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Update 4
अगली सुबह 7 बजे :
काव्या नींद से जागती है तो अपने आप को न्यूड देख शर्माने लगती है और तुरंत ही खुद को चद्दर से ढक लेती है तभी उसे याद आता है कि कैसे उसने रात में वीर को वाइल्डली किस किया था
तो वो और भी ज्यादा शर्मा जाती और अपने फेस पर हाथ रखके ब्लस करने लगती है फिर वो वापिस से चद्दर हटा के पास के मिरर में देखती है तो हैरान रह जाती है क्योंकि उसकी गर्दन पर बोहोत सारे लव बाइट्स थे और ब्रेस्ट एरिया पर भी काफी सारे हिकीज थे.....
इस हलचल से वीर भी जाग जाता है और काव्या से कहता है
वीर : गुड मॉर्निग
काव्या कोई जबाव नहीं देती तो वीर उसे चद्दर सहित पकड़ कर अपनी बाहों में कस लेता और कहता है.......रात में तो तुम काफी ज्यादा बोल्ड थी अब क्या हुआ; इतना क्यूं शर्मा रही हो
तभी काव्या वीर के बॉडी को छू कर देखती है और मन में सोचती ये तो काफी स्ट्रॉन्ग है रात में मेरा इस ओर ध्यान क्यों नहीं गया ....(इसका कारण वीर का स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेशन था )
काव्या अब उससे छूटने की कोशिश करती है तो वीर उसे और भी ज्यादा कस के पकड़ लेता है और कहता है ऐसे तो नहीं जाने दूंगा पहले बताओ मेरी परफॉर्मेस कैसी रही?
काव्या अब भी छुड़ाने की कोशिश में लगी हुई थी जब वीर उसे भी छोड़ता तो हारकर वो एकदम से कहती है "बोहोत अच्छी थी लेकिन टेक्नीक कुछ खास नहीं थी"
इतना सुनते ही वीर उसे किस करते हुए कहता है अच्छा! तो क्यों न, फिर से ट्राय करे! ........इतना सुनना था की काव्या मछली के जैसे तड़पने लगती और कहती नही!!!! आपको पता है मैं कितना ज्यादा थक चुकी हूं और अब भी मुझे पूरे शरीर में दर्द हो रहा है।
इस पर वीर अपनी पकड़ ढीली करता है क्योंकि उसे काव्या पर बोहोत ही ज्यादा प्यार आ जाता है ; इसीलिए वो कहता है वैसे वाइफी आज ब्लू पहनना और उसके कानों को थोड़ा सा काट लेता है तभी काव्या थोड़ा सा सेड होकर कहती है पर मेरे पास तो ब्लू सारी है ही नही
वीर : साड़ी नही है तो क्या हुआ और भी कुछ होगा ना तुम्हारे पास
काव्या : नहीं, मम्मी ने कहा था वहा जाकर सिर्फ साड़ी ही पहनना तो मै और कुछ नहीं लाई
इसपर
वीर : उसके सिर पर हाथ रखते हुए "तुम्हे यहां जो भी पहनना हो पहन सकती हो अपनी मम्मी की बात भूल जाओ और तुम नहाने जाओ तब तक मैं कपड़े मंगवाता हूं"
फिर वीर अपनी बहन कीर्ति को कॉल करता है और पूछता है बिट्टू शॉपिंग पर चलोगी जिसपर कीर्ति खुश हो जाती है और फाटक से बोलती है 'बिलकुल '
कीर्ति : भाई......वैसे हम लेने क्या जा रहे?
वीर : कपड़े लेंगे और मैं तुम्हे तुम्हारी फेवरिट आइसक्रीम भी खिलाऊंगा
कीर्ति : ओके भैया
तब वीर कहता है भाभी भी साथ जाएंगी तो फिर तुम अभी अपनी भाभी के लिए कुछ ब्लू पहनने के लिए ले आओ
जिसपर कीर्ति ब्लू जींस और व्हाइट कुर्ती लेकर रूम में आती; मैं तो उसे जल्दी भागना चाहता था लेकिन वो काव्या से मिलने की जिद कर रही थी,
जिसपर मेने कहा अगर मेरे 3 गिनने तक तुम यहां से नही गई तो शॉपिंग कैंसल जिसपर
कीर्ति भागती हुई जाती है और दूर से बोलती है शॉपिंग करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता और हंसने लगती है.....
वीर : उफ्फ ये लड़की भी ना
बैठे बैठे मैं सोचने लगता हूं, काव्या और कीर्ति दोनो में सिर्फ एक साल का ही फर्क है लेकिन कीर्ति मैं अब भी उसका बचपना दिखाई देता है, शायद काव्या ने अभी से बोहोत से दुख देख लिए है
फिर मैं ड्रेस देखने लगता हूं; मैं तो उपर कुछ ब्लू देखना चाहता था लेकिन कोई बात नही जींस ही सही ब्लू तो है न (वीर का फेवरिट कलर स्काई ब्लू )
तभी काव्या की बाथरूम से आवाज आती है वो कपड़े मांग रही थी
वीर : अरे! अब शर्माना बंद करो और बाहर आ जाओ! वैसे भी मैने तुम्हारा सबकुछ देख लिया है।
ये सुनकर काव्या तो शर्मा ही जाती है फिर
काव्या धीरे से टॉवेल लपेट कर जैसे ही बाहर आती है वीर उसे बाहों में भर लेता है और कहता जान! तुमसे तो बोहोत ही अच्छी खुशबू आ रही है
काव्या : छोड़ो मुझे .... छोड़ो...पहले नहा कर आओ गंदे कही के!
वीर : अच्छा मैं गंदा .....अब देखो ये गंदा पति तुम्हारे साथ क्या क्या करता है मैं उसके गले में काट लेता हूं.. ......अपने पति को गंदा बोलती है
फिर काव्या उसे जल्दी से नहाने का बोलती है और कहती अब नही कहूंगी प्लीज चले जाओ; तो वीर उसे गाल पर किस करके बाथरूम में चला जाता है
यहां काव्या मिरर में देखकर अपने गले के निशानों को मेकअप से छुपाने की कोशिश कर रही थी ....थोड़ी देर में ही वो तैयार हो जाती है; इतने में वीर भी बाथरूम से बाहर आके तैयार हो चुका था
सुबह सवा आठ बजे :
वीर और काव्या नीचे आते है वीर व्हाइट शर्ट और ब्लू जींस में था तो काव्या भी ब्लू जींस और व्हाइट कुर्ती में बोहोत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी
वीर जल्दी से काव्या का हाथ पकड़कर बाहर आता है और कहता है जल्दी गाड़ी में बैठो ; काव्या कन्फ्यूज हो जाती है कि कहा ले जा रहे हो सुबह सुबह घरवालों से तो मिल लेने देते
वीर कहता जल्दी करो मंदिर जाना है ....वीर अपनी होंडा सिटी में काव्या को लेकर शिव मंदिर जाता है जहा दोनो आगे के जीवन के लिए भगवान का आशीर्वाद लेते है और प्रसाद लेकर घर आ जाते है
घर आते ही काव्या मन में
हे भगवान! मैं क्या करू? एक तो इतनी देर से उठी उपर से अब तो 9 भी बजने वाले है कहा से शुर करू; क्या करू? क्या न करु?
वीर काव्या के चेहरे पर चिंता के भाव साफ देख लेता है इसीलिए धीरे से काव्या को कहता है ये प्रसाद लो और बाटते हुए सबसे मिलो
काव्या ऐसा ही करती है प्रसाद देते हुए घर के बड़ो में सबसे पहले पिताजी के पैर छूकर आशीर्वाद लेती फिर मां के पैर छूने के बाद वो मेरे पास आती मैं उसे इशारे से मना करता हु फिर भी वो मेरे पैर छुने लगती है तो मैं उसे बीच में ही पकड़ लेता हु ....सब वहा थे तो गले तो नही लगा सका..
तभी काव्या देखती है उसकी दोनो ननद मिलकर नाश्ता बना चुकी है तो वो जाकर सर्व करने में उनको मदद करने लगती है नाश्ते के बाद काव्या, रूही और कीर्ति के साथ एक रूम में होती है और जूही तो बाहर छोटे बच्चो के साथ खेल रही थी
कीर्ति : भाभी, वैसे ....मेरे भैया काफी स्ट्रॉन्ग है ना ( दरअसल कीर्ति और रूही काव्या के मजे लेना चाहती थी)
रुही : हां भाभी बताओ ना!
काव्या शर्माने लगती है, तो रुही कहती है भाभी आप भूल गई कल ही तो हम दोस्त बने है ना ...जिसपर काव्या कहती हां लेकिन ये सब मत पूछो प्लीज़ और ब्लश करने लगती है
कीर्ति : भाभी भैया तो आपसे 8 साल बड़े है ना ..तो आपको दिक्कत तो नहीं हुई ( अब काव्या के मन में रात के सीन चलने लगते है और वो शर्म से गड़ी जा रही थी )
तभी एकदम से काव्या बोलती है नहीं, वो तो बोहोत अच्छे है, मेरा बोहोत ख्याल भी रखते है, और शरमाते हुए .... हां वो काफी स्ट्रॉन्ग भी है
रूही : क्या भाभी आप भी ना; ये सब हम आपसे ही तो पूछेंगे न और आप ऐसे बताओगी तो कैसे चलेगा ठीक से बताओ ना....
काव्या : ठीक है बाबा! जब तुम्हारी शादी होगी ना, तब मैं तुम्हे सब कुछ बताऊंगी लेकिन उससे पहले कुछ नही और रूही को टपली मारकर जल्दी से उपर रूम की ओर भाग जाती है।
जैसे ही काव्या रूम में पहुंचती है तो उसे जानवी का कॉल आ जाता है और वो उसे कहने लगती है रात में तुमने मेरा कॉल क्यों काटा था ?
काव्या : जानू...जानू... पहले शांत हो जा और मेरी बात सुन
जानवी शांत हो जाती है तब काव्या एक लंबी सी सांस भरती है और कहती है
काव्या : जानू मैने शादी कर ली है
जानवी : शॉक्ड!.... क्या बोल रही हो, कही कुछ उल्टा सीधा तो नही खा लिया और शादी......शादी तो किरण दीदी की थी ना?
काव्या : मैं सच कह रही हूं
जानवी : देख मजाक करना बंद कर दे ....और अगर तूने सच में शादी कर ली है तो .....मैं भी तो जानू कौन है वो, जिसने मेरी प्यारी काव्या को मुझसे छीना है
काव्या : ये तू क्या बोल रही; किसने, किससे, क्या छीन लिया....... और शर्माकर वैसे उनका नाम वीर है
जानवी : लेकिन वीर तो तुम्हारे जीजा जी है न, तो तुमने कैसे.... जानवी इतना बोल ही रही थी कि काव्या
काव्या : दीदी शादी से भाग गई!
जानवी : तो तूने शादी कर ली ये क्या कर दिया वो तो तुमसे उम्र....
काव्या : शांत हो जा पहले तो और मुझे उनकी उम्र से कोई दिक्कत नही है
जानवी : लेकिन तू तो अभी छोटी है न फिर तूने कैसे शादी कर ली ....देख काव्या ये मजबूरी की शादी है इसमें तुझे सिर्फ दुख ही मिलेंगे
काव्या : तू चुपकर पहले ......वो न मुझसे बोहोत प्यार करते है और मेरा काफी ध्यान भी रखते है
जानवी : नई नई शादी है न तो ध्यान तो रखेंगे ही देखना तुझे न ही आगे पढ़ने को मिलेगा न ही तू अपने मन के कपड़े पहन सकती है
काव्या : तू मेरी छोड़... मैं वो सब देख लूंगी और मैं तो हूं ही इतनी प्यारी कि वो मुझे कुछ भी करने से नहीं रोकेंगे
जानवी : (गुस्से में) ठीक है, मैं तो तेरा ही भला सोच रही थी.......खैर जाने दो लकी तुम्हारे बारे में पूछ रहा था तो मैंने उसे तेरा नंबर दे दिया
( यहां जानवी गुस्से में क्यूं है ये तो जब कॉलेज चालू होगा तब पता लग ही जाएगा )
काव्या : तू मेरा भला छोड़ और लकी को बता देना कि मुझे कभी भी कॉल न करे...मेरी शादी हो चुकी है
जानवी : लेकिन बात तो तू कर ही सकती है
काव्या : (गुस्से में) नहीं बोला ना और आज के बाद मुझसे बिना पूछे मेरा नंबर किसी को मत देना
जानवी : ठीक है गुस्सा क्यों करती है मैं उसे कह दूंगी कि वो तुझे कॉल न करे.... (जानवी मन में..... काव्या की बच्ची में तुझे देख लूंगी )
काव्या : सॉरी जानू थोड़ा गुस्से में ज्यादा बोल गई लेकिन तू भी समझ न यार मेरी अब शादी हो चुकी
जानवी : अरे कोई ना..... दोस्तो में तो ये होता ही रहता है
काव्या : हम्म्म ठीक है ... तू न मेरी बेस्ट फ्रेंड है
तभी गेट पर नॉक होता है ,तो काव्या अच्छा जानवी में रखती हूं; बाय कहती है और कॉल कट कर देती है।
काव्या जब दरवाजा खोलती है तो सामने जूही रहती है जो काफी थक गई थी तो आकर सीधा बेड पर लेट जाती है और कहती है काव्या दी मुझे बोहोत नींद आ रही है तो काव्या उसके सिर पर हाथ फेर कर उसे सुला देती है।
दोपहर 12 बजे
वीर काव्या को कॉल करता है ( सुबह नाश्ते के बाद वो खेत देखने और जैक से मिलने चला गया था )
काव्या : हेलो
वीर : जल्दी से सब रेडी हो जाओ शॉपिंग पर जाना है
काव्या : लेकिन अचानक से .....शॉपिंग
वीर : मुझे लगा सुबह तुमने सुन लिया होगा ....खैर छोड़ो जल्दी से रेडी हो जाओ और में 10 मिनट में पहुंच रहा हूं....ये कहकर वीर कॉल कट कर देता है
काव्या नीचे जाकर रूही और कीर्ति को शॉपिंग के लिए तैयार होने का कहती है
थोड़ी देर बाद :
रूही जिद करके काव्या को वीर के साथ आगे बैठा देती है; तो काव्या शर्मा जाती है और यहां मैं ये सोच सोच के हैरान हो रहा था कि इतनी छोटी लड़की आखिर इतना, कैसे शर्मा सकती है
अब काव्या वीर के साथ आगे बैठी थी जबकि पिछली सीट पर जूही के अगल-बगल रूही और कीर्ति बैठी हुई थी क्योंकि जूही अब भी आधी नींद में थी तो कीर्ति के बाजू पर सिर टिकाए बैठी थी
हम रास्ते में काफ़ी आगे निकल आए थे पीछे जैक भी स्कॉर्पियो लेकर आ रहा था .....दरअसल सिटी मेरी पहली कार है और मेरे दिल के काफी करीब भी इसीलिए मैं हमेशा उसमे ही ट्रैवल करता हूं
कुछ ही देर में हम मॉल के अंदर थे तो मैंने उन्हें कहा जाओ जो पसंद हो लेलो मैं तुम्हारा यही बाहर वेट करता हूं....और चारों के अंदर जाते ही जैक भी आ गया
जैक आते ही चलो; वीर सुबह ज्यादा बात नहीं हो पाई थी तो अब आगे का प्लान करते है
वीर : वो तो ठीक है यार लेकिन मैं अभी में तेरी भाभी के साथ आया हूं तो काम की बात नही करेंगे.... चल तुझे काफी पिलाता हूं
यहां वीर का मैसेज कीर्ति और रूही को मिल जाता है कि भाभी को साड़ी मत खरीदने देना, जो कपड़े तुम दोनो लोगी वही उन्हें भी दिलाना
दोनो... ओके भाई मेसेज करती है
(मैं खुद उसको कपड़े दिलाना चाहता था लेकिन अभी उसे और भी ज्यादा खुश रखने के लिए ...जितने ज्यादा लोगो को वो करीब से जान सके उतना अच्छा; इसीलिए अपनी बहनों के साथ उसे भेजना ही ठीक था)
चारों इस शॉप से उस शॉप कपड़े खरीदती जा रही थी कि तभी काव्या ने नोटिस किया की एक लड़का जहा जहा वे जा रही थी उनके पीछे पीछे आ रहा था। पहले तो काव्या ने इग्नोर किया लेकिन फिर कुछ हो जाने के डर से तुरंत ही वीर को मैसेज कर दिया
वीर तुरंत भागते हुए उन्हें ढूंढ़ लेता है जैक दूसरी तरफ देख रहा था तो वीर ने उसे भी वही बुला लिया और वो उस लड़के पर नजर रखने लगे
तभी जैक ने देखा की वो लड़का जाके रूही का हाथ पकड़ लेता है इतना होना ही था की जैक पीछे से उस लड़के को एक लात मारता है और वो आगे गिर जाता है
जैक : मेरी बहन को हाथ कैसे लगाया और उसके हाथ पर पैर रखके उसे दबाने लगता है और वीर रूही से पूछता है सब ठीक तो है न
[दोस्तो जैक और वीर दोनो एक दूसरे के लिए भाई से बढ़कर है...एक स्पेशल अपडेट जैक के बारे में होगा जहा आप जानेंगे कि इतनी घनिष्ट मित्रता आखिर हुई केसे .....लड़ाई में हमेशा अग्रेसर जैक ही होता है ......आगे बोहोत कुछ है जानने के लिए]
रुही : हां भैया मैं ठीक हूं
वीर तुम लोग शॉपिंग करो इसे हम देख लेंगे ....तभी काव्या कहती है शॉपिंग तो हो गई है अब हमे कुछ नहीं लेना
तभी मैनेजर वहा आ जाता है साथ में सिक्योरिटी गार्ड भी होते है
मैनेजर : क्या हो रहा है यहां दिन दहाड़े गुंडा गर्दी ; दरअसल ये लड़का मैनेजर का खुद का बेटा होता है
जैक : तू कुछ ज्यादा ही नहीं बोल रहा और अपने पैर को और जोर से लड़के के हाथ पर रख देता है
मैनेजर : गार्ड्स देख क्या रहे हो पकड़ो इसे
जैसे ही दोनो गार्ड्स आगे बढ़ते है जैक लात फसाकर पहले एक को गिरा देता है फिर दूसरे का हाथ मोड़कर उसे धक्का देता है जिससे वह दूर जा गिरता है
अब जैक तीनों पर जा जा कर लात और घूंसे बरसा रहा था कि तभी किसी ने पुलिस को बुला लिया था तो वो आकर चारों को ले जाती है
वीर ने अब भी कुछ नहीं किया था क्योंकि उसका इंटरव्यू होने में बस 20 दिन बाकी थे और वो पब्लिक में फाइट नहीं कर सकता था
जब सभी को पुलिस ने बंद कर दिया तो उपर से स्टेट होम मिनिस्टर का कॉल आ गया जिसपर
पुलिस जैक को छोड़ देती है और मैनेजर के लड़के और गार्ड्स पर रिपोर्ट दर्ज कर लेती है।
(होम मिनिस्टर का यहां कॉल आना ...वीर की सीक्रेट आइडेंटिटी होना ये सब आगे पता चलेगा)
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|| jo bhi story ko padh rhe hai comment jarur kr diya kare...mujhe bhi janna hai kaha kami reh rhi hai || thank you
अगली सुबह 7 बजे :
काव्या नींद से जागती है तो अपने आप को न्यूड देख शर्माने लगती है और तुरंत ही खुद को चद्दर से ढक लेती है तभी उसे याद आता है कि कैसे उसने रात में वीर को वाइल्डली किस किया था
तो वो और भी ज्यादा शर्मा जाती और अपने फेस पर हाथ रखके ब्लस करने लगती है फिर वो वापिस से चद्दर हटा के पास के मिरर में देखती है तो हैरान रह जाती है क्योंकि उसकी गर्दन पर बोहोत सारे लव बाइट्स थे और ब्रेस्ट एरिया पर भी काफी सारे हिकीज थे.....
इस हलचल से वीर भी जाग जाता है और काव्या से कहता है
वीर : गुड मॉर्निग
काव्या कोई जबाव नहीं देती तो वीर उसे चद्दर सहित पकड़ कर अपनी बाहों में कस लेता और कहता है.......रात में तो तुम काफी ज्यादा बोल्ड थी अब क्या हुआ; इतना क्यूं शर्मा रही हो
तभी काव्या वीर के बॉडी को छू कर देखती है और मन में सोचती ये तो काफी स्ट्रॉन्ग है रात में मेरा इस ओर ध्यान क्यों नहीं गया ....(इसका कारण वीर का स्पोर्ट्स में पार्टिसिपेशन था )
काव्या अब उससे छूटने की कोशिश करती है तो वीर उसे और भी ज्यादा कस के पकड़ लेता है और कहता है ऐसे तो नहीं जाने दूंगा पहले बताओ मेरी परफॉर्मेस कैसी रही?
काव्या अब भी छुड़ाने की कोशिश में लगी हुई थी जब वीर उसे भी छोड़ता तो हारकर वो एकदम से कहती है "बोहोत अच्छी थी लेकिन टेक्नीक कुछ खास नहीं थी"
इतना सुनते ही वीर उसे किस करते हुए कहता है अच्छा! तो क्यों न, फिर से ट्राय करे! ........इतना सुनना था की काव्या मछली के जैसे तड़पने लगती और कहती नही!!!! आपको पता है मैं कितना ज्यादा थक चुकी हूं और अब भी मुझे पूरे शरीर में दर्द हो रहा है।
इस पर वीर अपनी पकड़ ढीली करता है क्योंकि उसे काव्या पर बोहोत ही ज्यादा प्यार आ जाता है ; इसीलिए वो कहता है वैसे वाइफी आज ब्लू पहनना और उसके कानों को थोड़ा सा काट लेता है तभी काव्या थोड़ा सा सेड होकर कहती है पर मेरे पास तो ब्लू सारी है ही नही
वीर : साड़ी नही है तो क्या हुआ और भी कुछ होगा ना तुम्हारे पास
काव्या : नहीं, मम्मी ने कहा था वहा जाकर सिर्फ साड़ी ही पहनना तो मै और कुछ नहीं लाई
इसपर
वीर : उसके सिर पर हाथ रखते हुए "तुम्हे यहां जो भी पहनना हो पहन सकती हो अपनी मम्मी की बात भूल जाओ और तुम नहाने जाओ तब तक मैं कपड़े मंगवाता हूं"
फिर वीर अपनी बहन कीर्ति को कॉल करता है और पूछता है बिट्टू शॉपिंग पर चलोगी जिसपर कीर्ति खुश हो जाती है और फाटक से बोलती है 'बिलकुल '
कीर्ति : भाई......वैसे हम लेने क्या जा रहे?
वीर : कपड़े लेंगे और मैं तुम्हे तुम्हारी फेवरिट आइसक्रीम भी खिलाऊंगा
कीर्ति : ओके भैया
तब वीर कहता है भाभी भी साथ जाएंगी तो फिर तुम अभी अपनी भाभी के लिए कुछ ब्लू पहनने के लिए ले आओ
जिसपर कीर्ति ब्लू जींस और व्हाइट कुर्ती लेकर रूम में आती; मैं तो उसे जल्दी भागना चाहता था लेकिन वो काव्या से मिलने की जिद कर रही थी,
जिसपर मेने कहा अगर मेरे 3 गिनने तक तुम यहां से नही गई तो शॉपिंग कैंसल जिसपर
कीर्ति भागती हुई जाती है और दूर से बोलती है शॉपिंग करने से मुझे कोई नहीं रोक सकता और हंसने लगती है.....
वीर : उफ्फ ये लड़की भी ना
बैठे बैठे मैं सोचने लगता हूं, काव्या और कीर्ति दोनो में सिर्फ एक साल का ही फर्क है लेकिन कीर्ति मैं अब भी उसका बचपना दिखाई देता है, शायद काव्या ने अभी से बोहोत से दुख देख लिए है
फिर मैं ड्रेस देखने लगता हूं; मैं तो उपर कुछ ब्लू देखना चाहता था लेकिन कोई बात नही जींस ही सही ब्लू तो है न (वीर का फेवरिट कलर स्काई ब्लू )
तभी काव्या की बाथरूम से आवाज आती है वो कपड़े मांग रही थी
वीर : अरे! अब शर्माना बंद करो और बाहर आ जाओ! वैसे भी मैने तुम्हारा सबकुछ देख लिया है।
ये सुनकर काव्या तो शर्मा ही जाती है फिर
काव्या धीरे से टॉवेल लपेट कर जैसे ही बाहर आती है वीर उसे बाहों में भर लेता है और कहता जान! तुमसे तो बोहोत ही अच्छी खुशबू आ रही है
काव्या : छोड़ो मुझे .... छोड़ो...पहले नहा कर आओ गंदे कही के!
वीर : अच्छा मैं गंदा .....अब देखो ये गंदा पति तुम्हारे साथ क्या क्या करता है मैं उसके गले में काट लेता हूं.. ......अपने पति को गंदा बोलती है
फिर काव्या उसे जल्दी से नहाने का बोलती है और कहती अब नही कहूंगी प्लीज चले जाओ; तो वीर उसे गाल पर किस करके बाथरूम में चला जाता है
यहां काव्या मिरर में देखकर अपने गले के निशानों को मेकअप से छुपाने की कोशिश कर रही थी ....थोड़ी देर में ही वो तैयार हो जाती है; इतने में वीर भी बाथरूम से बाहर आके तैयार हो चुका था
सुबह सवा आठ बजे :
वीर और काव्या नीचे आते है वीर व्हाइट शर्ट और ब्लू जींस में था तो काव्या भी ब्लू जींस और व्हाइट कुर्ती में बोहोत ही ज्यादा प्यारी लग रही थी
वीर जल्दी से काव्या का हाथ पकड़कर बाहर आता है और कहता है जल्दी गाड़ी में बैठो ; काव्या कन्फ्यूज हो जाती है कि कहा ले जा रहे हो सुबह सुबह घरवालों से तो मिल लेने देते
वीर कहता जल्दी करो मंदिर जाना है ....वीर अपनी होंडा सिटी में काव्या को लेकर शिव मंदिर जाता है जहा दोनो आगे के जीवन के लिए भगवान का आशीर्वाद लेते है और प्रसाद लेकर घर आ जाते है
घर आते ही काव्या मन में
हे भगवान! मैं क्या करू? एक तो इतनी देर से उठी उपर से अब तो 9 भी बजने वाले है कहा से शुर करू; क्या करू? क्या न करु?
वीर काव्या के चेहरे पर चिंता के भाव साफ देख लेता है इसीलिए धीरे से काव्या को कहता है ये प्रसाद लो और बाटते हुए सबसे मिलो
काव्या ऐसा ही करती है प्रसाद देते हुए घर के बड़ो में सबसे पहले पिताजी के पैर छूकर आशीर्वाद लेती फिर मां के पैर छूने के बाद वो मेरे पास आती मैं उसे इशारे से मना करता हु फिर भी वो मेरे पैर छुने लगती है तो मैं उसे बीच में ही पकड़ लेता हु ....सब वहा थे तो गले तो नही लगा सका..
तभी काव्या देखती है उसकी दोनो ननद मिलकर नाश्ता बना चुकी है तो वो जाकर सर्व करने में उनको मदद करने लगती है नाश्ते के बाद काव्या, रूही और कीर्ति के साथ एक रूम में होती है और जूही तो बाहर छोटे बच्चो के साथ खेल रही थी
कीर्ति : भाभी, वैसे ....मेरे भैया काफी स्ट्रॉन्ग है ना ( दरअसल कीर्ति और रूही काव्या के मजे लेना चाहती थी)
रुही : हां भाभी बताओ ना!
काव्या शर्माने लगती है, तो रुही कहती है भाभी आप भूल गई कल ही तो हम दोस्त बने है ना ...जिसपर काव्या कहती हां लेकिन ये सब मत पूछो प्लीज़ और ब्लश करने लगती है
कीर्ति : भाभी भैया तो आपसे 8 साल बड़े है ना ..तो आपको दिक्कत तो नहीं हुई ( अब काव्या के मन में रात के सीन चलने लगते है और वो शर्म से गड़ी जा रही थी )
तभी एकदम से काव्या बोलती है नहीं, वो तो बोहोत अच्छे है, मेरा बोहोत ख्याल भी रखते है, और शरमाते हुए .... हां वो काफी स्ट्रॉन्ग भी है
रूही : क्या भाभी आप भी ना; ये सब हम आपसे ही तो पूछेंगे न और आप ऐसे बताओगी तो कैसे चलेगा ठीक से बताओ ना....
काव्या : ठीक है बाबा! जब तुम्हारी शादी होगी ना, तब मैं तुम्हे सब कुछ बताऊंगी लेकिन उससे पहले कुछ नही और रूही को टपली मारकर जल्दी से उपर रूम की ओर भाग जाती है।
जैसे ही काव्या रूम में पहुंचती है तो उसे जानवी का कॉल आ जाता है और वो उसे कहने लगती है रात में तुमने मेरा कॉल क्यों काटा था ?
काव्या : जानू...जानू... पहले शांत हो जा और मेरी बात सुन
जानवी शांत हो जाती है तब काव्या एक लंबी सी सांस भरती है और कहती है
काव्या : जानू मैने शादी कर ली है
जानवी : शॉक्ड!.... क्या बोल रही हो, कही कुछ उल्टा सीधा तो नही खा लिया और शादी......शादी तो किरण दीदी की थी ना?
काव्या : मैं सच कह रही हूं
जानवी : देख मजाक करना बंद कर दे ....और अगर तूने सच में शादी कर ली है तो .....मैं भी तो जानू कौन है वो, जिसने मेरी प्यारी काव्या को मुझसे छीना है
काव्या : ये तू क्या बोल रही; किसने, किससे, क्या छीन लिया....... और शर्माकर वैसे उनका नाम वीर है
जानवी : लेकिन वीर तो तुम्हारे जीजा जी है न, तो तुमने कैसे.... जानवी इतना बोल ही रही थी कि काव्या
काव्या : दीदी शादी से भाग गई!
जानवी : तो तूने शादी कर ली ये क्या कर दिया वो तो तुमसे उम्र....
काव्या : शांत हो जा पहले तो और मुझे उनकी उम्र से कोई दिक्कत नही है
जानवी : लेकिन तू तो अभी छोटी है न फिर तूने कैसे शादी कर ली ....देख काव्या ये मजबूरी की शादी है इसमें तुझे सिर्फ दुख ही मिलेंगे
काव्या : तू चुपकर पहले ......वो न मुझसे बोहोत प्यार करते है और मेरा काफी ध्यान भी रखते है
जानवी : नई नई शादी है न तो ध्यान तो रखेंगे ही देखना तुझे न ही आगे पढ़ने को मिलेगा न ही तू अपने मन के कपड़े पहन सकती है
काव्या : तू मेरी छोड़... मैं वो सब देख लूंगी और मैं तो हूं ही इतनी प्यारी कि वो मुझे कुछ भी करने से नहीं रोकेंगे
जानवी : (गुस्से में) ठीक है, मैं तो तेरा ही भला सोच रही थी.......खैर जाने दो लकी तुम्हारे बारे में पूछ रहा था तो मैंने उसे तेरा नंबर दे दिया
( यहां जानवी गुस्से में क्यूं है ये तो जब कॉलेज चालू होगा तब पता लग ही जाएगा )
काव्या : तू मेरा भला छोड़ और लकी को बता देना कि मुझे कभी भी कॉल न करे...मेरी शादी हो चुकी है
जानवी : लेकिन बात तो तू कर ही सकती है
काव्या : (गुस्से में) नहीं बोला ना और आज के बाद मुझसे बिना पूछे मेरा नंबर किसी को मत देना
जानवी : ठीक है गुस्सा क्यों करती है मैं उसे कह दूंगी कि वो तुझे कॉल न करे.... (जानवी मन में..... काव्या की बच्ची में तुझे देख लूंगी )
काव्या : सॉरी जानू थोड़ा गुस्से में ज्यादा बोल गई लेकिन तू भी समझ न यार मेरी अब शादी हो चुकी
जानवी : अरे कोई ना..... दोस्तो में तो ये होता ही रहता है
काव्या : हम्म्म ठीक है ... तू न मेरी बेस्ट फ्रेंड है
तभी गेट पर नॉक होता है ,तो काव्या अच्छा जानवी में रखती हूं; बाय कहती है और कॉल कट कर देती है।
काव्या जब दरवाजा खोलती है तो सामने जूही रहती है जो काफी थक गई थी तो आकर सीधा बेड पर लेट जाती है और कहती है काव्या दी मुझे बोहोत नींद आ रही है तो काव्या उसके सिर पर हाथ फेर कर उसे सुला देती है।
दोपहर 12 बजे
वीर काव्या को कॉल करता है ( सुबह नाश्ते के बाद वो खेत देखने और जैक से मिलने चला गया था )
काव्या : हेलो
वीर : जल्दी से सब रेडी हो जाओ शॉपिंग पर जाना है
काव्या : लेकिन अचानक से .....शॉपिंग
वीर : मुझे लगा सुबह तुमने सुन लिया होगा ....खैर छोड़ो जल्दी से रेडी हो जाओ और में 10 मिनट में पहुंच रहा हूं....ये कहकर वीर कॉल कट कर देता है
काव्या नीचे जाकर रूही और कीर्ति को शॉपिंग के लिए तैयार होने का कहती है
थोड़ी देर बाद :
रूही जिद करके काव्या को वीर के साथ आगे बैठा देती है; तो काव्या शर्मा जाती है और यहां मैं ये सोच सोच के हैरान हो रहा था कि इतनी छोटी लड़की आखिर इतना, कैसे शर्मा सकती है
अब काव्या वीर के साथ आगे बैठी थी जबकि पिछली सीट पर जूही के अगल-बगल रूही और कीर्ति बैठी हुई थी क्योंकि जूही अब भी आधी नींद में थी तो कीर्ति के बाजू पर सिर टिकाए बैठी थी
हम रास्ते में काफ़ी आगे निकल आए थे पीछे जैक भी स्कॉर्पियो लेकर आ रहा था .....दरअसल सिटी मेरी पहली कार है और मेरे दिल के काफी करीब भी इसीलिए मैं हमेशा उसमे ही ट्रैवल करता हूं
कुछ ही देर में हम मॉल के अंदर थे तो मैंने उन्हें कहा जाओ जो पसंद हो लेलो मैं तुम्हारा यही बाहर वेट करता हूं....और चारों के अंदर जाते ही जैक भी आ गया
जैक आते ही चलो; वीर सुबह ज्यादा बात नहीं हो पाई थी तो अब आगे का प्लान करते है
वीर : वो तो ठीक है यार लेकिन मैं अभी में तेरी भाभी के साथ आया हूं तो काम की बात नही करेंगे.... चल तुझे काफी पिलाता हूं
यहां वीर का मैसेज कीर्ति और रूही को मिल जाता है कि भाभी को साड़ी मत खरीदने देना, जो कपड़े तुम दोनो लोगी वही उन्हें भी दिलाना
दोनो... ओके भाई मेसेज करती है
(मैं खुद उसको कपड़े दिलाना चाहता था लेकिन अभी उसे और भी ज्यादा खुश रखने के लिए ...जितने ज्यादा लोगो को वो करीब से जान सके उतना अच्छा; इसीलिए अपनी बहनों के साथ उसे भेजना ही ठीक था)
चारों इस शॉप से उस शॉप कपड़े खरीदती जा रही थी कि तभी काव्या ने नोटिस किया की एक लड़का जहा जहा वे जा रही थी उनके पीछे पीछे आ रहा था। पहले तो काव्या ने इग्नोर किया लेकिन फिर कुछ हो जाने के डर से तुरंत ही वीर को मैसेज कर दिया
वीर तुरंत भागते हुए उन्हें ढूंढ़ लेता है जैक दूसरी तरफ देख रहा था तो वीर ने उसे भी वही बुला लिया और वो उस लड़के पर नजर रखने लगे
तभी जैक ने देखा की वो लड़का जाके रूही का हाथ पकड़ लेता है इतना होना ही था की जैक पीछे से उस लड़के को एक लात मारता है और वो आगे गिर जाता है
जैक : मेरी बहन को हाथ कैसे लगाया और उसके हाथ पर पैर रखके उसे दबाने लगता है और वीर रूही से पूछता है सब ठीक तो है न
[दोस्तो जैक और वीर दोनो एक दूसरे के लिए भाई से बढ़कर है...एक स्पेशल अपडेट जैक के बारे में होगा जहा आप जानेंगे कि इतनी घनिष्ट मित्रता आखिर हुई केसे .....लड़ाई में हमेशा अग्रेसर जैक ही होता है ......आगे बोहोत कुछ है जानने के लिए]
रुही : हां भैया मैं ठीक हूं
वीर तुम लोग शॉपिंग करो इसे हम देख लेंगे ....तभी काव्या कहती है शॉपिंग तो हो गई है अब हमे कुछ नहीं लेना
तभी मैनेजर वहा आ जाता है साथ में सिक्योरिटी गार्ड भी होते है
मैनेजर : क्या हो रहा है यहां दिन दहाड़े गुंडा गर्दी ; दरअसल ये लड़का मैनेजर का खुद का बेटा होता है
जैक : तू कुछ ज्यादा ही नहीं बोल रहा और अपने पैर को और जोर से लड़के के हाथ पर रख देता है
मैनेजर : गार्ड्स देख क्या रहे हो पकड़ो इसे
जैसे ही दोनो गार्ड्स आगे बढ़ते है जैक लात फसाकर पहले एक को गिरा देता है फिर दूसरे का हाथ मोड़कर उसे धक्का देता है जिससे वह दूर जा गिरता है
अब जैक तीनों पर जा जा कर लात और घूंसे बरसा रहा था कि तभी किसी ने पुलिस को बुला लिया था तो वो आकर चारों को ले जाती है
वीर ने अब भी कुछ नहीं किया था क्योंकि उसका इंटरव्यू होने में बस 20 दिन बाकी थे और वो पब्लिक में फाइट नहीं कर सकता था
जब सभी को पुलिस ने बंद कर दिया तो उपर से स्टेट होम मिनिस्टर का कॉल आ गया जिसपर
पुलिस जैक को छोड़ देती है और मैनेजर के लड़के और गार्ड्स पर रिपोर्ट दर्ज कर लेती है।
(होम मिनिस्टर का यहां कॉल आना ...वीर की सीक्रेट आइडेंटिटी होना ये सब आगे पता चलेगा)
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|| jo bhi story ko padh rhe hai comment jarur kr diya kare...mujhe bhi janna hai kaha kami reh rhi hai || thank you