोरी के बाद कि फुटेज है और ये वो आदमी है जिसने बैंक से सारा पैसा लूटा” जैक ने एक मास्क और हुड वाली नीली जैकेट पहने आदमी की ओर फोकस किया “लूटने के बाद भी ये बड़े ही आराम से बाहर जा रहा है और इसके आसपास भी किसी को कोई शक नहीं हुआ कि आखिर ये व्यक्ति बैंक से इतना बड़ा बैग लेकर अकेला क्यों बाहर निकला? ये वहां से 5 मिनट तक पैदल चला और उसके बाद जाकर एक एंबुलैंस में बैठ गया जिसका नंबर है MH5807! ये मैनहट्टन के रूसेवेट हॉस्पिटल की एम्बुलेंस है और इसकी आखिरी लोकेशन नदी के पूर्वी हिस्से की तरफ जाते हुए दिखी थी पर वहां पर आगे कोई भी CCTV नहीं है इसलिए हम यह नहीं कह सकते कि वो आखिर गया कहाँ? उससे पहले की चोरियों में भी इसी हॉस्पिटल की एम्बुलेंस का यूज़ किया गया पर वो सब अलग थी, उनके नंबर अलग थे........हाँ, फिलहाल इतना ही पता चला, सबूत के साथ!” वहाँ से हट कर अपनी जगह पर जाते हुए जैक ने अपने आखिरी शब्दों पर जोर दियाजब पुलिस ने इस सब की जांच की थी तो उन्हें तो इतना सब मालूम नहीं चला था?” मिस्टर जोस ने कुछ शकि नजरों से जैक को देखा

“क्योंकि जिन रास्तों से वो एम्बुलेंस पूर्वी नदी के पास गई थी वहां पर बहुत ही कम कैमरे थे और बैंक के पास और भी कई एम्बुलेंस खड़ी हुई थी पर जिसमें ये चोर गया उसके सामने एक कांच की दीवार थी जिसमें CCTV में सिर्फ़ 5 ही एम्बुलेंस दिखी, छटवीं वाली नहीं!” एलेनोरा ने मिस्टर जोस की बात का पूरा जवाब दे दिया जिससे मिस्टर जोस काफी इम्प्रेस्सेड(impressed) दिखाई दिए

इसके तुरंत बाद ही एलेनोरा के इशारे पर जुलिया भी आगे आ गयी उसके हाथ में 2-4 नक्शे थे जिनमें से एक को उसने दरवाजे के पास वाली खाली दीवार पर 2 मैग्नेटिक क्लिप से चिपका दिया, ये मेनहट्टन का नक्शा था

“मैनहट्टन के इस बैंक के आसपास जितनी भी बिल्डिंग्स है उन सब के बीच में कुछ खाली जगह है जो गलियों की तरह है जहां पर अक्सर ये लोग कचरे के डिब्बे रखते है। पर चोर ने इन सब चीजों का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जैसे वो जानता हो कि यहां पर चोरी करकर पकड़ा जाना बहुत ही आसान है? ” जुलिया आगे कुछ कहती कि तभी मिस्टर जोस बोल पड़े

“इसमें कौन सी बड़ी बात है? ये बात तो सभी जानते है कि शहर में काफी जगहों पर CCTV लगे हुए हैं”

“अरे जुलिया!” एलेनोरा अपनी आंख के ऊपर थोड़ा सहलाते हुए कहा “ ये वाला मैप नहीं, दूसरा वाला बताना था जिसपर हमने आख़िर में चर्चा की थी” एलेनोरा की बात सुनते ही जुलिया को ध्यान आया कि वो जो भी बता रही थी वो सब किसी काम का नहीं था? उसका चेहरा शर्म से हल्का लाल हो गया

“जैक, हमें वो मैप दिखाओ जिस पर हमें लीड मिली थी”। जैक ने वापस उसी दीवार पर होलोग्राम चला कर मैप दिखाया जिस पर पर उसने थोड़ी देर पहले ही अपनी रिपोर्ट दिखाई थी

“हाँ तो मैं इस मैप की बात कर रही थी” जुलिया ने अपनी शर्म पर गंभीरता का पोंछा मारा “ मैनहट्टन से आगे की तरफ जहां पर नदी का पूर्वी हिस्सा है, डॉनिंग विलेज के आसपास ही आखिरी बार उसे जाते हुए देखा ही पर क्योंकि उस एरिया में उस समय इलेक्ट्रिसिटी की काफी प्रॉब्लम थी और उस तरफ इतने cctv भी नहीं लगे हुए थे कि हमें पक्का पता चले की वो चोर आख़िर गया कहाँ? पर बडी परेशानी ये है कि यहीं पास में काफी सारा पानी है तो कहीं वो पानी के रास्ते.............”

जुलिया को आगे सोचते हुए देख मिस्टर जोस ने कहा “ ठीक है जुलिया में तुम्हारी बात को समझ गए हूँ, कुछ ओफ्फिसर्स को मैं अभी काम पर डॉनिंग विलेज भेज देता हूँ”

“ वैसे कुछ और भी है क्या बताने को?” मिस्टर जोस ने पूछा

“हाँ, वैसे एक बात तो थी पर...समझ नहीं आता वो कितनी सही है?’ एलेनोरा ने कुछ झिझकते हुए कहा

“बताओ तो सही, जितना ज्यादा पता होगा उतना ही अच्छा होगा”

“हमें लगता है ये जो चोर है..... उसके पास लोगों को बड़े पैमाने पर कंट्रोल करने की पावर है: जो कि बहुत ही बड़ी परेशानी है अगर हमारे शक सही हैं तो!” एलेनोरा की बात ने ना सिर्फ माहौल मृत कर दिया बल्कि एक बार के लिए सभी को सोचने पर मजबूर कर दिए कि अगर ऐसी शक्ति सच में है तो भला हम इसका मुकाबला कैसे करेंगे? पूरा कमर कुछ पलों के लिए शांत ही रहा किसी ने कुछ भी नहीं

कहा...... आखिर मैं मिस्टर जोस ने सभी को वहाँ से जाने को कह दिया, सभी वहां से चले गए। मिस्टर जोस का कहना था कि आज के लिए इतना काफी है, जब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता हम इस तरह की ज्यादा शक्तियों में विश्वास नहीं कर सकते!

एलेनोरा के सभी नए साथी भी इसी होटल में रुके हुए थे ताकि अपने काम को आसानी से अंजाम दे सकें। बार-बार आना जाना लोगों को शक के दायरे में ला देता है, इसलिए मिस्टर जोस ने सभी को एक ही मोटेल में रखा है। बहुत कम लोगों को ये बात मालूम है कि इस होटल की नींव पिछले CIA हेड, मिस्टर इवान दामित्री ने रखी थी ताकि किसी को इस तरह के मोटेल पर शक न हो कि ये एक CIA का सेकेंडरी हेड क्वाटर भी हो सकता है।

एलेनोरा लिफ्ट में चढ़ कर अपने फ्लोर की ओर निकल गयी अब क्योंकि उसके अलावा सभी का कमरा टॉप फ्लोर पर ही था, वो अकेले ही नीचे जा रही थी। लिफ्ट से निकल कर जैसे ही गलियारे के कोने से उसकी नजर अपने कमरे की ओर पड़ी वहां पर कोई खड़ा हुआ था, यहाँ से एलेनोरा को सिर्फ पीठ दिख रही थी वो अभी थोड़े आगे ही बढी थी कि वो आदमी दीवार से टिक कर सामने देखने लगा............... वो कारलोस था!

वो वहां पर खड़ा पता नहीं कौन से खयालों में खोया हुआ था? उसने एलेनोरा की तरफ ध्यान ही नहीं दिया

“लगता है काफी देर से किसी का इंतज़ार कर रहे हो!” एलेनोरा के चेहरे पर तीखी सी मुस्कुराहट थी जैसे वो कारलोस को परेशान करने के वाली हो। और कारलोस ने उसे अभी भी नहीं देखा था, हैं उसकी आवाज सुनकर जैसे सपने में बोल पड़ा

“हां यार, काफी देर कर दी उस.......नेssssssss ह!” एलेनोरपर जैसे ही उसका ध्यान गया वो दीवार से फिसल कर जमीं पर गिरने लगा पर आखिर में खुद को संभालते हुए वो वापस उठ खड़ा हुआ। एलेनोरा को अचानक देख कर वो सकपका गया था

“क्या बात है कारलोस, बहुत जल्दी गिर गए!” एलेनोरा की आवाज में चिढ़ाने वाला स्वर था

“नहीं, नहीं वो तो में यहां पर खड़ा तुम्हारा इंतजार कर रहा था और फिर में कुछ और सोचने लगा था” आखिरी के शब्द कारलोस ने बड़े धीरे कहे अजीज़ सांसो को संभाल राह हो

“तो तुम मेरा इंतजार क्यों कर रहे थे?”

“ वो तुमने बताया नहीं था कि तुम वापस कब आओगी और तुम आज सुबह भी काफी जल्दी चली गयी थी”

“तो तुम ये पता करने के लिए मेरा इंतजार कर रहे थे?” एलेनोरा ने निगाहें तिरछी करीं

“नहीं, में तो......ये पूछने के लिए आया था कि अगर तुम आज भी रात को फ्री हो तो क्यों न हम घूमने चले?” इस लग रहा था कि वो कुछ और भी पूछने वाला था पर आगे बोलने से रुक गया

एलेनोरा ने उसे ऐसे देखा जैसे वो उसे कहा जाएगी, बड़ी आंखें और तड़कते चेहरे के साथ। कारलोस तो बहुत ही ज्यादा घबरा से गया जैसे उसने कुछ गलत कह दिया हों, एलेनोरा का एक हाथ हवा में उठा और कारलोस ने तेज़ी से आंखें बंद कर ली........ ‘टप्प’ उसके कंधे पर एलेनोरा का हाथ रखाया

“आधे घंटे में मिलते है, ओके” इतना कह कर मुस्कुराते हुए एलेनोरा अपने कमरे में चली गयी। उसके बाद कारलोस बर्फ की तरह पिघलते हुए जमीन पर बैठ गया, उसने राहत की सांस ली

“कभी-कभी मुझे इसके बॉयफ्रेंड पर तरस आता है” सर ऊंचा कर वो खुद से बोला “वो बेचारा इसको झेलता कैसे होगा?”

न्यूयॉर्क बहुत ही आलीशान शहर है। यहां पर सब कुछ है, किसी भी चीज़ की कमी नहीं है सिवाय एक के........ ‘शान्ति’! शांति नाम की चीज़ यहाँ पर होती ही नहीं है। वैसे ही यहां की चकाचोंध तेज़ है ऊपर से भरी चहल-पहल भी। एलेनोरा और कारलोस गाड़ी से आज रात पूरा शहर घूम रहे थे, तरह-तरह की दुकानें, भवन सब कुछ एक दम फर्स्ट क्लास था। ब्रूकलिन से लेकर मैनहट्टन तक लगभग सारी खाने पीने की दुकानों पर आज रात दोनों की मैराथन चल रही थी, एक भी स्टाल इन दोनों ने नहीं छोड़ा! कभी स्ट्रीट फूड तो कभी बर्बिक्यु, कभी जूस तो कभी कॉकटेल और तो और पीने के बाद दोनों ने लहराते हुए एक सी-फ़ूड के स्टाल वाले के सारे ग्राहकों को ये बोल कर भाग दिया कि ये आदमी लोगों को जिंदा स्क्विड खिला देता है! इतना सुन कर तो लोगों के चेहरे बन गए, जो वहां बैठ कर खा रहे थे वो भी उल्टी करते हुए वहां से निकल गए..................

फ़ूड स्टाल का मालिक अभी इन दोनों को डांटने के लिए गुस्से में आगे ही बड़ा था कि कारलोस और एलेनोरा ने बिना उसे बोलने दिए सारी डिशेज़ आर्डर कर ली और उस फ़ूड स्टाल वाले का पूरा खाना ये दोनों अकेल ही खा गए। वो अपनी छोटी सी आंखे फाड़-फाड़ के इन दोनों को देखत रहा पर आख़िर में उसने इन दोनों को माफ कर दिया क्योंकि उन्होंने उस फ़ूड स्टाल वाले का खाना भी खा लिया और अच्छे खासे पैसे भी कम लिये।

रात को 12-1 बजे के आसपास ये बेवड़ों की तरह एक दूसरे के कंधों में हाथ डाले, संभालते हुए अपने कमरों तक किसी तरह लिफ्ट के जरिये आये। नीचे रिसेप्शन वाले तो पागल से हो गए थे जैसे कह रहे हों ‘भला ये क्या चल रहा है हमारे मोटेल में’? सब तरफ अफरा तफरी मचा कर किसी तरह लुढ़कते हुए ये दोनों अपने कमरे के पास पहुंचे। एक दूसरे को देख कर हंसते हुए इन दोनों ने अपने कमरों के दरवाज़े खोले और दारू की ध्वनि में अपने अपने बिस्तर गिर कर अंतर्धान हो गए।



पोलैंडलोकेशन- ???

जगह देखने में भीड़ से अलग थीं, न गाड़ियों का शोर न ही किसी तरह के निर्माण सिर्फ गिनती के घर वो भी काफी दूरी पर। आसपास का इलाका काफी हरा-भरा था, जंगल से प्रतीत होता था पर जंगल था नहीं, बस खाली जमीन पर कुछ घने पेड़ों के झुंड थे। उसी से लगा हुआ एक तालाब और उसके साथ बड़े-बड़े पत्थर, जो देखने में सुंदर तो थे ही उनकी वजह से इस लग रहा था जैसे किसी ने तालाब को आकर्षक बनने के लिए वो पत्थर वहां लगाए थे।

उसी तालाब में काफी हलचल हो रही थी, कुछ हंसी भारी किलकारियां गूंज रही थी

“आह.... नहीं ईव! पानी बहुत ठंडा है, सर्दी हो जाएगी” एक 16-17 साल का लड़का जिसके बाल बहुत छोटे थे, एकदम कटोरा-कट, अपनी दोस्त ईव को तालाब में जाने से रोक रहा था जिस पर ईव ने उस पर पानी उछाल के भिगा दिया

“इतना भी ठंडा पानी नहीं है जैन, तुम तो यूँ ही डर रहे हो”। ईव खिलखिलाते हुए फिर से उस पर पानी उछाला

“नहीं, पानी बहुत ठंडा है। अगर तुम्हें नहाना है तो तुम खुद नहाओ में तो चला” जैन पीछे मुड़ कर जानने लगा

तभी पानी के अंदर से एक गीली-चिपचिपी बेल निकली और जैन को उछाल कर पानी के अंदर फेंक दिया, ‘छपाक!’

“वाsssssss ह, फुर्रsssssss,हाssssह! कितना ठंडा पानी है!” जैन ने पानी से सर बाहर निकाला और कांपते हुए बोला, वहां ईव की हंसी नहीं रुक रही थी और यहाँ जैन का कांपना

“मजा आया जैन! यही होता है जब तुम अपने बेस्ट फ्रेंड की बात नहीं मानते” वो जोर से हंसते हुए बोली उसकी आवाज़ पूरे जंगल में गूंज उठी। यह देख कर जैन का चेहरा गंभीर हो गया, वो अपनी मुट्ठी भिंचते हुए आगे बढ़ा जिसे देख कर ईव कुछ डर सी गयी, उसका हंसना बंद हो गया

“बहुत मजा आ रहा है ना!” जैन अपने दांत पीसता हुआ ईव के करीब आया, गुस्से में उसका चेहरा फड़क रहा था “ तो फिर ये लो!’ उसने अपने हाथ से जोरदार पानी की लहर उठा कर ईव को ठंडे पानी का स्नान करवा दिया। जैन का गुस्से वाला चेहरा अचानक ही मुस्कुराने लगा। अब भला ईव कहाँ रुकने वाली थी, वो दोनों ही उस तालाब में एक दूसरे को पानी भिगा-भिगा कर मजे करने लगे। एक दूसरे को पकड़ कर पानी में फेंकने लगे, उसकी हंसी से ही पूरा का पूरा वातावरण गूंजने लगा

“चलो अब चलते है वर्ना घर वाले हम पर बरस पड़ेंगे” दोनों हंसते हुए वहां से भीगें हुए अपने घर की ओर जाने लगे।

वही पर पास से एक गाड़ी गुजरी जो काफ़ी आगे जाकर रुकी! ईव और जैन तो अपने मजे में अपने घर जा रहे थे। वो दोनों पड़ोसी थे, उनके घर में अंदर जाते ही उस कार में से एक आदमी बाहर आया, काली जैकेट और एक फटी सी जीन्स पहने हुए वो उन दोनों के घरों को ही देख रहा था। उसके हाथों मैं सूखे खून के धब्बे काज हुए थे और उसका चेहरा थोड़ा सा लंबा और रंग हल्का सा पीला था। चेहरे पर अजीब सी क्रूरता भारी मुस्कान थी जिसमें उसकी आंखें छोटी होकर चुप गयी थी। वो देखने में इस जगह का नहीं था, पर उस कार में एक ओर व्यक्ति था जो वही का लग रहा था..... जिसका कटा-फटा से शरीर खून से लथपथ उस के पीछे वाली सीट के नीचे पड़ा हुआ था......
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The13th अध्याय 7



ट्रिंग-ट्रिंग.....ट्रिंग-ट्रिंग....ट्रिंग-0ट्रिंग....ट्रिंग-ट्रिंग” कमरे में सुबह-सुबह मोबाइल बज रहा था, काफी देर तक उसे उठाया नहीं गया। कमरे में एलेनोरा कल रात के कपड़ों में ही पेट के बल बिस्तर पर पड़ी हुई थी, उसके पैर बिस्तर से बाहर लटक रहे थे जिनसे अभी तक सैंडिल उतरे नहीं थे। नशे से होश खुलते ही एलेनोरा का ध्यान अपने मोबाइल की बजती रिंग पर गया। यूँ ही पड़े-पड़े उसने वो कॉल उठाया

“हेलो.....” नींद भरी आवाज में उसने कहा

“एलेन! जल्दी से ऊपर आओ” ये हड़बड़ाहट भरी आवाज़ मिस्टर जोस की थी जिसे सुनकर एलेनोरा का सारा नशा उतर गया। उसने जल्दी से शॉवर लिया, कपड़े बदले ओर 15 मिनट में ऊपर पहुंच गई। बाहर ही रोबर्ट खड़ा हुआ था जिसने एलेनोरा को आते हुए देख दरवाजा खोला

“कुछ पता है, क्या हुआ?” एलेनोरा ने जल्दी से पूछ लिया

“नहीं, मुझे तो यहां पर रुक कर तुम्हें लाने को कहा था। बाकी सब अंदर है!” दरवाजे से अंदर जाकर, लॉक करते हुए वो बोला

एलेनोरा ने जल्दी से वो सीक्रेट डोर खोला तो अंदर सभी के चेहरे पर बारह बजे हुए थे। इस लग रहा था कि अभी अभी किसी तूफान से गुजर कर आ रहे थे सभी। एलेनोरा ने उनकी हालत देख कर कुछ भी नहीं कहा, सीधे जाकर उसने सामने वाली कुर्सी पर अपना हक जमाया और सामने की ओर देखने लगी जहां पर दीवार के पास जैक अपना टैब लेकर खड़ा हुआ था, उसने सभी के आते ही एक न्यूज चैनल लगा दिया

“ये आज की फुटेज है पोलैंड के मिलोजाकी के तुकनाजनो की! जहां पर देर रात कल जानवरों के एक झुंड ने 2 परिवार तबाह कर दिए। कोई नहीं जानता वो को से जानवर थे पर लोगों का कहना है कि इस इलाके में एक बहुत ही बड़ा भेड़िया रहता है जो कभी-कभी दिखाई देता है और वो एक बाघ से भी बड़ा और खूंखार है।“ उस रिपोर्टर ने जल्दी से दूर से ही घटना स्थल को दिखाया जिसके आसपास पुलिस लगी हुई थी “ जैसा कि आप देख सकते पूरा का पूरा घर ही तबाह हो गया और पूरा परिवार खत्म हो गया, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वालों का कहना है कि वो जल्दी ही एक सर्च पार्टी जारी करेंगे उस खूंखार भेड़िये की तलाश में ताकि इस बात की पुष्टि हो सके कि आखिर वो को से जानवर था। आगे जानने के लिए देखते रहिये पी एल ओ निवास चैनल, तुकनाजो से ‘मिसी बैरोन’, मियाजाकी!”

चैनल के बंद करते ही मिस्टर जोस का एक सवाल सभी से टकराया

“क्या ऐसा हो सकता हैं कि लोगों की कहानियों का एक जानवर जिंदा होकर सिर्फ उन दो परिवारों को मारे और बाकी को छोड़ दे?” मिस्टर जोस का सवाल जायज था और उसका उत्तर ही इस इन्वेस्टीगेशन को आगे बढ़ा सकता था

“मुझे लगता है ये काम या तो किसी ऐसे का है जिसके पास एक सुपर नेचुरल पावर है जैसे कि हम उस बैंक रॉबरी पर काम कर रहे है या फिर.........?” इथन ने सबसे पहले जवाब दिया पर कुछ संकोच उसकी आवाज़ में था

“ या फिर वो जानवर असल में चोंगयुन हो?” एलेन ने आशंका जताने की कोशिश की जिस पर सभी राजी थे ‘ की हां, इस हो सकता है’। “ पर सवाल अब भी है कि आखिर उसने सिर्फ इन दोनों घरों पर ही क्यों हमला किया?” अब एलेन के इस सवाल पर भी काफी बड़ा राज मालूम पड़ता था।

“हो सकता है इन दोनों घरों में कुछ ऐसा हो जो चोंगयुन को चाहिए हो?.... जहां तक मैंने उसकी इन्वेस्टीगेशन की है उस हिसाब से वो कभी चीन छोड़ कर कहीं बाहर तो गया ही नहीं। वो लोगों को सिर्फ मजे के लिए मारता था, ए सायको किल्लर, जिससे वो खुद को ताकतवर मानता था। तओ अगर वो पोलैंड गया है तो इसका मतलब वो किसी ताकतवर शख्श को ही मारने गया है”

जैक की बात में काफी दम था पर अभी कुछ भी कहना काफी मुश्किल था, सभी अभी इसी बारे में। सोच रहे थे कि

“जैक! हमारे अफसर का भेजा हुआ वीडियो दिखायो” जैक ने मिस्टर जोस की बात मानी और एक दूसरा वीडियो लगा दिया जिसमें पोलैंड के उस हादसे वाले घर की पास से ली हुई जानकारी थी।

वीडियो चालू होते ही दो जले से घर का एक दृश्य सामने आया जिसमे घर पूरी तरह से टूट कर अधजले से हो गए थे। जब कैमेरा पास गया तो दृश्य सच में काफी भयानक था, फर्श पर कुछ मांस के लोथड़े खून के साथ पड़े हुए थे जिन पर किसी बड़े हाँथ जैसे नाखूनों के पंजों सहित निशान थे और साथ ही एक बैल के पैर जैसे भी पर बैल से काफी बड़े। कुछ अधजली फटी सी लाशें इधर-उधर पड़ी हुई थीं जैसे किसी ने उनके शरीर पकड़ कर बहुत ताकत के साथ फाड़ दिए हों। घर से धुंआ से उठ रहा था पर अब वहां पर घर के सिवा सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा बच गया था.........................

कमरे में बैठा हर कोई उस नज़ारे से काफी बैचेन हो गया, दुख हुआ कि रातोंरात 2 परिवार तबाह हो गए। सभी ने 2 मिंट का मौन धारण किया और आंखे बंद करके उस परिवार की शांति के लिए प्रार्थना करने लगे। आँखे खुलते ही पीछे खड़े मिस्टर जोस सभी के सामने खड़े हो गए

“वैसे चैनल वालों को हमने ये न्यूज़ नहीं पहुंचने दी कि.......... उन परिवारों के 2 बच्चे गायब है, जिनकी लाशें वहां नहीं मिली!” मिस्टर जोस की इतनी सी बात सुनते ही सभी की आंखे बड़ी हो गयी जैसे कोई बहुत बड़ा रहस्य उजागर हो गया हो

“हो सकता है वो उन बच्चों के लिए ही आया हो?” ईव ने तुरंत ही अपने मन की बात बोल दी

“या फिर उन बच्चों के पास कुछ ऐसा हो जो उसे चाहिए?” इथन अपने ही खयालों में खोया हुआ बोला

“और ये भी हो सकता है कि इन बच्चों के पास भी शक्तियां हो....”

“और वो जानवर कोई और नहीं बल्कि चोंगयुन ही हो, अगर वो किसी तरह अपनी जैसी शक्तियों वालों को ढूंढ पा रहा हो?” एलेन की अधूरी बात को जैक ने पूरा कर लिया।

अब सभी को एक साफ तस्वीर दिख रही थी कि क्या हुआ होगा? सभी जल्दी से एक ही टेबल के पास इकट्ठे हो गए और उनके हाथ में कुछ कागज-कलम थे

“पहली घटना 5 साल पहले डॉ. रुसेव के साथ घटी थी! मैनहट्टन में” जैक ने सामने एक कागज रख कर उस पर ये बात लिख कर एक गोला बना दिया

“दूसरी घटना भी मैनहट्टन में, बैंक की लूटपाट वो भी सब के सामने!” एलेन ने जैक से पेन लेकर पहली घटना से जोड़ते हुए एक लाइन बना कर लिखा और गोला बनाया

“तीसरी घटना पोलैंड के सूच्य रोग में! जो तुकनाजनो से लगभग 50 km. की दूरी पर है। एक बड़े से गढ़े का रातोंरात रात एक समतल जमीन का जंगल बन जाना” इस बार रोबर्ट भी बहुत ध्यान दे रहा था, उसने भी लिखा

“ और आख़िरी... चोंगयुन, चीन में ऐसी जेल तोड़ कर भाग गया जो कि लगभग नामुमकिन था” मिस्टर जोस ने अपनी तरफ से लिख कर उन सब को पन्नों पर आपस में जोड़ दिया। ये वहीं बात सच हो रही थी जिसका अनुमान जैक और एलेनोरा ने पहले भी लगाया था(अध्याय-6)। सारी बात हो जाने के बाद सब वापस अपनी-अपनी कुर्सियों पर बैठ गए और माहौल काफी गंभीर हो गया।

“अब हम क्या करेंगे मिस्टर जोस? अगर ये सब जल्दी ही नहीं रोका गया तो कुछ ही समय में ये सारी बातें जनता के सामने तो आ ही जाएंगी”। रोबर्ट ने थोड़ा परेशान होकर कहा

“हमें कोई रास्ता निकालने ही पड़ेगा, वो भी जल्दी!” मिस्टर जोस उठ कर खड़े हो गए और कमरे में ही यहां से वहां चलने लगे

“अगर हमारी जानकारी पूरी तरह से सही है तो...... चोंगयुन अपनी जैसी शक्तियों वालों को ढूंढ सकता है और वो उन्हें जाहिर सी बात है मरना ही चाहता है..... तो इसका मतलब,,,,,,,!?”

सभी का ध्यान अब पूरी तरह से जैक की तरफ था, वो सुनने को बेताब थे कि उसने क्या निष्कर्ष निकाला है। खास कर मिस्टर जोस क्योंकि वो जितना विश्वास एलेन की सूझबूझ पर करते थे उतना ही विश्वास उन्हें जैक की अक्ल पर भी था

“........ चोंगयुन...... वो शक्तियों को ढूंढता हुआ यहां जरूर आयेगा”

।।।।।।।।।।।।

आज के लिए मिस्टर जोस ने सभी को आराम करने के लिए कह दिया क्योंकि कल का पूरा दिन और रात उनके लिए बहुत सारा काम आने वाला था। इथन, जुलिया और रोबर्ट आज न्यूयॉर्क में हर जगह जाकर अपनी इन्वेस्टिगेशन जारी रखने के लिए निकल चुके थे जिसके एक कारण जुलिया का सारा न्यूयॉर्क भी देखना था। मिस्टर जोस ने बताया था कि जुलिया अगर नक्श औऱ उसमें दी हुई जगह को एक बार देख ले तो उसे वो नक्शा पूरी तरह से याद हो जाता है, हालांकि इस काम में उसे 3-4दिन लग जाते है अगर वो जगह न्यूयॉर्क जितनी ही बड़ी हो तो! जैक सभी के लिए इन पावर्स से रिलेटेड जानकारी निकलने में व्यस्त था। उसने कहा कि वो पूरा का पूरा इंटरनेट ही छान मारेगा चाहे उसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े। तो जैक तो उसी सीक्रेट रूम में काम कर रहा था और उसने मिस्टर जोस से कह कर काफी सारे A4 साइज पेपर मंगवा लिए थे...... प्रिंटिंग के लिए।

मिस्टर जोस ने एलेन से सिर्फ इतना कहा कि ‘आज आराम करो क्योंकि कल तुम्हारा ही दिन है’। एलेन ने मना नहीं किया क्योंकि अभी हुए इस हादसे से वो थोड़ा सा परेशान थी और उसके मन में काफी कुछ चल रहा था। उसे इस बात का डर था कि कहीं ये शक्तियां हर जगह उत्पाद ना मचा दें वरना अभी तक तो इनके बारे में कोई खास जानकारी हाथ नहीं लगी थी तो फिर उन्हें रोकने का तो ख्याल भी छोड़ दो। वो पिछले 8 सालों से CIA के लिए काम कर रही थी, जब वो 18 साल की थी तब पहली बार उसने रूस में एक सीक्रेट CIA एजेंट की तरह काम किया था वो भी इसलिये क्योंकि उसी साल एक आतंकवादी के गुट ने पीक्सकिल में हमला किया था जिसमें उन्होंने वहां का बैंक तबाह कर दिया था और साथ ही उस बैंक के हर शख्श को भी जो वहां मौजूद था..........और उनमें से एक एलेनोरा कि माँ भी थीं। उसके बाद से कुछ और समय काम करने के बाद उसकी मुलाकात उस लड़के से हुई जिससे आज एलेनोरा प्यार करती है............मां की मौत के बाद एलेनोरा बहुत कड़वे मिजाज की हो गयी थी, कुछ पागल सी पर ‘उस’ लड़के से मिलने के बाद काफी कुछ बदल गया और फिर सब कुछ अच्छा ही चल रहा था कि वो दोनों अलग-अलग जगहों से होने के कारण दूर से हो

गए...............और आज भी वो उससे मिलने के लिए बेताब है पर एक बार फिर इस नॉकरी के चक्कर में दोनों मिल नहीं पा रहे।

एलेनोरा अपने कमरे की तरफ जा रही थी, क्योंकि आज उसे कोई काम नहीं था वो कारलोस से मिलने की सोच रही थी। अपने कमरे में जाने से पहले उसने कारलोस का कमरा खटखटाया................. अपने खयालों में खोय हुए उसने ये नहीं देखा कि कमरे के दरवाजे के बगल में लगे हुए इलेक्ट्रॉनिक सिम्युलेटर पर लॉक्ड लिखा हुआ था।

“ओफ्फोssssssssss! अब ये कारलोस कहाँ चला गया?” दरवाजे के पास ही खड़े होकर उसने कारलोस को कॉल किया, कुछ देर तक रिंग करने के बाद कारलोस ने कॉल उठा लिया

“(ओह, एलेनोरा! कैसी हो?)” कारलोस ने ऐसे कहा जैसे कुछ असमंजस में हो

“(वो सब छोड़ो, तुम अभी कहाँ पर हो?)” एलेनोरा ने जल्दी से पूछा

“(वो.....आज मेरे दोस्त आ गए थे इसलिये में उनके साथ न्यूयॉर्क से जरा बाहर आया हूँ।)”

“(ओक.....वैसे में आज खाली थी तो मैंने सोचा कि क्यों ना तुम्हारे साथ आज शाम को घूम लिया जाए)” एलेनोरा ने इस बार बड़े ही आराम से कहा

“(सॉरी यार, में तो आज पूरे दिन नहीं यहीं अपने दोस्तों के साथ रहूँगा इसलिए आज तो....!)” कारलोस की आवाज में थोड़ा सा अफसोस झलक रहा था

“( ठीक है, जब आ जाओ तो मुझे बता देना।............ हैव का नाइस डे (Have a nice day)”

“( यू टू)” इतना कह कर कारलोस ने फ़ोन रख दिया।

अब एलेनोरा के पास औऱ कोई चारा ही नहीं था। वो सीधी अपने कमरे में गयी और बाई तरफ लगी स्टडी टेबल पर जाकर बैठ गयी। अब दोपहर के बारह बज चुके थे एलेनोरा ने अब तक तो सारी की सारी इंटरनेट पर उपलब्ध न्यूज़ पढ़ मारी थी जो कि इस तरह के अजीब हादसों से रिलेटेड थीं। न्यूज़ में फिलहाल इस बात को लेकर कोई भी बहुत ज्यादा परेशान नहीं था ना ही इस तरह की अजीब न्यूज़ पर ज्यादा लोगो का ध्यान था। एलेनोरा सोच ही रही थी कि अच्छा हुआ जो CIA ने अपनी ‘पहुँच’ का इस्तेमाल करते हुए मीडिया को सच से दूर रखा हुआ है पर अब हमें जल्दी से इस सब का एक तोड़ सोचना पड़ेगा वरना कोई भी नहीं जानता कि आगे ये शक्तियां को से उत्पाद मचाने वाली है।

अपनी कुर्सी से उठते हुए एलेनोरा को अपने बॉयफ्रेंड का ख्याल आया, उसने अपना स्मार्टफोन निकाला और उसे कॉल करने ही वाली थी कि................”ट्रिंग-ट्रिंग...” सामने से उसी का कॉल आ गया

“हैलो डार्लिंग। मैं अभी तुम्हें ही कॉल करने वाली थी” एलेनोरा ने चेहरे पर बड़ी सी स्माइल के साथ कहा

“ओहssssssss आज काम की छुट्टी थी क्या?” उस लड़के ने थोड़ा मजे लेते हुए पूछा

“हाँ, ऐसा ही समझ लो। वैसे भी न्यूयॉर्क में काम करने की अभी मुझे आदत नहीं है ना इसलिए मेरे बॉस ने आज की छुट्टी दे दी है”

“मैं भी काम से आज जल्दी ही छूट गया और क्योंकि मैं घर में अकेला था तो मैंने सोचा कि तुम्हें फ़ोन कर लेता हूं। वैसे कैसा लग रहा है वहां? कोई दोस्त बन की नहीं.......” आखिरी के शब्द कहते हुए उस लड़के की आवाज में कुछ हंसी भी शामिल थी

“हाँ यार, बना ना!” एलेनोरा ने थोड़े गंभीर स्वर में कहा “ उसका नाम कारलोस है, बहुत ही अच्छा लड़का है और एक और बात..........’तुमसे कहीं ज्यादा हैंडसम भी है” अपने बॉयफ्रेंड को जलाने के लिए उसने ये कहा

“हाँ जी, अब तो आपके लिए सभी हैंडसम ही होंगे, पर मैडम ये ना भूलना की हमारे आसपास भी बहुत परियां घूमती है”

एक दूसरे को आपस में इस तरह छेड़ना दोनों को बेहद पसंद था, वे आपस में खिलखिला कर हंस पड़े।

“पर सच कहूँ तो आज तक तुम जैसी लड़की कहीं नहीं मिली जो मुझे समझ सके। और इतना प्यार भी मुझे कभी महसूस नहीं हुआ............ये दूरियां भी कभी कभी मुझे अच्छी लगती है”

“व्हाईssssssssss” एलेनोरा ने लंबा सुर लगा दिया

“वो इसलिये क्योंकि जितना समय मैं तुमसे दूर हूँ, ये कमबख्त इश्क है कि बढ़ता जा रहा है”

“यार इतनी हिंदी तो मुझे समझ नहीं आती, यूज़ सम इंग्लिश एव्री नाउ एंड देन )”

“ओके मिस एलेनोरा!” उसने बहुत ही प्यार के साथ कहा

“चलो अब जब तुम इतनी फ्री ही हो तो क्यों न अपनी पूरी जर्नी मुझे बताओ, न्यूयॉर्क की!”

“व्हाई नॉट? ” एलेनोरा ने मुस्कुराते हुए कहा

बातों में वो दोनों इतना मगन हो गए कि उन्हें समय का पता ही नहीं चला। 12 बजे की कॉल शुरू हुई थी तो दोपहर के 3 बजे तक चली, अपना खाना-पीना छोड़ कर एलेनोरा फ़ोन पर लगी हुई थी और उसका तो जैसे बोलें रुक ही नहीं रहा था। उसने सब कुछ बताया कि कैसे वो यहां आयी, न्यूयॉर्क में कहां- कहाँ घूमा और ये भी की कारलोस के साथ उस रात शराब के नशे में किस तरह एक पूरी फूड स्टाल खाली कर दी थीं। आखिरकार वो लड़का खुद ही बोला

“बस यार बस! कितना बोलती हो, इतना कभी हमें याद कर लेतीं तो आज हम दोनों साथ में होते” मजाकिया स्वर में उसने कहा

“तो ठीक है, अब से में तुम्हें इतना याद करूंगी की तुम्हारी हिचकियां बंध जायेंगी” एलेनोरा ने हंसते हुए कह अच्छा ठीक है अब रखती हूं, काफी लाते हो रहा होगा तुमको”

“वेल...... गुड नाईट एलेन ” इतना कह कर लड़के ने कॉल रख दी। उसके बाद जो एलेन ने मोटेल के किचन से खाना मंगवाना शुरू किया तो फिर वो ना रुकी उल्टा मोटेल वालों ने ही उससे कहा दिया “बस करो मैडम! अब तो सिर्फ पानी ही बचा है, कहीं वो भी मत पी जाना वरना यहाँ तो अकाल ही पड़ जाएगा”!

अगली सुबह जब सभी लोग अपने इन्वेस्टिगेशन रूम में पहुंचे तो दरवाजा खोलते ही उनके कदमों में उड़ते हुए पेज आन पड़े। पूरे कमरे में पेज ही पेज बिखरे पड़े थे, सभी ने यहां-वहां देखा; जमीन पर पेज, टेबल पर पेज......हवा में उड़ते पेज तो दीवार पर चिपके पेज! जहां तक नजर जाती वहां तक सिर्फ प्रिंटर से उड़े हुए पेज ही दिख रहे थे और आखिर में कंप्यूटर के पास पेजों का एक बड़ा सा ढेर पड़ा हुआ था।

“ये क्या हाल बना रखा है कमरे का? और ये जैक कहाँ चला गया?” जुलिया ने आश्चर्य से मोह फाड़ते हुए कहा और सभी उन पेजों को उठाने लगे

“ये बात तो मिस्टर जोस ही बता पाएंगे। जब वो आये तो पूछ लेना” इथन ने चेहरे के कोने से मुस्कुराते हुए कहा

सारे के सारे पेज़ इकट्ठा करने के बाद उन्हें ‘पपरवेट’ से दबा कर टेबलों पर रख दिया, यही कुछ हजार पेज होंगे अब बस वो आखिरी का ढेर रह गया था। इस बार भी जुलिया सबसे आगे जाकर वो पेपर समेटने लगी तभी वो सारे पेपर उछल कर पूरे कमरे में फैल गए। जुलिया की चीख निकल गयी सभी का ध्यान उसी ओर चला गया पर इससे पहले की कोई वहां जुलिया के पास जाता वाहन पर उस ढेर में से एक शख्श निकला! जिसे देख कर जुलिया दीवार से चिपक चुकी थी, उस की आंखे लाल और चेहरा बिना किसी हाव-भाव का लटका हुआ था

“मुझे वो कहानी मिल गयी!” अचानक ही उसका वो लटका हुआ चेहरा खिल उठा, वो जैक ही था जिसकी नींद न पूरी होने के कारण आंखे लाल हो गईं थी और चेहरा बेढंगा! वो काल के ही कपड़े पहन हुआ था और उसके सर पर एक पिज्जा का टुकड़ा चिपका हुआ था

“ये क्या हालत बना रखी है तुमने। और तुम काल से ही यहां हो?” एलेनोरा ने उसके सर से पिज्जा का टुकड़ा उठा कर कचरे के डिब्बे में फेंक दिया

सभी उसके पास इकट्ठे हो चुके थे और उसके हाथ में थामे एक कागज के बंडल को देख रहे थे जो कि स्टेपलर से अटैच्ड थे

“मुझे इन शक्तियों का राज पता चल गया, मुझे........प....ता......!” बोलते बोलते जैक बेहोश हो गया और सभी उसे तुरंत बाहर लेकर मेडिकल वार्ड की तरफ दौड़े...............



आखिर जैक को किस तरह का सबूत मिला था? क्या उसने शक्तियों का असली केंद्र पता लगा लिया? अब आगे एलेनोरा की टीम क्या करेगी? पोलैंड से निकले वो दो बच्चे इस वक्त कहाँ होंगे और उन पर हमला करने वाला क्या चोंगयुन ही था?

जानने के लिए जुड़े रहिये मुझसे क्योंकि अगला भाग बहुत ही रहस्मयी होने वाला है। तब तक के किये अलविदा।
very nice update bhai
 

ashish_1982_in

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The 13th अध्याय 8



व्हइट पैराडाइस मोटेल’ का सिर्फ नाम ही बड़ा नहीं था, उसका नाम इसलिए बड़ा था क्योंकि वो हर तरह की सुविधा अपने कस्टमर्स को देता था। कुल मिलाकर इस बिल्डिंग में 20 फ्लोर्स है और हर फ्लोर पर एक मेडिकल रूम और एक डाइनिंग रूम अवेलेबल(Available) है। और इस वक्त 20वे फ्लोर के मेडिकल रूम में CIA की वो टीम जमा थी जो कि इस ‘सुपरनैचुरल’ केस पर अपनी इन्वेस्टीगेशन कर रही थी। जहां लिफ्ट खुलती थी वहीं पर सामने की तरफ मेडिकल रूम था, जैक को अभी कुछ देर पहले ही यहां पर भर्ती किया गया था। एलेनोरा, रोबर्ट,जुलिया और इथन वहां पर जैक के बिस्तर से थोड़ी ही दूरी पर बैठे हुए थे। सामने एक पुरुष डॉक्टर जैक का चेक-उप कर रहा था

“मुझे लगता है इस ‘पिज्ज़ा’ ने रात को ज्यादा ही पिज्जा खा लिए थे इसलिए ये गैस के कारण बेहोश हो गया था” रोबर्ट ने सभी के लिए फुसफुसाते हुए कहा

जिस पर सभी ने उसको ऐसी आंखे दिखाई की वो अपने मुंह पर एक ऊगली रकह कर चुप-चाप बैठा बैठ गया। वो मेडिकल रूम काफी बड़ा था वहां पर सिर्फ 10 ही बेड(bed) थे जो कि एक ही लाइन में लगे हुए थे और फिलहाल खाली थे। कुछ नर्सेस और 2 डॉक्टर ही थे जिनमें से एक जैक का इलाज कर राह था तो दूसरी मैडम एक लैपटॉप को खोले हुए अपने हाथ तेजी से चल रही थी, पूरा कमर एकदम साफ सुथरा था सबसे कहिर की दीवार पर लगे

मोनीटर्स(Moniters) सभी को साफ दिख रहे थे और साथ ही वो 360 डिग्री के एंगल वाला कैमरा भी जो कमरे का पूरा फुटेज दिख रहा था। दाई तरफ दीवार के पास 3 पानी के फिल्टर लगे हुए थे और कोने की तरफ जाती है हल्के नीली रंग की लंबी अलमारियां जिनमें मेडिकल का सारा सामान रखा हुआ था

“जैक को क्या हुआ है डॉक्टर?” डॉक्टर के पास आते ही एलेनोरा ने सवाल किया

“कुछ खास नहीं सिर्फ थकान है” डॉक्टर की बात सुनकर सभी ने चैन की सांस ली “ लगता है कगल पूरी रात जग कर स्मार्टफोन या लैपटॉप पर काम कर रहा था, उसे बस कुछ आराम की जरूरत है। अभ्जी तो आप लोग उससे मिल लीजिये पर में उसे 4-5 घंटे बाद ही रिलीस(release) करूंगा” कहते हुए डॉक्टर कमरा छोड़ कर चला गया।

डॉक्टर के जाते ही सभी जैक के पास पहुंच गए; वो बिस्तर पर लेटे हुए ही सभी को देख रहा था जैसे उन्ही का इंतजार कर रहा हो

“अब कैसा लग रहा है जैक?” जुलिया ने उसका हाथ पकड़ कर पूछा

“बस थोड़ा सा थका हुआ हूँ” जैक ने नींद भरी आवाज में कहा

“इतना काम करने की क्या जरूरत थी? मिस्टर जोस ने तुमसे सिर्फ जानकारी निकलने को कहा था, इतिहास नहीं !”

एलेनोरा ने कुछ गुस्से भरी आवाज में कहा पर उसकी आँखों में जैक के लिए चिंता ही दिख रही थी

“ख़ैर उससे अब कोई फर्क नहीं पड़ता ! मैंने उन शक्तियों के बारे में जानकारी ढूंढ ली है, एक बार सब उसे पढ़ लो तो केस किसी मंजिल तक पहुंच ही जायेगा......जल्........दी करना” जैक ने उबासी लेकर अपनी आंखें मिचमिचाई

“पर तुम्हे ये कैसे पता कि वो ही असल जानकारी है? और कहीं तुम गल....... !” एलेनोरा के शब्द पूरे होने से पहले ही जैक सो चुका था। अब वो सवाल सिर्फ खाली रह गया था....

“चलो जल्दी से चल कर उस पन्नो के बंडल को देखते है !” सभी के कदम अचानक से तेज हो गए और वे सभी अपने इन्वेस्टिगेशन रूम में जा घुसे, जहां पर पहले से ही मिस्टर जोस खड़े हुए थे और उस पन्नों के बंडल को पढ रहे थे। उनका चेहरा बहुत ही उलझन और आश्चर्य का मेल था और वेब जल्दी-जल्दी पन्ने पलटते जा रहे थे, उनका ध्यान इस ओर बिल्कुल भी नहीं गया कि एलेनोरा और उसके साथी कमरे में आ चुके थे

“क्या हुआ सर आपके चेहरे पर बारह क्यों बजे हुए है?... ऐसा भी क्या लिखा हुआ है उस,,,,में” एलेनोरा जैसे ही उनके पास गई उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया उल्टा वो पन्नों का बंडल एलेनोरा के हाथ में थमा दिया.....बिना देखे।

एलेनोरा ने वो बंडल लेकर सामने की तरफ उस टेबल पर बैठ गयी जहां पर अक्सर मिस्टर जोस खड़े होकर अपनी बात कहा करते थे। बीच में एलेनोरा ! और......... अगल-बगल बाकी सभी भी घेरा से लगा कर बैठ गए। अब सब की नज़र सिर्फ उस बंडल पर थी जिसके पहले ही पेज पर लिखा हुआ था

“चाडर आदिवासी और लोककथा”

चाडर आदिवासी विश्व के सबसे प्राचीन आदिवासी समुदाय है। इनका निवास अफ्रीका के चाड राज्य के एक बड़े से गांव ‘गालो’ में है। अपनी परंपराओं से जुड़े हुए ये बहुत ही सरल स्वभाव के लोग है, इनसे जुड़ी चीजें कभी आपको म्यूसियम में नहीं मिलेंगीं क्योंकि इनका पूरा गांव ही एक म्यूसियम है। यहां पर रहने वाला हर कोई अपनी परंपराओं का पालन बिना किसी के कहे करता है इससे ये बात पता चलती है कि इनकी परंपराओं में किसी को बाध्य करने जैसी कोई बात नहीं है। समय बदला, जमाना बदला तो ये भी बदले पर बाहर से। इंटरनेट, मीडिया, डिजिटल मार्किट ! यहाँ पर भी काफी कुछ है पर जब बात इनकी परंपरओं और अस्मिता का हो तो वो भी हर किसी की नजर में दिख जाती है। इन्हीं के बीच काफी सारी लोककथाएं प्रचलित है पर एक ऐसी कहानी भी है जो न सिर्फ सबसे पसंदीदा है बल्कि उस कथा के नायक की ये लोग पूजा भी करते है। और उस कथा के नायक का नाम है “इजांतक

प्राचीन काल में जब ईश्वर और राक्षस पृथ्वी पर थे ये तब की कहानी है। ‘इजांतक’ नाम का एक राक्षस था, जो अक्सर छुपा हुआ रहता था खासकर तब जब देवताओं और राक्षसों में युद्ध हुआ करते थे। एक बार देवताओ को उसके बारे में पता चल गया और वे उसे मारने के लिए उसके जंगल में गए जबकि उसने किसी का कुछ भी नहीं बिगाड़ा था। उन्होंने जंगल को आग लगा दी ताकि वो बाहर आ जाये। अपने घर जलता देख उसे इतनी परेशानी नहीं हुई दुख तो तब हुआ जब उसकी शरण में रह रहे जानवारों की भी उस आग से झुलस कर मौत हो गयी। बिना किसी हाहाकार के ‘इजाँतक’ बाहर आया जिस पर उन 12 देवताओं ने हमला कर दिया !

‘इजांतक के बारे ,में देवता जानते थे कि वो सबसे कमजोर राक्षस है जो हमेशा छुप कर रहा करता था और किसी भी तरह की आक्रामक गतिविधियों में कभी भाग नहीं लेता था और वो किसी कारणवश जादुई शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर सकता था ...................पर ये बातें तो देवता जानते थे !

वो ये नहीं जानते थे कि इजांतक का शारीरिक बल सबसे ज्यादा था और साथ भी ये बात भी सभी से छुपी हुई थी कि उसके पास एक ऐसी ख़ास कौशल(Skill) शक्ति थी जिससे वो कुछ ऐसा कर सकता था जो कोई और नहीं कर सकता।

जैसे ही उन 12 देवताओं ने उस पर हमला किया; उसकी शक्ति से अंजान वो सभी मारे गए और उन देवताओं की शक्तियां अब इजांतक कि हो गयी। इतना सब होने के बाद भी वो युद्ध में भागीदारी दिखाने नहीं गया और उसकी शक्तियों का प्रदर्शन देख चुके देवता और राक्षस अब उसके करीब नहीं आते थे। कई साल इस तरह आराम से गुजरने के बाद एक समय ऐसा आया जब देवताओं और राक्षसों को पृथ्वी छोड़नी पड़ी और वे सब अंतरिक्ष में विलीन हो गए। अंतरिक्ष में मिलने से पहले इजांतक ने अपनी शक्तियों का वारिस ढूंढने के लिए एक विधा लिखी ताकि भले ही उसका शरीर नष्ट हो जाये उसकी शक्तियां हमेशा जिंदा रहें।

कहा जाता है कि इजांतक को जानने वाले इंसानों का वो गांव ‘गालो’ था और उसके रहवासी चाडर कहलाते थे। ये सब उसके विश्वाशपात्र थे और इन सभी ने उसकी बनाई हुई विधा को संभाल कर रखा था। आज भी उस काल की कुछ बहुत ही प्राचीन वस्तुएं इसी गांव में है और सालों से यहीं सुरक्षित हैं। सरकारें भी इनसे छेड़खानी नहीं करती क्योंकि वो धरोवरें चाड में ही सुरक्षित है............और वो विधा भी।

“क्या ये सब सच है? मतलब भला इन बातों पर को यकीन करेगा” रोबर्ट ने एलेनोरा के वो बंडल बंद करते ही पूछा

“फिलहाल हमें इस सब में शक्तियों का कोई क्लू(Clue) नहीं मिला है !” एलेनोरा ने कहा तो फिर जैक ने ये कैसे कह दिया कि ये कहानी हमारे केस से जुड़ी हुई है” जुलिया ने जैसे एलेनोरा के मन की बात कह दी

तभी एलेनोरा के हाथ से वो बंडल जमीन पर गिर गया, उसने जल्दी से सारे बंडल को उठाया। उठाते ही उस बंडल में से एक पेज निकल कर गिर पड़ा, एलेनोर ने उसे भी उठा कर वापस बंडल में रकह दिया............ पर तभी अचानक से उसने उस पेज को वापस निकाल कर देखा......... एक पेज में तेल के कारण दूसरा पेज चिपक गया था

“शायद हम ये वाला पेज नहीं पढ़ पाए है?” एलेनोरा ने पेज दिखा कर सभी को बुलाया, इस बार मिस्टर जोस भी आये क्योंकि ये पेज तो उन्हें भी नहीं दिखा था। सभी एलेनोरा को घेर के खड़े हो गए और एलेनोरा ने पढ़ना शुरू किया ताकि सभी को सुनाई दे

“चाडर बच्चों को इजांतक की शक्तियों की कहानी सी रटि हुई है, अक्सर बच्चे आपस में भी इकट्ठा होकर ये कहानी सुनाया करते थे। उसने जिन देवताओं को मारा था उनकी शक्तियां उसकी खुद की हो गयी थी; कभी वो आग को जन्म देता तो कभी जमीन उसके इशारों पर नाचती, कभी वो वन के जानवरों में बदल जाता, उन्हें काबू में करता तो कभी वो पूरा वन ही बन जाता। कभी ऐसा लगता कि वो हवा हो गया है तो कभी हवाएं उसकी आगामी करती और वो सब कुछ देखता बहुत ही आराम से जैसे उसकी आँखों के सामने का दृश्य थम से गया हो ! क्या उसकी आंखें दृश्य से हट कर भी देखती थी? वो यूं ही एक मनचला सा था कभी इधर तो कभी उधर, कई बार वो अलग-अलग कोने में खड़ा दिखता, भरी महफिल से गुजर जाता भोजन लेकर पर पता नहीं चलता किसी को उसके आने जाने का। उसका शरीर तप कर लोहा हो चुका था पर दबाव के मामले में भी उसे कोई नहीं पछाड़ सकता था, अक्सर जमीन पर हाथ रख वो सरोवर बना दिया करता था जिसका जल पीकर प्राणी प्रस्सन हुआ करते। उसने कभी भी किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया क्योंकि उसका शरीर ही एक हथियार था जो तलवार का वार भी करता और ढाल का बचाव भी। जब खतरा सर पर मंडराता तो वो स्वर्ग का एक खतरनाक जानवर बन जाता जिसकी शक्तियों के चर्चे हर किसी के मुँह से सुन लिए जाते पर उसे पानी बहुत पसंद था, लोगों ने अक्सर उसे अर्ध सर्प बन जल भ्रमण करते देखा और उनके यौवन के दीवाने हो गए। वो न सिर्फ समझदार था बल्कि बिना कारण कोलाहल भी न मचाता और उसका एक ही प्रेम था.............इस लोग कहते है कि उसे शांतिपूर्ण जीवन से प्रेम था”।

एलेनोरा न ने जैसे ही ये कहानी पढ़ी उसे कुछ हद तक यकीन हो गया कि शायद यहीं है जिसकी हमें तलाश है, मिस्टर जोस ने सभी को एक मेज के चारों तरफ इकट्ठा किया और बोले

“क्या लगता है....क्या यहीं है वो जो इस केस से जुड़ा हुआ है?”

“काफी हद तक मुझे यहीं लगता है। और अगर जैक ने ये सब ढूंढा है तो उस से गलती की गुंजाइश नहीं है !” इथन ने अपनी बिना बाल की दाढ़ी पर हाथ फेरा

“कहानी......तो कहानी ही होती है पर ये कहाँ कुछ जानी-पहचानी सी लगी। हो सकता है इसकी छानबीन से कोई सबूत मिल जाये” रोबर्ट से इस तरह के समझदारी भरे जवाब की उम्मीद न करते हुए सभी ने उसे घूरा

“जैक ने कहा कि ये हमारे केस से जुड़ा है तो उसने कुछ गलत नहीं कहा ! ये कहानी कहीं से तो सही हो गयी है पर.........?” जुलिया ने मिस्टर जोस को देखकर कहा

एलेनोरा चुपचाप खड़ी हुई कुछ सोच रही थी, उसने बाकी किसी की बात पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जैसे उसे ये कहानी हजम नहीं हुई थी? वो उस चिकने पन्ने को अपने हाथ ने उंगली फिर रही थी। ये देख रोबर्ट ने उसे कंधे पर हाथ रख हिलाया............. वो अपनी सोच से बाहर आ गयी और जवाब दिया

“सच कहूँ तो ये कहानी मुझे कुछ जँची नहीं !” उसकी बात सुनकर सभी को अहसास हुआ कि की एलेनोरा इस कहानी के पीछे के सच जानने की कोशिश कर रही थी “ मान लिया की इसका कुछ हिस्सा हमारे केस से जुड़ा हुआ है पर अभी तक हम ये नहीं पता कि क्या यहीं है जिसकी हमें तलाश है?....मेरा मतलब ये नहीं कि जैक का अनुमान गलत है ! पर जब तक ये बात कंफर्म(Confirm) नहीं हो जाती की हैम सही रास्ते पर है......हम कोई भी ठोस फैसला नहीं ले सकते”

एलेनोरा की बात सही थी, जैक का कहना अलग बात है और उसका सच होना अलग बात। अब सोचना ये है कि जैक की बात को सच में कैसे बदलना है? या फिर कोई और ऐसा रास्ता है जिससे हम सही रास्ते पर जा पाएं। कोई कुछ भी कहे लेकिन असल बात तो ये थी कि एलेनोरा को ये कहानी की सच्चाई कुछ हजम नहीं हो रही थीएक काम हो सकता है !” मिस्टर जोस ने उछलते हुए कहा, उनके चेहरे से उत्साह टपक रहा था

सभी की निगाहें अब मिस्टर जोस को घूर रही थी जैसे उनके चेहरे पर कुछ लगा हो

“क्यों न हम ‘चाड’ जाने की तैयारी कर ले? भले ही इंटरनेट कुछ गलत कह दे पर असल जगह पर तो कुछ दमदार सबूत हमें मिल ही जायेंगे !........क्या कहते हो?” मिस्टर जोस ने सभी को बहुत उम्मीद के साथ देखा

सभी ने एक दूसरे की तरफ देखा, हाव-भाव बदले और........ सभी ने ‘ओके’ कहते हुए हामी भरी। इतने में तो मिस्टर जोस के चेहरे पर चौड़ी सी मुस्कान झलक गयी उन्होंने अपना फ़ोन निकाला और कोई नंबर डायल(Dial) करने लगे.......इतने में उनका फ़ोन बज पड़ा जिस पर लिखा हुआ था “जेम्स” ! मिस्टर जोस ने कॉल उठाया नहीं पर उनके चेहरे की मुस्कान गायब हो गयी, कॉल काटने के तुरंत बाद ही एक वीडियो आया।

“इथन ! वो जैक का टैब उठा कर दो, जल्दी !” पता नहीं किस हड़बड़ी में थे उनके कुछ हाथ से कांप रहे थे जिसे देख कर एलेनोरा ने अनुमान लगा लिया कि कोई गड़बड़ वाली बात है। इथन ने जल्दी से कंप्यूटर सेट-उप के पास रखा टैब उठा कर मिस्टर जोस को थमा दिया, मिस्टर जोस ने OTG केबल से अपने फोन को टैब से कनेक्ट कर वो वीडियो चला टैब वहीं पास की टेबल पर खड़ा कर के रख दिया। वीडियो चालू हुआ जिसमें किसी पथरीली सी गुफा की झलक थी और सामने एक आदमी मुँह पर एक काला मास्क लगा कर बैठ हुआ था जिसमे से सिर्फ उसकी आंखें और होंठ ही दिख रहे थे......कुछ सेकण्ड्स बाद वो बोला

“पिछले 3 हफ़्तों से जब में यहां पर रह रहा था तब तक मुझे यहां पर कोई भी गड़बड़ नहीं लग रही थी, अचानक ही काल रात बहुत शोर मच गया !.............पता नहीं क्या हुआ पर गांव के मुखिया ने उनकी सरहद पर सुरक्षा बढ़ा दी.........रात भर में अपने कमरे में ही कैद रहा। सुबह वो सब मुखिया के साथ आये और मेरी तलाशी ली, जब मैंने पूछा कि हुआ क्या है तो उन्होंने बताया कि उनका कुछ जरूरी सामान चोरी हो गया है।“ उस आदमी ने उठ कर कांपते हुए पास रखी बोतल से पानी पिया “फिर आज सुबह से ही यहां पर अफ्रीकी सरकार की गाड़ियाँ कुछ बड़े संगठन के लोगों से भरी हुई या गयी और तब मैंने उन्हें चुपके से कहते हुए सुना ‘इजांतक की विधा वाली पुस्तक, उसके मंदिर से चोरी हो गयी है !’.........”

जेम्स की बात सुनकर सभी का दिमाग सुन्न पड़ गया, किसी को भी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ये हो क्या रहा है? अभी कुछ देर पहले ही सभी को पता चला था कि चाड ही वो जगह है जहां पर जाकर इस रहस्य से पर्दा उठेगा पर मिस्टर जोस ने पहले से ही अपना एक आदमी वहां पर तैनात कर रखा था

“ये सब क्या है मिस्टर जोस? क्या आपको पहले से पता था की चाड हमारे केस से जुड़ा हुआ है?” एलेनोरा की आवाज़ में थोड़ा गुस्सा पनपना शुरू हो चुका था

मिस्टर जोस ने शायद उसकी बात सुनी नहीं, वो खुद ही किसी कश-म-कश में डूबे हुए लग रहे थे, फिर जेम्स का वीडियो बोलाआपने जिस मर्डर केस के लिए मुझे भेजा था शायद वो इस किताब के चोरी होने से जुड़ हुआ है ! इतने दिन जो में रहा यहां पर इतना तो जान गया कि ‘इजांतक से जुड़ी हुई हर चीज यहां पर बहुमूल्य है’ और इतना ही नहीं ये लोग अब भी इस मानते है कि वक्त आने पर इजांतक की विधा लोगों की आंखे खोल देगी....पर अब भी मुझे इनकी बातें सिर्फ एक कहानी ही लग रहीं है........भला इस भी कहीं होता है क्या? ख़ैर सुबह आये सभी सरकारी और बड़े लोग जा चुके हैं और समझ में ये बात नहीं आएगी क्योंकि सभी ने इस बात को छुपाये रखने की कसम खा रखी है ! अब तो हाल ये है कि न कोई यहां आ सकता है और न ही बाहर जा सकता है पर में समय पर जानकारी भेजने की कोशिश करता रहूंगा....”

वीडियो खत्म होते ही सभी को एलेनोरा के सवाल का जवाब भी मिल गया, मिस्टर जोस ने जेम्स को चाड इसलिए भेज था क्योंकि वहां पर किसी तरह का मर्डर केस था जैसा कि अभी-अभी जेम्स ने बताया

“आई एम सौरी सर् ! (I am Sorry, Sir), सब कुछ इतना कंफ्यूसिंग है कि मैं खुद पर काबू नही रकह पाई” एलेनोरा की आवाज में माफी का स्वभाव था

“कोई बात नहीं एलेन, तुम्हारी जगह में भी होता तो ये सवाल जरूर पूछता” मिस्टर जोस ने सामने की तरफ लगी कुर्सी पर बैठते हुए कहा

अब सभी ने अपनी-अपनी कुर्सियां पकड़ ली, वो सभी अब इस मामले को लेकर चर्चा करने वाले थे कि आखिर ये क्या हो रहा है? पहले जैक का ये बताना की छड़ की कहानी हमारे केस से जुड़ी हुई है? फिर चाड से उस पुस्तक का गायब होने जो न सिर्फ चाड वालों के लिए जरुरी है बल्कि CIA के भी बहुत काम की है। ऊपर से अभी चाड में आना जाना बंद है, ऐसे में जानकारी इकट्ठा करने का अब कोई रास्ता ही नहीं बचा है जब तक कि चाड में सब कुछ शांत नहीं हो जाता।

“अब ये केस पहले से ज्यादा सीरीयस(serious) हो चुका है, हमे जल्दी से अपना फैसला लेना होगा” मिस्टर जोस ने अपने हाथ मलते हुए कहा

“तो अब हम क्या करें? अगर कुछ नहीं किया तो ये केस इतना पेचीदा हो जाएगा कि हम फिर इसे संभाल नहीं पाएंगे” जुलिया ने अपनी बात रखी

सभी फिलहाल शांत थे, कोई रास्ता से समझ नहीं आ रहा था। तभी एलेनोरा उठी और सबके सामने खड़ी हो गयी

“वक्त है जाल बिछाने का !” एलेनोरा की बात सुनकर सभी चकित रह गए, कैसा जाल? “ हम नहीं जानते कि ये कहानी असली है या नहीं पर एक बात जानते है। वो चोर इसी शहर में है, एक बार उसे पकड़ ले तो कुछ तो पता चल ही जायेगा !”

एलेनोरा की बात सभी समझ गए, ये वक्त परेशान होने का नहीं बल्कि कदम उठाने का है। जिनके पास शक्तियां है वो तो अपना काम कर रहे है पर अब बारी है CIA के काम की जो कि होने वाला है एक बहुत बड़ा जाल ! जिसमे वो उसे फंसना चाहते है जो अपने खिलाफ न कोई सबूत छोड़ता है ना कोई गवाह बस रह जाते है तो उसके आराम से बैंक से निकल जाने के सबूत पर ठिकाने के नहीं !

अगले भाग में देखिए “CIA का जाल !” जहां पर पहली बार CIA की टीम भिड़ेगी, उस चोर से जो इंसानियत के परे है।
very nice update bhai
 

ashish_1982_in

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The 13th अध्याय 9



कमरे में एक दम शांति छाई हुई थी, CIA की नई टीम के सभी लोग मौजूद थे सिवाय एलेनोरा के! ऊपर से मिस्टर जोस बहुत ही मुँह लटका कर बैठे हुए थे। सभी उन्हें घूर रहे थे, उनके आस-पास एक कुर्सियों का घेरा बना कर जो बैठे हुए थे। सभी अपनी हंसी किसी बात को लेकर छुपा रहे थे, जो बेशक मिस्टर जोस से जुड़ी हुई थी

“उ......हूं......” जैक ने अपने मुंह से आवाज निकल कर सभी का ध्यान अपनी तरफ किया “ तोsssssss उस चोर को पकड़ने के लिए हम एक छोटा से खेल खेलने वाले है जिसमें हम सारे बैंक वालों को ये खबर फैलाने को कहेंगे कि गोलकुंडा से निकला हुआ सबसे बड़ा एमराल्ड(Emerald) न्यूयॉर्क के सभी बैंकों से होते हुए ‘न्यूयॉर्क शाइन ट्रस्ट’ में हिफाजत के लिए जायेगा।......वैसे आईडिया तो अच्छा है फिर आपका चेहरा क्यों उतर हुआ है?” जैक के आख़िरी शब्दों में थोड़ी सी शैतानी छुपी हुई थी

मिस्टर जोस का चेहरा लाल पड़ा हुआ था किसी बच्चे की तरह मुँह फूला हुआ था, ऐसा लग रहा था कुछ ही देर में टमाटर की तरह फूला हुआ उनका ये चेहरा फट जाएगा

“वो मेरा सबसे........सबसे प्यारा दोस्त ‘एम’ है.....और वो एलेनोरा उसे कितने बड़े खतरे में डाल रही है” मिस्टर जोस की आंखों में हल्के से आंसू आ गए, उनके होंठ बच्चों की तरह भींचे हुए थे जैसे वे अभी रो पड़ेंगे।

पर अब उनका इस हाल देखकर किसी की भी हंसी नहीं रुकी, पूरा कमरा ठहाकों से भर् गया। मिस्टर जोस ने अपना चेहरा छुपा लिया, वो इस बात को लेकर शर्मा रहे थे कि सभी को ये बात पता चल गई थी कि मिस्टर जोस अब भी खिलौनों से खेलते है और उन्होंने एक मिशन में मिले एमराल्ड को भी एक नाम देकर अपने पास रखा था!

“चलो तो फिर चलकर अपना-अपना काम करते है, जल्दी ही एक सॉलिड(Solid) मिशन पर जाना है!” इथन ने उत्साह में दांत किटकिटा कर कहा और सभी कमरे से निकल कर अपने पाने कामों में व्यस्त हो गए।

एलेनोरा ने एक बहुत ही सही प्लान(Plan) तैयार किया था। चोंगयुन का कोई अता-पता नहीं था, फिलहाल पोलैंड में कुछ एजेंट्स(Agents) उसे ढूंढने के काम कर रहे थे। साथ ही वे दोनों उन गुमनाम बच्चों को भी ढूंढ रहे थे जिनकी मौत की झूठी खबर हर न्यूज़ चैनल और अखबार में समाई हुई थी। एलेनोरा ने सारे बैंक में ये खबर पहुंचाने को कहा कि था कि वो एक एमराल्ड को कई बैंकों से होते हुए ‘शाइन ट्रस्ट’ तक पहुंचाने वाले है और जब उस चोर को इस बात की खबर लगेगी वो इसे चुराने के लिए जरूर आएगा और तभी हम उसे पकड़ लेंगे। अब क्योंकि शायद उसके पास लोगों को काबू करने की शक्तियां है तो वे एक जाल के द्वारा उसे पकड़ कर बेहोश कर देंगे, जब वो किसी को काबू नहीं कर पाएगा तो.........जाहिर सी बात है वो फंस जाएगा!

एलेनोरा की टीम के सभी साथी, सिवाय जैक के बैंकों के लिए निकल गए थे। कभी-कभी तो एलेनोरा को भी ऐसा लगता था कि शायद दुनिया में ऐसी कोई भी जगह नहीं है जहां पर CIA पहुंच न हो। मिस्टर जोस ने “गोल्ड बैंक” में अपना एमराल्ड आंखों में आंसू लेकर जमा कराया जैसे कोई बच्चा अपने खिलोने से दूर जाने पर दुखी होता है। बाकी सभी साथी अलग-अलग बैंकों में जाकर अपने विश्वास पत्रों में ये बात फैलाने का जिक्र कर आये कि “ एक बहुमूल्य एमेराल्ड 2 दिनों के अंदर-अंदर शाइन ट्रस्ट पहुंचा दिया जाएगा”। बैंक वाले भी बहुत सही थे, वे जहां भी खाना खाने, समय बिताने जाते वहां पर ये एमेराल्ड वाली बात निकलने लगे उर जंगल की आग की तरह यह बात छोटे चोरों से लेकर बड़े माफियाओं तक पहुंच गई...........और उस तक भी जिसके इंतजार में CIA की टीम थी।

“चलो अपना काम तो हो गया, पर मिस एलेनोरा कहाँ पर है?” जुलिया ने इन्वेस्टीगेशन रूम में कदम रखते हुए कहा। वहां पर इथन और रोबर्ट, जैक के पास बैठे हुए कुछ बात कर रहे थे और जुलिया के आटे ही वे चुप भी हो गए

“एलेनोरा कहीं बाहर गयी है!” इथन ने कुर्सी के पीछे अपनी गर्दन टिका कर कहा, जुलिया को उसका उल्टा चेहरा कुर्सी के पीछे से लटका हुआ दिख रहा था

“और तुम क्या कर रहे हो जैक? तुम तो हमारे साथ भी नहीं आये थे” जुलिया ने उन तीनों के पास कुर्सी लेकर पूछा

जैक के हाथ कीबोर्ड पर चल रहे थे और उसकी आंखें मॉनिटर पर टिकी हुई थी, उसने हल्की सी जम्हाई ली

“मैं ‘न्यूयॉर्क शाइन ट्रस्ट’ की बिल्डिंग का ब्लू प्रिंट और एमराल्ड की बैंकों में रोटेशन(Rotation) चेक कर रहा था.........वाह! शाइन ट्रस्ट की सिक्योरिटी बहुत सही है यार, ऐसी जगह एमराल्ड क्या, पूरा आ पूरा बैंक ही रखा जा सकता है” जैक ने आश्चर्य से देखते हुए कहा और सभी का ध्यान मॉनिटर पर आए गया

20 अकड़ की जगह में बनी हुई थी शाइन ट्रस्ट की बिल्डिंग! वो ही ऐसी परफेक्ट सिक्योरिटी के साथ जैसे मिलिट्री का बस हो। शाइन ट्रस्ट की अपनी ‘फ़ोर्स’(Force) थी, जिसमें 100 हथियारबंध सैनिक- सभी तरह की गन्स के साथ बाहर की सुरक्षा के लिए औरअंदर ट्रेनेड(Trained) गार्ड्स 50 के करीब। हर छोटे काम के लिए हाउस होल्ड रोबोट्स और एक बेहतरीन कैमेरा सिस्टम विथ ए. आई. (Camera with A. I.) । ऐसी खुफिया जगह पर भला कोई चोरी करने की सोच भी कैसे ले? ऊपर से एन्टी-आर्टिलरी(Anti-Artilary) गन एंड मिसाइल सिस्टेम, ताकि कोई भी हवा के रास्ते न आ जा सके!

“ये तो सच में हवा टाइट कर देने वाली सिक्योरिटी है! फिर हमारा क्या काम?” इथन ने मुस्कुराते हुए कहा

“भूलो मत एथन की हम एक ऐसे चोर की तलाश में है जिसके पास लोगों को कंट्रोल करने की पावर है, ऐसे में हमें हर तरह से सावधान रहना पड़ेगा” जैक ने अपनी नज़रें मॉनिटर से नहीं हटाई

“वैसे अभी भी मेरे मन में एक सवाल है” रोबर्ट ने जैक की ओर देख कर पूछा “अगर वो लोगों को कंट्रोल कर सकता है तो फिर हम उसे रोकेंगे कैसे? क्या वो हमें कंट्रोल नहीं कर पायेगा?”

रोबर्ट का सवाल सुनकर सभी ने एक दूसरे को ऐसे देखा जैसे कह रहे हो....’ये सवाल हमारे दिमाग में क्यों नहीं आया?’। सभी अचानक से चुप हो गए, वो बैठे वहीं थे पर मन कहीँ और ही था!

“जैसा कि एलेनोर ने कहा, हमें उस पर पहले हमला करना होगा। उसके अलावा हमारे पास कोई रास्ता है भी नहीं! हम तो अभी ये भी नहीं जानते कि वो है कौन, ऐसे में ये मिशन बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है।.........और इसलिए ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस चोर को पकड़े”

जैक की बात बिल्कुल सही थी, ये जानते हुए भी की हमारे जीतने के चांस(Chance) 50-50 है.....हमें बहुत सोच समझ कर कदम उठाने होंगे। और ये बात भी नहीं भूलना है कि अगर की इस सुपरनैचुरल केस को समझने के लिए उस चोर का पकड़े जाना बहुत जरूरी है। ऊपर से चोंगयुन खुला घूम रहा है, न जाने कब वो तबाही मचाना शुरू करदे! इससे पहले की हालात बिगड़ जायें....... CIA को नतीजों तक और इस केस की सच्चाई तक पहुंचना ही होगा। CIA की बाकी टीम्स भी अलग अलग देशों में लगी हुई है पर इस लग रहा है कि ये शक्तियों की दिवाल कुछ ज्यादा ही बड़ी है।



शाइन ट्रस्ट, मुख्य न्यूयॉर्क से दूर लॉयड(Lloyd) नाम की जगह पर था और वो जगह 3 ताप से पानी से घिरी हुई थी। वो इलाका थोड़ा पहाड़ी भी था, जंगल थे, तालाब और पथरीले रास्ते भी और वहां पर देखी होने का रास्ता एक ही था और वो रस्ता भी लॉयड हार्बर की सड़क से होता हुआ जाता था। यूँ तो न्यूयॉर्क से लॉयड की दूरी सिर्फ 1 घंटे की ही थी पर लॉयड हार्बर से अंदर जाते ही सिक्योरिटी टाइट होंना शुरू हो जाती थी। शाइन ट्रस्ट की जगह काफी अंदर की तरफ बनी हुई थी जहां की जमीन थोड़ी ऊंचाई पर थी पर थी समतल। कोई ये सोच ही नहीं सकता कि पहाड़ी इलाके में ऊपर की तरफ भी कोई समतल जममें हो सकती है और ऐसी ही जगह पर था शाइन ट्रस्ट।

बाहर से मोटी-मोटी कॉन्क्रीट की दीवारें, वाचटावर(Watchtower), टैंक, हेलीकॉप्टर और हथियार बंध गाड़ियां! बाहर के सैनिक काले रैंक के मिलिट्री जैसे कपड़े पहने हुए थे और आधुनिक गन्स से लैस। अंदर और बाहर जाने के लिए एक नाका पर करना पड़ता था जो शाइन ट्रस्ट की मुख्य इमारत से 500 मीटर की दूरी पर बना हुआ था। जहां पर एक्स-रे विज़न के द्वारा सभी की जांच होती थी, जो अलग से जांच होती सो अलग और वहां नाके पर ही एक टैंक और मशीन गन के साथ गाड़ियाँ खड़ी हुई थी, जिसे देख कर ही लोग दूर से हवा हो जाते।

आज के सुहाने दिन में वहां पर शाइन ट्रस्ट का मालिक किसी को अपने साथ लेकर आया। मालिक को किसी ने नहीं रोका बाकायदा उससे जानकारी ली गयी कि वो किसे लाया है?..... सब कुछ ठीक देख कर सैनिकों ने उसे अंदर जाने दिया। कॉन्क्रीट की उन मोटी दीवारों के पार एक बहुत बड़ा मैदान था जिसके आख़िर में शाइन ट्रस्ट की मुख्य बिल्डिंग और लॉकर थे। बाईं तरफ कुछ हरियाली के साथ बड़ी सी इमारत थी जिसमें खाना बनता और खिलाया जाता और दाई तरफ मुख्य बिल्डिंग के कुछ पास सैनिको-गार्ड्स के कमरे थे। उसी से आगे की हथियार रखने के छोटे-छोटे डोम थे, जहां तरह-तरह के हथियार जमा थे

“वेलकम टू शाइन ट्रस्ट डिअर मैंम (Welcome to Shine Trust, Dear Mam)” शाइन ट्रस्ट के उस ब्लॉन्ड बालों वाले ओनर(Owner) ने कहा और अपना हाथ देते हुए किसी लड़की को कार से बाहर बुलाया।

वो लड़की उसका हाथ पकड़ कर बाहर आई, उसने ब्लू(Blue) जीन्स और आसमानी रंग की फुल स्लीव(Full-Sleeve) वाली टी शर्ट पहनी हुई थीं जो कंधों के पास से कटी हुई थी। उसने बाएँ हाथ में एक सफेद ग्लोव पहना हुआ था

“अब इतना भी फॉर्मल होने की जरूरत नहीं है एडम। वी आर फ्रेंड्स(We are Friends)” कार से उतार कर उस लड़की ने एडम के साथ अंदर प्रवेश किया, दरवाजे पर ही 6 गार्ड ब्लैक सूट में खड़े हुए थे। अंदर जाने से पहले मेटल डिटेक्टर से दोनों की चेकिंग हुई, फिर आउटर CT स्कैन हुआ और उसके बाद ही वे दोनों अंदर जा पाए। सिक्योरिटी वाले अपने काम को लेकर बिल्कुल भी लापरवाह नहीं थे, देखने में इस लग रहा था जैसे वो उन पर ध्यान ही नहीं दे रहे है पर असल में उस सबकी आंखे काले चश्मों के पीछे से सब कुछ देख रहीं थी। अंदर आते ही एक बड़ा सा पिल्लर नजर में पड़ा जो कि इमारत के बिल्कुल बीच से गया मालूम पड़ रहा था और 5 छोटे पिल्लरों से घिरा हुआ था। दोनों तरफ से ही गोल सीढियां थी जो ऊपर की ओर लेकर जाती थी। इमारत बहुत बड़ी थी पर उसके सिर्फ बीच में जहां पर तिज़ोरी का दरवाजा था, वहीं पर हवा में लटका हुआ माला(Floor) था। वहीं पर चार कमरे थे एक दम आलीशान, पूरी तरह से व्यवस्थित और सुसज्जित! इमारत के चारों कोनों में चार लिफ्ट थी जो कि कांच सी पारदर्शी थी और उनके कांच खुलते भी थे ताकि वहां से गार्ड्स नजर उर निशाना दोनों रख सकें। जहां पर तिज़ोरी के अंदर जाने का दरवाजा था उसके बगल में 2 बहुत ही सुंदर टेबल लगी हुई थी किनारे में सफ़ेद फूल लगे हुए थे और बाहर देखने के लिए दीवार का उतना हिस्सा कांच के बना हुआ था जिसके बाहर से थोड़ा मैदान और सरहद की दीवार के साथ पर का समुंदर भी दिखता था..............
वो लड़की और एडम अब उन टेबलों के पास जाकर बैठ गए, एडम ने वेटर को 2 फ्रूट इस्क्रीम लेकर आने को कहा और फिर दोनों की बातें शुरू हो गयी, वो लड़की कुछ जानी पहचानी लग रही थी

“तो कहिए मिस हॉल, आज इतने दिनों बाद अपने जूनियर को भला कैसे याद कर लिया?” एडम ने मुस्कुरा कर पूछा और मिस हॉल........यानी एलेनोरा ने जवाब दिया

“इतने दिनों में!” एलेनोरा ने एक नजर उठा कर उसे देखा “हर हफ्ते ही तो बात होती है और ऊपर से तुम्हारे मैसेज के भी जवाब देती हूँ और तुम रहे हो इतने दिनों!” एलेनोरा ने अपनी आंखें छोटी करके उसे देखा

“अरे....मै... न....मैं तो...मजाक कर रहा था” एडाम ने एलेनोरा की तेज निगाहों से डरते हुए कहा जिस पर उसकी जबान फिसलते देख एलेनोरा को हंसी आ गयी। उसने हंसते हुए जल्दी से अपना स्मार्टफोन निकाल कर उसकी फोटो ले ली

“तुम बिल्कुल भी नहीं बदले एडम” एलेनोरा ने अपनी हंसी को कबू में करने की कोशिश की “ आज भी वैसे ही हो जैसे 6 साल पहले रशिया में थे”

“और आप भी नहीं बदलीं, सच में आज भी उतनी ही.......खैर वो सब छोड़िये” असल में एडम, एलेनोरा को डरावनी कहने वाला था पर उसने नहीं कहा “आप कैसी है? और आपकी पुलिस की नौकरी कैसी चल रही है?”

“अभी कुछ दिनों पहले ही मेरा ट्रांसफर न्यूयॉर्क में हुआ है इसलिए एक काम के सिलसिले में तुमसे मिलने हो गया वरना मेरी नॉकरी तो मेरी जान ही खा लेती है” एलेनोरा ने अपने माथे पर हाथ रख इशारा किया

“सच में, आपसे ज्यादा परेशान पुलिस वाला मैंने आज तक नहीं देखा। रशिया में भी सारे बड़े-बड़े केसों की जिम्मेदारी आप पर डाल दी जाती थी पर ये बात भी है कि आप आज तक कभी भी फेल नहीं हुई” एडम ने एलेनोरा की आंखों में देखते हुए कहा जिस पर एलेनोरा ने एक हल्की सी मुस्कुराहट दिख दी। उसने अपना बायां हाथ जेब में हाथ डाला और एक मुट्ठी के बराबर का हरा एमेराल्ड निकाल कर टेबल पर रख दिया। उसे देखते ही एडम की आंखें बड़ी हो गयी, मुँह खुल कर जबड़ा जैसे जमीन पर गिर गया। उसने अपनी आंखें मल कर फिर से देखा और देखता ही रहा, उसे यकीन नहीं हो रहा था कि ये कोई सपना नहीं बल्कि हकीकत है।

“पहले अपना मुंह बंद करो” एलेनोरा अपने हाथ से उसका जबड़ा ऊपर कर मुँह बंद कराया “अब ध्यान से सुनो। गोलकुंडा से मिले इस एमराल्ड पर काफी लोगों की नजर है और में तुम्हें यकीन दिलाती हूँ कि वो अच्छे लोग तो बिल्कुल नहीं है। इसलिए मैं तुम्हारे पास आई हूँ, इसे कड़ी सुरक्षा की जरूरत है और तुम्हारे ट्रस्ट से बेहतर सुरक्षा इसे कहीं नहीं मिलेगी” एलेनोरा ने एमराल्ड एडम की तरफ सरक दिया। वो एमराल्ड को उठाने ही वाला था कि...’चट्ट’!

“मरने की बहुत जल्दी है क्या?” एलेनोरा ने एडम के हाथ पर चांटा मरते हुए कहा, एडम ने अचानक से दर्द के मारे अपना हाथ मलने लगा “पहले ग्लोव पहन लो। ये एमेराल्ड पॉलिश(Polish) किया हुआ है पर फिर भी हम इसे खाली हाथों टच(Touch) नहीं कर सकते”

“आsssss उssssss! ये बात आराम से भी बता सकती थी न?” एडम ने कराहते हुए कहा

“हाँ, जरूर। तुम्हारे मारने के बाद आराम के बताती.........” एलेनोरा ने व्यंग भरी मुस्कान लिए कहा

एडम ने पास वाले गार्ड को बुलाया, उसे एक ग्लोव और पानी का गिलास लाने के लिए कहा। जैसे गार्ड को पहले से ही पता था, वो पास के कमरे में गया और 2 ग्लव्स और एक पानी का कांच के गिलास तुरंत लेकर आ गया। एडम ने ग्लोव पहन कर पहले एमेराल्ड को उठा कर पानी में डाला

“अब जब आपने कहा ही दिया तो में भी थोड़ा प्रोफेशनल काम करूँ और चेक कर लूं कि ये असली है या....” एडम ने पानी की तरफ नजरें करी और कुछ हो क्षणों में एमेराल्ड की हरी रोशनी तेज सी होकर चमकने लगी। इसे देख कर एडम मुस्कुराया और पानी में हाथ डाल उसने एमेराल्ड निकलना चाहा..........”धड़sssssss!” आइस-क्रीम लेकर आया हुआ वेटर लड़खड़ा कर टेबल पर गिर गया और आइस क्रीम पूरी की पूरी एडम के सिर पर जाकर लटक गई। एडम अचानक उसके गिरने से तो कांपा ही, आइस क्रीम की ठंडी लहार जो उसके कपड़ों में गयी वो उछल पड़ा आहsssss उहsssss ठंडा, ठंडा, बहुत ठंडा!” एडम का नाच देख कर एलेनोरा बहुत जोर से हंसी, उसके साथ पास खड़े गार्ड को भी हंसी आ रही थी पर और वो बेचारा अपनी हंसी रोकने की भरपूर कोशिश कर रहा था।.......और एलेनोरा के क्या कहने! वो हंसते हुए गार्ड्स को देख उन्हें भी हँसाने की कोशिश कर रही थी जिस पर गार्ड भी कुछ पल एडम से नजरें चुरा कर हंस लिए। इसी हंसी और जद्दोजहत के बीच एलेनोरा ने जमीन पर गिरे हुए उस एमेराल्ड को उठाने लगी, क्योंकि वो कुछ दूरी पर टेबल के ही नीचे था तो एलेनोरा ने झुक कर आराम से कुछ समय लेते हुए उस को उठाया और उछाल खा रहे एडम को दे दिया।

बेचारा वेटर! उसे गार्ड्स से डांट पड़ी पर एडम ने गार्ड्स की सख्ती को देखते हुए उस वेटर को आज की छुट्टी दे दी, कहा कि ‘घर जाकर आराम करो, शायद थकावट की वजह से तुम गिर गए’। वेटर अपने घर में चल गया जो के लॉयड के पास ही था। एडम पास के कमरे में गया और 30 मिनट के बाद तैयार होकर वापस आया पर तब तक एलेनोरा जा चुकी थी।

“सर्! मिस एलेनोरा ने एमेराल्ड को सेफ(safe) रखने के लिए कहा है, उन्हें कुछ काम था, इसलिए वो चली गयी सर्!” तिजोरी के बाहर तैनात उस गार्ड ने एकदम मिलिट्री मैन के स्टाइल में कड़ाके आआवज में कहा

तभी एलेनोरा का एक मैसेज एडम को फ़ोन पर आया जिसमें वहीं बात लिखी थी जो अभी गार्ड ने कही। एडम ने राहत की सांस ली, असल में उसे एलेनोरा से थोड़ा डर भी लगता था जिसका एक कारण तो ये था कि वो अक्सर लोगों को अपनी बातों से डरा देती थी।

एडम ने उस बड़ी सी पाइप जैसी तिजोरी के कमरे का गेट खोलने के लिए अपना फिंगर और फुल बॉडी स्कैन दिया जो कि दरवाजा खुलने से पहले उसके दहलीज पर ही हो जाता था। उस लोहे के दरवाज़े के खुलते ही लगभग 15 कदम की दूरी पर 2 बड़े गोल चुम्बकों के बीच एक बिल्कुल ही सफेद गोला तैर रहा था। पूरी जगह में हल्की नीली रोशनी थी और 4 360 डिग्री कवर करने वाले कैमरे उसे घेरे हुए दीवार पर लगे हुए थे। वहां पर एंटर करते ही दीवारों से बहुत सारी गन्स निकल कर एडम को निशाने पर लगा दी, उन गन्स की लेज़र लाइट का हरा रंग अब एडम के पूरे शरीर पर छा रहा था। एडम चलता हुआ उस गोल तिजोरी की तरफ गया जो ना सिर्फ सफेद थी बल्कि उसमें किसी भी तरह का लीवर नहीं दिख रहा था जिससे उस खोल जा सके, एडम के साथ ही गन्स की निगाहें भी चल रहीं थी। एडम जाकर उस गोल तिजोरी के सामने खड़ा हुआ जो कि हवा में तैर रही थी, उसने जाकर उस गोल तिजोरी के ऊपर की तरफ अपनी 2 उंगलियां रखी और उस तिजोरी का एक 2 उंगली के क्यूब बराबर का हिस्सा किसी बटन की तरह अंदर चला गया और तिजोरी के सामने का हिस्सा एक आयात के आकार में बाहर की तरफ आ गया। इस आयताकार निकले हिस्से के अंदर एक सर्किट से था जो किसी तरह की सुइयों से और एक इलेक्ट्रिक बोर्ड जैसे दिखने वाले यंत्र से जुड़ा हुआ था। एडम ने अपनी जेब से एक स्टील से रंग का क्यूब निकाला और सर्किट के बीच में रख दिया, उसके ऊपरी पृष्ट को उसने 3 बार किसी बटन की तरह छुआ और ‘सन्नsssss’!

उन सुइयों ने उस क्यूब को छुआ और उसमें से एक पीली सी तरंग निकली जो उस सर्किट में चली गयी। जहां पर से वो आयताकार हिस्सा निकला था वहीं पर जाकर जुड़ गया और फिर उस गोले का बड़ा सा हिस्सा चौकोर से खुला जिसके अंदर कुछ भी नहीं था सिवाय एक नीली रोशनी के जो कि उसमें अंदर लगे एक नीले से गोले से आ रही थी। एडम ने जल्दी से एमेराल्ड को अंदर रखा और उस में से अपना क्यूब निकाल लिया जिससे वो गोल तिजोरी बंद हो गयी। आराम से एडम बाहर आया और बाहर लगे गार्ड से बोला “काल का दिन शायद बहुत धमाकेदार होने वाला है, बारातियों के स्वागत की तैयारियां करना शुरू कर दो”

“जी सर!”

गार्ड का जवाब सुनकर एडम शाइन ट्रस्ट की बिल्डिंग से निकल कर चला गया, अपने घर में। जो कि बिल्डिंग के पीछे ही था, एक छोटा- पर 5 स्टार घर। उसे भी इंतज़ार था उन बारातियों का जो इसे चुराने आने वाले थे पर वो ये नहीं जनता था कि उसका मुकाबला भी किसी आम चोर से नहीं था, एक अमानवीय चोर से था जिसका जिक्र एलेनोरा ने बिल्कुल भी नहीं किया था।




कल आख़िर होने क्या वाला है? क्या एलेनोरा की टीम चोर को पकड़ लेगी या एडम की आर्मी उस चोर का सामना करेगी? वो चोर आएगा भी की नहीं या अगर आएगा तो कैसे? ऐसे सवालों के जवाब जानने के लिए पढ़ते रहिये THE 13th! अगली बार आपको इस तिजोरी के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी, एकदम साइंस बेस्ड!

तब तक के लिए अलविदा ।
very nice update bhai
 

ashish_1982_in

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The 13th अध्याय 10

“क्या सब लोग तैयार है? मैं बैंक की गाड़ियों के पीछे से निगरानी रखूंगी” एलेनोरा ने अपनी किया सोरेंटो में बैठे हुए सभी से पूछा, वो इस वक्त मैनहट्टन के सरकारी बैंक के पास अपनी कार में बैठी हुई थी। वहीं बैंक जिसे आखिरी बार उस चोर ने लूटा था।

“मैं उसी बैंक की सिक्योरिटी कार के साथ हूँ जिसमें एमेराल्ड को लेकर जा रहे है” इथन अभी-अभी बैंक से बाहर आया और एक सफेद रंग की बड़ी सी SUV में जाकर बैठ गया, 2 बैंक के कर्मचारी एक काली सी पेटी जैसा बक्सा लेकर पीछे के दरवाजे से अंदर बैठ गए। एक पुलिस कार आगे की तरफ थी और एक पीछे की तरफ!

“मैं मेनहट्टन से निकल रहा हूँ” इथन के कान में एक हाई रेंज का रिसीवर लगा हुआ था

यहां मेनहट्टन से बैंक की SUV रवाना हुई और एलेनोरा भी उन्ही के पीछे अपनी कार कुछ दूरी बनाते हुए चलाने लगी।

“ब्रूकलिन हाइट्स की बैंक में इतनी भीड़ क्यों रहती है? इतना काम रहता क्या है इनको?” रोबर्ट की आवाज सुनकर सभी ने एक ‘क्या बे!” जैसी आवाज़ निकाली। उसकी बकवास कहीं भी चालू हो जाती थी

“तू बस अपने काम पर ध्यान दे! नजर रखना क्योंकि अगर तेरी तरफ से कोई गड़बड़ हुई तो तेरा सर और मेरा जूता होगा” एलेनोरा ने कुछ गंभीर भाव को धमकी के साथ मिक्स करके कहा

“डोंट वररी एलेनोरा(Don’t worrie Eleanora), मेरी चील सी नजर सब पर हैं” रोबर्ट ने बहुत ही नाटकीय ढंग में कहा

“ओके!” एलेनोरा ने जवाब दिया

न्यूयॉर्क की सड़कों पर ऐसी भीड़ रहती है जैसे सुपरमार्केट में सेल(Sale) लगी हो पर ट्रैफिक देखना तो सिर्फ नसीब वालों को मिलता है। सड़कों पर गाड़ियां दौड़ रही है, किनारों से लोग चल रहे है, एकदम परफेक्ट(Perfect) डिसिप्लिन था। आराम से चलती गाड़ियों से कुछ दूरी बना कर एलेनोरा अपनी गाड़ी में पीछा कर रही थी, उसे इस बात का पूरा यकीन था कि वो चोर या तो बैंक के ठीक पास चोरी करेगा जहां पर ज्यादा लोग हों ताकि वो आसानी से वहां से निकल जाए या फिर वो उनका पीछा करते हुए शाइन ट्रस्ट तक आएगा। वैसे भी मीडिया में भी ये खबर फैल चुकी थी कि कोई बहुत ही कीमती चीज़ मैनहट्टन से होते हुए ‘शाइन ट्रस्ट’ तक जा रही है पर पूरी जानकारी उनके पास नहीं थी। उन्होंने बैंक वालों से इस बात को निकलवाना चाहा पर मीडिया के सामने झुक जाएं, इतने आसान भी नहीं है बैंक वाले। पर मीडिया के जरिये ये बात कंफर्म सी हो गयी और ये बात भी की अब वो चोर जरूर आएगा।

“मैं लॉयड के बैंक में इंतज़ार कर रही हूँ, कारवां खान तक पहुंचा?” जुलिया की आवाज ऐसी आ रही थी जैसे वो कहीं पर चल कर जा रही हो

“हमनें ब्रूकलिन ब्रिज पर कर लिया है और बैंक तक पहुंचने वाले है। 30 मिनट में लयोड में होंगे” एलेनोरा ने कार में बैठे हुए जवाब दिया

“कॉपी दैट!(Copy That!)” जुलिया ने जवाब दिया

कुछ ही पलों में एलेनोरा और इथन भी ब्रूकलिन पहुंच गए। जल्दी से उन्होंने गाड़ी बदली और रोबर्ट के साथ कुछ ब्रूकलिन बैंक वालों ने पीछे से वो बॉक्स निकाल कर दूसरी SUV में रखा जिस के बाहर ‘ब्रूकलिन हाइट्स’ लिखा हुआ था, हरे-सफेद रंग में। मेनहट्टन बैंक के लोग उतर गए और ब्रूकलिन के बैंक कर्मचारी SUV में इथन और रोबर्ट के साथ जल्दी से रवाना हुए।
एलेनोरा! कोई गड़बड़ तो नहीं है वरना मेरा दोस्त.....उहुंssssss” शुरू में गंभीर भाव लिए मिस्टर जोस के आवाज़ के आखिर में बच्चों सी रोतलु आवाज जुड़ गई

“चिंता मत कीजिये सर! अगर वो चोर शाइन ट्रस्ट तक पहुंच भी जाये तब भी आपका एमेराल्ड चरी नहीं कर पायेगा, भरोसा रखिये और........अब कॉल मत करना!” एलेनोरा ने बहुत ही व्यंगात्मक तरीके से लोमड़ी जैसे मुँह बनाकर कहा और तुरंत लाइन काट दी

“ये मिस्टर जोस भी न! मिशन से ज्यादा अपने एमेराल्ड को एहमियत दे रहे है” एलेनोरा ने बड़बड़ाया

कुछ ही देर बाद रोबर्ट और इथन बैंक वालों के साथ ही ब्रूकलिन से निकल गए, यहां से लयोड हार्बर ज्यादा दूर नहीं था। बहुत ही आराम से एलेनोरा की योजना चल रही थी और अब लयोड पहुंचने के लिए सिर्फ एक फ्लाईओवर(Flyover) पर करना था। ये जगह भी आसानी से पर हो जाती अगर वहां पर गाड़ियां ट्रैफिक की तरह फंसी नहीं होती तो! फ्लाईओवर करीब 5 किलोमीटर का था, न वहां पर जगह थी और ना ही ब्रिज़ के नीचे। काफी सारी गाड़ियां एक के पीछे एक खड़ी हुई थी, कुछ हो हल्ला भी हो रहा था क्योंकि काफी लोगो को आगे जाना था। कोई हॉर्न बजा रहा था तो कोई गाड़ी में से निकलकर चिल्ला रहा था

“अरे आगे बढ़ा! कब तक यहीं रोक कर रखेगा, मैं ऑफिस के लिए लेट हो रहा हूँ” बैंक की SUV के आगे एक अधेड़ उम्र का चंद से सिर का आदमी अपनी कार की खिड़की में से चिल्ला रहा था

“लगता है आगे कहीं पर कोई प्रॉब्लम हो गयी है, मैं जरा देख के आता हूँ.....” रोबर्ट ने कहा और गाड़ी से नीचे उतरने लगा

“रुको रोबर्ट! में जाकर देखती हूँ” एलेनोरा रोबर्ट को मना करते हुए अपनी कार से नीचे उतरी और आगे बढ़ने लगी। एलेनोरा के पीछे भी 2 मिनी ट्रक खड़े हुए थे और आगे की तरफ कुछ कार्स और SUV के थोड़े आगे की तरफ एक नीले रंग की स्कूल बस भी खड़ी दिख रही थी.......एलेनोरा के कुछ कदम आगे बढ़ते ही ट्रैफिक क्लियर होने लगा.......

“चलो, अब अच्छा हुआ” वो अधेड़ उम्र का आदमी तेज बोला पर चिल्लाया नहीं,एलेनोरा भी जल्दी पलट के अपनी कार में बैठने गयी।

धीरे-धीरे सारी गाड़ियां आगे बढ़ी और ट्रैफिक क्लियर होने लगा, इथन ने जानबूझकर पहले रास्ता थोड़ा खाली होने दिया और उसके बाद SUV को आगे बढ़ाया। यहां पर भी कोई समस्या नहीं आयी पर अभी लयोड का बैंक इस फ्लाईओवर से कहीं दूर था। एलेनोरा पहली बार suv के पास अपनी कार चला रही थी क्योंकि आगे कोई दूसरी गाड़ी नहीं थी और पीछे वाले दोनों मिनी ट्रक भी आराम से चल रहे थे। अब SUV फ्लाईओवर से नीचे आने ही वाली थी इसके बाद अगले 10 किलोमीटर बाद लयोड का बैंक आयगा पर इस सब के दौरान एलेनोरा इस बात पर ध्यान देना भूल गयी कि उसके पीछे जो मिनी ट्रक आ रहे थे उसके पीछे और कोई भी गाड़ी इतनी देर में भी नहीं आयी थी जबकि जब वो लोग ब्रूकलिन से निकले थे तब काफी सारी गाड़ियां उनके पीछे थी बस यहीं एक बात एलेनोरा की नजरों से बच गई!

फ्लाईओवर से नीचे उतर ही रही थी SUV की अचानक से वो रुक गयी, क्योंकि बाजू से एक आदमी निकल कर आया, एकदम हट्टा कट्टा उसने चेहरे पर एक लाल ऑक्टोपस का मुखोटा बांध रखा था जिसके पीछे से उसके कंधे तक लंबे ब्लॉन्ड(सुनहरे) बाल लटक रहे थे पर उसे यूँ ही आते देखने मात्र से गाड़ी नहीं रुकी। उसके हाथ में एक बड़ी सी M134 मिनिगन देख कर इथन का हाथ सीधे हैंडब्रेक(Handbreak) पर गया और SUV सीधे थोड़ा सा फिसलते हुए रुक गयी और उस मिनिगन वाले ने गोलियों की बौछार कर दी

‘दन-दन-दन-दन-दन-दन-दन-दनssssssss.........’

करीब 1 मिनट तक गोलियों की बौछार हुई, उसके कुछ साथी भी एक ट्रक को दूसरी तरफ से लेकर आ गए। SUV के कांच टूट गए, पूरी गाड़ी पर जलने के- गोलियों के निशान पड़ गए थे पर आश्चर्य! SUV के अंदर तक एक भी गोली नहीं पहुंची थी। वो मुखोटे वाला आदमी SUV के पास जाने लगा......उसके बढ़ते कदम के साथ उस ट्रक में से उसके दो साथी भी निकले पर उन्होंने मास्क नहीं पहना हुआ था.....देखने में दोनों चीनी लग रहे थे, दोनों टकले थे और मिलिट्री जैसे हरे- धूल से कपड़े पहने हुए थे। तभी एक गोली चली और वो मास्क वाला आदमी जमीन पर गिर गया पर उसे देख कर उसके पीछे वालों को कोई फर्क ही नहीं पड़ा, उन्होंने एक नजर उस ऑक्टोपस मास्क वाले को देखा और दूसरी नजर वापस SUV पर;

“पट्ट से हैडशोट!” इथन SUV की टूटी कांच की जगह से अपनी सुनहरी डेजर्ट ईगल लहराते हुए बोला

“10 साल पुराना डॉयलोग मारा है यार” रोबर्ट ने दूसरी तरफ का दरवाजा खोलते हुए कहा “ अब मेरी बारी” रोबर्ट जल्दी से बाहर निकल और बिना देखे ही सामने से आ रहे उन दोनों को अपनी गोली से छलनी कर दिया

“वाह यार, मुझे तो लगा था तो एक ऑफिस वर्कर है, आज पता चला कि तेरी बन्दूक में भी दम है” इथन ने भी सामने से बाहर निकलते हुए कहा

‘धांय-धांय-धांय-धांय............” इथन बाहर ही निकला था कि उस ट्रक में से 4-5और आदमी निकले जो शक्ल से ही अपराधी लग रहे थे.....खूंखार सी दरिंदगी वाली शक्ल और काले से कपड़े...बंदूक और धारदार हथियारों के साथ! उन्ही लोगों ने इथन और रोबर्ट की ओर गोलियां चला दी। जैसे-तैसे जल्दी में इथन रोबर्ट के पास गाड़ी के दूसरी तरफ पहुंचा कि उनके पीछे से 2 आदमी शॉटगन लेकर उन पर निशाना बनाये आ रहे थे जिन पर इथन और रोबर्ट का ध्यान नहीं था

“थडsssssss, धाड़!” एलेनोरा की गाड़ी के पास आते ही एलेनोरा ने फुर्ती से बाहर कदम बढ़ाये और एक गुंडे के कंधे पर पहले एक ‘चॉप’(Chop) मारा जिससे वो लगभग चक्कर से कहा गया और अगले ही पल एलेनोरा ने उसका सर पकड़ कर अपनी ही कार के बम्पर पर इतनी जोर से मारा की उसके पहते से सर से खून के छींटे उछाल कर एलेनोरा के चेहरे पर जा गिरे। उसके साथी ने एलेनोरा को देखते ही उस की तरफ गन मोड़ी

“सन्नsssssss फाटssssssss” अगले ही पल एलेनोरा की जीन्स से निकले बेल्ट ने सामने वाले कि गर्दन जकड़ी और घूम कर उसे हवा में उछाल फेंक दिया। इससे पहले की वो उठे एलेनोरा उसके पास गयी, उसकी शॉटगन उठाई और इतनी जोर से उसके सर पर लात पटकी की चमड़ी के फटने की आवाज गूंज सी गयी

आगे की ओर अब भी गोलियां चल रहीं थी, वो गुंडे भी बड़ी बड़ी मशीन गन से हमला कर रहे थे। जिसके जवाब में इथन और रोबर्ट गोलियां चला रहे थे

“इतना खतरनाक लड़ना कहाँ से सीख?” इथन पीछे पड़े उन गुंडों की हालत देख आंख पहाड़ कर बोला

“रशियन माफिया” एलेनोरा ने SUV के बगल से झांक कर उन गुंडों को देखा और देखते ही उन गुंडों की तेज नजर से गोलियां एलेनोरा की ओर चल गई,वो गोलियां सीधे उस जगह टकराई जहां पर पहले एलेनोरा खड़ी थी।

“काफी स्किल्ड(Skiled) गुंडों की भर्ती होती है आज-कल” इथन ने एलेनोरा को देख कर कहा

“किसी के पास कोई प्लान है या ऐसे ही छुपे रहना है?” रोबर्ट के बोलने का तरीका ही ऐंसा था कि एलेनोरा और इथन की नजरों ने उसे घेर लिया “नही.....न...नहीं, मेरा मतलब था कि जितनी ज्यादा देर हम यहां रुकेंगे उतना ज्यादा इन गुंडों का खतरा बढ़ जाएगा। ये तो वैसे भी न जाने कहाँ से आते ही जा रहे है”

रोबर्ट की बात भी सही थी, ये गुंडे सभी को घेरने की कोशिश में थे ताकि बैंक की SUV में से एमेराल्ड निकाल कर ले जाएं। तभी एक गुंडा दौड़ते हुए उनकी तरफ आया, उसने धक्का देकर पहले रोबर्ट को गिराया और फिर इथन पर लपका.... पर इथन कोई मरियल से तो था नहीं उल्टा काफी भरे हुए शरीर का था। उसने पहले उस गुंडे को एक मुक्का मारा और फिर उसे अपने सर के ऊपर उठा कर SUV के ऊपर से दूसरी तरफ फेंक दिया जहां पर अब भी गोलियां चल रहीं थी, जिनमे से कुछ गोलियां उस गुंडे को भी लगा गयी और वो वहीं निर्जीव हो गया। उसे फेंकते समय उसे कुछ नीचे गिरा था, एलेनोरा ने जल्दी से SUV के नीचे देखा........’एक ग्रेनेड’! अछि बात यह थी कि उसकी पिन अब भी लगी हुई थी जिसे देख कर एलेनोरा को एक आइडिया आया.....

“इथन, रोबर्ट जल्दी से SUV में बैठो” एलेनोरा ने ग्रेनेड उठाते हुए कहा

“क्या?” इथन ने चोहटे हुए कहा “पर..!”

“जितना कहा उतना करो, जल्दी!” एलेनोरा ने थोड़ा सा गुस्सा दिखाते हुए कहा और इथन-रोबर्ट जल्दी से SUV में बैठ गए और SUV को स्टार्ट किया। एलेनोरा ने ग्रेनेड की पिन निकाली और उसे उन गुंडों के ट्रक के पास फेंकते हुए बोली
निकलो..अभी!” यहां इथन ने SUV को रफ्तार दी और वहां ग्रेनेड के धमाके से वो ट्रक भी किसी बम की तरह फट गया....वो गुंडे उसी आग में गायब से हो गए। जब तक वो सब आग में उलझे रहे इतने में तो SUV वहां से निकल गयी...सीधे लयोड बैंक की ओर....और वहां से सीधे ‘शाइन ट्रस्ट’!

सामने आग की लपटें थी, वो जल हुआ ट्रक जिसके डीजल की गंध और वो गहरा काला धुआं हवा में फैल रहा था। रोड अब भी बंद थी यानी कि वो गुंडे अब भी दोनों तरफ थे और अब बीच में एलेनोरा रह गयी थी।

“हेलो” एलेनोरा ने अपने कान में लगे मैक्रो कम्यूनिकेटर को उंगली से थपथपाते हुए कहा...पर अब उस में से केवल मच्छरों के भिनभिनाने सी आवाज आ रही थीं। एलेनोरा ने उसे कान से निकल कर फेंक दिया, वो जल्दी से अपनी गाड़ी के पास गई और एक नजर उस ट्रक के पास डाली................... आग की लपटों और धुएं की दीवार के पीछे कुछ हिल रहा था.....पहले ऐसा लगा कि धूप और गर्मी के मिश्रण से नजारा धुंधला हो गया है

“दन्नssssss” पर अपनी गाड़ी के दरवाजे टकराती हुई उस गोली की आवाज ने चेता दिया कि वो नजारे का धुंधलापन नहीं बल्कि आंखों का खाया हुआ धोखा था। सामने से उस जल हुए ट्रक के पास कुछ ओर गाड़ियां आ कर रुकीं और उनमें से एक बार फिर अपनी धुन में कुछ और गुंडे बाहर निकले जिनमें से एक जो कि उस ‘ऑक्टोपस’ वाले मास्क पहने आदमी सी कद काठी का था...उसने एलेनोरा की तरफ गोली चलाई थी। एलेनोरा जल्दी से अपनी गाड़ी के पीछे चली गयी.....अब वो उन गुंडों के निशाने पे थी..........

एलेनोरा ने एक बार के लिए आंखें बंद की......गहरी सांस ली... और ऐसा लगा जैसे माहौल थम सा गया। उसकी आंखें जो अब तक खूबसूरती में समाई हुई किसी को भी मोहित कर लेती थी...... अभी, इस वक्त उसमें एक आग थी जिसमें न तो प्रेम था और न ही किसी के लिए थोड़ा सा भी रहम-दया, उसका वो रूप जो बहुत कम लोग देख कर जिंदा बच पाते थे। उसने अपनी बाईं तरफ बेल्ट से एक गन निकाली, दाईं ओर से एक आर्मी नाइफ......और अपनी गाड़ी के पीछे से निकलते हुए पहली 3 गोलियां सीधे उन तीनों को लगी जो फायरिंग करते हुए आगे बढ़ रहे थे....उनके शरीर इतनी आराम से सड़क के उस कॉन्क्रीट पर गिरे जैसे नींद के आगोश में समा जाते रहे हों.....उसकी तेज रफ्तार और अपने साथियों की मौत देख कर जितने पल उन सबने भौचक्के हो कर गंवाए, उतने में एलेनोरा ने उनके और अपने बीच का फासला काट दिया और ट्रक के पास खड़ी एक कार के पास पहुंच गई।
वो कुछ भी नहीं समझा और अपनी AK-47 एलेनोरा की तरफ तान कर चला दी

“दना दन दना दन.......!” एलेनोरा ने उसी के हाथ में चाकू घुसा कर ऊपर कर दिया, सारी गोलियां हवा में और एलेनोरा कि अगली गोली पहले कार की दूसरी तरफ खड़े गुंडे का भेजा उड़ा गयी और दूसरी बार में एलेनोरा का चाकू उस गुंडे के हाथ से निकल कर.....गरदन के रास्ते खोपड़ी में! अब बचे दो जिनमे से एक जो ऑक्टोपस के मास्क वाला जो काफी दूर था और एक एलेनोरा के ठीक सामने दूसरी गाड़ी के पास खड़ा था........उसके हाथ में भी एक शॉटगन थी जिसे उसने बिना किसी रहम के चला दिया.....”धाँय” पर एलेनोरा तुरंत ही गाड़ी के नीचे झुकते हुए बच गईं, वो गुंडा अब लगातार गोली चलता रहा। एक समय पर जैसे ही उसकी गोलियां खत्म हुई एलेनोरा ने आराम से उसके पास जाकर खोपड़ी में बारूद भर कर उड़ा दिया.....वो बेचारा अपनी शॉटगन में गोलियां ही भरता रह गया

“धाड़ससससससस!” एलेनोरा झटके से पीछे हटी और कार से टिकते हुए पीछे की ओर पलट गई। उस ऑक्टोपस मास्क वाले के पास एक हथौड़ा था जिसकी मार ने कार के इंजन वाले हिस्से को जमीन पे चिपका दिया था.......कोई सोच भी नहीं सकता कि ये किसी इंसान का काम हो सकता है, वो गाड़ी का बम्पर वाला हिस्सा किसी मक्खन की टिकिया की तरह पिघला से दिख रहा था

एलेनोरा ने के बार के लिए उसे देख और अपनी गन को मुस्कुराते हुए वापस रख लिया। अब उसके हाथ में चाकू था और चेहरे पर ऐसी हंसी जिसे देख कर कोई भी कह देता ‘क्या चुड़ैल जैसी हंसी है!’ वो गुंडा आगे बढ़ा, उसका हथौड़ा हवा में ऊपर लहराया......

“धप्प!” एलेनोरा अपनी रफ्तार से उसके दाई तरफ निकल गयी और एक तेज किक उसके पैर और घुटने के जोड़े के बीच दे मारी....जिससे वो घुटनों के बल आ गया पर हथौड़े को ठीक कर गिरने बच गया.....तो क्या? एलेनोरा रुकने थोड़े ही वाली थी उसने बिना देर किए उस गुंडे का बयान हाथ पकड़ कर एक जबरदस्त राउंड हाउस किक से उसके कनपटी सुजा दी, ऐसी आवाज आई जैसे किसी ने 2 पेपर को बीच में रख जोर से ताली मारी हो.......उसका मास्क टूट कर गिर गया

“धड़ाकSSSSSSS!” उसने उसी हाथ से जिसे एलेनोरा ने पकड़ा हुआ था, एलेनोरा को हवा में उछाल कर फेंक दिया...वो जाकर गाड़ी से टकराई...और अगले ही पल वापस अपने पैरों पर। क्योंकि एलेनोरा ने अपनी सारी मसल्स को टाइट कर लिया था ताकि झटके से टकराने पर उसे चोट न लगे..... पर जब उसने उस गुंडे का चेहरा देखा तो वो सकपका गयी....... उसका चेहरा एकदम सपाट था, आंखे सूनी थी। उसके चेहरे पर किसी भी प्रकार का भाव नहीं था जैसे....जैसे वो किसी के वश में हो।
उसे देखते ही एलेनोरा को किसी भयंकर साजिश की संभावना लगी.....इस बार उसने जल्दी से अपना चाकू पकड़ा और उसकी ओर लपकी। वो भी किसी बूत की तरह अपने दोनों हाथों को हवा में किसी हथौड़े की तरह उठाया एलेनोरा के पास आने की राह देखने लगा...एलेनोरा उसके बिल्कुल ही पास आ गई और इस बार उसके बचने की संभावना बहुत कम थी। उस गुंडा ने अपने दोनों हाथ पटक दिए

“धप्प!” पर वो भूल गया कि एलेनोरा उसके इतने पास खड़ी थी कि वो उसके हाथों के बीच की जगह में आ गयी और इतनी तेज अपने हाथ में पकड़ा हुआ चाकू का उल्टा सिरा उसके जबड़े के नीचे मारा की उसके मुंह में से खून उगल पड़ा......और उसकी खाली आंखें बंद होकर शरीर जमीन पर धराशायी हो गया

“जल्दी ही मिलते है, मिस्टर ऑक्टोपस!” एलेनोरा ने अपनी कार की ओर जाते हुए कहा और अपने बालों को पीछे की और कर वापस वैसी ही एलेनोरा बन गयी जो सभी को दिखा करती थी।
Fantastic update bhai
 
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