मेरी बात सुन कर अर्जुन के पापा बोले देखो हमने अपने तरफ से कोई भी बात नही छुपाई है और नाही ऐसी कोई मंशा रखते है....सारी बाते जानने के बाद ही सुगंधा बेटा के पापा ने हामी भरी है तभी तो हम आज यहां मौजूद है.....
तो मम्मी बोली कौन सी बाते हमे तो बस यही बताया गया की लड़का सरकारी नौकरी में है इकलौता है अपना घर है दो दो जगह बस बाद बाकी कोई भी बात नही बताया है हमे....
तो अर्जुन की मां सरला बुआ के तरफ घूमी और बोली अच्छा खेल खेली हो तुम शरम नही आ रहा जरा सा भी तुम्हारा दिल कैसे मान गया इतना बड़ा षड्यंत्र रचने को हा....
आज तक कभी भी झूट का सहारा नही लिए हमलोग और तुम एक झटके में हमे झूटा साबित करवा दी वो भी बस अपने मतलब के लिए....और वो बहुत गुस्से में सरला बुआ के तरफ देखी और आगे बढ़ गई तो मम्मी अर्जुन की मां का हाथ पकड़ कर बोली.....आप पहले अपनी अधूरी बात तो पूरी कीजिए हम भी तो जाने की मेरी ये ननद क्या बात नही बताई थी हम लोगो को....
तो अर्जुन की मां बोली हमे नही करना ये रिश्ता तो अब इन सब बातो का कोई मतलब नहीं निकलता है और अगर आपको जानना ही है तो जा कर अपनी ननद से पूछिए और वो हाथ छुड़ा कर जाने लगी तो पूजा के पापा आगे आ कर अर्जुन की मां के सामने हाथ जोड़ कर बोले बहन जी देखिए गुस्से में कोई भी कदम मत उठाइए.....
अगर कुछ बात है तो उसको बैठ कर शांति से सुलझाते है हर बात का उपाय होता है वो अर्जुन के पापा की तरफ मुखातिब होते हुए बोले भाई साहब आप भी भाभी जी को समझाइए.....
तो मम्मी बोली अरे वो नही बताएगी अगर बताना होता तो बता ना देती अब आप ही बता दीजिए....
तो सरला बुआ जोर से चिल्ला कर बोली भाभी आप ये क्या तमाशा लगा रही है होश में तो है न आप अपनी सुगंधा का छेंका है आज....
तो मम्मी बोली आपसे बात नही कर रहे है हम और अगर आज बीच में बोली न तो देख लेना सब लाज लिहाज भूल जायेंगे....पहले इनको बताने दो की क्या बात है जो ये तुम्हे बताए है और तुमने हमे नही बताया है....
मम्मी पूजा के पापा से बोली देख लीजिए कह रहे थे ना हम की कुछ बात है जरूर है पर आप तो खाली बहिन के पीछे पागल हो रहे थे की दीदी सब पूछ ली है पहले से जानती है.....
इसीलिए आधा अधूरा बात बताई है.....तो पापा बुआ से पूछे की क्या बात है दीदी ये सब क्या बोल रहे है बताओ क्या बात है जो आप हमलोग को नही बताई है.....
तभी पीछे से पूजा के चाचा बोले तू भी पागल हो गया है क्या सब के साथ मिल कर काहे छोटा सा बात का बतंगड़ बना रहा है...
इतना बोल कर वो हमसे बोले सरकार आप अपनी बीवी और बाकी लोगो को ले कर यहां से चले जाइए तब ही माहोल शांत होगा सब आपलोग का किया धरा है.....और वो पूजा की तरफ हाथ दिखलाते हुए बोले बहुत अच्छा गुल खिलाई है तू पहले बाप की इज्जत अपने पैरो तले रौंद के घर की दहलीज लांघी और अब यहां पे ये तमाशा कर के बची खुची इज्जत भी अच्छे से नीलाम कर रही है.....इससे तो अच्छा होता की उस रात दो गोली तुझे भी मार देता तेरा भाई तो सारा झंझट ही खतम हो जाता....चोंच लड़ाने का बहुत शौक है ना तेरे बाप के जगह हम होते तो कब का मौत की नींद सुला दिए होते....रण्डी कहींकी खुद के रंडीपने के चक्कर में सब का जीवन बरबाद किए हुई है....
उसके मुंह से इतना सुनना था की हम तेजी से उसके तरफ लपके और उसका गिरेबान पकड़ कर गाली देते हुए एक के बाद एक थप्पड़ और घुसे उसके मुंह और पेट पे दे मारे और बोले मादरचोद हिम्मत कैसे हुआ मेरी पूजा को गाली देने का हा...
तू उसको मौत का नींद सुलाएगा हम तुझको बताते है गोली कैसे मारते है और अपना घुटना मोड़ कर पूरी ताकत से उसकी टांगो के बीच दे मारे और वो दर्द से कराहता हुआ वही जमीन पे लोटने लगा पर हम तब भी उसको मारते पर तब तक मेरे पापा और पूजा के पापा हमको रोक दिये....
मेरे को पकड़ के हटाने के बाद उनको पूजा के पापा उनको उठा कर वही हॉल के एक सोफे पे बिठाए और उनको पानी पीने को दिए और वो मेरे तरफ चीखते हुए बोले सुमित ये अच्छा नही किए हो तुम...तब पिछे से सुगंधा बोली एकदम सही किए है सुमित जीजा ये क्या बात हुआ इन सब में पूजा दी का क्या दोष है....दोष अगर है तो वो बुआ का है क्यू बुआ आप कुछ बोल नहीं रही है....
वैसे क्या बात है जो आप हमलोग को नही बतलाई है....और मेरी शादी की बात आप इस अर्जुन से ही क्यों चलाई और भी तो लड़का होगा ना अपने जाति का....
वही अर्जुन भी गुस्से में सरला बुआ को देख रहा था.....पूजा के पापा सुगंधा को बोले तुम अंदर जाओ बेटा हमलोग बात कर रहे है ऐसे बाहर नहीं आओ जाओ....
तो राहुल बोला काहे वो काहे नही आयेगी जिस लड़के से उसका शादी हो रहा है उसके बारे में जानने का उसको हक है और आप तो किसी से कुछ बात करने ही नही देते है तुरंत में मारने पीटने लगते है....
पूजा दी के समय हम बहुत बड़ा गलती कर दिए थे पर सग्गू दी के समय ये नही दोहराएंगे हम....
और चाचा जी अपना मर्यादा भूल गए थे जो सुमित जीजा उनको याद दिला दिए है और सुनिए चाचा अगर याद नही आया है की अपने घर की बहन बेटी से कैसे बात करते है दुबारा बोल के देखिएगा फिर सुमित जीजा से पहले हम आपको बताएंगे.....
और पापा आप अभी हमको ऐसे घूरना बंद कर के अपनी बहन से अपने भाई से पूछिए की क्या छुपाया है आज अगर ये बात नही खुलता तो फिर क्या होता कुछ सोचे भी है.....कुछ होश भी है की नही आपको....
तो मम्मी बोली शादी ब्याह एक खेल है क्या मेरी पूजा जब सुमित बेटा का हाथ थामी तो अच्छा बुरा सब सोच कर ही ना पकड़ी और भाई साहब आप क्या बोलते है इज्जत रौंद के चली गई क्यू ये भाग गई थी क्या कही या फिर कुछ ऊंच नीच हो गया था जो इज्जत चली गई और अभी तो आप जैसे लोगो के वजह से बहुत इज्जत बढ़ रहा है....है ना...
इतना ही भाई का खयाल था तो बिना जमीन गिरवी रखे पैसे दे देते पर जीवन भर तो आप दोनो भाई बहन पैसा के पीछे ही भागे है....एक एक बात याद है हमको भूल नही गए है हम दीदी....पर आज...आज शायद भगवान आपके पक्ष में नही है...
तब पूजा के पापा चिल्लाते हुए मम्मी को बोले अरे चुप रहो पहले बात तो समझने दो....तो मम्मी बोली हा समझते रहिए अब यही रह ही गया है.....
पूजा के पापा सरला बुआ के तरफ घूमे और उनसे पूछे बताओ दी क्या बात है सब कुछ तो तुम्हारे कहे मुताबिक ही हम किए है जैसा तुम और भईया बोले हो हम किए है बताओ क्या बात के लिए हमको अंधेरे में रखी हो....
अब सरला बुआ कुछ बोलती उससे पहले अर्जुन के पापा आगे आए और सरला बुआ के सामने खड़े हो कर बोले हम सब समझ गए है सरला तुमने इनको क्या नही बताया है खैर वो तुम देखो हमने अपने तरफ से किसी भी बात को नही छुपाया है और न ही ऐसा करना चाहते है किसी भी लड़की के साथ....
और इतना बोल कर वो पूजा के पापा के तरफ घूमे और हाथ जोड़ कर बोले भाई साहब आपकी बहन तो गलत है ही साथ ही साथ हम भी गलत है हमको आपसे सीधे सीधे बात करनी चाहिए थी पर क्या कहे कहने को तो ये मेरी पत्नी की सहेली थी पर इनको मानती थी वो अपनी बहन के जैसे पर शायद ये इज्जत अफजाई इनको पची नही इसलिए एक साथ इतने लोगो का जीवन दाव पर लगा कर केवल अपना उल्लू सीधा करना चाह रही थी पर विश्वनाथ बाबा सब देखते रहते है.....
दरअसल मेरे बेटे अर्जुन को बचपन में पतंग उतारते वक्त बिजली के तार से झटका लगा था जिस कारण वो मानसिक रोगी हो गया था पर डॉक्टर के इलाज के साथ साथ उसको एक योगी बाबा के आश्रम से प्राकृतिक औषधि का भी इलाज चला और इन दोनो के रेगुलर ट्रीटमेंट से वो ठीक तो हुआ पर कुछ दिनों बाद दवाइयों का साइड इफेक्ट कहे या कुछ और.....अर्जुन को मिर्गी की शिकायत हो गई जिसके लिए फिर से उसका इलाज चला और इन्ही चक्करों में उसकी शादी की उमर निकलती चली गई....
पर अब मेरा बेटा पूरी तरह से ठीक है और इसी योगी बाबा के यहां आने जाने के दौरान मेरी पत्नी और सरला की जान पहचान हुई जो आगे चल कर दोस्ती में बदल गई....
अर्जुन हमारी इकलौती संतान है और अब वो बिल्कुल ठीक है और सरकारी नौकरी में है तो उसकी शादी के लिए रिश्ता ढूंढना शुरू किया पर जहां भी बात चलाई हमने अपने बच्चे की सारी बाते पहले ही बता दी ताकि आगे चल कर कोई दिक्कत ना हो.....और कही रिश्ता ना पक्का होता देख कर अर्जुन की मां ने उसकी शादी के लिए लड़की ढूंढने की बात सरला से की और फिर सरला ने ही पहले आपकी बड़ी बेटी का नाम सुझाया था फिर आपसे मिलने के कुछ दिनों बाद उन्होंने बताया की आपकी बेटी ने शादी करने से मना कर दिया है....और वजह बताई की हमारे लड़के के पास सरकारी नौकरी नही है....
पर फिर उसके कुछ दिन बाद फिर इन्होंने सुगंधा बेटा का नाम सुझाया और हम भी इनपे भरोसा करते गए और उसी भरोसे में हमने इनके पति को अपनी एक फैक्टरी का जनरल मैनेजर बनाया और अर्जुन की मां तो सरला को सहेली कम बहन ज्यादा मानने लगी थी लेकिन उसके साथ साथ हम दोनो पति पत्नी ये भी बोल रखा था की अर्जुन के बारे में सारी बाते बता कर ही बात आगे बढ़ाइएगा तो इन्होंने कहा कि पहले एक बार तो आपसे मिल चुके ही है सब कुछ जानते है ही और अर्जुन बेटा के बारे में सारी बाते बता कर ही बात आगे बढ़ाई है और मेरा भाई तैयार है....
पर क्या कहे गलती हमारी भी है हमे आपसे एक बार सीधे सीधे बात कर लेनी चाहिए थी.....
उस दिन जब आप पैसे देने आए थे तब भी मौका था पर गलती इंसानों से हो होती है क्षमा कीजिएगा और सुगंधा बेटा इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं है और अब हम भी नही है इसलिए ये रिश्ता नही हो पाएगा और इतना बोल कर वो अपनी पत्नी और बेटे के तरफ घूमे और बोले चलो अब यहां से बेकार ही तुम बहु लाने के सपने देखने लगी थी....
अर्जुन की मां उनके साथ हो ली पर जाते जाते सरला बुआ को बोली आज के बाद अपना ये घिनौना चेहरा मत दिखलाना कभी भी....जो अपने सगे भाई की ना हो सकी वो हमसे कैसा प्रेम निभायेगी....मतलब परस्त हो तुम समझी....सरला बुआ के पति अर्जुन के पापा के तरफ बढ़े और बोले भईया हमारी बात तो सुनिए ऐसा कोई बात नही है खाली पीली छोटा सा बात को ले कर तिल का ताड़ कर रही है भाभी जी....
तो अर्जुन के पापा अबतक अपनी जुबान को जो रोक रखे थे वो उसको बोले....सुनो भोसड़ी के तुम्हायी बीवी जो की सो की वो तुम दोनो समझो पर अब जो तुम कऊनो नौटंकी किए ना तो बताए दे रहे है बहुते बुरा हो जायेगा इसलिए यहां से अपना इज्जत का पूड़ी जलेबी बंटवाने के बाद वहा आ कर इज्जत से मेरी फैक्ट्री का चाभी और अपना त्यागपत्र मेरे हेड ऑफिस में आ कर दरबान को दे जाना मेरे ऑफिस की दहलीज पार करने की कोशिश भी मत करना....
और हा फैक्ट्री का सब हिसाब किताब क्लियर चाहिए हमको एक भी गलती पकड़ लिए ना या हेर फेर तो सब भांग भोसड़ा कर देंगे हम....और तुम हमारा पावर को तो जान ही रहे हो अच्छे से....
और हा जो पैसा मेरे बेटे के दहेज के नाम पे ले कर अपने गठरी में डाले हो ना अगर थोड़ा शरम बचा हो तो लौटा देना सही से....बईमान साले... हट
इतना बोल कर वो तीनो लोग वहा से निकल लिए.....जाते जाते अर्जुन सरला बुआ को बोला आपको मौसी जैसा मानते थे हम पर आप...छी...थू है आप पर...आपको कोई हक नही था मेरे जज्बातों के साथ खेलने का....इसकी सजा आपको ऊपर वाला देगा याद रखिएगा और अर्जुन के पापा उसको लगभग खींचते हुए निकल गए वहा से....
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इतने देर में सब का ध्यान अर्जुन के पापा और सरला बुआ के तरफ था और उनके जाने के बाद पापा गुस्से से तमतमाए हुए अपनी बहन के तरफ देख रहे थे वही उनका बड़ा भाई खुद को अभी भी महान दिखला रहा था....पर इतने देर में वो कुछ बोला नहीं क्युकी उसको फिर से मुझसे मार नही खाना था और इधर मेरी पूजा जो रो तो नही रही थी पर ये सब का दोषी वो खुद को मान रही थी.....मेरी मां और पापा पूजा के साथ खड़े थे और भौंचक से हो कर सरला बुआ और पूजा के फूफा जी को देख रहे थे....
राहुल सुगंधा के साथ पीछे खड़ा था...तब मम्मी जी सरला बुआ के तरफ हाथ दिखलाते हुए पापा से बोली अब बोलिए ना क्या हुआ अब हाथ नही उठाइएगा हा....खाली घर के आदमी पर जोर निकालना जानते है आप है ना....
और मम्मी सरला बुआ की बाह पकड़ के जोर से हिलाई और बोली बोलती क्यों नही है रे बेशर्माही खड़ी काहे है बोल ना अब....
भाई से पैसा हड़पने के लिए इतना बड़ा चाल चल दी की तुझको ये भी नही दिखा की तू मेरी बच्ची अपनी ही भतीजी का जीवन बरबाद करने चली थी खुद की बेटी होती तो करवाती क्या शादी हा....
पर तुझको ये सब कैसे पता चलेगा बांझ जो है हरामजादी....
अपना बड़का भाई की भी दो दो बेटी है ना उसको भेज देती इतना ही पसंद था उसका धन दौलत तुझको तो....
तब पूजा के चाचा बोले जबान संभाल के बोलो बहु मेरी बेटियो के बारे में समझी वरना मुझसे बुरा कोई नही होगा.....
तब राहुल आगे आया और खींच के तीन चार तमाचे अपने चाचा के मुंह पे धर दिये और बोला ये बात तब कहा गया था जब तू मेरी बहन को गाली दे रहा था हा.....तू एक नंबर का हरामी है समझा खून चूसने वाला कीड़ा है तू सुधखोर साला गांव में क्या गुल खिलाते हो खेत के मचान पर सब पता है समझा ना भड़वा साला और फिर एक दो तमाचे और मारा....इस बार पूजा के पापा एकदम जड़वत खड़े थे बस वो एक टक सरला बुआ को देखे जा रहे थे....
और इधर राहुल को मेरे पापा ने रोका हम तो चाहते थे की और मार पड़े...इतना कुछ होता देख सरला बुआ के पति रोने लगे और जमीन पे घुटनों के बल बैठ गए और बोले सारी करस्तानी मेरी पत्नी की है शुरू से इसके कहे अनुसार चलता आया और आज उसी का नतीजा है की मैं अपनी ही नजरो में गिर गया मां बाप तो पहले ही छूट गए पर जो रही सही इज्जत थी वो भी मिट्टी में मिल गई सिर्फ और सिर्फ दौलत के लिए....
दौलत के नशे में ये औरत इतनी चूर हुई की इसको पैसों के सिवाय कुछ नहीं दिखता.....
पैसों के लिए इसने क्या नही किया...पर हाथ जितना आया उससे ज्यादा इसने उड़ाया पर इसकी भूख नही मिटी कभी भी...
सरला बुआ अपने पति को बोली चलो उठो अब नौटंकी मत लगाओ यहां पे पहले से ही बहुत नौटंकी हो गया है...
तो पूजा के पापा आगे आए और अपने बहनोई यानी की सरला बुआ के पति को एक लात दे के गिरा दिए और सरला बुआ के पास जा कर खींच कर एक तमाचा मारे और उसके बाल पकड़ कर जोर से हिला कर बोले किस बात का खुन्नस निकाली है तू हा.....
जरा भी नही सोचा की अपनी ही भतीजी की शादी एक मानसिक रोगी लड़के से करवाने चली थी....
तो बुआ बोली जब तू नही समझा था मेरी बात को तो फिर हम क्यू समझते...तो पापा बोले कौन सी बात.....
तो पूजा के फूफा जी बोले पैसों की बात जब आपने इसे देने से मना किया था तब से ही ये पागल हो रखी थी और इसको भड़काने वाले और कोई नही आपके बड़े भईया है....
तो पापा बुआ को जोर से हिला कर बोले हम कब मना किए तुझको दीदी पैसों के लिए जहां तक हो पाया हम आपका मदद ही किए थे हम पर आपका तो मन कभी भरा ही नही....
इतना करने के बावजूद आप मेरी ही बेटी की जिंदगी बरबाद करने चली थी...तो बुआ बोली जिंदगी बरबाद की आबाद करने चली थी तो मम्मी आगे आई और एक झन्नाटेदार झापड़ बुआ को रसीद कर के बोली....कीड़े पड़ेंगे तुझको देख लेना अपने सारे किए का फल इसी धरती पर इसी जीवन में भोग कर जायेगी तू और अच्छा हुआ भगवान ने तुझ जैसी औरत को बेऔलाद रखा वरना तू उसको भी बेच कर खा जाती....
तो बुआ बेशर्मी से बोली सुना नही वो लड़का बिल्कुल ठीक हो चुका है तो फिर क्या दिक्कत था...तो पूजा के पापा एक और तमाचा खींच कर मारे और बोले दूर हो जा मेरी नजरो से वरना आज कुछ अनर्थ हो जायेगा....और वो उनको धकेल दिए.....
उसके बाद वो अपने बड़े भाई की तरफ बढ़े और उसको भी गिरेबान पकड़ कर बोले सीधे तरह से मेरी जमीन के कागजात वापिस कर देना समझा वरना भूलना नहीं हम भी उसी बाप के बेटे है जिसका खून तेरी नसों में दौड़ रहा है पर तेरा खून पानी हो चुका है मेरा नही और भगवान करे की कल को तेरी भी बेटी किसी के प्यार में पड़े और तब तुझे इस बात का एहसास होगा अच्छे से....और तब हम भी देखेंगे की तू कैसे अपनी ही बेटी पर गोली दागता है....
आज के बाद से तुम दोनो से मेरा कोई रिश्ता नहीं और वो राहुल के तरफ घूमे और बोले बेटा इन तीनो के पास से जब तक तेरे बाप के पैसे और जमीन के कागजात ना निकल जाए छोड़ना मत जरूरत पड़े तो अच्छे से खातिरदारी करना....
राहुल उन लोगो को लगभग धकेलते हुए वही हॉल के एक कमरे में अंदर कर के बाहर से दरवाजा बंद कर दिया...
..
...
इधर पापा सुगंधा के तरफ घूमे और उसको अपने पास बुला कर उसके सर पे हाथ फेरते हुए बोले हमको माफ करना बेटा जाने अंजाने में तेरी जिंदगी बरबाद करने चला था....पर भगवान का शुक्र है की सही समय पर सब कुछ शीशे की तरह साफ साफ हो गया....हमको माफ कर दे बेटा तो सुगंधा बोली नही पापा ऐसा कुछ बात नही है फिर वो पूजा की तरफ देखने लगी तो पापा उसका इशारा समझ गए....
वो फिर पूजा की तरफ घूमे और पास आ कर उसके पैरो के पास बैठ गए.....हम उनको उठाने के लिए आगे बढ़े तो मम्मी हमको रोक दी और ना में इशारा कर दी....
अपने पापा को अपने ही पैरो के पास बैठता देख कर पूजा रोने लगी और उनको उठाने के लिए झुकने लगी तो मेरी मां उसको रोकी और मेरे पापा पूजा के पापा को बोले भाई साहब ये सब आप क्या कर रहे है उठिए....
तो पापा रोते हुए बोले नही भाई साहब आज आप बाप बेटी के बीच में मत आइए बल्कि आज हम दोनो के बीच कोई नही आयेगा मैने अपनी ही बेटी को हमेशा से गुनहगार माना उसकी खुशियों में कभी भी पूरे मन से शामिल नही हुआ...दुनिया में हर बाप अपनी बेटी की खुशी में ही खुश होता है पर हम कितने कुकर्मी बाप है जो अपनी ही बेटी की खुशी को नही समझ पाए बल्कि इसके जीवन की सबसे बड़ी खुशी को हम सबसे बड़े दुख में बदला चाहे अपने झूठी शान के चक्कर में इन दोनो पे कितने जुल्म ढाए उसके लिए तो हमको भगवान भी कभी माफ नहीं करेगा....
मेरी पूजा को सुमित कितना खुश रखता है पर हम आज तक उसको सिर्फ ढोंग समझते आए हमेशा ये सोचते थे की आज ना तो कल ये मेरी बेटी को छोड़ देगा पर हम हर बार गलत हुए लेकिन फिर भी अपने नीच गिरे हुए भाई बहन के बहकावे में आ कर कभी भी इन दोनो के प्यार भरे रिश्ते को उसकी मजबूती को नही समझ पाए....
पापा पूजा के सामने हाथ जोड़ कर रोते हुए बोले मुझे माफ कर दे बेटा हमको माफ कर दे आज अगर तेरा ये परिवार ना होता तो हम अपनी सग्गू को जाने अंजाने नर्क में धकेल देते....
हमको माफ कर दे रे बेटा....
पूजा रोते हुए अपने पापा का हाथ पकड़ी और बोली नही पापा आप ऐसे मत बोलिए भला बाप अपनी ही बेटी के सामने हाथ जोड़ता है कही....
वो उठ कर खड़ी हो गई और अपने पापा के पास धीरे से जमीन पर पालथिन मार के बैठ गई और पहले उनके आंख से बहते हुए आंसुओ को पोंछी और बोली आप रोइए मत पापा अब सब ठीक है....
पर पापा फिर भी रोते हुए बोले नही मेरी बच्ची इन्ही हाथो से मैने तुझे उस दिन कितने बेरहमी से मारा था....
तेरी कमाई से ही मैने कितने ही महाजनों का कर्ज उतारा और भी बहुत कुछ किया और जब तूने अपने दिल की बात मुझसे कहनी चाही तो हम तेरी एक भी बात सुने तक नही और तुझको....
तेरे अंदर इतना भय पैदा कर दिया की तू आज भी घर आने में घबराती है सोच हम कितना बुरा किए थे तेरे साथ जो एक बेटी को अपने मायके आने में ही डर लगता था....
ये कहते हुए पापा और रोने लगे....पूजा रोते हुए बोली पापा मत ना रोइए बीती बातों को भूल जाइए.....अब हम नही डरते है सुमित हमको बहुत समझाते थे और अब हम नही डरते है पापा....तो पापा बोले हा इसलिए तू अब घर आना ही बंद कर दी और आती भी है तो बिना हमसे मिले चली जाती थी है ना....
पूजा मेरी तरफ देखने लगी फिर वो पापा को बोली नही पापा बस आप रोइए मत अच्छा नही लग रहा ऐसे प्लीज पापा...
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इधर हॉल हम सब लोग नम आंखों के साथ चुप चाप खड़े थे कोई कुछ नही बोल रहा था पर मम्मी रो रही थी.....पापा की बाते सुन कर लग रहा था की आज शायद उन्होंने हमे अपने दिल से अपना लिया था....
तभी हम पापा के पास गए और उनके हाथ को पकड़ते हुए बोले अब बस करिए पापा हो गया अब तो आप हम दोनो को मन से अपना लिए ना...तो उन्होंने मुझे और पूजा को अपने आलिंगन में ले कर गले से लगा लिया और दोनो के माथे पे चूमते हुए बोले हमेशा खुश रहो दोनो.....मेरी वजह से बहुत दर्द तकलीफ झेला है तुम लोगो ने....
पर आज तक पलट कर एक बार भी जवाब नही दिया....दूसरा कोई होता तो कब का मेरे मुंह पे थूक कर चला गया होता और दुबारा मेरी शकल तक नही देखता....
तो पूजा बोली अरे पापा आप ये क्या बोल रहे है मम्मी तुम भी तो पापा को चुप होने बोलो ना...
तो मम्मी बोली रो लेने दे बेटा आज हम कुछ नही बोलेंगे पिछली बार बहुत समझाई थी पर उस वक्त नफरत भारी था पर आज शायद तेरा प्यार जीत गया और नफरत हार गई.....
तो पापा एक बार फिर हम दोनो को जोर से गले से लगा लिए तभी मेरे पापा आगे आए और पूजा के पापा को पकड़ कर उठाते हुए बोले अरे इतना खुशी का मौका है और आप ऐसे रो रहे है समधी से आज मन से गले तो मिलिए पहले और वो पापा को अपने गले से लगा कर बोले हा ये हुआ ना चलिए अब रोना धोना बंद कीजिए फिर पूजा को हम सहारा दे कर उठाए और उसकी आंखो में अटके आंसुओ को पोंछे और धीरे से बोले अब रो मत सब कुछ ठीक है अब....वो मेरी आंखों में देखने लगी तो हम हौले से मुस्कुरा कर बोले आई लव यू जान
तो पूजा मुस्कुरा दी और मेरे सीने से लग के रोने लगी.....तभी मम्मी आगे आई और पूजा को बोली अब तो मत रो पगली....इधर आ और फिर वो पूजा के साथ हमको भी अपने आलिंगन में ले ली और बोली खुश रहो मेरे बच्चो और अब जल्दी से मेरे नाती नातिन का मुंह दिखला दो ताकि उनको खूब खेलाए हमलोग......
सुगंधा को हम बुलाए और धीरे से बोले बच गेले बेटा तू नही तो अब्बा डब्बा जब्बा हो जाता तेरे साथ......तो पूजा हस कर बोली ऐसे कैसे हो जाता हम लोग थे ना.....तो सुगंधा भी हंसते हुए हम दोनो से एक साथ गले मिल गई और बोली पर दी जो भी हो आखिर मम्मी जी के मुंह से वो बात नही निकला होता तो फिर आज मेरा बर्बादी तय था....
फिर मेरी मां पूजा को बोली ए बेटा आ इधर आ कर बैठ तब से परेशान है तू....तो पूजा बोली एक मिनट मां अभी आते है....
और फिर वो मेरा हाथ पकड़ी और उस कमरे की तरफ बढ़ी जिसमे बुआ और बाकी लोग बंद थे....हम बोले किस लिए जा रही है उधर तो वो बोली हमको बुआ से पूछना है की आखिर वो ऐसा क्यों की.....
हम बोले अरे कोई मतलब नहीं बनता है जान छोड़ो.....तभी पीछे से मम्मी आ कर उसका हाथ पकड़ कर रोकती हुई बोली नही उस हरामजादी का साया भी तुझ पर नही पड़ने देंगे हम चल इधर आ मेरे पास उसके किए का सजा उसको वक्त देगा छोड़ तू ये सब....तो पापा बोले पूजा बेटा वो तू हम पर छोड़ दे हम सब जानते है की वो ऐसा क्यों की है पर अब जाने दो....ये सब से कुछ फर्क नही पड़ता मेरा सारा परिवार मेरे पास आ गया है....छोड़ उसको अब....
तो पूजा पूछी की नही पापा आप बताइए की ऐसा क्यों की है बुआ किसलिए की तो पापा बोले अभी रहने देते है बेटा ये सब पुरानी बाते याद कर के मन खट्टा नही करना चाहते....
फिलहाल तू अपनी सेहत का ध्यान रख शादी के पहले और शादी के बाद से तुझको जिस अपनेपन से अपने प्यार से दूर रखे है अब वो सब हम पूरा करेंगे....अब तुझको तेरे पहले वाले पापा देखने को मिलेंगे जिससे तुझको डर नही लगेगा...
तो हम पापा के पास गए और बोले अरे पापा पूजा का तो मामला सुलट गया पर मेरा क्या हमको नही मिलेगा मेरे ससुर का प्यार आशीर्वाद....
तो पापा मेरे तरफ हाथ बढ़ा के बोले तुझसे तो बेटा हम क्या बोले....तेरे सामने तो हमको अभी बहुत प्रायश्चित करना है बहुत तकलीफ दिए तुझको बेटा पर अब नही....
जैसे तू पहले मेरे लिए सिर्फ सुमित था पर अब से सुमित के साथ साथ मेरा दामाद भी है....
और वो आगे आ कर मेरे कंधे पे हाथ रख कर बोले मेरी बेटी को इतना प्यार देने के लिए...अभी वो इतना ही बोले थे की हम बोले अरे पापा क्या आप भी ये सब बोलने लगे प्रायश्चित और फलाना ढिमकाना....आप तो बस अब अपने दुकान से हमको मैगी दे दिया कीजिएगा जिसको हम अपने ससुराल में आ कर एक बार फिर से खुद से बना कर आप सब को खिलाए वो भी बे झिझक...
तो पापा हस्ते हुए हमको थप्पड़ दिखलाए और बोले बच्चा का बच्चा ही रहेगा और फिर हमको अपने गले से लगा लिए और उसी तरह पूजा को भी इशारा से बुला कर वो उसको भी गले से लगा लिए....और पीछे से सुगंधा आ कर हम लोग के पीछे अपनी बाहें फैला कर लिपट गई और वही काम राहुल भी किया आ कर ये बोलते हुए अरे थोड़ा हमको भी एडजस्ट करो सब कोई
....
इधर मम्मी जी मेरी मां के पास जा के खड़ी हो कर उनका हाथ पकड़ के बोली बहन जी अब सब कुछ ठीक हो गया आज हमको मेरा परिवार वापिस मिल गया और ये सब मुमकिन हुआ आपके वजह से.....
तो मेरे पापा बोले नही बहन जी ये सब ऊपर वाले के हाथ में है जो जब होना है वो हो कर ही रहता है....
आज ये होना था सो हो गया पर जो भी हुआ बहुत ही अच्छा हुआ...पर एक शिकायत है...
ये सुन कर मम्मी थोड़ा गंभीर हो गई तो पापा हस्ते हुए बोले अरे इतना देर हो गया कोई कुछ खाने पीने का बात ही नही कर रहा.....खाना ना सही पर कुछ मीठा तो बनता है ना की नही...
इधर हम लोग पापा से अलग हुए और पूजा के पापा बोले सब इंतजाम हो रखा है...सग्गू बेटा का छेंका नही हुआ तो क्या इसी बहाने मेरा पूरा परिवार एक हो गया जैसे पहले था....
फिर राहुल हॉल मैनेजमेंट वाला को जा कर बोला की भईया खाना लगवा दीजिए तो हॉल वाला भी सब फटाफट इंतजाम कर दिया...और फिर सब कोई एक साथ खाना खाए और आज पूजा और हमको पापा मम्मी अपने साथ बिठा कर खिलाए.....
सच में आज जब पापा पूरे मन से हम दोनो को अपना लिए तब जा कर पूजा के मन से तो डर निकला ही साथ ही साथ मेरे मन से बहुत बड़ा बोझ उतरा क्युकी कही न कही पूजा मेरे वजह से अपने बाप से दूर हो गई थी...
पर आज जो हुआ उसके बाद हम पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कह सकते थे की हम दोनो का प्यार जीत गया
सब कोई के खाने के बाद मेरे पापा पूजा के पापा से बोले चलिए भाईसाहब अब इजाजत दीजिए....
तो पूजा के पापा बोले अरे भाईसाहब कैसी बाते करते है भला आप भी....ये बोलिए की फिर मिलते है जल्द ही और वैसे भी अब तो हम दोनो लोग अक्सर मिलते रहेंगे आखिर बिजनेसमैन जो ठहरे...फिर चारो ओल्डी लोग हस दिया और उसके बाद हम, मेरी जान, और मां पापा सब कोई नीचे उतरे साथ में पूजा का भी पूरा परिवार नीचे आया जबकि बुआ और बाकी लोग अभी भी ऊपर कमरे में ही बंद थे....
पापा और मां गाड़ी में बैठे और पूजा और हम दोनो कोई मम्मी पापा को प्रणाम किए तो वो दो आशीर्वाद देने के बाद पापा बोले कल दोनो कोई घर आओ तो पूजा मेरा चेहरा देखने लगी तो हम बोले ठीक है पापा कल पक्का रहा...
तभी मेरे पापा गाड़ी से बाहर निकले और बोले अरे एक और खुशखबरी तो पता होगा ही सुमित का ट्रांसफर यही पटना में हो गया है....ये सुन कर राहुल बोला कांग्रेट्स जीजा जी....हम बोले हम्मम थैंक्यू पर खाली कांग्रेट्स से काम नही चलेगा....
तो पूजा के पापा बोले अरे बेटा कल आओ फिर डबल जश्न मनाएंगे....
हम बोले ठीक है पापा आते है फिर उन सब से विदा ले कर हम लोग निकल गए घर.....