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आज सबसे पहले मुझे माधुरी से मिलना था क्युकी रांची जाने से पहले हम उससे मिल भी नही पाए थे सिर्फ फोन पर बता कर चले गए दे और साला रांची जाने के बाद जो हुआ वो तो गजब ही था.......खैर हम घर से दुकान गए और पापा से कुछ पैसे लिए फिर वहा से हम माधुरी के स्कूल जाने के लिए निकले क्युकी लंच टाइम में हम उससे मिल सकते थे......जब हम स्कूल पहुंच कर माधुरी का वेट कर रहे थे की तभी मेरा एक पुराना दोस्त जिसका घर स्कूल के पास ही था वो मिला......
वो बोला कहा था भाई कब से नही मिला हम फिर उससे बोले हा यार थोड़ा पढ़ाई और बाकी सब कामों में उलझे हुए थे और अभी कुछ काम से बाहर गया था तो वापिस आने के बाद सोचा की आज मैडम से मिल आऊ.....तो वो बोला भक्क् साला मजाक मत कर बोल अभी तू किसके साथ है और साले माधुरी को तूने छोड़ दिया और बताया भी नही कब हुआ ये दुखद घटना......हम बोले की चुतिया हो गया क्या.....अभी ऐसा कुछ भी नही हुआ है भाई......वो बोला नहीं बे झूट मत बोल माधुरी पिछले कई महीनों से अपने क्लास के एक लौंडे के साथ घूम रही है हम बोले लौड़े ज्यादा नही उड़ रहा तू वो बोला की तू स्कूल में पता कर ले ना भोसडी के......हम बोले की कैसे मान ले की तू सही बोल रहा है.....वो बोला अबे जा ना तेरा काट गई है वो समझा.....पिछले साल की फेयरवेल पार्टी में ही दोनो के चर्चे थे पता नही साथ में कोई एक्ट परफॉर्म किया था......हम बोले भोसडी के वो एक्ट नही डांस था जो उसने अपनी एक सहेली के साथ किया था नाकी किसी लौंडे के साथ.......वो बोला भाई हम मजाक नही कर रहे बाद बाकी मान या ना मान तेरी मर्जी.......
हम बोले चल अगर ऐसा कुछ है भी तो हम माधुरी से ही पूछ लेंगे तू मुझे उस लड़के का नाम बता....वो बोला की तू शाम में मिल मैं बताता हु उससे......फिर वो चला गया.....और ये बात जानते हुए कि कुछ गडबड है फिर भी हम माधुरी से मिले और मिल कर उसको सब कुछ समझाए की क्या दिक्कत थी जिस कारण हम उससे बात कर नही पाए.........लड़ाई तो होनी ही थी सो हुई भी पर अभी हमारा दिमाग उस लौंडे पे था पता नही सच था भी या नहीं पर जानकारी तो लेनी ही थी........
माधुरी से मिलने के बाद हम घर आए और मां को बोला की आज से थोड़ा लेट आयेंगे घर क्युकी बैंकिंग के लिए हम उधर ही एक जगह जायेंगे तो इसलिए परेशान ना होना........और अपने घर से हम कोचिंग के लिए निकल पड़े.....वहा सुगंधा भी आई और फिर मास्टर जी ने बैंक वाले एग्जाम के बारे में पूछा की कैसा रहा हम फिर बताए सब कुछ और फिर पढ़ने के बाद जब छुट्टी हुई तो सुगंधा मुझसे बोले की आज तू मेरे घर चलेगा ना हम बोले की हा वो पूजा दी ने बोला होगा तुझे......तो वो बोली की हा बतलाई थी और फिर उसके साथ चलते चलते हम बढ़ने लगे फिर रास्ते में उसने पूछा की पूजा दी परेशान तो नही की ना वहा हम बोले वो क्या परेशान करेंगी वो तो टिकट न मिलने को ले कर ही परेशान हो गई थी.......पर फाइनली जुगाड हो गया और हम घर आ पाए......वो बोली की कही घूमे नही तुमलोग हम बोले की एग्जाम देने गए थे छुट्टी मनाने नही...... वो बोली ये भी सही है.....अच्छा अभी तो हम ऑलरेडी बहुत से कोर्सेस में बिजी है अगले साल देखती हु फिर मैं भी घुसूंगी बैंकिंग लाइन में......हम बोले की सोचना भी मत तू और बैंकिंग......बैंकिंग का बेड़ा गर्क हो जायेगा.....वो बोली की मारबू दू मुक्का समझले.....तू तो लग रहा है जैसे बड़का विद्वान है एकदम......हम मन ही मन बोले की साली दोनो बहिन को मुक्का ही मारने आता है..... और हम हस दिए वो बोली दांत क्या चिहाड़ रहा है......हम बोले की तू नही समझेगी रे चल चल.....तभी हम दोनो उसके घर के पास उसके पापा के दुकान पे पहुंचे जहा उसका बाप और भाई दोनो अपनी अपनी गांड़ घिसने में लगे हुए थे......किराने की दुकान थी अच्छी खासी सेलिंग थी रोज की......पापा को देख के मैने उनको प्रणाम किया और उसका भाई मुझसे बोले घूम आए रांची और मेरी पगलिया बहिन तो दिन भर कही गई नही होगी खाली पढ़ी होगी या तो सुत्तल होगी .......हम बोले की हा भाई परीक्षा के टेंशन से अभी रूबरू नही न हुए हो मालूम चलेगा बाद में......उसके पापा बोले की ई साला बिजनेस माइंडेड है इसको नौकरी नहीं करना है......हम बोले ये भी बढ़िया है......इतने देर में सुगंधा अपने दुकान से घर जा चुकी थी......फिर अंकल को बोले की जा रहे है घर अंकल आज से पूजा दी और हम साथ में पढ़ेंगे थोड़ा.....वो बोले हा बेटा जा कुछ खायेगा तो बोल हम भिजवाते है इससे......हम बोले नही अंकल कभी और किसी दिन......और बोल के चल दिए घर के पास पहुंचे तो देखे की पूजा अपने घर से बाहर निकल कर खड़ी है और वो पूरी तैयार थी आंखो में काजल बाल बने हुए हाथ में एक दो चूड़ियां और लाइट लिपिस्टिक था उसके होंठो पर और वो मेरा ही वेट कर रही था क्युकी सुगंधा घर आ चुकी थी........मेरे पास आने के बाद वो मेरा हाथ पकड़ कर घर में आई और मेन गेट खुला था......हम बोले की पगली सुगंधा देखी तो.....वो बोली की कुछ नही होगा आप ना बस चलो पता भी है कैसे काटे है ये कुछ घंटे मैने तभी हम उसके चूची को दबा दिए वो आह कर के बोली बस कुछ देर और बाबा फिर आप आराम से पीना इनको....तभी हम उसके चूतड़ों को दबा दिए.....उफ्फ नही मानिएगा......आप हम बोले नही......फिर दोनो कोई ऐसे ही अंदर आ गए एकदम शरीफ बन के और वो हमको सोफे पे बिठा कर पानी लाने गई......जब वो मुड़ी तो मैने एक हल्की सी चपत उसके चूतड़ों पर लगा दी.....वो मुड़ के देखी और चुम्मे का इशारा करते हुए चली गई.....और सामने से उसकी मां आ रही थी.......
अब पूजा के घर के बारे में बताता हु थोड़ा घर घुसने के लिए एक गलियारा जैसा है उसके बाद मेन डोर उसके बाद पहला कमरा जिसमे बैठने की व्यवस्था थी सोफे लगे थे पुराने से.....फिर वहा से जुड़ता हुआ एक कमरा जिसमे एक बेड था उसपर पूजा और सुगंधा सोती थी उसके सामने एक फोल्डिंग बेड रखा था जिसपे राहुल सोता है और उसी कमरे से लगा हुआ एक और कमरा जिसमे उसके पापा मम्मी सोते थे आज उनके कमरे के आगे किचन और किचन के अपोजिट में बाथरूम था और बाथरूम के बगल में ठीक वैसा ही लंबा गलियारा जैसा जहा पे एक नल था जो अक्सर बर्तन या कपड़े धोने टाइम यूज होता था.....पुराने डिजाइन का घर था काफी.....खैर आंटी आई और हम उनको भी प्रणाम किए फिर वो रांची के सफर और परीक्षा के बारे में पूछी और फिर मेरे से मेरे घर और बाकी चीजों की जानकारी लेने लगी....
तभी पूजा और सुगंधा दोनो साथ में आई सुगंधा अपने दूसरे क्लास जाने के लिए रेडी थी और उसके हाथ में एक एक्स्ट्रा झोला था हम समझ गए की इसकी मम्मी इसके साथ ही जायेगी.....जबकि पूजा हमको पानी का ग्लास पकड़ाते हुए वही बैठ गई.....फिर वो अपनी मम्मी से बोली कुछ और चीजों के बारे में जो उनको ले कर आना था और पल भर में दोनो मां बेटी घर से जा चुके थे और अब हम और पूजा ही बचे थे पूजा तसल्ली करने के लिए उनको गलियारे तक छोड़ कर वापिस आई और आते ही मेन दरवाजा बंद की जब तक हम उसको पीछे से अपने आलिंगन में ले के जोर से घूम गए और वो भी बहुत ज्यादा खुश थी.......फिर उसको उसके कमरे में ले कर आ गए और बेड पे बिठाए और खुद भी बैठे......वो खड़ी हुई और मेरे जोर से गले लग गई........और बोली आई मिस्ड यू सो मच हम बोले मि टू.....फिर हम बोले सुंदर लग रही है मेरी जान......वो शर्मा के खड़ी रही.....और हम उसके कुर्ते के ऊपर से ही उसके चूची को पकड़ के बोले अब इनका रस पिला भी दो और कितना वेट करवाओगी......रांची में होते तो अभी तक पता नही कितने बार इनका रस पी चुके होते......वो बिना एक पल गवाए अपना कुर्ता उतार दी और हम उसके ब्रा को बिना उतारे उसकी चुचियों को बाहर निकाल दिए वो बोली कुछ नहीं बस अपना हाथ पीछे ले जा कर ब्रा को भी उतार दी......और बोली अब आराम से पीजिए....और फिर उसको खड़े करके ही उसकी चूचियों का रस पीने लगे और बेदर्दी जैसे मसलने लगे....वो खड़ी हो कर कराहती रही.....फिर हम एक हाथ से उसकी पयजामी को नीचे खींचे और नीचे से वो नंगी थी बिना पैंटी के......और फिर पूजा ने पायजामि को अपने पैरो से अलग कर दिया और वो पूरी नंगी खड़ी थी मेरी बाहों में.......फिर उसको बेड पे लिटा दीए और खुद के लौड़े को बाहर निकाल कर उसके हाथो पकड़ा दिए वो वापिस से उठी और उकड़ू बैठ कर मेरे लौड़े को मुंह में ले लिया......आह कसम से क्या फीलिंग होती है वो.....और हम पूजा की गांड़ के छेद को कुरेदने लगे और उसमे अपनी उंगली डालने लगे......वो कसमसाती हुई मेरा लौड़ा चूसे जा रही थी.....फिर हम उसको सीधा किए और उसकी चूत पे हमला बोले.....वो फिर से अपने बदन को हवा में उठाने लगी और उत्तेजना में मेरे सिर के बालो को नोचने लगी....कुछ देर चूसम चुसाई के बाद मेरा लौड़ा फिर उसकी चूत में समा गया था और फिर हमदोनो अपने प्यार के समागम में तकरीबन 45 मिनट तक मिलन करते रहे......फिर थक के चूर हो कर बैठे रहे बिस्तर पे वो नंगी थी जबकि हम टीशर्ट में और अपने जींस में थे जो की आधा खुला हुआ था.......पूजा को चुदने से ज्यादा मेरे साथ होने से खुशी थी......पढ़ना तो दूर की बात है सुगंधा और मम्मी को गए हुए लगभग 1 घंटा से ज्यादा वक्त हो चला था और वो अभी भी नंगी मेरे साथ लेटी हुई बाते कर रही थी की ट्रेन से आने के बाद वो क्या क्या की कैसे सब से बात की वैगरह वगैरह........तब हम बोले की अब चलो कपड़े सही कर लेते है कोई कभी भी आ जायेगा.......पर उससे पहले एक कप चाय पिला दो जानेमन......वो नंगी ही उठी और किचन में चली गई.......हम उसको सामने से देख रहे थे काम करते हुए और उसके चूतड़ों को देख कर हम खुद को रोक नहीं पाए और घुस गए किचन में और उसके साथ अठखेलियां करते हुए अपने चाय में कप को वही खाली किया और फिर वापिस कमरे में आ कर वो अपने कपड़े पहनी पर ब्रा मैने माना किया की मेरे जाने के बाद पहन लेना.....अभी रहने दो......वो बोली की अच्छा धीरे धीरे आप मेरे को नंगी रहने बोलने लगिएगा.......हम बोले की इस बात में कोई शक नही जान.....जब आप मेरे हो जाओगे तो फिर तो नंगी रहना ही होगा....और वो मेरे गोद में आ कर बैठ गई और बोली की आपकी हर हुकुम मेरे सर आंखों पर मेरे आका..... हमदोनो हस दिए....इस वक्त पूजा की पायजामा उसके घुटने तक थी और कुर्ता में से दोनो चूचियां बाहर थी......चेहरा मेरे तरफ कर में एक बच्चे के तरह मेरी गोद में लेट सी गई थी.......तभी गलियारे में सुगंधा और मम्मी की आवाज हुई और हम एक दूसरे से अलग हो गए और दरवाजे पे नॉक होने से पहले एक मस्त चुम्बन में लीन थे हम लोग.....
वो बोला कहा था भाई कब से नही मिला हम फिर उससे बोले हा यार थोड़ा पढ़ाई और बाकी सब कामों में उलझे हुए थे और अभी कुछ काम से बाहर गया था तो वापिस आने के बाद सोचा की आज मैडम से मिल आऊ.....तो वो बोला भक्क् साला मजाक मत कर बोल अभी तू किसके साथ है और साले माधुरी को तूने छोड़ दिया और बताया भी नही कब हुआ ये दुखद घटना......हम बोले की चुतिया हो गया क्या.....अभी ऐसा कुछ भी नही हुआ है भाई......वो बोला नहीं बे झूट मत बोल माधुरी पिछले कई महीनों से अपने क्लास के एक लौंडे के साथ घूम रही है हम बोले लौड़े ज्यादा नही उड़ रहा तू वो बोला की तू स्कूल में पता कर ले ना भोसडी के......हम बोले की कैसे मान ले की तू सही बोल रहा है.....वो बोला अबे जा ना तेरा काट गई है वो समझा.....पिछले साल की फेयरवेल पार्टी में ही दोनो के चर्चे थे पता नही साथ में कोई एक्ट परफॉर्म किया था......हम बोले भोसडी के वो एक्ट नही डांस था जो उसने अपनी एक सहेली के साथ किया था नाकी किसी लौंडे के साथ.......वो बोला भाई हम मजाक नही कर रहे बाद बाकी मान या ना मान तेरी मर्जी.......
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माधुरी से मिलने के बाद हम घर आए और मां को बोला की आज से थोड़ा लेट आयेंगे घर क्युकी बैंकिंग के लिए हम उधर ही एक जगह जायेंगे तो इसलिए परेशान ना होना........और अपने घर से हम कोचिंग के लिए निकल पड़े.....वहा सुगंधा भी आई और फिर मास्टर जी ने बैंक वाले एग्जाम के बारे में पूछा की कैसा रहा हम फिर बताए सब कुछ और फिर पढ़ने के बाद जब छुट्टी हुई तो सुगंधा मुझसे बोले की आज तू मेरे घर चलेगा ना हम बोले की हा वो पूजा दी ने बोला होगा तुझे......तो वो बोली की हा बतलाई थी और फिर उसके साथ चलते चलते हम बढ़ने लगे फिर रास्ते में उसने पूछा की पूजा दी परेशान तो नही की ना वहा हम बोले वो क्या परेशान करेंगी वो तो टिकट न मिलने को ले कर ही परेशान हो गई थी.......पर फाइनली जुगाड हो गया और हम घर आ पाए......वो बोली की कही घूमे नही तुमलोग हम बोले की एग्जाम देने गए थे छुट्टी मनाने नही...... वो बोली ये भी सही है.....अच्छा अभी तो हम ऑलरेडी बहुत से कोर्सेस में बिजी है अगले साल देखती हु फिर मैं भी घुसूंगी बैंकिंग लाइन में......हम बोले की सोचना भी मत तू और बैंकिंग......बैंकिंग का बेड़ा गर्क हो जायेगा.....वो बोली की मारबू दू मुक्का समझले.....तू तो लग रहा है जैसे बड़का विद्वान है एकदम......हम मन ही मन बोले की साली दोनो बहिन को मुक्का ही मारने आता है..... और हम हस दिए वो बोली दांत क्या चिहाड़ रहा है......हम बोले की तू नही समझेगी रे चल चल.....तभी हम दोनो उसके घर के पास उसके पापा के दुकान पे पहुंचे जहा उसका बाप और भाई दोनो अपनी अपनी गांड़ घिसने में लगे हुए थे......किराने की दुकान थी अच्छी खासी सेलिंग थी रोज की......पापा को देख के मैने उनको प्रणाम किया और उसका भाई मुझसे बोले घूम आए रांची और मेरी पगलिया बहिन तो दिन भर कही गई नही होगी खाली पढ़ी होगी या तो सुत्तल होगी .......हम बोले की हा भाई परीक्षा के टेंशन से अभी रूबरू नही न हुए हो मालूम चलेगा बाद में......उसके पापा बोले की ई साला बिजनेस माइंडेड है इसको नौकरी नहीं करना है......हम बोले ये भी बढ़िया है......इतने देर में सुगंधा अपने दुकान से घर जा चुकी थी......फिर अंकल को बोले की जा रहे है घर अंकल आज से पूजा दी और हम साथ में पढ़ेंगे थोड़ा.....वो बोले हा बेटा जा कुछ खायेगा तो बोल हम भिजवाते है इससे......हम बोले नही अंकल कभी और किसी दिन......और बोल के चल दिए घर के पास पहुंचे तो देखे की पूजा अपने घर से बाहर निकल कर खड़ी है और वो पूरी तैयार थी आंखो में काजल बाल बने हुए हाथ में एक दो चूड़ियां और लाइट लिपिस्टिक था उसके होंठो पर और वो मेरा ही वेट कर रही था क्युकी सुगंधा घर आ चुकी थी........मेरे पास आने के बाद वो मेरा हाथ पकड़ कर घर में आई और मेन गेट खुला था......हम बोले की पगली सुगंधा देखी तो.....वो बोली की कुछ नही होगा आप ना बस चलो पता भी है कैसे काटे है ये कुछ घंटे मैने तभी हम उसके चूची को दबा दिए वो आह कर के बोली बस कुछ देर और बाबा फिर आप आराम से पीना इनको....तभी हम उसके चूतड़ों को दबा दिए.....उफ्फ नही मानिएगा......आप हम बोले नही......फिर दोनो कोई ऐसे ही अंदर आ गए एकदम शरीफ बन के और वो हमको सोफे पे बिठा कर पानी लाने गई......जब वो मुड़ी तो मैने एक हल्की सी चपत उसके चूतड़ों पर लगा दी.....वो मुड़ के देखी और चुम्मे का इशारा करते हुए चली गई.....और सामने से उसकी मां आ रही थी.......
अब पूजा के घर के बारे में बताता हु थोड़ा घर घुसने के लिए एक गलियारा जैसा है उसके बाद मेन डोर उसके बाद पहला कमरा जिसमे बैठने की व्यवस्था थी सोफे लगे थे पुराने से.....फिर वहा से जुड़ता हुआ एक कमरा जिसमे एक बेड था उसपर पूजा और सुगंधा सोती थी उसके सामने एक फोल्डिंग बेड रखा था जिसपे राहुल सोता है और उसी कमरे से लगा हुआ एक और कमरा जिसमे उसके पापा मम्मी सोते थे आज उनके कमरे के आगे किचन और किचन के अपोजिट में बाथरूम था और बाथरूम के बगल में ठीक वैसा ही लंबा गलियारा जैसा जहा पे एक नल था जो अक्सर बर्तन या कपड़े धोने टाइम यूज होता था.....पुराने डिजाइन का घर था काफी.....खैर आंटी आई और हम उनको भी प्रणाम किए फिर वो रांची के सफर और परीक्षा के बारे में पूछी और फिर मेरे से मेरे घर और बाकी चीजों की जानकारी लेने लगी....
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