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हमारे जाने के बाद पूजा का पूरा परिवार अपने हरामी रिश्तेदारों से मुखातिब हुआ और पूरे बेइज्जती के साथ उनको ले कर पहुंचे अपने घर और वहा पे शुरू हुआ लेनदारी और देनदारी का तमाशा....अब तक जितना मम्मी और सुगंधा झेली थी वो सब मम्मी अपने तल्ख लहजे में वापिस देना शुरू की और पापा के साथ राहुल और सुगंधा लग गए अपने बाप की कमाई वापिस लाने में....जो की आज चाचा और फूफा जी को लौटना ही था किसी भी सूरत ए हाल में वरना राहुल तो पहले से ही खुन्नस में था और पापा अगर उसको एक इशारा कर देते तो फिर इन तीनो का खैर नहीं था....
दरअसल जब से सुगंधा की शादी के दहेज के पैसे पापा दे के आए थे तब से दोनो भाई बहन एकदम निश्चिंत था की अब सब काम हो चुका है अब चाह कर भी कोई कुछ नही कर सकता पर छेंका के समय जो उलट फेर हुआ वो इन लोगो में से किसी ने नहीं सोचा था और अब तो पापा को हर बात जेहन में ताजा हो गई थी की इन सब के पीछे की वजह क्या है....
उस रात तो चाचा जी वापिस लौट गए ये कह कर की जमीन के कागजात वो कल ले कर वापिस आ जायेंगे तो राहुल ने उनको चेताया की अगर वो कुछ भी चालाकी करने का कोशिश किए तो फिर जो साहूकार के रूप में इज्जत की पीपड़ी बजाए फिरते है ना गांव में वो सब वही आ कर धूल में मिला देंगे और घर के अंदर डंका बजाएंगे सो अलग और फिर जैसे आप भूल गए थे की मेरी बहन आपकी क्या लगती है और उसको आपको किस ढंग से बोलना चाहिए था तो हम भी ये भूलने में देर नहीं करेंगे की आपकी दोनो बेटियां मेरी बहन लगती है....सो ये सब बाते अपने जेहन में बिठा लीजिएगा....
चाचा की तो घिग्घी बंध गई क्युकी वो अच्छे से जानते थे की जिस गांव से वो ताल्लुक रखते है उनका भाई भी वही से ताल्लुक रखता है इसलिए यहां पे अगर वो चापलूसी किए तो न घर के रहेंगे ना घाट के....
अब रह गई बुआ रानी और अपने बड़े भाई की दुर्गति देख कर वो गिरगिट के तरह रंग बदलते हुए बोली भाभी भईया हम मानते है हम गलत करने जा रहे थे पर वो सब हम गुस्से में करने जा रहे थे जिसका पछतावा हमको अब हो रहा है पर देखो अंत में सब कुछ सही हो गया ऊपरवाले की लाठी हम पर ऐसी पड़ी की ना मेरे पति के पास कोई नौकरी रही ना मेरे पास कोई इज्जत मान....
पूजा के पापा इतना सुनते ही फिर से अपनी बहन को एक चमाट रख के दिए और बोले दुबारा ये अपना मगरमच्छ के आंसुओ वाला चेहरा हमको मत दिखलाना....क्युकी इसके पीछे की भूख को हम पहचान चुके है जो अपनी भूख के आगे कुछ नही देखती इसलिए दया माया की उम्मीद तो हमसे अब रखना ही मत सीधे तरीके से मेरे पैसे लौटा दो वरना अर्जुन के पिता जी का घर का रास्ता हम भूले नही है और अगर हमको उनके दहलीज पर जाने की जरूरत पड़ गई तो फिर उनकी बाते तो तुम दोनो मिया बीवी को अच्छे से याद होंगी....और अगर नही याद है तो लगाऊ फोन...
तो पूजा के फूफा जी घबरा कर बोले नही भाई जी इसकी कोई जरूरत नहीं है हम आपके पूरे पैसे ला कर देते है पर उसके लिए हमको बनारस से आने जाने का समय तो दीजिए....
तो राहुल बोला पिछवाड़े में पेट्रोल डालिए और सरपट दौड़ते भागते जाइए और पैसे ले कर आइए....
तो मम्मी बोली नही इन दोनो को मेरे घर से निकालो जितना जल्दी हो सके इस हरामजादी कुत्ती और इस कुत्ते को हम सोना तो दूर पीने के लिए पानी तक नहीं देंगे पहले ही बहुत खून चूस चुका ये दोनो.....तो पूजा के पापा बोले सही बोल रही हो इतना सब जो हुआ उसके पीछे अगर कोई सबसे ज्यादा जिम्मेदार है तो वो ये है उनका इशारा बुआ के तरफ था....
तभी वो राहुल को बोले बेटा अपने दो तीन दोस्तो को पकड़ और इन दोनो चंडाल चंडालनी के साथ जा और सुबह तक पैसे ले कर आ....
और कुछ भी दिक्कत हो तो तुझको पता ही है क्या करना है...ये बिलकुल मत सोचना की ये तेरे फुआ फूफा थे कभी....
तो राहुल फिर बोला आते है फिर इंतजाम कर के और वो चला गया जबकि सुगंधा बोली मां खाना तो बढ़िया से हम लोग खा लिए है पर मीठा नही खा पाए तो अभी हम खीर बनाते है अपने हाथ से और फिर खायेंगे वैसे भी अभी ज्यादा टाइम तो हुआ नही है और पूजा दी का फोन भी आता ही होगा तब आराम से बात करते है....
मम्मी बोली सही बोल रही है तू अपने काम में लग तब तक हम और तेरे पापा बुरी बला को घर से बाहर निकाल कर आते है...
वो दोनो बुआ और फूफा को घर के बाहर गलियारे में ले गए और बोले यही खड़े रहो दोनो जब तक तुम्हारा काल वापिस नही आ जाता...उनका इशारा राहुल के तरफ था....
इधर राहुल जैसे उस रात अपने दोस्तो के साथ मार पिटाई और कट्टा का इंतजाम किया था वैसे ही आज भी एक गाड़ी का इंतजाम किया और अपने तीन दोस्तो को ले कर घर पहुंचा और उसको देख के पापा बोले देख बेटा ध्यान से जाना और सारे रास्ते तू हम लोग से बात करते रहना इसका कोई भरोसा नहीं....तो राहुल के साथ साथ उसके दोस्त बोले आप टेंशन फ्री रहिए अंकल इनका टेटुआ दबाने में हमे जरा भी टाइम नही लगेगा....
तो मम्मी बोली फिर भी बेटा ध्यान रखना....और राहुल वहा से निकल गया....
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इधर हमलोग के घर पहुंचने तक पापा और मां दोनो पूजा को बोलते रहे की अब तो बेटा तू बिल्कुल टेंशन फ्री हो जा असल मायनों में आज तुझको तेरे पापा से रजामंदी मिली है....
वही पूजा भी बहुत खुश थी की फाइनली सब कुछ सही हो गया हमारे प्यार के गुलदस्ते में एक कांटा जो घुसा पड़ा था आज वो भी फुल का रूप ले लिया...
घर पहुंचने के बाद मां बोली पूजा बेटा तू अभी से आराम कर जा कर अपना दवाई ले कर आराम करेगी हम दूध गरम कर के आवाज देंगे तो सुमित तू आ कर ले जाना समझा....
अभी हम सब लोग नीचे आंगन में ही थे की भईया भाभी घर आ गए और भाभी आते के साथ बोली तब देवरानी जी मजा किए ना खूब चलो ऊपर और सुगंधा का छेंका का फोटो दिखाओ देखे तो मेरा देवर का साढ़ू भाई कैसा है.....तो मां बोली अरे वहा छेंका तो नही हुआ पर कुछ और ही हो गया...
तो भईया बोला का मतलब...
तो मां हस कर बोली बताते है रुक जा और वो हम दोनो को बोली अब रामायण हम कह देंगे तू दोनो ऊपर जाओ बेटा आराम कर कपड़ा बदल कर... ई लड़की को एकदम चिंता नही है भरल पेट बच्चा है जा भाग ऊपर
हम मां को हस्ते हुए बोले अरे मां बेकार ही आप इतना चिंता करती हो तुम्हारी छोटी बहू स्ट्रॉन्ग है...
तो पापा बोले हा जानते है कितना सॉलिट है....तुरंत में रोवाई छूट जाता है....
हम सब कोई पूजा को देख के हस दिए और मेरी जानेमन शर्मा कर बोली अरे बै पापा उम्म्म और ऊपर जाने लगी....
तो हम उसके पीछे हो लिए और ऊपर कमरे में आ गए....
ऊपर आने के बाद हम दरवाजा बंद किए और पूजा डार्लिंग को अपने आलिंगन में ले लिए और पूजा भी इसी पल का इंतजार कर रही थी....वो तुरंत मेरे होंठो को चूम ली और अपनी बाहों का घेरा मेरे गर्दन में फसा कर बोली जान आज पापा भी मान गए हमको तो यकीन ही नही हो रहा था कुछ देर तक की पापा के मन में इतना कुछ था जो आज सब निकल गया....
हम उसके चूतड़ों को दबाते हुए बोले मम्मी ठीक ही बोली थी की आज हमारा प्यार जीत गया और नफरत हार गई....
फिर पूजा बोली जान आज हम बहुत खुश है....हम बोले हम भी है जान आखिर आज हमको मेरे पुराने वाले पापा से मिलना हुआ जैसे उनसे पहली बार सुगंधा के दोस्त बन कर मिले थे ठीक वैसे ही....
फिर हम बोले अच्छा चलो अब इस खुशी को अभी साइड करते है पहले हम अपना बेटा बेटी से तो मिल ले...जब से भोपाल से आए है एक बार भी सही से मिलना नही हुआ....और ये बोल एक हम पूजा के सलवार का नाड़ा खोल दिए और वो सरसराता हुआ जमीन पे जा गिरा....
और हम नीचे बैठ कर पूजा के समीज को हटा कर उसके पेट पे चूमे और बोले अरे मेरा बच्चा सब क्या हाल चाल और ये बोल कर उसके पेट पे कान लगा दिए तो उधर से गुड़ गुड़ का आवाज आया तो हम पूजा को बोले एई बोल रहा है की मम्मी को बोलिए की मेरे पापा को दूध पिला दे वो भूखे है और ऐसे मौके पे कुछ मीठा होना चाहिए....
तो पूजा हस कर बोली मेरा बाल बच्चा की अपने पापा के तरह ही है शैतान...ऊपर तो आइए पहले तब तो आपका मुंह मीठा करवाए हम....
फिर हम मेरी डार्लिंग की चूत को देखे जिसको आज सुबह ही हम चिकनी किए थे उसके ऊपर चूम लिए और खड़े हुए फटाक से तो पूजा बोली अरे जान आप कहा पे चूम लिए उफ्फ मेरा मूड बना रहे है आप....
हम बोले आज मूड में आ ही जाओ तुम हम तुम्हारा सब उपाय कर देंगे आज....
फिर पूजा को पकड़ के बिस्तर के कोने पे बिठाए और पूजा का सूट उतार दिए दुपट्टा वो पहले ही उतार चुकी थी....
उसके लाल रंग की ब्रा जो उस दिन हम नई लाए थे उसमे से उसके निप्पल एकदम साफ दिख रहे थे हम ब्रा के कप को खिसका कर उसकी चुचियों को बाहर निकाले और उन पर टूट पड़े वही पूजा सिसकी लेते हुए मेरे सर को अपनी छाती पे दबाने लगी....
कुछ देर उसकी चुचियों को पीने के बाद हम खड़े हुए और उसकी ब्रा को भी उतार दिए अब वो पूरी नंगी थी और हम अभी तक अपने कपड़ों में थे....पूजा को नंगी करने के बाद हम भी तुरंत नंगे हुए और फिर उसको खड़ा कर के अपने आलिंगन में ले लिए तो पूजा मेरे खड़े लंड को पकड़ के बोली जान इसको थोड़ा अंदर कीजिए ना....हम उसके पैरो को थोड़ा फैला कर अपने लंड को उसकी चूत से सटाए जो बिलकुल गीली थी...मन तो हुआ की एक ही बार में अंदर जड़ तक पेल दू पर फिर अपने बाल बच्चा का सोच कर रुक गए पर एक दो बार उसकी चूत पे ऊपर से नीचे तक फिराए और फिर अलग हो कर उसको वापिस बेड पे बिठा दिए....
और उसकी नाइटी को हैंगर से उतार कर उसके गले में डालने के लिए तैयार करने लगे तो वो बोली जान अभी इसको रखिए....इधर आइए और हमको पकड़ के मेरे गले से लग गई और मेरे छाती पे चूम कर बोली आप आग लगा दिए है मेरे अंदर....
हम उसके चेहरे पे हर जगह चूम कर बोले जान बस थोड़ा दिन और फिर तुमको हर कोने से ठंडा करेंगे हम....वो बोली नही आज अभी कीजिए....हम बोले अच्छा फिर अपना लल्ला लल्ली क्या बोलेगा....मेरा बाबू मईया ठरकी है...
तो पूजा हौले से हस कर थोड़ा उचक कर मेरे होंठो को चूम ली और हम भी थोड़ा नीचे झुके तो वो मेरे होंठो से अपने होंठ जोड़ दी और उसके बाद क्या चूसी वो मेरे होंठो को एकदम पैशनेट किस हुआ हम दोनो में और उस किस के बाद पूजा हाफते हुए मुस्कुराते हुए बोली आज कितने दिनों के बाद आपको ऐसे किस किए हम....
हम उसकी आंखो में देखते हुए बोले तीन महीने अठारह दिन के बाद....
तो पूजा कन्फ्यूज होती हुई बोली अरे मतलब क्या....
हम मुस्कुराते हुए उसकी चूंची को पकड़ कर हौले से दबाते हुए बोले मैथ भूल गई क्या तुम सब....
फिर पूजा अपनी आंखे गोल करते हुए हसीं और बोली जान आप दिन गिन रहे है पागल....
तो हम बोले यस माय लव ताकि जब अपना ये बनवास टूटेगा तो फिर एक एक दिन का हिसाब लेंगे....
पूजा एक अदा के साथ बोली एकदम मेरी जान अच्छे से हिसाब लीजिएगा हमसे.....फिर हम बोले हा ठीक है चलो अब नाइटी पहन लो और लेट जाओ थोड़ा तबतक हम थोड़ा नीचे से हो आते है....फिर पूजा मेरे लंड को अपने हाथ से दो तीन बार हिलाई और अपने उसी हाथ को चूम ली और बोली वेट फिर माय टर्न बेबी
उसके बाद हम नीचे गए जबकि इधर पूजा अपने घर पे बात करने लगी....
हम नीचे गए तो भाभी बोली तब देवर राम अब सब सेट है अब जिंदगी इंजॉय कीजिए....
फिर भईया भी बोला चल अब सब कुछ अच्छा हो गया नही तो तुम दोनो पे हमेशा एक तलवार लटकता रहता था....हम बोले हा भी और नही भी पर अब जाने दीजिए जो भी था अब वो सब नही है अंततः मेरी और पूजा के जिंदगी में सब कुछ ठीक है अब यही बहुत है
तभी भाभी बोली अब रहा सहा कसर बउआ लोग आ कर पूरा कर देगा....
तो मां बोली वो क्या कर रही है आराम की गप सरक्का....
तो हम हस कर बोले आराम के साथ साथ गप सरक्का....लेट के घर पे बात कर रही है तो मां कुछ बोलती उससे पहले हम बोले जाने दो मां कोई दिक्कत नही है....फिर भईया बोला चलो अब ढेर रात होने को है जाते है घर ठीक ना अब आराम करो सब कोई....
फिर वो दोनो चले गए अपने घर और हमारा जिमी जो उनके यहां था उसको बांध के बिठा दिए घर के गेट के पास.....
फिर मां हमको पूजा के लिए दूध दी गरम गरम और हम वो ले कर ऊपर आए और मेरी जान अभी तक अपने घर का सारा खबर ले चुकी थी और आंखे बंद कर के लेटी हुई थी....
हम उसके पास गए दूध टेबल पे रखे और बोले एई जानेमन सो गई क्या....और सच में पूजा का आंख लग गया था....
हम उसके चेहरे के पास झुक कर उसके होंठ पे चूम लिए और बोले जानेमन हमको जाना पड़ेगा उठो देखो हम चले....
पूजा तुरंत मेरा हाथ पकड़ के आंख खोल के बोली गंदे कहिंके सताने में मजा आता है आपको है ना कहा जा रहे है आप जरा हम भी तो सुने....
हम हस कर बोले अपने जान के पास जा रहे थे सपना में क्युकी हकीकत में तो अभी मेरी जान के पास जाना खतरे से खाली नहीं है...
तो पूजा उठ कर बैठी और मेरे को अपने पास बिठाती हुई बोली जान ऐसे मत बोलिए पागल आपको मना थोड़े किए है हम बस अभी थोड़ा नो एंट्री है पर हम घुस ले कर आपको एंट्री दे रहे थे ना पर आप ही नही गए.....
हम उसका मुंह पकड़ के हिलाते हुए बोले अरे मेरी ट्रैफिक पुलिस बीवी बस बस हो गया और सुन लो अभी दूदू पियो पहले फिर हम तुम्हारे दूदू पीते हुए सोएंगे आज....
तो पूजा हस्ते हुए बोली बात बदलना कोई आपसे सीखे...मेरे जान मेरे सनम आई लव यू और एक चुम्मा मेरे होंठो पे चिपका दी....
फिर वो दूध पीने लगी धीरे धीरे और हम उससे पूछे की घर पे क्या हाल चाल तो वो बोली अरे मत पूछिए राहुल अभी बनारस गया गया पैसा सब ले कर वापिस आएगा सुबह तक आ जायेगा ना....
हम बोले अरे इतना रात में क्यू जाना था सुबह चला जाता....तो पूजा बोली अरे नही अब बुआ को शायद ही पापा मम्मी अपने घर में रहने दे....पर बुआ बहुत गंदा खेल रची थी मेरे लिए भी और सग्गू के लिए भी पर आप जो है ना मेरे लकी चार्म सब नेगेटिव चीज को मेरे आस पास आने ही नही देते है आज जो कुछ भी हुआ उसमे भी अंत में मेरे और आपके लिए पापा के मन में जो भी बुरा बात था सब निकल गया ना....
सब आपके कारण क्युकी आप है ही इतने प्यारे की आपके रहते मेरे आस पास कुछ गलत आ ही नही सकता ना कुछ उल्टा पुल्टा हो सकता है....
हम बोले बस हो गया अब कितना चने के झाड़ पे चढ़ाओगी फिलहाल तो हमको तुम पर चढ़ना है चढ़ जाए....
तो पूजा अपना दूध खतम करते हुए बोली इसका जवाब हम बाथरूम से आ कर देते है आपको....और वो उठ कर चली गई जबकि हम सुगंधा के पास फोन लगा दिए.....
सुगंधा से हम पूछे क्या हाल चाल कमांडर तो वो हस्ते हुए बोली क्या यार जीजू...हम बोले अरे एक मिनट पहले डिसाइड कर जीजू की यार....
तो वो बोली दोनो अब इसका एक्सप्लेनेशन हम नही दे रहे....इतने में पापा उससे फोन मांग लिए तो हम बोले राहुल को अभी क्यू भेजे आप सुबह भेज देते....तो पापा बोले नही बेटा अब इनको निपटा कर खतम करे बहुत दिन से हमारी खुशियों पर कुंडली मार के बैठी थी....
इधर पूजा आई तो हम बोले पूजा से बात हुआ तो वो बोले अरे कहां दोनो मां बेटी खुद बात कर ली हमको नही करवाई....
तो सुगंधा बोली अरे कैसे करवाते आप बाहर थे पापा उस समय....फिर हम पूजा को फोन दिए की पापा है लो बात करो....
पूजा बोली हा पापा प्रणाम तो पापा बोले खुश रहो बेटा और तबियत कैसा है...तो पूजा बोली हम एकदम ठीक है पापा....तो हम बोले हा पापा हम दोनो अब बिल्कुल ठीक है और अब रहेंगे भी...
तो पापा हस्ते हुए बोले जरूर बेटा अच्छा कल दोनो आएगा ना...हम बोले हा आयेंगे....
पूजा फिर बोली पर पापा आप बताए नही आखिर ऐसा क्यों की बुआ तो पीछे से मम्मी बोली रुक बताते है सब बात ई हरामजादी का....
फिर पापा बोले ऊहू रुको हमको बात करने दो और फिर वो बताना शुरू किए....
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अब चलते है थोड़ा फ्लैश बैक में...
बात है 1991 की जब पूजा और सुगंधा बच्चे थे और राहुल पैदा भी नहीं हुआ था.....अभी कुछ समय पहले ही पूजा के दादा जी की मृत्यु हुई थी और उनकी मृत्यु के बाद आपसी समझौते के तहत पूजा के बड़े चाचा और उसके पापा ने बंटवारा कर लिया जिसमे गांव की जमीन के दो हिस्से हुए जिसमे एक हिस्सा बड़े भाई ने अपने पास रखा और उसी में से आधा हिस्सा पूजा के पापा को मिला.....
पूजा के पापा ने गांव के ही स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई कर रखी थी इसलिए उन्होंने दिमाग से काम लेते हुए शहर का रुख करने का सोचा और अपने हिस्से की जमीन में से कुछ हिस्सा एक दूसरे धनी व्यक्ति को बेच दिया और मिले हुए पैसों से पटना में एक किराने की दुकान डाली....
शुरू शुरू में वो पटना अकेले ही रहे और गांव आना जाना लगा रहा उस बीच पूजा पढ़ती नही थी पर कुछ दिन बाद जब सुगंधा की उमर स्कूल जाने लायक हो गई तब पूजा के पापा अपने परिवार को पटना ले आए और एक किराए के मकान में रखा.....
इधर गांव की जो जमीन अभी उनके पास थी उसे उन्होंने एक किसान को खेती के लिए दे दिया और उपज में से कुछ हिस्सा वो उस किसान से ले आते और उसे अपने दुकान पे खुदरा माल के तरह बेचते...
इससे उन्हें बाजार के मुकाबले अधिक मुनाफा होने लगा और उनकी दुकान अपने समय के हिसाब से बेहतर चलने लगी.....दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्होंने इतना सामर्थ्य हासिल कर लिया की दोनो बेटियो को अच्छे स्कूल में पढ़ाने के साथ साथ उन्होंने एक पुराना मकान खरीद लिया और उसकी मरम्मत करा कर विधिवत पूजा पाठ और गृहप्रवेश का कार्यक्रम कर के उसमे रहने लगे....
पूजा के पापा की बहन सरला यानी की उसकी बुआ की शादी बनारस के एक व्यापारी के बेटे के साथ हुई थी वो भी अच्छे खानदान में ब्याही गई थी किसी भी चीज की कोई कमी नही पर बुआ रानी ठहरी लालची शादी के बाद आए दिन अपने सास ससुर से लड़ाई झगड़ा करने लगी और पति के सामने दोष देती अपने सास ससुर को....
जो बंटवारे का खेल उनके मायके में पिता के मरने के बाद हुआ था उन्होंने वही खेल अपने ससुराल में अपने सास ससुर के जीते जी करवा दिया और उनके इकलौते बेटे को उनसे अलग कर के अपना घर संसार बसा कर रहने लगी और उनको दर दर की ठोकरें खाने के लिए वृद्धाश्रम का रास्ता दिखला दिया....पर कहते है ना की ऊपर वाले की लाठी में आवाज नही होती पर जब पड़ती है तो दर्द बहुत होता है....
सरला के पति ने जो माल पानी अपने बाप से हड़प कर के अपने व्यापार में लगाया था कुछ ही दिनों में सब डूब गया और बुआ जी की हालत बहुत खराब हो गई पर अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत....
अपनी माली हालत ठीक करने के लिए उन्होंने अपने बड़े भाई की तरफ रुख किया जो अभी भी गांव में ही रह रहा था वहां पे उन्होंने बड़े भाई से कहा की पिता की संपति को दोनो भाई ने आपस में बांट लिया पर इकलौती बहन होने के नाते उसको भी तो कुछ मिलना चाहिए था ना आज अगर उसके पास कुछ होता तो वो अपने डूबे हुए व्यापार को दुबारा खड़ा कर सकती थी.....
अब बड़ा भाई करता तो खेती ही था पर उसका असल धंधा था पैसो को ब्याज पर देना और ये काम उसको उसके बाप से विरासत में मिली थी जो वो बड़े ही गोपनीय तरीके से करता था हालांकि इस बात का पता पूजा की बुआ और पूजा के पापा दोनो को था पर पूजा के पापा ने इस धंधे में कभी भी दिलचस्पी नहीं दिखलाई वजह थी गरीबों की हाय उन्होंने अक्सर कई कर्जदारों को अपने बड़े भाई और अपने बाप के हाथो बेइज्जत होते देखा था जिसके जवाब में वो उन्हें बद्दुआएं दे कर लौट जाते थे.....पर पूजा के पापा ने कभी इसका विरोध नहीं किया अब इसके कई कारण हो सकते थे पर अभी इसको रहने देते है.....
जब बुआ ने संपति को ले कर टोका तो बड़ा भाई साफ साफ मुकर गया की मेरे हिस्से मे जो जमीन है मैं उसी से खेती कर के जीवन यापन कर रहा हु रही बात पैसे ब्याज पे लगाने के तो वो काम अब पहले जैसा नही रहा इसलिए अब उसमे से भी कुछ नही आ रहा और अगर तुझे ऐसा लगता है की हम दोनो भाई ने तेरे साथ कोई नाइंसाफी की है तो मेरे हिस्से में से ले ले कुछ जमीन कोई दिक्कत नही पर तू छोटे को भी तो बोल असली मलाई तो वो खा रहा है......
पटना में अपना घर दुकान सब कर लिया पर न तुझे न मुझे आज तक एक फूटी कौड़ी की मदद की उसने....
बस अपना ही देखा है उसने आज तक जब से पिता जी गए है ऐसा लगता है वो भी चला गया पैसे की चकाचौंध में अंधा हो गया है....
पर बुआ बहुत तेज थी इन मामलों में इसलिए उन्होंने बड़े भाई को फिर से टोका की अगर छोटा अपने हिस्से में हमको कुछ देगा तो आप भी हमको कुछ दोगे ना तो बड़ा भाई बोला अरे उसके पास से ही तुझे इतना मिल जायेगा की मुझसे लेने की जरूरत ही नही पड़ेगी तुझको....
और जब बुआ ने पूजा के पापा से अपनी हालत का वास्ता दिया तो शुरू शुरू में पूजा के पापा ने बहन के नाते हजारों रूपयो से मदद की उनकी यहां तक की अपने बहनोई को व्यापार में दुबारा पैसे लगाने के लिए अलग से रुपए ब्याज पर उठा कर दिए पर फिर भी बुआ का पेट नही भरा और ना ही उनकी हालात सुधरी.....पूजा के पापा ने जब देखा की बुआ उनका फायदा उठा रही है तो थक हार कर अंत में उन्होंने सरला बुआ से बोला की दीदी अब हमसे नही हो पाएगा....
तब बुआ उनसे बोली की तू किस हक से मना कर रहा है आखिर आज तू जो भी कमा खा रहा है वो सब बाबूजी के बदौलत ही न तो फिर मुझको देने में क्या दिक्कत है इसमें तेरा तो कुछ है नही सब बाबूजी का है....
तो पूजा के पापा बोले बाबूजी का है.... हूह....कुछ सोच समझ के बोल बहन उनकी दी हुई जमीन के कुछ हिस्से को मैने बेच कर अपनी खुद की मेहनत से सब कुछ बनाया है और आगे भी अभी हमको अभी बहुत कुछ करना है....दो दो बेटियां है उनकी पढ़ाई लिखाई फिर आगे चल कर उनके ब्याह के लिए भी तो पैसा जोड़ना है ना....
पिताजी की तरह अगर मैं भी गांव की जमीन और खेती के भरोसे रहता तो कुएं का मेंढक बन कर रह गया होता.....जैसे बड़े भईया रह रहे है पर उनका सुध ब्याज का काम अच्छा चल रहा है पर उसका कोई जिक्र नहीं है...
और मैने अपनी औकात से बढ़ कर आपकी हर संभव मदद की पर आप उस मदद का नाजायज फायदा उठा रही है इसलिए अब हमसे किसी भी तरह की कोई मदद का उम्मीद मत रखना....
ऐसी बात अपने भाई के मुंह से सुनने के बाद बुआ वहा से ये बोल कर चली गई की अच्छा हुआ ये बात तूने बाबूजी को जीते जी नही सुनाई....बाबूजी तो चले ही गए हम समझेंगे की आज के बाद मेरे मायके में कोई मेरा नही रहा...
उस दिन बुआ तो वहा से चली आई और पहुंची अपने बड़े भाई के पास पर बड़े भाई ने भी उन्हें कुछ नही दिया उल्टे उसने पूजा के पापा को ही दोषी ठहराया और सरला बुआ को उसको अपने तरफ से कुछ न देना पड़े इसलिए वो उनकी तरफ से बोला और पूजा के पापा के प्रति जहर भर दिया और जब अर्जुन की मां से वो संपर्क में आई तो उन्होंने अपने मांग की नाफरमानी का बदला निकालने के लिए ही उन्होंने पूजा के पापा से दुबारा बात की और इतने सालो के बाद जब बहन ने खुद सामने से आ कर बात की तो पूजा के पापा भी भावनाओ की गिरफ्त में आ कर जैसा उनकी बहन बोलती गई वो करते गए और जब सरला बुआ ने पूजा की शादी की बात छेड़ी तब तक सुमित पूजा की जिंदगी में आ चुका था और वहा उनका चारा नही चला....
जब राहुल ने सुमित को गोली मारी और फिर जो पुलिस थाना का चक्कर लगा तब पूजा के पापा के अंदर एक डर समा गया और उसी प्रेशर में आ कर वो पूजा की शादी के लिए राजी हो गए थे वरना अर्जुन और पूजा की शादी तो वो करवा कर ही रहते....
और इधर जब पूजा की शादी बुआ अर्जुन से नही करवा पाई तब उन्हे एक और मौका मिल गया अपने भाई को बरगलाने करने का....उन्होंने पूजा के खिलाफ जहर भरना शुरू किया जिसका असर आज तक पूजा और सुमित के रिश्ते पर पड़ते आया था.....
और इस बीच अर्जुन सरकारी नौकरी में आ गया तो बुआ को और मजबूत कारण मिल गया उसकी शादी करवाने के लिए जिसके लिए उन्होंने सुगंधा को चुना और जब सुगंधा की शादी की बात उन्होंने अपने भाई से छेड़ी तो वो तुरंत मान गए और चालक बुआ ने अपने बड़े भाई को भी इस बार इस खेल में शामिल कर लिया जिसके तहत दहेज के पैसे जोड़ने के लिए उसने पूजा के पापा के हिस्से की गांव की बची हुई जमीन अपने पास गिरवी रखवा ली....
पूजा के लव मैरिज करने के बाद सुगंधा उनके लिए सॉफ्ट टारगेट थी और वो इसमें कामयाब भी हो गई थी पर अफसोस ऐसा हो न सका....
इतनी सारी बाते जानने के बाद हम पापा से बोले भगवान बचाए ऐसे रिश्ते नाते से....इंसान अकेला रहे वही बढ़िया है पर ऐसे भाई बहन होंगे तो फिर दुश्मनों की कोई जरूरत नहीं होगी....
फिर पापा बोले अरे छोड़ इनकी बाते अब...इनका अध्याय अब खतम हो गया....ये सब छोड़ो तुम्हारा ट्रांसफर पटना कब हुआ....
तो हम बोले इसी हफ्ते हुआ है पापा पर ज्वाइनिंग में अभी टाइम है दो हफ्ता बाद है अभी.....
तो पापा बोले चलो अच्छा है फिर कल आएगा तो रुकना पड़ेगा यही...तो पूजा मेरे तरफ देखने लगी....हम बोले रुकने के लिए फिर पूजा का सब दवाई वगैरह ले कर आना पड़ेगा पापा उतना क्यू करना पास में ही तो है परसो भी आ जायेंगे....तो मम्मी बोली अरे दवाई वगैरह ले कर आना पड़ेगा तो क्या हो गया एक दिन रह लेना हमारे साथ में आखिर शादी के बाद से पूजा बेटा एक बार भी नही रुकी है पर कल हम उसको रोकेंगे और तुमको भी रुकना पड़ेगा....
फिर हम बोले अच्छा कल आते है फिर आपको परेशान करेंगे ना एकदम टिपिकल दामाद के जैसे तो आप खुद ही भगा दीजिएगा....
तो पापा बोले नही बेटा अब ऐसा कभी नहीं होगा तुम दोनो मेरे लिए क्या मायने रखते हो ये अभी नही समझोगे धीरे धीरे समझ आएगा खैर कल आओ अच्छे से और फिलहाल आराम करो दोनो....
पूजा बोली पापा आप भी आराम कीजिए...तो वो बोले अभी नही बेटा आज की रात हराम फिर कल से आराम ही आराम है....
तो हम बोले अच्छा राहुल वापिस आ जायेगा तो बता दीजिएगा ध्यान लगा हुआ रहेगा इसका भी और मेरा भी....
फिर पापा बोले ठीक बेटा और फिर फोन कट गया...
फोन कटते ही हम अपने जान से लिपट गए और बोले तब मैडम कल रात में वहा रुकना है तो वो बोली मां से पूछ लेंगे तब ही वो बोलेंगी तो ठीक नही बोलेंगे तो भी ठीक वरना ऐसे अपने मन से नही और आपका भी बात सही है बगल में तो घर है....
हम बोले अरे मेरी मां की आज्ञाकारी बहु परमिशन हम दिलवा देंगे एक रात ससुराल में भी तो बिताने दो देखे तो ससुराल में कैसा नींद आता है....
तो पूजा अपना नाइटी अपने कंधे से सरकाती हुई बोली अब यहां पे ऐसे सोने का मौका मिलता है वहा तो मिलेगा नही....
हम उसकी चूची को पकड़ के मुंह में लेते हुए बोले अच्छा बेटा ब्लैकमेल...तो पूजा कसमसाती हुई बोली आह जान उम्म्म अब उसके मुंह से आवाज नही निकल रहा था बस मेरा सर अपने चूची पे दबाए जा रही थी और फिर इसी तरह थोड़ा प्रेम क्रीड़ा कर एक दोनो कोई नंगे एक दूसरे की बाहों में सो गए
दरअसल जब से सुगंधा की शादी के दहेज के पैसे पापा दे के आए थे तब से दोनो भाई बहन एकदम निश्चिंत था की अब सब काम हो चुका है अब चाह कर भी कोई कुछ नही कर सकता पर छेंका के समय जो उलट फेर हुआ वो इन लोगो में से किसी ने नहीं सोचा था और अब तो पापा को हर बात जेहन में ताजा हो गई थी की इन सब के पीछे की वजह क्या है....
उस रात तो चाचा जी वापिस लौट गए ये कह कर की जमीन के कागजात वो कल ले कर वापिस आ जायेंगे तो राहुल ने उनको चेताया की अगर वो कुछ भी चालाकी करने का कोशिश किए तो फिर जो साहूकार के रूप में इज्जत की पीपड़ी बजाए फिरते है ना गांव में वो सब वही आ कर धूल में मिला देंगे और घर के अंदर डंका बजाएंगे सो अलग और फिर जैसे आप भूल गए थे की मेरी बहन आपकी क्या लगती है और उसको आपको किस ढंग से बोलना चाहिए था तो हम भी ये भूलने में देर नहीं करेंगे की आपकी दोनो बेटियां मेरी बहन लगती है....सो ये सब बाते अपने जेहन में बिठा लीजिएगा....
चाचा की तो घिग्घी बंध गई क्युकी वो अच्छे से जानते थे की जिस गांव से वो ताल्लुक रखते है उनका भाई भी वही से ताल्लुक रखता है इसलिए यहां पे अगर वो चापलूसी किए तो न घर के रहेंगे ना घाट के....
अब रह गई बुआ रानी और अपने बड़े भाई की दुर्गति देख कर वो गिरगिट के तरह रंग बदलते हुए बोली भाभी भईया हम मानते है हम गलत करने जा रहे थे पर वो सब हम गुस्से में करने जा रहे थे जिसका पछतावा हमको अब हो रहा है पर देखो अंत में सब कुछ सही हो गया ऊपरवाले की लाठी हम पर ऐसी पड़ी की ना मेरे पति के पास कोई नौकरी रही ना मेरे पास कोई इज्जत मान....
पूजा के पापा इतना सुनते ही फिर से अपनी बहन को एक चमाट रख के दिए और बोले दुबारा ये अपना मगरमच्छ के आंसुओ वाला चेहरा हमको मत दिखलाना....क्युकी इसके पीछे की भूख को हम पहचान चुके है जो अपनी भूख के आगे कुछ नही देखती इसलिए दया माया की उम्मीद तो हमसे अब रखना ही मत सीधे तरीके से मेरे पैसे लौटा दो वरना अर्जुन के पिता जी का घर का रास्ता हम भूले नही है और अगर हमको उनके दहलीज पर जाने की जरूरत पड़ गई तो फिर उनकी बाते तो तुम दोनो मिया बीवी को अच्छे से याद होंगी....और अगर नही याद है तो लगाऊ फोन...
तो पूजा के फूफा जी घबरा कर बोले नही भाई जी इसकी कोई जरूरत नहीं है हम आपके पूरे पैसे ला कर देते है पर उसके लिए हमको बनारस से आने जाने का समय तो दीजिए....
तो राहुल बोला पिछवाड़े में पेट्रोल डालिए और सरपट दौड़ते भागते जाइए और पैसे ले कर आइए....
तो मम्मी बोली नही इन दोनो को मेरे घर से निकालो जितना जल्दी हो सके इस हरामजादी कुत्ती और इस कुत्ते को हम सोना तो दूर पीने के लिए पानी तक नहीं देंगे पहले ही बहुत खून चूस चुका ये दोनो.....तो पूजा के पापा बोले सही बोल रही हो इतना सब जो हुआ उसके पीछे अगर कोई सबसे ज्यादा जिम्मेदार है तो वो ये है उनका इशारा बुआ के तरफ था....
तभी वो राहुल को बोले बेटा अपने दो तीन दोस्तो को पकड़ और इन दोनो चंडाल चंडालनी के साथ जा और सुबह तक पैसे ले कर आ....
और कुछ भी दिक्कत हो तो तुझको पता ही है क्या करना है...ये बिलकुल मत सोचना की ये तेरे फुआ फूफा थे कभी....
तो राहुल फिर बोला आते है फिर इंतजाम कर के और वो चला गया जबकि सुगंधा बोली मां खाना तो बढ़िया से हम लोग खा लिए है पर मीठा नही खा पाए तो अभी हम खीर बनाते है अपने हाथ से और फिर खायेंगे वैसे भी अभी ज्यादा टाइम तो हुआ नही है और पूजा दी का फोन भी आता ही होगा तब आराम से बात करते है....
मम्मी बोली सही बोल रही है तू अपने काम में लग तब तक हम और तेरे पापा बुरी बला को घर से बाहर निकाल कर आते है...
वो दोनो बुआ और फूफा को घर के बाहर गलियारे में ले गए और बोले यही खड़े रहो दोनो जब तक तुम्हारा काल वापिस नही आ जाता...उनका इशारा राहुल के तरफ था....
इधर राहुल जैसे उस रात अपने दोस्तो के साथ मार पिटाई और कट्टा का इंतजाम किया था वैसे ही आज भी एक गाड़ी का इंतजाम किया और अपने तीन दोस्तो को ले कर घर पहुंचा और उसको देख के पापा बोले देख बेटा ध्यान से जाना और सारे रास्ते तू हम लोग से बात करते रहना इसका कोई भरोसा नहीं....तो राहुल के साथ साथ उसके दोस्त बोले आप टेंशन फ्री रहिए अंकल इनका टेटुआ दबाने में हमे जरा भी टाइम नही लगेगा....
तो मम्मी बोली फिर भी बेटा ध्यान रखना....और राहुल वहा से निकल गया....
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इधर हमलोग के घर पहुंचने तक पापा और मां दोनो पूजा को बोलते रहे की अब तो बेटा तू बिल्कुल टेंशन फ्री हो जा असल मायनों में आज तुझको तेरे पापा से रजामंदी मिली है....
वही पूजा भी बहुत खुश थी की फाइनली सब कुछ सही हो गया हमारे प्यार के गुलदस्ते में एक कांटा जो घुसा पड़ा था आज वो भी फुल का रूप ले लिया...
घर पहुंचने के बाद मां बोली पूजा बेटा तू अभी से आराम कर जा कर अपना दवाई ले कर आराम करेगी हम दूध गरम कर के आवाज देंगे तो सुमित तू आ कर ले जाना समझा....
अभी हम सब लोग नीचे आंगन में ही थे की भईया भाभी घर आ गए और भाभी आते के साथ बोली तब देवरानी जी मजा किए ना खूब चलो ऊपर और सुगंधा का छेंका का फोटो दिखाओ देखे तो मेरा देवर का साढ़ू भाई कैसा है.....तो मां बोली अरे वहा छेंका तो नही हुआ पर कुछ और ही हो गया...
तो भईया बोला का मतलब...
तो मां हस कर बोली बताते है रुक जा और वो हम दोनो को बोली अब रामायण हम कह देंगे तू दोनो ऊपर जाओ बेटा आराम कर कपड़ा बदल कर... ई लड़की को एकदम चिंता नही है भरल पेट बच्चा है जा भाग ऊपर
हम मां को हस्ते हुए बोले अरे मां बेकार ही आप इतना चिंता करती हो तुम्हारी छोटी बहू स्ट्रॉन्ग है...
तो पापा बोले हा जानते है कितना सॉलिट है....तुरंत में रोवाई छूट जाता है....
हम सब कोई पूजा को देख के हस दिए और मेरी जानेमन शर्मा कर बोली अरे बै पापा उम्म्म और ऊपर जाने लगी....
तो हम उसके पीछे हो लिए और ऊपर कमरे में आ गए....
ऊपर आने के बाद हम दरवाजा बंद किए और पूजा डार्लिंग को अपने आलिंगन में ले लिए और पूजा भी इसी पल का इंतजार कर रही थी....वो तुरंत मेरे होंठो को चूम ली और अपनी बाहों का घेरा मेरे गर्दन में फसा कर बोली जान आज पापा भी मान गए हमको तो यकीन ही नही हो रहा था कुछ देर तक की पापा के मन में इतना कुछ था जो आज सब निकल गया....
हम उसके चूतड़ों को दबाते हुए बोले मम्मी ठीक ही बोली थी की आज हमारा प्यार जीत गया और नफरत हार गई....
फिर पूजा बोली जान आज हम बहुत खुश है....हम बोले हम भी है जान आखिर आज हमको मेरे पुराने वाले पापा से मिलना हुआ जैसे उनसे पहली बार सुगंधा के दोस्त बन कर मिले थे ठीक वैसे ही....
फिर हम बोले अच्छा चलो अब इस खुशी को अभी साइड करते है पहले हम अपना बेटा बेटी से तो मिल ले...जब से भोपाल से आए है एक बार भी सही से मिलना नही हुआ....और ये बोल एक हम पूजा के सलवार का नाड़ा खोल दिए और वो सरसराता हुआ जमीन पे जा गिरा....
और हम नीचे बैठ कर पूजा के समीज को हटा कर उसके पेट पे चूमे और बोले अरे मेरा बच्चा सब क्या हाल चाल और ये बोल कर उसके पेट पे कान लगा दिए तो उधर से गुड़ गुड़ का आवाज आया तो हम पूजा को बोले एई बोल रहा है की मम्मी को बोलिए की मेरे पापा को दूध पिला दे वो भूखे है और ऐसे मौके पे कुछ मीठा होना चाहिए....
तो पूजा हस कर बोली मेरा बाल बच्चा की अपने पापा के तरह ही है शैतान...ऊपर तो आइए पहले तब तो आपका मुंह मीठा करवाए हम....
फिर हम मेरी डार्लिंग की चूत को देखे जिसको आज सुबह ही हम चिकनी किए थे उसके ऊपर चूम लिए और खड़े हुए फटाक से तो पूजा बोली अरे जान आप कहा पे चूम लिए उफ्फ मेरा मूड बना रहे है आप....
हम बोले आज मूड में आ ही जाओ तुम हम तुम्हारा सब उपाय कर देंगे आज....
फिर पूजा को पकड़ के बिस्तर के कोने पे बिठाए और पूजा का सूट उतार दिए दुपट्टा वो पहले ही उतार चुकी थी....
उसके लाल रंग की ब्रा जो उस दिन हम नई लाए थे उसमे से उसके निप्पल एकदम साफ दिख रहे थे हम ब्रा के कप को खिसका कर उसकी चुचियों को बाहर निकाले और उन पर टूट पड़े वही पूजा सिसकी लेते हुए मेरे सर को अपनी छाती पे दबाने लगी....
कुछ देर उसकी चुचियों को पीने के बाद हम खड़े हुए और उसकी ब्रा को भी उतार दिए अब वो पूरी नंगी थी और हम अभी तक अपने कपड़ों में थे....पूजा को नंगी करने के बाद हम भी तुरंत नंगे हुए और फिर उसको खड़ा कर के अपने आलिंगन में ले लिए तो पूजा मेरे खड़े लंड को पकड़ के बोली जान इसको थोड़ा अंदर कीजिए ना....हम उसके पैरो को थोड़ा फैला कर अपने लंड को उसकी चूत से सटाए जो बिलकुल गीली थी...मन तो हुआ की एक ही बार में अंदर जड़ तक पेल दू पर फिर अपने बाल बच्चा का सोच कर रुक गए पर एक दो बार उसकी चूत पे ऊपर से नीचे तक फिराए और फिर अलग हो कर उसको वापिस बेड पे बिठा दिए....
और उसकी नाइटी को हैंगर से उतार कर उसके गले में डालने के लिए तैयार करने लगे तो वो बोली जान अभी इसको रखिए....इधर आइए और हमको पकड़ के मेरे गले से लग गई और मेरे छाती पे चूम कर बोली आप आग लगा दिए है मेरे अंदर....
हम उसके चेहरे पे हर जगह चूम कर बोले जान बस थोड़ा दिन और फिर तुमको हर कोने से ठंडा करेंगे हम....वो बोली नही आज अभी कीजिए....हम बोले अच्छा फिर अपना लल्ला लल्ली क्या बोलेगा....मेरा बाबू मईया ठरकी है...
तो पूजा हौले से हस कर थोड़ा उचक कर मेरे होंठो को चूम ली और हम भी थोड़ा नीचे झुके तो वो मेरे होंठो से अपने होंठ जोड़ दी और उसके बाद क्या चूसी वो मेरे होंठो को एकदम पैशनेट किस हुआ हम दोनो में और उस किस के बाद पूजा हाफते हुए मुस्कुराते हुए बोली आज कितने दिनों के बाद आपको ऐसे किस किए हम....
हम उसकी आंखो में देखते हुए बोले तीन महीने अठारह दिन के बाद....
तो पूजा कन्फ्यूज होती हुई बोली अरे मतलब क्या....
हम मुस्कुराते हुए उसकी चूंची को पकड़ कर हौले से दबाते हुए बोले मैथ भूल गई क्या तुम सब....
फिर पूजा अपनी आंखे गोल करते हुए हसीं और बोली जान आप दिन गिन रहे है पागल....
तो हम बोले यस माय लव ताकि जब अपना ये बनवास टूटेगा तो फिर एक एक दिन का हिसाब लेंगे....
पूजा एक अदा के साथ बोली एकदम मेरी जान अच्छे से हिसाब लीजिएगा हमसे.....फिर हम बोले हा ठीक है चलो अब नाइटी पहन लो और लेट जाओ थोड़ा तबतक हम थोड़ा नीचे से हो आते है....फिर पूजा मेरे लंड को अपने हाथ से दो तीन बार हिलाई और अपने उसी हाथ को चूम ली और बोली वेट फिर माय टर्न बेबी
उसके बाद हम नीचे गए जबकि इधर पूजा अपने घर पे बात करने लगी....
हम नीचे गए तो भाभी बोली तब देवर राम अब सब सेट है अब जिंदगी इंजॉय कीजिए....
फिर भईया भी बोला चल अब सब कुछ अच्छा हो गया नही तो तुम दोनो पे हमेशा एक तलवार लटकता रहता था....हम बोले हा भी और नही भी पर अब जाने दीजिए जो भी था अब वो सब नही है अंततः मेरी और पूजा के जिंदगी में सब कुछ ठीक है अब यही बहुत है
तभी भाभी बोली अब रहा सहा कसर बउआ लोग आ कर पूरा कर देगा....
तो मां बोली वो क्या कर रही है आराम की गप सरक्का....
तो हम हस कर बोले आराम के साथ साथ गप सरक्का....लेट के घर पे बात कर रही है तो मां कुछ बोलती उससे पहले हम बोले जाने दो मां कोई दिक्कत नही है....फिर भईया बोला चलो अब ढेर रात होने को है जाते है घर ठीक ना अब आराम करो सब कोई....
फिर वो दोनो चले गए अपने घर और हमारा जिमी जो उनके यहां था उसको बांध के बिठा दिए घर के गेट के पास.....
फिर मां हमको पूजा के लिए दूध दी गरम गरम और हम वो ले कर ऊपर आए और मेरी जान अभी तक अपने घर का सारा खबर ले चुकी थी और आंखे बंद कर के लेटी हुई थी....
हम उसके पास गए दूध टेबल पे रखे और बोले एई जानेमन सो गई क्या....और सच में पूजा का आंख लग गया था....
हम उसके चेहरे के पास झुक कर उसके होंठ पे चूम लिए और बोले जानेमन हमको जाना पड़ेगा उठो देखो हम चले....
पूजा तुरंत मेरा हाथ पकड़ के आंख खोल के बोली गंदे कहिंके सताने में मजा आता है आपको है ना कहा जा रहे है आप जरा हम भी तो सुने....
हम हस कर बोले अपने जान के पास जा रहे थे सपना में क्युकी हकीकत में तो अभी मेरी जान के पास जाना खतरे से खाली नहीं है...
तो पूजा उठ कर बैठी और मेरे को अपने पास बिठाती हुई बोली जान ऐसे मत बोलिए पागल आपको मना थोड़े किए है हम बस अभी थोड़ा नो एंट्री है पर हम घुस ले कर आपको एंट्री दे रहे थे ना पर आप ही नही गए.....
हम उसका मुंह पकड़ के हिलाते हुए बोले अरे मेरी ट्रैफिक पुलिस बीवी बस बस हो गया और सुन लो अभी दूदू पियो पहले फिर हम तुम्हारे दूदू पीते हुए सोएंगे आज....
तो पूजा हस्ते हुए बोली बात बदलना कोई आपसे सीखे...मेरे जान मेरे सनम आई लव यू और एक चुम्मा मेरे होंठो पे चिपका दी....
फिर वो दूध पीने लगी धीरे धीरे और हम उससे पूछे की घर पे क्या हाल चाल तो वो बोली अरे मत पूछिए राहुल अभी बनारस गया गया पैसा सब ले कर वापिस आएगा सुबह तक आ जायेगा ना....
हम बोले अरे इतना रात में क्यू जाना था सुबह चला जाता....तो पूजा बोली अरे नही अब बुआ को शायद ही पापा मम्मी अपने घर में रहने दे....पर बुआ बहुत गंदा खेल रची थी मेरे लिए भी और सग्गू के लिए भी पर आप जो है ना मेरे लकी चार्म सब नेगेटिव चीज को मेरे आस पास आने ही नही देते है आज जो कुछ भी हुआ उसमे भी अंत में मेरे और आपके लिए पापा के मन में जो भी बुरा बात था सब निकल गया ना....
सब आपके कारण क्युकी आप है ही इतने प्यारे की आपके रहते मेरे आस पास कुछ गलत आ ही नही सकता ना कुछ उल्टा पुल्टा हो सकता है....
हम बोले बस हो गया अब कितना चने के झाड़ पे चढ़ाओगी फिलहाल तो हमको तुम पर चढ़ना है चढ़ जाए....
तो पूजा अपना दूध खतम करते हुए बोली इसका जवाब हम बाथरूम से आ कर देते है आपको....और वो उठ कर चली गई जबकि हम सुगंधा के पास फोन लगा दिए.....
सुगंधा से हम पूछे क्या हाल चाल कमांडर तो वो हस्ते हुए बोली क्या यार जीजू...हम बोले अरे एक मिनट पहले डिसाइड कर जीजू की यार....
तो वो बोली दोनो अब इसका एक्सप्लेनेशन हम नही दे रहे....इतने में पापा उससे फोन मांग लिए तो हम बोले राहुल को अभी क्यू भेजे आप सुबह भेज देते....तो पापा बोले नही बेटा अब इनको निपटा कर खतम करे बहुत दिन से हमारी खुशियों पर कुंडली मार के बैठी थी....
इधर पूजा आई तो हम बोले पूजा से बात हुआ तो वो बोले अरे कहां दोनो मां बेटी खुद बात कर ली हमको नही करवाई....
तो सुगंधा बोली अरे कैसे करवाते आप बाहर थे पापा उस समय....फिर हम पूजा को फोन दिए की पापा है लो बात करो....
पूजा बोली हा पापा प्रणाम तो पापा बोले खुश रहो बेटा और तबियत कैसा है...तो पूजा बोली हम एकदम ठीक है पापा....तो हम बोले हा पापा हम दोनो अब बिल्कुल ठीक है और अब रहेंगे भी...
तो पापा हस्ते हुए बोले जरूर बेटा अच्छा कल दोनो आएगा ना...हम बोले हा आयेंगे....
पूजा फिर बोली पर पापा आप बताए नही आखिर ऐसा क्यों की बुआ तो पीछे से मम्मी बोली रुक बताते है सब बात ई हरामजादी का....
फिर पापा बोले ऊहू रुको हमको बात करने दो और फिर वो बताना शुरू किए....
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अब चलते है थोड़ा फ्लैश बैक में...
बात है 1991 की जब पूजा और सुगंधा बच्चे थे और राहुल पैदा भी नहीं हुआ था.....अभी कुछ समय पहले ही पूजा के दादा जी की मृत्यु हुई थी और उनकी मृत्यु के बाद आपसी समझौते के तहत पूजा के बड़े चाचा और उसके पापा ने बंटवारा कर लिया जिसमे गांव की जमीन के दो हिस्से हुए जिसमे एक हिस्सा बड़े भाई ने अपने पास रखा और उसी में से आधा हिस्सा पूजा के पापा को मिला.....
पूजा के पापा ने गांव के ही स्कूल से दसवीं तक की पढ़ाई कर रखी थी इसलिए उन्होंने दिमाग से काम लेते हुए शहर का रुख करने का सोचा और अपने हिस्से की जमीन में से कुछ हिस्सा एक दूसरे धनी व्यक्ति को बेच दिया और मिले हुए पैसों से पटना में एक किराने की दुकान डाली....
शुरू शुरू में वो पटना अकेले ही रहे और गांव आना जाना लगा रहा उस बीच पूजा पढ़ती नही थी पर कुछ दिन बाद जब सुगंधा की उमर स्कूल जाने लायक हो गई तब पूजा के पापा अपने परिवार को पटना ले आए और एक किराए के मकान में रखा.....
इधर गांव की जो जमीन अभी उनके पास थी उसे उन्होंने एक किसान को खेती के लिए दे दिया और उपज में से कुछ हिस्सा वो उस किसान से ले आते और उसे अपने दुकान पे खुदरा माल के तरह बेचते...
इससे उन्हें बाजार के मुकाबले अधिक मुनाफा होने लगा और उनकी दुकान अपने समय के हिसाब से बेहतर चलने लगी.....दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की की सीढ़ियां चढ़ते हुए उन्होंने इतना सामर्थ्य हासिल कर लिया की दोनो बेटियो को अच्छे स्कूल में पढ़ाने के साथ साथ उन्होंने एक पुराना मकान खरीद लिया और उसकी मरम्मत करा कर विधिवत पूजा पाठ और गृहप्रवेश का कार्यक्रम कर के उसमे रहने लगे....
पूजा के पापा की बहन सरला यानी की उसकी बुआ की शादी बनारस के एक व्यापारी के बेटे के साथ हुई थी वो भी अच्छे खानदान में ब्याही गई थी किसी भी चीज की कोई कमी नही पर बुआ रानी ठहरी लालची शादी के बाद आए दिन अपने सास ससुर से लड़ाई झगड़ा करने लगी और पति के सामने दोष देती अपने सास ससुर को....
जो बंटवारे का खेल उनके मायके में पिता के मरने के बाद हुआ था उन्होंने वही खेल अपने ससुराल में अपने सास ससुर के जीते जी करवा दिया और उनके इकलौते बेटे को उनसे अलग कर के अपना घर संसार बसा कर रहने लगी और उनको दर दर की ठोकरें खाने के लिए वृद्धाश्रम का रास्ता दिखला दिया....पर कहते है ना की ऊपर वाले की लाठी में आवाज नही होती पर जब पड़ती है तो दर्द बहुत होता है....
सरला के पति ने जो माल पानी अपने बाप से हड़प कर के अपने व्यापार में लगाया था कुछ ही दिनों में सब डूब गया और बुआ जी की हालत बहुत खराब हो गई पर अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत....
अपनी माली हालत ठीक करने के लिए उन्होंने अपने बड़े भाई की तरफ रुख किया जो अभी भी गांव में ही रह रहा था वहां पे उन्होंने बड़े भाई से कहा की पिता की संपति को दोनो भाई ने आपस में बांट लिया पर इकलौती बहन होने के नाते उसको भी तो कुछ मिलना चाहिए था ना आज अगर उसके पास कुछ होता तो वो अपने डूबे हुए व्यापार को दुबारा खड़ा कर सकती थी.....
अब बड़ा भाई करता तो खेती ही था पर उसका असल धंधा था पैसो को ब्याज पर देना और ये काम उसको उसके बाप से विरासत में मिली थी जो वो बड़े ही गोपनीय तरीके से करता था हालांकि इस बात का पता पूजा की बुआ और पूजा के पापा दोनो को था पर पूजा के पापा ने इस धंधे में कभी भी दिलचस्पी नहीं दिखलाई वजह थी गरीबों की हाय उन्होंने अक्सर कई कर्जदारों को अपने बड़े भाई और अपने बाप के हाथो बेइज्जत होते देखा था जिसके जवाब में वो उन्हें बद्दुआएं दे कर लौट जाते थे.....पर पूजा के पापा ने कभी इसका विरोध नहीं किया अब इसके कई कारण हो सकते थे पर अभी इसको रहने देते है.....
जब बुआ ने संपति को ले कर टोका तो बड़ा भाई साफ साफ मुकर गया की मेरे हिस्से मे जो जमीन है मैं उसी से खेती कर के जीवन यापन कर रहा हु रही बात पैसे ब्याज पे लगाने के तो वो काम अब पहले जैसा नही रहा इसलिए अब उसमे से भी कुछ नही आ रहा और अगर तुझे ऐसा लगता है की हम दोनो भाई ने तेरे साथ कोई नाइंसाफी की है तो मेरे हिस्से में से ले ले कुछ जमीन कोई दिक्कत नही पर तू छोटे को भी तो बोल असली मलाई तो वो खा रहा है......
पटना में अपना घर दुकान सब कर लिया पर न तुझे न मुझे आज तक एक फूटी कौड़ी की मदद की उसने....
बस अपना ही देखा है उसने आज तक जब से पिता जी गए है ऐसा लगता है वो भी चला गया पैसे की चकाचौंध में अंधा हो गया है....
पर बुआ बहुत तेज थी इन मामलों में इसलिए उन्होंने बड़े भाई को फिर से टोका की अगर छोटा अपने हिस्से में हमको कुछ देगा तो आप भी हमको कुछ दोगे ना तो बड़ा भाई बोला अरे उसके पास से ही तुझे इतना मिल जायेगा की मुझसे लेने की जरूरत ही नही पड़ेगी तुझको....
और जब बुआ ने पूजा के पापा से अपनी हालत का वास्ता दिया तो शुरू शुरू में पूजा के पापा ने बहन के नाते हजारों रूपयो से मदद की उनकी यहां तक की अपने बहनोई को व्यापार में दुबारा पैसे लगाने के लिए अलग से रुपए ब्याज पर उठा कर दिए पर फिर भी बुआ का पेट नही भरा और ना ही उनकी हालात सुधरी.....पूजा के पापा ने जब देखा की बुआ उनका फायदा उठा रही है तो थक हार कर अंत में उन्होंने सरला बुआ से बोला की दीदी अब हमसे नही हो पाएगा....
तब बुआ उनसे बोली की तू किस हक से मना कर रहा है आखिर आज तू जो भी कमा खा रहा है वो सब बाबूजी के बदौलत ही न तो फिर मुझको देने में क्या दिक्कत है इसमें तेरा तो कुछ है नही सब बाबूजी का है....
तो पूजा के पापा बोले बाबूजी का है.... हूह....कुछ सोच समझ के बोल बहन उनकी दी हुई जमीन के कुछ हिस्से को मैने बेच कर अपनी खुद की मेहनत से सब कुछ बनाया है और आगे भी अभी हमको अभी बहुत कुछ करना है....दो दो बेटियां है उनकी पढ़ाई लिखाई फिर आगे चल कर उनके ब्याह के लिए भी तो पैसा जोड़ना है ना....
पिताजी की तरह अगर मैं भी गांव की जमीन और खेती के भरोसे रहता तो कुएं का मेंढक बन कर रह गया होता.....जैसे बड़े भईया रह रहे है पर उनका सुध ब्याज का काम अच्छा चल रहा है पर उसका कोई जिक्र नहीं है...
और मैने अपनी औकात से बढ़ कर आपकी हर संभव मदद की पर आप उस मदद का नाजायज फायदा उठा रही है इसलिए अब हमसे किसी भी तरह की कोई मदद का उम्मीद मत रखना....
ऐसी बात अपने भाई के मुंह से सुनने के बाद बुआ वहा से ये बोल कर चली गई की अच्छा हुआ ये बात तूने बाबूजी को जीते जी नही सुनाई....बाबूजी तो चले ही गए हम समझेंगे की आज के बाद मेरे मायके में कोई मेरा नही रहा...
उस दिन बुआ तो वहा से चली आई और पहुंची अपने बड़े भाई के पास पर बड़े भाई ने भी उन्हें कुछ नही दिया उल्टे उसने पूजा के पापा को ही दोषी ठहराया और सरला बुआ को उसको अपने तरफ से कुछ न देना पड़े इसलिए वो उनकी तरफ से बोला और पूजा के पापा के प्रति जहर भर दिया और जब अर्जुन की मां से वो संपर्क में आई तो उन्होंने अपने मांग की नाफरमानी का बदला निकालने के लिए ही उन्होंने पूजा के पापा से दुबारा बात की और इतने सालो के बाद जब बहन ने खुद सामने से आ कर बात की तो पूजा के पापा भी भावनाओ की गिरफ्त में आ कर जैसा उनकी बहन बोलती गई वो करते गए और जब सरला बुआ ने पूजा की शादी की बात छेड़ी तब तक सुमित पूजा की जिंदगी में आ चुका था और वहा उनका चारा नही चला....
जब राहुल ने सुमित को गोली मारी और फिर जो पुलिस थाना का चक्कर लगा तब पूजा के पापा के अंदर एक डर समा गया और उसी प्रेशर में आ कर वो पूजा की शादी के लिए राजी हो गए थे वरना अर्जुन और पूजा की शादी तो वो करवा कर ही रहते....
और इधर जब पूजा की शादी बुआ अर्जुन से नही करवा पाई तब उन्हे एक और मौका मिल गया अपने भाई को बरगलाने करने का....उन्होंने पूजा के खिलाफ जहर भरना शुरू किया जिसका असर आज तक पूजा और सुमित के रिश्ते पर पड़ते आया था.....
और इस बीच अर्जुन सरकारी नौकरी में आ गया तो बुआ को और मजबूत कारण मिल गया उसकी शादी करवाने के लिए जिसके लिए उन्होंने सुगंधा को चुना और जब सुगंधा की शादी की बात उन्होंने अपने भाई से छेड़ी तो वो तुरंत मान गए और चालक बुआ ने अपने बड़े भाई को भी इस बार इस खेल में शामिल कर लिया जिसके तहत दहेज के पैसे जोड़ने के लिए उसने पूजा के पापा के हिस्से की गांव की बची हुई जमीन अपने पास गिरवी रखवा ली....
पूजा के लव मैरिज करने के बाद सुगंधा उनके लिए सॉफ्ट टारगेट थी और वो इसमें कामयाब भी हो गई थी पर अफसोस ऐसा हो न सका....
इतनी सारी बाते जानने के बाद हम पापा से बोले भगवान बचाए ऐसे रिश्ते नाते से....इंसान अकेला रहे वही बढ़िया है पर ऐसे भाई बहन होंगे तो फिर दुश्मनों की कोई जरूरत नहीं होगी....
फिर पापा बोले अरे छोड़ इनकी बाते अब...इनका अध्याय अब खतम हो गया....ये सब छोड़ो तुम्हारा ट्रांसफर पटना कब हुआ....
तो हम बोले इसी हफ्ते हुआ है पापा पर ज्वाइनिंग में अभी टाइम है दो हफ्ता बाद है अभी.....
तो पापा बोले चलो अच्छा है फिर कल आएगा तो रुकना पड़ेगा यही...तो पूजा मेरे तरफ देखने लगी....हम बोले रुकने के लिए फिर पूजा का सब दवाई वगैरह ले कर आना पड़ेगा पापा उतना क्यू करना पास में ही तो है परसो भी आ जायेंगे....तो मम्मी बोली अरे दवाई वगैरह ले कर आना पड़ेगा तो क्या हो गया एक दिन रह लेना हमारे साथ में आखिर शादी के बाद से पूजा बेटा एक बार भी नही रुकी है पर कल हम उसको रोकेंगे और तुमको भी रुकना पड़ेगा....
फिर हम बोले अच्छा कल आते है फिर आपको परेशान करेंगे ना एकदम टिपिकल दामाद के जैसे तो आप खुद ही भगा दीजिएगा....
तो पापा बोले नही बेटा अब ऐसा कभी नहीं होगा तुम दोनो मेरे लिए क्या मायने रखते हो ये अभी नही समझोगे धीरे धीरे समझ आएगा खैर कल आओ अच्छे से और फिलहाल आराम करो दोनो....
पूजा बोली पापा आप भी आराम कीजिए...तो वो बोले अभी नही बेटा आज की रात हराम फिर कल से आराम ही आराम है....
तो हम बोले अच्छा राहुल वापिस आ जायेगा तो बता दीजिएगा ध्यान लगा हुआ रहेगा इसका भी और मेरा भी....
फिर पापा बोले ठीक बेटा और फिर फोन कट गया...
फोन कटते ही हम अपने जान से लिपट गए और बोले तब मैडम कल रात में वहा रुकना है तो वो बोली मां से पूछ लेंगे तब ही वो बोलेंगी तो ठीक नही बोलेंगे तो भी ठीक वरना ऐसे अपने मन से नही और आपका भी बात सही है बगल में तो घर है....
हम बोले अरे मेरी मां की आज्ञाकारी बहु परमिशन हम दिलवा देंगे एक रात ससुराल में भी तो बिताने दो देखे तो ससुराल में कैसा नींद आता है....
तो पूजा अपना नाइटी अपने कंधे से सरकाती हुई बोली अब यहां पे ऐसे सोने का मौका मिलता है वहा तो मिलेगा नही....
हम उसकी चूची को पकड़ के मुंह में लेते हुए बोले अच्छा बेटा ब्लैकमेल...तो पूजा कसमसाती हुई बोली आह जान उम्म्म अब उसके मुंह से आवाज नही निकल रहा था बस मेरा सर अपने चूची पे दबाए जा रही थी और फिर इसी तरह थोड़ा प्रेम क्रीड़ा कर एक दोनो कोई नंगे एक दूसरे की बाहों में सो गए