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Fantasy THE DARKNESS RISING [Completed]

u.sir.name

Hate girls, except the one reading this.
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189
(UPDATE -45)




सोचा की श्रुति उसके कंधे पे सर रख सोने की बजाए अगर उसके जांघो में सर रख सोएंगे तो ज्यादा बेहतर रहेगा. उसने धीरे धीरे श्रुति को अपने से थोड़ा दूर किया और उसके सर को अपने जांघो पर रख कर सुला दिया. श्रुति को ज़रा भी होश नहीं था की रोहन उसे अपनी जांघो पर सुलाया हुआ है क्योंकि वो इस वक्त नींद की गहराइयों में चली गयी थी. उस आग की रोशनी में रोहन ने श्रुति को फिर से देखने लगा. वो सोचने लगा “सोई हुई यह लड़की कितनी प्यारी लग रही है, बिलकुल परी जैसी.”. फिर रोहन जब तक उसी पोज़िशन पे बैठा रहा जब तक की उसे पोज़िशन पर देर तक भायते रहने की वजह से उसे तक़लीफ़ होने लगी. पर हिलना नहीं चाहता था क्योंकि वो अगर ज़रा सा भी हिलेगा तो उसे डर था की कही श्रुति जग ना जाए. वो उसे ऐसे ही सोने देना चाहता था चाहे इसके लिए उसे कितनी ही तक़लीफें बर्दाश्त करनी पड़े. उसने तय कर लिया की अगर उसे सारी रात इसी तरह बैठना पड़े तो ऐसे ही पूरी रात बैठा रहेगा.

परवेज़ बड़ी देर से रेस्ट हाउस के बाहर बने चबूतरे पर बेचैनी से टहल रहा था. उसे रही रही कर रोहन के ऊपर गुस्सा आ रहा था. क्योंकि उसे गये हुए 3 घंटे से ज्यादा हो चुके थे और अभी तक उसका कुछ पता नहीं था. वो अपने ही मान में सोचे जा रहा था.
“साले को कितनी बार कहा की अकेला हीरो गिरी मत किया कर लेकिन साला मेरी बात मानता ही नहीं है. पता नहीं वो हराम खोर कहा मर गया है. अब तक तो साले को आ जाना चाहिए था. मुझे तो डर लग रहा है की कहीं वो उन लोगों से उसकी ज्यादा ही हाथापाई ना हो गयी हो. या फिर कहीं वही लोग उसे अपने क़ब्ज़े में ना कर लिए हो और उसे पकड़ कर फोरेस्ट रेंजर के हवाले कर दिए हो. अगर ऐसा हुआ तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी.” यही सब सोचता सोचता हुआ परवेज़ बड़ा बेचैन हो रहा था. उसने अपनी घड़ी में देखा तो रात का 9 बज रहा था. “ओफफ़ो!!! इतनी रात हो चुकी है और साला पता नहीं कहा मर रहा है. मोबाइल भी अपना यही भूल के गया है की उसे फोन कर सकूँ …एक काम करता हूँ भीमा को साथ लेकर उसकी तलाश में जाता हूँ देखु तो कुत्ता किधर है.



वो वहां से तुरंत भीमा को जगाने के लिए उसके रूम में गया. “भीमा !!!भीमा!!! ओह भीमा!! “
“जी ..जी ..सरकार.”भीमा झट से उठ कर भात ते हुए कहा.
“मेरे साथ चलो हमें रोहन को ढूंढ़ने जाना है.” परवेज़ ने भीमा को उठते हुए देखा तो बोला.
“ओह इसका मतलब रोहन बाबू अभी तक नहीं आए है.” भीमा ने अपनी अपनी आँखों से नींद भागते हुए कहा.
“हां वो अभी तक नहीं आया है. तभी तो तुम्हें जगाया है. अब जल्दी से तैयार हो जाओ और एक गाड़ी का इंतजाम करो.” परवेज़ ने कहा.
“पर सरकार अगर इस वक्त हम गाड़ी से निकलेंगे तो हमें फोरेस्ट रेंजर वाले रोकेंगे.” भीमा ने कहा.
“अरे यार यहां मेरा दोस्त पता नहीं कहा है और तुम फोरेस्ट रेंजर्स की बात कर रहे हो. अरे उन्हें कुछ भी कह देंगे.” परवेज़ थोड़ा च्चिदता हुआ बोला.
“एक मिनट रुको!! में सुशांत को फोन करता हूँ. वो कह रहा था की वो रात के 9 बजे तक आज्एगा.” परवेज़ अपने जेब से मोबाइल निकालते हुए कहा.
“हेलो!! हां सुशांत? कहा हो तुम?” परवेज़ मोबाइल पर सुशांत से बात करता हुआ कहा.
“में रेस्ट हाउस के बाहर ही हूँ. तुम कहा हो?” सुशांत ने दूसरी तरफ फोन पर कहा.
“ओह तुम आ गये. ठीक है तुम बाहर ही रुको . में बाहर ही आ रहा हूँ.” कहते हुए परवेज़ बाहर की और निकल गया. रेस्ट हाउस के बाहर निकालने के बाद परवेज़ ने देखा की सुशांत एक सादे ड्रेस में उन लोगों का बाहर वेट कर रहा था.
“और परवेज़ भाई क्या हाल चाल है???” सुशांत , परवेज़ से हाथ मिलते हुए कहा.
“बहुत खराब हाल चाल है सुशांत. बहुत बड़ी गड़बड़ हो गयी है” परवेज़ भी सुशांत से हाथ मिलते हुए कहा.
“क्यों क्या हुआ? फोन पर तो तुम कह रहे थे की सब कुछ ठीक है तो फिर अचानक क्या प्राब्लम हो गयी? “ फिर सुशांत यहां वहां देखा फिर परवेज़ से कहा “और यह रोहन किधर है दिख नहीं रहा है?”
“यही तो गड़बड़ है.” फिर परवेज़ ने सुशांत को पूरी बात बता दी के कैसे वो लोग इस नेशनल पार्क में कुछ लड़कों को बंदी बनाकर लाए थे और फिर क्यों रोहन उनके पीछे
भागा और अभी तक वापस नहीं लौटा.
“हम….वास्तव में यह तो बहुत बुरी खबर है.” सुशांत भी चिंतित हो गया परवेज़ की पूरी बात सुनकर.
“इसलिए मुझे लगता है की हमें उसकी तलाश में जाना चाहिए. कही साले के साथ कुछ बुरा तो नहीं हुआ हो.” परवेज़ ने कहा.
“तुम ठीक कह रहे हो. हमें जाने चाहिए रोहन को ढूँदने के लिए.” सुशांत ने कहा. तब तक का भीमा भी वहां पर आ चुका था. वो तीनों ने मिलकर तय किया की वो कुछ….
Nice update brother......
ab inko kon bachaega un darindo se bichara Parvez mout k munh mein jaa raha hai.....
keep writing....
keep posting......
 

AK 24

Supreme
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Nice update brother ..ab parvesh aur uski team rohan ko dhunde jayegi..aur inhe nhi pta bhar ghum rhe h .. veshi darinde..dekhna hoga aane wale waqt me kaise samna hoga inka darinde se..
thanxx bro
keep supporting
 

AK 24

Supreme
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(UPDATE-46)



हथियारो के साथ में सुशांत की गाड़ी में बैठ कर रोहन की तलाश में जाएँगे. फिर कुछ देर बाद वो लोग निकल पड़े रोहन की तलाश पर उसी रास्ते पर चल दिए जहाँ पर रोहन उस गाड़ी का पीछा कर रहा था


रोहन की तलाश में वो बहुत दूर निकल आए थे पर अभी भी उन्हें कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे उन्हें रोहन की उपस्थिति का कुछ पता चल पाता. पर जैसे ही उनकी गाड़ी अभी कुछ ही दूर गयी होगी के उन्हें दूर से एक पेड़ के पास कोई गाड़ी खड़ी हुई मिली.
“सुशांत वो देखो उस पेड़ के पास, कोई गाड़ी खड़ी है ? परवेज़ ने उस गाड़ी को देखते हुए कहा.
“हां सरकार में भी देख रहा हूँ. चलो देखते है की वहां क्या है.” भीमा गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे हुए बोला. फिर उनकी गाड़ी उस पेड़ वाली गाड़ी के पास पहुंच गयी. फिर जब परवेज़ ने गाड़ी को करीब से देखा तो उसे बड़ी हैरत हुई की यह तो वही गाड़ी है जिसके पीछे रोहन भागा था. वो अपनी गाड़ी को वही खड़ी करते है और उतार कर उस गाड़ी के पास जाने लगते है.
“ अरे यह क्या है? YYYYYएह्ह्ह…..तो कंकाल है …. .” परवेज़ ने चौंकते हुए कहा.
“हां सरकार इतनी सारी हड्डियों का ढाँचा ? किसका हो सकता है और इनकी यह ऐसे हालत किसने किए होगा ? कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
तब तक सुशांत भी अपनी गाड़ी से उतार कर उन लोगों के साथ में शामिल हो गया.
“अरे यार यह तो उन्हीं लड़की लड़कों की गाड़ी है जिनका हम अगवा करके इस जंगल में आए थे और जिसका पीछा करने के लिए रोहन इनके पीछे भागा था . और फिर शायद यह सारे कंकाल उन्हीं के होंगे.” परवेज़ अपना सर पकड़ते हुए कहा.
“सरकार मेरी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है. इतनी सारी हड्डियाँ वो भी एक साथ जैसे की यह हद्ढियाँ ना हो बल्कि कोई लाश हो और उन लाशों पर से उनका किसी ने माँस उतार लिया हो .” भीमा ने कहा.
“लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की इन लोगों की इस तरह हत्या किसने की होगी. मुझे तो यह किसी जानवर का काम नहीं लगता है. क्योंकि कोई भी जानवर अपने शिकार को इस तरह और इतनी जल्दी उनका माँस नहीं खाता है. मुझे तो यह कोई और ही चक्कर लग रहा है” सुशांत ने उन सारे कंकालो का मुयएना करते हुए बोला.
“कोई और चक्कर लगता है? मतलब क्या है तुम्हारा?” परवेज़, सुशांत की बात पर चौंकते हुए कहा.
“मतलब यह की यह उन्हीं खूनी बंदारो का काम लग रहा है मुझे. जिनके बारे में मुझे अभी कुछ देर पहले पता चला था की कुछ बंदारो से दिखने वाले भयानक किस्म के जानवरों ने कालगरह के इलाके में कुछ लोगों पर हमला कर दिए है. और वो कोई आम सा होने वाला हमला नहीं था बल्कि उसके बारे में मैंने कुछ ऐसा ही सुना था जैसा में यहां पर देख रहा हूँ…..”थोड़े देर तक सुशांत उन दोनों के चेहरे की तरफ देखा, फिर अपनी बात जारी रखते हुए कहा.
“जैसा उत्पात उन जानवरों ने वहां पर मचाया हुआ था वैसा ही उन्होंने ने इन लोगों के साथ किया हुआ है.”
“ओह मेरे खुदा!!!! परवेज़ एकदम हैरत में पढ़ते हुए बोला.
“तभी में बोलू क्यों आज कल इस पार्क में फोरेस्ट ऑफिसर्स वाले इतनी चौकसी क्यों बढ़ा दिए है?”” भीमा ने कहा.
“लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा है की यह किस तरह के जानवर है जो इतनी भयानक तरीके से इन सब को मौत के घाट उतार दिए.” परवेज़ ने कहा.
“यह तो तभी पता चलेगा जब हमारा भी उन सब से सामना होगा.” सुशांत ने कहा. लेकिन उससे पहले हमें रोहन को तलाश करना होगा……मुझे तो डर लग रहा है की कही वो भी इन्हीं कंकालो में से एक…….” अभी सुशांत अपनी पूरी बात खत्म भी कर पाया था की परवेज़ उसे टोकते हुए कहा.
“नहीं सुशांत!! इनमें से कोई भी कंकाल रोहन की नहीं हो सकती. वो इतनी आसानी से अपनी जान देने वालो में से नहीं है. बहुत बहादुर है. वो जरूर अपनी जान बचाकर यहां से भाग गया होगा या फिर अभी भी वो कही किसी मुसीबत में होगा. हमें जितनी जल्दी हो सके उसकी हेल्प करनी चाहिए. और उसे जल्द से जल्द ढूंढ़ना चाहिए.”
“आप ठीक कह रहे हो सरकार, हमें जल्दी से रोहन बाबू को ढूंढ़ना चाहिए.” कहते हुए भीमा उस खाई के नीचे से झाँके की कोशिश करने लगा. हालाँकि रात के अंधेरे में उसे कुछ ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था फिर भी भीमा ने देखा की ढलान से थोड़े ही नीचे कोई चीज़ पड़ी है. उसने फौरन परवेज़ और सुशांत को बुलाया.
“सरकार यहां आइये.” भीमा की आवाज़ सुनकर सुशांत और परवेज़ भाग कर वहां गये जहाँ से भीमा ने उसे आवाज़ दी थी.
“हां भीमा कहो क्या बात है?” परवेज़ भीमा के पास आते हुए बोला.
“सरकार आपको वहां कोई चीज़ दिख रही है. उस झाड़ी से लटकी हुई चीज़ है.” भीमा उसे अपनी उंगली से ढलान की तरफ इशारे करते हुए कहा. परवेज़ ने भी उसी….


WRITER NOTE:-

hmmmm, so guys yaar aap log bilkul bhi support nhi kar rahe ho na review aa rahe na aur kuch ab to story ki starting bhi nhi ki jo lage starting me hota hai.
Story ke 46 update aa chuke aur review bas 2 ya 3 readers ke hi aate hai aage se review do aur update lo. Kyuki mene kayi threads pe dekha hai and i am not comparing myself with others 200 pages me 30 ya 40 update hai bas aur yaha 25 page me 46.
Kyuki mera bhi mann nhi karta jab thread khol ke dekhta hu kuch response hi nhi hai.

TO BE CONTINUED ??
 

Punnu

Active Member
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Fabulous update brother..bhai aise mat kaho yr apki story jabardast hai..or bhai aisi bahut story h..jo bahut vdiya h fir bhi unke pass review kamm aate hai..but fir bhi wo update dete h bhai..
 

u.sir.name

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हथियारो के साथ में सुशांत की गाड़ी में बैठ कर रोहन की तलाश में जाएँगे. फिर कुछ देर बाद वो लोग निकल पड़े रोहन की तलाश पर उसी रास्ते पर चल दिए जहाँ पर रोहन उस गाड़ी का पीछा कर रहा था


रोहन की तलाश में वो बहुत दूर निकल आए थे पर अभी भी उन्हें कुछ ऐसा नहीं मिला जिससे उन्हें रोहन की उपस्थिति का कुछ पता चल पाता. पर जैसे ही उनकी गाड़ी अभी कुछ ही दूर गयी होगी के उन्हें दूर से एक पेड़ के पास कोई गाड़ी खड़ी हुई मिली.
“सुशांत वो देखो उस पेड़ के पास, कोई गाड़ी खड़ी है ? परवेज़ ने उस गाड़ी को देखते हुए कहा.
“हां सरकार में भी देख रहा हूँ. चलो देखते है की वहां क्या है.” भीमा गाड़ी की पिछली सीट पर बैठे हुए बोला. फिर उनकी गाड़ी उस पेड़ वाली गाड़ी के पास पहुंच गयी. फिर जब परवेज़ ने गाड़ी को करीब से देखा तो उसे बड़ी हैरत हुई की यह तो वही गाड़ी है जिसके पीछे रोहन भागा था. वो अपनी गाड़ी को वही खड़ी करते है और उतार कर उस गाड़ी के पास जाने लगते है.
“ अरे यह क्या है? YYYYYएह्ह्ह…..तो कंकाल है …. .” परवेज़ ने चौंकते हुए कहा.
“हां सरकार इतनी सारी हड्डियों का ढाँचा ? किसका हो सकता है और इनकी यह ऐसे हालत किसने किए होगा ? कुछ समझ में नहीं आ रहा है.
तब तक सुशांत भी अपनी गाड़ी से उतार कर उन लोगों के साथ में शामिल हो गया.
“अरे यार यह तो उन्हीं लड़की लड़कों की गाड़ी है जिनका हम अगवा करके इस जंगल में आए थे और जिसका पीछा करने के लिए रोहन इनके पीछे भागा था . और फिर शायद यह सारे कंकाल उन्हीं के होंगे.” परवेज़ अपना सर पकड़ते हुए कहा.
“सरकार मेरी भी कुछ समझ में नहीं आ रहा है. इतनी सारी हड्डियाँ वो भी एक साथ जैसे की यह हद्ढियाँ ना हो बल्कि कोई लाश हो और उन लाशों पर से उनका किसी ने माँस उतार लिया हो .” भीमा ने कहा.
“लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की इन लोगों की इस तरह हत्या किसने की होगी. मुझे तो यह किसी जानवर का काम नहीं लगता है. क्योंकि कोई भी जानवर अपने शिकार को इस तरह और इतनी जल्दी उनका माँस नहीं खाता है. मुझे तो यह कोई और ही चक्कर लग रहा है” सुशांत ने उन सारे कंकालो का मुयएना करते हुए बोला.
“कोई और चक्कर लगता है? मतलब क्या है तुम्हारा?” परवेज़, सुशांत की बात पर चौंकते हुए कहा.
“मतलब यह की यह उन्हीं खूनी बंदारो का काम लग रहा है मुझे. जिनके बारे में मुझे अभी कुछ देर पहले पता चला था की कुछ बंदारो से दिखने वाले भयानक किस्म के जानवरों ने कालगरह के इलाके में कुछ लोगों पर हमला कर दिए है. और वो कोई आम सा होने वाला हमला नहीं था बल्कि उसके बारे में मैंने कुछ ऐसा ही सुना था जैसा में यहां पर देख रहा हूँ…..”थोड़े देर तक सुशांत उन दोनों के चेहरे की तरफ देखा, फिर अपनी बात जारी रखते हुए कहा.
“जैसा उत्पात उन जानवरों ने वहां पर मचाया हुआ था वैसा ही उन्होंने ने इन लोगों के साथ किया हुआ है.”
“ओह मेरे खुदा!!!! परवेज़ एकदम हैरत में पढ़ते हुए बोला.
“तभी में बोलू क्यों आज कल इस पार्क में फोरेस्ट ऑफिसर्स वाले इतनी चौकसी क्यों बढ़ा दिए है?”” भीमा ने कहा.
“लेकिन मेरी समझ में नहीं आ रहा है की यह किस तरह के जानवर है जो इतनी भयानक तरीके से इन सब को मौत के घाट उतार दिए.” परवेज़ ने कहा.
“यह तो तभी पता चलेगा जब हमारा भी उन सब से सामना होगा.” सुशांत ने कहा. लेकिन उससे पहले हमें रोहन को तलाश करना होगा……मुझे तो डर लग रहा है की कही वो भी इन्हीं कंकालो में से एक…….” अभी सुशांत अपनी पूरी बात खत्म भी कर पाया था की परवेज़ उसे टोकते हुए कहा.
“नहीं सुशांत!! इनमें से कोई भी कंकाल रोहन की नहीं हो सकती. वो इतनी आसानी से अपनी जान देने वालो में से नहीं है. बहुत बहादुर है. वो जरूर अपनी जान बचाकर यहां से भाग गया होगा या फिर अभी भी वो कही किसी मुसीबत में होगा. हमें जितनी जल्दी हो सके उसकी हेल्प करनी चाहिए. और उसे जल्द से जल्द ढूंढ़ना चाहिए.”
“आप ठीक कह रहे हो सरकार, हमें जल्दी से रोहन बाबू को ढूंढ़ना चाहिए.” कहते हुए भीमा उस खाई के नीचे से झाँके की कोशिश करने लगा. हालाँकि रात के अंधेरे में उसे कुछ ठीक से दिखाई नहीं दे रहा था फिर भी भीमा ने देखा की ढलान से थोड़े ही नीचे कोई चीज़ पड़ी है. उसने फौरन परवेज़ और सुशांत को बुलाया.
“सरकार यहां आइये.” भीमा की आवाज़ सुनकर सुशांत और परवेज़ भाग कर वहां गये जहाँ से भीमा ने उसे आवाज़ दी थी.
“हां भीमा कहो क्या बात है?” परवेज़ भीमा के पास आते हुए बोला.
“सरकार आपको वहां कोई चीज़ दिख रही है. उस झाड़ी से लटकी हुई चीज़ है.” भीमा उसे अपनी उंगली से ढलान की तरफ इशारे करते हुए कहा. परवेज़ ने भी उसी….



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hmmmm, so guys yaar aap log bilkul bhi support nhi kar rahe ho na review aa rahe na aur kuch ab to story ki starting bhi nhi ki jo lage starting me hota hai.
Story ke 46 update aa chuke aur review bas 2 ya 3 readers ke hi aate hai aage se review do aur update lo. Kyuki mene kayi threads pe dekha hai and i am not comparing myself with others 200 pages me 30 ya 40 update hai bas aur yaha 25 page me 46.
Kyuki mera bhi mann nhi karta jab thread khol ke dekhta hu kuch response hi nhi hai.


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