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Fantasy THE DARKNESS RISING [Completed]

AK 24

Supreme
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(UPDATE-44)


भरने के लिए कुछ ना कुछ तो करता ही है ना? रोहन ने भी कहा.
“पर किसी को मारकर अपना पेट भरना अच्छी बात है क्या?” श्रुति ने कहा.
“तेरे बाप की तरह मेरे पास पैसों की फॅक्टरी नहीं है जिससे में पैसे बनाओ. मुझे अपना और अपना परिवार का पेट पालना था और इसके लिए मुझे अगर कुछ भी करना पढ़ता तो में वो करता. “ रोहन ने कुछ देर रुक कर कहा.” और तू क्या जानवरों को मारने की बात करती है. अगर हम इन जानवरो को ना मारे तो तुझ जैसे अमीरों के शौक कैसे पूरे होंगे. यह जो तुम लोग महेंगे महेंगे लेदर के समान खरीद ते हो और ना जाने क्या क्या. वो सब कहा से आता है? तुझे पता भी है इस बारे में. बात करती है…..?” इतना लंबा चौड़ा लेक्चर देने के बाद रोहन चुप भात गया. श्रुति के पास अब कहने के लिए कुछ भी नहीं था.
“वॉटेवर….तुम्हें जो करना है करो मुझे क्या. मुझे तो बस इस जंगल से निकालो और यह तुम्हारी मोरल ड्यूटी बनती है.” श्रुति ने कहा.
“कौनसी ड्यूटी बनती है?’ रोहन ना समझते हुए कहा.
“मोरल ड्यूटी. यानि के ….अम्म्म मुझे इतनी शूध हिन्दी नहीं आती है बस इतना समझ लो की मुझे यहां से सही सलामंत निकालने की जिम्मेदारी अब तुम्हारी है.” श्रुति, रोहन को समझते हुए कहा.
“अरे हां ना मुझे पता है . तभी तो तेरे साथ में हूँ वरना में कबका यहां से निकल चुका होता.” रोहन ने कहा.
“अच्छा? वो कैसे? “ श्रुति वजह जाननी चाही.
“इतने सालों से जंगलों में घूम घूम कर झक नहीं मारा रहा हूँ. मुझे आइडिया है ऐसे हालत में किस तरह निकला जाता है.” रोहन ने कहा.
“अच्छा अगर तुम्हें जंगल्स के बारे में इतनी नालेज है तो तुम्हें तो कुछ पता होगा की वो क्या चीज़ थी . जो हम पे तीन बार अटॅक कर चुकी है. क्योंकि मैंने आज तक कभी भी इतने डेंजरस अनिमल नहीं देखा ना ही इनके बारे में कही पढ़ा है और नाहीं सुना है.”श्रुति ने रोहन से उस दरिंदो के बारे में पूछते हुए कहा.
“में खुद हैरान हूँ वो क्या चीज़ है. में भी अपनी पूरी जिंदगी में इस तरह का जानवर नहीं देखा . मैंने शेयर, चीटा, हाथियों और ना जाने कितने खूनकर जानवरों का शिकार किया है पर इतना डर कभी नहीं लगा जब आज उस जानवर को देखते वक्त लगा था. उसकी वो आँखें जैसे उनमें अंगारें भरे हो, उनके नाखून और दाँत….उफ़फ्फ़ कितने भयानक थे वो सब.” रोहन ने कहा
“ये! यू अरे राइट . में भी कुछ ऐसे ही डर गयी थी उसे देख कर .” श्रुति , जो अब रोहन से काफी घुल मिल कर बातें कर रही थी. उसे अब रोहन पर उस तरह का गुस्सा नहीं आ रहा था जो उसे पहले उस पर आ रहा था.
“अच्छा एक बात और बताओ हूँ जो गुंडे थे वो लोग कौन थे? क्योंकि तुम्हारी और उन लोगों की बातचीत से ऐसा लग रहा था की जैसे तुम लोग एक दूसरे को जानते थे?” श्रुति ने फिर से रोहन से सवाल पूछा.
“वो राका और उसके गान्ड के लोग थे. वो लोग भी वही काम करते थे जो में करता हूँ…….यानि की जानवरो के बॉडी पार्ट्स की स्मगलिंग करना. लेकिन मेरे और राका के बीच दुश्मनी थी और इसकी वजह यह थी में उससे अच्छा कमा रहा था. और वो इसी बात पर जलता था. उसे लगता था में उसके शिकार हथिया लेता हूँ. इसी वजह से वो मेरे से दुश्मनी पर उतार आया था.” इतना कह कर रोहन खामोश हो गया.
“भूख लगी है? “ रोहन ने कुछ देर बाद खोमोशी को तोड़ते हुए कहा.
“नहीं. ई मीन लगी है पर अगर तुम्हें इसके लिए कही जाना पड़ेगा तो में इस भूख को बर्दाश्त कर लूँगी.” श्रुति ने कहा.
“हहहहा….इतना डरी हुई हो. अगर वो लोग अभी आ गये तो में भी क्या कर सकता हूँ? मैंने एक बार उनमें से एक को मर गिराया था तो सिर्फ़ महज़ इत्तफाक था क्योंकि उस वक्त उसका ध्यान मेरे ऊपर नहीं था और मुझे मौका मिल गया था डायरेक्ट उस के दिमाग के ऊपर हमला करने का. इसलिए वो उस वक्त मारा गया था पर अब ऐसा नहीं है. वो लोग अपने शिकार पर इतने तेजी से हमला करते है की शिकार होने वाले को वक्त ही नहीं मिलता संभालने का. “ रोहन, श्रुति को समझाते हुए कहा.

“ई नो डेठ . पर फिर भी तुम साथ रहते हो तो डर नहीं लगता है. “ श्रुति ने कहा. फिर उनके बीच बातों का सिलसिला रुक गया . थोड़ी देर के बाद रोहन ने देखा की श्रुति को नींद आ रही थी और भायते भायते सो रही थी . वो थोड़ा झूमती फिर संभाल जाती . वो थोड़ी देर ऐसे ही करती रही और जब उसे जागे रहना मुश्किल हो गया तो उसका सर अपने आप ही रोहन के कंधे पे आ गया. रोहन ने देखा की श्रुति बहुत गहरी नींद में जा चुकी थी. वो उसे ऐसे ही सोने देना चाहता था ताकि उसे कुछ आराम मिल जाए. इसके लिए उसने….
 

Punnu

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Mast update h brother ..inki dosti bhi ho gyi ab dekhna hoga aane wala waqt kya mod lata hai ..or bhai kuch in darindo ke bare me bhi btao yaar ..
 

u.sir.name

Hate girls, except the one reading this.
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(UPDATE-44)


भरने के लिए कुछ ना कुछ तो करता ही है ना? रोहन ने भी कहा.
“पर किसी को मारकर अपना पेट भरना अच्छी बात है क्या?” श्रुति ने कहा.
“तेरे बाप की तरह मेरे पास पैसों की फॅक्टरी नहीं है जिससे में पैसे बनाओ. मुझे अपना और अपना परिवार का पेट पालना था और इसके लिए मुझे अगर कुछ भी करना पढ़ता तो में वो करता. “ रोहन ने कुछ देर रुक कर कहा.” और तू क्या जानवरों को मारने की बात करती है. अगर हम इन जानवरो को ना मारे तो तुझ जैसे अमीरों के शौक कैसे पूरे होंगे. यह जो तुम लोग महेंगे महेंगे लेदर के समान खरीद ते हो और ना जाने क्या क्या. वो सब कहा से आता है? तुझे पता भी है इस बारे में. बात करती है…..?” इतना लंबा चौड़ा लेक्चर देने के बाद रोहन चुप भात गया. श्रुति के पास अब कहने के लिए कुछ भी नहीं था.
“वॉटेवर….तुम्हें जो करना है करो मुझे क्या. मुझे तो बस इस जंगल से निकालो और यह तुम्हारी मोरल ड्यूटी बनती है.” श्रुति ने कहा.
“कौनसी ड्यूटी बनती है?’ रोहन ना समझते हुए कहा.
“मोरल ड्यूटी. यानि के ….अम्म्म मुझे इतनी शूध हिन्दी नहीं आती है बस इतना समझ लो की मुझे यहां से सही सलामंत निकालने की जिम्मेदारी अब तुम्हारी है.” श्रुति, रोहन को समझते हुए कहा.
“अरे हां ना मुझे पता है . तभी तो तेरे साथ में हूँ वरना में कबका यहां से निकल चुका होता.” रोहन ने कहा.
“अच्छा? वो कैसे? “ श्रुति वजह जाननी चाही.
“इतने सालों से जंगलों में घूम घूम कर झक नहीं मारा रहा हूँ. मुझे आइडिया है ऐसे हालत में किस तरह निकला जाता है.” रोहन ने कहा.
“अच्छा अगर तुम्हें जंगल्स के बारे में इतनी नालेज है तो तुम्हें तो कुछ पता होगा की वो क्या चीज़ थी . जो हम पे तीन बार अटॅक कर चुकी है. क्योंकि मैंने आज तक कभी भी इतने डेंजरस अनिमल नहीं देखा ना ही इनके बारे में कही पढ़ा है और नाहीं सुना है.”श्रुति ने रोहन से उस दरिंदो के बारे में पूछते हुए कहा.
“में खुद हैरान हूँ वो क्या चीज़ है. में भी अपनी पूरी जिंदगी में इस तरह का जानवर नहीं देखा . मैंने शेयर, चीटा, हाथियों और ना जाने कितने खूनकर जानवरों का शिकार किया है पर इतना डर कभी नहीं लगा जब आज उस जानवर को देखते वक्त लगा था. उसकी वो आँखें जैसे उनमें अंगारें भरे हो, उनके नाखून और दाँत….उफ़फ्फ़ कितने भयानक थे वो सब.” रोहन ने कहा
“ये! यू अरे राइट . में भी कुछ ऐसे ही डर गयी थी उसे देख कर .” श्रुति , जो अब रोहन से काफी घुल मिल कर बातें कर रही थी. उसे अब रोहन पर उस तरह का गुस्सा नहीं आ रहा था जो उसे पहले उस पर आ रहा था.
“अच्छा एक बात और बताओ हूँ जो गुंडे थे वो लोग कौन थे? क्योंकि तुम्हारी और उन लोगों की बातचीत से ऐसा लग रहा था की जैसे तुम लोग एक दूसरे को जानते थे?” श्रुति ने फिर से रोहन से सवाल पूछा.
“वो राका और उसके गान्ड के लोग थे. वो लोग भी वही काम करते थे जो में करता हूँ…….यानि की जानवरो के बॉडी पार्ट्स की स्मगलिंग करना. लेकिन मेरे और राका के बीच दुश्मनी थी और इसकी वजह यह थी में उससे अच्छा कमा रहा था. और वो इसी बात पर जलता था. उसे लगता था में उसके शिकार हथिया लेता हूँ. इसी वजह से वो मेरे से दुश्मनी पर उतार आया था.” इतना कह कर रोहन खामोश हो गया.
“भूख लगी है? “ रोहन ने कुछ देर बाद खोमोशी को तोड़ते हुए कहा.
“नहीं. ई मीन लगी है पर अगर तुम्हें इसके लिए कही जाना पड़ेगा तो में इस भूख को बर्दाश्त कर लूँगी.” श्रुति ने कहा.
“हहहहा….इतना डरी हुई हो. अगर वो लोग अभी आ गये तो में भी क्या कर सकता हूँ? मैंने एक बार उनमें से एक को मर गिराया था तो सिर्फ़ महज़ इत्तफाक था क्योंकि उस वक्त उसका ध्यान मेरे ऊपर नहीं था और मुझे मौका मिल गया था डायरेक्ट उस के दिमाग के ऊपर हमला करने का. इसलिए वो उस वक्त मारा गया था पर अब ऐसा नहीं है. वो लोग अपने शिकार पर इतने तेजी से हमला करते है की शिकार होने वाले को वक्त ही नहीं मिलता संभालने का. “ रोहन, श्रुति को समझाते हुए कहा.

“ई नो डेठ . पर फिर भी तुम साथ रहते हो तो डर नहीं लगता है. “ श्रुति ने कहा. फिर उनके बीच बातों का सिलसिला रुक गया . थोड़ी देर के बाद रोहन ने देखा की श्रुति को नींद आ रही थी और भायते भायते सो रही थी . वो थोड़ा झूमती फिर संभाल जाती . वो थोड़ी देर ऐसे ही करती रही और जब उसे जागे रहना मुश्किल हो गया तो उसका सर अपने आप ही रोहन के कंधे पे आ गया. रोहन ने देखा की श्रुति बहुत गहरी नींद में जा चुकी थी. वो उसे ऐसे ही सोने देना चाहता था ताकि उसे कुछ आराम मिल जाए. इसके लिए उसने….
Nice update brother....
keep writing...
keep supporting....
 

AK 24

Supreme
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Mast update h brother ..inki dosti bhi ho gyi ab dekhna hoga aane wala waqt kya mod lata hai ..or bhai kuch in darindo ke bare me bhi btao yaar ..
धन्यवाद भाई
साथ बने रहे
 

AK 24

Supreme
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(UPDATE -45)




सोचा की श्रुति उसके कंधे पे सर रख सोने की बजाए अगर उसके जांघो में सर रख सोएंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा. उसने धीरे धीरे श्रुति को अपने से थोड़ा दूर किया और उसके सर को अपने जांघो पर रख कर सुला दिया. श्रुति को ज़रा भी होश नहीं था की रोहन उसे अपनी जांघो पर सुलाया हुआ है क्योंकि वो इस वक्त नींद की गहराइयों में चली गयी थी. उस आग की रोशनी में रोहन ने श्रुति को फिर से देखने लगा. वो सोचने लगा “सोई हुई यह लड़की कितनी प्यारी लग रही है, बिलकुल परी जैसी.”. फिर रोहन जब तक उसी पोज़िशन पे बैठा रहा जब तक की उसे पोज़िशन पर देर तक भायते रहने की वजह से उसे तक़लीफ़ होने लगी. पर हिलना नहीं चाहता था क्योंकि वो अगर ज़रा सा भी हिलेगा तो उसे डर था की कही श्रुति जग ना जाए. वो उसे ऐसे ही सोने देना चाहता था चाहे इसके लिए उसे कितनी ही तक़लीफें बर्दाश्त करनी पड़े. उसने तय कर लिया की अगर उसे सारी रात इसी तरह बैठना पड़े तो ऐसे ही पूरी रात बैठा रहेगा.

परवेज़ बड़ी देर से रेस्ट हाउस के बाहर बने चबूतरे पर बेचैनी से टहल रहा था. उसे रही रही कर रोहन के ऊपर गुस्सा आ रहा था. क्योंकि उसे गये हुए 3 घंटे से ज्यादा हो चुके थे और अभी तक उसका कुछ पता नहीं था. वो अपने ही मान में सोचे जा रहा था.
“साले को कितनी बार कहा की अकेला हीरो गिरी मत किया कर लेकिन साला मेरी बात मानता ही नहीं है. पता नहीं वो हराम खोर कहा मर गया है. अब तक तो साले को आ जाना चाहिए था. मुझे तो डर लग रहा है की कहीं वो उन लोगों से उसकी ज्यादा ही हाथापाई ना हो गयी हो. या फिर कहीं वही लोग उसे अपने क़ब्ज़े में ना कर लिए हो और उसे पकड़ कर फोरेस्ट रेंजर के हवाले कर दिए हो. अगर ऐसा हुआ तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी.” यही सब सोचता सोचता हुआ परवेज़ बड़ा बेचैन हो रहा था. उसने अपनी घड़ी में देखा तो रात का 9 बज रहा था. “ओफफ़ो!!! इतनी रात हो चुकी है और साला पता नहीं कहा मर रहा है. मोबाइल भी अपना यही भूल के गया है की उसे फोन कर सकूँ …एक काम करता हूँ भीमा को साथ लेकर उसकी तलाश में जाता हूँ देखु तो कुत्ता किधर है.



वो वहां से तुरंत भीमा को जगाने के लिए उसके रूम में गया. “भीमा !!!भीमा!!! ओह भीमा!! “
“जी ..जी ..सरकार.”भीमा झट से उठ कर भात ते हुए कहा.
“मेरे साथ चलो हमें रोहन को ढूंढ़ने जाना है.” परवेज़ ने भीमा को उठते हुए देखा तो बोला.
“ओह इसका मतलब रोहन बाबू अभी तक नहीं आए है.” भीमा ने अपनी अपनी आँखों से नींद भागते हुए कहा.
“हां वो अभी तक नहीं आया है. तभी तो तुम्हें जगाया है. अब जल्दी से तैयार हो जाओ और एक गाड़ी का इंतजाम करो.” परवेज़ ने कहा.
“पर सरकार अगर इस वक्त हम गाड़ी से निकलेंगे तो हमें फोरेस्ट रेंजर वाले रोकेंगे.” भीमा ने कहा.
“अरे यार यहां मेरा दोस्त पता नहीं कहा है और तुम फोरेस्ट रेंजर्स की बात कर रहे हो. अरे उन्हें कुछ भी कह देंगे.” परवेज़ थोड़ा च्चिदता हुआ बोला.
“एक मिनट रुको!! में सुशांत को फोन करता हूँ. वो कह रहा था की वो रात के 9 बजे तक आज्एगा.” परवेज़ अपने जेब से मोबाइल निकालते हुए कहा.
“हेलो!! हां सुशांत? कहा हो तुम?” परवेज़ मोबाइल पर सुशांत से बात करता हुआ कहा.
“में रेस्ट हाउस के बाहर ही हूँ. तुम कहा हो?” सुशांत ने दूसरी तरफ फोन पर कहा.
“ओह तुम आ गये. ठीक है तुम बाहर ही रुको . में बाहर ही आ रहा हूँ.” कहते हुए परवेज़ बाहर की और निकल गया. रेस्ट हाउस के बाहर निकालने के बाद परवेज़ ने देखा की सुशांत एक सादे ड्रेस में उन लोगों का बाहर वेट कर रहा था.
“और परवेज़ भाई क्या हाल चाल है???” सुशांत , परवेज़ से हाथ मिलते हुए कहा.
“बहुत खराब हाल चाल है सुशांत. बहुत बड़ी गड़बड़ हो गयी है” परवेज़ भी सुशांत से हाथ मिलते हुए कहा.
“क्यों क्या हुआ? फोन पर तो तुम कह रहे थे की सब कुछ ठीक है तो फिर अचानक क्या प्राब्लम हो गयी? “ फिर सुशांत यहां वहां देखा फिर परवेज़ से कहा “और यह रोहन किधर है दिख नहीं रहा है?”
“यही तो गड़बड़ है.” फिर परवेज़ ने सुशांत को पूरी बात बता दी के कैसे वो लोग इस नेशनल पार्क में कुछ लड़कों को बंदी बनाकर लाए थे और फिर क्यों रोहन उनके पीछे
भागा और अभी तक वापस नहीं लौटा.
“हम….वास्तव में यह तो बहुत बुरी खबर है.” सुशांत भी चिंतित हो गया परवेज़ की पूरी बात सुनकर.
“इसलिए मुझे लगता है की हमें उसकी तलाश में जाना चाहिए. कही साले के साथ कुछ बुरा तो नहीं हुआ हो.” परवेज़ ने कहा.
“तुम ठीक कह रहे हो. हमें जाने चाहिए रोहन को ढूँदने के लिए.” सुशांत ने कहा. तब तक का भीमा भी वहां पर आ चुका था. वो तीनों ने मिलकर तय किया की वो कुछ….
 
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