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Thriller The cold night (वो सर्द रात) (completed)

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# 17

जनार्दन नागा रेड्डी के सामने बटाला खड़ा था।

"चप्पे-चप्पे पर अपने आदमी फैला दो, दूर के स्टेशनों के बूथ और दूसरे बूथों के आस पास रात के वक्त तुम्हारे आदमी होने चाहिये। जैसे भी हो इस आदमी का पता लगाओ कि यह है कौन? इसे हमारे कोड्स का पता कैसे लग गया? यह मेरे गुप्त ठिकानों के बारे में कैसे जानता है ? वैसे तो इस काम में पुलिस भी जुट गई है. लेकिन तुम्हें अपने ढंग से पता लगाना है।"

"यस सर ! आप समझ लें, दो दिन में हम उसका पता लगा लेगा और साले को खलास कर देगा।"

"जाओ काम पर लग जाओ।" बटाला सलाम मारकर चला बना।

जे.एन.आज इसलिये फिक्रमंद था, क्यों कि विगत रात माया के फ्लैट पर उसे अज्ञात आदमी का फोन आया था। यह बात उसे कैसे पता थी कि उस वक्त जे.एन. माया रानी के फ्लैट पर होगा ?
उसने पुलिस कमिश्नर को फोन मिलाया। थोड़ी देर तक उधर बात करता रहा। पुलिस की तरफ से पूरी सुरक्षा की गारंटी दी जा रही थी। वैसे तो सिक्योरिटी गार्ड्स अभी भी उसकी सेफ्टी के लिए थे।

"चार स्पेशल कमांडो आपके साथ हर समय रहेंगे।" कमिश्नर ने कहा,

"वैसे लगता तो यही है कि कोई सिरफिरा आदमी आपको बेकार में तंग कर रहा है, फिर भी हम पूरे मामले पर नजर रखे हैं।"

"थैंक्यू कमिश्नर।" जनार्दन नागा रेड्डी ने फोन के बाद अपने पी .ए. को बुलाया।

"यस सर।" मायादास हाज़िर हो गया, "क्या हुक्म है ?"

"मायादास जी, आप मेरे सबसे नजदीकी आदमी हैं। मैं चाहता हूँ कि फ़िलहाल अब कुछ वक्त मुम्बई से बाहर गुजार लिया जाये, कौन सी जगह बेहतर रहेगी ?"

"मेरे ख्याल से आप दूर न जायें, तो बेहतर है। हम आपको अपनी सुरक्षा टीम के दायरे से बाहर नहीं भेजना चाहते।"

"क्या सचमुच मुझे कोई खतरा हो सकता है ? पुलिस कमिश्नर तो कह रहा था कि यह किसी सिरफिरे का काम है, बस दिमाग में कुछ टेंशन सी रहती है, इसलि ये जाना चाहता हूँ।"

"सुनो आप खंडाला चले जाइए, वहाँ आपकी एक विला तो है ही। हमारे लोग वहाँ उसकी हिफाजत भी करते रहेंगे। बात ये भी तो है कि कभी भी आपको दिल्ली बुलाया जा सकता है, इसलिये मुम्बई से ज्यादा दूर रहना तो वैसे भी आपके लिए ठीक नहीं होगा।"

"आप ठीक कहते हैं, मैं खंडाला चला जाता हूँ। किसी को मत बताना, कोई ख़ास बात हो, तो मुझे फोन कर देना।"

"ठीक है।"

"मैं वहाँ बिलकुल अकेला रहना चाहता हूँ, समझ गये ना।"

"बेशक।"

जनार्दन नागा रेड्डी उसी दिन खंडाला के लिए रवाना हो गया। शाम तक वह विला में पहुँच गया। उसके पहुंचने से पहले वहाँ दो स्टेनगन धारी कमांडो चौकसी पर लग चुके थे, उन्होंने जे.एन. को सैल्यूट किया। जे.एन. विला में चला गया।


विला में खाने-पीने का सब सामान मौजूद था। रात को नौ बजेणमायादास का फ़ोन आया, उसने कुशल पूछी और थोड़ी देर तक औपचारिक बातों के बाद फोन बंद कर दिया। जे.एन.बियर पीता रहा, फिर वह कुछ पत्रिकायें पलटता रहा। इसी तरह रात के ग्यारह बज गये। वह सोने की तैयारी करने लगा।

अचानक फोन की घंटी बजने लगी। अभी वह बिस्तर पर पूरी तरह लेट भी नहीं पाया था कि चिहुंककर उठ बैठा। वह फोन को घूरने लगा। क्या मायादास का फोन हो सकता है? किन्तु मायादास तो फोन कर चुका है, वह दोबारा तो तभी फोन करेगा जब कोई ख़ास बात हो।

रात के ग्यारह और बारह के बीच तो उसी कातिल का फोन आता है। तो क्या उसी का फोन है ? घंटी बजती रही। आखिर जे.एन. को फोन का रिसीवर उठाना ही पड़ा। किन्तु वह कुछ बोला नहीं, वह तब तक बोलना ही नहीं चाहता था, जब तक मायादास की आवाज न सुन ले। किन्तु दूसरी तरफ से बोलने वाला मायादास नहीं था।

"मैं तेरा होने वाला कातिल बोल रहा हूँ बे ! क्यों अब बोलती भी बंद हो गई, अभी तो छ: दिन बाकी है। यहाँ खंडाला क्या करने आ गया तू, वैसे तेरा कत्ल करने के लिए इससे बेहतर जगह तो कोई हो भी नहीं सकती।" जे.एन. ने फोन पर कोई जवाब नहीं दिया और रिसीवर क्रेडिल पर रख कर फ़ोन काट दिया। दोबारा फोन की घंटी न बजे इसलिये उसने रिसीवर क्रेडिल से उठा कर एक तरफ रख दिया। इतनी सी देर में उसके माथे पर पसीना भरभरा आया था।

पहली बार जे.एन. को खतरे का अहसास हुआ। उसे लगा वह कोई सिरफिरा नहीं है। या तो कोई शख्स उसे भयभीत कर रहा है या फिर सचमुच कोई हत्यारा उसके पीछे लग गया है। लेकिन कोई हत्यारा इस तरह चैलेंज करके तो कत्ल नहीं करता। अगली सुबह ही जनार्दन नागा रेड्डी ने खंडाला की विला भी छोड़ दी और वह वापिस अपनी कोठी पर आ गया। जनार्दन ने अंधेरी में एक नया बंगला बना या था, वह सरकारी आवास की बजाय इस बंगले में आ गया। मायादास को भी उसने वहीं बुला लिया।
शाम को इंस्पेक्टर विजय उससे मिलने आया। उसके साथ चार कमांडो भी थे।

"कमिश्नर साहब ने आपकी हिफाजत के लिए मेरी ड्यूटी लगाई है।" विजय ने कहा,

"यह चार शानदार कमांडो हर समय आपके साथ रहेंगे। हमारी कौशिश यह भी है कि हम उस अज्ञात व्यक्ति का पता लगायें, इसके लिए हमने टेलीफोन एक्सचेंज से मदद ली है। जिन-जिन फोन नम्बरों पर आप उपलब्ध रहते हैं, वह सब हमें नोट करा दें, वैसे तो यह शख्स कोई सिरफिरा है जो…।"

"नहीं वह सिरफिरा नहीं है इंस्पेक्टर! वह मेरे इर्द-गिर्द जाल कसता जा रहा है। तुम फौरन उसका पता लगाओ। मैं तुम्हें अपने फोन नम्बर नोट करवा देता हूँ और अगर मैं कहीं बाहर गया, तो वह नंबर भी तुम्हें नोट करवा दूँगा।"

इस पहली मुलाकात में न तो मायादास ने विजय का नाम पूछा, न जे.एन. ने! संयोग से दोनों ने इंस्पेक्टर विजय का नाम तो सुना था, परन्तु आमना-सामना कभी नहीं हुआ था। उस रात रोमेश ने एक सिनेमा हॉल के बाहर बूथ से जे.एन. को फोन किया। उस वक्त नाईट शो का इंटरवल चल रहा था। पास ही पान सिगरेट की एक दुकान थी। फोन करने के बाद रोमेश उसी तरफ बढ़ गया, मोटर साइकिल पार्किंग पर खड़ी थी।

"अरे साहब, फ़िल्म वाला साहब आप।" पान की दुकान पर डिपार्टमेंटल स्टोर का सेल्समैन खड़ा था,

"क्या नाम बताया था, ध्यान से उतर गया ?"

"रोमेश सक्सेना।" तभी एक और ग्राहक ने पलटकर कहा ।

"एडवोकेट रोमेश सक्सेना।" यह दूसरा शख्स राजा था। राजा ने अगला सवाल दागा ,

"वह कत्ल हुआ की नहीं ?"

"अभी नहीं , दस जनवरी की रात होना है।"

"मेरे कू अदालत वाला डायलॉग अभी तक याद है, बोल के दिखाऊं।" चन्दू ने कहा।

"पर यह तो बताइये जनाब कि आखिर आप किसका खून करना चाहते हैं ?" राजा ने मजाकिया अंदाज में कहा। आसपास कुछ लोग भी जमा हो गये थे। चर्चा ही ऐसी थी।

"अब तुम लोग जानना ही चाहते हो तो …।"

"मैं बताता हूँ।" रोमेश की बात किसी ने बीच में ही काट दी। पीछे से जो शख्सियत सामने आई, वह कासिम खान था। संयोग से तीनों ही फ़िल्म देखने आये थे, नई फ़िल्म थी और हिट जा रही थी। हाउसफुल चल रहा था। इंटरवल होने के कारण बाहर भीड़ थी।

"यह जनाब जिस शख्स का कत्ल करने वाले हैं, उसका नाम जनार्दन नागा रेड्डी है।"

"जनार्दन नागा रेड्डी।" चन्दू उछल पड़ा,

"क्या बोलता है बे ? वो चीफ मिनिस्टर तो नहीं अरे ? अपना लीडर जे.एन.?"

"कासिम ठीक कह रहा है, बात उसी जे.एन.की है। और यह कोई फ़िल्मी कहानी नहीं है, एक दिन तुम अख़बार में उसके कत्ल की खबर पढ़ लेना। ग्यारह जनवरी को छप जायेगी।" रोमेश इतना कहकर आगे बढ़ गया।

भीड़ में से एक व्यक्ति तीर की तरह निकला और टेलीफोन बूथ में घुस गया। वह बटाला को फोन मिला रहा था।


"हैलो।" फोन मिलते ही उसने कहा,

"उस आदमी का पता चल गया है, जो जे.एन.साहब को फोन पर धमकी देता है।"

"कौन है ? " बटाला ने पूछा।

"उसका नाम रोमेश सक्सेना है, एडवोकेट रोमेश सक्सेना।"

"ओह, तो यह बात है। रस्सी जल गई, मगर बल अभी बाकी है, ठीक है।" दूसरी तरफ से बिना किसी निर्देश के फोन कट गया। उसी वक्त बटाला का फोन जे.एन.को भी पहुँच गया।



जारी रहेगा…..✍️✍️
accident hua yaa phir plan ka hissa tha...
Romi jaan bujh ke ye baat aage phaila raha hai ye to dikh raha hai....
 

Raj_sharma

परिवर्तनमेव स्थिरमस्ति ||❣️
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:sigh: apan hi kharab ho gaya hai jo itna soch liya.....
accha aadmi hai to bura hoga hi iske sath......iski biwi dhokha hi degi isko....
par accha hua.... :?: hua naa dhokha nahi de rahi hai naa

:sigh: chugalkhori kabhi band nahi hogi.....kaha bechara mehnat karke khud se anguthi dena chah raha hai aur kaha ye chomu log.....usko anguthi gift karne ke liye de denge.....
Emandar logo ko dunia jeene kaha deti hai bhai? Uski watt to lagti hi hai :D Thanks for the review man:hug:
 

Raj_sharma

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:sigh: gehna girwi rakhega....
saanp ko dudh pila diya hai....
:lol:
Alag hi matter chal raha hai yaha par to.....CM interested hai....khun wahi karwana chah raha tha ye Romy ko pakka pata hai....sabut bhi hai.....
par kabhi kabhi jo dikhta hai wo sach bhi nahi hota...

Nice
Bilkul sahi kaha dost, jaruri nahi jo dikhta wahi sach ho, per ho bhi sakta hai:declare:Thank you very much for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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:sigh: ye Batla khooni jaisa nahi lag raha...wo aise baat nahi karte
Mayadas check kar raha hai sayad Romy ko
Wo khooni hi to hai, per saboot kidhar hai? 😉 thank you so much for your valuable review and support :thanx:
 

Raj_sharma

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Mayadas....
Bahut sahi khela chal raha hai yaha pe to.....
CM jidd kar raha hai case ladwane ka.....
Sima abhi bhi apan ko sahi nahi lag rahi hai.....kuch to uska chal raha hai.....
25 lakh ka kya maazra hai....
Yahi to asli jhole hai bhidu, aage pata chalega ju ko,:D Thanks brother for your amazing review and superb support :hug:
 

Raj_sharma

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Cousin hai kya ye....
Sankar Ranga Reddy.....
bahut ajeeb hai ab ye case.....
bahut jyada similarities hai yaha par to...... 25 lakh Sima ne maange....aur ye dene bhi aa gaya.....
Theek hai.....
Jaisa case Mayadas laaya tha waisa hi ye bhi lekar aaya hai.....aur wajah bhi hai khoon karne ka iske pass to...
bejatti ka badla.....
Correct :declare:Case to similar hai,
Aage aapke sawal ka jabaab bhi mil hi jayega👍 thanks for your wonderful review bhai:hug:
 

Raj_sharma

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Kya plan banaya hai ye.....
:sigh: maarna hai to pahle Mayadas ko maare.......Satranj mein bahut se log mantri ke marne ke baad hi khel haar jaate hai.....chahe unke pass jeetne ke bahut saare raaste rahe.....
Mayadas ko pelo...aur uske baad Reddy ke sath khelo....
Bas yahi galti kar di romesh ne, agar mayadal ko lapet deta to ye kahani wahi khatam ho jaati:D Kyu ki asli mind game usi ka hai, Thanks for your wonderful review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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khud ko paagal sabit karke baccha jaa sakta hai....
Dimagi halat theek naa hone ke kaaran isne maar diya usko....
upar se recordings to hai hi iske pass
But yaha maamla kuch or hai bhidu:lol1:Jitna ju ne socha hai, utna easy nahi:nope: Aage padhne per pata chalega aapko, thank you very much for your valuable review and support bhai :thanx:
 

Raj_sharma

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