कूप में बैठने के बाद पूजा ने मेरा और अपना बैग संभाल कर रख दिया और बेडरोल जो वहा रखा था उसको डबल डबल कर के एक मस्त गद्दे जैसा बना दिया सीट पर हालांकि सीट पहले से ही आरामदायक थी पर अब और मस्त हो गई थी.....फिर वो बोली की खाना अभी ही निकाल दे या थोड़ी देर बाद हम बोले की अभी रहने देते है टीटी के आ कर जाने के बाद खायेंगे फिलहाल तू उसमे से अपनी इस क्रीम निकाल कर खा ले वरना पिघल जायेगी......वो बोली की आप मेरे लिए इस क्रीम लाए फिर हम बोले गुलाब जामुन भी है पगली फिर उसको बोला की परदे लगा दे और चिटकनी भी इधर मैंने कंबल खोल लिया था और फिर पूजा को बोला चल अभी मेरे पास आ बहुत देर से तेरे होंठो को चखा ही नही मैने.....वो भी मुस्कुराती हुई मेरे पास आ गई और फिर हम दोनो कंबल में घुसे और तुरंत ही मैंने उसके होठों को चूसने लगा......कसम से लिपिस्टिक लगाने के बाद होठों के रसपान का अलग ही मजा है बेहेंचोद उसपे ऊपर से स्ट्रॉबेरी का बोनस आए हाए.......उसकी पूरी होठों की लिपिस्टिक खा गया मैं......वो बोली की बाप रे क्या हो गया था आपको......हम बोले कुछ नही मेरी जान अभी कुछ ज्यादा मीठी लग रही थी तुम.....ये कह कर मैने उसकी एक चूची को सूट के ऊपर से ही मसल दिया वो कसमसा कर बोली......आह जान उतार दू सूट क्या.......हम बोले नही पगली अभी नही.........वो बोली क्यों हम बोले अभी हम कहा है जान तो वो बोली ट्रेन में....तो हम बोले फिर.....तो वो बोली आपको इनके रस पीने है ना तो फिर ऐसे कैसे पिलाऊ आपनी जान को.....हम बोले उसके लिए पूरी रात है पूरी रात क्या पूरा जिंदगी है......और सुन तू मेरी है और तेरी इज्जत सम्मान की जिम्मेदारी मेरी इसलिए निश्चिंत हो कर रह मेरे साथ.....तुझपे कभी कोई आंच नही आने देंगे गधी और हा जब मुझको प्यास ना भी लगी होगी और माहोल वैसा रहेगा ना तो तू सिर्फ और सिर्फ मेरे दिए हुए गहनों में रहा करेगी कपड़ो में नही समझी......बिकॉज आई लव यू एंड यू आर ऑल माइन........वो मुस्कुराई और बोली यस आई नो डैट्स वाई आई लव यू टू........
फिर वो बोली की कल कितने बजे आप आओगे हम बोले अरे कल क्यू मिलेंगे कल नही कम से कम एक दिन की तो छुट्टी बनती है ना......ये सुनते ही वो एक जोरदार चिकोटी काट ली मेरे बाह पर और बोली गंदे गंदे गंदे.....हम इतने बुरे है की अब आपको हमसे छुट्टी चाहिए.....हम हस्ते हुए उसको फिर से आलिंगन में लेते हुए बोले अरे अरे अरे मेरी जान तो रूठ गई मुझसे.....आयेंगे ना कल शाम में इसी वक्त के आस पास आऊंगा और एक बात जब हम आयेंगे तो फोन फान नही करेंगे डायरेक्ट आयेंगे और अगर आपकी किस्मत सही रही तो मेरे से मिल पाओगे वरना हम चले जायेंगे......वो बोली मतलब......हम बोले मतलब ये कि हम शाम में अकाउंट्स वाले कोचिंग से निकल कर आपके अब्बू के दुकान पे आयेंगे विथ सुगंधा और आपका काम ये रहेगा की आप अपने पापा के पास सुबह में ही ट्रेन से जाने के बाद जाएंगी और ये जताएंगी की हमदोनो को बैंक में जॉब लेना है तो हर शाम कुछ देर साथ में पढ़ाई करनी होगी......क्युकी हमदोनो को जो जानकारी है वो हमदोनो के लिए कारगर साबित होगी जब हमदोनो रेगुलर रिवीजन में रहेंगे तब.........और ये बात आप सुगंधा से और अपनी माता श्री से भी कर के उनको कम से कम कॉन्फिडेंस में ले लीजिएगा और रही बात आपके भाई की तो वो तो दुकान पे ही व्यस्त रहेगा और वहा से फ्री हुआ तो आपने दोस्तो में......घर तो उसके लिए धर्मशाला है.......वो बोली कुछ नहीं बस हक्की बक्की सी मुझे देखे जा रही थी.......हम उसको हिलाए और पूछे क्या हुआ सुनी की नही सुनी हम क्या बोले.......वो जोर से हस्ते हुए एकदम खुशी से मेरे गले लग गई और बोली की जान आपको पता है आपने कितना बड़ा बोझ मेरे मन से उतार दिए है हा.....हे भगवान हम तो सोच सोच के मरे जा रहे थे आपने तो एक चुटकी में सब प्रोब्लम को सॉल्व कर दिया......और तीन चार पप्पी मेरे चेहरे पे चिपका डाली......वो इतना ज्यादा खुश थी की उसका कोई हिसाब नही था.........वो बोली आपको पता है सुगंधा कोचिंग से आने के बाद शाम को 7 से 9 कढ़ाई बुनाई का कोर्स सीखने जाती है और हर तीसरे या चौथे दिन मम्मी भी उसके साथ जाती है जब तक सुगंधा क्लास में होती है मम्मी सब्जी और बाकी जरूरत का समान ले आती है फिर दोनो साथ में ही आती है इस दरमियान हम घर पे होते है और पापा भाई दुकान पे.......तो हम बोले वाह फिर तो हर तीसरे चौथे दिन आपकी छड़ी से पिटाई होगी वो भी इस स्पेशल छड़ी से......हम अपने लंड की तरफ इशारा कर के बोले......वो एकदम बलखा के बोली मुझे आपकी हर सजा मंजूर है.....शर्त ये है की उसमे आप कोई रहम नहीं करेंगे.....और ऐसा कह कर वो मेरे गले लग गई........की तभी टीटी बाबू डोर पे नॉक किए......हम टिकट अपने पैकेट से निकाल कर उनके मुखातिब हुए जबकि इधर पूजा खाना निकालने लगी.......टीटी ने टिकट पे बकायदा पेन से लिख दिया सीट ट्रांसफर्ड तो कूप फ्रॉम केबिन........और बाबू साहब हैप्पी जर्नी कह के निकल लिए.......शायद वो भी हमे नया नया जोड़ा ही समझ रहा था.....इतने में पूजा मेरे कंधो पे अपने दोनो हाथो से घेरा बनाती हुई बोली की क्या इरादा है खाना कैसे खायेंगे सुलतान.....उसका इशारा कपड़ो की तरफ था.....हम बोले ऐसे ही खायेंगे मेरी शहजादी अभी ये सब नही वो सब रात 11 बजे के बाद अभी तो 9 ही बजे है.........
फिर हमने खाना खाया और जो भी वेस्ट था पैकेट वगैरह वो पूजा डस्टबिन में फेक दी और मेरे साथ बेसिन से हाथ धो कर आ गई और फिर हमने कूप के परदे वगैरह लगा दिए अच्छे से और फिर हम अपने बैग से एक टीशर्ट और हाफ पैंट में आ गए.....हमको ऐसा करते देख पूजा हमसे पूछी हम क्या पहने......तब हम बोले रुको हम देते है और अपने बैग से एक वन पीस नाइटी देते हुए बोले की ये पहनो.....वो देख के पूजा एकदम शॉक में पूछी ये कब लिए आप......वो मैरून कलर की नाइटी थी जो केवल जांघो तक आती पूजा के और ऊपर से एक ब्रा जैसा था मतलब कुल मिला कर वो कपड़ो में ढकी होते हुए भी नंगी रहती.......वो बोली और कितने सरप्राइज़ मिलेंगे आज हमको.......हम बोले की जीवन भर मिलेंगे डू यू हैव एनी प्रोब्लम.....वो कंबल से बाहर आ कर बोली नही मेरी जान आप सरप्राइज़ दो या प्यार या मार या कुछ भी मुझे सब मंजूर है मेरी जान........और वो बोली की इसको आप पहनाइएगा.....हम बोले ऑफकोर्स पर पर पर एक सलीके से.....चलो पहले बर्थ पे चलो.....और हम कूप का लाइट बुझा दिए और कंबल के अंदर ही उसको पहले सलवार उतरवाए और समीज को भी कंधो से सरका कर धीरे धीरे टाइम ले कर उतरवाए और लास्ट में उसकी ब्रा और फिर उसके हाथो की चूड़ियां क्युकी उनके टूटने का डर था.........और ब्रा उतरते ही उसकी चूची को पहले मसले हम.....वो बोली आह जान ऐसे ही रहती हु ना मैं.........हम बोले की नही जान मेरा ऐसे नही लो ये पहनो अब.....फिर वो मुंह बना कर उसको अपने पैरो के साइड से डाल ली और फिर हम भी अपनी जान को अपने पैरो के बीच अपने सीने तक लिटा कर खिड़की का सपोर्ट ले कर बैठ गए और ऊपर गले तक कंबल ले लिए......कंबल में घुसते ही एच अपना पैंट उतार दिए और पूजा की नाइटी को उसकी चुचियों के ऊपर गले तक खीच दिए जिससे वो नंगी हो चुकी थी पर सिर्फ मेरे साथ कंबल में.......वो बोली की वेरी स्मार्ट......और हम उसके चूतड़ों पर पहले दो तीन थप्पड़ लगाए और वो आह आह करती रही....फिर अगले ही पल वो कंबल में घुस कर मेरे लौड़े को अपने मुंह में ले कर चूसने लगी.....हम अब आउट ऑफ कंट्रोल होने लगे थे पर फिर भी ध्यान रखना था हर चीज का......फिर जब मुझे लगा की अब और नही होगा तो पूजा को अपनी तरफ खींचे और उसको इस तरह से अपने ऊपर लिटाए की उसकी मुनिया सीधे मेरे खड़े लौड़े पे आ गई और अगले ही पल मेरा लौड़ा उसकी चूत में घुस गया था और फिर कूप में तकरीबन 15 मिनट में ही हम दोनो अपने अपने चरम पे पहुंच गए और मैने पूजा को सीधा नीचे धकेला और मेरे लंड को वो अपने हाथो में ले कर उसको ऊपर नीचे करने लगी और फिर मेरा वीर्य निकलने तक उसको चाट चाट के साफ कर दिया......इस थकाने वाली चुदायी से हम दोनो थक से गए क्युकी इसमें काफी उठा पटक हो गई थी और खुल कर करने में संकोच भी था इसलिए हम फैसला किया की अब ये आज के आखिरी मिलन था हमारा अब फिर पटना में करेंगे.......पूजा ने भी हामी भरी और बोली की कल से रोज मैं पूरी कोशिश करूंगी की आपकी छड़ी से पिटाई हो जाए मेरी......अभी वो पीठ के बल मेरे ऊपर लेटी थी और नाइटी उसके गर्दन से बाहर हो कर सीट पे पड़ी थी.....मैने ये पिटाई वाली बात सुन कर उसकी चूत पर एक चमाट लगाई तो वो कराहती हुई अपने टांगो को खोल दी जिससे उसकी चूत खुल गई और अभी चूदी चुदायी चूत पे फिर से एक चमाट......क्या तड़पी थी वो.....आह मेरी जान......धीरे धीरे.....आह ओफ्फो......हम बोले ये वाली पिटाई चाहिए की अभी कुछ देर पहले वाली......और अभी मेरे हाथ उसके निप्पल और चुचियों के मर्दन में लगे थे......वो बोली जिस पिटाई से आपको मन भरे वो वाली पिटाई मुझे मंजूर वैसे मुझे दोनो पिटाई पसंद है.......ये सुनते ही उसके निप्पल को उमेठ दिया एक बार फिर से वो अपने पूरे बदन को हवा में उठा कर कराहने लगी......और आंखे बंद किए बोलती रही आह जान धीरे धीरे आह.....मार दिए आप तो आह आह.....फिर उसके उठे हुए चेहरे को हम चूमने लगे.....और बोले की सुनो मेरी बात याद है ना हमको बाल नही पसंद कही भी सिवाय आपके सर के.....और अपने सर के बाल भी बढ़ाइए आप..... कम से कम कमर तक लाइए.......और आज के बाद घर में रहो या बाहर कही मेरे साथ या बिना मेरे साथ.....काजल चूड़ी और बिंदी ये तीनो चीजे मेरे को आपके बदन पे चाहिए ही चाहिए......क्या समझी वो बोली की बाल तो आप ही निकालिएगा एक बार और कम से कम फिर हम सिख कर उसको साफ कर लिया करेंगे और मेरी जान अब तो आप रोज देखिएगा ना हमको तो फिर हम कोई कमी थोड़े रहने देंगे..........हम बोले हा वो तो है.....पर अगर हम ना आ पाए किसी दिन किसी कारण से तो उस दिन भी.....वो बोली फिर उस दिन तो हम आपके पास आ जायेंगे.....ये बात सुन कर एक हाथ से हम उसका नाईटी उसको वापिस उसी तरह गर्दन के साइड से डाले और फिर उसके कानो को अपने मुंह में ले कर कभी उसके गर्दन पे तो कभी उसके चेहरे को घुमा कर चूमते रहे और बदले में वो मेरा हाथ अपने चुचियों पर तो कभी अपनी चूत पर ले जाती रही और फिर हम दोनो की आंख लग गई.......
सुबह तकरीबन 5 साढ़े 5 के करीब मेरी आंख खुली वो इसलिए क्युकी पूजा मेरे ऊपर ही सो रही थी और मेरा एक पैर मुड़ा हुआ था वो उसमे झुनझुनी सी आ गई जोर की फिर मैने पूजा को देखा वो लगभग नंगी ही सो रही थी पर अच्छी बात ये थी की वो कंबल में ढकी हुई थी.....और अभी भी हल्का अंधेरा था बाहर इसलिए हम पूजा को उठाए तो वो जागते ही पहले मेरे होठों को चूम के गुड मॉर्निंग जान बोली.....हम भी गुड मॉर्निंग मेरी डार्लिंग.....और उसके चूतड़ों को दबा कर बोले चलो अब चेंज कर लो फिर बैठते है फ्रेश हो कर.......वो बोली अभी क्यू पहले देखिए तो गाड़ी क्या पता लेट हो......हम बोले की वो सब जाने दो बाद में देख लेंगे पहले आप मेरा जान मेरा प्राण सही से कपड़े पहन लो......आओ चलो उठो.....वो बोली पक्का पहन लूं हम उसके चेहरे को चूमते हुए बोले हा मेरा जान शाम को फिर तो आऊंगा ना और भगवान करे आज ही माता श्री सब्जी लाने चली जाए......वो बोली जरूर अगर नही भी हुआ तो हम कुछ जुगाड लगा लेंगे.....और फिर एक चुम्मी का सेशन चला अपने बीच और फिर पूजा ने अपने घर वाले पुराने कपड़े पहन लिए एक कुर्ती नुमा टॉप मेरी लाई हुई ब्रा और एक लूज पायजामी टाइप की जींस.....वो भी बिना पैंटी के......
और फिर हम बारी बारी से फ्रेश हो कर अपने बर्थ पर आ गए और उसी तरह कंबल में घुसे पड़े रहे की कही अगर चाय वाला आए तो पी कर पटना उतरा जायेगा......गाड़ी अपनी रफ्तार से चल रही थी लग रहा था की समय से उतर जायेंगे हमलोग पटना और पूजा मना रही थी की काश गाड़ी चार पांच घण्टे लेट हो जाए......पर इस बार भगवान ने उसकी नही सुनी या ये कह लीजिए इंडियन रेलवे टाइमली रन कर रही थी........गाड़ी पटना जंक्शन घुस रही थी और पूजा का चेहरा देखने लायक था.....वो तो ऐसे कर रही थी आज तो हम दोनो जुदा हो जायेंगे और दुबारा मिलेंगे ही नही........
ट्रेन से उतरने से पहले वो बोली आप शाम में आ जाना प्लीज भूलिएगा नही......और लगभग 20 मिनट तक मेरे गले से सीने से लगी कंबल में ही सिमटी रही फिर हम बोले की उतर जाते है जान नही तो हम लोग पटना से आगे निकल जायेंगे......वो बोली गंदे कहिके....और फिर एक जोरदार किस मेरे होठों पे करने लगी और पूरे मन से किस करने के बाद हम एक दूसरे का हाथ पकड़े गाड़ी से उतर गए.....और फिर बाहर आ कर ऑटो ले कर पहले उसको उसके घर के पास छोड़ा और जब वो हाथ छुड़ा कर जाने लगी तो रोने लगी और उसको देख के मेरा भी दिल भर आया.....हम उसको वापिस से हाथ पकड़ के रोक लिए और बोले की रोना बंद कर पहले वरना शाम को नही आऊंगा......वो बोली हमको डांट रहे है बोल रहे है मत रो और खुद अंदर ही अंदर रो रहे है......हम थप्पड़ का इशारा कर के दूसरी तरफ देखने लगे और वो हाथ छुड़ा कर भागते हुए चली गई जबकि हम उसको जाते हुए देखते रहे......गधी को ना ही चाय पिला पाए ना ही आंसू पोंछ पाए ना रोने से मना कर पाए.............
और मन मसोस्ते हुए वापिस चल दिए पैदल ही की कही घर पहुंच के वो कॉल करे.......और हुआ भी ऐसा ही पूजा ने तुरंत कॉल किया और बोली आई लव यू मेरे जान बहुत अजीब लग रहा है आपके बिना......जल्दी आइएगा शाम को प्लीज आई विल बी वेटिंग...... हम बोले रोना बंद कर पहले और सुनो अभी आराम से फ्रेश हो ले मेरे दिए हुए साजो समान को पहले अपने निगरानी में सही जगह पे रख लो और फिर आराम से कॉल करना मेरे कारण प्रोब्लम में मत आ जाना पगली जा अब.....और सुन आई लव यू मेरा जान आई लव यू सो मच.....उम्म्माह.....फोन पे ही चुम्मा दे दिया.....उधर से उसने भी जवानी कार्यवाही की और फोन कट गया.........हम दोनो अपने अपने घर आ चुके थे......और आते के साथ मेरा ध्यान माधुरी पे गया की अब क्या करू कैसे उसका सामना करू ये तो अब नियति ही तय करेगी..........