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Looteraaa

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Update 2




अब तक ...

वीर के मन में काफी उथल पुथल मची हुई थी और अब वो काव्या से बात करने जा रहा है




अब आगे ...

सच्चे प्यार की तलाश में वीर ने कई लड़कियों पे ट्राय किया...... लेकिन उसे उसका हमसफर नहीं मिला और आखिर में जिसे वो अपनी डेस्टिनी मान बैठा था, अपने बड़ो का आशीर्वाद समझ रहा था.....वो भी उसे छोड़ के चली गई🤦🏻..


वीर के मन में अब बहुत सारे प्रश्न उठ रहे थे....
🤔 काव्या भी तो किरण की बहन है....और वह किसी लकी नाम के लड़के को पसंद भी करती है, कही फिर से तो.... मेरे दिल को चोट नहीं पहुंचेगी..


वीर अपने मन में काव्या के प्रति तरह तरह के विचार, भावनाएं, अपेक्षाएं और आशाएं संजोए आगे बढ़ रहा था..




वहीं काव्या...

आंखों में आशू लिए बस यही सोचे जा रही थी कि उसे वीर को हां ही कहना है , हालांकि उसका मन नहीं है की वह अभी से शादी करे और उसे तो लव मैरिज ही पसंद है...फिर उसकी क्या मजबूरी है कि वो बस शादी के लिए हां ही कहना चाह रही है ( आगे पता लगेगा), साथ ही उसके मन में उसके फ्यूचर को लेकर कई सवाल है कि वह अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करेगी वह भी उसी कॉलेज से बीए कर रही है जहां से वीर ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी.....


शादी के बाद तो न ही उसे कभी टाइम मिल पाएगा न ही वह अपनी जिंदगी जी सकेगी.... आखिर ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ कल तक तो सब ठीक था उसे अपनी बहन को लेकर भी कई विचार आ रहे थे कि वो ऐसा कैसे कर सकती है आखिर उनकी ही गलती है कि मेरे साथ ऐसा हो रहा है .......नही नहीं मैं ये क्या सोच रही हूं दीदी है वो मेरी कि तभी दरवाजे पर दस्तक होती है और वो दरवाजा खोलने जाती है


दरवाजा खुलने के बाद....

काव्या वीर को देखते ही जीजू कहने ही वाली थी कि वो अचानक सहम सी जाती है और अपनी नजरे झुका लेती है जैसे ही वीर अंदर आता है तो वह दीवार की तरफ अपना मुंह कर लेती है अभी भी उसकी आंखो में आशू थे.....दिल जोरो से धड़क रहा था


इधर वीर को भी कुछ भी समझ नही आ रहा होता है कि वह क्या बात करे वह आ तो गया था कि उससे बात करेगा लेकिन कहां से शुरूवात करे उसे सूझ ही नहीं रहा था आखिर में हिम्मत करके वीर बोला


वीर : क्या तुम सच में मुझसे शादी करना चाहती हो ?

( काव्या ये सुनकर एकदम शांत खड़ी रही उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर भी वो हिम्मत जुटा कर धीरे से बोली )


काव्या: हां..... और फिर से वो खामोश हो गई न वीर कुछ बोल रहा था न ही काव्या बस खामोशी और दिलों की जोर की धड़कन....कुछ देर रुककर वीर फिर से बोला


वीर : मैं तुमसे उम्र में काफी बड़ा हू और तुम्हे तो लव मैरिज पसंद है फिर लकी का क्या होगा ?

काव्या : कुछ देर सोचकर........ अब से मेरे दिल में सिर्फ आप ही रहेंगे


वीर : फिर लकी का क्या होगा ?


(दरसल वीर को डर था कि कही उसे बेवफाई न मिले )

काव्या : फिर से कुछ सोचकर.... हां मुझे वो पसंद है लेकिन मैने आज तक उससे कभी बात नही की तो मेरा उसे पसंद करना एकतरफा रहा और मुझे नही लगता वो मुझे कभी पसंद भी करेगा तो अब मैं उसे भूलना ही पसंद करूंगी


( बात ये है की काव्या बहुत ही गरीब घर से बिलांग करती है, जबकि लकी के पापा एसडीएम है )


इधर वीर के मन में यही चल रहा होता है कि ये कैसी लड़की है ये भी तो किसी को छोड़कर ही मेरे पास आ रही है.....क्या ये ठीक है आखिर अपने प्यार को कोई कैसे छोड़ सकता है और यहां वीर के मन में कही न कही काव्या को लेकर असमंजस कि स्थिति बनी हुई है



वीर को अपने परिवार की इज़्जत की फिक्र भी है, अगर वो बिना शादी किए गया तो लोगो के ताने सुनने को मिलेंगे ...... अंत में उसने पूछा तुम्हारी मुझसे क्या उम्मीद है


काव्या : आप जैसे मुझे रखोगे मैं वैसे ही रह लूंगी ( ये जवाब काव्या का नही था बल्कि उसकी मम्मी उसे अभी जो सिखाकर गई थी उसका प्रभाव था)


चूंकि वीर बोहोत सोच समझकर उससे बात कर रहा था फिर भी काव्या बस छोटा सा ही जवाब दे रही थी जिससे वीर कुछ समझ नहीं पा रहा था वो इरिटेट भी हो रहा था कि वो फिर से पूछता है


वीर : अगर लकी भी तुम्हे पसंद करने लगे तो तुम क्या करोगी?

काव्या : अगर मैं आपकी हो गई तो फिर आपकी ही रहूंगी


वीर : क्या तुम्हे भी कुछ जानना या पूछना है?
काव्या : नहीं ( वह अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर कई सवाल पूछना चाहती थी लेकिन उसकी मम्मी की वजह से वो नही पूछ रही थी )


इधर को काव्या की बाते वीर को फिल्मी लग रही थी उसने भी अब बिना कुछ ज्यादा सोचे कहा ठीक है फिर 'लेट्स गेट मैरिड'


वीर कमरे से बाहर आता है
वीर के कमरे से बाहर आते ही सारे प्रोग्राम्स फिर से चलने लगते है चहल पहल और दूसरी तरफ पंगत में भोजन का दौर चल रहा होता है ( बताया था कि गरीबी है और मैं खुद बूफे से ज्यादा नीचे बैठकर खाना पसंद करता हू )



थोड़ी ही देर के बाद हम देखते है कि स्टेज सजा हुआ है जहां पर वीर विराजमान है ,उसके स्कूल और कॉलेज के कुछ खास दोस्त भी उसके आस पास ही है मस्ती मजाक का दौर भी चल रहा होता है इधर जैक भी अपने दोस्त के लिए खुश है


अब दुल्हन की एंट्री होती है जिसे वीर तो देखता ही रह जाता है


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क्योंकि उसने काव्या को श्रृंगार किए हुए नही देखा था जब वह बात करने भी गया था तो वहां वह काव्या का चेहरा नहीं देख पाया था , क्योंकि काव्या तो दीवार की तरफ सिर किए हुई थी और जब सामने देखती तो सिर झुका लेती, कमरे में रोशनी कम होने से वैसे भी कुछ खास दिखाई नहीं दे पाता


वीर जब तक अपने ख्यालों से बाहर आया तब तक काव्या उसके बगल में आके बैठ चुकी थी .....आगे वरमाला (जयमाल) का कार्यक्रम हुआ उसके बाद फोटो सेशन


अब तक सभी थक कर सो चुके थे रात गहरी हो रही थी लेकिन वीर तो अपने ख्यालों में ही खोया था की उसके मोबाइल पर अलार्म बजने लगा सुबह के 5 बज रहे थे और उसने तुरंत ही उसे बंद किया और अपने अलार्म को रीसेट किया क्योंकि उसमें तू है मेरी किरण गाने का इंस्ट्रूमेंटल रिंगटोन लगा हुआ था उसने फिर उसे सभी जगह से हटा दिया और अपने मोबाइल से किरण की सारी तस्वीरें भी डिलीट कर दी तब जाके उसके मन को शांति मिली.....


अब वह शांत मन से आंखों को बंद कर काव्या के बारे में ही सोच रहा था और उसके फेस पर भी स्माइल आ चुकी थी..... कि कुछ ही देर में उसे उसके जीजाजी ने उठा दिया ताकि फ्रेश होकर जल्द से जल्द सारी रस्में अदा की जा सके



( वीर की 3 बहनों में मीरा (27 साल) सबसे बड़ी है जिनके हसबैंड अमर ने अभी वीर को जगाया बाकी दो बहनें वीर से काफी छोटी है सबसे छोटी 1* साल की रूही और फिर 18 साल की कीर्ति
वीर के माता पिता की शादी काफी कम उम्र में हो चुकी थी जिसके कारण दो बच्चे के बाद उन्हें आगे बेबी कंसीव करने के लिए डाक्टर ने मना कर दिया था तो काफी सालों तक भी कोई प्लानिंग नही की वैसे भी वीर के पिताजी को लिमिटेड छुट्टियां ही मिलती थी )


वीर के फ्रेश होते ही सारी रस्मो को पूरा किया गया और अब विदाई का समय हो चला था ..... मैने देखा कि सब काव्या से लिपट कर रो रहे है और काव्या की आंखों में कोई आंसू नहीं है


इस रोने-धोने के कार्यक्रम के बाद विदाई हुई और वीर के बगल में काव्या बैठी थी लेकिन बीच में जुही (बुआ की बेटी, उम्र * साल ) बैठी हुई थी



कार चलने लगी और चंद्रनगर से निकलते ही काव्या को काफी नींद आने लगी थी जिससे उसका सिर बार बार गिर रहा था जिसे वीर ने भी नोटिस कर लिया था इसलिए उसने उसके सिर को अपने हाथ फैलाकर आर्म्स में होल्ड कर लिया शायद वह टेंशन में रात में सो नहीं सकी है


वीर बस उसे देखे ही जा रहा था और रास्ता भी लंबा नहीं था 80 km .....तो जल्द ही बृजपुर की सीमा पर वो जा पहुंचे जहां वीर को उसे उठाना सही नही लगा तो उसने उसे सोने दिया जब तक की घर पहुंचकर ड्राइवर ने हॉर्न नहीं बजाया


यहां घर पर भी ये बात पता लग चुकी थी कि किरण भाग गई है और वीर कि शादी काव्या से हुई है तो लोग बेशब्री से इंतजार कर रहे थे कि कब उन्हें दुल्हन का फेस देखने मिलेगा साथ ही रूही और कीर्ति भी बोहोत ज्यादा एक्साइटेड थी अपनी होने वाली भाभी को लेकर.....🤗 उन्हें उनकी ही उम्र की दोस्त जो मिलने जा रही थी


घर आते ही द्वार पर आरती की गई और फिर रुही और कीर्ति पैसों की डिमांड करने लगी तब वीर ने उन्हें 5-5 हजार दिए , जैसे ही इनसे जान छूटी तो और भी चीजे की जाने लगी जिसमे काव्या की भूमिका ज्यादा थी मै तो ऊपर अपने रूम में चला गया और नहाने के बाद सो गया


4 बजे में नींद से जागा तब रुही का मैसेज देखा जिसमें उसने बताया कि लोग भाभी के बारे में उल्टी सीधी बात कर रहे थे कि कितनी भी सुंदर क्यूं ना हो आखिर है तो उसी की बहन न इस पर रूही और कीर्ति ने भी जमकर झगड़ा किया

[ वीर की जगह कई जगह पर में ' मैं ' लिख देता हू जिसे आप वीर ही समझना ]


मैं ये सब जानकर बोहोत ही ज्यादा गुस्से में था फिर खुद को शांत किया और काव्या को उपर छत पर आने को बोला लेकिन जूही भी उसके साथ ही आ गई तो मैंने उसे पानी के बहाने से नीचे भेज दिया


अब मेने काव्या से पूछा थोड़ा जोर से ....क्या हुआ था नीचे ? वो डर गई और घबराने लगी क्युकी जब लोग उसकी बहन को बुरा भला बोल रहे थे तो उसने भी थोड़ी बहस कर ली थी, उसे लगा मैं उसी चीज को लेकर बात कर रहा हूं और उसे पता था कि मैं भी किरण को लेकर नाराज हूं तो और भी डर गई


वो कुछ भी बोल नही रही थी मैने उसे गौर से देखा तो उसने खुद को पूरी तरीके से साड़ी से कवर किया हुआ था उसकी कमर भी नजर नहीं आ रही थी तो मैने उसे कमर से पकड़ के अपने पास खींचा तो उसके मुंह से जोर की सिसकी नकीली आह्ह्ह.....मुझे लगा ये क्या हो गया


मैंने कमर से उसकी साड़ी हटाकर देखा तो साइड से कुछ जलने के निसान दिखाई दिए ....मेरा पारा ऊपर चढ़ने लगा किसने किया ये ( मैं जोर से बोला ) तो काव्या रोने लगी लेकिन बोली कुछ नहीं


काव्या मन में
अगर मैने बता दिया कि ये सब मां ने किया है तो बोहोत दिक्कत हो जाएगी तो में क्या बोलू ये सोचते हुए काव्या अचानक से बोली....वो...वो... गलती से मैने खुद को जला लिया था


मुझे पता था कि ये झूठ बोल रही है लेकिन उसे इस वक्त ज्यादा परेशान मैं नहीं कर सकता था तो उसके गालों को मेने खींचा फिर सर पर हाथ फेरकर उसे जाने दिया


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सबसे पहले मुझे उसके मन से डर को निकलना था और उसे हर परिस्थिति में उसके साथ रहने का एहसास दिलाना था ताकि वो खुल कर मेरे साथ हर चीजे बांट सके ...... आखिर इसके मन में इतना डर है कैसे इस उम्र में आकर भी


ये मुझे आज तक फील नहीं हुआ था लेकिन अब मैं उसे और करीब से जानना चाहता था


इधर काव्या नीचे

मन में सोच रही थी कि आज नही तो कल उन्हें सबकुछ पता चल जाएगा
अगर उन्होंने सारे घाव देख लिए तो मैं क्या करूंगी अभी तो 13 दिन की छुट्टियां और है ( सेमेस्टर गैप) चौथा सेम स्टार्ट होने में ......तो क्या में उनसे कॉलेज की बात करूं अगर उन्होंने जाने देने से मना कर दिया तो और ये सब सोचकर वो दुखी हो जाती है और अंदर ही अंदर रोने लग जाती है



रात में डिनर करने के बाद जब मे रुम में आया तो वहां काव्या बैठी हुई थी साथ ही जूही भी थी ......मुझे लगा कि ये जूही मुझे काव्या के करीब नहीं जाने देगी तो मेने रूही को मैसेज किया की वो जूही को अपने साथ सुला ले


घर का विवरण

कच्चे घर के सामने ही पक्का घर बना हुआ है और दोनो के बीच मे बड़ा सा आंगन भी है पक्के मकान में चार नीचे और चार उपर रूम बने हुए है


नीचे एक बड़ा सा हाल भी है और उपर उतनी ही जगह पर छत है....... जो चारो रूम उपर है उसके ऊपर भी छत बनी हुई है लोगो के हिसाब से हमारा घर काफी बड़ा है



और कच्चे मकान में दो लंबे लंबे कमरे बने जिनमे अनाज भंडारण की व्यवस्था भी है एक किचन है जहा अब भी खाना बनता है और साथ ही एक रूम में घर के देवी देवताओं को स्थान दिया गया है बाकी दोनों साइड की बात करे तो एक तरफ बड़े पापा का घर और एक तरफ मझले पापा का घर बना हुआ है उन दोनो के दरवाजे ही हमारे आंगन की ओर भी खुलते है,


कच्चे घर के पीछे भी बोहोत कुछ बना हुआ है पानी की एक बोहोत बड़ी सीमेंट की टंकी बनी हुई है और वही झूला भी लगा हुआ है चारो ओर जो बाउंड्री की गई है उस पर बोहोत से गमले रखे है पक्के घर की छत से हमारे खेतो का कुछ हिस्सा भी दिखाई देता है


अब वापिस आते है रूम पर तो अब तक रुही भी आ चुकी थी जूही को ले जाने

के लिए और वो भी रुही के मोबाइल के लालच में चली गई अब हम दोनो ही अकेले थे रूम पर
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काव्या और वीर के बीच आगे क्या होने वाला है...जानने के लिए बने रहिए❣️
 
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sam_41

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Update 2

अब तक .....आपने देखा कि वीर के मन में काफी उथल पुथल है और वो काव्या से बात करने जा रहा होता है


अब आगे .....

सच्चे प्यार की तलाश में वीर ने कई लड़कियों पर ट्राय किया लेकिन उसे उसका हमसफर नहीं मिला और आखिर में जिसे वो अपनी डेस्टिनी समझ रहा था अपने बड़ो का आशीर्वाद समझ रहा था वो भी उसे छोड़ गई


उसके मन में अब कई सारे विचार घर किए हुए थे, कि आखिर काव्या भी तो किरण की ही बहन है और वह लकी को पसंद भी करती है कही फिर से उसके दिल को चोट तो नहीं पहुंचेगी, भारी मन से वो काव्या के बारे में ही सोचे जा रहा था। कहीं आजकल कि लड़कियां ऐसी ही धोखेबाज तो नहीं होती अरे अरे.... ये मैं क्या सोच रहा हूं ....शायद मुझे ही अभी तक मेरे लायक लड़की नहीं मिली



इधर काव्या...

आंखों में आशू लिए बस यही सोचे जा रही थी कि उसे वीर को हां ही कहना है , हालांकि उसका मन नहीं है की वह अभी से शादी करे और उसे तो लव मैरिज ही पसंद है...फिर उसकी क्या मजबूरी है कि वो बस शादी के लिए हां ही कहना चाह रही है ( आगे पता लगेगा), साथ ही उसके मन में उसके फ्यूचर को लेकर कई सवाल है कि वह अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करेगी वह भी उसी कॉलेज से बीए कर रही है जहां से वीर ने अपनी पढ़ाई पूरी की थी.....


शादी के बाद तो न ही उसे कभी टाइम मिल पाएगा न ही वह अपनी जिंदगी जी सकेगी.... आखिर ये सब क्या हो रहा है मेरे साथ कल तक तो सब ठीक था उसे अपनी बहन को लेकर भी कई विचार आ रहे थे कि वो ऐसा कैसे कर सकती है आखिर उनकी ही गलती है कि मेरे साथ ऐसा हो रहा है .......नही नहीं मैं ये क्या सोच रही हूं दीदी है वो मेरी कि तभी दरवाजे पर दस्तक होती है और वो दरवाजा खोलने जाती है


दरवाजा खुलने के बाद....

काव्या वीर को देखते ही जीजू कहने ही वाली थी कि वो अचानक सहम सी जाती है और अपनी नजरे झुका लेती है जैसे ही वीर अंदर आता है तो वह दीवार की तरफ अपना मुंह कर लेती है अभी भी उसकी आंखो में आशू थे.....दिल जोरो से धड़क रहा था


इधर वीर को भी कुछ भी समझ नही आ रहा होता है कि वह क्या बात करे वह आ तो गया था कि उससे बात करेगा लेकिन कहां से शुरूवात करे उसे सूझ ही नहीं रहा था आखिर में हिम्मत करके वीर बोला


वीर : क्या तुम सच में मुझसे शादी करना चाहती हो ?

( काव्या ये सुनकर एकदम शांत खड़ी रही उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था फिर भी वो हिम्मत जुटा कर धीरे से बोली )


काव्या: हां..... और फिर से वो खामोश हो गई न वीर कुछ बोल रहा था न ही काव्या बस खामोशी और दिलों की जोर की धड़कन....कुछ देर रुककर वीर फिर से बोला


वीर : मैं तुमसे उम्र में काफी बड़ा हू और तुम्हे तो लव मैरिज पसंद है फिर लकी का क्या होगा ?

काव्या : कुछ देर सोचकर........ अब से मेरे दिल में सिर्फ आप ही रहेंगे


वीर : फिर लकी का क्या होगा ?


(दरसल वीर को डर था कि कही उसे बेवफाई न मिले )

काव्या : फिर से कुछ सोचकर.... हां मुझे वो पसंद है लेकिन मैने आज तक उससे कभी बात नही की तो मेरा उसे पसंद करना एकतरफा रहा और मुझे नही लगता वो मुझे कभी पसंद भी करेगा तो अब मैं उसे भूलना ही पसंद करूंगी


( बात ये है की काव्या बहुत ही गरीब घर से बिलांग करती है, जबकि लकी के पापा एसडीएम है )


इधर वीर के मन में यही चल रहा होता है कि ये कैसी लड़की है ये भी तो किसी को छोड़कर ही मेरे पास आ रही है.....क्या ये ठीक है आखिर अपने प्यार को कोई कैसे छोड़ सकता है और यहां वीर के मन में कही न कही काव्या को लेकर असमंजस कि स्थिति बनी हुई है



वीर को अपने परिवार की इज़्जत की फिक्र भी है, अगर वो बिना शादी किए गया तो लोगो के ताने सुनने को मिलेंगे ...... अंत में उसने पूछा तुम्हारी मुझसे क्या उम्मीद है


काव्या : आप जैसे मुझे रखोगे मैं वैसे ही रह लूंगी ( ये जवाब काव्या का नही था बल्कि उसकी मम्मी उसे अभी जो सिखाकर गई थी उसका प्रभाव था)


चूंकि वीर बोहोत सोच समझकर उससे बात कर रहा था फिर भी काव्या बस छोटा सा ही जवाब दे रही थी जिससे वीर कुछ समझ नहीं पा रहा था वो इरिटेट भी हो रहा था कि वो फिर से पूछता है


वीर : अगर लकी भी तुम्हे पसंद करने लगे तो तुम क्या करोगी?

काव्या : अगर मैं आपकी हो गई तो फिर आपकी ही रहूंगी


वीर : क्या तुम्हे भी कुछ जानना या पूछना है?
काव्या : नहीं ( वह अपनी पढ़ाई और भविष्य को लेकर कई सवाल पूछना चाहती थी लेकिन उसकी मम्मी की वजह से वो नही पूछ रही थी )


इधर को काव्या की बाते वीर को फिल्मी लग रही थी उसने भी अब बिना कुछ ज्यादा सोचे कहा ठीक है फिर 'लेट्स गेट मैरिड'


वीर कमरे से बाहर आता है
वीर के कमरे से बाहर आते ही सारे प्रोग्राम्स फिर से चलने लगते है चहल पहल और दूसरी तरफ पंगत में भोजन का दौर चल रहा होता है ( बताया था कि गरीबी है और मैं खुद बूफे से ज्यादा नीचे बैठकर खाना पसंद करता हू )



थोड़ी ही देर के बाद हम देखते है कि स्टेज सजा हुआ है जहां पर वीर विराजमान है ,उसके स्कूल और कॉलेज के कुछ खास दोस्त भी उसके आस पास ही है मस्ती मजाक का दौर भी चल रहा होता है इधर जैक भी अपने दोस्त के लिए खुश है


अब दुल्हन की एंट्री होती है जिसे वीर तो देखता ही रह जाता है

Fashion Wedding GIF by Manish Malhotra World


क्योंकि उसने काव्या को श्रृंगार किए हुए नही देखा था जब वह बात करने भी गया था तो वहां वह काव्या का चेहरा नहीं देख पाया था , क्योंकि काव्या तो दीवार की तरफ सिर किए हुई थी और जब सामने देखती तो सिर झुका लेती, कमरे में रोशनी कम होने से वैसे भी कुछ खास दिखाई नहीं दे पाता


वीर जब तक अपने ख्यालों से बाहर आया तब तक काव्या उसके बगल में आके बैठ चुकी थी .....आगे वरमाला (जयमाल) का कार्यक्रम हुआ उसके बाद फोटो सेशन


अब तक सभी थक कर सो चुके थे रात गहरी हो रही थी लेकिन वीर तो अपने ख्यालों में ही खोया था की उसके मोबाइल पर अलार्म बजने लगा सुबह के 5 बज रहे थे और उसने तुरंत ही उसे बंद किया और अपने अलार्म को रीसेट किया क्योंकि उसमें तू है मेरी किरण गाने का इंस्ट्रूमेंटल रिंगटोन लगा हुआ था उसने फिर उसे सभी जगह से हटा दिया और अपने मोबाइल से किरण की सारी तस्वीरें भी डिलीट कर दी तब जाके उसके मन को शांति मिली.....


अब वह शांत मन से आंखों को बंद कर काव्या के बारे में ही सोच रहा था और उसके फेस पर भी स्माइल आ चुकी थी..... कि कुछ ही देर में उसे उसके जीजाजी ने उठा दिया ताकि फ्रेश होकर जल्द से जल्द सारी रस्में अदा की जा सके



( वीर की 3 बहनों में मीरा (27 साल) सबसे बड़ी है जिनके हसबैंड अमर ने अभी वीर को जगाया बाकी दो बहनें वीर से काफी छोटी है सबसे छोटी 17 साल की रूही और फिर 18 साल की कीर्ति
वीर के माता पिता की शादी काफी कम उम्र में हो चुकी थी जिसके कारण दो बच्चे के बाद उन्हें आगे बेबी कंसीव करने के लिए डाक्टर ने मना कर दिया था तो काफी सालों तक भी कोई प्लानिंग नही की वैसे भी वीर के पिताजी को लिमिटेड छुट्टियां ही मिलती थी )


वीर के फ्रेश होते ही सारी रस्मो को पूरा किया गया और अब विदाई का समय हो चला था ..... मैने देखा कि सब काव्या से लिपट कर रो रहे है और काव्या की आंखों में कोई आंसू नहीं है


इस रोने-धोने के कार्यक्रम के बाद विदाई हुई और वीर के बगल में काव्या बैठी थी लेकिन बीच में जुही (बुआ की बेटी, उम्र 7 साल ) बैठी हुई थी



कार चलने लगी और चंद्रनगर से निकलते ही काव्या को काफी नींद आने लगी थी जिससे उसका सिर बार बार गिर रहा था जिसे वीर ने भी नोटिस कर लिया था इसलिए उसने उसके सिर को अपने हाथ फैलाकर आर्म्स में होल्ड कर लिया शायद वह टेंशन में रात में सो नहीं सकी है


वीर बस उसे देखे ही जा रहा था और रास्ता भी लंबा नहीं था 80 km .....तो जल्द ही बृजपुर की सीमा पर वो जा पहुंचे जहां वीर को उसे उठाना सही नही लगा तो उसने उसे सोने दिया जब तक की घर पहुंचकर ड्राइवर ने हॉर्न नहीं बजाया


यहां घर पर भी ये बात पता लग चुकी थी कि किरण भाग गई है और वीर कि शादी काव्या से हुई है तो लोग बेशब्री से इंतजार कर रहे थे कि कब उन्हें दुल्हन का फेस देखने मिलेगा साथ ही रूही और कीर्ति भी बोहोत ज्यादा एक्साइटेड थी अपनी होने वाली भाभी को लेकर.....🤗 उन्हें उनकी ही उम्र की दोस्त जो मिलने जा रही थी


घर आते ही द्वार पर आरती की गई और फिर रुही और कीर्ति पैसों की डिमांड करने लगी तब वीर ने उन्हें 5-5 हजार दिए , जैसे ही इनसे जान छूटी तो और भी चीजे की जाने लगी जिसमे काव्या की भूमिका ज्यादा थी मै तो ऊपर अपने रूम में चला गया और नहाने के बाद सो गया


4 बजे में नींद से जागा तब रुही का मैसेज देखा जिसमें उसने बताया कि लोग भाभी के बारे में उल्टी सीधी बात कर रहे थे कि कितनी भी सुंदर क्यूं ना हो आखिर है तो उसी की बहन न इस पर रूही और कीर्ति ने भी जमकर झगड़ा किया

[ वीर की जगह कई जगह पर में ' मैं ' लिख देता हू जिसे आप वीर ही समझना ]


मैं ये सब जानकर बोहोत ही ज्यादा गुस्से में था फिर खुद को शांत किया और काव्या को उपर छत पर आने को बोला लेकिन जूही भी उसके साथ ही आ गई तो मैंने उसे पानी के बहाने से नीचे भेज दिया


अब मेने काव्या से पूछा थोड़ा जोर से ....क्या हुआ था नीचे ? वो डर गई और घबराने लगी क्युकी जब लोग उसकी बहन को बुरा भला बोल रहे थे तो उसने भी थोड़ी बहस कर ली थी, उसे लगा मैं उसी चीज को लेकर बात कर रहा हूं और उसे पता था कि मैं भी किरण को लेकर नाराज हूं तो और भी डर गई


वो कुछ भी बोल नही रही थी मैने उसे गौर से देखा तो उसने खुद को पूरी तरीके से साड़ी से कवर किया हुआ था उसकी कमर भी नजर नहीं आ रही थी तो मैने उसे कमर से पकड़ के अपने पास खींचा तो उसके मुंह से जोर की सिसकी नकीली आह्ह्ह.....मुझे लगा ये क्या हो गया


मैंने कमर से उसकी साड़ी हटाकर देखा तो साइड से कुछ जलने के निसान दिखाई दिए ....मेरा पारा ऊपर चढ़ने लगा किसने किया ये ( मैं जोर से बोला ) तो काव्या रोने लगी लेकिन बोली कुछ नहीं


काव्या मन में
अगर मैने बता दिया कि ये सब मां ने किया है तो बोहोत दिक्कत हो जाएगी तो में क्या बोलू ये सोचते हुए काव्या अचानक से बोली....वो...वो... गलती से मैने खुद को जला लिया था


मुझे पता था कि ये झूठ बोल रही है लेकिन उसे इस वक्त ज्यादा परेशान मैं नहीं कर सकता था तो उसके गालों को मेने खींचा फिर सर पर हाथ फेरकर उसे जाने दिया

Shin Hye Sun Pampers GIF



सबसे पहले मुझे उसके मन से डर को निकलना था और उसे हर परिस्थिति में उसके साथ रहने का एहसास दिलाना था ताकि वो खुल कर मेरे साथ हर चीजे बांट सके ...... आखिर इसके मन में इतना डर है कैसे इस उम्र में आकर भी


ये मुझे आज तक फील नहीं हुआ था लेकिन अब मैं उसे और करीब से जानना चाहता था


इधर काव्या नीचे

मन में सोच रही थी कि आज नही तो कल उन्हें सबकुछ पता चल जाएगा
अगर उन्होंने सारे घाव देख लिए तो मैं क्या करूंगी अभी तो 13 दिन की छुट्टियां और है ( सेमेस्टर गैप) चौथा सेम स्टार्ट होने में ......तो क्या में उनसे कॉलेज की बात करूं अगर उन्होंने जाने देने से मना कर दिया तो और ये सब सोचकर वो दुखी हो जाती है और अंदर ही अंदर रोने लग जाती है



रात में डिनर करने के बाद जब मे रुम में आया तो वहां काव्या बैठी हुई थी साथ ही जूही भी थी ......मुझे लगा कि ये जूही मुझे काव्या के करीब नहीं जाने देगी तो मेने रूही को मैसेज किया की वो जूही को अपने साथ सुला ले


घर का विवरण

कच्चे घर के सामने ही पक्का घर बना हुआ है और दोनो के बीच मे बड़ा सा आंगन भी है पक्के मकान में चार नीचे और चार उपर रूम बने हुए है


नीचे एक बड़ा सा हाल भी है और उपर उतनी ही जगह पर छत है....... जो चारो रूम उपर है उसके ऊपर भी छत बनी हुई है लोगो के हिसाब से हमारा घर काफी बड़ा है



और कच्चे मकान में दो लंबे लंबे कमरे बने जिनमे अनाज भंडारण की व्यवस्था भी है एक किचन है जहा अब भी खाना बनता है और साथ ही एक रूम में घर के देवी देवताओं को स्थान दिया गया है बाकी दोनों साइड की बात करे तो एक तरफ बड़े पापा का घर और एक तरफ मझले पापा का घर बना हुआ है उन दोनो के दरवाजे ही हमारे आंगन की ओर भी खुलते है,


कच्चे घर के पीछे भी बोहोत कुछ बना हुआ है पानी की एक बोहोत बड़ी सीमेंट की टंकी बनी हुई है और वही झूला भी लगा हुआ है चारो ओर जो बाउंड्री की गई है उस पर बोहोत से गमले रखे है पक्के घर की छत से हमारे खेतो का कुछ हिस्सा भी दिखाई देता है


अब वापिस आते है रूम पर तो अब तक रुही भी आ चुकी थी जूही को ले जाने

के लिए और वो भी रुही के मोबाइल के लालच में चली गई अब हम दोनो ही अकेले थे रूम पर
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Kavya aur veer ke bich aage kya hone wala hai janne ke liye bane rahiye
Thank you❣️

Lovely update ♥️💗 one of the best story in this forum
 
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अब तक.....
काव्या और वीर अपने रूम में है और जूही को लेकर रूही जा चुकी है।


अब आगे.....


काव्या बिस्तर पर बैठी होती है की तभी वीर उसके पास आके बैठ जाता है और उसके दोनो हाथो को पकड़ कर उसकी आंखो में देख पूछता है अगर तुम्हें यहां पर कोई परेशानी हो रही है तो तुम मुझे बता सकती हो
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काव्या कुछ नहीं कहती ...... तो वीर उसको अपने और करीब खींच लेता है उसके दोनो गालों पर हाथ रख फिर से कहता है....
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वीर : डरो नहीं जैसे पहले बात किया करती थी वैसे ही बात करो... मैं अब भी वही हूं



काव्या : लेकिन जीज...........


वीर : पागल ..अब जीजू कहने वाली आदत छोड़ दो अब हमारी शादी हो चुकी है और चाहो तो मुझे मेरे नाम से बुलाओ



इसके बाद वीर काव्या को अचानक से गोद में उठा कर मिरर के सामने बैठा देता है और पीछे से हग करके उसके कान में कहता है तुम तो बोहोत ही सॉफ्ट हो

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फिर नीचे ड्रॉर से एक नेकलेस निकाल कर उसको पहना देता है साथ ही उसके गाल पर किस कर देता है


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काव्या को ये सब बोहोत ही ऑकवार्ड लगता है उसके इतना करीब कभी कोई नही आया था पर वो कुछ नही कहती, और सोचने लगती है ये मुझसे कितना प्यार करते है ...कि




तभी काव्या का मोबाइल रिंग करने लगता है तो वो उठ के जाने लगती लेकिन फिर कुछ सोचकर वही रुक जाती है और वीर के सामने ही कॉल उठा कर बात करने लगती है दरअसल ये कॉल उसकी फ्रेंड जानवी का कॉल था



काव्या : हेलो
जानवी : हेलो .... कैसी है यार
काव्या : मैं ठीक हूं बताओ कैसे याद किया
जानवी : क्या यार अब मैं तुम्हे कॉल भी नही कर सकती वैसे.... तुम्हारे बारे में कोई पूछ रहा था
काव्या : कौन
जानवी : ऐसे नही ......पहले तुम guess तो करो




( काव्या देखती है कि वीर वही बिस्तर पर बैठा है कही वो कुछ गलत न समझ ले और जानवी को तो पता ही नही होता कि काव्या की शादी हो चुकी है )



काव्या (हड़बड़ाकर): मैं तुमसे कल बात करती हूं मुझे अभी नींद आ रही है और जल्दी से कॉल कट कर देती है।


इधर जानवी हेलो हेलो.... और फोन कट जाता है ये काव्या भी न इसके अलग ही नाटक है.....लकी की बात न होती तो इसे मैं इतनी रात में वैसे भी कॉल न करती




इधर वीर कुछ देर शांत रहता है फिर काव्या से कहता है
वीर : अपना मोबाइल दो मुझे
काव्या (मन में ): कही ये मुझ पर शक तो नहीं कर रहे ......और डरते हुए अपना हाथ आगे कर देती है




वीर मोबाइल को पहले तो देखता है ( इधर काव्या सोचती है ये क्या करने वाले है) लेकिन वीर तो उसे खोलकर उसमें से सिम निकाल लेता है और अपना हाथ पीछे लेजाकर तकिए के पीछे से एक iphone निकाल कर उसमे सिम इंसर्ट कर देता है और मोबाइल काव्या के हाथ में दे देता है

[ काव्या काफी टाइम से उस कीपैड मोबाइल को यूज़ कर रही थी ... और वीर का ये सरप्राइस उसे बोहोत ही ज्यादा अच्छा लगा क्योंकि पहली बार कोई उसकी इतनी केयर कर रहा था ]


काव्या जैसे ही मोबाइल में देखती है तो 12 बजने वाले होते है और यहां वीर मन में सोच रहा होता है कि काव्या को अपने करीब कैसे लाए, ये पहली बार था जब वह किसी लड़की को शर्म छोड़कर इस तरीके से अप्रोच करने जा रहा था लेकिन...


जब वीर को कुछ समझ नहीं आया तो उसने सीधा काव्या को बिस्तर में पीछे गिराया और किस करने लगा काव्या तो बिल्कुल शॉक्ड हो गई थी और जरा भी सपोर्ट नहीं कर रही थी जबकि वीर उसे पैशनेटली किस किए जा रहा था

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जब वीर को एहसास हुआ कि काव्या उसे सपोर्ट नहीं कर रही है तो उसने गुस्से से कहा क्या हुआ?.......(और उसके मुंह को अपने एक हाथ में जोर से पकड़ लेता है) मुझे 'डेड फिशेश' पसंद नही



मैं तुम्हें पसंद नही आया या तुम्हारे दिल में कोई और है...... जिसपर काव्या जल्दी से उसके मुंह के उपर अपना हाथ रख देती है और रोने लग जाती उसकी आंखों में आंसू देख कर वीर तुरंत शांत हो जाता है और सोचता है शायद उसने ही जल्दबाजी कर दी



वीर : अगर तुम अभी इसके लिए तैयार नहीं हो तो तुम वक्त ले सकती हो, मैं तुम्हे फोर्स नहीं करूंगा

तभी

( काव्या मन में सोचने लगती है कि शादी तो हो ही चुकी है और मैने भी दिल से वीर को अपना लिया है तो हमारे बीच छिपाने जैसा कुछ भी नही होना चाहिए अगर वो मुझसे पूछेंगे तो में उन्हें सब बताकर मना ही लूंगी )


जैसे ही वीर उठ कर जाने लगता है तो काव्या लेटे लेटे ही अपने दोनो हाथ हवा में उठा लेती है लेकिन उसकी आंखे बंद होती है जिसे देखकर वीर को हंसी आ जाती है तब वो मन में सोचता है ये डरी हुई भी कितनी क्यूट लग रही है


वीर : उसके हाथो को नीचे करते हुए ....तुम्हे इतना ही डर लग रहा है तो रहने देते है


इतना सुनते ही काव्या अपनी आंखे खोल देती है और वापिस से हाथो को हवा में उठा कर वीर की ओर बोहोत ही प्यार से देखने लगती है

जिस पर वीर भी अपना कंट्रोल खो बैठता है और उसके ऊपर आ जाता है लेकिन काव्या उसे नीचे कर देती है और उसे वाइल्डली किस करने लग जाती है

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काफी देर तक दोनो किस करते रहते है जब दोनो की सांस भारी होने लगती है तब जाकर दोनो अलग होते है और एक दूसरे को देखकर शर्माने लगते है.....



थोडी देर बाद
वीर काव्या को अपने पास खींचता है और गले लगा लेता है ........धीरे धीरे जब वीर के हाथ नीचे की ओर बढ़ने लगते और काव्या की कमर पर कसने लगते है तो आह्ह्ह्ह ...फिर से काव्या के मुंह से सिसकी निकल जाती है जिसपर वीर उसकी ओर देखने लगता है तो काव्या फिर से डरने लगती है


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लेकिन
वीर उसे शांत रहने का इशारा करता है और फिर से उसे किस करने लग जाता है और धीरे धीरे काव्या के बदन से साड़ी को अलग कर देता है तभी उसे उसके शरीर में बोहोत से जलने के निशान दिखाई दे जाते है वीर को बोहोत गुस्सा आने लगता लेकिन


वह अपने गुस्से को शांत करता है ......कुछ कहे बगैर ही उठ कर जाने लगता है और फर्स्ट एड बॉक्स निकाल कर लाता है जिसमे क्रीम रखी होती है जिसे वह ताजा घाव पर मलने लगता है काफी सारे घाव तो पुराने हो चुके थे बस उनके दाग बाकी थे...... फिर वह काव्या को आराम करने का बोलकर वापिस आकर उसके के बगल में लेट जाता है


तभी काव्या मन में सोचती है क्या करू ये तो कुछ बोल ही नहीं रहे... कही गुस्सा तो नहीं तभी वो पहली बार वीर को प्यार से बुलाती है


काव्या : व...वीर जी.......लेकिन वीर कोई जवाब नही देता

(वो तो अपने ही खयालों में काव्या के बारे में ही सोच रहा होता है)


जब काव्या को कोई जवाब नही मिलता तो वो वीर के उपर चढ़ जाती है और उसके गले में किस करने लगती है और कई जगह तो काट भी लेती है तभी वीर भी शुरू हो जाता है और कहता है जंगली बिल्ली कही की अभी बताता हूं...

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वीर काव्या को अपने नीचे कर देता है और उसे गले पर और ब्रेस्ट एरिया के पास काटने लगता है, दोनो पागल ही हो जाते है और एक दूसरे को काटते रहते है फिर वीर काव्या की ब्रा को अलग कर नीचे फेक देता है.....और बारी बारी से उसके बूब्स को चूसने लगता है जब लेफ्ट वाले को चूसता तो राइट वाले को मसलता और जब राइट वाले को चूसता तो लेफ्ट वाले को......



काव्या भी बोहोत ही मादक तरीके से आवाज निकाल रही थी आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह धीरे....issss अह्ह्ह्ह उसका इस तरीके से moan करना वीर को और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था वीर एक्साइटमेंट में और भी ज्यादा वाइल्ड हो जाता है



फिर किस करते करते वो नीचे आने लगता है और उसकी नाभि पर भी किस करता है........


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उसे चूसने लगता है तो काव्या बोहोत ही ज्यादा एक्साइटेड हो जाती है और वह नीचे से गीली होने लगती है और उसका शरीर शांत हो जाता है काव्या अब बोहोत ही ज्यादा शर्मा रही थी लेकिन वीर अब रुकना नही चाहता और उसकी पेंटी के दोनो ओर उंगली फंसा कर उसे उतारने लगता है




तभी काव्या उसके हाथो को पकड़ लेती है और उसे ऐसे देखती है जैसे उसे रोकना चाहती हो लेकिन वीर जब उसकी तरफ उसकी आंखो में देखता है तो उसकी पकड़ ढीली हो जाती है इतने में वीर जल्दी से पेंटी को अलग कर देता है जो की भीगी हुई थी


वीर काव्या की योनि को देखता है जिस पर हल्के हल्के रोंए थे और एकदम साफ थी वीर उसे और गौर से देखने लगता है लेकिन जब वो काव्या की तरफ देखता है तो दोनो हाथो से उसने अपने मुंह को कवर किया होता है


वीर उसकी पैंटी को नाक के पास लाता है और उसे सूंघकर नीचे फेक देता है और काव्या के हाथो को पकड़ कर उसके मुंह से हटाने लगता है, जब काव्या का जोर नही चलता तो वो हाथो को हटा लेती है लेकिन उसकी आंखे अब भी बंद थी तब वीर उसे प्यार से बुलाता



कब्बू..........मेरी तरफ देखो लेकिन काव्या अपनी आंखे बंद ही रखती है तो वीर को शरारत सुझती है और वो उसे चुटी काट लेता है काव्या आह्ह्हह करती है लेकिन आंख नहीं खोलती तो वीर उसे गुदगुदी करने लगता है और वो बच्चों के जैसे हंसते हंसते आंखे खोल लेती और उसे रुकने के लिए कहने लगती है

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वीर अब फिर से शुरू हो जाता है और उसकी योनि की ओर बढ़ने लगता है जब वह उस पर अपना मुंह रखता है तो काव्या की हंसी निकल जाती है और फिर जब वीर अपनी जबान से उसकी योनि को चाटना शुरू करता है

तो अह्ह्ह्ह उसके मुंह से एक लंबी सी सिसकारी निकल जाती है और वो उसका सिर हटाने लगती है जिसपर वीर कहता है ओह! कबू तुम तो बोहोत ही ज्यादा नमकीन हो और फिर से लिक करने लग जाता है और जब वीर नही रुकता तो काव्या भी अपना कंट्रोल खोने लगती है


तो उसके सिर को अपने दोनो हाथों से योनि पर दबाने लगती है और सिसकारियां भरने लगती है आह्ह्ह्ह्ह वीर जी ओह उममम रुकिए ईससस...... और काफी देर तक चूसने के बाद वीर वहा से हट जाता है और बिस्तर से नीचे आके खड़ा हो जाता है,अपनी टी शर्ट को जल्दी से उतार के फेक देता है

अब काव्या को अपने पास करके फिर से उसके होंटो को चूमने लगता है और लोअर के साथ अंडरवियर भी उतार देता है जैसे ही काव्या ये देखती है तो जल्दी से अपनी आंखे बंद कर लेती है


वीर उसे जब आंखे खोलने को कहता है तो वो नही खोलती वीर फिर उसे प्यार से कहता है कबू आंखे खोलो ना ...देखो अब तुम्हारी बारी है ये सुनकर काव्या जब अपनी आंखे खोलती है तो उसके सामने 8.5 इंच का पेनिस नजर आता है वो एकटक उसे देखती है क्योंकि उसने जानवी के मोबाइल में पोर्न देखा हुआ था ....



तभी वीर की आवाज उसके कानो मैं पड़ती है कब्बू अपना मुंह खोलो तो काव्या कुछ सोचती है फिर धीरे से अपना मुंह खोल देती है और वीर अपना लंड उसके मुंह में डालने लगता है धीरे धीरे फिर वो काव्या से कहता है कब्बू इसे प्यार करो .....जब काव्या कन्फ्यूज होके उसकी तरफ देखने लगती है तो वीर कहता है अपनी जीभ का इस्तेमाल करो जैसे आइसक्रीम खाते है


तब काव्या भी उसे फॉलो करती है.....और जब वीर को लगता है अब ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए तो वो उसे फिर से बिस्तर पर लेटा देता है और उसके ऊपर आते हुए उसकी आंखो में देखता है और होंटो पर किस करने के बाद अपने लंड को काव्या की योनि पर घिसने लगता है अब काव्या भी बेकरार होने लगी थी


तभी वीर अपने लंड को अच्छे से योनि पर सेट करता है और हल्का सा पुश करता है जिससे उसे रास्ता मिल जाता है लेकिन वीर जनता था कि काव्या का पहली बार है और उसका भी तो दर्द तो बोहोत होगा तब वो काव्या की तरफ देखने लगता है जैसे इजाजत मांग रहा हो लेकिन काव्या तो अलग ही नशे में थी


वीर हल्का सा झुक कर जोर का धक्का लगाता है जिससे लंड 4.5 इंच तक अंदर चला गया और काव्या की आंखों से आंसू बहने लगे तो वो वीर को पीछे धकेलने लगी उसे बोहोत दर्द हो रहा था तभी वीर उसे कस के गले लगा लेता है और चूमने लगता है थोड़ी ही देर में काव्या शांत हो जाती है तब वह उससे कहता है आई एम सॉरी कब्बू

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फिर वीर उतने पर ही रुककर आगे पीछे करने लगता है जिससे काव्या को भी अच्छा लगने लगता है और वो moan करने लगती है.....


थोड़ी देर बाद वीर फिर से एक जोर का धक्का देता है जिससे पूरा का पूरा लंड काव्या की योनि के अंदर चला जाता है और काव्या अपने नाखून वीर की पीठ पर गड़ा देती है फिर से आंखों से आंसू बहने लगते है और वो वीर से रुकने को बोलने लगती है यहां तक कि उसे हल्के हाथों से मरने लगती है लेकिन वीर उसे नहीं छोड़ता वह उसके बूब्स को किस करने लगता है




थोड़ी देर बाद जब काव्या का दर्द कम होता है तब वीर उसकी सिसकारियां सुनता है और फिर उसे प्यार से चोदने लगता है......जब कुछ ही देर बाद वीर को लगता है कि वो झड़ने वाला है तो वो रुककर अपनी सांस दुरुस्त करता है ताकि वो अभी न झड़े




अपनी ताकत इकट्ठा करने के बाद वीर काव्या को जोर से पकड़ लेता है और दमदार तरीके से धक्के लगाने लगता है ,काव्या के मुंह से आह्ह्ह आह्ह्हह धीरे आह्ह्ह्ह्ह वीर जी प्लीज आह्ह्ह मम्मी अह्ह्ह sssss रुको धीरे वीर


इन आवाजों को सुनकर वीर और भी जोश में आ जाता है इसी बीच काव्या का शरीर अकड़ने लगता है और वो झड़ जाती है लेकिन वीर तो अभी भी उसे जोरदार तरीके से चोदता रहता है


और कुछ ही देर में वो भी झड़ने वाला होता है इसीलिए लंड को बाहर निकाल लेता है और काव्या के उपर ही झड़ जाता है काव्या तुरंत ही बाथरूम जाने के लिए उठती है तो उसे दर्द होता जिससे वह वापिस से बेड पर आकर बैठ जाती है..........फिर वीर आकर उसे प्यार से गोद में बाथरूम लेकर जाता है और काव्या को साफ करके वापिस लाकर बेड पर सुला देता है


वीर इलेक्ट्रिक कैटल में थोड़ा सा पानी गर्म करके लाता है और सिकाई करनें लगता है जिससे कि काव्या को आराम मिले ..सिकाई के बाद वीर उसको क्रीम लगता है (जले हुए घाव पर भी) .....क्योंकि रात के 3 बज रहे होते है तो वीर उसके बगल में आके लेट जाता है और सोचने लगता है..


हमने सेक्स तो कर लिया लेकिन अभी भी हम पूरी तरीके से एक नहीं हुए है ........ मिलन के दौरान रोमांटिक बातें नहीं हुई कुछ अधूरापन सा है ....अगली बार मैं इसे इतना यादगार बना दूंगा कि मेरा स्पर्श काव्या के दिल में
उतर जाएगा ...ताकि अंधेरे में भी मैं उसे छू लू तो उसे पता रहे कि ये उसका वीर है.....

इसी के साथ वीर भी गहरी नींद में चला जाता है।
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Dosto mene har story m dekha h ki log pics add krne ko kehte h.....kabhi kabhi shabdo ko feel v karna chahiye khair mene is update me pics add ki h jo ki irrelevant si h
.....thank you
 
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sam_41

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Update 3


अब तक.....
काव्या और वीर अपने रूम में है और जूही को लेकर रूही जा चुकी है।


अब आगे.....


काव्या बिस्तर पर बैठी होती है की तभी वीर उसके पास आके बैठ जाता है और उसके दोनो हाथो को पकड़ कर उसकी आंखो में देख पूछता है अगर तुम्हें यहां पर कोई परेशानी हो रही है तो तुम मुझे बता सकती हो
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काव्या कुछ नहीं कहती ...... तो वीर उसको अपने और करीब खींच लेता है उसके दोनो गालों पर हाथ रख फिर से कहता है....
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वीर : डरो नहीं जैसे पहले बात किया करती थी वैसे ही बात करो... मैं अब भी वही हूं



काव्या : लेकिन जीज...........


वीर : पागल ..अब जीजू कहने वाली आदत छोड़ दो अब हमारी शादी हो चुकी है और चाहो तो मुझे मेरे नाम से बुलाओ



इसके बाद वीर काव्या को अचानक से गोद में उठा कर मिरर के सामने बैठा देता है और पीछे से हग करके उसके कान में कहता है तुम तो बोहोत ही सॉफ्ट हो

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फिर नीचे ड्रॉर से एक नेकलेस निकाल कर उसको पहना देता है साथ ही उसके गाल पर किस कर देता है


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काव्या को ये सब बोहोत ही ऑकवार्ड लगता है उसके इतना करीब कभी कोई नही आया था पर वो कुछ नही कहती, और सोचने लगती है ये मुझसे कितना प्यार करते है ...कि




तभी काव्या का मोबाइल रिंग करने लगता है तो वो उठ के जाने लगती लेकिन फिर कुछ सोचकर वही रुक जाती है और वीर के सामने ही कॉल उठा कर बात करने लगती है दरअसल ये कॉल उसकी फ्रेंड जानवी का कॉल था



काव्या : हेलो
जानवी : हेलो .... कैसी है यार
काव्या : मैं ठीक हूं बताओ कैसे याद किया
जानवी : क्या यार अब मैं तुम्हे कॉल भी नही कर सकती वैसे.... तुम्हारे बारे में कोई पूछ रहा था
काव्या : कौन
जानवी : ऐसे नही ......पहले तुम guess तो करो




( काव्या देखती है कि वीर वही बिस्तर पर बैठा है कही वो कुछ गलत न समझ ले और जानवी को तो पता ही नही होता कि काव्या की शादी हो चुकी है )



काव्या (हड़बड़ाकर): मैं तुमसे कल बात करती हूं मुझे अभी नींद आ रही है और जल्दी से कॉल कट कर देती है।


इधर जानवी हेलो हेलो.... और फोन कट जाता है ये काव्या भी न इसके अलग ही नाटक है.....लकी की बात न होती तो इसे मैं इतनी रात में वैसे भी कॉल न करती




इधर वीर कुछ देर शांत रहता है फिर काव्या से कहता है
वीर : अपना मोबाइल दो मुझे
काव्या (मन में ): कही ये मुझ पर शक तो नहीं कर रहे ......और डरते हुए अपना हाथ आगे कर देती है




वीर मोबाइल को पहले तो देखता है ( इधर काव्या सोचती है ये क्या करने वाले है) लेकिन वीर तो उसे खोलकर उसमें से सिम निकाल लेता है और अपना हाथ पीछे लेजाकर तकिए के पीछे से एक iphone निकाल कर उसमे सिम इंसर्ट कर देता है और मोबाइल काव्या के हाथ में दे देता है

[ काव्या काफी टाइम से उस कीपैड मोबाइल को यूज़ कर रही थी ... और वीर का ये सरप्राइस उसे बोहोत ही ज्यादा अच्छा लगा क्योंकि पहली बार कोई उसकी इतनी केयर कर रहा था ]


काव्या जैसे ही मोबाइल में देखती है तो 12 बजने वाले होते है और यहां वीर मन में सोच रहा होता है कि काव्या को अपने करीब कैसे लाए, ये पहली बार था जब वह किसी लड़की को शर्म छोड़कर इस तरीके से अप्रोच करने जा रहा था लेकिन...


जब वीर को कुछ समझ नहीं आया तो उसने सीधा काव्या को बिस्तर में पीछे गिराया और किस करने लगा काव्या तो बिल्कुल शॉक्ड हो गई थी और जरा भी सपोर्ट नहीं कर रही थी जबकि वीर उसे पैशनेटली किस किए जा रहा था

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जब वीर को एहसास हुआ कि काव्या उसे सपोर्ट नहीं कर रही है तो उसने गुस्से से कहा क्या हुआ?.......(और उसके मुंह को अपने एक हाथ में जोर से पकड़ लेता है) मुझे 'डेड फिशेश' पसंद नही



मैं तुम्हें पसंद नही आया या तुम्हारे दिल में कोई और है...... जिसपर काव्या जल्दी से उसके मुंह के उपर अपना हाथ रख देती है और रोने लग जाती उसकी आंखों में आंसू देख कर वीर तुरंत शांत हो जाता है और सोचता है शायद उसने ही जल्दबाजी कर दी



वीर : अगर तुम अभी इसके लिए तैयार नहीं हो तो तुम वक्त ले सकती हो, मैं तुम्हे फोर्स नहीं करूंगा

तभी

( काव्या मन में सोचने लगती है कि शादी तो हो ही चुकी है और मैने भी दिल से वीर को अपना लिया है तो हमारे बीच छिपाने जैसा कुछ भी नही होना चाहिए अगर वो मुझसे पूछेंगे तो में उन्हें सब बताकर मना ही लूंगी )


जैसे ही वीर उठ कर जाने लगता है तो काव्या लेटे लेटे ही अपने दोनो हाथ हवा में उठा लेती है लेकिन उसकी आंखे बंद होती है जिसे देखकर वीर को हंसी आ जाती है तब वो मन में सोचता है ये डरी हुई भी कितनी क्यूट लग रही है


वीर : उसके हाथो को नीचे करते हुए ....तुम्हे इतना ही डर लग रहा है तो रहने देते है


इतना सुनते ही काव्या अपनी आंखे खोल देती है और वापिस से हाथो को हवा में उठा कर वीर की ओर बोहोत ही प्यार से देखने लगती है

जिस पर वीर भी अपना कंट्रोल खो बैठता है और उसके ऊपर आ जाता है लेकिन काव्या उसे नीचे कर देती है और उसे वाइल्डली किस करने लग जाती है

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काफी देर तक दोनो किस करते रहते है जब दोनो की सांस भारी होने लगती है तब जाकर दोनो अलग होते है और एक दूसरे को देखकर शर्माने लगते है.....



थोडी देर बाद
वीर काव्या को अपने पास खींचता है और गले लगा लेता है ........धीरे धीरे जब वीर के हाथ नीचे की ओर बढ़ने लगते और काव्या की कमर पर कसने लगते है तो आह्ह्ह्ह ...फिर से काव्या के मुंह से सिसकी निकल जाती है जिसपर वीर उसकी ओर देखने लगता है तो काव्या फिर से डरने लगती है


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लेकिन
वीर उसे शांत रहने का इशारा करता है और फिर से उसे किस करने लग जाता है और धीरे धीरे काव्या के बदन से साड़ी को अलग कर देता है तभी उसे उसके शरीर में बोहोत से जलने के निशान दिखाई दे जाते है वीर को बोहोत गुस्सा आने लगता लेकिन


वह अपने गुस्से को शांत करता है ......कुछ कहे बगैर ही उठ कर जाने लगता है और फर्स्ट एड बॉक्स निकाल कर लाता है जिसमे क्रीम रखी होती है जिसे वह ताजा घाव पर मलने लगता है काफी सारे घाव तो पुराने हो चुके थे बस उनके दाग बाकी थे...... फिर वह काव्या को आराम करने का बोलकर वापिस आकर उसके के बगल में लेट जाता है


तभी काव्या मन में सोचती है क्या करू ये तो कुछ बोल ही नहीं रहे... कही गुस्सा तो नहीं तभी वो पहली बार वीर को प्यार से बुलाती है


काव्या : व...वीर जी.......लेकिन वीर कोई जवाब नही देता

(वो तो अपने ही खयालों में काव्या के बारे में ही सोच रहा होता है)


जब काव्या को कोई जवाब नही मिलता तो वो वीर के उपर चढ़ जाती है और उसके गले में किस करने लगती है और कई जगह तो काट भी लेती है तभी वीर भी शुरू हो जाता है और कहता है जंगली बिल्ली कही की अभी बताता हूं...

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वीर काव्या को अपने नीचे कर देता है और उसे गले पर और ब्रेस्ट एरिया के पास काटने लगता है, दोनो पागल ही हो जाते है और एक दूसरे को काटते रहते है फिर वीर काव्या की ब्रा को अलग कर नीचे फेक देता है.....और बारी बारी से उसके बूब्स को चूसने लगता है जब लेफ्ट वाले को चूसता तो राइट वाले को मसलता और जब राइट वाले को चूसता तो लेफ्ट वाले को......



काव्या भी बोहोत ही मादक तरीके से आवाज निकाल रही थी आह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह धीरे....issss अह्ह्ह्ह उसका इस तरीके से moan करना वीर को और भी ज्यादा उत्तेजित कर रहा था वीर एक्साइटमेंट में और भी ज्यादा वाइल्ड हो जाता है



फिर किस करते करते वो नीचे आने लगता है और उसकी नाभि पर भी किस करता है........


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उसे चूसने लगता है तो काव्या बोहोत ही ज्यादा एक्साइटेड हो जाती है और वह नीचे से गीली होने लगती है और उसका शरीर शांत हो जाता है काव्या अब बोहोत ही ज्यादा शर्मा रही थी लेकिन वीर अब रुकना नही चाहता और उसकी पेंटी के दोनो ओर उंगली फंसा कर उसे उतारने लगता है




तभी काव्या उसके हाथो को पकड़ लेती है और उसे ऐसे देखती है जैसे उसे रोकना चाहती हो लेकिन वीर जब उसकी तरफ उसकी आंखो में देखता है तो उसकी पकड़ ढीली हो जाती है इतने में वीर जल्दी से पेंटी को अलग कर देता है जो की भीगी हुई थी


वीर काव्या की योनि को देखता है जिस पर हल्के हल्के रोंए थे और एकदम साफ थी वीर उसे और गौर से देखने लगता है लेकिन जब वो काव्या की तरफ देखता है तो दोनो हाथो से उसने अपने मुंह को कवर किया होता है


वीर उसकी पैंटी को नाक के पास लाता है और उसे सूंघकर नीचे फेक देता है और काव्या के हाथो को पकड़ कर उसके मुंह से हटाने लगता है, जब काव्या का जोर नही चलता तो वो हाथो को हटा लेती है लेकिन उसकी आंखे अब भी बंद थी तब वीर उसे प्यार से बुलाता



कब्बू..........मेरी तरफ देखो लेकिन काव्या अपनी आंखे बंद ही रखती है तो वीर को शरारत सुझती है और वो उसे चुटी काट लेता है काव्या आह्ह्हह करती है लेकिन आंख नहीं खोलती तो वीर उसे गुदगुदी करने लगता है और वो बच्चों के जैसे हंसते हंसते आंखे खोल लेती और उसे रुकने के लिए कहने लगती है

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वीर अब फिर से शुरू हो जाता है और उसकी योनि की ओर बढ़ने लगता है जब वह उस पर अपना मुंह रखता है तो काव्या की हंसी निकल जाती है और फिर जब वीर अपनी जबान से उसकी योनि को चाटना शुरू करता है

तो अह्ह्ह्ह उसके मुंह से एक लंबी सी सिसकारी निकल जाती है और वो उसका सिर हटाने लगती है जिसपर वीर कहता है ओह! कबू तुम तो बोहोत ही ज्यादा नमकीन हो और फिर से लिक करने लग जाता है और जब वीर नही रुकता तो काव्या भी अपना कंट्रोल खोने लगती है


तो उसके सिर को अपने दोनो हाथों से योनि पर दबाने लगती है और सिसकारियां भरने लगती है आह्ह्ह्ह्ह वीर जी ओह उममम रुकिए ईससस...... और काफी देर तक चूसने के बाद वीर वहा से हट जाता है और बिस्तर से नीचे आके खड़ा हो जाता है,अपनी टी शर्ट को जल्दी से उतार के फेक देता है

अब काव्या को अपने पास करके फिर से उसके होंटो को चूमने लगता है और लोअर के साथ अंडरवियर भी उतार देता है जैसे ही काव्या ये देखती है तो जल्दी से अपनी आंखे बंद कर लेती है


वीर उसे जब आंखे खोलने को कहता है तो वो नही खोलती वीर फिर उसे प्यार से कहता है कबू आंखे खोलो ना ...देखो अब तुम्हारी बारी है ये सुनकर काव्या जब अपनी आंखे खोलती है तो उसके सामने 8.5 इंच का पेनिस नजर आता है वो एकटक उसे देखती है क्योंकि उसने जानवी के मोबाइल में पोर्न देखा हुआ था ....



तभी वीर की आवाज उसके कानो मैं पड़ती है कब्बू अपना मुंह खोलो तो काव्या कुछ सोचती है फिर धीरे से अपना मुंह खोल देती है और वीर अपना लंड उसके मुंह में डालने लगता है धीरे धीरे फिर वो काव्या से कहता है कब्बू इसे प्यार करो .....जब काव्या कन्फ्यूज होके उसकी तरफ देखने लगती है तो वीर कहता है अपनी जीभ का इस्तेमाल करो जैसे आइसक्रीम खाते है


तब काव्या भी उसे फॉलो करती है.....और जब वीर को लगता है अब ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए तो वो उसे फिर से बिस्तर पर लेटा देता है और उसके ऊपर आते हुए उसकी आंखो में देखता है और होंटो पर किस करने के बाद अपने लंड को काव्या की योनि पर घिसने लगता है अब काव्या भी बेकरार होने लगी थी


तभी वीर अपने लंड को अच्छे से योनि पर सेट करता है और हल्का सा पुश करता है जिससे उसे रास्ता मिल जाता है लेकिन वीर जनता था कि काव्या का पहली बार है और उसका भी तो दर्द तो बोहोत होगा तब वो काव्या की तरफ देखने लगता है जैसे इजाजत मांग रहा हो लेकिन काव्या तो अलग ही नशे में थी


वीर हल्का सा झुक कर जोर का धक्का लगाता है जिससे लंड 4.5 इंच तक अंदर चला गया और काव्या की आंखों से आंसू बहने लगे तो वो वीर को पीछे धकेलने लगी उसे बोहोत दर्द हो रहा था तभी वीर उसे कस के गले लगा लेता है और चूमने लगता है थोड़ी ही देर में काव्या शांत हो जाती है तब वह उससे कहता है आई एम सॉरी कब्बू

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फिर वीर उतने पर ही रुककर आगे पीछे करने लगता है जिससे काव्या को भी अच्छा लगने लगता है और वो moan करने लगती है.....


थोड़ी देर बाद वीर फिर से एक जोर का धक्का देता है जिससे पूरा का पूरा लंड काव्या की योनि के अंदर चला जाता है और काव्या अपने नाखून वीर की पीठ पर गड़ा देती है फिर से आंखों से आंसू बहने लगते है और वो वीर से रुकने को बोलने लगती है यहां तक कि उसे हल्के हाथों से मरने लगती है लेकिन वीर उसे नहीं छोड़ता वह उसके बूब्स को किस करने लगता है




थोड़ी देर बाद जब काव्या का दर्द कम होता है तब वीर उसकी सिसकारियां सुनता है और फिर उसे प्यार से चोदने लगता है......जब कुछ ही देर बाद वीर को लगता है कि वो झड़ने वाला है तो वो रुककर अपनी सांस दुरुस्त करता है ताकि वो अभी न झड़े




अपनी ताकत इकट्ठा करने के बाद वीर काव्या को जोर से पकड़ लेता है और दमदार तरीके से धक्के लगाने लगता है ,काव्या के मुंह से आह्ह्ह आह्ह्हह धीरे आह्ह्ह्ह्ह वीर जी प्लीज आह्ह्ह मम्मी अह्ह्ह sssss रुको धीरे वीर


इन आवाजों को सुनकर वीर और भी जोश में आ जाता है इसी बीच काव्या का शरीर अकड़ने लगता है और वो झड़ जाती है लेकिन वीर तो अभी भी उसे जोरदार तरीके से चोदता रहता है


और कुछ ही देर में वो भी झड़ने वाला होता है इसीलिए लंड को बाहर निकाल लेता है और काव्या के उपर ही झड़ जाता है काव्या तुरंत ही बाथरूम जाने के लिए उठती है तो उसे दर्द होता जिससे वह वापिस से बेड पर आकर बैठ जाती है..........फिर वीर आकर उसे प्यार से गोद में बाथरूम लेकर जाता है और काव्या को साफ करके वापिस लाकर बेड पर सुला देता है


वीर इलेक्ट्रिक कैटल में थोड़ा सा पानी गर्म करके लाता है और सिकाई करनें लगता है जिससे कि काव्या को आराम मिले ..सिकाई के बाद वीर उसको क्रीम लगता है (जले हुए घाव पर भी) .....क्योंकि रात के 3 बज रहे होते है तो वीर उसके बगल में आके लेट जाता है और सोचने लगता है..


हमने सेक्स तो कर लिया लेकिन अभी भी हम पूरी तरीके से एक नहीं हुए है ........ मिलन के दौरान रोमांटिक बातें नहीं हुई कुछ अधूरापन सा है ....अगली बार मैं इसे इतना यादगार बना दूंगा कि मेरा स्पर्श काव्या के दिल में
उतर जाएगा ...ताकि अंधेरे में भी मैं उसे छू लू तो उसे पता रहे कि ये उसका वीर है.....

इसी के साथ वीर भी गहरी नींद में चला जाता है।
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Dosto mene har story m dekha h ki log pics add krne ko kehte h.....kabhi kabhi shabdo ko feel v karna chahiye khair mene is update me pics add ki h jo ki irrelevant si h
.....thank you

Bahut hi kamuk update ♥️ 💗 ♥️
 
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Salty~Otaku

ᴺᵒ ᴹᵃᵗᵗᵉʳ ᵂʰᵃᵗ ᴵ’ᵐ ᶜˡᵒᶜᵏⁱⁿᵍ ᴼᵘᵗ ᴮʸ ˢⁱˣ
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काफी समय हो गया स्टोरीज पढ़ते पढ़ते तो सोचा क्यों न एक मैं भी लिखूं , देखते है क्या मैं ये कर सकता हूं

हम्मम.....सबसे पहले तो मैं कहानी को पूरा करने का वादा नहीं करूंगा क्योंकि मेने देखा है राइटर्स को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है पर्सनल लाइफ में और लोगो के कॉमेंट के कारण भी जिनमे उनकी डिमांड्स ऐसी होती हैं कि पूछो ही मत

किसी ड्रामा या मूवी के नाम पर स्टोरी का टाइटल है आप कह सकते हो कि मैने इसे चुराया है लेकिन इसकी कहानी मेरे खुद के दिमाग कि
भसड़ है।
Best of luck! :good:
 
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