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Looteraaa

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Update 1518 feb
Update 1622 feb
Update 1726 feb
Update 18...🤔
 
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Looteraaa

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Update 6


अब तक...

काव्या और वीर दोनो ही बाग के लिए निकल चुके थे


अब आगे..

जैसे ही दोनो ही गार्डन में पहुंचे... काव्या इतने सारे 'फलों के पेड़' देखकर खुश हो गई....... वहा चलने वाली हवा में…. आस–पास से उठ सौंधी–सौंधी खुशबू थी….. जो उसके मन को भा गई !!

काव्या : यहां कितनी मीठी खुशबू आ रही है ना? और…….अपनी बाहें फैलाकर एक गोल चक्कर लगाकर चारों और देखने लगी….

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तभी वीर ने उसे पीछे से हग कर लिया……. “पर मुझे तो तुमसे ज्यादा अच्छी खुशबू किसी चीज की नहीं लगती“


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काव्या : आप ना बोहोत ही ज्यादा रोमांटिक वाली करते हो...... तो क्या मै आपसे कुछ पूंछू

वीर, काव्या की गर्दन पर किस करते हुए……”तुम्हे कुछ भी पूछने के लिए परमिशन की जरूरत कब से पढ़ने लगी”??

काव्या : तो….. “क्या किरण दीदी को आप अब भी याद करते हो?

(काव्या को लगता था किरण ही वीर का पहला प्यार है.... कहीं अब भी वो उसके दिल में न हो..….. इसीलिए वो ये सब पूछने के लिए वो सही जगह और सही मूड का वेट कर रही थी)

वीर : सच कहूं तो जान……”सच्चे प्यार की तलाश में, न जाने कितनी लड़कियां मेरी जिंदगी में आई और भरोसा तोड़कर चली भी गई......किरण भी उन्हीं से एक है” !!

काव्या : लेकिन…….उसके मुंह पर हाथ रखते हुए……. “पहले मेरी बात तो पूरी होने दो ! ……,और उसके माथे पर किस करते हुए ”इस संसार में किसी को भी …….सबकुछ नही मिल सकता इसीलिए ही मैंने तुम्हे अपना सबकुछ मान लिया है "……. अब,जब तुम मेरी हो..... तो मुझे सबकुछ मिल चुका है !!

काव्या, उसके सीने से लगकर सिसकने लगी तो वीर…… “ज्यादा मत सोचो.…. तुम जैसी, प्यारी सी वाइफ मेरे पास है…… मुझसे ज्यादा खुशकिस्मत इस दुनिया का कोई भी इंसान नहीं हो सकता”

काव्या (छाती पर मुक्का मरते हुए) : 'आई लव यू '......और दोनो जाकर एक पेड़ के नीचे बैठ गए,…

वीर : अब से तुम हॉस्टल में नहीं रहोगी....... मेरी दीदी जो है, भोपाल में रहती है तुम उन्हीं के साथ रहना और पढ़ाई करना….

काव्या : बहन ! ……. ”लेकिन वो दीदी तो पचमढ़ी रहती है” !!

(काव्या यहाँ पर वीर की बड़ी बहन मीरा की बात कर रही थी जिनकी शादी पचमढ़ी में हुई है)

वीर : उनका नाम रिया है ... और वो एक नर्स है

काव्या (घूरते हुए) : नर्स !!...... आप मुझे सच–सच बताओ; आपकी ये नई बहन कहा से आ गई ?.…... “कही आप मुझसे कुछ छिपाने की कोशिश तो नहीं कर रहे?..... और वो आपकी बहन कहा से लगी?

वीर : बताता हूं, बताता हूं........बोहोत लंबी कहानी है !

काव्या : वीर के सीने में हाथ से मुक्के मारते हुए ....... पर मुझे सब जानना है; जल्दी बताओ !!

वीर : ठीक है ...ठीक है! लेकिन इसकी शुरुआत जैक से होगी !!

काव्या : हम्म….🤐

✨फ्लैशबैक :
👉जैक की एंट्री
👉स्थान– भोपाल

जब वीर भोपाल में, कॉलेज के सेकंड ईयर में था तभी एक दिन…… शाम के समय…… चौराहे के पास एक गली में……. वीर के सिर के पीछे से कहीं एक डंडा आकर लगा जिससे वो बेहोश हो गया।

“उस समय वीर, गली से निकलकर चौराहे तक, बस चाय पीने ही जा रहा था”

वीर के मुंह पर पानी डाल के उसको होश में लाया गया तब उसने अपने आप को एक खंडर जैसी बिल्डिंग में रस्सियों से बंधा पाया…. साथ ही उसके सामने 12 बंदे थे, जो होश आने तक उसको ही घूर रहे थे……और बस जैसे ही वीर पूरी तरह से होश में आया उन्होंने उसपर लात घूंसो की बरसात चालू कर दी।

आह्ह्ह…. रूक जाओ, कौन हो तुम लोग और मुझे क्यों मार रहे हो ?? तुम्हे जितने पैसे चाहिए; मैं देने को तैयार हूं….. मुझे जाने दो, लेकिन वो गुंडे उसकी एक नही सुनते, तभी उन्हीं में से एक वीर के पेट में चाकू घोंपकर उसे लात मारके कुर्सी सहित फर्स्ट फ्लोर से नीचे फेंक देता है...

इसके पीछे वीर के 4.5 साल तक चलने वाले प्यार का आशिक था उसने वीर को उस लड़की से दूर रहने की धमकी दी थी, पर वीर अपनी ठकुराशी के चक्कर में उसे इग्नोर करता गया…... लेकिन ये ब्रिजपुर नही भोपाल था और अंजाम…

वह, नीचे बह रहे एक नाले में छपाक से जा गिरा……. लगातार बरसात के कारण नाले का पानी उफान पर था…… वीर बहते बहते एक किनारे तक जा पहुंचा…

उसी जगह पर एक पन्नी (प्लास्टिक बैग) चुगने वाला लड़का था जिसने उसे पानी में बहते देख लिया और उसे खींचकर बाहर निकाल कर की सांसे चेक की…… जिसमें उसने पाया “वीर अभी भी जिंदा था”

रस्सियों से छुड़ाने के बाद वो लड़का, वीर को अपनी बस्ती में ले गया… एक बहुत गंदी बस्ती….. जहां उसने वीर को लाकर…. टीन की छत वाले रूम में, नीचे लिटा दिया…. उस कमरे में हर जगह से पानी टपक रहा था……क्यूंकि टीन से सारा एरिया कवर नहीं था

कुछ हिस्से पर पुरानी त्रिपाल और पन्निया लगी हुई थी; जिससे टप-टप करके पानी के टपक रहा था…… बहते समय वीर के पेट पर लगा चाकू किसी चीज से फसकर निकल गया, जिसकी वजह से उसका काफी ज्यादा ब्लड लॉस हो गया….. और पेट थोड़ा ज्यादा चिर गया…

थोड़ी देर बाद वह लड़का बस्ती में ही रहने वाली एक नर्स (रिया) को अपने साथ ले आया…… जैसे ही नर्स ने वीर को देखा वो घबरा गई और कुछ भी करने से इंकार करने लगी….. लेकिन उस लड़के के बार बार मनाने पर उसे जैसा आता था पेनकिलर खिला देती है, स्टीचेस करना अभी उसे नहीं आया था क्योंकि अभी…. बस वह एक स्टूडेंट ही थी ।

लेकिन पट्टी करना का तरीका उसने ठीक से देखा हुआ था, डरते–डरते ही सही वीर को पट्टी कर दी और…… “इसे सरकारी अस्पताल में ले जाओ कहा”….. लेकिन वो लड़का पुलिस के लफ़ड़ों से डर रहा था इसीलिए वह कही भी न जाने का डिसाइड करता है…

रिया अब जा चुकी थी और वो लड़का वीर को तिरछी नजरों से एकटक…… देखे ही जा रहा था..... तभी लड़का अचानक खड़ा हुआ, और बाहर चला गया…..

थोड़ी ही देर में वो एक एक हॉस्पिटल के सामने खड़ा था….. काफी देर वहां खड़ा रहने के बाद, जैसे ही हल्का अंधेरा हुआ उसे एक डॉक्टर हॉस्पिटल से बाहर आते हुए दिखा….

कुछ पल सोचने के बाद उसने पीछे से डॉक्टर मुंह दबा लिया और….. खोपचे में ले जाकर चुपचाप सीधे चलते रहो नही तो……. गोली मार दूंगा, डॉक्टर भी एक बूढ़ा व्यक्ति था इसलिए वो डरते हुए बिना पीछे नहीं देखे कही सच में उसे गोली न मार दे….. आगे बढ़ता रहा..

वो डॉक्टर को गलियों के बीच से घुमा फिराकर अपनी बस्ती लेकर आ गया और वीर के पास लाते हुए…… “इसका इलाज करो” पर डॉक्टर अब तक डरा हुआ था….. उसने फिर भी वीर की पट्टी खोली और कहा…. इसको स्टीचेस लगाने पड़ेंगे और अभी न मेरे पास दवाई है न ही कोई औजार (टूल्स)…

उस लड़के ने डॉक्टर से वो सारी चीजे जो उसे चाहिए थी; एक पर्चे पर लिखवा ली और उसे रस्सियों से बांध, उस नर्स के पास चला गया, और डॉक्टर से लिए गए पैसे देकर उससे कहा ये सारी चीजें लेने में मेरी मदद करो


✨लगभग आधे घंटे बाद :

वो दोनो समान लेकर वापिस से वीर के पास पहुंचे और डॉक्टर को खोलकर सारा सामान उसे पकड़ा दिया…. फिर डॉक्टर ने वीर को स्टीचेस लगाए और सुबह तक होश आ जाएगा कहा….

जब बाकी, कैसे वीर की करनी है आदि चीजे डॉक्टर उस लड़के को बताने लगा तो उसने रिया को आगे कर दिया….. इसे बता दीजिए डॉ. साहब ये अभी नर्सिंग कर रहीं है, और हमारी बस्ती में लोगों की बीमारी में हमेशा मदद करती है, इस बात पर डॉक्टर थोड़ा खुश हुआ …….और आगे उसे सब कुछ बताता गया….. साथ ही उसने उसके सिर और पेट पर पट्टी करने के, तरीके की भी तारीफ की, और कब स्टीचेस खुलवाने के आना है ये भी बता दिया

अब तक डॉक्टर चला गया था….उसे यहां जिस तरह से लाया गया उसे उसपर बहुत गुस्सा था लेकिन जब वह वीर पर ऑपरेट कर रहा था तभी उस लड़के ने सारी घटना उसके सामने रखी….. जिससे डॉक्टर की दयालु प्रवृत्ति देखने मिली

खैर रिया ने उस लड़के से कहा बाबू ……तुम इसे घर क्यूं लगे देखो मैं तुम्हें अपना भाई मानती हूं इसीलिए कहे देती ऐसे चक्करो से दूर रहा करो…

(बस्ती में सभी उस लड़के को बाबू ही कहते थे इसके अलावा उसका कभी कोई नाम नहीं था)

बाबू : तुम्हे तो खुश होना चाहिए बहना अब से तुम्हारा….. एक भाई और होगा…... इससे रिया को वो पल को याद आ गया..... जब बाबू ने, शाम के वक्त, उसका पीछा एक दारूखोर से छुड़ाया था और सेफली घर तक छोड़ा था….. तभी रिया ने उसे अपना भाई मन लिया था

रिया : ठीक है….ठीक है अब मैं सुबह आके इसे देखगी…..फिलहाल तुम मुझे घर छोड़ने चलो........और बाबू उसे घर छोड़ आया


✨अगले दिन
~सुबह 9 बजे~

बाबू को, वीर के कराहने की आवाज आई तो उसने उसे उठा कर सीधा किया और वीर पानी पानी कह रहा था तो उसे पानी पिलाने लगा….. जब वीर ने अपनी आंखे खोली तो उसे बाबू दिखाई दिया

बाबू के बाल काफी लंबे थे साथ ही दाड़ी भी…. जिस देखकर वीर को "पाइरेट्स ऑफ़ कैरेबियन" के जैक की याद आ गई !!

वीर : क..कौन हो तुम....और मैं कहा हूं?

बाबू : मैं तुम्हे गंदे नाले के पास से लाया था........ और फिर वो उसे कल से शुरू हुई सारी राम कहानी बताने लगा…

वीर : मेरे भाई…. आज से तुम मेरे छोटे भाई हो एक बार मैं ठीक हो जाऊं… फिर तुम्हे भी अपने साथ ले चलूंगा .....

तभी रिया बाहर से बाबू को आवाज देती हुई अंदर आ गई…

वीर : ब..बहन !! “आज से तुम मेरी भी बहन हो”…… रिया वीर की तरफ देखकर थोड़ा इमोशनल हो जाती है और…… “बस बस ज्यादा बाते मत करो, अभी तुम ठीक नही हुए”

रिया वीर के लिए दलिया लेकर आई थी….. जो उसे खिलाने के बाद ही ….. डॉक्टर की दी हुई मेडिसिन भी खिला देती है…… और जब वह घावों पर क्रीम लगा रही थी तभी वीर….. “आपके घर में और कौन–कौन है”

रिया : सिर्फ मां है जो अस्पताल में खाना बनाती है और पिताजी 2 साल पहले गुजर गए…….ये सुनकर वीर ने उसके सिर पर हाथ रख दिया, अब मैं तुम्हारे साथ हूं…… ये सुनते ही रिया की आंखों में आंसू आ गए….. तो वो वही उसे लिटाकर भाग गई…. (इन शब्दों ने उसे उसके पिताजी की याद दिल दी थी(

वीर लेटे–लेटे सोच रहा था…. दुनिया में आज भी कितने अच्छे लोग है, किसे पता था इस हालत में होने के बाद भी मुझे एक भाई और एक बहन मिल जाएगी !!

“वीर अकेले ही रहता था….. उसने एक बड़ा सा रूम लिया था जिसके साथ अटैच्ड बाथरूम और छोटा सा किचन था”

वीर उस बस्ती में काफी दिन रहा जहां…… रिया अक्सर ही उसके लिए खाना लाया करती थी.... और दलिया तो उसकी मां लगभग रोज ही अस्पताल में बनाती थी जिसे वो टिफिन में पैक कर वीर के लिए लाती थी......

इसी बीच वीर के स्टीचेस खुलवाने का समय हो गया अब वो पूरी तरह से ठीक हो चुका था…… आगे डॉक्टर भी वीर के बारे में जान के बहुत खुश हुआ उसकी वाइफ भी ब्रिजपुर से ही थी.... (ये डॉक्टर खरे थे जिनसे वीर का काफी अच्छा परिचय हो चला था)

वीर ने बाबू को अब जैक–जैक बुलाना चालू कर दिया जिसमें उसके साथ रिया भी थी और बाबू को भी ये नया नाम काफी पसंद आ गया

जब वीर, जैक को लेकर अपने रूम पहुंचा, तो उसे याद आता है…. चाभी तो उसके जेब से गिर चुकी है....अब क्या करे?

तभी जैक ने पत्थर उठाया और ताला तोड़ दिया….. जब दोनो अंदर चले गए तो जैक वीर के रूम में रखी चीजों को बहुत गौर से देखता और छूता है.... जब उसने जल्दी से अपना हाथ वापिस खींचा तो

वीर ये देखकर हंसा और जैक से कहा ये सब अब से तुम्हारा भी है…. “और तुम मेरे छोटे भाई हो”.... फिर दोनो ने बारी बारी से नहाया…… वीर ने उसे अपने कपड़े पहनने दिए और जैक को सैलून ले गया जहां उसका पूरा हुलिया ही चेंज करवाया..... “जैक ने जब खुद को मिरर में देखा तो देखकर एकदम हैरान था”

फिर शाम को वीर जैक को शॉपिंग भी कराता है पहली बार मॉल में लिफ्ट और एस्कलेटर पर चढ़ते ही जैक डर गया...... तो वीर ने उसका अब कुछ सिखाया उसे जैक के साथ बोहोत मजा आ रहा था !….. उसके लिए ये एकदम…..ही नया अनुभव था

अब वीर और जैक दोनो हर वक्त साथ रहते,और वीर ने मकान मालिक से भी जैक को रखने के लिए बात कर ली…

✨अगले दिन :

वीर और जैक रिया के पास पहुंचे…… *वीर रिया के लिए एक गिफ्ट लाया था”..….. रिया ने जब उसे खोलकर देखा तो लैपटॉप था, वो लेने से मना करने लगी तो वीर ने उसे जबरदस्ती पकड़ा दिया

“आप मेरी बड़ी बहन जैसी हो.... और अभी तो में आपको बोहोत कुछ देना चाहता हूं चलो मेरे साथ”...

रिया : मां !! क्या मैं भाई के साथ जाऊ ??

रिया की मां : अब तेरा भाई तुझे ले जा रहा है तो जा ना !!

(रिया वीर के बारे में अपनी मां को सब बता चुकी है..... जब उसकी मां ने पूछा…… “दलिया तो तुझे पसंद नही; फिर किसके लिए रोज ले जाती है)

वीर रिया को लेकर अस्पताल के पास बनी एक कॉलोनी में पहुंचा

रिया : तो यहां रहता है, मेरा भाई!!..... ये काफी महंगा पड़ता होगा न (ये थोड़ा एक्सपेंसिव एरिया था, इसीलिए रिया ने ऐसा पूंछा)

वीर : नहीं में यहां नहीं रहता.... लेकिन मेरी बहन अब से यही रहेगी

रिया : मै नही–नही वीर..... इसमें बोहोत पैसे लगेंगे... इतने पैसे खर्च करने की क्या जरूरत, हम बस्ती में ही ठीक है!

वीर : यहां से आपका कॉलेज भी पास है और मां का अस्पताल भी.....और अगर सच में आप मुझे अपना भाई मानती हो तो इसके लिए बिल्कुल भी मना मत करना।

रिया : पर मां..…… वीर, मैं उन्हें मना लूंगा आप बस फ्लैट देखने चलो...

रिया अंदर जाते ही हैरान हो गई...... “भाई ये बोहोत महंगा पड़ेगा”

वीर : लगता है, अभी तक आपने मुझे अपना भाई न....... इससे पहले कि वीर आगे कुछ कहता, रिया ने उसके मुंह पर अपना हाथ रख दिया

…….”खबरदार ऐसा कभी बोला तो......मुंह तोड़ दूंगा” !!

वीर, मुंह से हाथ हटाते हुए ये मेरी और जैक की पसंद है....... यहां कि सिक्योरिटी भी काफी अच्छी है आपको कभी भी कोई दिक्कत नही आयेगी…

[ वीर अपने घरवालों को सबकुछ पहले ही बता चुका था .....और उसके पापा बॉर्डर ड्यूटी पर रहते है तो घर में पैसों का लेन– देन सब वो ही हैंडल करता था….. इस पूरे घटना क्रम से हमें वीर के लोगो के प्रति संवेदनशील होने का पता चला, साथ ही वो कितना इमोशनल है ये भी आप समझ चुके होंगे]

थोड़ी देर बाद तीनों बाते करते हुए वहा से मॉल निकल गए…...

रिया एक-एक कर कपड़े ट्राय करती और अपने भाइयों को भी दिखाती....... जब वह थक गई तो….. “बस अब और नहीं...आप लोगो को कपड़े पसंद ही नहीं आ रहे”

वीर : ठीक है, ठीक है !! हम फिर कभी दुबारा यहां आ जाएंगे..…… पर तुम मां के लिए भी कुछ लेलो

रिया : वैसे भी, 5 ड्रेसेस आप दिला ही चुके हो तो अब आने की कोई जरूरत नहीं..….. “फिर रिया अपनी मां के लिए भी 3 साडिया ले लेती है”…..

यहां जब रिया मां के लिए साडिया सेलेक्ट कर रही थी…. तब वीर उसके लिए एक एंड्रॉइड मोबाइल ले आया जो सेम उसी के मोबाईल जैसा था….

रिया : मोबाइल को देखते हुए खुश हो गई क्योंकि ऐसा ही फोन उसकी फ्रेंड के पास भी था.…. जो उसे दिखा–दिखा कर कहती

“ये देखो, OnePlus बोहोत ही महंगा आता है मेरे पापा लाए थे....और बहुत ही बड़ी–बड़ी सेखियाँ बघारती”….

खैर तीनों शॉपिंग के बाद रिया के घर पहुंचे जहां…. वीर ने रिया की मां को इमोशनल करके वहां से शिफ्ट होने के लिए मना लिया...

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✨धन्यवाद !
 
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Salty~Otaku

ᴺᵒ ᴹᵃᵗᵗᵉʳ ᵂʰᵃᵗ ᴵ’ᵐ ᶜˡᵒᶜᵏⁱⁿᵍ ᴼᵘᵗ ᴮʸ ˢⁱˣ
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Thank you❣️

Dekhte hai

Hmmm


Darasal maine khud jesa story ko likhne ka socha tha🤔, wesi nhi likh rha hu.........romance ko itna intense nahi banana tha main characters ke bich🤔.......maine socha tha, side me jo characters aayenge unke through hard sex show karaunga🙊 taki balance bana rhe
.
.
. response ki wajah se hi mene sex ko thoda sa rough bana diya☠️ .....mai khud apni zindagi mai aisa nhi hu to aise scenes likhne me kitna ganda lagta hai kya hi batau???

🤔kabhi kabhi lagta hai Mai kitna ganda insan jo apni ....main lead ke sath galat kar rha hu ....
"Turn crisis into opportunity" it's a simple but great line, You mentioned that the story took an unexpected turn, right? That's the beauty of it! Sometimes, you just have to go with the flow and see where it leads you.


You need to have a vision of where you want to go, but let the characters tell their own stories! As for the loopholes you're worried about, think about how you can turn them to your advantage.


If things aren't working out, at least make sure to give the story a proper ending.
 
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Looteraaa

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"Turn crisis into opportunity" it's a simple but great line, You mentioned that the story took an unexpected turn, right? That's the beauty of it! Sometimes, you just have to go with the flow and see where it leads you.
Thank you, for your guidance and support your every word inspirers me....
You need to have a vision of where you want to go, but let the characters tell their own stories! As for the loopholes you're worried about, think about how you can turn them to your advantage.


If things aren't working out, at least make sure to give the story a proper ending.
Surely, i will do that....story is on it's path but 'rough sex scenes' are not my taste, that is the main problem which makes me think like i spoiled my vision......but i will try to change my mindset accordingly
 
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Salty~Otaku

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Thank you, for your guidance and support your every word inspirers me....

Surely, i will do that....story is on it's path but 'rough sex scenes' are not my taste, that is the main problem which makes me think like i spoiled my vision......but i will try to change my mindset accordingly
If you don’t like the rough sex scenes in the story, you can tone them down! This could actually be a great opportunity to reshape the narrative.


Just make sure to take your time with the changes and don’t rush it! Instead of just cutting them out, think about how you can use those scenes to align with your vision for the story.
 

Looteraaa

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Maine jaldbaji me; lagbhag sare hi upadate post kiye hai, jisse kaafi sare scenes achhe se nhi likhe gaye....aur bohot sa matter mene short me likh diya.

Aage se achha content likhne ki koshish rhegi....khair views teji se nhi aa rhe, iska karan hai ki meri story ka tittle clickbait wala nahi hai

Bane rahiye❣️
 

Looteraaa

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If you don’t like the rough sex scenes in the story, you can tone them down! This could actually be a great opportunity to reshape the narrative.


Just make sure to take your time with the changes and don’t rush it! Instead of just cutting them out, think about how you can use those scenes to align with your vision for the story.
Thank you! Master...
 

sam_41

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Jabardast update diya hai ♥️💗
 
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yasasvi4

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अब तक...


काव्या और वीर दोनो ही बाग के लिए निकल चुके है


अब आगे..

वीर और काव्या दोनो ही गार्डन में पहुंच चुके है... काव्या तो इतने सारे 'फलों के पेड़' देखकर खुश हो जाती है.......और वहा आस पास से उठने वाली सौंधी सौंधी खुशबू, काव्या को भा जाती है


काव्या : यहां पर कितनी मीठी खुशबू आ रही है ना? और वो अपनी बाहें फैलाकर एक गोल चक्कर लगाती है और चारों और देखने लगती है

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तभी वीर उसे पीछे से हग कर लेता है और कहता है
वीर : लेकिन तुमसे ज्यादा अच्छी खुशबू ...मुझे कहीं और से नही आती!


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काव्या : आप तो बोहोत ही ज्यादा रोमांटिक बाते करते हो......तो फिर मै आपसे कुछ पूछना चाहती हू?

वीर : (काव्या के गालों को दोनो हाथों में लेते हुए)....तुम्हे कुछ भी पूछने के लिए परमिशन की जरूरत नहीं है काव्या

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काव्या : आप मुझे ये बताओ कि, किरण दीदी क्या अब भी आपके दिल में है?.......क्या आप उन पर अब भी गुस्सा हो?

(दोस्तों काव्या को लगता है कि किरण वीर का पहला प्यार है.... कहीं अब भी वो उसके दिल में न हो....ये सब पूछने के लिए वो सही जगह और सही मूड का वेट कर रही थी)


वीर : मैं किसी पर गुस्सा नही हूं काव्या.......और हां, सच्चे प्यार की तलाश में, न जाने कितनी लड़कियां मेरी जिंदगी में आई और मेरा भरोसा तोड़कर चली गई......किरण भी उनमें से एक है।
काव्या : लेकिन...


वीर : रुको, उसके मुंह पर हाथ रखते हुए; पहले मेरी बात तो खत्म होने दो! .....और उसके माथे पर किस करता है, फिर उसकी आंखों में देखते हुए कहता है 'जीवन में किसी को भी सबकुछ नही मिलता'


लेकिन.....

"मैंने तुम्हे अपना सबकुछ मान लिया है "
और अब,जब तुम मेरी हो गई हो .....तो मुझे सबकुछ मिल गया है!!


काव्या : अरे! आप तो सीरियस ही हो गए..... मैं...मैं तो बस यूंही जानना चाहती थी; कि कही दीदी के छोड़ने से आप अंदर से दुखी न हो?



वीर : काव्या को गले लगाते हुए ....ज्यादा मत सोचो...तुम जैसी, इतनी प्यारी सी वाइफ जिसके पास हो वो, दुखी कैसे हो सकता है
काव्या (खुश होते हुए) : 'आई लव यू '......



तभी दोनो एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ जाते है और वीर काव्या से कहता है-

वीर : तुम अब से हॉस्टल में नहीं रहोगी.......मेरी एक बहन है जिसके साथ तुम रहना और अपनी पढ़ाई करना
काव्या : बहन! लेकिन आपकी दीदी तो टीचर है और वो भोपाल में नहीं रहती ( यहाँ पर काव्या वीर की बड़ी बहन मीरा की बात कर रही थी )



वीर : उसका नाम रिया है ... और वो एक नर्स है
काव्या : शक करते हुए ......आप मुझे ठीक से बताओ; ये बहन कहा से आ गई ?....कही आप मुझसे कुछ छिपा तो नही रहे? .....वो आपकी बहन कहा से लगती है?



वीर : (काव्या के मुंह पर हाथ रखते हुए) बताता हूं बताता हूं........बोहोत लंबी कहानी है!
काव्या : वीर के सीने में हाथ से मुक्के मारते हुए .......मुझे सब जानना है; जल्दी बताओ
वीर : ठीक है ...ठीक है ! लेकिन इसकी शुरुआत जैक से होगी



फ्लैशबैक (जैक का परिचय) :


जब वीर भोपाल में, कॉलेज के सेकंड ईयर में था तभी एक दिन शाम के समय अचानक से चौराहे के पास एक गली में वीर के सिर पर पीछे से एक डंडा आकर लगता है, और वो बेहोश हो जाता है।

(वीर तो गली से निकलकर चौराहे पर, बस चाय पीने जा रहा था)



उसके मुंह पर जब पानी डाल के उसको होश में लाया जाता है तब वो देखता है कि उसे एक खंडर जैसी बिल्डिंग में रस्सियों से बांध दिया गया है और उसके सामने 12 बंदे खड़े है जो होश में आते ही उसपर लात घूंसो की बरसात चालू कर देते है।



वीर : आह्ह्ह रूक जाओ प्लीज़ तुम्हे जितने पैसे चाहिए; मैं देने को तैयार हूं मुझे जाने दो, लेकिन वो गुंडे उसकी एक बात नही सुनते , उन्हीं में से एक वीर के पेट में चाकू मार देता है और उसे लात मारकर कुर्सी सहित फर्स्ट फ्लोर से नीचे फेंक देता ...


( इसके पीछे वीर के 4.5 साल चलने वाले प्यार का आशिक था जिसने वीर को उससे दूर रहने की धमकी दी थी, वीर अपनी ठकुराशी के चक्कर में उसे इग्नोर कर देता है ...लेकिन ये ब्रिजपुर नही भोपाल था)


वीर नीचे जाकर सीधा नाले में गिरता है और बरसात के पानी के कारण नाला काफी उफान पर था तो वीर बहते बहते एक किनारे पे पहुंच जाता है


जहां पर एक पन्नी (प्लास्टिक बैग) चुगने वाला लड़का उसे देख लेता है और वो आकर वीर की सांसे चेक करता है तो वीर अभी जिंदा होता है

रस्सियों से छुड़ा कर ...

वो लड़का, वीर को अपनी बस्ती में ले जाता है जो कि काफी गंदी होती है, वो वीर को लेकर अपने टीन की छत वाले रूम में नीचे लिटा देता है उस कमरे में जगह जगह से पानी टपक रहा था क्यूंकि टीन से सारा एरिया कवर नहीं था


कुछ हिस्से में पुरानी त्रिपाल और पन्निया लगी हुई थी; जिससे टप-टप पानी के टपकाने की आवाज आ रही थी, बहते समय वीर के पेट पर लगा चाकू कही फसकर निकल गया, जिसकी वजह से वीर का काफी ज्यादा ब्लड लॉस हो गया था


थोड़ी देर बाद,बस्ती में ही रहने वाली एक नर्स (रिया) को लेकर वो लड़का आता है, तो नर्स वीर को देखकर घबरा जाती है और कुछ भी करने से इंकार करने लगती है लेकिन बार बार मनाने पर वो जैसा उसको आता था पेनकिलर खिला देती है, स्टीचेस करना तो उसे नहीं आता था क्योंकि वो अभी बस एक स्टूडेंट थी

लेकिन उसे पट्टी करना आता था तो वो डरते डरते वीर को पट्टी कर देती है और कहती है इसे सरकारी अस्पताल में ले जाओ लेकिन वो लड़का पुलिस केस में इंवॉल्व होने से डर रहा था इसीलिए वहा न जाने का डिसाइड करता है

नर्स जा चुकी थी और वो वीर को तिरछी नजरों से एकटक, देखे ही जा रहा था.....फिर वो लड़का अचानक से खड़ा होता है, और बाहर चला जाता है एक हॉस्पिटल के सामने काफी देर खड़ा रहने के बाद, जैसे ही थोड़ा सा अंधेरा होता है एक डॉक्टर,उसे हॉस्पिटल से बाहर आते हुए दिखता है

कुछ देर सोचने के बाद वो पीछे से उसका मुंह दबा लेता है और कहता है, चुपचाप सीधे चलते रहो नही तो मैं तुम्हे गोली मार दूंगा डॉक्टर भी बूढ़ा था तो डरते हुए पीछे नहीं देखता की कही सच में वो उसे गोली न मार दे।


वो डॉक्टर को गलियों के बीच से अपनी बस्ती लेकर आ जाता है और वीर के पास लाते हुए कहता है, इसका इलाज करो डॉक्टर डर रहा होता है लेकिन फिर भी वो वीर की पेट की पट्टी खोल देता है और कहता है ,इसको तो स्टीचेस लगाने पड़ेंगे और न मेरे पास दवाई है न ही कोई औजार (टूल्स)


डॉक्टर से वो सारी चीजे जो भी उसे चाहिए थी; एक पेपर पर वो लड़का, लिखवा लेता है और उसे रस्सियों से बांध कर, उस नर्स के पास जाता है, और डॉक्टर से लिए गए पैसे उसे देकर कहता है ये सारा सामान लेने चलो



आधे घंटे बाद :

जब दोनो वापिस से वीर के पास आते है तो डॉक्टर को खोल देते है, और सारा सामान उसे पकड़ा देते है; फिर डॉक्टर वीर को स्टीचेस लगता है और सुबह तक होश आने का कहता है


जब बाकी की चीजे डॉक्टर उस लड़के को बताने लगता है, तो वो रिया को आगे कर उसे बताने के लिए कहता है; और बताता है की ये भी नर्सिंग कर रही है। डॉक्टर भी थोड़ा खुश होता है,और उसे आगे के लिए सब बता देता है साथ ही उसके सिर और पेट पर पट्टी करने के तरीके की तारीफ भी करता है, और कब उसे स्टीचेस खुलवाने के लिए आना है ये भी बता देता है


फिर डॉक्टर चला जाता है तब रिया उस लड़के से कहती है बाबू (लड़के को बस्ती में सभी बाबू ही कहते थे उसका कभी कोई नाम नहीं रखा गया था )



रिया : बाबू ये कौन है .....तब बाबू उसे कहता है मुझे नहीं पता ये मुझे नाले के पास पड़ा हुआ मिला!


रिया : और तुम इसे घर ले आए देखो मैं तुमको अपना भाई मानती हूं इसीलिए कहे देती ऐसे चक्करो से दूर रहा करो


बाबू : तुम्हे तो खुश होना चाहिए अब से तुम्हारा एक और भाई होगा ....इस पर रिया सोचने लगती है..... कि किस तरह शाम के वक्त जब एक दारूखोर उसके पीछे पड़ा था तब बाबू ने ही उसे बचाया था


रिया : ठीक है मैं कल सुबह आके इसे देख लूंगी अब तुम मुझे मेरे घर छोड़ने चलो........और बाबू उसे घर छोड़ देता है


सुबह 9 बजे
बाबू को वीर के कराहने की आवाज आती है तो वो उसे उठा लेता है और वीर पानी पानी कर था था तो उसे पानी पिलाने लगता है जब वीर अपनी आंखे खोलता है तो उसे बाबू दिखाई देता है


बाबू के बाल लंबे थे साथ ही दाड़ी भी थी वीर को उसे देखकर "पाइरेट्स ऑफ़ कैरेबियन" के जैक की याद आ जाती है


वीर : कौन हो तुम....और मैं कहा हूं?
बाबू : मैंने तुम्हे नाले के पास से उठाया था........फिर वो कल की सारी राम कहानी उसे बता देता है


वीर : आज से तुम मेरे छोटे भाई हो एक बार मैं ठीक हो जाऊं फिर तुम्हे मै अपने साथ ले जाऊंगा .....


तभी बाहर से रिया बाबू को आवाज देती है तो वो उसे अंदर आने को कहता है....
वीर : ब..बहन आज से तुम मेरी भी बहन हो रिया वीर की तरफ देखती है तो थोड़ा इमोशनल हो जाती है और कहती है ज्यादा बात मत करो अभी तुम ठीक नही हो



रिया वीर के लिए दलिया लेकर आई थी जो उसे खिलाने के बाद दवाई खिला देती है और उसकी चोटों पर क्रीम लगाने लगती है तब वीर उसके घर में कौन कौन है ये पूछता है तब वो बताती है कि उसकी मां अस्पताल में खाना बनाती है और पिताजी 2 साल पहले गुजर गए


इस पर वीर उसके सिर पर हाथ रख देता है, अब से मैं तुम्हारे साथ हूं ये सुनकर रिया की आंखों में आंसू आ जाते है और वो वीर को लिटाकर वहा से चली जाती है


वीर लेटे लेटे सोचता मुझे यहा कितने अच्छे लोग मिल गए ( वीर दरअसल अकेला ही रहता था
उसने एक बड़ा सा रूम लिया था जिसके साथ अटैच बाथरूम और छोटा सा किचन भी था )

वीर उसी बस्ती में बोहोत से दिन गुजारता है, रिया अक्सर ही उसके लिए खाना लाया करती थी....और दलिया तो उसकी मां लगभग रोज ही अस्पताल में बनाया करती थी जिसे वो टिफिन में पैक कर वीर के लिए लाती थी......



इसी बीच वीर के स्टीचेस खुलने का समय हो जाता है अब वो पूरी तरीके से ठीक हो चुका था, डॉक्टर भी वीर के बारे में जान के खुश होता है क्योंकि उसकी वाइफ भी बृजपुर से थी....(ये डॉक्टर खरे है ....इनकी मदद भी वीर आगे जाके करेगा तो याद रखना इन्हें भी)


वीर तो बाबू को अब जैक ही कहने लगा था इसमें उसका साथ रिया भी देती थी और बाबू को भी ये नया नाम काफी पसंद आ जाता है



जब वीर जैक को लेकर अपने रूम पहुंचता है, तो उसे याद आता है कि चाभी तो उसके जेब से गिर चुकी है....अब क्या करे?



तभी जैक पत्थर उठाकर लाता है और ताला तोड़कर दोनो अंदर चले जाते है जैक वीर के रूम में रखी चीजों को गौर से देखता है और छूने लगता है....फिर जल्दी से अपना हाथ वापिस खीच लेता


वीर ये देखकर हंसता है और जैक से कहता है ये सब अब से तुम्हारा भी है तुम मेरे छोटे भाई हो.... फिर वो दोनो नहाते है और वीर उसे अपने कपड़े पहनने को देता है


वीर जैक को सैलून ले जाता है और उसका पूरा हुलिया ही चेंज करवा देता है ..... जैक तो खुद को मिरर में देखकर हैरान ही हो जाता है


शाम को वीर जैक को शॉपिंग भी कराता है पहली बार मॉल में लिफ्ट और एस्कलेटर पर चढ़कर जैक डर जाता है......जिसमे वीर को बोहोत मजा आता है !


(अब वीर और जैक दोनो साथ में रहते है,वीर ने मकान मालिक से भी जैक के लिए बात कर ली थी)


अगले दिन

जब वीर और जैक रिया के पास पहुंचते है वीर रिया के लिए गिफ्ट भी लाया था...रिया जब उसे खोलकर देखती है तो लैपटॉप था वो लेने से मना करती है तो वीर उसे जबरदस्ती पकड़ाता है और कहता आप मेरी बड़ी बहन जैसी हो ....और अभी तो में आपको बोहोत कुछ देना चाहता हु चलो मेरे साथ...



रिया : मां क्या मैं वीर के साथ जाऊ?
रिया की मां : अब तेरा भाई तुझे ले जा रहा है तो जा ना ( दरअसल वीर के बारे में रिया सबकुछ अपनी मां को बता चुकी है.....जब उसकी मां ने पूछा था उसे तो दलिया पसंद नही; फिर किसके लिए ले जाती हो)



वीर रिया को लेकर अस्पताल के पास बनी कॉलोनी में लेकर आता है
रिया : तो आप यहां रहते हो ..... यहां रहना तो काफी महंगा पड़ता होगा न (दोस्तों ये थोड़ा एक्सपेंसिव एरिया था )




वीर : नहीं में यहां नहीं रहता....लेकिन मेरी बहन अब से यही रहेगी
रिया : नही नही .....इसमें तो बोहोत पैसे लगेंगे...इतने पैसे खर्च करने की क्या जरूरत है, हम बस्ती में ही ठीक है!


वीर : यहां से आपका कॉलेज भी पास है और मां का अस्पताल भी.....और अगर सच में आप मुझे अपना छोटा भाई मानती हो तो इसके लिए मना मत करना।
रिया : लेकिन मां....
वीर : मैं उन्हें मना लूंगा आप फ्लैट देखने चलो ...


रिया अंदर जाते ही हैरान हो जाती है......फिर कहती है भाई इसमें तो बोहोत ज्यादा पैसे लगेंगे , इसकी क्या जरूरत है?


वीर : लगता है तुम मुझे दिल से, अपना भाई न.......वीर आगे कुछ कहता इसके पहले ही रिया उसके मुंह पर अपना हाथ रख देती और कहती है...
रिया : खबरदार ऐसा कभी बोला तो......मैं यही रहूंगी!



वीर : (वीर हाथ हटाते हुए) ये मेरी और जैक की पसंद है....... यहां कि सिक्योरिटी भी काफी अच्छी है आपको कभी भी कोई दिक्कत नही आयेगी



[ दोस्तों मैंने आपको शुरू में ही बताया था अपना हीरो थोड़ा इमोशनल है, अभी उसकी दूसरी आईडेंटिटी ने जन्म नही लिया है, तो वो अभी मार धाड़ से दूर है........ये उसका इमोशनल पक्ष है जिसमें उसने रिया को अपनी बहन मान लिया है इसीलिए वो ये सब कर रहा है.......वीर अपने घरवालों को भी सबकुछ बता चुका था .....और उसके पापा तो अपनी बॉर्डर ड्यूटी पर रहते है तो घर में सारे पैसे वीर ही हैंडल करता है ]


अब तीनों बाते करते हुए वहा से निकल जाते है और मॉल पहुंचते है...


रिया एक-एक कर कपड़े ट्राय करती है और अपने भाइयों को भी दिखाती है .......जब वह थक जाती है तो कहती है बस अब और नहीं...आप लोगो को कपड़े पसंद ही नहीं आते



वीर : ठीक है, हम फिर आकर और ले जायेंगे....तुम मां के लिए भी कुछ लेलो
रिया : वैसे भी 5 ड्रेसेस आप दिला चुके हो तो फिर आने की कोई जरूरत नहीं.....फिर रिया मां के लिए भी 3 साडिया ले लेती है..



यहां जब तक रिया मां के लिए साडिया सेलेक्ट कर रही थी तब तक वीर उसके लिए एक एंड्रॉइड मोबाइल लाता है जो सेम उसी के मोबाईल जैसा था



रिया : मोबाइल को देखते हुए खुश हो जाती है क्योंकि ऐसा ही फोन उसकी फ्रेंड के पास भी था...जो उसे दिखा दिखा के बोलती थी ये देखो, OnePlus बोहोत ही महंगा आता है....और बड़ी बड़ी बाते कर सेखि बघारती रहती थी!



तीनों ही शॉपिंग के बाद रिया के घर आ जाते है जहा वीर रिया की मां को इमोश
नल करके वहां से शिफ्ट होने के लिए मना लेता है...
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🤔1000 views par 3-4 logo ke comments wahhh!...lekin jo bhi ise padh rhe hai unka dil se thanks 🙏
The resion behind this..... maximum log without id dekhte h and jinki id h bhi....wo bas padh ke chale jate h....😅ya aadat nahi hogi🫡but hads off on your story kafi cool story lagi💀hope aap updates time pe rakhe.......
 
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अब तक..

वीर ने रिया की मां को शिफ्ट करने के लिए मना लिया था


अब आगे ..

वीर : काव्या के गाल खींचते हुए...... अब समझी, मैं किस बहन की बात कर रहा था…..अब बताओ मेरी बहन, और मां के होते हुए भी तुम हॉस्टल में रहोगी?

काव्या : नहीं मैं उन्हीं के साथ रहूंगी लेकिन..... वो हमारी शादी में क्यों नहीं आए ?

ये सुनते ही वीर, थोड़ा परेशान हो गया और….. कुछ दृश्य उसके दिमाग में घूम गए...…. थोड़ी देर शांत रहने के बाद

वीर : दरअसल !! दीदी को शादियों से डर लगता है उन्हें शादी और पार्टी जैसी गैदरिंग से मेंटल ट्रॉमा है….

काव्या : (वीर के सेड फेस को देखते हुए)....क्या इसका भी आपसे कुछ लेना देना है??….. वीर उसे कस के पकड़ कर गले लगते हुए............ हां ,शायद कही न कहीं मैं ही इसका जिम्मेदार हूं !

काव्या : शायद???.... आप पहले मुझे पूरी बात बताओ !!

वीर खुद को शांत करते हुए ….

✨फ्लैशबैक :

हमें एक शादी का सीन दिखाया जाता है....जिसमे रिया भी होती है

ये किसकी शादी है ? और रिया यहां क्या कर रही है ??

दरअसल ये शादी….”डॉक्टर खरे के बेटे की थी”...… वीर,जैक और रिया अक्सर ही डॉक्टर खरे से मिलने जाया करते थे, इसीलिए उनके बीच संबंध…… काफी अच्छे थे और इसीलिए ही वो सभी यहां इनवाइटेड थे !!...

तीनों साथ ही शादी एंजॉय कर रहे थे कि..…. तभी डॉक्टर ने आकर जैक को अपने किसी काम से कुछ लोगो के साथ, सामान रिसीव करने के लिए बाहर भेज दिया।

जैक : "तुम दोनो एन्जॉय करो" मैं काम निपटा के आता हूं....कहते हुए निकल गया

इतने में वीर को भी उसके कॉलेज लव का कॉल आ गया तो उसने भी उससे लवी - डवी बातें करने के लिए, एकांत ढूंढ लिया।

वीर को बातें करते हुए काफी देर हो चुकी थी....... तभी उसके मोबाइल पर इमरजेंसी मैसेज आया जिसमे साथ लोकेशन भी थी….

वीर परेशान हो गया क्योंकि ये मैसेज रिया के मोबाइल से आया था…….. वो तुरंत ही उस लोकेशन के लिए निकल पड़ा जो वहां से सिर्फ 5 किमी ही दूर थी।

वीर अपनी बाइक कुछ दूरी पर रोककर.…. धीरे धीरे एक पुरानी बिल्डिंग की और बढ़ाने लगा...…. जहां पर उसे कुछ आदमी दिखाई दिए, वो सभी आपस में बाते कर रहे थे

आदमी 1 : साला राणे, हमारे बॉस की बात मान लेता तो आज उसकी बेटी यहां न होती !!

आदमी 2 : हां ! पर अब क्या फायदा...... विदेश जाके किसी न किसी आदमी का बिस्तर गरम करेगी...... और दोनो जोर–जोरसे हंसने लगे !!!

उनकी बाते सुनकर वीर को अंदाजा हो गया था…… “यहां पर और भी लड़कियां है”..... इसलिए वो थोड़ा और सतर्क हो गया तभी उसे पास ही एक लोहे का रोड पड़ा हुआ दिखाई दिया, जिस उसने उठा लिया…

फिर यहां से वहां छिप–छिपाकर घूमके पता लगाने की कोशिश की……… “आखिर यहां कितने लोग है ? और रिया और बाकी सभी लड़कियों को कहा रखा गया है.……. तो उसे पता लगा वहा करीब 21 लोग है

पर अभी भी उसे लड़किया का नही लगा था कि……. वो है कहां ? ……..आसपास जितना हो सकता था उसने ढूंढा पर उसे कोई क्लू नही मिला और उन्हें लेकर वो कोई रिस्क भी नहीं ले सकता था…

वीर अपने मन में प्लान करने लगता है कि कैसे उन्हें बचाया जाए, तभी वीर को एक आदमी दिखाई दिया...…. जो कि झाड़ियों की तरफ मूतने जा रहा था !!!

वीर छुपते–छुपाते किसी तरह उसके पीछे जा पहुंचा…….. और जाते ही सिर पर लोहे के रॉड को दे मारा और उसके पास से गन ले ली.... ……उसकी जेब चेक करने पर उसे उसमे सिर्फ लाइटर मिला जिसे उसने अपने पास रख लिया और अपने कपड़े, जबरदस्ती उसे पहना दिए है और उसके कपड़े खुद पहन लिए !! (वो थोड़ा मोटा था)

वीर ने उस आदमी के हाथों को बेल्ट से कस दिया और उसे..... उसे होश में लाने की कोशिश करने लगा जैसे ही वो होश में आया उसके मुंह में गन थी…..

वीर : चुपचाप बता…… “लड़कियों को कहा रखा है”......उस आदमी ने ऊपर की तरफ नजरों से इशारा किया और अपने दोनो हाथो को भी ऊपर उठाकर उसी ओर इशारा करने वाला था पर वीर ने पहले ही उसका गला पकड़कर उसे इस दुनिया से विदा कर दिया…

कुछ सोचते हुए वीर ने उसे ऐसे छिपाया….. जैसे कोई छिपने कोशिश कर रहा हो ....... उसके मन में अब भी यही चल रहा था ......गोलियां कम और आदमी ज्यादा....... वीर शूटिंग में बहुत अच्छा था (क्योंकि एज अ स्पोर्ट वो निशाने की प्रैक्टिस करता था) उसके पापा ने भी उसे वन टू वन फाइट के लिए काफी ट्रेन किया था !!

पर अब थोड़ा सा रिस्क लेने के लिए वो भी तैयार था.….. सारा प्लान उसकी आंखों के आगे किसी मूवी की तरह चल रहा था !!

सबसे पहले वो एक कार के पास गया...... और अपनी जेब से लाइटर निकालकर उसे उड़ा देता है...... इस धमाके से चारों और भगदड़ मच गई !!

बोहोत सारे आदमी हाथों में गन लिए ब्लास्ट वाली जगह की ओर आए और यहां-वहां देखने लगे.…… वीर ने बारी–बारी से उन्हें शूट करना चालू किया….

पर अभी केवल 5 ही लोग मरे थे ....... वीर के पास अब गोलियां खत्म हो चुकी थी इसीलिए वो गन लेकर बाहर निकल आया और उनके साथ मिलकर यहां वहा ढूंढने की एक्टिंग करने लगा….

इससे उसके हाथों में तीन गन और आ गई, वो चौथे आदमी के पास बंदूक उठाने जा ही रहा था……. कि उसे आवाज आती है अरे !! वो रहा ..... वीर एकदम से डर गया कि तभी सब उस छिपाए गए आदमी की ओर बढ़ने लगते है और उसे निशाने पर ले लिया….

वीर ने इस मौके का फायदा उठाया और फिर से छिप गया और उनको पीछे से शूट कर दिया जिसमें 7 आदमी मारे गए…..... पर ऐसा करते हुए एक आदमी वीर को देख लिया इससे पहले कि वो कुछ करता वीर ने उसे भी गोली मार दी !!

अभी भी कुछ लोग बाहर नहीं आए थे वीर इंतजार करता रहा….. पर जब कोई भी नहीं आया तो उसने अंदर जाने का निर्णय लिया…...वीर रेंगते हुए आगे बढ़ने लगा तो उपर से फायरिंग होने लगी

अब वीर उनकी नजर में आ चुका था ....और उन्हें पता लग गया था कि, उनकी ही ड्रेस में कोई बंदा उन्हे मार रहा है !!

एक गोली वीर के कान के पास से गुजरी……तो वो रोल करते हुए दीवार के पास चला गया जहां उपर से कोई खतरा नहीं था !!

वीर छिपा रहा तभी दो बंदे बाहर आए...... पर वीर ने पत्थर फेंककर उनका ध्यान दूसरी तरफ कर, उन्हें शूट कर दिया !!

वो दीवार के सहारे… किनारे-किनारे चलते हुए बार–बार अपनी जगह बदल रहा था तभी उसे दीवार में एक होल से दो आदमी दिखाई गई जिन्हे फायर कर उसने गिरा दिया..... इससे अंदर मौजूद लोगों को वीर की लोकेशन पता लग गई…., और वो उस होल की रेंज से दूर हट गए !!

खतरा न जान जैसे ही सब बाहर आए कि…… “सरप्राइस !!.....वीर होल के पास न होकर वापिस से वही पहुंच गया था और चार लोगों को और टपका दिया !!

वीर के हिसाब से सारे ही लोग मारे जा चुके है लेकिन उपर कितने लोग है .... इसका उसे जरा भी अंदाजा नहीं था !!

वीर ने तीन फुली लोडेड गन, एक चाकू और उसके…… साथ ही लाइटर.... सब मरे हुए आदमियों के पास से उठाया और साथ लेकर आगे बढ़ गया….

वीर का दिमाग आगे का सीन सोच रहा था....... “अगर ऊपर 10 लोग हुए तो क्या 15 हुए तो क्या..... पर वो उसका समाधान नहीं निकल पा रहा था”

अचानक ही उसके दिमाग में रिया का ख्याल आया और जैक के वो शब्द भी दिमाग में गूंज गए "तुम दोनो साथ में एन्जॉय करो मैं आता हूं"

वीर सोचता है कि काश वो जैक की बात पर गौर कर लेता और रिया के साथ रहता......तभी उसे आवाज आती है “अरे ओ छछुंदर की औलाद कहा छुपा बैठा है, दम है तो सामने आ” .......

वीर कुछ देर और ये सोचकर रुका रहा कि……. आवाज आई है तो शायद आदमी भी आएंगे..... 10 मिनट तक उसने वेट किया पर कोई नही आया!!

वीर अब सबकुछ भगवान भरोसे छोड़कर रश करने के लिए ऊपर की और दौड़ लगा देता है, ऊपर पहुंचा तो सामने एक ही आदमी था जो रिया को बालों से पकड़े उसकी खोपड़ी पे गन ताने हुए था ....वीर ये देखकर एकदम से रूक गया…

तभी उसके पैर पर पीछे से एक गोली आ लगी..... और उसने तुरंत ही पलटकर उस आदमी के माथे पर गोली मार दी एज अ क्विक रिफलेक्स

इसी बीच रिया बोहोत जोर से चिल्लाई नहीं !!!! और बेहोश हो गई........ ”वीर समझ चुका था कि बस दो ही बचे थे इसीलिए नीचे नही आ रहे था” !!

तभी सामने से...... तेरा निशाना तो गजब का है, छोरे और जिस तरह ये लड़की चिल्लाई, तू जरूर इसका कुछ लगता होगा..….. “चल अब अपने सारे हथियार फेक दे नहीं तो ये लड़की मरेगी “पीछे लगभग 20 लड़कियों को उन्होंने और बंद कर रखा था” !!

वीर अपने सारे हथियार अलग–अलग दिशा में फेक देता हैं, तभी वो आदमी रिया को छोड़ वीर को गन प्वाइंट पर लेकर उसके पास आ जाता है !!

और वीर के पैर पर जहां, उसे गोली लगी थी, उसी जगह पर उसने अपना पैर रख कर जोर से दबाने लगा…. जिससे वीर चीखने लगा और तड़फने की एक्टिंग कर यहां–वहां होने लगा…….. “चिल्ला, चिल्ला और चिल्ला, कुत्ते के पिल्ले..…. पता है तूने मेरे आदमियों को मारकर मेरा कितना बड़ा नुकसान किया है” !!

पर अब वीर को सच में असहनीय दर्द होने लगा था तभी उसके हाथ में चाकू आ गया जिसे उसने पास ही गिराया था……… जैसे ही वीर ने चाकू को उसके पैर में घुसाया वो डिसबैलेंस हो गया.......... इसका फायदा उठाकर वीर ने उसके मैन प्वाइंट पर एक जोरदार लात मारी जिससे….….वो गिर गया पर गन उसके हाथ में अब भी थी, इसके पहले कि वो वीर को मारता.....वीर ने पास ही पड़ी गन उठाकर उसके हाथ में गोली मार दी…… और गन उसके से छूटकर नीचे गिर गई…

वीर उसे घसीटते हुए एक कोने में ले गया और उसके पैर में घुसी हुई चाकू पर पैर रख दिया जिससे वो चीखने लगता है….. उसका यूं दर्द से चिल्लाना वीर को अच्छा लग रहा था….. पर अभी भी वो गुस्से में था

…….इसीलिए चाकू निकालकर उसके हाथ में घुसा दी.....और यही नहीं रुका…….

“यही है न, वो हाथ जिसने मेरी बहन पर बंदूक तानी थी....... और पागलों की तरह बार–बार उसके उसी हाथ में चाकू घोंपता रहा…… वही वो आदमी इतनी तेज,गला फाड़–फाड़कर चिल्ला रहा था कि……. “अंदर बंद लड़किया भी सहम गई”

वीर का गुस्सा शांत होने का नाम नही ले रहा था….. तो वो उसकी उंगलियां काटने लगा पर वो उस चाकू…….. से कट ही नहीं रही थी.... जिससे उसका गुस्सा और भड़क गया

वीर अब उसके दूसरे हाथ पर चाकू घोंपने लगा..... उसके शर्ट खून से लथपथ और मुंह पर उस आदमी के खून के छींटे थे…… तभी उसके कानों में रिया की आवाज पड़ी है…….. "भाई"

और जैसे ही वीर ने उसकी तरफ देखा….. वो डर गई...... वीर उसके पास जाने लगा तो वो पीछे होने लगी…….. लेकिन वीर भागकर उसे कस के गले लगा लिया..... “चिंता मत करो दीदी तुम्हारे भाई के होते हुए तुम्हे कोई भी हाथ नहीं लगा सकता….... रिया एक बार फिर बेहोश हो गई….. वीर का गुस्सा अब जाके शांत हो चुका था लेकिन फिर भी उसने उस आदमी के पास जाके, उसपर एक पूरा राउंड फायर कर दिया….

फिर वीर उन लड़कियों के पास जाता है और…… इसके बारे में किसी को भी पता नही चलाना चाहिए..... उसकी बात सुन सभी ने हां में सिर हिला दिया….

वीर अब उन सबको आजाद कर देता है ....तभी एक लड़की वीर के पास आकर, भैया क्या आप मेरे घर आओगे ? .....मेरा नाम रूही है !!

(वीर ये नाम सुनते…. आने के लिए हां कर देता है और उसे भी गले लगा लेता है )

तभी डॉक्टर खरे की बेटी बोलती है भैया रिया मुझे बचाने के चक्कर में यहां फंस गई !!! ....और रोते हुए माफी मांगने लगती है, वीर ने उसे भी गले लगाकर शांत कर दिया… वीर ने अपने ऊपर से खून साफ करने के बाद रूही को होश में ला दिया…

✨ दरअसल इन्ही में से एक आदमी ने आकर, डॉक्टर की बेटी से कहा था, उसे कोई बाहर बुला रहा है और वो देखने चली गई….. वही रिया ने जब ये देखा तो वो भी उसके पीछे-पीछे बाहर आ गई और उन्हें किडनैपिंग करते हुए देख लिया….. इससे पहले कि वो शोर मचाती एक गुंडे ने आकर उसको भी पकड़कर, गाड़ी में धर लिया….... लेकिन इस बीच रिया ने मौका पाकर अपने मोबाइल के पावर बटन को 5 बार प्रेस कर दिया जिससे वीर को इमरजेंसी मैसेज चला गया, मैसेज तो जैक के पास भी गया था लेकिन उसे इतना पढ़ना नहीं आता था !!

वीर का मोबाइल जो 1% चार्ज था यहाँ पहुंचते ही डिस्चार्ज हो गया .....वीर ने उस गुंडे से उसका फोन लेकर उसके ऊपर लाइटर से आग लगा देता है

वीर डॉक्टर को कॉल करने ही वाला था कि रुही कहती है भैया यहां तो बोहोत सारे लोग है, मेरे पापा एमएलए है उनको कॉल करोगे तो ज्यादा ठीक रहेगा !!

“अब हम एमएलए की बेटी रूही को sr.रूही लिखेंगे”

sr.रूही ने वीर के हाथ से मोबाइल लेकर अपने पापा को कॉल लगा दिया जो पुलिस को अपनी बेटी न मिल पाने से गरियाए जा रहे थे......... उनसे कुछ देर तक sr.रूही बात करती है और फिर वीर ने...... उन्हें सारी घटना की जानकारी दी

✨”इस घटना से वीर का एक नया रूप देखने मिला… जो कि इमोशनली अग्रेसिव है, ऐसा पागलपन…. रिया को खतरे में देखकर जागा था.... आगे चलकर यही रूप वीर की, दूसरी आइडेंटी बनेगा जो कि और भी ज्यादा क्रुएल और भयावह रूप धारण करेगी”

✨अगले दिन

~एमएलए हाउस~

वीर के दाएं पैर में पट्टी बंधी हुई है ..…. और वो जैक और रिया के साथ नाश्ते की टेबल पर एमएलए 'नारायण राणे' के सामने बैठा हुआ है

राणे : तुमने अकेले ही 23 लोगो को मारा है... इसमें कोई शक नही ……तुम्हारी रगों में एक असली फौजी का खून दौड़ रहा है....... मैंने सारा मामला सम्हाल लिया है इसमें कहीं भी तुम्हारा नाम नही आयेगा….. “नारायण राणे का उस क्षेत्र में अच्छा खासा दबदबा था”

वीर : आपका बोहोग–बोहोत धन्यवाद, सर !!....

राणे : अरे बेटा! तुमने तो मेरी बेटी की जान बचाई है, इतना तो मैं तुम्हारे लिए…. कर ही सकता हूं

वीर : सर !! मेरी एक छोटी बहन है, उसका भी नाम रूही है..... तो ये भी अबसे मेरी बहन ही हुई !!

नारायण राणे उसकी बातों से खुश था....... “वीर ! तुम्हे कभी भी किसी चीज की जरूरत हो….. याद करना और अगर अभी मैं तुम्हारे लिए कुछ कर सकू….. तो वो भी बताओ....

वीर : नहीं सर…… “अभी तो कुछ नहीं”

✨फ्लैशबैक ओवर:

काव्या : आंखों में आंसू लिए...... आपकी कॉलेज लाइफ में आपके साथ कितना कुछ हो गया

वीर : अरे वो सब पुरानी बातें है भूल जाओ !!

काव्या : क्या, ये वही नारायण राणे है जो अब होम मिनिस्टर है?

वीर : काव्या के सिर पर उंगली से फ्लिक करते हुए..... करेक्ट !! मेरी वाइफी तो काफी समझदार है और फिर उसे अपनी गोद में बिठाकर पीछे से उसे गले लगा लेता है…

काव्या🤔 मन में...इसका मतलब मैनेजर का लड़का…... और वो सहम गई अब उसमे तो हिम्मत नहीं थी……. वीर से और सवाल करे ??

✨दोपहर के समय :

वीर और काव्या दोनो ही घर आ चुके थे वीर रेडी हो रहा था….. उसे पापा को स्टेशन छोड़ने जाना था

वीर : तुम्हे कुछ चाहिए, जान.... मैं स्टेशन तक जा रहा हूं !!

काव्या : कुछ सोचते हुए....”नहीं”

वीर : ठीक है, अगर.... कुछ चाहिए हो तो कॉल कर देना…फिर

“वीर निकल पड़ा पापा को स्टेशन छोड़ने”

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✨ धन्यवाद !
 
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